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नैरोबी. केन्या और सोमालिया में भारी बारिश व अचानक आई बाढ़ में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और दस हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। राहत एवं बचाव एजेंसियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सोमालिया में संघीय सरकार ने बिगड़े मौसम से हुई तबाही के बाद राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। सोमालिया में आपदा की वजह से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में मकान, सड़कें और पुल तबाह हुए हैं। आपात एवं बचाव कर्मी दक्षिणी सोमालिया के जुबालैंड राज्य के लुक जिले में बाढ़ के पानी में फंसे करीब 2400 लोगों तक पहुंच बनाने के प्रयास में जुटे हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने जुबा और शबेले नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ की चेतावनी दी और सभी लोगों को वहां से निकालने का आदेश दिया। एजेंसी के प्रबंध निदेशक हसन इस्से ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया, ''सोमालिया आपदा प्रबंधन एजेंसी संकट से निपटने के लिए सुचारू रूप से काम कर रही है और लोगों को बाहर निकलाने में मदद करने के लिए उसने डोलो के वास्ते एक विमान को रवाना करने, किसमायो से लुक तक दो नाव और बारधीरे तक एक नाव भेजने की योजना बनाई है।'' हसन ने बताया, ''अगले कुछ दिनों में मौजूदा बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की संभावना है क्योंकि ऊंचाई पर स्थित इथियोपियाई हाइलैंड्स से ज्यादा पानी नीचे की ओर आ सकता है।'' सोमालिया में लगातार चार वर्षों तक पड़े सूखे के बाद इस साल हुई भारी बारिश ने देश को अकाल के कगार पर ला खड़ा किया है। पड़ोसी देश केन्या में केन्या रेड क्रॉस ने बताया कि शुक्रवार से शुरू हुई भारी बारिश से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। रेड क्रॉस के मुताबिक, केन्या का बंदरगाह शहर मोम्बासा, उत्तरपूर्वी शहर मंदेरा और वजीर भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले शहर हैं। केन्या रेड क्रॉस ने बताया कि रविवार को अचानक आई बाढ़ ने 241 एकड़ कृषि भूमि को नष्ट कर दिया और 1067 जानवरों की मौत हो गई। केन्या के मौसम विभाग ने सितंबर में चेतावनी दी थी कि अक्टूबर और दिसंबर के बीच आमतौर पर कुछ दिनों तक होने वाली वर्षा इस बार पहले के मुकाबले काफी ज्यादा होगी।
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काठमांडू. नेपाल के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में शुक्रवार को आए भूकंप के कारण कम से कम 157 लोगों की मौत होने और भीषण तबाही मचने के बीच हिमालयी देश के प्राधिकारी बचाव एवं राहत कार्य में जुटे हैं। नेपाल में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र काठमांडू के 500 किलोमीटर पश्चिम में स्थित जाजरकोट जिले में था। भूकंप के कारण पर्वतीय क्षेत्र में सैकड़ों मकान नष्ट हो गए और कई लोगों को शनिवार को खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी। इस त्रासदी में मारे गए कुल 157 लोगों में से 120 लोगों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इस भूकंप में करीब 253 लोग घायल हुए हैं। यह 2015 के बाद देश में आया सबसे विनाशकारी भूकंप है। मृतकों के रिश्तेदार शवों के अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे हैं। भूकंप ने जाजरकोट और रुकुम पश्चिम जिलों में सबसे अधिक तबाही मचाई है, लेकिन जाजरकोट में एक नगर निकाय क्षेत्र ऐसा भी है, जहां इस त्रासदी के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। ‘काठमांडू पोस्ट' समाचारपत्र ने बताया कि बारेकेट ग्रामीण नगर निकाय में मकानों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन वहां एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। ग्रामीण निकाय के प्रमुख बीर बहादुर गिरि ने कहा, ‘‘जब हम बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए मकानों को देखते हैं तो यह विश्वास करना मुश्किल होता है कि हममें किसी की जान नहीं गई। यह देवभूमि है और कई लोगों का मानना है कि ईश्वर ने उनकी रक्षा की है।'' उन्होंने बताया कि ग्रामीण निकाय क्षेत्र में पांच लोग घायल हुए हैं जहां लगभग 3,500 मकान हैं। गिरि ने कहा, शायद ही कोई ऐसा मकान बचा हो जो भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त न हुआ हो। कम से कम 90 प्रतिशत मकानों को फिर से बनाने की जरूरत है। लगभग 1,000 मकान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और लोग खुली जगहों पर रह रहे हैं।'' जाजरकोट के जिला प्रशासन कार्यालय (डीएओ) ने पुष्टि की कि बारेकोट निकाय क्षेत्र में कोई मौत नहीं हुई। अधिकारियों ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' ने रविवार को एक कैबिनेट बैठक की जिसमें उन्होंने भूकंप में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को तत्काल राहत के रूप में दो-दो लाख रुपये नकद देने का फैसला किया। नेपाल सरकार ने भूकंप में घायल हुए लोगों का नि:शुल्क उपचार कराए जाने का निर्णय लिया।
देश के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री मोहन बहादुर बस्नेत ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, ‘‘सभी घायलों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा, चाहे इसमें कितना भी खर्चा आए।'' मंत्री ने बताया कि भूकंप पीड़ितों के बचाव के प्रयास पूरे हो चुके हैं लेकिन बचावकर्मी अब भी ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं जो ढही इमारतों के मलबे में फंसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, तिरपाल और तंबू पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है। आगे भी इनका वितरण जारी रखने की योजना पर काम किया जा रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि जीवित बचे लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।'' मंत्री ने कहा कि सरकार 2015 के भूकंप बाद की प्रतिक्रिया के दौरान हुई खामियों की पुनरावृत्ति इस बार नहीं होने देगी। नेपाल के निकटतम पड़ोसियों-भारत और चीन के अलावा अमेरिका ने हिमालयी देश को रसद संबंधी मदद मुहैया कराने और बचाव दल भेजकर पीड़ितों की तलाश में सहयोग करने की पेशकश की है। मंत्री ने बताया कि विभिन्न देशों ने भूकंप पीड़ितों को सहायता मुहैया कराने की इच्छा व्यक्त की है, इसलिए सरकार स्वीकार किए जाने योग्य सहायता के लिए मानक बनाएगी।स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त साधन नहीं होने के कारण शनिवार सुबह अराजक स्थिति रही। जाजरकोट में सहायक मुख्य जिला अधिकारी हरिश्चंद्र शर्मा ने कहा कि जिला अस्पताल इतनी बड़ी संख्या में घायलों का उपचार करने के लिए अपर्याप्त संसाधन होने और खराब सुविधाओं की समस्या से जूझ रहा है। शर्मा ने कहा, ‘‘आपदा में अपने घर खोने वाले लोगों को ठंड में खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है। हमें उन्हें राहत सामग्री प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।'' जाजरकोट के मुख्य जिला अधिकारी सुरेश सुनार ने कहा कि बचाव प्रयास शुक्रवार रात शुरू कर दिए गए थे और शनिवार रात तक इन्हें सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया जिसके बाद रविवार को राहत वितरण शुरू हो सका। उन्होंने बताया कि भूकंप में 1,000 से अधिक घर प्रभावित हुए हैं।
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काठमांडू. पश्चिमी नेपाल के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में शुक्रवार आधी रात को आए 6.4 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के कारण कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप आधी रात 11 बजकर 47 मिनट पर आया, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था। भूकंप का असर काठमांडू, इसके आसपास के जिलों और यहां तक कि पड़ोसी देश भारत की राजधानी नयी दिल्ली तक महसूस किया गया। सरकारी ‘नेपाल टेलीविजन' के अनुसार, पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट और रुकुम जिले भूकंप के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए। गृह मंत्रालय ने बताया कि दोनों जिलों में 128 लोगों की मौत हो गई और 140 अन्य लोग घायल हो गए। अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि भूकंप के कारण कितने मकान क्षतिग्रस्त हुए। मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है।
अधिकारियों ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड' शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटना स्थल रवाना हुए। उन्होंने बताया कि नेपाल सेना और नेपाल पुलिस को बचाव कार्य में लगाया गया है। देश की तीनों सुरक्षा एजेंसियों- नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल को बचाव कार्य में लगाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ने शुक्रवार रात को आए भूकंप में जान-माल का नुकसान होने पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने तत्काल राहत एवं बचाव के लिए तीनों सुरक्षा निकायों को तैनात किया है।'' अधिकारियों ने बताया कि घायलों का सुरखेत जिला अस्पताल में इलाज जारी है। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तुरंत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सड़कें अवरुद्ध होने और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण घटना स्थल पर बचाव और राहत कार्य बाधित हो गया है। भूकंप के बाद जाजरकोट में चार से अधिक तीव्रता वाले भूकंप बाद के कम से कम चार झटके और आए।
नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दरअसल नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती हैं जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं। नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी। -
लंदन. ब्रिटेन द्वारा आयोजित कृत्रिम मेधा (एआई) शिखर सम्मेलन में बृहस्पतिवार को वार्ता का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत समेत 28 देशों के साथ हुए ब्लेचले घोषणापत्र समझौते की सराहना की और इसे “ऐतिहासिक” बताया। यह घोषणापत्र कृत्रिम मेधा से जुड़े जोखिमों से निपटने की साझा जिम्मेदारी से संबंधित है।
बकिंघम शायर के ब्लेचले पार्क में दो दिवसीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन में सुनक ने पहले ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीति निर्धारकों को सूचित करने के लिए नए प्रकार के एआई की जांच, मूल्यांकन और परीक्षण करने के वास्ते ब्रिटेन में दुनिया का पहला एआई सुरक्षा संस्थान स्थापित करने की घोषणा की थी। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य कृत्रिम मेधा के लिए अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना है। शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया भर के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के अलावा सुनक एआई, शिक्षा जगत और नागरिक संस्थाओं में अग्रणी कंपनियों से चर्चा करेंगे, जो एआई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक ठोस कार्रवाई पर केंद्रित होगी। सम्मेलन में भाग लेने वालों में ओपनएआई, एंथ्रोपिक, गूगल डीपमाइंड, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी एआई क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। टेक अरबपति और ‘एक्स' प्रमुख एलन मस्क सुनक के साथ एक विशेष व्यक्तिगत सत्र में भाग लेंगे। केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया । भारत, समझौते का समर्थन करने वाले 28 देशों में से एक था। चंद्रशेखर ने शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, “हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि एआई और व्यापक इंटरनेट एवं तकनीक अच्छाई, सुरक्षा और विश्वास का प्रतिनिधित्व करें। और, उन सभी को रेखांकित करते हुए, इसका उपयोग करने वाले सभी लोगों के लिए मंच और नवोन्मेष करने वाले कानून के तहत जवाबदेही प्रदर्शित करें। -
अकापुल्को. मैक्सिको के दक्षिणी प्रशांत तटीय क्षेत्र में चक्रवात ‘ओटिस' के प्रभाव के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई जिनमें से अधिकतर की जान अकापुल्को में गई। मैक्सिको के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मैक्सिको की नागरिक रक्षा एजेंसी ने एक बयान में कहा कि मृतकों में से 43 अकापुल्को शहर से और पांच पास के कोयुका दे बिनेतेज शहर से हैं। गुएरेरो राज्य के गवर्नर ने इससे पहले लापता लोगों की संख्या 10 बताई थी जो बढ़कर अब 36 हो गई है। अधिकारियों ने शनिवार को मृतक संख्या 39 बताई थी जिसके बाद इसमें फिर से इजाफा हुआ है। अकापुल्को में परिजनों ने रविवार को अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार किया। वहीं सरकारी कर्मचारी और स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं ने शक्तिशाली पांच श्रेणी के चक्रवात के कारण सड़कों पर जमा मलबे और गंदगी को साफ किया। कैथी बरेरा (30) ने रविवार को कहा कि उनकी चाची का परिवार भूस्खलन में दब गया, जब मिट्टी और चट्टानें उनके घर पर गिरीं। उसकी चाची का शव उनके दो से 21 वर्ष की उम्र के तीन बच्चों के शवों के साथ मिला था। उसके चाचा अब भी लापता हैं। इसके अलावा, बरेरा की अपनी मां और भाई भी लापता हैं। रविवार को अधिकारियों ने बरेरा की चाची ओर उनके दो छोटे बच्चों के शव परिजनों को सौंपे।
राष्ट्रपति एंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने शनिवार को कहा कि उनके विरोधी उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए मृतकों की संख्या बढ़ा चढ़ाकर बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सैकड़ों परिवार अब भी अपने प्रियजनों के संदेश का इंतजार कर रहे हैं और मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है। चक्रवात ‘ओटिस' बुधवार तड़के 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट पर पहुंचा और लोगों के पास चक्रवात से बचाव की तैयारी के लिए बहुत कम समय था। -
सिंगापुर. ऑर्चर्ड रोड बिजनेस एसोसिएशन के अध्यक्ष मार्क शॉ ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद सिंगापुर में आने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या काफी बढ़ी है। शॉ ने कहा, ‘‘ वास्तव में इस साल भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई।'' उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय यात्री देश के कई नए आकर्षणों का आनंद लेने के लिए सिंगापुर आते हैं। हालांकि हमें लगता है कि वे हमारी संस्कृति तथा विरासत में अपनापन महसूस करते हैं और यहां उन्हें घर जैसा लगता है।'' सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल के पहले नौ महीनों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में भारतीय पर्यटकों का आगमन 15.5 प्रतिशत बढ़कर 792,935 हो गया। शॉ ने कहा कि एक उद्योग सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय यात्री विश्व स्तर पर सबसे अधिक खर्च करने वालों में से हैं।
- रियो डी जेनेरियो. ब्राजील के अमेजन क्षेत्र में रविवार सुबह एक छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे विमान में सवार 12 लोगों की मौत हो गई। गवर्नर ग्लैडसन कैमेली के प्रेस कार्यालय के मुताबिक, विमान एकर राज्य की राजधानी रियो ब्रैंको में मुख्य हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। प्रेस कार्यालय के मुताबिक, विमान हादसे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जंगल में विमान का जलता हुए मलबा दिखाई दे रहा है।
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काहिरा,काहिरा और भूमध्यसागर शहर सिकन्दरिया को जोड़ने वाले राजमार्ग पर शनिवार को कई कारों के एक के पीछे एक टकराने से कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। बयान में कहा गया है कि इस दुर्घटना में कम से कम 63 अन्य घायल हो गए। बयान के अनुसार इस दुर्घटना में एक यात्री बस और अन्य वाहन शामिल थे, साथ ही इस दौरान कुछ वाहनों में आग भी लग गई।
- गाजा। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर मानवीय आधार पर, इजरायल और हमास के बीच तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया है और गाजा तक सहायता पहुंचाने की मांग की है। प्रस्ताव के पक्ष में 120 देशों ने, जबकि इजरायल और अमरीका सहित 14 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। 45 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।इस बीच इजरायल ने कहा है कि जमीन पर उसकी सेनाएं अपनी गतिविधियां बढ़ा रही हैं और हमले तेज किए जा रहे हैं क्योंकि कल गाजा पट्टी में जबरदस्त विस्फोट हुए। हमास के एक शीर्ष अधिकारी ने भी कहा कि वह इजरायल के जमीनी हमले के लिए तैयार है।फलस्तीन की मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कम्पनी जव्वाल ने कहा है कि भारी बमबारी की वजह से फोन और इंटरनेट सहित कई सेवाएं बंद कर दी गई हैं। फलस्तीनी रेड क्रिसेंट का कहना है कि वह गाजा में अपनी टीमों से संवाद नहीं कर सकता। इजरायल रक्षा बल-आईडीएफ के प्रवक्ता ने गाजा शहर के निवासियों को फिर से अपनी सुरक्षा के लिए दक्षिणी देशों में जाने के लिए कहा है।
- सिंगापुर । सिंगापुर की एक अदालत ने 26 वर्षीय भारतीय नागरिक को 2019 में एक छात्रा से दुष्कर्म के जुर्म में 16 साल की जेल और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई है। अदालत ने अपहरण और चोरी के आरोपों को भी ध्यान में रखकर सजा सुनाई।टुडे’ अखबार की खबर के मुताबिक, आरोपी सफाईकर्मी चिन्नैया ने विश्वविद्यालय की एक छात्रा का तब पीछा किया था, जब वह देर रात को एक बस अड्डे की ओर जा रही थी और फिर उस पर वार कर उसे एक जंगल की ओर घसीटकर ले गया था तथा उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता को चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों पर इतनी बुरी तरह से चोटें आई थीं कि तब उसका प्रेमी भी अस्पताल में उसे पहचान नहीं पाया था। यह घटना चार मई 2019 को हुई थी। अदालत को इस मामले की सुनवाई में चार साल का वक्त लगा, क्योंकि मनोरोगी आरोपी चिन्नैया का इलाज किया जा रहा था।उप लोक अभियोजक (डीपीपी) कायल पिल्लै ने बताया कि दुष्कर्म करने के बाद आरोपी चिन्नैया पीड़िता का सामान भी अपने साथ ले गया था। पीड़िता को किसी तरह अपना मोबाइल फोन मिल गया था, जिसके बाद उसने अपने प्रेमी को फोन किया और पुलिस को इसकी सूचना देने को कहा। पुलिस ने छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया। आरोपी चिन्नैया को पांच मई 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया था। file photo
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लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका देश कृत्रिम मेधा (एआई) के नए स्वरूपों के परीक्षण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और यहीं दुनिया के पहले ‘एआई सुरक्षा संस्थान' का मुख्यालय स्थापित किया जाएगा। भारतीय मूल के ब्रितानी नेता सुनक अगले सप्ताह पहले ‘वैश्विक एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन' की मेजबानी करेंगे। इससे पहले, उन्होंने लंदन में कहा कि उनका मानना है कि एआई जैसी प्रौद्योगिकियां ‘‘औद्योगिक क्रांति, बिजली आने या इंटरनेट की खोज जितनी'' ही परिवर्तनकारी साबित होंगी। उन्होंने कहा कि लेकिन सकारात्मक पहलुओं के साथ साथ कृत्रिम मेधा ‘‘नए खतरे और नए डर'' भी पैदा करती है, जिनसे सीधे तौर पर निपटे जाने की आवश्यकता है। सुनक ने कहा, ‘‘यदि इसका गलत इस्तेमाल हुआ, तो एआई रासायनिक या जैविक हथियार बनाना आसान कर सकती है। आतंकवादी संगठन और भी बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने एवं विनाश करने के लिए एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपराधी साइबर हमलों, दुष्प्रचार, धोखाधड़ी या यहां तक कि बाल यौन शोषण के लिए भी एआई का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने प्रौद्योगिकी पर से मानवता का नियंत्रण खोने और ‘सुपर इंटेलिजेंस' (प्रौद्योगिकी की बुद्धिमत्ता मनुष्य से भी अधिक हो जाने) जैसे एआई से जुड़े ऐसे डर का भी जिक्र किया, जिनके वास्तविकता में बदलने की ‘‘बहुत कम संभावना है और जो चरम स्थिति है।'' सुनक ने कहा, ‘‘यह ऐसा जोखिम नहीं है, जिसे लेकर अभी से लोगों की नींद उड़ जानी चाहिए, लेकिन इसे लेकर वास्तव में बहस हो रही है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होगा, लेकिन ये जोखिम भले ही कितने भी अनिश्चित क्यों न हों और इनकी संभावना भले ही कितनी भी कम क्यों न हो, यदि ये वास्तविकता में बदल गए, तो इनके अप्रत्याशित रूप से गंभीर परिणाम होंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब इस प्रौद्योगिकी को विकसित करने वाले दिग्गज स्वयं इन जोखिमों के बारे में चेतावनी देते हैं, तो नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें गंभीरता से लें और कदम उठाएं। मैं भी यहीं कर रहा हूं।'' सुनक ने नए एआई सुरक्षा संस्थान की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘यह एआई सुरक्षा के बारे में दुनिया का ज्ञान बढ़ाएगा और इसके नए प्रकारों की सावधानीपूर्वक समीक्षा, आकलन और परीक्षण करेगा, ताकि हम समझ सकें कि प्रत्येक नया मॉडल क्या करने में सक्षम है और पूर्वाग्रह एवं गलत सूचना जैसे सामाजिक नुकसान समेत सभी जोखिमों का पता लगा सकें।
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कोलंबो. श्रीलंकाई कैबिनेट ने कर्ज में फंसे द्वीप राष्ट्र में पर्यटन क्षेत्र के पुनर्निर्माण के प्रयासों के बीच भारत और छह अन्य देशों के यात्रियों को मुफ्त पर्यटक वीजा जारी करने की नीति को मंजूरी दे दी है। विदेश मंत्री अली साबरी ने मंगलवार को यह बात कही। विदेश मंत्री साबरी ने एक बयान में कहा कि इसे 31 मार्च, 2024 तक प्रायोगिक परियोजना के रूप में लागू किया जाएगा। कैबिनेट ने भारत, चीन, रूस, मलेशिया, जापान, इंडोनेशिया और थाईलैंड के यात्रियों के लिए तत्काल प्रभाव से मुफ्त प्रवेश को मंजूरी दे दी। इन देशों के पर्यटक श्रीलंका दौरे पर बिना किसी शुल्क के वीजा प्राप्त कर सकेंगे। साल 2019 में ईस्टर के दिन हुए बम विस्फोटों के बाद श्रीलंका में पर्यटकों का आगमन कम हो गया था। विस्फोटों में 11 भारतीयों सहित 270 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हुए थे।
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किन्शासा. कांगो नदी में एक नाव में आग लगने से सोमवार को कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रांतीय डिप्टी पपी एपियाना ने बताया कि नौका ईंधन लेकर राजधानी किन्शासा के पूर्वी हिस्से से मबांडाका शहर की ओर जा रही थी। उन्होंने बताया कि हादसे में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। एपियाना के मुताबिक, हादसे के बाद कम से कम 11 लोगों को बचाया गया और फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ और लोग लापता हैं या नहीं। इससे दो दिन पहले कांगो नदी में एक नाव पलट गई थी, जिससे उसमें सवार कम से कम 40 लोग मारे गए थे।
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ढाका. बांग्लादेश में सोमवार को एक यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच टक्कर होने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। भैरब रेलवे थाने के ड्यूटी अधिकारी सिराजुल इस्लाम ने मीडिया को बताया कि दुर्घटना तब हुई जब चटोग्राम की ओर जा रही मालगाड़ी किशोरगंज में स्थानीय समयानुसार अपराह्न करीब 3.30 बजे ढाका आ रही एगारो सिंदुर एक्सप्रेस से टकरा गई। बांग्लादेश अग्निशमन सेवा एवं नागरिक सुरक्षा मीडिया प्रमुख शाहजहाँ सिकदर ने कहा, "मलबे से अब तक 15 शव बरामद किए गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।" उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवा की एक दर्जन से अधिक इकाइयां बचाव अभियान चला रही हैं।
भैरब रेलवे थाने के एक अधिकारी के हवाले से बीडीन्यूज24 ने कहा कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के नीचे कई लोग फंसे हुए हैं। ढाका रेलवे पुलिस अधीक्षक अनवर हुसैन ने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार मालगाड़ी ने एगारो सिंदुर एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी।" -
बर्लिन. लेखक सलमान रुश्दी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बिना शर्त रक्षा करने का रविवार को आह्वान किया। रुश्दी को उनकी साहित्यिक रचनाओं और उनके संकल्प के लिए एक प्रतिष्ठित जर्मन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जर्मन समाचार एजेंसी ‘डीपीए' के अनुसार ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक ने कहा कि यह ऐसा समय है जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हर तरफ से हमला हो रहा है। रुश्दी को फ्रैंकफर्ट के सेंट पॉल चर्च में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘जर्मन बुक ट्रेड' के शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान दशकों की धमकियों और हिंसा के बावजूद अपना लेखन जारी रखने के लिए दिया गया। अमेरिका के न्यूयार्क शहर में अगस्त, 2022 को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक रुश्दी पर एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दिया था। भारत के मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानित रुश्दी पश्चिमी न्यूयॉर्क के शुटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा था और रुश्दी पर चाकू से हमला कर दिया। यह जर्मन पुरस्कार 1950 से दिया जा रहा है और इसके तहत 25 हजार यूरो (26,500 अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं। जर्मन जूरी ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि वह रुश्दी को उनके संकल्प और जीवन के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए सम्मानित किया जायेगा।
- मस्कट ।ओमान में विभिन्न स्थानों पर भारतीयों के विवाह समारोह आयोजित करने के मामलों में पिछले साल की तुलना में दोगुनी वृद्धि हुई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।ओमान सल्तनत के विरासत एवं पर्यटन मंत्रालय के एक प्रतिनिधि ने कहा कि ओमानी अधिकारियों ने देश को भारतीय शादियों के लिए एक सुंदर और आकर्षक स्थान के रूप में स्थापित करने की तैयारी कई साल पहले ही शुरू कर दी थी।बज़ ट्रैवल टूरिज्म के कंट्री मैनेजर अर्जुन चड्ढा ने कहा, “ओमान नजदीक है और अन्य पसंदीदा स्थलों की तुलना में भारत के लिए बेहतर एयरलाइन कनेक्टिविटी है। यह भारतीय शादियों में शामिल होने के लिए यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों से आने वाले आगंतुकों के लिए भी एक आदर्श स्थान है।”चड्ढा ने बताया, ‘अपनी प्राकृतिक स्थलाकृति, आतिथ्य के मामले में वैश्विक पहचान और बेहतरीन बुनियादी ढांचे के चलते सलालाह सबसे अधिक मांग वाले स्थलों में से एक है, जो अनोखी शादियों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।’प्रतिष्ठित विवाह स्थलों में पहाड़ी इलाके में स्थित अलीला जबल अखदर और समुद्र तट के करीब मौजूद अलीला हिनू खाड़ी शामिल हैं। ये प्राकृतिक सुंदरता के मामले में काफी आकर्षक हैंअलीला हिनू बे, सलालाह हवाई अड्डे से 45 मिनट की दूरी पर स्थित है। यहां मेहमानों को पुराने तटीय शहर मिरबत में अरब संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है।अलीला जबल अखदर रिजॉर्ट के महाप्रबंधक पुनीत सिंह ने कहा, “जबल अखदर में सितंबर से अप्रैल तक सर्दी के दौरान, यूरोपीय लोग आते हैं जो आमतौर पर कुछ दिन मस्कट में, एक दिन रेगिस्तान में और कुछ दिन पहाड़ों पर बिताते हैं।”चड्ढा ने कहा कि ओमान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आश्चर्यजनक प्राकृतिक परिदृश्य और रोमांचक साहसिक गतिविधियां इसे भारतीय यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती हैं।
- पेरिस । फ्रांस की राजधानी पेरिस में सुरक्षा संबंधी खतरे को लेकर वर्साय पैलेस को खाली करवा लिया गया है। यह फ्रांस के उन स्थलों में से एक है जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। चार दिनों में दूसरी बार इस महल को बंद करना पड़ा है । एक अध्यापक पर चाकू द्वारा हमला किये जाने की घटना के बाद देश में हमलों की आशंका बढ़ गयी है, ऐसे में अलर्ट बढ़ा दिया गया है। इस पूर्व राजकीय महल के सोशल मीडिया ‘एक्स' एकाउंट पर कहा गया है, ‘‘ सुरक्षा कारणों से वर्साय पैलेस को आंगुतकों से आज मंगलवार को खाली कराया जा रहा है तथा उसके दरवाजे बंद किये जा रहे हैं। सहयोग के लिए आपका धन्यवाद।'' इस पोस्ट में इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा गया है। पुलिस ने कहा कि बम संबंधी धमकी मिलने के बाद शनिवार को भी यहां इस महल और लौवरे संग्रहालय को आंगुतकों और कर्मियों से खाली करा लिया गया था। पिछले शुक्रवार को एरास में एक संदिग्ध इस्लामिक चरमपंथी द्वारा एक स्कूली अध्यापक पर हमला किये जाने के बाद देश में सरकार ने अलर्ट स्तर बढ़ा दिया।
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तेहरान. एक अज्ञात हमलावर ने ईरान के जाने-माने फिल्म निर्देशक दारियुश मेहरजुई के घर में घुसकर उनकी और उनकी पत्नी की कथित रूप से चाकू घोंपकर हत्या कर दी। सरकारी मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी ‘इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी' (आईआरएनए) ने न्यायिक अधिकारी हुसैन फैजेली के हवाले से बताया कि दारियुश मेहरजुई और उनकी पत्नी वाहिदेह मोहम्मदिफर अपने घर पर मृत पाए गए हैं तथा दोनों की गर्दन पर चाकू से हमला किए जाने के निशान हैं। फैजेली के मुताबिक, निर्देशक की बेटी मोना मेहरजुई शनिवार रात राजधानी तेहरान से 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थित अपने पिता के घर गई थीं, जहां उन्हें दारियुश मेहरजुई और उनकी पत्नी के शव मिले। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि हमले के पीछे का मकसद क्या है, लेकिन वाहिदेह ने कुछ सप्ताह पहले सोशल मीडिया पर शिकायत की थी कि उन्हें चाकू से हमला किए जाने की धमकी मिली है। दारियुश मेहरजुई (83) को 1970 के दशक की शुरुआत में ईरानी फिल्म की ‘न्यू वेव' मुहिम के सह-संस्थापक के रूप में जाना जाता था, जो मुख्य रूप से यथार्थवाद पर केंद्रित थी। दारियुश मेहरजुई को 1998 में शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘सिल्वर ह्यूगो' और 1993 में सैन सेबेस्टियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘गोल्डन सीशेल' पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से नवाजा गया था। उन्होंने 1960 के दशक की शुरुआत में लॉस एंजिलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से सिनेमा की पढ़ाई थी।
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नई दिल्ली। पूर्व कारोबारी क्रिस्टोफर लक्सन ने न्यूजीलैंड के चुनाव में शनिवार को निर्णायक जीत हासिल की और अब वह देश के नए प्रधानमंत्री होंगे। लोगों ने छह साल की उदारवादी सरकार के बाद बदलाव के लिए वोट दिया। निवर्तमान सरकार का ज्यादातर अवधि के दौरान नेतृत्व जेसिंडा अर्डर्न ने किया था। मतगणना अब भी जारी है। इस बीच, लक्सन (53) ऑकलैंड में एक कार्यक्रम में पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी अमंदा, उनके बच्चे, विलियम और ओलीविया भी थे। उन्होंने कहा कि वह जीत से अभिभूत हैं। उन्होंने देश के लोगों का शुक्रिया अदा किया। लक्सन ने कहा- बदलाव के लिए जनता ने दिया वोट।
उन्होंने कहा, ‘आपने बदलाव के लिए वोट दिया।’ समर्थकों ने उनके चुनाव प्रचार अभियान के नारे लगाए, जिसमें देश को वापस सही राह पर लाने का वादा किया गया है।तत्कालीन प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने लक्सन से की फोन पर बात निवर्तमान प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने शनिवार शाम समर्थकों से कहा कि उन्होंने हार स्वीकार करने के लिए लक्सन को फोन किया।हिपकिंस ने कहा कि उन्हें चुनाव के ऐसे नतीजे की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने वेलिंगटन में समर्थकों से कहा, ‘लेकिन हमने पिछले छह वर्षों में जो कुछ हासिल किया है उसे लेकर मुझे आप पर गर्व है।’हिपकिंस (45) ने जनवरी में प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। उनसे पहले देश की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न थीं। ज्यादातर मतों की गिनती होने के बाद, लक्सन की नेशनल पार्टी को करीब 40 प्रतिशत वोट मिले हैं।न्यूजीलैंड की आनुपातिक प्रतिनिधित्व वाली मतदान प्रणाली के तहत लक्सन के लिए एसीटी पार्टी के साथ गठबंधन करने की उम्मीद है। इस बीच, हिपकिंस के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी को केवल 25 प्रतिशत से अधिक वोट मिले हैं। लक्सन ने मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कटौती करने, और अपराध के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है। -
गजा । इज़रायल-हमास संघर्ष के 7वें दिन इज़राइल की थल सेना ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए गाजा में कई जगहों पर तलाशी की कार्रवाई की। इज़राइल सेना ने इस बात की पुष्टि की है कि गजा में कम से कम 120 इस्रायली बंधक हैं। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि इज़रायल ने उत्तरी गजा से लगभग 11 लाख लोगों को चले जाने का आदेश दिया था। इज़रायल की सेना हमास के शासन वाली गजा पट्टी पर हवाई हमले कर रही है और उसने अनाज, पानी, ईंधन और बिजली बंद कर दी है। गजा पट्टी के लिए मिस्र से भेजी गई सहायता सामग्री को इज़रायल द्वारा रोके जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूहों ने मानवीय संकट गहराने की आशंका व्यक्त की है। इज़रायल-हमास युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के कम से कम 2800 लोग मारे जा चुके हैं। हमास ने सात अक्टूबर को इज़रायल पर अचानक एक बड़ा हमला कर दिया था।
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सिंगापुर. सिंगापुर के एक स्पोर्ट्स स्कूल में पिछले सप्ताह फिटनेस परीक्षण के बाद बीमार हुए भारतीय मूल के छात्र की मौत हो गई। विद्यालय ने कहा कि उसने 14 वर्षीय छात्र की मौत के संबंध में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। चैनल न्यूज एशिया की खबर के मुताबिक, पांच अक्टूबर को 400 मीटर के फिटनेस परीक्षण के बाद प्रणव मधैक बीमार पड़ गया था। खबर के मुताबिक, प्रणव, सिंगापुर बैडमिंटन एसोसिएशन (एसबीए) राष्ट्रीय मध्यवर्ती समूह का हिस्सा था। प्रणव को नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। छात्र का अंतिम संस्कार बुधवार शाम को किया गया। 'सिंगापुर स्पोर्ट्स स्कूल' के हवाले से सीएनए ने बुधवार को कहा, '' हम मामले में विस्तृत जांच कराएंगे और हमारे सुरक्षा नियमों की समीक्षा करेंगे। साथ ही परिजनों को हर बात की जानकारी दी जाएगी।'' रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल ने कहा ''चूंकि जांच चल रही है इसलिए इस वक्त हम ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएंगे। इस शोक की घड़ी में हम परिवार की निजता को समझते हुए लोगों का समर्थन मांगते हैं।'' स्कूल के अनुसार, प्रणव का निधन बेहद दुखद है और हम उसके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। प्रणव एक रोल मॉडल छात्र और बैडमिंटन का बेहतरीन खिलाड़ी था, तथा उसका व्यवहार बेहद अच्छा था। स्कूल ने यह भी कहा कि वह प्रणव के परिवार को समर्थन जारी रखेंगे।
प्रवण को स्कूल के फेसबुक पेज पर श्रद्धांजलि दी गई है। इसके अनुसार, प्रणव के परिवार में उसके पिता प्रेम सिंह मधैक, मां रीता मधैक, दो भाई प्रत्यूष और प्राकृत मधैक हैं। उसके चाचा राज वर्मा ने बताया कि प्रणव के माता-पिता को घटना की जानकारी तब दी गई जब एम्बुलेंस उसे लेकर अस्पताल जा रही थी। सीएनए ने वर्मा के हवाले से कहा, "जब डॉक्टर ने उसे देखा, उसके अधिकतर अंग काम नहीं कर रहे थे।" उनके अनुसार, किशोर की बाईपास सर्जरी हुई और उसके पैर का एक और ऑपरेशन हुआ था। - नई दिल्ली: अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में इकनॉमिक्स की प्रोफेसर क्लौडिया गोल्डिन (Claudia Goldin) को इस साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। गोल्डिन को दुनिया की दस सबसे प्रभावशाली महिला अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता है। उन्हें खासकर जेंडर इकनॉमिक्स को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए जाना जाता है। अमेरिका की इकॉनमी में महिलाओं की भूमिका पर उनका शोध काफी चर्चित रहा था। क्लौडिया ने साथ ही पुरुषों और महिलाओं के वेतन में अंतर के कारणों को समझने के लिए काफी शोध किया है।क्लौडिया का जन्म 1946 में न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई करने के लिए कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया लेकिन इतिहास और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1972 में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से इंडस्ट्रियल और लेबर इकनॉमिक्स में डॉक्ट्रेट किया। 1970 के दशक में जब अमेरिका में महिला अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू हुआ तो क्लौडिया को अपना मकसद मिल गया। उन्होंने अमेरिका की इकॉनमी में महिलाओं की हिस्सेदारी का अध्ययन किया। वह ऐसे दौर में रह रही थीं जब देश अहम सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा था और महिलाओं की भूमिका के बारे में लोगों की सोच बदल रही थी।महिलाओं की भागीदारी पर रिसर्चउन्होंने अमेरिका के 200 साल के इकनॉमिक इतिहास में महिलाओं की भागीदारी का अध्ययन किया। 1990 में आई उनकी किताब Understanding the Gender Gap: An Economic History of American Women में पुरुषों और महिलाओं की सैलरी में अंतर के इतिहास के बारे में विस्तार से लिखा। 2006 में उन्होंने अपने रिसर्च पेपर The Quiet Revolution That Transformed Women’s Employment, Education, and Family में अमेरिका की इकॉनमी में महिलाओं की भूमिका को चार चरणों में बांटा। उनका कहना है कि पहले तीन चरण इवोल्यूशन वाले रहे जबकि रिवोल्यूशन का दौर 1970 के दशक के अंत में शुरू हुआ।वह कहती हैं कि इवोल्यूशनरी फेज में कई बदलाव हुए लेकिन फैसले लेने में उनकी सीमित भूमिका थी। इस कारण उनके रोजगार पर प्रभाव पड़ा। लेकिन रिवोल्यूशन के दौर में महिलाओं ने अपने करियर को अपनी व्यक्तिगत पहचान के अहम हिस्से के रूप में देखा और अपनी वर्किंग लाइफ के बारे में खुद ही फैसले लिए। क्लौडिया ने अपनी रिसर्च में पाया कि गर्भनिरोधक गोलियों की उपलब्धता बढ़ने और तलाक के मामलों में बढ़ोतरी से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा। इस कारण महिलाओं को समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रेरित हुईं।हालांकि इस रिवोल्यूशन ने महिलाओं और पुरुषों के बीच सैलरी के अंतर को कम नहीं किया। साल 2014 में उन्होंने एक रिसर्च पेपर A Grand Gender Convergence: Its Last Chapter में कहा कि अमेरिका और दूसरे विकसित देशों में वर्कप्लेस पर महिलाओं और पुरुषों के बीच बराबरी सुनिश्चित करने के लिए सैलरी में अंतर को कम करना आखिरी चुनौतियों में से एक है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पास काम करने का कम समय होता है क्योंकि उन्हें परिवार के लिए समय निकालना होता है। इसके लिए जॉब्स को रिस्ट्रक्चर करने की जरूरत है। टेक्नोलॉजी, साइंस और हेल्थकेयर में ऐसा हो चुका है।
- इस्लामाबाद। पश्चिमी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,000 तक पहुंच गई है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी। यह देश में दो दशकों में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में से एक है।देश के राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने बताया कि पश्चिमी अफगानिस्तान में शनिवार को 6.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद के झटकों से मची तबाही में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल वाहिद रयान ने बताया कि हेरात में भूकंप में मारे गए लोगों की संख्या शुरुआत में बताई गई संख्या से कहीं अधिक है। उन्होंने तत्काल मदद की अपील करते हुए बताया कि करीब छह गांव तबाह हो गए हैं और सैकड़ों लोग मलबे में दबे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार देर रात मृतकों की संख्या 320 बताई थी, लेकिन बाद में कहा कि मृतक संख्या की अभी पुष्टि की जा रही है। स्थानीय प्राधिकारियों ने 100 लोगों के मारे जाने और 500 के घायल होने का अनुमान जताया था। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय ने बताया कि 465 मकान जमींदोज हो गए हैं और 135 क्षतिग्रस्त हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका की खबरों के बीच तलाश एवं बचाव अभियान जारी रहने के कारण साझेदारों तथा स्थानीय प्राधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने का अनुमान जताया है।'' आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जन ने बताया कि भूकंप और उसके बाद आए झटकों का सबसे ज्यादा असर हेरात प्रांत के जेंदा जन जिले के चार गांवों पर पड़ा है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से करीब 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। इसके बाद 6.3, 5.9 और 5.5 तीव्रता के तीन भूकंप के झटके भी महसूस किए गए। हेरात शहर के निवासी अब्दुल शकूर समादी ने बताया कि शहर में दोपहर के करीब भूकंप के कम से कम पांच जबरदस्त झटके महसूए किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि उसने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 12 एम्बुलेंस जेंदा जन भेजी हैं।
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न्यूयॉर्क। भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक अविनाश गुप्ता को 2024 के लिए प्रवासी संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन ऑफ न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और कनेक्टिकट का अध्यक्ष नामित किया गया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) जमीनी स्तर के सबसे पुराने और बड़े गैर लाभकारी संगठनों में से एक है। अविनाश गुप्ता मॉनमाउथ मेडिकल सेंटर साउथ कैंपस के मेडिकल स्टाफ के अध्यक्ष व हृदय रोग विज्ञान विभाग के प्रमुख और ओशन काउंटी बोर्ड ऑफ हेल्थ के सदस्य हैं। पूर्व में एफआईए के कार्यकारी उपाध्यक्ष रह चुके अविनाश को वर्ष 2024 के लिए प्रवासी संगठन का अध्यक्ष चुना गया है। इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, एफआईए ने अपनी वार्षिक आम बैठक में 2024 के लिए कार्यकारी दल की भी घोषणा की, जिसमें कार्यकारी उपाध्यक्ष सौरिन पारेख, उपाध्यक्ष स्मिता मिकी पटेल, दूसरे उपाध्यक्ष दीपक गोयल, महासचिव प्रीति पटेल, संयुक्त सचिव महेश दुबाल, कोषाध्यक्ष संजीव सिंह और संयुक्त कोषाध्यक्ष हरेश शाह शामिल हैं। एफआईए के अध्यक्ष अंकुर वैद्य ने कड़ी मेहनत के लिए वर्ष 2023 के कार्यकारी दल के प्रति आभार व्यक्त किया। अविनाश ने कहा कि एफआईए के उपाध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल एक सीखने की अवस्था थी और अगले एक साल में संगठन के अध्यक्ष के रूप में अपनी नई टीम के साथ उनका मकसद एफआईए को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने कहा कि साथ ही वह भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगे।
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वाशिंगटन। ह्यूस्टन में रहने वाले एक भारतीय अमेरिकी दंपति ने टेक्सास में पहले हिंदू शिविर-स्थल के निर्माण की शुरुआत के लिए 17.5 लाख अमेरिकी डॉलर दान में दिए हैं। इस शिविर में हर गर्मियों में युवा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अकादमिक शिक्षा प्रदान करने वाले विद्यालयों और कॉलेजों के समान ही 'हिंदू हेरिटेज यूथ' शिविर असल जिंदगी के उदाहरणों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करेगा। इतनी बड़ी राशि दान करने वाले दंपति सुभाष गुप्ता और सरोजिनी गुप्ता का कहना है कि वे शिविर को लेकर बहुत ही उत्सुक हैं क्योंकि यह अगली पीढ़ी में महत्वपूर्ण मूल्यों और जरूरी कौशल को विकसित करने का काम करेगा। सुभाष ने कहा, ''यह सबसे अच्छी चीज है, जो हम अगली पीढ़ी के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ''हम पहले ही इस देश में युवाओं को खो रहे हैं क्योंकि वे हमारे हिंदू धर्म और हमारे मूल्यों को सहेजकर रखने में रूचि नहीं रखते, इसलिए हम जो कुछ भी इसे बचाने के लिए कर सकें वह बेहतर होगा।'' यह शिविर-स्थल टेक्सास के कोलंबस में 37 एकड़ क्षेत्र में स्थित है, जो अगली गर्मियों तक बनकर पूरा हो जाएगा। यहां छह रात और पांच दिन का शिविर आयोजित किया जाएगा।







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