डीआरडीओ ने भारतीय नौसेना को 6 स्वदेशी रणनीतिक प्रोडक्ट सौंपे
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार भारतीय नौसेना को छह स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए रणनीतिक प्रोडक्ट सौंपे हैं। ये स्वदेशी प्रणालियां न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और रेडियोलॉजिकल खतरों के विरुद्ध नौसेना की क्षमताओं को सशक्त बनाएंगे। इसके साथ यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को गति भी प्रदान करेंगी।डीआरडीओ द्वारा सौंपे गए उत्पादों में गामा रेडिएशन एरियल सर्विलांस सिस्टम, एनवायरनमेंटल सर्विलांस व्हीकल, व्हीकल रेडियोलॉजिकल कंटैमिनेशन मॉनिटरिंग सिस्टम, अंडरवॉटर गामा रेडिएशन मॉनिटरिंग सिस्टम, डर्ट एक्सट्रैक्टर एंड क्रॉस कंटैमिनेशन मॉनिटर व ऑर्गन रेडियोएक्टिविटी डिटेक्शन सिस्टम शामिल हैं।इन अत्याधुनिक उपकरणों को डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने नौसेना मुख्यालय में रियर एडमिरल श्रीराम अमूर को औपचारिक रूप से सौंपा। डीआरडीओ के मुताबिक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ये सभी रक्षा उपकरण नौसेना की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किए गए हैं। नौसेना को इन उपकरणों का हस्तांतरण जोधपुर स्थित रक्षा प्रयोगशाला में आयोजित एक विशेष समारोह में किया गया।
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