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- नयी दिल्ली। देश में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या नवंबर 2021 के अंत तक मामूली रूप से बढ़कर 119.1 करोड़ पर पहुंच गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इस दौरान रिलायंस जियो और भारतीय एयरटेल के कनेक्शनों की संख्या बढ़ी है। जियो ने फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या के मामले में बीएसएनएल को पीछे छोड़ दिया है। इस खंड में उसके कनेक्शनों की संख्या 43.4 लाख हो गई है। अभी तक इस क्षेत्र पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का दबदबा था। देश में कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या नवंबर अंत तक बढ़कर 116.75 करोड़ हो गई। ट्राई की मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। माह के दौरान मोबाइल और फिक्स्ड लाइन कनेक्शनों दोनों में वृद्धि हुई। अक्टूबर, 2021 के अंत तक कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या 116.63 करोड़ थी। मोबाइल खंड में रिलायंस जियो के कनेक्शनों की संख्या 20,19,362 बढ़कर 42.8 करोड़ पर पहुंच गई। भारती एयरटेल ने इस दौरान 13,18,251 नए मोबाइल ग्राहक जोड़े। वोडाफोन आइडिया के मोबाइल कनेक्शनों की संख्या 18,97,050 घटकर 26.71 करोड़ पर आ गई। सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल ने माह के दौरान 2,40,062 कनेक्शन गंवाए। वहीं एमटीएनएल के ग्राहकों की संख्या 4,318 घट गई। देश में फिक्स्ड लाइन कनेक्शनों की संख्या नवंबर में बढ़कर 2.35 करोड़ पर पहुंच गई। अक्टूबर में यह 2.33 करोड़ थी।-
- नयी दिल्ली। बजाज फाइनेंस का चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 85.5 प्रतिशत बढ़कर 2,125.29 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 1,145.98 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को मंगलवार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2021 के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 8,535.06 करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,658.34 करोड़ रुपये थी। तीसरी तिमाही में कंपनी की प्रबंधन-अधीन कुल परिसंपत्तियां 26 प्रतिशत बढ़कर 1,81,250 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले समान तिमाही में 1,43,550 करोड़ रुपये थीं। तिमाही के दौरान कंपनी की शुद्ध ब्याज आय 40 प्रतिशत बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,296 करोड़ रुपये थी।
- नयी दिल्ली। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने पांच करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है। इसके साथ ही यह पेटीएम एवं एयरटेल पेमेंट्स बैंक के बाद तीसरा बड़ा भुगतान बैंक बन गया है। आईपीपीबी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि 1.36 लाख डाकघरों के नेटवर्क की मदद से पांच करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। इनमें से करीब 1.2 लाख डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद हैं जो अपने 1.47 लाख बैंकिंग सेवा प्रदाताओं की मदद से ग्राहकों को घर पर बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं। डाक विभाग के सचिव विनीत पांडेय ने कहा, ‘‘इंडिया पोस्ट में हम देश का बड़ा वित्तीय समावेशी नेटवर्क बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तीन साल की छोटी अवधि में ही पांच करोड़ ग्राहक बन जाना किफायती एवं सहज सेवा मुहैया कराने के मॉडल की कामयाबी को बयां करता है।'' आईपीपीबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जे वेंकटरामू ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए कहा, ‘‘हम निर्बाध बैंकिंग एवं जी2स4 सेवाएं देने के साथ ही अपना ग्राहक आधार बढ़ाने में सफल रहे हैं। इस तरह हम लगातार मजबूती हासिल कर रहे हैं।'' पहले स्थान पर मौजूद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के 6.4 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं जबकि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों की संख्या छह करोड़ है।
- नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव वर्ष 2014 के बाद से अब तक के उच्चस्तर 87 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। इसके बावजूद घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार 74वें दिन भी अपरिवर्तित बने रहे। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के मानक ब्रेंट क्रूड के भाव मंगलवार को 87.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए। इसके पीछे बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति पक्ष से जुड़ी बाधाएं अहम वजह रही हैं। यमन के हूदी विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात में तेल प्रतिष्ठान पर हमला कर आपूर्ति को बाधित किया है। इसके अलावा वैश्विक तेल भंडार भी कम हो रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इस हमले के बाद पश्चिम एशिया के दो पड़ोसी देशों ईरान एवं सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। इससे कच्चे तेल की आपूर्ति आने वाले समय में और बाधित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में पिछले कुछ दिनों से आई तेजी के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल एवं डीजल के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। करीब ढाई महीने से पेट्रोल एवं डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 95.41 रुपये प्रति लीटर के भाव पर हैं जबकि डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर के दाम पर बिक रहा है। उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद राज्य सरकार के स्तर पर भी मूल्य वर्धित कर (वैट) कम किए जाने से पेट्रोल एवं डीजल के दाम इस स्तर पर हैं। अक्टूबर के अंत में पेट्रोल 110 रुपये और डीजल 98 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया था। जब देश में पेट्रोल एवं डीजल के दाम इतनी ऊंचाई पर थे, उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड भी 82 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बना हुआ था। हालांकि बाद में उसमें गिरावट आती गई और दिसंबर, 2021 के अंत तक यह 68.87 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक आ गया था। हालांकि, नए साल की शुरुआत होते ही ब्रेंट क्रूड के भाव फिर से बढ़ने लगे और अब यह 87.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुके हैं। यह वर्ष 2014 के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें तय करने का अधिकार सरकार ने पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को दिया हुआ है। लेकिन कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद तेल कंपनियां घरेलू स्तर पर कीमतें नहीं बढ़ा रही हैं।विश्लेषकों के मुताबिक, देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की वजह से तेल कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। इसके पहले तेल कंपनियों ने वर्ष 2017 में भी इन पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी कीमतें नहीं बढ़ाई थीं। पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में जारी चुनाव प्रक्रिया के दौरान 16 जनवरी-1 अप्रैल, 2017 तक तेल कीमतें स्थिर बनी रही थीं। उसके कुछ महीने बाद दिसंबर, 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी करीब दो सप्ताह तक पेट्रोल एवं डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए थे। वर्ष 2019 में अप्रैल-मई के दौरान हुए लोकसभा चुनावों में भी तेल कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए थे। मतदान का अंतिम चरण संपन्न होते ही पेट्रोल एवं डीजल के भाव फिर से बढ़ने लगे थे। जून, 2017 में दैनिक आधार पर तेलों के भाव संशोधित करने का अधिकार सरकार ने तेल कंपनियों को दे दिया था। उसके बाद से पेट्रोलियम कीमतों में बिना बढ़ोतरी के सर्वाधिक 74 दिन बीतने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले 17 मार्च-6 जून, 2020 के बीच 82 दिनों तक कोई मूल्यवृद्धि नहीं हुई थी। जेपी मॉर्गन ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल के खुदरा दाम नवंबर की शुरुआत से ही स्थिर बने हुए हैं। इससे पेट्रोलियम कंपनियों का सकल मार्जिन काफी हद तक सामान्य स्तर तक आ चुका है।
- नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स ने मंगलवार को कहा कि वह अपने यात्री वाहनों की कीमतों में 19 जनवरी से औसतन 0.9 प्रतिशत की वृद्धि करेगी, ताकि लागत में हुई बढ़ोतरी की आंशिक रूप से भरपाई की जा सके। मुंबई स्थित वाहन विनिर्माता घरेलू बाजार में टियागो, पंच और हैरियर जैसे विभिन्न मॉडल बेचती है।टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि 19 जनवरी 2022 से विभिन्न मॉडलों की कीमत औसतन 0.9 प्रतिशत बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही कंपनी ने ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर एक विशिष्ट संस्करण की कीमत में 10 हजार रुपये तक की कटौती की है। टाटा मोटर्स ने कहा, ''कंपनी बढ़ी हुई लागत के एक महत्वपूर्ण हिस्से को खुद समायोजित कर रही है, लेकिन कुल लागत में तेज बढ़ोतरी ने उसे न्यूनतम मूल्य वृद्धि के जरिए कुछ भार ग्राहकों पर डालने को मजबूर किया।'' टाटा मोटर्स ने कहा कि 18 जनवरी 2022 को या उससे पहले बुक की गई कारों पर कीमतों में बढ़ोतरी का कोई असर नहीं होगा। इससे पहले मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने पिछले हफ्ते अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 4.3 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। ऑटोमोबाइल कंपनियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस्पात, एल्युमीनियम, तांबा, प्लास्टिक और कीमती धातुओं के महंगा होने के कारण उन्हें कीमतों में बढ़ोतरी के लिए मजबूर होना पड़ा है।
- नयी दिल्ली। ग्रामीण ब्रॉडबैंड अवसंरचना संगठन बीबीएनएल को उम्मीद है कि वह इस साल जून तक सीमावर्ती, नक्सल प्रभावित और द्वीप क्षेत्रों में स्थित 6,929 पंचायतों को उपग्रह आधारित संचार सेवाओं से जोड़ लेगा। दूरसंचार मंत्रालय के तहत इस विशेष इकाई ने पहले ही गलवान घाटी, डोकलाम, लेह, तवांग आदि क्षेत्रों में स्थित 4,682 ग्राम पंचायतों (जीपी) में उपग्रह सेवाएं शुरू कर दी हैं। बीबीएनएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वर्तमान में, 6,929 में से सभी 4,682 ग्राम पंचायतों को उपग्रह सेवाओं से जोड़ा जा चुका है। इसमें रक्षा के नियंत्रण वाले 1,389 स्थान भी शामिल हैं।'' उन्होंने कहा, ''सीमा और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सभी 6,929 ग्राम पंचायतों को जून तक उपग्रह संचार सेवाओं से जोड़ दिया जाएगा।'' अधिकारी ने बताया कि कि गलवान घाटी और डोकलाम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में उपग्रह आधारित संचार सेवाओं को 2020 में चालू किया गया था। गौरतलब है कि टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) और भारतीय संचार निगम को 2020 में 6,929 ग्रामीण पंचायतों में सैटेलाइट संपर्क शुरू करने का अनुबंध दिया गया था।
- नयी दिल्ली। बहुमूल्य धातुओं के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में कमजोरी के रुख के अनुरूप राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 23 रुपये की हानि के साथ 47,814 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,837 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 61,835 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित रही। पिछले कारोबारी सत्र में इसका भाव 61,836 रुपये प्रति किलोग्राम था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मामूली गिरावट के साथ 1,817 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी 22.94 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में मंगलवार को हाजिर सोने की कीमत मामूली गिरावट के साथ 1,817 डॉलर प्रति औंस थी, जिससे यहां सोने की कीमतों में कमजोरी रही।
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नयी दिल्ली। कपड़ा मंत्रालय ने सोमवार को राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के तहत विशिष्ट रेशों और ‘जियो टेक्सटाइल' के क्षेत्र में 30 करोड़ रुपये मूल्य की 20 रणनीतिक परियोजनाओं को स्वीकृति दी। कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें पांच परियोजनाएं स्वास्थ्य देखभाल, चार परियोजनाएं औद्योगिक एवं निवारक क्षेत्र, तीन-तीन परियोजनाएं ऊर्जा भंडार एवं कपड़ा अवशिष्ट पुनर्चक्रण और एक कृषि क्षेत्र की है। इनके अलावा चार परियोजनाएं जियो टेक्सटाइल के ढांचागत विकास से जुड़ी हैं। गोयल ने वैज्ञानिकों एवं तकनीकी विशेषज्ञों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में तकनीकी वस्त्रों में शोध एवं विकास की प्रगति के लिए उद्योग एवं अकादमिक संपर्क जरूरी है। इस मौके पर गोयल ने कहा कि अकादमिक जगत, वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं के साथ सामंजस्य बनाना आज के वक्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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नयी दिल्ली/दावोस। भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा है कि दुनिया में करोड़ों लोग अभी भी इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं और इसका मुख्य कारण ‘सामर्थ्य' है। मित्तल ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर बैठक में ‘चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रौद्योगिकी सहयोग' पर सोमवार को एक पैनल चर्चा के दौरान यह बात कही। मित्तल ने इस दौरान कहा कि दूरसंचार उद्योग अकेले अंतिम पड़ाव तक नहीं पहुंच सकता और उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की आवश्यकता होगी। समूह के चेयरमैन ने कहा कि प्रौद्योगिकी हमेशा एक दोधारी तलवार होती है। यह सभी हितधारकों का कर्तव्य बन जाता है कि डिजिटल संपर्क के नकारात्मक प्रभाव को कम से कम किया जाए और लाभ को बढ़ावा जाए। -
नयी दिल्ली। वाहन निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने अपनी सेलेरियो गाड़ी का एस-सीएनजी संस्करण उतारा है। इसकी दिल्ली शोरूम में कीमत 6.58 लाख रुपये है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि एस-सीएनजी प्रौद्योगिकी वाली नई सेलेरियो में के-श्रृंखला का 1.0 लीटर का इंजन लगा है। कंपनी का दावा है कि यह वाहन एक किलो सीएनजी में 35.60 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, नई सेलेरियो एस-सीएनजी को उतारने के साथ हम देश में हरित वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ गए हैं। - नयी दिल्ली। ऑटो कंपनी किआ इंडिया ने सोमवार को कहा कि उसे अपने आगामी मॉडल कैरेंस के लिए पहले दिन 7,738 बुकिंग मिली है।कंपनी ने नए मॉडल की प्री-बुकिंग 14 जनवरी को शुरू की थी और इसे 25 हजार रुपये की शुरुआती राशि के साथ बुक किया जा सकता है। किआ इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ ताए-जिन पार्क ने एक बयान में कहा कि यह भारत में हमारे किसी भी उत्पाद के लिए पहले दिन की सबसे अधिक बुकिंग है।किआ ने कहा कि कैरेंस पांच अलग-अलग मॉडलों में पेश की जायेगी। इसमें प्रीमियम, प्रेस्टीज, प्रेस्टीज प्लस, लक्जरी और लक्जरी प्लस शामिल हैं। इन मॉडलों में छह और सात सीटों के साथ अलग-अलग प्रकार के पावरट्रेन इंजन का विकल्प दिया जाएगा।कंपनी के अनुसार किआ कैरेंस के सभी मॉडल सुरक्षा पैकेज के साथ आएंगे। ग्राहकों के पास 1,500 सीसी पेट्रोल, 1,400 सीसी पेट्रोल और 1,500 सीसी डीजल इंजन वाले मॉडल खरीदने का विकल्प होगा।
- नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और वैश्विक स्तर पर अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 12 माह के दौरान रफ्तार पकड़ेगी। पीडब्ल्यूसी के वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इस सर्वे में दुनिया के 89 देशों के 4,446 मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के विचार लिए गए। इनमें से 77 सीईओ भारत से हैं। यह सर्वे अक्टूबर-नवंबर 2021 के दौरान किया गया। सोमवार को जारी इस सर्वे के अनुसार, कई तरह की अड़चनों, विशेषकर महामारी की वजह से आने वाली बाधाओं के बावजूद भारतीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आगामी वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं। सर्वे में शामिल 99 प्रतिशत भारतीय सीईओ का मानना है कि अगले 12 महीनों में आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा। वहीं 94 प्रतिशत भारतीय मुख्य कार्यकारी मानते हैं कि अगले एक साल में वैश्विक वृद्धि दर भी सुधरेगी। वहीं ऐसा मानने वाले वैश्विक मुख्य कार्यकारियों की संख्या 77 प्रतिशत है। जहां तक अपनी संबंधित कंपनियों की आमदनी का सवाल है तो 98 प्रतिशत सीईओ ने इसमें वृद्धि की उम्मीद जताई। सर्वे में शामिल वैश्विक सीईओ आर्थिक वृद्धि को लेकर पिछले साल जितने ही आशान्वित हैं। लेकिन वृद्धि को लेकर भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का भरोसा बढ़ा है। वर्ष 2022 में आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को लेकर 94 प्रतिशत भारतीय सीईओ आशान्वित हैं। वहीं पिछले साल ऐसा कहने वाले सीईओ की संख्या 88 प्रतिशत थी। पीडब्ल्यूसी की भारतीय इकाई के चेयरमैन संजीव कृष्णन ने कहा कि कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन ने चीजों को कुछ प्रभावित किया है और मुख्य कार्यकारी फिलहाल अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि उनका भरोसा और आशावाद भारतीय कंपनियों की जुझारू क्षमता को दर्शाता है।
- नयी दिल्ली। टाटा मोटर्स ने अपनी प्रीमियम एसयूवी सफारी का डार्क संस्करण पेश किया है। इसकी दिल्ली शोरूम में कीमत 19.05 लाख रुपये से शुरू होती है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने बयान में कहा कि सफारी के डार्क संस्करण की बुकिंग शुरू हो गई है। यह वाहन देश भर में कंपनी की डीलरशिप पर उपलब्ध है। बयान में कहा गया है कि यह वाहन एक्सटी+/एक्सटीए+/एक्सजेडए+/ संस्करणों में उपलब्ध है। इसके अलावा इस वाहन में वेंटिलेटेड सीट, एयर प्यूरीफायर के साथ वाई-फाई पर एंड्रॉयड ऑटो और एपल कार प्ले की खूबियां होंगी। टाटा मोटर्स पैसेंजर वेहिकल्स के उपाध्यक्ष (बिक्री, विपणन और उपभोक्ता सेवा) राजन अंबा ने कहा, ‘‘बहुत कम समय में डार्क श्रृंखला हमारी यात्री वाहनों की फॉरेवर श्रृंखला की प्रमुख गाड़ी बन गई है। सफारी डार्क संस्करण को पेश किए जाने के बाद इसकी स्थिति और मजबूत होगी।
- नयी दिल्ली। भारतीय सेब का निर्यात 2014 के बाद से करीब 82 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं इसी अवधि में सेब के आयात में मामूली 3.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। निर्यात में वृद्धि से कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के उत्पादकों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात की खेपों को बढ़ाने में मदद मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में, निर्यात वर्ष 2020-21 में बढ़कर एक करोड़ 44.5 लाख डॉलर का हो गया, जो वर्ष 2014-15 में 86 लाख डॉलर का हुआ करता था। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान सेब का निर्यात एक करोड़ 22.5 लाख डॉलर का रहा, जो पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले काफी अधिक वृद्धि है। दूसरी ओर, आयात वर्ष 2020-21 में 3.8 प्रतिशत बढ़कर 24 करोड़ डॉलर का हो गया, जो वर्ष 2014-15 में 23.08 करोड़ डॉलर का था। भारत में आयात होने वाला लगभग 82 प्रतिशत सेब चिली, न्यूजीलैंड, तुर्की, इटली, ब्राजील और अमेरिका से आता है। भारत के आयात का एक-चौथाई हिस्सा चिली का है। इसके बाद न्यूजीलैंड (16.45 प्रतिशत), तुर्की (12.43 प्रतिशत) और इटली (10.8 प्रतिशत) का स्थान रहा। भारत को सेब के छोटे आपूर्तिकर्ताओं में अप्रैल-नवंबर 2021-22 के दौरान ईरान (7.73 प्रतिशत), यूएई (3.29 प्रतिशत) और अफगानिस्तान (0.43 प्रतिशत) शामिल हैं। सेब निर्यात को और आगे बढ़ाने के लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है।
- नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनियों के लिए शेयरों के तरजीही आवंटन के जरिये धन जुटाने को आसान बनाते हुए मूल्य निर्धारण मानदंडों और लॉक-इन अनिवार्यताओं में ढील दी है। नियामक ने एक अधिसूचना जारी कर लॉक-इन अवधि के दौरान प्रवर्तक या प्रवर्तक समूह को तरजीही निर्गम के तहत आवंटित शेयरों को गिरवी रखने की अनुमति दी है। इसके अलावा सेबी ने कहा कि किसी भी तरजीही निर्गम के चलते नियंत्रण में बदलाव या पांच प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी आवंटन के लिए एक पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता से रिपोर्ट लेनी होगी। सेबी ने यह भी कहा कि किसी तरजीही आवंटन के चलते नियंत्रण में बदलाव होने की स्थिति में स्वतंत्र निदेशकों की एक समिति की सिफारिश हासिल करनी होगी। इसके साथ ही समिति के मतदान के तरीके को भी सार्वजनिक करने की जरूरत होगी।
- मुंबई। यूरोपीय बाजारों के मजबूत रुझान के बीच बीएसई सेंसेक्स सोमवार को वाहन, आईटी, ऊर्जा एवं एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में जारी तेजी के दम पर 85 अंक की बढ़त हासिल करने में सफल रहा। काफी हद तक सीमित दायरे में रहे कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 85.88 अंक यानी 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,308.91 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 52.35 अंक यानी 0.29 प्रतिशत बढ़कर 18,308.10 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में अल्ट्राटेक सीमेंट करीब तीन प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील, टीसीएस, एलएंडटी, एसबीआई और एचयूएल के शेयर भी लाभ में रहे। दूसरी तरफ एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, पावरग्रिड और सन फार्मा के शेयरों में 5.89 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स फर्म के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार एशियाई बाजारों के मिश्रित रुख के बीच थोड़े सकारात्मक स्तर पर खुले। दोपहर के सत्र में बाजारों को इससे थोड़ी मजबूती मिली कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का तीन महीने से जारी बिकवाली का रुझान हाल में बदला है। हालांकि वित्तीय, आईटी एवं स्वास्थ्य देखभाल कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन की वजह से लाभ एक दायरे तक ही सीमित रहा।'' अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 74.24 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) भाव पर बंद हुआ। अन्य एशियाई बाजारों की बात करें तो शंघाई और तोक्यो में बाजार बढ़त के साथ बंद हुए जबकि हांगकांग और सियोल में ये नुकसान में रहे। यूरोपीय शेयर बाजार दोपहर के सत्र में लाभ के साथ कारोबार कर रहे थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत की गिरावट 85.84 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहा। शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 1,598.20 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
- नयी दिल्ली। बहुमूल्य धातुओं के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में तेजी के अलावा रुपये में गिरावट आने से राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 176 रुपये बढ़कर 47,881 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,705 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 505 रुपये घटकर 61,005 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 61,510 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 74.24 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,822 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी 23.03 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में शुक्रवार को हाजिर सोने में 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,822 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार हो रहा था जिससे सोने की कीमतों में मजबूती रही।
- नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने रविवार को कहा कि वह शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क की स्थापना के लिए 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी। कंपनी शहरी गैस वितरण के लिए बोली के ताजा दौर में हासिल किए गए लाइसेंस के तहत यह निवेश करेगी।आईओसी ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुई सीजीडी बोली के 11वें दौर में कंपनी ने कुल मांग क्षमता का 33 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया है, जो जम्मू से मदुरै और हल्दिया तक फैला है। शहरी गैस वितरण बोली के 11वें दौर में आईओसी को वाहनों के लिए खुदरा सीएनजी और घरों में पाइप से रसोई गैस की आपूर्ति के लिए नौ लाइसेंस मिले। ये संख्या हालांकि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के 15 लाइसेंस और अडाणी टोटल गैस लिमिटेड के 14 लाइसेंस से कम है, लेकिन मांग क्षमता के लिहाज से ये सबसे अधिक है। आईओसी को मिले भौगोलिक क्षेत्रों में जम्मू, पठानकोट, सीकर, जलगांव, गुंटूर (अमरावती), तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, मदुरै, धर्मपुरी और हल्दिया (पूर्वी मिदनापुर) जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘इंडियन ऑयल ने इन नई सीजीडी परियोजनाओं में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है। यह राशि पहले से प्रस्तावित सीजीडी खंड के लिए 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के अतिरिक्त है।'' आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा, ‘‘देश में गैस कारोबार का विस्तार करने के हमारे ठोस प्रयास प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।'' उन्होंने कहा कि आईओसी भारतीय सीजीडी बाजार में एक प्रमुख कंपनी के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है।
- मुंबई। कोरोना वायरस महामारी के ओमीक्रोन स्वरूप के रूप मे आई तीसरी लहर के कारण हवाई उड़ानों के टिकट रद्द करने वाले एक-तिहाई से भी कम लोगों को रिफंड या टिकट का पैसा वापस मिल पाया है। एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। ऑनलाइन कम्युनिटी मंच लोकलसर्किल्स के एक सर्वेक्षण में पता चला कि महामारी की तीसरी लहर के आने की वजह से जिन लोगों को होटलों की अपनी बुकिंग निरस्त करनी पड़ी उनमें से 34 प्रतिशत को ही पैसा वापस मिला। इस सर्वेक्षण में भारत के 332 जिलों से लोगों के 20,000 से अधिक जवाब आए।ओमीक्रोन स्वरूप के मामले तेजी से बढ़ने के कारण भारत में ऐसे अनेक लोगों को अपनी यात्राएं रद्द या स्थगित करनी पड़ी हैं जिन्होंने जनवरी से मार्च के बीच यात्रा कार्यक्रम बना रखा था। उनमें से कुछ ने एयरलाइंस और होटलों से बुकिंग के लिए जमा की गई राशि वापस मांगी है। सर्वेक्षण में हवाई यात्रा निरस्त होने के संबंध में पहला प्रश्न पूछा गया था जिसके जवाब में 29 प्रतिशत लोगों ने कहा, ‘‘ट्रैवल एजेंटों और एयरलाइन कंपनियों ने रद्दीकरण स्वीकार कर लिया और पूरा पैसा लौटा दिया, वहीं 14 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें आंशिक राशि मिली है।'' वहीं, 29 प्रतिशत लोगों ने बहुत कम पैसा लौटाए जाने की भी बात कही। करीब 14 प्रतिशत लोगों के अनुसार उन्हें धनराशि नहीं लौटाई गई लेकिन बाद की तारीख के लिए उनका टिकट बुक कर दिया गया। लोकलसर्किल्स के संस्थापक सचिन तापड़िया ने कहा, ‘‘इस मंच पर लोग राय दे रहे हैं कि सरकार को कोविड महामारी जारी रहने तक यात्रा बुकिंग रद्द किए जाने पर, खासतौर पर एयरलाइंस और होटलों के लिए पैसा वापसी की विशेष नीति बनानी चाहिए।
- मुंबई। सनटेक रियल्टी अगले पांच से आठ साल के दौरान मुंबई महानगर क्षेत्र और इसके आसपास 22,000 करोड़ रुपये की राजस्व संभावनाओं वाली सात परियोजनाएं शुरू करेगी। इन परियोजनाओं से सनटेक रियल्टी कारोबार के लिहाज से देश की शीर्ष रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल हो जाएगी। रियल एस्टेट कंपनी ने पिछले दशक के दौरान बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र में पहले उबर अपार्टमेंट टावर सिग्नेचर का निर्माण किया है। आज यहां उद्योग जगत के बड़े नामों मसलन गौतम अडाणी और उदय कोटक का निवास है। सनटेक रियल्टी के संस्थापक चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमल खेतान ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी ने पिछले 18 महीनों के दौरान पांच बड़ी आवासीय परियोजनाओं के लिए वसई-पश्चिम, वासिंद, बोरिवली-पश्चिम, कल्याण के शाहाद और पेन-खोपोली में जमीनें खरीदी हैं। इन परियोजनाओं में 2.3 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र का विकास किया जा सकता है। इन परियोजनाओं से अगले सात से आठ साल में 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होने की संभावना है। इसके अलावा कंपनी कुछ अन्य परियोजनाओं का अगला चरण भी शुरू करने जा रही है जिनसे अगले चार-पांच साल 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है।
- नयी दिल्ली। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी में जुटी इंडिया1 पेमेंट्स लिमिटेड अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों को नकदी उपलब्ध कराने के लिए अगले 4-5 साल में 20,000 एटीएम लगाएगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के श्रीनिवास ने रविवार को यह जानकारी दी। कंपनी इस समय हर महीने 300-400 एटीएम लगा रही है।उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा इंटरचेंज शुल्क में वृद्धि के साथ ही नकद निकासी में बढ़ोतरी जैसे विभिन्न संरचनात्मक कारकों के चलते देश में व्हाइट लेबल एटीएम लगाने में तेजी आएगी।'' ऐसी एटीएम मशीन, जिसे किसी गैर-बैंकिंग संस्था द्वारा लगाया एवं संचालित किया जाता है, उसे व्हाइट लेबल एटीएम (डब्ल्यूएलए) कहते हैं। बेंगलुरु स्थित कंपनी ‘इंडिया1 एटीएम' ब्रांड नाम के तहत इस समय 10,300 डब्ल्यूएलए का संचालन करती है। यह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दूसरा सबसे बड़ा एटीएम ब्रांड है। श्रीनिवास ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘वर्ष 2021 में इंडिया1 ने 3,000 से अधिक एटीएम चालू किए हैं और अर्द्ध-शहरी तथा ग्रामीण भारत में एटीएम की कम पहुंच को देखते हुए अगले 4-5 वर्षों में इसी गति से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह इंडिया1 20,000 से अधिक एटीएम के साथ एक बड़ा एटीएम नेटवर्क बनने के लिए तैयार है।'' उन्होंने आगे कहा कि कंपनी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, जहां एटीएम की उपलब्धता कम है। कंपनी खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम के जरिये नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करती है। श्रीनिवास ने कहा कि कंपनी अगले साल पूर्वोत्तर क्षेत्र में एटीएम लगाने पर विचार कर सकती है, जहां इस समय उसकी कोई उपस्थिति नहीं है। रिजर्व बैंक के सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2.4 लाख एटीएम थे, जिनमें से करीब 28,000 व्हाइट लेबल एटीएम हैं।
- नयी दिल्ली। मर्सिडीज बेंज की अपनी पूर्ण इलेक्ट्रिक सेडान इक्यूएस को भारत में स्थानीय स्तर पर असेंबल करने की योजना है और यह लग्जरी कार विनिर्माता कंपनी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी लाना चाहती है।मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्टिन श्वेंक ने कहा, ''भारत में इलेक्ट्रिक वाहन रणनीति विकसित करने की दिशा में हम धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं।'' कंपनी की 2022 की चौथी तिमाही तक पूरी तरह से स्थानीय स्तर पर तैयार इक्यूएस इलेक्ट्रिक सेडान लाने की योजना है। इसे महाराष्ट्र के चाकन में कंपनी के संयंत्र में असेंबल किया जाएगा। इसके अलावा पूर्ण इलेक्ट्रिक एसयूवी इक्यूसी पहले से बाजार में है जिसे पूर्ण रूप से आयातित इकाई के रूप में अक्टूबर, 2020 में लाया गया था। श्वेंक ने कहा, ''हमने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन रणनीति बनाने के लिए कदम-दर-कदम रुख अपनाया है। ईक्यूसी भारत में पहले छह बाजारों में उपलब्ध कराई गई और धीरे-धीरे इसका विस्तार किया गया। आज हम ईक्यूसी के साथ 50 शहरों में हैं।'' यह पूछे जाने पर कि क्या ईक्यूएस की स्थानीय स्तर पर असेंबलिंग के बाद भारत में भविष्य के ईवी मॉडलों को भी असेंबल किया जा सकता है, उन्होंने कहा कि एक तरफ हम योजना बना रहे हैं और वहीं दूसरी ओर विकसित होते वातावरण के अनुरूप काम कर रहे हैं। हमें लगता है कि अब स्थानीय स्तर पर निर्मित ईक्यूएस को लाने का समय है।'' उन्होंने कहा कि ये ऐसी योजनाएं हैं जो बाजार परिस्थितियों और उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं के आधार पर आगे बढ़ेंगी। ऐसे में हम बाजार के रुझान को देखेंगे।
- नयी दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों में भारत का यात्री वाहनों (पीवी) का निर्यात 46 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान 1.68 लाख इकाइयों के निर्यात के साथ मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) सबसे आगे रही है। सोसायटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2021-22 में कुल यात्री वाहन निर्यात 4,24,037 इकाइयों का रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 2,91,170 वाहनों का निर्यात हुआ था। आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान यात्री कारों का निर्यात 45 प्रतिशत बढ़कर 2,75,728 इकाई पर पहुंच गया। वहीं यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 47 प्रतिशत बढ़कर 1,46,688 इकाई रहा। इस दौरान वैन का निर्यात लगभग दोगुना होकर 1,621 इकाई रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 877 इकाई रहा था। समीक्षाधीन अवधि में देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने 1,67,964 यात्री वाहनों का निर्यात किया। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 59,821 इकाइयों के आंकड़े का लगभग तीन गुना है। इसके साथ ही कंपनी ने वित्त वर्ष के पहले नौ माह में सुपर कैरी (एलसीवी) की 1,958 इकाइयों का निर्यात किया। मारुति के बाद निर्यात के मामले में हुंदै मोटर इंडिया और किआ इंडिया का स्थान रहा।मारुति के प्रमुख यात्री वाहन निर्यात बाजारों में लातिनी अमेरिका, आसियान, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और पड़ोसी देश शामिल हैं। इसके शीर्ष पांच निर्यात मॉडल बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो और ब्रेजा रहे। मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने पीटीआई-भाषा से कहा कि लगभग दो साल पहले कंपनी ने निर्यात में भारी वृद्धि की दिशा में एक मजबूत प्रयास करने का फैसला किया था। ‘‘हमारी इस महत्वाकांक्षा के पीछे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की स्थानीयकरण को बढ़ाने और मेक इन इंडिया के तहत निर्यात में वृद्धि की रणनीति भी है।'' भारती ने कहा कि इसके चलते हम अप्रैल-दिसंबर 2021-22 के दौरान 1,69,922 वाहनों (पीवी और एलसीवी) का निर्यात करने में सफल रहे, जो नौ महीने की अवधि में सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में मारुति सुजुकी ने 2,05,450 वाहनों का निर्यात किया, जो किसी एक कैलेंडर साल में सबसे अधिक है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में हुंदै मोटर इंडिया का निर्यात 1,00,059 इकाई रहा। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 35 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह किआ इंडिया ने समीक्षाधीन अवधि में वैश्विक बाजारों में 34,341 इकाइयों का निर्यात किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में उसका निर्यात 28,538 इकाई का रहा था। अप्रैल-दिसंबर, 2021 में फॉक्सवैगन का निर्यात 29,796 इकाई रहा।चालू वित्त वर्ष की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में यात्री वाहनों का कुल निर्यात बढ़कर 1,39,363 इकाई पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,36,016 इकाई रहा था। हालांकि, दिसंबर, 2021 में यात्री वाहनों का निर्यात घटकर 54,846 इकाई रह गया। दिसंबर, 2020 में यह आंकड़ा 57,050 इकाई का रहा था।
- नयी दिल्ली। देश का सोने का आयात चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर, 2021) में दोगुना से अधिक होकर 38 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। मांग ऊंची रहने से सोने के आयात में बढ़ोतरी हुई है। सोने का आयात चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है। अप्रैल-दिसंबर, 2020 में सोने का आयात 16.78 अरब डॉलर रहा था।आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2021 में सोने का आयात बढ़कर 4.8 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 4.5 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में सोने के आयात में बढ़ोतरी से व्यापार घाटा भी बढ़कर 142.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 61.38 अरब डॉलर पर था। इसी तरह वित्त वर्ष के पहले नौ माह में चांदी का आयात भी बढ़कर दो अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 76.2 करोड़ डॉलर था। भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 71 प्रतिशत बढ़कर 2.9 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा 9.6 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.3 प्रतिशत रहा।
- नयी दिल्ली। आरबीएल बैंक ने अपने पूर्णकालिक एमडी और सीईओ की खोज के लिए गठित खोज समिति की मदद के लिए एनएआरसीएल के अध्यक्ष प्रदीप शाह को एक बाहरी विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया है। इस कवायद में वैश्विक नियुक्ति फर्म इगॉनजेंडर को भी शामिल किया गया है।गौरतलब है कि इस पद से पिछले महीने विश्ववीर आहूजा को हटाया गया था। इस समय राजीव आहूजा अंतरिम एमडी और सीईओ के रूप में काम कर रहे हैं। आरबीएल बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि उसके बोर्ड ने शनिवार को हुई एक बैठक में राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) के अध्यक्ष प्रदीप शाह को खोज समिति की मदद के लिए बाहरी विशेषज्ञ के रूप में शामिल करने का फैसला किया है। बोर्ड ने खोज समिति की सिफारिश पर बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्ति में मदद के लिए इगॉनजेंडर को भी शामिल किया।