संत रविदास जयंती पर वाराणसी में एकत्र हुए लाखों श्रद्धालु
वाराणसी। संत रविदास की 643 वीं जयंती आज देशभर में मनाई जा रही है। संत रविदास का जन्म 14वीं शताब्दी में हुआ था। वे उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन के संस्थापक थे।
वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर में आज लाखों लोग उनकी जयंती मनाने के लिए एकत्र हुए हैं।
इस समारोह में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, नीदरलैंड, सिंगापुर, अफ्रीका, जापान समेत कई स्थानों से भारतीय और एनआरआई शाामिल होने के लिए आए हुए हैं। आयोजकों का कहना है कि संत रविदास की जयंती में शामिल होने के लिए कई राज्यों से भी लाखों लोग यहां पहुंचे हैं। उनके ठहरने का इंतजाम कर दिया गया है और उनकी सेवा के लिए 800 सेवादारों की तैनात किए गए हैं।
श्री गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर पब्लिक चैरेटिबल ट्रस्ट की ओर से यह आयोजन कराया जा रहा है। इसके चेयरमैन संत निरंजन दास जी हैं। इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी किशनलाल ने बताया कि लाखों लोग पूरे विश्व से यहां लगातार पहुंच रहे हैं। संत निरंजनदास जी पंजाब से स्पेशल ट्रेन से भक्तों साथ सात फरवरी को ही आ गए थे। करीब 300 से ज्यादे सेवादार खाने की व्यवस्था में लगें हुए हैं। ये लोग सब्जी काटना,आटा गूंथना, बर्तन साफ करना, रोटी और खाना बनाना, साथ ही साफ सफाई संभाल रहे हैं। वहीं 500 से ज्यादा सेवादार मंदिर ,पंडाल, लंगर पंडाल, रास्तों पर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। सभी प्वाइंट पर इनकी सेवा में लगाया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु रविदास का स्मरण किया है। श्री कोविंद ने कहा कि गुरु रविदास ने शांति, एकता और भाईचारे का संदेश दिया।
श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि गुरु रविदास ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए समानता और भाईचारे पर बल दिया जो कि आज भी प्रासंगिक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय, समानता और सेवाभाव पर आधारित उनकी शिक्षा हर आयु के लोगों को प्रेरित करती रहेगी।
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