इंडसइंड बैंक को लेकर रिजर्व बैंक ने दिया बड़ा अपडेट, कहा- अफवाहों पर ध्यान न दें, बैंक पूरी तरह सुरक्षित
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक बयान जारी कर हाल ही में इंडसइंड बैंक लिमिटेड को लेकर चल रही अटकलों पर सफाई दी। RBI ने दोहराया कि यह बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत (well-capitalised) और वित्तीय रूप से स्थिर है। यह स्पष्टीकरण बैंक से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के चलते पैदा हुई चिंताओं के बीच आया है।
RBI के अनुसार, इंडसइंड बैंक का कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो (CAR) 16.46 प्रतिशत था, जबकि प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR) 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए 70.20 प्रतिशत था। इसके अलावा, लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR) 9 मार्च, 2025 तक 113 प्रतिशत था, जो रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट 100 प्रतिशत से काफी ऊपर है।
RBI ने अपने प्रेस रिलीज में कहा, “बैंक के ऑडिटर द्वारा समीक्षित वित्तीय परिणामों (auditor-reviewed financial results) के अनुसार, 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए बैंक ने 16.46 प्रतिशत का आरामदायक कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो और 70.20 प्रतिशत का प्रोविजन कवरेज रेशियो बनाए रखा है। बैंक का लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR) 9 मार्च, 2025 तक 113 प्रतिशत था, जबकि रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट 100 प्रतिशत है।”
सभी जरूरी कदम उठाए बैंक: RBI
केंद्रीय बैंक ने यह भी पुष्टि की कि इंडसइंड बैंक ने अपनी इंटरनल सिस्टम की जांच और किसी भी वित्तीय प्रभाव को समझने के लिए एक बाहरी ऑडिट टीम को पहले ही नियुक्त कर लिया है। RBI ने बैंक के बोर्ड और मैनेजमेंट को निर्देश दिया है कि वे Q4FY25 के भीतर सभी जरूरी सुधार कदम पूरे करें और स्टेकहोल्डर्स के लिए पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करें।
RBI ने कहा, “सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध खुलासों के आधार पर, बैंक ने अपनी मौजूदा प्रणालियों की समीक्षा और वास्तविक प्रभाव को जल्द से जल्द समझने व हिसाब करने के लिए एक बाहरी ऑडिट टीम को पहले ही नियुक्त कर लिया है।”इसमें आगे कहा गया, “बोर्ड और प्रबंधन को रिजर्व बैंक ने निर्देश दिया है कि सभी स्टेकहोल्डर्स को आवश्यक खुलासे करने के बाद, वर्तमान तिमाही यानी Q4FY25 के दौरान सुधारात्मक कदम पूरी तरह से पूरे किए जाएं।”
RBI ने जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया कि अटकलों भरे रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बैंक की वित्तीय सेहत स्थिर है और यह नियामक की करीबी निगरानी में है।
केंद्रीय बैंक का जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने का एक अच्छा रिकॉर्ड है। उसने पहले भी वित्तीय चुनौतियों जैसे YES बैंक, RBL बैंक, और ग्लोबल ट्रस्ट बैंक के पतन में हस्तक्षेप किया है। यहां तक कि PMC बैंक (2019) जैसे लंबे संकटों में भी, RBI ने जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। हालांकि, इंडसइंड बैंक की स्थिति अलग है, क्योंकि नए फाइनेंशियल डेटा से पुष्टि होती है कि कोई संकट नहीं है।
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