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*- 6 कोरी 6 आगर तालाब वाला धमधा फिर बनेगी तालाबों की नगरी*
-12 शासकीय तालाबों से अतिक्रमण हटाकर, प्रशासन व जनभागीदारी से किया जा रहा है गहरीकरण व जीर्णाेद्धार**-धमधा वासी व जिला प्रशासन ने दिया ‘‘हमर तालाब हमर धरोहर’’ का नारा*दुर्ग / विगत कई महीनों के निरंतर प्रयास से जिला प्रशासन को दुर्ग के विकासखंड धमधा में एक बहुत बड़ी सफलता जनभागीदारी के माध्यम से प्राप्त हुई है। 40 वर्ष पूर्व अस्तित्व विहीन हो चुके धमधा के छह तालाबों को पहले खोजा गया, फिर कब्जा हटाया गया और फिर उसकी खुदाई कर तालाब को उसका मूल स्वरूप दिया गया।इन तालाबों को राजस्व विभाग ने स्थानीय जनों के सहयोग व अपने अथक प्रयास से पुर्नजीवित किया।ये तालाब इतिहास के पन्नों में तो अंकित थे लेकिन वर्तमान में अपना मूल स्वरूप खो चुके थे। कुछ स्थानीय किसानों के द्वारा इसे पूर्णता पाट कर खेत का स्वरूप दे दिया गया था। इन विलुप्त तालाबों की बहाली के लिए जिला प्रशासन, योजनाबद्ध तरीके से सक्रिय कार्य कर रहा था। जिसके अंतर्गत उसने जनसहयोग के माध्यम से पुराने तालाबों का चिन्हांकन किया। 1909, 1921-22, 1929-30, 1984-85 राजस्व लैण्ड रिकार्ड से मिलान कर, 12 नेस्तनाबूद विलुप्त तालाबों का चिन्हांकन किया और इनका सीमांकन किया। जिनका जनभागीदारी के माध्यम से सतत् जीर्णाेद्धार का कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत हाथी बुढ़ान, घोड़ा बुढ़ान, बनफरा का तालाब व बनफरा का पैठू प्राचीन तालाबों की खुदाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और तेली डबरी व लोकईया तालाब की खुदाई का कार्य चल रहा है।6 कोरी 6 आगर तालाब वाला धमधा फिर बनेगी तालाबों की नगरी-* धमधा के तालाबों के संकलन पर आधारित श्री गोविंद पटेल द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘छै कोरी, छै आगर तरिया अऊ बूढ़ा नरवा’’ के विमोचन के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के समक्ष धर्मधाम गौरवगाथा समिति के सदस्यों द्वारा विलुप्त हो चुके तालाबों के सीमांकन के लिए मांग की गई थी। जिस पर सकारात्मक पहल करते हुए 6 कोरी 6 आगर तालाब वाले पुरातात्विक नगर धमधा के गौरवशाली वैभव की पुर्नस्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने कुछ समय पूर्व जिला प्रशासन को दिशा निर्देश दिए थे। जिसका अमल करते हुए कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन में धमधा के एसडीएम श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय ने विलुप्त हो चुके तालाबों के संबंध में जानकारी एकत्रित करना प्रारंभ किया।क्योंकि यह कार्य जटिल था इसलिए प्रशासन ने खेत की जानकारी रखने वाले स्थानीय लोगों की सहायता ली। जिसमें गांव के बुजुर्ग और तरिया के क्षेत्र में संरक्षण कार्य करने वाले धर्मधाम गौरवगाथा समिति शामिल हुआ। समिति 3 साल पूर्व से ही इस दिशा में कार्य कर रही थी। जिसके अंतर्गत उसने प्रशासन को तालाबों के नाम, उनके निर्माणकर्ताओं की जानकारी, खसरा व रकबा नंबर इत्यादि उपलब्ध कराई। उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर 100 साल पुराने नक्शे व अन्य लैंड रिकॉर्ड से उपलब्ध जानकारियों का मिलान किया। इसके साथ ही पटवारियों की टीम के साथ मौके का मुआयना किया गया। विषय पर जानकारी देते हुए एसडीएम धमधा द्वारा बताया गया कि शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार 26 तालाब अपने स्थान से विलुप्त हो चुके थे। जिसमें से 12 तालाबों को जनभागीदारी, जिला प्रशासन व पुलिस बल के साथ समन्वय स्थापित कर कब्ज़ा मुक्त करा लिया गया है।शासकीय रिकार्ड में चिन्हित 36 पटे हुए तालाबों में से 12 तालाबों को जिला प्रशासन ने कराया कब्जा मुक्त -* एसडीएम द्वारा बताया गया कि कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के निर्देशानुसार शासकीय रिकार्ड में चिन्हित 36 तालाब जो कि पूर्णतः पट गए थे, में से शुरूआत में बड़े रकबे के तालाबों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है। जिसमें 12 तालाबों का चिन्हांकन स्थानीय लोगों के सहयोग व धर्मधाम गौरवगाथा समिति के माध्यम से किया गया। जिसमें विलुप्त हो चुके इन 12 तालाबों को जनभागीदारी के साथ आपसी समन्वय के साथ मुक्त कराया गया। हाथी बूडान, घोड़ा बूडान, बनफरा तालाब, बनफरा पैठु, तेली डबरी, लोकईया तालाब, नकटी डबरी, डोकरा तालाब, मूनि का पैठु, मूनि का पीछे, लोधी डबरी, पिपराही तालाब इन 12 तालाब की सूची में शामिल हैं। एसडीएम ने बताया कि अन्य बचे हुए तालाबों को भी शीघ्र कब्जा मुक्त करा लिया जाएगा और जिला प्रशासन द्वारा तालाबों की नगरी धमधा को शीघ्र पुर्नस्थापित करने हेतु सकारात्मक दिशा में कार्य किया जाएगा।धमधा वासी व जिला प्रशासन ने दिया ‘‘हमर तालाब हमर धरोहर’’ का नारा -* धर्मधाम गौरव गाथा समिति के संयोजक श्री वीरेंद्र देवांगन व जनपद सदस्य ईश्वरी निर्मल ने बताया कि तरिया के पुर्नुउत्थान के लिए जिला प्रशासन व स्थानीय जनों के सहयोग से किया जाने वाला यह कार्य ऐतिहासिक है। विलुप्त हो चुके तालाबों के पुर्नरूस्थापन के लिए जिला प्रशासन व धमधा वासियों ने एक सुर में ‘‘हमर तालाब हमर धरोहर’’ के मंत्र को आत्मसात् कर लिया है। मोतियों की माला के रूप में तालाबों को पुनः प्राप्त कर हमारी संस्कृति व धरोहर को पुनः प्राप्त करने का प्रयास स्थानीय जनों द्वारा किया जा रहा है। - रायपुर/जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र, रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार के उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 22 मई को जिला रोजगार कार्यालय, पुराना पुलिस मुख्यालय परिसर, रायपुर में सबेरे 11 बजे से दोपहर 02 बजे तक जॉब फेयर आयोजित है। जिला रोजगार विभाग रायपुर के उप संचालक ने बताया कि जॉब फेयर के माध्यम से विनय टेकरजु प्रा०लिमिटेड एवं अपीयर टेक्स एण्ड रजिस्ट्रेशन, रायपुर द्वारा कुल 77 पदों पर बी.ई./बी.टेक (किसी भी ब्रांच में), स्नातक (किसी भी संकाय में), एम.बी.ए. एवं स्नातकोत्तर उत्तीर्ण योग्य आवेदकों की भर्ती 10 हजार से 40 हजार रुपये प्रतिमाह की दर पर की जानी है। उन्होंने यह भी बताया कि जॉब फेयर में सम्मिलित होने योग्य एवं इच्छुक आवेदक निर्धारित तिथि एवं स्थल पर उपस्थित हो सकते है। अधिक जानकारी के लिए आवेदक जिला रोजगार कार्यालय रायपुर में भी संपर्क कर सकते है।
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*जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त विजेता को 50 हजार रूपये मिलेंगे*
रायपुर/छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर के आदेशानुसार चिन्हारी पोर्टल में पंजीकृत मानस मंडलियों के जनपद एवं जिला स्तरीय आयोजन हेतु श्री बी.सी. साहू, अपर कलेक्टर रायपुर को नोडल अधिकारी एवं श्री एच के. जोशी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायपुर को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
शासन के निर्देशानुसार जनपद पंचायतों में जनपद स्तरीय रामायण मानस मण्डली प्रतियोगिता आयोजित किये गये है। जनपद पंचायत आरंग से नव जागृति मानस मण्डली धमनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है तथा जनपद पंचायत धरसीवां से पावन गंगा महिला मानस परिवार मठपुरेना रायपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जिला स्तरीय रामायण मानस मण्डली प्रतियोगिता का आयोजन 20 मई को आरंग विकासखण्ड के ग्राम गुल्लू में आयोजित होगा, जिसमें सभी विकासखण्डों के विजयी दल शामिल होंगे। जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता को पचास हजार रुपये राशि प्रदान की जावेगी। जिला में प्रथम स्थान प्राप्त मानस मण्डली को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा। जो दिनांक 27, 28 एवं 29 मई 2023 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, साइंस कॉलेज रायपुर, जिला रायपुर में सम्पन्न होगा।
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रायपुर /कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज यहां अपने भ्रमण के दौरान गोबरा नवापारा तहसील कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यालय परिसर में निर्माणाधीन बिल्डिंग के संबंध में जानकारी लेकर सभी संबंधितो को निर्धारित समय अवधि में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।उन्होंने अधिकारियों से राजस्व से संबंधित सभी प्रकरणों को ऑनलाइन अद्यतन करने कहा ताकि आम नागरिकों को प्रकरण से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सके। डॉ भुरे ने कहा कि तहसील में नियमित रूप से प्रकरणों की सुनवाई कर निराकरण करें ।कोई भी प्रकरण ज्यादा समय तक लंबित ना हो। निर्धारित समयावधि में प्रकरणों का निराकरण कर आम जनों को लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा की अवैध कब्जा ,अवैध प्लाटिंग पर कड़ी नजर रखते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने तहसील कार्यालय की व्यवस्थाओं के संबंध में सराहना भी की । इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री आशुतोष कुमार देवांगन , तहसीलदार रीमा मरकाम, नायब तहसीलदार वसुमित्र दीवान और अशोक जंघेल सहीत संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
- -किसानों की बढ़ रही रूचि: अब तक 23 हजार से अधिक कृषकों ने वृक्षारोपण के लिए दी सहमतिरायपुर /छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ लागू की गई है। वन विभाग द्वारा अब तक 20 हजार 296 हितग्राहियों के 31 हजार 100 एकड़ निजी भूमि में वृक्षारोपण हेतु पंजीयन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में वृक्षों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभानाओं को देखते हुए यह योजना लागू की गई है। योजनांतर्गत कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों की सहमति पर उनके भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है।वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में किसानों द्वारा विशेष रूचि दिखाई जा रही है। राज्य में योजनांतर्गत अब तक 20 हजार से अधिक कृषकों का पंजीयन हो चुका है, परन्तु 23 हजार से अधिक हितग्राहियों द्वारा लगभग 36 हजार एकड़ निजी भूमि में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत वृक्षारोपण के लिए सहमति प्रदान कर दी गई है। मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत अब तक पंजीकृत रकबा में टिशू कल्चर सागौन के लिए 2 हजार 600 एकड़, साधारण सागौन- 5 हजार एकड़ तथा टिशू कल्चर बांस के लिए 600 एकड़ शामिल है। इसके अलावा साधारण बांस-700 एकड़, क्लोनल नीलगिरी-18000 एकड़, चंदन-1300 एकड़, मिलिया डूबिया-825 एकड़ सम्मिलित है।राज्य में योजनांतर्गत 30 हजार एकड़ से अधिक रकबे में वृक्षों का होगा रोपणइस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष विभिन्न प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ से अधिक रकबे में रोपण किया जाएगा। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, पात्र होंगे। इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इसके तहत राज्य के सभी कृषकों, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायतें, अथवा स्वायत्व संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण उपरांत सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था करते हुए एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था आदि सुनिश्चित करना है।
- -पिछले साल ही पूर्ण तहसील बनाया गया था बेलतरारायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट-मुलाकात के दौरान की गई घोषणाओं पर जिला प्रशासन द्वारा तेजी से अमल किया जा रहा है। इस कड़ी में बेलतरा में एसडीएम बिलासपुर की साप्ताहिक लिंक कोर्ट सुविधा भी आज से शुरू हो गई। एसडीएम श्री श्रीकांत वर्मा ने आज तहसील कार्यालय बेलतरा में छत्तीसगढ़ महतारी की विधिवत पूजा-अर्चना कर काम-काज शुरू किया। उन्होंने दिन भर में आज लगभग डेढ़ दर्जन मामलों की सुनवाई की। इनमें राजस्व से जुड़े 12 और भू-अर्जन से संबंद्ध 4 मामले शामिल है। उन्होंने आस-पास के गांवों से आये किसानों और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। विदित हो कि एसडीएम बिलासपुर का अब प्रति सप्ताह शुक्रवार को तहसील कार्यालय में लिंक कोर्ट लगेगा। कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस माह की 12 तारीख को बेलतरा में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की मांग पर सप्ताह में एक दिन एसडीएम का कोर्ट लगाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री की घोषणा पर ही पिछले साल 2022 में बेलतरा को पूर्ण तहसील का दर्जा हासिल हुआ है। इससे तहसील संबंधी तमाम काम बेलतरा में तो हो रही रहे थे। अब सप्ताह में एक दिन अनिवार्य रूप से एसडीएम सह राजस्व अनुविभागीय अधिकारी के बैठने से उन्हें 35-40 किलोमीटर दूर बिलासपुर जाना नहीं पड़ेगा। इससे उनकी समय और पैसे दोनों की बचत होगी। आठ महीने के भीतर पूर्ण तहसील के साथ एसडीएम के लिंक कोर्ट की सुविधा मिल जाने से ग्रामीणों और किसानों में खुशी का माहौल है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है।
- - मुख्यमंत्री श्री बघेल 21 मई को पाटन में आयोजित भरोसे का सम्मेलन में करेंगे राशि का अंतरणरायपुर, / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 21 मई को दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम सांकरा में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित भरोसे का सम्मेलन में राज्य के 13 जिलों के 3085 राजीव युवा मितान क्लबों को 7 करोड़ 71 लाख रूपए की राशि जारी करेंगे।गौरतलब है कि युवाओं को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के उद्देश्य से राजीव युवा मितान क्लबों का गठन किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 13 हजार 242 राजीव युवा मितान क्लब का गठन कर सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। राजीव युवा मितान क्लब को विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के लिए प्रत्येक तीन माह में 25 हजार रूपए के मान से सालाना एक लाख रूपए प्रत्येक क्लब को दिए जा रहे हैं। योजना प्रारंभ होने से अब तक राजीव युवा मितान क्लबों को 60 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि उपलब्ध करायी गई है।राजीव युवा मितान क्लब में रचनात्मक गतिविधियों के आयोजन से उत्साहित हुए युवाराजीव युवा मितान क्लब योजना के माध्यम से गांवों, कस्बों के साथ-साथ शहरों में विभिन्न सांस्कृतिक, रचनात्मक गतिविधियां तथा छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाज को सहेजने और पारंपरिक खेलकूद के आयोजन से युवा उत्साहित है। युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग हो रहा है और छत्तीसगढ़िया संस्कृति को जानने, और समझने के पर्याप्त अवसर युवाओं को मिल रहा हैं। अपनी मूल संस्कृति से जुड़े रहकर युवा क्षेत्र व समाज के नवनिर्माण में अपनी ऊर्जा का भरपूर उपयोग कर प्रदेश के प्रगति में अहम् भागीदारी निभा रहे हैं।लोगों में परस्पर संवाद बनाये रखने, ग्रामीण आयोजनों में युवाओं को आगे लाने और समाज सेवा से लेकर अंतिम व्यक्ति तक शासकीय सेवाओं योजनाओं को ले जाने में भी मितान क्लब योजना सहायक सिद्ध हो रही है। ग्रामीण अंचल के युवाओं में मितान क्लबों में अधिक सक्रीयता देखी जा रही है। खेल-कूद से लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में युवाओं को नेतृत्व मिल रहा है। युवाओं को अवसर मिलने से उनके बौद्धिक और व्यावहारिक ज्ञान में भी निरंतर विकास हो रहा है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में भागीदारी की बात हो, स्वास्थ्य-शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की बात हो या फिर शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार की, युवा सक्रीयता के साथ इन कार्याें को बखूबी निभा रहे हैं।
- -मुख्यमंत्री 21 मई को सांकरा पाटन में आयोजित भरोसे का सम्मेलन में सारथी ऐप का करेंगे शुभारंभ-दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया गया है सारथी ऐपरायुपर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 21 मई को दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में आयोजित होने वाले भरोसे के सम्मेलन में सारथी ऐप का शुभारंभ करेंगे। दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए इस मोबाईल ऐप के माध्यम से नागरिक आसानी से किसी भी समय अपनी शिकायत को दर्ज व ट्रैक कर सकेंगे। इस ऐप के माध्यम से आम नागरिक शासन के विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकेंगे। इस ऐप के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों और समस्याओं का संबंधित विभागों द्वारा त्वरित निराकरण किया जाएगा।सारथी ऐप को मोबाइल के माध्यम से गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप में मोबाइल नंबर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करते ही उसे यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होगा। प्राप्त आईडी में व्यक्ति लॉगिन कर अपनी समस्या को दिए गए फॉर्मेट में अंकित कर अपने आवेदन को सबमिट करेगा। ऐप के माध्यम से दर्ज की गई शिकायत अग्रिम कार्यवाही के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए नोडल अधिकारी के पास प्रस्तुत होगी। जिसमें नोडल अधिकारी संबंधित विभाग को आवेदन फॉरवर्ड करेगा। प्राप्त आवेदन पर संबंधित विभाग को नियत समय पर दर्ज शिकायत का निराकरण करना होगा। जिसकी ट्रैकिंग आवेदक घर बैठे ही मोबाइल एप के द्वारा कर सकेंगे।अधिकारियों ने बताया कि नागरिकों की जनसुविधा को ध्यान में रखकर यह जिलास्तरीय ऐप बनाया गया है। गूगल प्ले स्टोर पर यह मोबाइल एप्लीकेशन SAARTH&E नाम से उपलब्ध है। इसके साथ-साथ इसकी वेबसाइट भी बनाई गई है, जिसका लिंक https:@@eservices-durg-gov-in@saarth&e@ है।
- गरियाबंद । धमतरी विधायक रंजना साहू की इनोवा कार आज गरियाबंद जिले में पलट कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। दुर्घटना के वक्त विधायक कार में मौजूद थीं। इस हादसे में विधायक के हाथ तथा पसलियों में मामूली चोट आई है। वहीं कई कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं ।विधायक तथा कार्यकर्ताओं का इलाज मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। डॉक्टरों ने विधायक का एक्सरे भी लिया है। मिली जानकारी के अनुसार विधायक रंजना साहू, बिंद्रानवागढ़ विधायक डमरुधर पुजारी के यहां आयोजित विवाह कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थीं । इस दौरान कोदोमाली के पास सामने से आ रहे एक अन्य वाहन को साइड देने के चक्कर में उनकी कार अनियंत्रित होकर पलट गई।
- -गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को हो चुका है अब तक 445 करोड़ 14 लाख रूपए का भुगतानरायपुर /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 21 मई दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में आयोजित हो रहे भरोसे के सम्मेलन में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियो को 13 करोड़ 57 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण करेंगे। जिसमें 01 मई से 15 मई तक गौठानों में क्रय किए गए 1.98 लाख क्विंटल गोबर के एवज में ग्रामीण पशुपालकों को 3.95 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों को 5.66 करोड़ एवं स्व-सहायता समूहों को 3.96 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है।गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 30 अप्रैल 2023 की स्थिति में 445 करोड़ 14 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 21 मई को 13.57 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 458 करोड़ 71 लाख रूपए हो जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व से हुई थी। इस योजना के तहत गौठानों में ग्रामीण पशुपालकों से 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी तथा 4 रूपए लीटर में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। राज्य में सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत गांवों में 10,426 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 10,206 गौठान निर्मित एवं संचालित है। संचालित गौठानों में 30 अप्रैल 2023 की स्थिति में 114.28 लाख क्विंटल गोबर क्रय किया गया है, जिसमें गोबर विक्रेताओं को 228 करोड़ 42 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 3 लाख 41 हजार 713 पशुपालक ग्रामीण लाभान्वित हो रहे है, जिसमें 46.51 प्रतिशत महिलाएं हैं। इस योजना से भूमिहीन ग्रामीणों को भी बड़ा सहारा मिला है। लगभग 2 लाख भूमिहीन परिवार के लोग भी गौठानों में गोबर की बिक्री और रोजगार हासिल कर अपनी आजीविका चलाने में सक्षम हुए हैं।गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए जा रहे गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद बनाने के साथ ही अन्य सामग्री तैयार की जा रही है। गोबर से अब तक 32.72 लाख क्विंटल कम्पोस्ट खाद तैयार की गई है, जिसमें से 24.54 लाख क्विंटल कम्पोस्ट खाद की खरीदी कर किसानों ने अपने खेतों मेें उपयोग किया है। इससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है।गौठान और गोधन न्याय योजना के समन्वय से गांवों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। आज के स्थिति में गौठान ग्रामीण अंचल में आजीविका के एक मजबूत केन्द्र के रूप में उभरे है। गौठानों में आजीविका मूलक विविध गतिविधियां संचालित है, जिससे जुड़कर महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। गौठानों में सामुदायिक खेती , सब्जी उत्पादन,मुर्गी पालन, बकरी पालन, पशुपालन, मछली पालन, गोबर से प्राकृतिक पेंट, दीया, अगरबत्ती, गमला, गो-काष्ठ का निर्माण भी हो रहा है। गौठानों से 14,504 महिला स्व-सहायता समूह जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 1 लाख 71 हजार 585 है। महिला समूह द्वारा संचालित आयमूलक गतिविधियों से अब तक 131 करोड़ 43 लाख रूपए की आय हो चुकी है।गौठान में संचालित आयमूलक गतिविधियों एवं गोधन न्याय योजना से हो रहे लाभ के चलते स्वावलंबी गौठानों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। स्वावलंबी गौठान अब अपनी स्वयं की जमा पूंजी से गोबर क्रय करने के साथ-साथ गौठान की अन्य व्यवस्था को भी पूरा करने लगे हैं। राज्य में 5709 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। गौठानों में गौमूत्र खरीदी कर महिला स्व-सहायता समूह उससे जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र एवं फसल वृद्धिवर्धक जीवामृत बनाने और बेचने लगी है। अब तक 74401 लीटर ब्रम्हास्त्र एवं 31478 लीटर जीवामृत की बिक्री से 48.50 लाख रूपए की आय हुई है।
- -मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 21 मई को सांकरा पाटन में आयोजित हो रहे भरोसे के सम्मेलन में करेंगे किसानों के खाते में राशि का अंतरण-राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार दे चुकी है राज्य के किसानों को अब तक 18,208 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडीरायपुर /भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को राज्य के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इस साल दी जाने वाली सौगातों के सिलसिले कि शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 21 मई को दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में आयोजित होने वाले भरोसे के सम्मेलन में राज्य के 24 लाख 52 हजार 592 किसानों को इस योजना की पहली किश्त के रूप में 1894 करोड़ 93 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण उनके बैंक खातों में करेंगे। इसके बाद किसानों को आगामी अगस्त, अक्टूबर और मार्च महीने में क्रमशः तीन और किश्तों में राशि दी जाएगी जो लगभग 6000 करोड़ रुपए की होगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है,परन्तु बीते खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या ,रकबा और धान की रिकार्ड खरीदी को देखते हुए इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि लगभग 8000 करोड़ होने का अनुमान है।गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत कृषि लागत में कमी लाने, फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खरीफ फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। खरीफ वर्ष 2019 से लागू इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अब तक 18208 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत चार किश्तों में किसानों को लगभग 8000 करोड़ रूपए इनपुट सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 के धान उत्पादक 18.43 लाख किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से 5627 करोड़ 2 लाख रूपए इनपुट सब्सिडी के रूप में वितरित किया गया था जब कि खरीफ वर्ष 2020 के धान उत्पादक 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ 8 लाख रूपए का भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया। वर्ष 2021 से इस योजना में समस्त खरीफ फसलों एवं उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है एवं उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया। वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किए गए रकबे में धान के बदले अन्य फसलों की खेती, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। खरीफ वर्ष 2021 में विभिन्न फसलों, उद्यानिकी फसलों के उत्पादक 23.35 लाख कृषकों को 7028 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी का भुगतान उनके बैंक खातों में किया जा चुका है।राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में किसानों को दी जा रही इनपुट सब्सिडी के चलते राज्य में खेती -किसानी को बड़ा संबल मिला है । खेती छोड़ चुके लोगों का रुझान फिर से खेती की ओर बढ़ा है। वर्ष 2017-18 की तुलना में राज्य में धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में 11 लाख से अधिक की वृद्धि और उपार्जित धान की मात्रा में 50 लाख मैट्रिक टन से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक हर साल राज्य में धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान देने के मामले में देश का दूसरे नंबर का राज्य बन गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ राज्य देश में पहले नंबर पर है।
- -भव्य रामकथा जो युगों से कई रूपों में कला में अभिव्यक्त होती आई, कई प्रदेशों में और कई देशों में कई रूपों में अभिव्यक्त हुई, उन सबको समाहित कर प्रस्तुत करने की अभिनव पहल है राष्ट्रीय रामायण महोत्सव-शैल चित्रों में दिखती है रामायण प्रसंग की झलक, जनश्रुतियों में मिलता है उल्लेख-धरमजयगढ के ओंगना पहाड़ियों में अंकित है श्री राम और दशानन के बीच युद्ध जैसा चित्र-समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने 1 से 3 जून तक रायगढ़ के रामलीला मैदान में आयोजित हो रहा राष्ट्रीय रामायण महोत्सवरायपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रायगढ़ में राष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन करा रहे हैं इसके माध्यम से देश-विदेश में प्रचलित रामायण के विविध रूपों और भगवान श्रीराम के आदर्श की झलक महोत्सव के माध्यम से देखने मिलेगी। मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही यह पहल उस विशिष्ट परंपरा को ऊंचाई देने की दिशा में सार्थक पहल है जिसकी सबसे पहले शुरूआत उन शैलचित्रों से हुई जो रायगढ़ के ओंगना में दिखते हैं। यहां लोकअनुश्रुति है कि ओंगना की पहाड़ियों में रामकथा का चित्रण है। यहाँ दस सिरों वाले एक व्यक्ति का युद्ध एक युवक से होता दिखाया गया है। लोक अनुश्रुति है कि दस सिर वाला व्यक्ति रावण है और उनसे युद्ध कर रहे व्यक्ति श्री राम। इस तरह रामकथा की कलात्मक प्रस्तुति का जो बीज ओंगना में शैल चित्रकारों ने रोपा, अब उसकी विशिष्ट कलात्मक प्रस्तुति रामायण महोत्सव के रूप में होगी।संस्कृतिधानी रायगढ़ अपने सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर के लिए प्रदेश ही नहीं पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखता है। रायगढ़ कला की नगरी है। यहां के मूर्धन्य कला साधकों ने देश विदेश के कला क्षितिज पर अपनी प्रतिभा से विशेष लालिमा बिखेरी है। रायगढ़ में रामायण को कहे और सुने जाने के साथ रामलीला मैदान में उसके जीवंत मंचन की एक समृद्ध परंपरा रही है। कला का यह स्वरूप रायगढ़ के इतिहास से भी जुड़ाव रखता है। रायगढ़ की ख्याति यहां की पहाड़ियों में हजारों वर्षाे पूर्व के बने शैल चित्रों के लिए भी है। जो तत्कालीन समाज के जीवनशैली से परिचय कराते हैं। शैल चित्रों की इन्हीं श्रृंखला के बीच रायगढ़ जिले के सुदूर वनांचल में बसे धरमजयगढ़ विकासखंड से 8 किमी दूर ओंगना पहाड़ी स्थित है। यहां पर भी कई शैल चित्र बने हुए हैं। जिनमें एक चित्र है जिसमें दस सर वाला व्यक्ति अंकित है जो दूसरे व्यक्ति से युद्ध करता दिखाई देता है। पास ही एक महिला खड़ी है। जनश्रुतियों के अनुसार यह रामायण के राम रावण युद्ध प्रसंग से समानता रखता है।शैल चित्र प्राचीन कालीन समाज और जीवनशैली का जीवंत पुलिंदा है। हजारों वर्ष पूर्व बने ओंगना पहाड़ी के इन शैलाश्रयों में बने चित्र जनश्रुतियों के अनुसार तब के समाज में रामायण के प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। रामायण की गाथा पीढ़ियों से कही और सुनी जा रही है। देश के विभिन्न भागों में इसके विभिन्न स्वरूप प्रचलित हैं। किंतु पुरातात्विक अवशेषों के रूप में रामायण प्रसंग का उल्लेख दुर्लभ है। छत्तीसगढ़ की धरा से भगवान के राम के जुड़ाव के कई प्रसंग मिलते हैं। छत्तीसगढ़ को भगवान श्री राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है। इस नाते उन्हें छत्तीसगढ़ में भांजे का दर्जा प्राप्त है। प्रदेश में माता कौशल्या भी आराध्य हैं। चंदखुरी में देश का इकलौता कौशल्या माता का मंदिर निर्मित है। वनवास के दौरान भी भगवान श्री राम छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से गुजरे थे। जिन्हें चिन्हांकित कर राम वन गमन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।रायगढ़ से रामायण के जुड़ाव की इस अमूल्य विरासत को आगे बढ़ाने के क्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर रायगढ़ के रामलीला मैदान में 01 से 03 जून तक प्रदेश का पहला राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है। जिसमें देश विदेश की मंडलियां रामायण के अरण्य काण्ड पर प्रस्तुति देंगी। इस विराट आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। रामायण प्रसंग के मंचन के साथ ही कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ और केलो महाआरती व दीपदान का कार्यक्रम भी आयोजित है।
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रायपुर /सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) का संचालन विभागीय पोर्टल https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ के माध्यम से किया जा रहा है। भारत सरकार के नियमानुसार विद्यार्थियों को PFMS के माध्यम से आधार आधारित छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है। जिसमें विद्यार्थियों का बैंक खाते का आधार से सीडिंग होना अनिवार्य है। विद्यार्थियों के बैंक खाते का आधार सीडिंग नही होने के कारण छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाना संभव नही हो रहा है।
सहायक आयुक्त ने बताया कि रायपुर जिले में अध्ययनरत वर्ष 2022-23 के ऐसे विद्यार्थी जिनका छात्रवृत्ति भुगतान नही हुआ है।ऐसे विद्यार्थी तत्काल अपना व्यक्तिगत बैंक खाता को आधार सीडिंग कराकर 25 मई के पूर्व अपने संस्था या सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास रायपुर में सूचना दे।निर्धारित समयवाधि तक आधार सीडिंग की जानकारी संबंधित संस्था या सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास को नही दिये जाने की दशा में छात्रवृत्ति भुगतान किया जाना संभव नही होगा । -
रायपुर /सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कालेज स्तर) का संचालन विभागीय पोर्टल https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ के माध्यम से किया जा रहा है। रायपुर जिले में वर्ष 2022-23 मे अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी जो संस्था परिवर्तन, पाठ्यक्रम परिवर्तन तथा संस्था एवं पाठ्यक्रम दोनो परिवर्तन करना चाहते है। भारत सरकार के नियमानुसार पात्रता रखने वाले ऐसे विद्यार्थियों को पोर्टल पर सुविधा (Option) दी गई है।इस संबंध में आवेदक सहायक आयुक्त,आदिवासी विकास रायपुर कलेक्ट्रोरेट परिसर कक्ष क्रमांक-40 में 25 मई तक आवेदन कर सकते है।
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रायपुर /जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा अनुसूचित जनजाति योजनांतर्गत टर्म लोन योजना CHG 270 व CHG-262 में ईकाई लागत 3 लाख रुपए एवं 5 लाख रुपए कृषि क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये प्रत्येक योजना में 01-01 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस योजना के तहत ऋण लेने के इच्छुक 18 से 50 वर्ष के युवक-युवतियाँ आवेदन कर सकते है। आवेदन के साथ आवेदक को सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त जाति प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र, शैक्षणिक प्रमाण-पत्र एवं आय प्रमाण-पत्र (ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में 3 लाख रुपए से अधिक न हो) एवं आवेदन के साथ एक पासपोर्ट साईज फोटो लगाना होगा। इसके लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों को विशेष प्राथमिकता दिया जायेगा।
कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी ने बताया कि योजना के तहत ऋण लेने के इच्छुक आवेदकों को ऋण स्वीकृत किए जाने की स्थिति में आवेदक को ऋण के बराबर का जमानत देना होगा। यह ऋण 5 वर्ष के लिए होगा तथा 6 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रतिमाह किश्त के रूप में वसूली की जायेगी। अनुसूचित जनजाति वर्ग में कोई भी व्यक्ति यदि शासकीय योजनांतर्गत लाभ लिया हो, उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा। आवेदक व्यवसाय से संबंधित परियोजना प्रस्ताव अनिवार्य रूप से आवेदन के साथ जमा करें।पात्र आवेदक आवेदन पत्र निःशुल्क कार्यालय से प्राप्त कर पूर्ण रूप से भरकर कार्यालयीन समय सबेरे 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक 12 जून तक कार्यालय कलेक्टर परिसर, द्वितीय तल, जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, मर्या. रायपुर, कक्ष क्र.-34 में निर्धारित अवधि में आवेदन प्राप्त व जमा कर सकते हैं। -
बिलासपुर। जिले के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का पंजीयन, स्वीकृति एवं भुगतान विभागीय पोर्टल https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ के माध्यम से किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में ऐसे विद्यार्थी जो संस्था परिवर्तन, पाठयक्रम परिवर्तन तथा संस्था एवं पाठ्यक्रम दोनों परिवर्तन करना चाहते है। ऐसे पात्र विद्यार्थियों के लिए यह सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गई है। इसके लिए विद्यार्थी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, पुराना कंपोजिट बिल्डिंग, कक्ष क्रमांक 19 में 25 मई 2023 तक आवेदन कर सकते है।
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बिलासपुर । जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किया गया है। योजना अंतर्गत निजी एवं नवीन सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जैसे राईस मिल, पोहा मिल, केटल फीड, बेकरी, नमकीन उद्योग, रेडी टू इट उत्पाद, मसाला उद्योग, पापड़, बड़ी, आचार, मुरमुरा उद्योग, फुटा चना उद्योग आदि को शामिल किया गया है। योजना अंतर्गत प्रति पात्र उद्योगों को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी परंतु अधिकतम 10 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है एवं लाभार्थी का कुल लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत अंशदान राशि होगा एवं शेष राशि बैंक ऋण होगा। आवेदन करने हेतु पीएमएफएमई के ऑनलाईन पोर्टल http://pmfme.mofpi.gov.in में पंजीयन कर आवेदन कर सकते है। योजना एवं आवेदन प्रक्रिया की अधिक जानकारी के लिए कार्यालय मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, प्रथम तल न्यू कंपोजिट बिल्डिंग, बिलासपुर में संपर्क कर सकते है अथवा प्रबंधक श्री शुभम शुक्ला मो.नं. 7697230751, श्री संदीप वर्मा मो.नं. 9407775844 से संपर्क कर सकते है।
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बिलासपुर । मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ लेने के लिए जिले के शिक्षित बेरोजगार युवक, युवतियां 30 जून तक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, न्यू कंपोजिट बिल्डिंग में आवेदन कर सकते है। योजना के तहत विनिर्माण उद्यम हेतु 25 लाख, सेवा हेतु 10 लाख एवं व्यवसाय हेतु अधिकतम 2 लाख रूपये बैंकों के माध्यम से ऋण मिलेगा। आवेदक को छ.ग. राज्य का मूल निवासी, न्यूनतम आठवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य एवं आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदन पत्र जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, न्यू कंपोजिट बिल्डिंग, प्रथम तल, बिलासपुर में जाकर प्राप्त एवं जमा कर सकते है। योजना अंतर्गत सामान्य वर्ग को बैंक द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रूपये तक, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक, नक्सल प्रभावित आवेदक को बैंक द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 15 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रूपये तक एवं अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आवेदक को बैंक द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रूपये तक के मार्जिन मनी अनुदान की पात्रता होगी। आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए प्रबंधक श्री सुनील सोनी मो.नं. 7898609895, श्री नरेंद्र साहू मो.नं. 8319989622 एवं कार्यालय के दूरभाष नंबर 07752-250082, 83 से संपर्क कर सकते है।
- -किसान भाईयों से उन्नत किस्म के बीजों एवं खाद का अधिक से अधिक उठाव करने की अपील की गईबालोद। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि बालोद जिले में खरीफ वर्ष 2023-24 के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि खरीफ वर्ष 2023-24 के अन्तर्गत जिला बालोद को 47270 क्विं. खरीफ बीज की मांग प्राप्त हुई है। जिसके अन्तर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड झलमला में खरीफ बीज की उपलब्धता 22702.70 क्विं. एवं अन्य स्त्रोंत (निजी क्षेत्र) में 3727.60 क्विं., कुल 26430.30 क्विं. बीज उपलब्ध है। वर्तमान में जिले के 122 सेवा सहकारी समितियों में धान किस्म पीकेवीएचएमटी 129.00 क्विंटल, आईआर-64-961.20 क्विंटल, एमटीयू-1010-1686.90 क्विंटल, एमटीयू-1001 1720.50 क्विंटल, महामाया - 1884.00 क्विंटल, स्वर्णा-8835.30 क्विंटल, स्वर्णा सब-1- 4646.70 क्विंटल का कुल 20898.10 क्विंटल का भण्डारण एवं निजी दुकानों में 3727.60 क्विंटल, इस प्रकार जिले में कुल 24625.70 क्विंटल का भण्डारण हो चुका है, जिसमें सेवा सहकारी समितियों द्वारा 3108.00 क्विंटल एवं निजी दुकानों से 758.24 क्विंटल धान बीज का वितरण किया जा चुका है। जिले में कृषकों के लिए खरीफ बीज की कोई कमी नहीं है। इसी प्रकार जिले को उर्वरक यूरिया 26200, सि.सु.फा.14100, डी.ए.पी. 12500, एम.ओ.पी. 2750 तथा एन.पी.के. 3300 मि.टन कुल 58850.00 मि.टन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, लक्ष्य के विरूद्ध भण्डारण - यूरिया 15614, सि.सु.फा. 5659, डी.ए.पी. 11335, एम.ओ.पी. 2090 एन.पी.के. 3112 मि.टन. कुल 37810.00 मि.टन का भण्डारण किया जा चुका है। कृषकों द्वारा यूरिया 10217. सि.सु.फा. 2630, डी.ए.पी. 6765, एम. ओ. पी. 1145, एन.पी.के. 1773 मि.टन, कुल 22530 मि.टन का अग्रिम उठाव किया गया है। जिले में यूरिया 5396, सि.सु.फा. 3027. डी.ए.पी. 4570, एम.ओ.पी. 945 तथा एन.पी.के. 1338 मि.टन शेष है। लक्ष्य के विरूद्ध उर्वरक का भण्डारण 64 प्रतिशत, भण्डारण के विरूद्ध अग्रिम उठाव 60 प्रतिशत किया जा चुका है। साथ ही सेवा सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध है। किसान भाईयों से अपील है कि उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि हेतु उन्नत किस्म के बीजों एवं गुणवत्ता युक्त खाद का अधिक से अधिक उठाव करें।
- बालोद। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कुलदीप शर्मा ने बालोद जिले में स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाओं में मतदान के प्रति जागरूकता लाने एवं निर्वाचन प्रक्रिया में सहभागिता प्राप्त करने हेतु जिले के लोक कलाकार पद्मश्री डोमार सिंह साहू को जिला स्वीप आईकाॅन नियुक्त किया है।
- बालोद ।कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने म्यूथाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता कु. तनुजा साहू, राजीव और गोपाल यादव को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। कलेक्टर श्री शर्मा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय स्थित अपने कक्ष में म्युथाई खिलाड़ी कुमारी तनुजा साहू, राजीव और गोपाल यादव से मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि कुमारी तनुजा साहू ने 60 किलोग्राम, राजिव ने 65 किलोग्राम एवं गोपाल यादव ने 75 किलोग्राम वर्ग में राज्य स्तरीय म्यूथाई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। ज्ञातव्य हो कि राष्ट्रीय म्यूथाई प्रतियोगिता तमिलनाडू राज्य की राजधानी चेन्नई में 25 मई से 30 मई 2023 को आयोजन किया जाएगा है।
- -नाला के अंतर्गत 43 संरचना का किया गया निर्माण, आसपास के कुंए में लगभग तीन फिट जल स्तर की हुई वृद्धिबालोद । जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के किल्लेकोड़ा नाला को आदर्श नाला के रूप में चयन किया गया है। इस नाला के अंतर्गत ब्रशवुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन स्ट्रक्चर, आदि 43 संरचना का निर्माण किए गया है। जिससे आसपास के कुएं में लगभग तीन फिट जल स्तर में वृद्धि हुई है। इसके फलस्वरूप लगभग 13 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि रकबा में वृद्धि हुई है। इस नाला के आसपास के किसानों को आजीविका में वृद्धि हेतु क्षेत्र उपचार कार्यों को भी सम्मिलित किया गया है। नाला में बने संरचना के कारण लगभग 01 से 1.5 माह नाले के बहाव में वृद्धि हुई है। इस नाले में किए गए बेहतरीन कार्यों के फलस्वरूप किल्लेकोड़ा नाला की राज्य स्तरीय सराहना हो रही है।
- बालोद । कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा अपने दौरा कार्यक्रम के दौरान बुधवार 17 मई को मत्स्य विभाग के योजना से लाभान्वित हितग्राहियों से चर्चा करने गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम कांदुल पहुंचे। इस दौरान श्री शर्मा ने ग्राम कांदुल में संचालित जय श्री राम मछुवारा समिति के अध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह निषाद से मछली पालन व्यवसाय से होने वाली आमदानी एवं इसके कुल लागत के संबंध में जानकारी ली। मछुवा समिति के अध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह निषाद ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत के 02 हेक्टेयर तालाब में शासन की योजना का लाभ लेकर 50 प्रतिशत अनुदान में मछली बीज प्राप्त किया है। उन्होंने तालाब में 08 माह पहले विभिन्न प्रजातियों का मछली बीज डाला है। मछली बेचकर उन्होंने अब तक कुल 01 लाख 10 हजार रुपये का लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि अब तक वे कुल 900 किलोग्राम मछली की बिक्री कर चुकें है। श्री निषाद ने बताया कि उनके समिति में कुल 23 सदस्य है। साथ ही समिति का सामूहिक बैंक खाता है जिसमें पैसा जमा करने के साथ-साथ जरूरत के हिसाब से पैसा निकाला जाता है। राज्य शासन की जन कल्याणकारी योजना का लाभ लेकर उन्हें एवं उनके समिति के सदस्यों को मछली पालन व्यवसाय से अच्छी खासी आमदानी हो रही है। जिसके फलस्वरूप अपने परिवार का समूचित रूप से भरण-पोषण एवं बच्चों की शिक्षा करा पा रहे हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रेणुका श्रीवास्तव, एसडीएम श्रीमती रश्मि वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री जे.एल. उइके सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
- -कृष्ण कुंज का उचित रख-रखाव सुनिश्चित करने के दिए निर्देशबालोद । कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने विकासखण्ड मुख्यालय स्थित गुण्डरदेही में कृष्ण कुंज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओें का जायजा लिया। इस दौरान श्री शर्मा ने वन विभाग द्वारा स्थापित कृष्ण कुंज का अवलोकन कर उसके सौंदर्यीकरण, रख-रखाव, पानी की समूचित उपलब्धता, बिजली तथा कृष्ण कुंज के अवलोकन हेतु आम लोगों के आगमन के समय आदि के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को कृष्ण कुंज का नियमित निरीक्षण कर इसका उचित रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार प्रत्येक विकासखण्ड में कृष्ण कुंज स्थापित किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य औषधि एवं कीमती वानस्पतिक पेड़ लगाकर उनका संरक्षण एवं संर्वधन तथा पर्यावरण को संरक्षित भी करना है। कलेक्टर ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कृष्ण कुंज को और अधिक सौंदर्यीकरण एवं रखरखाव पर विशेष ध्यान दी जाय।इस दौरान उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुण्डरदेही का आकस्मिक निरीक्षण कर अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का पड़ताल किया। श्री शर्मा ने अस्पताल के विभिन्न कक्षों का निरीक्षण कर मौक पर उपस्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अस्पताल की व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने एवं मरीजों को समय पर जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के जीर्णोद्धार के कार्य के संबंध में जानकारी लेते हुए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता को जीर्णोद्धार कार्य को निर्धारित समयावधि में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। श्री शर्मा ने अधिकारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समय पर डाॅक्टरों की उपस्थिति, पानी की समूचित उपलब्धता, बिजली की निर्बाध आपूर्ति एवं परिसर की साफ-सफाई आदि की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने प्रसूति कक्ष का निरीक्षण कर वार्ड में भर्ती महिलाओं से बातचीत कर उनका हाल-चाल जाना और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने मौके पर उपस्थित लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को प्रसूति कक्ष में बाथरूम निर्माण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रेणुका श्रीवास्तव, एसडीएम श्रीमती रश्मि वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जे.एल. उइके सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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-महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों में खेती के लिए अनुशंसित
-गंगई, झुलसा तथा ब्लास्ट रोगों के प्रति सहनशील तथा विपुल उत्पादन देने वाली किस्म है भाव्यारायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान की नवीन उन्नत किस्म भाव्या धान को महाराष्ट्र एवं गुजरात में खेती के लिए जारी करने का निर्णय किया गया है। भारतीय धान अनुसंधान परिषद द्वारा असम कृषि विश्वविद्यालय जोरहट में आयोजित 58वीं धान अनुसंधान परियोजना की वार्षिक समूह बैठक में यह निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ भाव्या धान विपुल उत्पादन देने वाली किस्म है तथा इसके दाने मध्यम पतले होते हैं। यह किस्म गंगई एवं झुलसा रोग तथा ब्लास्ट के लिए सहनशील है। इस किस्म की उत्पादन क्षमता 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है तथा यह मध्यम अवधि (130-135 दिन) की किस्म है। राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न केन्द्रों में लगातार 3 वर्षाें तक प्रयोग के पश्चात इस किस्म को विमोचन के लिए चुना गया है। आने वाले वर्षाें में इसके बीज किसानों को खेती के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इस किस्म का विकास आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग इंदिरा गाध्ंाी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा किया गया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. गिरीश चंदेल ने इस उपलब्धि हेतु विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।