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नई दिल्ली। ईरान ने इजरायल के खिलाफ सीधे तौर पर बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। यह हमला ऐसे वक्त हुआ जब इजरायल ने ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को मार गिराया और उसके अहम सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाया था।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान से दागी गई कई मिसाइलें इजरायली शहरों की ओर भेजी गईं। तेल अवीव और यरुशलम में धमाकों की तस्वीरें सामने आई हैं। हालांकि, इजरायल ने कहा कि उसने कई मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया। अमेरिकी सेना ने भी इन हमलों को रोकने में मदद की।
हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल देखा गया। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड के दाम 7% तक बढ़ गए, जो मार्च 2022 के बाद सबसे बड़ी तेजी है। वहीं, सोने और डॉलर की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई, जबकि अमेरिका का एसएंडपी 500 इंडेक्स एक फीसदी से ज्यादा गिर गया।ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक रिकॉर्डेड वीडियो संदेश में कहा कि ईरान “ताकत के साथ जवाब देगा।” इस बयान को ईरानी मिसाइल हमले के बाद जारी किया गया।इस बार ईरान की प्रतिक्रिया बेहद तेज और तीव्र थी, जबकि पहले दोनों देशों के बीच हमलों के बाद कुछ नरमी देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार इजरायल ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान कई हफ्तों तक चल सकता है।ईरान के लिए यह अस्तित्व का सवाल बन गया है। इजरायल की कार्रवाई ने ईरान की कमजोरियों को उजागर किया है—उसके कई बड़े सैन्य कमांडर मारे गए हैं और उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है।ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, संभावित जवाबी हमले की आशंका में ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को फिर से सक्रिय कर दिया गया है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने बताया कि इजरायल ने फोर्दो और इस्फहान स्थित ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।अगर इस्फहान का परमाणु केंद्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होता है, तो ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है।ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि यह हमला कूटनीतिक प्रयासों को पटरी से उतार सकता है। इस बीच, अमेरिका और ईरान के बीच होने वाली अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ताओं का छठा दौर रविवार को प्रस्तावित है।G7 देशों के नेता कनाडा में इकट्ठा हो रहे हैं और इस घटना के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है कि क्या अमेरिका इस मामले में सीधी भूमिका निभाएगा।इस क्षेत्र में तेल और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के व्यापार पर गहरा असर पड़ सकता है, जिससे वैश्विक व्यापार और महंगाई पर दबाव बढ़ने की आशंका है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कुछ टीवी चैनलों को संक्षिप्त इंटरव्यू दिए।ट्रंप शनिवार को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर वह अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक सैन्य परेड आयोजित करने वाले हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर ईरान को चेतावनी दी है कि वह “बहुत देर होने से पहले समझौता कर ले”।इधर, शनिवार को ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष में दोनों पक्षों को हुए नुकसान की तस्वीरें सामने आने लगी हैं।इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान में लगभग 100 ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिसमें 200 से अधिक लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। ईरानी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में तेहरान के उपनगरों में कई रिहायशी इमारतें प्रभावित हुईं और करीब 95 लोग घायल हुए हैं। ईरान में संयुक्त राष्ट्र के लिए उसके राजदूत ने जानकारी दी कि इस हमले में 78 लोगों की मौत हुई है। वहीं इजरायल पुलिस के अनुसार, तेल अवीव क्षेत्र में एक महिला की भी जान गई है।संघर्ष के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई।अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह इजरायल के शुरुआती हमले में शामिल नहीं था, लेकिन उसने ईरान को चेतावनी दी है कि वह अमेरिकी सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करे। हालांकि, इजरायल की हवाई रक्षा में अमेरिका की मदद पहले से ही एक आम प्रक्रिया रही है, लेकिन इस तनावपूर्ण माहौल में अमेरिका का अगला कदम बेहद अहम माना जा रहा है। - वाशिंगटन/न्यूयॉर्क/ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे पर गहरा दुख जताते हुए इसे “विमानन इतिहास के सबसे भयानक हादसों में से एक” बताया। ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में हादसे से जुड़े सवालों पर कहा, “विमान दुर्घटना बहुत भयानक थी। मैंने उन्हें (भारत को) पहले ही बता दिया है कि हम जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करेंगे। वह (भारत) एक बड़ा देश है, एक मजबूत देश है और वे इससे निपट लेंगे, मुझे पूरा विश्वास है।'' ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका हर तरह से भारत की मदद करने को तैयार है।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने भारत को बता दिया है कि हम हर संभव मदद कर सकते हैं। हम तुरंत वहां पहुंच जाएंगे। यह एक भयानक दुर्घटना थी। ऐसा लगता है कि ज्यादातर लोग मारे गए।”
- वॉशिंगटन। भारतीय मूल के श्रीनिवास मुक्कमला अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए हैं। इस पद पर पहुंचने वाले श्रीनिवास पहले भारतवंशी हैं। उन्होंने 180वां अध्यक्ष बनने पर खुशी जताई। 178 साल पुराना अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन, अमेरिका का सबसे बड़ा और प्रभावी मेडिकल संगठन है। श्रीनिवास को बॉबी मुक्कमला के नाम से भी जाना जाता है, नाक, कान गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। डॉ. मुक्कमला ने मिशिगन यूनिवर्सिटी के मिशिगन मेडिकल स्कूल से मेडिकल की पढ़ाई की। डॉ. मुक्कमला की पत्नी नीता कुलकर्णी भी एक चिकित्सक हैं।
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न्यूयॉर्क. भारतीय मूल के चिकित्सक बॉबी मुक्कमला को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) का 180वां अध्यक्ष बनाया गया है और वह इस संस्था की अगुवाई करने वाले भारतीय मूल के पहले चिकित्सक बन गए हैं। एसोसिएशन के एक बयान के अनुसार कान-नाक-गला रोग विशेषज्ञ मुक्कमला ने मंगलवार को पद की शपथ ली। वह काफी समय से एएमए में सक्रिय रहे हैं और संस्था के एक कार्यबल के प्रमुख भी हैं।
पिछले साल नवंबर को उनके मस्तिष्क में आठ सेंटीमीटर आकार के ट्यूमर का पता लगा था।
बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘कुछ महीने पहले, मुझे नहीं पता था कि वो रात कट भी पाएगी या नहीं।'' उन्होंने अपने गृहनगर फ्लिंट, मिशिगन में जल संकट से निपटने के उपायों में एक केंद्रीय भूमिका निभाई, जहां उनके माता-पिता 1970 के दशक की शुरुआत में भारत से आने के बाद बस गए थे। बयान में कहा गया है, ‘‘दो अप्रवासी चिकित्सक माता पिता की संतान डॉ. मुक्कमला को चिकित्सा क्षेत्र में जाने और अपने गृहनगर फ्लिंट में लौटकर स्थानीय लोगों की सेवा करने की प्रेरणा मिली। - वाशिंगटन। अमेरिकी विमानन विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की प्रणालियों एवं उपकरणों को ‘सही ढंग से परखा' नहीं गया था और पहली नजर में यह दुर्घटना ‘अचरज' में डाल रही है। एयर इंडिया के लंदन जा रहे इस विमान में चालक दल के सदस्यों समेत कुल 242 लोग सवार थे। विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था जो चौड़े आकार वाला और दो इंजन से लैस होता है ।एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार, 2009 में सेवा में आने के बाद से किसी ड्रीमलाइनर विमान की यह पहली दुर्घटना है। विमानन सुरक्षा सलाहकार जॉन एम कॉक्स ने कहा कि जांचकर्ता पहला सवाल यह पूछेंगे कि एयर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के लिए सही ढंग से तैयार था या नहीं। वाशिंगटन डीसी स्थित ‘सेफ्टी ऑपरेटिंग सिस्टम' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी, लेकिन हादसे के समय की तस्वीरों से ऐसे सवाल उठते हैं कि विमान के ऊंचा उठने के समय ‘स्लैट्स' और ‘फ्लैप्स' सही स्थिति में थे या नहीं। उन्होंने कहा, “तस्वीर में हवाई जहाज का अगला नुकीला हिस्सा 'नोज' ऊपर की ओर उठता हुआ और फिर नीचे की ओर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे पता चलता है कि हवाई जहाज पर्याप्त उठान नहीं ले पा रहा है।” स्लैट्स और फ्लैप्स को इस तरह से रखा जाना चाहिए कि पंख कम गति पर अधिक लिफ्ट बना सके।कॉक्स ने कहा, “विमान को पीछे से देखने पर ऐसा नहीं लगता कि पीछे के किनारे के फ्लैप्स उस स्थिति में हैं, जैसी संभावना है। लेकिन मैं इस बात को लेकर बहुत सतर्क हूं कि तस्वीर की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं है कि मैं कोई निष्कर्ष निकाल सकूं।” सुरक्षा इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता रखने वाले यॉर्क यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मैक्डर्मिड ने कहा कि दुर्घटना के कारण के बारे में अभी बहुत कुछ जानना जल्दबाजी होगी, लेकिन पहली नजर में यह बहुत अचरज से भरा लगता है। उन्होंने बताया कि किसी भी उड़ान का सबसे खतरनाक चरण उड़ान और लैंडिंग होता है, लेकिन हादसे का शिकार हुआ विमान 200 मीटर यानी 650 फीट से ऊपर नहीं चढ़ पाया था। मैक्डर्मिड ने कहा, “पायलट काफी देर तक उड़ान को रोक सकते हैं। इसलिए ऐसा लगता है कि समस्या उड़ान भरने के अंतिम भाग में या उड़ान के तुरंत बाद अचानक हुई और इतनी गंभीर थी कि उसे संभाल पाना मुश्किल था।” उन्होंने कहा कि जेट विमानों में कई सहयोगी प्रणालियां होती हैं जिसमें केवल एक इंजन के साथ ऊपर चढ़ने की क्षमता भी शामिल होती है। ऐसे में यह हादसा और भी असामान्य लगता है।
- लंदन। ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने अहमदाबाद से लंदन आ रहे एअर इंडिया के विमान के हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ देर बाद दुर्घटनाग्रस्त होने पर अपनी संवेदना और दुख व्यक्त किया। इस विमान में 53 ब्रिटिश नागरिक सहित कुल 242 लोग सवार थे। महाराजा चार्ल्स ने कहा कि वह और उनकी पत्नी रानी कैमिला ‘‘आज सुबह अहमदाबाद में हुए भयावह हादसे से स्तब्ध हैं।'' बकिंघम पैलेस (ब्रिटिश राज्याध्यक्ष आवास)से जारी एक बयान के मुताबिक महाराजा चार्ल्स ने कहा, ‘‘हमारी विशेष प्रार्थनाएं और गहरी सहानुभूति कई देशों के उन सभी परिवारों और मित्रों के साथ है जो इस भयावह घटना से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वे अपने प्रियजनों की खबर का इंतजार कर रहे हैं।''ब्रिटेन के 76 वर्षीय शासक ने कहा, ‘‘मैं आपातकालीन सेवाओं और इस अत्यंत हृदय विदारक और दर्दनाक समय में सहायता और समर्थन प्रदान करने वाले सभी लोगों के प्रयासों के प्रति विशेष रूप से सम्मान प्रकट करना चाहता हूं।'' इससे पहले, शाही महल ने कहा था कि महाराजा को सूचित कर दिया गया है। ब्रिटेन में हादसे की खबर स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजे सामने आई। स्टॉर्मर ने एक बयान में कहा, ‘‘कई ब्रिटिश नागरिकों को लेकर लंदन आ रहे विमान के भारतीय शहर अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने का दृश्य भयावह है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पल-पल की जानकारी दी जा रही है तथा इस अत्यंत दुखद समय में मेरी संवेदनाएं यात्रियों और उनके परिवारों के साथ हैं।'' ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोशल मीडिया के जरिये शोक व्यक्त किया।उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अहमदाबाद में हुए विनाशकारी विमान हादसे की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं। ब्रिटेन भारत में स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर तथ्यों का तत्काल पता लगाने और सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।'' लैमी ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने दिल्ली और लंदन दोनों जगहों पर आपात टीम गठित की हैं।ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि वह भारत में स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर तथ्यों का तत्काल पता लगाने और हादसे के शिकार लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। इसने वाणिज्य दूतावास सहायता के लिए एक संपर्क नंबर भी जारी किया। एफसीडीओ ने कहा, ‘‘जिन ब्रिटिश नागरिकों को कांसुलर सहायता की आवश्यकता है या जिन्हें मित्रों या परिवार के बारे में चिंता है, उन्हें 020 7008 5000 पर कॉल करना चाहिए।''ब्रिटेन की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता केमी बेडेनॉच ने इस त्रासदी को ‘‘दिल दहला देने वाला'' बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो प्रभावित हुए हैं - विशेष रूप से विमान में सवार लोगों के परिवारों के साथ, तथा आपातकालीन टीम के साथ जो इस भयावह त्रासदी से निपटने का प्रयास कर रही हैं।'' एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजकर 25 मिनट पर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे पर उतरना था। गैटविक हवाई अड्डे ने विमान में सवार लोगों के ब्रिटेन स्थित रिश्तेदारों के लिए एक सूचना केंद्र स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। गैटविक हवाई अड्डे ने एक बयान में कहा, ‘‘हम पुष्टि कर सकते हैं कि उड़ान संख्या एकआई 171, जो आज (12 जून) अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, को ब्रिटिश मानक समय के अनुसार शाहम छह बजकर 25 मिनट पर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे पर उतरना था। बोइंग 787-8 विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे।'' इसमें कहा गया, ‘‘लंदन का गैटविक हवाई अड्डा एअर इंडिया के साथ मिलकर काम कर रहा है और विमान में सवार लोगों के रिश्तेदारों के लिए एक सूचना केंद्र बनाया जा रहा है, जहां जानकारी और सहायता प्रदान की जाएगी। जिन ब्रिटिश नागरिकों को कांसुलर सहायता की आवश्यकता है या जिन्हें अपने मित्रों या परिवार के बारे में चिंता है, उन्हें 020 7008 5000 पर कॉल करना चाहिए।'' गैटविक हवाई अड्डे ने कहा, ‘‘एअर इंडिया ने अधिक जानकारी प्रदान करने के लिए एक समर्पित यात्री हॉटलाइन नंबर 1800 5691 444 जारी किया है। हमारी संवेदनाएं विमान में सवार लोगों के परिवार और मित्रों के साथ हैं। आगे की जानकारी यथासमय जारी की जाएगी।''
- वाशिंगटन/ सैन फ्रांसिस्को। नागरिक विमानन दुर्घटनाओं की जांच करने वाली अमेरिका की सरकारी एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की जांच में सहायता के लिए अमेरिकी जांचकर्ताओं की एक टीम भारत भेजेगी। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ वह बृहस्पतिवार को भारत के अहमदाबाद में एअर इंडिया बोइंग 787 के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच में ‘विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो' की सहायता के लिए भारत की यात्रा करने वाले अमेरिकी जांचकर्ताओं की एक टीम का नेतृत्व करेगा।'' एनटीएसबी में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के तहत तय अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, जांच की सभी जानकारी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान में बृहस्पतिवार को अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ मिनटों के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। यह विमान उड़ान संख्या एआई-171 के तहत अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहा था और विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक और चालक दल के 12 सदस्य सहित कुल 242 लोग सवार थे। संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने कहा कि वह अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के संबंध में एनटीएसबी के संपर्क में है। एफएए ने कहा, ‘‘जब कोई अंतर्राष्ट्रीय घटना होती है, तो वह सरकार जांच का नेतृत्व करती है। सहायता का अनुरोध किए जाने की स्थिति में, एनटीएसबी आधिकारिक अमेरिकी प्रतिनिधि है और एफएए तकनीकी सहायता प्रदान करता है। हम एनटीएसबी के साथ समन्वय में तुरंत एक टीम भेजने के लिए तैयार हैं।'' एफएए एक अमेरिकी संघीय सरकारी एजेंसी है, जो देश में नागरिक उड्डयन को नियंत्रित करती है।बोइंग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि वह उड़ान संख्या एआई171 के संबंध में एअर इंडिया के संपर्क में है और ‘‘उनकी सहायता करने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं यात्रियों, चालक दल, प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं और सभी प्रभावितों के साथ हैं।'' अमेरिकी सांसद ने भी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना संदेश भेज रहे हैं।कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना से वह ‘‘दुखी'' हैं। उन्होंने इस त्रासदी से प्रभावित विश्वभर के सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
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वाशिंगटन.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका एक समझौते के तहत चीन से मैग्नेट और दुर्लभ खनिज प्राप्त करेगा तथा चीनी वस्तुओं पर शुल्क 55 प्रतिशत होगा। एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने बुधवार को कहा कि कई वैश्विक ब्रांड उन दर्जनों कंपनियों में शामिल हैं, जो अपनी चीनी आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से जबरन मजदूरी का उपयोग करने के जोखिम में हैं, क्योंकि वे चीन के सुदूर-पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से महत्वपूर्ण खनिजों का उपयोग करते हैं या खनिज-आधारित उत्पाद खरीदते हैं।
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वियना. ऑस्ट्रिया के ग्राज शहर के एक स्कूल में मंगलवार को हुई गोलीबारी में सात छात्रों समेत आठ लोगों की मौत हो गई और संदिग्ध हमलावर भी मारा गया है। शहर के महापौर ने यह जानकारी दी। ऑस्ट्रिया प्रेस एजेंसी की खबर के मुताबिक, मेयर एल्के काहर ने घटना को ‘‘भयानक त्रासदी'' करार दिया है। खबर के मुताबिक, मृतकों में सात छात्र और एक वयस्क शामिल है।
काहर ने कहा कि घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस ने कहा कि उसका मानना है कि हमलावर ने घटना को अकेले अंजाम दिया। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 10 बजे एक कॉल के बाद पुलिस समेत विशेष बलों को बोर्ग ड्रेयर्सचुटजेन्गेस्से हाई स्कूल में भेजा गया। बाद में, पुलिस ने ‘एक्स' पर लिखा कि स्कूल को खाली करा लिया गया है और सभी को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। उसने लिखा कि अब किसी तरह के खतरे की आशंका नहीं है।
ऑस्ट्रिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर ग्राज, देश के दक्षिण-पूर्व में स्थित है और इसकी जनसंख्या लगभग 3,00,000 है। -
वाशिंगटन. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 12 अफ्रीकी और पश्चिम एशियाई देशों के नागरिकों के अमेरिका यात्रा पर लगाए गए नए प्रतिबंध सोमवार से प्रभावी हो गए। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा बुधवार को हस्ताक्षरित नए आदेश में सात अतिरिक्त देशों के उन लोगों पर भी नई यात्रा पाबंदियां लगाई गई हैं, जो अमेरिका के बाहर हैं और जिनके पास वैध वीजा नहीं है। नया प्रतिबंध पहले से जारी किए गए वीजा को रद्द नहीं करता है। जिन देशों पर यह प्रतिबंध लागू किया गया है, उनमें अफगानिस्तान, म्यांमा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं। नए वीजा प्रतिबंध बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेज़ुएला के नागरिकों पर लागू होंगे।
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लंदन. सोमवार को शुरू हुए 'लंदन टेक वीक' में 350 से अधिक भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हुईं, जो इस आयोजन में देश का अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल है। इन कंपनियों में द ब्लैक बॉक्स, डिजी ऑस्मोसिस, बहवान साइबरटेक, आर्य डॉट एआई, एमफैसिस, हेलिओस बैटरीज, फाइंड, हाइपररेडी, मनीहॉप और सियाम कंप्यूटिंग शामिल हैं। लंदन के मेयर कार्यालय ने भारतीय भागीदारी में वृद्धि को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हाल ही में हस्ताक्षर किए जाने के बाद दोनों देशों के तकनीकी परिवेश के बीच मजबूती का उदाहरण बताया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने लंदन टेक वीक में 'एक्सट्रैक्ट' को पेश करने की घोषणा की थी। यह योजना अधिकारियों और स्थानीय परिषदों के लिए एक एआई सहायक है, जिसे ब्रिटेन सरकार ने गूगल के समर्थन से विकसित किया है। लंदन के मेयर के मुख्य प्रतिनिधि और लंदन एंड पार्टनर्स में भारत और पश्चिम एशिया के क्षेत्रीय निदेशक हेमिन भरूचा ने लंदन में भारतीय कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति को भारत-ब्रिटेन संबंधों की मजबूती का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि लंदन वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के इच्छुक भारतीय नवोन्मेषकों और निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है।
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ब्रासीलिया. कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को ब्राजील पहुंचा जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की मजबूत राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ रुख से वहां के नेताओं को अवगत कराएगा। कोलंबिया से यहां पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का हवाई अड्डे पर दूतावास प्रभारी संदीप कुमार कुजूर ने स्वागत किया। ब्राजील में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स' पर कहा कि इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ब्राजील के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों से मुलाकात करेगा, जिनमें राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार सेल्सो अमोरिम, विदेश मामलों की महासचिव मारिया लौरा दा रोचा, ब्राजील की सीनेट में भारत-ब्राजील मैत्री मोर्चे के प्रमुख सीनेटर नेल्सन ट्रैड और ब्राजील के ‘चैंबर ऑफ डेप्युटीज' की विदेश मामलों और राष्ट्रीय रक्षा समिति के अध्यक्ष फिलिप बैरोस शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों के तहत ब्राजील में है। ‘ऑपरेशन सिंदूर' और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ देश के निरंतर अभियान के संदर्भ में भी प्रतिनिधिमंडल भारत का रुख व्यक्त करेगा। मिशन ने एक बयान में कहा कि नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जो भारत के जीवंत और समावेशी लोकतांत्रिक चरित्र को दर्शाता है। बयान में कहा गया कि ब्राजील में प्रतिनिधिमंडल की मुलाकातें ब्राजील के समकक्षों को भारत में हाल के घटनाक्रमों, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद की घटनाओं के बारे में जानकारी देने का अवसर प्रदान करेंगी। इसमें कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की मजबूत राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ रुख से अवगत कराएगा तथा सीमा पार आतंकवाद के प्रति देश की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का अपना रुख भी दोहराएगा। यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है जिन्हें पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने का काम सौंपा गया है।
- सिंगापुर. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये आतंकवाद के खिलाफ एक “नयी लक्ष्मण रेखा” खींची है और उम्मीद है कि इस सैन्य कार्रवाई से हमारे शत्रु को कुछ सबक मिला होगा। यहां ‘शांगरी-ला डायलॉग' से जुड़े कार्यक्रम के दौरान, हालिया ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान संबंधों में “रणनीतिक स्थिरता” से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीडीएस ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है, “उम्मीद है कि वे इसे समझेंगे।” पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, सात मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमले किए गए थे। वहीं, पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए थे। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।दोनों देशों के बीच टकराव से मिली सीख के बारे में पूछे जाने पर जनरल चौहान ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन के दौरान दूसरे देशों की स्वदेशी प्रणालियों और प्लेटफार्मों का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, "हम 300 किलोमीटर तक की हवाई सुरक्षा को सटीकता के साथ भेदने में सक्षम थे।”जनरल चौहान और विभिन्न देशों के कई अन्य रक्षा प्रमुखों या प्रतिनिधियों ने एशिया के एक प्रमुख शिखर सम्मेलन शांगरी-ला डायलॉग के एक भाग के रूप में आयोजित 'भविष्य की चुनौतियों के लिए रक्षा नवाचार संसाधान' विषय पर सेमिनार के दौरान संबोधन दिया। बाद में उन्होंने सेमिनार के दौरान कई सवालों के जवाब दिए, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर और इसके निहितार्थ से जुड़े सवाल भी शामिल थे। जनरल चौहान ने कहा, "भारत ने जो किया है, राजनीतिक रूप से उसने आतंकवाद के खिलाफ नयी लक्ष्मण रेखा खींच दी है और मुझे उम्मीद है कि इस विशेष ऑपरेशन से हमारे शत्रु को भी कुछ सबक मिलेगा और उन्हें समझ में आ गया होगा कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है।" सीडीएस ने कहा, ‘‘हम रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं ताकि हम भविष्य की प्रणालियों के बजाय भविष्य की तकनीक के साथ मौजूदा समय का युद्ध लड़ सकें।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को पिट्सबर्ग के पास यूनाइटेड स्टेट्स स्टील कॉर्पोरेशन के प्लांट में एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने की घोषणा की। ट्रम्प ने कहा कि यह कदम अमेरिकी मजदूरों के हित में है और इससे देश का स्टील उद्योग सुरक्षित रहेगा। यह घोषणा उन्होंने जापान की निप्पॉन स्टील कॉर्पोरेशन और यूएस स्टील के बीच प्रस्तावित सौदे के समर्थन में की, जिसे उन्होंने पहले विरोध किया था।
ट्रम्प ने कहा, “50% टैरिफ के साथ कोई भी हमारा उद्योग नहीं छीन सकता।” उन्होंने दावा किया कि यह सौदा पेनसिल्वेनिया के स्टील मजदूरों के लिए फायदेमंद होगा। इस सौदे में 14 अरब डॉलर का निवेश शामिल है, जिसमें से 2.2 अरब डॉलर पिट्सबर्ग के मॉन वैली वर्क्स प्लांट में उत्पादन बढ़ाने के लिए खर्च होंगे। साथ ही, 7 अरब डॉलर स्टील मिलों को आधुनिक बनाने और इंडियाना, मिनेसोटा, अलबामा और अर्कांसस में नई सुविधाओं के लिए लगाए जाएंगे।सौदे में अमेरिकी हितों की रक्षा: ट्रंपट्रम्प ने कहा कि यह सौदा अब एक ‘साझेदारी’ है, जिसमें यूएस स्टील का मुख्यालय पिट्सबर्ग में ही रहेगा। सौदे में अमेरिकी सरकार को बोर्ड के कुछ सदस्यों की नियुक्ति पर वीटो पावर मिलेगा, जिसे ‘गोल्डन शेयर’ कहा जा रहा है। इससे उत्पादन स्तर और नौकरियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ट्रम्प ने यह भी वादा किया कि यूएस स्टील में अगले 10 साल तक कोई छंटनी या आउटसोर्सिंग नहीं होगी, और ब्लास्ट फर्नेस पूर्ण क्षमता पर काम करेंगे। मजदूरों को जल्द ही 5,000 डॉलर का बोनस भी मिलेगा।हालांकि, इस सौदे को लेकर कुछ सवाल बाकी हैं। कमेटी ऑन फॉरेन इन्वेस्टमेंट इन द यूएस (सीफियस) की समीक्षा अभी पूरी नहीं हुई है। निर्माण कंपनियों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ बढ़ने से बिल्डिंग मटेरियल की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे नए मकानों की लागत प्रभावित हो सकती है। अमेरिका अपनी स्टील जरूरतों का 17% आयात करता है, जिसमें से ज्यादातर कनाडा, ब्राजील और मैक्सिको से आता है।ट्रम्प के इस कदम से नूकॉर, क्लीवलैंड-क्लिफ्स और स्टील डायनेमिक्स जैसी कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा गया। क्लीवलैंड-क्लिफ्स के शेयर 15% से ज्यादा बढ़े। ट्रम्प ने इस मौके पर एक पिट्सबर्ग स्टीलर्स जर्सी और गोल्डन हार्ड हैट भी स्वीकार किया, जिससे समारोह में उत्साह का माहौल रहा। -
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका, जो एक बड़े परमाणु संकट में बदल सकता था। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में टेस्ला के CEO एलन मस्क के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बात की और उन्हें समझाया कि एक-दूसरे पर गोलीबारी करने वालों के साथ अमेरिका व्यापार नहीं कर सकता।
ट्रम्प ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान को जंग से रोका। यह एक परमाणु युद्ध बन सकता था। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं और अपनी टीम का शुक्रिया अदा करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने उनकी बात मानी और युद्ध को रोका गया। ट्रम्प ने आगे कहा कि उनकी सरकार दुनिया के अन्य देशों को भी लड़ाई से रोक रही है, क्योंकि अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना और बेहतरीन नेता हैं।चार दिन की जंग के बाद शांतियह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद की घटनाओं से जुड़ा है, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। चार दिन तक दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइल हमले हुए। इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) ने सभी सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का समझौता किया। नई दिल्ली के सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस समझौते में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।ट्रम्प ने पहले भी कई बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को खत्म करने में मदद की। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश शांति बनाए रखेंगे, तो अमेरिका उनके साथ बहुत सारा व्यापार करेगा। हालांकि, भारत ने हमेशा कहा है कि यह मामला द्विपक्षीय था और इसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ी।शुक्रवार को -
सियोल. ‘ऑपरेशन सिंदूर' के मद्देनजर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और ‘‘भारत-दक्षिण कोरिया आतंकवाद रोधी सहयोग को मजबूत बनाने'' से जुड़े कार्यक्रमों के तहत भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को सियोल में भारतीय दूतावास पहुंचा। जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यहां पहुंचा। यहां भारतीय दूतावास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने राजदूत अमित कुमार की ब्रीफिंग में भाग लिया।
झा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “कोरिया गणराज्य में भारत के राजदूत अमित कुमार के साथ हमारी एक सार्थक बैठक हुई, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।” उन्होंने इससे पहले ‘एक्स' पर एक और संदेश में कहा कि वह ‘‘भारत-दक्षिण कोरिया के आतंकवाद-रोधी सहयोग को मजबूत बनाने के लिए सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सियोल आकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'' भारतीय दूतावास के अनुसार, यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, नेशनल असेंबली के गणमान्य सदस्यों, प्रमुख थिंक टैंक और मीडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेगा। दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 26 मई तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान सभी प्रकार के आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त नहीं' करने का भारत का रुख सामने रखा जाएगा। भारत ने पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद को लेकर अपना दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। दक्षिण कोरिया आया यह प्रतिनिधिमंडल भी इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल है। ये प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों की राजधानी का दौरा करेंगे। झा के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में सांसद अपराजिता सारंगी, अभिषेक बनर्जी, बृजलाल, जॉन ब्रिटास, प्रदान बरुआ, हेमांग जोशी, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और फ्रांस व बहरीन में भारत के राजदूत रहे मोहन कुमार शामिल हैं। - लंदन. भारतीय मूल के दो ब्रिटिश बच्चों को प्रतिभाशाली बच्चों के प्रतिष्ठित ‘मेन्सा क्लब फॉर ब्रेनिएक्स' में शामिल दिया गया है। दोनों बच्चे जुड़वां भाई-बहन हैं। जुड़वा बच्चों ने सर्वाधिक अंक हासिल करने के लिए कई कठिन चुनौतियों को पार किया।कृष (11) को 162 अंक प्राप्त करने के बाद इसमें शामिल किया गया, जो ‘मेन्सा सुपरवाइज्ड आईक्यू टेस्ट' सत्र में सर्वाधिक अंक है। इसके साथ ही कृष उच्च ‘आईक्यू' वाले अतिप्रतिभाशाली बच्चों के क्लब में शामिल हो गया। हाल ही में कृष की बहन कियारा ने ‘कैटेल III बी स्केल' में 152 अंक प्राप्त कर इस क्लब में जगह बनाई।जुड़वा बच्चों की मां और वरिष्ठ आईटी प्रबंधक मौली अरोड़ा ने कहा, “वे (उनके बच्चे) बहुत प्रतिस्पर्धी हैं और कियारा को कृष की वजह से ‘मेन्सा' टेस्ट देने की प्रेरणा मिली।” दिल्ली में जन्मी मौली अरोड़ा ने पुणे में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उन्होंने कहा, “हमारा पालन-पोषण का तरीका बहुत ही व्यावहारिक है और हम दिन-प्रतिदिन उनके (बच्चों के) साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहते हैं। कृष पियानो सीखता है और सप्ताहांत में रोबोटिक्स पर भी हाथ आजमाता है। कियारा कविता लिखती है और रचनात्मक लेखन पसंद करती है।” मौली ने बताया, “उनके जुड़वां बच्चे दूसरे भाई-बहनों की तरह आपस में ‘बहुत लड़ते हैं' लेकिन दोनों के बीच मजबूत बंधन है और अक्सर जब उनकी लड़ाई में हम बीच-बचाव करने की कोशिश करते हैं तो वे अपने माता-पिता के खिलाफ एक हो जाते हैं।” मुंबई से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले निश्चल लगभग 25 वर्ष पहले अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए थे और उन्होंने अपने जुड़वां बच्चों का दाखिला पश्चिमी लंदन के हाउंसलो में स्थानीय पब्लिक स्कूल में कराया था।
- तोक्यो. भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने जापान के राजनीतिक नेतृत्व, नीति निर्माताओं, मीडिया और भारतीय समुदाय के साथ व्यापक चर्चा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा संपन्न की और कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली की लड़ाई में टोक्यो के स्पष्ट समर्थन से बहुत उत्साहित हैं। जद(यू) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल उन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए कई देशों का दौरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ताकाशी एंडो और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष फुकुशिरो नुकागा से मुलाकात की। झा ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान-भारत संसदीय मैत्री लीग के सदस्यों के साथ भी सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘हर मंच पर, हमने आतंकवाद पर भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को दृढ़ता से दोहराया और पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को लगातार संरक्षण दिए जाने को उजागर किया।'' झा ने कहा, ‘‘हम जापान के स्पष्ट समर्थन से बहुत उत्साहित हैं।''तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन, प्रतिनिधिमंडल ने यहां तामा समाधि स्थल का दौरा किया और स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर श्रद्धांजलि दी। इस बीच, प्रतिनिधिमंडल में शामिल तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आतंकवाद की तुलना एक खतरनाक पागल कुत्ते से करते हुए पाकिस्तान पर उसे प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया और दुनिया से इससे निपटने के लिए एकजुट होने का आह्नान किया। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को उजागर करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए जापान आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बनर्जी ने कहा, ‘‘हम यहां सच्चाई बताने आए हैं- भारत झुकना नहीं जानता।'' तोक्यो में एक जोशीले भाषण के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘हम डर के आगे नहीं झुकेंगे। हमने ऐसी भाषा में जवाब देना सीख लिया है, जिसे वे अच्छे से समझते हैं।'' पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने छह मई को देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनी। बनर्जी ने कहा कि पहलगाम हमले के पीछे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) का हाथ था, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक छद्म संगठन है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान ने किस तरह जल्दबाजी में लश्कर को सूची से अलग करने का प्रयास किया। इसके अलावा, हवाई हमलों के बाद सार्वजनिक हुई तस्वीरों में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हुए दिखाई दिए।'' उन्होंने प्रवासी भारतीयों को देश की सबसे बड़ी संपदा करार देते हुए कहा, ‘‘आपकी रगों में भारत है। मैं चाहता हूं कि आप देश के सबसे बड़े प्रचारक बनें, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के संदेश के समर्थक बनें।
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न्यूयॉर्क/वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि एप्पल यदि भारत में संयंत्र लगाना चाहता है तो ठीक है लेकिन ऐसा करने पर प्रौद्योगिकी क्षेत्र की यह कंपनी बिना शुल्क के अमेरिका में अपने उत्पाद नहीं बेच पाएगी। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उन्होंने अमेरिकी परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अपने कार्यालय ‘ओवल ऑफिस' में कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने शुक्रवार को कहा ‘‘...लेकिन टिम (कुक) के साथ मेरी सहमति थी कि वह ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह संयंत्र बनाने के लिए भारत जा रहे हैं। मैंने कहा, ‘‘भारत जाना है, तो ठीक है लेकिन आप शुल्क के बिना यहां बिक्री नहीं कर पाएंगे' और ऐसा ही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम आईफोन के बारे में बात कर रहे हैं। अगर वे इसे अमेरिका में बेचना चाहते हैं तो मैं चाहता हूं कि इसे अमेरिका में ही बनाया जाए।'' ट्रंप ने इससे पहले शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट' में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका में बेचे जाने वाले एप्पल आईफोन का विनिर्माण अमेरिका में ही किया जाएगा, न कि ‘‘भारत या किसी अन्य स्थान पर।'' उन्होंने धमकी दी कि अगर कंपनी इसका पालन नहीं करती है तो वह उसके उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे। ट्रंप ने लिखा, “मैंने बहुत पहले ही एप्पल के टिम कुक को बता दिया था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले उनके आईफोन का विनिर्माण यहीं किया जाएगा, न कि भारत में या किसी अन्य स्थान पर। यदि ऐसा नहीं होता है, तो एप्पल को अमेरिका को कम से कम 25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना होगा।'' पिछले सप्ताह ही ट्रंप ने पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के दौरान दोहा में कहा था कि उन्होंने एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से कहा है कि वह भारत में निर्माण न करें, बल्कि अमेरिका में अपनी विनिर्माण क्षमता विकसित करें। टिम कुक के नेतृत्व वाली एप्पल कंपनी आईफोन विनिर्माण को चीन से भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (EU) से अमेरिका में आने वाले सभी उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 जून 2025 से प्रभावी होगा। उन्होंने बताया यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि EU लंबे समय से अमेरिका के साथ व्यापार में ‘अनुचित व्यवहार’ कर रहा है और अमेरिका को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप का दावा है कि यूरोपीय संघ की व्यापार नीतियां, टैक्स नियम और कंपनियों पर लगाए जाने वाले जुर्माने अमेरिकी कंपनियों के लिए नुकसानदेह हैं, जिससे अमेरिका को हर साल $250 अरब (2.5 लाख करोड़ डॉलर) का व्यापार घाटा होता है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यूरोपीय संघ, जो अमेरिका का व्यापार में फायदा उठाने के उद्देश्य से बनाया गया था, बेहद कठिन पार्टनर है। उनके व्यापारिक अवरोध, VAT टैक्स, अनुचित कॉर्पोरेट पेनल्टीज़, गैर-राजस्व संबंधी व्यापार अड़चनें और मौद्रिक हेराफेरी ने अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने कहा, “हमारे साथ उनकी बातचीत अब तक बेनतीजा रही है। इसलिए मैं 1 जून से EU पर सीधा 50% टैरिफ लगाने की सिफारिश करता हूं। हालांकि, यदि कोई उत्पाद अमेरिका में निर्मित है, तो उस पर यह शुल्क नहीं लगेगा।”इस निर्णय से यूरोपीय संघ के साथ अमेरिका के व्यापार संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं। खासकर तब, जब एक महीने पहले ही यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ट्रंप के उस फैसले का स्वागत किया था जिसमें उन्होंने कुछ देशों के लिए पारस्परिक टैरिफ को अस्थायी रूप से स्थगित करने की घोषणा की थी। उन्होंने 10 अप्रैल 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था, “टैरिफ को रोकने का निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्पष्ट और पूर्वानुमेय व्यापार नियम आवश्यक हैं। टैरिफ केवल व्यवसायों और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाते हैं।”वॉन डेर लेयेन ने यह भी दोहराया कि यूरोपीय संघ मुक्त और निष्पक्ष व्यापार को लेकर प्रतिबद्ध है और अमेरिका के साथ सकारात्मक बातचीत का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि EU अब अपने व्यापारिक साझेदारों को विविधता दे रहा है और ऐसे देशों के साथ काम कर रहा है जो वैश्विक व्यापार के 87 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं और मुक्त व्यापार एवं विचारों की खुली अदला-बदली के पक्षधर हैं। राष्ट्रपति ट्रंप का यह प्रस्ताव व्यापारिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे वे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और व्यापार घाटा कम करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की आक्रामक नीति से अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच टैरिफ वार और भी गहरा सकता है, जिसका असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और कीमतों पर पड़ सकता है।- -
न्यूयॉर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अर्हता रद्द कर दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम द्वारा हार्वर्ड विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्र के हवाले से यह खबर दी है। नोएम ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आपको यह सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्र और शैक्षणिक आदान-प्रदान के प्रवेश कार्यक्रम का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।'' न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया है कि यह घटनाक्रम, विश्वविद्यालय पर राष्ट्रपति के एजेंडे के अनुरूप चलने के लिए दबाव डालने के प्रशासन के प्रयासों के तहत उठाया गया एक बड़ा कदम है।
- वाशिंगटन. दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख वित्तीय समर्थक एलन मस्क ने मंगलवार को कहा कि वह राजनीतिक अभियानों पर कम खर्च करेंगे। उनका यह निर्णय अगले वर्ष के मध्यावधि चुनाव से पहले रिपब्लिकन के लिए एक झटका हो सकता है।उन्होंने दोहा (कतर) में ब्लूमबर्ग फोरम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस निर्णय का ऐलान किया। उनका यह निर्णय सरकारी दक्षता विभाग के साथ उनके उथल-पुथल भरे अनुभव के बाद राजनीति से उनके संभावित मोहभंग की ओर भी संकेत करता है, जो संघीय व्यय को कम करने के अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह गया है। मस्क ने कहा, ‘‘मैं भविष्य में बहुत कम काम करने जा रहा हूं।जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों है, तो उन्होंने जवाब दिया कि ‘‘मुझे लगता है कि मैंने काफी कुछ कर लिया है।'' मस्क ने अमेरिका पीएसी के मुख्य योगदानकर्ता के रूप में राष्ट्रपति चुनाव अभियान में ट्रंप का समर्थन करने के लिए कम से कम 25 करोड़ डॉलर खर्च किए।
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द हेग. नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ अपने द्विपक्षीय सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए शानदार अवसर देख रहा है और वह सुरक्षा तथा महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने के लिए तत्पर है। वेल्डकैंप की यह टिप्पणी सोमवार को नीदरलैंड के दौरे पर आए अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात के बाद आई है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति पर भी चर्चा की। वेल्डकैंप ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘ पिछले महीने भारत में मुलाकात के बाद मुझे डॉ. एस जयशंकर का हेग में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हमने पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति और तनाव कम करने की दिशा में एक कदम के रूप में पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर चर्चा की।'' उन्होंने कहा, ‘‘ तेजी से बदलती इस दुनिया में मैं द्विपक्षीय सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के महान अवसर देखता हूं। हम अपनी दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के लिए तत्पर हैं, जिसमें सुरक्षा और महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।'' जयशंकर अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में यहां आए हैं, वे डेनमार्क और जर्मनी भी जाएंगे। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की नीदरलैंड द्वारा की गई कड़ी निंदा और आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को समर्थन देने की सराहना की। जयशंकर ने वेल्डकैंप के साथ अपनी बैठक के बाद ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ आज हेग में मेरी मेजबानी करने के लिए नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप का आभार। पहलगाम हमले की नीदरलैंड की ओर से की गई कड़ी निंदा और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का समर्थन करने की सराहना करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यूरोपीय संघ के साथ हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और सहभागिता को गहरा करने पर व्यापक चर्चा हुई। बहुध्रुवीयता के युग में वैश्विक स्थिति पर चर्चा की।'' जयशंकर ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रूबेन ब्रेकेलमैन्स से भी मुलाकात की, जिन्होंने बैठक के बाद कहा, ‘‘ इस अशांत समय में भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री जयशंकर का स्वागत करना सम्मान की बात है।'' जयशंकर ने सोमवार को भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और नीदरलैंड के बीच मजबूत संबंध बनाने में समुदाय के योगदान की सराहना करता हूं।''
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नई दिल्ली। चीन पाकिस्तान में मोहम्मद बांध के निर्माण को तेज कर रहा है। यह बांध पाकिस्तान के लिए एक बहुत जरूरी जलविद्युत और जल सुरक्षा परियोजना है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर बढ़ते तनाव के बीच यह कदम चीन ने उठाया है।
मोहम्मद बांध का निर्माण कब शुरू हुआ और क्या खास है?साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद बांध का निर्माण चीन की सरकारी कंपनी चाइना एनर्जी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन कर रही है। यह काम 2019 में शुरू हुआ था। हाल ही में बांध में कंक्रीट भरना शुरू हो गया है, जो कि निर्माण का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है। चीन ने इस परियोजना को पाकिस्तान का “प्रमुख राष्ट्रीय प्रोजेक्ट” बताया है और इसे जल्द पूरा करने की योजना बना रहा है।मोहम्मद बांध का क्या है महत्व?मोहम्मद बांध पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात नदी पर बन रहा है। यह बांध कई काम करेगा — बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पीने का पानी और बिजली उत्पादन। यह बांध अपनी तरह का दुनिया का पांचवां सबसे ऊंचा बांध होगा, जिसकी ऊंचाई 700 फीट होगी। जब यह बांध पूरी तरह से काम करेगा, तो यह 800 मेगावाट बिजली देगा और प्रतिदिन 300 मिलियन गैलन पानी पेशावर शहर को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, यह हजारों एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई करेगा और बाढ़ से होने वाले नुकसान को भी कम करेगा।मोहम्मद बांध के निर्माण का स्टेटस क्या है?फरवरी 2025 में पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि यह बांध 2027 तक पूरी तरह से काम करने लगेगा। इस समय बांध के बिजली और सिंचाई टनल, स्पिलवे और अन्य मुख्य निर्माण काम चल रहे हैं। कई काम समय से पहले पूरे हो रहे हैं। चीन की भागीदारी और हाल के क्षेत्रीय तनावों के कारण इस परियोजना को तेजी से पूरा करने की कोशिश हो रही है। चीन पाकिस्तान के अन्य जल सुरक्षा प्रोजेक्ट्स में भी मदद कर रहा है, जैसे कि डायमर-भाषा बांध जो सिंधु नदी पर बना है। यह बांध भी पाकिस्तान की जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। -
कीव. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह यूक्रेन में युद्ध के बारे में सोमवार को रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात करेंगे। ट्रंप ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि विषय होगा "रक्तपात रोकना/
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और नाटो के सदस्यों से भी बात करने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल' पर लिखा, ‘‘उम्मीद है कि यह एक उपयोगी दिन होगा।''