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इसरो ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, ई.ओ. एस.-04 सहित तीन उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

 नई दिल्ली।  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी52 का सफल प्रक्षेपण किया। इस यान से तीन उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए। इसरो के अध्‍यक्ष सी.एस. सोमनाथ ने कहा है कि प्रक्षेपण सफल रहा है और इसके सभी चार चरण पूरे हो गये हैं। उन्‍होंने इसे सफलता के लिए पीएसएलवी टीम का आभार व्‍यक्‍त किया।यह 2022 का पहला प्रक्षेपण अभियान है। पीएसएलवी-सी 52 के जरिए धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में भेजने के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार सुबह शुरू हो गई थी। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी लेकर गया। इसका प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सोमवार को सुबह 05:59 बजे हुआ ईओएस-04 एक ‘रडार इमेजिंग सैटेलाइट’ है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान व बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।इसरो के मुताबिक पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट EOS-04 के साथ ही दो छोटे सैटेलाइट को भी PSLV-C52 रॉकेट से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। ये सैटेलाइट अपनी कक्षा में स्थापित हो गए हैं। इसरो इस साल के शुरुआती तीन महीनों के अंदर पांच लॉन्चिंग की तैयारी में है। पहली तो EOS-4 होगी। इसके बाद PSLV-C53 पर OCEANSAT-3 और INS-2B मार्च में लॉन्च किया जाएगा। अप्रैल में SSLV-D1 माइक्रोसैट की लॉन्चिंग होगी। हालांकि किसी भी लॉन्चिंग की तय तारीख आखिरी वक्त तक बदली जा सकती है। क्योंकि किसी भी लॉन्च से पहले कई तरह के मानकों को देखना होता है।पीएसएलवी अपने साथ में दो छोटे उपग्रहों को भी ले गया, जिनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला के सहयोग से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है। इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है। इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है।वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है। इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा।

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