गंगोत्री, यमुनोत्री के खुले कपाट
उत्तरकाशी। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर रविवार को उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट अपने निर्धारित समय पर खुल गए । हालांकि कोविड-19 के साये में शुरू हुई इस यात्रा से फिलहाल श्रद्धालुओं को दूर ही रखा गया है।
सबसे पहले गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रोहिणी अमृत योग की शुभ बेला पर दोपहर 12बजकर 35 मिनट पर पुजारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में गंगोत्री के कपाट खोले गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूर्ण रूप से पालन किया गया तथा वहां मौजूद सभी व्यक्तियों ने मास्क पहने हुए थे ।
शनिवार को मां गंगा की डोली उनके मायके एवं शीतकालीन प्रवास मुखबा से भैरोंघाटी आयी और वहां रात्रि विश्राम के बाद सुबह गंगोत्री पहुंची जहां पूर्ण विधि-विधान के साथ गंगा मैया की भोग मूर्ति को मंदिर के भीतर विराजमान किया गया।
वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भी विशेष पूजा-अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तय मुहूर्त 12.41 मिनट पर खोल दिये गये । इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पहली पूजा हुई। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस एवं देशव्यापी लॉकडाउन के चलते भारत सरकार के दिशानिर्देश के अनुरूप दोनों धामों के कपाट सादगीपूर्ण तरीके से खोले गये । इससे पहले, दोनों धामों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीपी जोशी के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा कपाट खुलने के समारोह में शामिल सभी तीर्थ पुरोहितों का मेडिकल परीक्षण किया गया। साथ ही मौके पर सैनिटाइजर, मास्क आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी ।
उच्च गढवाल हिमालय के चारधाम के नाम से मशहूर दो अन्य धामों के कपाट भी जल्द खोले जाएंगे। केदारनाथ के कपाट जहां 29 अप्रैल को खुलेंगे वहीं बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे । सर्दियों में भीषण बर्फवारी और ठंड की चपेट में रहने के कारण चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिए जाते हैं ।
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