प्रौद्योगिकी और लोगों के हित को सहकारिता क्षेत्र की 'कार्य संस्कृति' का अभिन्न अंग बनाएं : अमित शाह
आणंद (गुजरात)। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को सहकारिता क्षेत्र के नेताओं से अपील की कि वे सफलता प्राप्त करने के लिए पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सहकारी संगठनों के सदस्यों के हितों को अपनी "कार्य संस्कृति" में सर्वोच्च स्थान दें। सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर शाह ने यहां अमूल डेयरी के परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी और सदस्यों (सहकारी क्षेत्र के किसानों और समितियों) को साथ रखना महत्वपूर्ण है।" शाह ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बिना सहकारी समितियां समृद्ध नहीं हो सकतीं।
उन्होंने कहा, "हमारे कार्यक्षेत्र में लोगों के हितों को केंद्र में रखना भी महत्वपूर्ण है।"
शाह ने सहकारी समितियों से इन तीन सिद्धांतों को अपनी कार्य संस्कृति में शामिल करते हुए जम्मू-कश्मीर से लेकर 'कामाख्या' (असम में एक मंदिर) और देश के हर गांव में इनका प्रचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में नमक सहकारी समिति की शुरुआत सहित कार्यक्रम के दौरान शुरू की गई दस पहलों से अमूल की तरह एक मजबूत ब्रांड का निर्माण होगा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में दो लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसी) का पंजीकरण, त्रिभुवन, पहले राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय की नींव रखी गई है और डेयरी क्षेत्र में तीन नयी राष्ट्रीय सहकारी समितियों का निर्माण किया गया है। शाह ने इस क्षेत्र से पांच 'पी' - 'पीपुल्स' (जनता), 'पीएसी', 'प्लेटफॉर्म' (मंच), 'पॉलिसी' (नीति) और 'प्रोस्पेरिटी' (समृद्धि) पर ध्यान देने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि चार साल पहले मोदी ने 'सहकारिता से समृद्धि' के मंत्र के साथ सहकारिता मंत्रालय की नींव रखी थी, जिससे सहकारी व्यवस्था में नयी जान आई। उन्होंने कहा कि दुग्ध सहकारी संस्था अमूल का वार्षिक कारोबार अगले साल 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। शाह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
उन्होंने कहा कि मुखर्जी के बिना कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं बन पाता। उन्होंने कहा, "मुखर्जी ने कश्मीर के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे' का नारा बुलंद किया।" केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के भारत का हिस्सा बनने का पूरा श्रेय मुखर्जी और स्वामी प्रणवानंद को जाता है। उन्होंने कहा, "मुखर्जी (जो उस समय उद्योग मंत्री थे) ने तुष्टिकरण की नीति के विरोध में जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। जिस पार्टी जनसंघ की शुरुआत उन्होंने 10 सदस्यों के साथ की थी, वह आज 12 करोड़ सदस्यों वाली भाजपा के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।" शाह ने अमूल की कुछ नयी बुनियादी ढांचा विस्तार परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें अत्याधुनिक मोजेरेला चीज विनिर्माण सुविधा, एक पूरी तरह से स्वचालित अल्ट्रा-हाई प्रोसेसिंग (यूएचटी) संयंत्र, खटराज में एक अत्याधुनिक चीज गोदाम और मोगर में अमूल चॉकलेट संयंत्र का विस्तार शामिल है। अमूल या गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड 36 लाख किसान सदस्यों और 18 सदस्य संघों से प्रतिदिन 320 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदता है।
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