ब्रेकिंग न्यूज़

पंचामृत सेवन करने से शरीर को मिलते हैं जबरदस्त फायदे
  हिंदू धर्म में हमेशा कथा और पुराण के बाद या कोई विशेष अवसर पर पूजा पाठ के बाद प्रसाद के साथ-साथ पंचामृत बांटने का रिवाज है। ज्यादातर पंचामृत पांच प्रकार की खाने की चीजों को मिलाकर बनाया जाता है इसीलिए इसका नाम पंचामृत है।  दूध, दही, घी, शहद, मिश्री को मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है। पंचामृत का अर्थ है 'पांच अमृत'।  
 पंचामृत बनाने की सरल विधि :-
पंचामृत में मिलाई जाने वाली सामग्री -
250 मिली गाय का दूध (ताजा), 2 टेबल चम्मच मिश्री पिसी हुई  , 1 चम्मच शहद, 1 चम्मच देशी घी, 2 चम्मच ताजा दही, 2-3 तुलसी के पत्ते। 
पंचामृत विधि :  
1. सबसे पहले गाय के ताजे दूध में पिसी मिश्री, शहद, दही एवं घी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। इसके बाद
2. इसमें तुलसी 3 से 4 के पत्ते छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिलाएं। 
3. आपका शुद्ध सरल और स्वादिष्ट पंचामृत तैयार है। 
4. अब आप इससे लोगों में प्रसाद के रूप में बांट सकते हैं और खुद भी ग्रहण कर सकते हैं।
 पंचामृत पीने के फायदे 
1.पंचामृत का सेवन करना शरीर के लिए लाभदायक होता है। कई विशेषज्ञों के अनुसार रोज पंचामृत का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। इसके साथ ही इसका सेवन करने से चेहरे की रंगत भी निखरती है।
 2. पंचामृत का अर्थ है 'पांच अमृत'। पांचों प्रकार के मिश्रण से बनने वाले पंचामृत से भगवान प्रसन्न होते है। इसीलिए इसे हमेशा किसी शुभ कार्य के बाद यह किसी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले लोगों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इसका उपयोग करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता में वृद्धि होती है।
 3. रोज पंचामृत का सेवन करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है। इसमें तुलसी के पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं।
 4.  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका सेवन करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 
 5. पंचामृत को अमृत के समान माना गया है यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन पंचामृत की एक दो चम्मच प्रसाद के रूप में लेता है तो वह व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है।
 6. पंचामृत का सेवन करने से शरीर पुष्ट और रोगमुक्त रहता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, अर्थात इम्युनिटी बढ़ती है।
 7. पंचामृत से जिस तरह हम भगवान को स्नान कराते हैं ऐसा ही खुद स्नान करने से शरीर की कांति बढ़ती है। शरीर में ओज तेज दिखाई देता है।
 8. पंचामृत का सेवन करने से इसका उचित मात्रा में नियमित सेवन करने से बाल काले और घने होते हैं। 
 9. पंचामृत का सेवन करने से यह मानसिक विकास में सहायक है। मस्तिष्क से कार्य करने वालों के लिऐ यह लाभदायक है।
 10. पंचामृत का सेवन करने से यह पित्त दोष को संतुलित करता है। जिससे पेट संबंधित समस्याओं में आराम मिलता है।
 11. पंचामृत का सेवन करने से यह पुरुषों में वीर्य की ताकत बढ़ाता है। जिससे प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है।
 12. गर्भवती महिलाएं यदि डॉक्टर से पूछकर इसका उचित मात्रा में सेवन करें तो यह बहुत ही ज्यादा लाभदायी है।
 13. पंचामृत में तुलसी का एक पत्ता डालकर इसका नियमित सेवन करते रहने से आजीवन किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होता। 
 14. माना जाता है कि पंचामृत का सेवन करने से कैंसर, हार्ट अटैक, डायबिटिज, कब्ज और ब्लड प्रेशर जैसी रोगों से बचा जा सकता है।
 15. पंचामृत सेवन से आत्मिक शांति मिलती है और चिंताएं दूर होती हैं। पंचामृत मन को शांत करता है जिससे सभी प्रकार का तनाव दूर होता है और मन को आराम मिलता है।
नोट-पंचामृत कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। 2 से 3 चम्मच। उससे ज्यादा नहीं। यदि आपको डायबिटीज या किसी भी तरह की एलर्जी है तो पंचामृत का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english