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- नयी दिल्ली | देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता रिलायंस जियो को सबसे मजबूत दूरसंचार ब्रांड चुना गया है। ब्रांड बुद्धिमत्ता और डेटा विश्लेषण कंपनी टीआरए ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। टीआरए ने अपने 'भारत के सर्वाधिक वांछित ब्रांड 2022' की सूची में कंपनियों को उनकी ब्रांड क्षमता के अनुसार स्थान दिया है। दूरसंचार कंपनियों की श्रेणी में रिलायंस जियो सबसे ऊपर है। उसके बाद भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और फिर बीएसएनएल का स्थान आता है। परिधान श्रेणी में एडिडास शीर्ष ब्रांड रहा। इसके बाद नाइक, रेमंड, एलन सॉली और पीटर इंग्लैंड का स्थान आता है। वहीं वाहन सूची में बीएमडब्ल्यू सबसे ऊपर है जिसके बाद टोयोटा, हुंदै और होंडा का स्थान आता है। बैंकिंग और वित्तीय सेवा सूचकांक में एलआईसी पहले स्थान पर रही है। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) दूसरे स्थान पर और फिर आईसीआईसीआई बैंक तीसरे स्थान पर है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स खंड में एलजी, सोनी और सैमसंग शीर्ष तीन ब्रांड चुने गए हैं। विविध समूहों की सूची में आईटीसी शीर्ष पर है जिसके बाद टाटा और रिलायंस का स्थान है। ऊर्जा सूची में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) सबसे ऊपर है जिसके बाद इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और अडाणी समूह का स्थान आता है। खाद्य और पेय पदार्थ श्रेणी में, अमूल ब्रांड शीर्ष पर रहा। वहीं रोजमर्रा के उपयोग वाली श्रेणियों में फॉग शीर्ष पर रहा और फिर लैक्मे, निविया एवं कोलगेट का स्थान आता है। इंटरनेट ब्रांड सूची में अमेजन, फेसबुक, फ्लिपकार्ट और गूगल शीर्ष क्रम में हैं।
- नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत के ऊपरी संतोषजनक स्तर से नीचे रखने में विफल रहने के बावजूद इस सीमा में बदलाव करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही आरबीआई प्रमुख ने भरोसा जताया कि अक्टूबर में मुद्रास्फीति की दर सात प्रतिशत से कम रहेगी। मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से ही आरबीआई के छह प्रतिशत के ऊपरी संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई अधिनियम में यह अनिवार्य है कि लगातार तीन तिमाहियों तक मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रहने पर आरबीआई को सरकार को एक रिपोर्ट पेश करनी होती है। इस रिपोर्ट में कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए उठाए जाने वाले उपचारात्मक कदमों के कारणों की व्याख्या करना और उन्हें विस्तार से बताना होता है। दास ने यहां 'एचटी लीडरशिप समिट' को संबोधित करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने के लक्ष्य में बदलाव की आवश्यकता नहीं है क्योंकि छह प्रतिशत से अधिक की महंगाई दर आर्थिक वृद्धि पर असर डालने लगेगी। सरकार ने आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को मुद्रास्फीति दर दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आरबीआई के आंतरिक शोध का हवाला देते हुए दास ने कहा कि भारत के लिए छह प्रतिशत से अधिक की मुद्रास्फीति दर आर्थिक वृद्धि के लिए हानिकारक होगी। उन्होंने कहा कि इससे वित्तीय बचत और निवेश का माहौल प्रभावित होगा। साथ ही यदि मुद्रास्फीति लंबे समय तक छह प्रतिशत से ऊपर रहती है तो भारत अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास खो देगा। उन्होंने कहा, "हमें दो से छह प्रतिशत के दायरे को बदलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि हम इसे पूरा नहीं कर पाए हैं। हम समय के साथ मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत तक नीचे लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" यह देखते हुए कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्याज दरों के दायरे के लक्ष्यों को बदलने पर बहस चल रही है, उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी चर्चा शुरू करना जल्दबाजी होगी। गौरतलब है कि सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई जबकि अगस्त में यह सात प्रतिशत पर थी। खाद्य और ऊर्जा उत्पादों की कीमतों में तेजी के कारण इसमें वृद्धि हुई थी। दास ने अक्टूबर माह के लिए मुद्रास्फीति की दर में कमी आने की इस उम्मीद के लिए सरकार और आरबीआई द्वारा पिछले छह-सात महीनों में उठाये गए उपायों को जिम्मेदार बताया। आरबीआई गवर्नर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत के समग्र वृहद-आर्थिक बुनियादी पहलू मजबूत बने हुए हैं और आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं अच्छी दिख रही हैं। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अक्टूबर के लिए महंगाई दर के आंकड़े सात प्रतिशत से कम होंगे। मुद्रास्फीति चिंता का विषय है जिससे हम अब प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं।" अक्टूबर महीने के मुद्रास्फीति आंकड़े सोमवार को जारी होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले छह या सात महीनों में आरबीआई और सरकार दोनों ने ही मुद्रास्फीति को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। दास ने कहा कि आरबीआई ने अपनी ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की है जबकि सरकार की तरफ से आपूर्ति पक्ष से जुड़े कई कदम उठाए गए हैं।
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नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण-ट्राई ने दूरसंचार विधेयक 2022 के मसौदे पर संबंधित पक्षों के लिखित सुझाव जमा करने की अंतिम तिथि 18 नवंबर तक बढ़ा दी है। इस बारे में प्रतिक्रियाएं 2 दिसंबर तक प्रस्तुत की जा सकती हैं। ट्राई ने हितधारकों के सुझाव और प्रतिक्रियाओं के लिए दूरसंचार विधेयक का मसौदा 9 सितम्बर को जारी किया था। सुझाव और प्रतिक्रियाएं ईमेल - [email protected] और [email protected] पर भेजीजा सकती हैं।
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नयी दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार इकाई जियो ने बेंगलुरु और हैदराबाद में ट्रू 5जी सेवा शुरू की है। कंपनी ने मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, वाराणसी और नाथद्वारा में जियो ट्रू5जी सेवाओं का सफल बीटा-पेशकश के बाद दो अन्य शहरों में सेवा शुरू की है। रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि कंपनी अपनी ट्रू5जी सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू कर रही है, ताकि ग्राहकों को बेहतर अनुभव और सेवाएं मिल सके। बयान के अनुसार, 10 नवंबर से बेंगलुरु और हैदराबाद के जियो उपयोगकर्ताओं को जियो ‘वेलकम ऑफर' के लिए आमंत्रित किया जाना शुरू हो गया है। इस पेशकश में ग्राहकों को बिना किसी अतिरिक्त कीमत के एक जीबीपीएस से अधिक की गति और असीमित 5जी डेटा मिलेगा। रिलायंस जियो इन्फोकॉम, रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स लि. की अनुषंगी है।
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नयी दिल्ली | सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल) को 30 सितंबर, 2022 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 329 करोड़ रुपये एकीकृत घाटा हुआ है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही 4,338.75 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
कंपनी की आलोच्य अवधि में कुल आय 27,007.02 करोड़ रुपये से घटकर 26,642.02 करोड़ रुपये पर आ गयी।तिमाही के दौरान कंपनी का खर्च बढ़कर 27,200.79 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21,289 करोड़ रुपये था। सेल ने अपने कच्चे इस्पात उत्पादन के साथ-साथ बिक्री में भी गिरावट दर्ज की है।तिमाही के दौरान कंपनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन घटकर 43 लाख टन रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 44.7 लाख टन था। इस दौरान कंपनी की बिक्री 42.8 लाख टन से घटकर 42.1 लाख टन रह गई। -
अक्टूबर में म्यूचुअल फंड एसआईपी में रिकॉर्ड 13,000 करोड़ रुपये का निवेश
नयी दिल्ली | निवेशक लंबी अवधि के लिए व्यवस्थित निवेश योजनाओं या एसआईपी पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। यही वजह है कि अक्टूबर में म्यूचुअल फंड एसआईपी में मासिक निवेश सर्वकालिक उच्चस्तर 13,040 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह आंकड़ा सितंबर में 12,976 करोड़ रुपये था। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। मई के बाद से एसआईपी के जरिये निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। जुलाई में यह 12,140 करोड़ रुपये, जून में 12,276 करोड़ रुपये और मई में 12,286 करोड़ रुपये था। अप्रैल, 2022 में यह 11,863 करोड़ रुपये पर था। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में कुल आवक 87,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। वित्त वर्ष 2021-22 में एसआईपी के जरिये कुल निवेश 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। एम्फी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एन एस वेंकटेश ने कहा, ‘‘बाजार वैश्विक कारकों और घरेलू दरों में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हालांकि, म्यूचुअल फंड निवेशकों ने लचीलापन दिखाया है और लगातार उच्च योगदान के साथ एसआईपी में निवेश जारी रखा है।'' म्यूचुअल फंड कंपनियों ने समीक्षाधीन महीने के दौरान 9.52 लाख एसआईपी खाते जोड़े, जिसके बाद कुल खातों की संख्या बढ़कर लगभग 5.93 करोड़ हो गई। -
तिलापिया मछली उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है सरकार
नयी दिल्ली |देश के समुद्री उत्पादों का निर्यात दोगुना करने के लिए तिलापिया मछली पर बड़ा दांव लगाते हुए सरकार ने बृहस्पतिवार को उद्योग जगत से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत हैचरी स्थापित करने का आह्वान किया ताकि इन मछलियों के गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित हो और उत्पादन बढ़े। भले ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, लेकिन तिलापिया का उत्पादन एक लाख टन के वार्षिक उत्पादन के साथ अपनी शुरुआती अवस्था में है। तिलापिया मछलीपालन का काम 145 देशों में किया जाता है। मत्स्य पालन सचिव जतिंद्र नाथ स्वाई ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत तिलापिया मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संसाधन हैं। उन्होंने कहा, ‘‘योजना तीन साल के लिए है। हम यह कोशिश करेंगे कि योजना इस पहल का समर्थन करना जारी रखे।'' सचिव ने कहा कि तिलापिया मछली के उत्पादन को बढ़ावा देने में गुणवत्ता वाले बीज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सचिव ने कहा कि यदि कोई उद्योग मछुआरों को गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए एक मॉडल तैयार करे तो सरकार उसे समर्थन देने के लिए तैयार है। उन्होंने उद्योग से पूछा कि क्या पीपीपी मोड पर तिलापिया हैचरी स्थापित की जा सकती है?2उन्होंने कहा, ‘‘सरकार तीन साल के लिए खरीद समर्थन दे सकती है और फिर वापस ले सकती है। यह काफी हद तक निजी क्षेत्र द्वारा किए गए निवेश की रक्षा करेगा।'' -
नयी दिल्ली. सरकार ने मोटे अनाज के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए एक रणनीति तैयार की है जिसमें विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ-साथ वैश्विक खुदरा सुपरमार्केट कैरफोर एवं वॉलमार्ट को साथ लेने की बात शामिल है। रणनीति के हिस्से के रूप में, विदेशों में भारतीय दूतावासों को घरेलू मोटे अनाजों की ब्रांडिंग और प्रचार के लिए, शामिल किया जाएगा। दूतावासों को संभावित खरीदारों की पहचान करने के लिए भी कहा जाएगा जैसे कि डिपार्टमेंटल स्टोर, सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट। उन्हें बिजनेस-टू-बिजनेस (बी 2 बी) बैठकें आयोजित करने एवं भारतीय मोटे अनाज के लिए सीधी साझेदारी कायम करने के लिए कहा जायेगा। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि प्रचार रणनीति के तहत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खुदरा सुपरमार्केट जैसे लुलु समूह, कैरफोर, अल जजीरा, अल माया, वॉलमार्ट को भी मोटे अनाज की ब्रांडिंग और प्रचार के मकसद से ‘मिलेट कॉर्नर' स्थापित करने के लिए साथ लिया जाएगा। यह पहल संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने की पृष्ठभूमि में आई है। इस प्रयास का उद्देश्य भारतीय मोटे अनाज के साथ-साथ इसके मूल्यवर्धित उत्पादों को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाना है। भारत के शीर्ष पांच बाजरा उत्पादक राज्य - राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश हैं। बाजरे के निर्यात का हिस्सा कुल मोटे अनाज उत्पादन का एक प्रतिशत है। भारत से मोटे अनाज के निर्यात में मुख्य रूप से साबुत अनाज शामिल है और भारत से मोटे अनाज के मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात नगण्य है। हालांकि, यह अनुमान लगाया गया है कि मोटे अनाज का बाजार अपने नौ अरब डॉलर के मौजूदा आकार से बढ़कर 2025 तक 12 अरब डॉलर से अधिक का हो जाएगा। मोटा अनाज कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है।
दुनिया में प्रमुख मोटे अनाज आयात करने वाले देश इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मेक्सिको, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और नीदरलैंड हैं। - मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 420 अंक लुढ़क कर 61,000 अंक के नीचे बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर बिकवाली दबाव के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व और रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट से बाजार नुकसान में रहा। कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से भी घरेलू शेयर बाजार पर असर पड़ा।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 419.85 अंक यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,613.70 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स ऊंचे में 60,848.73 तक गया और नीचे में 60,425.47 अंक तक आया। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 128.80 अंक यानी 0.71 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,028.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 3.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में एक्सिस बैंक रहा। इसके अलावा बजाज फिनसर्व, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और इंडसइंड बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., भारती एयरटेल, कोटक बैंक, डॉ. रेड्डीज और एचयूएल 1.13 प्रतिशत तक लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.59 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 30 पैसे टूटकर 81.77 (अस्थायी) पर बंद हुई। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक घरेलू बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 386.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
- नयी दिल्ली ।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी आने के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 135 रुपये मजबूत होकर 51,898 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,763 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 250 रुपये की गिरावट के साथ 61,618 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘अमेरिका के महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले बाजार भागीदारों ने सतर्कता का रुख बरता। मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चलते कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ब्याज दरों को लेकर रुख क्या रहेगा।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना बढ़त के साथ 1,709 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी गिरावट के साथ 21.05 डॉलर प्रति औंस पर रही। गौरतलब है कि बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 50 पैसे चढ़कर 81.42 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक विनय रजनी ने कहा, ‘‘सोमवार को भारी तेजी दर्ज करने के बाद सोना पिछले दो कारोबारी सत्रों से ‘सुगठन' के दौर में रहा। निवेशकों को अमेरिकी मध्यावधि चुनावों पर अनिश्चितता के बीच मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार है
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नयी दिल्ली। वैक्यूम क्लीनर बनाने वाली कंपनी यूरेका फोर्ब्स ने शुभम श्रीवास्तव को मुख्य उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी अधिकारी और गौरव खंडेलवाल को मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त कर अपने नेतृत्व दल को मजबूत किया है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। यूरेका फोर्ब्स ने बयान में कहा कि श्रीवास्तव डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाएंगे और खंडेलवाल यूरेका फोर्ब्स लिमिटेड (ईएफएल) के वित्त, वाणिज्यिक, कानूनी एवं सचिवीय कार्यों का नेतृत्व करेंगे। श्रीवास्तव प्रौद्योगिकी मंच और उत्पादों के निर्माण के लिए जिम्मेदार होंगे और इस तरह से ईएफएल में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देंगे। इससे पहले, वह हिंदुस्तान टाइम्स डिजिटल स्ट्रीम्स के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी थे।
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मुंबई.मासिक किस्त बढ़ने के बावजूद आवास ऋण लेने वाले ग्राहकों द्वारा कर्ज की अदायगी पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, आवास ऋण देने वाली कंपनियों के पास कर्ज अवधि बढ़ाने की गुंजाइश कम है। मुख्य आवास ऋण खंड में पहले से ही किस्तें भरने की लंबी अवधि है और ऋण अवधि में एक और वृद्धि से यह कर्ज लेने वालों के कुल जीवन से आगे निकल जायेगी। इक्रा के वित्तीय क्षेत्र की रेटिंग प्रमुख मनुश्री सागर ने कहा कि इसके कारण आवास ऋण के लिए मासिक किस्तें (ईएमआई) 12 से 21 प्रतिशत बढ़ जाएंगी। वहीं, किफायती आवास ऋण खंड के मामले में यह आठ से 13 प्रतिशत बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना है। इसलिए ऋणदाताओं के पास ऋण अवधि बढ़ाने की सीमित गुंजाइश है। इस प्रकार ईएमआई की राशि को बढ़ाना होगा और इसमें बदलाव करना होगा। हालांकि, इससे एचएफसी के परिसंपत्ति गुणवत्ता संकेतकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।'' उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए इस साल मई के बाद से नीतिगत ब्याज दरों में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे कर्ज लेने वालों द्वारा भुगतान की जाने वाली दरों में भी वृद्धि हुई है।
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नयी दिल्ली.डिजिलॉकर, खाता एग्रीगेटर प्रणाली और वीडियो ई-केवाईसी जैसे सार्वजनिक साधन भारत की अगली डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाएंगे। बैंकबाजार डॉट कॉम के संस्थापक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी ने यह बात कही। सार्वजनिक साधन उन वस्तुओं एवं सेवाओं कहते हैं, जो समाज के सभी सदस्यों के लिए समान रूप से उपलब्ध होती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि देश में 2022 में डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 50 अरब तक पहुंच गया। शेट्टी ने एक बातचीत में कहा कि यह आंकड़ा अमेरिका और चीन की तुलना में तीन गुना है। इसे डिजिटल भुगतान क्रांति के दौरान यूपीआई, रुपे और आधार जैसे डिजिटल सार्वजनिक साधनों की मदद से हासिल किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकबाजार का मानना है कि एक और क्रांति हो रही है। दुनिया इसे अब से एक या दो साल में पहचान लेगी। यह अगली डिजिटल क्रांति होगी, जो दूसरी पीढ़ी के सार्वजनिक साधनों द्वारा संचालित होगी, जैसे डिजिलॉकर, खाता एग्रीगेटर और वीडियो ईकेवाईसी आदि।'' उन्होंने कहा कि आज भारत में डिजिलॉकर पर 12.8 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 400 प्रकार के दस्तावेज इससे जुड़े हैं। इस तरह तकनीकी रूप से 500 करोड़ ई-दस्तावेज डिजिलॉकर जमा किए जा सकते हैं। शेट्टी ने आगे कहा, ‘‘यह (देश में) ऋण के लिए पासा पलटने वाला है। खाता एग्रीगेटर के संबंध में एक बड़ा बदलाव तब हुआ, जब वित्त मंत्री ने इस साल की शुरुआत बैंकों से इस प्रणाली से जुड़ने के लिए कहा था।'' खाता एग्रीगेटर मॉडल से छोटे कर्जदारों को आसानी से ऋण मिलेगा और डिजिटल कर्ज बढ़ेगा। शेट्टी के मुताबिक, इस समय एक अरब (100 करोड़) बैंक खाते अकाउंट एग्रीगेटर (एए) प्रणाली पर उपलब्ध हैं। बैंकबाजार डॉट कॉम भी एए प्रणाली से जुड़ने पर विचार कर रही है।
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नयी दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आर्थिक सुधारों के जरिये देश को नई दिशा देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंगलवार को प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके लिए देश उनका ऋणी है। गडकरी ने यहां आयोजित ‘टीआईओएल पुरस्कार 2022' समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दिखाने का काम किया। उन्होंने पोर्टल ‘टैक्सइंडियाऑनलाइन' की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘उदार अर्थव्यवस्था के कारण देश को नई दिशा मिली। उसके लिए देश मनमोहन सिंह का ऋणी है।'' गडकरी ने मनमोहन की नीतियों से नब्बे के दशक में महाराष्ट्र की सड़कों के लिए पैसे जुटाने में मिली मदद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की तरफ से शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की वजह से वह महाराष्ट्र का मंत्री रहने के दौरान इन सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटा पाए थे। गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को एक उदार आर्थिक नीति की जरूरत है जिसमें गरीबों को भी लाभ पहुंचाने की मंशा हो। उन्होंने कहा कि उदार आर्थिक नीति किसानों एवं गरीबों के लिए है। उन्होंने उदार आर्थिक नीति के माध्यम से देश का विकास करने में चीन को एक अच्छा उदाहरण बताया।
गडकरी ने भारत के संदर्भ में कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए देश को अधिक पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी। उन्होंने अपने मंत्रालय की तरफ से देशभर में किए जा रहे 26 एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उन्हें पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राजमार्गों के निर्माण के लिए आम आदमी से भी पैसे जुटा रहा है। गडकरी के मुताबिक, 2024 के अंत तक एनएचएआई का टोल से मिलने वाला राजस्व बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो फिलहाल 40,000 करोड़ रुपये सालाना है। -
नयी दिल्ली. एस्कॉर्ट्स कुबोटा की इकाई एस्कॉर्ट्स एग्री मशीनरी (ईएएम) अगले सप्ताह से ट्रैक्टर की कीमतों में एक से दो प्रतिशत की बढ़ोतरी करने वाली है। ईएएम ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि ट्रैक्टरों की कीमतों में बढ़ोतरी जिंस के दाम एवं अन्य लागत बढ़ने की वजह से करनी पड़ रही है। कीमत बढ़ोतरी 16 नवंबर से लागू होगी। कंपनी ने कहा कि ट्रैक्टरों के मॉडल एवं संस्करणों के आधार पर कीमत वृद्धि का स्तर अलग-अलग होगा। इस बारे में संपर्क किए जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ट्रैक्टर के दाम एक से दो प्रतिशत बढ़ाए जाएंगे। -
नयी दिल्ली. त्योहारी सीजन की मांग से देश में वाहनों की खुदरा बिक्री में अक्टूबर माह में 48 प्रतिशत का जोरदार उछाल आया है। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) ने सोमवार को यह जानकारी दी। अक्टूबर में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 20,94,378 इकाई रही। यह अक्टूबर, 2021 के 14,18,726 इकाई के आंकड़े से 48 प्रतिशत अधिक है। अक्टूबर, 2022 में वाहनों का पंजीकरण कोविड-पूर्व यानी अक्टूबर, 2019 से भी आठ प्रतिशत अधिक रहा है।
पिछले महीने सभी वाहन खंडों.....यात्री और वाणिज्यिक वाहन, दोपहिया, ट्रैक्टर और तिपहिया का प्रदर्शन अक्टूबर, 2021 से बेहतर रहा। पिछले महीने यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 41 प्रतिशत बढ़कर 3,28,645 इकाई पर पहुंच गई। यह अक्टूबर, 2021 में 2,33,822 इकाई रही थी। इसी तरह दोपहिया वाहनों का पंजीकरण पिछले महीने 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 15,71,165 इकाई पर पहुंच गया। यह आंकड़ा अक्टूबर, 2021 में 10,39,845 इकाई रहा था। अक्टूबर में वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री 25 प्रतिशत बढ़कर 74,443 इकाई रही। एक साल पहले समान महीने में यह 59,363 इकाई रही थी। अक्टूबर, 2022 में तिपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री में क्रमश: 66 प्रतिशत और 17 प्रतिशत का उछाल आया। फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने बयान में कहा, ‘‘अक्टूबर त्योहारों का महीना रहा। सभी श्रेणियों की डीलरशिप पर इस दौरान काफी मांग देखी गई। 2019 के कोविड-पूर्व के महीने की तुलना में भी इस साल अक्टूबर में बिक्री अधिक रही है।'' इस साल 42 दिन की त्योहारी अवधि में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 29 प्रतिशत बढ़कर 28,88,131 इकाई पर पहुंच गई। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 22,42,139 इकाई रहा था। इस अवधि में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 4,56,413 इकाई पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 3,39,780 इकाई रही थी। इस दौरान दोपहिया वाहनों का पंजीकरण 26 प्रतिशत बढ़कर 21,55,311 इकाई पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 17,05,456 इकाई रहा था। इसी तरह तिपहिया, वाणिज्यिक वाहन और ट्रैक्टर की बिक्री त्योहारी अवधि में क्रमश: 68, 29 और 30 प्रतिशत अधिक रही। -
नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने साल 2023 के लिए खास तैयारी की है, जहां वह अलग-अलग सेगमेंट में एक से बढ़कर एक कार और एसयूवी लॉन्च करने वाली हैं। इनमें नेक्स्ट जेनरेशन टाटा नेक्सॉन के साथ ही अल्ट्रोज के इलेक्ट्रिक वेरिएंट का लंबे समय से इंतजार है। टाटा मोटर्स अगले साल अपनी कई धांसू कारों के नेक्स्ट जेनरेशन मॉडल लॉन्च करने वाली है, जिनमें बेस्ट सेलिंग एसयूवी टाटा नेक्सॉन भी है। नेक्स्ट जेनरेशन नेक्सॉन को बेहतर लुक के साथ ही काफी सारी नई खूबियों के साथ पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही अगले साल कंपनी अपनी फुल साइज एसयूवी टाटा हैरियर (Tata Harrier Petrol) और टाटा सफारी के पेट्रोल वेरिएंट (Tata Safari Petrol) को फेसलिफ्ट अवतार के साथ मार्केट में पेश करने की तैयारी में है। लंबे समय से इन एसयूवी की टेस्टिंग जारी है और जल्द ही इनकी एंट्री हो सकती है।इलेक्ट्रिक कारें
भारत में अगले साल, यानी 2023 में टाटा मोटर्स कई इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च कर सकती है, जिसमें पहला नाम टाटा अल्ट्रोज ईवी (Tata Altroz EV) का है। इसके साथ ही टाटा पंच को भी इलेक्ट्रिक वेरिएंट में पेश किया जा सकता है। इन दोनों कारों के प्रोडक्शन रेडी मॉडल को ऑटो एक्सपो 2023 में पेश किया जा सकता है। टाटा अल्ट्रोज इलेक्ट्रिक का लंबे समय से इंतजार है और 10-12 लाख रुपये तक की प्राइस रेंज में आ सकती है। आने वाले समय में पंच ईवी और अल्ट्रोज ईवी लॉन्च को लेकर ज्यादा डिटेल सामने आ जाएगी और निश्चित है कि ये किफायती दाम में बेहतर रेंज के साथ आ सकती हैं। file photo -
नयी दिल्ली। वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने अपने यात्री वाहनों की कीमतों में औसतन 0.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। कंपनी ने शनिवार को जारी एक बयान में अपने वाहनों की कीमत बढ़ाने की घोषणा की। वाहनों के मॉडल एवं संस्करणों के आधार पर कीमतों में वृद्धि अलग-अलग की गई है। औसत कीमत वृद्धि 0.9 प्रतिशत हुई है। नई दरें सात नवंबर से लागू हो जाएंगी। टाटा मोटर्स ने कहा कि वह वाहन विनिर्माण की बढ़ी हुई लागत के बड़े हिस्से का बोझ खुद उठाती रही है लेकिन समग्र इनपुट लागत में तीव्र वृद्धि होने से उसे इसका कुछ बोझ उपभोक्ताओं पर डालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। टाटा मोटर्स इस समय टियागो, पंच, नेक्सॉन, हैरियर और सफारी मॉडलों की बिक्री करती है और इन वाहनों के कई संस्करण भी उपलब्ध हैं।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ऑल्टो की फेस्टिवल सीजन में सबसे ज्यादा बिक्री हुई है और यह सस्ती कार देश की बेस्ट सेलिंग कार बन गई है। इसके बाद मारुति सुजुकी वैगनआर , स्विफ्ट , बलेनो , टाटा नेक्सॉन , मारुति डिजायर, ह्यूंदै क्रेटा , टाटा पंच , मारुति अर्टिगा और ब्रेजा जैसी कारें टॉप 10 लिस्ट में हैं। देश की सबसे सस्ती कारों में से एक मारुति सुजुकी ऑल्टो अब देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार हो गई है और फेस्टिवल सीजन में इस एंट्री लेवल हैचबैक ने तो गर्दा ही उड़ा दिया। जी हां, अक्टूबर 2022 की कार सेल्स रिपोर्ट आ गई है, जिसमें मारुति सुजुकी ऑल्टो टॉप सेलिंग कार रही। इसके बाद मारुति सुजुकी वैगनआर के साथ ही स्विफ्ट और बलेनो टॉप 4 में रही। टाटा नेक्सॉन ने लंबी छलांग लगाते हुए टॉप सेलिंग एसयूवी मारुति सुजुकी ब्रेजा को पीछे छोड़ दिया है। आइए, आपको बताते हैं कि भारत में कौन सी 10 कारें सबसे ज्यादा बिकती हैं और बीते अक्टूबर की सेल्स रिपोर्ट में इन कारों के हाल क्या रहे?भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली टॉप 10 कारों की बात करें तो मारुति सुजुकी ऑल्टो की कुल 21,260 यूनिट बिकी, जो कि 22 फीसदी की सालाना बिक्री के साथ है। इसके बाद मारुति सुजुकी वैगनआर का नंबर रहा, जिसकी कुल 17,945 यूनिट बीते अक्टूबर में बिकी है और 45 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। तीसरे नंबर पर स्विफ्ट है, जिसकी पिछले महीने 17,231 यूनिट बिकी और यह 88 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ है। चौथी बेस्ट सेलिंग कार बलेनो रही, जिसकी कुल 17,149 यूनिट पिछले महीने बिकी है और यह 10 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। पांचवीं बेस्ट सेलिंग कार टाटा नेक्सॉन रही, जिसकी कुल 13,767 यूनिट पिछले महीने बिकी और यह 36 पर्सेंट सालाना ग्रोथ के साथ है।ज्यादातर कारों की सालाना बिक्री बढ़ीअक्टूबर 2022 की टॉप 10 बेस्ट सेलिंग कारों की लिस्ट में मारुति डिजायर छठे स्थान पर रही, जिसकी कुल 12,321 यूनिट बिकी और यह 53 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ है। इसके बाद पॉपुलर कॉम्पैक्ट एसयूवी ह्यूंदै क्रेटा है, जिसकी कुल 11,880 यूनिट बिकी और यह 84 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। लिस्ट में आठवें नंबर पर टाटा पंच है, जिसकी बीते महीने 10,982 यूनिट बिकी है और यह 30 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। मारुति अर्टिगा टॉप 10 लिस्ट में 9वें नंबर पर है और इसकी 10,494 यूनिट बिकी है, जो कि 19 फीसदी की सालाना कमी दर्शाती है। लिस्ट में आखिरी नंबर पर ब्रेजा है, जिसकी कुल 9,941 यूनिट पिछले महीने बिकी है और यह 24 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है।
- नयी दिल्ली,। आईसीआईसीआई बैंक और इंडियन बैंक ने अपनी बेंचमार्क उधारी दर में 0.35 प्रतिशत तक की वृद्धि की है जिससे उपभोक्ताओं के लिए बैंक कर्ज महंगा होगा। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने विभिन्न अवधि के लिए कोष की सीमान्त लागत-आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) को एक नवंबर से 0.20 प्रतिशत बढ़ा दिया है। बैंक की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार एक साल की एमसीएलआर अब 8.30 प्रतिशत होगी। इसी तरह छह माह की एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने एक दिन की एमसीएलआर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 7.40 प्रतिशत कर दिया है। एक साल की एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.10 प्रतिशत किया गया है।
- नयी दिल्ली। सरकार ने कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए मंगलवार को खाद्य तेलों एवं तिलहनों के थोक विक्रेताओं और शॉपिंग श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को भंडारण सीमा के आदेश से छूट दे दी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में खाद्य तेल एवं तिलहन के विक्रेताओं पर से भंडारण सीमा हटाए जाने के आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से थोक विक्रेताओं एवं शॉपिंग श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को खाद्य तेलों की अधिक किस्में एवं ब्रांड रखने की छूट मिल जाएगी। फिलहाल भंडारण की एक सीमा होने से उनके पास खाद्य तेलों का सीमित स्टॉक ही रहता था। सरकार ने खाद्य तेलों एवं तिलहन की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले साल आठ अक्टूबर को खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं एवं थोक उपभोक्ताओं पर भंडारण सीमा लगा दी थी। इसमें भंडारण सीमा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया गया था। उसके बाद केंद्र ने तय की गई समान भंडारण सीमा का प्रावधान करते हुए पाबंदी का आदेश 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया। बाद में इसे 31 दिसंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि देश में खाद्य तेलों एवं तिलहनों की मौजूदा कीमतों का अध्ययन करने के बाद भंडारण सीमा की समीक्षा की गई। कीमतों में अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू स्तर पर लगातार आ रही नरमी को देखते हुए भंडारण सीमा हटाने का फैसला किया गया है।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने सभी करदाताओं के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म लाने का प्रस्ताव मंगलवार को रखा जिसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा। वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नए आईटीआर फॉर्म के जरिये अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं। इस नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न जमा किए जाते हैं। सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित है। आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है। आईटीआर-5 एवं 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं। आयकर विभाग के नियामकीय संगठन सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-1 एवं आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है। नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों एवं गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है।'' सीबीडीटी ने कहा कि सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और आयकर विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा। नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नया फॉर्म आने के बाद आईटीआर-2, 3, 5 एवं 6 फॉर्म के जरिये रिटर्न जमा करने वाले करदाताओं के पास अब पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा।
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पेट्रोल खर्च से मिल जाएगी मुक्ति
पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अगर आप भी अपने स्कूटर में पेट्रोल का खर्च उठाते-उठाते थक चुके हैं, तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, क्योंकि आज हम यहां बताने जा रहे हैं कुछ सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के बारे में जो आपको पेट्रोल के खर्च से मुक्त कर देंगी। मात्र 50,000 के अंदर आप इन इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को खरीदकर घर ला सकते हैं। ग्राहकों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए कोमाकी (Komaki), बाउंस (Bounce), ऐवन (Avon) और रफ्तार (Raftaar) समेत अन्य कंपनियों ने 50 हजार रुपये से भी कम प्राइस रेंज में शानदार लुक और फीचर्स के साथ ही अच्छी बैटरी रेंज वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर पेश किए हैं। आइए डिटेल से जानें
50 हजार में हैं बाउंस के 4 इलेक्ट्रिक स्कूटर
इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली भारतीय कंपनी बाउंस ग्राहकों के लिए कई ऑप्शन पेश करती है। 50,000 रुपये में कंपनी का इलेक्ट्रिक स्कूटर Bounce Infinity E1 काफी बेहतर ऑप्शन है। इसकी कीमत 45,099 रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है।
इसके बाद दूसरा ऑप्शन Avon E Scoot है, जिसकी कीमत 49,696 रुपये (एक्स-शोरूम) है। इसकी बैटरी सिंगल चार्ज में 65km रेंज देती है।
इसके बाद तीसरा ऑप्शन Raftaar Electrica है। इसकी कीमत 48,540 रुपये से शुरू होती है। इस ईवी के रेंज की बात करें तो इसकी बैटरी सिंगल चार्ज में 100km की रेंज देती है। कंपनी का Greta Harper ZX Series-I इलेक्ट्रिक स्कूटर भी एक बेहतरीन ऑप्शन है। इसकी कीमत 41,999 रुपये (एक्स-शोरूम) है।
50,000 रुपये में कोमाकी के तीन ऑप्शन
इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी कोमाकी ने अपने कई इलेक्ट्रिक स्कूटर को 50,000 रुपये में लॉन्च किया है, जो बाजार में मौजूद हैं। इनमें सबसे सस्ता प्रोडक्ट Komaki XGT KM इलेक्ट्रिक स्कूटर है, जिसकी कीमत 42,500 रुपये (एक्स-शोरूम) है। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को सिंगल चार्ज में 85km तक चलाया जा सकता है।
इसके बाद दूसरे नंबर पर Komaki Xone इलेक्ट्रिक स्कूटर है, जिसकी कीमत 45,000 रुपये है। इस ईवी की रेंज भी Komaki XGT KM की तरह सेम है यानी कि यह ईवी भी 85km तक की रेंज देने का दावा करती है। इसके बाद कंपनी की Komaki X2 Vouge भी आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसकी कीमत 47,000 रुपये (एक्स-शोरूम) है। इसकी बैटरी रेंज 85km है। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज थोक बिक्री क्षेत्र में डिजिटल रुपए की पाय़लट परियोजना शुरू की। रिजर्व बैंक ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। आरबीआई को आशा है कि ई-रुपया अंतर बैंक बाजार को और कार्यकुशल बनाएगा और इससे लेन-देन लागत में कमी आएगी। रिजर्व बैंक ने बताया कि इस पायलट परियोजना के नतीजों के आधार पर अन्य थोक लेन-देन और सीमा पार भुगतान की प्रणाली तैयार की जाएगी।
रिजर्व बैंक ने नौ बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को इस पायलट परियोजना में भागीदारी के लिए चिन्हित किया है।खुदरा क्षेत्र में डिजिटल रुपए के इस्तेमाल की परियोजना चयनित स्थलों पर एक महीने के भीतर शुरू की जाएगी। -
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने सीमांत लागत पर आधारित अपनी उधारी दरों (एमसीएलआर) में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। पीएनबी ने सभी अवधि वाली एमसीएलआर में 0.30 प्रतिशत तक वृद्धि कर दी है जबकि बीओआई ने इन दरों को 0.15 प्रतिशत तक बढ़ाया है। पीएनबी ने सोमवार को नियामकीय सूचना में कहा कि नई एमसीएलआर दरें एक नवंबर से प्रभावी हो जाएंगी। एक साल की अवधि वाली उधारी दर 7.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.05 प्रतिशत कर दी गई है। वहीं अन्य सभी अवधियों वाली उधारी दर 7.40-8.35 प्रतिशत कर दी गई हैं। बैंक ऑफ इंडिया की एक वर्षीय उधारी दर एक नवंबर से 7.95 प्रतिशत हो जाएगी जो अभी तक 7.80 प्रतिशत थी। बाकी सभी अवधियों वाली उधारी दरों में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं।