- Home
- देश
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी के भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण है। श्री मोदी ने आज नई दिल्ली में नौ सेना नवाचार और स्वेदशीकरण संगठन संगोष्ठी स्वावलंबन को संबोधित किया। श्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर नौसेना के लिए पहले स्वावलंबन संगोष्ठी का आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारतीय नौसेना को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 75 स्वदेशी प्रौद्योगिकियां बनाना पहला कदम है और इसमें लगातार वृद्धि होनी चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि ईशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी भारत की होवित्जर और मशीनगनों को सबसे अच्छा माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में बहुत बड़ा निर्यातक हुआ करता था लेकिन, बाद में यह दुनिया का सबसे बड़ा आयातक बन गया। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले और आजादी के समय भी रक्षा क्षेत्र बहुत मजबूत हुआ करता था। उस समय देश में 18 आयुध कारखाने थे। उन्होंने कहा कि भारत द्वितीय विश्व युद्ध के समय रक्षा उपकरणों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता था।श्री मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सरकार ने न केवल रक्षा बजट में वृद्धि की है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि यह बजट देश में ही रक्षा विनिर्माण व्यवस्था के विकास में उपयोगी हो। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए निर्धारित बजट का एक बड़ा हिस्सा भारतीय कंपनियों से खरीद में खर्च किया जा रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से कुछ देशों ने बड़े हथियार निर्यातकों के रूप में उभरने के लिए विश्व युद्ध की चुनौती का फायदा उठाया था, उसी तरह से भारत ने भी कोविड महामारी के दौरान आपदा को अवसर में बदल कर अर्थव्यवस्था, विनिर्माण और विज्ञान में प्रगति की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे अब व्यापक हो गए हैं और युद्ध के तरीके भी बदल रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि युद्ध का केंद्र अंतरिक्ष, साइबर स्पेस, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने ऐसे में भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए आगे बढ़ने और उसके अनुसार बदलाव की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि भारत के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को चुनौती देने वाली ताकतों के विरूद्ध युद्ध तेज किया जाना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर खुद को स्थापित कर रहा है, ऐसे में गलत सूचना, दुष्प्रचार और झूठे प्रचार के माध्यम से लगातार हमले हो रहे हैं।प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 'स्प्रिंट चुनौतियों' का अनावरण किया। इसका उद्देश्य भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है। आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में, एन.आई.आई.ओ ने रक्षा नवाचार संगठन के साथ मिलकर भारतीय नौसेना में कम से कम 75 नई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। इस सहयोगी परियोजना का नाम स्प्रिंट रखा गया है।
-
ठाणे (महाराष्ट्र) .महाराष्ट्र में मुंबई-नासिक राजमार्ग पर एक ट्रक की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार दो दोस्तों की मौत हो गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। हादसा शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे ठाणे जिले के खारीगांव टोल ब्रिज के पास हुआ। नारपोली थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग पड़ोसी मुंबई के गोवंडी की ओर जा रहे थे कि रास्ते में ट्रक ने उनके वाहन को पीछे से टक्कर मार दी। उन्होंने कहा कि घटना में दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारी ने कहा कि मृतकों की पहचान मुजम्मिल भरकतुल्लाह शेख (25) और उसके दोस्त नौशाद आलम निजामुद्दीन अंसारी (25) के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि ट्रक चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है तथा चालक को गिरफ्तार किया जाना बाकी है। -
नयी दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए शुरू किए गए टीकाकरण अभियान में एक अहम उपलब्धि हासिल हुई है और लोगों को दी गईं खुराकों की संख्या रविवार को 200 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को गर्व का क्षण बताया। उन्होंने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने फिर से इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने विज्ञान पर भरोसा दिखाया है और देश के चिकित्सकों, नर्सों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और वैज्ञानिकों ने सुरक्षित पृथ्वी सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैं उनकी भावना और दृढ़ निश्चय की सराहना करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने फिर से इतिहास रच दिया। टीके की 200 करोड़ खुराक के विशेष आंकड़े को पार करने के लिए सभी भारतीयों को बधाई। भारत के टीकाकरण अभियान को व्यापक बनाने में अद्वितीय योगदान देने वालों पर गर्व है। इसने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत किया है।'' केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी इस उपलब्धि के लिए देशवासियों को बधाई दी है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जन-भागीदारी की भावना से ओत-प्रोत भारत की टीकाकरण यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के प्रेरणादायी नेतृत्व में सबके प्रयास के शक्तिशाली प्रतिमान के तौर पर उभरी है। यह असाधारण उपलब्धि इतिहास में जगह बनाएगी।'' स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 98 प्रतिशत वयस्क आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, जबकि 90 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार, 15-18 वर्ष के बीच के 82 प्रतिशत किशोरों को भी टीके की एक खुराक दी जा चुकी है जबकि 68 प्रतिशत किशोरों को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान तीन जनवरी से शुरू हुआ था। 12-14 आयु वर्ग के 80 प्रतिशत किशोरों को टीके की एक खुराक मिल चुकी है तो वहीं 56 प्रतिशत का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने भारत को अपने लोगों को दो अरब से अधिक खुराक देने के लिए बधाई दी है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह महामारी के प्रभाव को कम करने की देश की प्रतिबद्धता और प्रयासों का एक और उदाहरण है। कोविड-19 टीका गंभीर रूप से बीमार पड़ने से बचाता है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखने चाहिए कि सभी को हर जगह यह जान बचाने वाला टीका मिले....।'' मंत्रालय के मुताबिक इनमें से पुरुषों को 48.9 प्रतिशत जबकि महिलाओं को 51.5 प्रतिशत खुराक दी गई। आंकड़ों के अनुसार 0.02 प्रतिशत खुराक ‘अन्य' को दी गयीं। आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, तेलंगाना और गोवा में 12 वर्ष से अधिक की पूरी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो गया है। शीर्ष के पांच राज्यों जहां टीकों की सर्वाधिक खुराक दी गई हैं, उनमें उत्तर प्रदेश (34,41,93,641), महाराष्ट्र (17,05,59,447), पश्चिम बंगाल (14,40,33,794), बिहार (13,98,52,042) और मध्य प्रदेश (12,13,15,911) शामिल हैं। सभी पात्र आबादी को कुल 5,63,67,888 एहतियाती खुराक दी गई हैं। -
मुंबई. महाराष्ट्र में एक जून को मॉनसून के आगमन के बाद से बारिश संबंधी घटनाओं में कम से कम 104 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रविवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। प्राधिकरण ने कहा कि एक जून से 16 जुलाई के बीच यह मौतें हुईं और इनमें से दो लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में- एक जलगांव और एक अमरावती जिले में हुई। रिपोर्ट में मौत के लिए बाढ़, आकाशीय बिजली, भूस्खलन, पेड़ों की कटाई और अन्य कारणों को वजह बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में दो गांव भारी बारिश से प्रभावित हुए और तीन लोग लापता हैं। पिछले 24 घंटे में बाढ़ के कारण राज्य में कहीं से भी किसी को निकाला नहीं गया है। राज्य में मुंबई तथा आसपास के क्षेत्रों में मध्यम बारिश हुई। एक सप्ताह से अधिक समय तक भारी बारिश के बाद, राज्य में वर्षा नहीं हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण मुंबई की कोलाबा वेधशाला में 12.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जबकि सांताक्रूज वेधशाला में पिछले 24 घंटे में 23.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। रत्नागिरी जिले में पिछले एक दिन में औसत 20.1 मिलीमीटर वर्षा हुई और मुंबई-गोवा राजमार्ग पर परशुराम घाट को यातायात के लिए बंद कर दिया गया।
-
भोपाल/श्योपुर. मध्य प्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले स्तनधारी चीतों को अगले महीने दक्षिण अफ्रीका से लाया जाएगा, जिनका स्वागत करने के लिए यह उद्यान तैयार है। इससे करीब 70 साल बाद देश में बिलुप्त हुए चीते की दहाड़ फिर से सुनाई देगी। इन चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने के लिए करीब 10 साल से चर्चा चल रही थी। देश में इस प्रजाति का अंतिम चीता वर्ष 1947 में अविभाजित मध्य प्रदेश के कोरिया इलाके में देखा गया था, जो अब छत्तीसगढ़ में आता है। बाद में वर्ष 1952 में 80 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाले इस जानवर को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। वन विभाग के प्रधान सचिव अशोक बर्नवाल ने बताया, ‘‘हम इस पर काम कर रहे हैं। चीते अगस्त में मध्य प्रदेश आएंगे।'' यह पूछे जाने पर कि क्या चीतों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को उद्यान में लाया जाएगा, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘यह हो सकता है।'' क्या चीते नामीबिया लाए जा रहे हैं या दक्षिण अफ्रीका से, इस सवाल पर बर्नवाल ने कहा, ‘‘शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे।'' चीतों के स्थानांतरण को लेकर दोनों देशों के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) की स्थिति पर शीर्ष वन अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। बर्नवाल ने विस्तार से बताए बिना कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ जल्द ही एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा। चीते मुख्य रूप से अफ्रीका में पाए जाते हैं। हालांकि, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के डीन और वरिष्ठ प्रोफेसर वाई. वी. झाला एवं मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे. एस. चौहान ने भी कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के आगमन के लिए कोई सटीक तारीख नहीं दी। देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान भी इन चीतों के हस्तांतरण परियोजना में शामिल है। नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाकर भारत में बसाये जाने के बारे में एमओयू पर हस्ताक्षर के संदर्भ में पूछे गये एक सवाल पर झाला ने कहा, ‘‘यह (भारत) सरकार पर निर्भर करता है। इसे (एमओयू) दो दिनों में किया जा सकता है या इसमें दो महीने भी लग सकते हैं। इस तरह की परियोजनाओं में बहुत सारी कानूनी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।'' वहीं, चौहान ने कहा, ‘‘चीतों के भारत आने के स्वागत के लिए हमारी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, लेकिन हमें आगमन की सही तारीख या मध्य प्रदेश में आने वाले चीतों की संख्या के बारे में कुछ भी नहीं पता है क्योंकि इसे भारत सरकार के स्तर पर अंतिम रूप दिया जा रहा है।'' उन्होंने कहा कि कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान ने मादाओं सहित 12 से 15 चीतों को बसाने के लिए तैयारी की है और शुरू में स्थानांतरित चीतों को रखने के लिए पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में आठ कंपार्टमेंट बनाये गये हैं। अन्य अधिकारियों के साथ चीतों की देखभाल करने का प्रशिक्षण लेने वाले श्योपुर के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश वर्मा ने कहा कि भारतीय धरती पर चीतों को बसाने के लिए 90 प्रतिशत तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया की टीम ने इन चीतों को भारत में फिर से बसाने की परियोजना में कुछ कमियां बताई हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। वर्मा ने बताया, ‘‘हमें (प्रशिक्षण के दौरान) चीतों की देखभाल करने के तौर-तरीके सिखाए गए हैं और उनके व्यवहार के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया है। हमने जो कुछ भी सीखा है, हम कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में पदस्थ 125 से अधिक कर्मचारियों को उन कौशलों के बारे में जानकारी देंगे।'' उन्होंने कहा कि कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान करीब 750 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है और चीतों को फिर से बसाने के लिए देश के सबसे बेहतर पर्यावास में से यह एक है। इसमें चीतों के लिए अच्छा शिकार भी मौजूद है, क्योंकि यहां पर हिरण, चिंकारा, नीलगाय, सांभर, लंगूर एवं चीतल बड़ी तादाद में पाये जाते हैं। -
जम्मू. जम्मू कश्मीर में अमरनाथ गुफा के लिए 5,200 से अधिक तीर्थयात्रियों का 18वां जत्था रविवार को रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कड़ी सुरक्षा के बीच 225 वाहनों के काफिले में कुल 5,284 तीर्थयात्री भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए। उन्होंने कहा कि बालटाल जाने वाले 1,743 तीर्थयात्री सबसे पहले 87 वाहनों में तड़के 3.20 बजे रवाना हुए, इसके बाद 138 वाहनों का दूसरा काफिला 3,541 तीर्थयात्रियों को लेकर सुबह 4.20 बजे पहलगाम के लिए रवाना हुआ। वार्षिक 43-दिवसीय यात्रा 30 जून को दो आधार शिविरों - दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पारंपरिक 48 किलोमीटर नुनवान-पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल में बालटाल से 14 किलोमीटर के छोटे मार्ग से शुरू हुई। अधिकारियों ने कहा कि अब तक 1.65 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित हिम-शिवलिंग की पूजा अर्चना की है। इसके साथ ही 29 जून से घाटी के लिए भगवती नगर आधार शिविर से कुल 1,05,109 तीर्थयात्री रवाना हुए हैं। इसी दिन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी। यह यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी।
-
नयी दिल्ली. जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा। इस तरह 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।
‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक', धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर', एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था।
सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो अबतक 12 प्रतिशत था। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत थी। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है। बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी' श्रेणी तक सीमित होगी।
आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को दशकों से कर कानूनों के तहत कर-निरपेक्ष दर्जा प्राप्त है। मोहन ने कहा, ‘‘संशोधन के संबंध में जो सवाल दिमाग में आता है, वह यह कि चूंकि चिकित्सा प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाने वाला इलाज एक समग्र आपूर्ति है, इसलिए इसके लेनदेन के विभिन्न तत्वों पर नई कर देनदारी लगाने के लिए इसे कृत्रिम रूप से विभाजित नहीं किया जा सकता है। यह अधिसूचना धारा आठ के प्रावधान से परे प्रतीत होती है, जो सभी समग्र आपूर्ति लेनदेन पर एकल कर को अनिवार्य करता है।'' -
लखनऊ . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य में आगामी 13 से 15 अगस्त के बीच 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और इसके तहत पूरे राज्य में तीन करोड़ 18 लाख तिरंगे फहराये जाएंगे। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘हर घर तिरंगा' कार्यक्रम के आयोजन के सम्बन्ध में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते हुए कहा कि आगामी 11 से 17 अगस्त तक चलने वाले ‘स्वतंत्रता सप्ताह' के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने 13 से 15 अगस्त के बीच ‘हर घर तिरंगा' कार्यक्रम के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कांफ्रेंस के दौरान आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कुल तीन करोड़ 18 लाख तिरंगे फहराए जाएंगे, इनमें से दो करोड़ 68 लाख तिरंगे घरों में लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वहीं, 50 लाख तिरंगों को प्रदेश में सरकारी कार्यालयों, गैर-सरकारी कार्यालयों एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में फहराया जाएगा। योगी ने कहा कि इसके अलावा एक झण्डा गीत ‘जयघोष' भी तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 31 जुलाई तक सभी जिला मुख्यालयों को तिरंगे भेज दिए जाएंगे और राज्य के हर विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी तिरंगा वितरण केन्द्र बनाये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग द्वारा दो करोड़ झंडों की खरीद की प्रक्रिया जेम पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। वहीं, एक करोड़ 18 लाख तिरंगे प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों और निजी सिलाई केन्द्रों इत्यादि के माध्यम से बनाए जा रहे हैं।
-
इंदौर। धार जिले में सोमवार सुबह इंदौर-खरगोन के बीच भीषण बस हादसा हो गया। इंदौर से महाराष्ट्र के अमलनेर जा रही बस खलघाट के पास नर्मदा नदी में गिर गई। पुलिस के अनुसार हादसा सुबह 10 से 10.15 बजे के बीच हुआ। बस टू-लेन पुल पर किसी वाहन को ओवरटेक करते समय बेकाबू हो गई। बस रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी। अब तक 13 शव निकाले जा चुके हैं। इनमें 8 पुरुष, 4 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल हैं। अब तक करीब 6 मृतकों की पहचान हो चुकी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अब दावा किया है कि 14-15 लोग सवार थे। इनमें से जिंदा कोई नहीं बचा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन को बचाव और राहत कार्य के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मध्यप्रदेश के धार में हुआ बस हादसा दुखद है। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है।
-
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश). जिले के छतारी थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल के दसवीं के छात्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर फिरौती के लिए स्कूल के ही यूकेजी के एक छात्र का अपहरण किया था और बाद में पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी और दावा किया कि घटना के एक सप्ताह के भीतर ही पुलिस ने हत्या के आरोप में पांच किशोरों को गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार ने बताया कि पकड़े गए पांचों किशोर आरोपियों की उम्र 15—16 वर्ष है। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया था लेकिन पहचान खुल जाने के डर से उसकी हत्या कर शव नहर में फेंक दिया था। उन्होंने कहा कि साक्ष्यों व बयानों के आधार पर किशोर आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। बुलंदशहर जिले के छतारी थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले यूकेजी के सात वर्षीय छात्र हर्ष का शव 10 जुलाई को अलीगढ़ जिले की एक नहर से पुलिस ने बरामद किया था। एसएसपी के मुताबिक, शेखुपुर गांव निवासी चंद्रप्रकाश का बेटा हर्ष नौ जुलाई को स्कूल गया था, लेकिन वह घर वापस नहीं आया। उन्होंने बताया कि घरवालों ने हर्ष की काफी खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। कुमार के अनुसार, छानबीन के दौरान पुलिस को हर्ष का शव 10 जुलाई को अलीगढ़ जिले के हरदुआगंज इलाके की एक नहर में मिला। उन्होंने बताया कि मामले के राजफाश के लिए पुलिस की छह टीमें लगाई गई थीं। एसएसपी ने बताया कि जिस स्कूल में हर्ष पढ़ता था उसी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र और उसके चार अन्य साथियों ने फिरौती के लिए अपहरण की योजना बनाई। उन्होंने बताया कि इसके बाद नौ जुलाई को स्कूल आने के बाद मोटरसाइकिल पर बैठाकर हर्ष को ले गये लेकिन हर्ष ने उनकी पहचान कर ली इसलिए भेद खुल जाने की डर से उन लोगों ने उसकी हत्या कर दी और शव को नहर में फेंक दिया। श्लोक कुमार ने बताया कि पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपराध करना स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि साथ ही कुछ महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिसके आधार पर इसकी पुष्टि हुई है। -
जगद्दल . पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में मोटरसाइकिल सवार कुछ अज्ञात लोगों ने स्थानीय जूट मिल के एक कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक घटना के समय जूट मिल का कर्मचारी सड़क किनारे एक दुकान पर चाय पी रहा था।
पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक जगद्दल के व्यस्त सर्कस मैदान इलाके में शुक्रवार को 24 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के मामले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार जूट मिल के कर्मचारी की हत्या से इलाके में तनाव पैदा हो गया है क्योंकि इलाके के कुछ घरों में तोड़फोड़ की गई और अज्ञात लोगों द्वारा बम भी फेंके गए। शुक्रवार रात से ही इलाके में पुलिस की टीम तैनात कर दी गई है। बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारी ने बताया कि शनिवार की सुबह भी कुछ हिंसक घटनाएं हुईं। अज्ञात व्यक्तियों के एक समूह ने कुछ वाहनों और घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इलाके में तनाव पैदा होने के कारण स्थानीय दुकानें और बाजार बंद कर दिए गए। पुलिस आयुक्त अजय ठाकुर और अन्य अधिकारियों ने शनिवार सुबह स्थिति का जायजा लिया। मामला पारिवारिक विवाद का लग रहा है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक हत्या की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी है। -
कोयंबटूर। तमिलनाडु के सेलम जिले के मेट्टूर बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण उफान पर आई कावेरी नदी में फंसे तीन युवकों को सुरक्षित बचा लिया गया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि तीनों युवक बांध के पास पानी का स्तर देखने पहुंचे थे और सेल्फी लेने के लिए नदी में उतर गए, तभी बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण वे वहां फंस गए। एक अधिकारी के मुताबिक, युवकों को नदी के बीच में फंसा हुआ देखकर कुछ लोगों ने दमकल एवं बचाव सेवा को इसकी सूचना दी। उन्होंने बताया कि दमकल एवं बचाव कर्मी तीनों युवकों को रस्सी के सहारे सुरक्षित रूप से किनारे पर लाने में कामयाब रहे। प्रशासन ने अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद नदी किनारे न जाने की चेतावनी जारी की थी। हालंकि, तीनों युवक बावजूद इसके नदी में उतर गए, जिसे लेकर अधिकारियों ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई।
-
नयी दिल्ली. सरकार देशभर में छावनियों की दक्षता बढ़ाने के लिए संसद के आगामी मॉनसून सत्र के दौरान एक विधेयक लाने की तैयारी में है। एक आधिकारिक पत्र के अनुसार, विधेयक का उद्देश्य छावनियों में ‘‘जीवन की सुगमता'' को बढ़ाने का भी है। वर्तमान में देशभर में 62 छावनियां हैं और उनमें से अधिकतर में सैन्य-असैन्य, दोनों तरह की आबादी है। छावनियों का प्रशासन रक्षा मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। छावनी विधेयक, 2022 से यह सुनिश्चित करने के उपाय किए जाने की उम्मीद है कि छावनी के भीतर रहने वाली असैन्य आबादी को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े। इन 62 छावनियों को छावनी अधिनियम, 1924 के तहत अधिसूचित किया गया है। बाद में इसके स्थान पर छावनी अधिनियम, 2006 लाया गया। संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होगा।
-
मुजफ्फरनगर (उप्र). शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के बराला गांव में रुपयों की लेनदेन को लेकर हुए विवाद में एक व्यक्ति ने अपने छोटे भाई की कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि शामली जिले के कैराना थाना अंतर्गत बराला गांव में शुक्रवार की देर रात रुपयों की लेनदेन को लेकर हुए विवाद की वजह से युवक कुर्बान अली (31) की उसके बड़े भाई आरोपी सूफियान (35) ने चाकू मारकर हत्या कर दी। कैराना के थानाध्यक्ष अनिल कापरवन ने बताया कि पुलिस ने आरोपी सूफियान के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में प्रयुक्त धारदार हथियार भी बरामद किया गया है। पुलिस के समक्ष दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपी सूफियान और कुर्बान अली का रुपयों के विवाद को लेकर आमना-सामना हुआ। विवाद के दौरान आरोपी सूफियान ने चाकू मारकर कुर्बान अली की हत्या कर दी। -
हापुड़। जिले के कपूरपुर थाना क्षेत्र के छज्जूपुर गांव में शनिवार की सुबह बाइक सवार तीन अज्ञातबदमाशों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि घटना कपूरपुर थाना क्षेत्र के छज्जूपुर गांव में आज तड़के करीब साढ़े चार बजे की है। उन्होंने बताया कि सचिन प्रजापति मवेशियों को चारा दे रहा था उसी दौरान एक बाइक पर सवार तीन बदमाश हेलमेट व मास्क पहनकर पहुंचे और ताबड़तोड गोलियां चलायीं। उन्होंने बताया कि परिजन सचिन को हापुड़ के एक अस्पताल में ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पाकर अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश मिश्र पुलिस अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने वारदात को रंजिशन बताया है। मिश्र ने बताया कि हत्यारों का पता लगाने के लिए पुलिस टीम का गठन किा गया है। फॉरेंसिक टीम भी जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और विधिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। -
जयपुर, राजस्थान के नागौर जिले में शनिवार को बारिश के पानी से भरे गड्ढे में डूबने से दो बच्चियों सहित चार बच्चों की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार मृत बच्चों की उम्र तीन से चार साल की थी। उन्होंने बताया कि घटना नागौर शहर के मुंडवा रोड के पास हुई। कोतवाली के थानाधिकारी बृजेंद्र सिंह ने कहा कि चार बच्चे रामलाल, लिच्छमा और आरती (सभी की आयु तीन साल) और शिंबू (4 वर्ष) गड्ढे के पास खेल रहे थे और उसमें नहाने के दौरान सभी डूब गए। -
नयी दिल्ली. मौसम विज्ञानियों और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि असमान मानसून ने भले ही देश में खरीफ फसलों की बुवाई को प्रभावित किया हो, लेकिन उत्पादन, खाद्य सुरक्षा और मुद्रास्फीति को लेकर घबराना या चिंता करना जल्दबाजी होगी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 15 जुलाई तक धान की खेती का रकबा 17.38 प्रतिशत घटकर 128.50 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले साल 155.53 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि खरीफ फसलों के रकबे में अभी तक की कमी चिंता का विषय नहीं है और इस महीने मानसून की बारिश की प्रगति के साथ इस अंतर को पाटा जाएगा। मानसून देश की वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है और इससे शुद्ध बुवाई के रकबों के 60 प्रतिशत भाग की सिंचाई होती है। भारत की लगभग आधी आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून रहने की भविष्यवाणी की है। एक जून को मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से अब तक देश में 14 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, लेकिन वितरण असमान रहा है। जहां दक्षिण और मध्य भारत में अतिरिक्त बारिश हुई, वहीं पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में कमी दर्ज की गई है। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के चावल उत्पादक राज्यों में कम बारिश हुई है।'' उत्तर प्रदेश में सामान्य से 65 प्रतिशत कम बारिश हुई है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 15 जुलाई तक क्रमश: 42 प्रतिशत, 49 प्रतिशत और 24 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है। बारिश की कमी ने इस क्षेत्र में मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई को प्रभावित किया है।
पलावत ने कहा कि अधिक बारिश से मध्य भारत में कई स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और तिलहन, अनाज और दालों को नुकसान पहुंचा है। गुजरात में एक जून से अब तक 86 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। महाराष्ट्र में 46 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जबकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्रमश: 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में 30 जून तक, क्रमशः 30 प्रतिशत, 54 प्रतिशत और 27 प्रतिशत बारिश की कमी थी। पलावत ने कहा, ‘‘मध्य भारत में जुलाई में बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक कम दबाव वाले क्षेत्रों के उत्पन्न होने के कारण अधिक वर्षा हुई, जिसने मानसून को असामान्य रूप से लंबी अवधि के लिए उत्तर की ओर नहीं बढ़ने दिया। इससे उत्तर भारत शुष्क बना रहा।'' उन्होंने कहा कि ओडिशा और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश की तीव्रता आने वाले दिनों में कम होने का अनुमान है क्योंकि मॉनसून उत्तर भारत की ओर बढ़ रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में 18 जुलाई से अगले पांच दिनों तक बारिश बढ़ेगी।'' पंजाब किसान आयोग के पूर्व अध्यक्ष अजय वीर झाखड़ ने कहा कि खरीफ की बुवाई में देरी चिंताजनक है लेकिन अभी स्थिति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मानसून की विफलता का मुद्रास्फीति पर भारी प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अभी इसे विफल नहीं कहा जा सकता है। कुछ जगहों पर यह अनिश्चित हो सकता है लेकिन इसे प्रबंधित किया जा सकता है। हमें घबराने की जरूरत नहीं है।'' खाद्य एवं व्यापार नीति विशेषज्ञ देविंदर शर्मा ने बताया कि धान की बुआई में देरी हो सकती है, लेकिन अभी भी समय है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी मान्यता है कि, अगर मानसून अप्रत्याशित रहता है, तो यह उपज को प्रभावित करने वाला है। बारिश की कमी या ऐसे समय में बारिश नहीं होना जब आपको इसकी अधिक आवश्यकता होती है, निश्चित रूप से उत्पादन को प्रभावित करता है।'' गर्म लू के एक शुरुआती हमले ने पहले ही रबी फसलों को प्रभावित किया है, जिससे सरकार को गेहूं के निर्यात पर अंकुश लगाने और उत्पादन पूर्वानुमानों में लगभग 5 प्रतिशत की कटौती करने के लिए प्रेरित किया गया है। यह अनुमान 11.13 करोड़ टन से घटाकर 10.64 करोड़ टन किया गया है। शर्मा ने कहा कि इसीलिए विशेषज्ञ सरकार से गेहूं के निर्यात को विनियमित करने के लिए कह रहे हैं ताकि धान की पैदावार में गिरावट की स्थिति में किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से बचा जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया एक ऐसे चरण में प्रवेश कर रही है जहां मौसम अतिरेक की घटनाएं अक्सर होती हैं। तापमान और बारिश उबड़ खाबड़ रास्ते पर जा रही है और हमें हमेशा पर्याप्त बफर स्टॉक (खाद्यान्नों का) बनाए रखने की जरूरत है। ये अप्रत्याशित समय हैं जो हमारी खाद्य सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें राष्ट्रीय हित के बारे में सोचना चाहिए और उद्योग की बातों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।'' भारत चावल का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसका वैश्विक चावल व्यापार में 37 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। उपज में कमी सरकार को अपने निर्यात को विनियमित करने के लिए प्रेरित कर सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के माइक्रोबायोलॉजी डिवीजन के प्रमुख के अन्नपूर्णा ने कहा कि फसल की बुवाई पूरी होने तक सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल उत्पादन पिछले साल के बराबर हो सकता है, भले ही कुल रकबा थोड़ा कम हो जाए। अधिकांश राज्यों में किसान धान की अधिक उपज वाली और रोग प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग करेंगे। किस्में अपनी क्षमता का महत्तम उपयोग तब कर पायेंगी जब जलवायु अनुकूल हो और कोई बीमारी का प्रकोप नहीं हो।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी कोई चिंता नहीं है। अगर जुलाई के अंत तक रोपाई नहीं की जाती है तो यह चिंता का कारण होगा।'' उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी की वजह से उत्पादन में गिरावट की खबरों के बावजूद भारत के पास पर्याप्त गेहूं का भंडार है। आईएआरआई विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘हमें इस पर निर्णय लेने की आवश्यकता है कि हम बगैर किसी नुकसान के कितना निर्यात कर सकते हैं। सरकार को एक संतुलन खोजने की जरूरत है। आप निर्यात को पूरी तरह से रोक नहीं सकते हैं। यदि आप करते हैं तो आप (तेल और गैस) आयात नहीं कर पाएंगे। आपका राजस्व कम हो जाएगा। आपको विदेशी मुद्रा की आवश्यकता है।'' पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के के के गिल ने कहा कि राज्य का 98 प्रतिशत फसल क्षेत्र सुनिश्चित सिंचाई के तहत है। ऐसे में किसान मानसून पर निर्भर नहीं हैं। -
नयी दिल्ली. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (एआरडीबी) से कहा कि सहकारिता बैंकों को केवल बैंकिंग तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि खेती के विस्तार, उपज बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि को सुगम व किसानों को समृद्ध बनाने के लिए गांव-गांव में किसानों से संवाद कर उन्हें जागरूक बनाना भी एआरडीबी की ही जिम्मेदारी है। शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी क्षेत्र का डेटाबेस बनाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र का कोई भी एकीकृत डेटाबेस नहीं है और डेटाबेस नहीं होने पर क्षेत्र के विस्तार के बारे में नहीं सोचा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘विस्तार तभी हो सकता है जब आप जानते हो कि विस्तार कहां करना है।''
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों को देश में सिंचिंत भूमि को बढ़ाने के उद्देश्य से कर्ज प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘एआरडीबी सिंचाई परियोजनाओं और अन्य अवसंरचनाओं समेत कृषि क्षेत्र को लंबी अवधि के और कर्ज देने पर ध्यान दें।'' शाह ने कहा कि छोटे किसानों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सहकारी बैंकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि सहकारिता की भावना के साथ इस तरह के छोटे खेतों में किस तरह काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 49.4 करोड़ एकड़ कृषि भूमि है, जो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है। यदि पूरी कृषि भूमि को सिंचित किया जाए तो भारत पूरी दुनिया का पेट भर सकता है। एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘यदि आप पीछे मुड़कर देखेंगे और सहकारिता संस्थानों के जरिए दीर्घकालिक ऋण की पिछले 90 वर्ष की यात्रा पर गौर करेंगे कि यह कैसे कम हुआ है तो आंकड़ों को देखने पर पाएंगे कि यह बढ़ा ही नहीं है।'' उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक ऋण में कई बाधाएं हैं और अब समय आ गया है कि सहकारिता की भावना के साथ इन अवरोधकों से पार पाया जाए। शाह ने कहा कि सहकारिता बैंकों को केवल बैंकों के तौर पर काम नहीं करना चाहिए बल्कि सिंचाई जैसी कृषि अवसंरचना की स्थापना जैसी अन्य सहकारी गतिविधियों पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को बहुआयामी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसके लिए आदर्श उप-नियम बनाकर प्रदेशों में चर्चा के लिए भेजे है। सहकारिता के तत्व को बढ़ाते हुए हम 70-80 साल पुराने कानूनों को बदलकर पैक्स में नई-नई गतिविधियां जोड़ने काम कर रहे है।'' शाह ने कहा, ‘‘अनेक बैंकों ने नए-नए सुधार किए मगर वे सुधार बैंकों तक ही सीमित रह गए और उनका लाभ पूरे क्षेत्र को नहीं मिला। बैंक केंद्रित सुधार इस क्षेत्र को नहीं बदल सकते। अगर क्षेत्र में सुधार आएंगे तो सहकारिता अपने आप मजबूत हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से 70 साल में 64 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य बनी, लेकिन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 8 साल में 64 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में वृद्धि हुई और कृषि का निर्यात पहली बार 50 अरब डॉलर को पार कर गया है। शाह ने कहा कि यह किसान कल्याण के प्रति मोदी सरकार की निष्ठा को दर्शाता है। -
जालौन (उप्र) .प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली राजनीति की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘‘रेवड़ी कल्चर'' देश के विकास के लिए बहुत घातक है। मोदी ने शनिवार को जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ये ‘रेवड़ी कल्चर' वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एअरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘ रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, ‘रेवड़ी कल्चर' को देश की राजनीति से हटाना है।'' मोदी ने ‘कनेक्टिविटी' की कमी के लिए उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘डबल-इंजन'' की सरकार अब तेजी से बेहतर कनेक्टिविटी के साथ राज्य में बड़ा बदलाव सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तीन-चार घंटे कम हो गई है, लेकिन इसका फायदा इससे कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि यह पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बुंदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए हम ‘जल जीवन मिशन' पर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने लोगों, खासकर युवाओं को ‘‘रेवड़ी कल्चर'' के प्रति आगाह किया और कहा कि यह देश के विकास के लिए ‘‘बहुत घातक'' हो सकता है। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था और तेजी से सुधार के साथ बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘‘डबल इंजन'' सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ‘‘डबल इंजन'' शब्द का इस्तेमाल केंद्र और राज्य में पार्टी के सत्ता में होने का उल्लेख करने के लिए करते हैं। मोदी ने कहा कि देश जिस विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं- ‘‘इरादा और मर्यादा''। उन्होंने कहा, ‘‘हम न केवल वर्तमान के लिए नयी सुविधाएं बना रहे हैं बल्कि देश का भविष्य भी बना रहे हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जिस उत्तर प्रदेश में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री, सिर्फ डिब्बों का रंग-रोगन करके काम चला रही थी, उस उत्तर प्रदेश में अब बुनियादी ढांचे पर इतनी गंभीरता से काम हो रहा है कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पछाड़ दिया है। पूरे देश में अब उत्तर प्रदेश की पहचान बदल रही है।'' मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोदी को स्थानीय बुंदेली वस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया। 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है। यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। बयान के मुताबिक, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक गलियारा बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर प्रदेश आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत करते हुए ट्वीट किया, ‘‘महान ऋषि-मुनियों की तपोस्थली, सृजन की धरा, विभिन्न संस्कृतियों की संगमस्थली, उत्तर प्रदेश की क्रांति भूमि पर ‘नए भारत' के ‘शिल्पकार' आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।'' -
नयी दिल्ली | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपने समृद्ध स्टांप भंडारण का डिजिटलीकरण शुरू कर दिया है, जिन्हें इसकी मैसूर स्थित पुरालेख (एपिग्राफी) शाखा में रखा गया है। एएसआई के इस कदम से दुर्लभ सामग्रियों तक इतिहासकारों और शोधकर्ताओं की पहुंच बढ़ जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को मैसूर में पुरालेख विभाग कार्यालय में एएसआई महानिदेशक वी विद्यावती ने डिजिटलीकरण प्रक्रिया का औपचारिक उद्घाटन किया। एएसआई ने एक बयान में कहा, ‘‘डिजिटल डेटा को ‘कॉम्पैक्ट माइक्रोफिल्म' में भी परिवर्तित किया जाएगा और आर्कटिक वर्ल्ड आर्काइव (एडब्ल्यूए) में अनंत काल के लिए दुनिया की मानवता की स्मृति के रूप में रखा जाएगा।'' इसमें कहा गया है कि एएसआई का एपिग्राफी विभाग वर्ष 1887 से भारत के सभी कोनों से जुटाए गए स्टांप (अभिलेखों की कागजी प्रतियां) का भंडार रहा है। अधिकारियों ने कहा कि इन अभिलेखों की व्याख्या प्रशिक्षित पुरालेखविदों द्वारा की जाती है और ग्रंथों के प्रतिलेख तैयार किए जाते हैं। बयान में कहा गया है कि विभिन्न भारतीय भाषाओं, यथा- तमिल, संस्कृत, पाली, प्राकृत, तेलुगु, बंगाली, कन्नड़, अरबी, फारसी, आदि में लगभग एक लाख इस तरह के स्टांप और संबंधित सामग्री उपलब्ध हैं। एएसआई ने कहा कि हालांकि इस तरह से कॉपी किए गए सभी अभिलेखों को उनकी खोज के वर्ष के आधार पर ‘एनुअल रिपोर्ट ऑन इंडियन एपिग्राफी' (एआरआईई) में प्रकाशित किया गया है, लेकिन उनकी डिजिटल प्रतियां इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं थीं। आसान खोज क्षमता के लिए एआरआईई डाटा मेटा-डेटा के रूप में काम करेगा। व्यापक प्रसार के लिए डेटाबेस को सार्वजनिक वेबसाइट पर डाला जाएगा।
- नयी दिल्ली |देशभर के निर्वाचित विधायक राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान करेंगे, जिससे उत्तर प्रदेश के विधायकों का मत मूल्य सबसे अधिक होगा, जबकि सिक्किम के विधायकों का मत मूल्य सबसे कम होगा। वहीं, सांसदों का मत मूल्य उनसे कहीं अधिक 700 होता है।उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है, यानी उनका कुल मूल्य 83,824 है। तमिलनाडु और झारखंड के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 176 है। इसके बाद महाराष्ट्र का 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश के हरेक विधायक का मत मूल्य 159 है। तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 41,184 है और झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 14,256 है। महाराष्ट्र विधानसभा के 288 विधायकों का मत मूल्य 50,400 है और बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों का मत मूल्य 42,039 है। वहीं, 175 सदस्यीय आंध्र प्रदेश विधानसभा का कुल मत मूल्य 27,825 है। किसी विधायक का मत मूल्य 1971 की जनगणना के अनुसार उस राज्य की कुल आबादी के आधार पर गिना जाता हैछोटे राज्यों में सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य सात है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का मत मूल्य आठ-आठ, नगालैंड का नौ, मेघालय का 17, मणिपुर का 18 और गोवा का मत मूल्य 20 है। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के एक विधायक का मत मूल्य 16 है। सिक्किम में 72 सदस्यीय विधानसभा का कुल मत मूल्य 224, मिजोरम विधानसभा में 40 सदस्यों का मत मूल्य 320, अरुणाचल प्रदेश के 60 विधायकों का मत मूल्य 480, नगालैंड के 60 सदस्यों का मत मूल्य 540, मेघालय के 60 सदस्यों का मत मूल्य 1,020, मणिपुर विधानसभा के 60 सदस्यों का मत मूल्य 1,080 और 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा का मत मूल्य 800 है। वहीं, संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 708 से घटाकर 700 कर दिया गया है क्योंकि जम्मू कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में किसी सांसद का मत मूल्य राज्य विधानसभाओं और दिल्ली, पुडुचेरी तथा जम्मू कश्मीर समेत केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित सदस्यों की संख्या के आधार पर तय होता है। राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन मंडल में लोकसभा, राज्यसभा के सदस्य तथा राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सदस्य शामिल होते हैं। अगस्त 2019 में लद्दाख और जम्मू कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने से पहले जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा की 83 सीटें थीं। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी जबकि लद्दाख पर केंद्र सरकार का शासन होगा।
-
नयी दिल्ली. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में मानसून की बारिश प्रगति करेगी, जो खरीफ की बुवाई के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि धान के रकबे के बारे में टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 15 जुलाई तक, धान की बुवाई चालू खरीफ सत्र में 17.4 प्रतिशत घटकर 128.50 लाख हेक्टेयर (एलएच) रह गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 155.53 लाख हेक्टेयर थी। हालांकि, दलहन, मोटे अनाज और तिलहन के बुवाई रकबा 7-9 प्रतिशत अधिक हैं। मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मानसून रहने का अनुमान जताया है।
खरीफ बुवाई के काम की प्रगति और धान के कम रकबे के बारे में पूछे जाने पर, तोमर ने कहा, ‘‘अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मुझे उम्मीद है कि मानसून की बारिश आगे बढ़ेगी।'' यह पूछे जाने पर कि क्या धान के रकबे में 17 प्रतिशत की गिरावट की भरपाई हो सकेगी, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हमें इंतजार करना चाहिए।'' मंत्री भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 94वें स्थापना दिवस के मौके पर बोल रहे थे।
पूर्व कृषि आयुक्त एस के मल्होत्रा ने कहा कि धान की बुवाई के लिए 10 अगस्त तक का समय है और इस अंतर को पाटने के लिए पर्याप्त समय है। अपने पिछले सप्ताह की तुलना में पिछले सप्ताह, धान खेती के रकबे में सुधार हुआ है। आठ जुलाई तक बुवाई 24 प्रतिशत कम थी। धान के रकबे में गिरावट की भरपाई के लिए इस महीने की बारिश महत्वपूर्ण होगी। भारत में इस मौसम में सामान्य से 14 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में कम बारिश हुई है। उत्तर प्रदेश में वर्षा की कमी सामान्य से 65 प्रतिशत कम थी, जबकि राज्य में एक जून से 15 जुलाई के बीच सामान्य 220 मिमी की तुलना में केवल 77.3 मिमी वर्षा हुई थी। झारखंड में वर्षा की कमी 49 प्रतिशत थी जबकि बिहार में वर्षा की कमी 42 प्रतिशत थी। खाद्यान्न श्रेणी में, दलहन खेती का रकबा नौ प्रतिशत बढ़कर 72.66 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले की अवधि में 66.69 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज का बुवाई क्षेत्र 87.06 लाख से 8 प्रतिशत बढ़कर 93.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि मक्का का रकबा 56.69 लाख से घटकर 49.90 लाख हेक्टेयर रह गया है। बाजरा खेती का रकबा 20.88 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 34.46 लाख हेक्टेयर हो गया। गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहन का क्षेत्र 124.83 लाख हेक्टेयर से 7.38 प्रतिशत बढ़कर 134.04 लाख हेक्टेयर हो गया। तिलहन के तहत सोयाबीन का रकबा 90.32 लाख हेक्टेयर से 10 प्रतिशत बढ़कर 99.35 लाख हेक्टेयर हो गया है। कपास का रकबा अब तक 6.44 प्रतिशत बढ़कर 96.58 लाख हेक्टेयर से 102.8 लाख हेक्टेयर हो गया है। गन्ने का रकबा 53.70 लाख लाख हेक्टेयर से मामूली रूप से घटकर 53.31 लाख हेक्टेयर रह गया है। जूट और मेस्टा खेती का रकबा अब तक थोड़ा कम यानी 6.89 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह रकबा 6.92 लाख हेक्टेयर था। खरीफ फसलों की खेती का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 591.3 लाख हेक्टेयर से मामूली वृद्धि के साथ चालू खरीफ सत्र में 15 जुलाई तक 592.11 लाख हेक्टेयर हो गया है। खरीफ फसलों की बुवाई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। धान एक प्रमुख खरीफ (गर्मी में बोई जाने वाली) फसल है। -
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ आगामी छह अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार होंगे। राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सर्वोच्च नीति निर्धारक ईकाई संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने यह घोषणा की। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘किसान पुत्र जगदीप धनखड़ राजग के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी होंगे। धनखड़ जी, एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को पार करते हुए अपने जीवन में उच्च लक्ष्य को प्राप्त किया और देश की सेवा करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।' उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में धनखड़ ने लोगों के दिल पर राज करने वाले राज्यपाल के रूप में पहचान बनाई।
संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और नड्डा के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद थे। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 जुलाई है और मतदान छह अगस्त को निर्धारित है। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है। भाजपा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। यदि मुर्मू चुनाव जीत जाती हैं, तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। राजग ने 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नायडू को अपना उम्मीदवार बनाया था। भाजपा इस बार भी अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए मजबूत स्थिति में है।
- श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा के दौरान पिछले 36 घंटों में छह तीर्थयात्रियों और एक टट्टू चालक की मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।तीर्थयात्रा के दौरान अब तक कुल 49 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 15 वे यात्री शामिल हैं, जिनकी आठ जुलाई को अचानक आई बाढ़ में मौत हो गई थी। 30 जून से शुरू हुई तीर्थयात्रा के दौरान अब तक 47 यात्रियों और दो टट्टू चालकों की मौत हो चुकी है। एक टट्टू चालक की मौत पहलगाम में गहरी खाई में गिरने से हो गई थी। आठ जुलाई को अमरनाथ गुफा के पास अचानक आई बाढ़ में 15 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 55 लोग घायल हो गए थे। अब तक 1.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री गुफा में दर्शन कर चुके हैं। file photo
-
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने कहा है कि पांच करोड़ से अधिक लोगों को ई-संजीवनी टेली-परामर्श का लाभ मिला है। रोगी, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस अभिनव डिजिटल माध्यम का उपयोग करके दैनिक आधार पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों से परामर्श करते हैं। ई-संजीवनी सुविधा से, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने में व्यापक सुधार हुआ है। डॉक्टर मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले गरीबों को स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह मिल रही है। उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी, डिजिटल स्वास्थ्य का सबसे अच्छा उदाहरण है और लोग ऐप के माध्यम से ई-संजीवनी टेली-परामर्श का लाभ उठा सकते हैं।
























.jpg)

.jpg)
