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- - अब तक जिले में 53149 पंजीकृत किसानों से 651 करोड़ 06 लाख 62 हजार रूपए मूल्य का 2741899.20 क्विंटल धान की खरीदी- अब तक धान उपार्जन केन्द्रों से 408342.98 क्विंटल धान का उठावराजनांदगांव । जिले में धान खरीदी अभियान से किसानों में हर्ष व्याप्त है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 अंतर्गत धान खरीदी महाभियान के तहत शासन द्वारा समर्थन मूल्य एवं कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक के मान से धान खरीदी की जा रही है। कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव के निर्देशन में धान खरीदी सुचारू संचालन के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। धान खरीदी कार्य के लिए इलेक्ट्रानिक तौल मशीन, पेयजल, छांव, बायोमैट्रिक डिवाईस मशीन, श्रमिक एवं अन्य व्यवस्था की गई है। आर्द्रता मापी यंत्र से किसानों के धान का परीक्षण किया जा रहा है। जिले के सभी 96 धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी की दर एवं सूची व फ्लैक्स लगाए गए है। कलेक्टर ने धान खरीदी केन्द्रों की सतत निगरानी रखने तथा कोचियों एवं बिचौलियों से अवैध धान की खरीदी पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। धान बिक्री के लिए किसान टोकन तुंहर हाथ मोबाईल एप के माध्यम से टोकन प्राप्त कर रहे है। जिससे उनके समय की बचत हो रही है और उन्हें सुविधा मिल रही है। उल्लेखनीय है कि अब तक जिले में 53149 पंजीकृत किसानों से 651 करोड़ 06 लाख 62 हजार रूपए मूल्य का 2741899.20 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। धान का उठाव भी लगातार जारी है। अब तक धान उपार्जन केन्द्रों से 408342.98 क्विंटल धान का उठाव किया गया है।
- - किसान भोलाराम इस वर्ष धान बिक्री की राशि से शुरू करेंगे नए घर का निर्माण कार्य- किसानों की उपज का उचित मूल्य मिलने से शासन के प्रति बढ़ा विश्वास- धान खरीदी कार्य डिजिटाईजेशन, पारदर्शिता और सुविधाजनक होने से धान बिक्री करना हुआ आसानराजनांदगांव । खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में जिले के धान उपार्जन केन्द्रों में तेजी से धान खरीदी की जा रही है। शासन किसानों की उपज को समर्थन मूल्य में खरीदी कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है। आर्थिक मजबूती से किसान अपने सपने पूरा करने के लिए सक्षम हो रहे है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम तुमड़ीलेवा के किसान श्री भोलाराम पटेल ने बताया कि वे धान उपार्जन केन्द्र गठुला में 30 क्विंटल धान बिक्री करने आए हैं। उनके पास 9 एकड़ खेती जमीन है। जिसमें परंपरागत खेती करते हुए धान की फसल लेते हैं। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा 3100 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से धान खरीदी करने से उनकी उपज का उचित दाम मिल रहा है और राशि भी 24 घंटे के भीतर सीधे ऑनलाईन खाते में मिल रही है। किसान श्री भोलाराम ने बताया कि इस वर्ष धान बिक्री की राशि से अपने सपनों के घर को बनाने के लिए कार्ययोजना बनाया है। वे धान बिक्री की राशि प्राप्त होने के बाद नए घर के निर्माण कार्य शुरू करने का सोचा है। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से शासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्राप्त राशि से अपनी जरूरतों के साथ-साथ खेती-किसानी कार्य, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए उपयोग करने में मदद मिलती है।किसान श्री भोलाराम पटेल ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में बारदाने की उपलब्धता, पारदर्शिता तरीके से इलेक्ट्रानिक तौलाई, ऑनलाईन खाते में राशि अंतरण किया जा रहा है। धान उपार्जन केन्द्र गठुला में किसानों के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था रखी गई है। धान उपार्जन केन्द्र में पेयजल, छांव, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। इसके लिए उन्होंने राज्य शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
- - टाईप-1 डायबिटीज बच्चे बिना किसी तनाव के अपने परिवार एवं समाज के सहयोग से जी सकते हैं अपना जीवन : कलेक्टर- टाइप-1 डायबिटीज (बाल मधुमेह) से पीडि़त बच्चे सावधानी रखें ध्यान तथा अपने पढ़ाई पर दें ध्यान- परिजनों को सही चिकित्सकीय जानकारी, भावनात्मक समर्थन, उपचार प्रबंधन और दैनिक देखभाल के लिए दिया गया आवश्यक मार्गदर्शन- परिवारों ने अपने अनुभव, चुनौतियां और सफलता की साझाराजनांदगांव । कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में टाईप-1 डायबिटीज से पीडि़त बच्चों एवं उनके परिवारों के लिए पहली बार रोगी सहायता समूह की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर ने कहा कि टाईप-1 डायबिटीज एक चुनौती है। जिसका सामना आप कर सकते है और बिना किसी तनाव के अपने परिवार एवं समाज के सहयोग से मजबूती के साथ अपना जीवन जी सकते है। बीमारियों पर हमेशा अनुसंधान होते रहे हैं और बहुत सी धारणाएं एवं भ्रांतियां टूटते जा रही है। विज्ञान के साथ ही नवीन अविष्कार हुए है। जिससे इन बीमारियों के उपचार के साथ मरीज एक सामान्य जीवन जी सकते है। उन्होंने कहा कि टाइप-1 डायबिटीज (बाल मधुमेह) से पीडि़त बच्चे सावधानी का ध्यान रखें तथा अपने पढ़ाई पर ध्यान दें।मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि टाइप-1 डायबिटीज (बाल मधुमेह) से पीडि़त बच्चे एक सामान्य जीवन जी सकते है। उनकी यह बीमारी सही उपचार एवं प्रबंधन से ठीक हो सकती है। उन्होंने बच्चों की अच्छी देखभाल करने तथा काउंसलिंग करने कहा।उल्लेखनीय है कि टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रहे बच्चों व उनके परिजनों को सही चिकित्सकीय जानकारी, भावनात्मक समर्थन, उपचार प्रबंधन और दैनिक देखभाल के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में विशेषज्ञों ने टाइप-1 डायबिटीज के कारण, लक्षण, इंसुलिन प्रबंधन, बच्चों के खानपान, स्कूल में देखभाल एवं दैनिक जीवन में जरूरी सावधानी पर विस्तार से जानकारी दी। परिवारों ने भी अपने अनुभव, चुनौतियां और सफलताए साझा की। जिससे उपस्थित अन्य परिवारों में आत्मविश्वास बढ़ा और एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिला। इस दौरान बच्चों और अभिभावकों के लिए संवाद आधारित चर्चा भी आयोजित की गई।कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों एवं मरीजों द्वारा अपने अनुभव, प्रेरणादायक संवाद और विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सरल व व्यवहारिक समाधान ने बच्चों और परिवारों को बड़ी राहत प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में लिए गए फीडबैक में अधिकांश परिवारों ने इस बैठक को अत्यंत उपयोगी बताया और भविष्य में इसे नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की। साथ ही मरीजों एवं उनके परिजनों की समस्या भी दूर की गई। यह रोगी सहायता समूह बैठक राजनांदगांव जिले में बाल मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने, गलत धारणाएं दूर करने और परिवारों के बीच एक मजबूत सपोर्ट नेटवर्क तैयार करने की दिशा में एक प्रभावशाली और आवश्यक पहल सिद्ध हुई। बैठक में जिले के कुल 21 टाइप-1 डायबिटीज के मरीज एवं उनके परिवारजन शामिल हुए। बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती किरण साहू, जिला पंचायत सभापति श्रीमती अनिता मंडावी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न, राज्य एनसीडी नोडल डॉ. अभिजीत बैनर्जी, सिविल सर्जन डॉ. यूएस चन्द्रवंशी, यूनिसेफ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र सिंह, सहित शिशु रोग विशेषज्ञ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, आरएमएनसीएचए सलाहकार, सलाहकार एनसीडी, सचिवालय सहायक उपस्थित थे।
- - 17 हजार 269 रूपए प्रति हेक्टेयर का दिया जा रहा अनुदान- 3 लाख 20 रूपए हेक्टेयर की होगी आमदनीराजनांदगांव । उद्यानिकी विभाग एवं अम्मा पॉम प्लान्टेशन लिमिटेड द्वारा डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम लभानिनभाठा में कृषकों को आयल पॉम की खेती के विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में आयल पॉम की खेती के साथ-साथ तेल का उपयोग, महत्व एवं खाद्य मूल्य के साथ-साथ इसकी खेती की तकनीकी जानकारी कृषकों को प्रदान की गई। कम्पनी के प्रतिनिधि श्री सिद्धार्थ चन्द्राकर द्वारा पौधरोपण से लेकर पौधों की देखरेख, सिंचाई, उत्पादन एवं कुल शुद्ध आय के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी श्री आरके मेहरा द्वारा ऑयल पॉम की खेती हेतु अनुदान के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि ऑयल पॉम की खेती हेतु उद्यानिकी विभाग से शत-प्रतिशत अनुदान पर पौधे कृषकों के प्रक्षेत्र तक उपलब्ध कराये जा रहे हंै। साथ ही पौधों के रखरखाव हेतु 21 हजार रूपए तथा अंतवर्तीय फसल रोपण हेतु 21 हजार रूपए एवं ड्रिप स्थापना हेतु 17 हजार 269 रूपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है। यदि कृषक 2 हेक्टेयर तक पौधरोपण करता है, तो उसे अतिरिक्त अनुदान नलकूप खनन हेतु 50 हजार रूपए साथ ही पम्प प्रतिस्थापन हेतु 27 हजार 500 रूपए का अनुदान दिया जा रहा है।यदि कृषक रोपण के पश्चात फलन उपरांत 3 वर्ष तक आयल पॉम की खेती करता है, तो उसे अतिरिक्त ट्रेक्टर के लिए अनुदान राशि 2 लाख रूपए देय होगा। आयल पॉम का उत्पादन एवं आय अर्जन के विषय में बताया गया कि प्रति हेक्टेयर143 पौधे के रोपण करने पर प्रति हेक्टेयर 20 टन की उपज होगी, जिसका बाजार मूल्य वर्तमान में 16-22 रूपए प्रति किलो है, इस हिसाब से 3 लाख 20 रूपए हेक्टेयर की आमदनी होगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रगतिशील कृषक श्री एनेश्वर वर्मा, श्री मनीराम लिल्हारे, श्री गैंदलाल देवांगन, श्री ओम प्रकाश देवांगन, श्री नवीन परमार अन्य कृषकों के साथ-साथ उद्यानिकी विभाग से श्री जीएस सोनकुसले, श्री गिरजाशंकर राणा, श्रीमती श्वेता सिंह, श्रीमती दीपिका खाण्डेकर एवं अम्मा आयल पॉम प्लांटेशन कम्पनी से श्री हेमंत साहू एवं श्री लेखराज साहू उपस्थित रहे।
- महासमुंद / अवैध धान परिवहन में संलिप्तता पाए जाने पर प्रधानपाठक श्री ओमप्रकाश चन्द्राकर, शासकीय प्राथमिक शाला बसूलाडबरी, विकासखण्ड बागबाहरा के विरूद्ध कलेक्टर श्री विनय लंगेह के निर्देश में निलंबन की कारवाई की गई है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ,बागबाहरा के प्रतिवेदन अनुसार श्री ओमप्रकाश चन्द्राकर, प्रधानपाठक, शासकीय प्राथमिक शाला बसूलाडबरी द्वारा वाहन 407 मे धान भरकर ग्राम लिटियादादर से गांजर मार्ग पर अज्ञात घर के पीछे छिपाने एवं मंडी नियमों का उल्लंघन करते हुये जब्त अवैध धान को शाम 6:00 बजे कुछ ग्रामवासियों के माध्यम से शासकीय कार्य में बाधा डालते हुये बलपूर्वक ले जाने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई। उक्त संबंध में श्री ओमप्रकाश चन्द्राकर, प्रधानपाठक को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्पष्टीकरण जारी किया गया। जिसका जवाब परीक्षण उपरांत संतोषप्रद प्राप्त नही पाया गया। उक्त कारण से श्री ओमप्रकाश चन्द्राकर, प्रधानपाठक को छ.ग. सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण, तथा अपील 1966 के नियम 9 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है एवं निलंबन अवधि मे इनका मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बागबाहरा निर्धारित किया गया है।जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय लहरे द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इन्हें निलंबन अवधि मे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
- - प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत नवीन स्वीकृत आवास हितग्राहियों को प्रदान किया गया स्वीकृति पत्र- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत नव-निर्मित पूर्ण आवासों में कराया गया गृह प्रवेशराजनांदगांव । सुशासन सप्ताह - प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत केन्द्र एवं राज्य शासन की शासकीय योजनाओं का लाभ जिले के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। सुशासन सप्ताह-प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत बघेरा में शिविर का आयोजन किया गया। जिले में सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर 2025 के अंतर्गत शिविर आयोजित किया जा रहा है। शिविर में प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण संबंधित विभागों द्वारा किया जा रहा है। शिविर में शासकीय योजनाओं का ग्रामीणजनों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। शिविर में 27 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण शामिल हुए। शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी देने एवं लाभान्वित करने के उद्देश्य से स्टॉल लगाया गया।शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग ने गोदभराई और अन्नप्राशन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिविर में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत नवीन स्वीकृत आवास हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत नव-निर्मित पूर्ण आवासों में गृह प्रवेश कराया गया। कार्यक्रम में ग्रामीणों को जागरूक करते हुए बाल विवाह रोकथाम के लिए शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही खाद्य विभाग, कृषि विभाग, राजस्व विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग, विद्युत विभाग, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशुधन विकास विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर अध्यक्ष जनपद पंचायत श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, सदस्य जिला पंचायत श्री अंगेश्वर देशमुख, श्री साकेत वैष्णव, श्री मोहनीश धनकर, श्री शुभम पांडे, सीईओ श्री मनीष साहू, ग्राम पंचायतों के सरपंच, अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण, ग्रामीणजन उपस्थित थे।
- दुर्ग / नगर पालिका परिषद जामुल क्षेत्रांतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय भिलाई 02 जिला दुर्ग के तहत नवीन स्वीकृत देवनगर जामुल वार्ड क्रमांक 17 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के 1-1 पद के नियुक्ति हेतु आवेदन आमंत्रित किया गया था, जिसके लिए 31 दिसम्बर 2025 तक दावा आपत्ति आमंत्रित किया गया है। दावा आपत्ति हेतु प्राप्त आवेदनों की अनन्तिम सूची परियोजना कार्यालय अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई-02 व मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिक परिषद जामुल जिला-दुर्ग के सूचना पटल पर अवलोकन हेतु चस्पा की गई है। उक्त अवधि में कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई 02 में कार्यालयीन समय पर प्रस्तुत दावा आपत्ति ही मान्य किया जाएगा।
- रायपुर । स्थानीय शांति विहार कॉलोनी , डंगनिया निवासी श्रीमती कौशिल्या देवी शुक्ला का आज सोमवार 93 वर्ष की आयु में आकस्मिक निधन हो गया। वे सुनील शुक्ला , वरिष्ठ अधिवक्ता व महामाया देवी सार्वजनिक ट्रस्ट के ट्रस्टी उपेन्द्र शुक्ला , सतीश , संजय , सुषमा शुक्ला व साधना शर्मा की माता थीं। उनकी अंतिम यात्रा कल मंगलवार को उनके निवास स्थान से पूर्वाह्न 9 बजे महादेव घाट स्थित मुक्तिधाम के लिए निकलेगी।
- -बिना प्रीमियम मिलेगा 1.60 करोड़ तक का बीमा कवररायपुर ।छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के नियमित शासकीय कर्मचारियों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य शासन और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बीच स्टेट गवर्नमेंट सैलरी पैकेज को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस एमओयू के तहत एसबीआई में वेतन खाता रखने वाले कर्मचारियों को करोड़ों रुपये का बीमा कवर पूरी तरह निःशुल्क मिलेगा।एमओयू के अनुसार कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा, एक करोड़ 60 लाख रुपए का हवाई दुर्घटना बीमा, एक करोड़ रुपए का स्थायी पूर्ण दिव्यांगता बीमा, 80 लाख रुपए का आंशिक दिव्यांगता बीमा और 10 लाख रुपए का समूह जीवन बीमा दिया जाएगा। खास बात यह है कि इन सभी बीमा सुविधाओं के लिए कर्मचारियों को कोई अतिरिक्त प्रीमियम नहीं देना होगा। इसके अलावा एसबीआई रुपे कार्ड पर 1 करोड़ रुपए के बीमा कवर में अतिरिक्त 10 लाख रुपए का लाभ भी मिलेगा। स्वास्थ्य बीमा टॉप-अप जैसी सुविधाएँ रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए लगातार ठोस फैसले ले रही है। एसबीआई के साथ यह एमओयू कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए मजबूत सुरक्षा कवच साबित होगा।वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने कहा कि यह समझौता कर्मचारियों को आर्थिक जोखिम से बचाने की दिशा में अहम पहल है। बिना किसी अतिरिक्त खर्च के इतनी व्यापक बीमा सुविधाएँ मिलना राज्य सरकार की कर्मचारी-हितैषी नीति को दर्शाता है।यह एमओयू 22 दिसंबर 2025 को वित्त सचिव, छत्तीसगढ़ शासन की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस समझौते से राज्य के नियमित कर्मचारियों को न सिर्फ बेहतर बैंकिंग सुविधाएँ मिलेंगी, बल्कि दुर्घटना या आकस्मिक स्थिति में उन्हें और उनके परिवार को बड़ी आर्थिक राहत भी सुनिश्चित होगी।
- -मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय करेंगे शुभारंभ, 14 विधाओं में 3000 युवा दिखाएंगे प्रतिभा-लोकनृत्य, लोकगीत, वाद-विवाद, चित्रकला और कविता लेखन के विजेता प्रतिभागी राष्ट्रीय युवा उत्सव में करेंगे भागीदारी-8 दलीय और 6 एकल विधाओं में होंगी प्रतियोगिताएं, दलीय विधाओं की विजेता टीम को 20 हजार और एकल स्पर्धाओं के विजेता को 5 हजार की पुरस्कार राशि-उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव शुभारंभ समारोह की करेंगे अध्यक्षता, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में होंगे शामिल-छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले पहले 'खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स' की भी होगी लॉन्चिंगरायपुर। राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 23 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक बिलासपुर के राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र बहतराई में राज्य युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 23 दिसम्बर को इसका शुभारंभ करेंगे। महोत्सव में 14 सांस्कृतिक और साहित्यिक विधाओं में प्रदेश के 3000 युवा अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। शुभारंभ समारोह में छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले पहले 'खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स' की लॉन्चिंग भी की जाएगी। उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव शुभारंभ समारोह की अध्यक्षता करेंगे। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे। राज्यपाल श्री रमेन डेका 25 दिसम्बर को समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।छत्तीसगढ़ के युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने, उनकी प्रतिभा को निखारने तथा राष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए मंच प्रदान करने राष्ट्रीय युवा महोत्सव-2026 के तारतम्य में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 14 विधाओं में प्रतियोगिताएं होंगी, जिनमें आठ दलीय विधाएं औ छह 6 एकल विधाएं शामिल हैं। दलीय विधाओं में लोकनृत्य, पंथी नृत्य, राउत नाचा, सुआ नृत्य, करमा नृत्य, लोकगीत, रॉक बैंड और एकांकी की प्रतियोगिताएं होंगी। वहीं एकल विधाओं में वाद-विवाद, कहानी लेखन, चित्रकला, कविता लेखन, नवाचार (साइंस मेला) और पारंपरिक वेशभूषा शामिल हैं। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की पांच विधाओं लोकनृत्य, लोकगीत, वाद-विवाद, चित्रकला और कविता लेखन के विजेता प्रतिभागी नई दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय युवा उत्सव-2026 में छत्तीसगढ़ की ओर से भागीदारी करेंगे।राज्य युवा महोत्सव में दलीय विधाओं में प्रथम स्थान हासिल करने वाले प्रतिभागियों को 20 हजार रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वालों को 15 हजार रुपए एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों को 10 हजार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। एकल विधाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को क्रमशः 5 हजार रुपए, 3 हजार रुपए एवं 2 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। महोत्सव में भाग लेने वाले हर प्रतिभागी को एक-एक हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।राज्य युवा महोत्सव के दौरान प्रसिद्ध कलाकारों के गायन, बैण्ड परफॉर्मेंस, कवि सम्मेलन जैसे विविध आयोजन भी होंगे। 23 दिसम्बर को उद्घाटन समारोह के दिन राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई में शाम 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक आरूग बैण्ड (श्री अनुज शर्मा) की प्रस्तुति तथा नारायणपुर के प्रसिद्ध मल्लखंब का प्रदर्शन किया जाएगा। 23 दिसम्बर को ही बिलासपुर पुलिस ग्राउंण्ड में रात साढ़े 8 बजे से कवि सम्मेलन होगा, जिसमें प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास एवं अन्य कवि कविता पाठ करेंगे। राज्य युवा महोत्सव के दूसरे दिन 24 दिसम्बर को राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई में शाम 6 बजे से काफिला बैण्ड एवं स्वप्निल लाइव बैण्ड की प्रस्तुति होगी। अंतिम दिन 25 दिसम्बर को शाम 6 बजे से सुश्री आरू साहू तथा दायरा (बस्तर) बैण्ड की प्रस्तुति होगी। समापन समारोह में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।
- रायपुर। भारत में सामाजिक सुरक्षा को तकनीक से जोड़ते हुए छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) अभियान के माध्यम से एक उल्लेखनीय राष्ट्रीय उपलब्धि दर्ज की है। केंद्र प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से जुड़े 73 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों का आधार-आधारित बायोमेट्रिक जीवन प्रमाणन सफलतापूर्वक पूर्ण कराए गए है। यह प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण तो है ही साथ ही यह दर्शाता है कि डिजिटल नवाचार को मानवीय संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाए तो अंतिम व्यक्ति तक लाभ तेज़ी और पारदर्शिता से पहुँचता है।राज्य में वृद्धजन, विधवा एवं परित्यक्ता महिलाएं तथा दिव्यांगजन, यह वे वर्ग हैं जिनके लिए पेंशन आर्थिक संबल का मूल आधार है। वर्तमान में छह पेंशन योजनाएं संचालित हैं तीन केंद्र प्रायोजित (जिन पर राज्य का अतिरिक्त टॉप-अप) और तीन पूर्णतः राज्य योजनाएं। सभी पात्र लाभार्थियों को मासिक 500 रुपये की पेंशन नियमित रूप से प्रदान की जा रही है, जिससे उनकी दैनिक आवश्यकताओं में स्थिरता आती है।DLC अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य बनाना है। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि पेंशन केवल जीवित और वास्तविक हितग्राहियों तक ही पहुँचे। डुप्लीकेट, अपात्र और फर्जी मामलों पर प्रभावी अंकुश लगने से सार्वजनिक धन का दुरुपयोग रुका और भरोसेमंद वितरण प्रणाली सुदृढ़ हुई ऐसी चुनौती जिसे कई राज्य आज भी जटिल मानते हैं।वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए राज्य ने जनसेवा केंद्रों, सहकारी संस्थाओं और विशेष शिविरों के माध्यम से घर के निकट सत्यापन की व्यवस्था की। परिणामस्वरूप, सरकारी दफ्तरों के चक्कर घटे और सहभागिता बढ़ी। कई जिलों में प्रगति 80 प्रतिशत से अधिक तक पहुँच चुकी है, जबकि शेष क्षेत्रों में विशेष ड्राइव के ज़रिये 100 प्रतिशत लक्ष्य साधने का प्रयास जारी है।पेंशन वितरण में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) को प्राथमिकता देकर राज्य ने पारदर्शिता को नई ऊँचाई दी है। वर्तमान में करीब 98 प्रतिशत पेंशन राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर हो रही है। साथ ही 75 प्रतिशत पेंशनधारकों के खाते आधार से लिंक हो चुके हैं, जिससे भुगतान त्रुटियाँ न्यूनतम और निगरानी अधिक प्रभावी हुई है।फिलहाल DLC अभियान केंद्र योजनाओं के लगभग 8 लाख लाभार्थियों तक सीमित है। अगले चरण में राज्य योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा, जिससे कुल करीब 21 लाख पेंशनधारकों का डिजिटल सत्यापन संभव होगा। यह विस्तार सामाजिक सुरक्षा के दायरे को व्यापक और मजबूत बनाएगा।डिजिटलीकरण, सामाजिक सुरक्षा और सुशासन इन तीनों के समन्वय से छत्तीसगढ़ ने यह सिद्ध किया है कि तकनीक का संवेदनशील और समावेशी उपयोग शासन को अधिक उत्तरदायी बनाता है। DLC, DBT और आधार लिंकिंग का यह संयोजन देशभर के लिए नीति-स्तरीय ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करता है जहाँ लाभ समयबद्ध, पारदर्शी और सम्मानजनक ढंग से अंतिम व्यक्ति तक पहुँचता है। छत्तीसगढ़ की यह पहल केवल एक प्रशासनिक उपलब्धि नहीं, बल्कि डिजिटल भारत के सामाजिक सुरक्षा विज़न की ठोस अभिव्यक्ति है, जो राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और नवाचार को प्रेरित करती है।
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- किसान जेठूराम बंजारे ने जताया संतोष, मुख्यमंत्री के प्रति व्यक्त किया आभार
रायपुर ।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई सुव्यवस्थित, पारदर्शी एवं किसान-हितैषी धान खरीदी व्यवस्था से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के अंतर्गत 15 नवम्बर 2025 से प्रारंभ हुई धान खरीदी के तहत सक्ती जिले के 125 धान खरीदी केंद्रों में सुचारु रूप से धान का उपार्जन किया जा रहा है।जिला कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो के निर्देशन में जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों का नियमित निरीक्षण एवं सतत निगरानी की जा रही है, जिससे किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और खरीदी प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी एवं व्यवस्थित बनी रहे।इसी क्रम में सक्ती जिले के लवसरा धान खरीदी केंद्र में ग्राम बेल्हाडीह के किसान श्री जेठूराम बंजारे द्वारा 20.80 क्विंटल धान का सफलतापूर्वक विक्रय किया गया। धान खरीदी प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त करते हुए किसान श्री जेठूराम बंजारे ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल, तेज़ और पारदर्शी हो गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में टोकन प्राप्त करने के लिए लंबी कतारों में घंटों खड़ा रहना पड़ता था, जिससे पूरा दिन व्यर्थ हो जाता था। लेकिन अब 24×7 ऑनलाइन टोकन सुविधा शुरू होने से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो गई है।श्री बंजारे ने बताया कि ‘तुहर टोकन’ मोबाइल ऐप के माध्यम से उन्हें घर बैठे ऑनलाइन टोकन प्राप्त हो गया। टोकन मिलने के बाद न तो लाइन में लगने की आवश्यकता पड़ी और न ही समय की बर्बादी हुई। खरीदी केंद्र पहुँचते ही सीधे धान की तौलाई प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई।धान खरीदी केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन के माध्यम से सटीक तौलाई की गई तथा हमालों की भी पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध रही, जिससे पूरी प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हुई।श्री बंजारे ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य मिलने से किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है। साथ ही समय पर भुगतान होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। ऑनलाइन टोकन प्रणाली से समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है तथा खरीदी केंद्रों पर भीड़ प्रबंधन में भी उल्लेखनीय सुधार आया है।जेठूराम बंजारे की तरह जिले के अधिकांश किसान अब इन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। किसान श्री बंजारे ने किसान-हित में लागू इस अभिनव व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया। - रायपुर ।शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी की सुव्यवस्थित और पारदर्शी व्यवस्था किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में 15 नवंबर से प्रारंभ हुई इस व्यवस्था ने किसानों का भरोसा मजबूत किया है। जिले के खरतुली ग्राम निवासी प्रगतिशील किसान श्री बलवंत मेश्राम की सफलता की कहानी इसका सशक्त उदाहरण है, जहाँ सरकारी योजनाओं का सही उपयोग और वैज्ञानिक खेती ने उनकी तक़दीर बदल दी।श्री मेश्राम ने इस वर्ष अपने 4.42 एकड़ खेत में उत्पादित लगभग 50 क्विंटल धान को नजदीकी धान उपार्जन केंद्र में समर्थन मूल्य पर बेचा। उन्होंने बताया कि टोकन कटवाने से लेकर धान की तौल और खरीदी तक की पूरी प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध रही। उपार्जन केंद्र में छाया, पेयजल और बैठने जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता से किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई, जिसके लिए उन्होंने शासन की व्यवस्थाओं की सराहना की।धान उत्पादन के साथ-साथ श्री मेश्राम फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने वाले जागरूक किसान हैं। पिछले वर्ष उन्होंने 60 क्विंटल धान का विक्रय किया था, जिससे प्राप्त राशि का उपयोग उन्होंने बेहतर बीज, खाद, कृषि सुधार और आधुनिक तकनीकों में किया। इसका परिणाम यह हुआ कि उनकी खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनती गई।रबी मौसम में वे चना की खेती को प्राथमिकता देते हैं। पिछले वर्ष 4 एकड़ में चना की खेती से उन्हें लगभग 36 हजार रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई। चना की फसल कम लागत में बेहतर मुनाफा देने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और जल संरक्षण में भी सहायक है। स्वयं के बोर की सुविधा होने से सिंचाई व्यवस्था भी सुचारू रहती है।श्री बलवंत मेश्राम की यह कहानी दर्शाती है कि यदि किसान सरकारी योजनाओं का सही लाभ उठाएँ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करें, तो कृषि केवल आजीविका का साधन नहीं बल्कि समृद्धि का मजबूत आधार बन सकती है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जैसी योजनाएँ किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
- -श्रवण व दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के कौशल उन्नयन शिविर का राज्यपाल ने किया अवलोकनरायपुर। छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम तथा महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रवण एवं दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के कौशल उन्नयन शिविर का राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज अवलोकन किया और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे दिव्यांगजनों का उत्साहवर्धन किया।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि दिव्यांगजन अकेले नहीं हैं, उनके साथ पूरा देश, समाज और परिवार खड़ा है। यह शिविर केवल प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रेरणादायक पहल है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनना ही सच्चा सशक्तिकरण है। दिव्यांगता बाधा नहीं, क्षमता का माध्यम बने।राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांग भाई-बहनों की चुनौतियाँ अक्सर समाज की नजरों से ओझल रह जाती हैं, जबकि उनकी क्षमताएँ असाधारण होती हैं। हमारी व्यवस्थाएँ ऐसी होनी चाहिए कि दिव्यांगता बाधा न बने, बल्कि उनकी प्रतिभा और सामर्थ्य को सामने लाने का माध्यम बने।उन्होंने कहा कि समर्थ भारत और विकसित भारत @2047 का संकल्प तभी साकार होगा, जब दिव्यांगजनों को समान अवसर, सम्मान और आत्मनिर्भरता मिले। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सहायता के साथ-साथ स्वावलंबन पर जोर देता है।राज्यपाल ने दिव्यांगजनों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण का पूरा लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें और आगे चलकर दूसरों को भी रोजगार देने का माध्यम बनें। उन्होंने कहा कि आप में गिरने के बाद उठने की शक्ति है और समाज आपकी इस यात्रा में आपके साथ है।राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सेवा भावना और संवेदना मजबूत है। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए संस्थाओं और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं।राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए रैंप, सुलभ शौचालय, बाधा-रहित भवन, स्कूलों और सार्वजनिक संस्थानों में आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विदेशों की तरह हमें भी दिव्यांगजनों के प्रति सम्मान और स्वीकार्यता का वातावरण बनाना होगा।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह शिविर दिव्यांगजनों को आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की नई दिशा देगा और वे विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।जैनम मानस भवन नया रायपुर में यह कौशल उन्नयन शिविर 23 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए 1000 से अधिक श्रवण एवं दृष्टिबाधित दिव्यांगजन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जो इस आयोजन की व्यापकता और प्रभाव को दर्शाता है।कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम, रायपुर के अध्यक्ष श्री लोकेश कावड़िया तथा महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष श्री पुष्प जैन ने भी अपने विचार रखे।इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव, अन्य अधिकारी, संस्था पदाधिकारी, दिव्यांगजन एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
- -फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग स्थापित कर हर माह कमा रहे लगभग एक लाख रुपए-दृढ़ संकल्प और सरकारी योजना से साकार हुआ स्वरोजगार का सपनारायपुर। उचित मार्गदर्शन एवं संसाधनों के अभाव में प्रायः युवा वर्ग व्यवसाय की ओर अग्रसर नहीं हो पाता। कई बार निराशा और हताशा भी उन्हें आगे बढ़ने से रोक देती है, लेकिन कुछ युवा ऐसे भी होते हैं जो कठिन परिस्थितियों में हार नहीं मानते और अपने दृढ़ संकल्प से सफलता की नई मिसाल कायम करते हैं। ऐसा ही प्रेरणादायी उदाहरण हैं जिला सक्ती अंतर्गत विकासखंड सक्ती के ग्राम जुनवानी निवासी श्री उपेश कुमार सिदार।एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे श्री उपेश कुमार सिदार के परिवार में माता-पिता एवं दो छोटे भाई सहित कुल पाँच सदस्य हैं। उनके पिता एसईसीएल से सेवानिवृत्त हैं, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। श्री सिदार ने वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के दौरान ही उनके मन में स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने का विचार उत्पन्न हुआ, किंतु आर्थिक संसाधनों की कमी उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनी।इसी दौरान उन्हें जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, सक्ती के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना की जानकारी मिली, जिसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के स्वरोजगार हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मार्गदर्शन में राइस पफ्ड (फूड प्रोसेसिंग उद्योग) स्थापित करने का परियोजना प्रस्ताव तैयार किया।श्री सिदार द्वारा प्रस्तुत परियोजना की कुल लागत 30 लाख 42 हजार 105 रुपए थी, जिसे बैंक ऑफ बड़ौदा, सक्ती में प्रस्तुत किया गया। बैंक द्वारा परियोजना का परीक्षण कर 28 लाख 90 हजार रुपए का ऋण स्वीकृत एवं वितरित किया गया। साथ ही पीएमईजीपी योजना अंतर्गत 10 लाख 64 हजार 737 रुपए का अनुदान भी प्रदान किया गया।निरंतर परिश्रम, अनुशासन एवं गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता के चलते श्री सिदार का फूड प्रोसेसिंग उद्योग निरंतर प्रगति कर रहा है। वर्तमान में उन्होंने तहसील सक्ती अंतर्गत ग्राम डड़ई में अपना उद्योग सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है, जिससे 09 अन्य स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हो रहा है। आज श्री उपेश कुमार सिदार को प्रतिमाह लगभग एक लाख रुपए की आय हो रही है।स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बने श्री उपेश कुमार सिदार न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन कर अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना उनके जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की सशक्त मिसाल बनकर उभरी है।
- -दो वर्षों के सुशासन में बदली कुनकुरी की तस्वीर, विकास की लिखी गई नई इबारतरायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में सुशासन के दो वर्षों के दौरान विकास की नई गति देखने को मिल रही है। इसी क्रम में जशपुर जिले के कुनकुरी नगर पंचायत क्षेत्र को 107 करोड़ 32 लाख रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की स्वीकृति देकर मुख्यमंत्री ने नगर को ऐतिहासिक सौगात दी है। इन योजनाओं से कुनकुरी नगर की आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, पर्यटन, यातायात और नागरिक सुविधाओं में व्यापक और दीर्घकालिक सुधार होगा।कुनकुरी नगर में युवाओं को आधुनिक खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 63 करोड़ 84 लाख रुपये की लागत से इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण को मंजूरी दी गई है। यह कॉम्प्लेक्स क्षेत्रीय युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने में मील का पत्थर साबित होगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने नगर पंचायत क्षेत्र में 53 विकास कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति देकर जनता से किए गए अपने वादे को पूरा किया है। इन कार्यों से नगर के विभिन्न वार्डों और मोहल्लों में बुनियादी सुविधाएं सुदृढ़ होंगी और नागरिक सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आएगा।स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुनकुरी को बड़ी सौगात देते हुए 2 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से नेचुरोपैथी भवन निर्माण को मंजूरी दी गई है। इससे प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग को बढ़ावा मिलेगा तथा नागरिकों को बेहतर वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।पर्यटन और धार्मिक आस्था को सशक्त करने के लिए छठ घाट के समग्र विकास हेतु 5 करोड़ 17 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। घाट के सौंदर्यीकरण और विकास से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों मंक वृद्धि होगी।कुनकुरी नगर में सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों के लिए 6 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से आधुनिक बहुउद्देशीय ऑडिटोरियम भवन का निर्माण किया जाएगा, जिससे कला, संस्कृति और सामाजिक आयोजनों को नया मंच मिलेगा। शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती लाने के उद्देश्य से नालंदा परिसर के 250 सीटर विस्तार के लिए 4 करोड़ 37 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्राप्त होगा।नगर के यातायात को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए 7 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से हाई-टेक बस स्टैंड के निर्माण को मंजूरी मिली है, जिससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी और यातायात व्यवस्था सुदृढ़ होगी। इसके साथ ही नगर में बच्चों के मनोरंजन और सुरक्षित खेल के लिए 1 करोड़ 2 लाख रुपये की लागत से रिक्रिएशन चिल्ड्रन पार्क का निर्माण किया जाएगा। वहीं 6 करोड़ रुपये की राशि से वार्ड क्रमांक 1 से 15 तक एलईडी स्ट्रीट लाइट एवं अन्य विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे नगर में बेहतर प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित होगी।इन सभी योजनाओं के माध्यम से कुनकुरी नगर तेजी से स्मार्ट सुविधाओं, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, सशक्त शिक्षा, आधुनिक यातायात और समृद्ध सांस्कृतिक गतिविधियों से युक्त एक आदर्श नगर के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में कुनकुरी नगर विकास, विश्वास और भविष्य की नई मिसाल बनता जा रहा है। नगरवासियों ने इन ऐतिहासिक विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
- -24 महिलाओं को 36 दुधारू पशु वितरित-प्रत्येक हितग्राहियों को प्रतिमाह 13 हजार का आमदनी-कोण्डागांव और कांकेर जिले में पायलट परियोजना संचालित-दुग्ध उत्पादकों को मिल अनुदान और बैंक ऋणरायपुर। रोजगार और स्वरोजगार के माध्यम से लोगों की आमदनी बढ़ाने के लिए बस्तर संभाग में डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। एनडीडीबी के माध्यम से कांकेर और कोण्डागांव जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत संचालित की जा रही। इस योजना में जनजातीय महिलाओं को डेयरी व्यवसाय से जोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 01 जून 2025 को कोण्डागांव जिले के भोंगापाल गांव से इस योजना शुभारंभ किया था।बस्तर संभाग के कोण्डागांव एवं कांकेर जिले के 125 हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान पर दुधारू पशु प्रदाय के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 47 महिलाओं के आवेदन पत्र बैंक से ऋण स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 24 महिलाओं को 36 दुधारू पशु वितरित किया गया है। हितग्राहियों को अच्छे नस्ल की दुधारू गाय प्रदान करने हेतु एनडीडीबी डेयरी सर्विसेस द्वारा साहीवाल नस्ल की गाय (8-10 लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादन क्षमता) राजस्थान एवं पंजाब क्षेत्र से चिन्हित कर अनुसूचित जनजाति महिलाओं को वितरण किया जा रहा है।दुग्ध महासंघ द्वारा वर्तमान में बस्तर संभाग अंतर्गत 95 कार्यशील दुग्ध समितियों के 4006 दुग्ध प्रदायकों के माध्यम से 15060 लीटर दूध प्रतिदिन संकलित किया जाकर, लगभग 8000 लीटर दूध प्रतिदिन कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर जिलों में विपणन किया जा रहा है।बस्तर संभाग में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए आगामी 5 वर्षाे में 400 नयें ग्रामों को दुग्ध समिति के माध्यम से जोड़ा जायेगा। जिसमें लगभग 9000 दूध प्रदायक जुड़ेगें एवं 48 हजार लीटर दूध संकलन किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 28 हजार लीटर क्षमता के दुग्ध शीतलीकरण केन्द्रों एवं एक 1 लाख लीटर क्षमता का नवीन दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना बस्तर जिले में किया जायेगा।यह योजना राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एन.डी.डी.बी.) की सहायक कंपनी एन.डी.डी.बी. डेयरी सर्विसेस की मदद से कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार 2 दुधारू पशुओं की लागत राशि रूपये 1.40 लाख पर 50 प्रतिशत अनुदान 70 हजार प्रदान किया जा रहा है, शेष 40 प्रतिशत बैंक ऋण एवं 10 प्रतिशत राशि हितग्राही को वहन करना होता है।अनुसूचित जनजाति महिला किसानों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक (CRGB) के साथ एक समझौता ज्ञापन निष्पादित किया है, जो रियायती ब्याज दर पर 4 साल की अवधि के लिए ऋण प्रदान करता है। दुग्ध महासंघ द्वारा ऋण की किश्त हितग्राही किसानों के दूध बिल से कटौती कर बैंक में जमा किया जाता है।इसके अतिरिक्त, योजना अंतर्गत हितग्राहियों को एक वर्ष की अवधि के लिए निःशुल्क सहायता प्रदान किया जा रहा है, जिसमें- गाय की बीमा (एक साल के लिए), पशु स्वास्थ्य निगरानी उपकरण, 5 किलोग्राम साइलेज चारा, 2 किलोग्राम पशु आहार, एवं 50 ग्राम खनिज मिश्रण प्रति पशु प्रतिदिन प्रदान किया जा रहा है। पशु प्रेरण से पहले एवं बाद में वैज्ञानिक पशु प्रबंधन प्रणाली पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पशु प्रजनन एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही है।डेयरी इकाई स्थापना पश्चात् अनुसूचित जनजाति महिला हितग्राहियों से घरेलू उपयोग पश्चात अतिशेष दूध का क्रय दुग्ध महासंघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर किया जाता है। दुग्ध संकलन को सरल करने के लिए दुग्ध महासंघ द्वारा नये दुग्ध समिति की स्थापना एवं दुग्ध संकलन मार्ग का गठन किया गया है। एक अनुसूचित जनजाति महिला हितग्राही द्वारा लगभग 12 लीटर दूध प्रतिदिन दुग्ध समिति में दिया जा रहा है, जिससे महिला हितग्राही को 1 माह में लगभग राशि रू. 13,000 प्राप्त होता है। जो कि अनुसूचित जनजाति महिला किसानों को उनकी आजीविका बढ़ाने, पोषण में सुधार करने एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों के बीच आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो रहा है।
- महासमुंद / महासमुंद जिले में आगामी रबी वर्ष 2026-27 की बीज आवश्यकता की पूर्ति हेतु आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ रबी फसल वर्ष 2025-26 में बीज उत्पादन कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। उप संचालक कृषि ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत 10 वर्ष के अंदर एवं 10 वर्ष के बाहर की किस्मों के बीज उत्पादन हेतु गेहूं, सरसों, मूंगफली, मूंग एवं अलसी फसलों का लक्ष्य तय किया गया है।जिले के बीज प्रक्रिया केन्द्र लभरा खुर्द तथा अंतर्गत विकासखंड महासमुंद एवं बागबाहरा में 10 वर्ष के बाहर की किस्मों के अंतर्गत सरसों फसल का 15.00 हेक्टेयर क्षेत्र में बीज उत्पादन लक्ष्य रखा गया है। वहीं बीज प्रक्रिया केन्द्र बसना एवं विकासखंड बसना व पिथौरा क्षेत्र में 10 वर्ष के बाहर की किस्मों के अंतर्गत गेहूँ, सरसों एवं मूंगफली का 25.00-25.00 हेक्टेयर क्षेत्र में बीज उत्पादन किया जाएगा। इसी प्रकार बीज प्रक्रिया केन्द्र सरायपाली एवं विकासखंड सरायपाली क्षेत्र में सरसों का 20.00 हेक्टेयर तथा मूंगफली का 50.00 हेक्टेयर क्षेत्र में बीज उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है।इसके साथ ही 10 वर्ष के अंदर की किस्मों के बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत बीज प्रक्रिया केन्द्र लभरा खुर्द एवं विकासखंड महासमुंद व बागबाहरा क्षेत्र में गेहूं का 45.00 हेक्टेयर तथा सरसों का 15.00 हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है। बीज प्रक्रिया केन्द्र बसना एवं विकासखंड बसना व पिथौरा क्षेत्र में गेहूं का 15.00 हेक्टेयर तथा अलसी का 5.00 हेक्टेयर क्षेत्र बीज उत्पादन हेतु चयनित किया गया है। वहीं बीज प्रक्रिया केन्द्र सरायपाली एवं विकासखंड सरायपाली क्षेत्र में गेहूं का सर्वाधिक 100.00 हेक्टेयर तथा मूंग का 20.00 हेक्टेयर क्षेत्र में बीज उत्पादन किया जाएगा।कृषि विभाग द्वारा जिले के उन सभी किसानों से अपील की गई है जो अनाज, दलहन एवं तिलहन फसलों के बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं, वे संबंधित बीज प्रक्रिया केन्द्र, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर बीज प्राप्त करते हुए बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु पंजीयन संबंधी आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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- 5 वर्ष की संधारण अवधि वाली कुल 138 सड़कों में आवश्यकतानुसार कराया जाएगा मरम्मत कार्य
मोहला । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत जिला मोहला-मानपुर-अं. चौकी में निर्मित सड़कों को गड्ढा मुक्त एवं बेहतर यातायात योग्य बनाने के लिए चरणबद्ध रूप से मरम्मत एवं संधारण कार्य किया जा रहा है।
प्रथम चरण में 1 नवम्बर से 30 नवम्बर 2025 तक विशेष अभियान चलाकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों का अनुबंध शर्तों के अनुसार मरम्मत कार्य कराया गया। इस दौरान सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत कर आवागमन को सुरक्षित एवं सुगम बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसी क्रम में द्वितीय चरण के अंतर्गत 5 दिसम्बर से 20 दिसम्बर 2025 तक ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों में प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत सड़क के दोनों ओर शोल्डर की सफाई, किलोमीटर स्टोन पर लिखाई एवं रंगाई-पोताई, सड़क में बने गड्ढों की भराई तथा डामर से पैच रिपेयर का कार्य किया जा रहा है।
स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान सड़क निर्माण एवं नवीनीकरण पश्चात् अनुबंध अनुसार 5 वर्ष की संधारण अवधि वाली कुल 138 सड़कों में आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। इसमें सड़क के दोनों तरफ शोल्डर की सफाई, किलोमीटर स्टोन एवं सूचना बोर्ड की रंगाई-पोताई तथा डामरीकृत सतह की मरम्मत शामिल है। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा, स्वच्छता एवं यातायात सुविधा में सुधार होने के साथ-साथ आमजन को बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो रही है। -
बिलासपुर। नगर पालिक निगम बिलासपुर के नवपदस्थ कमिश्नर प्रकाश कुमार सर्वे ने आज नगर पालिक निगम कमिश्नर एवं स्मार्ट सिटी के प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने निगम एवं स्मार्ट सिटी परियोजनाओं से जुड़ी योजनाओं एवं कार्यों कार्यों की विस्तृत जानकारी ली।
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रायपुर। केन्द्रीय सहकारी बैंक रायपुर के अधीनस्थ आरंग शाखा के अंतर्गत आने वाले 18 धान खरीदी केन्द्रों में तक़रीबन 4 लाख क्विंटल धान परिवहन के इंतजार में पड़ा है । इन केन्द्रों में लगभग 5 लाख क्विंटल धान , खरीदी शुरू होने के लगभग 50 दिनों के भीतर खरीदी गया है जिसमें से महज 60 हजार क्विंटल धान का ही परिवहन मिलर्स द्वारा अब तक किया जा सका है। उठाव हेतु सर्वाधिक धान चपरीद में करीबन 35 हजार क्विंटल व सर्वाधिक कम 8 हजार क्विंटल पारागांव में है । रीवा केन्द्र में 33 हजार , भानसोज व बाना मे 35 - 35 हजार क्विंटल , फरफौद व मोखला में 30 - 30 हजार , आरंग , जरौद व परसकोल में 25 - 25 हजार , खमतराई , गौरभाठ व गोविंदा में 20 - 20 हजार , भिलाई में 20 हजार , भलेरा में 15 हजार , लखौली में 14 हजार व पंधी में 10 हजार क्विंटल धान जाम पड़ा है । कतिपय केन्द्रों का जायजा ले किसानों से चर्चा करने व अन्य केन्द्रों के जागरूक किसानों से मिले फीडबैक के आधार पर यह जानकारी देते हुये किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने कहा है कि सामयिक उठाव न करवा पाने की यह विपणन संघ की विफलता है जिसे वह केन्द्रों की बफर स्टाक लिमिट में बीते वर्षों की तुलना में अनुपातिक बढ़त कर छिपाना चाहता है ।
भानसोज के युवा जागरूक किसान द्रोण चंद्राकर ने जानकारी दी है कि जाम धान की वजह से सोसायटी को होने वाले नुकसान व खरीदी हेतु जगह कम पड़ने की संभावना को देखते हुये किसानों की मांग पर सोसायटी के प्राधिकृत अधिकारी जगनमोहन यादव ने जिला विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर अविलंब परिवहन कराने का आग्रह किया है । इसी तरह सहकारी बैंक शाखा खरोरा के अधीनस्थ आने वाले फरहदा सोसायटी के अध्यक्ष योगेश चंद्राकर ने भी खरीदी केंद्र में जाम धान की स्थिति को देखते हुये बीते दिनों जिलाधीश डाक्टर गौरव सिंह को ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी है ।
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*कलेक्टर के निर्देश पर हुई कार्रवाई, जिले में अवैध खनन एवं परिवहन पर निरंतर निगरानी*
रायपुर/ कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के निर्देशानुसार खनिज विभाग की टीम द्वारा आरंग के अंतर्गत समोदा, कागदेही एवं हरदीडीह रेत खदान क्षेत्रों में औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अवैध रेत खनन की गतिविधियाँ पाए जाने पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की गई।कार्रवाई के दौरान समोदा एवं कागदेही रेत खदान से एक मोटर बोट सक्शन मशीन (पनडुब्बी) एवं एक चेन माउंट मशीन जब्त कर खनन कार्य तत्काल बंद करवाया गया। वहीं कागदेही रेत खदान को सील कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त हरदीडीह क्षेत्र में अवैध खनन में संलिप्त पाए गए दो हाइवा वाहनों को भी जब्त कर आरंग थाना परिसर में सुरक्षित रखा गया है।खनन कार्य में संलिप्त व्यक्तियों एवं रेत खदान संचालक को नोटिस जारी करते हुए उनके विरुद्ध खान एवं खनिज तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत विधिसम्मत कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।जिला प्रशासन द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिले में अवैध खनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने हेतु इस प्रकार की सख्त कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी। -
- शिविर में ग्रामीणों को प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और फसलचक्र परिवर्तन की दी गई जानकारी
राजनांदगांव । सुशासन सप्ताह-प्रशासन गांव की ओर अभियान के तहत डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत रामाटोला में शिविर का आयोजन किया गया। जिले में सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर 2025 के अंतर्गत शिविर आयोजित किया जा रहा है। शिविर में प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण संबंधित विभागों द्वारा किया जा रहा है। शिविर में शासकीय योजनाओं का ग्रामीणजनों तक पहुंच सुनिश्चित करना है। शिविर में 17 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण शामिल हुए। शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी देने एवं लाभान्वित करने के उद्देश्य से स्टॉल लगाया गया। जिसमें कुल 49 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 8 आवेदनों का त्वरित निराकरण किया गया।
शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग ने गोदभराई और अन्नप्राशन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिविर में विद्युत विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के संबंध में जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषि विभाग द्वारा फसलचक्र परिवर्तन तथा राजस्व विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग, पशुधन विकास विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर उपाध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्र मर्यादित बैंक राजनांदगांव श्री भरत वर्मा, उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती किरण साहू, अध्यक्ष जनपद पंचायत डोंगरगढ़ श्रीमती लता सिन्हा, सदस्य जिला पंचायत श्रीमती अनिता मंडावी, जनपद पंचायत सदस्य श्री महेश सेन, जनपद पंचायत सदस्य श्री सुरेश वर्मा, जनपद पंचायत सदस्य श्री तामेश्वर साहू, सरपंच ग्राम पंचायत रामाटोला, झंडातलाव, भोथली, गाजमर्रा एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। -
- कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ भू-जल के संरक्षण एवं संवर्धन में कारगर
- सौर सुजला योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मिल रही मददराजनांदगांव । सौर सुजला योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के कृषकों की सिंचाई आवश्यकता हेतु सोलर सिंचाई पंपों की स्थापना करना है। सोलर पंप के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल के संरक्षण एवं संवर्धन तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। सौर सुजला योजना उन कृषकों के लिए हितकर एवं लाभदायी है, जिसके पास कृषि भूमि उपलब्ध होते हुए भी सिंचाई हेतु उचित व्यवस्था नहीं होती है या कृषक के खेत तक विद्युत विस्तार लाईन का व्यय अत्यधिक होने के कारण वहन नहीं करने की स्थिति में केवल मानसून पर ही निर्भर रहते है। ऐसे कृषक अपने कृषि भूमि के निकट नदी, नाला एवं अन्य जल स्त्रोत उपलब्ध होने पर डीजल व केरोसीन पंप स्थापित कर सिंचाई हेतु जलापूर्ति करते हैं या तो जलस्त्रोत उपलब्ध नहीं होने पर वर्षा का इंतजार करते हंै। समय पर वर्षा नहीं होने के कारण कृषकों की फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे कृषक आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते है व उनके परिवारों के सामने भरण पोषण की विकराल समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन की पहल एवं वित्तीय सहयोग से क्रेडा द्वारा राज्य एवं जिले के ऐसे कृषकों जो वर्षों से विद्युत विभाग (सीएसपीडीसीएल) से विद्युत आपूर्ति की लागत अधिक होने के कारण पंप के लिए बिजली प्राप्त नहीं कर पा रहे थे के यहां बोर, कुंआ या ऐसे जल स्त्रोतों जहां पर्याप्त मात्रा में सरफेस वाटर उपलब्ध है। वहां सौर सुजला योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप का स्थापना कार्य किया जा रहा है।सौर सुजला योजना से किसानों को बड़ी राहत मिली है व आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे हैं। किसानों को विद्युत हेतु किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ रहा है जिससे किसानों को अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिली है। सोलर पंप स्थापना से शासन की करोड़ों रूपए की बिजली की बचत हो रही है व जमीन के दोहन, कोयला की बचत एवं कोयले की जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड धुंए से मुक्ति मिल रही है। योजना अंतर्गत हितग्राही का चयन कृषि विभाग द्वारा किया जाता है। पंप की क्षमता तथा हितग्राहियों के संवर्ग के अनुसार हितग्राहियों द्वारा देय अंशदान की राशि 3 एचपी क्षमता हेतु प्रोसेसिंग शुल्क सहित अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए 10000, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15000 एवं सामान्य वर्ग के लिये 21000 रूपए है। इसी प्रकार 5 एचपी क्षमता हेतु प्रोसेसिंग शुल्क सहित अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए 14800, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 19800 एवं सामान्य वर्ग के लिए 24800 रूपए है।इस योजना के बाद किसानों को विद्युत हेतु किसी भी प्रकार का बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा। जिससे सरकार को बिजली बचत करने में भी मदद मिलेगी व किसानों को अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिलेगी। पंप स्थापित करने से कृषकों को औसत लगभग प्रतिमाह 360 से 600 यूनिट अर्थात वर्ष में 4300 से 7200 यूनिट तक की बिजली की बचत होती है। जिसकी अनुमानित बचत राशि प्रतिवर्ष 17200 से 28800 तक होगी अर्थात लगभग 3440 से 5760 किलो कोयला की बचत एवं कोयले के जलने से उत्सर्जित होने वाले कॉर्बन डाईऑक्साईड धुंए से मुक्ति मिलेगी। जिले को 400 नग सोलर पंप स्थापना हेतु लक्ष्य आबंटन हुआ है। सोलर सिंचाई कृषि पंप स्थापना हेतु आवेदन प्राप्त किये जा रहे है। कृषक नजदीकी कृषि विभाग के विकासखण्ड कार्यालय एवं सीधे क्रेडा जिला कार्यालय में अपना आवेदन जमा कर सकते हंै। - - बिजली बिल शून्य, बिजली के खर्च से मिली बड़ी राहतराजनांदगांव । प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत जिले में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम उपभोक्ताओं के जीवन में स्पष्ट रूप से देखने मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से उपभोक्ताओं को न केवल बिजली बिल में राहत मिल रही है, बल्कि स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेते हुए राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम लिटिया निवासी श्रीमती प्रीति वर्मा ने 6 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप पावर प्लांट अपने घर के छत पर स्थापित किया है। श्रीमती प्रीति वर्मा ने बताया कि सोलर पैनल स्थापित होने से पहले उनका मासिक बिजली बिल लगभग 7 हजार रूपए से 10 हजार रूपए के बीच आता था। सोलर पैनल स्थापना के बाद लगातार 6 माह तक उनका बिजली बिल शून्य अथवा माइनस में आया। जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिली। इसके अतिरिक्त उन्हें 2900 रूपए का सोलर रिबेट प्राप्त हुआ है, जबकि उसी माह उनका बिजली बिल मात्र 190 रूपए आया है। जिससे बिजली के खर्च से बड़ी बचत मिल रही है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान हो रहा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना स्वच्छ, हरित एवं आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। जिससे अधिक से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होकर सौर ऊर्जा को अपना रहे हैं।





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