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न्यूयॉर्क. अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने कहा कि भारत को रूसी तेल पर ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए। साथ ही हेली ने कहा कि भारत को समाधान खोजने के लिए व्हाइट हाउस के साथ काम करना चाहिए। हेली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ व्यापार संबंधी मतभेदों और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दों से निपटने के लिए कठोर बातचीत की आवश्यकता है।'' उन्होंने ‘एक्स' पर उस लेख का एक अंश पोस्ट किया, जो उन्होंने पिछले सप्ताह न्यूजवीक के लिए लिखा था। यह लेख राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव पर था। हेली को दोनों देशों के बीच शुल्क को लेकर तनाव के बीच भारत का पक्ष लेने के लिए अपनी पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अपने लेख में हेली ने कहा, ‘‘ भारत रूस से भारी तेल खरीद रहा है, जिसे लेकर ट्रंप निशाना साध रहे हैं, जो सही है। इससे व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए धन जुटाने में मदद मिल रही है।'' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ एक ‘‘ अहम स्वतंत्र और लोकतांत्रिक साझेदार की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए, न कि चीन जैसे विरोधी की तरह।'' हेली ने विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों, भारत और अमेरिका के बीच दशकों पुरानी ‘मित्रता और सद्भावना' पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘यह मौजूदा उथल-पुथल से आगे बढ़ने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।"
हेली ने कहा कि अमेरिका और भारत को ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात, यानी हमारे साझा लक्ष्यों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। चीन का सामना करने के लिए अमेरिका के पास भारत के रूप में एक मित्र होना चाहिए।'' हेली ने अपने लेख में कहा, ‘‘ भारत अकेले ही चीन जैसे पैमाने पर उन उत्पादों का निर्माण करने की क्षमता रखता है, जिनका यहां (अमेरिका में) शीघ्रता से या कुशलतापूर्वक उत्पादन नहीं किया जा सकता।'' साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर हेली, ट्रंप के राष्ट्रपति के तौर पर पहले कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनीं। -
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का अगला राजदूत नामित किया है। सर्जियो गोर वर्तमान में ‘व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस' के निदेशक हैं। यह कदम व्यापार संबंधी मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में आई दरार के बीच उठाया गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने 38 वर्षीय गोर को महत्वपूर्ण राजदूत पद के लिए नामित करने की घोषणा करते हुए कहा कि वह (गोर) दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में भी काम करेंगे। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस पर मैं पूरी तरह भरोसा कर सकूं कि वह मेरे एजेंडे को पूरा करेगा और 'अमेरिका को फिर से महान बनाने' में हमारी मदद करेगा। '' गोर ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रंप के अभियान की राजनीतिक कार्रवाई समिति (पीएसी) में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी और नए प्रशासन में राजनीतिक नियुक्तियों की जांच करने का काम सौंपे जाने के बाद उनका प्रभाव कई गुना बढ़ गया। इस साल जनवरी में, भारत में अमेरिका के तत्कालीन राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एरिक गार्सेटी मई 2023 से जनवरी 2025 तक भारत में अमेरिका के राजदूत थे। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने गोर को भारत में अगला राजदूत नामित करने के ट्रंप के फैसले का स्वागत किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि मैं सर्जियो गोर को भारत गणराज्य में हमारे अगले राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में नियुक्त कर रहा हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रेसिडेंशियल पर्सनल के निदेशक के तौर पर सर्जियो और उनकी टीम ने रिकॉर्ड समय में अमेरिका की संघीय सरकार के हर विभाग में लगभग 4,000 'अमेरिका फर्स्ट' समर्थकों की नियुक्ति की है। सीनेट से पुष्टि होने तक सर्जियो अपनी मौजूदा भूमिका में व्हाइट हाउस में बने रहेंगे। '' उन्होंने लिखा, ‘‘सर्जियो मेरे अच्छे दोस्त हैं, जो कई वर्षों से मेरे साथ रहे हैं। उन्होंने मेरे ऐतिहासिक राष्ट्रपति अभियानों में काम किया, मेरी किताबें प्रकाशित कीं और हमारे आंदोलन को समर्थन देने वाले सबसे बड़े सुपर पीएसी में से एक को चलाया। '' वहीं गोर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘ राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत में अगला अमेरिकी राजदूत तथा दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए विशेष दूत नामित करने के लिए मुझ पर जो भरोसा और विश्वास जताया है, उसके लिए मैं आभारी हूं। अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान होगा।'' अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गोर की नियुक्ति को लेकर कहा, मैं राष्ट्रपति के इस फैसले से उत्साहित हूं कि उन्होंने गोर को भारत में हमारा अगला राजदूत नामित किया है। वह अमेरिका के एक बेहतरीन प्रतिनिधि साबित होंगे, खासकर उस रिश्ते में जो हमारे लिए दुनिया के सबसे अहम संबंधों में से एक है। - वाशिंगटन।: अंतरिक्ष में गोपनीय प्रयोग करने के लिए गुरुवार रात एक और अमेरिकी सैन्य ‘मिनी शटल’ प्रक्षेपित हुआ। स्पेसएक्स द्वारा प्रक्षेपित, इस अंतरिक्ष यान ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से अकेले ही उड़ान भरी। यह, एक्स-37बी नामक परीक्षण यान की आठवीं ऐसी उड़ान है। यूएस स्पेस फोर्स के अनुसार, यह बिना जीपीएस के लेज़र संचार और सुरक्षित नौवहन का परीक्षण करेगा।
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मॉस्को. भारत और रूस ने अपने द्विपक्षीय व्यापार को ‘‘संतुलित और टिकाऊ तरीके'' से बढ़ाने का बृहस्पतिवार को संकल्प लिया तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गैर-शुल्क (टैरिफ) बाधाओं एवं नियामक अड़चनों को ‘‘तेजी से'' दूर करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। दोनों देशों द्वारा रूस को भारतीय निर्यात बढ़ाने सहित द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने का यह संकल्प, व्यापार और टैरिफ पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ती दूरी के बीच लिया गया है। जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत और रूस के बीच संबंध द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया के सबसे प्रमुख संबंधों में से एक रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक स्थिति, जन भावनाएं और नेतृत्व संपर्क इसके प्रमुख प्रेरक बने रहेंगे।''
जयशंकर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नवंबर या दिसंबर में होने वाली भारत यात्रा के विभिन्न पहलुओं को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को मॉस्को पहुंचे। अपनी बातचीत में, जयशंकर और लावरोव ने आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने कहा, ‘‘आतंक के मुद्दे पर, हमने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने का संकल्प लिया।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने के भारत के दृढ़ संकल्प और सीमा पार आतंकवाद से अपने नागरिकों की रक्षा करने के हमारे संप्रभु अधिकार से अवगत कराया।'' जयशंकर की टिप्पणियों से ऐसा प्रतीत हुआ कि उनकी बातचीत का मुख्य केंद्र द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमने रूस को भारत के निर्यात को बढ़ाने समेत, संतुलित और टिकाऊ तरीके से द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि की।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए गैर-शुल्क बाधाओं और नियामक बाधाओं को तुरंत दूर करने की आवश्यकता है। फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में रूस को भारतीय निर्यात बढ़ाने से निश्चित रूप से मौजूदा असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी।'' जयशंकर ने कहा, ‘‘उर्वरकों की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए गए। भारतीय कुशल श्रमिक, विशेष रूप से आईटी, निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्र में, रूस की श्रम आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं और सहयोग को प्रगाढ़ कर सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश के माध्यम से ऊर्जा सहयोग को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री ने रूसी सेना में सेवा दे रहे कुछ भारतीयों का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कई लोगों को रिहा कर दिया गया है, फिर भी कुछ मामले लंबित हैं और कुछ लोग लापता हैं। हमें उम्मीद है कि रूसी पक्ष इन मामलों को शीघ्रता से सुलझाएगा।'' बैठक में, जयशंकर और लावरोव ने वैश्विक शासन में सुधार के लिए भारत और रूस की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों पक्षों ने यूक्रेन, पश्चिम एशिया और अफग़ानिस्तान में स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि भारत का दृष्टिकोण मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति को आवश्यक मानता है।'' इससे पहले, जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज की बैठक ने हमें न केवल अपने राजनीतिक संबंधों पर चर्चा करने का, बल्कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का भी मौका दिया है। इसलिए, मैं राजनीति, व्यापार, आर्थिक निवेश, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विचारों का आदान-प्रदान तथा निश्चित तौर पर लोगों के बीच संपर्क की आशा करता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेता पिछले साल जुलाई में 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मिले थे, और उसके बाद कजान में भी मिले। अब हम साल के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा हमें हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया है।'' रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्ष बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के वर्तमान और भविष्य के अवसरों पर विशेष ध्यान देंगे। मंत्रालय ने कहा, ‘‘बैठक का एजेंडा परिवहन, साजोसामान, बैंकिंग और वित्तीय संपर्कों और शृंखलाओं को सुगम बनाने पर केंद्रित होगा जो बैरी देशों के किसी भी प्रतिकूल दबाव से मुक्त होंगे, साथ ही परस्पर समझौतों में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को भी बढ़ाएंगे।'' इसने कहा कि परिवहन, ऊर्जा, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना भी एजेंडे में होगा। जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ (शुल्क) दोगुना कर कुल 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। इस टैरिफ में रूसी कच्चा तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की मॉस्को यात्रा पर कहा, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य दीर्घकालिक और वक्त की कसौटी पर कसी गई भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है।'' जयशंकर ने बुधवार को रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ व्यापक वार्ता की थी। ऐसा समझा जाता है कि दोनों पक्षों ने यूक्रेन संघर्ष पर भी विचार-विमर्श किया।
भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता रहा है। -
नयी दिल्ली. भारत ने लिपलेख दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने के उसके और चीन के फैसले पर नेपाल की आपत्ति को बुधवार को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर काठमांडू का दावा उचित नहीं है। भारत और चीन ने मंगलवार को लिपुलेख दर्रे और दो अन्य व्यापारिक दर्रों के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने लिपुलेख दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने के इस कदम पर बुधवार को आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह क्षेत्र नेपाल का अविभाज्य हिस्सा है। नेपाल ने 2020 में एक राजनीतिक मानचित्र जारी करके एक सीमा विवाद पैदा कर दिया था जिसमें कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था। भारत ने इन दावों का कड़ा खंडन किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नेपाल के इस क्षेत्र पर दावों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने लिपुलेख दर्रे के माध्यम से भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने से संबंधित नेपाल के विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर गौर किया है।'' जायसवाल ने कहा, ‘‘इस संबंध में हमारी स्थिति सुसंगत और स्पष्ट रही है। लिपुलेख दर्रे के जरिए भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार 1954 में शुरू हुआ था और दशकों तक जारी रहा है।'' उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कोविड-19 और अन्य घटनाओं के कारण यह व्यापार बाधित हुआ था। अब दोनों पक्ष इसे फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय दावों के संबंध में हमारा मानना है कि ऐसे दावे न तो उचित हैं और न ही ऐतिहासिक तथ्यों तथा साक्ष्यों पर आधारित हैं। क्षेत्रीय दावों का कोई भी एकतरफा कृत्रिम विस्तार अस्वीकार्य है।'' जायसवाल ने कहा, ‘‘भारत वार्ता और कूटनीति के माध्यम से लंबित सीमा मुद्दों के समाधान हेतु नेपाल के साथ सार्थक बातचीत के लिए तैयार है। -
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित 8 मामलों में दाखिल जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के नेताओं, समर्थकों और देश की राजनीति के लिए यह निर्णय बेहद अहम है।
इमरान खान की तरफ से सलमान सफदर जबकि पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने राज्य का प्रतिनिधित्व कियापाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मुहम्मद शफी सिद्दीकी और मियांगुल हसन औरंगजेब भी शामिल थे, ने गुरुवार को याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू की। इमरान खान की तरफ से सलमान सफदर जबकि पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने नकवी से पूछा, “आपने लाहौर उच्च न्यायालय का फैसला पढ़ा होगा। क्या जमानत के मामले में अंतिम टिप्पणी की जा सकती है?”12 अगस्त को सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने लाहौर हाईकोर्ट की कुछ टिप्पणियों पर सवाल उठाए और कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानूनी निष्कर्षों पर टिप्पणी नहीं करेगा12 अगस्त को सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे और कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय किसी भी पक्ष के मामले को प्रभावित न करने के लिए कानूनी निष्कर्षों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने अपना दूसरा प्रश्न पूछते हुए कहा, “इसी अदालत (लाहौर उच्च न्यायालय) ने एक संदिग्ध को षड्यंत्र के आरोप में जमानत दी थी। क्या इस मामले में वरीयता का सिद्धांत लागू नहीं होगा?” अभियोजक ने जवाब दिया कि जमानत के मामले में अदालत की टिप्पणी हमेशा अंतरिम प्रकृति की होती है। उन्होंने तर्क दिया, “अदालत की टिप्पणी का मुकदमे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।”अभियोजक ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उन्हें मामले के गुण-दोष पर सहायता करने की अनुमति देअभियोजक ने अदालत से अनुरोध किया कि वह उन्हें मामले के गुण-दोष पर सहायता करने की अनुमति दे। मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने कहा, “हम किसी को भी मामले के गुण-दोष पर बहस करने की अनुमति नहीं देंगे। आप केवल षड्यंत्र (आरोप) से संबंधित कानूनी सवालों के ही जवाब दे सकते हैं।” इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया। पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ‘इमरान खान की जीत’ बताया है।नवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित मामलों में इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया थानवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित मामलों में इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने भी 24 जून को इमरान खान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जेल में बंद पीटीआई नेता ने अपने वकीलों के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दाखिल की थी। इमरान खान पर कई अन्य मामले भी चल रहे हैं, जिनमें सरकारी उपहारों से संबंधित 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में, वह अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।( -
काबुल. उत्तर-पश्चिमी अफगानिस्तान में ईरान से लौट रहे कम से कम 79 लोगों की बस दुर्घटना में मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मृतकों में 19 बच्चे भी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि दुर्घटना में दो लोग घायल भी हुए हैं। ‘टोलो न्यूज' ने अधिकारी के हवाले से बताया कि दुर्घटना मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार लगभग साढ़े आठ बजे हेरात प्रांत में हुई। उन्होंने बताया कि बस एक ट्रक और एक मोटरसाइकिल से जा टकराई, जिससे भीषण आग लग गई और कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। पिछले कुछ महीनों में लगभग 18 लाख अफगानिस्तानी नागरिकों को ईरान से जबरन वापस भेजा गया है। -
काठमांडू । भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को नेपाल की दो-दिवसीय यात्रा पूरी कर ली। इस दौरान उन्होंने देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति पर चर्चा की। नेपाल के अपने समकक्ष अमृत बहादुर राय के निमंत्रण पर यहां पहुंचे मिसरी ने यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली और विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा से मुलाकात की। भारतीय दूतावास ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उन्होंने (मिसरी ने) उन्हें (नेपाल के इन नेताओं को) भारत के नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं में हो रही प्रगति के बारे में जानकारी दी।'' इसमें कहा गया है कि मिसरी ने प्रधानमंत्री ओली को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथियों पर भारत आने का औपचारिक निमंत्रण भी सौंपा। उन्होंने रविवार को राय के साथ व्यापक चर्चा की और विभिन्न द्विपक्षीय पहलों में हुई प्रगति की समीक्षा की तथा आगे सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।
- वाशिंगटन।, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आशा व्यक्त की कि ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में यूक्रेनी और यूरोपीय नेताओं के बीच सोमवार की महत्वपूर्ण वार्ता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उस त्रिपक्षीय वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त किया जा सके। अमेरिकी नेता ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को शीघ्र समाप्त कराने की कोशिशों में जुटे हैं।ट्रंप ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि अब यह जिम्मेदारी जेलेंस्की पर है कि वह उन रियायतों पर सहमत हों, जिनसे युद्ध समाप्त हो सकता है। इसी के परिप्रेक्ष्य में सोमवार को जल्दबाजी में यह बैठक बुलाई गई।ट्रंप ने जेलेंस्की, पुतिन और ट्रंप के बीच संभावित त्रिपक्षीय वार्ता का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगर आज सब ठीक रहा तो हम त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे।...हम रूस के साथ काम करेंगे, हम यूक्रेन के साथ काम करेंगे।'' जेलेंस्की ने भी त्रिपक्षीय वार्ता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई।उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि राष्ट्रपति (ट्रंप) ने कहा है, हम त्रिपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हैं।... यह त्रिपक्षीय वार्ता को लेकर एक अच्छा संकेत है। मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा है।'' ट्रंप, जेलेंस्की के साथ आमने-सामने की बातचीत करेंगे। इसके बाद दोनों नेता यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और नाटो महासचिव मार्क रूट से मिलेंगे। ए
- काठमांडू, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 16-17 सितंबर को भारत की आधिकारिक यात्रा पर जा सकते हैं। काठमांडू में विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा के दौरान व्यापार, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, संपर्क, पनबिजली और सीमा जैसे कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्री के प्रेस सलाहकार एकराज पाठक ने बताया कि विदेश मंत्रालय प्रस्तावित उच्च-स्तरीय दौरे के लिए एजेंडा और यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहा है। विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने सोमवार को कहा कि नेपालगंज और दिल्ली के बीच सीधी उड़ानें प्रधानमंत्री ओली की आगामी भारत यात्रा के दौरान एजेंडे में शीर्ष पर होंगी। देउबा प्रधानमंत्री ओली के साथ भारत जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हो सकती हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय में शीर्ष नेताओं, सांसदों और उद्योगपतियों के साथ बैठक में कहा, “पश्चिमी नेपाल के नेपालगंज शहर और नयी दिल्ली के बीच सीधा हवाई संपर्क हमारे एजेंडे में शीर्ष पर होगा।” देउबा ने कहा, “अगर ऐसा हुआ, तो निश्चित रूप से पश्चिमी नेपाल की तस्वीर बदल जाएगी।” उन्होंने कहा कि सरकार ने इस उद्देश्य के लिए क्षेत्र में आवश्यक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के वास्ते जरूरी जमीनी कार्य पहले ही कर लिया है। विदेश मंत्री ने दावा किया कि नेपालगंज और दिल्ली के बीच प्रस्तावित सीधी उड़ान से पश्चिमी नेपाल के लगभग 25 जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम नेपालगंज और दिल्ली के बीच सीधी उड़ान शुरू करते हैं, तो नेपालगंज तिब्बत स्थित कैलाश-मानसरोवर का प्रवेश द्वार बन सकता है। नेपाल पांच भारतीय राज्यों (सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है। वह माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर है। नेपाल, क्षेत्र में भारत के समग्र सामरिक हितों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के नेताओं ने अपने संबोधन में अक्सर सदियों पुराने “रोटी-बेटी के रिश्ते” का जिक्र किया है।
- ब्रसेल्स. जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इस सप्ताह के उत्तरार्ध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक से पहले ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव और कई यूरोपीय नेताओं को बुधवार को प्रस्तावित एक ऑनलाइन बैठक के लिए आमंत्रित किया। यूरोप और यूक्रेन को डर है कि उनकी अनुपस्थिति में ट्रंप और पुतिन के बीच समझौता हो सकता है।अलास्का में शुक्रवार को ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन में न तो जेलेंस्की और न ही यूरोपीय नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जर्मन चांसलर ने एक बयान में कहा कि ऑनलाइन बैठक ‘‘रूस पर दबाव बनाने के लिए कार्रवाई के आगे के विकल्पों'' के साथ-साथ ‘‘संभावित शांति वार्ता की तैयारी और क्षेत्रीय दावों और सुरक्षा के संबंधित मुद्दों'' पर केंद्रित होगी। यूरोपीय आयोग ने पुष्टि की है कि अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन शिखर सम्मेलन से पहले ‘‘चांसलर मर्ज द्वारा आयोजित बैठक में'' हिस्सा लेंगी। बर्लिन स्थित चांसलर कार्यालय ने बताया कि ब्रिटेन, फिनलैंड, फ्रांस, इटली और पोलैंड के नेताओं ने भी ‘इस चर्चा में शामिल' होने पर सहमति दे दी है। यूक्रेन और यूरोप में उसके समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ट्रंप और पुतिन शिखर सम्मेलन में उनकी गैर मौजूदगी में भूमि विनिमय का निर्णय नहीं ले सकते, लेकिन यूरोपीय देशों का मानता है कि रूस द्वारा यूक्रेन की जीती हुई जमीन पर से नियंत्रण छोड़े जाने की संभावना नहीं है। ट्रंप ने सुझाव दिया है कि शांति समझौते में ‘‘कुछ क्षेत्रों की अदला-बदली'' शामिल हो सकती है, लेकिन यूरोपीय देशों का मानना है कि रूस किसी भी प्रकार की अदला-बदली की पेशकश नहीं करेगा। गत सप्ताहांत में अमेरिकी और यूरोपीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच यूक्रेन पर हुई बातचीत के बाद, यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को बैठक की।
- वाशिंगटन/न्यूयॉर्क. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क की वजह से पहले से ही खराब चल रही मास्को की अर्थव्यवस्था को “बड़ा झटका” लगा है। ट्रंप ने भारत को रूस का “सबसे बड़ा या दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार” बताया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि कई देशों पर अमेरिकी शुल्क लगाने के कारण जारी वैश्विक दबावों से रूस की अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि रूस को अपने देश के निर्माण में फिर से जुट जाना चाहिए। यह एक विशाल देश है... रूस में अच्छा प्रदर्शन करने की अपार क्षमता है। वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। उनकी अर्थव्यवस्था इस समय अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है क्योंकि इससे वह बुरी तरह प्रभावित हुई है।'' ट्रंप ने परोक्ष तौर पर भारत की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा, ‘‘जब अमेरिका के राष्ट्रपति उनके सबसे बड़े या दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदार से कहते हैं कि अगर आप रूस से तेल खरीदते हैं तो हम आप पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे, तो यह एक बड़ा झटका है।'' ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क के अलावा के रूस से तेल आयात को लेकर बतौर जुर्माना 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया है। ट्रंप शुक्रवार को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे, जहां उन्हें "सार्थक बातचीत" की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि यह बहुत सम्मानजनक है कि रूस के राष्ट्रपति हमारे देश आ रहे हैं, बजाय इसके कि हम उनके देश या किसी तीसरे पक्ष के यहां जाएं। लेकिन मुझे लगता है कि हमारी बातचीत उपयोगी होगी। उन्होंने कहा कि वह बैठक के बाद यूरोपीय नेताओं से बात करेंगे। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत की अपनी योजना का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘अगली बैठक जेलेंस्की और पुतिन, या जेलेंस्की और पुतिन और मेरे बीच होगी। अगर उन्हें जरूरत होगी तो मैं वहां मौजूद रहूंगा, लेकिन मैं दोनों नेताओं के बीच एक बैठक तय करना चाहता हूं।
- संयुक्त राष्ट्र. अमेरिका ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इजराइल का बचाव करते हुए कहा कि देश को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि उसकी सुरक्षा के लिए क्या सर्वोत्तम है। इसने गाजा में नरसंहार के आरोपों को झूठा बताया। अमेरिका के पास परिषद में वीटो शक्ति है और वह वहां प्रस्तावित कार्यवाही को रोक सकता है। अन्य परिषद सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की।चीन ने गाजा में लोगों को दी जाने वाली "सामूहिक सजा" को अस्वीकार्य बताया। रूस ने "शत्रुता में बेतहाशा वृद्धि" के खिलाफ चेतावनी दी। संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय के रमेश राजसिंघम ने कहा, "यह अब भुखमरी का संकट नहीं है; यह भुखमरी है। मानवीय स्थितियां बेहद भयावह हैं। सच कहूं तो इसे बयां करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं बचे हैं।"
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काठमांडू,। नेपाल पर्वतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने सुदूर पश्चिमी क्षेत्र की लगभग 100 चोटियों पर चढ़ाई के लिए शुल्क नहीं लेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमालयी राष्ट्र ऐसे क्षेत्रों में पर्वतारोहियों को आकर्षित करना चाहता है, जहां सैलानी कम जाते हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए करनाली और सुदूरपश्चिम प्रांतों की 97 चोटियों के लिए रॉयल्टी (शुल्क) माफ कर दी है। इन चोटियों की ऊंचाई 5,870 मीटर से लेकर 7,132 मीटर तक की है और सरकार के कदम से सीमित आर्थिक गतिविधि वाले क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित होने की उम्मीद है।
पर्यटन विभाग के निदेशक हिमाल गौतम ने ' बताया, “इसका उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में ज़्यादा पर्यटकों को लाना, रोज़गार पैदा करना और स्थानीय समुदायों के लिए आय उत्पन्न करना है।” उन्होंने कहा कि इस पहल से नेपाल के ऐसे पर्वतीय स्थलों को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी जहां पर्वतारोही कम जाते हैं। सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि माउंट एवरेस्ट को फतह करने का प्रयास करने वाले पर्वतारोहियों के लिए पहले कम से कम 7,000 मीटर ऊंची एक चोटी पर चढ़ना अनिवार्य कर दिया जाए। यह प्रस्ताव पर्यटन अधिनियम में संशोधन का हिस्सा है और इसे विचार के लिए उच्च सदन को भेजा गया है। इसे दोनों सदनों से अनुमोदन की आवश्यकता होगी। इस वर्ष की शुरुआत में, नेपाल ने घोषणा की थी कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का शुल्क 11,000 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 15,000 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति कर दिया जाएगा, जो एक सितंबर, 2025 से प्रभावी होगा।
- ढाका. बांग्लादेश के चुनाव निकाय प्रमुख ने शनिवार को कहा कि आम चुनाव फरवरी 2026 के पहले सप्ताह में होंगे, लेकिन इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनिश्चित कराया जाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने कहा कि कार्यक्रम की घोषणा से दो महीने पहले सही तारीख का खुलासा किया जायेगा। सरकारी बांग्लादेश संघबाद संस्था (बीएसएस) ने उत्तर-पश्चिमी रंगपुर जिले में एक समारोह में उद्दीन के हवाले से कहा, ‘‘लोगों का चुनाव प्रणाली, निर्वाचन आयोग और चुनावी प्रक्रिया में शामिल प्रशासनिक तंत्र पर से विश्वास उठ गया है।'' हालांकि, उद्दीन ने कहा कि उनका कार्यालय ‘‘खोए हुए भरोसे को बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।'' सीईसी की यह टिप्पणी अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा यह घोषणा किए जाने के चार दिन बाद आई है कि चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे। यूनुस ने यह घोषणा पांच अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने का एक वर्ष पूरा होने के मौके पर की थी। उद्दीन ने आशंका जताई कि मतदाताओं में उदासीनता बढ़ रही है क्योंकि ‘‘पिछले कुछ वर्षों में लोग मतदान प्रक्रिया से विमुख हो गए हैं'' लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘जब तक निर्वाचन आयोग अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहेगा, तब तक सभी कार्यवाही में नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन किया जायेगा।'' मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव की सही तारीख का खुलासा कार्यक्रम की घोषणा से दो महीने पहले किया जाएगा जबकि उनका कार्यालय विभिन्न चुनौतियों के बावजूद कम समय सीमा के भीतर चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।
- मॉस्को. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव के साथ द्विपक्षीय सैन्य-तकनीकी संबंधों और रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की। डोभाल द्विपक्षीय ऊर्जा और रक्षा संबंधों पर महत्वपूर्ण वार्ता करने और इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी के लिए रूस में हैं। भारत स्थित रूसी दूतावास के अनुसार, डोभाल और मंतुरोव की मुलाकात शुक्रवार को हुई।दूतावास ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस बैठक के दौरान भारत-रूस के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग से जुड़े मौजूदा मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही असैन्य विमान निर्माण, धातु उद्योग और रासायनिक उद्योग जैसे अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने पर भी बातचीत हुई।'' रूसी सरकार की प्रेस सेवा ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने रूस और भारत के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग के सामयिक मुद्दों और नागरिक विमान, धातु विज्ञान और रासायनिक उद्योग समेत अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की।'' डोभाल ने बृहस्पतिवार को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान, उन्होंने बाहरी दबाव के बावजूद रूस के साथ सभी मोर्चों पर सहयोग जारी रखने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई। डोभाल की यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी करके रूस से तेल खरीदने पर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इसके बाद कुल शुल्क 50 फीसदी हो गया है। सूत्रों के अनुसार, डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत आने का निमंत्रण दिया। पुतिन ने आभार के साथ निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की थी और इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी।
- वाशिंगटन। स्टारलाइनर के फंसे हुए परीक्षण पायलटों को राहत देने के लिए लगभग पांच महीने पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे चार अंतरिक्ष यात्री शनिवार को पृथ्वी पर लौट आए। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल, चक्कर लगा रही प्रयोगशाला से प्रस्थान करने के एक दिन बाद, दक्षिणी कैलिफोर्निया तट से प्रशांत महासागर में पैराशूट से उतरा। स्पेसएक्स मिशन कंट्रोल ने रेडियो पर प्रसारित किया, ‘‘घर में आपका स्वागत है।'' नासा की एनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव धरती पर उतरे। इन्हें मार्च में स्टारलाइनर के असफल प्रदर्शन के लिए नियुक्त किए गए दो नासा अंतरिक्ष यात्रियों की जगह लेने के लिए भेजा गया था। स्टारलाइनर में खराबी के कारण बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स एक हफ़्ते के बजाय नौ महीने से ज़्यादा समय तक अंतरिक्ष केंद्र पर फंसे रहे। नासा ने बोइंग के नए क्रू कैप्सूल को खाली वापस लौटने का आदेश दिया और दोनों को स्पेसएक्स में स्थानांतरित कर दिया।
- वाशिंगटन,। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन युद्ध समाप्त कराने पर चर्चा के लिए अगले शुक्रवार को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस मुलाकात से सकारात्मक निष्कर्ष निकल सकते हैं। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से ट्रंप इस बात को लेकर निराशा व्यक्त कर रहे हैं कि संघर्ष को रोकने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं हो रहे हैं। इस संभावित मुलाकात को लेकर रूस की ओर से अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई। लेकिन दोनों देशों ने अगले सप्ताह बैठक के संकेत दिए हैं। पुतिन के साथ इस संभावित मुलाकात को ‘‘बहुप्रतीक्षित बैठक'' करार देते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि यह बैठक 15 अगस्त को अलास्का में होगी। उन्होंने कहा कि ज्यादा जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे पहले ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि किसी भी समझौते में संभवतः ‘‘कुछ इलाकों की अदला-बदली'' शामिल हो सकती है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। क्रेमलिन के करीबी लोगों समेत कुछ विश्लेषकों का मानना है कि रूस उन इलाकों को छोड़ने का प्रस्ताव दे सकता है जो उन चार क्षेत्रों के बाहर हैं, जिन्हें वह पहले ही अपने देश में मिला लेने का दावा कर चुका है।
- लंदन. ब्रिटेन के ‘इंपीरियल वॉर म्यूजियम' (आईडब्ल्यूएम) ने ‘‘भारत का युद्ध'' नामक एक प्रमुख संग्रह परियोजना शुरू की है, जिसमें जनता को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों के अनुभवों से संबंधित कहानियों और यादगार वस्तुओं को साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। अगस्त 1945 में युद्ध की समाप्ति तक, भारतीय उपमहाद्वीप की सशस्त्र सेनाएं ब्रिटेन के बाद राष्ट्रमंडल देशों से ली गई दूसरी सबसे बड़ी लड़ाकू सेना थीं। आईडब्ल्यूएम के अनुसार, 89000 दक्षिण एशियाई सैन्य कर्मियों ने ब्रिटेन के लगभग हर युद्ध मोर्चे पर लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीय सशस्त्र बलों के 28 कर्मियों को युद्ध में वीरता के लिए सर्वोच्च पुरस्कार ‘विक्टोरिया क्रॉस' से सम्मानित किया गया। आईडब्ल्यूएम में द्वितीय विश्व युद्ध और मध्य-20वीं सदी के वरिष्ठ संग्रहाध्यक्ष एड्रियन केरिसन ने कहा, ‘‘हालांकि, आईडब्ल्यूएम के पास द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय योगदान को दर्शाने वाले महत्वपूर्ण फिल्म और फोटोग्राफी संग्रह हैं, लेकिन ये अक्सर व्यक्तिगत स्तर पर युद्ध के अनुभवों को पूरी तरह से व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह संग्रहण परियोजना आईडब्ल्यूएम के लिए हमारे दर्शकों तक पहुंचने का एक अवसर है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये व्यक्तिगत कहानियां- जो भारत और ब्रिटेन में द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामों की हमारी समझ के लिए महत्वपूर्ण हैं- आईडब्ल्यूएम के संग्रह में उचित रूप से प्रस्तुत की जाएं।''
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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में रोजगार संबंधी आंकड़े जारी होने के बाद श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के निदेशक को बर्खास्त कर दिया और इन आंकड़ों में हेर फेर किए जाने का आरोप लगाया। अमेरिका में नौकरियों संबंधी मासिक आंकड़ों पर शेयर बाजार के निवेशकों और अर्थशास्त्रियों की पहले से ही नजर रहती है लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस रिपोर्ट की निगरानी करने वाले अधिकारी को शुक्रवार को बर्खास्त किए जाने के बाद ये आंकड़े विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें और रिपब्लिकन पार्टी के अन्य नेताओं को ‘‘खराब'' दिखाने के लिए जून के रोजगार संबंधी आंकड़ों में ‘‘हेरफेर'' किया गया था। हालांकि उन्होंने इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नियुक्त श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के निदेशक एरिका मैकएंटार्फर को बर्खास्त कर दिया। शुक्रवार को जारी रोजगार रिपोर्ट में दिखाया गया था कि जुलाई में भर्ती प्रक्रिया कमजोर रही और मई एवं जून में ट्रंप द्वारा व्यापक शुल्क लागू करने के बाद यह लगभग ठप हो गई थी। -
न्यूयॉर्क. रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका को भारत जैसे मजबूत साझेदार के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करना चाहिए और चीन को छूट नहीं देनी चाहिए। उन्होंने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क और रूसी तेल की खरीद को लेकर दिल्ली पर किए गए हमलों के बीच कही। हेली ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए। लेकिन चीन, जो एक विरोधी है और रूसी और ईरानी तेल का नंबर एक खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए शुल्क पर रोक लगा दी गई है।" उन्होंने कहा, "चीन को छूट नहीं देनी चाहिए और भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ अपने रिश्ते खराब न करें।" दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर हेली, ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतवंशी बनीं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी और पिछले साल मार्च में दौड़ से हट गईं। हेली का बयान ऐसे वक्त आया है जब ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है और वह अगले 24 घंटों में भारत पर शुल्क को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे।
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ और बढ़ाएंगे। इससे पहले ट्रंप भारतीय निर्यात पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। सीएनबीसी के साथ एक इटरव्यू में, ट्रंप ने कहा कि वह भारत पर टैरिफ बढ़ाएंगे और पहले तय की गई 25 प्रतिशत की दर में संशोधन करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ हैं। हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं। हमने 25 प्रतिशत पर समझौता किया था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में इसे काफी बढ़ा दूंगा।” उन्होंने दावा किया कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है और रूसी वार मशीन को बढ़ावा दे रहा है।दूसरी तरफ, भारत ने अतिरिक्त टैरिफ की धमकी को “अनुचित” बताया है।वहीं, रूस ने भी मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका की इस तरह की दबाव बनाने की रणनीति को “अवैध” करार दिया। उसने भारत का समर्थन किया और मॉस्को से तेल खरीदने पर नई दिल्ली पर टैरिफ बढ़ाने की ट्रंप की धमकियों की आलोचना करते हुए कहा, “संप्रभु राष्ट्रों को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार होना चाहिए।”रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने कहा, “रूस भारत के खिलाफ अमेरिकी धमकियों को जानता है और ऐसे बयानों को जायज नहीं मानता। संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदार, व्यापार और आर्थिक सहयोग में साझेदार चुनने और किसी विशेष देश के हित में व्यापार और आर्थिक सहयोग व्यवस्था चुनने का अधिकार होना चाहिए।”ट्रंप द्वारा नई दिल्ली पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी के बाद, भारत सरकार ने सोमवार को कहा कि रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका द्वारा भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, “भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।”सरकार के अनुसार, यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने के कारण भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के निशाने पर है।विदेश मंत्रालय ने कहा, “दरअसल, भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था।” - काहिरा.यमन के अपतटीय क्षेत्र में रविवार को एक नौका के पलट जाने से उसपर सवार अफ्रीका के कम से कम 68 प्रवासियों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने बताया कि इस घटना में 74 अन्य लोग लापता हैं।
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नई दिल्ली। रविवार तड़के पाकिस्तान के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सिस्मिक मॉनिटरिंग सेंटर (एनएसएमसी) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र रावत से 15 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था और इसकी गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर थी।
यह झटके शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 12:10 बजे महसूस किए गएयह झटके शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 12:10 बजे महसूस किए गए, जिससे लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए और कलिमा तय्यबा पढ़ते रहे। भूकंप का असर खैबर पख्तूनख्वा, इस्लामाबाद, रावलपिंडी और आस-पास के कई इलाकों में देखा गया।भूकंप के झटके इस्लामाबाद और रावलपिंडी के साथ-साथ मर्दान, मुर्री, हरिपुर, चकवाल, ताला गंग और कलर कहार तक महसूस किए गएभूकंप के झटके इस्लामाबाद और रावलपिंडी के साथ-साथ मर्दान, मुर्री, हरिपुर, चकवाल, ताला गंग और कलर कहार तक महसूस किए गए। झटकों के बाद ‘एआरवाई न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लोग देर रात तक खुले आसमान के नीचे रहे, क्योंकि उन्हें आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटकों) का डर था। शनिवार को भी 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वतीय क्षेत्र में था। इसकी गहराई 102 किलोमीटर थी। एनएसएमसी ने बताया कि इस भूकंप के झटके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के कई हिस्सों में महसूस किए गए।अब तक दोनों भूकंपों से किसी भी तरह की जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं आई हैखैबर पख्तूनख्वा में शनिवार के भूकंप के झटके पेशावर, स्वात, मलकंद, नौशेरा, चारसद्दा, करक, दीर, मर्दान, मोहम्मद, शांगला, हंगू, स्वाबी, हरिपुर और एबटाबाद में महसूस किए गए। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, अटॉक, टेक्सिला, मुर्री, सियालकोट, गुजरांवाला, गुजरात, शेखुपुरा, फिरोजवाला और मुरिदके में भी ये झटके महसूस किए गए। अब तक दोनों भूकंपों से किसी भी तरह की जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं आई है। हालांकि, लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और वे किसी भी संभावित आफ्टरशॉक से सतर्क हैं।( - लंदन. स्पेन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत को शनिवार को स्पेन से 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त हुआ, जो उसकी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। समकालीन प्रौद्योगिकी से युक्त 5-10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान सी-295, भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। स्पेन में भारतीय राजदूत दिनेश के पटनायक ने भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सेविले में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त किया, भारतीय मिशन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें कहा गया है, “निर्धारित समय से दो महीने पहले की गई यह आपूर्ति भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” यह विमान एक बहुमुखी और कुशल सामरिक परिवहन विमान है जिसकी उड़ान क्षमता 11 घंटे है।भारत ने सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना के लिए 56 सी-295 मेगावाट परिवहन विमान के अधिग्रहण के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। सी-295 कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 56 विमानों की आपूर्ति की जानी है, जिनमें से 16 स्पेन से एयरबस द्वारा सीधे वितरित किए जाएंगे तथा शेष 40 का निर्माण भारत में किया जाएगा।



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