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एक्सपर्ट्स का मत- ‘नया आयकर विधेयक कर कानूनों में बढ़ाएगा पारदर्शिता’

 नई दिल्ली।  उद्योग विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि नया आयकर विधेयक कर प्रावधानों में स्पष्ट और स्पष्ट भाषा अपनाकर कर कानूनों में पारदर्शिता के स्तर को बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जिससे करदाता अपने दायित्वों और अधिकारों को आसानी से समझ सकेंगे।

इस सप्ताह आयकर विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस सप्ताह आयकर विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसे जांच के लिए संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।
विभिन्न हितधारक पूर्ववर्ती आयकर कानून की तुलना में कई बदलावों की कर रहे उम्मीद 
सरकार की ‘पहले भरोसा करो, बाद में जांच करो’ की प्रतिबद्धता के साथ, नए आईटी विधेयक को पेश करने का प्रस्ताव वर्तमान में चर्चा का विषय रहा है। विभिन्न हितधारक पूर्ववर्ती आयकर कानून की तुलना में कई बदलावों की उम्मीद कर रहे हैं।
इस संबंध में भूटा शाह एंड एएमपी कंपनी के पार्टनर हर्ष भूटा ने कहा, “उम्मीद है कि नया आईटी विधेयक 2025 भारत में किसी व्यक्ति के कर निवास को निर्धारित करने में जटिलता के मुद्दे को संबोधित करेगा। वर्तमान में, इसमें किसी व्यक्ति को कर निवासी के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए कई शर्तें शामिल हैं।” 
वर्तमान में आयकर कानून में बहुत सारे कर प्रावधान
वर्तमान में आयकर कानून में बहुत सारे कर प्रावधान हैं। नए आईटी बिल में कुछ अनावश्यक और अप्रचलित प्रावधानों को समाप्त करके और इसके दायरे को काफी कम करके इस मुद्दे को संबोधित करने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों के अनुसार, नए आईटी बिल में नहीं लगाया जाएगा कोई नया कर 
विशेषज्ञों के अनुसार, नए आईटी बिल में कोई नया कर नहीं लगाया जाएगा, बल्कि बेहतर तरीके से कर अनुपालन को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आयकर कानून में संशोधन की घोषणाओं के लिए अब बजट प्रस्तावों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा
यह भी उम्मीद की जा रही है कि आयकर राहत या आयकर कानून में संशोधन की घोषणाओं के लिए अब बजट प्रस्तावों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार केवल कार्यकारी आदेशों के माध्यम से राहत में बदलाव कर सकती है।
नए आईटी बिल का फोकस सकल गैर-अनुपालन के मामले में जांच की संख्या को कम करने पर होगा
भूटा ने आगे कहा कि नए आईटी बिल का फोकस सकल गैर-अनुपालन के मामले में जांच की संख्या को कम करने पर होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ईमानदार करदाताओं को अनुचित उत्पीड़न से रोका जा सके। साथ ही, इससे मुकदमेबाजी के मुद्दों में कमी आएगी।
सभी करदाताओं के लिए आसान और समझने योग्य हो जाएगा नया आईटी बिल 
नए आईटी बिल में अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाकर जटिल अनुपालन बोझ को कम करने की योजना है, जिससे यह सभी करदाताओं के लिए आसान और समझने योग्य हो जाएगा, जिससे लागत और समय की बचत सुनिश्चित होगी।
भारत की कर प्रणाली को आधुनिक और सरल बनाना है उद्देश्य
विशेषज्ञों ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की चल रही समीक्षा का उद्देश्य व्यापक आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप भारत की कर प्रणाली को आधुनिक और सरल बनाना है।
इसका उद्देश्य व्यापार करने में आसानी बढ़ाना, व्याख्याओं में अस्पष्टता को कम करना, कर प्रशासन और अनुपालन में सुधार करना है। प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी (पीडब्ल्यूसी) के पार्टनर संदीप चौफला ने कहा कि इससे भारत के कर-जीडीपी अनुपात को वैश्विक स्तर तक बढ़ाने और सतत आर्थिक विकास को समर्थन देने में मदद मिलेगी। 

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