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अब विकसित दुनिया की बराबरी कर रहा है भारत का प्रौद्योगिकी खर्च : नडेला

बेंगलुरु। माइक्रोसॉफ्ट के कार्यकारी चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला ने कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और प्रौद्योगिकी खर्च अनुपात के लिहाज से भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल हो सकता है। उन्होंने बृहस्पतिवार को माइक्रोसॉफ्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बात कही। नडेला ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘कुल अर्थव्यवस्था, आर्थिक वृद्धि और प्रौद्योगिकी खर्च की बात करें तो इसके बीच का अंतर घट रहा है।

सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में भारत का प्रौद्योगिकी खर्च अब विकसित दुनिया की बराबरी कर रहा है।'' नडेला ने यहां ‘फ्यूचर रेडी टेक समिट' के बाद मीडिया से कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों के मुताबिक भारत (सकल घरेलू उत्पाद और प्रौद्योगिकी खर्च का अनुपात) कम से कम दुनिया के शीर्ष दस में निश्चित रूप से है। अगर ऐसा है, तो सवाल यह है कि अब आगे क्या होगा। इस प्रौद्योगिकी खर्च का नतीजा क्या है।

क्या यह वैसा ही है।'' भारत के बढ़ते प्रौद्योगिकी खर्च में माइक्रोसॉफ्ट की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘...अगर भारत की जीडीपी ‘एक्स' है और इसका कुछ प्रतिशत (प्रौद्योगिकी खर्च के चलते हुए) उत्पादकता लाभ से है, तो दुनिया को इसका फायदा मिल सकता है... यह लोगों के सोचने, लिखने के बारे में है... भुगतान के लिए सबसे कम लागत वाला तरीका है।'' नडेला ने इससे पहले ‘फ्यूचर रेडी टेक समिट' में कहा कि प्रौद्योगिकी हर किसी के उपयोग के बारे में है और भारत इसमें योगदान कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके दृष्टिकोण और सभी सरकारी कार्यक्रमों, योजनाओं और इंडिया स्टैक (भारत में प्रौद्योगिकी के प्रसार) में संक्षिप्त बातचीत करने का मौका मिला। वास्तव में मैं जिस चीज को महसूस कर रहा हूं, वह इंडिया स्टैक का जादू है।'' उन्होंने कहा कि योजनाएं या नीति और प्रौद्योगिकी एक साथ विकसित हो रही हैं। शिखर सम्मेलन में इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने भी भाग लिया।

नडेला ने कहा कि वह भारत से यह सीखते हैं कि आम आदमी अपनी जरूरतों के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने छह अनिवार्यताओं को भी सूचीबद्ध किया जो प्रौद्योगिकीविदों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये हैं - क्लाउड पर स्थानांतरण, डेटा को एकीकृत करना और एआई मॉडल को मंच के रूप में लागू करना, फ्यूजन टीमों को सशक्त बनाना, अपने कार्यबल को फिर से सक्रिय करना, सहयोगी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को अपनाना और सुरक्षा को प्राथमिकता देना।

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