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स्वास्तिक चिन्ह बनाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
-पं. प्रकाश उपाध्याय
स्वास्तिक, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और बेहद शुभ चिन्ह माना जाता है। यह एक प्राचीन प्रतीक है जिसका उपयोग सदियों से सकारात्मक ऊर्जा और शुभता को आकर्षित करने के लिए किया जाता रहा है। वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक को बहुत खास चिन्ह माना जाता है। ये न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है बल्कि धन और समृद्धि को भी आकर्षित करता है। अक्सर आपने देखा होगा की लोग अपने घर में अलग अलग जगहों पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं, मगर बहुत से लोग जानकारी के अभाव में स्वास्तिक बनाते समय कुछ गलतियां कर देते हैं। इसलिए आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि घर पर स्वास्तिक चिन्ह बनाने का क्या नियम है। साथ ही ये भी जानेंगे कि स्वास्तिक को घर के किस स्थान पर बनाना चाहिए ताकि जातक को इसका पूरा लाभ मिल सके।
स्वास्तिक का महत्व
स्वास्तिक को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने में मदद करता है और सकारात्मक वातावरण बनाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वास्तिक को धन का देवता कुबेर से जोड़ा जाता है। इसे सही स्थान पर बनाने से घर में धन की आवक बढ़ती है। स्वास्तिक घर में सुख-शांति का वातावरण बनाता है। यह परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देता है।
घर में स्वास्तिक बनाने का सही स्थान:
मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार घर में प्रवेश करने वाला पहला स्थान होता है। इसलिए मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना बहुत शुभ माना जाता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर रखता है। इसके लिए 9 इंच लंबा और चौड़ा सिंदूर से दरवाजे पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए।
पूजा घर
पूजा घर को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। पूजा घर में स्वास्तिक बनाना धार्मिक दृष्टिकोण से भी शुभ होता है। यह पूजा करते समय मन को एकाग्र करने में मदद करता है।
तिजोरी या धन रखने का स्थान
अगर आप अपने घर में धन रखते हैं तो तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर स्वास्तिक बनाना बहुत लाभदायक होता है। यह धन को सुरक्षित रखने में मदद करता है और धन में वृद्धि करता है।
रसोई घर
रसोई घर में अन्न का भंडार होता है। इसलिए रसोई घर में स्वास्तिक बनाना अन्न के भंडार को बढ़ाने में मदद करता है।
स्वास्तिक बनाते समय ध्यान रखने वाली बातें:
स्वास्तिक को हमेशा दक्षिणावर्त दिशा में बनाना चाहिए। स्वास्तिक को लाल, पीले या हरे रंग से बनाना शुभ माना जाता है। स्वास्तिक को रोली, चंदन या कुमकुम से बनाया जा सकता है। साथ ही स्वास्तिक को शुभ मुहूर्त में ही बनाना चाहिए। स्वास्तिक एक ऐसा शुभ चिन्ह है जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसे सही स्थान पर बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है, धन और समृद्धि आती है और परिवार में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है। 

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