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नयी दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में चालू साल के पहले नौ माह जनवरी-सितंबर के दौरान 1.5 करोड़ रुपये अधिक कीमत के लक्जरी घरों की बिक्री दोगुना होकर 13,630 इकाई रही है। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले साल की समान अवधि में दिल्ली-एनसीआर में लक्जरी घरों की बिक्री 6,210 इकाई रही थी।
एनारॉक ने सात बड़े शहरों में लक्जरी घरों की बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं।
इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान सात प्रमुख शहरों में लक्जरी आवासीय इकाइयों की बिक्री दोगुना से अधिक होकर 84,400 इकाई रही है, जो पिछले साल की समान अवधि में 39,300 इकाई थी। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि कोविड महामारी के बाद मांग बढ़ने से लक्जरी आवासीय खंड तेजी से बढ़ रहा है। इस खंड में आपूर्ति भी बेहतर हुई है। कोविड के बाद अपना घर रखने की अवधारणा भी मजबूत हुई है। इसके अलावा लोग अब बड़ा और बेहतर घर खरीद रहे हैं।एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, हैदराबाद में इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान लक्जरी घरों की बिक्री तीन गुना होकर 13,630 इकाई हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 3,790 इकाई रही थी। समीक्षाधीन अवधि में बेंगलुरु में लक्जरी घरों की बिक्री 3,810 से बढ़कर 9,220 इकाइयों पर पहुंच गई। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में लक्जरी आवासीय इकाइयों की बिक्री 74 प्रतिशत बढ़कर 20,820 से 36,130 इकाई हो गई। पुणे में लक्जरी घरों की बिक्री 2,350 इकाई से लगभग तीन गुना होकर 6,850 इकाइयों पर पहुंच गई। चेन्नई में लक्जरी घरों की बिक्री 1,370 से बढ़कर 3,330 इकाई हो गई। इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान कोलकाता में लक्जरी घरों की बिक्री 69 प्रतिशत बढ़कर 1,610 इकाई हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 950 इकाई थी। सभी मूल्य वर्गों को शामिल करते हुए एनारॉक के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल के पहले नौ माह में इन सात शहरों में कुल 3.49 लाख घर बेचे गए। इसमें लक्जरी घरों की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी अवधि में कुल बिक्री में लक्जरी घरों की हिस्सेदारी सिर्फ 14 प्रतिशत थी।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एसईसीएल ने चालू वित्त वर्ष में 28 अक्टूबर तक रिकॉर्ड समय में 10 करोड़ टन कोयला की आपूर्ति की है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इसमें से करीब 80 प्रतिशत आपूर्ति बिजली क्षेत्र को की गई। बयान में कहा गया, ‘‘एसईसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 10 करोड़ टन कोयला आपूर्ति का लक्ष्य हासिल किया है। कंपनी ने अपनी स्थापना के बाद से पहली बार इतने समय में 10 करोड़ टन कोयला निर्यात किया है।'' एसईसीएल ने पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17.65 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2022-23 में एक अप्रैल से 28 अक्टूबर के दौरान करीब 8.5 करोड़ टन कोयला की आपूर्ति की गई थी। एसईसीएल ने चालू वित्त वर्ष के लिए 19.7 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
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नयी दिल्ली. भारत में 5जी नेटवर्क का विस्तार दुनिया में सबसे तेजी से हुआ, लेकिन राजस्व में बढ़ोतरी नहीं हुई है। 80 प्रतिशत दूरसंचार नेटवर्क बैंडविड्थ का उपभोग कर रही इकाइयां राजस्व का भुगतान नहीं कर रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस' के दौरान सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक एस. पी. कोचर ने कहा कि दूरसंचार कंपनियां उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं डालना चाहतीं, लेकिन किसी को तो नेटवर्क में किए जा रहे निवेश की लागत वहन करनी होगी। कोचर ने कहा, ‘‘ 5जी का विस्तार बहुत अच्छा रहा है। सबसे तेजी से 5जी के विस्तार से विश्व रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि इसके बावजूद दूरसंचार उद्योग के राजस्व में वास्तव में वृद्धि नहीं हुई है।'' उन्होंने कहा कि इन नेटवर्कों को शुरू करने के लिए भारी मात्रा में पूंजीगत व्यय किया जा रहा है।
कोचर ने कहा, ‘‘ निजी कंपनियां जो इसे शुरू कर रही हैं वे निश्चित रूप से उस पर रिटर्न की उम्मीद करते हैं। दुर्भाग्य से यह उतना नहीं है जितना होना चाहिए था। 5जी के विस्तार के लिए चार-पांच बड़ी इकाइयां सामने आईं जो 80 प्रतिशत दूरसंचार नेटवर्क बैंडविड्थ का उपभोग कर रही हैं, लेकिन राजस्व का भुगतान नहीं कर रही हैं। -
नयी दिल्ली. सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शनिवार को इस प्रमुख सब्जी के निर्यात पर 31 दिसंबर तक 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय कर दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘विदेश भेजे जाने वाले प्याज का एमईपी 31 दिसंबर, 2023 तक 800 डॉलर प्रति टन किया जाता है।'' सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उठाया है। कम आपूर्ति के कारण राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़कर 65-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग 400 सफल खुदरा स्टोर वाली मदर डेयरी 67 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खुला प्याज बेच रही है। वहीं ई-कॉमर्स पोर्टल बिगबास्केट पर यह 67 रुपये प्रति किलो और ओटिपी पर 70 रुपये प्रति किलो की दर पर है। स्थानीय विक्रेता 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रहे हैं।
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नयी दिल्ली. दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल और प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के जरिये फोन कॉल की सुविधा देने के लिए साझेदारी करने का शनिवार को ऐलान किया। दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पहली बार देश में एक ओवर-द-टॉप (ओटीटी) कंपनी मोबाइल और लैंडलाइन उपभोक्ताओं को जोड़ सकेगी। लेकिन अभी यह सेवा केवल कंपनी से जुड़े ग्राहकों के लिए ही उपलब्ध होगी। माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के जरिये उपभोक्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं ऑनलाइन बैठकों की सुविधा मुहैया कराई जाती है। एयरटेल आईक्यू के कारोबार प्रमुख अभिषेक बिस्वाल ने कहा, “माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक के साथ एयरटेल की कनेक्टिविटी की पारंपरिक ताकत के मेल का नतीजा विश्वसनीयता, लागत बचत, प्रबंधन में आसानी और सभी ग्राहकों तक पहुंच के रूप में निकलेगा। इससे वे केवल उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।” यह नई सेवा उद्यमों को काम के प्रवाह के भीतर संचार और सहयोग को सुव्यवस्थित करने वाले दलों के अनुभव से बाहरी उपयोगकर्ताओं को कॉल करने और कॉल लेने में सक्षम बनाएगी। माइक्रोसॉफ्ट के भारत एवं दक्षिण एशिया क्षेत्र की प्रमुख (मॉडर्न वर्क एवं सर्फेस) श्रुति भाटिया ने कहा, "हम एयरटेल के साथ साझेदारी कर और एक नवाचारी समाधान लाकर रोमांचित हैं। इससे भारत के श्रमबल को उत्पादकता, सहयोग एवं सक्षमता का नया स्तर हासिल करने में मदद मिलेगी।"
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की इस साल दिसंबर में 4जी सेवा की शुरुआत की योजना है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि छोटे स्तर पर शुरुआत करने के बाद कंपनी इसे अखिल भारतीय स्तर पर अगले साल जून तक लागू कर देगी। पुरवार ने यहां 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस' में कहा कि बीएसएनएल की योजना जून के बाद 4जी सेवा को 5जी सेवा में बदलने की है। उन्होंने कहा, “बीएसएनएल 4जी सेवा दिसंबर में पंजाब में शुरू होने के लिए तैयार है। हमने 200 जगहों पर इस नेटवर्क के लिए जरूरी कदम पहले ही उठा लिए हैं। हम पंजाब में इस तरह की 3,000 जगहें स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।” पुरवार ने कहा कि बीएसएनएल अपना नेटवर्क प्रति महीने की दर से बढ़ाकर धीरे-धीरे इसे 15,000 जगह तक ले जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य 4जी सेवा को अगले साल जून तक पूरी तरह लागू करने का है। इसके बाद हम 5जी सेवाओं की पेशकश का रुख करेंगे।” सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टीसीएस और सार्वजनिक क्षेत्र की आईटीआई को बीएसएनएल से 19,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं जिसके तहत 5जी सेवाओं में बदली जा सकने लायक 4जी नेटवर्क स्थापित करने हैं। पुरवार ने कहा कि 4जी सेवा पूरी तरह शुरू हो जाने के बाद बीएसएनएल के पास 5जी सेवा के लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध हैं।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक एनटीपीसी का चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 38 प्रतिशत बढ़कर 4,726.40 करोड़ रुपये हो गया। मुख्य रूप से राजस्व बढ़ने से कंपनी का लाभ बढ़ा है। एनटीपीसी ने शनिवार को शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि एक साल पहले समान अवधि में इसका शुद्ध लाभ 3,417.67 करोड़ रुपये था। आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 45,384.64 करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 44,681.50 करोड़ रुपये थी। इस बीच एनटीपीसी के निदेशक मंडल ने 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले इक्विटी शेयर पर 2.25 रुपये प्रति शेयर की दर से अंतरिम लाभांश देने का फैसला किया है। चालू वित्त वर्ष के इस लाभांश का भुगतान/ प्रेषण 23 नवंबर को किया जाएगा। अप्रैल-सितंबर की अवधि में एनटीपीसी का औसत बिजली शुल्क 4.61 रुपये प्रति यूनिट था, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 4.77 रुपये प्रति यूनिट था। दूसरी तिमाही में एनटीपीसी का सकल बिजली उत्पादन बढ़कर 90.30 अरब यूनिट हो गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 85.48 अरब यूनिट था। सितंबर के अंत तक एनटीपीसी की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 73,824 मेगावाट थी।
कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों का क्षमता उपयोग एक साल पहले के 74.08 प्रतिशत से बढ़कर बीती तिमाही में 75.83 प्रतिशत हो गया। दूसरी तिमाही में घरेलू कोयले की आपूर्ति 4.87 करोड़ टन से बढ़कर 5.41 करोड़ टन हो गई। वहीं आयातित कोयले की आपूर्ति 12.5 लाख टन रही, जो एक साल पहले 55 लाख टन थी। -
नई दिल्ली। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के बोर्ड में अंबानी परिवार की नई पीढ़ी को एंट्री मिल गई है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि शेयरधारकों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में आकाश अंबानी, ईशा अंबानी और अनंत अंबानी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।कंपनी ने बताया कि प्रस्ताव डाक मतपत्र के माध्यम से पारित किये गये। 32 वर्षीय जुड़वां ईशा और आकाश को रिलायंस के बोर्ड में नियुक्त होने के लिए 98 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, जबकि 28 वर्षीय अनंत को 92.75 प्रतिशत वोट मिले।
मुकेश अंबानी ने सौपी अलग-अलग जिम्मेदारियां
पिछले साल दिग्गज उद्योगपति 66 वर्षीय मुकेश अंबानी ने अपने बड़े बेटे आकाश अंबानी को देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. का चेयरमैन बनाने का रास्ता साफ कर दिया था। हालांकि, अंबानी जियो प्लेटफार्म्स के चेयरमैन बने रहे। इसी के अंतर्गत रिलायंस जियो इन्फोकॉम आती है। आकाश की जुड़वां बहन 31 वर्षीय ईशा को रिलायंस की खुदरा इकाई और छोटे पुत्र अनंत को नये ऊर्जा कारोबार के लिये चुना गया। - नयी दिल्ली. सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि छह साल पहले शुरू की गई क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना 'उड़ान' के तहत अब तक 499 मार्गों पर परिचालन शुरू हो चुका है और इस योजना से 1.3 करोड़ से अधिक लोगों का सफर आसान हुआ है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना नागर विमानन उद्योग की वृद्धि में योगदान दे रही है। इस योजना के बाद पिछले छह वर्षों में चार नयी एयरलाइंस सामने आई हैं और नये विमानों की मांग पैदा हुई है। बयान में कहा गया कि यह योजना छोटी क्षेत्रीय एयरलाइंस- फ्लाईबिग, स्टार एयर और इंडियावन एयर को अपना कारोबार बढ़ाने के मौके दे रही है और विमानन व्यवसाय के पक्ष में माहौल बन रहा है। इस योजना के तहत पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को शिमला और दिल्ली के बीच संचालित हुई थी।नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि उड़ान योजना के तहत 499 मार्गों पर परिचालन शुरू हुआ है जिससे 1.3 करोड़ से अधिक लोगों की यात्रा सुविधाजनक हुई है। योजना के क्रमिक विस्तार ने नए विमानों की मांग भी पैदा की है।नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उड़ान योजना ने पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती देने का काम किया है।
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नई दिल्ली। प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 57 प्रतिशत बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम होने के बाद केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर ‘बफर स्टॉक’ से प्याज की बिक्री बढ़ाने का शुक्रवार को फैसला किया।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी।आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 30 रुपये प्रति किलोग्राम थी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, ‘‘ हम अगस्त के मध्य से ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दे रहे हैं और कीमतों में और वृद्धि को रोकने तथा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए हम खुदरा बिक्री बढ़ा रहे हैं।’’ मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दिया जा रहा है। अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर ‘बफर स्टॉक’ से करीब 1.7 लाख टन प्याज दिया गया। खुदरा बाजारों में, ‘बफर स्टॉक’ के प्याज को दो सहकारी निकायों भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) की दुकानों तथा वाहनों के जरिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। दिल्ली में भी ‘बफर स्टॉक’ का प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी के कारण कम फसल हुई और फसल की आवक में दरी हुई। अधिकारी ने बताया कि ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी , लेकिन ऐसा नहीं हुआ।भंडारित रबी प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आगमन में देरी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब है, जिसके परिणामस्वरूप थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष 2023-24 में प्याज के लिए ‘बफर स्टॉक’ को दोगुना किया है । इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी के जरिए पांच लाख टन का ‘बफर स्टॉक’ बनाए रखा है और आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है। - नयी दिल्ली. भारत 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और देश के लिए चुनौती अगले तीन दशक तक 8-9 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की है। भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।उन्होंने यहां पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था निजी क्षेत्र के समर्थन के बिना उच्च दर से नहीं बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत का समय है। भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।''उन्होंने कहा कि भारत के लिए असल चुनौती अगले तीन दशकों तक 8-9 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखने की है।यह बताते हुए कि फिलहाल चीन की अर्थव्यवस्था का आकार भारत से पांच गुना है, कांत ने कहा कि चीन के साथ बराबरी करने के लिए हमें 10 प्रतिशत की दर से बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय हवाई अड्डों की गुणवत्ता यूरोप के हवाई अड्डों से बेहतर है और ‘‘हमारी घरेलू एयरलाइंस भी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस की तुलना में काफी बेहतर हैं।''
- मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए मानकों को सख्त करने का बृहस्पतिवार को प्रस्ताव रखा। इसके तहत वित्तीय संस्थान और उनके वसूली एजेंट कर्जदारों को सुबह आठ बजे से पहले और शाम सात बजे के बाद फोन नहीं कर सकते हैं। आरबीआई के 'जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर मसौदा निर्देश' में कहा गया है कि बैंकों और एनबीएफसी जैसी विनियमित संस्थाओं (आरई) को मुख्य प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए। इन कार्यों में नीति निर्माण और केवाईसी मानदंडों के अनुपालन का निर्धारण और ऋणों की मंजूरी भी शामिल हैं। आरबीआई ने कहा कि आरई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था से ग्राहकों के प्रति उनकी जिम्मेदारी कम न हो। मसौदे के मुताबिक, बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों (डीएसए), प्रत्यक्ष विपणन एजेंटों (डीएमए) और वसूली एजेंटों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए। विनियमित इकाइयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डीएसए, डीएमए और वसूली एजेंट को उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता के साथ निभा सकें। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरई और उनके वसूली एजेंट कर्ज वसूलने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं लेंगे। इसके साथ ही वसूली एजेंट कर्जदारों को सार्वजनिक रूप से अपमानित नहीं कर सकते हैं और न ही उनकी गोपनीयता में हस्तक्षेप कर सकेंगे।
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नयी दिल्ली. स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन ने कहा है कि भारत दूसरे बाजारों के नक्शे-कदम पर चलने के बजाये अपनी विशिष्ट जरूरतों को देखते हुए आगे बढ़ेगा। एरिक्सन इंडिया के प्रबंध निदेशक नितिन बंसल ने बताया कि भारत 5जी के उपयोग में नए और दिलचस्प अनुप्रयोगों के लिए भविष्य में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि भारत ने वैश्विक स्तर पर किसी भी देश की तुलना में 5जी नेटवर्क को अधिक तेजी से स्थापित किया है और एक बाजार के रूप में यह ‘बहुत अच्छा प्रदर्शन' कर रहा है। भारत में 5जी दूरसंचार सेवाओं की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में की थी।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2023 की शुरुआत शुक्रवार को नयी दिल्ली में होगी। इस बार सम्मेलन का विषय ‘वैश्विक डिजिटल नवोन्मेषण' है। इस मौके पर बंसल ने एक साक्षात्कार में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा एक ‘प्राथमिकता' है, क्योंकि डेटा बैंकिंग सहित कई क्षेत्रों में यह महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों का आधार है। उन्होंने दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया की वित्तीय चुनौतियों से जुड़े एक सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि कंपनी ‘‘आमतौर पर परिचालकों और भागीदारों पर टिप्पणी नहीं करती है'', लेकिन उम्मीद है कि ‘वे बने रहेंगे।' बंसल ने दूरसंचार कंपनियों की ओटीटी से राजस्व हिस्सेदारी की मांग को लेकर चल रही बहस में शामिल होने से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि एरिक्सन का ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि उसके नेटवर्क पर चलने वाले सभी ऐप के उपयोगकर्ताओं को एक अच्छा अनुभव मिले। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोना 50 रुपये की तेजी के साथ 61,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 61,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘बुधवार को सोने में मजबूती के साथ कारोबार हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 50 रुपये ऊपर था।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, त्योहारी सीजन के साथ घरेलू बाजार में सोने की खुदरा आभूषणों की मांग में सुधार होने की संभावना है।'' इस बीच, चांदी की कीमत 74,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित बनी रही।
वैश्विक बाजारों में सोना गिरावट के साथ 1,974 डॉलर प्रति औंस रह गया। चांदी की कीमत भी नुकसान के साथ 22.88 डॉलर प्रति औंस रह गयी। गांधी ने कहा कि सोने की कीमत में एक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव आया, क्योंकि व्यापारी वृहद मोर्चे पर अन्य संकेतकों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के बुधवार को होने वाले भाषण का इंतजार कर रहे हैं। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बासमती चावल एक्सपोर्ट पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस यानी MEP घटाने का फैसला किया है। सरकार के MEP घटाने के फैसले के बाद से अब बासमती चावल पर MEP घटकर 950 डॉलर प्रति मिट्रिक टन हो गया है। जो कि पहले 1,200 डॉलर प्रति मिट्रिक टन था। बता दें, इसी साल अगस्त में केंद्र सरकार ने बासमती चावल एक्सपोर्ट पर 1,200 डॉलर प्रति मिट्रिक टन का फ्लोर प्राइस तय किया था।
चावल कारोबार की बात करें तो बासमती चावल एक्सपोर्ट पर फ्लोर प्राइस ज्यादा होने की वजह से किसानों और चावल इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा था। MEP ज्यादा होने के चलते मेन सीजन में भी एक्सपोर्ट पर नकारात्मक असर देखने को मिला था। इससे किसानों को भुगतान में परेशानी का सामना करना पड़ा था।भारत और पाकिस्तान बासमती चावल के एकमात्र उत्पादक हैं। भारत ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों को 40 लाख मीट्रिक टन से अधिक बासमती चावल का निर्यात करता है। बासमती चावल अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध लंबे अनाज वाली चावल की प्रीमियम किस्म है। दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत ने गैर-बासमती चावल किस्मों के निर्यात पर भी अंकुश लगा रखा है। एमईपी ने व्यापार को इतनी बुरी तरह प्रभावित किया कि निर्यातकों ने किसानों से चावल खरीदना बंद कर दिया था। सरकार अगर फ्लोर प्राइस घटाने का फैसला लेती है तो, इससे बासमती चावल का व्यापार फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी। -
नयी दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने मंगलवार को कहा कि घरेलू एयर कंडीशनर चलाने के लिए भारत की बिजली की मांग 2050 तक नौ गुना बढ़ने का अनुमान है, जो पूरे अफ्रीका की मौजूदा कुल बिजली खपत से अधिक होगी। आईईए ने अपने ‘विश्व ऊर्जा आउटलुक' में कहा कि भारत में अगले तीन दशक में दुनिया के किसी भी देश या क्षेत्र की तुलना में ऊर्जा मांग में वृद्धि सबसे अधिक होगी। आईईए ने घोषित नीतिगत परिदृश्यों के तहत भारत की ऊर्जा आपूर्ति 2022 में 42 एक्साजूल (ईजे) से बढ़कर 2030 में 53.7 ईजे और 2050 में 73 ईजे हो जाने का अनुमान है। वहीं घोषित प्रतिज्ञाओं के तहत इसके 2030 तक 47.6 ईजे और 2050 तक 60.3 ईजे हो जाने का अनुमान लगाया है। घोषित नीतिगत परिदृश्य के तहत तेल की मांग 2022 में 52 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 में 68 लाख बीपीडी और 2050 में 78 लाख बीपीडी होने का अनुमान है। वहीं घोषित प्रतिज्ञाओं के तहत यह मांग 2030 में 62 लाख बीपीडी और 2050 में 47 लाख बीपीडी हो सकती है। पेरिस स्थित एजेंसी ने कहा, ‘‘ बिजली की खपत पर शीतलन आवश्यकताओं का प्रभाव पहले से ही स्पष्ट है। बिजली की मांग तापमान पर निर्भर करती है और भारत में इस मांग में तेजी से वृद्धि हुई है...।'' ‘विश्व ऊर्जा आउटलुक' में कहा गया, ‘‘ आईईए परिदृश्यों में घरेलू एयर कंडीशनर को चलाने के लिए बिजली की मांग 2050 तक नौ गुना बढ़ने का अनुमान है, जो टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन सहित हर अन्य प्रमुख घरेलू उपकरण की वृद्धि को पीछे छोड़ देगा। 2050 तक घोषित नीति परिदृश्य में शीतलन से आवासीय बिजली की मांग नौ गुना बढ़ जाएगी...।'' आईईए ने कहा कि 2050 तक, आवासीय एयर कंडीशनर से भारत की कुल बिजली की मांग आज पूरे अफ्रीका में कुल बिजली की खपत से अधिक होगी।
- नयी दिल्ली.। अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने तथा इजराइल-हमास संघर्ष की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 12,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि, इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक डाले भी हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आगे चलकर भारतीय बाजारों में एफपीआई का निवेश न केवल वैश्विक मुद्रास्फीति और ब्याज दरों से, बल्कि इजराइल-हमास संघर्ष से जुड़े घटनाक्रमों से भी प्रभावित होगा।'' उन्होंने कहा कि भूराजनीतिक तनाव ऐसा जोखिम है जिसकी वजह से भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 20 अक्टूबर तक एफपीआई ने 12,146 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार लिवाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की बिकवाली की प्रमुख वजह अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल का लगातार बढ़ना है। अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल (10 साल के लिए) 19 अक्टूबर को 17 साल के उच्चस्तर पांच प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसके साथ ही इस साल अबतक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश 1.08 लाख करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
- नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स एक नया पेट्रोल पावरट्रेन विकसित कर रही है जिसका इस्तेमाल उसके प्रीमियम स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) हैरियर और सफारी में किया जाएगा। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। ये मॉडल अभी दो लीटर डीजल इंजन के साथ आते हैं।टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि इंजन बनाया जा रहा है और आगे चलकर इसे दो मॉडलों में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी ने केवल डीजल पावरट्रेन पर ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि उस खंड में प्रतिवर्ष करीब दो लाख इकाई का 80 प्रतिशत बाजार डीजल पर निर्भर है। इस खंड में हैरियर और सफारी आती हैं। चंद्रा ने कहा, ‘‘ हमारा शुरुआत में डीजल पर ध्यान एक साधारण कारण से गया कि इस एसयूवी खंड के लिए दो लाख इकाई के बाजार का 80 प्रतिशत मूल रूप से डीजल है, जिसका मतलब है कि ग्राहक इसके बेहतर ‘टॉर्क' प्रदर्शन के कारण डीजल को पसंद करते हैं।'' प्रबंध निदेशक ने कहा कि कंपनी 1.5 लीटर जीडीआई इंजन पर काम कर रही है। कार्य प्रगति पर है। इसे उचित तरीके से विकसित किए जाने की आवश्यकता है और इसके अलावा उत्पाद को इंजन के साथ एकीकृत करना होगा। चंद्रा ने कहा, ‘‘ इसके अलावा हम क्षमता निर्माण पर भी काम कर रहे हैं। यह (पेट्रोल इंजन) थोड़ा दूर है लेकिन यह आने वाला है।'' टाटा मोटर्स ने पिछले सप्ताह क्रमशः 15.49 लाख रुपये और 16.19 लाख रुपये की शुरुआती कीमत के साथ हैरियर और सफारी के नए मॉडल पेश किए थे। हैरियर और सफारी के इन उन्नत संस्करणों को ग्लोबल एनसीएपी से शीर्ष सुरक्षा रेटिंग मिली है।
- नयी दिल्ली। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घटते निर्यात एवं आयात के बावजूद अमेरिका चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है। सरकारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर, 2023 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 11.3 प्रतिशत घटकर 59.67 अरब डॉलर रह गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 67.28 अरब डॉलर था। अप्रैल-सितंबर, 2023 में अमेरिका को निर्यात घटकर 38.28 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले साल समान अवधि में 41.49 अरब डॉलर था। अमेरिका से आयात भी घटकर 21.39 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 25.79 अरब डॉलर था। इसी तरह, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार भी 3.56 प्रतिशत घटकर 58.11 अरब डॉलर रह गया।चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चीन को निर्यात मामूली रूप से घटकर 7.74 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 7.84 अरब डॉलर था। चीन से आयात भी घटकर 50.47 अरब डॉलर पर आ गया, जो पिछले साल समान अवधि में 52.42 अरब डॉलर था। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक मांग में कमजोरी के कारण भारत और अमेरिका के बीच निर्यात तथा आयात में गिरावट आ रही है, लेकिन व्यापार वृद्धि जल्द सकारात्मक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आने वाले वर्षों में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का रुझान जारी रहेगा क्योंकि भारत और अमेरिका आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात व आयात (एक्जिम) पर राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष संजय बुधिया ने पहले कहा था भारतीय निर्यातकों को अमेरिका द्वारा ‘सामान्य तरजीह प्रणाली' (जीएसपी) लाभ की बहाली के लिए शीघ्र समाधान समय की मांग है क्योंकि इससे द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा मिलने में मदद मिलेगी। मुंबई स्थित निर्यातक खालिद खान ने कहा कि रुझान के अनुसार वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना रहेगा। लुधियाना के निर्यातक एस. सी. रल्हन ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार लगातार बढ़ेगा।
- नयी दिल्ली.। संकट प्रबंधन, साइबर मामले में जुझारू क्षमता और आपात स्थिति से निपटने की गतिविधियां अब मुख्यधारा में आ चुकी हैं और कंपनियां विभिन्न खतरों से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के एक सर्वे में यह बात कही गई है। भारत का ‘संकट और जुझारू क्षमता सर्वे 2023' के अनुसार, रैंसमवेयर जैसे बढ़ते साइबर खतरों के साथ-साथ अप्रत्याशित खतरे ने 96 प्रतिशत व्यवसायों को अपनी साइबर ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया है। इसमें कहा गया कि 97 प्रतिशत संगठन अप्रत्याशित घटनाओं को वास्तविक जोखिम के रूप में देखते हुए संकट प्रबंधन में महत्वपूर्ण निवेश करने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, “सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि संकट प्रबंधन, साइबर मजबूती और आपात स्थिति का प्रबंधन मुख्यधारा में आ चुके हैं।” पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा उसने इस सर्वे में दूरसंचार, औद्योगिक उत्पाद और विनिर्माण, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग और पूंजी बाजार, वाहन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और फार्मा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के 112 संगठनों को शामिल किया है। सर्वेक्षण में कहा गया, “बदलाव की निरंतर और लगातार लहरों ने कंपनियों को , विशेषकर भारत में, रणनीतिक मजबूती की तत्काल जरूरत को पहचानने और उसपर कार्य करने के लिए प्रेरित किया है।” इसमें कहा गया, “व्यवधान का आंकड़ा 2019 के 80 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 98 प्रतिशत हो गया है। इसके चलते कंपनियां साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता के साथ और मजबूत करने का प्रयास कर रही हैं।''
- मुंबई। एयर इंडिया की किफायती एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रबंध निदेशक आलोक सिंह ने कहा है कि एयरलाइन कीमतों को लेकर संवेदनशील ग्राहकों और सैर-सपाटा करने वाले यात्रियों के मार्गों पर ध्यान केंद्रित करेगी। सिंह ने कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस शुरुआत में पूरे देश में अपनी क्षमता विस्तार पर विचार नहीं कर रही है और इसके बजाय सबसे पहले मौजूदा मार्गों पर अपनी उपस्थिति मजबूत करेगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस किफायती घरेलू एयरलाइन एयरएशिया इंडिया का खुद में विलय करने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने पिछले सप्ताह अपनी नई ब्रांड पहचान का भी अनावरण किया था। टाटा समूह के स्वामित्व वाले एयर इंडिया समूह में एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एआईएक्स कनेक्ट और विस्तार हैं। टाटा समूह भी अपने एयरलाइन कारोबार को एकीकृत करने की प्रक्रिया में है। इसके तहत टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस में 51:49 अनुपात की हिस्सेदारी वाली विस्तार भी एआई इंडिया में विलय की प्रक्रिया में है। सिंह ने कहा, “एयर इंडिया एक्सप्रेस का ध्यान उन मार्गों पर होगा, जिनपर सैर-सपाटा करने वाले यात्री ज्यादा जाते हैं और मूल्य को लेकर संवेदनशील ग्राहक ज्यादा हैं।” उन्होंने कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस नेटवर्क को इस तरह से संरचित किया जाएगा कि यह उन गंतव्यों के लिए उड़ान भरेगा जहां एयर इंडिया उड़ान नहीं भरती है क्योंकि वर्तमान में इसकी अलग-अलग प्राथमिकताएं हैं।
- नयी दिल्ली।' हॉटमेल के संस्थापक एवं निवेशक सबीर भाटिया ने कहा कि भारतीय उद्यमियों को पूरी दुनिया फतह करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने भारतीय ग्राहकों के लिए लागत-दक्षता-आधारित व्यवसाय मॉडल तैयार किया है जो बाकी दुनिया की सोच से अलग है। भाटिया ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “यह दौड़ने से पहले चलना सीखने जैसा है। सीधे शब्दों में कहें तो...पूरी दुनिया पर फतह की कोशिश मत करो सिर्फ इसलिए कि आपने भारत को जीत लिया है...भारत में लोगों का सोचने का तरीका बाकी दुनिया के सोचने के तरीके से अलग है।'' भाटिया ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप के पास कम लागत वाला अर्थशास्त्र है जबकि अमेरिकी स्टार्टअप का ध्यान इस बात पर है कि उनका समय कैसे बचे। उन्होंने कहा, ‘‘यहां बहुत सारे स्टार्टअप पश्चिमी व्यापार मॉडल की नकल कर रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि यह भारत के लिए भी सही है क्योंकि पश्चिमी व्यापार मॉडल में मानवीय क्षमता की कमी है। भारत में मानवीय क्षमता की कोई कमी नहीं है।'
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नयी दिल्ली. देश में 86 ताप बिजली संयंत्रों के पास 18 अक्टूबर तक कोयले भंडार ‘गंभीर' स्तर पर था। इनमें से छह संयंत्र आयातित ईंधन पर आधारित हैं। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। किसी बिजली संयंत्र में कोयला भंडार की स्थिति तब गंभीर मानी जाती है, जब उसके पास कोयले का भंडार सामान्य स्तर की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम रह जाता है। सीईए की 18 अक्टूबर 2023 की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में निगरानी वाले 181 ताप बिजली संयंत्रों में से 86 में कोयला भंडार की स्थिति गंभीर हैं। इन 86 में से छह आयातित कोयला आधारित संयंत्र हैं। सीईए देश में 206 गीगावॉट की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता वाले 181 कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्रों की निगरानी करता है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 149 गीगावाट की कुल क्षमता वाले कोयला खानों से दूर स्थित 148 घरेलू कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के पास कोयला भंडार सामान्य स्तर के 29 प्रतिशत से कम है। इन 148 संयंत्रों के पास 18 अक्टूबर 2023 तक 4.35 करोड़ टन के मानक स्तर के मुकाबले लगभग 1.27 करोड़ टन कोयला था। वहीं 18 खानों के पास स्थित कोयला आधारित संयंत्रों की स्थिति बेहतर है। इन संयंत्रों के पास सामान्य स्तर की तुलना में 81 प्रतिशत कोयला है। इन 18 संयंत्रों की कुल बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 40 गीगावाट है। विशेषज्ञों का मानना है कि आमतौर पर कोयला खानों के पास स्थित संयंत्रों में शुष्क ईंधन स्टॉक की स्थिति गंभीर नहीं होती है। वहीं जो संयंत्र कोयला खानों के पास नहीं हैं, उनके लिए कोयला दूरदराज से पहुंचाना पड़ता है। सीईए की निगरानी के तहत आने वाले 15 आयातित कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति बेहतर थी। इन संयंत्रों के पास सामान्य स्तर से 52 प्रतिशत कोयले का भंडार था। इन 15 आयातित कोयला आधारित संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 17 गीगावाट है।
रिपोर्ट से पता चला कि करीब 206 गीगावाट की कुल क्षमता वाले इन 181 बिजली संयंत्रों के पास 5.43 करोड़ टन के मानक स्तर के मुकाबले 2.04 करोड़ टन (आदर्श स्तर का 38 प्रतिशत) कोयला भंडार था। इन 181 संयंत्रों की दैनिक ईंधन आवश्यकता 28 लाख टन है। इस प्रकार उनके पास 18 अक्टूबर 2023 तक सात दिन से थोड़ा अधिक समय तक चलने वाला कोयला भंडार है। -
नयी दिल्ली. दिल्ली सरकार ने अपनी मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को इस साल 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को यह जानकारी दी। गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मौजूदा नीति के विस्तार को मंजूरी दे दी है और इसके तहत सब्सिडी सहित सभी प्रोत्साहन जारी रहेंगे। गहलोत ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली मंत्रिमंडल ने मौजूदा दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति को 31 दिसंबर या फिर दिल्ली ईवी नीति 2.0 की अधिसूचना तक, जो भी पहले हो, बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।'' गहलोत ने कहा, ''मौजूदा नीति के तहत सब्सिडी सहित सभी प्रोत्साहन जारी रहेंगे। दिल्ली ईवी नीति 2.0 अंतिम चरण में है और आवश्यक मंजूरी के बाद जल्द ही इसे अधिसूचित किया जाएगा'' दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 इस साल आठ अगस्त को समाप्त हो गई। दिल्ली में अगस्त 2020 में अधिसूचित इस नीति का लक्ष्य, 2024 तक ईवी की हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय कपड़ा और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि अगले साल फरवरी में होने वाली व्यापार प्रदर्शनी 'भारत टेक्स 2024' भारत को कपड़ा क्षेत्र की वैश्विक महाशक्ति के रूप में पेश करेगी। इस प्रदर्शनी का आयोजन अगले साल 26-29 फरवरी को राजधानी दिल्ली में स्थित भारत मंडपम और यशोभूमि परिसरों में होगा। इसकी परिकल्पना दुनिया के सबसे बड़े कपड़ा मेले के रूप में की गई है। इसमें एक ही छत के नीचे संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में फैले कपड़ा उत्पादों के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की क्षमताएं प्रदर्शित की जाएंगी। गोयल ने इस व्यापार प्रदर्शनी (एक्सपो) से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “भारत मंडपम या यशोभूमि से वास्तव में भारत को कपड़ा क्षेत्र में एक वैश्विक गंतव्य बनाने के हमारे प्रयास को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। यह कार्यक्रम भारत को वास्तव में एक वैश्विक कपड़ा महाशक्ति के रूप में स्थापित करने जा रहा है।” गोयल ने कहा कि प्रदर्शनी क्षेत्र दो लाख मीटर क्षेत्र में फैला है और यह दुनिया की सबसे बड़ी कपड़ा प्रदर्शनी होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया को यह दिखाने के लिए भारत टेक्स 2024 से बेहतर कोई मंच नहीं है कि भारत का वक्त आ चुका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारे बुनकरों के लिए, हमारे शिल्पकारों के लिए, हमारे हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए, हमारे हथकरघा क्षेत्र के लिए, यह वास्तव में जो संभव है उसे प्रदर्शित करने का एक बहुत अच्छा तरीका बन सकता है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत टेक्स एक्सपो का आयोजन करीब आने तक ‘हैंडमेड इन इंडिया' भी एक जीवंत वेबसाइट बन चुकी होगी और बड़ी संख्या में हितधारक इससे जुड़े होंगे। इस मौके पर गोयल ने 'कस्तूरी कॉटन भारत' की वेबसाइट की भी शुरुआत की।
आधिकारिक बयान के अनुसार, यह वेबसाइट इस पहल से संबंधित आवश्यक जानकारी और अपडेट के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करती है। वेबसाइट बुनकरों के लिए पंजीकरण एवं अन्य प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालती है जो ब्रांडेड भारतीय कपास को अनूठा बनाते हैं।” 'कस्तूरी कॉटन भारत' कपड़ा मंत्रालय, भारतीय कपास निगम, व्यापार निकायों और उद्योग की एक संयुक्त पहल है। यह भारतीय कपास की ब्रांडिंग और प्रमाणन की पूरी जिम्मेदारी लेकर स्व-नियमन के सिद्धांत पर काम करता है।








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