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नयी दिल्ली।' कोविड महामारी के प्रकोप वाले वर्षों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के प्रति सबसे अधिक आकर्षण देखने को मिला, और निवेशकों द्वारा सुरक्षित विकल्प की तलाश के चलते इस योजना में निवेश तेजी से बढ़ा। वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण भी गोल्ड बॉन्ड के प्रति झुकाव बढ़ा। इन दो वर्षों में इन बांड की जितनी बिक्री हुई, वह नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से हुई कुल बिक्री का 75 प्रतिशत है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त की बिक्री सोमवार से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगी। इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा। सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है और आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से अबतक कुल 38,693 करोड़ रुपये (90 टन सोना) जुटाए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जो कुल जुटाई गई राशि का लगभग 75 प्रतिशत है। आरबीआई ने 2021-22 के दौरान एसजीबी की 10 किस्तें जारी कर 12,991 करोड़ रुपये (27 टन) की कुल राशि जुटाई। केंद्रीय बैंक ने 2020-21 में एसजीबी की 12 किस्तें जारी कर 16,049 करोड़ रुपये (32.35 टन) की कुल राशि जुटाई। मुंबई स्थित निवेश सलाहकार फर्म कैरोस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ऋषद मानेकिया ने कहा कि एसजीबी को भौतिक सोना रखने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है और इसमें निवेश करके प्रतिफल भी मिलता है। इसके सरकार द्वारा समर्थित होने और सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद विकल्प है। केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है। आरबीआई ने कहा, ‘‘एसजीबी की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व भुनाया जा सकता है। इस विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जा सकता जिस पर ब्याज देय है। - नयी दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बावजूद दाम नहीं बढ़ने की वजह से ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली निजी क्षेत्र की जियो-बीपी और नायरा एनर्जी जैसी कंपनियों को डीजल की बिक्री पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये का नुकसान हो रहा है। इन कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय को इस बारे में पत्र लिखा है और सरकार से एक व्यवहार्य निवेश वातावरण बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की है।फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफआईपीआई) ने 10 जून को पेट्रोलियम मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर नुकसान से खुदरा कारोबार में निवेश सिमट जाएगा। एफआईपीआई निजी क्षेत्र की कंपनियों के अलावा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को अपने सदस्यों में गिनता है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और इसके उत्पादों की कीमतें एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने पेट्रोल और डीजल कीमतों को ‘फ्रीज’ किया हुआ है। सरकारी कंपनियों का ईंधन खुदरा कारोबार में 90 प्रतिशत का हिस्सा है। इस समय ईंधन के दाम लागत लागत के दो-तिहाई पर ही हैं, जिससे निजी कंपनियों को नुकसान हो रहा है।इससे जियो-बीपी, रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी और शेल के समक्ष या तो दाम बढ़ाने या अपने ग्राहक गंवाने का संकट पैदा हो गया है।पेट्रोल और डीजल के लिए खुदरा बिक्री मूल्य में नवंबर, 2021 की शुरुआत और 21 मार्च, 2022 के बीच कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद रिकॉर्ड 137 दिन तक कोई वृद्धि नहीं हुई थी। 22 मार्च, 2022 से खुदरा बिक्री मूल्य को 14 मौकों पर प्रतिदिन औसतन 80 पैसे प्रति लीटर की दर से बढ़ाया गया, जिससे पेट्रोल और डीजल दोनों के दामों में 10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई।एफआईपीआई के महानिदेशक गुरमीत सिंह ने पत्र में लिखा है कि निजी कंपनियों को लागत से कम मूल्य पर ईंधन की बिक्री (अंडर-रिकवरी) से डीजल पर प्रति लीटर 20-25 रुपये और पेट्रोल पर प्रति लीटर 14-18 रुपये का नुकसान हो रहा है।छह अप्रैल से ईंधन के खुदरा दाम नहीं बढ़े हैं। वहीं राज्य परिवहन उपक्रमों जैसे थोक खरीदारों को बेचे जाने वाले ईंधन के दाम में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है।एफआईपीआई ने कहा कि इससे बड़ी संख्या में थोक खरीदार खुदरा आउटलेट से खरीद कर रहे हैं जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों का नुकसान और बढ़ रहा है।पत्र में सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की गई है। एफआईपीआई ने कहा कि निजी क्षेत्र की सभी पेट्रोलियम विपणन कंपनियां खुदरा क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं, लेकिन इस समय उन्हें एक मुश्किल हालात से जूझना पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि इससे निजी कंपनियों की निवेश के साथ-साथ परिचालन की क्षमता प्रभावित हो रही है। साथ ही वे अपने नेटवर्क का भी विस्तार नहीं कर पा रही हैं।
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नयी दिल्ली। सरकार ने आईसीआईसीआई बैंक के सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों को ‘महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना' घोषित किया है जिसका अर्थ यह है कि इन्हें नुकसान पहुंचाने का राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा और इस तक पहुंच बनाने वाले अनधिकृत व्यक्ति को दस साल तक की जेल हो सकती है। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह कहा गया। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 16 जून को अधिसूचना जारी करके निजी क्षेत्र के इस बैंक के आईटी संसाधनों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 की धारा 70 के तहत महत्वपूर्ण अवसंरचना घोषित किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस में साइबर अपराध के पुलिस अधीक्षक एवं प्रमाणित साइबर विशेषज्ञ त्रिवेणी सिंह ने कहा, ‘‘हाल में हुए अत्याधुनिक साइबर हमलों को देखते हुए यह सही समय है कि सभी बैंक और वित्तीय संस्थान अपनेआप को संरक्षित प्रणाली के तहत अधिसूचित करवाएं।'' कानून के तहत आश्यक सूचना ढांचे का मतलब होता है कंप्यूटर संसाधन जिन्हें क्षति पहुंचाने का राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर असर होगा।
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लंदन। क्रिप्टोकरेंसी में बिकवाली बढ़ने के साथ ही बिटकॉइन की कीमत 2020 के अंत के बाद पहली बार शनिवार को 20,000 डॉलर से नीचे आ गई। कॉइनडेस्क के अनुसार बिटकॉइन, जो सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, वह नौ प्रतिशत टूटकर 19,000 डॉलर से कम हो गया। पिछली बार बिटकॉइन नवंबर 2020 में इस स्तर पर था। इसके बाद बिटकॉइन 69,000 डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। इस स्तर पर पहुंचने के बाद से बिटकॉइन 70% से अधिक मूल्य खो चुका है। एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी हाल के हफ्तों में तेजी से गिरी है। इसमें शनिवार को भी गिरावट जारी रही। दुनिया भर में केंद्रीय बैंक तेज मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, जिसके चलते निवेशक जोखिम वाली संपत्तियां को बेच रहे हैं। - नयी दिल्ली ।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत पेट्रोल गाड़ियों की लागत के बराबर होगी।गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के बजाए फसल अवशेषों से एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।उन्होंने ‘टीवी 9 के भारत आज क्या सोचता है, विषय पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं कोशिश कर रहा हूं कि देश में एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल गाड़ियों की लागत के बराबर हो। इससे हम जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल आदि) पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा को बचा सकेंगे।’’मंत्री ने कहा कि सरकार व्यापक स्तर पर हरित ईंधन को बढ़ावा दे रही है।गडकरी ने कहा कि जलमार्ग सड़क के मुकाबले परिवहन का सस्ता माध्यम है और इस पर तेजी से काम हो रहा है।
- नयी दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ताओं में से एक मदर डेयरी ने अपने खाद्यतेल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की है। मदर डेयरी ने कहा है कि वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों के दाम नीचे आए हैं। इसी के मद्देनजर उसने यह कदम उठाया है। कंपनी अपने खाद्य तेलों को धारा ब्रांड के तहत बेचती है। धारा सरसों तेल (एक लीटर पॉली पैक) की कीमत 208 रुपये से घटाकर 193 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। धारा रिफाइंड सूरजमुखी तेल (एक लीटर पॉली पैक) पहले के 235 रुपये प्रति लीटर से अब 220 रुपये में बेचा जाएगा। धारा रिफाइंड सोयाबीन तेल (एक लीटर पॉली पैक) की कीमत 209 रुपये से घटकर 194 रुपये हो जाएगी। मदर डेयरी ने एक बयान में कहा, ‘‘धारा खाद्य तेलों की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की जा रही है।'' कीमतों में यह कमी हाल की सरकार की पहल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों का प्रभाव कम होने और सूरजमुखी तेल की उपलब्धता बढ़ने की वजह से हुई है। नए एमआरपी के साथ धारा खाद्य तेल अगले सप्ताह तक बाजार में पहुंच जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च दरों के कारण पिछले एक साल से खाद्य तेल की कीमतें बहुत ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत सालाना लगभग 1.3 करोड़ टन खाद्य तेलों का आयात करता है। खाद्य तेलों के लिए देश की आयात पर निर्भरता 60 प्रतिशत की है।
- नयी दिल्ली। विमानन कंपनी एयरएशिया इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वह पांच अगस्त से लखनऊ को पांच अन्य शहरों से जोड़ने वाली उड़ानें शुरू करेगी। एयरलाइन ने बयान में कहा कि वह पांच अगस्त से लखनऊ से बेंगलुरु, दिल्ली, गोवा, कोलकाता और मुंबई के बीच दैनिक उड़ानें शुरू करेगी।
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नई दिल्ली। विमान ईंधन के दामों में हुई बढ़ोतरी और रुपये के अवमूल्यन की वजह से घरेलू विमानन कंपनियों के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है। विमानन कंपनी स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च 2020 में लगाए गए दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को जब हवाई सेवाएं बहाल हुई थीं तब सरकार ने विमान उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराये की निम्न और उच्च सीमा निर्धारित की थी। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच इस वर्ष 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।सिंह कहा, ‘‘जून 2021 के बाद से विमान ईंधन के दाम में 120 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। दामों में बड़े पैमाने पर हुई यह वृद्धि वहनीय नहीं है और केंद्र तथा राज्यों की सरकारों को विमान ईंधन पर कर कम करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से भी विमानन कंपनियों पर बहुत असर पड़ा है। - नयी दिल्ली। नई विमानन कंपनी आकाश एयर को अमेरिका की कंपनी बोइंग से गुरुवार को पहले 737 मैक्स विमान की आपूर्ति मिली। एक बयान में यह जानकारी दी गई।नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 26 अगस्त, 2021 को बोइंग 737 मैक्स एयरलाइन के परिचालन की अनुमति दी थी। इसके तीन महीने बाद 26 नवंबर, 2021 को आकाश एयर ने बोइंग के साथ 72 मैक्स विमानों की खरीद का करार किया था।आकाश एयर के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे ने गुरुवार को कहा, ‘‘यह आकाश एयर की यात्रा में एक प्रतीकात्मक उपलब्धि है जो वाणिज्यिक पेशकश की खातिर हवाई परिचालन मंजूरी (एओपी) पाने की दिशा में और एक कदम आगे बढ़ाती है।’’एयरलाइन को वाणिज्यिक उड़ान परिचालन शुरू करने के लिए अगस्त, 2021 में नागर विमानन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला था। आकाश एयर ने एक बयान में कहा, ‘‘एयरलाइन ने कुल 72 विमानों का ऑर्डर दिया है जिनमें से 18 विमानों की प्रारंभिक आपूर्ति मार्च, 2023 तक होगी। इसके बाद अगले चार वर्षों के दौरान शेष 54 विमानों की आपूर्ति मिलेगी।’’
- नई दिल्ली। टाटा की नैनो कार , छोटी कार पसंद करने वाले लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। अब उससे भी छोटी स्विट्जरलैंड की एक इलेक्ट्रिक कार कंपनी बाजार में आ गई है। इस कार की काफी चर्चा है। इस कंपनी ने एक ऐसा इलेक्ट्रिक व्हीकल तैयार किया है जो दिखने में तो कार जैसा है लेकिन ये कार नहीं कुछ और है। दरअसल माइक्रो मोबिलिटी सिस्टम्स नाम की कंपनी ने एक अनूठा प्रयोग किया है और मोटरसाइकिल और कार के डिजाइन का मिश्रण कर ये अद्भुत इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाया है। खास बात ये है कि ये देखने में टाटा नैनो से भी छोटा इलेक्ट्रिक व्हीकल है।अपने बेहद दिलचस्प डिजाइन और अनूठे फीचर्स के चलते ये इलेक्ट्रिक व्हीकल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस व्हीकल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये इलेक्ट्रिक वाहन अभी फुल-स्टेज प्रोडक्शन में भी नहीं पहुंचा और अभी से ही 30 हजार लोगों ने इस इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर एडवांस बुकिंग कर दी है।अब तक की जानकारी के अनुसार इस वाहन में दो लोग एक साथ बैठकर यात्रा कर सकते हैं। महज 535 किलो वजनी इस इलेक्ट्रिक वाहन को एक बार चार्ज करने के बाद 235 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। हालांकि इस वाहन के बेस मॉडल की रेंज सिर्फ 115 किलोमीटर के आसपास ही है। कंपनी ने ये भी कहा कि इस छोटी सी कार को 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा सकता है। इस इलेक्ट्रिक वाहन में 230 लीटर ट्रंक स्पेस है और ये कार दरअसल एक कॉम्पैक्ट चार-पहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल है। कंपनी का कहना है कि इस कार को सिटी राइड के हिसाब से तैयार किया है। इस तरह इस कार को बिना दोबारा चार्ज किए आराम से सप्ताह भर चलाया जा सकता है।ये कार तकनीकी तौर पर एक क्वैड्रीसाइकिल है, लेकिन इसे कॉम्पैक्ट कार की तरह डिजाइन किया गया है, यही कारण है कि इस गाड़ी को यूरोप में क्लास एल7ई व्हीकल कैटेगिरी में डाला गया है। कंपनी ने ये भी कहा है कि इस व्हीकल के 90 प्रतिशत कल-पुर्जे यूरोप में ही बने हैं।कंपनी का कहना है कि वे प्लांट की क्षमता को 1,500 व्हीकल सालाना से बढ़ाकर करीब 10 हजार करने की तैयारी में है। बता दें कि स्विट्जरलैंड के ग्राहकों के लिए इस इलेक्ट्रिक व्हीकल की शुरुआती कीमत 15,340 डॉलर यानी करीब 12 लाख रुपये रखी गई है। वहीं अगर यूरोप की बात करें तो इसकी शुरुआती कीमत 13,400 डॉलर लिस्ट की गई है। कंपनी ने कहा कि वह स्विट्जरलैंड के ग्राहकों को इस गर्मियों में डिलीवरी शुरू कर देगी। इसके बाद यूरोप के अन्य हिस्सों में इस इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिलीवरी शुरू की जाएगी।-----
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नयी दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत की करीब 90 प्रतिशत कंपनियों मानना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली ने देशभर में अवरोधकों को दूर करके कारोबार को सुगम बनाया है। डेलॉयट के एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। ‘डेलॉयट जीएसटी @5 सर्वे 2022' के मुताबिक जीएसटी प्रणाली ने उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली कीमतों, वस्तुओं एवं सेवाओं के दाम को भी सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया है और यह आपूर्ति श्रृंखलाओं के अनुकूलन के लिहाज से भी कंपनियों के लिए मददगार है। सरकार द्वारा कर अनुपालन का स्वचालन और ई-चालान/ई-वे सुविधा की शुरुआत सबसे लाभकारी सुधार है। इसके अलावा उद्योग जगत के प्रमुख अधिकारियों ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कर व्यवस्था के सरलीकरण, मासिक तथा वार्षिक रिटर्न की स्वचालित गणना के लिए अद्यतन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की भी प्रशंसा की है। राष्ट्रव्यापी जीएसटी प्रणाली की शुरुआत एक जुलाई, 2017 को हुई थी।
डेलॉयट टच तोमात्सु इंडिया एलएलपी में साझेदार एवं लीड (अप्रत्यक्ष कर) महेश जयसिंह के मुताबिक हाल के महीनों में कर संग्रह में हुई बढ़त, इस प्रणाली में प्रौद्योगिकी से लैस कर सुधारों की सफलता की सूचक है। इससे पता चलता है कि यह कर प्रणाली करदाताओं के लिए सुगम भी है। सर्वे में कहा गया, ‘‘महत्वपूर्ण क्षेत्रों के 90 प्रतिशत चीफ एक्सपीरियंस ऑफिसर्स (सीएक्सओ) इस गतिशील और प्रौद्योगिकी आधारित अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का समर्थन करते हैं। उद्योग के दिग्गजों का ऐसा मानना है कि ‘एक राष्ट्र, एक कर' सुधार ने देशभर में अवरोधकों को निश्चित ही दूर किया है, कारोबारी सुगमता को बढ़ावा दिया है और यह कंपनियों तथा करदाताओं दोनों के लिए प्रभावी है।'' चार हफ्ते तक चले डेलॉयट के इस सर्वेक्षण में 234 सीएक्सओ या सीएक्सओ स्तर के अधिकारी शामिल हुए। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी के प्रभाव का आकलन किया गया। -
नयी दिल्ली। मांग में लगातार सुधार के साथ भारत में एक साल पहले की तुलना में जून के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री 54 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं इस दौरान डीजल की खपत में 48 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले साल 2021 की समान अवधि में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता देश भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप था, जिसकी वजह से ईंधन की मांग में गिरावट आई थी। सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोलियम कंपनियों ने एक से 14 जून के दौरान 12.8 लाख टन पेट्रोल की बिक्री की। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 54.2 प्रतिशत अधिक है। उद्योग के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 की बिक्री का आंकड़ा जून, 2020 के पहले पखवाड़े में मांग की तुलना में 48.2 प्रतिशत अधिक है और कोविड-पूर्व यानी जून, 2019 की 10.2 लाख टन बिक्री से 25 प्रतिशत अधिक है। माह-दर-माह आधार पर पेट्रोल की बिक्री 0.8 प्रतिशत बढ़ी है। देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 47.8 प्रतिशत बढ़कर 34 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा जून, 2020 की इसी अवधि की तुलना में 37.3 प्रतिशत अधिक और कोविड-पूर्व अवधि की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक है। यह पिछले महीने मई के पहले पखवाड़े के 30.3 लाख टन खपत की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।
रसोई गैस की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 4.21 प्रतिशत बढ़कर 10.6 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा 2020 की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक और जून, 2019 के पहले पखवाड़े की तुलना में 28.1 प्रतिशत अधिक है। विमान ईंधन यानी एटीएफ की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में दोगुना से अधिक होकर 2,42,900 टन पर पहुंच गई। एटीएफ की खपत जून, 2020 की समान अवधि से 125.1 प्रतिशत अधिक रही। हालांकि, यह जून, 2019 की तुलना में 16.5 प्रतिशत कम रही। -
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार के 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी देने के कदम के बारे में बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इससे उद्योग और उपभोक्ताओं को काफी फायदा मिलेगा। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि आधार मूल्य बोलीदाताओं के लिए एक मुद्दा बना हुआ है क्योंकि इसमें और कटौती की उम्मीद की जा रही थी। डेलॉयट इंडिया में भागीदार और दूरसंचार क्षेत्र के लीडर पीयूष वैश्य ने कहा कि सरकार ने मिलीमीटर वेव (एमएम-वेव) बैंड की नीलामी की भी घोषणा की है जिससे 5जी की वास्तविक संभावनाओं का लाभ उठाने में तो मदद मिलेगी ही, संचालकों को लागत का रणनीतिक तरीके से प्रबंधन करने में भी यह सहायक होगा। वैश्य कहा, ‘‘5जी नीलामी का रास्ता साफ हो गया है। यह संभवत: अबतक की बहुप्रतीक्षित स्पेक्ट्रम नीलामी है जिससे उद्योग और उपभोक्ताओं को बहुत लाभ मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि एक और अच्छी बात यह है कि संचालक बिना किसी देनदारी के दस साल बाद स्पेक्ट्रम लौटा सकते हैं। निजी नेटवर्क के विकास की मंजूरी देने संबंधी घोषणा की भी उन्होंने सराहना की। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी जयदीप घोष ने कहा कि सभी बैंड में स्पेक्ट्रम की व्यापक उपलब्धता उत्साहजनक है और संभावित बोलीदाता अपनी रणनीति के अनुरूप स्पेक्ट्रम बैंड के लिए प्रयास कर सकते हैं। घोष ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य एक मुद्दा बना हुआ है क्योंकि बोलीदाता कम कीमतों की उम्मीद कर रहे थे।'' केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा अपने खुद के इस्तेमाल (कैप्टिव) के लिए 5जी नेटवर्क की स्थापना को भी मंजूरी दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 72 गीगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई माह के अंत तक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 14 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने 5जी की नीलामी आरक्षित मूल्य पर करने की मंजूरी दी है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पेक्ट्रम मूल्य के बारे में सिफारिशें दी थीं। ट्राई ने मोबाइल सेवाओं के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को आरक्षित मूल्य में करीब 39 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया था। -
नयी दिल्ली। देश का वस्तुओं का निर्यात इस साल मई में 20.55 प्रतिशत बढ़कर 38.94 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान व्यापार घाटा भी उछलकर रिकॉर्ड 24.29 अरब डॉलर हो गया। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई, 2022 में आयात 62.83 प्रतिशत बढ़कर 63.22 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा पिछले साल मई महीने में 6.53 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में निर्यात करीब 25 प्रतिशत बढ़कर 78.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आलोच्य अवधि में आयात 45.42 प्रतिशत बढ़कर 123.41 अरब डॉलर रहा।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में व्यापार घाटा बढ़कर 44.69 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 21.82 अरब डॉलर था। पेट्रोलियम और कच्चे तेल का आयात इस साल मई में 102.72 प्रतिशत बढ़कर 19.2 अरब डॉलर पहुंच गया।
कोयला, कोक और ब्रिकेट (कोयले के चूरे को लेकर बनाया गया ब्लॉक) का आयात उछलकर 5.5 अरब डॉलर रहा जो मई, 2021 में दो अरब डॉलर था। आंकड़ों के अनुसार, सोने का आयात मई, 2022 में बढ़कर छह अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी महीने में 67.7 करोड़ डॉलर था। इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात आलोच्य महीने में 12.65 प्रतिशत बढ़कर 9.7 अरब डॉलर रहा जबकि पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 60.87 प्रतिशत बढ़कर 8.54 अरब डॉलर रहा। रत्न एवं आभूषण निर्यात मई, 2022 में बढ़कर 3.22 अरब डॉलर रहा जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2.96 अरब डॉलर था। रसायनों का निर्यात आलोच्य माह में 17.35 प्रतिशत बढ़कर 2.5 अरब डॉलर रहा।
इसी प्रकार, दवा और सिलेसिलाये कपड़ों का निर्यात पिछले महीने क्रमश: 10.28 प्रतिशत और 27.85 प्रतिशत बढ़कर दो अरब डॉलर और 1.41 अरब डॉलर रहा। जिन क्षेत्रों के निर्यात वृद्धि में गिरावट रही, उसमें लौह अयस्क, काजू, हस्तशिल्प, प्लास्टिक, कालीन और मसाले शामिल हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, मई में सेवा आयात का अनुमानित मूल्य 14.43 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल इसी महीने में 9.95 अरब डॉलर के मुकाबले 45.01 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में सेवा आयात का मूल्य 28.48 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह पिछले साल 2021 के अप्रैल-मई में 19.57 अरब डॉलर के मुकाबले 45.52 प्रतिशत अधिक है। -
कोलकाता । जेडब्ल्यूएस स्टील का कच्चे इस्पात का उत्पादन मई माह में एकल आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 17.89 लाख टन हो गया। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मई 2021 में कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन 13.67 लाख टन था। कंपनी ने कहा कि उसके फ्लैट रोल्ड उत्पादों का उत्पादन 29 फीसदी बढ़कर 12.84 लाख टन और लांग उत्पादों का उत्पादन 25 फीसदी वृद्धि के साथ 3.86 लाख टन हो गया।
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मुंबई | कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से बाजार में अस्थायी कर्मचारियों की मांग में उछाल जारी है। बिक्री और विपणन जैसे क्षेत्र की नौकरियों में वृद्धि के साथ मई में अस्थायी कर्मचारियों की मांग पिछले महीने की तुलना में 22.13 प्रतिशत बढ़ी है। क्वेस कॉर्प के समर्थन वाले स्टार्टअप टास्कमो के पहले ‘टास्कमो गिग सूचकांक' (टीजीआई) के अनुसार, महामारी के बाद भारतीय कंपनियों में अस्थायी कर्मचारियों, परियोजना आधारित कर्मियों की मांग तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनियां मुख्य रूप से बिक्री, अंतिम छोर तक वितरण, डिजिटल प्रचार, ब्रांड प्रचार और ‘माइक्रो-इन्फ्लूएंसर्स' में अस्थायी कर्मचारियों की तलाश करती हैं। टीजीआई सूचकांक के अनुसार विपणन और बिक्री जैसे नौकरियों में अस्थायी कर्मचारियों की मांग सबसे अधिक तीन अंक में बढ़ी है।
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नयी दिल्ली. भारती एयरटेल ने मंगलवार को अपने पहले मेटावर्स मल्टीप्लेक्स 'एक्स्ट्रीम मल्टीप्लेक्स' से पर्दा उठा दिया। दूरसंचार कंपनी ने बयान में कहा कि एक्स्ट्रीम मल्टीप्लेक्स उसके एक्स्ट्रीम प्रीमियम की विस्तारित पेशकश का हिस्सा है। एक्सट्रीम प्रीमियम को पेश किए जाने के 100 दिन के भीतर ही इसने 20 लाख ग्राहक जोडऩे का मुकाम हासिल किया है। कंपनी के अनुसार, एक्स्ट्रीम मल्टीप्लेक्स एक 20 स्क्रीन का मंच होगा। इस पर प्रमुख ओटीटी मंचों पर उपलब्ध ऑनलाइन सामग्री को भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा मल्टीप्लेक्स पर मेटावर्स के अनुभव के तौर पर सीमित ऑनलाइन सामग्री भी उपलब्ध होगी। ग्राहक क्षेत्रीय भाषाओं समेत हिंदी और अंग्रेजी में किसी 'सीरीज' का पहला एपिसोड या किसी मूवी के शुरुआती कुछ मिनट देख सकेंगे। -
नयी दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर 2022 तक ब्याज दरों को 5.9 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। फिच ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के अपने ताजा अपडेट में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बिगड़ते बाहरी माहौल, जिंस कीमतों में बढ़ोतरी और सख्त वैश्विक मौद्रिक नीति का सामना कर रही है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ''मुद्रास्फीति के लिए बिगड़ते परिदृश्य को देखते हुए, अब हमें उम्मीद है कि आरबीआई ब्याज दर को बढ़ाकर दिसंबर 2022 तक 5.9 प्रतिशत और 2023 के अंत तक 6.15 प्रतिशत (जबकि पिछला पूर्वानुमान पांच प्रतिशत था) कर सकता है और 2024 में इसके अपरिवर्तित रहने की उम्मीद है।'' पिछले महीने तय कार्यक्रम के बिना एक नीति घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दरों को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया था, और बाद में पिछले सप्ताह इसे और बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। मई में खुदरा महंगाई 7.04 फीसदी पर थी। फिच ने कहा, ''मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है और सीपीआई की अधिक श्रेणियों में फैल गई है। यह उपभोक्ताओं के लिए एक गंभीर चुनौती है। पिछले तीन महीनों में, खाद्य मुद्रास्फीति में वार्षिक आधार पर औसतन 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि स्वास्थ्य देखभाल का खर्च भी लगातार बढ़ रहा है।'' फिच के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में खपत बढऩे से वृद्धि में सुधार होने की संभावना है, क्योंकि मार्च के अंत में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हो गए थे। -
नयी दिल्ली. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को आईओटेक वल्र्ड एविगेशन को नए ड्रोन नियमों के तहत 'फस्र्ट टाइप' (टीसी) प्रमाणपत्र प्रदान किया। नए ड्रोन नियम पिछले साल 25 अगस्त को जारी किए गए थे। नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट किया, ''ड्रोन नियम 2021 के तहत, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) या एक अधिकृत परीक्षण इकाई की सिफारिश पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) विशिष्ट प्रकार की मानव रहित विमान प्रणाली (ड्रोन) के लिए प्रमाणपत्र जारी करता है।'' मंत्रालय ने कहा, ''नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज आईओटेक वल्र्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय को ड्रोन नियम, 2021 के तहत 'फस्र्ट टाइप' प्रमाणपत्र प्रदान किया।''
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नयी दिल्ली. जायडस लाइफसाइंस के चेयरमैन पंकज आर पटेल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड में अंशकालिक गैर-सरकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। दवा विनिर्माता कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पटेल की नियुक्ति को अधिसूचना जारी होने की तारीख से चार साल या अगले आदेश तक के लिए मंजूरी दे दी है। कंपनी ने बताया कि पटेल पहले से ही इन्वेस्ट इंडिया समेत कई संस्थानों के निदेशक मंडल में शामिल हैं और वह मिशन संचालन समूह (एमएसजी) के सदस्य हैं। वह आईआईएम-उदयपुर के संचालन और सोसाइटी बोर्ड के चेयरमैन होने के साथ आईआईएम (अहमदाबाद) के संचालन बोर्ड के सदस्य भी हैं।
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चेन्नई. हिंदुजा समूह की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकाई स्विच मोबिल्टी ने अपनी इलेक्ट्रिक बस ईआईवी12 को पेश किया है। इस पेशकश के साथ कंपनी की ईवी उद्योग में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की योजना है। स्विच मोबिलिटी ने मंगलवार को कहा कि कंपनी का उद्देश्य शहरों के बीच, अलग-अलग शहरों, स्कूल समेत अन्य श्रेणी में अपनी सेवाएं देना है। स्विच मोबिल्टी ने बताया कि ये बसें यात्रा की दूसरी के आधार पर अलग-अलग संस्करणों में उपलब्ध होंगी। एक बार चार्ज करने के बाद ये बसें 100 से 300 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकेंगी। कंपनी के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेश बाबू ने कहा कि स्विच मोबिलिटी इन बसों को सड़क पर उतारने के लिए कई राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, ये बसें ईआईवी 12 लो फ्लोर और ईआईवी 12 स्टैंडर्ड जैसे दो मॉडल में उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि इन बसों की कीमत करीब एक करोड़ रुपये होगी। - नयी दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एयर इंडिया द्वारा वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं देने और उसके बाद अनिवार्य मुआवजा देने से इनकार करने के मामले में नियामक ने यह जुर्माना लगाया गया है।नियामक ने मंगलवार को बयान में कहा, ‘‘डीजीसीए द्वारा बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली में इस तरह के मामलों की जांच की गई। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि एयर इंडिया ने नियमनों का अनुपालन नहीं किया गया। इसके बाद एयरलाइन को डीजीसीए द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और इस संदर्भ में व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई थी।’’डीजीसीए के मुताबिक, इस संबंध में एयर इंडिया की संभवत: अपनी कोई नीति नहीं है और वह यात्रियों को मुआवजे का भुगतान नहीं करती है। नियामक ने कहा कि आखिरकार यह एक गंभीर चिंता का विषय है और अस्वीकार्य है। नियामक ने कहा कि इस मामले में एयर इंडिया के जवाब के बाद सक्षम प्राधिकरण ने एयरलाइन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एयरलाइन को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तत्काल तंत्र भी स्थापित करने की सलाह दी गई है।
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नयी दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गज आर सुब्रमण्यकुमार 24 जून से निजी क्षेत्र के आरबीएल बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभालेंगे। उनके पास 40 साल से अधिक का अनुभव है। वह अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ राजीव आहूजा का स्थान लेंगे। दिसंबर, 2021 के अंत में बैंक के तत्कालीन प्रमुख विश्ववीर आहूजा को अचानक पद से हटाए जाने के बाद आहूजा ने अंतरिम प्रबंध निदेशक और सीईओ का कार्यभार संभाला था। आहूजा को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेज दिया गया था। सुब्रमण्यकुमार ने पूर्व में चेन्नई स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के प्रबंध निदेशक और सीईओ और बैंक के कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्य किया था। इसके अलावा वह इंडियन बैंक में ईडी भी थे और बैंकिंग उद्योग में विभिन्न पदों पर रहे। उन्होंने दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने पीएनबी के भूटान संयुक्त उद्यम ड्रक पीएनबी के निदेशक मंडल में भी रहे। राजीव आहूजा ने सुब्रमण्यकुमार की नियुक्ति का स्वागत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि बैंक को उनके अनुभव से बहुत लाभ होगा।
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नयी दिल्ली | कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की तरफ से आयात के लिए जारी निविदाओं के बावजूद देश का कोयले का आयात चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत घटकर 18.6 करोड़ टन पर आ सकता है। सरकार के दिशानिर्देशों के बाद सार्वजानिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति के लिए पिछले सप्ताह निविदाएं जारी की हैं। कोयला मंत्रालय के मध्यम अवधि के लिए अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में कुल 18.6 करोड़ टन कोयले का आयात किया जा सकता है। इसमें गैर-कोकिंग कोयले की हिस्सेदारी 13 करोड़ टन और कोकिंग कोयला का हिस्सा 5.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है। मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 17.2 करोड़ टन, 2027-28 के लिए 17.3 करोड़ टन और 2029-30 के लिए 17 करोड़ टन कोयले के आयात का अनुमान है। देश में 2021-22 के दौरान 21 करोड़ टन कोयले का आयात हुआ था। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में 21.5 करोड़ टन और 2019-20 में 24.9 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया था। -
नयी दिल्ली | केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से दबाव वाले जिलों में राशन की दुकानों के माध्यम से दूसरे चरण का फोर्टिफाइड (पोषण तत्वों से संवर्धित) चावल वितरण शुरू किया है और अबतक लक्षित 291 जिलों में से 90 जिलों को इस योजना के दायरे में लिया गया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार का उद्देश्य 2024 तक केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से पोषण संवर्धित चावल का वितरण करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में गरीबों के बीच कुपोषण के मुद्दे का समाधान निकालने की घोषणा की थी। इसका पहला चरण अक्टूबर, 2021 में शुरू किया गया था जिसके तहत एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण (पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना) के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की गई थी। फोर्टिफाइड चावल खाद्य नियामक एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप बनाया जाता है। इसमें चावल को तीन सूक्ष्म पोषक तत्वों - आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 के साथ मिश्रित करने की सलाह दी गई है। इस संदर्भ में हुई प्रगति पर मीडिया को जानकारी देते हुए पांडेय ने कहा कि आईसीडीएस केंद्रों और पीएम-पोषण के अलावा सरकार का लक्ष्य दूसरे चरण में 291 आकांक्षी और उच्च बोझ वाले जिलों को 175 लाख टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण करते हुए उन्हें योजना के दायरे में लाना है। उन्होंने कहा, ‘‘चरण-2 के कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अबतक जरूरत की लगभग 50 प्रतिशत खरीद की जा चुकी है।'' भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा लगभग 90 लाख टन फोर्टिफाइड चावल की खरीद की गई है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि के दौरान 16 राज्यों के 90 से अधिक जिलों में लगभग 2.20 लाख टन की आपूर्ति की गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार चरण-2 के कार्यान्वयन के लिए जरूरी मात्रा की खरीद कर पाएगी, सचिव ने कहा, यह एक सतत और जटिल प्रक्रिया है। लगभग 90 लाख टन एफसीआई के पास उपलब्ध है और राज्यों द्वारा उठान किया जाता है।'' फोर्टिफाइड चावल के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों पर सचिव ने कहा कि चावल को पोषक तत्वों से संवर्धित करने के लाभ हानिकारक प्रभावों से कहीं अधिक हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि एक व्यापक समवर्ती मूल्यांकन तंत्र स्थापित किया गया है। सभी राज्यों ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया है जो पूरे वितरण की समीक्षा करेगी। खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने कहा कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार के साथ, पोषक तत्वों से संवर्धित करने की लागत कम हो रही है। फिलहाल यह 73 पैसे प्रति किलो है और कई राज्यों में यह करीब 50 पैसे प्रति किलो है। उन्होंने कहा कि यह कदम जरूरी था क्योंकि कुपोषण से उत्पादकता घटने, बीमारी और मृत्यु के मामलों से देश को सालाना कम से कम 77,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि आयरन की कमी से होने वाले ‘एनीमिया' के कारण देश को सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक प्रतिशत (2.03 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होता है। सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स-दिल्ली के अतिरिक्त प्रोफेसर कपिल यादव ने कहा, ‘‘इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं, लेकिन लाभ कहीं अधिक हैं। भारत में प्रसव के दौरान रक्तस्राव के कारण दुनिया में सबसे अधिक मृत्यु दर है। चावल का फोर्टिफिकेशन इसे कम करने में मदद करता है।


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