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- नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड- सी बी आई सी ने जीएसटी से संबंधित अपीलों को जल्दी निपटाने के लिए ऐसे मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने पर जोर दिया है।प्रधान मुख्य आयुक्तों को इस संबंध में लिखे पत्र में सी बी आई सी ने कहा है कि इस बारे में मिले फीडबैक से यह संकेत मिला है कि इससे मामलों को जल्दी निपटाने में काफी मदद मिलेगी। सी बी आई सी ने आयुक्त (अपील) तथा विभिन्न प्राधिकारियों, द्वारा सीजीएसटी और आईजीएसटी से संबंधित मामलों की सुनवाई वर्चुअल मोड से किया जाना अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। बोर्ड का कहना है कि इस पहल से सभी हितधारकों जैसे जीएसटी के तहत आने वाले आपूर्तिकर्ताओं, आयातकों, निर्यातकों, अधिवक्ताओं, आयकर पेशेवरों और प्राधिकृत प्रतिनिधियों को सुविधा होगी।सी बी आई सी ने जीएसटी अपीलों की वर्चुअल सुनवाई के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि ऐसी कोई भी सुनवाई करने के पहले अधिकृत प्राधिकरण को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। ऐसी सुनवाई उपलब्ध ऐप या सुरक्षित कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से की जाएगी।
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कोविड-19 महामारी के बावजूद धान और अन्य फसलों की रिकॉर्ड बुवाई करने के लिए किसानों की शनिवार को सराहना की। नायडू ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, खेती हमारी मूल संस्कृति है और हमारी अर्थव्यवस्था का एक मुख्य आधार है। हमें इसे बचाने और बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस साल अब तक धान का कुल रकबा 378 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की इसी अवधि के 339 लाख हेक्टेयर से लगभग 12 प्रतिशत अधिक है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दलहनों की बुवाई का रकबा भी 6.8 प्रतिशत बढ़कर 132.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। सभी तीन प्रमुख दलहनों - अरहर, उड़द और मूंग के लिए पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस बार खेती के अधिक रकबा होने की सूचना है। उन्होंने कहा, अच्छी बारिश की बदौलत, खरीफ की बुवाई पिछले साल के इसी सप्ताह की तुलना में 8.6 फीसदी बढ़ी है। उन्होंने इस वर्ष भारतीय कृषि क्षेत्र द्वारा की गई कुछ अन्य उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले तिलहन फसलों की बुवाई में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में सोयाबीन और मूंगफली खेती के रकबे में भी अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। कपास की फसल 127.7 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.4 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा, किसानों के प्रति आभारी होना चाहिए, जो लाखों लोगों को खिलाने के लिए विपरीत स्थितियों के बावजूद दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। अन्नदाता सुखी भव:।
- -एक जून 2021 से कीमती धातुओं के लिए हॉलमार्किंग की प्रक्रिया अनिवार्य होगीनई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ज्वैलर्स के लिए पंजीकरण और नवीकरण की ऑनलाइन प्रणाली और जांच-परख और हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता और नवीकरण के लिए ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की।इस ऑनलाइन प्रणाली तक भारतीय मानक ब्यूरो के वेब पोर्टल www.manakonline.in के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत करते हुए श्री पासवान ने कहा कि पंजीकरण के लिए प्राप्त प्रस्तावों की बड़ी संख्या को मैन्युअल रूप से संभालना बहुत मुश्किल था, इसलिए ये ऑनलाइन माध्यम उन ज्वैलर्स और उद्यमियों दोनों के लिए कारोबार में सुविधा लेकर आएंगे जिन्होंने परख-जांच और हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित किए हैं या ऐसा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 1 जून 2021 से कीमती धातुओं के लिए हॉलमार्किंग की प्रक्रिया अनिवार्य होगी।श्री पासवान ने मीडिया को इस योजना के संदर्भ में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि ऑनलाइन प्रणाली के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आवेदनों को आगे बढ़ाने के लिए कोई मानवीय चेहरा शामिल नहीं होगा। अब ज्वैलर्स इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करके आवश्यक दस्तावेज और फीस जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस समय कोई भी ज्वैलर्स अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करता है, उसे पंजीकरण की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। एक ई-मेल और एसएमएस अलर्ट उसके पास चला जाएगा, जो कि पंजीकरण संख्या को सूचित करेगा, और फिर वे पंजीकरण संख्या का उपयोग करके पंजीकरण का प्रमाण पत्र डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं।श्री पासवान ने कहा कि सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से, पंजीकरण के लिए आने वाले ज्वैलर्स की संख्या वर्तमान में 31 हजार से बढ़कर 5 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। श्री पासवान ने कहा कि हॉलमार्क कराने के लिए आभूषण और कलाकृतियां की संख्या में भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि यह संख्या 5 करोड़ के मौजूदा स्तर से बढ़कर 10 करोड़ भी हो सकती है। इसके माध्यम से जांच-परख एवं हॉलमार्किंग केंद्रों (एएंडएच) की संख्या में भी वृद्धि करने की आवश्यकता होगी। वर्तमान समय में, देश के 234 जिलों में 921 केंद्र स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि बीआईएस जून, 2021 तक शेष 480 जिलों में भी एएंडएच केंद्रों की शुरुआत करने की दिशा में काम कर रहा है। श्री पासवान ने बताया कि अब केवल तीन श्रेणियों के लिए ही बीआईएस हॉलमार्क जारी किए जायेंगे। वे 14 कैरेट (14के585), 18 कैरेट (18के750) और 22 कैरेट (22के916) केवल एएंडएच सेंटर के पहचान चिन्ह/नंबर और ज्वैलर्स पहचान चिन्ह/नंबर के साथ उपलब्ध होंगे।
- - इसका उद्देश्य कोविड-19 प्रसार के संदर्भ में डिस्कॉम कंपनियों पर वित्तीय बोझ को कम करना हैनई दिल्ली।. विद्युत प्रणाली में वित्तीय बोझ को कम करने के लिए, सभी उत्पादक कंपनियों और पारेषण कंपनियों को विद्युत मंत्रालय द्वारा यह सलाह दी गई है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत पीएफसी और आरईसी के तरलता आसव योजना के तहत सभी भुगतानों के लिए प्रति वर्ष 12 प्रतिशत (साधारण ब्याज) से अधिक दर से विलंब शुल्क अधिभार न लिया जाए। इस तरीके से डिस्कॉम कंपनियों का वित्तीय बोझ कम हो जाएगा।सामान्य तौर पर, विलंब शुल्क अधिभार की लागू दर इस तथ्य के बावजूद काफी अधिक है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में ब्याज दरें कम हुई हैं। कई मामलों में एलपीएस की दर प्रति वर्ष 18 प्रतिशत के आस-पास तक है और कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के इस कठिन दौर में डिस्कॉम कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।कोविड-19 महामारी ने विद्युत क्षेत्र के सभी हितधारकों विशेषकर वितरण कंपनियों की तरलता स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। सरकार द्वारा प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनमें क्षमता शुल्क पर छूट, शक्ति निर्धारण के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट का प्रावधान, तरलता आसव योजना आदि शामिल हैं। इनमें से एक उपाय विलंब शुल्क अधिभार से भी संबंधित है, जो वितरण कंपनियों द्वारा विलंबित भुगतान के मामले में उत्पादक कंपनियों तथा प्रसारण कंपनियों पर विद्युत की खरीद/प्रसारण के लिए 30 जून 2020 तक लगाया गया है। इससे इस मुश्किल समय के बावजूद विद्युत कंपनियों को सुचारु रूप से बिजली की आपूर्ति और शुल्क को बनाए रखने में उपभोक्ताओं की मदद करेगा।----
- नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी ने खादी एसेंशियल्स और खादी ग्लोबल को कानूनी समन जारी किया है। इसने कहा है कि ये दोनों कम्पनियां खादी ब्रांड के नाम का अनाधिकृत और धोखे से उपयोग कर रही हैं। केवीआईसी ने कहा कि दोनों कम्पनियां विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से कॉस्मेटिक और सौंदर्य उत्पादों की बिक्री कर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रही हैं।इस महीने की शुरुआत में केवीआईसी ने दोनों कम्पनियों को ब्रांड खादी का उपयोग करके उत्पादों की बिक्री या प्रचार करने पर रोक लगाने को कहा है। दोनों कम्पनियों से कहा गया है कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट को बंद कर दें।
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि-उपज विपणन व्यवस्था में हाल के कानूनी सुधारों के बाद भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर विभिन्न फसलों की खरीद जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि कृषि विपणन सुधार किसानों के कल्याण के लिए किए गए हैं। उन्होंने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हाल में शुरू कए गए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि संरचना कोष का लाभ छोटे और सीमान्त किसानों को मिल सके। एक आधिकारिक बयान के अनुसार तोमर ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के साथ हालिया कृषि विपणन सुधारों पर बैठक की। साथ ही इस बैठक में कृषि संरचना कोष पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तथा बिहार, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के कृषि मंत्री शामिल हुए। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी ने भी बैठक में हिस्सा लिया। तोमर ने इस बात पर जोर दिया कि संरचना कोष का पूरा लाभ छोटे और मझोले किसानों तक पहुंचना चाहिए। देश में कुल किसानों में छोटे और मझाले किसानों की संख्या 85 प्रतिशत है। इसके अलावा कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार जो नया अध्यादेश लेकर आई है वह पूरी तरह किसानों के कल्याण के लिए है और एमएसपी के मुद्दे पर भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों से पहले की तरह एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी। -
नई दिल्ली। मानसून की सामान्य से अच्छी पगति से वर्तमान सत्र में अभी तक खरीफ की फसलों की बुवाई का रकबा एक साल पहले इसी अवधि से नौ प्रतिशत बढ़कर 1,062.93 लाख हैक्टेयर हो गया है। कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इक्कीस अगस्त की स्थिति के अनुसार, कुल 1,062.93 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों को बोया गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह रकबा 979.15 लाख हेक्टेयर था। एक सरकारी बयान में कहा गया, आज की तारीख तक खरीफ फसलों की बुवाई के रकबे में वृद्धि पर कोविड-19 का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।'' धान बुवाई का रकबा पिछले साल के 338.65 लाख हेक्टेयर से 12 प्रतिशत बढ़कर 378.32 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। दलहन बुवाई का रकबा पिछले साल के 124.15 लाख हेक्टेयर के मुकाबले सात प्रतिशत बढ़कर 132.56 लाख हेक्टेयर हो गया है। मोटे अनाज का रकबा पहले के 166.80 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 174.06 लाख हेक्टेयर ,तिलहन 167.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से बढ़कर 191.14 लाख हेक्टेयर है। गन्ने की बुवाई का रकबा मामूली वृद्धि के साथ 52.19 लाख हेक्टेयर हो गया जो पिछले साल इस समय तक 51.62 लाख हेक्टेयर था। कपास की बुवाई का रकबा 3.36 प्रतिशत बढ़कर 127.69 लाख हेक्टेयर हो गया जो 123.54 लाख हेक्टेयर था। जूट और मेस्टा की बुवाई का रकबा भी अभी तक मामूली वृद्धि के साथ 6.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र हो गया जो साल भर पहले 6.86 लाख हेक्टेयर था। बयान में कहा गया है कि 20 अगस्त की स्थिति के अनुसार देश में 663 मिमी बारिश हुई है जो 628.3 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले छह प्रतिशत अधिक है। -
नयी दिल्ली। किआ मोटर्स इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसे अपनी नयी कॉम्पैक्ट एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) सोनेट के लिये पहले दिन 6,523 बुकिंग मिली हैं। किआ मोटर्स इंडिया ने एक बयान में कहा कि इस मॉडल को पहले दिन रिकॉर्ड 6,523 बुकिंग के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। उसने कहा कि संभावित ग्राहक 25 हजार रुपये की शुरुआती बुकिंग राशि देकर कार की ऑनलाइन और कंपनी के बिक्री नेटवर्क के माध्यम से बुकिंग कर सकते हैं। कंपनी ने बुधवार आधी रात से सोनेट की बुकिंग शुरू की है।किआ मोटर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कूख्युन शिम ने कहा, नये सोनेट के लिये जबरदस्त प्रतिक्रिया यह साबित करती है कि एक अच्छा उत्पाद पेश करने के लिये कभी भी बुरा समय नहीं होता है। इससे यह भी पता चलता है कि ब्रांड किआ में भारतीय उपभोक्ताओं का विश्वास यहां हमारे परिचालन के सिर्फ एक साल में ही काफी बढ़ गया है। सोनेट अगले महीने से बाजार में उपलब्ध होगी। इस मॉडल की प्रतिस्पर्धा मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा, हुंदै की वेन्यू और टाटा की नेक्सन से होगी।
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नयी दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि एक सितंबर से आयातित खिलौने की अनिवार्य गुणवत्ता जांच के बाद ही भारत में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। सरकार चीन सहित, अन्य देशों से स्तरहीन और गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात की खेप की जांच करने के लिए स्टील, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत मशीनरी से लेकर फर्नीचर तक 371 टैरिफ लाइनों के लिए गुणवत्ता मानकों को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया में है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) सरकार की वह प्रमुख एजेंसी है जो संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय में गुणवत्ता मानकों को तैयार करती है। पासवान ने संवाददाताओं से कहा, खिलौने के लिए अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण मानक (क्यूसीएस) एक सितंबर से लागू किया जाएगा। आयात की खेप से नमूना लेने और गुणवत्ता जांच करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर बीआईएस के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा।'' उन्होंने कहा कि खिलौनों के अलावा, स्टील, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक सामान और भारी मशीनरी के साथ साथ पैकेज्ड वॉटर और मिल्क प्रोडक्ट जैसे खाद्य पदार्थ के लिए क्यूसीएस बनने की प्रक्रिया में हैं। बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के अनुसार, प्रत्येक उत्पाद के लिए क्यूसीएस का कार्यान्वयन संबंधित मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, सोने के लिये अनिवार्य मानक जून 2021 से लागू होगा। उन्होंने कहा कि अब तक देश में 268 मानक अनिवार्य हैं और कई पाइपलाइन में हैं।
- -श्री अग्रवाल ने वेदांता समूह के सात आधारभूत स्तंभ सस्टेनिबिलिटी, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण, कर्मचारी, मूल्य, नैतिकता एवं गवर्नेस, डिजिटलाइजेशन, नवाचार, तकनीक व श्रेष्ठता, गुणवत्ता का विशेष उल्लेख कियाबालकोनगर। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान वेदांता समूह के प्रचालन का मुख्य ध्येय है। सत्यनिष्ठा एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित कार्य शैली के जरिए हम अपने संगठन को उत्कृष्टता की बुलंदियों पर ले जाएं। हम अपने संगठन का ऐसा ढांचा तैयार करें जिससे देश, राज्य, समूह के कर्मचारी और संबद्ध समुदाय लाभान्वित हों। वेदांता समूह की उत्तरोत्तर प्रगति में इसके व्यवसाय के साझेदारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन श्री नवीन अग्रवाल ने आज ये उद्गार वेबीनार के माध्यम से आयोजित टाउनहॉल में व्यक्त किए। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति सहित वेदांता समूह के अनेक अधिकारियों ने टाउनहॉल में भागीदारी कर अपने विचार रखे।श्री अग्रवाल ने वेदांता समूह के सात आधारभूत स्तंभ सस्टेनिबिलिटी, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण, कर्मचारी, मूल्य, नैतिकता एवं गवर्नेस, डिजिटलाइजेशन, नवाचार, तकनीक व श्रेष्ठता, गुणवत्ता के साथ ही अन्य आवश्यक स्तंभों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों, उनके परिवारजनों तथा परिसंपत्तियों की सुरक्षा, गुणवत्ता, उत्पादकता में वृद्धि के लिए बेहतरीन गृह सज्जा, एसेट ऑप्टिमाइजेशन, निर्णय लेने की प्रक्रिया और नवाचार संगठन की निरंतर प्रगति की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बालको टीम को प्रोत्साहित करते हुए उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन से भविष्य में सस्टेनिबिलिटी के क्षेत्र में चेयरमैन पुरस्कार प्राप्त करने की शुभकामनाएं दीं।श्री अग्रवाल ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगदान की दृष्टि से वेदांता समूह की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि देश खनिज एवं प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में दुनिया के अनेक देशों की तुलना में काफी आगे है। इसके बावजूद भारत विभिन्न संसाधनों का आयात करता है। वेदांता समूह अपने वैविध्यीकृत प्रचालन से देश के अन्य उद्योगों के लिए श्रृंखला के निर्माण में योगदान कर रहा है। जिन कमोडिटी का उत्पादन वेदांता समूह करता है , उनका उपयोग अन्य उद्योग कई तरह के वस्तुओं के निर्माण के लिए करते हैं। देश में रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर सृजित करने के लिए इस श्रृंखला को मजबूत बनाने की जरूरत है। दुनियाभर में वेदांता समूह के प्रचालन से 80 हजार नागरिक सीधे तौर पर जुड़े हैं जबकि लगभग 10 लाख नागरिकों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है। समूह देश के राजस्व में लगभग 42 हजार करोड़ रुपए का योगदान करता है। श्री अग्रवाल ने बताया कि वेदांता समूह में कार्यरत युवा कर्मचारियों के नए विचारों से उन्हें प्रेरणा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जीवन का विशिष्ट उद्देश्य है। वृहद रूप से समाज और राष्ट्र की प्रगति की दिशा में हम अपने उद्देश्यों को आकार दें।कोविड-19 के दौर में बालको प्रबंधन की ओर से उठाए गए कदमों की श्री अग्रवाल ने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि टाउनशिप और संयंत्र परिसर का पूर्णत: सुरक्षित बने रहना इस बात द्योतक है कि बालको परिवार के सदस्य इस महामारी से निपटने के लिए पूरी तरह से एकजुट हैं और पूर्ण कटिबद्धता से कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।श्री अभिजीत पति ने कहा कि बालको अपने केंद्रीय मूल्यों विश्वास, सत्यनिष्ठा, श्रेष्ठता, उद्यमिता, संरक्षण, सम्मान और नवसृजन के प्रति दृढसंकल्प है। एल्यूमिनियम और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में हम बालको को श्रेष्ठ कंपनी के तौर पर स्थापित करेंगे। हमारी कार्य शैली से बालको दुनिया की श्रेष्ठ इकाइयों में शामिल हो। नई तकनीकों को बढ़ावा देने, जीवनस्तर में उत्तरोत्तर सुधार, बेहतरीन शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बालको को अग्रणी कंपनी बनाने के लिए प्रबंधन कटिबद्ध है।वेबीनार में बालको से संबद्ध व्यवसाय के अनेक साझेदार, वेदांता समूह और बालको के अनेक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। व्यवसाय के साझेदारों और बालको अधिकारियों, कर्मचारियों ने श्री अग्रवाल से अनेक सवाल पूछे। श्री अग्रवाल ने प्रचालन एवं प्रबंधन श्रेष्ठता के जरिए लक्ष्यों को पाने की दिशा में नागरिकों को प्रेरित किया।वेबीनार में बालको के कॉरपोरेट विडियो का प्रदर्शन किया गया। श्री अग्रवाल ने बेहतरीन प्रस्तुति और वेबीनार के उत्कृष्ट आयोजन के लिए श्री पति की दिल खोलकर प्रशंसा की।
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- एनटीपीसी का शेयर 4.75 प्रतिशत तक चढ़ा
मुंबई। वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच बैंकिंग और बिजली कंपनियों के शेयरों में लिवाली निकलने से शुक्रवार को शेयर बाजारों में फिर तेजी दर्ज हुई और सेंसेक्स 214 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 359 अंक तक चढ़ गया था। अंत में सेंसेक्स 214.33 अंक या 0.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 38,434.72 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 59.40 अंक या 0.53 प्रतिशत के लाभ के साथ 11,371.60 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी का शेयर सबसे अधिक 4.75 प्रतिशत चढ़ गया। पावरग्रिड, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा, नेस्ले इंडिया, एसबीआई तथा एक्सिस बैंक के शेयर भी बढ़त में रहे। वहीं दूसरी ओर ओएनजीसी, भारती एयरटेल, टाटा स्टील और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.34 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 557.38 अंक या 1.47 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं साप्ताहिक आधार पर निफ्टी 193.20 अंक या 1.72 प्रतिशत की बढ़त में रहा। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, चुनिंदा शेयरों में गतिविधियों से बाजार मजबूत रहे। दोपहर के कारोबार में बाजार भागीदारों ने मुनाफा काटा। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह स्मॉलकैप और मिडकैप का प्रदर्शन अच्छा रहा। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 1.41 प्रतिशत तक लाभ दर्ज हुआ।
- नई दिल्ली। मोबाइल मैसेजिंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराने वाली कंपनी हाइक इस साल के अंत तक अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये प्रति कर्मचारी 40 हजार रुपये खर्च करेगी।कंपनी ने कहा कि इसके तहत वह दिल्ली-एनसीआर में स्थित कर्मचारियों को कार्यालय की तरह आरामदायक कुर्सी और मेज मुहैया करायेगी। जो कर्मचारी अभी दिल्ली-एनसीआर में नहीं हैं, उन्हें कुर्सी व मेज की खरीद करने के लिये दस-दस हजार रुपये दिये जायेंगे। इसके अतिरिक्त कंपनी सभी कर्मचारियों को इंटरनेट व आईटी उपकरण भी मुहैया करायेगी। हालांकि, कंपनी ने कहा कि जो कर्मचारी उसकी विशिष्ट प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करना चाहते हैं, उनके लिये कार्यालय भी खुले रहेंगे। उसने कहा कि कार्यालय आने को इच्छुक कर्मचारियों को आपस में सुरक्षित दूरी तथा स्वच्छता के कड़े मानदंडों का पालन करना पड़ेगा। वैश्विक निवेशकों साफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल, टेनसेंट, फाक्सकॉन और भारती एंटरप्राइजिज जैसे निवेशकों के सम्मिलन वाली हाइक के वर्तमान में 160 कर्मचारी हैं।
- नई दिल्ली। आपात ऋण गारंटी योजना के अंतर्गत सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने एक लाख 50 हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि के ऋण मंजूर किये हैं।वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एक लाख करोड़ रूपये से अधिक ऋण दिये जा चुके हैं। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से हुई वित्तीय कठिनाइयों को कम करने के लिए सरकार के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यमों को यह ऋण दिये गये हैं।इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 76 हजार करोड़ रूपये से अधिक ऋण मंजूर किये गये हैं। इनमें से 56 हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि वितरित की जा चुकी है। इस योजना के तहत सबसे अधिक ऋण भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने दिए हैं।----
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नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बृहस्पतिवार को श्रम ब्यूरो का पूर्णतया डिजिटलीकरण किये जाने का आह्वान किया ताकि इसकी पहुंच का विस्तार किया जाए। श्रम मंत्रालय के एक प्रकोष्ठ, श्रम ब्यूरो के नए प्रतीक चिन्ह को जारी करने के मौके पर मंत्री ने यह टिप्पणी की। श्रम मंत्रालय के एक बयान में गंगवार ने ब्यूरो से कहा कि वह अपनी कामकाज की पूरी प्रक्रियाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण और अपने दैनिक कामकात में आंकड़ों के विश्लेषण और कृत्रिम बौद्धिकता के इस्तेमाल के जरिये अपनी पहुंच का विस्तार करे। उन्होंने कहा कि ब्यूरो की पहुंच को बढ़ाने के लिए देश में और अधिक क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि सदियों पुराने 44 श्रम कानूनों को चार संहिताओं में शामिल किया जा रहा है, इसमें से पहले से ही वेतन संहिता को पहले ही लागू किया जा चुका है तथा सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और व्यावसायिक सुरक्षा तथा स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियों पर अन्य तीन संहिताओं को पहले ही लोकसभा में पेश किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इन संहिताओं के लागू हो जाने के बाद, 'कारोबार सुगमता' के संदर्भ में भारत की रैंकिंग और बेहतर हो जाएगी और भारत निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन जाएगा। नया प्रतीक चिन्ह इस बात को दर्शाता है कि श्रम ब्यूरो एक डेटा-आधारित संगठन है जो श्रमिकों और काम से संबंधित आंकड़ों को पर ध्यान देता है। उन्होंने कहा कि यह ‘लोगो' सत्यता, वैधता और विश्वसनीयता के तीन लक्ष्यों का भी प्रतिनिधित्व करता है। श्रम ब्यूरो की स्थापना 1941 में शिमला में ‘रहन सहन लागत' निदेशालय के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य पारिवारिक बजट के बारे में जानकारियां रखना तथा एक समान रूप से देश के महत्वपूर्ण केंद्रों के रहन सहन की लागत सूचकांक को एकत्रित करना था। -
नई दिल्ली। वेदांता रिर्सोसेज लि. ने बांड के जरिये 1.4 अरब डॉलर (करीब 10,500 करोड़ रुपये) जुटाये हैं। इस राशि का उपयोग मुख्य रूप से उसकी प्रमुख भारतीय कंपनी की सूचीबद्धता समाप्त करने के लिये जरूरी कोष के रूप में किया जाएगा।
कंपनी ने आज एक बयान कहा कि वेदांता रिर्सोसेज लि. ने बांड के जरिये सफलतापूर्वक 1.4 अरब डॉलर की राशि जुटायी है। तीन साल के बांड पर सालाना ब्याज दर (कूपन दर) 13 प्रतिशत है। कंपनी के अनुसार बांड के जरिये जुटायी गयी राशि का उपयोग मुख्य रूप से वेदांता लि. के शेयर की खरीद में किया जाएगा जो सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल के नियंत्रण वाली वेदांता लि. को सूचीबद्धता समाप्त करने के बारे में पहले ही शेयरधारकों से मंजूरी मिल चुकी है।
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नई दिल्ली। किसानों को अगले वर्ष 10,000 क्विन्टल प्रमाणित बीजों की आपूर्ति के लिए सरकारी उपक्रमों राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) और भारतीय जूट निगम (जेसीआई) के बीच बुधवार को एक समझौता हुआ। इस कदम से देश में कच्चे जूट का उत्पादन और उपज को बढ़ाने में मदद मिलेगी। कृषि मंत्रालय ने कहा कि देश में पैदा होने वाले कच्चे जूट की गुणवत्ता, पिछले कुछ वर्षो में कम गुणवत्ता वाले बीजों और नकली बीजों के कारण प्रभावित हुई है। इस लिहाज से प्रमाणित बीजों की आपूर्ति महत्वपूर्ण है। एक बयान में कहा गया है, इस समझौते से यह सुनिश्चित होगा कि जूट किसानों को बेहतरीन गुणवत्ता के बीज प्राप्त हों जो विभिन्न कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल हों।
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की उपस्थिति में इस समझौते पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हस्ताक्षर किये गये। इससे फसल वर्ष 2021-22 में किसानों को प्रमाणित बीज की आपूर्ति सुनिश्चित होगी और इससे 5-6 लाख खेतिहर परिवार लाभान्वित होंगे। इसमें कहा गया है कि उत्पादकता के बढऩे के कारण किसानों की आय बढ़ेगी और यह किसानों की आय दोगुनी करने में मददगार होगा। इसमें कहा गया है कि जेसीआई द्वारा इन प्रमाणित बीजों को प्रथम वाणिज्यिक वितरण अभियान के लिए एनएससी से खरीदा जायेगा। इस मौके पर कृषि मंत्री तोमर ने कच्चे जूट की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार लाने के अलावा उसके मूल्यवर्धन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें जूट निर्यात पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए दोनों मंत्रालय के अधिकारी रूपरेखा बनाएं।
जूट की खेती में फायदा यह है कि खरीद की गारंटी होती है। जूट के उत्पादों को और आकषर्क बनाया जाना चाहिए, जिससे इनकी मांग बढ़ेगी और इसके माध्यम से देश में बड़ा बाजार खड़ा किया जा सकता है। -
नई दिल्ली। प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने बुधवार को कहा कि वह अपना एंड्रायड ऐप कोरमो जॉब्स भारत ला रही है। इससे नौकरी चाहने वालों को देशभर में खाली पदों को तलाशने और आवेदन करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने पिछले साल गूगल पे के तहत रोजगार तलाश करने वालों को जोडऩे के लिये जॉब्स पेश किया था। इसमें घरों तक सामान और सेवाएं पहुंचाने वाली कंपनियों, खुदरा और होटल जैसे उद्योगों में अवसरों को रखा जाता था। अब इस पेशकश को नये रूप में 'कोरमो जॉब्स' के रूप में लाया जाएगा। गूगल के क्षेत्रीय प्रबंधक और परिचालन प्रमुख (कोरमो जॉब्स) बिके रसेल ने कहा कि जॉब्स को २०१८ में मूल रूप से बांग्लादेश में पेश किया गया था और उसके बाद इंडोनेशिया में कोरमो जॉब्स ब्रांड के तहत पेश किया गया। पिछले साल गूगल ने, गूगल पे ऐप पर जॉब्स एज ए स्पॉट ब्रांड के अंतर्गत इसी प्रकार की पेशकश की थी।
उन्होने एक ब्लॉगस्पॉट में लिखा है कि जोमैटो और डुनजो जैसी कंपनियां इस सेवा का उपयोग कर जरूरी कुशलता, अनुभव और स्थान विशेष की जरूरत के अनुसार उम्मीदवार तलाशने में सफल रहीं। मंच पर २० लाख से अधिक सत्यापित रोजगार की जानकारी दी गयी थी। रसेल ने कहा, इससे उत्साहित और महामारी के बाद रोजगार उपलब्ध कराने में मदद के इरादे से हम भारत में कोरमो जॉब्स एंड्रॉयड ऐप ला रहे हैं। इससे नौकरी तलाश करने वालों को मदद मिलेगी और वे भारत में अपनी पसंद की नौकरियां तलाश कर सकेंगे और आवेदन कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा, कंपनी नई विशेषताएं और रोजगार जोडऩे के लिये इसमें निवेश जारी रखेगी ताकि जरूरतमंद लोगों को इस सुविधा का पूरा लाभ हो सके। -
नई दिल्ली। आनलाइन यात्रा सेवायें उपलब्ध कराने वाले कंपनी यात्रा डॉट कॉम ने बुधवार को कहा कि उसने अपने साथ जुड़े होटल भागीदारों को उनकी जरूरतों के मुताबिक विभिन्न उत्पाद उपलब्ध कराने के लिये अमेजन बिजनेस के साथ गठबंधन किया है। यात्रा डॉट कॉम ने एक वक्तव्य में कहा है कि उसके आतिथ्य भागीदार अपनी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिये और सुरक्षित और सक्षम तरीके से उत्पादों की खरीदारी करने के वासते अमेजन बिजनेस मार्किटप्लेस का लाभ उठा सकते हैं। इसमें उन्हें एक ही मंच पर विभिन्न श्रेणियों में अलग अलग किस्म के उत्पाद उपलब्ध होंगे। वक्तव्य में कहा गया है कि उसके होटल भागीदारों को देशभर के 3.5 लाख विक्रेताओं के उत्पाद अमेजन बिजनेस प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे।
यात्रा डॉट कॉम के सह- संस्थापक और सीईओ ध्रुव श्रिृंगी ने कहा, हम अपने आतिथ्य क्षेत्र के भागीदारों के लिये उनकी दैनिक और मासिक उत्पाद जरूरतों को पूरा करने के लिये अमेजन बिजनेस के साथ गठबंधन की घोषणा करते हुये प्रसन्न हैं। यह यात्रा के अलावा हमारे कारोबार में विविधता लाने की दिशा में एक और कदम है। अमेजन बिजनेस के निदेशक पीटर जार्ज ने कहा अमजन बिजनेस मार्केटप्लेस अपने बिजनेस ग्राहकों की सुविधा के लिये 15 करोड़ उत्पादों की पेशकश करता है। उन्हें सुविधा के मुताबिक खोज करने और बचत के अवसर देता है। ग्राहकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिये जीएसटी बिल तथा थोक खरीद पर छूट भी उपलब्ध कराता है। यात्रा डॉट कॉम भारत में 1,08,000 और दुनियाभर में 15 लाख से अधिक होटलों में बुकिंग सुविधा उपलब्ध कराता है। - नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम और बिजली उत्पादन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड कर्नाटक में अपने एनटीपीसी कुडगी सुपर थर्मल पावर स्टेशन के परिचालन के लिए कोयले की आपूर्ति करने में परिवहन लागत को घटाकर लगभग 200-500 रुपये प्रति मीट्रिक टन करने में समर्थ होगी। इससे बिजली उत्पादन की लागत घटेगी और पारगमन के समय में भी 8-15 घंटे की कमी आएगी।एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, दक्षिण पश्चिम रेलवे में नवनिर्मित 670 मीटर लंबा पुल एनटीपीसी कुडगी के लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि यह बिजली उत्पादन की लागत को कम करने में मदद करेगा। साथ ही इससे रेलवे को उपलब्ध बुनियादी ढांचे के जरिये कहीं अधिक माल की ढुलाई करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, दोहरी लाइनों की उपलब्धता के कारण महाराष्ट्र के शोलापुर से कर्नाटक के गडग तक की यात्रा का समय कम हो जाएगा जिससे यात्रियों को समय की बचत होगी।एनटीपीसी ने महाराष्ट्र के हॉटगी से कर्नाटक के कुडगी तक (134 किलोमीटर) की मौजूदा रेलवे ट्रैक पर लाइनों के दोहरीकरण में मदद की है। साथ ही कंपनी ने भीमा नदी पर दो पुलों के निर्माण में भी सहायता प्रदान की है। वर्तमान में, इस मार्ग पर एक पुल 50 वर्षों से अधिक पुराना है और इसलिए उस मार्ग से भारी लोड वाले सामानों की ढुलाई नहीं की जाती है। यही कारण है कि अधिकांश यातायात को गुंटाकल से बेल्लारी- गडग मार्ग पर मोड़ दिया जाता है। एनटीपीसी अब दक्षिण पश्चिम रेलवे से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है और मंजूरी मिलते ही वह अपना परिचालन शुरू कर देगी।
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नयी दिल्ली। राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति देने और इस क्षतिपूर्ति के लिए राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज उठाने की वैधता पर महान्यायवादी की राय पर विचार को लेकर जीएसटी परिषद की 27 अगस्त को बैठक हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 41वी बैठक का एकमात्र एजेंडा राज्यों की क्षतिपूर्ति का होगा। बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये होगी। इसके अलावा परिषद की पूर्ण बैठक 19 सितंबर को होगी। इसका एजेंडा अभी तय होना है।
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नई दिल्ली। दी फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स ट्रावनकोर लिमिटेड(एफएसीटी)के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किशोर रूंगटा ने भारतीय उर्वरक संघ,दक्षिणी क्षेत्र (एफएआई एसआर)के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है।
भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई)एक विशिष्ट निकाय है जो उर्वरक निर्माताओं,वितरकों,आयातकों, उपकरण निर्माताओं,अनुसंधान संस्थानों और आदान आपूर्तिकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। भारतीय उर्वरक संघ,दक्षिणी क्षेत्र (एफएआई एसआर)के क्षेत्र में केरल,तमिलनाडु,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के हितधारक आते हैं।
एफएआई का उद्देश्य उर्वरकों के उत्पादन,विपणन और उपयोग से संबंधित सभी लोगों को एक साथ लाना है। इसका क्षेत्रीय कार्यालय मुख्य रूप से इस क्षेत्र में काम कर रहे उर्वरक निर्माताओं,राज्य सरकारों और अन्य स्थानीय प्राधिकरणों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है और उनके साथ निरंतर संपर्क बनाकर रखता है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा भुगतान को नियंत्रित करने के लिए एक अखिल भारतीय संगठन आरंभ करने की रूपरेखा जारी की है।
इसके अनुसार 500 करोड़ रुपये की शुद्ध लागत वाली कंपनियां इस तरह की खुदरा भुगतान प्रणाली का गठन करने और उसके प्रबंधन तथा संचालन की पात्र होंगी। इसके अंतर्गत ए.टी.एम., पी.ओ.एस., आधार से जुड़ी भुगतान और प्रेषण सेवाओं को शामिल किया जाएगा।
इस संगठन को धोखाधड़ी और जालसाजी से निपटने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम की निगरानी भी करनी होगी।
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नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्टअप ईट्रियो ने देश का पहला प्रमाणित रेट्रोफिटेड इलेक्ट्रिक हल्का वाणिज्यिक वाहन (ईएलसीवी) पेश किया है। ईट्रियो ने बयान में कहा कि ईएलसीवी कंपनी की अपनी तरह की पहली पहल है। कंपनी ने कहा कि उसके हैदराबाद स्थित विनिर्माण कारखाने में सालाना आधार पर 5,000 ऐसे वाहनों को रेट्रोफिट किया जा सकता है। ईट्रियो के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक एमवी ने कहा, हम ईट्रियो ईएलसीवी पेश कर गौरान्वित महसूस कर रहे हैं। हमारी इस वैज्ञानिक रेट्रोफिटमेंट प्रक्रिया से चालकों को परिचालन खर्च में 60 प्रतिशत की बचत होगी। इससे हम डीजल के धुआं छोडऩे वाले वाहनों को हरित उत्पादक वाहन में बदल सकेंगे।
- नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से स्टार्टअप कंपनियों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत कार्यरत नेशनल रिसर्च डिवेलपमेंट कारपोरेशन (एनआरडीसी) ने सीएसआईआर-नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरी (एनएएल) के साथ हाथ मिलाया है।इस नई साझेदारी के तहत दोनों संस्थान मिलकर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के उभरते क्षेत्रों से जुड़ी स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने का काम करेंगे। इस पहल के अंतर्गत एयरोस्पेस क्षेत्र से संबंधित इनोवेशन/इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। यह जानकारी एनआरडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ एच. पुरुषोत्तम द्वारा दी गई है।इस संबंध में सीएसआईआर-एनएएल और एनआरडीसी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर मुख्यालय में इस समझौते का आदान-प्रदान करते समय डीएसआईआर के सचिव एवं सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे, डीएसआईआर के संयुक्त सचिव डॉ आर. वैधीश्वरन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।इस पहल के तहत एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्टार्टअप कंपनियों को इन्क्यूबेशन के साथ-साथ उत्पाद एवं प्रोटोटाइप विकसित करने तथा उसे वैधता दिलाने के लिए जरूरी सलाह और समर्थन मिल सकेगा। एनआरडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ पुरुषोत्तम ने कहा है कि दोनों संस्थानों के बीच इस साझेदारी के बाद सीएसआईआर की अन्य घटक प्रयोगशालाओं में भी इनोवेशन/इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के रास्ते खुल सकते हैं।----
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मुंबई। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अखिल भारतीय स्तर पर खुदरा भुगतान प्रणालियों के संचालन के लिये छत्र-इकाई स्थापित/ परिचालित करने के नियम जारी किए और काम शुरू करने की इच्छुक कंपनियों से 26 फरवरी 2021 तक आवेदन आमंत्रित किये हैं। छत्र इकाई अपने नाम के तहत खुदारा बाजार में विभिन्न प्रणालियों की स्थापना, प्रबंध और परिचालन कर सकेगी। रिजर्व बैंक की रूपरेखा के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की खुदरा भुगतान प्रणाली का संचालन करने के लिये आवेदन करने वाली कंपनी की नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिये। ऐसी कंपनी को खुदरा भुगतान के क्षेत्र में एटीएम, खुदरा बिक्री केन्द्रों, आधार आधारित भुगतान और प्राप्ति सेवाओं सहित समूचे खुदरा क्षेत्र की नई भुगतान व्यवस्था का संचालन और व्यवस्था देखनी होगी। कंपनी इस प्रकार के भुगतान केन्दों की स्थापना करने से लेकर उनकी देखरेख और परिचालन के लिये जवाबदेह होगी। रिजर्व बैंक की इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, रिजर्व बैंक इस प्रकार की व्यापक इकाई स्थापित करने वालों से आवेदन आमंत्रित करता है। ये आवेदन 26 फरवरी 2021 को सामान्य कामकाज का समय समाप्त होने से पहले उपलब्ध कराये गये फार्म- ए में भरकर सौंप दिये जाने चाहिये। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस प्रकार की वृहद इकाई को बैंकों और गैर- बैंकों के लिये क्लयरिंग और निपटान प्रणाली का परिचालन करने की भी अनुमति होगी। इसमें उसे निपटान, रिण, तरलता और परिचालन संबंधी जोखिमों की पहचान और उन्हें व्यवस्थित भी करना होगा। इसके साथ ही पूरी प्रणाली की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को बनाये रखना होगा। रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसी कंपनी को खुदरा भुगतान प्रणाली से जुड़े देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों पर भी नजर रखनी होगी ताकि घरेलू प्रणाली में इनसे पड़ने वाले झटकों, धोखाधड़ी और दूसरी प्रतिक्रियाओं से बचा जा सके और अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभाव को रोका जा सके। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि इस प्रकार की वृहद कंपनी के लिये आवेदन करने के वास्ते उसके प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह सभी का स्वामित्व एवं नियंत्रण भारतीय नागरिक के हाथ में होना चाहिये।