डायबिटीज के मरीजों के लिए बेस्ट होता है ये आटा
डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है, जिससे हमारे देश के करोड़ों लोग प्रभावित हैं। इस स्थिति में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना सबसे जरूरी होता है, और इसमें आहार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज मरीजों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करना चाहिए।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) एक माप है जो बताता है कि कोई भोजन कितनी तेजी से आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। उच्च जीआई वाले खाद्य पदार्थ शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं, जबकि लो जीआई वाले खाद्य पदार्थ इसे धीरे-धीरे और स्थिर रूप से बढ़ाते हैं। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करने का सलाह देते हैं।
अब आपको डाइट में शामिल करने के लिए कम जीआई वाले कई खाद्य पदार्थ के बारे में मालूम होगा। लेकिन क्या आपको कम जीआई वाले आटे के बारे में मालूम है? जी हां, अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आप कुछ खास तरह के आटे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ये आटे आपके शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। आइए, इस लेख में हम ऐसे तीन आटे के बारे में जानेंगे जो डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद हैं, और समझेंगे कि उन्हें अपनी डाइट में कैसे शामिल किया जाए।
रागी का आटा
रागी, जिसे फिंगर मिलेट भी कहते हैं, कैल्शियम, फाइबर और आयरन का समृद्ध स्रोत है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसके कारण यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है और लंबे समय तक स्थिर रखता है। रागी में मौजूद फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और भूख को नियंत्रित करता है, जो वजन प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। डायबिटीज के मरीज रागी के आटे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसे गेहूं के आटे के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
बाजरा का आटा
बाजरा (पर्ल मिलेट) एक ग्लूटेन-फ्री अनाज है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। बाजरा के आटे में फाइबर, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाते हैं। बाजरा का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। बाजरे के आटे की रोटी, खिचड़ी या भाकरी बनाई जा सकती है।
ज्वार का आटा
ज्वार (सोरघम) एक और पौष्टिक अनाज है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। ज्वार का आटा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। बता दें कि ज्वार भी एक ग्लूटेन-फ्री अनाज है। ज्वार की रोटी, डोसा या उपमा डायबिटीज के मरीजों के लिए स्वादिष्ट और सेहतमंद विकल्प है। इन आटों को गेहूं के आटे के साथ 1:1 के अनुपात में मिलाकर रोटी बना सकते हैं, ताकि स्वाद और पोषण का संतुलन बना रहे।
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