सुंदरवन के द्वीप पर 'बाघ विधवाओं' के लिए आधुनिक सूत कताई केंद्र
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सुंदरवन के घने मैंग्रोव जंगलों से घिरे बाली द्वीप में बाघों के हमले में जान गंवाने वालों की सौ से अधिक विधवाओं को कताई के लिए अब आधुनिक सुविधाएं और उपकरण मुहैया कराए गए हैं। घने जंगली इलाके में रहने वाले बाघों के हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं को 'बाघ विधवा' कहा जाता है। ये महिलाएं वर्ष 2018 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की सूत कताई गतिविधि से जुड़ी थीं। बाली द्वीप पर खादी निर्माण को शुरू करने के लिए केवीआईसी ने तीन साल पहले एक अस्थायी ढांचा स्थापित किया था। इस अस्थायी ढांचे को अब स्थायी कार्य स्थल में बदल दिया गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बाली द्वीप में खादी कारीगरों के लिए नवनिर्मित 3,000 वर्ग फुट के कार्यस्थल और 500 वर्ग फुट के सामान्य सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि बाली द्वीप पर खादी गतिविधियां शुरू होने से 'बाघ विधवाओं' की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 'बाघ पीड़ित खादी कताई केंद्र' में अब नए मॉडल के 125 चरखे और 15 आधुनिक करघे लगे हुए हैं। इस केंद्र से बाली द्वीप की करीब 150 महिला कारीगरों को रोजगार मिलेगा। केवीआईसी ने इन महिला कारीगरों को ‘यार्न डाइंग मशीन' और रेडीमेड गारमेंट तैयार करने की मशीनें भी प्रदान की हैं। इस केंद्र का 95 लाख रुपये की लागत से आधुनिकीकरण किया गया है।
Leave A Comment