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 दूरसंचार उद्योग ने 5 जी तकनीक के लिए आरओडब्ल्यू नियम बदलने का सुझाव दिया

 नयी दिल्ली। दूरसंचार उद्योग ने 5जी नेटवर्क स्थापित करने के लिए 'स्माल सेल अनुप्रयोग' संबंधी प्रावधानों को शामिल करने के लिए रास्ते का अधिकार (आरओडब्ल्यू) संबंधी नियमों में बदलाव की मांग की है। दूरसंचार क्षेत्र की वैश्विक संस्था जीएसएमए ने पूर्वानुमान लगाया है कि 5जी प्रौद्योगिकी के आने से भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 450 अरब डॉलर का अंशदान बढ़ेगा और वर्ष 2025 तक 5जी कनेक्शन की संख्या 8.8 करोड़ पहुंच जाएगी। कम लागत एवं कम क्षमता वाले रेडियो संपर्क को दूरसंचार क्षेत्र में 'स्माल सेल' कहा जाता है। स्माल सेल के अनुप्रयोग को 5जी नेटवर्क के लिए बेहद अहम माना जाता है। जीएसएमए और भारतीय सेल्युलर ऑपरेटर संघ (सीओएआई) ने भारत में इस क्षेत्र की कंपनियों का सर्वेक्षण कर जमीनी चुनौतियों का परीक्षण किया और स्माल सेल के अनुप्रयोग को सुधारने के लिए जरूरी कदमों के बारे में सुझाव दिया है। इस अध्ययन से स्माल सेल के बारे में नियामकीय ढांचे का अभाव, बैकहॉल (सुदूर नेटवर्क क्षेत्र से दूसरी जगह सिग्नल भेजने को लेकर उच्च क्षमता की लाइन) की अनुपलब्धता और राज्यों एवं नगर निकायों द्वारा आरओडब्ल्यू नियमों समान रूप से क्रियान्वयन नहीं होने जैसे मुद्दे सामने आए हैं। सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा, "5जी तकनीक आने के साथ ही स्माल सेल की जरूरत बढ़ रही है। स्माल सेल अनुप्रयोग की चुनौतियां हैं। एक बड़ी चुनौती आरओडब्ल्यू अनुमति की है।" जीएसएमए की 5जी नेटवर्क पर जारी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए हैं जिनमें स्माल सेल अनुप्रयोग से संबंधित प्रावधानों को शामिल करने के लिए आरओडब्ल्यू नियमों में संशोधन का सुझाव भी शामिल है। इन नियमों को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों और नगर निकायों में सार्वभौमिक रूप से लागू करने का सुझाव भी दिया गया है।

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