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मुंबई। इंडियन बैंक ने किसानों को सोने के एवज में कर्ज देने की अपनी योजना में ब्याज दर को घटाकर सात फीसद कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने अपनी अल्पकालिक स्वर्ण ऋण योजना - बंपर एग्री ज्वेल पर ब्याज दर को घटाया है। इससे पहले इस उत्पाद पर ब्याज दर 7.5 फीसदी थी। बैंक द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक यह कमी वर्तमान महामारी की स्थिति को देखते हुए और जरूरतमंद किसानों को सस्ती दर पर आसान ऋण मुहैया कराने के लिए की गई है। बैंक ने कहा, 22 जुलाई, 2020 से कृषि आभूषण ऋण की ब्याज दर को सात फीसदी तय किया है। इसका मतलब है कि प्रति लाख रुपये पर हर महीने महज 583 रुपये का ब्याज। इस योजना के तहत आभूषण की कीमत का 85 प्रतिशत तक ऋण छह महीने की अवधि के लिए दिया जाता है।
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नई दिल्ली। इस साल मई में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से करीब 4.63 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। अप्रैल में यह संख्या 2.55 लाख थी। इन आंकड़ों के जरिए रोजगार सृजन का पता चलता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक ईएसआईसी की योजना में मार्च में 8.21 लाख नए सदस्य जुड़े थे. फरवरी में यह संख्या 11.83 लाख थी। आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया । एक जून से धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को खोला जा रहा है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की रिपोर्ट के अनुसार ईएसआईसी के पास 2019-20 में रजिस्टर्ड नए अंशधारकों की संख्या 1.51 करोड़ रही जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह 1.49 करोड़ था. सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान 83.35 लाख नए अंशधारक ईएसआईसी योजना से जुड़े. रिपोर्ट के अनुसार सितंबर 2017 से मई 2020 के दौरान ईएसआईसी के पास रजिस्टर्ड नए अंशधारकों की संख्या 3.91 करोड़ रही। ये रिपोर्ट ईएसआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़े नये अंशधारकों के आंकड़े पर आधारित है. इन संगठनों के आंकड़े अप्रैल 2018 से जारी किया जा रहा है. इसमें सितंबर 2017 की अवधि को लिया गया है।
- जम्मू। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए चुने हुए 37 स्थानों पर 9654 कनाल और एक मरला भूमि उद्योग और वाणिज्य विभाग को हस्तांतरित की गई है। यह फैसला आज श्रीनगर में उपराज्यपाल जी सी गुर्गु की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में किया गया।इस निर्णय से प्रस्तावित नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना होगी और केन्द्र शासित प्रदेश में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढेंग़े और क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
- नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से कहा है कि वे कोविड-19 महामारी के दौरान अत्यधिक जोखिम से बचें। द्विवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट की भूमिका में डॉ. शक्तिकांत दास ने कहा है कि बैंकों और वित्तीय कंपनियों की सर्वोच्च प्राथमिकता अब पूंजी का स्तर सुधारने और उत्थान शक्ति में सुधार लाने की होनी चाहिए।श्री शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली सुदृढ है लेकिन अत्यधिक सावधानी से काम करना वक्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारों, केंद्रीय बैंकों और अन्य सरकारी एजेंसियों ने विश्वभर में व्यापारियों, निवेशकों और उपभोक्ताओं के बीच वित्तीय दवाब दूर करने के लिए समन्वित प्रयास किए हैं।
- नई दिल्ली। सिल्पा जल्द ही फैवीपिराविर लांच करने जा रही है। इसका इस्तेमाल कोरोना के मरीजों के इलाज में होगा। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) ने कम लागत में यह दवा तैयार की है।आर्थिक खबरों की वेबसाइट मिंट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सिप्ला इस दवा को सिप्लेंजा ब्रांड नाम से लांच करेगी। यह अगस्त के पहले हफ्ते में बाजार में आ जाएगी। इस दवा की एक टैबलेट की कीमत 68 रुपए है। सिप्ला ने कहा कि उसे डीसीजीआई से यह दवा लांच करने की इजाजत मिल गई है। मूल रूप से जापान की कंपनी फुजी फार्मा ने यह दवा तैयार की है। क्लिनिकल ट्रायल में फैवीपिराविर के अच्छे नतीजे आए हैं। कम और मध्यम स्तर के संक्रमण के इलाज में यह दवा कारगर साबित हुई है। सीएसआईआर ने देश में उपलब्ध केमिकल्स का इस्तेमाल करके इस दवा के लिए ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) तैयार किया है। फिर इसमें इसे दवा के उत्पादन के लिए सिप्ला को दिया। कंपनी ने कहा कि सिप्ला ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में दवा बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। .
- नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) शुक्रवार को कारोबार के दौरान 14 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार निकल गया। कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर चार प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया।कंपनी के अलग से सूचीबद्ध आंशिक चुकता शेयरों का बाजार पूंजीकरण 53,821 करोड़ रुपये है। इस तरह कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण अब 14,07,854.41 करोड़ रुपये हो गया है।बीएसई में देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का शेयर 4.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,149.70 रुपये पर पहुंच गया। यह इसका सर्वकालिक उच्चस्तर है। इससे बीएसई में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 13,54,033.41 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेयर 4.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 2,149.90 रुपये पर पहुंच गया।---
- हैदराबाद। विविध क्षेत्रों में कार्यरत महिंद्रा समूह ने यहां वर्चुअल तरीके से अपने महिंद्रा विश्वविद्यालय का शुभारंभ किया। समूह ने कहा है कि हमारा मकसद देश में विश्वस्तरीय, भविष्य के अनुकूल शिक्षा प्रदान करना है।समूह के चेयरमैन और महिंद्रा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आनंद महिंद्रा ने बयान में कहा कि उच्च गुणवत्ता की शिक्षा में लोगों के साथ-साथ राष्ट्र में भी बदलाव लाने की ताकत होती है। बयान में कहा गया है कि महिंद्रा विश्वविद्यालय का प्रयास संतुलित शिक्षा प्रदान करने का होगा। इसमें नई प्रौद्योगिकी के साथ लिबरल आट्र्स का समावेश रहेगा, जिससे हम समग्र सोच वाली अगली पीढ़ी तैयार कर सकेंगे।तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी एवं उद्योग मंत्री के.टी. रामाराव ने कहा, आज हम जिस प्रौद्योगिकी का अनुभव ले रहे हैं उसमें किसी कारोबार या सामाजिक जटिलता को हल करने की क्षमता है। प्रौद्योगिकी और मानविकी को मुख्यधारा के उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम से जोडऩे से सिर्फ युवा लोगों ही नहीं पूरे देश को लाभ होगा। बयान में कहा गया है कि यह एक स्वायत्त विश्वविद्यालय के रूप में काम करेगा। इसमें डाटा साइंस, ब्लॉकचेन और डाटाएनालिटिक्स जैसी सभी उभरती प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाएगा। महिंद्रा विश्वविद्यालय टेक महिंद्रा की गैर लाभकारी अनुषंगी महिंद्रा एजुकेशनल इंस्टिट्यूशंस का हिस्सा है। 130 एकड़ क्षेत्र में फैला यह विश्वविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा।--
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नई दिल्ली। मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान उसके मंच पर लेनदेन में 3.5 गुना वृद्धि देखने को मिली है। लॉकडाउन की वजह से भी सुरक्षित लेनदेन के लिए लोगों का डिजिटल भुगतान करना बढ़ा है। ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2020 को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि कंपनी के मंच पर हर सप्ताह किए जाने वाले लेनदेन की औसत संख्या में भी बढ़ोत्तरी हई है। उन्होंने कहा कि पहले कोई ग्राहक जितना लेनदेन हमारे मंच से करता था, अब उसमें ढाई से साढ़े तीन गुना की वृद्धि हुई है, जो ग्राहक पहले से कंपनी के मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं उनका लेनदेन बढ़ा है। वहीं नए ग्राहक भी बढ़े हैं। मंच पर हर सक्रिय उपयोक्ता सप्ताह में औसतन दो लेनदेन कर रहा है। शर्मा ने कहा कि अपने मंच पर कैशबैक सुविधा को बंद करने के बावजूद पेटीएम अपने उपयोक्ताओं की संख्या बढ़ाने में सफल रही है। -
नई दिल्ली। इस साल जून महीने में 4जी डाउनलोड स्पीड के मामले में रिलायंस जियो 16.5 मेगाबिट्स प्रति सेकंड (एमबीपीएस) की औसत स्पीड के साथ शीर्ष स्थान पर रही। हालांकि अपलोड स्पीड के मामले में वोडाफोन और आइडिया पहले पायदान पर रहीं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों से यह पता चला। ट्राई के मायस्पीड पोर्टल पर प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, जून महीने के दौरान डाउनलोड स्पीड के मामले में जियो के बाद आठ एमबीपीएस के साथ आइडिया का स्थान रहा। इसके बाद 7.5 एमबीपीएस और 7.2 एमबीपीएस के साथ क्रमश: वोडाफोन और एयरटेल का स्थान रहा। अपलोड स्पीड के मामले में वोडाफोन और आइडिया दोनों 6.2 एमबीपीएस के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष पर रहीं। जियो और एयरटेल दोनों की अपलोड स्पीड 3.4 एमबीपीएस रही। डाउनलोड स्पीड दूसरों द्वारा भेजे गये संदेशों, चित्रों, वीडियो आदि को देखने में मदद करती है, जबकि अपलोड गति संदेशों, चित्रों आदि को भेजने में काम आती है। वोडाफोन और आइडिया ने अपने मोबाइल कारोबार का विलय कर दिया है, लेकिन कारोबार का पूरी तरह से एकीकरण नहीं हो पाने के कारण दोनों 4जी स्पीड का विवरण अलग-अलग देती हैं। दूरसंचार कंपनियों की डेटा स्पीड मार्च-अप्रैल में निचले स्तर पर आ जाने के बाद जून में बेहतर हुई हैं। लॉकडाउन की अवधि के दौरान, जियो की डाउनलोड स्पीड कम होकर 13.3 एमबीपीएस पर आ गयी थी। इसी तरह वोडाफोन की स्पीड 5.6 एमबीपीएस, एयरटेल की 5.5 एमबीपीएस और आइडिया की 5.1 एमबीपीएस पर आ गयी थी।
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फिक्की छत्तीसगढ़ प्रदेश परिषद के संयोजन में सीएसआईडीसी, छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ में बायो-इथेनॉल एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के अवसर पर वेबीनार आयोजित
छत्तीसगढ़ बायो-इथेनॉल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए निवेश की पसंदीदा जगह है जहां आने वाले समय में 200 फूड पार्क स्थापित होंगे- पी. अरुण प्रसाद- आईएफएस, एमडी-सीएसआईडीसी, छत्तीसगढ़ सरकार
छत्तीसगढ़ सरकार का लघु वन उपज पर बहुत ज़ोर है और इसे आगामी औद्योगिक नीति में सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने की योजना है- संजय शुक्ला-आईएफएस, एमडी- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज सहकारी समिति
रायपुर। फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद और सीएसआईडीसी, छत्तीसगढ़ सरकार ने संयुक्त रूप से जैव-इथेनॉल और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के अवसर पर बुधवार को एक वेबीनार का आयोजन किया। प्रदीप टंडन, अध्यक्ष फिक्की - छत्तीसगढ़ राज्य परिषद, पी. अरुण प्रसाद, एमडी, सीएसआईडीसी, संजय शुक्ला, एमडी छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ और गुलरेज़ आलम, सदस्य फिक्की -छत्तीसगढ़ राज्य परिषद इस वेबीनार के पैनलिस्ट थे। फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन (आभासी) सत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के घरेलू और राष्ट्रीय स्तर के बड़े उद्यमियों के साथ-साथ व्यक्तिगत और संस्था गत निवेशकों की भी अच्छी-खासी भागीदारी रही।
इस अवसर पर सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक पी. अरुण प्रसाद ने अपने संबोधन में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की प्रदेश में संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के मुताबिक कारोबार की सुगमता के लिहाज से छत्तीसगढ़ सर्वोच्च उपलब्धियां हासिल करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है। सरकार की योजना प्रदेश में जिला व प्रखंड स्तर पर 200 फूड पार्क स्थापित करने की है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ देश में तेजी से तरक्की करने वाले मजबूत राज्य के रूप में उभर रहा है। प्रदेश में 80 फीसदी लोग कृषि और कृषि आधारित व्यवसाय पर आश्रित हैं। हमारे यहां 88 प्रजातियों के औषधीय पौधे उगाए जाते हैं और सरकार इथेनॉमेडिसीन इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने में सदैव आगे रही है। इस कार्य में सदियों से अनुसूचित जाति के लोग लगे हैं। छत्तीसगढ़ की सीमाएं 7 राज्यों से मिलती हैं। हमारा प्रदेश रेल, सड़क और हवाई यातायात की दृष्टि से समृध्द है और देश का लॉजिस्टिक्स हब बनने की पूरी क्षमता रखता है।
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक होगा कि छत्तीसगढ़ अपनी जरूरत से अधिक (अधिशेष) धान उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है। ताजा आंकड़ों के हिसाब से राज्य में 80 लाख टन धान की खरीद की गई है जो भविष्य में और बढ़ेगी। हाल ही में, केंद्र सरकार ने अधिशेष चावल को इथेनॉल में बदलने की अनुमति दी है। इस इथेनॉल का उपयोग अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजऱ बनाने और पेट्रोल सम्मिश्रण में किया जाएगा। वाणिज्य और उद्योग विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य में इथेनॉल संयंत्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव (ईओआई) मांगे हैं। इस सिलसिले में 21 जुलाई 2020 को हुई प्री-बिड मीटिंग के दौरान प्रतिभागियों ने कोविड19 महामारी की वजह से अंतिम तिथि 10 अगस्त 2020 तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। पी. अरुण प्रसाद ने इच्छुक बोलीकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे अपने प्रस्ताव निर्धारित आवेदन प्रारूप (ईओआई) के अनुसार ही प्रस्तुत करें।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज सहकारी समिति के एमडी संजय शुक्ला ने कहा कि लघु वन उपज के संग्रह और प्राथमिक प्रसंस्करण को सुगम बनाने के साथ-साथ लघु वन उपज प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इसका वास्तविक लाभ सीधे इस कारोबार से जुड़ी ग्रामीण आबादी को होगा। उन्होंने आह्वान किया कि लघु वन उपज खरीदें, उनका प्रसंस्करण करें और 31 मार्च 2022 तक अत्याधुनिक प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना कर यह कारोबार 500 करोड़ रुपये से ऊपर ले जाएं तभी ग्रामीण पृष्ठभूमि के 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य प्राप्त हो सकेगा। इससे पूर्व प्रदीप टंडन, अध्यक्ष, फिक्की छत्तीसगढ़ ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आज प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की आवश्यकता है क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों के शहरीकरण में मदद करेगा, कच्चे कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन कर बेहतर कीमत दिलाएगा, ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा और साथ ही अर्थव्यवस्था के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस अवसर पर गुलरेज़ आलम, सदस्य-फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद व निदेशक, एबीआईएस एक्सपोट्र्स आई प्राइवेट लिमिटेड ने अपने धन्यवाद अभिभाषण में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए प्रदेश सरकार की पहल की सराहना करते हुए निवेशकों का आह्वान किया कि वे पूरे इत्मीनान से उद्योग लगाएं और कारोबार करें। सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास के लिए प्रयत्नशील है। यहां न सिर्फ कृषि उत्पादन पर्याप्त है बल्कि उद्योग लगाने के लिए भूमि व स्थानीय बाजार के साथ-साथ निर्यात की भी भरपूर संभावनाएं हैं। सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए पर्याप्त अनुदान और आर्थिक सहयोग (सब्सिडी) प्रदान कर रही है।
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मुंबई। अर्थव्यवस्था में नकदी के इस्तेमाल को कम करने के लिये सरकार को ग्राहकों के बीच क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड के जरिये लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन देने चाहिये। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह कहा गया है। क्यूआर कोड के जरिये विभिन्न बिक्री केन्द्रों और दुकानों पर मोबाइल से आसानी से भुगतान किया जा सकता है। क्यूआर कोड पर्याप्त सूचनाओं को अपने में संग्रहित रख सकता हे। यह एक तरह का बारकोड होता है जिसे मशीन के जरिये पढ़ लिया जाता है। एक जापानी कंपनी डेंसो वेव ने1990 में क्यूआर कोड का अविष्कार किया था। भारत में क्यूआर कोड भुगतान प्रणाली व्यापक तौर पर तीन तरह से भारत क्यूआर, यूपीआई क्यूआर और प्राप्रिएटरी क्यूआर-- के जरिये काम करती है। आईआईटी बंबई के प्रोफेसर एमरिटस डी बी पाठक की अध्यक्षता वाली रिजर्व बैंक की इस समिति ने और भी कई सुझाव इस संबंध में दिये हैं। उसने कहा है कि जो व्यापारी अलेक्ट्रानिक तरीके से भुगतान स्वीकार करते हैं उन्हें कर प्रोत्साहन भी दिया जाना चाहिये। क्यूआर कोड के विश्लेषण के लिये गठित इस समिति ने कहा है कि देश में क्यूआर कोड के जरिये लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये और इसे लोगों के बीच आकर्षक बनाने के लिये सरकार को प्रोत्साहन योजनाओं को भी शुरू करना चाहिये। क्यूआर कोर्ड के जरिये कोई भी बिजली, पानी, पेट्रोल, डीजल, किराना सामान, यात्रा और अन्य कई तरह के भुगतान कर सकता है। रिजर्व बैंक को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कागज आधारित क्यूआर कोड काफी सस्ता और लागत प्रभावी है। इसमें रखरखाव की भी जरूरत नहीं पड़ती है। रिजर्व बैंक ने इस रिपोर्ट पर लोगों तथा अन्य संबंध पक्षों से 10 अगस्त तक अपने सुझाव और टिप्पणियां भेजने को कहा है। -
नई दिल्ली। देश में यूरिया का उत्पदन वर्ष 2019-20 में बढ़कर 244.55 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जबकि इसकी बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 336.97 लाख टन हो गई। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। यूरिया के घरेलू उत्पादन और मांग के बीच की अंतर को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश भर में उर्वरकों का उत्पादन और उसकी आवाजाही सहज बनी हुई है। वर्ष 2019-20 के दौरान 244.55 लाख टन का रिकॉर्ड यूरिया उत्पादन हुआ जो वर्ष 2018-19 में 240 लाख टन था। बयान में कहा गया है, जबकि यूरिया की बिक्री या खपत 336.97 लाख टन हो गई, जबकि पिछले वर्ष यानी वर्ष 2018-19 में 320.20 लाख टन थी। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद देश भर में उर्वरकों का उत्पादन और उसे किसी स्थान पर पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल भी उर्वरकों की कोई कमी नहीं होगी।
- नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड द्वारा कृष्णापटनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड के अधिग्रहण को मंजूरी दी है। प्रस्तावित संयोजन में अदानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (अदानी पोर्ट्स) द्वारा कृष्णपट्टनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड (केपीसीएल) में इक्विटी शेयरहोल्डिंग के साथ प्रबंधन नियंत्रण के अधिग्रहण की परिकल्पना की गई है।अडानी पोर्ट्स एकीकृत पोर्ट अवसंरचना सेवा प्रदाता है जो वर्तमान में छह तटीय राज्यों - गुजरात, गोवा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा के दस घरेलू बंदरगाहों में मौजूद है। अधिग्रहणकर्ता लॉजिस्टिक्स चेन (यानी जहाजों के प्रबंधन से लेकर जहाजों के ठहरने का स्थान, जहाज संचालन, कर्षण, लंगर डालने की जगह, सामानों के रखरखाव, आतंरिक परिवहन, भण्डारण और संचालन, प्रोसेसिंग व रोड या रेल द्वारा अंतिम निकासी) का प्रबंधन करता है।केपीसीएल आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम में गहरे पानी के बंदरगाह को विकसित करने तथा संचालित करने का कार्य कर रहा है। कंपनी का आंध्र प्रदेश सरकार के साथ, वाणिज्यिक संचालन शुरू होने की तारीख से 30 साल की अवधि के लिए निर्माण-संचालन-साझा-हस्तांतरण (बिल्ड-ऑपरेट-शेयर-ट्रांसफर) के आधार पर रियायत समझौता हुआ है तथा इस समझौते को और 20 साल की अवधि के लिए विस्तार दिया जा सकता है (दो अवधि - प्रत्येक 10 साल की)।सीसीआई का विस्तृत आदेश जल्द ही जारी किया जायेगा।
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नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी के प्रमुख अजय त्यागी ने बुधवार को कहा है कि कार्पोरेट बांड बाजार केवल ऊंची रेटिंग वाले बांड के लिये ही सीमित है। ऐसे में इस बाजार में ऋणपत्रों के जरिये धन जुटाने में सक्षम केवल सीमित संख्या में ही इश्यू आ पाते हैं।
त्यागी ने यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) के पूंजी बाजार पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस बाजार में और उद्यमों की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें संस्थागत निवेशकों को भी कार्पोरेट बांड बाजार में आने की अनुमति मिलनी चाहिये। फिलहाल इस बाजार में म्यूचुअल फंड ही प्रमुख रूप से सक्रिय खिलाड़ी हैं। कार्पोरेट बांड बाजार की बकाया राशि का बाजार भारत में 2013- 14 में 15,000 अरब रुपये से बढ़कर 2019- 20 में 33,000 अरब रुपये तक पहुंच गया। इस लिहाज से इसमें सालाना 14 प्रतिशत की वृद्धि दर रही। इसके मुकाबले बैंकों का बकाया कर्ज इस अवधि के दौरान सालाना 9 प्रतिशत की दर से बढ़ता हुआ 61,000 अरब रुपये से बढ़कर 104,000 अरब रुपये तक पहुंच गया। कार्पोरट बांड बाजार में हालांकि, पिछले 5 से 6 साल के दौरान बैंक कर्ज के मुकाबले ऊंची वृद्धि दर्ज की गई लेकिन वास्तविक आंकड़ों की यदि बात की जाये तो कार्पोरेट बांड बाजार कुल बैंक रिण का अभी मात्र एक तिहाई तक ही है। सेबी प्रमुख ने कहा कि कार्पोरेट बांड बाजार में बिना किसी देरी के जरुरी सुधार लाया जाना चाहिये। उन्होंने वित्तीय बाजारों के एकीकरण के बारे में कहा। ऐसा बाजार जहां कार्पोरेट बॉंड और सरकारी प्रतिभूति बाजार एकसाथ हों। -
नई दिल्ली। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने बताया है कि उसके सेलम इस्पात संयंत्र ने एसएस 32205 श्रेणी का स्टेनलेस स्टील तैयार किया है, जो अत्यधिक क्षय प्रतिरोधक है। इसके साथ ही सेल इस श्रेणी का इस्पात तैयार करने वाली देश की चुनिंदा कंपनियों में शामिल हो गई है। अभी तक इस श्रेणी के स्टेनलेस स्टील को आमतौर पर आयात किया जाता है। सेल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सुपर डुप्लेक्स स्टेनलेस स्टील बेहद मजबूत और टिकाऊ है। साथ ही अत्यधिक क्षय प्रतिरोधक होने के कारण इसका इस्तेमाल रसायन प्रसंस्करण उपकरणों, तेल और गैस की खोज, लुगदी और कागज उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उपकरणों और जैव ईंधन संयंत्र में किया जाता है। सेल के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि सेल भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर ऐसे इस्पात के विकास में लगातार काम कर रहा है, जो स्वदेशी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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मुंबई। आवास ऋण देने वाली कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (एलआईसीएचएफएल) ने बुधवार को कहा कि उसने आवास ऋण लेने वाले नये ग्राहकों के लिये ब्याज दर को घटाकर 6.90 प्रतिशत कर दिया है। आवास ऋण पर यह अब तक की सबसे निम्न ब्याज दर है। जिन ग्राहकों का सिबिल स्कोर 700 अथवा इससे अधिक होगा उन्हें इस दर पर आवास ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस ने एक वक्तव्य में कहा है कि सिविल में 700 अथवा इससे अधिक स्कोर रखने वाले ग्राहकों के लिये 50 लाख रुपये तक के आवास रिण पर ब्याज की दर 6.90 प्रतिशत से शुरू होगी। इसी प्रकार इतने ही स्कोर के साथ 80 लाख रुपए से अधिक आवास ऋण लेने वालों के लिये 7 प्रतिशत की ब्याज दर होगी। एलआईसीएचएफएल के प्रबंध निदेशक और सीईओ सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, कंपनी के आवास ऋण पर ब्याज दर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है इसलिये ग्राहकों को कर्ज पर मासिक किस्त का भुगतान भी कम होगा। आकर्षक मूल्य अंकों और सस्ती ईएमआई से मकान खरीदने के लिये मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस नये उत्पाद के जरिये कंपनी आवास क्षेत्र में मांग पैदा करना चाहती है। इससे पहले अप्रैल में कंपनी ने सिबिल में 800 अंक अथवा इससे अधिक स्कोर रखने वाले मकान खरीदने वाले नये ग्राहकों के लिये आवास रिण पर ब्याज दर को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया था। मोहंती ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती किये जाने के बाद कोष की लागत में भी नरमी आई है। कंपनी के लिये कोष की लागत वर्तमान में 5.6 प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कंपनी के रिण में से 25 प्रतिशत से भी कम कर्ज किस्त भुगतान पर लगी रोक के तहत है। वहीं कंपनी के निर्माण कार्य के लिये दिये गये 13,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से 8,500 - 9,000 करोड़ रुपये किस्तों के भुगतान पर रोक के दायरे में है। कंपनी ने पेंशन भोगियों के लिये एक खास आवास रिण उत्पाद, गृह वरिष्ठ, भी जारी किया है। इसके तहत कर्ज की अवधि ग्राहक के 80 साल की आयु पूरी होने तक अथवा अधिकतम 30 साल रखी गई है जो भी इसमें पहले होगा। इस योजना के तहत तैयार मकान खरीदने वाले ग्राहक को छह ईएमआई की छूट और निर्मार्णाधीन मकानों के लिये किस्त भुगतान पर 48 महीने की रोक अवधि जैसी सुविधायें भी उपलब्ध हैं।
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नई दिल्ली। वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लि. (एचजेडएल) ने बुधवार को अंजनी के अग्रवाल और अखिलेश जोशी को निदेशक मंडल में शामिल किये जाने की घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि जोशी एचजेडएल के पूर्व सीईओ हैं जबकि अग्रवाल ईवाई के पूर्व वरिष्ठ भागीदारी हैं। जोशी ने अपने कैरिअर की शुरूआत 1976 में एचजेडएल से की और 2008 से 2012 के दौरान वे कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किये गये। वह 2012 से 2015 के दौरान कंपनी के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक रहे। अग्रवाल पिछले साल जून में ईवाई से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने केंद्र सरकार और नीति आयोग में भी विभिन्न नीतिगत मामलों पर काम किया है। हिंदुस्तान जिंक का मुख्यालय उदयपुर है और यह जस्ता, सीसा और चांदी की प्रमुख उत्पादक कंपनी है।
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मुंबई। साधारण बीमा कंपनी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने मंगलवार को बताया कि उसने प्रकाश चंद्र कांडपाल को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उनका कार्यकाल 20 जुलाई से शुरू हो गया है। वह जून 2019 से कंपनी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। कांडपाल के पास भारतीय स्टेट बैंक में काम करने का 33 साल का अनुभव है। वह खुदरा, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग के साथ-साथ मानव संसाधन, प्रौद्योगिकी जैसे विभागों की जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वह एसबीआई म्यूचुअल फंड में मुख्य परिचालन अधिकारी भी रहे हैं। कांडपाल, पूषण महापात्रा का स्थान लेंगे। महापात्रा को कंपनी में रणनीतिक निवेश और डिजिटल पहल निदेशक बनाया गया है। वह कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक बने रहेंगे।
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रायपुर/नई दिल्ली। देशभर के सर्राफा बाजारों में आज सोने-चांदी की कीमतों ने आसमान छू लिया। धनश्री ज्वेलर्स के योगेश सोनी ने बताया कि बुधवार को राजधानी रायपुर में सोना 51,500 प्रति दस के दर पर पहुंच गया। इसी तरह चांदी 58000 हजार रुपए प्रति किलो रही। श्री सोनी के अनुसार रायपुर में 24 कैरेट सोना एक ही दिन में 500 रुपए प्रति दस ग्राम महंगा हो गया, वहीं चांदी 3000 रुपए प्रति किलो महंगी हो गई।
वायदा बाजार में रहे ये दाम
इधर, अगर भारतीय वायदा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों की बात करें तो आज दोनों धातुएं नई ऊंचाई पर हैं। चांदी का भाव 60,000 रुपए प्रति किलो के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार गया, जबकि सोना भी 50,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर को तोडऩे के करीब है। केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। इससे शेयर बाजारों में जहां अनिश्चितता का माहौल है वहीं रियल एस्टेट भी पस्त पड़ा है। इस दौर निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित सोना ही नजर आ रहा है। निवेशकों का रुझान गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और बॉन्ड की तरफ बढ़ा है। यही वजह है कि सोने के रेट बढ़ते जा रहे हैं। वहीं कोरोनावायरस संक्रमण के कारण खनन कार्य प्रभावित होने और आपूर्ति बाधित होने से चांदी की कीमतों में ज्यादा तेजी देखी जा रही है। -
रायपुर/नई दिल्ली। पहले लॉकडाउन फिर बारिश और बाढ़ के चलते देशभर में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। देशभर की सब्जी मार्केट में इस समय सब्जियों की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आया है। चिल्हर बाजार में सब्जियां महंगी होने की वजह से लोगों की रसोई का जायका बिगड़ गया है। छत्तीसगढ़ में भी पिछले कुछ दिनों में सब्जियों के दाम में तेजी से इजाफा हुआ है। मंगलवार को टमाटर 50 रुपए किलो बिका। इसी तरह मुनगा 80 रुपए, फूलगोभी 60 रुपए करेला 50 से 60 रुपए, गंवार फल्ली 40 रुपए और भिंडी 30 रुपए किलो बिकी। बुधवार से रायपुर में लॉकडाउन की खबर का असर मंगलवार को दिखा। मंगलवार को आलू के दाम अचानक बढ़कर 40 रुपए प्रति किलो हो गए।
इधर, दिल्ली के आजादपुर मंडी के चेयरमैन आदिल अहमद खान ने कहते हैं कि मानसून के समय हर साल सब्जियों की कीमतों में इजाफा होता है। इस समय पुरानी फसलों की कटाई के बाद नई फसलें तैयार होती हैं। ऐसे में 20-25 दिन थोड़ा संकट वाला होता है। कोलकाता के कोले सब्जी मार्केट के व्यापारी रविंद्र नाथ कोले ने बताया कि इस समय रिटेल में सब्जी की कीमत आसमान छू रही है। बारिश और कई जिलों में बाढ़ जैसी समस्या होने की वजह से हरी सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है। -
नई दिल्ली। कोरोनो महामारी को देखते हुए सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि स्कीम सहित कई छोटी बचत योजनाओं के लिए जमा और खाता खोलने के नियमों में ढील दी है। ये छूट 31 जुलाई को समाप्त हो रही है। इसके तहत पीपीएफ खाताधारकों को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए न्यूनतम और अधिकतम राशि अपने खातों में 31 जुलाई तक जमा करने की अनुमति दी है। वहीं सुकन्या समृद्धि स्कीम के तहत खाता खोलने को लेकर भी राहत दी गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटी अधिनियम के तहत 2019-20 के लिए कटौती का दावा करने के लिए विभिन्न निवेश की समय सीमा को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है, जिसमें धारा 80सी, 80डी, 80जी आदि शामिल हैं। इसके तहत अब पीपीएफ खाताधारक इसमें टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए 31 जुलाई तक निवेश कर सकेंगे। इसके अलावा अकाउंट में साल में कम से कम 500 रुपए जमा करना होते हैं ऐसा न करने पर पेनल्टी वसूली जाती है। इस मिनिमम अकाउंट को भी 31 जुलाई तक जमा करना होगा। पीपीएफ पर 7.1 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न मिल रहा है।
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नई दिल्ली। सरकार ने आईटी और आईटीईएस इंडस्ट्री को इस साल दिसंबर तक वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की छूट दे दी है। सरकार ने देश में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस इंडस्ट्री के कर्मचारियों को जुलाई तक घर से काम करने की अनुमति दी थी। अब दूरसंचार विभाग ने इसे दिसंबर तक बढ़ा दिया है। दूरसंचार विभाग ने ट्वीट कर जानकारी दी, कोविड-19 की लगातार जारी चिंता की वजह से डीओटी ने 31 दिसंबर 2020 तक अदर सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए वर्क फ्राम होम को सुविधाजनक बनाने के लिए नियम-कायदों में ढील को बढ़ा दिया है। मार्च में दूरसंचार विभाग ने अंदर सर्विस प्रोवाइडर्स ओएसपी के लिए नियम-कायदों में 30 अप्रैल तक ढील दी थी, ताकि वर्क फ्राम होम को सुविधाजनक बनाया जा सके जिसे बाद में बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया।
- कोरबा। एनटीपीसी लारा की यूनिट 2 ने सफलतापूर्वक अपना ट्रायल ऑपरेशन लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। इस घोषणा के साथ ही एनटीपीसी लिमिटेड की कुल स्थापित क्षमता 62910 मेगावाट पहुंच चुकी है एवं लारा के प्रथम चरण की 1600 मेगावाट क्षमता प्राप्ति का लक्ष्य भी पूर्ण हो चुका है।एनटीपीसी लारा की यूनिट 2 का 72 घंटे का फुल लोड (800 मेगावाट पर) ट्रायल ऑपरेशन लक्ष्य 12 जुलाई को रात्रि 01:00 बजे सफलतापूर्वक हासिल हुआ। वहीं 20 जुलाई को समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति के पश्चात कंपनी ने क्षमता वृद्धि की घोषणा की ।एनटीपीसी की वर्तमान 62 हजार 910 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता में एनटीपीसी समूह के पास 24 कोयला, 7 संयुक्त चक्रीय गैस / तरल ईंधन, एक पनबिजली, 13 नवीनीकरण और 25 सहायक और संयुक्त उद्यम बिजली स्टेशनों के साथ 70 बिजलीघर हैं।क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक विनोद चौधरी एवं कार्यकारी निदेशक, लारा संजय मदान ने एनटीपीसी लारा के सभी कर्मचारियों को मानदंडों के अनुरूप पूर्ण लोड ट्रायल ऑपरेशन लक्ष्य प्राप्ति में योगदान हेतु बधाई दी।
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मुंबई। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू विमानन उद्योग में विभिन्न निवेश प्रस्तावों में तेजी लाने के लिये एकल-खिड़की मंजूरी तंत्र स्थापित किया है। मंत्रालय ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शीघ्र सहायता और मंजूरी के लिये निवेश मंजूरी सेल गठित की है। इस सेल की स्थापना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष फरवरी में 2020-2021 के केंद्रीय बजट में की थी। मंत्रालय के 16 जुलाई के आदेश के अनुसार, इस संबंध में एक जुलाई को उद्योग और व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईटी) के एक आदेश के बाद सेल की स्थापना की गयी। मंत्रालय ने अपने ट्वीट में उक्त आदेश का लिंक भी संलग्न किया है। आदेश के अनुसार 10 सदस्यीय सेल का नेतृत्व विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अंबर दुबे करेंगे। सेल के बाकी नौ सदस्यों में से पांच विमानन मंत्रालय से हैं। इनमें से एक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से और एक इसके कार्गो और लॉजिस्टिक्स व्यवसाय एआईएसीएलएस से तथा एक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से हैं। एक सदस्य को चेयरमैन के द्वारा नियुक्त किया जाना है। - नई दिल्ली। इन्फोसिस और टेक महिंद्रा के बाद सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की एक अन्य प्रमुख कंपनी विप्रो भी विशेष चार्टर्ड उड़ानों से अमेरिका से अपने सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों को भारत वापस लेकर आई है। कंपनी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के अपने कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह का कदम उठा रही है।विप्रो ने एक बयान में कहा, कंपनी में हमारी शीर्ष प्राथमिकता अपने कर्मचारियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और देखभाल है। इसी सप्ताह के शुरू में कंपनी चार्टर्ड उड़ानों के जरिये अमेरिका से अपने सैकड़ों कर्मचारियों को स्वदेश वापस लेकर आई है। कंपनी ने कहा कि वंदे भारत मिशन उड़ानों के जरिये कंपनी ब्रिटेन से भी अपने कर्मचारियों को वापस लेकर आई है। कंपनी का इरादा इसी महीने ऑस्ट्रेलिया से भी अपने कर्मचारियों को चार्टर्ड उड़ानों से वापस लाने का है। कंपनी ने कहा कि इन कर्मचारियों का वीजा या तो समाप्त हो गया था या समाप्त होने वाला था।-----