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 छह तालाबों में की गई प्राचीन पद्धति से की गई काष्ठस्तंभ की स्थापना

 
-शोभायात्रा के साथ की गई तालाबों में स्तंभ की स्थापना
-छै आगर छै कोरी तरिया को बचाने का लिया संकल्प
-धमधा की पहचान बचाने सामूहिक सहभागिता दिखाई लोगों ने
धमधा । धमधा की ऐतिहासिक पहचान छै आगर छै कोरी तरिया (126) तालाबों को बचाने का नागरिकों ने संकल्प लिया। विलुप्त हो चुके छह तालाबों का पुनर्निर्माण करके वहां धूमधाम से काष्ठस्तंभ की स्थापना की गई। भजन-कीर्तन के साथ शोभायात्रा निकाली गई और वैदिन मंत्रोच्चार के साथ काष्ठस्तंभ की स्थापना की गई। 
धर्मधाम गौरवगाथा समिति, नगर पंचायत एवं हिन्द एथलेटिक्स क्लब की पहल पर विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने काष्ठस्तंभ स्थापना महोत्सव में भागीदारी दी। सर्वप्रथम गरियाबंद के जंगल से मंगाए गए 12 फीट ऊंचे सरई लकड़ी के काष्ठस्तंभ की पूजा की गई। उसमें ध्वज लगाकर पंडितवा तालाब से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में यादव समाज की खंजेरी मंडली  साथ भजन गाते हुए आगे चल रहे थे।  इसमें यादव ठेठवार समाज, साहू समाज, सिन्हा कलार समाज, ढीमर समाज, देवांगन समाज के यजमान पांच तालाबों का जल कलश में लेकर चल रही थीं। शोभायात्रा बस स्टैंड, बजरंग चौक, हटरी बाजार होते हुए महामाया पहुंची, वहां महामाया मंदिर के पुजारी पं. उमाकांत शर्मा ने वैदिक मंत्रों के साथ विधान पूरा किया। इसके पश्चात् काष्ठस्तंभ में तामपत्र लगाया गया, जिसमें जीर्णोद्धार के साथ भूमि की जानकारी अंकित की गई है। काष्ठस्तंभ को भानपुर के बनफरा तालाब, कुकुरचब्बा बनफरा पैठू, हाथी बूढ़ान तालाब, तेली डबरी, घोड़ा बूढ़ान तालाब और लोकईया तालाब में स्थापित किया गया। इसमें अमराई के नीचे सामूहिक प्रसाद के रूप में खिचड़ी वितरित की गई।  
  छह तालाबों की सुरक्षा का लिया संकल्प
भानपुर के बनफरा तालाब में काष्ठस्तंभ की स्थापना की गई है, इसकी सुरक्षा का संकल्प नगर पंचायत की ओर से अध्यक्ष सुनीता गुप्ता, राजीव गुप्ता, दीपक ताम्रकार, सुधांशु ताम्रकार, सुजीत ताम्रकार, अमित ताम्रकार ने लिया। लोकईया तालाब के काष्ठस्तंभ स्थापना का कार्य शंकरनगर मोहल्ला समिति के साथ देवांगन समाज ने पूरा किया। इसमें रामजी देवांगन, वीरेंद्र देवांगन, अशोक देवांगन, देवेंद्र देवांगन, केशव देवांगन सहित शंकर नगर मोहल्ला समिति के उमेश सोनी, विकास राजपूत, परमेश्वर राजपूत ने भागीदारी दी। तेली डबरी तालाब में स्तंभ स्थापना के साथ साहू समाज के अरूण साहू, कृष्णा साहू ने सुरक्षा का संकल्प लिया। हाथी बूढ़ान तालाब में काष्ठस्तंभ स्थापना का विधान सिन्हा कलार समाज ने पूरा किया। इसमें जगमोहन सिन्हा, संध्या सिन्हा, देवेंद्र सिन्हा शामिल हुए। इसमें राजठेठवार इंद्रसेन यादव, गणेश राम यादव, उमेशचंद्र यादव, मुखराज किशोर यादव, धर्मेंद्र यादव, बलदाऊ यादव, संतुलाल यादव, राजू लाल यादव, मंगल यादव, अनिल यादव, कुलदीप यादव शामिल हुए। कुकुरचब्बा के बनफरा तालाब के पैठू में भी काष्ठस्तंभ की स्थापना की गई, इसके सुरक्षा का संकल्प ढीमर समाज ने लिया। इसमें ढीमर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश धीवर, रामप्रकाश धीवर, समय लाल धीवर ने भागीदारी दी। यादव समाज ने घोड़ा बूढ़ान (पिपराही) तालाब की सुरक्षा का संकल्प लिया। 
 हिन्द एथलेटिक्स क्लब ने दिया योगदान
सेना में जाकर राष्ट्रसेवा के लिए युवाओं को तैयार करने वाली संस्था हिन्द एथलेटिक्स क्लब के अनिल राजाराम यादव, कुलदीप यादव, लक्ष्मी सेन, गंगा धीवर, कामिनी साहू परोड़ा, तरुणा यादव डगनिया, किरण साहू सिरना, राहुल यादव सिरना, खूबचंद यादव सोनेसोरार, धर्मेंद्र साहू राजपुर, संदीप साहू, शेखर निषाद, हर्ष, युवराज, वासु, करण पटेल, देव साहू, थानसिंह यादव देवकर का सहयोग रहा। 
 उत्साह के साथ शामिल हुए नगर व ग्रामवासी
काष्ठस्तंभ स्थापना के ऐतिहासिक कार्य के गवाह धमधा के अलावा इसके अलावा कई गांव के लोग भी बने। इसमें नायब तहसीलदार हुलेश्वर सिंह पटेल, जनपद सदस्य ईश्वरी निर्मल दानीकोकड़ी, महेंद्र सोनकर कुम्हारी, लोधी समाज के प्रदेश महामंत्री रमेश पटेल, सांसद प्रतिनिधि विमल पटेल हरदी, शिवकुमार वर्मा सहगांव, लोमन पटेल परसुली, उमेश गुप्ता, रामदेव शर्मा, किशोर तिवारी इस कार्य में सहभागी बने। महिलाओं ने भी शोभायात्रा में शामिल होकर भागीदारी दी, इसमें प्रेमलता यादव, ऋतु पटेल, लोकेश्वरी देवांगन, रानी धीवर, देवांगन, कविता साहू, शारदा यादव, राधिका धीवर शामिल हुईं। 
 वाट्सएप के जरिए 24 घंटे में जुटाया गया 80 हजार का आर्थिक सहयोग
काष्ठस्तंभ स्थापना में लगभग डेढ़ लाख रुपए खर्च हुए, जिसके लिए किसी से प्रत्यक्ष रूप से सहयोग नहीं मांगा गया और न ही चंदाबुक नहीं छपाया गया था। बल्कि वाट्सएप ग्रुप में आर्थिक सहयोग की अपील की गई थी, जिसमें लगभग 50 लोगों से 80 हजार रुपए देने की घोषणा की गई। इसमें से कुछ ने डिजिटल पेमेंट भी किया। बाकी धनराशि की व्यवस्था धर्मधाम गौरवगाथा समिति करेगी। दानदाताओं में अभिनव जीवन कल्याण समिति दुर्ग- 6000, राजू यादव-1000, गिरधर पटेल- 5000, श्री वीरेंद्र देवांगन- 5000, श्री उमेश सोनी- 1000, श्री प्रभाकर शर्मा- 1000, श्री रजत नायक- 1000, श्री सीताराम ठाकुर 1100, श्री अशोक देवांगन-1000, श्री दीपक ताम्रकार-1000, श्री कुमार गौरव अग्रवाल-1100, श्री उमेशचंद्र यादव-1000, श्री आशाराम नेताम छिंदपानी (कोरबा) -1000, श्री लुमेश्वर पटेल दनिया-1000, श्री राजीव गुप्ता- 5000, श्री रमेश पटेल- 3500, श्री सुनील सिन्हा-1000, श्री ज्ञानेश्वर देवदास -1000, श्री ईश्वर सोनकर- 1111, श्री जितेन्द्र सोनकर-1000, श्री आनंद यादव-1000, श्री मनीष कहार-2001, श्री अवध ताम्रकार-1000, श्री सोनपाल यादव- 2000, श्री प्रदीप सोनकर-1000, मो.वाजिद कुरैशी-1000, श्री अशोक कसार उपाध्यक्ष-2100, श्री विकास शर्मा (सीए)  रायपुर-2001, श्री फिरतुराम मेहर, नंदवाय-1101, श्री सत्यनारायण रजक- 5000, श्री चितरेन पटेल परसकोल – 1111, श्री भुवनेश्वर धीवर- 2000, श्री सुमन्त ताम्रकार-2000, श्री ईश्वरी निर्मल- 1000, श्रीमती लीला मेहर-1201, श्री विनय मेहर- 1101, श्री विकास राजपूत-1000, गुप्त दान-1000, श्री शेरसिंह ठाकुर-2500, गुप्त दान-1000, श्री हिम्मत ढीमर-1000, श्री गजेंद्र निर्मल-1000, श्री विमल पटेल हरदी-1100, श्री मनोज देवांगन-1000, श्री ठाकुरराम सोनकर-1100, श्री तरूण देवांगन-1000, श्री मुखराज किशोर यादव -1000, श्री अरूण साहू-1100 सहित अन्य लोगों
 शामिल हैं। 
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कब्जामुक्त हुए तालाब
 छै आगर छै कोरी तरिया (126 तालाब) के लिए प्रसिद्ध धमधा में तालाबों की स्थिति अच्छी नहीं थी। यहां कभी 126 तालाब थे, लेकिन ध्यान नहीं देने के कारण ये विलुप्त होते गए और कब्जा करके इन्हें पाट दिया गया। धर्मधाम गौरवगाथा समिति ने इन तालाबों पर शोध किया और इनकी पूरी पड़ताल करके 126 तालाबों की सूची बनाई, जिसमें रकबा, खसरा नंबर सहित उनके इतिहास को संजोया गया। इस पर आधारित एक किताब छै आगर छै कोरी तरिया अऊ बूढ़वा नरवा का प्रकाशन किया, जिसका विमोचन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किया। समिति ने ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री से इन तालाबों के चिन्हांकन और सीमांकन की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देशित किया था। स्थानीय एसडीएम धमधा ने मौका मुआयना किया और नगर पंचायत के जरिये कब्जेधारियों को नोटिस दी गई। 2021 में इन्हें कब्जामुक्त कराने कार्रवाई की। धर्मधाम गौरवगाथा समिति ने तितुरघाट के चतुर्भुजी तालाब का श्रमदान से पुनर्निर्माण करवाया और स्मारिका तिरोहित तितुरघाट का विमोचन मुख्यमंत्री से करवाया। धर्मधाम गौरवगाथा समिति ने पुनः मुख्यमंत्री से मिलकर इन तालाबों को खुदाई के लिये देने ज्ञापन सौंपा। उक्त ज्ञापन को कलेक्टर व एसडीएम को भेजा गया। तत्कालीन एसडीएम श्री बृजेश सिंह क्षत्रीय ने इन छह तालाबों की खुदाई समिति के साथ ही नगर पंचायत, जल संसाधन विभाग व नगरवासियों के माध्यम से पूरी कराई। इसके पश्चात् धर्मधाम गौरवगाथा समिति, नगर पंचायत धमधा व हिन्द एथलेटिक्स क्लब ने इसकी अक्षुण्ता बनाए रखने के लिए प्राचीन परंपरा से छह तालाबों में काष्ठस्तंभ की स्थापना कराई है। स्थानीय नागरिकों ने धमधा के विलुप्त हो चुके 26 और तालाबों को कब्जामुक्त कराने की मांग की है, ताकि वहां भी जीर्णोद्धार का कार्य जनभागीदारी से किया जा सके।

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