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अहमदाबाद.न्यूजीलैंड के खिलाफ रविवार को दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में भारतीय टीम की नजरें अपने बल्लेबाजों के बेहतर प्रदर्शन के दम पर श्रृंखला जीतने पर लगी होंगी । भारत ने पहला मैच 59 रन से जीता लेकिन बल्लेबाज अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके थे ।
मेजबान टीम अब इसमें बदलाव करना चाहेगी और कप्तान स्मृति मंधाना को मोर्चे से अगुवाई करनी होगी । पिछले मैच में पदार्पण करने वाली तेजल हसाबनिस ने वही किया था । स्मृति पहले मैच में आठ रन पर आउट हो गई थी और उनका खराब फॉर्म पिछले एक महीने से चला आ रहा है । जुलाई में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए दो शतक लगाये थे। भारतीय टीम की नजरें नियमित कप्तान हरमनप्रीत कौर की फिटनेस पर भी लगी होंगी जो चोट के कारण पिछले मैच से बाहर थीं । गेंदबाजी में तेज गेंदबाज साइमा ठाकोर ने उम्दा प्रदर्शन किया जबकि बायें हाथ की स्पिनर राधा यादव ने विकेट चटकाये । दूसरी ओर न्यूजीलैंड की श्रृंखला में बराबरी की उम्मीदों को करारा झटका लगा जब करिश्माई हरफनमौला एमेली केर चोट के कारण श्रृंखला से बाहर हो गई । केर रविवार को स्वदेश लौट गई और उन्हें उबरने में तीन सप्ताह लगेंगे । न्यूजीलैंड के कोच बेन सायेर ने कहा ,‘‘ हमें पता है कि वह कितनी दुखी है कि तीनों मैच नहीं खेल पा रही । हर किसी को पता है कि वह टीम का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा है । हमें उसकी कमी खलेगी ।'' उनकी जगह किसी और को टीम में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि तीन दिन बाद आखिरी मैच होना है ।
टीम इस प्रकार हैं:
भारत : हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उपकप्तान), शेफाली वर्मा, डी हेमलता, दीप्ति शर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स, यास्तिका भाटिया (विकेटकीपर), उमा छेत्री (विकेटकीपर), सयाली सतगारे, अरुंधति रेड्डी, रेणुका सिंह ठाकुर, तेजल हसब्निस, साइमा ठाकोर, प्रिया मिश्रा, राधा यादव, श्रेयंका पाटिल। न्यूजीलैंड : सोफी डिवाइन (कप्तान), सुजी बेट्स, एडेन कार्सन, लॉरेन डाउन, इज़ी गेज़ (विकेटकीपर), मैडी ग्रीन, ब्रुक हॉलिडे, पॉली इंगलिस (विकेटकीपर), फ्रान जोनास, जेस केर, एमेली केर, मौली पेनफोल्ड, जॉर्जिया प्लिमर, हन्ना रोवे, ली ताहुहु। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 1.30 बजे शुरू होगा। -
जोहोर बाहरू (मलेशिया). गोलकीपर बिक्रमजीत सिंह के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारत ने शनिवार को यहां पेनल्टी शूटआउट में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर सुल्तान जोहोर कप जूनियर पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। निर्धारित समय में मैच 2-2 सबसे बराबर रहा जिसके बाद शूटआउट का सहारा लिया गया। शूटआउट में भारत की तरफ से स्ट्राइकर गुरजोत सिंह, मनमीत सिंह और सौरभ आनंद कुशवाह ने पेनल्टी को गोल में बदला, जबकि बिक्रमजीत ने तीन बचाव करके भारत को जीत दिलाई। इससे पहले निर्धारित समय में दिलराज सिंह (11वें मिनट) और मनमीत सिंह (20वें) ने भारत को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन न्यूजीलैंड ने अंतिम क्वार्टर में ओवेन ब्राउन (51वें) और जोंटी एल्म्स (57वें) के गोल की मदद से अच्छी वापसी की। भारत ने पहले 20 मिनट में ही दो गोल कर दिए थे। खेल के 11वें मिनट में ही दिलराज ने मुकेश टोप्पो की मदद से गोल करके भारत को 1-0 से आगे कर दिया। दूसरे क्वार्टर में भी भारत ने खेल पर नियंत्रण बनाए रखा। मनमीत ने 20वें मिनट में अनमोल एक्का और मुकेश के शानदार स्टिकवर्क की मदद से मैदानी गोल किया। इसके बाद भारत ने लगातार हमले किए लेकिन वह अपनी बढ़त और मजबूत नहीं कर पाया। तीसरे क्वार्टर में किसी भी टीम में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई लेकिन न्यूजीलैंड ने चौथे क्वार्टर में दो महत्वपूर्ण गोल करके वापसी की, जिससे भारत की कांस्य जीतने की उम्मीदें अधर में लटक गईं। खेल के 51वें मिनट में ब्राउन ने ब्रैडली रोथवेल के क्रॉस पर बड़ी खूबसूरती से मैदानी गोल किया। इसके छह मिनट बाद एल्म्स ने गोल करके स्कोर बराबर कर दिया। एल्म्स ने भारत के खिलाफ पिछले मैच में हैट्रिक बनाई थी।
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पुणे. भारतीय धरती पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने से प्रसन्नचित न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने शनिवार को कहा कि भारत पर हावी होकर खेलना और पहले दोनों टेस्ट मैच में टॉस का फैसला उनके पक्ष में रहना उनकी ऐतिहासिक श्रृंखला जीत में महत्वपूर्ण कारक थे। न्यूजीलैंड ने शनिवार को यहां दूसरे टेस्ट में भारत को 113 रन से हराकर 2-0 की अजेय बढ़त ले ली। भारत बेंगलुरु में पहला टेस्ट आठ विकेट से हार गया । इसके बाद यहां दूसरे टेस्ट मैच में भी हार के कारण उसका पिछली 18 श्रृंखलाओं से अजेय रहने का सिलसिला भी टूट गया। लैथम ने न्यूज़ीलैंड की तीन के अंदर जीत के बाद पत्रकारों से कहा,‘‘हमने भारत पर हावी होने की शैली अपनाई। हम उन्हें शुरू में ही झटका देने में सफल रहे। इसके अलावा टॉस का फैसला भी हमारे अनुकूल रहा। इसने वास्तव में हमारे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।'' उन्होंने कहा,‘‘ हम उनके सामने कड़ी चुनौती पेश करना चाहते थे और शुरू में उन्हें झटका देना चाहते थे जिसमें हम सफल रहे। हमने बल्लेबाजी में भी अच्छा प्रदर्शन किया जो वास्तव में महत्वपूर्ण रहा। हमारे गेंदबाजों ने बहुत अच्छा खेल दिखाया। उनका इस तरह का प्रदर्शन देखकर बहुत अच्छा लगा।'' भारत के 2016 और 2021 के दौर में न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा रहे लैथम ने कहा कि टॉस ने भी कीवी टीम की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई। भारत ने पहले टेस्ट मैच में टॉस जीता था लेकिन बल्लेबाजी करते हुए उसकी टीम केवल 46 रन पर आउट हो गई थी। लैथम का दूसरे टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला सफल रहा था। उन्होंने कहा,‘‘टॉस पर फैसला हमारे पक्ष में रहा। मुझे लगता है कि यहां मैंने पहली बार टॉस जीता। हमारी टीम के लिए टॉस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है विशेष कर बेंगलुरु में खेले गए पहले टेस्ट मैच में।' दूसरे टेस्ट में मिशेल सेंटनर ने 13 विकेट लेकर न्यूजीलैंड की जीत में अहम भूमिका निभाई और कप्तान ने भी उनकी जमकर प्रशंसा की। लैथम ने कहा, ‘‘मिच काफी समय से चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेल रहा है। वह लंबे समय से हमारी क्रिकेट टीम का हिस्सा रहा है और हम जानते हैं कि वह कितना उपयोगी गेंदबाज है। उन्होंने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे वास्तव में टीम को उन पर गर्व है।''
- नयी दिल्ली.दो ओलंपिक और एक विश्व कप जीत चुके जर्मनी के महान हाफबैक मौरित्ज फुर्स्ते का मानना है कि भारतीय हॉकी टीम ने पिछले 15 साल में काफी प्रगति की है लेकिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिये उसे प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी । जर्मनी का यह महान खिलाड़ी 2008 बीजिंग और 2012 लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा था । उन्होंने 2006 में मोंशेंग्लाबाख में विश्व कप भी जीता । मौरित्ज ने कहा ,‘‘ पंद्रह साल पहले भारत शीर्ष पांच से काफी दूर था लेकिन अब उन छह टीमों में से रहता है जो किसी भी टूर्नामेंट में पदक की दावेदार होती हैं ।'' उन्होंने कहा ,‘‘वे कांस्य पदक जीत रहे हैं लेकिन अब समय आ गया है कि अगला कदम बढायें । स्वर्ण पदक के लिये अभी उनमें एक ही कमी है और वह है प्रदर्शन में निरंतरता । अब उन्हें सेमीफाइनल जीतने की आदत डालनी होगी ।'' तीस वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम लगातार मैचों में एक जैसा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है । कई बार ग्रुप मैचों में खराब शुरूआत के बाद शानदार वापसी कर लेती है तो कई बार चूक जाती है । लेकिन एक स्तर आगे बढने के लिये इस तरह के मैच जरूरी है जैसे ओलंपिक का सेमीफाइनल खेला था ।'' उन्होंने इस बात से इनकार किया कि भारतीय टीम में बड़े मैचों को लेकर कोई मानसिक अवरोध है ।उन्होंने कहा ,‘‘ मैं यह नहीं कहूंगा कि कोई मानसिक अवरोध है । मैं खुद इस स्थिति से गुजरा हूं । हमने जर्मन लीग में पांच बार सेमीफाइनल गंवाये जिसके बाद खिताब जीत सके । सेमीफाइनल में पहुंचना बड़ी बात है जिसके लिये ग्रुप मैच, क्वार्टर फाइनल खेलना होता है ।'' हॉकी इंडिया लीग के पहले सत्र में रांची राइनोज के कप्तान रहे मौरित्ज ने कहा कि भारत के पास बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और अब वे यूरोपीय शैली की तेज रफ्तार हॉकी बखूबी खेल रहे हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ भारतीय टीम किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है । पेनल्टी कॉर्नर अच्छा है और डिफेंस भी शानदार है । उनके पास पी आर श्रीजेश के रूप में महान गोलकीपर था और अब देखना होगा कि उसके बिना कैसे खेलते हैं । मनप्रीत सिंह के रूप में उनके पास बेहद अनुभवी मिडफील्डर है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ वे पिछले दस साल से यूरोपीय शैली में हॉकी खेल रहे हैं और यह बहुत बड़ा कदम है । इसने भारतीय हॉकी का ग्राफ ऊपर ले जाने में काफी मदद की है ।'' ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल 2026 से हॉकी को हटाये जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जर्मनी चूंकि इसका हिस्सा नहीं है तो वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा,‘‘ राष्ट्रमंडल खेलों की जानकारी नहीं है क्योंकि जर्मनी इसका हिस्सा नहीं है । लेकिन कहीं भी हॉकी को हटाया जाना झटका है ।' भारत में खेलने को अपने कैरियर की सबसे सुनहरी यादों में बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ मैने इस मैदान पर 2010 विश्व कप और दिल्ली वेवराइडर्स के लिये हॉकी इंडिया लीग में खेला है । दिल्ली इतना खूबसूरत शहर है और यहां हॉकी की वापसी शानदार है । 2010 विश्व कप शानदार था और हमने इसमें खेलने का पूरा मजा लिया । '' उन्होंने आगे कहा ,‘‘ भारत में खेलने की मेरी सबसे अच्छी यादें हैं । मैं सभी को बताता हूं कि मेरे कैरियर की सर्वश्रेष्ठ यादें भुवनेश्वर, रांची , दिल्ली की है । हॉकी के विश्व स्तर पर विकास के लिये इस तरह के मुकाबले होने बहुत जरूरी हैं ।'' सात साल पहले फिटनेस रेस कंपनी ‘हाइरॉक्स' की शुरूआत करने वाले मौरित्ज भारत में उसके लांच के सिलसिले में आये हैं । उनकी कंपनी ऐसी रेस आयोजित करती है जिसमे दौड़ और सहनशीलता दोनों की परख होती है । उन्होंने इसके बारे में बताया ,‘‘मैने सात साल पहले हाइरॉक्स शुरू की और करीब 40 देशों में 500000 प्रतिभागी इसमें भाग ले चुके हैं । हाइरॉक्स का भारत में पहला इवेंट अगले साल मुंबई में होगा । यह फिटनेस वर्कआउट है जिसमें रनिंग और एंड्यूरेंस दोनों शामिल है । हमने ऐसे लोगों के लिये रेस तैयार की है जो जिम नहीं जाते हैं ।'' उन्होंने बताया कि मुंबई के बाद वह दिल्ली और बेंगलुरू समेत भारत के दस और शहरों में इसकी शुरूआत करेंगे ।
- नयी दिल्ली। .अपने सोलह साल के सुनहरे कैरियर में कई उपलब्धियां अर्जित कर चुकी भारतीय महिला हॉकी की ‘पोस्टर गर्ल' रानी रामपाल ने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा गर्व इस बात का है कि शुरूआत में उनके खेलने का विरोध करने वाले लोग अब अपनी बेटियों को उनके जैसा बनाना चाहते हैं । तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम की कप्तानी करने वाली रानी ने बृहस्पतिवार को खेल से संन्यास का ऐलान कर दिया । भारत के लिये अप्रैल 2008 में कजान में ओलंपिक क्वालीफायर में चौदह वर्ष की उम्र में पदार्पण करने वाली रानी ने 254 मैचों में 205 गोल दागे । उन्होंने कहा ,‘‘ किसी भी खिलाड़ी के लिये जीवन का यह सबसे कठिन फैसला होता है जब उसे अपने खेल को अलविदा कहना होता है । लेकिन मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो बहुत गर्व भी होता है क्योकि सात साल की उम्र में पहली बार हॉकी थामने वाली हरियाणा के एक छोटे से गांव शाहबाद मारकंडा की लड़की ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह देश के लिये पंद्रह साल हॉकी खेलेगी और देश की कप्तान बनेगी ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा इतना लंबा कैरियर रहा और बहुत कम लड़कियों को ये मौका मिलता है । मैं जितने समय भी खेली , दिल से खेली । हॉकी ने बहुत कुछ दिया है मुझे , एक पहचान दी है । आज मिली जुली फीलिंग है । इतने साल तक खेलने की खुशी है तो दुख भी है कि अब भारत की जर्सी कभी नहीं पहन सकेंगे।'' एक रेहड़ी वाले की बेटी ने जब हॉकी स्टिक थामी तो समाज ने काफी विरोध किया लेकिन परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया और आज उसी समाज के लिये रानी मिसाल बन गई है ।पद्मश्री और खेल रत्न से नवाजी जा चुकी 29 वर्ष की इस महान स्ट्राइकर ने कहा ,‘‘ बीस पच्चीस साल पहले एक लड़की का हरियाणा के एक रूढिवादी इलाके से निकलकर खेलना आसान नहीं था । समाज का काफी दबाव होता है । मां बाप को यह भी डर रहता है कि बच्चे के सपने पूरे होंगे या नहीं । लोग उनको बोलते थे कि लड़की है जिसको खेलने भेजोगे तो आपका नाम खराब करेगी । लेकिन मेरे पापा ने सभी से लड़कर मुझे मेरे सपने पूरे करने का मौका दिया ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे मां बाप ने बहुत संघर्ष किया , बहुत गरीबी में दिन काटे । हमने भी बहुत गरीबी देखी लेकिन मैने ठान लिया था कि अगर जीवन में कुछ नहीं किया तो यह संघर्ष ऐसे ही चलता रहेगा । मेरे कोच द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त बलदेव सिंह ने मुझे भरोसा दिलाया कि मैं हॉकी में कुछ कर सकती हूं ।'' विश्व कप 2010 में सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी का पुरस्कार पाने वाली रानी ने कहा ,‘‘जब मैने शुरू किया था तब कभी सोचा नहीं था कि यहां तक पहुचूंगी । ये भी नहीं पता था कि भारत के लिये खेलने के क्या मायने होते हैं । उस समय सोशल मीडिया नहीं था और मैं एक छोटे से गांव से आई थी ।'' उन्होंने कहा ,‘‘अब उसी कस्बे में लौटती हूं तो लोग अपनी बेटियों को कहते हैं कि तुम्हें रानी जैसा बनना है तो लगता है कि मैं अपने मकसद में कामयाब हो गई । मैं हर माता पिता से कहूंगी कि अपनी बेटियों को उनके सपने पूरे करने का मौका दें , एक दिन आपको उन पर गर्व होगा ।'' रानी ने कहा ,‘‘ मैं सभी लड़कियों को संदेश देना चाहती हूं कि चुनौतियों से भीतर एक आग पैदा होनी चाहिये कि जीवन में कुछ करना है । मेरी गरीबी ने मेरे भीतर वह आग पैदा की । बड़े सपने देखना बहुत जरूरी है तभी वह सच होते हैं ।'' तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने को भारतीय महिला हॉकी के लिये बड़ा बदलाव बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ मैने अपने कैरियर में पहली बार देखा कि लोगों ने सुबह छह बजे उठकर अर्जेंटीना के खिलाफ हमारा सेमीफाइनल देखा ।यह बहुत बड़ा बदलाव था लोगों की महिला हॉकी को लेकर सोच में । इस प्रदर्शन ने कई लड़कियों को हॉकी स्टिक थामने की प्रेरणा दी । लेकिन अभी भी कई बार रात को सोते समय ख्याल आता है कि तोक्यो में पदक से एक कदम दूर रह गए ।'' उन्होंने यह भी कहा कि पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाने को भुलाकर अब भारतीय महिला टीम को लॉस एंजिलिस 2028 खेलों पर ध्यान देना चाहिये ।उन्होंने कहा ,‘‘ खेल में हार जीत चलती है । हमेशा आप जीत नहीं सकते । मुझे भी ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने के लिये पंद्रह साल लगे । पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाने को भुलाकर अब आगे की सोचना है । अब नजरें लॉस एंजिलिस पर होनी चाहिये ।'' कैरियर की सबसे सुखद याद के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘एक अच्छी याद बताना मुश्किल है क्योंकि इतना लंबा कैरियर रहा है । लेकिन सबसे सुखद याद पहली बार भारत की जर्सी पहनना और मैदान पर राष्ट्रगीत बजते सुनना है । अभी भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं ।'' उन्होंने यह भी कहा कि संन्यास का फैसला उन्होंने जल्दबाजी में नहीं बल्कि बहुत सोच समझकर फैसला लिया है । रानी ने कहा ,‘‘ जीवन में कभी तो यह होना ही था और मुझे लगा कि यह सही समय है । मैने जितने साल खेला, अपनी ओर से शत प्रतिशत दिया और अब नयी भूमिका में (जूनियर महिला कोच) युवाओं के साथ अपने अनुभव बांटने का समय है ।'' उन्होंने कहा,‘‘ हॉकी ने और इस देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है । मेरे जैसी देश में लाखों लड़कियां है जिन्हें उसी तरह की प्रेरणा की जरूरत है । उनके लिये रानी हमेशा खड़ी है ।''
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वेलिंगटन. न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज चाड बोवेस ने बुधवार को केवल 103 गेंद पर दोहरा शतक जड़कर लिस्ट ए क्रिकेट में नया रिकॉर्ड बनाया। बोवेस ने खेल के इस प्रारूप में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया जो इससे पहले भारत के नारायण जगदीसन और ऑस्ट्रेलिया के ट्रैविस हेड के नाम दर्ज था। दक्षिण अफ्रीका में जन्मे न्यूजीलैंड के बल्लेबाज बोवेस ने फोर्ड ट्रॉफी में कैंटरबरी की तरफ से ओटागो के खिलाफ खेलते हुए यह उपलब्धि हासिल की। वह आखिर में 110 गेंद पर 205 रन बनाकर आउट हुए जो लिस्ट ए क्रिकेट में उनका सर्वोच्च स्कोर भी है। जगदीसन और हेड ने 114 गेंदों में अपने-अपने दोहरे शतक पूरे किए थे।
हेड ने 2021-22 में मार्श कप में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेलते हुए, जबकि तमिलनाडु के जगदीसन ने 2022 विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ 277 रन की पारी के दौरान यह उपलब्धि हासिल की थी। - गुरुग्राम . भारत में महिलाओं के गोल्फ के सबसे प्रतिष्ठित आयोजन हीरो वुमेंस इंडियन ओपन में दीक्षा डागर, त्वेसा मलिक और हिताशी बख्शी जैसे खिलाड़ियों के पास लेडीज यूरोपीय टूर (एलईटी) के इस आयोजन में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों को चुनौती देने का मौका मिलेगा। डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में गुरुवार से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट में 31 देशों की 114 खिलाड़ी भाग ले रहीं हैं। इसमें से कई हाल ही में लेडीज यूरोपियन टूर की विजेता रही हैं। भारतीय दल में भारतीय महिला गोल्फ संघ की 24 खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें 2013 से अब तक के 10 ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट विजेताओं में से नौ खिलाड़ी शामिल हैं। टूर्नामेंट में डब्ल्यूपीटीजी मेरिट में शीर्ष पर रही 19 साल की हिताशी भी शामिल हैं।हिताशी ने यहां संवाददात सम्मेलन ने कहा, ‘‘ पिछले साल के आखिर में मेरे लिए चीजें ठीक नहीं चल रही थी लेकिन इस साल मार्च में यहां महिला कोर्स रिकॉर्ड की बराबरी करने के बाद मैंने आत्मविश्वास हासिल कर ली।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यह गोल्फ कोर्स थोड़ा अलग है, लेकिन यह सभी के लिए एक समान है। मैं पिछले कुछ समय से अपने कोच के साथ यहां बहुत अभ्यास कर रही हूं। चार लाख डॉलर राशि वाले इस टूर्नामेंट में चियारा ताम्बुर्लिनी, मैनन डी रोए, कैरोलिन हेडवाल, ली-ऐन पेस और त्रिचैट चीन्गलैब जैसे कई एलईटी विजेता शामिल हैं। स्विट्जरलैंड की चियारा अगर यहां विजेता बनी तो वह लेडीज यूरोपीय टूर के मौजूदा सत्र के तालिका में अपना शीर्ष स्थान पक्का कर लेंगी। चियारा ने कहा, ‘‘मुझे इसके बारे में पता है लेकिन मैं पहली बार भारत आयी हूं। यहां मैंने कल अभ्यास किया है और यह काफी मुश्किल गोल्फ कोर्स है। देखते है क्या होता है।'' भारत की अनुभवी खिलाड़ी त्वेसा मलिक अपने घेरलू कोर्स पर खेलने को लेकर रोमांचित है।उन्होंने कहा, यह मेरा घरेलू कोर्स है और यहां मेरे लिए अच्छी बात यह है कि मेरे दोस्त और परिवार यहां मेरे साथ होगे।'' राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ रही प्रदूषण के खेल पर असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हमने इससे अधिक प्रदूषण में खेला है। ऐसे में यह कोई समस्या है उम्मीद है इस सप्ताह इसमें ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।
- नयी दिल्ली. पिकेलबॉल टूर्नामेंट इंडिया मास्टर्स का आयोजन यहां डीएलटीए परिसर में 24 अक्टूबर से किया जाएगा जिसमें लगभग 750 पेशेवर और एमेच्योर खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। आयोजकों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इंडिया मास्टर्स पीडब्ल्यूआर700 प्रतियोगिता है और यह पूरी तरह से पिकेलबॉल विश्व रैंकिंग (पीडब्ल्यूआर) के अधीन भारत में होने वाला पहला टूर्नामेंट है। पीडब्ल्यूआर विश्व टूर का जुलाई 2024 में यूएई के दुबई में अनावरण किया गया था। भारत के अरमान भाटिया और आदित्य रूहेला सहित दुनिया भर के कई शीर्ष खिलाड़ी इस 50 हजार डॉलर इनामी टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे। द टाइम्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक विनीत जैन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिकेलबॉल भारत में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला खेला है। इंडिया मास्टर्स पहला पिकेलबॉल टूर्नामेंट है जिसका भारत में इतने बड़े पैमाने पर आयोजन हो रहा है जिसमें विश्व स्तर के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे और मुकाबलों का सीधा प्रसारण होगा।
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लंदन. भारत की राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है क्योंकि मेजबान शहर ग्लासगो ने हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, क्रिकेट और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को 2026 में होने वाले खेलों के कार्यक्रम हटा दिया है। लागत को सीमित करने के लिए टेबल टेनिस, स्क्वाश और ट्रायथलॉन को भी हटा दिया गया है। बर्मिंघम में 2022 में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नौ खेल अगले खेलों का हिस्सा नहीं होंगे। इन खेलों को केवल चार स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रमंडल खेल 2026 में 23 जुलाई से दो अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे। ग्लासगो ने इससे पहले 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी की थी। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ में बयान में कहा,‘‘खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), तैराकी और पैरा तैराकी, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा ट्रैक साइक्लिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग, मुक्केबाजी, जूडो, बाउल्स और पैरा बाउल्स, 3x3 बास्केटबॉल और 3x3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल को शामिल किया गया है।'' बयान के अनुसार,‘‘इन खेलों का आयोजन चार स्थलों स्कॉट्सटाउन स्टेडियम, टोलक्रॉस इंटरनेशनल तैराकी केंद्र, एमिरेट्स एरेना और स्कॉटिश प्रतियोगिता परिसर (एसईसी) में किया जाएगा। खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ को होटल में ठहराया जाएगा।'' राष्ट्रमंडल खेलों का यह कार्यक्रम भारत की पदक संभावनाओं के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने अधिकतर पदक उन खेलों में जीते थे जिन्हें हटाया गया है। निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों के कार्यक्रम से भी हटाया गया था और उसकी वापसी की कम उम्मीद थी।
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नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है क्योंकि मेजबान शहर ग्लासगो ने हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, क्रिकेट और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को 2026 में होने वाले खेलों के कार्यक्रम हटा दिया है तथा केवल 10 खेलों को इसमें जगह दी गई है।लागत को सीमित करने के लिए टेबल टेनिस, स्क्वाश और ट्रायथलॉन को भी हटा दिया गया है। बर्मिंघम में 2022 में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नौ खेल अगले खेलों का हिस्सा नहीं होंगे। इन खेलों को केवल चार स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रमंडल खेल 2026 में 23 जुलाई से दो अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे। ग्लासगो ने इससे पहले 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी की थी।
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने बयान में कहा, ‘‘खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), तैराकी और पैरा तैराकी, कलात्मक जिमनास्टिक, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा ट्रैक साइक्लिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग, मुक्केबाजी, जूडो, बाउल्स और पैरा बाउल्स, 3×3 बास्केटबॉल और 3×3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल को शामिल किया गया है।’’बयान के अनुसार, ‘‘इन खेलों का आयोजन चार स्थलों स्कॉट्सटाउन स्टेडियम, टोलक्रॉस इंटरनेशनल तैराकी केंद्र, एमिरेट्स एरेना और स्कॉटिश प्रतियोगिता परिसर (एसईसी) में किया जाएगा। खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ को होटल में ठहराया जाएगा।’’राष्ट्रमंडल खेलों का यह कार्यक्रम भारत की पदक संभावनाओं के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने अधिकतर पदक उन खेलों में जीते थे जिन्हें हटाया गया है। निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों के कार्यक्रम से भी हटाया गया था और उसकी वापसी की कम उम्मीद थी।सीजीएफ ने ग्लासगो खेलों के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ग्लासगो में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन आठ मील के दायरे में स्थित चार स्थानों पर किया जाएगा। इन खेलों में 10 खेल को शामिल किया गया है।’’निशानेबाजी को इसलिए कार्यक्रम से बाहर किया गया है क्योंकि 2014 में इस खेल का आयोजन डंडी में बैरी बुडन सेंटर में किया गया था जो ग्लासगो से 100 किमी से अधिक दूर है। इसके साथ ही तीरंदाजी को भी नजरअंदाज किया जाता रहा है। यह खेल आखिरी बार दिल्ली में 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा था।राष्ट्रमंडल खेल 2014 में हॉकी और कुश्ती की मेजबानी करने वाले ग्लासगो ग्रीन और स्कॉटिश प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र को आयोजन स्थलों की सूची से हटा दिया गया है, जबकि सर क्रिस होय वेलोड्रोम, जहां उस वर्ष बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, इस बार केवल साइकलिंग की मेजबानी करेगा। हॉकी को बाहर करने का कारण यह भी हो सकता है कि इन खेलों के समाप्त होने के दो सप्ताह बाद 15 से 30 अगस्त तक वावरे, बेल्जियम और एम्स्टेलवीन, नीदरलैंड में हॉकी विश्व कप का आयोजन किया जाएगा।पहले इन खेलों का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के राज्य विक्टोरिया में होना था लेकिन बढ़ती लागत को देखते हुए वह मेजबानी से हट गया था। इसके बाद स्कॉटलैंड ने खेलों की मेजबानी करने के लिए हामी भरी थी। खेलों से हॉकी का बाहर होना भारत के लिए एक बड़ा झटका होगा। भारत की पुरुष टीम ने तीन रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं, जबकि महिलाओं ने 2002 के खेलों में ऐतिहासिक स्वर्ण सहित तीन पदक जीते हैं।बैडमिंटन में भारत ने 10 स्वर्ण, आठ रजत और 13 कांस्य पदक सहित कुल 31 पदक जीते हैं। निशानेबाजी में भारत ने 135 पदक जीते थे जिनमें 63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य शामिल हैं। कुश्ती प्रतियोगिता में देश को 114 पदक मिले हैं, जिनमें 49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य शामिल हैं। क्रिकेट को 2022 में फिर से राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल कर दिया गया था जिसमें भारतीय महिला टीम ने रजत पदक जीता था। पैरा खिलाड़ी 2002 से इन खेलों का हिस्सा रहे हैं और अगले खेलों में भी बने रहेंगे। सीजीएफ ने कहा, ‘‘पैरा खेल को एक बार फिर खेलों में प्राथमिकता दी जाएगी। इस बार छह पैरा खेलों को खेल कार्यक्रम में शामिल किया गया है।’’ -
पणजी. राजस्थान के लाखन सिंह ने रविवार को यहां राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में पुरुषों की एस4 100 मीटर फ्रीस्टाइल में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। ओडिशा के कमलकांत और हरियाणा के बलराज ने इस स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक हासिल किया।
ओडिशा के नरहरि ने एस5 100 मीटर फ्रीस्टाइल में आंध्र प्रदेश के लक्ष्माराव और बिहार के शम्स आलम को पीछे छोड़कर स्वर्ण पदक हासिल किया। महाराष्ट्र के चैतन्य विश्वास ने एस6 100 मीटर फ्रीस्टाइल में प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। उनके बाद उत्तराखंड के राजेंद्र सिंह और ओडिशा के चैतन्य रहे। एस7 वर्ग में कर्नाटक का प्रदर्शन अच्छा रहा, जिसमें तेजस और गोपीचंद क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहे। आंध्र प्रदेश के चरित ने कांस्य पदक हासिल किया। कर्नाटक के श्रीधर ने एस8 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। कर्नाटक के साहिल राजाराम और अमोल एस9 वर्ग में पहले और दूसरे स्थान पर रहे। एस10 वर्ग में सेना के कपिल कुमार ने स्वर्ण, महाराष्ट्र के अजय हिंदूराव ने रजत और स्वप्निल संजय ने कांस्य पदक हासिल किया। - बेंगलुरु. भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने रविवार को कहा कि खेल में हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहेंगे लेकिन असफलता के बाद ‘हर बार मजबूत वापसी' करना अहम है। भारत को रविवार को यहां न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह 36 वर्षों में न्यूजीलैंड की भारत में पहली टेस्ट जीत थी। पंत ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘ यह खेल आपकी क्षमताओं का परीक्षण करेगा, आपको नीचे गिराएगा, आपको ऊपर उठाएगा और आपको फिर से वापस फेंक देगा। लेकिन जो लोग इसे पसंद करते हैं वे हर बार मजबूत होकर उभरते हैं।'' पंत ने भारत की दूसरी पारी में 105 गेंद में 99 रन बनाकर मैच में टीम की मजबूत वापसी करवाई थी। भारत ने दूसरी पारी में 462 रन बनाये थे। उन्होंने बेंगलुरु के दर्शकों का समर्थन के लिए शुक्रिया किया। श्रृंखला का दूसरा टेस्ट 24 अक्टूबर से पुणे में होगा। पंत ने लिखा, प्यार, समर्थन और उत्साहवर्धन के लिए बेंगलुरु के शानदार प्रशंसकों को धन्यवाद। हम और मजबूत होकर वापस आएंगे।
- लखनऊ. पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने से चूकने वाले भारत के भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने कहा कि उनके प्रदर्शन में कोई कमी नहीं थी लेकिन वह दिन पाकिस्तान के अरशद नदीम का था जो उन्हें पछाड़कर चैम्पियन बने । चोपड़ा ने आठ अगस्त को हुए फाइनल में 89 . 45 मीटर भाला फेंककर रजत पदक जीता लेकिन नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए पहले ही प्रयास में 92 . 97 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता । तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बने । चोपड़ा ने यहां कहा ,‘‘ कुछ भी गलत नहीं था, सब कुछ सही था। थ्रो भी अच्छा था। ओलंपिक में रजत प्राप्त करना भी कोई छोटी चीज़ नहीं है, लेकिन, मुझे लगता है कि प्रतियोगिता बहुत अच्छी थी और स्वर्ण पदक उसी ने जीता है जिसका वह दिन था । वह नदीम का दिन था ।” यहां फीनिक्स पलासियो मॉल में अंडर आर्मर के नए प्रारूप वाले ब्रांड हाउस स्टोर का उद्घाटन करने आये चोपड़ा ने इस धारणा को खारिज किया कि हॉकी और क्रिकेट के बाद भाला फेंक भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता का गवाह बनने वाला नया खेल बन गया है । उन्होंने कहा ,“भाला फेंकने में कोई दो टीमें नहीं हैं, लेकिन विभिन्न देशों के 12 एथलीट हैं जो एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मैं 2016 से भाला फेंक में नदीम के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और यह पहली बार है कि नदीम ने जीत हासिल की है।" नदीम के बारे में पूछने पर चोपड़ा ने कहा, ''वह (नदीम) एक अच्छा इंसान है, अच्छे तरीके से बोलता है, सम्मान करता है, इसलिए मुझे अच्छा लगता है।” भालाफेंक में अपनी शुरूआत के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘वह एक अप्रत्याशित पल था, जब मैंने इसकी शुरुआत की। मुझे इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था। जब मैं मैदान पर गया, उस समय, यह निर्णय लिया।'' यह पूछे जाने पर कि भाला फेंकने वाले को सबसे ज्यादा किस चीज की आवश्यकता होती है , चोपड़ा ने कहा कि ताकत, सहनशक्ति, मानसिक सहनशक्ति। 2011 में पहली बार भाला उठाने वाले चोपड़ा कहा , "यह इन सभी चीजों का संयोजन है, और कोई एक चीज काम नहीं करेगी, बल्कि इन सभी चीज़ों को मिलाकर, जिसके पास सबसे अच्छी तकनीक होगी वह अच्छा प्रदर्शन करेगा।” पहले भी लखनऊ आ चुके चोपड़ा ने कहा, "मैं इससे पहले 2012 में खेलने के लिए लखनऊ आया था और तोक्यो ओलंपिक के बाद जब मुख्यमंत्री ने मुझसे आने के लिए कहा था। यह मेरा (लखनऊ का) तीसरा दौरा है।" 26 वर्षीय इस खिलाडी ने कहा " पहले के लखनऊ और अब के लखनऊ में बहुत अंतर है। उस वक्त मैं काफी छोटा था और चीजें ज्यादा याद नहीं रहतीं, उस वक्त मैं ट्रेन से आया था और अब अच्छा एयरपोर्ट बन गया है, अच्छा मॉल बना है और यह पहली बार है कि मैं यात्रा करके शहर को इतना करीब से देख पा रहा हूं। मुझे बहुत अच्छा लगा।'' चोपड़ा ने लखनऊ के लालबाग इलाके में एक प्रसिद्ध आउटलेट ('शर्मा की चाय') पर चाय भी पी और लोगों के साथ सेल्फी ली। चोपड़ा ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा, "युवाओं से मैं कहूंगा कि उन्हें शुरुआत में ही यह नहीं मान लेना चाहिए कि वे पदक जीत लेंगे। उन्हें धैर्य रखना चाहिए, क्योंकि खेल में आपका काफी समय खर्च होता है। आपके शरीर को बढ़ने के लिए समय चाहिए, आपकी मांसपेशियां अच्छे तरीके से मजबूत होंगी, धैर्य रखें और अपनी तकनीकों पर काम करें।
- बेंगलुरु. कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को कहा कि भारत सिर्फ एक हार के बाद टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपना नया आक्रामक रवैया नहीं बदलेगा। न्यूजीलैंड ने यहां पहले टेस्ट में भारत को आठ विकेट से हरा दिया, लेकिन टीम ने पहली पारी में 46 रन पर ढेर होने के बाद दूसरी पारी में 462 रन बना कर जबरदस्त संघर्ष दिखाया। रोहित ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम एक मैच या एक श्रृंखला के आधार पर अपनी मानसिकता नहीं बदलते हैं। हम टेस्ट मैच हारने के डर से अपनी मानसिकता नहीं बदलने जा रहे हैं। '' भारत ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर में इसी तरह का रवैया दिखाया और बारिश के कारण दो दिन से अधिक समय गंवाने के बावजूद टीम ने जीत दर्ज की। उन्होंने कहा, ‘‘ यह अपनी कोशिश जारी रखने के साथ प्रतिद्वंद्वी टीम को यह संदेश देने के बारे में है कि हम दबाव में या मैच में पिछड़ नहीं रहे हैं। जब आप वास्तव में पीछे होते हैं, तो आप असाधारण चीजें करने की कोशिश करना चाहते हैं और बिना किसी डर के खेलना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम ने हाल के कुछ मैचों में जैसा प्रदर्शन किया है उससे पता चलता है कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं और यह इसी तरह होने वाला है। हमने यहां (बेंगलुरु में) भी बेखौफ क्रिकेट खेला।
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बेंगलुरू.न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद भारतीय सरजमीं पर पहला टेस्ट जीता जब मेजबान टीम को पहले टेस्ट के पांचवें और आखिरी दिन आठ विकेट से शिकस्त दी । अब न्यूजीलैंड टीम तीन मैचों की श्रृंखला में 1 . 0 से आगे है ।
आखिरी दिन जीत के लिये 107 रन का लक्ष्य न्यूजीलैंड ने 27 . 4 ओवर में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया । विल यंग 48 और रचिन रविंद्र 39 रन बनाकर नाबाद रहे । दोनों ने तीसरे विकेट के लिये 75 रन की अटूट साझेदारी की । न्यूजीलैंड ने इससे पहले भारत में टेस्ट मैच 1988 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर जीता था जब भारत को दूसरे टेस्ट में 136 रन से हराया था । भारत ने तीन मैचों की श्रृंखला 2 . 1 से जीती थी । -
फोर्ट लॉडरडेल (अमेरिका) .अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी अगले साल क्लब विश्व कप खेलेंगे । फीफा अध्यक्ष जियानी इंफेंटिनो ने शनिवार की रात घोषणा की कि इंटर मियामी इस टूर्नामेंट में खेलेगा । मेस्सी की अपार लोकप्रियता को देखते हुए इस घोषणा की अपेक्षा भी की जा रही थी । हर चार साल में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में फीफा के छह फुटबॉल परिसंघों की 32 टीमें भाग लेती हैं । इंटर मियामी 15 जून 2025 को मियामी गार्डन्स से पहला मैच खेलेगी । टूर्नामेंट का फाइनल 13 जुलाई को न्यूजर्सी में होगा । क्लब विश्व कप में यूरोप की भी 12 टीमें होंगी ।
- मुंबई. पूर्व महान खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स, सुनील गावस्कर और शॉन पोलक को शनिवार को इंटरनेशनल मास्टर्स लीग (आईएमएल) टूर्नामेंट के संचालन परिषद का सदस्य घोषित किया गया। भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा सहित पूर्व खिलाड़ियों की भागीदारी वाले छह देशों के इस टी20 टूर्नामेंट का उद्घाटन सत्र 17 नवंबर से आठ दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। आईएमएल ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ यह त्रिमूर्ति (रिचर्ड्स, गावस्कर और पोलक) आईएमएल की रणनीतिक दिशा, नियमों और संचालन की देखरेख करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यह लीग एक प्रमुख मंच बना रहे।'' इस टूर्नामेंट के मैचों को तीन स्थलों पर खेला जायेगा। इसके मैच नवी मुंबई (17 से 20 नवंबर), लखनऊ (21 से 27 नवंबर) और रायपुर (28 से आठ दिसंबर) में आयोजित होंगे।
- नयी दिल्ली. जमीनी स्तर की फुटबॉल पहल ‘यूनाइटेड वी प्ले' के भारत में आयोजित चौथे सत्र से चुने गये पांच फुटबॉल खिलाड़ी मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में प्रशिक्षण लेंगे। इस आयोजन में 18 शहरों के 15,000 से अधिक उभरते भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसका समापन चंडीगढ़ में मैनचेस्टर यूनाइटेड के दिग्गज और सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल गैरी नेविल की उपस्थिति में एक भव्य समापन समारोह में हुआ। इसके फाइनल के बाद पीसी लालचुआनवमा (मिजोरम), श्रीजल किस्कू (भुवनेश्वर), मोहम्मद अयान (लखनऊ), भक्त बहादुर परियार (नेपाल) और चानसोन चैयथम (बैंकॉक) को चयनित किया गया। इन खिलाड़ियों को ‘मैनचेस्टर यूनाइटेड सॉकर स्कूल' के कोचों के साथ प्रशिक्षण सत्र और दिग्गज खिलाड़ियों से बातचीत करने का मौका मिलेगा। उन्हें इस दौरान मैचों को देखने और जूनियर टीमों के लिए खेलने का भी मौका मिलेगा। अपने शानदार करियर में मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए आठ इंग्लिश प्रीमियर लीग खिताब और दो यूईएफए चैंपियंस लीग खिताब जीतने वाले नेविल ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘भारत में छोटे बच्चों के बीच फुटबॉल के प्रति समर्पण और जुनून देखकर खुशी हुई।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन युवा खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई जिनकी मेहनत आज रंग लायी है। मुझे यकीन है कि प्रतिष्ठित ओल्ड ट्रैफर्ड में मिलने वाला अनुभव जीवन भर उनके साथ रहेगा।'' ‘यूनाइटेड वी प्ले' के चौथे सत्र का शुभारंभ पिछले साल दिसंबर में कोलकाता में हुआ था,जहां मैनचेस्टर यूनाइटेड और फ्रांस के पूर्व दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लुइस साहा ने कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
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नई दिल्ली। डिज़्नी और रिलायंस के विलय के बाद, भारत में सभी लाइव स्पोर्ट्स अब सिर्फ डिज़्नी ऐप पर दिखाए जाएंगे। इसमें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट भी शामिल हैं। इसे विलय के बाद का पहला बड़ा कदम माना जा रहा है। यह खबर सूत्रों के हवाले से आई है ।फरवरी में, डिज़्नी और रिलायंस ने अपने मीडिया बिज़नेस का $8.5 बिलियन में विलय करने का निर्णय लिया था। इससे वे भारत की सबसे बड़ी मनोरंजन कंपनी बन गए हैं। इस विलय के बाद दोनों के पास 120 टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग ऐप हैं।
लाइव क्रिकेट स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली प्रोग्रामिंग है। रिलायंस का जियोसिनेमा आईपीएल, विंटर ओलंपिक्स, और इंडियन सुपर लीग फुटबॉल जैसे इवेंट का अधिकार रखता है, जबकि डिज़्नी+हॉटस्टार के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के भारत में होने वाले टूर्नामेंट, प्रीमियर लीग फुटबॉल, और घरेलू प्रो कबड्डी लीग का अधिकार है। अब सभी लाइव स्पोर्ट्स इवेंट डिज़्नी+हॉटस्टार पर प्रसारित होंगे। इस सप्ताह हुई एक टाउनहॉल मीटिंग में, हॉटस्टार के प्रमुख साजित शिवानंदन ने बताया कि कैसे रिलायंस के ऐप से डिज़्नी+हॉटस्टार पर ट्रांजिशन होगा। -
नई दिल्ली। ऋषभ पंत न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन घुटने में चोट लगने के कारण तीसरे दिन विकेटकीपिंग नहीं कर पाएंगे। भारतीय टीम प्रबंधन ने शुक्रवार को मैच के तीसरे दिन का खेल शुरू होने से कुछ देर पहले यह जानकारी दी।
टीम प्रबंधन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘ऋषभ पंत मैच के तीसरे दिन विकेटकीपिंग नहीं करेंगे। बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की चिकित्सा टीम उनकी प्रगति पर निगरानी रखे हुए है।’’ पंत न्यूजीलैंड की पहली पारी के 37वें ओवर में रविंद्र जडेजा की गेंद को नहीं पकड़ पाए जो उनके घुटने पर लगी। वह जल्द ही लंगड़ाते हुए मैदान से बाहर चले गए और उनकी जगह ध्रुव जुरेल मैदान पर उतरे।गेंद उनके बाएं पैर के घुटने पर लगी जिसकी 2022 में कार दुर्घटना के बाद कई सर्जरी की गई थीं। इससे यह चोट गंभीर लग रही थी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद बताया था कि पंत के घुटने में सूजन आ गई है लेकिन यह चोट गंभीर नहीं है। रोहित ने प्रेस कांफ्रेस में बताया, ‘‘दुर्भाग्य से गेंद सीधे उनके घुटने पर लगी, उसी पैर पर जिसकी उन्होंने सर्जरी करवाई है। इसलिए उनके घुटने में थोड़ी सूजन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक एहतियाती उपाय है। हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। ऋषभ जोखिम नहीं लेना चाहते क्योंकि उनके उस पैर की बड़ी सर्जरी हुई है।’’ -
नयी दिल्ली. भारत के फिडे मास्टर गुरप्रीत पाल सिंह ने यूनान के क्रेटे में एसीओ विश्व शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। पूर्व अंडर-10 विश्व चैंपियन सहज ग्रोवर जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुके गुरप्रीत ने नौ दौर की प्रतियोगिता में संभावित नौ में से सात अंक जुटाए। प्रतियोगिता में 29 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। भारतीय रेलवे में कार्यरत गुरप्रीत ने नौ में से पांच बाजी जीती जबकि चार ड्रॉ रहीं।
- डलास. चैम्पियन बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप में शिकागो क्रिकेट क्लब को विजेता की ट्रॉफी प्रदान करके उनके लिये इसे यादगार पल बना दिया । शिकागो ने डलास यूनिवर्सिटी में अटलांटा क्रिकेट क्लब को फाइनल में हराकर खिताब जीता । दुनिया भर में एनसीएल को ढाई अरब से अधिक लोगों ने देखा ।तेंदुलकर ने शिकागो के मुख्य कोच रॉबिन उथप्पा को ट्रॉफी दी , दर्शकों से बात की, हाथ मिलाये और तस्वीरें भी खिंचवाई । उन्होंने कहा ,‘‘ क्रिकेट ने मुझे इतना कुछ दिया है और यहां डलास में फाइनल देखकर और ट्रॉफी विजेता को देकर बहुत अच्छा लग रहा है । लोगों के उत्साह को देखकर लगता है कि अमेरिका में क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है ।
- ब्यूनस आयर्स . लियोनेल मेस्सी की हैट्रिक और दो गोल में सहायता की मदद से अर्जेंटीना ने दक्षिण अमेरिका विश्व कप फुटबॉल क्वालीफाइंग मैच में बोलिविया को 6 . 0 से हरा दिया । अक्टूबर में हो रही प्रतिस्पर्धा के दो दौर में दाहिने टखने की चोट की वजह से नहीं खेल सके मेस्सी ने मंगलवार को पूरा मैच खेला । उन्होंने 19वें मिनटमें पहला गोल किया । इसके अलावा लौटारो मार्तिनेज और जूलियन अल्वारेज के गोलों में सूत्रधार की भूमिका निभाई । 37 वर्ष के मेस्सी ने 84वें और 86वें मिनट में भी गोल दागे ।अन्य मुकाबलों में ब्राजील ने पेरू को 4 . 0 से हराया । अर्जेंटीना 10 मैचों में 22 अंक लेकर शीर्ष पर है जबकि उससे तीन अंक पीछे कोलंबिया है । ब्राजील 16 अंक लेकर तीसरे स्थान पर है । शीर्ष छह टीमें अगले साल होने वाले विश्व कप में जगह बनायेंगी । दक्षिण अमेरिकी क्वालीफाइंग दौर के दो मुकाबले नवंबर में खेले जायेंगे ।
- नयी दिल्ली. हॉकी इंडिया लीग की नीलामी में सबसे महंगे बिके हरमनप्रीत सिंह और उदिता दुहान टूर्नामेंट में अपने प्रशंसकों से दर्शकों का दिल जीतने के लिये बेताब हैं । हरमनप्रीत सिंह को पंजाब और हरियाणा के सूरमा हॉकी क्लब ने तीन दिन तक चली नीलामी के पहले दिन 78 लाख रूपये में खरीदा । वहीं उदिता को श्राची रार बंगाल टाइगर्स ने 32 लाख रूपये में खरीदा । पुरूषों की लीग में आठ टीमें होंगी जबकि पहली बार हो रही महिला लीग में चार टीमें भाग लेंगी ।हरमनप्रीत ने कहा ,‘‘ मुझे खुशी है कि हॉकी इंडिया लीग की वापसी हो रही है । मेरा नाम नीलामी के लिये आया तो मैं आंखें गड़ाकर देख रहा था । मैं उम्मीद कर रहा था कि सरदार सिंह मेरे नाम पर बोली लगायें ताकि मुझे हरियाणा और पंजाब के लिये खेलने का मौका मिल सके ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ जब सूरमा हॉकी क्लब ने मुझे खरीदा तो मैने राहत की सांस ली । मैं बहुत ही खुश हूं ।'' भारतीय कप्तान ने कहा ,‘‘ हमारे पास काफी संतुलित टीम है । इसमें अनुभवी, बड़े नामी और युवा खिलाड़ी हैं जो भविष्य में काफी बड़े सितारे बन सकते हैं ।'' भारतीय महिला टीम की डिफेंडर उदिता ने कहा ,‘‘ हॉकी इंडिया ने पुरूषों के साथ महिला लीग शुरू करके नये मानदंड कायम किये हैं ।हमारे लिये यह अपनी प्रतिभा दिखाने और बतौर खिलाड़ी खुद को निखारने का सुनहरा मौका होगा । मैं अपना शत प्रतिशत देने की कोशिश करूंगी ।''
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नयी दिल्ली.भारतीय डिफेंडर उदिता दुहान हॉकी इंडिया महिला लीग के पहले चरण के लिये सबसे महंगी बिकी जिन्हें श्राची रार बंगाल टाइगर्स ने मंगलवार को नीलामी में 32 लाख रूपये में खरीदा । नीदरलैंड की ड्रैग फ्लिकर यिब्बी यानसेन को ओडिशा वारियर्स ने 29 लाख रूपये में खरीदा ।
भारत की लालरेम्सियामी (बंगाल टाइगर्स , 25 लाख) , सुनेलिटा टोप्पो (दिल्ली एसजी पाइपर्स, 24 लाख), संगीता कुमारी (दिल्ली एसजी पाइपर्स , 22 लाख) पर भी अच्छी बोलियां लगी । विदेशी खिलाड़ियों में बेल्जियम की चार्लोट एंजेलबर्ट (सूरमा हॉकी क्लब, 16 लाख) , जर्मनी की चार्लोट स्टापेनहोर्स्ट (सूरमा हॉकी क्लब, 16 लाख) और आस्ट्रेलिया की जेसलिन बार्टरम (ओडिशा वारियर्स , 15 लाख) अच्छे दाम पर खरीदी गई । अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया को बंगाल टाइगर्स ने 10 . 5 लाख रूपये में खरीदा । भारतीय कप्तान सलीमा टेटे (20 लाख), इशिका चौधरी (16 लाख) और नेहा गोयल (10 लाख) को ओडिशा वारियर्स ने खरीदा । पूर्व कप्तान सविता (20 लाख), शर्मिला देवी (10 लाख) और निक्की प्रधान (12 लाख) को सूरमा हॉकी क्लब ने खरीदा । दिल्ली एसजी पाइपर्स ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नवनीत कौर (19 लाख), युवा गोलकीपर बिछू देवी खारीबम (16 लाख) और दीपिका (20 लाख) को खरीदा ।