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मार्सिले (फ्रांस). स्पेन ने पहले हाफ में पिछड़ने के बाद स्थानापन खिलाड़ी जुआनलू सांचेज़ के गोल की मदद से मोरक्को को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी और रिकॉर्ड पांचवीं बार ओलंपिक खेलों की पुरुष फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश किया। स्पेन फाइनल में मेजबान फ्रांस से भिड़ेगा जिसने एक अन्य सेमीफाइनल में मिस्र को 3-1 से पराजित किया। पिछले 32 वर्षों में यह पहला अवसर होगा जबकि यूरोप की कोई टीम स्वर्ण पदक जीतेगी। सांचेज़ ने स्टेड डे मार्सिले में 85वें मिनट में गोल करके स्पेन को फाइनल में पहुंचाया। इससे पहले टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल करने वाले सूफियाने रहीमी के 37वें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदलने से मोरक्को मध्यांतर तक 1-0 से आगे था। फ़र्मिन लोपेज़ ने 65वें मिनट में स्पेन की तरफ से बराबरी का गोल किया। बार्सिलोना ओलंपिक 1992 में स्वर्ण पदक जीतने वाला स्पेन तीन साल पहले ताेक्यो खेलों के फाइनल में ब्राजील से हार गया था। स्पेन की महिला टीम भी फाइनल में पहुंच चुकी है जहां उसका सामना ब्राजील से होगा। स्पेन पांचवीं बार ओलंपिक फुटबॉल के फाइनल में पहुंचा है और इस तरह से उसने ब्राजील की बराबरी की है।
अन्य सेमी फाइनल में फ्रांस भी मिस्र से एक समय पीछे चल रहा था लेकिन जीन फिलिप माटेटा ने दो गोल करके फाइनल में उसकी जगह सुनिश्चित की। मिस्र महमूद सेबर के 62वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बढ़त बनाने के बाद उलटफेर की ओर बढ़ रहा था। माटेटा ने 83वें मिनट में बराबरी का गोल करके मैच को अतिरिक्त समय में खींच दिया। माटेटा ने 99वें मिनट में अपना दूसरा गोल किया। फ्रांस की तरफ से तीसरा गोल माइकल ओलिसे ने 108वें मिनट में किया। मिस्र और मोरक्को के बीच कांस्य पदक के लिए मुकाबला होगा। - नयी दिल्ली।' पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को मंगलवार को पार्ल रॉयल्स ने एसए20 के तीसरे सत्र के लिए अनुबंधित किया जिससे वह अगले साल नौ जनवरी से शुरू होने वाली दक्षिण अफ्रीकी टी20 क्रिकेट लीग से जुड़ने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए। आईपीएल में लंबे समय तक खेलने वाले 39 वर्षीय कार्तिक ने इस साल जून में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था और उन्हें आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने मेंटर (मार्गदर्शक) सह बल्लेबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया है। भारत के लिए तीनों प्रारूपों में 180 मैच खेलने वाले कार्तिक ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका में खेलने और वहां जाने की मेरी बहुत सारी यादें हैं और जब यह अवसर आया तो मैं मना नहीं कर सका क्योंकि प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापस आना और रॉयल्स के साथ इस अविश्वसनीय प्रतियोगिता को जीतना कितना खास होगा।'' कार्तिक ने पिछला प्रतिस्पर्धी टी20 मैच आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए खेला था। उन्होंने 2024 सत्र में 14 मैच में 187.36 के स्ट्राइक रेट से 326 रन बनाए थे। कार्तिक ने भारत के लिए आखिरी मैच 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। एक दिन पहले लीग के दूत बनाए गए कार्तिक ने कहा, ‘‘मैं पार्ल रॉयल्स टीम में शामिल होकर बहुत खुश हूं जिस टीम में काफी अनुभव, गुणवत्ता और क्षमता है। मैं निश्चित रूप से इस समूह में शामिल होने और एक रोमांचक सत्र में योगदान देने के लिए उत्सुक हूं।''
- कोलंबो। पहले दो मैच में बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन से आहत भारतीय क्रिकेट टीम को अगर श्रीलंका से 27 साल बाद श्रृंखला गंवाने से बचना है तो उसको बुधवार को यहां होने वाले तीसरे और अंतिम एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा। गौतम गंभीर की मुख्य कोच के रूप में यह पहली वनडे श्रृंखला है और वह निश्चित तौर पर हार के साथ शुरुआत नहीं करना चाहेंगे। भारत को श्रीलंका के खिलाफ आखरी बार वनडे श्रृंखला में हार का सामना 1997 में करना पड़ा था। अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई वाली टीम ने तब सचिन तेंदुलकर की भारतीय टीम को तीनों मैच में हराया था। भारत और श्रीलंका के बीच तब से 11 वनडे श्रृंखलाएं हो चुकी है और इन सभी में भारतीय टीम विजयी रही।भारत वर्तमान श्रृंखला को नहीं जीत पाएगा क्योंकि पहला मैच टाई छूटने के बाद दूसरे मैच में उसे 32 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अब उसकी निगाह श्रृंखला बराबर करने पर टिकी हैं। भारत बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण इस स्थिति में पहुंचा है। आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिल रही है और कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर भारत का कोई भी अन्य बल्लेबाज श्रीलंका के स्पिनरों का डटकर सामना नहीं कर पाया है। स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अभी तक दो मैच में 38 रन ही बना पाए हैं। उन्होंने आसानी से अपना विकेट गंवाया है जो टीम के लिए चिंता का विषय है। कोहली इस मैच में उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगे। कोहली को रोहित से मिली आक्रामक शुरुआत को ही आगे बढ़ाने की जरूरत है लेकिन अभी तक वह इसमें नाकाम रहे हैं। उन्हें संघर्षरत मध्यक्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को संवारना होगा। इसके लिए उन्हें और अन्य बल्लेबाजों को रोहित की तरह स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा। श्रीलंका के स्पिनर भारत के अन्य बल्लेबाजों के लिए भी अबूझ पहेली बने हुए हैं। स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिवम दुबे पिछले मैच में जैफ्री वांडरसे की आसान लेग स्पिन को भी नहीं समझ पाए। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों को खेलने में असफल रहे हैं। रोहित ने पिछले मैच में 44 गेंद पर 64 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। श्रीलंका के स्पिनर उनके सामने नहीं चल पाए थे। भारत के अन्य बल्लेबाजों को भी अपने कप्तान से सीख लेने की जरूरत है। भारत इस मैच में दुबे की जगह रियान पराग को मौका दे सकता है जो स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलते हैं। उनकी स्पिन गेंदबाजी टीम के लिए अतिरिक्त बोनस होगी, क्योंकि भारतीय गेंदबाज भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों की तरह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैंं। टीम इस प्रकार हैं:भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद। सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा। श्रीलंका: चरित असलांका (कप्तान), पाथुम निसांका, अविष्का फर्नांडो, कुसल मेंडिस, सदीरा समरविक्रमा, कामिंदु मेंडिस, जेनिथ लियानगे, निशान मदुश्का, डुनिथ वेललागे, चमिका करुणारत्ने, अकिला धनंजय, मोहम्मद शिराज, महीश थीक्षाना, असिथा फर्नांडो, ईशान मलिंगा , जेफ्री वांडरसे। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा।
- सेंट डेनिस (फ्रांस)। स्वीडन के आर्मंड डुप्लांटिस ने अपना करिश्माई प्रदर्शन जारी रखते हुए पोल वॉल्ट में नौवीं बार रिकॉर्ड बनाकर पेरिस ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता। एथलेटिक्स में जब दिन की प्रतियोगिताएं समाप्त होने के कगार पर थी तब डुप्लांटिस ने स्टेड डी फ्रांस में 80,000 दर्शकों के सामने 6.025 मीटर की कूद लगाकर अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। ओलंपिक खेलों में उन्होंने पहली बार यह कारनामा किया। लुइसियाना में जन्मे 24 वर्षीय डुप्लांटिस अपनी मां के मूल देश स्वीडन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। स्वीडन के राजा और रानी भी डुप्लांटिस की इस उपलब्धि के गवाह बने। लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर और एक सेंटीमीटर के अंतर से नौवीं बार रिकॉर्ड तोड़कर डुप्लांटिस अब इस स्पर्धा के सबसे महान खिलाड़ी सर्गेई बुबका के करीब पहुंच गए हैं।
- पेरिस,। गत चैंपियन भारत के नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को यहां ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पेरिस ओलंपिक खेलों की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई। ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में सबसे पहले थ्रो करने उतरे नीरज ने 89.34 मीटर से सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए आठ अगस्त को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई गया। गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन नीरज ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ तोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था। नीरज अब फाइनल में ओलंपिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवां पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे। अगर वह खिताब जीतते हैं तो ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे। ओलंपिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग (स्वीडन, 1908 और 1912), जोन्नी माइरा (फिनलैंड, 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी (चेक गणराज्य, 1992 और 1996) और आंद्रियास टी (नॉर्वे, 2004 और 2008) की ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपने खिताब का बचाव कर पाए हैं।
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नई दिल्ली। तोक्यो 2020 ने अगर भारतीय पुरुष हॉकी टीम में नई जान फूंकी तो पेरिस 2024 इस बात की पुष्टि करता है कि वह फिर से वैश्विक स्तर की दिग्गज टीम बनने की राह पर है। हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली भारतीय टीम ने 60 मिनट के खेल में करीब 40 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद ना केवल निर्धारित समय तक ब्रिटेन को 1-1 से बराबरी पर रोका बल्कि शूटआउट में 4-2 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलंपिक सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
तोक्यो में पुरुष टीम ने कांस्य पदक के रूप में 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीता। इससे उस खेल में नई जान आई जिसमें आठ ओलंपिक स्वर्ण के साथ भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। आखिरी स्वर्ण हालांकि 1980 में आया था। पेरिस में मिली जीत इस बात का आश्वासन है कि टीम सही रास्ते पर है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हॉकी जगत के साथ-साथ आम आदमी भी रविवार को भारत द्वारा दिखाई गई मानसिक दृढ़ता और एकजुटता से आश्चर्यचकित था।विश्व कप 1975 विजेता टीम के कप्तान अजीत पाल सिंह ने कहा, ‘‘आज इन खिलाड़ियों ने जिस तरह की दृढ़ता, जुझारूपन और एकता दिखाई है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। एक खिलाड़ी कम होने के बाद हर खिलाड़ी एक-दूसरे का समर्थन कर रहा था।’’उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से डिफेंस था, वह विश्व स्तरीय था और श्रीजेश बिल्कुल अलग स्तर के खिलाड़ी थे। पूल चरण से लेकर अब तक के सभी मैचों में वह बेहतर होते गए और देश को टीम से एक और पदक की उम्मीद है।’’अजीत पाल ने कहा, ‘‘पेरिस में अब तक का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि हम अब दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकते हैं और इसकी शुरुआत तोक्यो से हुई है।’’भारत के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने भी टीम की एकता और जुझारूपन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक समय में 10 खिलाड़ियों के साथ हॉकी मैच खेलना बहुत मुश्किल है और वह भी ओलंपिक क्वार्टर फाइनल जैसी दबाव वाली स्थिति में। लेकिन आज उन्होंने अपना कौशल दिखाया। श्रीजेश, मनप्रीत (सिंह) और हरमनप्रीत जैसे खिलाड़ियों ने टीम को एकजुट किया और युवाओं ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।’’इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने आज खेला मुझे नहीं लगता कि वे पेरिस से खाली हाथ लौटेंगे। अगर वे पोडियम पर शीर्ष पर रहते हैं तो हमें आश्चर्य नहीं होगा।’’ पेरिस में स्टैंड में बैठकर मैच देखने वाली भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने भी टीम की प्रशंसा की।उषा ने ट्वीट किया, ‘‘आज शानदार हौसला दिखाया। टीम इंडिया और हॉकी की दीवार श्रीजेश के लिए एक शानदार जीत जिन्होंने शानदार खेल दिखाया। अगले मैच के लिए पूरी टीम को हमारी शुभकामनाएं।’’ पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच रवि शास्त्री ने भी सोशल मीडिया पर भारतीय हॉकी टीम और विशेष रूप से श्रीजेश को बधाई दी।उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘‘वाह। यह मैच कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है। इतने लंबे समय तक 10 खिलाड़ियों के साथ डिफेंड बेजोड़ है। श्रीजेश आपने शानदार प्रदर्शन किया। आप सर्वश्रेष्ठ हैं।’’ -
नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए पेनल्टी शूटआउट में ब्रिटेन को 4 . 2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे पी आर श्रीजेश एक बार फिर भारतीय हॉकी की दीवार साबित हुए और 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद भारत ने ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4 . 2 से हराकर पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया । तारीफ करनी होगी भारतीय डिफेंस की जिसने ब्रिटेन के हर हमले का बचाव करते हुए उसे बढत नहीं बनाने दी।
ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली । निर्धारित समय तक स्कोर 1 . 1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया । शूटआउट में भारत के लिये कप्तान हरमनप्रीत सिंह , सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ही गोल कर सके । कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और फिलिप रोपर का शॉट श्रीजेश ने बचाया । तोक्यो ओलंपिक में ब्रिटेन को ही हराकर भारतीय टीम अंतिम चार में पहुंची थी ।श्रीजेश तोक्यो में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी के खिलाफ भी भारत की दीवार साबित हुए थे और उन्होंने पेरिस ओलंपिक के अब तक के सबसे कठिन मुकाबले में भी अपेक्षाओं पर खरे उतरकर दिखाया । निर्धारित समय में भारत के लिये हरमनप्रीत ने 22वें और ली मोर्टन ने 27वें मिनट में गोल दागा था । रोहिदास को रेड कार्ड मिलने का ब्रिटेन ने फायदा उठाते हुए 19वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन गोल नहीं कर सके ।भारत को जवाबी हमले में 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदला । यह पेरिस ओलंपिक में उनका सातवां गोल था । ब्रिटेन टीम गेंद पर नियंत्रण में भारत पर लगातार भारी रही और 25वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर उसे वैरिएशन आजमाया लेकिन खाता नहीं खुल सका ।अब तक शानदार प्रदर्शन कर रहे भारतीय डिफेंस में पहली बार चूक देखी गई और 27वें मिनट में सर्कल पर से गोल के सामने मिली गेंद को मोर्टन ने गोल के भीतर डाला । तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम फिर गेंद पर नियंत्रण के लिये जूझती नजर आई ।ब्रिटेन ने पहले ही मिनट से आक्रामक खेल दिखाया और 36वें मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर फर्लोंग का शॉट श्रीजेश ने बचाया । ब्रिटेन को तीन मिनट बाद आठवां पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर पहला और रिबाउंड दोनों शॉट भारतीय डिफेंडरों ने बचाये । तीसरे क्वार्टर के आखिरी मिनट में सुमित को ग्रीन कार्ड मिलने से चौथे क्वार्टर के पहले दो मिनट भारत को नौ खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा ।ब्रिटेन ने चौथे क्वार्टर में लगातार हमले बोलने का सिलसिला जारी रखा लेकिन भारत की तारीफ करनी होगी कि दस खिलाड़ियों के साथ उसने गोल नहीं गंवाया । इससे पहले शुरूआती क्वार्टर में भारतीय डिफेंस ने जबर्दस्त मुस्तैदी दिखाते हुए ब्रिटेन के कई हमलों को नेस्तनाबूद किया ।दोनों टीमों को पहले 15 मिनट में तीन तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गोल नहीं हो सका । इंग्लैंड को पांचवें ही मिनट में रेफरल पर पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास ने जेरेथ फर्लोंग का शॉट बचाया । अगले ही पल मिले दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर जैक वालेर का शॉट भी ओडिशा के इस खिलाड़ी ने बखूबी बचाया ।भारतीय टीम 11वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंची जब सुखजीत सिंह गेंद लेकर आगे बढे और हार्दिक सिंह को पास दिया जिन्होंने गेंद मनदीप को सौंपी लेकिन ब्रिटेन के गोलकीपर ओली पेन ने बखूबी बचाव किया । अगले ही मिनट हार्दिक ने शानदार फॉर्म में चल रहे अभिषेक को गोल के सामने पास दिया लेकिन उनका निशाना सही नहीं लगा । अगले मिनट में इंग्लैंड को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर श्रीजेश चूके लेकिन जरमनप्रीत ने जबर्दस्त चुस्ती दिखाते हुए स्टिक से गेंद रोकी और उधर श्रीजेश ने तुरंत उसे बाहर निकाल दिया । भारत को 13वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन हरमनप्रीत के तीनों प्रयास विफल रहे । - पेरिस,। अमेरिका की स्टार जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने शनिवार को पेरिस खेलों में महिलाओं के वॉल्ट फाइनल में जीत हासिल करके अपना सातवां ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। सत्ताइस वर्षीय बाइल्स ने अपने चिर पिरचित युर्चेंको डबल पाइक और चेंग वॉल्ट से 15.300 औसत अंक हासिल किए और रियो डि जिनेरियो में जीत के आठ साल बाद इस स्पर्धा में दूसरा स्वर्ण पदक जीता। गुरुवार को ऑलराउंड फाइनल में बाइल्स के बाद उपविजेता रहीं ब्राजील की रेबेका एंड्रेड ने रजत पदक जीता। अमेरिका की जेड कैरी ने कांस्य पदक हासिल किया। बाइल्स दो बार वॉल्ट जीतने वाली दूसरी महिला हैं। इससे पहले चेकोस्लोवाकिया की वेरा कासालावस्का ने भी वॉल्ट स्पर्धा में दो ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने 1964 और 1968 में लगातार दो बार यह खिताब जीता था। बाइल्स के अब तब अपने करियर में 10 ओलंपिक पदक जीते हैं।
- पेरिस। भारत के शुभंकर शर्मा ने आखिर में दो बर्डी लगाकर एक ओवर 72 स्कोर किया लेकिन पेरिस ओलंपिक पुरूष गोल्फ स्पर्धा के तीसरे दौर में दो अंडर के स्कोर के साथ संयुक्त 48वें स्थान पर खिसक गए। शर्मा ने दो बर्डी लगाये और तीन बोगी किये ।भारत के गगनजीत भुल्लर भी संयुक्त 48वें स्थान पर हैं । अमेरिका के जेंडर शॉफेले और स्पेन के जोन राहम ने बढत बना ली है ।
- शेटराउ (फ्रांस),। इतिहास रचने वाली मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में अपनी शानदार उपलब्धि से प्रभावित नहीं हुई हैं लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि यह 22 वर्षीय निशानेबाज भारत आने पर मिली शोहरत और दौलत के बाद भी इस मुकाम पर बनी रह पाती हैं या नहीं। स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने के बाद मनु ने खुद को तीन महीने का ब्रेक दिलाया है। तीन दिन के अंतराल में दो कांस्य पदक जीतकर मनु भारत के महान खिलाड़ियों की छोटी सूची में शामिल हो गई हैं। शनिवार को तीसरा पदक जीतने की प्रबल संभावना थी लेकिन वह 25 मीटर पिस्टल फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं। मनु ने 10 मीटर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम पिस्टल स्पर्धा में एक और कांस्य पदक जीता। निशानेबाजी रेंज में उनके निजी कोच जसपाल राणा हमेशा उनके साथ थे और कोई भी इस बात पर भरोसा कर सकता है कि वे मनु को कम से कम तब तक तो जमीन पर ही रखेंगे जब तक वे साथ हैं। हालांकि नकद पुरस्कारों और विज्ञापनों के माध्यम से उन्हें लाखों डॉलर मिलने वाले हैं और ऐसे में केवल खेल पर ध्यान केंद्रित करना एक चुनौती हो सकती है। वह अभी तक भारत वापस नहीं आई हैं लेकिन उनकी प्रबंधन कंपनी को ई-कॉमर्स से लेकर स्किनकेयर उत्पादों तक के वाणिज्यिक गठजोड़ के लिए 40 से अधिक प्रस्ताव मिल चुके हैं।खेलों में शानदार प्रदर्शन के बाद मनु ने कहा कि उनके लिए बदलाव का कोई कारण नहीं है और फिलहाल उनका एकमात्र एजेंडा अगले तीन महीनों में विभिन्न प्रकार के भारतीय भोजन खाना है। मनु ने कहा, ‘‘मैं यह सब (प्रसिद्धि और धन) संभालने के बारे में नहीं जानती। मुझे लगता है कि मैं सिर्फ अपनी निशानेबाजी और इसके आसपास की अन्य दिनचर्या (जिम और योग) पर ही टिकी रहूंगी। भगवान आपको जो देता है उसे स्वीकार करें और जो आपके पास है उससे लोगों की मदद करने का प्रयास करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘अभी मैं अगले तीन महीनों तक सिर्फ तरह-तरह के भारतीय पकवान खाना चाहती हूं। मुझे नहीं लगता कि जसपाल सर मुझे सुबह देर तक सोने देंगे। मैं खूब खाऊंगी लेकिन यह भी सुनिश्चित करूंगी कि मैं वर्कआउट भी करूं।'' मनु के कोच और भारत से निकले सबसे बेहतरीन पिस्टल निशानेबाजों में से एक राणा का मानना है कि अगले तीन महीनों में वह जो कुछ भी करती है उससे यह पता चल जाएगा कि वह किस दिशा में जा रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या मनु यहां के प्रदर्शन के बाद भी वैसी ही रहेंगी तो उन्होंने कहा, ‘‘समय ही बताएगा, तीन महीने बाद।'' कोच ने कहा, ‘‘अभी वह बहुत से लोगों के प्रति जवाबदेह है, उसे प्रशंसकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने की जरूरत है। जब आप मशहूर हो जाते हैं तो आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ती है इसलिए हमने तीन महीने पूरी तरह से छुट्टी रखी है।'' मनु यहां स्वर्ण नहीं जीत सकी और इसलिए उन्होंने लॉस एंजिलिस 2028 पर नजरें टिका दी हैं। बहुत से शीर्ष खिलाड़ी ओलंपिक में बार-बार पदक जीतने वाला प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं लेकिन मनु के दृढ़ संकल्प पर अभी सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं ऐसी व्यक्ति हूं जो निरंतरता की तलाश करती है। लेकिन पहले मैं ऐसी नहीं थी।''प्रतियोगिता खत्म होने के बावजूद मनु को कुछ समय के लिए पेरिस में ही रहना पड़ सकता है, अगर उन्हें समापन समारोह के लिए भारत का ध्वजवाहक घोषित किया जाता है तो। मनु ने कहा, ‘‘यह जीवन भर का सम्मान होगा। यह बहुत बड़ा सौभाग्य होगा लेकिन आईओए इसे जो भी समझे, ऐसे कई भारतीय खिलाड़ी हैं जो मेरे से कहीं ज्यादा हकदार हैं।
- शेटराउ /पेरिस। पेरिस ओलंपिक का आठवां दिन भारत के लिये मायूसी भरा रहा जब निशानेबाजी की ‘मिरेकल गर्ल' मनु भाकर पदकों की हैट्रिक लगाने से मामूली अंतर से चूक गई जबकि दीपिका कुमारी और भजन कौर की हार के साथ तीरंदाजी में भारत का अभियान पदक के बिना खत्म हो गया । भारत के लिये शुक्रवार का दिन अप्रतिम सफलता से भरा रहा था जब बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने पुरूष एकल सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचा । वहीं भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में 52 साल बाद आस्ट्रेलिया को हराकर तोक्यो के कांस्य के बाद पेरिस में बेहतर रंग के पदक की उम्मीद जगाई । स्पर्धा के आठवें दिन शनिवार को हालांकि भारत की अधिक स्पर्धाये नहीं थी । सभी की नजरें मनु भाकर और महिला तीरंदाजों पर ही थी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया।पदकों की हैट्रिक लगाने से चूकी मनु :ओलंपिक में पदकों की हैट्रिक लगाने का मनु भाकर का सपना 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल में कांस्य पदक के लिए हंगरी की खिलाड़ी से शूट ऑफ में पिछड़ने के बाद पूरा नहीं हो सका। आठ निशानेबाजों के करीबी फाइनल में मनु ने अपना सब कुछ झोंक दिया और कुछ समय के लिए शीर्ष स्थान पर भी रही लेकिन अपनी निरंतरता बरकरार नहीं रख सकीं। इस 22 साल की खिलाड़ी ने हालांकि महिला 10 मीटर एयर पिस्टल और मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर दो कांस्य पदक जीत कर पहले ही इतिहास रच दिया है। वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय है। मनु पांच-पांच निशाने के 10 सीरीज के फाइनल में शुरुआती आठ सीरीज के बाद 28 अंक के साथ हंगरी की वेरोनिका मेजर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थी। इसके बाद शूट ऑफ में मनु पांच में से तीन निशाने ही लगा सकी जबकि मेजर ने चार सटीक निशाने के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। वह करीबी अंतर से कांस्य पदक से चूक कर जयदीप करमाकर (पुरुषों की 50 मीटर राइफल प्रोन, 2012 लंदन), अभिनव बिंद्रा (पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल, 2016 रियो) और अर्जुन बबूता (10 मीटर एयर राइफल, 2024 पेरिस ओलंपिक) जैसे निशानेबाजों की सूची में शामिल हो गयी। भारतीय निशानेबाज महेश्वरी चौहान महिला स्कीट स्पर्धा के क्वालीफिकेशन के पहले दिन आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में बनी हुई हैं जबकि अनंतजीत सिंह नरूका लगातार दूसरे दिन खराब प्रदर्शन के बाद पुरुष स्कीट स्पर्धा से बाहर हो गए। महेश्वरी 25-25 शॉट की तीन सीरीज में 23, 24 और 24 अंक से कुल 71 अंक बनाकर पहले दिन के क्वालीफिकेशन दौर के बाद आठवें पायदान पर हैं और शीर्ष छह निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में बनी हुई हैं। महेश्वरी ने पहली सीरीज में दो निशाने चूके लेकिन अगली दो सीरीज में सिर्फ एक-एक निशाना चूककर वापसी की। इस स्पर्धा में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय रेजा ढिल्लों 21, 22 और 23 अंक से 66 अंक जुटाकर 29 निशानेबाजों के बीच 25वें स्थान पर चल रही हैं और उनकी फाइनल में जगह बनाने की संभावना बेहद कम हैं। पांच सीरीज के क्वालीफिकेशन की अंतिम दो सीरीज रविवार को होंगी।दीपिका का ओलंपिक अभियान फिर निराशाजनक :अपना चौथा ओलंपिक खेल रही दीपिका कुमारी को दो बार बढ़त बनाने के बावजूद तीरंदाजी की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया की नैम सुहियोन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा जबकि युवा भजन कौर भी प्री क्वार्टर फाइनल में हार गईं जिससे ओलंपिक में तीरंदाजी पदक का भारत का 36 साल का इंतजार जारी रहा। भारत की 23वीं वरीय दीपिका ने अंतिम आठ के मुकाबले में मौजूदा खेलों की महिला टीम स्पर्धा की स्वर्ण पदक विजेता और दूसरी वरीय सुहियोन के खिलाफ 4-2 की बढ़त बना रखी थी लेकिन अंतत: 4-6 (28-26, 25-28, 29-28, 27-29, 27-29) से हार गई जिससे तीरंदाजी में एक बार फिर भारत का अभियान पदक के बिना ही खत्म हो गया। दीपिका ने इससे पहले प्री क्वार्टर फाइनल में जर्मनी की सातवीं वरीय मिशेल क्रोपेन को 6-4 (27-24, 27-27, 26-25, 27-27) से शिकस्त दी। भजन को हालांकि प्री क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की डायनंदा चोइरुनिसा के खिलाफ शूट ऑफ में 8-9 से हार का सामना करना पड़ा। पांच सेट के बाद मुकाबला 5-5 से बराबर था। इंडोनेशिया की खिलाड़ी ने शूट ऑफ में नौ अंक जुटाए जबकि भजन आठ अंक पर ही निशाना साध सकी और चोइरुनिसा ने मुकाबला 6-5 से जीत लिया।पाल नौकायन में नेत्रा 24वें, विष्णु 23वें स्थान पर :भारत की नेत्रा कुमानन के लिये ओलंपिक खेलों की पाल नौकायन स्पर्धा में यह दिन कठिन रहा जो छठी रेस के बाद महिलाओं की पाल नौकायन डिगी स्पर्धा में 24वें स्थान पर खिसक गई । वह शुक्रवार को तीन रेस के बाद 11वें स्थान पर थी । चौथी रेस के बाद वह 19वें, पांचवीं के बाद 25वें और छठी के बाद 24वें स्थान पर रही । वहीं पुरूष वर्ग में विष्णु सरवनन छठी रेस के बाद 23वें स्थान पर हैं ।भारत के 25 वर्ष के विष्णु चौथी रेस के बाद 22वें, सातवीं और आठवीं रेस के बाद 23वें स्थान पर रहे ।दोनों स्पर्धाओं में चार रेस और बाकी हैं जबकि सातवीं और आठवीं रेस रविवार को और बाकी दो रेस सोमवार को होगी ।पहली सीरिज से शीर्ष दस नावें मंगलवार को होने वाले फाइनल में जगह बनायेंगी ।
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पेरिस. चेक गणराज्य की कैटरीना सिनियाकोवा और टॉमस मचाक ने शुक्रवार रात को यहां टाईब्रेकर तक खिंचे मैच में जीत दर्ज करके पेरिस ओलंपिक की टेनिस प्रतियोगिता का मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता। सिनियाकोवा और मचाक ने फाइनल में चीन के वांग ज़िन्यू और झांग झिझेन को 6-2, 5-7, 10-8 से हराया। ओलंपिक युगल में मानक तीसरे सेट के बजाय टाईब्रेकर का उपयोग किया जाता है। इनमें से कम से कम दो अंक का अंतर रखकर पहले 10 अंक बनने वाली टीम विजेता बनती है। सिनियाकोवा का ओलंपिक में यह दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने तीन साल पहले तोक्यो ओलंपिक खेलों में बारबोरा क्रेजिसिकोवा के साथ मिलकर महिला युगल का स्वर्ण पदक जीता था। सिनियाकोवा युगल विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कुल नौ ग्रैंड स्लैम ट्रॉफियां जीती हैं।
कनाडा की गैब्रिएला डाब्रोवस्की और फेलिक्स ऑगर अलियासिमे ने मिश्रित युगल का कांस्य पदक जीता। उन्होंने नीदरलैंड की डेमी शूअर्स और वेस्ले कूलहोफ को 6-3, 7-6 (2) से हराया। -
पेरिस. अपने अंतिम पूल मैच में तोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत के बाद आत्मविश्वास से भरपूर भारत रविवार को यहां पेरिस ओलंपिक की पुरुष हॉकी प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ जीत की इस लय को कायम रखने की कोशिश करेगा । भारत ने पूल बी के अपने आखिरी मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराकर ओलंपिक में इस टीम के खिलाफ आधी सदी से अधिक (52 वर्षों) समय से चले आ रहे जीत के इंतजार को खत्म किया। भारत ने आस्ट्रेलिया को इससे पहले 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में हराया था ।
ऑस्ट्रेलिया पर जीत के साथ ही भारत भारत पूल बी में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रहा, जबकि ग्रेट ब्रिटेन पूल ए में तीसरे स्थान पर था। भारतीय टीम पहले दो क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी तरह से हावी दिखी और उसने लगातार आक्रामक खेल से मैच की गति को नियंत्रित किया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के प्रदर्शन का मुख्य आकर्षण मनप्रीत सिंह तथा उप-कप्तान हार्दिक सिंह के नेतृत्व वाले मिडफील्ड और गुरजंत सिंह तथा सुखजीत सिंह अग्रिम पंक्ति के बीच शानदार समन्वय था। गुरजंत और सुखजीत ने अपने खेल से ऑस्ट्रेलिया की रक्षा पंक्ति को दबाव में रखा। तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ एक बार फिर से हर विभाग में बढ़त बनाने की कोशिश करेगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभिषेक फॉरवर्ड लाइन में सक्रिय थे और उन्होंने टूर्नामेंट में अपना दूसरी बार मैदानी गोल कर भारत को बढ़त दिलायी। कप्तान हरमनप्रीत कौर का कमाल का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी जारी रहा और उन्होंने इस मैच में दो गोल दागे। भारतीय कप्तान के नाम पेरिस ओलंपिक में अब छह गोल हो गये हैं। अमित रोहिदास और जरमनप्रीत सिंह ने रक्षापंक्ति में शानदार जज्बा दिखाया तो वहीं अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश गोल के सामने दीवार की तरह खड़े रहे और कई बचाव किए। भारतीय टीम को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ एक बार फिर से उन से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद होगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंद को भारतीय रक्षापंक्ति से मिडफील्ड और फिर अग्रिम पंक्ति की पकड़ में जाते देखना शानदार था। भारतीय खिलाड़ियों ने इस मुकाबले में ‘एरियल' पास का बेहतरीन इस्तेमाल किया था और टीम ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भी इसका प्रभावी इस्तेमाल करना चाहेगी। ओलंपिक में लगातार दूसरे पदक से दो जीत दूर भारतीय टीम के कोच क्रेग फुल्टोन को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ टीम के खिलाड़ियों से एक और अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया पर जीत के बाद कहा, ‘‘यह एक अहम मैच था। हमें क्वार्टर फाइनल से पहले इस तरह के मैच की जरूरत थी। हमने शुरू से ही उन्हें दबाव में रखा। ऑस्ट्रेलिया को हराना गर्व की बात है।'' क्वार्टर फाइनल के अन्य मैचों में बेल्जियम का मुकाबला स्पेन से, ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला नीदरलैंड से और जर्मनी का सामना अर्जेंटीना से होगा। -
नई दिल्ली। भारत के धीरज बोम्मादेवरा और अंकिता भकत की मिश्रित युगल तीरंदाजी जोड़ी ने पेरिस ओलंपिक की तीरंदाजी स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पाब्लो गोंजालेस और ईलिया केनालेस की स्पेन की जोड़ी को 5-3 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। भारतीय जोड़ी अब तीरंदाजी में देश के पहले ओलंपिक पदक से एक जीत दूर है।क्वालीफिकेशन दौर में पांचवें स्थान पर रहने वाले धीरज और अंकिता ने पाब्लो और ईलिया की जोड़ी को 38-37, 38-38, 36-37, 37-36 से हराया। स्पेन की 13वीं वरीय जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को कड़ी टक्कर दी। पाब्लो और ईलिया ने प्री क्वार्टर फाइनल में चीन की चौथी वरीय जोड़ी को हराकर उलटफेर किया था। धीरज और अंकिता ने पहला सेट 38-37 से जीता। धीरज ने अपने दोनों निशानों पर 10 अंक जुटाए जबकि अंकिता ने नौ-नौ अंक हासिल किए। दूसरा सेट 38-38 से बराबर रहा।
धीरज और अंकिता ने हालांकि तीसरा सेट 36-37 से गंवा दिया जिससे स्कोर 3-3 हो गया। पाब्लो और ईलिया ने 10-10 अंक के साथ शुरुआत की जिसके जवाब में धीरज और अंकिता दोनों ने नौ अंक जुटाए। पाब्लो ने दूसरे प्रयास में आठ जबकि ईलिया ने नौ अंक जुटाए। अंकिता हालांकि इसके बाद आठ अंक ही जुटा सकीं जिससे धीरज के 10 अंक पर निशाना साधने के बावजूद भारत ने सेट गंवा दिया।चौथे और निर्णायक सेट में अंकिता ने नौ और धीरज ने 10 अंक से शुरुआत की। पाब्लो और ईलिया क्रमश: नौ और आठ अंक से 17 अंक ही जुटा सके। दूसरे प्रयास में अंकिता ने आठ अंक बनाए लेकिन धीरज ने 10 अंक जुटाए। पाब्लो और ईलिया दोनों को टाईब्रेक के लिए 10 अंक जुटाने थे लेकिन पाब्लो का निशाना नौ अंक पर लगा।इससे पहले भारतीय जोड़ी ने प्री क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की डायनंदा चोइरुनिसा और आरिफ पंगेस्तु की जोड़ी को 5-1 से शिकस्त दी। भारतीय जोड़ी ने पहले सेट को 37-36 से जीतने के बाद दूसरा सेट 38-38 से बराबर किया। तीसरे सेट में अंकिता के दोनों निशाने 10 अंक पर लगे जिससे भारत ने 12वीं वरीयता प्राप्त जोड़ी के खिलाफ 38-37 से जीत के साथ मैच अपने नाम कर लिया। - नई दिल्ली। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के लिए अभूतपूर्व तीसरे पदक की ओर कदम बढ़ाते हुए शुक्रवार को यहां निशानेबाजी की 25 मीटर महिला पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया लेकिन ईशा सिंह प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। अनंतजीत सिंह नरूका पुरुष स्कीट क्वालीफिकेशन के पहले दिन खराब शुरुआत के बाद 30 निशानेबाजों के बीच 26वें स्थान पर हैं।मनु ने प्रिसिजन में 294 और रेपिड में 296 अंक के साथ कुल 590 अंक जुटाकर क्वालीफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में प्रवेश किया। मनु ने प्रिसिजन दौर में 10-10 निशानों की तीन सीरीज में क्रमश: 97, 98 और 99 अंक जुटाए। रेपिड दौर में उन्होंने तीन सीरीज में 100, 98 और 98 अंक हासिल किए।हंगरी की मेजर वेरोनिका ने 592 अंक के साथ ओलंपिक के क्वालीफिकेशन रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया। ईशा प्रिसिजन में 291 और रेपिड में 290 अंक के साथ कुल 581 अंक जुटाकर 18वें स्थान पर रहीं और आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। उन्होंने प्रिसिजन की पहली दो सीरीज में 95 और 96 अंक जुटाने के बाद 100 अंक के साथ जोरदार वापसी की लेकिन रेपिड दौर में 97, 96 और 97 अंक ही जुटा सकीं।इस स्पर्धा का फाइनल शनिवार तीन अगस्त को खेला जाएगा। क्वालीफिकेशन के प्रिसिजन दौर के बाद मनु और ईशा क्रमश: तीसरे और 10वें स्थान पर थे। प्रिसिजन दौर में शीर्ष दो स्थान पर रहीं वेरोनिका और फ्रांस की कैमिली जेद्रेजेवस्की ने भी मनु के समान 294 अंक जुटाए लेकिन दोनों ने ‘एक्स’ (लक्ष्य का केंद्र) पर अधिक निशाने लगाकर पहले दो स्थान पर कब्जा जमाया।मनु ने ‘एक्स’ पर सात निशाने साधे जबकि वेरोनिका और कैमिली ने क्रमश: 15 और 13 बार ऐसा किया। मनु ने पेरिस खेलों में व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिश्रित टीम वर्ग में भी कांस्य पदक जीता। वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।दूसरी तरफ पुरुष स्कीट क्वालीफिकेशन के पहले दिन 25-25 निशानों की तीन सीरीज में अनंतजीत 23, 22 और 23 अंक के साथ कुल 68 अंक ही जुटा सके। अनंतजीत ने पहली सीरीज में दो निशाने चूके। वह दूसरी सीरीज में तीन निशाने चूक गए जबकि तीसरी सीरीज में एक बार फिर वह दो निशाने चूके जिससे काफी पिछड़ गए।क्वालीफिकेशन दौर की दो सीरीज अब शनिवार को होंगी जिसके बाद शीर्ष छह निशानेबाज फाइनल में जगह बनाएंगे। अनंतजीत की शीर्ष छह में जगह बनाकर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की संभावना बेहद कम है। अमेरिका के विन्सेंट हेनकॉक 75 में से 75 अंक जुटाकर शीर्ष पर हैं। चार निशानेबाजों ने 74 अंक जुटा लिए हैं।
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नई दिल्ली। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और पी आर श्रीजेश की अद्भुत गोलकीपिंग के दम पर भारत ने 52 साल बाद ओलंपिक में आस्ट्रेलिया को हराते हुए आखिरी ग्रुप मैच में इस दिग्गज प्रतिद्वंद्वी पर 3 . 2 से जीत दर्ज की । भारत ने आखिरी बार पुरूष हॉकी में ओलंपिक में आस्ट्रेलिया को 1972 म्युनिख खेलों में हराया था। वहीं सिडनी ओलंपिक 2000 में आस्ट्रेलिया से 2 . 2 से ग्रुप मैच ड्रॉ रहा था ।
आस्ट्रेलिया ने तोक्यो ओलंपिक 2021 में ग्रुप मैच में भारत पर 7 . 1 से जीत दर्ज की थी । तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता भारत के लिये जहां श्रीजेश ने सही मायने में ‘दीवार’ की तरह काम करते हुए असंख्य गोल बचाये तो हर मैच में गोल करते आये हरमनप्रीत ने उस सिलसिले को बरकरार रखा। वहीं पहली बार ओलंपिक खेल रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड अभिषेक ने विरोधी के रसूख से विचलित हुए बिना बेखौफ हॉकी खेली ।भारत के लिये अभिषेक ने 12वें, हरमनप्रीत ने 13वें और 32वें मिनट में गोल किये । आस्ट्रेलिया के लिये क्रेग थॉमस ने 25वें और ब्लैक गोवर्स ने 55वें मिनट में गोल दागा । इस जीत से भारतीय हॉकीप्रेमियों के उन जख्मों पर मरहम जरूर लगा होगा जो दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 के फाइनल में 8 . 0 और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल फाइनल में 7 . 0 से मिली हार के बाद मिले थे ।इस मैच से पहले ओलंपिक में भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 मैचों में से सिर्फ तीन (1960 रोम क्वार्टर फाइनल, 1964 तोक्यो सेमीफाइनल और 1972 म्युनिख ग्रुप मैच) मैच जीते थे जबकि आस्ट्रेलिया ने छह जीते और दो ड्रॉ खेले थे ।भारतीय टीम पूल चरण में तीन जीत , एक ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रही और क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पूल ए की तीसरे नंबर की टीम से होगा। भारतीय टीम ने पहले क्वार्टर से ही काफी आक्रामक खेल दिखाते हुए शुरूआती 15 मिनट में 2 . 0 की बढत बना ली । भारत को पांचवें मिनट में ही गोल करने का मौका मिला जब जरमनप्रीत ने बायें फ्लैंक से सुखजीत को गेंद सौंपी लेकिन वह उसे पकड़ नहीं पाये ।आस्ट्रेलिया को 11वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर जेरेमी हैवर्ड का शॉट बाहर से निकल गया । इसके अगले मिनट भारत ने जवाबी हमला बोला और बेल्जियम के खिलाफ पिछले मैच में गोल करने वाले अभिषेक ने तूफानी शॉट पर गेंद सीधे गोल के भीतर डाल दी । आस्ट्रेलिया के गोलकीपर एंड्रयू चार्टर को समझने का समय ही नहीं मिला ।भारत ने अगले मिनट पर मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत के शानदार गोल से बढत दुगुनी कर ली । हरमनप्रीत का पेरिस ओलंपिक में यह पांचवां गोल था । पहले क्वार्टर में भारत 2 . 0 से आगे था । दूसरे क्वार्टर में आस्ट्रेलियाई टीम ने आक्रामक तेवरों के साथ वापसी की और चौथे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया । इस पर गोवर्स ब्लैक के शॉट को श्रीजेश ने बड़ी चतुराई से बचाया ।अगले ही पल एक और पेनल्टी कॉर्नर पर भी यही कहानी रही लेकिन शॉट शार्प लाचलान का था । आस्ट्रेलिया के लिये पहला गोल 25वें मिनट में क्रेग थॉमस ने पेनल्टी कॉर्नर पर किया । भारत को अगले मिनट पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत गोल नहीं कर सके । तीसरे क्वार्टर में भारत को दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत का शॉट बचा लिया गया ।भारतीय टीम ने वीडियो रेफरल लिया जिसके बाद भारत को पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया और भारतीय कप्तान ने टूर्नामेंट का अपना छठा गोल करके भारत को 3 . 1 से बढत दिला दी । भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति ने अभिषेक की अगुवाई में हमले बोलने का सिलसिला जारी रखा और दूसरी ओर आस्ट्रेलियाई टीम अपने कमजोर पेनल्टी कॉर्नर से जूझती रही ।आस्ट्रेलिया को 45वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया । आखिरी पंद्रह मिनट में आस्ट्रेलिया ने वापसी की भरसक कोशिशें की लेकिन भारत ने 51वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया । हरमनप्रीत इस पर हालांकि गोल नहीं कर सके। दो मिनट बार भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अमित रोहिदास की फ्लिक को आस्ट्रेलियाई डिफेंडर ने बचा लिया। भारत के लिये इसी मिनट अभिषेक ने गोल कर दिया था लेकिन आस्ट्रेलिया के वीडियो रेफरल पर उसे अमान्य कर दिया गया । आस्ट्रेलिया को 55वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर गोवर्स ने गोल करके आखिरी पांच मिनट के खेल को रोमांचक बना दिया । भारतीय डिफेंस ने आखिरी पांच मिनट जबर्दस्त संयम का प्रदर्शन करते हुए आस्ट्रेलिया के नामचीन स्ट्राइकरों को कोई मौका नहीं दिया । और इसके साथ ही यह मुकाबला भारतीय हॉकी के सुनहरे इतिहास में दर्ज हो गया । -
हैदराबाद. महान बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि जसप्रीत बुमराह उनके पसंदीदा गेंदबाज हैं लेकिन उन्होंने पसंदीदा बल्लेबाज के बारे में पूछने पर विराट कोहली और रोहित शर्मा में से एक को चुनने से इनकार किया । यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान धोनी ने कहा ,‘‘ मेरा पसंदीदा गेंदबाज चुनना आसान है क्योंकि वह बुमराह हैं । बल्लेबाज चुनना कठिन है क्योंकि इतने सारे अच्छे बल्लेबाज हैं । इसके मायने यह नहीं है कि हमारे गेंदबाज अच्छे नहीं है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ बल्लेबाजों में से एक को चुनना कठिन है । मैं किसी एक को नहीं चुनना चाहता । उम्मीद है कि वे सभी रन बनाते रहेंगे ।'' आईपीएल में अपने भविष्य के बारे में उन्होंने कुछ बताने से इनकार किया । उन्होंने कहा ,‘‘ अभी इसमें समय है । देखते हैं कि खिलाड़ियों को बरकरार रखने पर क्या फैसला लेते हैं । अभी गेंद हमारे पाले में नहीं है ।'
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मुंबई. पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा सफेद गेंद के प्रारूप में महेंद्र सिंह धोनी की ही तरह कुशल रणनीतिकार है और इस प्रारूप के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक भी हैं । रोहित की कप्तानी में भारत ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर टी20 विश्व कप जीता ।
रोहित भारत के सबसे सफल टी20 कप्तान भी बन गए जिनकी कप्तानी में भारत ने 62 में से 49 मैच जीते । धोनी की कप्तानी में भारत ने 72 में से 41 मैच जीते थे । शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू में कहा ,‘‘ हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि रोहित कुशल रणनीतिकार है । वह धोनी के साथ सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक होगा ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आप मुझसे पूछें कि बेहतर कौन है तो मैं कहूंगा कि सफेद गेंद के प्रारूप में दोनों समकक्ष हैं । रोहित के लिये यह बड़ी तारीफ है क्योंकि सभी को पता है कि धोनी ने क्या किया है ।रोहित भी बहुत पीछे नहीं है और टी20 विश्व कप में उसने शानदार कप्तानी की ।'' शास्त्री ने कहा ,‘‘ बल्लेबाजी की बात करें तो सफेद गेंद के प्रारूप में वह दिग्गज है । सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक । किसी भी दौर की सफेद गेंद की टीम में उसकी जगह होगी ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ विराट कोहली से तुलना करें तो कोहली कौशल का महारथी है और रोहित विस्फोटक बल्लेबाज है । वह दुनिया के किसी भी मैदान में छक्के लगा सकता है । स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों की बखिया उधेड़ सकता है ।' -
पेरिस. एशियाई खेलों की चैंपियन और पदक की प्रबल दावेदार सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी बृहस्पतिवार को यहां पेरिस ओलंपिक की पुरुष युगल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहला गेम जीतने के बावजूद आरोन चिया और सोह वूई यिक की मलेशिया की जोड़ी के खिलाफ शिकस्त के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई। राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन और दुनिया की पांचवें नंबर की सात्विक और चिराग की जोड़ी को 64 मिनट चले मुकाबले में दुनिया की सातवें नंबर की चिया और सोह जोड़ी के खिलाफ 21-13, 14-21, 16-21 से हार मिली। तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता चिया और सोह के खिलाफ 12 मैच में यह भारतीय जोड़ी की नौवीं हार है। भारतीय जोड़ी ने शुरुआत में ही कुछ सहज गलतियां की जिसका फायदा उठाकर चिया और सोह ने कुछ आसान अंक जुटाए। सात्विक और चिराग हालांकि इसके बावजूद नेट पर अच्छा खेल दिखाते हुए 6-4 की बढ़त बनाने में सफल रहे। भारतीय खिलाड़ियों के स्मैश भी स्टीक थे जिससे मलेशिया की जोड़ी को काफी परेशानी हुई। भारतीय जोड़ी अच्छा खेल दिखाने के साथ बार-बार गलतियां भी कर रही थी जिससे चिया और सोह को वापसी का मौका मिलता रहा। सात्विक और चिराग ने हालांकि ब्रेक तक 11-10 की मामूली बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद भारतीय जोड़ी रंग में नजर आई। सात्विक और चिराग ने लगातार पांच अंक के साथ 15-10 की मजबूत बढ़त बनाई। चिया और सोह ने दबाव में कई शॉट नेट पर और बाहर मारे जिससे सात्विक और चिराग 17-11 से आगे हो गए।
चिराग के स्मैश को 19-12 के स्कोर पर मलेशिया की जोड़ी वापस लौटने में नाकाम रही जिससे भारतीय जोड़ी को आठ गेम प्वाइंट मिले। चिया और सोह ने एक गेम प्वाइंट बचाया लेकिन सात्विक के दमदार स्मैश से भारतीय जोड़ी ने पहला गेम 17 मिन में जीत लिया। दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने बेहतर शुरुआत की। सात्विक और चिराग ने दमदार खेल दिखाकर 4-0 की बढ़त बनाई। मलेशिया की जोड़ी ने हालांकि जोरदार वापसी करते हुए लगातार पांच अंक के साथ 5-4 की बढ़त बना ली। दोनों जोड़ियों के बीच प्रत्येक अंक के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिली जिससे 5-5 से 10-10 तक प्रत्येक अंक पर स्कोर बराबर हुआ। मलेशिया की जोड़ी ब्रेक तक 11-10 से आगे रही। चिया और सोह ने लगातार तीन अंक के साथ 16-12 की बढ़त बनाई। सात्विक और चिराग ने इसके बाद कुछ शॉट बाहर और नेट पर मारे जिससे मलेशिया की जोड़ी ने दूसरा गेम 21-14 से जीतकर मुकाबले को तीसरे और निर्णायक गेम में खींचा। मलेशिया की जोड़ी ने दूसरे गेम में अंतिम 15 में से 11 अंक जीते। तीसरे गेम की शुरुआत में सात्विक और चिराग का खेल बिखरा हुआ नजर आया जिससे मलेशिया की जोड़ी ने 5-2 की बढ़त बनाई। सात्विक और चिराग हालांकि जल्द ही संभल गए और स्कोर 5-5 कर दिया और फिर ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाने में सफल रही। भारतीय जोड़ी ने बढ़त को 14-11 किया लेकिन चिया और सोह ने इसके बाद जोरदार वापसी करते हुए 15-15 पर बराबरी हासिल की। मलेशिया की जोड़ी ने 16-16 के स्कोर पर लगातार पांच अंक के साथ गेम और मैच अपने नाम किया और पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने वाली भारतीय जोड़ी का पदक जीतने का सपना तोड़ दिया। - स्वप्निल कुसाले ने रचा इतिहास, कांस्य पर लगाया निशाना50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में पदक जीतने वाले पहले भारतीयपेरिस। स्वप्निल कुसाले ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में भारत को कांस्य पदक दिलाया है। यह इस ओलंपिक में शूटिंग में भारत को तीसरा पदक है। स्वप्निल से पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। वहीं, मनु ने सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में भी कांस्या अपने नाम किया था। स्वप्निल महिला या पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं।
- पेरिस। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में अपना अपराजेय अभियान जारी रखते हुए आयरलैंड को 2 . 0 से हराकर क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। पहले दो मैचों में कई गलतियां करने वाली भारतीय टीम ने पूल बी के तीसरे मैच में मंगलवार को हाफटाइम तक आयरलैंड पर पूरा दबाव बनाये रखा । कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने 11वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर पहला और 19वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर दूसरा गोल किया । पहले मैच में न्यूजीलैंड पर 3 . 2 से मिली जीत में हरमनप्रीत ने 59वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर विजयी गोल दागा था । वहीं रियो ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना के खिलाफ सोमवार को 59वें मिनट में ही उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर तब्दील करके भारत को हार से बचाते हुए मैच 1 . 1 से ड्रॉ कराया था । इस जीत से भारत के तीन मैच में सात अंक हो गए हैं। बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया भी पूल बी में अजेय हैं और दोनों के छह-छह अंक हैं। दोनों मंगलवार को आमने-सामने होंगे। प्रत्येक पूल से चार टीम क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगी। पूल बी से क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली चौथी टीम के लिए मुकाबला अर्जेन्टीना और न्यूजीलैंड के बीच था। अर्जेन्टीना ने न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया जिससे उसके चार अंक हो गए हैं। न्यूजीलैंड और आयरलैंड दोनों ने अभी खाता नहीं खोला है और अंकों के आधार पर भारत को नहीं पछाड़ सकते जिससे टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। भारत अब दो अगस्त को आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘हमें दूसरे हाफ में इतने सारे पेनल्टी कॉर्नर नहीं होने देने चाहिए थे। हमें इस पर काम करना होगा। लेकिन साथ ही हमने एक भी गोल नहीं खाया और यह हमारा पेनल्टी कॉर्नर ‘डिफेंस' बयां करता है। लेकिन हम इतने पेनल्टी कॉर्नर नहीं गंवा सकते।'' सुखजीत ने कहा कि टीम को दूसरे हाफ में गेंद को नियंत्रित करने में संघर्ष करना पड़ा।उन्होंने कहा, ‘‘हम तीसरे क्वार्टर में गेंद को नियंत्रित नहीं कर सके और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। उनकी टीम अच्छी है, हमें वापसी की उम्मीद थी। फिर भी हमने अंतिम क्वार्टर में बेहतर प्रदर्शन किया। '' पिछले मैच में औसत प्रदर्शन करने वाले अनुभवी मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक सिंह ने आज बेहतरीन खेल दिखाया और कई अच्छे मूव बनाये । भारत ने पहली बार पहले क्वार्टर में गोल करके बढत बनाई जबकि पिछले दो मैचों में पहला गोल विरोधी टीम ने किया था । इस जीत के बावजूद पेनल्टी कॉर्नर गंवाने की भारत की कमजोरी तीसरे क्वार्टर में फिर उजागर हुई । पहले दो मैचों में 13 पेनल्टी कॉर्नर गंवाने वाली भारतीय टीम ने हाफटाइम तक एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं गंवाया लेकिन तीसरे क्वार्टर में आठ पेनल्टी कॉर्नर गंवाये जिसने गोलकीपर श्रीजेश को व्यस्त रखा । आयरलैंड को इस मैच में दस और भारत को नौ पेनल्टी कॉर्नर और एक स्ट्रोक मिला । अगले दोनों मैच भारत को मौजूदा चैम्पियन बेल्जियम और आस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों से खेलने हैं और उससे पहले कोच फुल्टोन को इस कमजोर कड़ी को कसना होगा । पिछले साल भारतीय टीम से जुड़े फुल्टोन आयरलैंड टीम के पूर्व कोच रहे हैं । इसके अलावा 19वें मिनट के बाद भारतीय टीम भी कोई गोल नहीं कर सकी । पेनल्टी कॉर्नर और फील्ड गोल नहीं कर पाने का खामियाजा आगे कठिन मैचों में भुगतना पड़ सकता है । भारतीय टीम ने आक्रामक शुरूआत की और दूसरे ही मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला हालांकि हरमनप्रीत इसे गोल में नहीं बदल सके । पहले क्वार्टर में ही 11वें मिनट में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे गोल में बदलने में हरमनप्रीत ने चूक नहीं की । पहले क्वार्टर में आयरलैंड की टीम भारतीय गोल पर हमले बोलने में नाकाम रही ।दूसरे क्वार्टर के दूसरे ही मिनट में भारत बढत दुगुनी करने के करीब पहुंचा जब ललित उपाध्याय दाहिनी ओर से गेंद लेकर आगे बढे लेकिन गोल के सामने उनकी पोजिशन सही नहीं होने से शॉट बार से टकराकर निकल गया । भारत को अगले ही मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले और चौथे को हरमनप्रीत ने गोल में बदला जो इस ओलंपिक में उनका चौथा गोल था । हाफटाइम से चार मिनट पहले भारतीय टीम फिर गोल करने के करीब पहुंची लेकिन फॉरवर्ड पंक्ति तालमेल नहीं बिठा सकी और मौका निकल गया । ब्रेक के बाद आयरलैंड की टीम ने आक्रामक शुरूआत की और तीसरे क्वार्टर में लगातार भारतीय सर्कल में प्रवेश किया । पेनल्टी कॉर्नर गंवाने की भारत की कमजोरी एक बार फिर भारी पड़ सकती थी अगर गोलकीपर श्रीजेश मुस्तैद नहीं होते । आयरलैंड को तीसरे क्वार्टर में आठ पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन कामयाबी नहीं मिली । भारत को 34वें मिनट में गोल करने का मौका मिला लेकिन सुखजीत सिंह का शॉट आयरलैंड के गोलकीपर ने बचा लिया । भारत को अगले मिनट दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन पहले पर अमित रोहिदास और दूसरे पर हरमनप्रीत चूके । आयरलैंड को पहला पेनल्टी कॉर्नर 40वें मिनट में मिला जिस पर कोल ली का शॉट श्रीजेश ने बचाया । आयरलैंड ने स्ट्रोक के लिये रेफरल मांगा लेकिन उसे पेनल्टी कॉर्नर ही मिला जिस पर शेन ओडोने का शॉट फिर श्रीजेश ने बचाया । इस बीच भारतीय ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत और रोहिदास फिर दो पेनल्टी कॉर्नर तब्दील नहीं कर सके । आयरलैंड की टीम ने भी अलग अलग पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञों को आजमाया लेकिन गोल नहीं मिला ।चौथे क्वार्टर के दूसरे मिनट में आयरलैंड केा फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर कोल ली गोल नहीं कर सके । भारत को भी 50वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया । इसी मिनट भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन आयरलैंड के रेफरल पर उसे रद्द कर दिया गया । भारतीय कप्तान हरमनप्रीत को 52वें मिनट में ग्रीन कार्ड मिलने के कारण दो मिनट के लिये मैदान से जाना पड़ा । आयरलैंड को आखिरी पलों में भी पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका ।
- पाल्लेकल,। नए कप्तान सूर्यकुमार यादव (पांच रन पर दो विकेट) और रिंकू सिंह (तीन रन पर दो विकेट) ने हार की कगार पर पहुंचने के बाद अंतिम दो ओवर में शानदार गेंदबाजी करके मैच टाई कराया और फिर वाशिंगटन सुंदर ने सुपर ओवर में सिर्फ एक रन दिया जिससे भारत ने तीसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय में श्रीलंका को हराकर 3-0 से सूपड़ा साफ किया। अंतिम दो ओवर में जब मेजबान टीम को सिर्फ नौ रन की दरकार थी तब रिंकू (तीन रन पर दो विकेट) और सूर्यकुमार (पांच रन पर दो विकेट) ने आठ रन देकर चार विकेट चटकाते हुए श्रीलंका को आठ विकेट पर 137 रन पर रोककर मुकाबले को टाई कराया। सुंदर ने सुपर ओवर में पहली चार गेंद पर कुसाल परेरा (00) और पथुम निसांका (00) को आउट करके श्रीलंका को एक रन ही बनाने दिया। यह रन कुसाल मेंडिस ने बनाया। सूर्यकुमार ने इसके बाद महीश तीक्षणा की पहली की गेंद पर चौका जड़कर भारत को जीत दिला दी।बारिश के कारण एक घंटा विलंब से शुरू हुए मैच में श्रीलंका की टीम कुसाल मेंडिस (43) की पथुम निसांका (26) के साथ पहले विकेट की 58 और कुसाल परेरा (46) के साथ दूसरे विकेट की 52 रन की साझेदारी से 16वेंओवर में एक विकेट पर 110 रन बनाकर आसान जीत की ओर बढ़ रही थी लेकिन गेंदबाजों ने पासा पलट दिया। भारत की तरफ से स्पिनरों सुंदर और रवि बिश्नोई ने भी क्रमश: 23 और 38 रन देकर दो-दो विकेट चटकाए।भारत ने इससे पहले नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए और तीक्षणा (28 रन पर तीन विकेट) तथा वानिंदु हसरंगा (29 रन पर दो विकेट) की फिरकी के जादू के सामने टीम नौ विकेट पर 137 रन ही बना सकी। सलामी बल्लेबाज और उप कप्तान शुभमन गिल ने सर्वाधिक 39 रन बनाए। उन्होंने रियान पराग (26) के साथ छठे विकेट के लिए 54 रन जोड़कर टीम को खराब शुरुआत से उबारा। अंतिम ओवरों में सुंदर (25) और बिश्नोई (नाबाद 08) ने आठवें विकेट के लिए 32 रन जोड़कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण कर रहे चामिंदु विक्रमसिंघे (17 रन देकर एक विकेट), असिथा फर्नांडो (11 रन पर एक विकेट) और रमेश मेंडिस (26 रन पर एक विकेट) ने भी एक-एक विकेट चटकाया। अब तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला दो अगस्त से कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेली जाएगी।लक्ष्य का पीछा करने उतरे श्रीलंका को निसांका और कुसाल मेंडिस ने अच्छी शुरुआत दिलाई। दोनों ने पावर प्ले में बिना विकेट खोए 35 रन जोड़े। निसांका ने तीसरे ओवर में खलील अहमद पर तीन चौके मारे और फिर सुंदर की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। कुसाल मेंडिस इस बीच 12 रन के निजी स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब मोहम्मद सिराज की गेंद पर संजू सैमसन ने उनका कैच टपका दिया। कुसाल मेंडिस ने जीवनदान का फायदा उठाते हुए बिश्नोई पर दो चौके मारे लेकिन इस लेग स्पिनर के अगले ओवर में निसांका ने लॉन्ग ऑन पर पराग को कैच थमा दिया। कुसाल परेरा ने आते ही तेवर दिखाए। उन्होंने बिश्नोई पर लगातार दो चौके जड़ने के बाद सुंदर और पराग पर भी चौका मारा। परेरा ने सुंदर पर चौके के साथ 15वें ओवर में टीम के रनों का शतक पूरा किया।श्रीलंका को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 30 रन की दरकार थी।बिश्नोई ने कुसाल मेंडिस को पगबाधा करके भारत को दूसरी सफलता दिलाई। उन्होंने 41 गेंद का सामना करते हुए तीन चौके मारे। सुंदर ने अगले ओवर में हसरंगा (03) को बिश्नोई के हाथों कैच कराया और फिर अगली गेंद पर कप्तान चरिंथ असलंका (00) भी विकेटकीपर सैमसन को कैच दे बैठे। रिंकू सिंह ने 19वें ओवर में परेरा का कैच अपनी ही गेंद पर लपकने के बाद रमेश मेंडिस (03) को आउट करके मुकाबले को रोमांचक बनाया। परेरा ने 34 गेंद में पांच चौके मारे। श्रीलंका को अंतिम ओवर में छह रन की जरूरत थी।कप्तान सूर्यकुमार यादव खुद गेंदबाजी करने उतरे। उन्होंने दूसरी गेंद पर कामिंदु मेंडिस (01) को रिंकू के हाथों कैच कराके टी20 अंतरराष्ट्रीय में पहला विकेट हासिल किया। अगली गेंद पर तीक्षणा (00) भी सैमसन को कैच दे बैठे। चौथी गेंद पर फर्नांडो ने एक रन बनाया। अब अंतिम दो गेंद पर पांच रन की दरकार थी। विक्रमसिंघे ने दोनों गेंद पर दो-दो रन बनाकर मैच को टाई कराया। इससे पहले असलंका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया जिसे उनके गेंदबाजों ने सही साबित करते हुए चौथे ओवर में ही भारत का स्कोर 14 रन पर तीन विकेट कर दिया। सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (10) ने दूसरे ओवर में तीक्षणा पर दो चौके मारे लेकिन इस ऑफ स्पिनर के इसी ओवर में सीधी गेंद को चूककर पगबाधा हो गए। जायसवाल ने डीआरएस का सहारा लिया लेकिन फैसला श्रीलंका के पक्ष में गया। विक्रमसिंघे ने अगले ओवर में संजू सैमसन को लेग स्पिनर हसरंगा के हाथों कैच कराया। सैमसन लगातार दूसरे मैच में खाता खोलने में नाकाम रहे। रिंकू सिंह को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा गया लेकिन वह भी एक रन बनाने के बाद तीक्षणा की गेंद पर मथीशा पथिराना को कैच दे बैठे। कप्तान सूर्यकुमार यादव (08) ने आते ही तीक्षणा पर चौका मारा लेकिन असिथा फर्नांडो की गेंद पर फाइन लेग पर हसरंगा के हाथों लपके गए। भारतीय टीम पावर प्ले में चार विकेट पर 30 रन ही बना सकी।ऑफ स्पिनर रमेश मेंडिस ने शिवम दुबे (13) को विकेटकीपर कुसाल मेंडिस के हाथों कैच कराके भारत का स्कोर 48 रन पर पांच विकेट किया। गिल ने एक छोर संभाले रखा और पराग के साथ मिलकर पारी को संवारा। पराग ने रमेश मेंडिस जबकि गिल ने स्पिनर कामिंदु मेंडिस पर चौका मारा। पराग ने 14वें ओवर में हसरंगा पर दो छक्कों के साथ रन गति में इजाफा किया।गिल ने 15वें ओवर में कामिंदु मेंडिस पर चौके के साथ भारत के रनों का शतक पूरा किया लेकिन अगले ओवर में हसरंगा की गेंद पर स्टंप हो गए। उन्होंने 37 गेंद का सामना करते हुए तीन चौके मारे। हसरंगा ने दो गेंद बाद पराग को भी रमेश मेंडिस के हाथों कैच कराके भारत को सातवां झटका दिया। पराग की 18 गेंद की पारी में एक चौका और दो छक्के शामिल रहे। सुंदर और बिश्नोई ने अंत में कुछ अच्छे शॉट खेलकर भारत का स्कोर 140 रन के करीब पहुंचाया।
- दुबई, । भारत की स्मृति मंधाना आईसीसी टी20 रैंकिंग में बल्लेबाजों की सूची में एक पायदान चढकर चौथे स्थान पर पहुंच गई जबकि तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर गेंदबाजों में पांचवें स्थान पर है । सलामी बल्लेबाज और उपकप्तान मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ महिला एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में 60 रन बनाये । उन्हें एक पायदान का फायदा मिला और उनके 743 रेटिंग अंक हैं । गेंदबाजों में रेणुका 722 अंक लेकर पांचवें स्थान पर है जिन्होंने टूर्नामेंट में सात विकेट लिये थे । इंग्लैंड की सोफी एस्सेलेटोन शीर्ष पर हैं जबकि दीप्ति शर्मा तीसरे स्थान पर है । बल्लेबाजों में आस्ट्रेलिया की बेथ मूनी और ताहलिया मैकग्रा पहले दो स्थान पर हैं ।
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पेरिस. भारत के अनुभवी मुक्केबाज अमित पंघाल मंगलवार को यहां पेरिस ओलंपिक मुक्केबाजी स्पर्धा में 51 किग्रा वर्ग के राउंड 16 में अफ्रीकी खेलों के चैंपियन और तीसरे वरीय जाम्बिया के पैट्रिक चिन्येम्बा से 1-4 से हारकर बाहर गये। विश्व चैम्पियनशिप 2019 के रजत पदक विजेता पंघाल को पहले दौर में बाई मिली थी।
जाम्बिया के पैट्रिक ने शुरू से ही आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए दबदबा बनाया और पंघाल को वापसी का मौका नहीं दिया। दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज पंघाल को अपने रक्षात्मक खेल का खामियाजा भुगतना पड़ा। हालांकि उन्होंने अंतिम तीन मिनट में आक्रामकता दिखाई। लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज उनसे बेहतर पंच लगाकर अंक जुटाने में सफल रहा। जाम्बिया के मुक्केबाज ने दो राउंड में तीन जज से 10-10 अंक हासिल किये जबकि पंघाल को सिर्फ दो जज ने 10 अंक दिये। अंतिम राउंड में जाम्बिया के मुक्केबाज को सभी पांचो जज ने 10-10 अंक दिये। -
पेरिस. अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो को मंगलवार को यहां पेरिस ओलंपिक की महिला युगल स्पर्धा के ग्रुप सी में अपने से खराब रैंकिंग वाली सेतियाना मोपासा और एंजेला यू की ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे व्यक्तिगत स्पर्धा में भारतीय जोड़ी के अभियान का लगातार तीसरी हार के साथ निराशाजनक अंत हुआ। अश्विनी और तनीषा की दुनिया की 18वें नंबर की जोड़ी को मापुसा और यू की दुनिया की 26वें नंबर की जोड़ी के खिलाफ 38 मिनट में 15-21, 10-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। ग्रुप सी से किम सो यिओंग और कोंग ही योंग की दक्षिण कोरियाई जोड़ी तथा नामी मात्सुयामा और चिहारू शिदा की जापान की चौथी वरीय जोड़ी ने शीर्ष दो स्थान पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। इन दोनों जोड़ियों ने अश्विनी और तनीषा की जोड़ी को हराया था। ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी ने अपने से बेहतर रैंकिंग वाली भारतीय जोड़ी के खिलाफ जल्द ही लय हासिल कर ली। अश्विनी और तनीषा पूरे मुकाबले के दौरान बिलकुल भी लय में नजर नहीं आई। मोपासा और यू ने 6-4 की बढ़त बनाई लेकिन भारतीय जोड़ी 7-7 पर बराबरी हासिल करने में सफल रही। तनीषा ने 10-9 के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया की दोनों खिलाड़ियों के बीच शॉट खेलकर ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाई। ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी की गल्तियों का फायदा उठाकर स्कोर 12-12 किया और फिर लगातार पांच अंक के साथ 17-13 की बढ़त बनाई। तनीषा ने 15-19 के स्कोर पर बाहर शॉट मारकर ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी को पांच गेम प्वाइंट दिए और फिर अगले अंक पर अश्विनी की गलती ने गेम मोपासा और यू की झोली में डाल दिया। दूसरे गेम में भी ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी ने बेहतर शुरुआत करते हुए 6-3 की बढ़त बनाई और फिर लगातार पांच अंक के साथ इस बढ़त को 13-6 किया। मोपासा और यू को 19-9 के स्कोर पर भारतीय जोड़ी ने बाहर शॉट मारकर 11 मैच प्वाइंट दिए। अश्विनी और तनीषा ने एक मैच प्वाइंट बचाया लेकिन फिर अगले अंक पर भारतीय खिलाड़ियों के बीच गलतफहमी से ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी ने अंक जुटाकर मैच जीत लिया।