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 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में कहा - 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को निशुल्‍क राशन देकर मिसाल कायम की

 -भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी पार्टियां हैं
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी पार्टियां हैं। उन्होंने कहा कि जब किसी राजनीतिक पार्टी में एक परिवार का वर्चस्व हो जाता है तो पार्टी अपनी प्रासंगकिता खो देती है। आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस आज कठिनाई का सामना कर रही है क्योंकि वह वंशवाद की राजनीति से ऊपर नहीं उठ पाई। श्री मोदी ने कहा कि वे 1975 में लोकतंत्र को कुचलने वालों से लोकतंत्र का सबक नहीं सीखना चाहते। श्री मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस नहीं होती, तो देश में कोई आपातकाल नहीं आता, कोई जाति की राजनीति नहीं होती, सिखों के खिलाफ हिंसा नहीं होताी और न ही कश्मीरी पंडितों की समस्याएं उत्पन्न होती।
 देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति तब और मजबूत होगी जब देश के विकास को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब राज्य उन्नति करते हैं तो देश प्रगति करता है। श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद का गठन देश के मजबूत संघीय ढांचे का सबसे बड़ा उदाहरण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश पात्र आबादी के शत-प्रतिशत टीकाकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा कि कोविड महामारी ने मानव जाति के सामने एक चुनौती पेश की है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की इच्छा शक्ति के कारण दुनिया भारत के प्रयासों की प्रशंसा कर रही है। प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वैज्ञानिकों के प्रयासों की भी सराहना की।
श्री मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान 80 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है, जिसने दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराए गए हैं और पांच करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों ने अत्यधिक फसल का उत्पादन किया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड खरीद की गई है। देश के विकास में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं ने कई खेल गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन किया है और वे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्र में देश को एक नई ऊंचाई पर ले गए हैं।
 रोजगार के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कृषि तथा सूक्ष्म, लघु और मझोले क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है जो रोजगार के अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि 2021 के दौरान एक करोड बीस लाख नए सदस्यों ने ईपीएफओ में पंजीकरण कराया है। इसमें 18 से 25 आयु वर्ग के 65 लाख युवा शामिल हैं। श्री मोदी ने कहा कि प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरा होने से महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड से पहले की तुलना में, लॉकडाउन हटने के बाद हायरिंग में दो गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि नैसकॉम की रिपोर्ट में इसी प्रवृत्ति को उजागर किया गया है। श्री मोदी ने कहा, हाल के वर्षों में लगभग 27 लाख लोगों को आईटी क्षेत्र में रोजगार मिला है।
मुद्रास्फीति के बारे में बात करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, इसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया और संयुक्त राज्य अमेरिका 40 वर्षों में मुद्रास्फीति का सबसे अधिक सामना कर रहा है जबकि ब्रिटेन 30 वर्षों में सबसे अधिक मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, देश में 2015 से 2020 की अवधि के दौरान मुद्रास्फीति की दर 4 से 5 प्रतिशत के बीच थी, जबकि यूपीए के शासन में यह दोहरे अंकों को छूती थी। उन्होंने कहा, आज भारत एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जो उच्च विकास और मध्यम मुद्रास्फीति का सामना कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों का खाका पेश किया गया। उन्होंने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आने वाले 25 वर्षों में देश को आगे ले जाने वाले निर्णय लेने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि सरकार अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना और नई दिशा देना चाहती है.
प्रधानमंत्री के उत्तर के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के सभी प्रकार के संशोधनों की मांग को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। इससे पहले, प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने श्री मोदी की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए वाकआउट किया।
 

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