ब्रेकिंग न्यूज़

अगले 18 महीनों में भारत को मिलने लगेगी जरूरत के मुताबिक प्राकृतिक गैस: हरदीप सिंह पुरी

 नई दिल्ली।  पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंडिया एनर्जी वीक (आईईडब्ल्यू 2025) के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि विदेशी परिसंपत्तियों में चल रहे रणनीतिक निवेश के साथ भारत की गैस खरीद से देश को जल्द ही उतनी गैस उपलब्ध हो सकेगी, जितनी उसे जरूरत है।

आईईडब्ल्यू के समापन सत्र में पुरी ने कहा, ‘अब एक और साल या 18 महीने का मसला है। आप अपनी इच्छानुसार सभी गैस पा सकेंगे। उन क्षेत्रों को भी जरूरत के मुताबिक गैस मिल सकेगी, जिन्हें अभी तक प्राथमिकता नहीं दी गई है।’ इस समय आयातित ज्यादातर गैस की आपूर्ति सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन और फर्टिलाइजर क्षेत्र में की जाती है। भारत ने एनर्जी मिक्स में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है, जो अभी 6 प्रतिशत है। 
मोजांबिक में गैस परियोजना का हवाला देते हुए, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गजों ने कुल मिलाकर 30 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है, पुरी ने कहा कि अफ्रीका की अग्रणी और विश्व में गैस आपूर्ति की दूसरी बड़ी कंपनी टोटालएनर्जीज में अपार संभावनाएं हैं। मोजांबिक एलएनजी परियोजना से करीब 65 लाख करोड़ घन फुट प्राकृतिक गैस मिल सकती है। 
बीपीआरएल वेंचर्स मोजांबिक बीवी में बीपीसीएल की सहायक कंपनी भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिडेट की एरिया 1 कंसेसन में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। घरेलू अन्वेषण और उत्पादन (ईऐंडपी) की प्रमुख कंपी ओएनजीसी की विदेशी शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) की 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ईऐंडपी में काम कर रही ऑयल इंडिया की इसमें 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आधिकारिक रूप से अप्रत्याशित वजह बताकर परियोजना सुरक्षा कारणों से रोक दी गई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस साल इसे फिर से शुरू करने की योजना है।
उन्होंने रूस में सखालिन-1 तेल क्षेत्र को भी एक बेहतर निवेश बताया, जिसमें ओवीएल ने 2001 में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी ली थी। ओवीएल ने इस तेलक्षेत्र पर नियंत्रण खो दिया था, क्योंकि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण रूस ने कुछ अमेरिकी इकाइयों को प्रतिबंधित कर दिया है, जो तेल क्षेत्र में काम करती हैं। 
इस परियोजना  सभी संपत्तियां और उपकरण नए ऑपरेटर के हवाले कर दी गई हैं। इसके अलावा अमेरिका के नेतृत्त्व में रूस पर बैंकिंग संबंधी प्रतिबंधों के कारण ओवीएल को भुगतान करने में दिक्कत आ रही है। भारत इस समय अपनी कुल प्राकृतिक गैस खपत का आधा आयात करता है। 
पुरी ने जोर देकर कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा आईईडब्ल्यू के दौरान किए जा रहे आयात समझौतों से एलएनजी की आपूर्ति में स्थिरता सुनिश्चित होगी।  पुरी ने कहा कि भारत का जैव ईंधन कार्यक्रम उल्लेखनीय है। उन्होंने एथनॉल मिश्रण के लिए 1,700 करोड़ लीटर की वर्तमान क्षमता का हवाला दिया। 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english