कैसे तैयार होती है सूजी? क्या ये वाकई मैदे से ज्यादा फायदेमंद है?
बचपन से हम सूजी का हलवा बड़े ही चाव से खाते आ रहे हैं। आज भी घर में बने सूजी के लड्डू चाव से खाए जाते हैं। सूजी से तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि सूजी किस तरह तैयार की जाती है? आज हम आपको इस बारे में बताएंगे और साथ ही सूजी के फायदों की जानकारी भी देंगे।
सूजी ही नहीं सूजी का आटा भी हमारे सेहत के लिए फायदेमंद होता है। सूजी का आटा एक हेल्दी विकल्प के रूप में हम शामिल कर सकते हैं। आमतौर पर सूजी के आटे का इस्तेमाल ब्रेड और पास्ता बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि यह साधारण आटे की तुलना में काफी बेहतर होता है।
कैसे तैयार होती है सूजी?
सूजी बनाने के लिए दुरुम गेहूं का उपयोग किया जाता है। गेंहू से सूजी तैयार करने के लिए इसे अच्छी तरह साफ किया जाता है। इसके बाद मशीनों की मदद से गेंहू के ऊपरी छिलके को निकाला जाता है। इसके बाद गेंहू के सफेद भाग को मशीनों की मदद से दानेदार रूप में पीसा जाता है। गेंहू से तैयार इन दानों हम सूजी के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, गेंहू की तुलना में सूजी कम पौष्टिक होते हैं क्योंकि गेंहू के छिलके में पोषक तत्व मौजूद होता है, जिसे हम सूजी तैयार करने के लिए निकाल देते हैं।
क्या मैदे की तुलना में सूजी है फायदेमंद?
वहीं मैदा तैयार करने के लिए गेहूं के ऊपरी भाग के साथ-साथ इनर जर्म को हटा दिया जाता है और रिफाइनिंग प्रोसेस से गुजरता है। इस वजह से मैदे में सभी जरूरी न्यूट्रीएंट्स कम हो जाते हैं। सूजी को तैयार करने के लिए सिर्फ उसके बाहरी ऊपरी हिस्से को हटाया जाता है, जिसमें सभी जरूरी न्यूट्रीएंस मौजूद होते हैं। ऐसे में मैदे की तुलना में सूजी हमारे सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होता है।
सूजी में मौजूद पोषक तत्व
सूजी वसा, प्रोटीन, विटामिन ए, थायमिन या विटामिन बी 1, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, राइबोफ्लेविन बी 2 , विटामिन बी 6, नियासिन बी 3 , फोलेट बी 9, विटामिन सी और विटामिन बी 12 भरपूर रूप से होता है। वहीं, अगर हम खनिज पदार्थों की बात करें, तो इसमें फास्फोरस, पोटेशियम, जस्ता, आयरन और कैल्शियम की मात्रा भरपूर रूप से होती है। ऐसे में यह सेहत की दृष्टि से भी हमारे लिए फायदेमंद है।
मधुमेह करे कंट्रोल
डायबिटीज रोगियों के लिए सूजी फायदेमंद हो सकता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा बहुत ही कम हो जाती है। जिसके कारण सफेद आटे की तुलना में सूजी पेट के लिए अच्छा माना जाता है। यह पेट और आंतों में धीमी गति से पचता है और उन्हें पूर्ण रूप से अवशोषित होता है। इस वजह से शरीर में मौजूद शर्करा का स्तर भी कंट्रोल रहता है। सूजी के सेवन से डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर का स्तर तेजी से कम होता है।
वजन कम करने में कारगर
सूजी के सेवन से वजन तेजी से कंट्रोल होता है क्योंकि यह अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में धीमी गति से पचता है और यह शरीर में अच्छी तरह से अवशोषित होता है। इसके सेवन से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। ऐसे में ओवर ईटिंग की परेशानी से भी बचा जा सकता है।
एनीमिया की समस्या को करे दूर
जिन लोगों के शरीर में खून की कमी होती है या फिर जिन्हें एनीमिया की शिकायत होती हैं, उनके लिए सूजी बहुत ही फायदेमंद होता है। दरअसल, सूजी में आयरन की मात्रा भरपूर रूप से होती है। ऐसे में शरीर में खून की कमी होने पर आप सूजी का सेवन कर सकते हैं। यह शरीर में रक्त उत्पादन की क्षमता रखता है
कब्ज की परेशानी करे दूर
कब्ज की परेशानी को दूर करने में सूजी हमारी मददद करता है। सूजी में फाइबर होता है, जो पाचनतंत्र को दुरुस्त करने में हमारी मदद करते हैं। सूजी भोजन को पचाने मे कारगर साबित होता है। इसके सेवन से कब्ज और पेट की समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।
एनर्जी बढ़ाए
सूजी के सेवन से शरीर में एनर्जी बनी रहती है। इसके सेवन से शरीर को अतिरिक्त उर्जा मिलती है। सूजी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। सूजी के सेवन से आपके शरीर का ऊर्जा स्तर उच्च होता है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करे
सूजी के सेवन से शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल बहुत ही कम मात्रा में होता है।
सूजी खाने के नुकसान
-जिन लोगों को सूजी से एलर्जी होती है, उन्हें सूजी अधिक नहीं खाना चाहिए। क्योंकि सूजी भी गेंहू से बनाई जाती है।
- नाक का बहना, झींक, पेट में ऐंठन, उल्टी और मतली की समस्या होने पर सूजी का सेवन करें।
-सांस संबंधी समस्या होने पर सूजी का सेवन अधिक ना करें।
-दस्त जैसी परेशानी होने पर सूजी का सेवन अधिक ना करें।
-विशेष तरह की दवाइयों का सेवन करने पर सूजी ना खाएं।
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