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- बरेली (उप्र)। जिले के थाना शाही के गांव सीहोर में गन्ने के खेत से एक युवती की लाश मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि प्रेम प्रसंग के कारण पिता ने बेटी का कथित रूप से गला दबाकर हत्या कर उसकी लाश फेंक दी थी।पुलिस के मुताबिक युवती की शिनाख्त रामपुर जिले के थाना मिलक के पुराना जगतपुर मोहल्ला निवासी हरस्वरूप की बेटी किरन (18) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को युवती का शव गन्ने के खेत में मिलने की सूचना ग्राम प्रधान ने पुलिस को दी। थाना शाही के प्रभारी अश्वनी कुमार और थाना शीशगढ़ के प्रभारी योगेश यादव के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने शव को गन्ने के खेत से बाहर निकाला।पुलिस के मुताबिक लाश करीब दो दिन पुरानी लग रही थी। मृतक लड़की के गले पर निशान थे और उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी। पुलिस ने बाद में शव की पहचान कराई तो पता चला कि युवती का नाम किरन है। बरेली के पुलिस अधीक्षक (देहात) राजकुमार अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि इस मामले में युवती के आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया गया है। आरोपी पिता ने हत्या की बात कबूल करते हुए कहा कि उसकी बेटी का प्रेम प्रसंग पड़ोसी गांव मुझैना थाना कैमरी के एक युवक के साथ चल रहा था। इस कारण उसने गला दबाकर अपनी बेटी की हत्या कर दी और लाश को गन्ने के खेत में फेंक दिया।
- भोपाल। देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार केसवानी का शुक्रवार को भोपाल में निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। अप्रैल के पहले हफ्ते में उन्हें कोरोना हुआ था। हालांकि 21 अप्रैल को उनकी कोरोना निगेटिव आ गई थी। पिछले 10-12 दिन से वो वेंटिलेटर पर थे।राजकुमार केसवानी भोपाल गैस त्रासदी को दुनिया के सामने लाने वाले पहले पत्रकार थे और इसी गैस कांड की रिपोर्टिंग ने उन्हें दुनियाभर में मशहूर किया। न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए भी उन्होंने गैस त्रासदी की इंवेस्टिगेटिव सिरीज की थी। वे दैनिक भास्कर में लगातार कई दशकों से मशहूर कॉलम 'आपस की बातÓ लिख रहे थे। वे 2003 में दैनिक भास्कर इंदौर के रेसिडेंट एडिटर बने थे और उसके बाद 2004 से 2010 तक भास्कर की मैगजीन रसरंग के संपादक भी रहे। वे 50 साल की पत्रकारिता में वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रहे।सीएम भूपेश बघेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जताया शोकराजकुमार केसवानी के निधन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया- पत्रकार, लेखक, कवि, फि़ल्मी इतिहास व गीत संगीत के जानकार और न जाने क्या क्या एक साथ थे राजकुमार केसवानी। उनका निधन एक प्रतिभावान और ज़िंदादिल इनसान का चले जाना है। ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे। ओम शांति।वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा-समाज व जनहित से जुड़े मामलों पर बेबाकी से कलम चलाने वाले पत्रकार श्री राजकुमार केसवानी जी को हमने आज खो दिया। उन्हें भोपाल त्रासदी में सुरक्षा चूक की ओर हादसे से पूर्व ध्यान आकर्षित करने के लिए जाना जाता है। पत्रकारिता जगत के लिए यह अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!---
- नई दिल्ली। केन्द्र ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और इस महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों सहित समाज के संवेदनशील वर्गों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा है। संक्रमण की इस नई लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए मंत्रालय ने समाज के संवेदनशील समूहों विशेषकर अनाथ बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों तथा अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के सदस्यों के लिए मौजूदा सुविधाओं की तत्काल समीक्षा करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस समीक्षा में पुलिसकर्मियों, विभिन्न एजेंसियों और विभागों के साथ सामाजिक संगठनों के साथ तालमेल को भी शामिल करना होगा।परामर्श में मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने और इसे जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जारी एक सौ सात करोड़ रूपये का भी उल्लेख किया। इस हेल्प डैस्क से वकीलों, मनोवैज्ञानिकों और गैर सरकारी संगठनों को भी जोडा गया है जो आवश्यक सहायता, पुनर्वास तथा संक्रमितों के पंजीकरण और निगरानी संबंधी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। राज्योंं और केन्द्रशासित प्रदेशों को प्रत्येक जिले में मानव तस्करी रोधी इकाई स्थापित करने और उसे मजबूत करने के लिए भी सौ करोड रूपये दिए गए हैं। परामर्श में कहा गया है कि मौजूदा कोविड महामारी में, जहां कुछ बच्चे माता पिता को खो चुके हैं, इन इकाइयों का महत्व और बढ़ जाता है। राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से मानव तस्करी की रोकथाम के लिये पूरी सतर्कता बरतने को कहा गया है।
- बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं में शुक्रवार देर रात दर्दनाक हादसा हुआ। यहां एक कार और पिकअप के बीच भीषण भिड़ंत हो गई। हादसे में मां-बेटे समेत चार लोगों की मौत हो गई। वहीं दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं।पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार संभल के बहजोई में रहने वाले गौरव कार से अपनी ससुराल बिसौली के मोहल्ला मौर्य कॉलोनी आए थे। उनके साथ उनकी मां मीरा (48), बहनोई सुमित (23) भी थे। गौरव ने अपनी ससुराल से पत्नी संध्या (22) और सास सर्वेश (45) को लेकर निकले। कार कपिल (24) नाम का ड्राइवर चला रहा था। उनकी कार मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाइवे पर थी। बिसौली कोतवाली इलाके में चंदौसी की ओर से तेज रफ्तार से आ रही पिकअप ने कार में टक्कर मार दी। घटना में गौरव और उनकी मां मीरा, सर्वेश और ड्राइवर कपिल की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं संध्या और सुमित गंभीर रूप से घायल हो गए। टक्कर के बाद मौके पर कोहराम मच गया। आसपास लोग दौड़े और लोगों के कार से निकालने का प्रयास किया। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी और लोगों को निकालने में परेशानी हुई। मौके पर पहुंची पुलिस ने क्रेन मंगवाई, फिर शवों और घायलों को बाहर निकाला गया।सीएम ने जताया शोकबदायूं में हुई दुर्घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया। वरिष्ठ अधिकारियों को मौक़े पर जाकर पीडि़तों की हर यथासंभव सहायता करने के निर्देश दिए हैं। वहीं घायलों को बेहतर चिकित्सा दिलाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
- पटना (बिहार)। पटना जिले के मोकामा से शुक्रवार को दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है। मोकामा नगर थाना क्षेत्र में एक पिता द्वारा कथित तौर पर अपने दो मासूम बच्चों को कुल्हाड़ी से काट कर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी पिता ने खुद को पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। फिलहाल दोनों बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है।पुलिस के मुताबिक, पटना के मोकामा थाना अंतर्गत कनाहीपुर प्रखंड में आरोपी पिता ने अपने दो बच्चों की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दी। आरोपी चंदन महतो अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था साथ ही उसका मानना था कि घर में रहने वाले दोनों बच्चे उसके नहीं हंै। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद भी हुआ था। जिसके बाद अपने दोनों बच्चों को छोड़ कर उसकी पत्नी अपने पिता के घर चली गई। जिसके बाद बीती रात आरोपी चंदन महतो ने आक्रोश में आकर दोनों बच्चों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। बच्चों की हत्या के बाद हथियार के साथ आरोपी ने खुद को मोकामा थाने में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। घटना की सूचना आरोपी चंदन की पत्नी को दे दी गई है।एसपी अम्बरीष राहुल ने बताया कि आरोपी चंदन का अपनी पत्नी से आए दिन विवाद होता था। बार बार की लड़ाई से तंग आकर पत्नी अपने मायके चली गई थी। जिसके बाद आरोपी ने ऐसा कदम उठाया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार और आरोपी चंदन को गिरफ्तार कर लिया है।--
- नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा है कि कोविड महामारी की दूसरी लहर से खरीफ फसल पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। आकाशवाणी समाचार से विशेष साक्षात्कार में डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि देश में लगातार चौथे वर्ष सामान्य मॉनसून रहेगा।डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है लेकिन पहली तिमाही में वृद्धि दर सकारात्मक होगी। उपाध्यक्ष ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आएगी। डॉक्टर राजीव कुमार ने कहा कि जून के बाद आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वर्ष के अंत तक इसमें सकारात्मक बदलावा आएगा।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर शोक जताया और इसे देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान बताया।प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, सुंदरलाल बहुगुणाजी का निधन हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। प्रकृति के साथ तालमेल कर रहने की हमारे सदियों पुराने लोकाचार का उन्होंने प्रकटीकरण किया। उनकी सदाशयता और जज्बे की भावना को कभी भूला नहीं जा सकता। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ है।सुंदरलाल बहुगुणा का शुक्रवार को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे और पिछले दिनों कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे।
- ऋषिकेश। मशहूर पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन के प्रणेता रहे सुंदर लाल बहुगुणा का निधन हो गया। ऋषिकेश एम्स में शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि डायबिटीज के साथ वह कोविड निमोनिया से पीडि़त थे। उत्तराखंड बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया पर श्रद्धाजंलि दी।बहुगुणा की उम्र 94 वर्ष थी। कुछ देर पहले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फोन पर उनकी तबीयत की जानकारी ली थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद 8 मई को सुंदर लाल बहुगुणा एम्स ऋषिकेश में भर्ती हुए थे। गुरुवार को डॉक्टरों की टीम ने इलेक्ट्रोलाइट्स और लीवर फंक्शन टेस्ट समेत ब्लड शुगर की जांच और निगरानी की सलाह दी थी।चिपको आंदोलन सबसे बड़ी उपलब्धिहिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा की सबसे बड़ी उपलब्धि चिपको आंदोलन थी। वह गांधी के पक्के अनुयायी थे और जीवन का एकमात्र लक्ष्य पर्यावरण की सुरक्षा था। उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के टिहरी में हुआ था। सुंदरलाल ने 13 वर्ष की उम्र में राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1956 में शादी होने के बाद राजनीतिक जीवन से उन्होंने संन्यास ले लिया। उसके बाद उन्होंने गांव में रहने का फैसला किया और पहाडिय़ों में एक आश्रम खोला। बाद में उन्होंने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ मोर्चा खोला। 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया।पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। गढ़वाल हिमालय में पेड़ों के काटने को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन बढ़ रहे थे। 26 मार्च, 1974 को चमोली जिला की ग्रामीण महिलाएं उस समय पेड़ से चिपककर खड़ी हो गईं जब ठेकेदार के आदमी पेड़ काटने के लिए आए। यह विरोध प्रदर्शन तुरंत पूरे देश में फैल गए।1980 की शुरुआत में बहुगुणा ने हिमालय की 5,000 किलोमीटर की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान गांवों का दौरा किया और लोगों के बीच पर्यावरण सुरक्षा का संदेश फैलाया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भेंट की और इंदिरा गांधी से 15 सालों तक के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद पेड़ों के काटने पर 15 साल के लिए रोक लगा दी गई।टिहरी बांध के खिलाफ किया था आंदोलनबहुगुणा ने टिहरी बांधी के खिलाफ आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कई बार भूख हड़ताल की। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंहा राव के शासनकाल के दौरान उन्होंने डेढ़ महीने तक भूख हड़ताल की थी। सालों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद 2004 में बांध पर फिर से काम शुरू किया गया।
- बेंगलुरु। पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रख्यात किसान नेता बाबागौड़ा पाटिल का शुक्रवार को बेलगावी के अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 76 वर्षीय पाटिल का केएलईएस डॉ. प्रभाकर कोरे अस्पताल में इलाज चल रहा था जहां उन्होंने आखिरी सांस ली।पाटिल का जन्म छह जनवरी 1945 में बेलगावी जिले के चिक्का बागेवाड़ी में हुआ था और उन्होंने यहीं के आरएल साइंस इंस्टीट्यूट से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। पाटिल वर्ष 1989 में कित्तूर से निर्दलीय विधायक चुने गए और वर्ष 1998 में भाजपा के टिकट पर बेलगाम सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह ग्रामीण विकास (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री रहे। पाटिल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बाबागौड़ा पाटिल किसानों के संघर्ष में हमेशा आगे रहे। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, वह कर्नाटक राज्य रैयत संघ के संस्थापक सदस्यों में से थे जिन्होंने हमेशा किसानों की चिंता की और उनकी बेहतरी के लिए काम किया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी।
- नई दिल्ली। देशभर में आयुष कोविड-19 परामर्श हेल्पलाइन शुरू की गई है। प्रत्येक दिन सुबह छह से आधी रात को 12 बजे तक यह हेल्पलाइन काम करेगी। इसका टोल फ्री नम्बर है 1 4 4 4 3....लोग इस हेल्पलाइन के माध्यम से आयुर्वेद, होम्योपैथी, नैचुरलपैथी, युनानी और सिद्धा विशेषज्ञों से सवाल पूछ सकते हैं। ये विशेषज्ञ न केवल परामर्श और उपचार के बरे में बतायेंगे बल्कि उन्हें करीब की आयुष सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में बतायेंगे। हेल्पलाइन आईवीआर (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस) से युक्त है और वर्तमान में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है। हेल्पलाइन शुरू में एक साथ एक सौ कॉल उठाएगी और भविष्य में आवश्यकतानुसार इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। हेल्पलाइन के माध्यम से, आयुष मंत्रालय का उद्देश्य कोवडि के प्रसार को रोकना है यह प्रयास गैर सरकारी संगठन स्टेपवन द्वारा समर्थित है।
- कोयंबटूर। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है और तमिलनाडु का कोयंबटूर जिला भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में लोग इस महामारी से बचाव के लिए ईश्वरीय शक्तियों से हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं और इसी कड़ी में शहर के बाहरी इलाके में कोरोना देवी का मंदिर स्थापित किया गया है।यह मंदिर प्लेग मरियम्मन मंदिरÓ की तरह है जिसकी स्थापना करीब 150 साल पहले प्लेग की महामारी से बचाव के लिए की गई थी। शहर के बाहरी इलाके इरुगुर में कामत्चिपुरी अधीनम नामक मठ ने इस मंदिर की स्थापना की है जिसमें कोरोना देवी की प्रतिमा स्थापित की गई है।बताया जा रहा है कि काले पत्थर से बनी करीब डेढ़ फुट की यह प्रतिमा मठ परिसर के भीतर ही मंदिर में स्थापित की गई है और रोजाना इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए प्रार्थना की जा रही है जो 48 दिनों तक चलेगी। हालांकि, किसी महामारी के दौर में उक्त बीमारी के नाम पर मंदिर स्थापित करने का यह पहला मामला नहीं है। जब जिले में एक सदी पहले प्लेग का प्रकोप था और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही थी तब भी मरियम्मन की प्रतिमा स्थापित की गई थी और लोगों ने उनकी पूजा शुरू की थी। महामारी के चलते केवल पुजारी और मठ के अधिकारियों को ही कोरोना देवी के मंदिर में जाने की अनुमति है और सामाजिक दूरी का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है।
- वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लैक फंगस को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नयी चुनौती करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामूहिक प्रयासों से स्थिति को संभालने में काफी हद तक मदद मिली है, लेकिन यह संतोष का समय नहीं है और एक लंबी लड़ाई लडऩी है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने जहां बीमार, वहीं उपचार का नारा दिया और छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाकर काम करने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने महामारी के कारण असमय अपनी जान गंवाने वाले काशी क्षेत्र के लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वह थोड़ी देर के लिए भावुक भी हो गए।कोरोना की दूसरी लहर में टीकाकरण से हो रहे फायदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, टीके की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे अग्रिम मोर्चा पर तैनात कर्मी सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं। यही सुरक्षा कवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में अभी इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। उन्होंने कहा, इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी बरतनी है और व्यवस्था पर भी ध्यान देना जरूरी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अभी एक लंबी लड़ाई लडऩी है। अभी हमें ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है। कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और एएनएम बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए। जहां बीमार वहीं उपचार के सिद्धांत पर काम करने की आवश्यकता जताते हुए मोदी ने छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा, घर-घर दवाइयां बांटने के अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।
- - घर में ही कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए तैयार की गईं किट तीन-चार दिन में बाजार में उपलब्ध होगीनयी दिल्ली। केंद्र ने गुरुवार को कहा कि सरकार जून के अंत तक कोविड-19 संबंधी जांच की दैनिक संख्या को मौजूदा 16-20 लाख से बढ़ाकर 45 लाख तक करना चाहती है। इसने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 20.55 लाख नमूनों की जांच की गई। जांच क्षमता को बढ़ाने के क्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने घर आधारित एक रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) किट को भी मंजूरी दी है जो माइलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड, पुणे ने विकसित की है। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि तीन और कंपनियों द्वारा निर्मित किट भी लाइन में हैं और इन्हें एक सप्ताह के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। भार्गव ने कहा कि घर में ही कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए तैयार की गईं किट तीन-चार दिन में बाजार में उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जांच क्षमता को मजबूत करने के लिए आईसीएमआर ने 105 से अधिक रैपिड एंटीजन जांच कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को स्वीकृति दे दी है। भार्गव ने कहा, ‘‘हम इस सप्ताह 16-20 लाख जांच कर रहे हैं और हमारे पास महीने के अंत तक 20 लाख जांच करने की क्षमता है और अगले महीने के अंत तक हमारे पास 45 लाख तक की संख्या में जांच करने की क्षमता होगी क्योंकि आईसीएमआर ने 105 से अधिक आरएटी कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को मंजूरी प्रदान की है तथा उनमें से 31 स्वदेशी हैं।'' उन्होंने कहा कि 45 लाख जांच में से 18 लाख आरटी-पीसीआर जांच होंगी तथा 27 लाख रैपिड एंटीजन जांच होंगी। देश में पिछले 24 घंटे में 20.55 लाख से अधिक नमूनों की जांच की गई जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।भार्गव ने कहा कि सभी राज्यों ने ऑर्डर दिया है और वे तेजी से अपनी जांच क्षमता बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘घर में जांच के लिए आप मेडिकल स्टोर से किट खरीदिए और फिर मोबाइल ऐप डाउनलोड कीजिए, पंजीकरण करिए और नियमावली पढ़िए। फिर खुद अपनी जांच करिए और मोबाइल से फोटो खींचिए तथा अपलोड कीजिए। मोबाइल फोन आपको परिणाम बताएगा।'' भार्गव ने कहा, ‘‘दूसरी लहर में हमें आरएटी जांच बढ़ानी होगी, हमने सभी मुख्य सचिवों को लिखा है और उन्होंने इसपर कार्रवाई की है। नगरों और गांवों में 24 घंटे सातों दिन काम करने वाले अनेक आरएटी बूथ स्थापित किए जाएंगे।'' उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘50 प्रतिशत लोग अब भी मास्क नहीं पहनते, और जो लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से लगभग 64 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मास्क पहनकर सिर्फ अपना मुंह ढंकते हैं, लेकिन नाक को नहीं ढकते। 20 प्रतिशत इसे ठुड्डी पर रखते हैं तो दो प्रतिशत इसे गले में डालकर रखते हैं।'' भार्गव ने कहा कि 25 शहरों में दो हजार लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया।स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिन से कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन मई को उपचाराधीन मामले कुल मामलों का 17.13 प्रतिशत थे, जो अब कुल मामलों का 12.1 प्रतिशत हैं। लोगों के ठीक होने की दर में भी सुधार देखने को मिला है। तीन मई को यह 81.7 प्रतिशत थी जो अब 86.7 प्रतिशत हो गई है।'' अधिकारी ने कहा कि भारत में फरवरी के मध्य से कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या में साप्ताहिक रूप से लगातार वृद्धि हो रही है और 12 सप्ताह में इसमें औसतन 2.3 गुना की वृद्धि हुई है। अग्रवाल ने कहा कि 10 सप्ताह तक कोरोना वायरस संक्रमण दर में लगातार वृद्धि के बाद, पिछले दो सप्ताह से महामारी के मामलों में कमी की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल से पांच मई तक ऐसे जिलों की संख्या 210 थी जहां संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन 13 से 19 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है। अग्रवाल ने कहा कि देश में बुधवार को संक्रमण दर 13.31 प्रतिशत थी जो एक महीने में सबसे कम है।
- नयी दिल्ली। पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर का कहा कि केंद्र सरकार को सभी भारतीय नागरिकों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण मुफ्त में करना चाहिए तथा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर जांच बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों के निराकरण के बजाय कोविड संकट के प्रभावी प्रबंधन के विमर्श को लेकर अधिक चिंतित है। इस पत्र पर पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व स्वास्थ्य सचिव के सुजाता राव, पूर्व विदेश सचिव एवं पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारी शिवशंकर मेनन, प्रधामंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग सहित 116 पूर्व नौकरशाहों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में कहा गया, ‘‘ हम जानते हैं कि इस महामारी ने पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा किया है और भारत के नागरिकों भी अछूते नहीं रहेंगे।'' पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि आम नागरिक जिस प्रकार चिकित्सा सहायता के लिए क्रंदन कर रहे हैं और मृतकों की संख्या हजारों में पहुंच रही, वहीं इस भारी संकट के बावजूद आपकी सरकार का लापरवाह नजरिया सामने आ रहा है। इसका भारतीयों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर जो प्रभाव पड़ रहा है, ‘‘उसके बारे में सोच सोच कर हमारा दिमाग सुन्न हो रहा है।'' पत्र के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारतीय वैज्ञानिकों की चेतावनी के बावजूद पहली और दूसरी लहर के बीच मिले समय का इस्तेमाल अहम संसाधनों जैसे चिकित्सा कर्मी, अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन आपूर्ति, वेंटिलेटर, दवाएं एवं अन्य चिकित्सा आपूर्ति जुटाने में नहीं किया गया। कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) के बैनर तले जारी पत्र में कहा गया, ‘‘इससे भी अधिक अक्षम्य है कि टीकों का पर्याप्त भंडार जमा करने की पूर्व में योजना नहीं बनाई गई जबकि भारत दुनिया के अहम टीका आपूर्तिकर्ताओं में एक है।
- भोपाल/सागर। मध्य प्रदेश के भोपाल में उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद की 15 दिन की प्री-मैच्योर बेबी (समय से पूर्व जन्मने वाली बच्ची) एवं सागर में 104 साल की महिला ने कोरोना वायरस से जंग जीत ली है। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को भोपाल स्थित निजी पीपुल्स अस्पताल पहुंचकर कोरोना से ठीक हुई 15 दिन की इस प्री-मैच्योर बेबी से मिले। यह बच्ची उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद की रहवासी है और आज वह अपने पिता के साथ घर वापस लौटेगी।सारंग ने मीडिया से कहा, ''आज हमारे लिए यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि हमारी सरकार से अनुबंधित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज से यह बच्ची छुट्टी मिलने के बाद जा रही है जो इलाहाबाद की रहने वाली है। उसकी मां गर्भवती थी और वहां (इलाहाबाद) उसको इलाज नहीं मिला और उसके परिजन उसे यहां लेकर आये। मां की तबीयत ज्यादा खराब थी। उसको बहुत ही सीवियर नमोनिया था। उसका सीटी स्कोर 23 था और कोरोना संक्रमित थी। उसकी मां तो नहीं बच पाई, परंतु यहां के डॉक्टरों ने सर्जरी के माध्यम से बेटी को बचाया।'' उन्होंने बताया, ''दुर्भाग्य से वह बच्ची भी कोरोना संक्रमित थी और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मेहनत की और वह बच्ची अब कोरोना वायरस से उबर चुकी है। उसकी रिपोर्ट अब निगेटिव आ गई।'' सारंग ने कहा, ''आज वह (15 दिन की बच्ची) अपने पिता के साथ इलाहाबाद अपने घर जा रही है।''उन्होंने कहा, ''ये हमारी मध्य प्रदेश सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है कि कोरोना वायरस महामारी की इस भीषण समस्या के बीच प्रदेश के बाहर के लोगों को भी जरूरत पड़ी तो हमने इलाज मुहैया कराया। उसका जीता जागता उदाहरण यह बच्ची है। यह बच्ची स्वस्थ हो गई, यह हमारे लिए बहुत ही खुशी का पल है। मैं उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।'' मध्य प्रदेश के सागर के भाग्योदय चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में बीना निवासी सुंदर बाई जैन (104) महज 10 दिनों में कोरोना से जंग जीत कर स्वस्थ्य हो गई है। आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्मदिन 19 मई 1917 है। इस महिला का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. सौरभ जैन ने बताया कि 10 मई को कोरोना पीडि़ता सुंदर बाई जैन को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और लगभग 10 दिन के इलाज के बाद वह पूर्णता स्वस्थ हो गई। उन्होंने कहा कि सुंदर बाई ने इलाज में सभी को सहयोग दिया। गुरुवार को उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई और उनके परिजन उन्हें बीना ले गए हैं। जैन ने बताया कि इस महिला को जब भर्ती कराया गया था, उस समय वह काफी कमजोर लग रहीं थीं, लेकिन उपचार शुरू होने के बाद जल्दी ही उनकी सेहत में सुधार आने लगा, इसकी एक बड़ी वजह मरीज का मानसिक रूप से काफी मजबूत एवं शारीरिक रूप से सक्रिय होना रहा। उन्होंने कहा कि सुंदर बाई को उम्र से जुड़ी समस्याएं के रहते हुए भी जल्दी ठीक होना भी एक काफी सकारात्मक पहलू है।
- पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर में रहने वाले 16 साल के फोटोग्राफर प्रथमेश जाजू ने चंद्रमा की 50 हजार से अधिक तस्वीरों का इस्तेमाल कर पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह की शानदार तस्वीर बनाई है।प्रथमेश देश के सबसे प्राचीन खगोल विज्ञान क्लब ज्योतिर्विद्या परिसंस्थान से जुड़े हुए हैं, जहां पिछले तीन से चार वर्षों के दौरान उन्होंने खगोलफोटोग्राफी के विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखा है। कक्षा 10 के छात्र प्रथमेश ने कहा कि कोविड-19 के कारण उनकी बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद लॉकडाउन के दौरान उन्होंने इस योजना को पूरा किया। प्रथमेश ने बताया कि उन्होंने अपनी दूरबीन और कैमरे का इस्तेमाल कर करीब पांच घंटे में चंद्रमा की तस्वीरें खींची और संपादन के विभिन्न साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर इस शानदार तस्वीर को बनाया। प्रथमेश ने इतनी अधिक तस्वीरें खींचने के सवाल पर कहा, मैंने चंद्रमा के करीब 38 वीडियो बनाए। प्रत्येक वीडियो से मैंने करीब दो हजार तस्वीरें निकालीं। इनमें से 50 हजार तस्वीरों का उपयोग कर मैंने यह शानदार तस्वीर बनाई जिसमें चंद्रमा के क्रेटरों और विभिन्न रूपों को देखा जा सकता है।
- नयी दिल्ली ।केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार जून के अंत तक कोविड-19 संबंधी जांच की दैनिक संख्या को मौजूदा 16-20 लाख से बढ़ाकर 45 लाख तक करना चाहती है। इसने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में रिकॉर्ड 20.55 लाख नमूनों की जांच की गई। जांच क्षमता को बढ़ाने के क्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने घर आधारित एक रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) किट को भी मंजूरी दी है जो माइलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड, पुणे ने विकसित की है। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि तीन और कंपनियों द्वारा निर्मित किट भी लाइन में हैं और इन्हें एक सप्ताह के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। भार्गव ने कहा कि घर में ही कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए तैयार की गईं किट तीन-चार दिन में बाजार में उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जांच क्षमता को मजबूत करने के लिए आईसीएमआर ने 105 से अधिक रैपिड एंटीजन जांच कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को स्वीकृति दे दी है। भार्गव ने कहा, ‘‘हम इस सप्ताह 16-20 लाख जांच कर रहे हैं और हमारे पास महीने के अंत तक 20 लाख जांच करने की क्षमता है और अगले महीने के अंत तक हमारे पास 45 लाख तक की संख्या में जांच करने की क्षमता होगी क्योंकि आईसीएमआर ने 105 से अधिक आरएटी कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को मंजूरी प्रदान की है तथा उनमें से 31 स्वदेशी हैं।'' उन्होंने कहा कि 45 लाख जांच में से 18 लाख आरटी-पीसीआर जांच होंगी तथा 27 लाख रैपिड एंटीजन जांच होंगी। देश में पिछले 24 घंटे में 20.55 लाख से अधिक नमूनों की जांच की गई जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।भार्गव ने कहा कि सभी राज्यों ने ऑर्डर दिया है और वे तेजी से अपनी जांच क्षमता बढ़ा रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘घर में जांच के लिए आप मेडिकल स्टोर से किट खरीदिए और फिर मोबाइल ऐप डाउनलोड कीजिए, पंजीकरण करिए और नियमावली पढ़िए। फिर खुद अपनी जांच करिए और मोबाइल से फोटो खींचिए तथा अपलोड कीजिए। मोबाइल फोन आपको परिणाम बताएगा।'' भार्गव ने कहा, ‘‘दूसरी लहर में हमें आरएटी जांच बढ़ानी होगी, हमने सभी मुख्य सचिवों को लिखा है और उन्होंने इसपर कार्रवाई की है। नगरों और गांवों में 24 घंटे सातों दिन काम करने वाले अनेक आरएटी बूथ स्थापित किए जाएंगे।'' उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘50 प्रतिशत लोग अब भी मास्क नहीं पहनते, और जो लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से लगभग 64 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मास्क पहनकर सिर्फ अपना मुंह ढंकते हैं, लेकिन नाक को नहीं ढकते। 20 प्रतिशत इसे ठुड्डी पर रखते हैं तो दो प्रतिशत इसे गले में डालकर रखते हैं।'' भार्गव ने कहा कि 25 शहरों में दो हजार लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया।स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिन से कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन मई को उपचाराधीन मामले कुल मामलों का 17.13 प्रतिशत थे, जो अब कुल मामलों का 12.1 प्रतिशत हैं। लोगों के ठीक होने की दर में भी सुधार देखने को मिला है। तीन मई को यह 81.7 प्रतिशत थी जो अब 86.7 प्रतिशत हो गई है।'' अधिकारी ने कहा कि भारत में फरवरी के मध्य से कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या में साप्ताहिक रूप से लगातार वृद्धि हो रही है और 12 सप्ताह में इसमें औसतन 2.3 गुना की वृद्धि हुई है। अग्रवाल ने कहा कि 10 सप्ताह तक कोरोना वायरस संक्रमण दर में लगातार वृद्धि के बाद, पिछले दो सप्ताह से महामारी के मामलों में कमी की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल से पांच मई तक ऐसे जिलों की संख्या 210 थी जहां संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन 13 से 19 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है। अग्रवाल ने कहा कि देश में बुधवार को संक्रमण दर 13.31 प्रतिशत थी जो एक महीने में सबसे कम है।
- कोलकाता। मशहूर गायक अरिजीत सिंह की मां अदिति सिंह का मस्तिष्काघात के कारण निधन हो गया है। वह 52 वर्ष की थीं और कोलकाता के एक अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रहीं थीं। अस्पताल के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस बात की जानकारी दी।अस्पताल की ओर से जारी एक वक्तव्य के मुताबिक अदिति सिंह की कोविड रिपोर्ट सोमवार को निगेटिव आई थी, लेकिन बुधवार रात करीब 11 बजे उन्हें मस्तिष्काघात हुआ और उनका निधन हो गया। कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था और ईसीएमओ पद्धति पर रखा गया था। सोमवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन मस्तिष्काघात के कारण उनका निधन हो गया।
- नयी दिल्ली। दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में एक युवक ने अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक के पिता दिल्ली पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस बात की जानकारी दी।पुलिस ने बताया कि 22 वर्षीय संदीप को तत्काल एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि युवक ने अपने घर में पंखे के जरिए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक के शव का पोस्टमार्टम हो चुका है और इस मामले में आगे की जांच जारी है। पुलिस ने बताया कि संदीप संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
- नयी दिल्ली ।भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा पार्टी के ‘‘सेवा ही संगठन'' अभियान के तहत शुक्रवार को देश के 824 सामुदायिक केंद्रों पर हेल्प-डेस्क का उद्घाटन करेंगे। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने यह जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को बताया कि इस अभियान को और मजबूत करने के लिए किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा देश के प्रत्येक जनपद के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोविड-19 हेल्प डेस्क लगाकर जरूरतमंद लोगों की सेवा एवं जन जागृति करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में डिजीटल माध्यम से 824 सामुदायिक केंद्रों पर कोविड-19 हेल्प डेस्क का विधिवत उद्घाटन करेंगे। चाहर ने कहा कि हेल्प डेस्क पर किसान मोर्चा के कार्यकर्ता लोगों की सभी प्रकार की आवश्यक मदद करेंगे तथा टीकाकरण अभियान के प्रति ग्रामीण अंचल में जनजागृति के साथ-साथ आरोग्य सेतु एप पर उनका पंजीकरण कराएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों का सफलतापूर्वक टीकाकरण हो सके।
- पुणे। पुणे में रहने वाले 16 साल के फोटोग्राफर प्रथमेश जाजू ने चंद्रमा की 50 हजार से अधिक तस्वीरों का इस्तेमाल कर पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह की शानदार तस्वीर बनाई है। प्रथमेश देश के सबसे प्राचीन खगोल विज्ञान क्लब ज्योतिर्विद्या परिसंस्थान से जुड़े हुए हैं, जहां पिछले तीन से चार वर्षों के दौरान उन्होंने खगोलफोटोग्राफी के विभिन्न पहलुओं के बारे में सीखा है। कक्षा 10 के छात्र प्रथमेश ने बताया कि कोविड-19 के कारण उनकी बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद लॉकडाउन के दौरान उन्होंने इस योजना को पूरा किया। प्रथमेश ने बताया कि उन्होंने अपनी दूरबीन और कैमरे का इस्तेमाल कर करीब पांच घंटे में चंद्रमा की तस्वीरें खींची और संपादन के विभिन्न साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर इस शानदार तस्वीर को बनाया। प्रथमेश ने इतनी अधिक तस्वीरें खींचने के सवाल पर कहा, ‘‘ मैंने चंद्रमा के करीब 38 वीडियो बनाए। प्रत्येक वीडियो से मैंने करीब दो हजार तस्वीरें निकालीं। इनमें से 50 हजार तस्वीरों का उपयोग कर मैंने यह शानदार तस्वीर बनाई जिसमें चंद्रमा के क्रेटरों और विभिन्न रूपों को देखा जा सकता है।-file photo
- भोपाल/सागर।मध्य प्रदेश के भोपाल में उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद की 15 दिन की प्री-मैच्योर बेबी (समय से पूर्व जन्मने वाली बच्ची) एवं सागर में 104 साल की महिला ने कोरोना वायरस से जंग जीत ली है। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बृहस्पतिवार को भोपाल स्थित निजी पीपुल्स अस्पताल पहुंचकर कोरोना से ठीक हुई 15 दिन की इस प्री-मैच्योर बेबी से मिले। यह बच्ची उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद की रहवासी है और आज वह अपने पिता के साथ घर वापस लौटेगी। सारंग ने मीडिया से कहा, ‘‘आज हमारे लिए यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि हमारी सरकार से अनुबंधित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज से यह बच्ची छुट्टी मिलने के बाद जा रही है जो इलाहाबाद की रहने वाली है। उसकी मां गर्भवती थी और वहां (इलाहाबाद) उसको इलाज नहीं मिला और उसके परिजन उसे यहां लेकर आये। मां की तबीयत ज्यादा खराब थी। उसको बहुत ही सीवियर नमोनिया था। उसका सीटी स्कोर 23 था और कोरोना संक्रमित थी। उसकी मां तो नहीं बच पाई, परंतु यहां के डॉक्टरों ने सर्जरी के माध्यम से बेटी को बचाया।'' उन्होंने बताया, ‘‘दुर्भाग्य से वह बच्ची भी कोरोना संक्रमित थी और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मेहनत की और वह बच्ची अब कोरोना वायरस से उबर चुकी है। उसकी रिपोर्ट अब निगेटिव आ गई।'' सारंग ने कहा, ‘‘आज वह (15 दिन की बच्ची) अपने पिता के साथ इलाहाबाद अपने घर जा रही है।उन्होंने कहा, ‘‘ये हमारी मध्य प्रदेश सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है कि कोरोना वायरस महामारी की इस भीषण समस्या के बीच प्रदेश के बाहर के लोगों को भी जरूरत पड़ी तो हमने इलाज मुहैया कराया। उसका जीता जागता उदाहरण यह बच्ची है। यह बच्ची स्वस्थ हो गई, यह हमारे लिए बहुत ही खुशी का पल है। आज वह छुट्टी मिलने के बाद जा रही है। मैं उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।'' मध्य प्रदेश के सागर के भाग्योदय चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में बीना निवासी सुंदर बाई जैन (104) महज 10 दिनों में कोरोना से जंग जीत कर स्वस्थ्य हो गई है। आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्मदिन 19 मई 1917 है। इस महिला का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. सौरभ जैन ने बताया कि 10 मई को कोरोना पीड़िता सुंदर बाई जैन को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और लगभग 10 दिन के इलाज के बाद वह पूर्णता स्वस्थ हो गई। उन्होंने कहा कि सुंदर बाई ने इलाज में सभी को सहयोग दिया। बृहस्पतिवार दोपहर उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई और उनके परिजन उन्हें बीना ले गए हैं। जैन ने बताया कि इस महिला को जब भर्ती कराया गया था, उस समय वह काफी कमजोर लग रहीं थीं, लेकिन उपचार शुरू होने के बाद जल्दी ही उनकी सेहत में सुधार आने लगा, इसकी एक बड़ी वजह मरीज का मानसिक रूप से काफी मजबूत एवं शारीरिक रूप से सक्रिय होना रहा। उन्होंने कहा कि सुंदर बाई को उम्र से जुडी समस्याएं के रहते हुए भी जल्दी ठीक होना भी एक काफी सकारात्मक पहलू है। जैन ने कहा कि इस महिला की सक्रियता भर्ती किए जाने के पांच दिन बाद से ही काफी बढ़ गई थी। वह खूब बातचीत भी करने लगीं। पिछले तीन दिनों से वह घर जाने के लिए बेसब्र भी हो रहीं थीं।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अन्य कर्मियों से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान कहा गया कि मोदी यह संवाद वीडिया कांफ्रेंस के माध्यम से पूर्वाह्न 11 बजे करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल सहित वाराणसी के विभिन्न कोविड अस्पतालों के कार्यों की समीक्षा करेंगे। साथ ही वह जिले के अन्य गैर-कोविड अस्पतालों के कार्यों की भी समीक्षा करेंगे। ज्ञात हो कि पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल का निर्माण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और सेना के संयुक्त प्रयासों से आरंभ किया गया है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री इस समीक्षा बैठक के दौरान कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए जारी प्रयासों और भविष्य की तैयारियों पर भी चर्चा करेंगे।
- नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को आईआईटी, आईआईएससी सहित प्रमुख संस्थानों के निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की और कहा कि सकारात्मक सोच और वर्तमान स्थिति पर सकारात्मक प्रतिक्रिया छात्रों और शिक्षक समुदाय को अनावश्यक चिंता से बचा सकती है। निशंक ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थानों के द्वारा किये गए प्रयास समाज में सकारात्मक माहौल बनाने में सहायक होंगे। बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने इन संस्थानों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल प्रयोगशाला पाठ्यक्रम आदि की स्थिति की भी समीक्षा की। केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 स्थिति के प्रबंधन के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करते हुए इन राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बनाए रखने की आवश्यकता है। निशंक ने बैठक में कहा, ‘‘सकारात्मक सोच और वर्तमान स्थिति पर सकारात्मक प्रतिक्रिया छात्रों और शिक्षक समुदाय को अनावश्यक चिंता से बचा सकती है।'' बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे और आईआईटी, आईआईएससी, आईआईएसईआर, एनआईटी, आईआईआईटी के निदेशक भी शामिल हुए । शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि संस्थानों के निदेशकों ने इस बात का उल्लेख किया कि कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करने वाले छात्रों हेतु पठन सामग्री बाद के उपयोग के लिए भी उपलब्ध कराई गयी जिसे वे कहीं से भी डाउनलोड कर उसका अध्ययन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थानों के निदेशकों ने जानकारी दी कि उन्होंने मार्च 2020 में शुरुआती लॉकडाउन के बाद से ही ऑनलाइन शिक्षा शुरू कर दी थी। कुछ संस्थानों ने ऑनलाइन शिक्षण और मूल्यांकन के लिए अपना स्वयं का ऐप भी विकसित किया है। बैठक के दौरान इन संस्थानों के परिसर में कोविड मामलों की स्थिति और इन संस्थानों द्वारा उत्पन्न स्थिति से निपटने पर भी चर्चा की गयी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य चर्चा राष्ट्रीय महत्व के इन संस्थानों द्वारा कोविड की स्थिति से निपटने के लिए किए गए शोध कार्यों पर हुई। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कम लागत वाली आरटी-पीसीआर मशीन, किट, वेंटिलेटर, कोविड-19 की दिशा की भविष्यवाणी करने के लिए गणितीय मॉडलिंग को विकसित करने और उन्हें राज्य के स्वास्थ्य विभागों के द्वारा इस्तेमाल करने के लिये सफलतापूर्वक देने पर संस्थानों की सराहना की।
- कोलकाता। मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि 22 मई को बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य हिस्से पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा जो चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है। इसके बाद अम्फान जैसे एक और तूफान की आशंका गहरा गई है। क्षेत्रीय मौसम निदेशक जीके दास ने बताया कि 25 मई से बंगाल के कई इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है और कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। वर्षा की तीव्रता खासकर गंगा की पट्टी पर आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ सकती है।विभाग ने समंदर के अशांत रहने की चेतावनी दी है। पश्चिम बंगाल के मछुआरों को 23 मई से कुछ दिनों के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और जो समंदर में चले गए हैं, उनसे लौटने की गुजारिश की गई है। भारतीय तट रक्षक बल ने कहा कि वह बंगाल की खाड़ी में घटनाक्रम पर करीब से निगाह रख रहा है और उसने निवारक उपाय किए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों, जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों के साथ बृहस्पतिवार को उच्च स्तरीय बैठक की और चक्रवात आने की स्थिति में तैयारियों का जायज़ा लिया। पिछले साल मई के तीसरे हफ्ते में बंगाल में अम्फान सुपर चक्रवात आया था, जिसमें 98 लोगों की मौत हो गई थी और काफी नुकसान हुआ था।