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लॉकडाउन: केंद्र ने किसानों और खेती की गतिविधियों के लिए क्या- क्या छूट दी... देखें....

नई दिल्ली। कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान किसानों और खेती की गतिविधियों को जमीनी स्तर पर सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपायों को किया जा रहा है। 
  भारत सरकार द्वारा कटाई और बुवाई के मौसम को ध्यान में रखते हुए कृषि कार्यों के लिए निम्न छूट प्रदान की गई है।
- कृषि उत्पादों की खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) के संचालन में लगी एजेंसियां;
-खेत में किसानों और खेतिहर श्रमिकों द्वारा खेती से संबंधित कार्य;
- मंडियां, कृषि उपज बाजार समिति द्वारा संचालित या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित;
-मंडियां , प्रत्यक्ष विपणन, राज्य सरकार/ केंद्र शासित प्रशासन द्वारा सुविधा प्राप्त, किसानों/ किसानों के समूहों द्वारा सीधे संचालित। एफपीओ, सहकारी समितियां आदि शामिल;
-बीज, उर्वरक और कीटनाशक की दुकानें;
-बीज, उर्वरक और कीटनाशक की विनिर्माण और पैकेजिंग इकाइयां;
-फॉर्म मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी);
-कटाई और बुवाई संबंधित मशीनों की राज्यांतरिक और अंतरराज्यीय गतिविधियां जैसे संयुक्त हार्वेस्टर और अन्य कृषि/ बागवानी उपकरण;
-कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सेवाएं;
-खाद्य पदार्थों के लिए पैकेजिंग सामग्रियों की विनिर्माण इकाइयां;
-आवश्यक वस्तुओं के लिए परिवहन;
-कृषि मशीनरी की दुकानें, इसके कल-पुर्जे (आपूर्ति श्रृंखला सहित) और मरम्मत की दुकानें।
-चाय उद्योग, पौधरोपण सहित, अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिकों की उपलब्धता के साथ।
 2. कृषि मंत्री ने राज्य मंत्री (कृषि) के साथ मिलकर आज अखिल भारतीय कृषि परिवहन कॉल सेंटर का औपचारिक शुरूआत की। इस कॉल की स्थापना राज्यों के बीच विकारी खाद्यों जैसे सब्जियों और फलों, कृषि आदानों जैसे बीजों, कीटनाशकों और उर्वरक आदि के अंतरराज्यीय गतिविधियों के लिए समन्वय स्थापित करने के लिए की गई है। इस कॉल सेंटर का नंबर 18001804200 और 14488 हैं। इस नंबर पर किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन फोन से डायल किया जा सकता है।
 ट्रक चालक, व्यापारी, खुदरा विक्रेता, ट्रांसपोर्टर या कोई भी अन्य हितधारक जो उपरोक्त वस्तुओं के अंतरराज्यीय गतिविधियों में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, कॉल सेंटर पर फोन करके मदद प्राप्त कर सकते हैं। कॉल सेंटर के कर्मचारी समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों को वाहन, माल और आवश्यक मदद की पूरी जानकारी भेजेंगे।
 3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 24 मार्च से लॉकडाउन अवधि के दौरान, अब तक लगभग 8.46 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं और 16 हजार 927 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
 4. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएम-जीकेवाई) के अंतर्गत, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को भुगतान करने के लिए लगभग 5,516 मीट्रिक टन दालें भेजी गई हैं।
5. रेलवे ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को तेज गति के साथ करने के लिए 236 पार्सल स्पेशल ट्रेनें (जिनमें से 171 टाइम टेबल पार्सल ट्रेनें शामिल हैं) चलाने के लिए 67 मार्गों की शुरूआत की है, जिसमें विकारी बागवानी उपजें, कृषि आदानें अर्थात् बीज, उर्वरक और कीटनाशक, दूध और डेयरी उत्पादें शामिल हैं, जो कि पूरे देश में किसानों/ एफपीओ/ व्यापारियों और कंपनियों को आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता वाली सुविधा प्रदान करेगी। रेलवे द्वारा देश के प्रमुख शहरों के बीच और राज्य मुख्यालयों से राज्य के सभी हिस्सों के बीच नियमित संपर्क स्थापित किया गया है।  
6. किसानों के लिए गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए, एनएचबी द्वारा मान्यता प्राप्त नर्सरी की स्टार रेटिंग प्रमाणीकरण की वैधता को 30 सितंबर, 2020 तक विस्तारित किया गया है।
7. राज्यों से राज्यांतरिक और अंतरराज्यीय आवागमन की अनुमति देने का अनुरोध करके प्रवासी मधुमक्खी पालन की सुविधा प्रदान की गई है।
8. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत, देश के 12 राज्यों में लाभार्थी किसानों के बीच 2,424 करोड़ रुपये की बीमा राशि वितरित की गई है।
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