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- -उच्च जोखिम गर्भावस्था में सावधानी तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाने में महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक निभा रही हैं अहम भूमिकारायपुर । मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्रशिक्षण संस्थान (SIHFW) के सौजन्य से महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक (एलएचवी) हेतु एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के उपरांत महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) के मामलों को संभालने में पहले से अधिक दक्ष होंगी और इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।राज्य में इस तरह का यह पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों के क्षमता संवर्धन को लेकर पहल की गई है। इस अवसर पर सचिव, स्वास्थ्य श्री अमित कटारिया, आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक महामारी नियंत्रण डॉ एस के पामभोई, संयुक्त संचालक डॉ. निर्मला यादव, उप संचालक (मातृत्व स्वास्थ्य) डॉ. शैलेन्द्र अग्रवाल, उप संचालक (शिशु स्वास्थ्य) डॉ. वी. आर. भगत, यूनीसेफ से डॉ. गजेन्द्र सिंह (स्वास्थ्य विशेषज्ञ) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।उल्लेखनीय है कि यह प्रशिक्षण का प्रथम बैच था, जिसके पश्चात आगामी चरणों में 14 बैचों के माध्यम से पूरे राज्य की महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे न केवल समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की प्रथम पंक्ति में कार्यरत हैं, बल्कि संस्थागत स्वास्थ्य सेवाओं और समुदाय के मध्य एक सशक्त सेतु के रूप में भी अपनी भूमिका निभाती हैं।प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रजनन, मातृ, शिशु, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य (RMNCH) सेवाओं पर केंद्रित विषयों जैसे — एएनसी (Antenatal Care), उच्च जोखिम गर्भावस्था (HRP) की पहचान एवं प्रबंधन, पीएमएसएमए (PMSMA) कार्यक्रम, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, नवजात देखभाल तथा रेफरल समन्वय प्रणाली पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।प्रतिभागियों को समूह चर्चा, केस स्टडी एवं व्यवहारिक अभ्यास के माध्यम से अपने अनुभव साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रशिक्षण के दौरान नेतृत्व क्षमता, कार्यकुशलता एवं समुदाय से जुड़ाव को सुदृढ़ बनाने पर विशेष बल दिया गया।कार्यक्रम के समापन सत्र में पोस्ट-टेस्ट एवं फीडबैक प्रस्तुतिकरण आयोजित किया गया। प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने हेतु निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करने का संकल्प व्यक्त किया।
- रायपुर ।बस्तर क्षेत्र के युवाओं में छिपी खेल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें नया मंच देने के उद्देश्य से जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक का शुभारंभ 12 नवंबर को सुबह 11 बजे से खेलो इंडिया तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र, बड़ेकनेरा रोड में होगा। यह आयोजन 12 नवंबर से 15 नवंबर तक चलेगा, जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, कराते, वेटलिफ्टिंग, खो-खो, रस्साकस्सी, व्हॉलीबॉल, कबड्डी, बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।वरिष्ठ खेल अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम के पहले दिन 12 नवंबर को 14 से 17 आयु के बालिका वर्ग में खेलो इंडिया सेंटर, कनेरा रोड में तीरंदाजी, न्यू स्टेडियम, कनेरा रोड, नगरपालिका कोण्डागांव में एथलेटिक्स, ऑडिटोरियम के पीछे कोण्डागांव में खो-खो, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, वॉलीबॉल मैदान, कोण्डागांव में व्हालीवॉल, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, कबडडी मैदान, कोण्डागांव में कबडडी, नगर पालिका बैडमिंटन कोर्ट, ऑडिटोरियम के बाजू में बैडमिंटन और पुलिस लाइन, फुटबॉल मैदान में फुटबॉल की प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी।दूसरे दिन 13 नवंबर को 17 से अधिक आयु के महिला वर्ग में खेलो इंडिया सेंटर, कनेरा रोड में तीरंदार्जी व रस्साकस्सी, न्यू स्टेडियम, कनेरा रोड, नगरपालिका कोण्डागांव में एथलेटिक्स, जूडो हॉल, ऑडिटोरियम के पीछे कोण्डागांव में कराते व वेटलिफ्टिंग, ऑडिटोरियम के पीछे कोण्डागांव में खो-खो, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, वॉलीबॉल मैदान, में व्हॉलीबॉल, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, कबड्डी मैदान में कबड्डी, नगर पालिका बैडमिंटन कोर्ट, ऑडिटोरियम के बाजू बैडमिंटन और पुलिस लाइन, फुटबॉल मैदान में फुटबॉल की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।इसी प्रकार तीसरे दिन 14 नवंबर को 17 से अधिक आयु के पुरूष वर्ग में खेलो इंडिया सेंटर में तीरंदाजी, न्यू स्टेडियम, कनेरा रोड, नगरपालिका में एथलेटिक्स, जूडो हॉल, ऑडिटोरियम के पीछे कराते व वेटलिफ्टिंग, ऑडिटोरियम के पीछे खो-खो, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, वॉलीबॉल मैदान में व्हालीवॉल, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, कबड्डी मैदान में कबड्डी, नगर पालिका बैडमिंटन कोर्ट में बैडमिंटन और पुलिस लाइन, फुटबॉल मैदान में फुटबॉल का आयोजन होगा। इसी प्रकार 15 नवंबर को 14 से 17 आयु वर्ग के बालक वर्ग में खेलो इंडिया सेंटर में तीरंदाजी, न्यू स्टेडियम, कनेरा रोड, नगरपालिका में एथलेटिक्स, जूडो हॉल, ऑडिटोरियम के पीछे कराते व वेटलिफ्टिंग, ऑडिटोरियम के पीछे खो-खो, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, वॉलीबॉल मैदान में व्हालीवॉल, खेल परिसर बडेकनेरा रोड, कबड्डी मैदान में कबड्डी, नगर पालिका बैडमिंटन कोर्ट में बैडमिंटन और पुलिस लाइन, फुटबॉल मैदान में फुटबॉल के प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।
- रायपुर । जब हमारे विद्यालय का चयन प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) योजना के अंतर्गत हुआ। जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शी पहल है। तब यह हमारे लिए विकास, नवाचार और सर्वांगीण परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत थी। यह कहानी दुर्ग जिले में स्थित नगपुरा स्कूल की है मोदी जी के इस प्रेरक विज़न ने हमें ऐसा वातावरण बनाने के लिए प्रेरित किया जहाँ अनुभवात्मक अधिगम, सतत विकास और उत्कृष्टता को समान महत्व दिया जाता है।विद्यालय के प्राचार्य श्री बसंत कुमार यादव ने बताया कि आधुनिक स्मार्ट क्लासरूम, सुसज्जित विज्ञान एवं कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ और रचनात्मक शिक्षण कोने (Learning Corners) ने शिक्षण को अधिक रोचक और विद्यार्थी-केंद्रित बना दिया है। विद्यालय परिसर अब पूर्णतः पर्यावरण-मित्र (Eco&Friendly) बन चुका है। कचरा पृथक्करण, वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा संयंत्र और वृक्षारोपण जैसे कार्यों से हरियाली और स्वच्छता को बढ़ावा मिला है। हरित पहल (Harit Pahal) के अंतर्गत विद्यार्थी सक्रिय रूप से वृक्षारोपण, कचरा प्रबंधन, एवं स्वच्छता अभियानों में भाग लेते हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित हो रही है।विद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप गतिविधि-आधारित, जिज्ञासा-आधारित एवं अनुभवात्मक शिक्षण पद्धतियाँ अपनाई हैं । यह वही दिशा है जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नये भारत की शिक्षा के रूप में देखा है। शिक्षकों ने PM SHRI प्रशिक्षण एवं Exposure Visits के माध्यम से नवीन शिक्षण तकनीकें सीखी हैं। डिजिटल उपकरणों, कला-समेकित शिक्षण और परियोजना-आधारित अधिगम ने विद्यार्थियों की सृजनशीलता और समस्या समाधान क्षमता को बढ़ाया है। विद्यालय में शिक्षण पद्धति में सकारात्मक बदलाव आया है, जिससे कक्षा-कक्ष अधिक आनंदमय और सहभागितापूर्ण बने हैं।खेल, योग, कला, संगीत और जीवन-कौशल कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास किया जा रहा है। शैक्षणिक भ्रमण (Exposure Visits) एवं शैक्षिक यात्राएँ विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन से जोड़ती हैं और आत्मविश्वास बढ़ाती हैं। समुदाय एवं अभिभावक सहभागिता विद्यालय और समुदाय के बीच अब एक सशक्त संबंध स्थापित हुआ है। शाला विकास समिति SMC और स्थानीय ग्रामीण अब विद्यालय की योजनाओं एवं गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। अभिभावक-शिक्षक बैठकें, जागरूकता रैलियाँ और स्वच्छता अभियान ने विद्यालय को एक सामुदायिक विकास केंद्र बना दिया है। इस सहभागिता से नामांकन में वृद्धि, उपस्थिति में सुधार और अभिभावकों का विद्यालय के प्रति विश्वास बढ़ा है।कक्षा 10वीं में शत-प्रतिशत परिणाम (सत्र 2024-25) नामांकन में वृद्धि वर्ष 2024 में 986 से बढ़कर 2025 में 1028 विद्यार्थी। विद्यार्थियों ने जिला स्तर (दुर्ग) पर प्रथम स्थान और राज्य स्तर पर छठवाँ स्थान प्राप्त किया। विद्यालय को “मॉडल पर्यावरण-मित्र एवं नवाचारी परिसर” के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ। पुरस्कार एवं विशिष्ट उपलब्धियाँ हमारे विद्यार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों में विद्यालय का गौरव बढ़ाया जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं (एथलेटिक्स, वॉलीबॉल, कबड्डी आदि) में उत्कृष्ट प्रदर्शन। सह-शैक्षणिक प्रतियोगिताओं जैसे चित्रकला, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी आदि में प्रथम स्थान। विद्यार्थियों का चयन वीर गाथा (Veer Gatha) पहल में, जहाँ उन्होंने अपने देशप्रेम और सृजनशीलता का परिचय दिया। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में कला, संस्कृति एवं नवाचार परियोजनाओं में सम्मान प्राप्त। शिक्षकों को नवाचारी शिक्षण पद्धति एवं शैक्षणिक नेतृत्व के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया।आगामी वर्षों में हमारा PM SHRI विद्यालय निम्नलिखित लक्ष्यों की ओर अग्रसर रहेगा STEM एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित प्रयोगशालाओं की स्थापना, ताकि विद्यार्थी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के Digital India विज़न से जुड़ सकें। विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास केंद्र (Skill Hub) की स्थापना, जिससे जीवन-कौशल और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा मिले। की स्थापना जिससे जीवन-कौशल और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा मिले। शून्य अपशिष्ट (Zero Waste) एवं जैविक जैसी पर्यावरणीय पहलों का विस्तार देना। अन्य PM SHRI एवं अंतरराष्ट्रीय विद्यालयों के साथ वर्चुअल सहयोग द्वारा वैश्विक exposure कार्यक्रम प्रारंभ करना। सभी विद्यार्थियों के लिए 100 समावेशन, 100 प्रतिशत परिणाम और 100 प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करना।
- रायपुर। गृहणी श्रीमती रीता मिश्रा के लिए अपने घर में ’रूफटॉप सोलर पावर प्लांट’ लगाना एक समझदारी भरा निर्णय रहा। इससे पहले हर महीने आने वाले भारी भरकम बिजली बिलों से उनके घर का बजट गड़बड़ा जाता था। परन्तु सोलर पॉवर प्लांट लग जाने से उनके घर का बिजली बिल जैसे श्जीरोश् की श्रेणी में आ गया है। वे मानती है कि इससे उन्हें काफी राहत मिली। वर्तमान में आधुनिक जीवन शैली के अनुरूप हर घर में इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता सामग्रियों जैसे टीवी, कूलर, फ्रिज, पंखे, एयरकडीशनर, इलेक्ट्रिक आयरन, कम्प्यूटर, के चलते बिजली की अधिक खपत होना आम बात हो गई है। जाहिर है इनकी वजह से बढ़े हुए बिजली बिल उपभोक्ताओं के जेब और पर्स ही हल्का कर रही है।दंतेवाड़ा की जीएडी कॉलोनी में रहने वाली श्रीमती रीता मिश्रा ने कहा कि बढती बिजली बिल से राहत के तौर पर उपभोक्ताओं के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एक बेहतरीन विकल्प प्रस्तुत करती है। इस योजना के लिए हितग्राहियों को राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा न केवल आकर्षक अनुदान दिया जा रहा है बल्कि इसके जरिये उपभोक्ता अतिरिक्त उत्पादित बिजली को बेचकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकेगा। इस तरह प्रदेश और देश के लिए उर्जादाता भी बन सकेगा।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु राज्य शासन द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था कि हितग्राहियों को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाए। राज्य सरकार की वित्तीय सहायता केंद्रीय वित्तीय सहायता के अतिरिक्त होगी। राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली अतिरिक्त वित्तीय सहायता के पश्चात 1 किलोवाट पर 45,000 रुपए, 2 किलोवाट तथा 3 किलोवाट पर 90,000 रुपए और उससे अधिक क्षमता के सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर मिलने वाली कुल सहायता की राशि 1,08,000 रुपए हो जाएगी।ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया है सुविधाजनकपीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत उपभोक्ताओं को सर्वप्रथम पीएम सूर्य घर के पोर्टल पर जाकर पंजीयन कराना होगा। पोर्टल में पहले राज्य का चुनाव और बिजली वितरण कंपनी को चुनने के बाद अपना उपभोक्ता नम्बर और मोबाईल नंबर डालकर मेल करना होगा। इस तरह लॉगिन करने के बाद ’रूफटॉप सोलर पावर प्लांट’ का आवेदन की प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी होगी। इसी पोर्टल में हितग्राहियों को अनुमोदन प्राप्त होगा और पंजीकृत वेंडरों के नाम भी आ जाएगें। इस प्रकार इंस्टॉलेशन पूरी होने के बाद उसी पोर्टल में पीएम सूर्य घर का विवरण भेज कर नेट मीटर के लिए आवेदन करना है। इसके साथ ही आगे का पूरा काम विद्युत वितरण कंपनी एवं वेडरों द्वारा किया जाएगा। इस तरह हितग्राहियों को सब्सिडी और छत पर लगा बिजली घर सक्रिय हो जाएगा। भारत सरकार ने इस योजना के लिए बैंकों से 6.5 से लेकर 7 प्रतिशत ब्याज दर ऋण उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की है।उल्लेखनीय है कि हितग्राही श्रीमती रीता मिश्रा और उनके पति श्री अशोक मिश्रा अपने घर की छत पर ’रूफटॉप सोलर पावर प्लांट’ लग जाने से खुश है श्री मिश्रा बताते है कि इसके लिए उन्हें कोई दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़े और न ही बैंक लोन के लिए भागदौड़ करना पड़ा सभी कार्य बिजली वितरण कंपनी एवं वेंडरों द्वारा किया गया। विशेष इससे पहले वे शासन की किसी भी योजना में शामिल नहीं थे, लेकिन पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से जुड़ना उनका एक अहम फैसला रहा। चूंकि भारत सरकार भी शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन नीति को लेकर गंभीर है। अतः हर जिम्मेदार नागरिकों को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से लाभान्वित होना चाहिए।
- -प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगभग 2000 करोड़ रुपए की योजनाओं और हितग्राहियों हेतु नवीन आबंटी पोर्टल का भी होगा शुभारंभ-छत्तीसगढ़ स्थापना के रजत जयंती वर्ष में गृह निर्माण मंडल करेगा राज्य स्तरीय आवास मेले का आयोजन-राजधानी रायपुर में 23 से 25 नवम्बर तक होगा राज्य स्तरीय आवास मेलारायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती वर्ष मना रहा है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा प्रदेशवासियों को सुलभ और किफायती आवास उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जा रही है।आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा राजधानी रायपुर के बी.टी.आई. ग्राउंड, शंकर नगर में 23 से 25 नवम्बर 2025 तक राज्य स्तरीय आवास मेला आयोजित किया जाएगा।इस मेले में प्रदेशभर की आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों की विस्तृत जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध होगी। साथ ही, आवासीय योजनाओं की स्पॉट बुकिंग सुविधा, बैंक ऋण सहायता तथा पंजीकरणकर्ताओं के लिए आकर्षक उपहार जैसी विशेष व्यवस्थाएँ भी की जाएँगी।इस दौरान हाउसिंग बोर्ड द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगभग 2000 करोड़ रुपए की नई आवासीय योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा। इन योजनाओं में लगभग 70 प्रतिशत आवासीय संपत्तियाँ समाज के कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित रहेंगी।हाल ही में सम्पन्न राज्योत्सव-2025 के दौरान गृह निर्माण मंडल ने नवा रायपुर स्थित मेला स्थल पर अपनी विभिन्न योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई थी, जिसे नागरिकों का भरपूर प्रतिसाद मिला। हजारों आगंतुकों ने हाउसिंग बोर्ड के स्टॉल का भ्रमण कर संपत्तियों में गहरी रुचि दिखाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भी स्टॉल का अवलोकन कर हाउसिंग बोर्ड के कार्यों की सराहना की थी।आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य हर परिवार को अपना पक्का घर उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा आयोजित यह राज्य स्तरीय आवास मेला प्रदेशवासियों के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि वर्ष 2027 तक प्रत्येक परिवार के पास अपना पक्का छत हो।छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव ने बताया कि राज्योत्सव में जनता से मिला उत्साहजनक प्रतिसाद इस बात का प्रमाण है कि लोगों का हाउसिंग बोर्ड की योजनाओं पर विश्वास लगातार बढ़ रहा है। राज्य स्तरीय आवास मेले के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों को एक ही मंच पर सभी योजनाओं की जानकारी, आवेदन और बुकिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में हाउसिंग बोर्ड ने कई जनहितैषी योजनाएँ प्रारंभ की हैं, जिनमें वन टाइम सेटलमेंट योजना-2 विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसके अंतर्गत भवन मूल्य में 30 प्रतिशत तक की छूट देकर आमजन को किफायती दरों पर पक्का मकान उपलब्ध कराया गया है।छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का यह राज्य स्तरीय आवास मेला प्रदेश की आवासीय विकास यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा। छत्तीसगढ़ स्थापना के रजत जयंती वर्ष में यह आयोजन “सबके लिए आवास” के लक्ष्य की दिशा में एक सार्थक और ऐतिहासिक पहल सिद्ध होगा।"प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र को साकार करने की दिशा में छत्तीसगढ़ तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। गृह निर्माण मंडल द्वारा दो हजार करोड़ रुपए की नई आवासीय योजनाओं का शुभारंभ प्रदेश की आवासीय विकास यात्रा में नया अध्याय जोड़ेगा और समाज के कमजोर वर्गों से लेकर मध्यम आय वर्ग तक के परिवारों को किफायती दरों पर सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराएगा। राज्य स्तरीय आवास मेला केवल घरों का नहीं, बल्कि सपनों को आकार देने का उत्सव है - जहाँ हर परिवार अपने भविष्य की नई नींव रखेगा। - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
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-गुरु खुशवंत साहेब ने शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर दी शुभकामनाएं
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री एवं सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब जी से सोमवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथैरेपिस्ट एवं स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ सुश्री आकांक्षा सत्यवंशी ने उनके नवीन आवास नवा रायपुर में सौजन्य भेंट की। भेंट के दौरान आकांक्षा सत्यवंशी ने गुरुगद्दी की पूजा-अर्चना कर गुरु खुशवंत साहेब को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर गुरु खुशवंत साहेब ने भी परंपरानुसार शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर आकांक्षा को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक विश्वकप जीत में उनके अमूल्य योगदान के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।गुरु खुशवंत साहेब जी ने कहा कि आकांक्षा सत्यवंशी ने अपने परिश्रम, लगन और निष्ठा से यह सिद्ध किया है कि यदि प्रतिभा को अवसर मिले तो वह विश्व मंच पर भी छत्तीसगढ़ और भारत का नाम रोशन कर सकती है। वे न केवल छत्तीसगढ़ की बेटी हैं, बल्कि सतनामी समाज की भी गौरव हैं। उन्होंने आगे कहा कि आकांक्षा जैसी बेटियाँ छत्तीसगढ़ की नई दिशा और समाज की प्रेरणा हैं, जो यह संदेश देती हैं कि समर्पण और शिक्षा के बल पर हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। सतनामी समाज और छत्तीसगढ़ की हर बेटी में असीम ऊर्जा और प्रतिभा है, हमें उन्हें अवसर, सम्मान और मंच देना होगा ताकि वे विश्व स्तर पर समाज और प्रदेश का गौरव बढ़ा सकें। गुरु खुशवंत साहेब ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार खेल एवं युवा सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में खेल अकादमियों, खेल विज्ञान केंद्रों और आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, ताकि हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। इस अवसर पर मंत्री एवं गुरु खुशवंत साहेब ने आकांक्षा सत्यवंशी से आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों से प्रदेश के खिलाड़ियों, विशेषकर बेटियों को खेल और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन दें, जिससे राज्य और समाज दोनों का नाम गौरवान्वित हो। मंत्री गुरु खुशवंत साहेब जी ने आकांक्षा सत्यवंशी जी को छत्तीसगढ़ सरकार, सतनामी समाज और प्रदेश की जनता की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। - रायपुर,। जशपुर जिले के मायाली पर्यटन स्थल में 06 से 09 नवम्बर 2025 तक आयोजित जम्बूरी महोत्सव एवं बिहान क्षेत्रीय सरस मेले में कोरिया जिले के ‘कोरिया अमृत’ ब्रांड ने अपनी विशिष्ट पहचान दर्ज कराई। मेले में कोरिया जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक और पौष्टिक उत्पादों ने खरीदारों का ध्यान आकर्षित करते हुए बिक्री में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।मेले में कोरिया अमृत मोदक लड्डू, कोरिया अमृत अचार एवं सुगंधित चावल सहित विभिन्न उत्पादों की मांग विशेष रूप से बढ़ी। स्वाद, गुणवत्ता और घर की पारंपरिक विधि से निर्मित होने के कारण खरीदारों ने इन उत्पादों की जमकर प्रशंसा की।ग्राम पंचायत आनी के ज्योति एवं माँ शारदा महिला स्व-सहायता समूह ने कोरिया अमृत मोदक लड्डू बेचकर 45,000 रुपए का व्यवसाय किया। ग्राम पंचायत छिंदिया के जागृति महिला स्व-सहायता समूह ने कोरिया अमृत अचार की बिक्री द्वारा 24,000 रुपए से अधिक की आय अर्जित की। महिला युग एफ.पी.सी. द्वारा सुगंधित चावल की बिक्री से 12,000 रुपए का कारोबार हुआ। इस प्रकार 80 हजार रूपए से अधिक की बिक्री दर्ज की गई, जो कोरिया जिले इन महिलाओं को आत्मविश्वास को और मजबूत किया है।मेले में कमिश्नर सरगुजा, कलेक्टर जशपुर सहित अन्य अधिकारियों ने ‘कोरिया अमृत’ स्टॉल का निरीक्षण करते हुए उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना की तथा स्वयं खरीदारी भी की। इससे समूहों का उत्साह और भी बढ़ा।कोरिया कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में कोरिया जिले के महिला स्व-सहायता समूहों को विपणन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग से जोड़कर नए बाजार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कोरिया की महिलाएँ अब ‘लखपति दीदी‘ बनने की दिशा में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं।
- महाराष्ट्र मंडल और वरिष्ठ नागरिक मंच ‘सहयोग’ ने आयोजित किया ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’रायपुर। वृद्धावस्था में हड्डियों में दर्द की परेशानी होनी आम बात है, ऐसा नहीं कि यह सिर्फ हमारी लापरवाही के कारण होता है। समय के साथ यह होना स्वाभाविक प्रक्रिया है। क्योंकि एक उम्र के बाद हमारा सिस्टम स्लो हो जाता है। इंग्लैड की रिटायरमेंट व्यवस्था के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वहां रिटायरमेंट के बाद शासन की ओर से तीन चीजें मिलती है। पहला पेंशन, दूसरा बस का फ्री ट्रैवल पास और वो बड़े से बंगलो में शिफ्ट हो जाते है। ऐसा इसलिए कि जीवन चलाने के लिए पेंशन चाहिए। वहां की सरकार का मानना है कि कि रिटायरमेंट के बाद आपको वाहन नहीं चलाना चाहिए सुरक्षित रहने के लिए आप बस में सफर करें। और बंगला इसलिए क्योंकि बंगले में स्टेय़र यानी सीढ़ी नहीं होती। सबकुछ बुजुर्गों के अनुसार होता है। बड़ा कमरा, बड़ा हाल, बड़ा गार्डन। वहां के बच्चों को स्कूल छोड़ने माता-पिता जाते है और उन्हें लेने के लिए दादा-दादी या नाना-नानी आते है। ताकि वो अपना अनुभव बच्चों के साथ बांट सके। उक्ताशय के विचार वीवाय हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद जोशी ने व्यक्त किए। वे महाराष्ट्र मंडल और वरिष्ठ नागरिक मंच ‘सहयोग’ के संयुक्त तत्वावधान में मंडल में आयोजित ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’ को संबोधित कर रहे थे।डॉ. आनंद जोशी ने आगे कहा कि रिटायरमेंट बाद अगर आप घर पर अकेले रहते है तो घर में थोड़े बदलाव जरूर कीजिए। जैसे हाल में अनावश्यक चीजों को हटा दें। क्योंकि उम्र के साथ हमारे घुटनों में दर्द होता है, इसलिए हेंडल वाली कुर्सियों का इस्तेमाल करें, ताकि उठने में परेशानी न हो। बाथरूम में पर्याप्त लाइट होनी चाहिए। क्योंकि उम्र के साथ आंखों भी कमजोर हो जाती है। बाथरूम में अधिक पानी का इस्तेमाल मत कीजिए। नहाने के लिए सीटिंग शावर का इस्तेमाल करें।डॉ. आनंद जोशी ने आगे कहा कि उम्र के इस पड़ाव में नींद न आने बड़ी समस्या होती है। पश्चिम के देशों में सुबह के बजाए शाम को नहाने का प्रचलन है। वे लोग शाम को गुनगुने पानी में नहाते है। ताकि नींच अच्छी आए। अपने कमरे में टीवी बिल्कुल न रखें। अगर फिर भी नहीं नहीं आती है कि पुस्तक पढ़े। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी। सुबह उठने के बाद तत्काल फुर्ती के साथ बाथरूम न जाए। बेड पर ही 10 तक गिनती गिने या वैदिक मंत्रों का पाठ करें फिर धीरे से उठकर लाइट जलाकर ही बाथरूम जाए। उम्र के इस पड़ाव में बाथरूम में गिरने के मामले ज्यादा आते है। कमोड के पास हैंडल लगवाए ताकि उठन में परेशानी न हो। अपने दैनिक दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव कर हम अपने दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन, जल संसाधन विभाग द्वारा कोरिया जिले के विकासखण्ड-बैकुण्ठपुर की छरछा जलाशय योजना के बांध एवं नहर के नवीनीकरण एवं वाटर कोर्स के निर्माण कार्य हेतु तीन करोड़ 31 लाख 2 हजार रूपए स्वीकृत किए है। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से योजना के कार्य कराने मुख्य अभियंता, हसदेव गंगा कछार, जल संसाधन विभाग अंबिकापुर को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
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-डिस्प्ले होंगे धान उपार्जन केंद्रों में कॉल सेंटर के नंबर
-अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा ने बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा की
रायपुर। आगामी 15 नवम्बर से प्रारंभ हो रही धान खरीदी की तैयारियों को लेकर आज रेडक्रॉस सभाकक्ष कलेक्ट्रेट में अपर मुख्य सचिव एवं रायपुर जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा ने समीक्षा बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों में सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण हों ताकि कृषकों को धान विक्रय में किसी प्रकार की समस्या न हो। किसानों को सुगमता से धान विक्रय की सुविधा मिले और भुगतान जल्द किया जाए। प्रभारी सचिव श्रीमती शर्मा ने कहा कि कोचियों एवं अवैध धान विक्रय-परिवहन पर निगरानी रखे एवं सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। खरीदी में धान की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए तथा तेजी से धान का उठाव सुनिश्चित हो। उन्होंने निर्देश दिए कि स्टेकिंग धान की किस्म के अनुसार सही तरीके से की जाए। श्रीमती शर्मा ने सभी उपार्जन केंद्रों में कॉल सेंटर के नंबर चस्पा किए जाने के निर्देश दिए, ताकि कृषक किसी भी समस्या की जानकारी तत्काल दे सकें और उसका निराकरण समयबद्ध रूप से किया जा सके।बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए रायपुर जिले में कुल 1,34,037 किसान पंजीकृत हैं और 1,26,921 हेक्टेयर क्षेत्र में धान का रकबा है। जिले में 139 उपार्जन केंद्र है। जिला स्तरीय कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें जिला एवं ब्लॉक स्तरीय दल एवं उड़नदस्ता का गठन किया गया है। रायपुर जिले में अवैध धान परिवहन रोकने के लिए 5 चेक पोस्ट बनाए गए हैं तथा 43 कर्मियों की तैनाती उड़नदस्ते में की गई है। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील केंद्रों का चिन्हांकन कर प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही तहसीलदार की अध्यक्षता में गुणवत्ता जांच दल का गठन एवं बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- रायपुर ।राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन‘ ने ग्रामीणों के जीवन में बदलाव हो रही है। अब घर पर ही शुद्ध पेयजल मिलने से महिलाएं अपनी कामकाज को और बेहतर तरीके से सम्हाल रही हैं।इसी कड़ी में मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम छतौड़ा निवासी श्रीमती बिन्दु कुमारी के जीवन में भी बदलाव आया है। अब घर पर ही शुद्ध पेयजल मिलने से पीने के पानी के लिए परेशानी नहीं हो रही है। समय का भी बचत हुआ है। इससे श्रीमती बिन्दु कुमारी अपने बच्चों के पढ़ाई-लिखाई में भी समय दे पा रही है, वहीं घरेलू कामकाज में भी हाथ बता पा रही है। काम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत संचालित इस जनकल्याणकारी मिशन ने जिले के सुदूर ग्राम पंचायत नौगई के ग्राम छतौड़ा की निवासी बिंदु कुमारी जैसी अनेक महिलाओं के जीवन में नई रोशनी जगाई है।कुएँ से नल तक-कठिनाई से सुविधा तक का सफरबिंदु कुमारी बताती हैं कि कुछ वर्ष पहले तक ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित पानी के लिए कई किलोमीटर दूर स्थित कुएँ और हैंडपंपों तक जाना पड़ता था। यह कार्य न केवल समय लेने वाला था, बल्कि विशेषकर गर्मी के मौसम में यह एक बड़ी चुनौती बन जाता था। महिलाओं को रोजाना कई बार सिर पर मटके उठाकर पानी लाना पड़ता था जिससे न केवल थकान होती थी, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता था। लेकिन जब से ‘हर घर नल से जल योजना‘ ग्राम छतौड़ा में लागू हुई है, अब यह कठिनाई अतीत की बात बन गई है। अब बिंदु कुमारी के घर में ही नल से शुद्ध पेयजल की निरंतर आपूर्ति होती है। वे प्रसन्नतापूर्वक कहती हैं कि अब हमें पानी लाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। बच्चों की पढ़ाई के लिए समय मिलता है और घर का कामकाज भी आसानी से होता है।जल जीवन मिशन-स्वच्छता और स्वास्थ्य की नई राहयह योजना न केवल सुविधा दे रही है बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में भी ऐतिहासिक परिवर्तन ला रही है। पहले जहां दूषित जल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता था, वहीं अब नल से मिलने वाले स्वच्छ पेयजल ने इन समस्याओं को काफी हद तक समाप्त कर दिया है। बिंदु कुमारी बताती हैं कि अब उनके बच्चों को पेट से जुड़ी बीमारियाँ नहीं होतीं और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ महसूस करते हैं। गाँव की महिलाएँ भी अब इस योजना को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानती हैं।समय, श्रम और आत्मनिर्भरता-तीनों का रहा संगमजल जीवन मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को समय और श्रम दोनों से राहत दी है। पहले जहाँ रोजाना पानी लाने में दो से तीन घंटे व्यर्थ होते थे, वहीं अब यह समय महिलाएँ अपने घर, बच्चों और आजीविका से जुड़े कार्यों में लगा पा रही हैं। यह परिवर्तन ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति ग्रामीणों का आभारग्राम छतौड़ा की बिंदु कुमारी सहित सभी ग्रामीण इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। बिंदु कुमारी कहती हैं कि यह योजना केवल हमारे घरों में पानी नहीं लाई, बल्कि हमारे जीवन में आत्मनिर्भरता, स्वच्छता और स्वास्थ्य का संदेश भी लाई है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी ने हमें जो सौगात दी है, वह हमारे भविष्य को नई दिशा दे रही है।जल जीवन मिशन-‘हर घर जल’ का सपना हुआ साकारएमसीबी जिले में जल जीवन मिशन ने अब तक हजारों घरों तक नल कनेक्शन पहुँचाकर ग्रामीण जीवन की दिशा और दशा दोनों को बदला है। यह मिशन न केवल एक सरकारी योजना है, बल्कि ‘नए भारत‘ के उस विजन का प्रतीक है, जहाँ हर नागरिक को स्वच्छ जल, स्वस्थ जीवन और सम्मानपूर्ण अस्तित्व प्राप्त हो। ग्राम छतौड़ा की बिंदु कुमारी जैसी अनगिनत कहानियाँ आज इस मिशन की सफलता का प्रमाण हैं, जो यह दर्शाती हैं कि जब संकल्प नेतृत्व और जनभागीदारी साथ आती है, तो परिवर्तन निश्चित होता है।
- रायपुर । आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में लापरवाही बरतने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एल.आर. कच्छप ने तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई बाल विकास परियोजना मुकड़ेगा अंतर्गत संचालित केंद्रों के औचक निरीक्षण के बाद की गई।निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र लिबरा में बच्चों की उपस्थिति अत्यंत कम पाई गई तथा केंद्र परिसर में स्वच्छता का अभाव देखा गया। वहीं आंगनबाड़ी केंद्र कमरगा और मुडापारा निरीक्षण के समय पूर्णतः बंद पाए गए। इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने गंभीरता बरतते हुए संबंधित कार्यकर्ताओं को 5 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण हो तथा बच्चों को समय पर पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
- रायपुर। श्रमिकों को सरकार की योजनाओं को लाभ दिलाने के लिए पंजीयन एवं नवनीकरण की प्रक्रिया जारी है। कोण्डागांव जिले के विभिन्न विकासखण्डों में श्रम विभाग के द्वारा मोबाइल कैम्प लगाकर श्रमिकों का पंजीयन, नवीनीकरण एवं योजनाओं का आवेदन प्राप्त कर निराकरण किया जाएगा। पंजीयन, नवीनीकरण हेतु आवश्यक मूल दस्तावेज आधारकार्ड (परिवार के सभी सदस्यों का), राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाईल साथ लाना होगा एवं असंगठित कर्मकार के पंजीयन हेतु आय प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य है। श्रम पदाधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रमिक पंजीयन हेतु मोबाईल कैम्प का आयोजन फरसगांव विकासखण्ड में 13 नवंबर 2025 को ग्राम सिंगारपुरी में, केशकाल विकासखण्ड के ग्राम निराछिंदली में और बड़ेराजपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम छोटेमालगांव में, 19 नवंबर 2025 को फरसगांव विकासखण्ड के ग्राम गट्टीपलना में, केशकाल विकासखण्ड के ग्राम प्रधानचेर्रा में और बड़ेराजपुर विकासखण्ड के ग्राम खल्लारी में किया जाएगा।इसी प्रकार 21 नवंबर 2025 को माकड़ी विकासखण्ड के ग्राम एरला, हिरापुर और इंगरा में, फरसगांव विकासखण्ड के ग्राम पाण्डेआठगांव में, केशकाल विकासखण्ड के ग्राम कोहकामेटा में और बड़ेराजपुर विकासखण्ड के ग्राम गम्हरी में शिविर का आयोजन किया जाएगा। वहीं 24 नवंबर को फरसगांव विकासखंड के ग्राम चिचाड़ी में, केशकाल विकासखंड के ग्राम एटेकोन्हाड़ी और बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम जोड़ेकेरा में आयोजित किया जाएगा। इसी प्रकार 27 नम्बर को कोण्डागांव विकासखंड के ग्राम कुलझर, ग्राम उमरगांव ब, ग्राम सिंगनपुर में आयोजित किए जायेंगे। फरसगांव विकासखंड के ग्राम पासंगी, केशकाल विकासखंड के ग्राम माझीचेर्रा व बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम बड़बत्तर में आयोजित किए जायेंगे। 1 दिसंबर को फरसगांव विकासखंड के बानगाँव, केशकाल विकासखंड के ग्राम जामगांव और बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम पीढ़ापाल में आयोजित होगी। इसी प्रकार 4 दिसम्बर को कोण्डागांव विकासखंड अंतर्गत जामपदर/फ़ॉरेस्ट कॉलोनी वार्ड कोंडागांव, कोपाबेड़ा वार्ड कोंडागांव एवं मरारपारा/रोजगारी पारा वार्ड कोंडागांव, वहीं फरसगांव विकासखंड के ग्राम चांदागाँव, केशकाल विकासखंड के ग्राम गौरगांव और बड़ेराजपुर विकासखंड के ग्राम तितरवण्ड में श्रमिक पंजीयन हेतु मोबाईल कैम्प का आयोजन किया जाएगा।
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- वित्त विभाग से कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख परियोजनाओं को मिली प्रशासकीय स्वीकृति
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले के अंतर्गत विधानसभा कुनकुरी में विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्त विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति और सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। वित्त विभाग ने तुमला से मेडर (ओडिशा सीमा) तक 12.80 किलोमीटर लंबे सड़क निर्माण कार्य के लिए ₹27.73 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इस मार्ग के बन जाने से सीमावर्ती गांवों की कनेक्टिविटी सुधरेगी और व्यापारिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बल मिलेगा।इसी प्रकार, विकासखंड कांसाबेल की मैनी नदी पर बगिया बैराज सह दाबयुक्त उद्वहन सिंचाई योजना के लिए ₹79.38 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना से किसानों को सिंचाई की स्थायी सुविधा उपलब्ध होगी तथा कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। कुनकुरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए वित्त विभाग ने नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु ₹359 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है। इससे आदिवासी अंचल के युवाओं को चिकित्सा शिक्षा और स्थानीय नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी। साथ ही, विकासखंड फरसाबहार की कोकिया व्यपवर्तन योजना के लिए ₹16.17 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे सिंचाई और जल प्रबंधन की दिशा में क्षेत्र को दीर्घकालिक लाभ होगा। - -अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस समारोह में NACHA बे एरिया चैप्टर बना सहभागी-प्रवासी छत्तीसगढ़वासी राज्य के सांस्कृतिक राजदूत, छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विश्व में दे रहे पहचान - मुख्यमंत्री विष्णु देव सायरायपुर/ अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोक-कला ने विदेश की भूमि पर अपनी विशेष छाप छोड़ी। इस कार्यक्रम में NACHA (North America Chhattisgarh Association) के बे एरिया चैप्टर ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उन्होंने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य को समर्पित एक आकर्षक स्टॉल लगाया, जिसमें राज्य के विशिष्ट उत्पादों, हस्तशिल्प, लोककला और पारंपरिक आभूषणों का सुंदर प्रदर्शन किया गया। इस स्टॉल के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति और हस्तशिल्प की विविधता को प्रदर्शित किया गया, जिसे उपस्थित अतिथियों ने अत्यंत सराहा।कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य का मनमोहक प्रदर्शन, जिसने वहां मौजूद भारतीय प्रवासी समुदाय और अन्य देशों के प्रतिनिधियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में प्रस्तुत यह लोकनृत्य न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि उसने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति की आत्मा को भी सजीव कर दिया।NACHA के सदस्यों ने बताया कि उनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की संस्कृति, भाषा और लोक परंपरा को विश्व के विभिन्न हिस्सों तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि प्रवासी छत्तीसगढ़वासी अपने मूल राज्य की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इस आयोजन ने उन्हें अपनी जड़ों से भावनात्मक रूप से जोड़ने का एक सशक्त अवसर प्रदान किया।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने NACHA बे एरिया चैप्टर के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि उनका यह प्रयास छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपराओं को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी छत्तीसगढ़वासी राज्य के “सांस्कृतिक राजदूत” हैं, जो अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए छत्तीसगढ़ की अस्मिता, संस्कृति और मूल्यों को पूरी दुनिया में स्थापित कर रहे हैं।
- -बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता का आयेाजन जशपुर में 12 से 15 नवम्बर तकरायपुर । राज्य शासन के निर्देशानुसार राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता 2025-26 का आयोजन जशपुरनगर में किया जाएगा। यह आयोजन 12 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025 तक स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय जशपुर में किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में दुर्ग, दंतेवाड़ा, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, रायगढ़, कांकेर, रायपुर एवं कवर्धा सहित कुल 9 जोन के प्रतिभागी बच्चे एवं बी.एड., डी.एड. के प्रशिक्षु शिक्षक सम्मिलित होंगे। कुल 427 प्रतिभागी इस राज्य स्तरीय आयोजन में भाग लेंगे।प्रतियोगिता में बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के साथ-साथ पश्चिम भारत विज्ञान मेला, विज्ञान नाटिका, प्रश्न मंच, विज्ञान संगोष्ठी तथा विज्ञान क्लब प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। कलेक्टर कार्यक्रम के सुचारु संचालन हेतु अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री अभिषेक कुमार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जशपुर होंगे, वहीं सहायक नोडल अधिकारी के रूप में श्री प्रदीप कुमार साहू अपर कलेक्टर जशपुर और श्री प्रशांत कुमार कुशवाहा डिप्टी कलेक्टर कार्य करेंगे। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन नोडल अधिकारी के समन्वय से सुनिश्चित करें, जिससे कि राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता का आयोजन सुचारु, सफल और गरिमामय रूप से संपन्न हो।कलेक्टर जशपुर ने कहा कि इस आयोजनों का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, नवाचार की भावना, तार्किक सोच, समस्या समाधान की क्षमता तथा शोध अभिरुचि को विकसित करना है। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के लिए एक प्रतिस्पर्धात्मक मंच प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें विज्ञान के प्रति जागरूकता और समाज में वैज्ञानिक सोच के प्रसार हेतु प्रेरित करेगा। उन्होंने बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
- रायपुर ।प्रकृति की गोद में बसा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है, पर इसके पहाड़ी एवं वनों से आच्छादित भूभाग से यहां पेयजल संकट कई बार गहरा जाता था। नवीन जिला बनने के बाद हर घर तक पेयजल पहुंचाने के लिए जिले में किए जा रहे कार्यों ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। जल जीवन मिशन एवं अन्य परि योजनाओं के माध्यम से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर नल से शुद्ध पेयजल सुविधा पहुंचाने का कार्य तेजी से हुआ है। वर्ष 2022 में जिले में कुल 4747 हैंडपंप क्रियाशील थे, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 4804 हो गए। इस अवधि में 57 नए हैंडपंप की स्थापना की गई और 240 नलकूपों का खनन आधार स्रोत के रूप में किया गया। हैंडपंप योजनाओं से लाभान्वित ग्रामों की संख्या भी 55 से बढ़कर 207 हो गई।नल जल योजनाओं के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई, जहाँ वर्ष 2022 में 229 योजनाएं संचालित थीं, वहीं वर्ष 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 500 हो गई। इन योजनाओं से लाभान्वित परिवारों की संख्या अब 14 हजार बढ़कर 48 हजार तक पहुँच गई। जिससे जिले के हजारों परिवारों को अब घर-घर नल से स्वच्छ पेयजल मिल रहा है।जिले के 126 ग्राम हर घर जल पहुंच रहा है एवं 114 ग्राम हर घर जल प्रमाणित हो चुके हैं। सोलर ड्यूल पंप योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 में 262 पंप स्थापित थे, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 470 हो गए हैं, जिससे विद्युत-विहीन ग्रामों को भी पेयजल सुविधा प्राप्त हुई है। वहीं एकल ग्राम जल योजना के अंतर्गत 370 योजनाएं स्वीकृत की गई, जिनमें से 158 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं तथा 21 हजार परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं।इसी प्रकार समूह जल प्रदाय योजना के तहत वर्ष 2022-25 के दौरान 102 योजनाएं क्रियान्वित की गई और वर्ष 2025 तक इनकी संख्या 115 तक पहुंच गई। इन सभी योजनाओं के औसतन 73 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इस तरह मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में वर्ष 2025 तक लगभग 48 हजार 514 परिवारों को घर-घर नल से शुद्ध पेयजल सुविधा प्राप्त हो चुकी है, जो जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हर घर जल के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
- रायपुर। श्रीमती रितु मेश्राम एक शिक्षिका होने के साथ-साथ प्रकृति प्रेमी भी हैं। हरे-भरे पौधों और स्वच्छ वातावरण से उनका गहरा जुड़ाव है। घर के आंगन से लेकर छत तक वे हरियाली से सजा कर रखती हैं। बच्चों को पढ़ाते समय वे हमेशा पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाती हैं और यही सीख वे अपने जीवन में भी उतार रही हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपने घर की छत पर जुलाई माह में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर सिस्टम लगवाया। सोलर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण में भी सहभागिता निभा रही है।समृद्धि कॉलोनी, बलौदाबाजार निवासी रितु मेश्राम ने बताया कि पहले हर महीने आने वाला बिजली बिल एक बड़ी चिंता थी लेकिन अब सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से यह बोझ लगभग शून्य हो गया है। सरकार द्वारा मिली सब्सिडी ने इस पहल को और भी आसान बना दिया। सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि घर की छत न केवल बिजली पैदा कर रही है बल्कि पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने में भी योगदान दे रही है।रितु मेश्राम कहती हैं कि सौर ऊर्जा की यह रोशनी सिर्फ उनके घर को ही रोशन नहीं कर रही है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी उजाला दे रही है। यह योजना न सिर्फ आर्थिक राहत देती है, बल्कि लोगों को प्रकृति के प्रति जिम्मेदार बनने की प्रेरणा भी देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए रितु मेश्राम कहती हैं कि उन्होंने ऐसा मार्ग दिखाया, जिससे लोग पर्यावरण संरक्षण के साथ आत्मनिर्भर हो रहे हैं ।
- -बस्तर में साग-सब्जी, फलों की खेती से चमत्कारिक बदलावरायपुर ।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नक्सल उन्मूलन की नीतियों और किसानों की आय बढ़ाने वाली योजनाओं ने बस्तर में विकास की नई इबारत लिख दी है। बस्तर के किसानों ने पारंपरिक धान, सरसों की खेती के साथ-साथ अब साग-सब्जी, फल, फूल की खेती से भी फायदा लेना शुरू कर दिया है। अब बस्तर में गोलियों की गूंज की जगह फलों और फूलों की खुशनुमा महक बिखर रही है। बस्तर में यह बदलाव कोई संयोग नहीं, बल्कि मेहनत, नवाचार और दूरदर्शिता का परिणाम है। वर्ष 2001-02 में सब्जियों की खेती महज 1,839 हेक्टेयर में सिमटी थी और उत्पादन केवल 18,543 मीट्रिक टन था। आज वही इसमें लगातार वृद्धि हुई है जिसका परिणाम है की अब सब्जियों का रकबा 12,340 हेक्टेयर चुका है और उत्पादन 1.90 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है।बस्तर विश्व पटल पर एक ऐसा नाम जो कभी नक्सल की काली छाया और पिछड़ेपन की गहरी खाई में डूबा माना जाता था, आज वह बस्तर कृषि के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। छत्तीसगढ़ के इस आदिवासी बहुल इलाके में अब पारम्परिक खेती के स्थान पर टमाटर और मिर्च की खेती न केवल आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही है, बल्कि पड़ोसी राज्यों के बाजारों तक अपनी पहुंच भी बना रही है। अब बस्तर की मिट्टी में ड्रैगन फ्रूट की लालिमा, अमरूद की मिठास, चकोतरा की ताजगी, पपीते का रस और मिर्च की तीखापन खेतों में लहलहा रहे हैं। वे फल एवं मसाले जो कभी यहां उत्पादित नहीं हुए अनुकूल वातावरण और वैज्ञानिक सलाह से विकास की नई गाथा लिख रहे हैं।बस्तर में फलों की बगिया 643 हेक्टेयर से बढ़कर 14,420 हेक्टेयर तक पहुंच गई है एवं उत्पादन 4,457 मीट्रिक टन से बढ़कर 64,712 मीट्रिक टन हो गया। यहां के किसानों द्वारा राज्य निर्माण के पूर्व कभी व्यापारिक स्तर पर फूलों की खेती नहीं की गयी थी आज वहां 207 हेक्टेयर में 13 सौ मीट्रिक टन फूलों का उत्पादन हो रहा है। इसी प्रकार मसाले इस क्षेत्र में सीमित मात्रा में उत्पादित होते थे अब 11 सौ हेक्टेयर से 9,327 मीट्रिक टन मसालों का उत्पादन यहां हो रहा है। औषधीय एवं सुगंधित पौधे जो कभी सीमित मात्रा में होते थे उनका भी किसानों द्वारा 66 सौ मीट्रिक टन से अधिक का उत्पादन किया जा रहा है।इस हरित क्रांति में शासन की योजनाओं एवं आधुनिक तकनीक से आमूल चूल परिवर्तन दिखाई दिए हैं। एक ओर जहां किसानों को रियायती दरों पर आदान समाग्री प्राप्त हुई है वहीं शेडनेट योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना, राष्ट्रीय बागबानी मिशन से किसानों का उद्यानिकी फसलों की ओर रुझान बढ़ा है। जिसका मुख्य कारण लगातार तकनीकी मार्गदर्शन और सहायतासे है। जिससे किसानों ने लाभ लेकर जिले में 3.80 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में शेडनेट हाउस लगाए गए हैं, करीब 19 हजार वर्गमीटर में पॉली हाउस, शेडनेट द्वारा 1.47 लाख वर्गमीटर में हाईब्रिड बीज भी तैयार किए जा रहे हैं जिनके लिए उन्हें शासन द्वारा अनुदान भी प्राप्त हुआ है।जगदलपुर के आसना में प्लग टाइप वेजिटेबल सीडलिंग यूनिट भी स्थापित है जो रोग-मुक्त पौधे न्यूनतम कीमत पर किसानों को मुहैय्या करवा रहे हैं।सिंचाई के क्षेत्र में भी लगभग 3.5 हजार हेक्टेयर में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम बिछाकर पानी की हर बूंद को सोना बनाया जा रहा है। ऑयल पाम योजना के तहत 735 हेक्टेयर में 499 किसानों द्वारा आधुनिक तरीकों से पाम की खेती की जा रही है वहीं बास्तानार में 58.64 हेक्टेयर में विशेष रूप से कॉफी एवं 20 हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की कृषि की जा रही है।बस्तर की यह यात्रा आंकड़ों से कहीं आगे है, यह उन सैकड़ों किसानों की मुस्कान है, जो कभी बादलों के रहम पर जीते थे और आज तकनीक, प्रशिक्षण और सरकार की योजनाओं के सहारे अपने सपने बुन रहे हैं। माओवादियों की बंदूकें अब खामोश हैं, और खेतों में नई फसलें गुनगुना रही है। बस्तर के लोग अब आजीविका के समुचित साधनों के जरिए जीवन-यापन को बेहतर करने सहित खिलखिला रह रहे हैं।
- -मुख्यमार्ग से जुड़कर सड़क रास्तों से सरई ग्राम तक पहुंच रहा विकासरायपुर । कबीरधाम जिले के सुदूर वनांचल और बैगा बाहुल्य क्षेत्र जो कभी सड़कों के आभाव में विकास से वंचित थे अब वहां विकास की नई किरण पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत अब ऐसे दुर्गम ग्राम भी सड़क मार्ग से जुड़ रहे हैं, जहां पहले पहुंचना बेहद कठिन था। जिले के बोड़ला विकासखंड के सरई गांव तक वर्तमान में सड़क का निर्माण पूरा किया गया है।इस सड़क निर्माण से यहां रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति 51 बैगा परिवारों के 371 सदस्यों को मुख्यमार्ग तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। पहले यहां तक पहुंचने के लिए कोई पक्का मार्ग नहीं था, गांव तक वाहन नहीं पहुंच पाता था, जिससे ग्रामीणों को आवागमन और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ती थी। बारिश के मौसम में स्थिति और भी कठिन हो जाती थी। अब सड़क बनने से गांव की तस्वीर पूरी तरह बदल गयी है। एंबुलेंस गांव तक पहुंच जाती है, जिससे आपात स्थिति में समय पर चिकित्सा सुविधा मिल पा रही है। बच्चों को स्कूल, किसानों को बाजार और ग्रामीणों को आवश्यक वस्तुओं के लिए अब शहर जाना आसान हो गया है।ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनने से गांव में विकास की नई संभावनाएं खुल गई हैं। अब वाहन सीधे गांव तक आ सकते हैं, जिससे कृषि उपज की बिक्री में सुविधा हो रही है। महिलाएं भी बाजार या स्वास्थ्य केंद्र पहुंच सुगम हो रही हैं। वे बताती हैं कि पहले सड़क नहीं थी तो शहर जाने में आधा दिन लग जाता था। अब 15 मिनट में सड़क तक पहुंच जाते हैं। बच्चे स्कूल आसानी से जा पा रहे हैं और मरीजों को तुरंत एंबुलेंस की सुविधा मिल रही है। ये हमारे जीवन के लिए बहुत बड़ा बदलाव है।जनमन योजना ने वनांचल वासियों के जीवनधारा बदली है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत यह सड़क निर्माण कार्य न सिर्फ भौगोलिक दूरी मिटा रही है बल्कि सामाजिक और आर्थिक दूरी भी घटा रही है। इस पहल से अब वनांचल के लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता श्री संतोष ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत कवर्धा में वर्ष 2023-24 से अब तक जिले में जनजातीय बहुल क्षेत्रों तक पहुंच मार्ग निर्माण हेतु कुल 76 सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें से 8 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि अन्य सड़कें निर्माणाधीन हैं।
- -प्रधानमंत्री आवास योजना से श्री शोभनाथ का सपना हुआ साकाररायपुर। बलरामपुर जिला के ग्राम पंचायत लुरगीकला के निवासी श्री शोभनाथ का जीवन तब बदल गया, जब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत उन्हें पक्का घर मिला। कभी मिट्टी की दीवारों वाले कच्चे घर में रहने वाले परिवार के लिए हर बरसात भय का कारण थी—न दीवारों का भरोसा, न छत की सुरक्षा।मजदूरी कर परिवार चलाने वाले शोभनाथ लंबे समय से मजबूत आशियाने का सपना देख रहे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने आवेदन किया और वर्ष 2024-25 में योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्राप्त कर पहली किश्त की राशि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मनरेगा के माध्यम से स्वयं लगन से कार्य करते हुए अपने घर का निर्माण शुरू किया। धीरे-धीरे खड़ी हुई दीवारें अब उनके सपनों का साकार रूप बन चुकी हैं।आज शोभनाथ आत्मविश्वास के साथ कहते हैं—“पहले बारिश में नींद नहीं आती थी, अब पक्के घर की सुरक्षा में सुकून भरी नींद नसीब होती है।” अब उनके बच्चे भी खुले आँगन में निश्चिंत होकर खेलते हैं।प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के संवेदनशील नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण परिवारों के जीवन में आशा की नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना ने न केवल कमजोर तबके को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराया है, बल्कि उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ किया है।
- रायपुर,। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में चल रहे मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत आज रतनपुर क्षेत्र के भाग संख्या 134 के बूथ लेवल अधिकारी बीएलओ चौथ कुमार पटेल द्वारा स्वास्थ्य मंत्री एवं मनेन्द्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को Enumeration form (गणना पत्रक ) प्रदान किया गया।इस अवसर पर मंत्री जायसवाल ने लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाले इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज होना लोकतंत्र में उसकी सशक्त भागीदारी का प्रतीक है। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से अपील की कि वे समय रहते मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ें, सुधार कराएं या आवश्यक परिवर्तन करवाएं ताकि आगामी चुनावों में वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।बीएलओ द्वारा ईएफ फॉर्म प्रदान किए जाने का उद्देश्य जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों को मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया से जोड़ना है ताकि इस अभियान के प्रति जन जागरूकता बढ़े और कोई भी योग्य नागरिक का नाम छूटे नहीं तथा कोई भी अयोग्य व्यक्ति का नाम जुड़े नहीं । इस दौरान बीएलओ ने मतदाता सूची अद्यतन की प्रक्रिया, ऑनलाइन सुविधा और नए पंजीकरण के लिए उपलब्ध पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर बीएलओ सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं और घर-घर जाकर नागरिकों से संपर्क कर रहे हैं ताकि शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके।स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने इस पहल को “सशक्त लोकतंत्र का आधार” बताते हुए कहा कि एक मत भी देश की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों को प्रेरित किया कि वे अपने आस-पास के लोगों को भी मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए प्रेरित करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाएं।कार्यक्रम के दौरान उपस्थित बीएलओ ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत पात्र मतदाताओं को उनके घरों तक फॉर्म पहुँचाए जा रहे हैं तथा बूथ स्तर पर सहायता केंद्र भी बनाए गए हैं। वहीं ई-मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया को भी अधिक सरल बनाया गया है ताकि युवा मतदाता और नए पंजीकरणकर्ता आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकें। रतनपुर क्षेत्र में चल रहे इस अभियान के तहत जनजागरूकता गतिविधियाँ भी आयोजित की जा रही हैं, जिनमें नुक्कड़ संवाद, पोस्टर प्रदर्शन और विद्यालय स्तर पर “मतदाता बने युवा” थीम पर कार्यक्रम शामिल हैं। Enumeration form (गणना पत्रक ) वितरण का यह चरण जिले के लिए एक उदाहरण बन गया है जहाँ जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के माध्यम से निर्वाचन प्रक्रिया को जन आंदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है।
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-छत्तीसगढ़ बना 'जल आत्मनिर्भर राज्य' का मॉडल
-42000 से अधिक किसानों को मिली सिंचाई से कृषि में आत्मनिर्भरता-25 वर्षों में सिंचाई का रकबा 87 हजार से बढ़कर 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर-265 रिचार्ज पिट एवं 300 सोक पिट का निर्माण कर वर्षा जल का पुनर्भरण किया सुनिश्चितरायपुर। "जल ही जीवन, जल ही विकास" और "हर खेत तक पानी - हर किसान के चेहरे पर मुस्कान" के मूलमंत्र पर चलते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन (वर्ष 2000) के बाद तांदुला जल संसाधन संभाग दुर्ग ने बीते 25 वर्षों में सिंचाई विकास, जल संरक्षण, तकनीकी नवाचार और जनकल्याण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और राज्य सरकार की कृषक-केंद्रित नीतियों के परिणामस्वरूप, विभाग ने छत्तीसगढ़ को "जल आत्मनिर्भर राज्य" बनाने की दिशा में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। विभाग की प्राथमिकताएँ स्पष्ट हैं: जल संसाधनों के माध्यम से 'जल से जनकल्याण', सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से 'सिंचाई में समृद्धि', और आधुनिक कार्यप्रणाली द्वारा 'तकनीक से पारदर्शिता' सुनिश्चित करना ही इसका मुख्य ध्येय है।सिंचाई विकास: अभूतपूर्व विस्तार और सुदृढ़ीकरणतांदुला जल संसाधन संभाग ने सिंचाई सुविधाओं के विस्तार में क्रांति ला दी है। राज्य निर्माण के समय जहाँ केवल 97 सिंचाई परियोजनाएँ संचालित थीं, वहीं वर्तमान में 118 परियोजनाएँ सक्रिय रूप से क्रियान्वित हैं। नहरों की लंबाई 1148 कि.मी. से बढ़कर 1349 कि.मी. हो गई है, जिससे जल आपूर्ति प्रणाली अधिक विस्तारित हुई है। अविभाजित दुर्ग ज़िले में सिंचाई का रकबा 87,930 हेक्टेयर से बढ़कर वर्तमान में 1,13,538 हेक्टेयर हो गया है। तकनीकी नवाचार ने वितरण प्रणाली में जल अपव्यय को न्यूनतम किया है। नहर लाइनिंग, सुदृढ़ संरचनाएँ और गेट स्वचालन का उपयोग किया गया है। दुर्ग-बालोद अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों को स्थायी जलापूर्ति के लिए खरखरा-शिवनाथ नदी पाइपलाइन योजना (₹1520 करोड़) और तांदुला ऑगुमेंटेशन सहगांव उद्वहन सिंचाई योजना (₹238 करोड़) जैसी विशाल परियोजनाएँ शुरू की गई हैं, जिसने 18,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्राप्तहो रही है। उद्वहन सिंचाई योजनाओं द्वारा ऊँचाई वाले क्षेत्रों में भी जलापूर्ति संभव हुई है, जिससे "अंतिम छोर तक सुगम सिंचाई - अंतिम खेत तक पानी की गारंटी" सुनिश्चित हुई है। इस वर्ष भू-जल पुनर्भरण हेतु 265 रिचार्ज पिट एवं 300 सोक पिट का निर्माण कर वर्षा जल का पुनर्भरण सुनिश्चित किया गया है।कृषि समृद्धि और जल प्रबंधन में उपलब्धियाँतांदुला जल संसाधन संभाग के प्रयासों से 42,000 से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष सिंचाई सुविधा मिली है, जिसने कृषि से आत्मनिर्भरता तक की उनकी यात्रा को मजबूत किया है। सिंचाई सुविधा के कारण फसल उत्पादकता में 30-40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है और रबी फसल का क्षेत्रफल दोगुना हो गया है। "प्रति बूंद अधिक फसल" के उद्देश्य से स्प्रिंकलर एवं ड्रिप प्रणाली को प्रोत्साहन दिया गया है। "कृषक जल उपयोग समितियों" के माध्यम से जल वितरण में सहभागिता और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। इन सुविधाओं से कृषि आधारित लघु उद्योग, प्रसंस्करण एवं मत्स्य पालन को प्रोत्साहन मिला है, जिससे कृषक आय में वृद्धि हुई है और ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता स्थापित हुई है, साथ ही हरित क्रांति को नई दिशा मिली है। जल संरक्षण के मोर्चे पर, विभाग ने वर्षा जल संचयन हेतु तालाब, बांध, परकोलेशन टैंक और रिचार्ज संरचनाएँ निर्मित की हैं। डी-सिल्टिंग, मरम्मत एवं आधुनिकीकरण से जलाशयों की संग्रहण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और जल बजटिंग प्रणाली से जल उपयोग का वैज्ञानिक एवं संतुलित नियोजन किया जा रहा है। महिला एवं स्व-सहायता समूहों की भागीदारी से जल प्रबंधन को सामुदायिक स्वरूप दिया गया है। "जल शक्ति अभियान" के अंतर्गत "पानी बचाओ, जीवन बनाओ" जन-जागरूकता अभियान को जन-आंदोलन का स्वरूप दिया गया है, जो "भू-जल पुनर्भरण - भविष्य की सुरक्षा" के सिद्धांत पर सतत कार्य कर रहा है।तकनीकी उत्कृष्टता, पारदर्शिता और सामाजिक लाभतांदुला जल संसाधन संभाग ने जल प्रबंधन को आधुनिक बनाने के लिए "डिजिटल जल क्रांति" की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। डीजीपीएस, ड्रोन सर्वेक्षण, जीआईएस मानचित्रण द्वारा सटीक स्थल सर्वेक्षण किया गया है। रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम (आरटीएमएस) से नहरों एवं जलाशयों की निगरानी में दक्षता आई है और प्रस्तावित स्काडा (एससीएडीए) प्रणाली से गेट संचालन का स्वचालन संभव होगा, जिससे मानव त्रुटि में कमी आएगी। ई-ऑफिस और ऑनलाइन प्रोजेक्ट ट्रैकिंग सिस्टम से पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। इन उपलब्धियों से सामाजिक एवं पर्यावरणीय स्तर पर भी बड़ा लाभ हुआ है। सिंचाई सुविधा से ग्रामीण पलायन में कमी आई है और स्थिर आजीविका में वृद्धि हुई है। भू-जल स्तर में वृद्धि से पर्यावरणीय संतुलन मजबूत हुआ है। साथ ही तालाबों एवं जलाशयों में जैव विविधता संरक्षण और मत्स्य पालन को बढ़ावा मिला है। "हर ग्राम, हर घर - जल सुरक्षा" का अभियान अब जन-आंदोलन बन चुका है। प्रशासनिक सुधार के तहत जल नीति 2025 के अंतर्गत सतत उपयोग और जल मूल्य निर्धारण पर कार्य किया जा रहा है। राज्य स्तर जल डेटा पोर्टल से सभी आँकड़े सार्वजनिक किए गए हैं और जन शिकायत निवारण प्रणाली से जनता का विश्वास सुदृढ़ हुआ है।भविष्य की दिशा और अटूट संकल्पभविष्य की दिशा में, विभाग "प्रति बूंद अधिक फसल" लक्ष्य के अंतर्गत माइक्रो सिंचाई प्रणाली और नहरों का पूर्ण आधुनिकीकरण कर रहा है। सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंपों के विस्तार और एनीकट को बैराज में रूपांतरित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। जल संसाधन विभाग का अटूट संकल्प है कि राज्य के प्रत्येक किसान तक जल पहुँचाया जाए और सिंचाई क्षमता में निरंतर वृद्धि की जाए। इसके साथ ही, जल का न्यायसंगत एवं सतत उपयोग सुनिश्चित करते हुए औद्योगिक, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की एक आत्मनिर्भर प्रणाली विकसित की जाए। इन संकल्पों के साथ विभाग यह सुनिश्चित करता है कि छत्तीसगढ़ में "जल ही जीवन, जल ही विकास - यही छत्तीसगढ़ का विश्वास" हमेशा कायम रहे। -
रायपुर/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली में लाल किले के करीब हुए धमाके की घटना में मृत लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साय ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ''दिल्ली के लाल किले के पास कार में हुए धमाके की घटना अत्यंत हृदय विदारक है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। केंद्र सरकार और हमारी केंद्रीय एजेंसियां स्थिति की सतत समीक्षा कर रही हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।'' दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम को एक यातायात सिग्नल पर धीमी गति से चल रही एक कार में जोरदार विस्फोट होने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जलकर खाक हो गए।
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*नई दिल्ली में आयोजित कॉनक्लेव में ‘क्षमता विकास’ सत्र की अध्यक्षता की, कहा शहरी व्यवस्थाओं में सुधार व नवाचार के लिए नगरीय निकायों में समग्र क्षमता विकास जरूरी*
*केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के दो दिवसीय कॉनक्लेव में बेहतर नागरिक सुविधाओं और टिकाऊ विकास पर हुआ मंथन*
*देशभर से 2500 से अधिक प्रतिनिधियों ने की भागीदारी, इनमें राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री, नीति निर्माता, शहरी योजनाकार, विशेषज्ञ, निकायों के निर्वाचित पदाधिकारी और अधिकारी शामिल*
बिलासपुर/ उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय नेशनल अर्बन कॉनक्लेव में शामिल हुए। नई दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (IICC) में आयोजित इस राष्ट्रीय कॉनक्लेव में देशभर के 2500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्रियों, नीति निर्माताओं, शहरी योजनाकारों, विशेषज्ञों, निकायों के निर्वाचित पदाधिकारियों और अधिकारियों ने बेहतर नागरिक सुविधाओं व शहरों के टिकाऊ विकास (Sustainable Development) की नीतियों पर दो दिनों तक मंथन किया।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुए राष्ट्रीय शहरी महासम्मेलन (National Urban Conclave) में समग्र शहरी प्रबंधन से जुड़े सात विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कॉनक्लेव में क्षमता विकास विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने इस दौरान अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में नगरीय निकायों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं एवं कार्यो का उल्लेख करते हुए निकायों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पर्याप्त उपलब्धता तथा उनके नियमित क्षमता विकास के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने नगरीय निकायों में विभिन्न सेवाओं एवं कार्यों में संलग्न प्रथम पंक्ति से अंतिम पंक्ति तक के अधिकारियों-कर्मचारियों के समग्र क्षमता विकास की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
श्री साव ने बेस्ट प्रेक्टिसेस एवं विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे नवाचारों के अवलोकन तथा कार्मिकों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने जिला, राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यशालाओं के आयोजन तथा क्लास-रूम सेशन्स, ऑनलाइन आदि माध्यमों से नियमित क्षमता विकास पर जोर दिया। श्री साव ने शहरी व्यवस्थाओं में सुधार एवं नवाचार पर आधारित क्षमता विकास सत्र में शहरी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने अधोसंरचना विकास के साथ क्षमता विकास के महत्व और आवश्यकता पर विस्तार से अपनी बात रखी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कॉनक्लेव में केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल को छत्तीसगढ़ के शहरों में स्वच्छता संबंधी कार्यों पर आधारित काफी टेबल बुक भेंटकर स्वच्छता के क्षेत्र में किए जा रहे विशेष प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप नगरीय प्रबंधन के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक श्री रिमिजियुस एक्का, दुर्ग नगर निगम की महापौर श्रीमती अल्का बाघमार, जगदलपुर के महापौर श्री संजय पाण्डेय, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय, दुर्ग नगर निगम के आयुक्त श्री सुमीत अग्रवाल और जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त श्री प्रवीण कुमार वर्मा भी कॉनक्लेव में शामिल हुए।
*कॉनक्लेव में इन विषयों पर हुआ मंथन, नए कार्यक्रमों की भी लॉन्चिंग*
कॉनक्लेव के अलग-अलग सत्रों में विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्रियों, नीति निर्माताओं, शहरी योजनाकारों, विशेषज्ञों, निकायों के निर्वाचित पदाधिकारियों और अधिकारियों ने दो दिनों तक सर्कुलर इकोनॉमी, क्षेत्रीय योजना, क्षमता निर्माण, शहरी शासन, हाउसिंग इको-सिस्टम, शहरी आजीविका एवं गरीबी उन्मूलन तथा निर्माण एवं ध्वस्तीकरण अपशिष्ट (Construction & Demolition Waste) प्रबंधन जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया।
कॉनक्लेव में डंपसाइट रीमेडिएशन एक्सेलरेटर प्रोग्राम (DRAP) का शुभारंभ किया गया। इसके तहत केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा उच्च प्रभाव वाले स्थलों पर केंद्रित डंपसाइट रीमेडिएशन एक्सेलरेटर प्रोग्राम के लिए 8.8 करोड़ मीट्रिक टन लिगेसी अपशिष्ट के निपटान का लक्ष्य तय किया गया है। कॉनक्लेव में स्वच्छ भारत मिशन ज्ञान प्रबंधन इकाई (KMU) के गठन की घोषणा की गई। यह इकाई शहरी स्वच्छता के लिए ज्ञान, सृजन और संस्थागत शिक्षा का राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगी। हुडको (HUDCO) द्वारा विकसित अर्बन इन्वेस्ट विंडो (UWIN) का भी शुभारंभ किया गया। यह मंच शहरी परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करेगा। जल संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने ‘जल ही जननी’ गीत को भी इस दौरान लॉन्च किया गया।


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