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- मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 41 दिन बाद एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया। शिवसेना के बागी गुट और भारतीय जनता पार्टी के नौ-नौ सदस्यों को इसमें जगह दी गयी है। मंत्रिमंडल में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया है, जिसकी नेताओं और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है। राज्य में भाजपा की 12 महिला विधायक हैं। शिंदे गुट में दो महिला विधायक हैं तथा उसे एक निर्दलीय महिला विधायक का समर्थन भी हासिल है। महाराष्ट्र में कुल 28 महिला विधायक हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र महिलाओं को आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य है। जब भारत की 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है, तब भी उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। यह भाजपा की मानसिकता को दिखाता है। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल समेत 18 विधायकों ने दक्षिण मुंबई में राज भवन में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या अब 20 हो गयी है, जो अधिकतम 43 सदस्यों की संख्या से आधी से भी कम है। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।भाजपा की ओर से मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों में राधाकृष्ण विखे पाटिल, सुधीर मुन्गंतीवार, चंद्रकांत पाटिल, विजयकुमार गावित, गिरीश महाजन, सुरेश खडे, रवींद्र चह्वाण, अतुल सावे और मंगलप्रभात लोढा हैं। शिंदे गुट से मंत्री पद की शपथ लेने वाले सदस्यों में गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संजय राठौड़, संदीप भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर और शंभुराज देसाई शामिल हैं। शिंदे के एक सहायक ने बताया कि किसी राज्य मंत्री ने आज शपथ नहीं ली। बाद में फिर मंत्रिमंडल विस्तार होगा। भाजपा ने मुंबई से लोढा को शामिल किया है जबकि शिंदे गुट ने वहां से किसी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया। मुंबई महानगरपालिका के चुनाव इस साल होने हैं। नए मंत्रियों में शिंदे समूह के विधायक संजय राठौड़ शामिल हैं जो उद्धव ठाकरे की सरकार में वन मंत्री थे तथा भाजपा द्वारा एक महिला की आत्महत्या के लिए आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाग ने राठौड़ को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला की मौत के लिए जिम्मेदार पूर्व मंत्री संजय राठौड़ को फिर से मंत्री पद दिया गया है। मैं राठौड़ के फिर से मंत्री बनने के बावजूद उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।'
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कुल 2.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है और इनमें अधिकांश बैंकों में जमा राशि है। हालांकि उनके पास कोई भी अचल संपत्ति नहीं है क्योंकि उन्होंने गांधीनगर में अपने हिस्से की एक जमीन दान कर दी थी।प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट पर दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक मोदी का बॉन्ड, शेयर या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं है, लेकिन उनके पास सोने की चार अंगूठी हैं, जिनकी कीमत 1.73 लाख रुपये है। मोदी की चल संपत्ति एक साल पहले के मुकाबले 26.13 लाख रुपये बढ़ी, लेकिन उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है, जिनकी कीमत वर्ष 2021 के 31 मार्च की स्थिति के अनुसार 1.1 करोड़ रुपये थी।पीएमओ की वेबसाइट के मुताबिक 31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार मोदी के पास कुल 2,23,82,504 की कुल संपत्ति है।मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अक्टूबर, 2022 में एक आवासीय जमीन खरीदी थी और इसके वह तीन अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से स्वामी थे तथा इनमें सभी की बराबर की हिस्सेदारी थी।ताजा जानकारी के मुताबिक, ‘‘अचल संपत्ति सर्वे संख्या 401/ए पर तीन अन्य लोगों के साथ संयुक्त हिस्सेदारी थी और इनमें से प्रत्येक का 25 प्रतिशत का हिस्सा था। इस 25 प्रतिशत पर उनका मालिकाना हक नहीं है क्योंकि उसे दान कर दिया गया है।’’प्रधानमंत्री के पास 31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार कुल नकद राशि 35,250 रुपये है और पोस्ट ऑफिस में 9,05,105 रुपये के नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स और 1,89,305 रुपये की जीवन बीमा की पॉलिसी है।प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल के जिन अन्य सहयोगियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की है, उनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। सिंह के पास 31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार 2.54 करोड़ रुपये की चल और 2.97 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है।मोदी मंत्रिमंडल के सभी 29 सदस्यों में धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आर के सिंह, हरदीप सिंह पुरी, पुरषोत्तम रुपाला और जी रेड्डी ने अपनी और अपने आश्रितों की संपत्ति घोषित की है।पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी पिछले वित्तीय वर्ष की अपनी संपत्ति की घोषणा की है। उन्होंने जुलाई में पद से इस्तीफा दे दिया था।
- कटक (ओडिशा) । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार, राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार के सहयोग से ओडिशा का विकास करना चाहती है। बीजद अध्यक्ष एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ मंच साझा करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ओडिशा के कई लोग देश के कुछ शीर्ष पदों पर आसीन हैं, ऐसे में राज्य ‘अच्छे दिन' महसूस कर रहा है। उड़िया दैनिक ‘प्रजातंत्र' की 75 वीं वर्षगांठ पर यहां एक इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शाह और पटनायक के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। इसमें दोनों दलों के समर्थकों एवं नेताओं के लिए बराबर सीट आवंटित की गयी थीं। जब कार्यक्रम शुरू होने वाला था, तब स्टेडियम में ‘अमित शाह जिंदाबाद' और ‘नवीन पटनायक जिंदाबाद' के नारे संबंधित दलों के समर्थकों ने लगाये। शाह के ओडिशा पहुंचने से पहले दोनों दलों के बीच ‘पोस्टर वार' भी देखने को मिला। दोनों दलों के समर्थकों ने केवल तब नारेबाजी बंद की, जब प्रधान ने दर्शकों से शांत रहने की अपील की।शाह ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम राज्य सरकार के सहयोग से ओडिशा में सर्वांगीण विकास करने के लिए हम अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें टीम इंडिया की भांति विकास के लिए काम करें।'' ओडिशा के लिए पहले ही ‘अच्छे दिन' आ जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रपति से लेकर आरबीआई गवर्नर तक राष्ट्रीय स्तर पर ओडिशा के सबसे अधिक प्रतिनिधि हैं। शाह ने कहा, ‘‘ एक गरीब आदिवासी गांव की एक महिला भारत की महामहिम (राष्ट्रपति) बन गई हैं। इस राज्य से धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री और अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं। टुडु (बिशेश्वर) भी मंत्रिपरिषद में हैं। आजादी के बाद से ओडिशा का राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा प्रतिनिधित्व कभी नहीं रहा। इसलिए यह राज्य के लिए अच्छे दिन हैं।'' ‘‘संभावनाओं के राज्य'' के रूप में उभरने के लिए ओडिशा में विपुल संभावनाएं होने का दावा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘यहां लंबी तटरेखा है, समृद्ध खनिज संसाधन हैं, वन हैं एवं प्रतिभाशाली मानव संसाधन हैं। मुझे ओडिशा का बेहतर भविष्य नजर आता है।'' मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ओडिशा आने पर शाह का स्वागत किया। उनके इस बयान से पूर्व एक भाजपा सांसद ने आरोप लगाया था कि जब शाह अपराह्न करीब डेढ़ बजे यहां हवाई अड्डे पर उतरे, तब हवाई अड्डे पर राज्य का मंत्री, या कोई वरिष्ठ अधिकारी जैसे गृह सचिव या पुलिस महानिदेशक मौजूद नहीं थे। भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी ने ट्वीट किया, ‘‘ कोई इस बेअदबी की व्याख्या कैसे करे? बेरूखापन या सोद्देश्य ऐसा किया गया। '' गृह विभाग के एक विशेष सचिव ने वहां राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व किया।पटनायक ने अपने भाषण में कहा, ‘‘ यह खुशी की बात है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़े हैं। मैं उनका ओडिशा में स्वागत करता हूं।'' उसके बाद पटनायक अपने भाषण में कार्यक्रम के विषय पर मुड़ गये।मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया को बिना डर या पक्षपात के अपना दायित्व निभाना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा देश बुनियादी सिद्धांतों पर खड़ा है। हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों ने हमें इन 75 वैभवशाली वर्षों के दौरान परीक्षाओं एवं विषम परिस्थितियों पर विजय पाकर आगे निकलने में मदद की है। ओडिशा और गुजरात के बीच तुलना करते हुए शाह ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की दोनों राज्यों में व्यापक रूप से पूजा की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘ ओडिशा पूरब में स्थित है, तो गुजरात पश्चिम में। भगवान जगन्नाथ ऐसे देव हैं, जो पूरब और पश्चिम के लोगों को जोड़ते हैं।'' स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को लेकर ‘प्रजातंत्र' के संस्थापक डॉ. हरेकृष्ण महताब की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि लोग उड़िया साहित्य को प्रोत्साहन देने के उनके कार्य के लिये भी उन्हें याद करेंगे। बाद में शाह ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विश्वास व्यक्त किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिलेगा और वह केंद्र में फिर सरकार बनायेगी । वह ‘मोदी एट द रेट: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' नामक पुस्तक के ओडिया संस्करण के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। इससे पहले, दिन में शाह भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर पहुंचे। वह कटक में नेताजी संग्रहालय भी गए, जहां उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी।
- नयी दिल्ली। गोरखपुर निवासी प्रेमलता और दरभंगा निवासी मंजूर आलम पीडीएस प्रणाली के तहत राष्ट्रीय राजधानी में अपना सब्सिडी वाला राशन प्राप्त करने को लेकर उत्साहित हैं। दोनों केंद्र सरकार की ‘एक देश, एक राशन कार्ड' योजना के लाभार्थियों में से हैं। इस योजना के माध्यम से पात्र लोग देश में कहीं से भी खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना अब पूरे देश में लागू कर दी गई है। इसमें असम जून, 2022 में शामिल होने वाला नवीनतम राज्य है। ओएनओआरसी को नो अगस्त, 2019 को चार राज्यों में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। इसके तीन साल पूरे हो गये हैं। राष्ट्रीय राजधानी के गोल मार्केट के भगत सिंह बाजार में उचित मूल्य की दुकान पर काम करने वाली प्रेमलता ने कहा कि उन्हें अब सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए अपने गांव की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी और न ही वे अपने अधिकार से वंचित होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहे हैं। फिलहाल हम पहाड़गंज इलाके में रह रहे हैं। हमें राशन की दुकान से हर महीने 40 किलोग्राम अनाज मिल रहा है।'' वह घरेलू सहायिका का काम करती है और उनका पति एक दुकान में काम करता है।बिहार के दरभंगा के रहने वाले मंजूर आलम को भी परिवार के नौ सदस्यों के लिए राशन दुकान से खाद्यान्न मिल रहा है। मध्य प्रदेश के भल्लू केवट और शंकर ने कहा कि वे भी यहां राशन की दुकानों के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अपने खाद्यान्न कोटा का लाभ उठा रहे हैं। गोल मार्केट में राशन की दुकान चलाने वाली इंदु गुप्ता ने बताया कि ओएनओआरसी योजना के तहत पिछले महीने 20 से अधिक प्रवासियों ने राशन लिया था। प्रौद्योगिकी आधारित ओएनओआरसी योजना को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी' के लिए लागू किया गया है। यह प्रणाली सभी एनएफएसए लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को, बायोमीट्रिक / आधार प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने हक के खाद्यान्न का पूरा भाग या कुछ हिस्सा प्राप्त करने की अनुमति देती है। यह व्यवस्था उनके परिवार के सदस्यों को, यदि कोई हो, उसी राशन कार्ड पर शेष खाद्यान्न प्राप्त करने की अनुमति देती है। इस समय योजना के तहत प्रति माह औसतन लगभग तीन करोड़ लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं। अगस्त, 2019 में स्थापना के बाद से, योजना के तहत लगभग 77.88 करोड़ लेनदेन हुए हैं। एनएफएसए के तहत, केंद्र लगभग 80 करोड़ पात्र लाभार्थियों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न 2-3 रुपये प्रति किलो की सस्ती दर पर प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, केंद्र गरीबों को राहत देने के लिए 80 करोड़ लोगों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अतिरिक्त खाद्यान्न ‘मुफ्त' प्रदान कर रहा है।
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अमरावती. आंध्र प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान बनाने और परेशान करने वाली तथा यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं पर अंकुश रखने के लिए एक अनूठी पहल की है। स्कूली छात्रों, खासकर लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का एक खाका तैयार किया गया है। प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम 2012 को लेकर सतर्क किया जा रहा है। हर स्कूल में शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को पॉक्सो अधिनियम के तहत बाल संरक्षण मानदंडों और बाल यौन शोषण रोकथाम संबंधी उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। स्कूल शिक्षा आयुक्त एस सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘ सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसी घटनाओं के व्यापक स्तर पर होने के बावजूद इनकी शिकायत उतनी नहीं की जाती। हम यह चुप्पी तोड़ना चाहते हैं, ताकि पीड़ित सामने आएं और शिकायत करें। यह उत्पीड़न को रोकने के लिए काफी मददगार साबित होगा।'' सुरेश कुमार ने कहा कि स्कूल सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के लिए नई पहल के तहत तैयार किया गया है। इस समस्या के समाधान के लिए हर स्कूल में प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में ‘स्कूल सुरक्षा समिति', ‘बाल शोषण निगरानी समिति' और ‘स्कूल शिकायत समिति‘ बनाई जा रही है। कुमार ने कहा, ‘‘ हम छात्रों को उनकी समस्याओं, बुरे अनुभवों आदि को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिए हर स्कूल में, विशेष रूप से तैयार किया गया, एक शिकायत बक्सा लगा रहे हैं। शिक्षक या अन्य कर्मचारियों के खिलाफ यदि कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो गहन जांच की जाएगी और पीड़ित शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी।'' उन्होंने बताया कि एक मंडल स्तरीय समिति शिकायतों की जांच करेगी और 15 दिन के भीतर सक्षम प्राधिकारी को आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। इस समिति में स्थानीय तहसीलदार और अन्य अधिकारी शामिल होंगे। कुमार ने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य स्कूलों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और दुराचार से मुक्त एक सुरक्षित स्थान बनाना है।'
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नयी दिल्ली. सेना डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) ने सोमवार को भारतीय ड्रोन महासंघ (डीएफआई) के साथ एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए, जिसके तहत भारतीय सैनिकों के लिए उच्च क्षमता वाले ड्रोन विकसित किए जाएंगे। डीएफआई एक उद्योग निकाय है, जिसमें एस्टेरिया एयरोस्पेस, क्विडिच इनोवेशन लैब्स, ऑटोमाइक्रो यूएएस, आरव अनमैन्ड सिस्टम्स और इंड्रोन्स इसके सदस्य हैं। एक बयान के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत डीएफआई और एडीबी ‘इंडियन आर्मीज हिम-ड्रोन-ए-थॉन' नामक एक कार्यक्रम शुरू करेंगे। भारतीय सेना के संचालन को समर्थन देने के लिए ड्रोन-आधारित समाधानों के विकास के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। बयान में आगे कहा गया, ‘‘एडीबी चयनित प्रतिभागियों को परामर्श देगा और क्षेत्र का दौरा कराएगा, ताकि भारतीय उद्योग को जमीनी स्तर पर परिचालन स्थितियों के बारे में पता चल सके।'' सहमति पत्र (एमओयू) के तहत डीएफआई और एडीबी मसौदा योजना, अनुसंधान, परीक्षण, विनिर्माण और संबंधित प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करेंगे, जिनका उपयोग भारतीय सेना कर सकती है। डीएफआई के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि यह सहयोग ड्रोन उपयोग के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देगा।
- नयी दिल्ली। केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा' अभियान के लिए उत्सव का दिन नजदीक आने के साथ ही दिल्ली में तिरंगे की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। हालात यह है कि राष्ट्रीय ध्वज की भारी मांग के अनुरूप आपूर्ति कर पाना कारोबारियों और विनिर्माताओं के लिए कठिन हो गया है। व्यापारियों ने दावा किया है कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभियान की घोषणा किए जाने के बाद से सभी प्रकार के तिरंगे की बिक्री 50 गुना बढ़ गई है। हालांकि, मध्यम आकार के राष्ट्रीय ध्वज की मांग हमेशा बनी रहती है। दिल्ली के सदर बाजार के थोक व्यापारी गुलशन खुराना 50 साल से अधिक समय से राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति करने के व्यवसाय में हैं, लेकिन पहले उन्होंने तिरंगे की इतनी भारी मांग कभी नहीं देखी। अभियान के तहत, केंद्र सरकार का लक्ष्य भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 13 से 15 अगस्त तक घरों के ऊपर कम से कम 20 करोड़ झंडे लगाने का है। खुराना उस समय छुट्टी मनाने अमेरिका गए हुए थे जब उन्हें झंडों के बड़े ऑर्डर के लिए खरीदारों से लगातार फोन आने लगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस व्यवसाय में 50 से अधिक वर्षों से हूं, आप बचपन से कह सकते हैं। लेकिन मैंने कभी भी भारतीय झंडे की इतनी मांग नहीं देखी। मेरा फोन बजना बंद नहीं होता है।'' उन्होंने कहा कि उनको मांग की पूर्ति करने के लिए स्वदेश वापस आना पड़ा। मांग को पूरा करने के लिए खुराना केवल दो आकार- 16 गुणा 24 और 18 गुणा 27 आकार के ‘तिरंगा' का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन हम लगभग 15 लाख झंडे तैयार कर रहे हैं, लेकिन मांग और भी अधिक है। पूरे भारत से ऑर्डर आ रहे हैं, क्योंकि देश में झंडे की कमी है। इसलिए लोग जहां से हासिल कर सकते हैं, वहां से झंडे प्राप्त कर रहे हैं। अभी-अभी गोवा के लिए एक लाख झंडों का ऑर्डर मिला है।'' इस बीच, ध्वज निर्माता-सह-व्यापारी अनिल ने कहा कि उन्होंने अपनी अन्य विनिर्माण इकाइयों के श्रमिकों को ध्वज निर्माण में लगा दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की मांग में अचानक उछाल आने से इसकी बिक्री 50 गुना बढ़ गई है।
- नयी दिल्ली। संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) के पांचवें दिन सोमवार को देशभर के 275 परीक्षा केंद्रों से कोई दिक्कत उत्पन्न होने की सूचना नहीं मिली। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में भूस्खलन के कारण केवल तीन उम्मीदवार ईटानगर के दो परीक्षा केंद्रों तक पहुंच सके। एक केंद्र में 36 उम्मीदवारों को परीक्षा देनी थी, जबकि दूसरे में 154 उम्मीदवार थे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, ‘‘देशभर के 275 केंद्रों पर परीक्षा हुई, जिसमें 64,472 पंजीकृत उम्मीदवार शामिल हुए। परीक्षा सुबह और शाम दोनों सत्रों में सभी केंद्रों पर अच्छी तरह से सम्पन्न हुई।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ईटानगर के दो केंद्रों - राजीव गांधी विश्वविद्यालय और एनआईटी - जहां 36 और 154 उम्मीदवारों को परीक्षा देनी थी, वहां बहुत भारी भूस्खलन के कारण केवल 3 उम्मीदवार केंद्रों तक पहुंच सके। जो उम्मीदवार दोनों केंद्रों तक परीक्षा देने नहीं पहुंच सके, उनके लिए परीक्षा 24-28 अगस्त 2022 की अवधि में आयोजित की जाएगी।'' सीयूईटी-स्नातक का दूसरा चरण बृहस्पतिवार को शुरू हुआ, जिसमें गड़बड़ियों के कारण परीक्षा केंद्रों से वापस भेजे गए छात्रों को परेशानी हुई। बृहस्पतिवार को 17 राज्यों के कई केंद्रों पर पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई, जबकि दूसरी पाली के सभी 489 केंद्रों पर परीक्षा रद्द कर दी गई। शुक्रवार को 50 केंद्रों पर परीक्षा रद्द की गई। एजेंसी ने शनिवार को इसी तरह की स्थिति की आशंका जताते हुए 53 केंद्रों पर दिन के लिए सीयूईटी-यूजी परीक्षा रद्द कर दी और शुक्रवार रात उम्मीदवारों को इसके बारे में संदेश भेजे।
- नयी दिल्ली। डिफेंस एक्सपो का आयोजन इस साल 18 से 22 अक्टूबर तक गुजरात के गांधीनगर में किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस साल का डेफएक्सपो प्रतिष्ठित द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी का 12वां संस्करण होगा। इससे पहले डिफेंस एक्सपो का आयोजन 10 से 14 मार्च के बीच में गांधीनगर में ही किया जाना था। हालांकि, मंत्रालय ने चार मार्च यह कहते हुए कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था कि प्रतिभागियों को लॉजिस्टिक से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मंत्रालय ने कहा कि पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच गांधीनगर में होगा। इसमें तीन व्यावसायिक दिवस होंगे। वहीं दो दिन यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए खुलेगी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (डीपीएसयू) और उद्योग द्वारा उपकरणों और कौशल श्रृंखला का सीधा प्रदर्शन साबरमती रिवर फ्रंट पर पांचों दिन किया जाएगा।'' बयान में कहा गया कि डेफएक्सपो-2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और निर्यात में पांच अरब डॉलर का आंकड़ा हासिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- महू (मप्र)। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में एक वाहन के ऊपर नाच करते समय हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आने से सोमवार को एक कांवड़िये की करंट लगने से मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इसकी जानकारी दी । पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना दोपहर में इंदौर जिले के महू तहसील के मेमडी गांव के पास हुई।सिमरोल पुलिस थाना प्रभारी आर एस भदौरिया ने बताया, ‘‘कांवड़िये दो वाहनों के ऊपर चढ़े हुए थे और भजन पर नाच रहे थे। इन वाहनों में साउंड सिस्टम भी थे।'' उन्होंने कहा कि नाचते वक्त कांवड़िये रौनक का हाथ हाईटेंशन बिजली लाइन को छू गया, जिससे करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। भदौरिया ने बताया कि इस घटना में तीन अन्य कांवड़िये घायल भी हुए हैं, जिनमें से एक को गंभीर हालत में इंदौर के एमवाई अस्पताल रेफर किया गया है।
- जयपुर। राजस्थान के डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में सोमवार एक निजी बस के पलट जाने से उसमें सवार तीन लोगो की मौत हो गई जबकि 11 अन्य लोग घायल हो गये। पुलिस ने इसकी जानकारी दी । पुलिस ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 पर खजूर गांव के पास लेना घाटी में एक तेज गति की अनियंत्रित बस पलट जाने से उसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि 11 अन्य लोग घायल हो गये। उन्होंने बताया कि मृतकों में से दो की पहचान मध्यप्रदेश के भिंड जिले के निवासी कल्याण सिंह (28) और निधि जाटव (10) के रूप में हुई है जबकि तीसरे की शिनाख्त नहीं हो पायी है । उन्होंने बताया कि निधि का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
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नई दिल्ली। भारत और अमरीका का 13वां विशेष संयुक्त सैन्य अभ्यास कल हिमाचल प्रदेश के बकलोह में शुरू हुआ। संयुक्त अभ्यास की वज्र प्रहार श्रृंखला का उद्देश्य संयुक्त मिशन योजना और संचालन तकनीक क्षेत्र में सर्वोत्तम अभ्यास और अनुभव साझा करना है। इसके माध्यम से दोनों देशों की विशेष सेनाओं के बीच अंतर संचालकता बढ़ाने का भी लक्ष्य है। यह अभ्यास बारी बारी से दोनों देशों में आयोजित होता है। वज्र प्रहार श्रृंखला की 12वीं कड़ी पिछले वर्ष अक्तूबर में वाशिंगटन में आयोजित की गई थी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संयुक्त अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच पारंपरिक मैत्री संबंधों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है।
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वडोदरा (गुजरात) . गुजरात में वडोदरा जिले की एक नदी में एक मगरमच्छ ने 30 वर्षीय व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया और घंटों तक चले तलाश अभियान के बाद उसका शव बरामद किया गया। उप वन्य संरक्षक (डीसीएफ) रविराजसिंह राठौड़ ने कहा कि यह घटना रविवार की दोपहर को पदरा तालुक के सोखदारघु गांव के समीप धाधार नदी में हुई थी। ऐसी जानकारी है कि मगरमच्छ ने राठौड़ को नदी में खींच लिया था और बाद में उसका शव पानी में तैरता दिखा था। इस दिल दहला देने वाली घटना के वक्त स्थानीय लोग अपने मोबाइल फोन पर इसका वीडियो बना रहे थे। राठौड़ ने कहा, ‘‘वन अधिकारियों को सूचना दी गयी, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन की मदद से तलाश अभियान शुरू किया गया। व्यक्ति का शव रात करीब 10 बजे बरामद किया गया।'' उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान सोखदारघु गांव निवासी इमरान दीवान के रूप में की गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्ति के कंधों पर मगरमच्छ के काटने के निशान थे। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह नदी में कैसे गिरा क्योंकि स्थानीय लोगों ने मगरमच्छ द्वारा हमला करते वक्त तभी देखा जब वह नदी में था।
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नयी दिल्ली. मोटरसाइकिल से सड़क पर गिरे 32 वर्षीय एक ‘फूड डिलीवरी' कर्मी को यहां एक अन्य अज्ञात भारी वाहन ने कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मोटरसाइकिल के टायर और पैर रखने वाले स्थान के चारों तरफ पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाला चीनी मांझा लिपटा हुआ था। पुलिस के मुताबिक, कर्मी के गिरने की वजह यह मांझा हो सकता है। यह दुर्घटना रविवार को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन के पास हुई।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र बदरपुर फ्लाईओवर से गुजर रहे थे कि इसी दौरान सड़क पर पड़ा चीनी मांझा उनके दोपहिया वाहन के टायर और पैर रखने के स्थान (फुटरेस्ट) के चारों ओर उलझ गया। पुलिस ने कहा कि उनके मोटरसाइकिल से गिरने का कारण यह मांझा हो सकता है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात करीब 11 बजकर 50 मिनट पर दुर्घटना की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि पुलिस मौके पर पहुंची तो नरेंद्र का शव सड़क पर मिला जिसका सिर कुचला हुआ था। उन्होंने कहा कि उनके शरीर के किसी हिस्से में मांझा नहीं फंसा था।
अधिकारी ने कहा, हमने भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाना) और 304 ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।'' पुलिस ने कहा कि वह दुर्घटना में शामिल वाहन का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि मांझा कहां से आया। नरेंद्र के परिवार में उनकी पत्नी, पांच और तीन साल के दो बेटे, छोटा भाई और माता-पिता हैं। -
पीलीभीत .उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के दियूरिया कोतवाली क्षेत्र में एक भाई द्वारा कथित तौर पर अपनी बहन की पिटाई कर हत्या करने के बाद शव को फांसी के फंदे पर लटका कर उसे आत्महत्या का रूप देने के मामले में पुलिस ने आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। बीसलपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पीडिता की मां ने अपने पुत्र पर ही हत्या का आरोप लगाया है और उसकी तहरीर पर मामला दर्ज कर आरोपी भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दियूरिया के कोतवाल मदन मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम दियूरिया निवासी राम मुरारी लाल की 28 वर्षीय पुत्री शिखा गुप्ता रविवार रात छत पर गई थी, इस बीच उसके भाई आरोपी अनिल से उसकी कहासुनी हो गई और फिर आरोपी अनिल ने उसकी जमकर पिटाई की। थाना प्रभारी ने बताया कि सुबह शिखा का शव कुंडे में लटका हुआ था, घरवाले शव को देख कर डर गए। मृतका की मां ने अपने बेटे आरोपी अनिल पर शिखा की हत्या का आरोप लगाया। मां ने पुलिस को बताया कि उसके पुत्र आरोपी अनिल ने पीट कर उसकी पुत्री की हत्या की है और शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया, सूचना मिलते ही दियूरिया पुलिस मौके पर पहुंच गई। कोतवाली प्रभारी के अनुसार मृतका की मां की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी अनिल के खिलाफ हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि युवती की मां द्वारा बेटे पर हत्या का आरोप लगाने के बाद जिला मुख्यालय से फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची। टीम ने साक्ष्य एकत्र किए, जिन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। -
नयी दिल्ली. नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में अगले दो साल के दौरान एक लाख और लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। लोकसभा में सोमवार को पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, विमानन मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया, ‘‘अनुमान बताते हैं कि विमानन और वैमानिकी विनिर्माण क्षेत्र में वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 2,50,000 लोगों को रोजगार मिला है।'' रिपोर्ट में कहा गया कि 2,50,000 के आंकड़े में पायलट, चालक दल के सदस्य, इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी, हवाईअड्डा स्टाफ, प्रबंधन, माल, खुदरा, सुरक्षा, प्रशासनिक और बिक्री कर्मचारी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘2024 तक यह संख्या बढ़कर 3,50,000 हो सकती है। विमानन क्षेत्र में अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष नौकरियों का अनुपात लगभग 4:8 है।'' रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों के बेड़े में वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके लिए अगले पांच वर्षों के दौरान अतिरिक्त लगभग 10,000 पायलटों की जरूरत होगी। -
नयी दिल्ली. बारिश कम होने की वजह से धान की बुवाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में चालू खरीफ सत्र में पांच अगस्त तक पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में धान बुवाई का रकबा 13 प्रतिशत घट गया है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, धान का रकबा पांच अगस्त को 274.30 लाख हेक्टेयर था, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 314.14 लाख हेक्टेयर था। धान की कम बुवाई की सूचना जिन राज्यों से प्राप्त हुई हैं उनमें पश्चिम बंगाल (12.28 लाख हेक्टेयर), झारखंड (9.34 लाख हेक्टेयर), बिहार (4.85 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (4.39 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (3.82 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (3.72 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (3.56 लाख हेक्टेयर) और तेलंगाना (2.89 लाख हेक्टेयर) शामिल हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक और शीर्ष निर्यातक देश है। वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत की है। फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 12 करोड़ 96.6 लाख टन रहा था। भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया, जिसमें से 39.4 लाख टन बासमती चावल था। धान के अलावा दलहन के साथ बोया गया रकबा 119.43 लाख हेक्टेयर से मामूली घटकर 116.45 लाख हेक्टेयर रह गया है। हालांकि, मोटे अनाज, तिलहन, कपास, गन्ने, जूट और मेस्टा का रकबा अधिक रहा है।
मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चला है कि मोटे अनाज का रकबा 154.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 160.37 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि तिलहन की बुवाई का क्षेत्र 173.82 लाख हेक्टेयर से 174.79 लाख हेक्टेयर हो गया। कपास की बुवाई 113.50 लाख से बढ़कर 121.12 लाख हेक्टेयर हो गई है, जबकि गन्ने का रकबा 54.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 54.67 लाख हेक्टेयर हो गया। जूट और मेस्टा क्षेत्र 6.94 लाख हेक्टेयर से घटकर 6.92 लाख हेक्टेयर रह गया। इस खरीफ सत्र में अब तक कवरेज के तहत बुवाई का कुल रकबा (क्षेत्रफल) 908.61 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 936.65 लाख हेक्टेयर था। धान के कम रकबे ने खरीफ सत्र में चावल के उत्पादन और कीमतों के बारे में चिंता बढ़ा दी है, जो कुल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा होता है। पिछले कुछ वर्षों में बंपर उत्पादन और अधिक खरीद होने की वजह से केंद्र के पास एक जुलाई को 1.35 करोड़ टन के बफर मानदंड के मुकाबले 4.7 करोड़ टन चावल (बिना मिलिंग किये गये धान के बराबर चावल सहित) का स्टॉक था। मूल्यवृद्धि की स्थिति में केंद्र बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए अपने गोदामों से चावल का उपयोग कर सकता है। पहले से ही केंद्र राशन की दुकानों के माध्यम से गेहूं के बजाय अधिक चावल की आपूर्ति कर रहा है क्योंकि इस साल गेहूं की खरीद पिछले साल के 4.3 करोड़ टन के मुकाबले भारी कमी के साथ 1.9 करोड़ टन रह गई है। केंद्रीय पूल में अधिक स्टॉक होने के कारण, सरकार खाद्य कानून के तहत तीन रुपये प्रति किलो चावल और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में चावल उपलब्ध करा रही है। इसपर भारी सब्सिडी खर्च आता है। केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न (गेहूं और चावल) और इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है। पीएमजीकेएवाई सितंबर तक लागू है और यह देखना दिलचस्प होगा कि गेहूं के कम भंडार की स्थिति को देखते हुए सरकार इसे आगे बढ़ाती है या नहीं। - नयी दिल्ली । संसद का मानसून सत्र सोमवार को अपने निश्चित समय से चार दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। इस दौरान लोकसभा में मात्र 48 प्रतिशत कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण 47 घंटे का कामकाज बाधित हुआ। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने का कार्यक्रम था।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जाने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि इस सत्र में सदन में 16 बैठकें हुईं जिनमें 44 घंटे 29 मिनट कामकाज हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे।लोकसभा सचिवालय के एक वक्तव्य के अनुसार, मानसून सत्र में सभा की कार्य उत्पादकता 48 प्रतिशत रही।बिरला ने कहा कि सत्र के पहले दिन सदन के चार नये सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया जिसके बाद अब सदन में एक भी स्थान रिक्त नहीं है। बिरला ने बताया कि इस सत्र में सदन में छह सरकारी विधेयक पेश किये गये और कुल मिलाकर सात विधेयक पारित किये गये जिनमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022, वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2022, केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 और ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 शामिल हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन में नियम 377 के तहत 318 विषय उठाये गये और शून्यकाल में लोक महत्व के 98 मामले उठाये गये। उन्होंने कहा कि संसद की स्थायी समितियों की 41 रिपोर्ट पेश की गयीं और मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर 47 वक्तव्य दिये। बिरला ने कहा कि 46 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर मंत्रियों ने दिये।उन्होंने बताया कि सदन में ‘मूल्य वृद्धि' और ‘खेलों को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता तथा इस संबंध में सरकार के कदमों' के विषय पर नियम 193 के तहत दो अल्पकालिक चर्चाएं भी हुईं। महंगाई पर चर्चा में 31 सदस्यों ने भाग लिया जो छह घंटे 25 मिनट तक चली और संबंधित मंत्री के उत्तर के साथ चर्चा संपन्न हुई। बिरला ने कहा कि गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा 91 विधेयक पेश किये गये और भारतीय जनता पार्टी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल के ‘अनिवार्य मतदान विधेयक' को सभा की सहमति से वापस ले लिया गया। मानसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही अधिकतर समय विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बाधित रही।कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर सदन में हंगामा किया। हंगामे के दौरान सदन में तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना के मामले में कांग्रेस के चार सदस्यों को निलंबित भी किया गया जिनका निलंबन बाद में वापस लेने के साथ ही सदन में महंगाई पर चर्चा प्रारंभ हुई। राज्यसभा में मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होने के बाद महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण अधिकतर समय कामकाज बाधित रहा। सत्र के दौरान सदन में अमर्यादित आचरण के कारण विपक्ष के 23 सदस्यों को निलंबित किया गया। इन सदस्यों को 26, 27 और 28 जुलाई को उस सप्ताह के शेष दिनों के लिए निलंबित किया गया। सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि 18 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र में कुल 16 बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि इस दौरान 38 घंटे से अधिक काम हुआ किंतु व्यवधान के कारण 47 घंटे कामकाज बाधित रहा। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान नियमित रूप से कामकाज बाधित होता रहा जिससे सदस्यों ने लोक महत्व के अत्यावश्यक विषयों को सदन में उठाने का अवसर गंवा दिया। उन्होंने कहा कि साथ ही सदस्यों द्वारा पूरक प्रश्न पूछकर कार्यपालिका को जवाबदेह बनाने का अवसर भी गंवा दिया गया। सभापति ने कहा कि स्वीकृत किए गए 235 तारांकित प्रश्नों में से मात्र 61 का ही मौखिक रूप से उत्तर दिया जा सका। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान केवल पांच सरकारी विधेयकों को चर्चा कर पारित किया जा सका। इससे पहले, सोमवार को उच्च सदन में सभापति नायडू को विदाई दी गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता पीयूष गोयल, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विभिन्न दलों के नेताओं और कई सदस्यों ने नायडू के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने निष्पक्षता के साथ सदन की कार्यवाही का संचालन किया। सभापति के रूप में नायडू का कार्यकाल दस अगस्त को समाप्त होने जा रहा है।मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में जो विधेयक पारित किए गये उनमें राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के प्रावधान वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022, राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2022 और भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022 शामिल हैं। उच्च सदन में दो अगस्त को महंगाई के मुद्दे पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई जिसका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। file photo
- मुंबई। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार मंगलवार को होगा। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी। शिवसेना विधायक शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने 30 जून को क्रमश: प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इससे पहले शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। शपथ ग्रहण के बाद से ही शिंदे और फडणवीस दो सदस्यीय मंत्रिमंडल के तौर पर काम कर रहे थे।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को बताया, “मंत्रिमंडल विस्तार कल (मंगलवार को) मुंबई में होगा। मैं इसके बारे में कोई और जानकारी नहीं दे सकता और यह भी नहीं बता पाऊंगा कि मंत्रिमंडल में कौन होगा।” सूत्रों ने रविवार को कहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे इस सप्ताह कम से कम 15 मंत्रियों को शामिल करके अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं और उपमुख्यमंत्री फडणवीस के पास महत्वपूर्ण गृह विभाग रहने की उम्मीद है।
- खरगोन (मप्र)। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में बारिश के बाद एक नदी में अचानक बाढ़ आने के कारण कम से कम 14 कार बह गईं, जबकि लगभग 50 लोगों ने ऊंचे स्थानों की ओर भाग कर अपनी जान बचाई। पुलिस ने सोमवार को बताया कि इस घटना में हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पवार ने बताया कि यह घटना रविवार शाम को बलवाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत काटकूट के जंगल में सुकड़ी नदी के पास उस वक्त हुई, जब इंदौर जिले से आए लोगों का समूह वहां पिकनिक मना रहा था। उन्होंने बताया कि समूह में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। पवार ने बताया कि ग्राम ओखला और आकया के समीप जंगलों में गिरे पानी के चलते यह बाढ़ आई और नदी के किनारे खड़ी की गईं 14 कार पानी में बह गईं। उन्होंने बताया कि जब लोग पिकनिक मनाने आए थे तब नदी में पानी कम था और कुछ लोग नदी के आसपास कार चला भी रहे थे। पवार ने कहा कि पिकनिक मना रहे इंदौर जिले के करीब 50 बच्चे, औरतें और युवक समय रहते ऊंचे स्थानों पर आ गए जिसके चलते उनकी जान बच गई। उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचे बलवाड़ा के नगर निरीक्षक सीताराम चौहान ने ओखला और आकया के ग्रामीणों को बुलवाया तथा ट्रैक्टरों की सहायता से 10 कारों को नदी से निकलवाया। उन्होंने बताया कि तीन कारें नदी में आगे बह गई हैं, जबकि एक कार पुल के पास अटकी हुई है। पवार ने बताया कि कार मालिकों ने बताया कि इन कारों में केवल सामान था। किसी भी व्यक्ति के बहने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि रविवार को अक्सर इंदौर जिले से लोग ओखला के समीप हनुमान और शिव मंदिर के दर्शन करने तथा घने जंगलों में पिकनिक मनाने आते हैं। खरगोन के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने क्षेत्र के पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया है कि वह पहाड़ी सुकड़ी नदी में अचानक आने वाली बाढ़ के बारे में बोर्ड लगवा दें ताकि पिकनिक मनाने वाले नागरिक सचेत रहें।
- नयी दिल्ली। इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई-मेन परीक्षा में कम से कम 24 परीक्षार्थियों ने पूरे 100 अंक हासिल किए हैं, जबकि अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के कारण पांच परीक्षार्थियों के परिणाम रोक दिए गए हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने यह जानकारी दी। जेईई-मेन के दो सत्रों का पूर्ण परिणाम सोमवार को घोषित किया गया। एनटीए के मुताबिक, परीक्षा में पूरे 100 अंक हासिल करने वालों में सबसे अधिक परीक्षार्थी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (5-5) से हैं। राजस्थान (4) इस मामले में तीसरे स्थान पर रहा और उत्तर प्रदेश के दो परीक्षार्थियों ने 100 अंक प्राप्त किए। एनटीए के अनुसार, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, बिहार, पंजाब, केरल, कर्नाटक और झारखंड के एक-एक परीक्षार्थी को पूरे 100 अंक प्राप्त हुए हैं। तेलंगाना में 100 अंक हासिल करने वालों में रूपेश बियानी, धीरज कुरुकुंडा, जस्ती यशवंत वी.वी.एस, बुसा शिवा नागा वेंकट आदित्य और अनिकेत चट्टोपाध्याय शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में मेंडा हिमा वामसी, कोय्याना सुहास, पल्ली जलाजाक्षी, पेनीकलापति रवि किशोर, पोलीसेट्टी कार्तिकेय ने 100 अंक हासिल किए हैं। सौ अंक हासिल करने वाले अन्य परीक्षार्थियों में सार्थक माहेश्वरी (हरियाणा), कुशाग्र श्रीवास्तव (झारखंड), मृणाल गर्ग (पंजाब), स्नेहा पारीक (असम), बोया हरसेन सात्विक (कर्नाटक) और सौमित्र गर्ग और कनिष्क शर्मा (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं। एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षा के दो सत्रों के लिए 10.26 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया था।
- झाबुआ (मप्र)। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में कार एवं जीप की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि आठ अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने इसकी जानकारी दी । मेघनगर पुलिस थाना प्रभारी टी एस डाबर ने बताया कि यह घटना झाबुआ जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर मेघनगर थाने के अगराल गांव में रविवार की रात हुयी । उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान गोपाल गणावा (44), धीरज डामोर (40) एवं रामचंद बबेरिया (42) के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि इस हादसे आठ अन्य लोग घायल भी हुए हुए हैं, जिनका उपचार मेघगनर स्वास्थ्य केन्द्र और जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घायलों में से एक यात्री सोहन पारगी की हालत गंभीर होने से उपचार के लिए गुजरात के बडोदा शहर रेफर किया गया है।
- मेरठ (उप्र)। मेरठ जिले के शास्त्री नगर में एक सनसनीखेज वारदात में एक बुजुर्ग महिला और उनकी नातिन की धारदार हथियार से प्रहार करके हत्या कर दी गई। सोमवार सुबह घरेलू सहायिका के उनके घर पर पहुंचने के बाद मामले की जानकारी मिली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह ने बताया कि नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर स्थित डी-ब्लॉक में सेवानिवृत्त हेड कॉन्स्टेबल रतन सिंह रहते थे। कुछ माह पहले कैंसर के कारण उनका निधन हो गया था। घर में उनकी पत्नी कौशल सिरोही (60) और उनकी नातिन तमन्ना (10) रह रही थीं। सोमवार सुबह जब घरेलू सहायिका उनके घर पहुंची, तो दरवाजा खुला हुआ था और कौशल तथा तमन्ना के खून से लथपथ शव पड़े थे। उन्होंने बताया कि हत्या किसी धारदार हथियार से की गई है। प्रथम दृष्टया घटना के पीछे घरेलू विवाद सामने आ रहा है। पुलिस घटना की जांच में जुटी है। जल्द ही हत्या की गुत्थी सुलझा ली जाएगी। इस वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई और स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर जांच-पड़ताल की।
- मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने शहर में एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने राउत का घर से बना भोजन और दवाएं मंगाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया। हालांकि, उसने बिस्तर के उनके अनुरोध पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।न्यायाधीश ने कहा कि जेल की नियमावली के अनुसार जेल प्राधिकारियों ने बिस्तर की पर्याप्त व्यवस्था की है।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 60 वर्षीय राउत को उपनगर गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में एक अगस्त को गिरफ्तार किया था।उन्हें सेामवार को ईडी की हिरासत समाप्त होने पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे की अदालत में पेश किया गया था।ईडी ने उनकी हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की मांग नहीं की। इसके बाद न्यायाधीश ने राउत को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।ईडी की जांच पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा साथियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से जुड़ी है।
- नयी दिल्ली । राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विभिन्न दलों के सदस्यों ने सभापति के तौर पर एम वेंकैया नायडू के कार्यकाल की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने सभी दलों को साथ लेकर चलने का प्रयास किया और उच्च सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए ।राज्यसभा के सभापति के तौर पर नायडू का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें सोमवार को विदायी दी गई।उन्हें विदाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया और सदन में भी हमेशा युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया।उन्होंने कहा, ‘‘आपने देश के लिए और सदन के लिए जो कुछ किया है, उसका ऋण स्वीकार करते हुए आपको भविष्य के लिए बहुत शुभकामनाएं देता हूं।’’प्रधानमंत्री ने नायडू के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि इस अवधि में सदन के कामकाज में वृद्धि हुई।उन्होंने नायडू के बारे में कहा, ‘‘इस सदन को नेतृत्व देने की जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही हो लेकिन उनके अनुभव का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा, साथ ही हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा।’’सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 19 साल तक उच्च सदन के सदस्य रहे नायडू ने सदन में संरक्षक की भूमिका में आने के बाद अनुशासन, संयम, गरिमा, स्नेह के भावों के साथ कार्यवाही का संचालन किया।खड़गे ने कहा कि नायडू ने हमेशा इस बात की पैरवी की कि सभी राज्यों में उच्च सदन बनाने के लिए एक नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि नायडू ने महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भी अपना सकारात्मक रुख जाहिर किया।उन्होंने कहा कि कोविड काल में नायडू ने सांसदों के बैठने की विशेष व्यवस्था कराई और विषम परिस्थितियों में सदन के संचालन का प्रयास किया।खड़गे ने कहा ‘‘आपने नियमावली की समीक्षा का काम 2018 में शुरू किया था और इसे जारी रहना चाहिए क्योंकि संसद में दोनों ही सदनों का अपना अपना महत्व है। समय के साथ नियमों में बदलाव जरूरी है।’’मातृ भाषा के प्रति नायडू के लगाव का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि उन्होंने सभी सांसदों को अपनी अपनी मातृ भाषाओं में अपनी बात रखने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही हिंदी को भी प्राथमिकता दी।खड़गे ने नायडू के बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन की कामना की।