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- नई दिल्ली। नीति आयोग ने आज निर्यात तत्परता सूचकांक - ईपीआई 2020 जारी किया। ईपीआई का उद्देश्य चुनौतियों और अवसरों की पहचान करना, सरकारी नीतियों की कारगरता को बढ़ाना और सुविधाजनक नियामक ढांचे को प्रोत्साहन देना है । ईपीआई के चार स्तंभ, नीति, व्यापार और निर्यात से जुड़े विभिन्न पहलू और निर्यात प्रदर्शन हैं। इसमें निर्यात संवर्धन नीति, संस्थागत ढांचा, व्यापार, पर्यावरण, मूलभूत ढांचा और यातायात की व्यवस्था से जुड़े पहलू भी शामिल है।इस अवसर पर नीति आयोग उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि विश्व के बाजार में भारत एक मजबूत निर्यातक बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ईपीआई सूचकांक विभिन्न राज्यों की क्षमता को आंकता है। डॉक्टर कुमार ने कहा कि उम्मीद है कि इस सूचकांक से मिलने वाले विस्तृत ब्यौरे का उपयोग कर सभी पक्षधर राष्ट्रीय और राज्यकीय स्तर दोनों पर निर्यात से जुड़ी प्रणाली को मजबूत कर पाएंगे।नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिताभ कांत ने कहा कि निर्यात तत्परता सूचकांक आंकड़ों पर आधारित एक प्रयास है जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख केंद्र बिंदुओं की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्यात में लगातार वृद्धि के लिए किसी भी आर्थिक संस्थान के लिए आवश्यक तथ्यों के आधार पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का आकलन किया गया है।अभी जारी ईपीआई से पता लगा है कि निर्यात विविधता, यातायात संपर्क व्यवस्था और मूलभूत ढांचे के पैमाने पर अधिकांश भारतीय राज्यों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि ज्यादातर तटवर्ती राज्यों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है और गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को शीर्ष तीन स्थान प्राप्त हुए हैं।नीति आयोग ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर भारत पर आधारित एक विकासशील देश बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निर्यात बढ़ाने की जरूरत है। ईपीआई से महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है कि इस लक्ष्य को राज्य कैसे हासिल करें।
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नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे की अपनी खाली पड़ी जमीन पर 20,000 मेगावाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की योजना है। इन संयंत्रों में देश में विनिर्मित सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का उपयोग किया जाएगा और उत्पादित बिजली का उपयोग रेलवे अपने नेटवर्क में करेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे का नेटवर्क 100 प्रतिशत बिजली चालित होगा। इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा। गोयल ने कहा, हमारी जो अधिशेष जमीन है, उसका बड़ा हिस्सा और ट्रैक के पास उपलब्ध भूमि का उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा। भारत में बने सौर और पवन ऊर्जा उपकरणों का प्रयोग किया जहा रहा है। इन भूखंडों पर 20,000 मेगावाट नवीकरणीय बिजली उत्पादन करने की योजना है। यह बिजली हमारे पूरे नेटवर्क को चालाने के लिये पर्याप्त होगी। वह सीईईडब्ल्यू (काउंसिल ऑफ एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर) के स्वच्छ ऊर्जा पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेलवे को इस तरह की बिजली के लिए बैटरी स्टोरेज के विस्तार या अन्य बिजली संग्रह के दूसरी प्रालियों की व्यवस्था करने की जरूरत होगी।
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नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की गुरुवार 27 अगस्त को होने वाली बैठक हंगामेदार हो सकती है। विपक्षी दल शासित राज्य, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के कारण राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिये केंद्र पर वादे के अनुसार क्षतिपूर्ति देने को लेकर दबाव बनाने को एकजुट दिखता हैं। सूत्रों के अनुसार जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये होगी। बैठक का एकमात्र एजेंडा--राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई है। बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि, शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने की संभावना है। कोविड-19 संकट ने राज्यों की वित्तीय समस्याएं बढ़ा दी है। - मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की। इस दौरान दो हजार के नोटों का प्रसार कम हुआ है। रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।रिपोर्ट के अनुसार मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद दो हजार के नोटों की संख्या 33 हजार 632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32 हजार 910 लाख पर आ गई। मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद दो हजार के नोटों की संख्या और घटकर 27 हजार 398 लाख पर आ गई।रिपोर्ट के अनुसार, प्रचलन में कुल मुद्राओं में दो हजार के नोट का हिस्सा मार्च, 2020 के अंत तक घटकर 2.4 प्रतिशत रह गया। यह मार्च, 2019 के अंत तक तीन प्रतिशत तथा मार्च, 2018 के अंत तक 3.3 प्रतिशत था। मूल्य के हिसाब से भी दो हजार के नोटों की हिस्सेदारी घटी है। आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2020 तक चलन में मौजूद कुल नोटों के मूल्य में दो हजार के नोट का हिस्सा घटकर 22.6 प्रतिशत रह गया। यह मार्च, 2019 के अंत तक 31.2 प्रतिशत और मार्च, 2018 के अंत तक 37.3 प्रतिशत था।रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से तीन साल के दौरान 500 और 200 रुपये के नोटों के प्रसार में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। मूल्य और मात्रा दोनों के हिसाब से 500 और 200 रुपये के नोट का प्रसार बढ़ा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में 2,000 के करेंसी नोट की छपाई के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया गया। भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लि. (बीआरबीएनएमपीएल) तथा सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (एसपीएमसीआईएल) की ओर 2,000 के नोट की कोई नई आपूर्ति नहीं की गई। 2019-20 में बैंक नोटों के लिए ऑर्डर एक साल पहले की तुलना में 13.1 प्रतिशत कम थे।रिपोर्ट कहती है कि 2019-20 में बैंक नोटों की आपूर्ति भी इससे पिछले साल की तुलना में 23.3 प्रतिशत कम रही। इसकी मुख्य वजह कोविड-19 महामारी और उसके चलते लागू लॉकडाउन है। रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 में 500 के 1,463 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया। इसमें से 1,200 करोड़ नोटों की आपूर्ति हुई। वहीं 2018-19 में 1,169 करोड़ नोटों की छपाई के ऑर्डर पर 1,147 करोड़ नोटों की आपूर्ति की गई।रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में बीआरबीएनएमपीएल तथा एसपीएमसीआईएल को 100 के 330 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया। इसी तरह 50 के 240 करोड़ नोटों, 200 के 205 करोड़ नोटों, 10 के 147 करोड़ नोटों और 20 के 125 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया। इनमें से ज्यादातर की आपूर्ति वित्त वर्ष के दौरान की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019-20 में बैंकिंग क्षेत्र में पकड़े गए जाली नोटों (एफआईसीएन) में से 4.6 प्रतिशत रिजर्व बैंक के स्तर पर पकड़े गए। वहीं 95.4 प्रतिशत जाली नोटों का पता अन्य बैंकों के स्तर पर चला। कुल मिलाकर 2,96,695 जाली नोट पकड़े गए। यदि इससे पिछले वित्त वर्ष से तुलना की जाए, तो 10 के जाली नोटों में 144.6 प्रतिशत, 50 के जाली नोटों में 28.7 प्रतिशत, 200 के जाली नोटों में 151.2 प्रतिशत तथा 500 (महात्मा गांधी-नई श्रृंखला) के जाली नोटों में 37.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं 20 के जाली नोटो में 37.7 प्रतिशत, 100 के जाली नोटो में 23.7 प्रतिशत तथा दो हजार के जाली नोटों में 22.1 प्रतिशत की कमी आई। बीते वित्त वर्ष में दो हजार के 17 हजार 20 जाली नोट पकड़े गए। यह आंकड़ा 2018-19 में 21 हजार 847 का रहा था।---
- नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक लिमिटेड (पीएनबी) ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) को सूचित किया है कि नीरव मोदी मामले में उसे वसूली की पहली किश्त के रूप में 3.25 मिलियन डॉलर (लगभग 24.33 करोड़ रुपये) की धनराशि प्राप्त हुई है।एमसीए ने विदेशी न्यायालय में कॉरपोरेट शासन (गवर्नेंस) मुकदमे की सुनवाई में प्रमुख भूमिका निभायी थी। यूएस चैप्टर 11 ट्रस्टी द्वारा देनदार की संपत्ति के परिसमापन पर, पीएनबी सहित असुरक्षित लेनदारों में वितरण के लिए 11.04 मिलियन डॉलर (लगभग 82.66 करोड़ रुपये) की राशि उपलब्ध है। आगे की वसूली अन्य खर्चों और अन्य दावेदारों के दावों के अंतिम फैसले के अधीन है।3.25 मिलियन डॉलर का पहला प्रत्यावर्तन, विदेश में कॉरपोरेट धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। मंत्रालय ने अपराधियों, यानी, नीरव मोदी/ मेहुल चोकसी द्वारा प्रवर्तित और/या नियंत्रित की गई संस्थाओं से धन की वसूली के लिए भी कार्रवाई शुरू की है।पंजाब नेशनल बैंक ने 2018 में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार को सूचित किया था कि नीरव मोदी की तीन कंपनियों- मैसर्स फायरस्टार डायमंड, इंक; मैसर्स ए जाफ़ी, इंक; और मैसर्स फैंटेसी, इंक ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साउथर्न डिस्ट्रिक्ट, न्यूयॉर्क में चैप्टर 11 दिवालियापन संरक्षण के लिए आवेदन दाखिल किया है। पीएनबी ने कर्जदाताओं की संपत्ति में अपने दावों से धनराशि की प्राप्ति में मदद करने के लिए कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में दिवालियापन वाद में शामिल होने का अनुरोध किया था।साउथर्न डिस्ट्रिक्ट, न्यूयॉर्क के अमेरिकी दिवालियापन न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 26 जुलाई, 2018 में देनदार कंपनियों की संपत्तियों की बिक्री से होने वाली आय में पीएनबी के दावों को मान्यता दी। इसने पीएनबी को अधिकृत किया कि वह शपथ के तहत पूछताछ के लिए नीरव मोदी, मिहिर भंसाली और राखी भंसाली को उपस्थिति-पत्र (सम्मन) जारी करे।इसके बाद, न्यूयॉर्क दिवालियापन अदालत द्वारा नियुक्त परीक्षक ने 24 अगस्त, 2018 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में धोखाधड़ी के तौर-तरीकों के बारे में बताया गया है, और किस तरह से अमेरिका में देनदार कंपनियों के कर्मचारियों ने धोखाधड़ी में भाग लिया था। धोखाधड़ी का एक प्रमुख तरीका यह था कि मुखौटा कंपनियां आपस में हीरों के राउंड-ट्रिपिंग में संलग्न थीं। ये मुखौटा कंपनियां वास्तव में, नीरव मोदी द्वारा प्रवर्तित (प्रमोट) थी और/या नियंत्रित की जाती थी।
- नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति ने देश में सरकार, विनियामक संस्थाओं और उद्योगों के बीच उत्कृष्ट सहयोग स्थापित करने का अनोखा अवसर प्रदान किया है। मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ -सी आई आई द्वारा आयोजित वर्चुअल समारोह में उद्योगपतियों और कारोबारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार ने जो भी घोषणाएं की हैं, उनमें ढांचागत सुधार का तत्व भी शामिल है।श्रीमती सीतारामन ने कहा कि उद्योगों के सरोकारों को समझने के लिए सरकार उनके साथ संपर्क बनाए हुए है। सरकार द्वारा स्वीकृत विनिवेश प्रस्ताव योजना पर तेजी से अमल की आवश्यकता पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार देश में बैंकों को पर्याप्त समर्थन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, रियल एस्टेट, आतिथ्य और एयर लाइंस जैसे कुछ क्षेत्रों पर महामारी का बहुत ज्यादा असर पड़ा है। श्रीमती सीतारामन ने बताया कि हालत सुधारने के लिए कदम उठाए गए हैं और आतिथ्य उद्योग बहुत जल्द मंदी के दौर से उबर जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में वस्तुओं और यात्रियों के निर्बाध आवागमन पर सरकार जिस तरह से जोर दे रही है, उससे अर्थव्यवस्था बहुत जल्द पटरी पर आ जाएगी।
- - कलेक्टर-एसपी ने किया लैब का उद्घाटन- दो घंटे में मिल जाएगी कोविड 19 जांच रिपोर्टरायगढ़। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फोर्टिस-ओपी जिंदल अस्पताल ने जिले सहित पूरे अंचल के लिए एक बड़ी सुविधा के रूप में ट्रू-नॉट लैबोरेटरी की स्थापना की है। इसका उद्घाटन कलेक्टर भीम सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने किया। इस लैब मेें प्रतिदिन 40 लोगों की जांच की जा सकेगी।महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए एक तरफ देश एकजुटता का परिचय दे रहा है, तो वहीं इस कठिन दौर में जरूरतमंदों तक अधिक से अधिक सहायता पहुंचाने के लिए जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड और इससे संबद्ध सभी संस्थान पूरी प्रतिबद्धता से जुटे हुए हैं। रायगढ़ जिले में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए फोर्टिस-ओपी जिंदल अस्पताल ने इसकी जांच के लिए ट्रू-नॉट लैबोरेटरी की स्थापना अस्पताल परिसर में की है। मंगलवार को इसका उद्घाटन फिजिकल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखते हुए आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर भीम सिंह, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के मुख्य महाप्रबंधक जे.एल. उइके एवं जेएसपीएल के सीओओ-छत्तीसगढ़ दिनेश कुमार सरावगी द्वारा किया गया।इस अवसर पर कलेक्टर भीम सिंह ने जेएसपीएल द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि फोर्टिस-ओपी जिंदल अस्पताल द्वारा शुरू की गई इस सुविधा से पूरे क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जिले में कोरोना से लडऩे के लिए पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन आगे की लड़ाई में निजी क्षेत्र के सहयोग की भी आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जेएसपीएल द्वारा कोरोना से बचाव के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का अच्छी तरह पालन किया जा रहा है। यही वजह है कि क्षेत्र का सबसे बड़ा संयंत्र होने के बावजूद यहां संक्रमण नहीं फैल पाया। यह जेएसपीएल के अनुशासन से ही संभव हुआ। इससे दूसरे उद्योगों को भी सीख लेनी चाहिए कि किस तरह हम संक्रमण से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगे हमें इससे भी अधिक सतर्कता के साथ काम करना होगा।पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा कि फोर्टिस-ओपी जिंदल अस्पताल की पूरे क्षेत्र में अच्छी साख है। इस लैब की स्थापना भी एक नेक कदम है। यह इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी मानवीय त्रासदी दुनिया ने कभी नहीं देखी। द्वितीय विश्वयुद्ध में भी ऐसा भय का वातावरण नहीं था। इस लड़ाई में सभी की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि जेएसपीएल ने अपने संयंत्र और कैेंपस में कोरोना से बचाव के लिए बेहतर इंतजाम किए हैं। हाल के दिनों में जिस तरह से संक्रमण की गति बढ़ी है, उसे देखते हुए हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा। अभी तक जेएसपीएल प्रबंधन ने इस दिशा में शानदार काम किया है। आगे भी इसी तरह से कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी उपायों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।जेएसपीएल के सीओओ-छत्तीसगढ़ दिनेश कुमार सरावगी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लडऩे के लिए चेयरमैन नवीन जिंदल के मार्गदर्शन में जेएसपीएल समूह लगातार केंद्र और राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर हरसंभव मदद मुहैया कराने में जुटा हुआ है। कंपनी ने खाद्य सामग्री, राशन, मास्क, सैनेटाइजर सहित जरूरी वस्तुओं का वितरण पूरे क्षेत्र में किया। स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान में भी कंपनी ने पूरी प्रतिबद्धता से हिस्सा लिया। रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित एक रक्षासूत्र मास्क का, अभियान में भी कंपनी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अभी कंपनी पूंजीपथरा स्थित ओपी जिंदल इंडस्ट्रियल पार्क में 200 बिस्तर के कोविड-19 अस्पताल के निर्माण में जिला प्रशासन का पूरा सहयोग कर रही है। श्री सरावगी ने सभी कोरोना वारियर्स के योगदान की भी सराहना की।फोर्टिस-ओपी जिंदल अस्पताल के सीओओ डॉ. मेजर राजेश्वर भाटी ने कहा कि ट्रू-नॉट लैबोरेटरी में जांच के लिए नाक से सैम्पल लिया जाता है, जिसे नेजोफ्रेरिजियल स्वैब कहते हैं। इस विधि से दो घंटे के भीतर किसी भी व्यक्ति के कोविड-19 संक्रमित होने या न होने का पता लगाया जा सकता है। इस लैब में प्राथमिकता के अनुसार कंटेनमेंट जोन के निवासियों, हाईरिस्क प्राइमरी कांटेक्ट्स, गंभीर बीमारियों से पीडि़तों का परीक्षण किया जाएगा। इस अवसर पर जेएसपीएल के वाइस प्रेसिडेंट संजीव चौहान सहित अस्पताल के डॉक्टर्स, स्टाफ एवं जेएसपीएल के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. आर.ए. शर्मा ने किया।
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मुंबई। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने कोविड- 19 महामारी से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में बिना किसी अड़चन के ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये एक समर्पित ऋण गारंटी उत्पाद की शुरुआत की है। नाबार्ड की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह उत्पाद एनबीएफसी- सूक्ष्म वित्त संस्थानों को वित्त एवं आंशिक गारंटी कार्यक्रम के अनुरूप तैयार किया गया है। इसमें लघु एवं मध्यम आकार के सूक्ष्म वित्त संस्थानों को सामूहिक तौर पर दिये जाने वाले कर्ज पर आंशिक गारंटी उपलब्ध कराई जायेगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नाबार्ड ने विवृत्ति कैपिटल और उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक के साथ इस महीने की शुरुआत में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता इस पहल को आगे बढ़ाने के लिये किया गया है। इसके तहत सूक्ष्म उद्यमों और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिये वित्तपोषण को सुगम बनाया जायेगा। नाबार्ड के चेयरमैन जी आर चिंताला ने कहा, आंशिक ऋण गारंटी सुविधा से लाखों परिवारों, कृषि कारोबारियों और व्यवसाय बाजारों को कोविड- 19 बाद के परिवेश में जरूरी वित्त सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में इससे 2,500 करोड़ रुपये तक का वित्तपोषण होगा और बाद में यह और बढ़ सकेगा। कार्यक्रम के तहत 28 राज्यों और 650 जिलों के 10 से अधिक परिवारों को सुविधा मिलने की उम्मीद है। सामूहिक ऋण निर्गम के इस ढांचे में कर्जदाता बैंक को नाबार्ड की आंशिक ऋणसुरक्षा के तहत पर्याप्त सहारा प्राप्त होता है। पूंजी की लागत कम होती है क्योंकि इस तरह के कर्ज की रेटिंग ऊंची होती है और कर्जदाता बैंक को उसके प्राथमिक क्षेत्र के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलती है। इस कार्यक्रम के तहत पहले लेनदेन को आगे बढ़ाते हुये नाबार्ड और विवृत्ति ने उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ भागीदारी की हे। महामारी की शुरुआत के बाद से नाबार्उ विशेष नकदी सुविधाओं के तहत सूक्ष्म वित्त संस्थानों और गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों को 2,000 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है।
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मुंबई। देश में खरीफ का रकबा बढऩे तथा देश भर में मानसून की अच्छी बारिश होने से कुल खरीफ फसल का उत्पादन इस वर्ष पांच से छह प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
क्रिसिल रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा कि 21 अगस्त की स्थिति के अनुसार देश में बरसात, दीर्घकालिक औसत से सात प्रतिशत अधिक रहा है। अच्छी बारिश होने से अधिकांश राज्यों में फसलों की बुवाई बेहतर रही है। क्रिसिल रिसर्च को उम्मीद है कि खरीफ सत्र 2020 में बुवाई के रकबे का दो तीन प्रतिशत बढ़कर 10.9 करोड़ हेक्टेयर होने सहित कृषि उत्पादन में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त उत्पादकता भी दो से तीन प्रतिशत बढऩे से, बम्पर खरीफ उत्पादन होने के आसार हैं।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया कि बेहतर बरसात तथा पूर्वी और दक्षिणी दोनों राज्यों में प्रवासी मजदूरों की वापसी के कारण धान की खेती का रकबा बढऩा तय है। क्रिसिल रिसर्च के निदेशिका हेतल गांधी ने सोमवार को एक वेबिनार में कहा, प्रवाासी मजदूरों के वापस लौटने के कारण, पंजाब और हरियाणा में कई किसान धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं, जिसकी उत्पादकता कम है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि इस कमी की भरपाई उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में धान के रकबे में हुई वृद्धि से होगी , जहां मजदूर वापस लौट गए हैं। इसके कारण पिछले साल के मुकाबले कुल धान उत्पादन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी राज्यों में कम लागत के कारण फसल की लाभप्रदता में सबसे अधिक वृद्धि देखी जा सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों को, कपास और मक्का की कीमतें कम होने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के खरीफ सत्र में अनुकूल फसल मिश्रण (मिले जुले फसलों की खेती) और अधिक मात्रा में सरकारी खरीद के कारण, उत्तरी क्षेत्र सबसे अधिक लाभ में रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, सब्जियों, कपास और मक्का का रकबा पिछले सत्र की तुलना में कम रहेगा क्योंकि कीमतों में गिरावट ने किसानों को हतोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संबंधित आपूर्ति में व्यवधानों की वजह से, किसानों ने टमाटर जैसे जल्दी खराब होने की संभावना वाले फसलों के स्थान पर भिंडी और बैंगन जैसे जल्द खराबी की कम संभावना वाले बागवानी उत्पादों का रुख किया है। इसके अलावा, गांधी ने कहा कि इस तरह की बम्पर खरीफ फसल होने की वजह से विभिन्न जिंसों की कीमतों में गिरावट का दबाव बनेगा।
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नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी बैंकिंग सेवाओं को आधार से जुड़ी भुगतान प्रणाली के साथ एकीकृत किया है। इससे पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) के ग्राहक नकद निकासी, खाते की राशि की जानकारी और खाते का ब्योरा देश में किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान के व्यवसाय प्रतिनिधि (बिजनेस कॉरेस्पोंडेन्ट) के जरिये प्राप्त कर सकते हैं। पीपीबीएल ने एक बयान में कहा कि नकद जमा और दूसरे बैंकों में कोष हस्तांतरण की सुविधा भी जल्द शुरू होगी। इससे गांवों और छोटे शहरों के उन लोगों को लाभ होगा, जिनके पास बैंकों और एटीएम तक दूरी के कारण पहुंचना मुश्किल होता है। आधार युक्त भुगतान प्रणाली (एईपीएस) एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) का मॉडल है। इसमें आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके किसी भी बैंक के व्यवसाय संवाददाता के माध्यम से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) यानी छोटे एटीएम में ऑनलाइन अंतर-वित्तीय समावेशन लेनदेन की अनुमति मिल जाती है। एईपीएस माध्यम से लेन-देन के लिये केवल ग्राहकों के बैंककी पहचान (आईआईएन), आधार संख्या और अंगुलियों के निशान की जरूरत पड़ती है। बयान के अनुसार 10,000 से अधिक व्यवसाय प्रतिनिधियों से भागीदारी की है जो एईपीएस आधारित लेन-देन को सुगम बनाएंगे। बैंक की आने वाले समय में और व्यवसाय प्रतिनिधियों को जोडऩे की योजना है। पीपीबीएल ग्राहकों के लिये एईपीएस मुफ्त है। प्रति लेन-देन ग्राहक 10,000 रुपये की सीमा तय की गयी है। एक महीने में 10 लेन-देन के जरिये 50,000 रुपये तक नकद निकासी की जा सकती है। -
नई दिल्ली। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने अगले छह महीने में मोबाइल सेवा शुल्क बढऩे के संकेत दिए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि कम कीमत पर इंटरनेट उपलब्ध कराना दूरसंचार उद्योग के लिए लम्बे समय तक व्यवहारिक नहीं है। मित्तल ने कहा कि 160 रुपये माह पर 16 जीबी इंटरनेट डाटा इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने इतनी सस्ती दर को एक त्रासदी बताया। वह भारती एंटरप्राइजेज के कार्यकारी अखिल गुप्ता की एक किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, इतनी कीमत में या तो आप 1.6 जीबी इंटरनेट क्षमता का उपभोग करें नहीं तो और अधिक लागत उठाने को तैयार रहें। हम नहीं चाहते कि आपको अमेरिका या यूरोप की तरह 50 से 60 डॉलर रुपये खर्च करने पड़ें, लेकिन एक महीने में दो डॉलर में 16 जीबी इंटरनेट कहीं से भी उद्योग के लिए व्यवहारिक नहीं है। मित्तल ने कहा कि डिजिटल सामग्री के उपभोग पर अगले छह महीने में प्रति उपयोक्ता औसत आय (एआरपीयू) 200 रुपए पार कर जाने का अनुमान है। एआरपीयू दूरंचार कंपनियों को प्रति उपयोक्ता होने वाली आय को दिखाता है। उन्होंने कहा, हमें 300 रुपये एआरपीयू की जरूरत है, इस व्यवस्था में भी आपके पास हर महीने 100 रुपए में एक उचित मात्रा में इंटरनेट होगा। लेकिन यदि आपका ज्यादातर वक्त टीवी, फिल्म, इंटरटेनमेंट और अन्य वस्तुओं के उपभोग पर खर्च होता है तो आपको अधिक भुगतान करना होगा। एयरटेल के तिमाही परिणामों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका एआरपीयू बढ़कर 157 रुपये हो गया है। कंपनी के एआरपीयू में बढ़ोत्तरी पिछले साल दिसंबर में मोबाइल प्लान की कीमतें बढ़ाए जाने के बाद दर्ज की गयी। मित्तल ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने मुश्किल वक्त में देश की सेवा की। अब उद्योग को 5जी, ऑप्टिकल फाइबर केबल और समुद्री केबल पर निवेश करना है। उन्होंने कहा कि जो उद्योग दूरसंचार क्षेत्र में नहीं है उन्हें भी डिजिटल होने की जरूरत है। ऐसे में अगले पांच से छह महीने में एआरपीयू बढऩा चाहिए, ताकि दूरंसंचार उद्योग व्यवहारिक बना रहे। अब इस क्षेत्र में दो-तीन कंपनियां ही बची हैं। भारत कीमतों को लेकर संवेदनशील बाजार है। अगले छह महीने में हम 200 रुपये एआरपीयू के स्तर को निश्चित तौर पर पार कर लेंगे और शायद आदर्श स्थिति 250 रुपए एआरपीयू रहेगी।
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नई दिल्ली। यतिंदर प्रसाद को सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया के निदेशक मंडल में शामिल किया गया है। प्रसाद कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार हैं। कोल इंडिया ने इस संबंध में सोमवार को शेयर बाजार को सूचना दी। प्रसाद 1993 बैच के भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा अधिकारी हैं। उन्हें कंपनी के निदेशक मंडल में सरकार के नामिती के तौर पर शामिल किया गया है। उनका कार्यकाल 24 अगस्त 2020 से प्रभावी है। - नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 40 लाख रुपए तक के सालाना सकल कारोबार को जीएसटी से छूट है। शुरू में यह सीमा 20 लाख रुपए थी। वित्त मंत्रालय के सोमवार को ट्वीट में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त डेढ़ करोड़ रुपए तक के सकल सालाना कारोबार पर संयोजन योजना का विकल्प चुना जा सकता है। इस योजना के तहत केवल एक प्रतिशत कर देना पड़ता है।वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वस्तु और सेवा कर- जीएसटी लागू होने के बाद ज्यादातर वस्तुओं पर कर की दर कम हो गई। अब 28 प्रतिशत जीएसटी केवल विलासिता की वस्तुओं पर ही लगता है। 28 प्रतिशत की कर श्रेणी की कुल दो सौ तीस वस्तुओं में से करीब दो सौ वस्तुओं को कम दर वाली श्रेणी में लाया गया है।मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निर्माण क्षेत्र विशेष रूप से आवास क्षेत्र को अत्यधिक राहत देकर पांच प्रतिशत कर की श्रेणी में रखा गया है। किफायती आवास पर कर की दर घटाकर एक प्रतिशत की गई है। जीएसटी लागू होने के बाद से करदाताओं की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। शुरू में जीएसटी रिटर्न भरने वालों की संख्या 65 लाख थी जो अब एक करोड़ 24 लाख से अधिक हो गई है।वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह स्वचालित हैं और अब तक पचास करोड़ रिटर्न ऑनलाइन भरी गई हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक एक अरब 31 करोड़ ई-वे बिल सृजित किए गए हैं जिनमें से करीब चालीस प्रतिशत वस्तुओं के अंतर-राज्य परिवहन के लिए हैं। ई-वे बिल की संख्या स्थिर रूप से बढ़ रही है। इस वर्ष 29 फरवरी को एक दिन में सबसे अधिक 25 लाख से ज्यादा बिल बनाए गए।---
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नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी हैपीएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिये सेबी से मंजूरी मिल गयी है। हैपीएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज की विवरण पुस्तिका के अनुसार कंपनी इस आईपीओ के तहत कुल 110 करोड़ रुपये के शेयर जारी करेगी। बिक्री के लिये 3.56 करोड़ इक्विटी शेयर की पेशकश की जाएगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अद्यतन जानकारी के अनुसार कंपनी ने जून में नियामक के पास आईपीओ के लिये विवरण पुस्तिका जमा किया था। उसे इस बारे में सेबी से 21 अगस्त को मंजूरी मिली। कंपनी के प्रवर्तक अशोक सूता और सीएमडीबी-2 बिक्री पेशकश के जरिये शेयरों को बिक्री के लिये रखेंगे। सूता माइंडट्री लि. के भी संस्थापक चेयरमैन और प्रबंध निदेशक थे। इससे पहले, वह विप्रो लि. के उपाध्यक्ष थे। बेंगलुरू की आईटी कंपनी ने आईपीओ के जरिये जुटायी गयी राशि का उपयोग दीर्घकालीन कार्यशील पूंजी जरूरतों और कंपनी के अन्य कार्यों में करने का प्रस्ताव किया है।
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नयी दिल्ली। दवा कंपनी शिल्पा मेडिकेयर ने सोमवार को पीने के लिए तैयार ग्रीन टी फिल्म पेश की। इसी के साथ कंपनी ने ‘ओवर द काउंटर' श्रेणी में प्रवेश करने की घोषणा की। ओवर द काउंटर (ओटीसी) श्रेणी से आशय ऐसे औषधीय उत्पादों से होता है जिसके लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं होती। जैसे च्यवनप्राश, सिरदर्द या जुकाम इत्यादि की दवा। शिल्पा मेडिकेयर ने एक बयान में कहा कि ग्रीन टी फिल्म को संबंधित बाजार में काफी शोध के बाद विकसित किया गया है। वर्ष 2021 के अंत तक दुनियाभर में ग्रीन टी का बाजार 351.5 करोड़ डॉलर का होने का अनुमान है। बयान के मुताबिक कंपनी की ग्रीन टी फिल्म पूरी तरह से पानी घुल जाती है। इससे ग्रीन टी बैग के तौर पर बचने वाले कचरे से निजात मिलती है। साथ ही फिल्म के पानी में घुलने से ग्रीन टी के पोषक तत्वों, महक, सुगंधित तेल और स्वाद इत्यादि का नुकसान नहीं होता। कंपनी के प्रबंध निदेशक विष्णुकांत चतुर्भुज भुटड़ा ने कहा कि देशभर में शिल्पा ग्रीन टी फिल्म की पेशकश के साथ ही कंपनी ओटीसी श्रेणी में प्रवेश कर रही है। - नई दिल्ली। देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण में पिछले सप्ताह 67,622.08 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। इसमें सर्वाधिक लाभ में एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक रहे।टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल), एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी लाभ में रहीं जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लि., इन्फोसिस और भारती एयरटेल के बाजार मूल्यांकन में गिरावट दर्ज की गयी।एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) पिछले सप्ताह 28,183.55 करोड़ रुपये उछलकर 5,97,051.15 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।वहीं आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 21,839.67 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 2,55,929.73 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचयूएल का एमकैप 6,848.94 करोड़ रुपये बढ़कर 5,17,641.12 करोड़ रुपये रहा।इसी तरह, कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार पूंजीकरण 6,241.25 करोड़ रुपये बढ़कर 2,65,097.18 करोड़ रुपये पहुंच गया जबकि एचडीएफसी का बाजार मूल्यांकन 1,858.87 करोड़ रुपये मजबूत होकर 3,22,872.98 करोड़ रुपये रहा।साफ्टवेयर कंपनी टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 2,157.62 करोड़ रुपये बढ़कर 8,43,611.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं आईटीसी का एमकैप 492.18 करोड़ रुपये मजबूत होकर 2,42,280.13 करोड़ रुपये रहा।इसके विपरीत, रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 20,507.97 करोड़ रुपये घटकर 13,19,705.53 करोड़ रुपये पर आ गया।भारतीय एयरटेल का एमकैप 4,855.45 करोड़ रुपये घटकर 2,83,688.98 करोड़ रुपये तथा इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 1,972.11 करोड़ रुपये कम होकर 4,04,151.80 करोड़ रुपये पर आ गये। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में पिछले सप्ताह 557.38 अंक यानी 1.47 प्रतिशत की तेजी रही।---
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नई दिल्ली। किसानों की खेती-बाड़ी से जुड़ी कठिनाईयों को सुलझाने के उपाय सुझाने और उन्हें उपयोगी जानकारियां मुहैया कराने के लिए दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञ सैम पित्रोदा ने किसानों नाम से एक सूचना पोर्टल शुरू किया है। पित्रोदा ने कहा कि इस पोर्टल का काम किसानों को खेती के कामकाज और उसमें आने वाली कठिनाइयों से निपटने के उपायों की सूचनाएं उपलब्ध कराना है। पित्रोदा संप्रग सरकार के समय गठित राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष थे।
पोर्टल के संयोजक कृष्ण कांत ने रविवार को बताया कि भारत में दूरसंचार एवं सूचना क्रांति के जनक माने जाने वाले पित्रोदा किसानों पोर्टल में संस्थापक के रूप में जुड़े हैं। वह शिकागो (अमेरिका) से वीडयों कांफ्रेंसिंग ऐप जूम मीटिंग के माध्यम से उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। कृष्ण कान्त ने इस पहल का मकसद किसानों को अच्छी गुणवत्ता की खाद, बीज, कीटनाशक और कृषि यंत्र बाजार से कुछ सस्ते दामों पर हासिल करने में मदद करना तथा फसल के लिए ऋण और बीमा में आने वाली कठिनाइयां का समाधान प्रस्तुत करना है।उन्हें फसल को अच्छे से अच्छे दाम पर बेचने के रास्ते बताए जा सकते हैं और अच्छी पैदावार के लिए विशेषज्ञों की सही सलाह उपलब्ध कराई जा सकती है। पित्रोदा ने कहा कि सारी जानकारी किसानों को उनके मोबाइल फोन पर दी जाएगी। -
नई दिल्ली। वित्तीय समावेश को लेकर सरकारी नीतियों तथा व्यापारियों के बीच बढ़ते डिजिटलीकरण के दम पर 2025 तक भारत में डिजिटल भुगतान बाजार के तीन गुना बढ़कर 7,092 हजार अरब रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है। रेडसीर कंसल्टिंग ने एक रिपोर्ट में कहा कि 2019-20 में देश का डिजिटल भुगतान बाजार करीब 2,162 हजार अरब रुपये का रहा। उसने कहा, इस समय 16 करोड़ मोबाइल भुगतान उपयोक्ता हैं। इनकी संख्या 2025 तक पांच गुना होकर करीब 80 करोड़ पर पहुंच जाने का अनुमान है। इसे मांग व आपूर्ति पक्ष के विविध कारकों से बढ़ावा मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल भुगतान वित्त वर्ष 2025 तक 7,092 हजार अरब रुपये के कुल डिजिटल भुगतान का लगभग 3.5 प्रतिशत होगा, जो अभी एक प्रतिशत है। अभी मोबाइल भुगतान का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 16 करोड़ है, जिनके इस अवधि में बढ़कर करीब 80 करोड़ हो जाने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, वॉलेट उपयोगकर्ता आधार और भुगतान की आवृत्ति दोनों में निरंतर वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे। वर्ष 2025 तक वॉलेट की पैठ बढ़ने की उम्मीद है और कम आय छोटे लेन-देन को बढ़ावा देगी।
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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन करते समय जो व्यवसाय आधार संख्या देंगे, उन्हें तीन कार्य दिवसों में इसकी मंजूरी मिल जाएगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने पिछले हफ्ते जीएसटी पंजीकरण के लिए आधार प्रमाणीकरण को अधिसूचित किया था, जो 21 अगस्त 2020 से लागू है। अधिसूचना के मुताबिक यदि व्यवसाय आधार संख्या नहीं देते हैं तो उनके भौतिक सत्यापन के बाद ही उन्हें जीएसटी पंजीकरण दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 14 मार्च 2020 को आयोजित जीएसटी परिषद की 39वीं बैठक में नए करदाताओं के लिए आधार प्रमाणीकरण के आधार पर जीएसटी पंजीकरण देने को मंजूरी दी थी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड- सी बी आई सी ने जीएसटी से संबंधित अपीलों को जल्दी निपटाने के लिए ऐसे मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने पर जोर दिया है।प्रधान मुख्य आयुक्तों को इस संबंध में लिखे पत्र में सी बी आई सी ने कहा है कि इस बारे में मिले फीडबैक से यह संकेत मिला है कि इससे मामलों को जल्दी निपटाने में काफी मदद मिलेगी। सी बी आई सी ने आयुक्त (अपील) तथा विभिन्न प्राधिकारियों, द्वारा सीजीएसटी और आईजीएसटी से संबंधित मामलों की सुनवाई वर्चुअल मोड से किया जाना अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। बोर्ड का कहना है कि इस पहल से सभी हितधारकों जैसे जीएसटी के तहत आने वाले आपूर्तिकर्ताओं, आयातकों, निर्यातकों, अधिवक्ताओं, आयकर पेशेवरों और प्राधिकृत प्रतिनिधियों को सुविधा होगी।सी बी आई सी ने जीएसटी अपीलों की वर्चुअल सुनवाई के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि ऐसी कोई भी सुनवाई करने के पहले अधिकृत प्राधिकरण को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। ऐसी सुनवाई उपलब्ध ऐप या सुरक्षित कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से की जाएगी।
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कोविड-19 महामारी के बावजूद धान और अन्य फसलों की रिकॉर्ड बुवाई करने के लिए किसानों की शनिवार को सराहना की। नायडू ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, खेती हमारी मूल संस्कृति है और हमारी अर्थव्यवस्था का एक मुख्य आधार है। हमें इसे बचाने और बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस साल अब तक धान का कुल रकबा 378 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की इसी अवधि के 339 लाख हेक्टेयर से लगभग 12 प्रतिशत अधिक है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दलहनों की बुवाई का रकबा भी 6.8 प्रतिशत बढ़कर 132.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। सभी तीन प्रमुख दलहनों - अरहर, उड़द और मूंग के लिए पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस बार खेती के अधिक रकबा होने की सूचना है। उन्होंने कहा, अच्छी बारिश की बदौलत, खरीफ की बुवाई पिछले साल के इसी सप्ताह की तुलना में 8.6 फीसदी बढ़ी है। उन्होंने इस वर्ष भारतीय कृषि क्षेत्र द्वारा की गई कुछ अन्य उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले तिलहन फसलों की बुवाई में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में सोयाबीन और मूंगफली खेती के रकबे में भी अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। कपास की फसल 127.7 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.4 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा, किसानों के प्रति आभारी होना चाहिए, जो लाखों लोगों को खिलाने के लिए विपरीत स्थितियों के बावजूद दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। अन्नदाता सुखी भव:।
- -एक जून 2021 से कीमती धातुओं के लिए हॉलमार्किंग की प्रक्रिया अनिवार्य होगीनई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ज्वैलर्स के लिए पंजीकरण और नवीकरण की ऑनलाइन प्रणाली और जांच-परख और हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता और नवीकरण के लिए ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की।इस ऑनलाइन प्रणाली तक भारतीय मानक ब्यूरो के वेब पोर्टल www.manakonline.in के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत करते हुए श्री पासवान ने कहा कि पंजीकरण के लिए प्राप्त प्रस्तावों की बड़ी संख्या को मैन्युअल रूप से संभालना बहुत मुश्किल था, इसलिए ये ऑनलाइन माध्यम उन ज्वैलर्स और उद्यमियों दोनों के लिए कारोबार में सुविधा लेकर आएंगे जिन्होंने परख-जांच और हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित किए हैं या ऐसा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 1 जून 2021 से कीमती धातुओं के लिए हॉलमार्किंग की प्रक्रिया अनिवार्य होगी।श्री पासवान ने मीडिया को इस योजना के संदर्भ में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि ऑनलाइन प्रणाली के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आवेदनों को आगे बढ़ाने के लिए कोई मानवीय चेहरा शामिल नहीं होगा। अब ज्वैलर्स इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करके आवश्यक दस्तावेज और फीस जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस समय कोई भी ज्वैलर्स अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करता है, उसे पंजीकरण की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। एक ई-मेल और एसएमएस अलर्ट उसके पास चला जाएगा, जो कि पंजीकरण संख्या को सूचित करेगा, और फिर वे पंजीकरण संख्या का उपयोग करके पंजीकरण का प्रमाण पत्र डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं।श्री पासवान ने कहा कि सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से, पंजीकरण के लिए आने वाले ज्वैलर्स की संख्या वर्तमान में 31 हजार से बढ़कर 5 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। श्री पासवान ने कहा कि हॉलमार्क कराने के लिए आभूषण और कलाकृतियां की संख्या में भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि यह संख्या 5 करोड़ के मौजूदा स्तर से बढ़कर 10 करोड़ भी हो सकती है। इसके माध्यम से जांच-परख एवं हॉलमार्किंग केंद्रों (एएंडएच) की संख्या में भी वृद्धि करने की आवश्यकता होगी। वर्तमान समय में, देश के 234 जिलों में 921 केंद्र स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि बीआईएस जून, 2021 तक शेष 480 जिलों में भी एएंडएच केंद्रों की शुरुआत करने की दिशा में काम कर रहा है। श्री पासवान ने बताया कि अब केवल तीन श्रेणियों के लिए ही बीआईएस हॉलमार्क जारी किए जायेंगे। वे 14 कैरेट (14के585), 18 कैरेट (18के750) और 22 कैरेट (22के916) केवल एएंडएच सेंटर के पहचान चिन्ह/नंबर और ज्वैलर्स पहचान चिन्ह/नंबर के साथ उपलब्ध होंगे।
- - इसका उद्देश्य कोविड-19 प्रसार के संदर्भ में डिस्कॉम कंपनियों पर वित्तीय बोझ को कम करना हैनई दिल्ली।. विद्युत प्रणाली में वित्तीय बोझ को कम करने के लिए, सभी उत्पादक कंपनियों और पारेषण कंपनियों को विद्युत मंत्रालय द्वारा यह सलाह दी गई है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत पीएफसी और आरईसी के तरलता आसव योजना के तहत सभी भुगतानों के लिए प्रति वर्ष 12 प्रतिशत (साधारण ब्याज) से अधिक दर से विलंब शुल्क अधिभार न लिया जाए। इस तरीके से डिस्कॉम कंपनियों का वित्तीय बोझ कम हो जाएगा।सामान्य तौर पर, विलंब शुल्क अधिभार की लागू दर इस तथ्य के बावजूद काफी अधिक है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में ब्याज दरें कम हुई हैं। कई मामलों में एलपीएस की दर प्रति वर्ष 18 प्रतिशत के आस-पास तक है और कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के इस कठिन दौर में डिस्कॉम कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।कोविड-19 महामारी ने विद्युत क्षेत्र के सभी हितधारकों विशेषकर वितरण कंपनियों की तरलता स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। सरकार द्वारा प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनमें क्षमता शुल्क पर छूट, शक्ति निर्धारण के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट का प्रावधान, तरलता आसव योजना आदि शामिल हैं। इनमें से एक उपाय विलंब शुल्क अधिभार से भी संबंधित है, जो वितरण कंपनियों द्वारा विलंबित भुगतान के मामले में उत्पादक कंपनियों तथा प्रसारण कंपनियों पर विद्युत की खरीद/प्रसारण के लिए 30 जून 2020 तक लगाया गया है। इससे इस मुश्किल समय के बावजूद विद्युत कंपनियों को सुचारु रूप से बिजली की आपूर्ति और शुल्क को बनाए रखने में उपभोक्ताओं की मदद करेगा।----
- नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी ने खादी एसेंशियल्स और खादी ग्लोबल को कानूनी समन जारी किया है। इसने कहा है कि ये दोनों कम्पनियां खादी ब्रांड के नाम का अनाधिकृत और धोखे से उपयोग कर रही हैं। केवीआईसी ने कहा कि दोनों कम्पनियां विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से कॉस्मेटिक और सौंदर्य उत्पादों की बिक्री कर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रही हैं।इस महीने की शुरुआत में केवीआईसी ने दोनों कम्पनियों को ब्रांड खादी का उपयोग करके उत्पादों की बिक्री या प्रचार करने पर रोक लगाने को कहा है। दोनों कम्पनियों से कहा गया है कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट को बंद कर दें।
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि-उपज विपणन व्यवस्था में हाल के कानूनी सुधारों के बाद भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर विभिन्न फसलों की खरीद जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कृषि विपणन सुधार किसानों के कल्याण के लिए किए गए हैं। उन्होंने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हाल में शुरू कए गए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि संरचना कोष का लाभ छोटे और सीमान्त किसानों को मिल सके। एक आधिकारिक बयान के अनुसार तोमर ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के साथ हालिया कृषि विपणन सुधारों पर बैठक की। साथ ही इस बैठक में कृषि संरचना कोष पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तथा बिहार, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के कृषि मंत्री शामिल हुए। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी ने भी बैठक में हिस्सा लिया। तोमर ने इस बात पर जोर दिया कि संरचना कोष का पूरा लाभ छोटे और मझोले किसानों तक पहुंचना चाहिए। देश में कुल किसानों में छोटे और मझाले किसानों की संख्या 85 प्रतिशत है। इसके अलावा कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार जो नया अध्यादेश लेकर आई है वह पूरी तरह किसानों के कल्याण के लिए है और एमएसपी के मुद्दे पर भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों से पहले की तरह एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी।