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 यदि किसी की भगवान तथा संत के प्रति श्रद्धा न हो तो उसके कल्याण के लिये क्या उपाय है?
जगद्गुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 273

साधक का प्रश्न ::: महाराज जी ! आपने बताया है कि सच्ची श्रद्धा हो, सच्चा संत हो और सच्चा सँग हो तो लक्ष्य की प्राप्ति हो जाती है। लेकिन अगर किसी की श्रद्धा न हो तो वह बेचारा क्या करेगा?

जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा दिया गया उत्तर ::: उसके लिये भी मार्ग है, सच्चे संत का लगातार सँग करे। वह जब सुनेगा मानव देह क्यों मिला है? भगवान क्या है? उसकी प्राप्ति कैसे हो जाती है? कितनी सरल है? संसार क्या है? संसार का सुख क्या है? यह तमाम बातें तत्वज्ञान की जब सुनेगा तो सोचेगा अरे मैं बाद लापरवाही में पड़ा हूँ, केवल संसारी वैभव में सुख ढूँढ रहा हूँ। बहुत बड़ी गलती है। अब मुझे भी कुछ करना चाहिये परमार्थ के लिये। यानी वह भूख पैदा हो जायेगी, तत्वज्ञान से।

तो लगातार वास्तविक संत का सँग करे यह शर्त है। झूठ-मूठ को बैठे सुने तो भी सुनते-सुनते, फिर गहराई से समझेगा, फिर श्रद्धा अपने आप उत्पन्न हो जायेगी।

सतां प्रसंगान्मम वीर्यसंविदो भवन्ति हृत्कर्णरसायनाः कथाः।
तज्जोषणादाश्वपवर्गवर्त्मनी श्रद्धा रतिर्भक्तिरनुक्रमिष्यति।।
(भागवत 3-25-25)

भागवत में वेदव्यास ने यह आशा दिलाई है। बिना श्रद्धा वालों का भी काम बन जायेगा। बशर्ते वास्तविक संत का सँग लगातार करे, जबरदस्ती करे, करे। हमारे सत्संग में मुझे सैकड़ों सत्संगियों ने बताया है कि महाराज जी आपकी स्पीच हो रही थी अमुक जगह, मैं सड़क से जा रहा था, दो चार वाक्य कान में पड़े तो मैंने गाड़ी रोक दी और मैंने पूरा सुन लिया। बस आग लग गई। फिर दूसरे दिन से डेली सुनने लगा। और फिर इतनी प्यास लगी भगवान की। पहले मैं प्रकाण्ड नास्तिक था.....(आदि आदि) तो थोड़ी देर सुनने का प्रभाव सैकड़ों व्यक्तियों ने बताया है। और लगातार सुने, समझे। अरे सुनेगा तो समझेगा भी बुद्धि तो है ही है सबके। तो फिर उसकी इम्पोर्टेंस रियलाइज करेगा। तो श्रद्धा अपने आप पैदा होगी, बस बात बन गई।

०० प्रवचनकर्ता ::: जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज
०० सन्दर्भ ::: साधन साध्य पत्रिका, मार्च 2013 अंक
०० सर्वाधिकार सुरक्षित ::: राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली के आधीन।

+++ ध्यानाकर्षण/नोट ::: जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रगटित सम्पूर्ण साहित्यों की जानकारी/अध्ययन करने, साहित्य PDF में प्राप्त करने अथवा उनके श्रीमुखारविन्द से निःसृत सनातन वैदिक सिद्धान्त का श्रवण करने के लिये निम्न स्त्रोत पर जायें -
(1) www.jkpliterature.org.in (website)
(2) JKBT Application (App for 'E-Books')
(3) Sanatan Vedic Dharm - Jagadguru Kripalu Parishat (App)
(4) Kripalu Nidhi (App)
(उपरोक्त तीनों एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर Android तथा iOS के लिये उपलब्ध हैं.)

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