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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से रविवार को बात की। पीएम मोदी ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दी है। उन्होंने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति से मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बात की और क्षेत्रीय शांति को जल्द से जल्द बहाल करने की बात कही।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। हाल ही में बढ़ें तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की। आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति को जल्द से जल्द बहाल करने की बात कही।”ज्ञात हो, अमेरिका ने ईरान की ‘न्यूक्लियर साइट्स’ पर हमला किया है। अमेरिका का ईरान पर यह हमला भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4.30 बजे हुआ।इस हमले के कुछ घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को अमेरिका के साथ काम करने के लिए धन्यवाद दिया।शनिवार (अमेरिकी समय) को हमलों के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप ने मीडिया को संबोधित किया। ट्रंप ने नेतन्याहू (उन्हें उनके उपनाम ‘बीबी’ से पुकारते हुए) के प्रति आभार जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री बीबी नेतन्याहू को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं। हमने एक टीम के रूप में काम किया, जैसा शायद पहले कभी किसी टीम ने नहीं किया। हम इजरायल के लिए इस भयानक खतरे को मिटाने के लिए बहुत आगे बढ़ चुके हैं। मैं इजरायली सेना को उनके शानदार काम के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका ने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की है। इसके साथ ही उन्होंने तेहरान को चेतावनी दी है कि जब तक वह इजरायल के साथ अपना संघर्ष खत्म नहीं करता, तब तक वह और सटीक हमले करेगा। इन टारगेटेड लोकेशन में अत्यधिक सुरक्षित फोर्डो, नतांज और एस्फाहान न्यूक्लियर फैसिलिटी शामिल हैं।वहीं, अमेरिका की एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। इजरायली मीडिया ने सेंट्रल इजरायल में धमाकों की जानकारी दी है। यहां कई शहरों में सिविल डिफेंस टीम और आपातकालीन सेवाएं तैनात की गई हैं। कई क्षेत्रों में इमारतों पर हमला किया गया है, लेकिन हताहतों या बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिली।अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर हमला किया, जिसके बाद ईरान की यह जवाबी कार्रवाई देखी गई है। आपको बता दें, ईरान के हमलों में इजराइल के तेल अवीव, हाइफा और यरुशलम सहित कई प्रमुख शहरों को निशाना बनाया गया है। -
जम्मू/-कश्मीर में दवाओं के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के उद्देश्य से चलाए गए विशेष अभियान में शनिवार को नौ दवा विक्रेताओं के बिक्री लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन ने यह कार्रवाई की है, जिसका मकसद ‘‘ऐसी दवाओं की तस्करी करने वाले तत्वों की पहचान करना और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करना है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ थोक विक्रेता ऐसी दवाएं खरीद रहे थे जिनमें ‘प्रेगाबेलिन' शामिल था, जिसकी लत लगने का खतरा रहता है। प्रवक्ता ने बताया कि यह सामग्री जम्मू-कश्मीर के बाहर स्थित आपूर्तिकर्ताओं से अवैध रूप से सीधे प्राप्त की जा रही थी। उन्होंने कहा कि गहन जांच से पता चला कि इन कंपनियों ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत अनिवार्य बिक्री रिकॉर्ड तैयार किए बिना ही इन दवाओं की खरीद और बिक्री की। उन्होंने बताया कि 13.58 लाख रुपये से अधिक मूल्य की ऐसी दवाएं जब्त की गई हैं जिनसे लत लगने का खतरा है।
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नयी दिल्ली. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत मुंबई स्थित राष्ट्रीय प्रतिरक्षा रुधिर विज्ञान संस्थान (एनआईआईएच) ने पहली बार दुर्लभ और असामान्य रक्त प्रकार वाले रोगियों के लिए एक राष्ट्रीय 'दुर्लभ रक्तदाता रजिस्ट्री' बनाई है, जिन्हें विशेष रूप से थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग जैसी स्थितियों में बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। नागपुर स्थित आईसीएमआर-एनआईआईएच (आईसीएमआर-एनआईआईएच) हीमोग्लोबिनोपथी अनुसंधान, प्रबंधन और नियंत्रण केंद्र (सीआरएचसीएम) की निदेशक डॉ मनीषा मडकाइकर ने बताया कि आईसीएमआर-एनआईआईएच अब स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) के साथ बातचीत कर रहा है, ताकि दुर्लभ दाता रजिस्ट्री पोर्टल को ई-रक्तकोष के साथ एकीकृत किया जा सके। ई-रक्तकोष एक ऐसा मंच है, जो वर्तमान में रक्त की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस एकीकरण से दुर्लभ रक्त समूहों वाले लोगों को आसानी से रक्त बैंकों का पता लगाने और रक्त प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे रक्त बैंकों को एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से अपने स्टॉक और दाताओं का प्रबंधन करने में भी मदद मिलेगी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अनुसार, 142 करोड़ से अधिक की आबादी वाले भारत में 4,000 से अधिक लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक हैं। डॉ. मडकाइकर ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान रक्त संबंधी बीमारियों और जटिलताओं के अधिक प्रचलन के कारण भारत में रक्त आधान पर बहुत अधिक निर्भरता है। उन्होंने कहा, ‘‘थैलेसीमिया के कारण अकेले एक लाख से 1.5 लाख रोगियों को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है।'' उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन 1,200 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, तथा प्रतिवर्ष 6 करोड़ सर्जरी, 24 करोड़ बड़े ऑपरेशन, 33.1 करोड़ कैंसर संबंधी प्रक्रियाएं, तथा एक करोड़ गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं होती हैं, जिसके कारण रक्त चढ़ाने की आवश्यकता गंभीर हो जाती है। भारत में अधिकांश रक्त बैंकों में, लाल रक्त कोशिका घटकों को जारी करने के लिए क्रॉस-मैचिंग से पहले केवल एबीओ और आरएचडी एंटीजन का मिलान किया जाता है। हालांकि, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ ब्लड ट्रांसफ़्यूज़न (आईएसबीटी) ने 47 रक्त समूह प्रणालियों में 360 से अधिक एंटीजन की पहचान की है। डॉ. मडकाइकर ने बताया कि रक्त बैंक इन छोटे रक्त समूह एंटीजन का नियमित रूप से परीक्षण नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, दाता और रोगी के रक्त समूह (बीजी) प्रोफाइल के बीच मामूली एंटीजन का बेमेल होना लाल रक्त कोशिका एलोइम्यूनाइजेशन (सामान्य आबादी में 1-3 प्रतिशत, थैलेसीमिया रोगियों में 8-18 प्रतिशत) को जन्म दे सकता है। सभी प्रतिरक्षित रोगियों में से लगभग 25 प्रतिशत को कई एंटीबॉडी या उच्च आवृत्ति एंटीजन (एचएफए) के प्रति एंटीबॉडी की उपस्थिति के कारण असंतोषजनक रक्ताधान सहायता प्राप्त होने की सूचना मिली है।'' दुर्लभ रक्त समूह वे हैं जिनमें एचएफए (1:1000 या इससे कम) की कमी होती है, या जो सामान्य एंटीजन के संयोजन के लिए नकारात्मक होते हैं, या जिनका फेनोटाइप शून्य होता है। डॉ. मडकाइकर ने कहा कि ऐसे रोगियों के लिए दुर्लभ रक्त की आपूर्ति की मांग को पूरा करना चुनौतीपूर्ण और समय लेने वाला होता है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक रूप से रक्त प्रकार वाले रक्तदाताओं और दुर्लभ रक्त प्रकार वाले रक्तदाताओं की सूची की आवश्यकता है।
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आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा की एक स्थानीय अदालत ने पति की हत्या के लिए पत्नी व उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई और दोनों पर दस-दस हजार का जुर्माना लगाया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता ने बताया कि सत्र न्यायाधीश संजय कुमार मालिक ने 19 जून को ये फैसला सुनाया। गुप्ता ने ये भी बताया, “24 जनवरी 2021 को आरोपी पूनम ने प्रेमी सोनी के साथ मिलकर अपने पति राकेश (28) की हत्या कर दी। शादी से पहले भी पूनम और सोनी के संबंध थे।” उन्होंने बताया कि सोनी अक्सर पूनम के घर जाया करता था।
अधिकारी ने बताया, “24 जनवरी 2021 को सोनी, पूनम से मिलने आया था, जिसका राकेश ने विरोध किया। इसी बात पर सोनी और पूनम ने राकेश की कपड़े से गला घोंटकर हत्या कर दी और फरार हो गए। पुलिस कई दिनों बाद दोनों को गिरफ्तार करने में कामयाब रही।” -
बरेली (उप्र) .बरेली जिले के आंवला थानाक्षेत्र में पुलिस ने नौ महिलाओं को सड़क पर राहगीरों को रोककर पैसे मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने बताया कि ये महिलाएं राहगीरों से पैसे यह कहकर मांग रही थीं कि वे अहमदाबाद से हैं, लेकिन किसी कठिनाई के कारण शहर में फंस गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन महिलाओं ने अच्छे कपड़े पहने थे और उन्हें शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन महिलाओं को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। आंवला के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) नितिन कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ महिलाएं आंवला-बदायूं रोड पर राहगीरों को रोककर पैसे मांग रही हैं। अधिकारी के अनुसार महिलाओं के बयान संदिग्ध लगे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के अनुसार महिलाओं ने दावा किया था कि वे अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली हैं और कथित कठिनाइयों के कारण लोगों से मदद की अपील कर रही हैं। पुलिस के अनुसार उन्हें उप जिलाधिकारी की अदालत में पेश किया गया और उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। -
उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) .रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में भारत की धरती पर कोई भी आतंकवादी हमला होता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जवानों के साथ योग किया। बाद में अपने संबोधन में राजनाथ ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि भारत को ‘‘हजार घाव'' देने की उसकी नीति कभी सफल नहीं होगी। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस योग सत्र में भाग लिया।
सिंह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर उधमपुर पहुंचे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह जम्मू-कश्मीर की उनकी दूसरी यात्रा थी। उन्होंने 15 मई को कश्मीर का दौरा किया था, जिसके कुछ दिन पहले भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमति जताई थी। रक्षा मंत्री ने कहा ‘‘ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है... इस ऑपरेशन के जरिए हमने पाकिस्तान को बता दिया कि भारत में आतंकवाद जारी रखने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका जवाब बद से बदतर होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की ‘एयर स्ट्राइक' (सीमा पार) का ही विस्तारित रूप है। हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि भारत को ‘‘हजार घाव देने'' की उसकी नीति कभी सफल नहीं होगी। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित होगा। भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है।'' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ हम आसानी से अन्य ठिकानों को नष्ट कर सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमने संयम दिखाया।" उन्होंने इसका श्रेय योग को दिया जो क्रोध पर काबू पाने में मदद करता है, शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और शक्ति को नियंत्रित करता है। सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले की योजना सीमा पार बनाई गई थी और यह महज एक आतंकवादी घटना नहीं थी बल्कि इसका उद्देश्य भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को बिगाड़ना था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल उनकी योजनाओं को विफल किया बल्कि जवाबी कार्रवाई भी की जिससे पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और उसके बाद ही हमने ऑपरेशन सिंदूर रोका।'' ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सशस्त्र बलों ने छह और सात मई की मध्य रात्रि में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर हमला किया था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए किया गया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे। -
नयी दिल्ली. एक नए अध्ययन में पाया गया है कि 74 प्रतिशत ‘मिलेनियल्स' यानी 1981 से 1996 के बीच जन्मे लोग रोजाना योग करते हैं, जिससे वे नियमित अभ्यास करने वाले अग्रणी आयु वर्ग के लोग बन गए हैं। इसके बाद ‘एक्स जनरेशन' यानी 1960 से 1980 के बीच जन्मे 70 प्रतिशत लोग योग करते हैं। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस द्वारा महानगरों और गैर-महानगरों दोनों क्षेत्रों में लगभग 1,000 लोगों पर किए गए अध्ययन के आंकड़े अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जारी किए गए, जिसमें यह बात सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है, "जैसे-जैसे तनाव और उत्तेजना नयी महामारी का रूप ले रहे हैं, योग लोगों के जीवन में लौट रहा है और एक दैनिक आवश्यकता बनता जा रहा है।” आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में मार्केटिंग, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस और सीएसआर प्रमुख शीना कपूर ने कहा, "हमारी नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि 74 प्रतिशत ‘मिलेनियल्स' अब नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं।” निष्कर्षों से यह भी पता चलता है कि योग भारत में एक विशिष्ट अभ्यास से आगे बढ़कर मुख्यधारा का हिस्सा बन गया है, तथा 72 प्रतिशत उत्तरदाता नियमित रूप से जबकि 18 प्रतिशत कभी-कभार इसका अभ्यास करते हैं।
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पिथौरागढ़ (उत्तराखंड). पांच साल के अंतराल के बाद 30 जून को पिथौरागढ़ जिले में लिपुलेख दर्रे के रास्ते फिर से शुरू होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों की शनिवार को यहां एक बैठक में समीक्षा की गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष पांच जत्थों में कुल 250 तीर्थयात्री लिपुलेख दर्रा मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। प्रत्येक जत्थे में 50 तीर्थयात्री होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थयात्री वाहनों से लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे। यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा 13 से अधिक वाहनों की व्यवस्था की गई है और दो को आरक्षित रखा गया है।'' जिलाधिकारी ने कहा कि तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पांच जुलाई को धारचूला आधार शिविर पहुंचेगा और अगले दिन गुंजी कैंप के लिए रवाना होगा। गोस्वामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की पहले गुंजी में चिकित्सा जांच की जाएगी, जहां उन्हें दो दिनों तक रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की दूसरी चिकित्सा जांच तिब्बत में प्रवेश करने से पहले नाभीढांग में की जाएगी। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने गुंजी में तीर्थयात्रियों के लिए बेस अस्पताल स्तर की चिकित्सा सुविधाओं के अलावा एक चिकित्सक की भी व्यवस्था की है। हमने यात्रा के सभी शिविरों में आवास सुविधाओं को उन्नत बनाया है।'' उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन), भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रतिनिधि शामिल हुए। मानसून के दौरान भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर जिलाधिकारी ने कहा कि बीआरओ को यात्रा मार्ग पर सड़कों की स्थिति के बारे में प्रतिदिन दो बार अद्यतन जानकारी जारी करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री तिब्बत से लौटते समय बूंदी शिविर में विश्राम करेंगे और बेरीनाग होते हुए चौकोरी, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका, जागेश्वर, अल्मोड़ा और कैंची धाम का भ्रमण करते हुए नयी दिल्ली लौटेंगे। -
बागपत/ उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में चलती ट्रेन में एक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। यह जानकारी पुलिस ने दी। रेलवे पुलिस उपाधीक्षक श्वेता आशुतोष ने शनिवार को बताया कि रेलवे पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रेलवे पुलिस उपाधीक्षक श्वेता आशुतोष ने बताया कि यह घटना 20 जून को दिल्ली-शामली पैसेंजर ट्रेन (संख्या 74023) में रेलवे हाल्ट फखरपुर और खेकड़ा रेलवे स्टेशन के बीच हुई, जब दीपक नाम के व्यक्ति के साथ कुछ युवकों ने कथित रूप से मारपीट की। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल दीपक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेकड़ा ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान दीपक, पुत्र ऋषि (उम्र लगभग 38 वर्ष), निवासी पट्टी अहीरान, थाना खेकड़ा, जिला बागपत के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि परिजनों की तहरीर पर थाना जीआरपी बड़ौत में एक मामला दर्ज कर लिया गया है। रेलवे पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि इस मामले में 18 घंटे के भीतर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कर ली गई है और ये सभी खेकड़ा थानाक्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और अन्य आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, मृतक के परिचितों ने बताया कि दीपक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। दीपक के परिवार में उसकी पत्नी, 12 वर्षीय एक बेटी और ढाई वर्षीय बेटा है। उन्होंने बताया कि दीपक दिल्ली के भगीरथ पैलेस स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में काम करता था और हर सप्ताहांत अपने घर आता था। घटना से जुड़े तीन वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें ट्रेन के डिब्बे में मारपीट और हमलावरों के ट्रेन से कूदकर भागने के दृश्य स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। -
नयी दिल्ली.भाग-दौड़ भरी जिंदगी के बीच हमारा ड्राइंग रूम एक ऐसी जगह होती है जहां हम सुकून के पल तलाशते हैं और ऐसे में जब संगीत की मधुर लहरें कानों तक पहुंचती हैं तो मन को भी एक नयी ताजगी मिलती है। ऐसा लगता है कि मानों हम किसी पुराने पोस्टकार्ड को पढ़ते हुए पुरानी यादों में खो गये हो। भारतीय शास्त्रीय संगीत कभी युवाओं के बीच अधिक मशहूर नहीं रहा। आमतौर पर इसे बहुत धीमा और जटिल माना जाता है। इस तरह के संगीत कार्यक्रम आमतौर पर संगीत सभागारों और आयोजनों तक ही सीमित थे। लेकिन आज इसके इसके श्रोता बढ़े हैं और तेज धुन के शौकीन युवा भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों और संगीत में रुचि रखने वालों की अंतरंग महफिलें अब एक बार फिर जीवंत हो रही हैं। पहले यह परंपरा कुछ सीमित संगीतज्ञों और उनके संरक्षकों तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह नये आयाम ले रही है। ड्राइंग रूम और छोटे सांस्कृतिक स्थलों में सजने वाली इन संगीतमयी बैठकों के जरिए संगीत न केवल नये श्रोताओं तक पहुंच रहा है, बल्कि उभरते कलाकारों को सम्मान और रोजगार भी दे रहा है। जिस संगीत की कल्पना पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर और पंडित विष्णु नारायण भातखंडे ने की थी, वह अब नये रास्ते पर चल पड़ा है। अब शास्त्रीय संगीत को सुनने के लिए किसी विशाल सभागार की जरूरत नहीं है। कई स्थानों पर स्वतंत्र समूहों और संगीत प्रेमियों ने अपने घरों को ही संगीत सभा में बदल दिया है। रणनीतिक सलाहकार सुकन्या बनर्जी और फिटनेस कोच तेजस जयशंकर उन लोगों में से थे जिन्होंने 2018 में इस दिशा में कदम बढ़ाया था, जब उन्होंने दक्षिण दिल्ली में अपने घर को संगीत प्रेमियों के लिए खोला। इस कार्यक्रम में महज 25 लोग शामिल हो पाते थे और वे अपने महत्वाकांक्षी कलाकार को सुनने के लि भुगतान करने को भी तैयार थे। महज 200 रुपये की टिकट से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका नाम था ‘इवनिंग राग', जो अब पांच साल बाद ‘अपस्टेयर्स विद अस' के नाम से मशूहर है और अब इस कार्यक्रम की टिकट 2,000 रुपये है। जयशंकर ने कहा, “भारतीय शास्त्रीय संगीत को लेकर कई बाधाएं थीं। पहला, लोग सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के आदी हो गए हैं जो निःशुल्क होते हैं और इससे कलाकारों को उचित पारिश्रमिक भी नहीं मिल पाता था।” अब संगीत कार्यक्रम ‘अपस्टेयर्स विद अस' में 30 लोग शामिल होते हैं, जो दो हजार रुपये की टिकट खरीदते हैं और इससे बनर्जी और जयशंकर कलाकारों को 15,000 से 20,000 रुपये तक का मेहनताना देते हैं और साथ ही घर का बना स्वादिष्ट खाना भी दिया जाता है। इससे एक ओर जहां दर्शक संगीत को समझने और सराहने लगते हैं, वहीं कलाकारों को न केवल सम्मान बल्कि स्थिर आय भी मिलती है। संगीत कार्यक्रम ‘अपस्टेयर्स विद अस' में नियमित रूप से प्रस्तुति देने वाले तबला वादक जुहेब अहमद खान ने कहा कि ऐसे स्थानों पर वे लोग भी शास्त्रीय संगीत समझने लगते हैं, जिन्होंने कभी इसके बारे में सीखा न हो। खान ने कहा, ‘‘आप जो सुनते रहते हैं, वह आपको पसंद आने लगता है। आपको उस शैली या संगीत के प्रकार के बारे में सभी छोटी-छोटी जानकारियां जानने की जरुरत नहीं है। मैं लोगों से कहता हूं कि भले ही आप तानसेन न बनें, कांसें बन जाएं तो भी काफी है।''
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नयी दिल्ली. महान एयर का एक विमान 256 भारतीय छात्रों को लेकर शनिवार को दिल्ली हवाई अड्डा पर सुरक्षित उतरा, जिससे उनके चिंतित परिजनों को काफी राहत मिली है। इन छात्रों में ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, ईरान में फंसे छात्रों में से कई छात्र वहां डर और अनिश्चितता का सामना करने के बाद थके हुए नजर आ रहे थे। जम्मू कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘ईरानी अधिकारियों के साथ समय पर समन्वय और प्रयासों के लिए भारत सरकार को धन्यवाद। हम शेष छात्रों, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'' एसोसिएशन ने यह भी पुष्टि की कि भारतीय छात्रों को लेकर एक और उड़ान के रात 11:30 बजे के आसपास राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने की उम्मीद है। ‘ऑपरेशन सिंधु' के तहत 24 घंटे के भीतर ईरान से भारतीयों को वापस लाने वाली यह दूसरी उड़ान थी।
ईरान के मशहद से एक और उड़ान शुक्रवार देर रात दिल्ली पहुंची थी। इसमें 290 भारतीय छात्र सवार थे, जिनमें से ज्यादातर जम्मू कश्मीर से हैं। भारतीय अधिकारियों ने अपने ईरानी समकक्षों के साथ समन्वय करके तेहरान में फंसे छात्रों को मशहद तक पहुंचाने में सहायता प्रदान की, ताकि वे वहां से अपनी उड़ान पकड़ सकें। ईरान ने भी निकासी में सहायता के लिए विशेष कदम उठाते हुए अपना हवाई क्षेत्र खोला। कुल मिलाकर, लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों के जरिये स्वदेश लाया जा रहा है। दो अतिरिक्त उड़ानें भी पहुंचने वाली हैं। इनमें से एक के तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से रविवार तड़के 3 बजे के आसपास पहुंचने की उम्मीद है। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और सभी संबंधित अधिकारियों को उनके समय पर हस्तक्षेप और समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद।'' यह निकासी ‘ऑपरेशन सिंधु' का हिस्सा है, जिसे विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज होने पर शुरू किया था। बृहस्पतिवार को 110 छात्रों को आर्मेनिया और दोहा के रास्ते निकाला गया था। -
नई दिल्ली। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 को भारतीय सेना ने देश के हर हिस्से में उत्साहपूर्वक मनाया। ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम पर आधारित इस दिन का सबसे खास आयोजन दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में हुआ, जहां जवानों, पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और बच्चों ने एक साथ योगाभ्यास किया। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सियाचिन से लेकर देश के हर मौसम और क्षेत्र में हमने योग को अपनाया। यह दिवस सिर्फ अभ्यास का नहीं, बल्कि जीवनशैली में योग को शामिल करने का प्रतीक है।”
इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान के 2,500 जवानों के साथ योग सत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा कि योग केवल स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मानसिक स्पष्टता और अनुशासन बढ़ाने का एक रणनीतिक अभ्यास भी है, जो अभियानों जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी उपयोगी साबित हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की सराहना भी की।लेह के पास पेंगोंग झील के किनारे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने 14,100 से 14,200 फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास किया। 54वीं बटालियन ने योग दिवस से पहले भी योग सत्र आयोजित किया। अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में 12,000 फीट से ऊपर आईटीबीपी के 4वीं कोर द्वारा योग और सफाई अभियान चलाया गया। वहीं पूर्वी समुद्री क्षेत्र में भी भारतीय तट रक्षक बल ने विशाखापत्तनम में योग सत्र आयोजित किया, जबकि तटीय तमिलनाडु में तटरक्षक पोत ‘रानी अब्बक्का’ के कर्मियों ने योग किया। इसी तरह, विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए विशाल योग आयोजन में भारतीय नौसेना के जहाज भी किनारे पर तैनात रहे, जिससे कार्यक्रम की भव्यता और बढ़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा, “मैं दुनिया के सभी देशों से अपील करता हूं कि योग को केवल एक व्यक्तिगत या सांस्कृतिक अभ्यास न मानें, बल्कि इसे मानवता के लिए एकजुटता का माध्यम बनाएं। यह आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बना सकता है।”जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में कृष्णा घाटी ब्रिगेड की बालनोई बटालियन ने भी सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ योग दिवस मनाया। बालनोई, दाद सगरा और मानकोट गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। एक स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ चौधरी ने कहा कि यह आयोजन ऑपरेशन सिंदूर के बाद का सबसे बड़ा कार्यक्रम था। सामाजिक कार्यकर्ता मोइन आफताब खान ने कहा कि सेना का यह प्रयास गांवों को जोड़ने और योग को जन-जन तक पहुंचाने में बहुत प्रभावी है। रक्षा मंत्री ने सेना की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपका साहस पूरे देश में सराहा जाता है। योग तनाव और बेचैनी से लड़ने में आज के दौर में एक शक्तिशाली समाधान है।” -
नई दिल्ली। 1 जुलाई से दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप से फ्यूल नहीं मिलेगा। यह नियम अब पूरे देश में रजिस्टर्ड पुराने वाहनों पर लागू होगा, भले ही वे किसी भी राज्य से पंजीकृत हों। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 21 जून को इसकी पुष्टि की।
यह कदम उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो दिल्ली में नियमों से बचने के लिए अपने पुराने वाहनों को दूसरे राज्यों में रजिस्टर करवा रहे थे। आयोग ने अप्रैल में ही यह निर्देश जारी किया था कि 1 जुलाई से ऐसे ओवरएज वाहनों को ईंधन न दिया जाए।सीएक्यूएम (CAQM) के तकनीकी सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने कहा, “हमारे दिशा-निर्देशों में ऐसा नहीं है कि सिर्फ दिल्ली में रजिस्टर्ड एंड ऑफ लाइफ (EOL) वाहनों को ही ईंधन नहीं मिलेगा। दिल्ली की सड़कों पर बाहर के राज्यों से पंजीकृत वाहन भी चलते हैं और ये भी प्रदूषण फैलाते हैं। अगर दिल्ली के लोग जानबूझकर अपने वाहन बाहर रजिस्टर्ड करवा रहे हैं, तो इस प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए। हमें पता है कि ऐसा हो रहा है।”दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण और लोगों की परेशानीदिल्ली और इसके आस-पास के शहरों में हर साल सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। अक्सर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) ‘गंभीर’ या ‘गंभीर से भी ज्यादा’ श्रेणी में पहुंच जाता है, जो खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक होता है।पिछले साल हुए एक सर्वे में सामने आया था कि दिल्ली-एनसीआर के 75% परिवारों में कम से कम एक सदस्य को लगातार खांसी या गले में खराश की शिकायत रहती है। वहीं, आधे परिवारों ने बताया कि उनके किसी न किसी सदस्य को दम घुटने या अस्थमा जैसी दिक्कतें हो रही हैं, जिसकी बड़ी वजह जहरीली हवा है।VAHAN सिस्टम से जुड़कर पुराने और बिना पीयूसी वाहनों की होगी पहचानदिल्ली में अब पेट्रोल पंपों पर लगे कैमरे पुराने और नियम तोड़ने वाले वाहनों की पहचान करेंगे। राजधानी के 520 में से 500 फ्यूल स्टेशनों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा चुके हैं। बाकी बचे हुए पंपों पर यह व्यवस्था 30 जून तक पूरी कर दी जाएगी।ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट स्कैन करके VAHAN डेटाबेस से उसकी जानकारी निकालते हैं, जैसे गाड़ी कितनी पुरानी है और उसका पंजीकरण वैध है या नहीं। साथ ही ये ये भी पता करते हैं कि वाहन के पास वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट है या नहीं।अगर कोई गाड़ी नियमों का उल्लंघन करती पाई जाती है तो कैमरे तुरंत इसका अलर्ट कंट्रोल रूम को भेजेंगे। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर ऐसे वाहनों को जब्त करेगी।दिल्ली से सटे पांच जिलों—गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और सोनीपत—में 1 नवंबर से ईंधन बिक्री पर रोक लागू कर दी जाएगी। इन जिलों में 31 अक्टूबर तक एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लगाए जाने की तैयारी है।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बाकी जिलों में यह नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। तब तक वहां भी एएनपीआर कैमरे लगाना जरूरी होगा।EOL बसों पर भी रहेगी नजर, सरकारी और निजी दोनों शामिलदिल्ली-एनसीआर में अब पुरानी वाणिज्यिक बसों (EOL बसों) पर भी सख्ती की जाएगी, चाहे वे निजी हों या सरकारी, और देश के किसी भी हिस्से में रजिस्टर्ड हों। इन्हें ANPR कैमरों से पहचाना जाएगा। हालांकि, इनकी आवाजाही पर रोक के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।शर्मा ने बताया कि ट्रैफिक और परिवहन विभाग के 100 प्रवर्तन दल तैनात किए गए हैं।उन्होंने कहा कि अगर कोई पेट्रोल पंप नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।दिल्ली में अब तक 62 लाख पुराने और तय समय सीमा के बाद चलने वाले (EOL) वाहनों की पहचान की गई है, जिनमें से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं। पूरे एनसीआर में ऐसे वाहनों की संख्या करीब 44 लाख है, जो ज़्यादातर पांच बड़े शहरों में केंद्रित हैं।शर्मा ने कहा कि तय तारीखों के बाद पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों में ईंधन भरने से इनकार करना होगा। इसके अलावा, संबंधित एजेंसियों को इन वाहनों को जब्त करने और स्क्रैपिंग के लिए भेजने जैसे कानूनी कदम उठाने होंगे। यह कार्रवाई Registered Vehicle Scrapping Facility (RVSF) नियमों के तहत की जाएगी। वाहन मालिक अगर चाहें, तो अपने पुराने वाहन को दिल्ली से बाहर ले जाने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) भी ले सकते हैं।सड़क पर ऐसे वाहनों की पहचान के लिए ट्रैफिक सर्विलांस सिस्टम और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स का इस्तेमाल किया जाएगा।यह निर्देश इसलिए जारी किए गए हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के आदेशों के बावजूद एनसीआर से प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाने में अब तक खास प्रगति नहीं हुई है। -
नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर शुरू हो गई है। शुक्रवार को सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने नाथूला दर्रे से यात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा के शुभारंभ से पहले राज्यपाल ने यात्रियों से मुलाकात की और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक मार्ग की बहाली को अंतरराष्ट्रीय मित्रता और भारतीय आध्यात्मिक परंपरा की पुनर्स्थापना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन समुदायों की आस्था को दर्शाती है।
राज्यपाल माथुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा, “यह सिक्किम के लिए गर्व का क्षण है कि यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा राज्य की पवित्र भूमि से होकर आगे बढ़ रही है।” पहले जत्थे में 33 यात्री, दो एस्कॉर्ट अधिकारी और एक डॉक्टर शामिल हैं। सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए दो चरणों में पहले ‘18वां मील’ पर और फिर शेराथांग में अनुकूलन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।यात्रियों को चीन की सीमा के पार भी पूरी व्यवस्था के साथ स्वागत किया जाएगा, जहां से वे कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की ओर आगे बढ़ेंगे। यात्रा के पूरे प्रबंधन की जिम्मेदारी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, सिक्किम पर्यटन विकास निगम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने संभाली है। समाचार एजेंसी एएनआई से एक यात्री शैलेन्द्र शर्मा ने खुशी जताते हुए कहा, “कई वर्षों के बाद यात्रा हो रही है और सरकार ने शानदार इंतजाम किए हैं। ऊंचाई पर होने की वजह से स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन ITBP और बाकी स्टाफ हमें पूरी मदद कर रहे हैं। यह शानदार अनुभव है और मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस यात्रा का हिस्सा बनें।” एक अन्य महिला यात्री ने कहा, “हम यहां दो से चार दिन रहे और ITBP तथा पर्यटन विभाग ने हमें बहुत अच्छे से संभाला। खाने-पीने और रहने की व्यवस्था बहुत अच्छी रही और मेडिकल सहायता भी तुरंत मिली। सभी कर्मचारियों का व्यवहार भी बहुत अच्छा था।” इस अवसर पर सिक्किम सरकार के मंत्री, विधायक, भारतीय सेना और ITBP के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से भारत के इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री गोयल ने इंजीनियरिंग निर्यात में लगातार वृद्धि का श्रेय पिछले एक दशक में सरकार के केंद्रित प्रयासों को दिया।
इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धिकेंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “भारत 2014 से मोदी सरकार के तहत आगे बढ़ रहा है! इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो ‘मेक इन इंडिया’ की मजबूत सफलता को दर्शाता है।”इंजीनियरिंग निर्यात में यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब भारत का व्यापक औद्योगिक प्रदर्शन भी लगातार सुधार दर्ज करवा रहा हैइंजीनियरिंग निर्यात में यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब भारत का व्यापक औद्योगिक प्रदर्शन भी लगातार सुधार दर्ज करवा रहा है। सांख्यिकी मंत्रालय के पिछले आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में औद्योगिक उत्पादन में सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।भारत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख स्तंभ, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो मार्च में 3 प्रतिशत की वृद्धि से बेहतर हैभारत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख स्तंभ, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो मार्च में 3 प्रतिशत की वृद्धि से बेहतर है। इस वृद्धि में बेसिक मेटल, मोटर व्हीकल और मशीनरी जैसे क्षेत्र सबसे अधिक योगदान देने वाले क्षेत्रों में से थे। अकेले मशीनरी और उपकरणों के निर्माण में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में मजबूत मांग की ओर इशारा करता है।औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के उत्पादन में 20.3 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि देखी गईऔद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के उत्पादन में 20.3 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि देखी गई। यह न केवल उच्च निवेश गतिविधि का संकेत देता है, बल्कि दीर्घकालिक रोजगार सृजन और आय वृद्धि का भी समर्थन करता है।भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला हैउपभोक्ता मांग भी मजबूत बनी हुई है, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणों जैसे टिकाऊ सामानों के उत्पादन में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है। अप्रैल में इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण वस्तुओं के क्षेत्र में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों पर प्रमुख सरकारी खर्च से प्रेरित थी। गुणवत्तापूर्ण इंजीनियरिंग उत्पादों के लिए वैश्विक मांग बढ़ने के साथ, भारत के औद्योगिक उत्पादन और निर्यात प्रदर्शन में सुधार को अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। -
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (IDY 2025) के मौके पर एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उनके साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मंच पर उपस्थित रहे। इस आयोजन में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों और हजारों योग प्रेमियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की दुनिया विभिन्न प्रकार के तनाव और अस्थिरता से गुजर रही है। ऐसे में योग हमें शांति की दिशा दिखाता है। उन्होंने विश्व समुदाय से अपील की कि योग को सिर्फ व्यक्तिगत अभ्यास न मानकर उसे वैश्विक साझेदारी का माध्यम बनाया जाए। उन्होंने कहा कि योग को लोकनीति का हिस्सा बनाना चाहिए, जिससे यह मानवता की सेवा में और अधिक प्रभावी बन सके।
पीएम मोदी ने कहा, “जब जनता किसी लक्ष्य को थाम लेती है तो उसे कोई नहीं रोक सकता। मी टु वी (मेरे से हम) की भावना भारत की आत्मा का हिस्सा है। जब व्यक्ति अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के बारे में सोचता है, तभी समस्त मानवता का कल्याण होता है। भारत की संस्कृति सदैव ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की रही है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि आज नेवी के जहाजों पर भी योग किया जा रहा है। ओपेरा हाउस की सीढ़ियों से लेकर हिमालय की चोटियों और समुद्र की गहराइयों तक, हर स्थान से यही संदेश आ रहा है कि “योग सभी का है और सभी के लिए है।” उन्होंने विशाखापत्तनम के लोगों को इतने बड़े आयोजन के लिए बधाई दी और विशेष रूप से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की सराहना की।प्रधानमंत्री ने योग का अर्थ “जुड़ना” बताते हुए कहा कि यह देखकर गर्व होता है कि आज 21 जून को दुनिया की 11वीं बार एकसाथ योग कर रही है। योग अब करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। दिव्यांग साथी ब्रेल लिपि में योग पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं और गांवों के युवा योग ओलिंपियाड में भाग लेते हैं। इस विशाल आयोजन के लिए आरके बीच पर 3.19 लाख लोगों के एकसाथ योग करने की व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा, तकनीकी और अन्य व्यवस्थाओं की भी व्यापक तैयारी की गई थी। अनुमान है कि इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत और दुनिया भर के करीब 8 लाख स्थानों पर लोग एकसाथ योग करेंगे। इस आयोजन से भारत का योग संदेश वैश्विक मंच पर और भी सशक्त होकर उभरा है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में हुए 11 वर्षों के परिवर्तनकारी बदलावों का उत्सव मनाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने MyGov के साथ मिलकर एक रचनात्मक राष्ट्रव्यापी अभियान बदलता भारत मेरा अनुभव शुरू किया है। यह अभियान देश के सभी नागरिकों को भारत के बदलावों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर देता है। इस अभियान में पांच अनोखी प्रतियोगिताएं शामिल की गई हैं, जिनमें भाग लेने की अंतिम तिथि 9 जुलाई 2025 है। इसमें प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार और सभी को डिजिटल प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
यह पहल भारत के डिजिटल सशक्तिकरण, आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश और आधारभूत ढांचे में आए ऐतिहासिक परिवर्तनों को उजागर करती है। यह अभियान ‘विकसित भारत @2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें भारत को विश्व की अग्रणी शक्तियों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के तहत पांच प्रमुख प्रतियोगिताएं -इंस्टाग्राम रील मेकिंग, यूट्यूब शॉर्ट्स चैलेंज, ब्लॉग भारत (BlogBharat) लेखन प्रतियोगिता, विकसित भारत क्विज 2025 और शॉर्ट ऑडियो-विजुअल (AV) फिल्म प्रतियोगिता रखी गईं हैं।इंस्टाग्राम रील मेकिंग प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे विषयों पर 30 से 60 सेकंड की प्रेरणादायक वीडियो बनानी होगी। यूट्यूब शॉर्ट्स चैलेंज में देश में हुए बदलावों, जैसे बदले हुए सार्वजनिक स्थानों, सांस्कृतिक आयोजनों या तकनीकी नवाचारों की कहानियों को वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा। BlogBharat के तहत छात्र, पत्रकार या लेखक 800 से 1200 शब्दों का लेख लिखकर भारत में पिछले 11 वर्षों में आए बदलावों का विश्लेषण कर सकते हैं।विकसित भारत क्विज 2025 में नागरिक भारत की नीतियों, सुधारों और उपलब्धियों से संबंधित सवालों के जवाब देकर अपना ज्ञान परख सकते हैं और शीर्ष विजेताओं को नकद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। वहीं, शॉर्ट ऑडियो-विजुअल (AV) फिल्म प्रतियोगिता में युवा फिल्म निर्माता और कहानीकार 10 मिनट तक की लघु फिल्म बनाकर भारत की प्रगति, सामाजिक बदलाव और नवाचार को दर्शा सकते हैं।इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों की नजरों से एक बदलते भारत की झलक दिखाना है और देश की प्रगति की व्यक्तिगत कहानियों को राष्ट्रीय मंच देना है। यह एक ऐसा मौका है जहां हर भारतीय अपने अनुभव, विचार और रचनात्मकता के माध्यम से देश के विकास में योगदान कर सकता है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत गिनी गणराज्य को निर्यात के लिए बिहार स्थित मरहौड़ा संयंत्र में निर्मित अत्याधुनिक लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह मरहौड़ा संयंत्र में निर्मित पहला निर्यात लोकोमोटिव है। इन लोकोमोटिव्स में उच्च हॉर्स पावर वाले इंजन, उन्नत एसी प्रणोदन प्रणाली, माइक्रोप्रोसेसर आधारित नियंत्रण प्रणाली और एर्गोनॉमिक केब डिज़ाइन जैसी विशेषताएं हैं। इनमें पुनरुत्पादक ब्रेकिंग तकनीक (Regenerative Braking) जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शामिल हैं।
पटलिपुत्र से गोरखपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडीइस दौरान प्रधानमंत्री ने पटलिपुत्र से गोरखपुर के बीच (मुजफ्फरपुर और बेतिया होते हुए) वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई।सिवान में जनसभा के दौरान कई परियोजनाओं की सौगातसिवान में आयोजित एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। उन्होंने जल, रेल और ऊर्जा क्षेत्रों से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया।बिहार में रेलवे बुनियादी ढांचे को मिला नया बलप्रधानमंत्री ने क्षेत्र में रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से 400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली नई वैशाली–देवरिया रेल परियोजना का उद्घाटन किया और इस मार्ग पर एक नई ट्रेन सेवा को रवाना किया।‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत छह एसटीपी का उद्घाटनप्रधानमंत्री ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का उद्घाटन किया। ये संयंत्र क्षेत्र की आबादी को सेवाएं प्रदान करेंगे।बिहार के विभिन्न शहरों में पेयजल और स्वच्छता परियोजनाओं की आधारशिलाप्रधानमंत्री ने बिहार के कई शहरों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से जलापूर्ति, स्वच्छता और सीवेज उपचार अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है।500 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का शिलान्यासप्रधानमंत्री ने बिहार में 500 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) की भी आधारशिला रखी। ये स्टैंडअलोन BESS इकाइयां राज्य के 15 ग्रिड सबस्टेशनों पर स्थापित की जाएंगी, जिनमें मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया और सिवान शामिल हैं। प्रत्येक इकाई की क्षमता 20 से 80 मेगावाट घंटों तक होगी। ये प्रणाली पीक डिमांड के समय ग्रिड को संग्रहित ऊर्जा प्रदान कर वितरण कंपनियों की बिजली खरीद लागत को कम करेंगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा।प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत लाभार्थियों को सौगातप्रधानमंत्री ने बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 53,600 से अधिक लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की। साथ ही, इस योजना के अंतर्गत बनकर तैयार हुए 6,600 से अधिक आवासों के गृह प्रवेश कार्यक्रम के तहत कुछ लाभार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से घरों की चाबियां भी सौंपीं। -
नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को विमान हादसे में मारे गए 220 लोगों का डीएनए सैंपल मैच हो गया है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डीएनए मिलान के बारे में जानकारी साझा की है।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने एक्स पर लिखा, “शुक्रवार सुबह 11:45 बजे तक की जानकारी के अनुसार, शवों की पहचान और उन्हें उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। अब तक 220 डीएनए सैंपल का मिलान हो गया है और अब तक 220 परिवारों से डीएनए मिलान को लेकर संपर्क किया गया है, जबकि 202 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।”ऋषिकेश पटेल ने बताया कि 202 शव परिवार को सौंपे गए हैं, जिनमें 151 भारतीय नागरिक, 34 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडा का नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा, मृतकों में नौ भारतीय ऐसे हैं जो यात्री नहीं थे। इन 202 में से 15 शवों को हवाई मार्ग से और 187 को सड़क मार्ग से एंबुलेंस के माध्यम से स्थानांतरित किया गया है।”उन्होंने कहा कि बाकी शवों को जल्द से जल्द उनके परिजनों तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।गुरुवार सुबह गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “अहमदाबाद पुलिस, जिला प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बधाई, उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को कीमती सामान लौटाने का शानदार काम किया। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने कई लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है। इन नायकों को सलाम।”इससे पहले, अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया था कि जो भी सामान दुर्घटनास्थल से मिला है, वह जांच के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।एयर इंडिया विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 241 लोगों की मौत हुई। हादसे में सिर्फ एक यात्री की जान बची है, जो भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है। - नई दिल्ली। दुनियाभर में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा। इस दिन के लिए तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं और योग दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर की विभिन्न पहलों पर काम किया जा रहा है। देश में मुख्य राष्ट्रीय समारोह 21 जून को सुबह 6.30 से 7.45 बजे तक आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा,आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण सहित अन्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर स्थित ऐतिहासिक मेहरानगढ़ किले में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे।कल शनिवार को देशभर में एक लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ योग दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ है। आयुष मंत्रालय ने बताया कि आंध्रप्रदेश में मुख्य कार्यक्रम ‘योग संगम’ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा द्वारा म्हापुसा के पेडेम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया जा रहा है। संस्थान ने बताया कि इस कार्यक्रम में पेडेम और म्हापुसा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेज के छात्र, सरकारी अधिकारी और स्थानीय नागरिक भाग लेंगे।मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार देशभर में सरकारी स्तर पर हरित योग और योग संगम जैसी कई पहल की गई हैं। इसी के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने राज्य के विभिन्न धरोहर स्थलों, पर्यटन स्थलों, प्राचीन मंदिरों, किलों आदि पर हरित योग सत्र सहित कई प्रभावशाली कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए। इस विशेष अभियान में 200 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इसके अलावा क्विज़, मेडिकल कैंप और योग सत्र का आयोजन किया गया।वहीं, योग दिवस समारोह आयोजित करने वाले कुछ प्रतिष्ठित स्थानों में शामिल हैं- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जैसे चराइदेव मैदान (असम), रानी की वाव और धोलावीरा (गुजरात), हम्पी और पट्टाडकल (कर्नाटक), खजुराहो स्मारक समूह और सांची स्तूप (मध्य प्रदेश), कोणार्क में सूर्य मंदिर (ओडिशा), एलिफेंटा गुफाएं (महाराष्ट्र), और तंजावुर (तमिलनाडु) में बृहदेश्वर मंदिर।इसके अलावा, गोलकुंडा किला और सालारजंग संग्रहालय (हैदराबाद), हुमायूं का मकबरा, पुराना किला और सफदरजंग मकबरा (दिल्ली), जलियांवाला बाग (अमृतसर), चित्तौड़गढ़ और कुंभलगढ़ किले (राजस्थान), लेह पैलेस (लद्दाख), परी महल (श्रीनगर), बेकल किला (केरल) तथा हजारद्वारी और कूच बिहार महल (पश्चिम बंगाल) आदि अन्य प्रमुख सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों में भी योग दिवस पर समारोह आयोजित किए जाएंगे।
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नई दिल्ली। प्रधानमंरेंद्रत्री न मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राष्ट्रपति को देश के करोड़ों लोगों को प्रेरित करने वाली शख्सियत बताया है। पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य नेताओं ने भी राष्ट्रपति को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनका जीवन और नेतृत्व देश भर के करोड़ों लोगों को प्रेरित करता रहेगा। जनसेवा, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता सभी के लिए आशा और शक्ति की किरण है। उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए काम किया है। ईश्वर उन्हें लोगों की सेवा करते हुए दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्रदान करे।“रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। जमीनी स्तर से लेकर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का उनका सफर भारत के लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। सामाजिक न्याय, गरीबों के सशक्तिकरण और समावेशी विकास के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता राष्ट्र को प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र की सेवा में उनके दीर्घ, स्वस्थ और संपूर्ण जीवन की कामना करता हूं।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और मंगलमय जीवन की प्रार्थना करता हूं।“उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सेवा और सादगी का प्रतीक बताते हुए लिखा, “सेवा और सादगी की प्रतीक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई! भगवान श्री जगन्नाथ से आपके सुदीर्घ, स्वस्थ व यशस्वी जीवन की प्रार्थना है।“उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “सहजता, सरलता, सौम्यता और महिला सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रभु बदरी विशाल से आपके सुदीर्घ, उत्तम स्वास्थ्य एवं मंगलमय जीवन की प्रार्थना करता हूं।“वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दीर्घायु होने की कामना करते हुए लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। उनकी बुद्धिमत्ता और राष्ट्र की प्रगति, कल्याण और न्याय के प्रति अटूट समर्पण देश को सत्य और सदाचार के मार्ग पर आगे बढ़ाता रहे। हम उनके दीर्घायु, स्वस्थ और पूर्ण जीवन की कामना करते हैं।“ -
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत 4 एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जाने वाला मिशन एक बार फिर टल गया है। 22 जून को एक्सिओम मिशन 4 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च करना था, जिसे फिलहाल स्थगित करने का फैसला लिया गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मिशन की लॉन्चिंग पर अपडेट दिया। नासा ने कहा कि आने वाले दिनों में एक नई लॉन्च तिथि निर्धारित की जाएगी।
फिलहाल लॉन्च संभावनाओं की समीक्षा जारीफिलहाल नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स तीनों एजेंसी एक्सिओम मिशन 4 की लॉन्च संभावनाओं की समीक्षा जारी रखे हुए हैं। नासा ने जानकारी दी कि स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन यान फ्लोरिडा के नासा कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए पर सुरक्षित स्थिति में हैं।नासा ने दिया यह बयाननासा ने एक बयान में कहा, “ये फैसला ज्वेज्दा सेवा मॉड्यूल के पिछले हिस्से में हाल ही में किए गए मरम्मत कार्य के बाद अंतरिक्ष स्टेशन की संचालन स्थितियों का आकलन करने के लिए अतिरिक्त समय देने के उद्देश्य से लिया गया है क्योंकि अंतरिक्ष स्टेशन की प्रणालियां आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं। नासा ये सुनिश्चित करना चाहता है कि अतिरिक्त अंतरिक्ष यात्रियों के आगमन से पहले स्टेशन पूरी तरह तैयार हो इसलिए एजेंसी जरूरी डेटा की समीक्षा के लिए समय ले रही है।”इस समय चालक दल फ्लोरिडा में क्वारंटीन में हैएजेंसी ने आगे कहा, “नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स इस मिशन के भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए ऐतिहासिक महत्व को समझते हैं और सराहते हैं। इस समय चालक दल फ्लोरिडा में क्वारंटीन में है और जैसे ही स्टेशन तैयार होगा, अंतरिक्ष यात्री उड़ान भरेंगे।”इसरो केअंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगेनासा के मुताबिक, इस मिशन का नेतृत्व पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पेगी व्हिटसन करेंगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे। दो मिशन विशेषज्ञों में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उज्नान्सकी (पोलैंड) और हंगरी के टिबोर कापु शामिल हैं। -
नई दिल्ली। भारत और सेंट्रल अमेरिकन इंटीग्रेशन सिस्टम (एसआईसीए) ने भारत के अतिरिक्त सचिव राजेश वैष्णव, कोस्टा रिका के उप मंत्री एंडलेजांद्रो सोलानो और एसआईसीए की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशक कारमेन मार्रोक्विन के नेतृत्व में एक वर्चुअल वार्ता की। वार्ता के दौरान भारत-एसआईसीए सहयोग के कई क्षेत्रों पर सार्थक चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
वर्चुअल बातचीत की तस्वीरें साझा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा कि भारत की ओर से अपर सचिव राजेश वैष्णव और कोस्टा रिका के उप मंत्री श्री एलेजांद्रो सोलानो और एसआईसीए की ओर से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशक सुश्री कारमेन मार्रोक्विन के नेतृत्व में 18 जून को भारत-एसआईसीए वर्चुअल वार्ता हुई। भारत-एसआईसीए सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर सार्थक चर्चा हुई। सहयोग के मुख्य क्षेत्रों की पहचान खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, कृषि, डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा, व्यापार और निवेश के रूप में की गई।विदेश मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में कोस्टा रिका के पास एसआईसीए की अस्थायी अध्यक्षता है और इसे इस वर्ष के अंत में पनामा को सौंप दिया जाएगा। अपर सचिव ने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि भारत-एसआईसीए संबंध आपसी सम्मान, लोकतंत्र और सतत विकास के साझा मूल्यों तथा दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता की मजबूत नींव पर बने हुए हैं। भारत ने ITEC क्षमता निर्माण मंच, त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (QIP) और समर्पित SME अनुदान कार्यक्रम सहित अपने विकास सहयोग कार्यक्रमों के माध्यम से इस क्षेत्र में कई पहलों का सक्रिय रूप से समर्थन किया है।एसआईसीए सचिवालय और एसआईसीए सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने वैश्विक दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने में भारत की सक्रिय भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि सतत राजनीतिक वार्ता और क्षेत्रीय सहयोग पहल के माध्यम से भारत-एसआईसीए सहयोग और अधिक गहरा होगा। सहयोग के मुख्य क्षेत्रों की पहचान खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, कृषि, डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा, व्यापार और निवेश के रूप में की गई।इसके अलावा, एसआईसीए के प्रतिनिधियों ने कोविड महामारी और क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अन्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे जरूरत के समय में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। -
नयी दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 जून को बिहार के मरहौरा कारखाने में निर्मित रेल इंजन को गिनी गणराज्य को निर्यात किए जाने को हरी झंडी दिखाएंगे। रेल मंत्रालय ने यह जानकारी दी। रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बुधवार को कहा, "20 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गिनी गणराज्य को निर्यात किए जाने वाले पहले लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे।" मरहोरा सुविधा तीन वर्षों में अफ्रीका के गिनी में सिमफेर की सिमंडौ लौह अयस्क परियोजना के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 150 इंजनों की आपूर्ति करेगी। कुमार के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 37 इंजन, अगले वित्त वर्ष में 82 तथा तीसरे वर्ष में शेष 31 इंजनों की आपूर्ति की जाएगी।
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नयी दिल्ली. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने एक रणनीतिक पहल शुरू की है, जो केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र सहित सत्यापित नियोक्ताओं को देश की सबसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की शीर्ष प्रतिभाओं से जुड़ने का अवसर मुहैया करेगी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूपीएससी की ‘प्रतिभा सेतु', जिसे पहले सार्वजनिक प्रकटीकरण योजना (पीडीएस) के नाम से जाना जाता था, उन गैर-अनुशंसा वाले इच्छुक अभ्यर्थियों के विवरण उपलब्ध कराती है, जो आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के सभी चरण में उत्तीर्ण हो गए, लेकिन अंतिम मेधा सूची में जगह नहीं बना पाए। यूपीएससी ने एक आधिकारिक नोट में कहा कि यह नियोक्ताओं को गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों का चयन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो अनुशंसित अभ्यर्थियों के समान ही मेधावी होते हैं। साथ ही, यह यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक और अवसर होगा। इससे पहले, गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों की सूची पीडीएस के तहत आयोग की वेबसाइट पर जारी की जाती थी। गैर-अनुशंसा वाले उम्मीदवार वे हैं जो लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, लेकिन साक्षात्कार के बाद उनके नाम की अनुशंसा किसी पद के लिए नहीं की जाती है। यूपीएससी के अनुसार निजी संगठन भी आयोग के पोर्टल का उपयोग कर खुद से पंजीकरण कर सकते हैं।
इस पहल के तहत, अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता और संपर्क नंबर व पता सहित उनका व्यक्तिगत विवरण भी उपलब्ध कराया जाएगा। यूपीएससी के अनुसार, उसके पास 10,000 से अधिक इच्छुक अभ्यर्थियों का डेटा बैंक है, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा के सभी चरणों को उत्तीर्ण कर लिया, लेकिन अंतिम मेधा सूची में जगह नहीं बना पाए। आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षाओं के लिए लाखों छात्र आवेदन करते हैं।
पीडीएस योजना 20 अगस्त 2018 से लागू है। आयोग ने पहली बार इस योजना का उपयोग संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के लिए उम्मीदवारों की सूची का खुलासा करने के लिए किया था। हालांकि, अब पीडीएस का नाम बदलकर यूपीएससी ‘प्रतिभा सेतु' कर दिया गया है।
यूपीएससी ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थी और भारतीय वन सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), इंजीनियरिंग सेवा, संयुक्त भू-वैज्ञानिक, संयुक्त रक्षा सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा और संयुक्त चिकित्सा सेवा की परीक्षाओं को इस योजना में शामिल किया गया है।




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