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- नयी दिल्ली। विमानन कंपनी आकाश एयर ने कहा है कि वह बोइंग 737 मैक्स विमान मिलने के साथ ही मई के अंत में या जून की शुरुआत में उड़ान भरने के लिए तैयार है। कंपनी ने कहा कि वह देश में भरोसेमंद और किफायती सेवाओं के साथ हवाई यात्रा को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए काम करेगी। चर्चित निवेशक राकेश झुनझुनवाला समर्थित विमानन कंपनी मार्च, 2023 के अंत तक अपने बेड़े में 18 विमानों को जोड़ने की तैयारी कर रही है। विमानन कंपनियों पर कोविड महामारी के चलते संकट के बादल छाए रहने के बावजूद आकाश एयर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे अत्यधिक आशावादी हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘यदि आप भारत में वाणिज्यिक विमानन के दीर्घकालिक भविष्य को देखें, तो यह दुनिया में किसी भी दूसरी जगह की तरह ही रोमांचक है।'' दुबे ने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और आकाश एयर का मानना है कि वर्तमान दौर अस्थायी है तथा ये बीत जाएगा। विमानन क्षेत्र महामारी से काफी प्रभावित हुआ है और ओमीक्रोन स्वरूप के आने से उद्योग के पुनरुद्धार को एक और झटका लगा है। आकाश एयर किफायती विमान वाहक के रूप में उड़ान भरेगी और कंपनी ने 72 बोइंग 737 मैक्स विमानों के लिए ऑर्डर दिया है, जिनमें ईंधन की खपत कम होती है। आकाश एयर शुरुआत में महानगरों से दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों के लिए सेवाएं शुरू करेगी। दुबे ने कहा कि महानगरों से महानगरों के लिए भी उड़ानें होंगी। उन्होंने बताया कि आकाश एयर मुख्य रूप से पेशेवर रूप से प्रबंधन, प्रतिस्पर्धी लागत संरचना, ग्राहकों की संतुष्टि, कर्मचारियों की खुशी और एयरलाइन की आर्थिक सेहत पर जोर देगी। दुबे ने कहा, ‘‘हमें अपना पहला विमान अप्रैल के उत्तरार्ध में मिलने की उम्मीद है, पहली वाणिज्यिक उड़ान मई के अंत या जून की शुरुआत में चालू होगी।'' दुबे ने कहा कि कंपनी ने भर्ती शुरू कर दी है और वह अन्य प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दे रही है। इस समय विमानन कंपनी के पास 50 से अधिक कर्मचारी हैं। दुबे ने कहा, ‘‘विमानन क्षेत्र को लेकर हम उत्साहित हैं। इसका एक कारण यह है कि ज्यादातर पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में कुछ लोगों ने ही उड़ान भरी है। आने वाले वर्षों में यह सब बदलने वाला है और हम उस बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं। हम इस बदलाव और हवाई यात्रा के लोकतंत्रीकरण में योगदान करना चाहते हैं।'' दुबे ने कहा कि विमानन कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में विदेशी उड़ानें शुरू करने का है।
- नयी दिल्ली। स्थानीय मांग बढ़ने और रुपये के मूल्य में गिरावट आने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 86 रुपये बढ़कर 48,555 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 48,469 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 522 रुपये की गिरावट के साथ 63,907 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 64,429 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी। अन्तरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 16 पैसे घटकर 74.67 रुपये प्रति डॉलर रह गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव गिरावट के साथ 1,841 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी 23.78 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में मंगलवार को हाजिर सोने का भाव गिरावट के साथ 1,841 डॉलर प्रति औंस था जिससे सोने की कीमत कमजोर रही।'
- नयी दिल्ली। डिजिटल कॉमर्स कंपनी मीशो अपनी प्रौद्योगिकी टीम को मजबूत करने के लिए इस साल 450 नए लोगों की नियुक्ति करेगी। मीशो ने साल 2021 में अपनी प्रौद्योगिकी टीम के कर्मचारियों की संख्या को दोगुना किया है।कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि दिसंबर, 2021 तक उसने अपनी प्रौद्योगिकी टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 325 कर ली है। कंपनी ने कहा कि इस साल हमारा अपनी प्रौद्योगिकी टीम के कर्मचारियों की संख्या को 750 पर पहुंचाने का लक्ष्य है। इस साल करीब 450 नई भर्तियां की जाएंगी।
- -भारत ने अप्रैल-अक्टूबर 2021 से 114 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के खीरे का निर्यात किया, जबकि 2020-21 में निर्यात 200 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक हुआनई दिल्ली। भारत दुनिया में खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है। भारत ने अप्रैल-अक्टूबर (2020-21) के दौरान 114 मिलियन अमरीकी डालर के मूल्य के साथ 1 लाख 23 हजार 846 मीट्रिक टन ककड़ी और खीरे का निर्यात किया है।भारत ने पिछले वित्तीय वर्ष में कृषि प्रसंस्कृत उत्पाद के निर्यात का 200 मिलियन अमरीकी डालर का आंकड़ा पार कर लिया है, इसे खीरे के अचार बनाने के तौर पर वैश्विक स्तर पर गेरकिंस या कॉर्निचन्स के रूप में जाना जाता है। 2020-21 में, भारत ने 223 मिलियन अमरीकी डालर के मूल्य के साथ 2 लाख 23 हजार 515 मीट्रिक टन ककड़ी और खीरे का निर्यात किया था। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत वाणिज्य विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) ने बुनियादी ढांचे के विकास, वैश्विक बाजार में उत्पाद को बढ़ावा देने और प्रसंस्करण इकाइयोँ में खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली के पालन में कई पहल की हैं।खीरे को दो श्रेणियों ककड़ी और खीरे के तहत निर्यात किया जाता है जिन्हें सिरका या एसिटिक एसिड के माध्यम से तैयार और संरक्षित किया जाता है, ककड़ी और खीरे को अनंतिम रूप से संरक्षित किया जाता है। खीरे की खेती, प्रसंस्करण और निर्यात की शुरूआत भारत में 1990 के दशक में कर्नाटक में एक छोटे से स्तर के साथ हुई थी और बाद में इसका शुभारंभ पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी हुआ। विश्व की खीरा आवश्यकता का लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है।खीरे को वर्तमान में 20 से अधिक देशों को निर्यात किया जाता है, जिसमें प्रमुख गंतव्य उत्तरी अमेरिका, यूरोपीय देश और महासागरीय देश जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण कोरिया, कनाडा, जापान, बेल्जियम, रूस, चीन, श्रीलंका और इजराइल हैं।
- राउरकेला। भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के ‘कॉर्पोरेट उत्कृष्टता पुरस्कार-2021' के तहत राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) को ‘‘सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र'' का खिताब दिया गया है। एक आधिकारिक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार वित्तीय वर्ष 2020-21 में आरएसपी के उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए दिया गया। बयान में कहा गया कि बीते वित्तीय वर्ष में उत्पादन, उत्पादकता, प्रौद्योगिकी-अर्थशास्त्र और मुनाफे के लिहाज से संयंत्र का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है और इसने पहली बार वार्षिक व्यवसाय योजना का लक्ष्य प्राप्त किया है। बोकारो इस्पात संयंत्र और राउरकेला इस्पात संयंत्र के प्रभारी निदेशक अमरेंदु प्रकाश ने इस उपलब्धि पर आरएसपी की टीम को बधाई दी।
- नयी दिल्ली। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था में चमकीले स्थानों के साथ कुछ काले धब्बे' भी हैं, ऐसे में सरकार को अपने खर्च को सावधानी से ‘लक्षित' करने की जरूरत है, ताकि राजकोषीय घाटे को बहुत ऊंचाई पर पहुंचने से रोका जा सके। राजन अपने विचारों को स्पष्ट तरीके से रखने के लिए जाने जाते हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था के ‘के' आकार के पुनरुद्धार को रोकने के लिए और उपाय करने की जरूरत है। सामान्य तौर पर के-आकार के पुनरुद्धार में प्रौद्योगिकी और बड़ी पूंजीगत कंपनियों की स्थिति महामारी से अधिक प्रभावित छोटे व्यवसायों और उद्योगों की तुलना में तेजी से सुधरती है। राजन ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के बारे में मेरी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, लघु एवं मझोले क्षेत्र और हमारे बच्चों को लेकर है। ये सारी चीजें दबी मांग से शुरुआती पुनरुद्धार के बाद ‘खेल' में आएंगी।'' उन्होंने कहा कि इन सभी का ‘लक्षण' कमजोर उपभोक्ता मांग है। विशेषरूप से व्यापक स्तर पर इस्तेमाल वाले उपभोक्ता सामान की मांग काफी कमजोर है। राजन फिलहाल शिकॉगो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में हमेशा चमकदार स्थानों के साथ गहरे काले धब्बे होते हैं।उन्होंने कहा कि चमकदार क्षेत्रों की बात की जाए, तो इसमें स्वास्थ्य सेवा कंपनियां आती हैं। इनके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आईटी-संबद्ध क्षेत्र जबर्दस्त कारोबार कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन) बने हैं और वित्तीय क्षेत्र के कुछ हिस्से भी मजबूत हैं। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘‘काले धब्बों की बात की जाए, तो बेरोजगाारी, कम क्रय शक्ति (विशेषरूप से निम्न मध्यम वर्ग में), छोटी और मझोले आकार की कंपनियों का वित्तीय दबाव इसमें आता है।'' इसके अलावा काले धब्बों में ऋण की सुस्त वृद्धि और हमारे स्कूलों की पढ़ाई भी आती है।राजन ने कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन चिकित्सकीय और आर्थिक गतिविधियों दोनों के लिए झटका है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सरकार को के-आकार के पुनरुद्धार के प्रति आगाह किया। राजन ने कहा कि हमें ‘के' आकार के पुनरुद्धार को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने चाहिए।चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट से पहले राजन ने कहा कि बजट-दस्तावेज एक ‘दृष्टिकोण' होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के लिए पांच या 10 साल का दृष्टिकोण या सोच देखना चाहता हूं।'' राजन ने कहा कि महामारी के आने तक भी भारत की राजकोषीय स्थिति अच्छी नहीं थी। ‘‘यही वजह है कि वित्त मंत्री अब खुले हाथ से खर्च नहीं कर सकतीं।'' उन्होंने कहा कि जहां जरूरत है, वहां सरकार खर्च करे। ‘‘लेकिन हमें खर्च सावधानी से करने की जरूरत है, ताकि राजकोषीय घाटा बहुत ऊंचाई पर नहीं पहुंच जाए।'' मुद्रास्फीति के बारे में राजन ने कहा कि आज दुनिया के सभी देशों के लिए ‘महंगाई' चिंता का विषय है और भारत इसका अपवाद नहीं हो सकता।
- नयी दिल्ली। सीमाशुल्क विभाग ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान तरल मेडिकल ऑक्सीजन के सफल परिवहन के लिए आयातित उच्च-गुणवत्ता वाले कंटेनरों के पुन: निर्यात के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने फील्ड फॉर्मेशन्स को भेजे अपने परिपत्र में कहा है कि उसे कोविड महामारी से लड़ने के लिए अस्थायी रूप से आयातित आईएसओ कंटेनरों के पुन: निर्यात में राहत देने के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के माध्यम से ज्ञापन मिले हैं। इन कंटेनरों की सड़क, रेल, जलमार्ग और हवाईमार्ग से ले जा सकने संबंधी बहु-मॉडल परिवहन की विशेषता के कारण तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए इनका इस्तेमाल किया गया। सीबीआईसी के सर्कुलर में कहा गया, ‘‘बोर्ड सभी फील्ड फॉर्मेशन्स को आयातकों से अनुरोध प्राप्त होने पर तरल मेडिकल ऑक्सीजन ग्रेड के परिवहन के लिए इस्तेमाल आईएसओ कंटेनरों के पुन: निर्यात के लिए समयावधि 30 सितंबर, 2022 तक बढ़ाने की अनुमति देने को निर्देशित करता है।'' अभी तक कंटेनरों को अगले छह महीने में पुन: निर्यात करने की शर्त पर उन पर आयात शुल्क नहीं लगना है।
- नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स को भरोसा है कि वह इस साल भी वृद्धि की रफ्तार को कायम रख पाएगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने आपूर्ति पक्ष के मुद्दों के सुलझने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि इससे हमें बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुंबई स्थित टाटा मोटर्स पंच, नेक्सन और हैरियर जैसे मॉडलों की बिक्री करती है। चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी ने अपने डीलरों को 99,002 वाहनों की आपूर्ति की है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 68,806 इकाइयों के आंकड़े की तुलना में 44 प्रतिशत अधिक है। दिसंबर, 2021 में कंपनी की कुल यात्री वाहन बिक्री 50 प्रतिशत के उछाल के साथ 35,299 इकाइयों पर पहुंच गई, जो दिसंबर, 2020 में 23,545 इकाई रही थी। टाटा मोटर्स पैसेंजर्स वेहिकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘‘अब हमारे पोर्टफोलियो में हर मॉडल है। हमारे पास सात उत्पाद हैं और प्रत्येक मॉडल ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।'' उनसे पूछा गया था कि क्या कंपनी को 2022 में भी अपनी वृद्धि की रफ्तार को कायम रखने की उम्मीद है। चंद्रा ने कहा, ‘‘आपूर्ति पक्ष के मुद्दे रहे हैं, जिसकी वजह हम अपनी कारों की श्रृंखला के लिए मांग संभावना का पूरी तरह दोहन नहीं कर पाए हैं। इसलिए मुझे भरोसा है कि है कि हम आगे भी आपूर्ति पक्ष की स्थिति में सुधार के बाद वृद्धि की रफ्तार को कायम रखेंगे।'' उन्होंने कहा कि कंपनी अपने ग्राहक आधार का विस्तार करने के लिए व्यापक वर्ग की दृष्टि से अधिक विकल्प लेकर आ रही है। पंच के साथ प्रवेश स्तर के एसयूवी खंड में उतरना इसका एक बेहतर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम वृद्धि वाले नए क्षेत्रों के लिए नए मॉडल उतारना जारी रखेंगे। पिछले दो साल से हम ऐसा कर रहे हैं। चंद्रा ने कहा कि कंपनी ने एसयूवी और सीएनजी मॉडल उतारे हैं। साथ ही कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की पेशकश जारी रखेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ है, उन्होंने कहा कि यह अभी सामान्य नहीं हुआ है। लेकिन इस तिमाही के लिए परिदृश्य पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर दिखाई दे रहा है। ‘‘कुल मिलाकर कह सकते हैं कि पिछली दो तिमाहियों की तुलना में यह 10 से 15 प्रतिशत बेहतर है।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा (इकनॉमिक सर्वे) को एक खंड में जारी कर सकता है और इसमें अगले वित्त वर्ष के लिए लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है। आम बजट से पहले वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किए जाने वाली समीक्षा को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) की अनुपस्थिति में प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारी तैयार कर रहे हैं। परंपरागत रूप से इस दस्तावेज को सीईए की अगुवाई में तैयार किया जाता है। हालांकि, जुलाई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा को वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार इला पटनायक ने तैयार किया था और इसे तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में पेश किया था। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में रघुराम राजन की नियुक्ति के बाद उस समय सीईए का पद खाली था। बाद में अरविंद सुब्रमण्यम अक्टूबर, 2014 में सीईए नियुक्त हुए। के वी सुब्रमण्यम ने पिछले साल छह दिसंबर को सीईए के रूप में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया। सरकार ने सीईए को नियुक्त करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमानों के मुताबिक, अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ने 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान जताया है। विशेषज्ञों ने आधार प्रभाव का हवाला देते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए समीक्षा में लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया जा सकता है।
- नई दिल्ली। विवो कंपनी ने अपना पहला रंग बदलने वाला 5 जी मोबाइल फोन विवो वी 23- 5 जी हाल ही में लॉन्च किया है। यह पहला रंग बदलने वाला स्मार्टफोन है और विवो फोन पसंद करने वालों के लिए एक खुशखबरी ये है कि इस फोन पर बंपर डिस्काउंट मिल रहा है।क्या है खासियत- यह स्मार्टफोन सूर्य की रोशनी में आते ही अपना रंग बदल लेता है और आपको एक ही स्मार्टफोन में दो अलग कलर्स एक्सपीरियंस करने का मौका देता है। यदि आप भी इस नई तकनीक वाले स्मार्टफोन को खरीदना चाहते हैं तो फ्लिपकार्ट पर बंपर ऑफर दिया जा रहा है। इस ऑफर की मदद से आप 10 हजार रुपए से भी ज्यादा की बचत कर सकते हैं।विवो वी 23 5 जी स्मार्टफोन को फ्लिपकार्ट पर 29 हजार 990 में खरीदा जा सकता है। इसे स्मार्टफोन पर पहले से 14 फीसदी का डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा है। हालांकि ग्राहक इस पर और ज्यादा बचत कर सकते हैं क्योंकि इस पर बैंक ऑफर्स भी लागू होते हैं। अगर आप अगर एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो इस पर 10 फीसदी का एक्स्ट्रा डिस्काउंट दिया जा रहा है जिसमें ग्राहक तकरीबन 2500 रुपए की बचत कर सकते हैं।अगर सबसे भारी ऑफर की बात करें तो वीवो 123 स्मार्टफोन की खरीद पर 16950 रुपए का एक्सचेंज बोनस भी ऑफर किया जा रहा है। अगर यह बोनस पूरी तरह से लागू हो जाता है तो ग्राहक तकरीबन 13 हजार 40 रुपए की बचत कर सकते हैं।
- प्रयागराज। उत्तर प्रदेश का खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग जल्द ही चार जिलों में वैदिक पेंट की इकाई लगाएगा और अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में इन इकाइयों से इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक (वाराणसी मंडल) डीएस भाटी ने बताया कि पायलट परियोजना के तहत जयपुर के सांगानेर में अभी केवल दो तरह के उत्पादों- डिस्टेंपर और व्हाइट पेंट का निर्माण किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, वाराणसी, बलिया और मेरठ के पंजोखरा में वैदिक पेंट की इकाई लगाने की योजना बनाई है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते इसमें थोड़ा विलंब हो सकता है, लेकिन अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में इन इकाइयों से उत्पादन शुरू करने की पूरी कोशिश है। श्री भाटी ने बताया कि वैदिक पेंट की एक इकाई स्थापित करने में कम से कम 25-30 लाख रुपये निवेश की जरूरत पड़ती है, जो इकाई के आकार पर निर्भर करता है। इकाई लगाने पर 25-35 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।श्री भाटी ने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वैदिक पेंट को अन्य रंगों में भी उपलब्ध कराने पर अनुसंधान किया जा रहा है और बहुत जल्द विभिन्न रंगों में भी यह पेंट बाजार में उपलब्ध होगा। यहां चल रही प्रदर्शनी के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें 17-18 राज्य हिस्सा ले रहे हैं और इस बार फोकस स्टेट नगालैंड है जहां के मूंगा सिल्क में लोग खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मूंगा सिल्क साल में केवल तीन महीने पैदा होता है और इसका वस्त्र एक अलग ही पहचान दिलाता है।
- नयी दिल्ली। भारत में 74 फीसदी व्यवसाय वर्ष 2022 में प्रौद्योगिकी पर अधिक खर्च कर सकते हैं वहीं 72 फीसदी से ज्यादा व्यवसाय अधिक पूंजीगत निवेश कर सकते हैं। अमेरिकन एक्सप्रेस तथा इन्वेस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। ‘भारत कारोबार खर्च सूचकांक (आईबीएसआई)' रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 में अन्य देशों के व्यवसायों की तुलना में भारतीय व्यवसायों का खर्च तीन गुना अधिक रहा जो उनकी वृद्धि का संकेत है। इसमें कहा गया कि आने वाले समय में व्यवसायों की स्थिति और भी मजबूत होगी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बी2बी (व्यवसाय-से-व्यवसाय) खर्च 2021 की तीसरी तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले 9.4 फीसदी बढ़ा और 2022 में इसमें 10.3 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है। इसमें कहा गया कि 2022 में 74 फीसदी व्यवसायों को प्रौद्योगिकी पर अधिक खर्च करने की उम्मीद है वहीं 72 फीसदी से अधिक व्यवसाय ज्यादा पूंजीगत निवेश कर सकते हैं। अमेरिकन एक्सप्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज अदलखा ने कहा, ‘‘छह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में बी2बी खर्च में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई। यह दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी के संकट से उत्पन्न मुश्किलों से उबर रही है।'' सर्वेक्षण में शामिल 83 फीसदी कारोबारियों ने कहा कि भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया' अभियान से उनके व्यवसायों को लाभ मिला। इन्वेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक बागला ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट सरकार की प्रमुख नीतियों के प्रति व्यवसायों की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दिखाती है।'
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा कंपनी जियो ने देश के 1,000 छोटे-बड़े शहरों में 5जी नेटवर्क कवरेज का ढांचा खड़ा करने की योजना बनाई है और इसके लिए अपनी फाइबर क्षमता के विस्तार के साथ पायलट योजना भी संचालित कर रही है। रिलांयस जियो इन्फोकॉम के अध्यक्ष किरण थॉमस ने एक बयान में भारत में 5जी सेवाएं मुहैया कराने से जुड़ी अपनी तैयारियों का ब्योरा देते हुए कहा कि इसके सफल संचालन के लिए कंपनी ने कई समर्पित टीमों का गठन किया हुआ है। थॉमस ने कहा, "देश भर के करीब 1,000 शहरों में 5जी कवरेज की योजना तैयार कर ली गई है। जियो अपने 5जी नेटवर्क पर स्वास्थ्य देखभाल एवं औद्योगिक स्वचालन जैसे उन्नत क्षेत्रों में परीक्षण भी करती रही है।" उन्होंने कहा कि जियो देश के कई शहरों में 5जी नेटवर्क की पायलट परियोजना भी चला रही है। इसके साथ ही त्रिआयामी मानचित्रों की मदद से 5जी सेवा की शुरुआत के लिए नेटवर्क का खाका भी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम अत्य़ाधुनिक तकनीक की मदद से नेटवर्क का खाका बना रहे हैं। इसकी वजह यह है कि 5जी बेहद अनूठी प्रौद्योगिकी है जिसे बेहद उन्नत नेटवर्क नियोजन तकनीकों की जरूरत है। इस तरह 5जी नेटवर्क लाने की मंजूरी मिलते ही हम अपनी शुरुआत को प्राथमिकता के हिसाब से तय कर पाएंगे।" 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही शुरू होने की संभावना है।
- मुंबई। पुणे की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी नेक्सजू मोबिलिटी अपने ई-बाइक रेंज का विस्तार करते हुए बाजिंगा नाम की ई-बाइक लेकर आ रही है जिसकी कीमत 49 हजार 445 रुपये रखी गई है।बाजिंगा का कार्गो संस्करण, जिसमें सामान रखने के लिए जगह होती है उसकी कीमत 51 हजार 525 रुपये होगी। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि बाजिंगा ब्रांड की बाइक अगले महीने बाजार में उतारी जाएगी। हालांकि इस इलेक्ट्रिक बाइसिकल को कंपनी की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल के जरिए बुक किया जा सकता है।
- कोच्चि। इलेक्ट्रिक वाहन संबंधी स्टार्टअप वान इलेक्ट्रिक मोटो प्राइवेट लिमिटेड ने ‘अर्बनस्पोर्ट’ नाम की इलेक्ट्रिक बाइसिकल बाजार में उतारी है।कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कोच्चि में शुक्रवार को डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम के जरिये देश में वान इलेक्ट्रिक मोटो ब्रांड लांच किया था। कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, यह ई-बाइक दो संस्करणों में पेश की गई है। इनमें अर्बनस्पोर्ट की कीमत 59,999 रुपये और अर्बनस्पोर्ट प्रो की कीमत 69,999 रुपये रखी गई है। शुरुआत में इनकी बिक्री कोच्चि में की जाएगी और उसके बाद गोवा, बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद में भी बिक्री की जाएगी।वान इलेक्ट्रिक के मुताबिक, इन वाहनों की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। कंपनी ने कहा कि महज आधी यूनिट बिजली में बाइक चार्ज हो जाती है जिस पर सिर्फ चार-पांच रुपये का ही खर्च आता है।केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और ऑयलमैक्स एनर्जी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कपिल गर्ग ने संयुक्त रूप से वान ई-बाइक भारतीय बाजार में उतारी। कंपनी का दावा है कि इस ई-बाइक की बैटरी हटाई भी जा सकती है। इस श्रेणी के वाहन में यह सुविधा पहली बार दी गई है।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने अपनी सीएनजी कारों की कीमतों को बढ़ा दिया है। कंपनी ने अपनी मारुति सुजुकी ऑल्टो, मारुति सुजुकी अर्टिगा और मारुति सुजुकी वैगनआर जैसी सीएनजी कारों की कीमतों में 30,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। जानिये विभिन्न मॉडलों की कीमत अब क्या हो गई है-मारुति सुजुकी ऑल्टो के LXI CNG वैरिएंट की कीमत में 12,000 रुपये की बढ़ोतरी (Maruti Suzuki Alto cng price) हुई है, जिसके बाद अब इसकी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 4.77 लाख रुपये के बजाए 4.89 लाख रुपये हो गई है।-मारुति सुजुकी ऑल्टो के LXI (O) सीएनजी वैरिएंट की कीमत में भी 12,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद अब इसकी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 4.83 लाख रुपये के बजाए 4.95 लाख रुपये हो गई है।-मारुति सुजुकी अर्टिगा का सीएनजी मॉडल केवल VXI वैरिएंट में आता है। मारुति ने अपनी अर्टिगा की सीएनजी कार को 21,000 रुपये महंगा (Maruti Suzuki Ertiga cng price) कर दिया है। बढ़ी कीमतों के बाद अब -मारुति अर्टिगा की सीएनजी कार की कीमत 9,66,500 रुपये की जगह 9,87,500 रुपये हो गई है।-मारुति सुजुकी ऑल्टो के LXI सीएनजी वैरिएंट की कीमत में 30,000 रुपये की बढ़ोतरी (Maruti Suzuki WagonR cng price) हुई है, जिसके बाद अब इसकी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 5,83,000 रुपये के बजाए 6,13,000 रुपये हो गई है।-मारुति सुजुकी ऑल्टो के LXI (O) सीएनजी वैरिएंट की कीमत में भी 30,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद अब इसकी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत 5,89,000 रुपये के बजाए 6,19,000 रुपये हो गई है।
- नयी दिल्ली। जियो की एस्तोनिया इकाई और फिनलैंड के ओलू विश्वविद्यालय ने ₨ 6 जी तकनीक के विकास के साथ-साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया है। गुरुवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी। इस गठजोड़ से जियो की 5जी क्षमता मजबूत होगी और उसे ₨6 जी के क्षेत्र में संभावना तलाशने में मदद मिलेगी। जियो प्लेफार्म्स दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो की मूल कंपनी है। ओलू विश्वविद्यालय में 6जी के प्रमुख निदेशक प्रोफेसर मत्ती लातवा-अहो ने कहा,‘‘हम लक्षित अनुसंधान पहलुओं पर जियो एस्तोनिया और पूरे रिलायंस समूह के साथ सहयोग करने की उम्मीद कर रहे हैं....।'
- मुंबई। जर्मनी की लग्जरी स्पोर्ट्स कार कंपनी पोर्श इंडिया की वर्ष 2021 के दौरान कुल बिक्री 62 प्रतिशत बढ़कर 474 इकाई पर पहुंच गई। कंपनी की कुल बिक्री में एसयूवी ‘मकैन' का सबसे अधिक 39 प्रतिशत का हिस्सा रहा। पोर्श इंडिया ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उसे मजबूत ऑर्डर और अपनी उत्पाद श्रृंखला के और विस्तार के बीच वर्ष 2022 के दौरान भी बिक्री की गति में वृद्धि की उम्मीद है। कंपनी ने कहा, ‘‘हमने वर्ष 2021 के दौरान कुल 474 वाहनों की बिक्री। वर्ष 2014 के बाद यह कंपनी का सबसे ऊंचा बिक्री आंकड़ा है। वर्ष, 2020 के मुकाबले कंपनी की बिक्री में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।'' इसके अलावा पोर्श इंडिया की आर्डर संख्या भी 165 प्रतिशत बढ़ गई। वर्ष, 2021 में कंपनी को सबसे अधिक आर्डर प्राप्त हुए हैं।
- नयी दिल्ली। जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू ने भारत में एक्स3 एसयूवी का नया संस्करण गुरुवार को बाजार में उतारा। इसकी कीमत 59.9 लाख रुपये से शुरू होती है। कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया कि स्थानीय स्तर पर विनिर्मित इस मॉडल के पेट्रोल से चलने वाले दो संस्करणों की कीमत 59.9 लाख रुपये और 65.9 लाख रुपये रखी गई है। डीजल से चलने वाले संस्करण को बाजार में बाद में उतारा जाएगा। एक्स3 एक्सड्राइव30आई में दो लीटर का चार सिलेंडर वाला पेट्रोल इंजन है। यह 6.6 सेकेंड में 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी सर्वाधिक रफ्तार 235 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
- नयी दिल्ली। बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में कल रात आई तेजी के बाद राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमत 415 रुपये की तेजी के साथ 48,327 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,912 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 858 रुपये के उछाल के साथ 64,429 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई जो पिछले कारोबारी सत्र में 63,571 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,841 डॉलर प्रति औंस चल रहा था, जबकि चांदी 24.13 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘रुपये के मूल्य में सुधार के बावजूद न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में कल रात आई तेजी के बाद 24 कैरेट सोने की कीमत में दिल्ली में 415 रुपये चढ़ गई।''
- नयी दिल्ली। मोबाइल फोन के जरिये शेयर कारोबार के बढ़ते चलन के बीच बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को अपना मोबाइल ऐप...साथी...पेश किया। इस पहल का मकसद निवेशकों को प्रतिभूति बाजार की बुनियादी बातों से अवगत कराना है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने ऐप पेश करते हुए कहा, ‘‘निवेशकों को प्रतिभूति बाजार की जानकारी के साथ सशक्त बनाने की दिशा में यह मोबाइल ऐप सेबी का एक और कदम है।'' उन्होंने कहा कि हाल में बाजार में व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या बढ़ी है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इनमें से बड़ी संख्या में निवेशक कारोबार फोन के जरिये कर रहे हैं। यह ऐप जरूरी जानकारी आसानी से हासिल करने में मददगार होगा। सेबी के ऐप का मकसद निवेशकों को प्रतिभूति बाजार की बुनियादी बातों, केवाईसी प्रक्रिया, कारोबार और निपटान, म्यूचुअल फंड, बाजार के ताजा घटनाक्रम, निवेशक शिकायत निपटान व्यवस्था आदि के बारे में जागरूक करना है। यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। त्यागी ने कहा कि आने वाले समय में ऐप क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा।
- नयी दिल्ली। देश में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या नवंबर 2021 के अंत तक मामूली रूप से बढ़कर 119.1 करोड़ पर पहुंच गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इस दौरान रिलायंस जियो और भारतीय एयरटेल के कनेक्शनों की संख्या बढ़ी है। जियो ने फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या के मामले में बीएसएनएल को पीछे छोड़ दिया है। इस खंड में उसके कनेक्शनों की संख्या 43.4 लाख हो गई है। अभी तक इस क्षेत्र पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का दबदबा था। देश में कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या नवंबर अंत तक बढ़कर 116.75 करोड़ हो गई। ट्राई की मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। माह के दौरान मोबाइल और फिक्स्ड लाइन कनेक्शनों दोनों में वृद्धि हुई। अक्टूबर, 2021 के अंत तक कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या 116.63 करोड़ थी। मोबाइल खंड में रिलायंस जियो के कनेक्शनों की संख्या 20,19,362 बढ़कर 42.8 करोड़ पर पहुंच गई। भारती एयरटेल ने इस दौरान 13,18,251 नए मोबाइल ग्राहक जोड़े। वोडाफोन आइडिया के मोबाइल कनेक्शनों की संख्या 18,97,050 घटकर 26.71 करोड़ पर आ गई। सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने माह के दौरान 2,40,062 कनेक्शन गंवाए। वहीं एमटीएनएल के ग्राहकों की संख्या 4,318 घट गई। देश में फिक्स्ड लाइन कनेक्शनों की संख्या नवंबर में बढ़कर 2.35 करोड़ पर पहुंच गई। अक्टूबर में यह 2.33 करोड़ थी।-
- नयी दिल्ली। बजाज फाइनेंस का चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 85.5 प्रतिशत बढ़कर 2,125.29 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 1,145.98 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को मंगलवार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2021 के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 8,535.06 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,658.34 करोड़ रुपये थी। तीसरी तिमाही में कंपनी की प्रबंधन-अधीन कुल परिसंपत्तियां 26 प्रतिशत बढ़कर 1,81,250 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले समान तिमाही में 1,43,550 करोड़ रुपये थीं। तिमाही के दौरान कंपनी की शुद्ध ब्याज आय 40 प्रतिशत बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,296 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने पांच करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है। इसके साथ ही यह पेटीएम एवं एयरटेल पेमेंट्स बैंक के बाद तीसरा बड़ा भुगतान बैंक बन गया है। आईपीपीबी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि 1.36 लाख डाकघरों के नेटवर्क की मदद से पांच करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। इनमें से करीब 1.2 लाख डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद हैं जो अपने 1.47 लाख बैंकिंग सेवा प्रदाताओं की मदद से ग्राहकों को घर पर बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं। डाक विभाग के सचिव विनीत पांडेय ने कहा, ‘‘इंडिया पोस्ट में हम देश का बड़ा वित्तीय समावेशी नेटवर्क बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तीन साल की छोटी अवधि में ही पांच करोड़ ग्राहक बन जाना किफायती एवं सहज सेवा मुहैया कराने के मॉडल की कामयाबी को बयां करता है।'' आईपीपीबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे वेंकटरामू ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए कहा, ‘‘हम निर्बाध बैंकिंग एवं जी2स4 सेवाएं देने के साथ ही अपना ग्राहक आधार बढ़ाने में सफल रहे हैं। इस तरह हम लगातार मजबूती हासिल कर रहे हैं।'' पहले स्थान पर मौजूद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के 6.4 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं जबकि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों की संख्या छह करोड़ है।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव वर्ष 2014 के बाद से अब तक के उच्चस्तर 87 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। इसके बावजूद घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार 74वें दिन भी अपरिवर्तित बने रहे। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के मानक ब्रेंट क्रूड के भाव मंगलवार को 87.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए। इसके पीछे बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति पक्ष से जुड़ी बाधाएं अहम वजह रही हैं। यमन के हूदी विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात में तेल प्रतिष्ठान पर हमला कर आपूर्ति को बाधित किया है। इसके अलावा वैश्विक तेल भंडार भी कम हो रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इस हमले के बाद पश्चिम एशिया के दो पड़ोसी देशों ईरान एवं सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। इससे कच्चे तेल की आपूर्ति आने वाले समय में और बाधित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में पिछले कुछ दिनों से आई तेजी के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल एवं डीजल के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। करीब ढाई महीने से पेट्रोल एवं डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 95.41 रुपये प्रति लीटर के भाव पर हैं जबकि डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर के दाम पर बिक रहा है। उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद राज्य सरकार के स्तर पर भी मूल्य वर्धित कर (वैट) कम किए जाने से पेट्रोल एवं डीजल के दाम इस स्तर पर हैं। अक्टूबर के अंत में पेट्रोल 110 रुपये और डीजल 98 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया था। जब देश में पेट्रोल एवं डीजल के दाम इतनी ऊंचाई पर थे, उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड भी 82 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बना हुआ था। हालांकि बाद में उसमें गिरावट आती गई और दिसंबर, 2021 के अंत तक यह 68.87 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक आ गया था। हालांकि, नए साल की शुरुआत होते ही ब्रेंट क्रूड के भाव फिर से बढ़ने लगे और अब यह 87.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुके हैं। यह वर्ष 2014 के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें तय करने का अधिकार सरकार ने पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को दिया हुआ है। लेकिन कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद तेल कंपनियां घरेलू स्तर पर कीमतें नहीं बढ़ा रही हैं।विश्लेषकों के मुताबिक, देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की वजह से तेल कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। इसके पहले तेल कंपनियों ने वर्ष 2017 में भी इन पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी कीमतें नहीं बढ़ाई थीं। पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में जारी चुनाव प्रक्रिया के दौरान 16 जनवरी-1 अप्रैल, 2017 तक तेल कीमतें स्थिर बनी रही थीं। उसके कुछ महीने बाद दिसंबर, 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी करीब दो सप्ताह तक पेट्रोल एवं डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए थे। वर्ष 2019 में अप्रैल-मई के दौरान हुए लोकसभा चुनावों में भी तेल कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए थे। मतदान का अंतिम चरण संपन्न होते ही पेट्रोल एवं डीजल के भाव फिर से बढ़ने लगे थे। जून, 2017 में दैनिक आधार पर तेलों के भाव संशोधित करने का अधिकार सरकार ने तेल कंपनियों को दे दिया था। उसके बाद से पेट्रोलियम कीमतों में बिना बढ़ोतरी के सर्वाधिक 74 दिन बीतने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले 17 मार्च-6 जून, 2020 के बीच 82 दिनों तक कोई मूल्यवृद्धि नहीं हुई थी। जेपी मॉर्गन ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल के खुदरा दाम नवंबर की शुरुआत से ही स्थिर बने हुए हैं। इससे पेट्रोलियम कंपनियों का सकल मार्जिन काफी हद तक सामान्य स्तर तक आ चुका है।