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- मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में खामियों को लेकर चार सहकारी बैंकों पर कुल चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी चार अलग-अलग बयानों के अनुसार, यह जुर्माना अनुपालन की खामियों के लिए लगाया गया है। इसका मकसद बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है। रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के अंदरसुल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर डेढ़ लाख रुपये तथा महाराष्ट्र के अहमदपुर स्थित महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थि नांदेड़ मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के शहडोल में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने नवीनतम 5जी तकनीक और तेज रफ्तार मोबाइल सेवाओं के स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य में करीब 39 प्रतिशत की कटौती करने की सोमवार को सिफारिश की। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम कीमतों के संदर्भ में अपनी बहु-प्रतीक्षित सिफारिशें पेश करते हुए 5जी स्पेक्ट्रम बैंड के लिए आरक्षित मूल्य को पिछली बार की तुलना में 35 प्रतिशत कम रखने का सुझाव दिया है। इस तरह ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों की स्पेक्ट्रम की कीमत चुका पाने की क्षमता को भी ध्यान में रखा है। ट्राई ने कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज एवं 2500 मेगाहर्ट्ज के मौजूदा बैंड और 600 मेगाहर्ट्ज, 3300-3670 मेगाहर्ट्ज एवं 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज के नए स्पेक्ट्रम बैंड में सभी मौजूदा स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। ट्राई ने एक बयान में कहा, ‘‘दूरसंचार सेवा-प्रदाताओं को लचीलापन देने के लिए 3300-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए 10 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज के लिए 50 मेगाहर्ट्ज का ब्लॉक रखने की सिफारिश की गई है।'' सबसे अहम माने जा रहे 3300-3670 मेगाहर्ट्ज वाले 5जी स्पेक्ट्रम के लिए अखिल भारतीय स्तर पर आरक्षित मूल्य 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखा गया है जो पिछली बार की तुलना में 35 प्रतिशत कम है। पिछले साल ट्राई ने इस स्पेक्ट्रम के लिए 492 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज का आरक्षित मूल्य रखने की सिफारिश की थी। इसी के साथ 700 मेगाहर्ट्ज के लिए भी आधार मूल्य 3,927 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की गई है, जो पिछले सुझावों की तुलना में 40 प्रतिशत कम है। वहीं 800 मेगाहर्ट्ज के लिए आरक्षित मूल्य 3,620 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज रखने की सिफारिश की गई है। कुल मिलाकर ट्राई ने पिछले सुझावों की तुलना में इस बार विभिन्न बैंड में करीब 39 फीसदी कम आरक्षित मूल्य रखा है। नीलामी के पिछले दो दौर में कई बैंड में स्पेक्ट्रम बिक नहीं पाया था। इसे ध्यान में रखते हुए ट्राई ने सभी बैंडों के लिए आरक्षित कीमतों को कम रखा है। सरकार इसी साल स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की तैयारी में है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाएं शुरू करने के लिए निजी दूरसंचार प्रदाताओं को 5जी स्पेक्ट्रम देना है। इससे इंटरनेट एवं अपलोडिंग की गति काफी तेज हो जाने की उम्मीद है।
- कोलकाता। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि वह अगले पांच वर्षों में पश्चिम बंगाल में मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों की विनिर्माण क्षमता को बढ़ाकर और अधिक जिलों तक अपनी पहुंच का विस्तार करने को तैयार है। आइसक्रीम, दही और मक्खन सहित कंपनी के मूल्यवर्धित डेयरी उत्पाद वर्तमान में राज्य के 10 जिलों में उपलब्ध हैं, और इसका लक्ष्य पांच साल के भीतर 20 जिलों तक पहुंचना है। मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल के डेयरी उत्पादों के कारोबार प्रमुख, संजय शर्मा ने कहा, “पूर्वी क्षेत्र हमारे मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों के पोर्टफोलियो के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, जिसने पिछले पांच वर्षों में लगभग 35 प्रतिशत की सालाना वार्षिक वृद्धि (सीएजीआर) हासिल की है। आगे चलकर हम पूरे क्षेत्र में पोर्टफोलियो और विनिर्माण क्षमताओं के साथ-साथ अपनी ब्रांड उपस्थिति और पहुंच बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जो हमेशा हमारी विस्तार रणनीतियों के केन्द्र में रहेगा।'' शर्मा ने अपनी लोकप्रिय मदर डेयरी 'मिष्टी दोई' (मीठा दही) के लिए एक टीवीसी (टेलिविजन विज्ञापन) के नेतृत्व वाले अभियान के शुभारंभ पर कहा, कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में लगभग 17,000 बिक्री केन्द्रों की मौजूदा संख्या को 30,000 से अधिक करना है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी वर्ष 2022-23 में पूर्वी बाजार से मूल्यवर्धित डेयरी उत्पाद खंड में 170-175 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने और मजबूत मांग के कारण वर्ष 2026-27 तक 500 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने पर नजर गड़ाए हुए है। मदर डेयरी ने मार्च में अपने 400 ग्राम 'मिष्टी दोई' कंटेनर की कीमत 5 रुपये बढ़ाकर 70 रुपये कर दी थी। उन्होंने कहा, 'हमने अभी तक इस खंड में अन्य उत्पादों की कीमतें बढ़ाने का फैसला नहीं किया है।
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नयी दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने सोमवार को कहा कि उसने नेक्सा रिटेल चैनल के जरिए एक्सएल6 के नए संस्करण की बुकिंग शुरू की है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह बहुउद्देश्यीय मॉडल अगली पीढ़ी के इंजन, उन्नत ट्रांसमिशन, बेहतर सुविधाओं और बोल्ड स्टाइल के साथ आता है। एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि एक्सएल6 की विशेषताओं में एक मजबूत एसयूवी डिजाइन और एक विशाल छह सीटों वाली एमपीवी सुविधा शामिल है। यह छह सीटों वाला मॉडल देश भर के सभी 410 नेक्सा शोरूम में उपलब्ध होगा।
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नयी दिल्ली. हीरो साइकिल्स के इलेक्ट्रिक साइकिल ब्रांड हीरो लेक्ट्रो ने सोमवार को डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) यानी सीधे उपभोक्ताओं को बिक्री बढ़ाने के लिए एक मंच शुरू करने घोषणा की। इसके अलावा कंपनी अपने उत्पादों की बिक्री विभिन्न माध्यमों के जरिये करेगी। कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता ‘टेस्ट राइड' के लिए बुकिंग के अलावा उसकी वेबसाइट हीरोलेक्ट्रो.कॉम से सीधे उसकी ई-साइकिल और कार्गो ई-बाइक की पूरी श्रृंखला की खरीदारी कर सकते हैं। हीरो लेक्ट्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य मुंजाल ने बयान में कहा, ‘‘डी2सी विकल्प के के साथ हीरो लेक्ट्रो ई-साइकिल पहले से कहीं अधिक सुलभ हो पाएगी है। चाहे वह हमारे हीरो लेक्ट्रो एक्सपीरियंस सेंटर्स के माध्यम से हो या डीलर भागीदार या वेबसाइट के माध्यम से हो।'' कंपनी ने कहा कि उसका ऑनलाइन स्टोर व्यक्तिगत के साथ कार्गो इस्तेमाल दोनों की जरूरतों को पूरा करेगा। यह कॉरपोरेट और थोक ‘बिजनेस-टू-बिजनेस' पूछताछ और खरीद की जरूरतों को पूरा करेगा। इस मंच से खरीदारी पर उपभोक्ताओं को सुगम मासिक किस्त (ईएमआई) तथा बैंक और क्रेडिट कार्ड के जरिये खरीद पर आकर्षक पेशकश उपलब्ध होगी। कंपनी ने कहा कि खरीद के बाद उत्पाद की डिलिवरी ग्राहक के घर के दरवाजे पर की जाएगी। - नयी दिल्ली. छह माह तक लगातार बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 7,707 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। शेयर बाजारों में ‘करेक्शन' ने एफपीआई को लिवाली का अच्छा अवसर दिया है, जिससे इस महीने वे शुद्ध लिवाल रहे हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक-शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई प्रवाह को अभी प्रवृत्ति में बदलाव कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। इस मोर्चे पर चीजें अधिक स्पष्ट हो सकें इसके लिए अगले कुछ सप्ताह या माह का इंतजार करना होगा। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1-8 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया है। श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई के प्रवाह से संकेत मिलता है कि उन्होंने अपने पोर्टफोलियो के पुनर्मूल्यांकन को पूरा कर लिया है। इसके अलावा शेयर बाजारों में हालिया ‘करेक्शन' ने भी उनके लिए निवेश के अवसर खोले हैं। हालांकि, पिछले दो कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने बिकवाली की है। ऐसे में अभी एफपीआई प्रवाह की दिशा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। इससे पहले अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 तक छह माह में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा बांड या ऋण बाजार में भी 1,403 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पिछले दो माह (फरवरी-मार्च) के दौरान उन्होंने बांड बाजार से 8,705 करोड़ रुपये निकाले थे।
- नयी दिल्ली. बेंगलुरु की एक स्टार्टअप कंपनी को अपनी बैटरी के लिए यूरोप की अक्षय ऊर्जा कंपनी से ऑर्डर मिला है। खास बात यह है कि इस बैटरी को टेस्ला के एक पूर्व इंजीनियर ने डिजाइन किया है। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की सबसे अधिक ऊर्जा सघन बैटरियों में से है। इससे घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। स्टार्टअप कंपनी प्रवेग के सह-संस्थापक सिद्धार्थ बागड़ी ने बताया कि यूरोप की अक्षय ऊर्जा कंपनी एरेन ग्रुप ने अपने स्टोरेज एप्लिकेशंस के लिए इस बैटरी का ऑर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम ने इन बैटरियों के भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर परियोजनाओं में इस्तेमाल की संभावनाएं खोल दी हैं। बैटरी किसी इलेक्ट्रिक वाहन का महत्वपूर्ण घटक है। इसके पूरी तरह चार्ज होने पर वाहन कितने किलोमीटर दौड़ सकते हैं और बैटरी को चार्ज करने में कितना समय लगता है, यह हरित वाहन की सफलता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य से ऊर्जा पूरे दिन और सभी दिनों में उपलब्ध नहीं होती है, जिससे इसके भंडारण की आवश्यकता होती है। धवल विंके खुल्लर के साथ प्रवेग की स्थापना करने वाले बागड़ी ने कहा कि एरेन ग्रुप द्वारा प्रवेग से 54 एमडब्ल्यूएच (मेगावॉट घंटे) बैटरी की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले एक दशक से एक ईवी के प्रोटोटाइप पर काम कर रहे हैं और इस दौरान हमने एक अत्यधिक सघन तेजी से चार्ज होने वाली बैटरी तैयार की है। इस बैटरी को पूरी तरह चार्ज करने में सिर्फ आधा घंटा लगता है।'' उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह अत्यधिक सघन बैटरी है। इस वजह से यह लागत दक्ष भी है।==
- नयी दिल्ली. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) का बकाया अप्रैल, 2022 में सालाना आधार पर 17.3 प्रतिशत बढ़कर 1,23,244 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अप्रैल, 2021 तक डिस्कॉम पर बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 1,05,029 करोड़ रुपये था।पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फॉर ब्रिंगिंग ट्रांसपैरेंसी इन इन्वॉयसिंग ऑफ जेनरेशन (प्राप्ति) पोर्टल से यह जानकारी मिली है। अप्रैल, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया पिछले महीने मार्च, 2022 की तुलना में भी बढ़ा है। मार्च में यह 1,17,390 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादकों तथा डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद लेनदेन में पारदर्शिता लाने के लिए प्राप्ति पोर्टल मई, 2018 में शुरू किया गया था। अप्रैल, 2022 तक 45 दिन की मियाद या ग्रेस की अवधि के बाद भी डिस्कॉम पर कुल बकाया राशि 1,04,885 करोड़ रुपये थी। यह एक साल पहले समान महीने में 84,376 करोड़ रुपये थी। मार्च, 2022 में डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,03,331 करोड़ रुपये था। बिजली उत्पादक कंपनियां डिस्कॉम को बेची गई बिजली के बिल का भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय देती हैं। उसके बाद यह राशि पुराने बकाये में आ जाती है। ज्यादातर ऐसे मामलों में बिजली उत्पादक दंडात्मक ब्याज वसूलते हैं। बिजली उत्पादक कंपनियों को राहत के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से भुगतान सुरक्षा प्रणाली लागू है। इस व्यवस्था के तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए साख पत्र देना होता है। केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को भी कोविड-19 महामारी की वजह से कुछ राहत दी है। भुगतान में देरी के लिए डिस्कॉम पर दंडात्मक शुल्क को माफ कर दिया गया है। सरकार ने मई, 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की नकदी डालने की योजना पेश की थी। इसके तहत बिजली वितरण कंपनियां पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) तथा आरईसी लिमिटेड से सस्ता कर्ज ले सकती हैं। बाद में सरकार ने इस पैकेज को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपये और उसके बाद 1.35 लाख करोड़ रुपये कर दिया। आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों का उत्पादक कंपनियों के बकाये में सबसे अधिक हिस्सा है। भुगतान की मियाद समाप्त होने के बाद अप्रैल, 2022 तक डिस्कॉम पर कुल बकाया 1,04,885 करोड़ रुपये था। इसमें स्वतंत्र बिजली उत्पादकों का हिस्सा 55.63 प्रतिशत है। वहीं, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की जेनको का बकाया 21.84 प्रतिशत है।सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी को ही डिस्कॉम से 4,223.50 करोड़ रुपये वसूलने हैं। उसके बाद डीवीसी को 3,571.83 करोड़ रुपये और एनपीसीआईएल कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र को 3,179.13 करोड़ रुपये बिजली वितरण कंपनियों से वसूलने हैं। निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में अडाणी पावर का बकाया 25,586.73 करोड़ रुपये, बजाज समूह की ललितपुर पावर जेनरेशन कंपनी का 5,309.29 करोड़ रुपये है। वहीं अक्षय ऊर्जा कंपनियों का बकाया अप्रैल, 2022 तक 20,827.22 करोड़ रुपये था।
- नयी दिल्ली. इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की अधिकृत आत्मकथा 14 मई से बाजार में उपलब्ध होगी। यह जानकारी ‘पेइंगुइन रेंडम हाउस इंडिया' ने रविवार को दी। ‘सिंग, डांस एडं' प्रे' शीर्षक वाली इस आत्मकथा को लेखक हिंडोल सेनगुप्ता ने लिखा है। यह श्रील प्रभुपाद की एक प्रेरणाजनक कहानी है जो पश्चिमी प्रतिसंस्कृति के एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे और उन्होंने 20वीं सदी के मध्य में मुख्यधारा के अमेरिकियों के सामने वैदिक भारत की प्राचीन शिक्षाओं को रखा जिसने लेखक-कवि एलन गिन्सबर्ग से लेकर बीटल्स के प्रमुख गिटारवादक जॉर्ज हैरिसन तक को आकर्षित किया और उनके 100 से ज्यादा देशों में लाखों अनुयायी हैं। सेनगुप्ता ने एक बयान में कहा, “ मैं हमेशा से जानता था कि मेरी 10वीं किताब बहुत खास होगी। यह श्रील प्रभुपाद की कहानी है जो इसे खासकर धन्य बनाती है। यह इतिहास की अविश्वसीय कहानी है, भारत की कथा का अहम मोड़ है और यह वह क्षण है जब अकेले व्यक्ति ने कई तरह से भारत और हिंदू धर्म के प्रति वैश्विक नजरिए को बदल दिया।” उन्होंने कहा, “ श्रील प्रभुपाद हर तरीके से मौलिक थे, वह पथ प्रदर्शक थे और शानदार तरीके से वह जितना दुनिया के व्यक्ति थे उतना ही भगवान के बंदे थे।” सेनगुप्ता के मुताबिक, “ उनकी कहानी न सिर्फ धार्मिक इतिहास के बारे में है बल्कि पूर्व-पश्चिम संवाद को लेकर अहम पल के बारे में भी है जो शायद पहले से ज्यादा अधिक प्रासंगिक है।” उनकी पूर्व की किताबों में ‘बीइंग हिंदू', ‘द सैक्रेड सोर्ड' और ‘द मॉडर्न मॉन्क' शामिल हैं। सत्रह सितंबर 1965 को जब एसी भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने न्यूयॉर्क शहर के बंदरगाह पर कदम रखे तो कुछ अमेरिकियों ने उन पर ध्यान दिया, लेकिन वह अन्य की तरह सिर्फ प्रवासी नहीं थे। वह वैदिक भारत की प्राचीन शिक्षाओं को अमेरिका की मुख्यधारा से परिचित कराने के मिशन पर थे। श्रील प्रभुपाद का 81 साल की उम्र में 14 नवंबर 1977 को निधन हो गया। उन्होंने इस्कॉन की स्थापना की जिसे ‘हरे कृष्णा मूवमेंट' के नाम से भी जाना जाता है और यह दुनियाभर में फैला तथा 100 से ज्यादा मंदिर, आश्रम और सांस्कृतिक केंद्र बने। प्रकाशकों के अनुसार, करिश्माई व्यक्तित्व श्रील प्रभुपाद की कहानी व्यक्ति को आत्मबोध के मार्ग पर ले जाएगी।
- नयी दिल्ली. देश में सोने का आयात पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 33.34 प्रतिशत बढ़कर 46.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया जिससे देश के चालू खाते के घाटे (कैड) पर असर पड़ने की आशंका है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का सोने का आयात 34.62 अरब डॉलर रहा था। लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में सोने का आयात बढ़ने से देश का व्यापार घाटा बढ़कर 192.41 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 102.62 अरब डॉलर रहा था। चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत में सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। वित्त वर्ष 2021-22 में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात करीब 50 प्रतिशत बढ़कर 39 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.7 प्रतिशत या 23 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अप्रैल, 2021 से फरवरी, 2022 के दौरान मात्रा के लिहाज से सोने का आयात 842.28 टन रहा।
- नयी दिल्ली. इस्पात उत्पाद विनिर्माता गुडलक इंडिया अगले दो से तीन वर्ष में अपनी क्षमता का विस्तार करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी गुडलक इंडिया की उत्तर प्रदेश के सिंकदराबाद में पांच विनिर्माण इकाइयां और गुजरात के कच्छ में एक इकाई है। इनकी कुल क्षमता 3,40,000 टन सालाना की है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम सी गर्ग ने कहा, ‘‘हम विस्तार करने की प्रक्रिया में हैं। हमारे उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है इसलिए अपनी क्षमता को बढ़ाकर 5,00,000 टन करने के लिए हम अगले दो से तीन साल में 200 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।'' उन्होंने बताया कि कंपनी जिन उत्पादों का निर्माण करती है उनका इस्तेमाल वाहन विनिर्माता, अवसंरचना कंपनियां, इंजीनियरिंग, तेल और गैस जैसे उद्योग करते हैं। गर्ग ने बताया कि कंपनी ने 2021-22 में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया था जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 475 करोड़ रुपये के निर्यात की तुलना में 130 प्रतिशत अधिक है।
- नयी दिल्ली ।बीते वित्त वर्ष 2021-22 में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की खुदरा बिक्री तीन गुना से अधिक होकर चार लाख इकाई के आंकड़े को पार कर गई। ईवी की बिक्री में दोपहिया क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा।वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल खुदरा बिक्री तीन गुना से अधिक होकर 4,29,217 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में 1,34,821 इकाई रही थी।फाडा के अनुसार, 2019-20 में देश में 1,68,300 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए थे। बीते वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री तीन गुना के उछाल के साथ 17,802 इकाई रही, जो 2020-21 में 4,984 इकाई थी।इस खंड में घरेलू वाहन कंपनी टाटा मोटर्स 15,198 इकाइयों की खुदरा बिक्री साथ सबसे आगे रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी 85.37 प्रतिशत रही। मुंबई की कंपनी की खुदरा बिक्री 2020-21 में 3,523 इकाई रही थी।एमजी मोटर इंडिया 2,045 इकाइयों की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी 11.49 प्रतिशत पर थी। 2020-21 में एमजी मोटर की बिक्री 1,115 इकाई रही थी।महिंद्रा एंड महिंद्रा 156 इकाइयों की बिक्री के साथ तीसरे और हुंदै मोटर 128 इकाइयों की बिक्री के साथ चौथे स्थान पर रही। दोनों की बाजार हिस्सेदारी एक फीसदी से कम थी।बीते वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पांच गुना बढ़कर 2,31,338 इकाई पर पहुंच गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 41,046 इकाई थी। दोपहिया खंड में हीरो इलेक्ट्रिक 65,303 इकाइयों की बिक्री के साथ शीर्ष पर रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी 28.23 प्रतिशत थी। इसके बाद ओकिनावा ऑटोटेक दूसरे स्थान पर रही। उसकी बिक्री 46,447 इकाइयों की रही। तीसरे स्थान पर 24,648 इकाइयों की बिक्री के साथ एम्पियर वेहिकल्स रही। हीरो मोटोकॉर्प समर्थित अथर एनर्जी ने बीते वित्त वर्ष में 19,971 इलेक्ट्रिक दोपहिया बेचे और वह चौथे स्थान पर रही।बेंगलुरु की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक 14,371 वाहनों की बिक्री के साथ छठे और टीवीएस मोटर कंपनी 9,458 वाहनों की बिक्री के साथ सातवें स्थान पर रही।फाडा ने 1,605 में से 1,397 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) से आंकड़े जुटाए हैं। फाडा ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक तिपहिया की बिक्री बढ़कर 1,77,874 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 88,391 इकाई थी। इसी तरह इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 400 इकाइयों से बढ़कर 2,203 इकाई पर पहुंच गई।
- औरंगाबाद। महाराष्ट्र में इस साल अबतक का चीनी का 132 लाख टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। राज्य के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने यह जानकारी दी।अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि, ऊंचे उत्पादन के बावजूद चीनी कीमतों के नीचे आने के आसार नहीं हैं।’’गायकवाड़ अधिशेष गन्ना उत्पादन से संबंधित मुद्दों और इस स्थिति से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दे रहे थे।उन्होंने कहा कि इस साल अब तक राज्य में 1,187 लाख टन गन्ने की पिराई की जा चुकी है, जबकि लगभग 90 लाख टन फसल अब भी खेतों में पड़ी है। इनमें से ज्यादातर फसल मराठवाड़ा क्षेत्र में है।उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन इससे पहले 2019-20 में 107 लाख टन का रहा था। इस साल यह लगभग 132 लाख टन तक पहुंच गया है, जो राज्य के लिए एक नया रिकॉर्ड है। उत्तर प्रदेश में अब तक 80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।’’ उन्होंने दावा किया कि राज्य की विभिन्न कंपनियों ने 130 से 140 करोड़ लीटर एथनॉल (गन्ने की पेराई से उत्पन्न शीरे का उप-उत्पाद) के उत्पादन से 9,000-10,000 करोड़ रुपये कमाये हैं, जो कि अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है।महाराष्ट्र में गन्ना पेराई का सत्र आमतौर पर 120 से 140 दिन और अधिकतम 145 दिनों तक चलता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में लगभग 20 चीनी मिलें अधिक गन्ना उत्पादन के कारण 160 दिनों तक चलेंगी।अधिकारी ने कहा, ‘‘मराठवाड़ा में 60 लाख टन सहित लगभग 90 लाख टन गन्ने की पेराई अभी बाकी है। हमें उम्मीद है कि इस साल 31 मई तक मराठवाड़ा में गन्ने की पेराई की जाएगी।’’
- मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11 वीं बार कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा। केंद्रीय बैंक ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती महंगाई के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए अपने रुख को यथावत रखा है। नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा।हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है जबकि मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि छह सदस्यीय एमपीसी ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रखने के पक्ष में मत दिया।उन्होंने कहा, ‘‘एमपीसी ने अपने नरम रुख को कायम रखने का फैसला किया है। हालांकि एमपीसी इस नरम रुख को वापस लेने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वृद्धि को समर्थन के साथ मुद्रास्फीति को लक्ष्य के भीतर रखा जा सके।’’रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 को रेपो दरों में बदलाव किया था।इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 प्रतिशत पर कायम रखा है।रेपो दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है। जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने पर ब्याज मिलता है।एमपीसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने की संभावना जतायी है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।दास ने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियां अभी महामारी-पूर्व के स्तर की तुलना में शायद ही बढ़ी हैं, लेकिन इनमें लगातार सुधार हो रहा है।’’उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक इस साल से तरलता को वापस लेने की शुरुआत करेगा। प्रणाली से तरलता या नकदी को कई साल में वापस लिया जाएगा।रिजर्व बैंक ने बैंकिंग प्रणाली से अत्यधिक नकदी को सोखने के लिए एक नए ‘साधन’ की घोषणा की है। इसके तहत तरलता समायोजन सुविधा के दायरे को 50 आधार अंक किया गया है।दास ने कहा कि युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है और जिंस तथा वित्तीय बाजारों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख सतर्कता बरतने के साथ, इसके भारत की वृद्धि, मुद्रास्फीति और वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर से निपटने वाला होना चाहिए।’’गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की स्थिति है। वहीं खाद्य वस्तुओं के साथ धातु और अन्य जिंसों की कीमतें भी उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि निजी उपभोग और निश्चित निवेश कमजोर है। इन्हें घरेलू मांग का प्रमुख उत्प्रेरक माना जाता है।उल्लेखनीय है कि इस साल मुद्रास्फीति अभी तक छह प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। इससे वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखने की केंद्रीय बैंक की रणनीति पर ‘संशय’ बन रहा है।दास ने कहा, ‘‘बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता से हमारा आर्थिक परिदृश्य प्रभावित हो सकता है। घरेलू स्तर पर पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से व्यापक स्तर पर दूसरे-दौर का मूल्य दबाव कायम हो सकता है।’’गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक किसी नियम से बंधा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के ‘संरक्षण’ के लिए रिजर्व बैंक सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल करेगा।’’उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था नई एवं बहुत बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है और रिजर्व बैंक इसे सभी चुनौतियों से बचाकर रखने के लिए काम करेगा।हालांकि, दास ने कहा कि ओमीक्रोन लहर कमजोर पड़ने से होने वाले अनुमानित लाभ को भू-राजनीतिक तनाव ने निष्प्रभावी कर दिया है।
- नयी दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कैट और इंडियन फुटवियर एसोसिएशन (आईएफए) ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 1,000 रुपये से कम कीमत वाले जूता-चप्पल पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) घटाकर पांच प्रतिशत करने का आग्रह किया है। एक जनवरी, 2022 से सभी जूते-चप्पल पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा, चाहे उनका मूल्य कुछ भी क्यों न हो। दोनों संगठनों ने कहा कि देश की लगभग 85 प्रतिशत आबादी 1,000 रुपये से कम कीमत के जूते का उपयोग करती है और इसलिए जीएसटी में कोई भी वृद्धि सीधे उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। उन्होंने सीतारमण के साथ-साथ सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को एक प्रतिवेदन भी भेजा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आईएफए, दोनों ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से केवल 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूते पर बीआईएस मानकों को लागू करने का भी आग्रह किया है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन सीएनजी की कीमतें बढ़ाई गईं। सीएनजी के दाम में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की गई है जिसके साथ मार्च से अब तक दाम कुल 12.50 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़े हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में सीएनजी की कीमत 66.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 69.11 रुपये प्रति किलो हो गई है। आईजीएल राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सीएनजी और पाइप से रसोई गैस (पीएनजी) की खुदरा बिक्री करती है। बुधवार को भी सीएनजी की कीमत में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की गई थी।पाइप से रसोई गैस (पीएनजी) की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दिल्ली में इसकी कीमत 41.61 रुपये प्रति इकाई है। मार्च के बाद से दिल्ली में सीएनजी के दामों में 12.48 प्रति किलो की वृद्धि की गई है।महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने मुंबई में संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की कीमत सात रुपये प्रति किलो बढ़ाकर 67 रुपये प्रति किलो कर दी, जबकि गुजरात गैस ने दरों में 6.50 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर इसे 76.98 रुपये कर दिया। मूल्यवर्धित कर (वैट) जैसे स्थानीय करों की वजह से कीमतें शहर-दर-शहर अलग अलग होती हैं।सरकार ने एक अप्रैल से प्राकृतिक गैस की कीमतों को दोगुना से अधिक कर 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) कर दिया है। इसके बाद सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में वृद्धि हुई है। सीएनजी की कीमतों में यह वृद्धि पिछले 16 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और रसोई गैस एलपीजी की दरों में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के बाद हुई है।
- नयी दिल्ली. जापान की एयर कंडीशनर विनिर्माता कंपनी डाइकिन इंडस्ट्रीज की अनुषंगी डाइकिन इंडिया ने आंध्र प्रदेश के श्रीसिटी में विनिर्माण इकाई की आधारशिला रखी है। यह डाइकिन की भारत में तीसरी विनिर्माण इकाई होगी। कंपनी इसमें पहले चरण में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। डाइकिन इंडिया, डाइकिन इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है।कंपनी के बृहस्पतिवार को बयान जारी किया जिसमें बताया कि यह नया कारखाना 2023 में व्यावसायिक उत्पादन के लिए तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही यह कंपनी भारत में एयर-कंडीशनर (एसी) की सबसे बड़ा विनिर्माता बन जाएगी। डाइकिन की योजना इस संयंत्र में एयर-कंडीशनर के साथ-साथ कम्प्रेसर जैसे महत्वपूर्ण घटकों के विनिर्माण की है, जिसके लिए डाइकिन को उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सरकार से मंजूरी मिली है। कंपनी ने कहा, ‘‘डाइकिन इंडिया की यह विनिर्माण इकाई अपने अत्याधुनिक उत्पादों के जरिए बढ़ती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करेगी।'' यह इकाई पश्चिम अफ्रीका, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया जैसे बाजारों में निर्यात करेगी। डाइकिन इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक केजे जावा ने कहा, ‘‘भारत में एसी की पहुंच अभी भी 7 फीसदी है। भारत में बाजार के विस्तार और वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं।'' उद्योग के सूत्रों के अनुसार, डाइकिन ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के जरिए राजस्थान के नीमराना में दो कारखाने और एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित किया है।
- मुंबई. घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 575 अंक से अधिक लुढ़क कर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट के साथ बाजार नीचे आया। कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे में वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच बढ़ती महंगाई से निपटने के लिये उम्मीद के विपरीत अधिक तेजी से नीतिगत दर यानी ब्याज में वृद्धि के संकेत मिले हैं। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। इसके अलावा, निवेशकों को आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे का इंतजार है। मौद्रिक नीति समीक्षा शुक्रवार को जारी की जाएगी। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 575.46 अंक यानी 0.97 प्रतिशत टूटकर 59,034.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 633.06 अंक यानी 1.06 प्रतिशत तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.10 अंक यानी 0.94 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,639.55 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही। ये दोनों करीब तीन प्रतिशत नीचे आये। इसके अलावा टाइइटन में सर्वाधिक 3.24 प्रतिशत की गिरावट आयी। विप्रो, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और पावरग्रिड भी नुकसान में रहे।इसके उलट, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और डा. रेड्डीज लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। इनमें 2.38 प्रतिशत तक की तेजी रही। कोटक सिक्योरिटीज लि. इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘अमेरिका फेडरल रिजर्व के आक्रमक रुख से ब्याज दर में तीव्र वृद्धि को लेकर चिंता बढ़ी है। इससे लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। इसके अलावा, निवेशकों ने मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले बिकवाली की। हालांकि ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) नीतिगत दरों को यथावत रख सकती है।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में किये गये निर्णय की घोषणा से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। हाल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले धातु, बिजली और तेल एवं गैस क्षेत्रों पर बिकवाली का ज्यादा असर रहा। मझोले और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट रही।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर आरबीआई की घोषणा बाजार उम्मीद के अनुरूप होती है यानी नीतिगत दर को यथावत रखा जाता है, मुद्रास्फीति अनुमान को हल्का बढ़ाया जाता है और मजबूत आर्थिक परिदृश्य को बनाये रखा जाता है, तब हाल की गिरावट को देखते हुए बाजार में तेजी आ सकती है...।'' एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और जापान का निक्की नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.93 प्रतिशत बढ़कर 102 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 2,279.97 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली. वाहन बनाने वाली कंपनी टाटा मोटर्स को वीआरएल लॉजिस्टिक्स लिमिटेड से 1,300 वाणिज्यिक वाहनों का आर्डर मिला है। टाटा मोटर्स ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि आर्डर में मध्यम एंव भारी से लेकर हल्के वाणिज्यिक वाहन शामिल हैं, जो वीआरएल लॉजिस्टिक्स के देश में संचालन के लिए उपयुक्त हैं। कंपनी के अनुसार इन वाहनों का चुनाव चलाने में आराम, ईंधन बचाने की उच्च दक्षता और कुल लागत कम होने के आधार पर किया गया है। टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन व्यापार इकाई के उपाध्यक्ष राजेश कौल (बिक्री और विपणन) ने कहा, हम वीआरएल लॉजिस्टिक्स के साथ सार्थक भागीदारी को लेकर काफी सकारात्मक हैं और उनके सुचारू परिचालन के लिये बेहतर समर्थन की पेशकश करेंगे।
- नयी दिल्ली। वॉलमार्ट समूह की कंपनी फ्लिपकार्ट स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उतर गई है। कंपनी ने अपनी पहुंच का लाभ उठाने और देशभर में 20,000 से अधिक पिनकोड तक सेवाएं पहुंचाने के लिए नया ऐप फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस पेश किया है। कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस मंच 500 स्वतंत्र विक्रेताओं को पंजीकृत फार्मासिस्ट के नेटवर्क के साथ जोड़ेगा। इससे डॉक्टर की पर्ची का अनुमोदन किया जा सकेगा और सही दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत झावेरी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। स्वास्थ्य और देखभाल पर जितना अभी ध्यान दिया जा रहा है, वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला था।
- नयी दिल्ली। दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने अपने ग्राहकों को अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने के लिये नौकरी की सूचना देने वाले मंच- ‘अपना' समेत विभिन्न इकाइयों के साथ भागीदारी की बुधवार को घोषणा की। कंपनी की इस पहल का मकसद ग्राहकों को बनाये रखना है। कंपनी ने इसके अलावा अंग्रेजी सिखाने वाले मंच ‘इनगुरु' और सरकारी परीक्षा की तैयारी से जुड़ी ‘परीक्षा' के साथ भी गठजोड़ किया है। ‘अपना' मंच के साथ भागीदारी के तहत वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों को इस सुविधा के लिये कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। कंपनी के अनुसार उन्हें नौकरी के बारे में अन्य के मुकाबले बेहतर जानकारी मिलेगी। वोडाफोन आइडिया के मुख्य विपणन अधिकारी अवनीश खोसला ने साझेदारी की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हम उपभोक्ताओं के लिये कई तरह के अनुभवों, उत्पादों और सेवाओं के साथ जुड़ने के अवसर बना रहे हैं। निश्चित रूप से ग्राहक और बेहतर तरीके से कंपनी से जुड़ेंगे....।'' कंपनी अंग्रेजी सीखने के मंच ‘इनगुरु' पर विशेषज्ञों द्वारा संचालित असीमित कक्षाओं के साथ 14 दिनों का निःशुल्क पहुंच की सुविधा प्रदान करेगी। इसके बाद, संबंधित उपभोक्ता 15-25 प्रतिशत छूट पर सेवा जारी रख सकते हैं। ‘परीक्षा' के साथ व्यवस्था के तहत कंपनी केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों के लिये तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को एक महीने की मुफ्त सदस्यता प्रदान करेगी। इसके बाद संबंधित ग्राहक यह सेवा प्रति वर्ष 249 रुपये की सदस्यता शुल्क देकर जारी रख सकते हैं।
- मुंबई. इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माता हीरो इलेक्ट्रिक ने अंतिम छोर तक आपूर्ति के लिए शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत ई-स्कूटर की आपूर्ति की जाएगी। एक बयान में बुधवार को कहा गया कि इस साझेदारी के तहत हीरो इलेक्ट्रिक शैडोफैक्स के एक लाख वाहनों के बेड़े में से लगभग 25 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में बदलेगी। इसके लिए एनवाईएक्स एचएक्स ई-स्कूटर की आपूर्ति की जाएगी। शैडोफैक्स ने हाल में 2024 तक अपने 75 प्रतिशत बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की घोषणा की थी।हीरो इलेक्ट्रिक ने कहा कि कंपनी इस तरह की कई बी2बी साझेदारी को आगे बढ़ा रही है और शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह का सहयोग आगे भी जारी रखा जाएगा।
- नयी दिल्ली. संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि स्वदेशी 4जी आधारित दूरसंचार नेटवर्क पूरे भारत में लागू किया जायेगा और बीएसएनएल देशभर में करीब 1.12 लाख टॉवर स्थापित करने की योजना बना रहा है। लोकसभा में ट्रेनों में इंटरनेट सुविधा देने से संबंधित एक पूरक प्रश्न के उत्तर में वैष्णव ने कहा कि ट्रेनों में इंटरनेट कनेक्शन तभी उपलब्ध कराया जा सकता है जब संचार के लिये 5जी नेटवर्क उपलब्ध हो। उन्होंने बताया कि 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती ट्रेनों में 4जी प्रौद्योगिकी के साथ संचार व्यवस्था में बाधा आती है। संचार मंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों द्वारा तैयार 4जी दूरसंचार नेटवर्क लागू होने के लिये तैयार है। हमारे विकसित 4जी नेटवर्क की दुनियाभर में सराहना हो रही है।'' वैष्णव ने कहा कि बीएसएनएल तत्काल 6 हजार टॉवर तथा इसके कुछ समय बाद और 6 हजार टॉवर का आर्डर देने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि उसके बाद एक लाख टॉवर और स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 5जी प्रौद्योगिकी के विकास पर काम चल रहा है और आगे कुछ महीने में इसे तैयार किया जा सकता है।
- मुंबई.घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 566 अंक लुढ़क कर 60,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बैंक और आईटी शेयरों में भारी बिकवाली से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 566.09 अंक यानी 0.94 प्रतिशत का गोता लगाकर 59,610.41 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 666.66 अंक टूटकर 59,509.84 तक आ गया था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 20 नुकसान में रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 149.75 अंक यानी 0.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,807.65 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों के अनुसार, ब्याज दर से संबंधित शेयरों में गिरावट रही। इसका कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के गवर्नर एल ब्रेनार्ड की टिप्पणी है। उनकी टिप्पणी से इस आशंका को बल मिला है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक आक्रमक तरीके से ब्याज दर बढ़ाएगा। रूस पर पाबंदियां बढ़ाये जाने का भी प्रभाव पड़ा है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही। कमजोर वैश्विक रुख अैर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख तथा रूस पर और पाबंदियों की आशंका से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच एचडीएफसी समूह के शेयरों में गिरावट तथा तिमाही परिणाम अच्छे नहीं रहने की आशंका से आईटी क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से मुख्य सूचकांकों में नरमी रही। आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है।'' रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई। बैठक में किये गये निर्णय की घोषणा आठ अप्रैल को की जाएगी। फेडरल रिजर्व के गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक मार्च के बाद फिर से ब्याज दर बढ़ाने को तैयार है और मई बैठक में बांड में कमी किये जाने के बारे में निर्णय कर सकता है। सेंसेक्स के तीस शेयरों में एचडीएफसी बैंक सर्वाधिक 3.51 प्रतिशत नीचे आया। एचडीएफसी लि. 3.26 प्रतिशत नुकसान में रहा। इसके अलावा एचसीएल टेक 2.07 प्रतिश्त, टेक महिंद्रा 1.97 प्रतिशत, इन्फोसिस 1.75 प्रतिशत और टीसीएस 1.52 प्रतिशत नीचे आये। बैंकों में कोटक बैंक, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक नुकसान में रहे। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ. रेड्डीज, विप्रो, बजाज फाइनेंस और टाइटन में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ एनटीपीसी (2.61 प्रतिशत), टाटा स्टील (1.94 प्रतिशत), पावरग्रिड (1.52 प्रतिशत) और भारती एयरटेल (1.17 प्रतिशत) लाभ में रहे। नेस्ले, लार्सन एंड टुब्रो, एसबीआई और एशियन पेंट्स बढ़त में रहे। रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मितुल शाह ने कहा, ‘‘अमेरिकी शेयर बाजार में मंगलवार की गिरावट का असर घरेलू बाजार पर पड़ा। निवेशकों को आशंका है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में अच्छी-खासी वृद्धि कर सकता है।'' एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 107.6 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को 374.89 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
- नयी दिल्ली. वाहन कंपनी टाटा मोटर्स अगले दो साल के भीतर बाजार में एक नई इलेक्ट्रिक एसयूवी ‘कर्व' उतारेगी। मुंबई स्थित कंपनी ने बुधवार को इलेक्ट्रिक एसयूवी से पर्दा उठाया। कंपनी का कहना है कि इस एसयूवी का मकसद उन उपभोक्ताओं की जरूरत को पूरा करना है, जो नए उत्पाद के साथ कुछ अलग डिजाइन और फीचर चाहते हैं। टाटा मोटर्स की योजना पहले कूप स्टाइल वाले एसयूवी के इलेक्ट्रॉनिक संस्करण को पेश करने की है और फिर इसे इंटरनल कम्बशन इंजन ट्रिम्स के साथब बाजार में उतारा जाएगा। टाटा मोटर्स पैसेंजर वेहिकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्र ने कहा कि एसयूवी खंड तेजी से विभिन्न उप-खंडों में विभाजित हो रहा है, जिसमें अलग-अलग उत्पादों की स्पष्ट मांग है। उन्होंने कहा कि कंपनी का जोर ऐसे उत्पादों की पेशकश पर है, जिनमें आधुनिक कार्यक्षमता और डिजाइन का सही मेल हो।