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*मुख्यमंत्री ने श्री बघेल ने राज्य वन विकास निगम के नवनिर्मित आवासीय परिसर का किया लोकार्पण*
*नवा रायपुर के सेक्टर 26 में 6 करोड़ रूपए की राशि से निर्मित है पांच मंजिला भवन**मुख्यमंत्री श्री बघेल को राज्य वन विकास निगम की ओर से 2.10 करोड़ रूपए के लाभांश तथा लीज रेंट की राशि का सौपा गया चेक*रायपुर/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नवा रायपुर स्थित सेक्टर 26 में छत्तीसगढ़ राज्य वन निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए 5.96 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित पांच मंजिला भवन का वर्चुअल रूप से लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने की।आज यहां राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल को छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम की ओर से वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर तथा राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष एवं विधायक बसना श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा वर्ष 2020-21 के लाभांश एवं लीज रेंट 2.10 करोड़ रूपए का चेक भी सौपा गया। इनमें निगम के लाभांश के रूप में एक करोड़ 11 लाख रूपए का लीज रेंट के रूप में 99 लाख रूपए की राशि शामिल है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य वन विकास निगम के नवनिर्मित आवासीय परिसर का लोकार्पण करते हुए कहा कि इस भवन के बन जाने से विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के गठन के 21 वर्षों के बाद निगम द्वारा अपने स्वयं की आय से विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए पांच मंजिला भवन बनाया गया है। इसके लिए उन्होंने निगम को विशेष रूप से बधाई और शुभकामनाएं दी।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति केे सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में वनांचल के लोगों के सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में वन विकास निगम की भी अहम भागीदारी रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वनवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। हमने वनवासियों के आय के स्त्रोत में वृद्धि तथा वनो की सुरक्षा के मद्देनजर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र देने की शुरूआत की है। इस तरह हमारी सरकार के विकास, विश्वास और सुरक्षा की नीतियों के चलते राज्य के वनांचल के लोगों में भी एक नया बदलाव और उत्साह दिखाई देने लगा है।कार्यक्रम को वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सागौन वृक्षारोपण के विरलन से प्राप्त वनोपज का विक्रय वन विकास निगम के आय का मुख्य स्त्रोत है। उन्होंने बताया कि इससे वित्तीय वर्ष 2020-21 में निगम को 57 करोड़ 70 लाख रूपए की आय तथा विभिन्न कार्यो पर 45 करोड़ 31 लाख रूपए के व्यय उपरांत 11 करोड़ 58 लाख रूपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ हुआ है। उन्होंने इस दौरान बताया कि निगम के नवनिर्मित भवन में कुल 16 प्रकोष्ठ हैं, जिसमें 3 बेडरूम के 6 प्रकोष्ठ तथा 2 बेडरूम के 10 प्रकोष्ठ और चौथे मंजिल पर टंªाजिट हॉस्टल तथा कम्यूनिटी हॉल निर्मित है।इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री पी.सी.पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। - मतदाता रविवार को सौंपेंगे समाज की बागडोर*टी सहदेवभिलाई नगर। छत्तीसगढ़ अग्निकुल क्षत्रिय समाज के 26 जून को होने वाले चुनाव में सभी मुख्य पदों पर दो कोणीय मुकाबला होगा। मतदान सेक्टर 05 स्थित कामाक्षी मंदिर परिसर में रखा गया है। इस दिन मतदाता अध्यक्ष, महासचिव समेत 21 पदाधिकारियों को समाज की बागडोर सौंपेंगे। मतदान की समय सीमा समाप्त होने पर मतगणना शुरू हो जाएगी और देर शाम तक सभी नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।इस चुनाव में वी कोटेश उप कोषाध्यक्ष, डी जगपति तथा टी तुलसीदास सहसचिव पद पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं। मालूम रहे कि निर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा, जो मंदिर का प्रशासनिक कार्य संभालेंगे। इससे पहले वर्ष 2018 में चुनाव हुआ था। मंदिर में माता कामाक्षी की प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठा में हुई देरी तथा कोरोना गाइडलाइन के कारण चुनाव एक वर्ष के लिए स्थगित करना पड़ा।अंतिम सूची घोषित होने के बाद जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है, उसके मुताबिक अध्यक्ष पद पर कृष्णाराव व टी डिल्वेश्वर, महासचिव पद पर पापाराव और रामाराव तथा कोषाध्यक्ष पद पर आर वासुदेव व टी मानेश्वर राव के बीच सीधी टक्कर है। जहां उपाध्यक्ष पद पर ए श्रीनिवास राव, जोगेश्वर राव और वाई पपाराव के बीच रोचक मुकाबला होने वाला है, वहीं सचिव पद पर टी डिल्लेश्वर राव एवं टी कृष्णाराव जोर आजमाने वाले हैं। उधर कार्यकारिणी में जगह बनाने के लिए बी रामाराव, सी एच बालकृष्णा, डी श्रीनिवास, ई कामेश्वर राव, गुरुमूर्ति, जे अप्पाराव, के प्रकाशराव, एन वेंकटरमणा, पी संन्यासी राव, पी शंकरराव, आर जनकराम, टी भास्कर राव, टी चिरंजीव तथा वाई उपेंद्रराव अपनी किस्मत आजमाएंगे।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों एवं अन्य ग्रामीणों के लिए आजीविका विकास, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी का स्थानान्तरण, कृषि आय में बढ़ोतरी तथा फसलों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन द्वारा आय के स्थायी साधन विकसित करने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं आई.सी.आई.सी.आई फाऊंडेशन, मुम्बई मिल-जुलकर कार्य करेंगे। इस संबंध में आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार सेवा निदेशालय में आयोजित अनुबंध समारोह में इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. पी.के. चन्द्राकर एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के ओर से मुख्य परिचालन अधिकारी श्री अनुज अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये। अनुबंध समारोह के मुख्य अतिथि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एम.पी. ठाकुर थे। समझौते के तहत प्रदेश रायपुर, दुर्ग, कोरबा और जशपुर जिले के किसानों एवं ग्रामीणों के लिए आजीविका एवं आयवर्धक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा, जिनमें किसानों को नवीन कृषि प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण, फसलों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, मूल्य श्रंृखला का निर्माण तथा उत्पादों के विपणन की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है। इन गतिविधियों के संचालन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का तकनीकी मार्गदर्शन होगा तथा वित्तीय प्रबंधन आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन द्वारा किया जाएगा।इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के सम्पन्न अनुबंध के तहत चयनित चार जिलों में कृषि, उद्यानिकी फसलों के प्रसंस्करण के साथ ही डेयरी, मशरूम, लाख, कोसा पालन आदि उद्यमों के द्वारा कृषि आय में वृद्धि, फसलों की पोषकता एवं पोषण मूल्य में बढ़ोतरी तथा बाड़ी आधारित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मशरूम उत्पादन, बटेर पालन, कड़कनाथ पालन, लाख पालन के साथ-साथ इन जिलों में नैसर्गिक रूप से बहुतायत में उगने वाली फसलों जैसे सीताफल, तेंदु, कटहल, नाशपाती, मुनगा, बरहासाल धान आदि फसलों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कर किसानों आय में इजाफा किया जाएगा। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा कृषक उत्पादक संगठन तथा महिला स्व-सहायता समूहों को आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन द्वारा इन गतिविधियों के संचालन के वित्तीय सहयोग एवं विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। अनुबंध समारोह के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया जिसमें चयनित जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख वैज्ञानिक, लाभार्थी किसान, महिला समूह की सदस्य, निदेशाला विस्तार सेवाएं की वैज्ञानिक एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के अधिकारी उपस्थित थे।
- रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।श्री बघेल नेे कहा है कि वीरांगना श्री दुर्गावती का साहस और बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने किसी के आगे घुटने नहीं टेके और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। रानी दुर्गावती भारत की उन वीरांगनाओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने शौर्य और साहस से वीरता की एक नई इबारत लिखी।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के केन्द्रीय कीड़ा एवं कला परिषद के तत्वाधान में रायपुर एवं केंन्द्रीय कार्यालय खेल क्षेत्र के कलाकारों द्वारा 24 जून को सायं 7.00 बजे से डगनिया परिसर स्थित कीड़ा भवन में "परछाइयाँ' नामक नाट्य का मंचन किया जावेगा। इसमें पावर कंपनी के प्रबंध निदेशकगण विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
- *जशपुर की नई पहचान बन गए हैं यहां के चाय बागान**चाय के बागान से जशपुर में मिल रहा है 'टी टूरिज्म' को बढ़ावा**राज्य के पहले चाय प्रोसेसिंग यूनिट से हो रहा है उत्पादन*रायपुर/ छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की पहचान यहां की विशिष्ट आदिवासी संस्कृति, प्राकृतिक पठारों एवं नदियों की सुंदरता तथा एतिहासिक रियासत से तो है ही, लेकिन पिछले साढ़े तीन वर्षों से जशपुर की पहचान में एक नया नाम जुड़ गया है और ये पहचान अब देशव्यापी हो गयी है। अभी तक चाय की खेती के लिए लोग आसाम या दार्जिलिंग का ही नाम लेते रहे हैं, लेकिन जशपुर में भी चाय की खेती होने लगी है जो पर्यटकों को भी अपनी तरफ आकर्षित कर रही है।हम जानते हैं कि पर्वतीय एवं ठंडे इलाकों में ही चाय की खेती हो पाती है और छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला भी ऐसे ही भौगोलिक संरचना पर स्थित है।पठारी क्षेत्र होने एवं लैटेराइट मिट्टी का प्रभाव होने की वजह से जशपुर में चाय की खेती के लिए अनुकूल वातावरण है। इसे देखते हुए जशपुर में चाय की खेती के लिए यहां चाय बागान की स्थापना की गयी है। खास बात ये है कि देश के अन्य हिस्सों में चाय की खेती के लिए कीटनाशक और रासायनिक खाद का इस्तेमाल होता है, लेकिन गोधन न्याय योजना की वजह से जशपुर के चाय बागानों में वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल किया जाता है जो चाय के स्वाद को बढ़ाता ही है साथ ही सेहत का भी खयाल रखता है।*चाय प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना*मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने जशपुर जिले के बालाछापर में 45 लाख रूपए की लागत से चाय प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया है। यहां पर उत्पादन कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है और इस प्रसंस्करण केंद्र से सामान्य चाय एवं ग्रीन टी तैयार किया जा रहा है। बालाछापर में वनविभाग के पर्यावरण रोपणी परिसर में चाय प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना की गई है। इस यूनिट में चाय के हरे पत्ते के प्रोसेसिंग की क्षमता 300 किलोग्राम प्रतिदिन की है।*पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है चाय बागान*जशपुर जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी और जंगल के बीच स्थित सारूडीह चाय बागान एक पर्यटन स्थल के रूप में भी लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग चाय बागान देखने पहुंचते है। 18 एकड़ का यह बागान वन विभाग के मार्गदर्शन में महिला समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है। सारूडीह के सात ही सोगड़ा आश्रम में भी चाय की खेती के कारण जशपुर जिले को एक नई पहचान और पर्यटकों को घूमने का एक नया स्थान मिला है।
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*मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रेल अधिकारी श्री भाटी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया*
रायपुर,/ बिलासपुर-कटनी रेलमार्ग पर अनूपपुर-शहडोल के बीच चल रहे नान इंटरलॉकिंग कार्य के दौरान दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के बिलासपुर डिविजन में बैकुंठपुर में पदस्थ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री योगेंद्र सिंह भाटी के ट्रेन की चपेट में आने से आकस्मिक निधन हो गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 2018 बैच के भारतीय रेलवे सेवा के अधिकारी श्री भाटी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री बघेल ने उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की है। -
*तेन्दूपत्ता संग्रहण में वृद्धि वनवासियों में लेकर आयी समृद्धि*
*छत्तीसगढ़ में 12 लाख संग्राहकों द्वारा 630 करोड़ रूपए का तेन्दूपत्ता संग्रहित*se*गत वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत से अधिक का तेन्दूपत्ता संग्रहण**वनमंत्री श्री अकबर के मार्गदर्शन में संग्राहकों को सतत् भुगतान*रायपुर/छत्तीसगढ़ में चालू वर्ष 2022 के दौरान 15 लाख 78 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है, जो लक्ष्य का 94 प्रतिशत से अधिक है। यह संग्रहण गत वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। इनमें 12 लाख से अधिक तेन्दूपत्ता संग्राहकों को कुल 630 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान होना है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहाकों को उनके भुगतान योग्य राशि का भुगतान तेजी से जारी है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण से आदिवासी-वनवासी संग्राहकों को रोजगार के साथ-साथ आय का भरपूर लाभ मिलने लगा है। गौरतलब है कि राज्य में वर्ष 2020 में 9 लाख 73 हजार मानक बोरा और वर्ष 2021 में 13 लाख 6 हजार मानक तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ था, जो गत वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 के दौरान तेन्दूपत्ता संग्रहण में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।राज्य लघु वनोपज संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक जगदलपुर वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल बीजापुर में 52 हजार संग्राहकों द्वारा 32 करोड़ रूपए के 80 हजार 324 मानक बोरा, सुकमा में 44 हजार संग्राहकों द्वारा 40 करोड़ रूपए के एक लाख मानक बोरा, दंतेवाड़ा में 20 हजार 323 संग्राहकों द्वारा 8 करोड़ रूपए के 19 हजार 408 मानक बोरा तथा जगदलपुर में 43 हजार 178 संग्राहकों द्वारा 6.56 करोड़ रूपए के 16 हजार 396 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।इसी तरह कांकेर वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल दक्षिण कोण्डागांव में 33 हजार 843 संग्राहकों द्वारा 6.93 करोड़ रूपए के 17 हजार 332 मानक बोरा, केशकाल में 35 हजार संग्राहकों द्वारा 10.45 करोड़ रूपए के 26 हजार 118 मानक बोरा, नारायणपुर में 16 हजार 738 संग्राहकों द्वारा 9.61 करोड़ रूपए के 24 हजार मानक बोरा, पूर्व भानुप्रतापपुर में 32 हजार संग्राहकों द्वारा 38.48 करोड़ रूपए के 96 हजार 195 मानक बोरा, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 33 हजार संग्राहकों द्वारा 31.62 करोड़ रूपए के 79 हजार 058 मानक बोरा तथा कांकेर में 33 हजार 928 संग्राहकों द्वारा 14.82 करोड़ रूपए के 37 हजार 047 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।दुर्ग वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल राजनांदगांव में 49 हजार 402 संग्राहकों द्वारा 29.25 करोड़ रूपए के 73 हजार 133 मानक बोरा, खैरागढ़ में 27 हजार 552 संग्राहकों द्वारा 14.82 करोड़ रूपए के 37 हजार 053 मानक बोरा, बालोद में 22 हजार 315 संग्राहकों द्वारा 9.09 करोड़ रूपए के 22 हजार 719 मानक बोरा तथा कवर्धा में 31 हजार संग्राहकों द्वारा 16.67 करोड़ रूपए के 41 हजार 666 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है। रायपुर वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल धमतरी में 27 हजार 568 संग्राहकों द्वारा 10.26 करोड़ रूपए के 25 हजार 666 मानक बोरा, गरियाबंद में 64 हजार 503 संग्राहकों द्वारा 33.10 करोड़ रूपए के 82 हजार 759 मानक बोरा, महासमुंद में 35 हजार 712 संग्राहकों द्वारा 33.42 करोड़ रूपए के 83 हजार 559 मानक बोरा तथा बलौदाबाजार में 20 हजार 792 संग्राहकों द्वारा 7.32 करोड़ रूपए के 22 हजार 320 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।बिलासपुर वनवृत्त के अंतर्गत अब तक वनमंडल बिलासपुर में 29 हजार 779 संग्राहकों द्वारा 12.06 करोड़ रूपए के 30 हजार 159 मानक बोरा, मरवाही में 30 हजार 458 संग्राहकों द्वारा 8.80 करोड़ रूपए के 22 हजार 700 मानक बोरा, जांजगीर-चांपा में 10 हजार 106 संग्राहकों द्वारा 3.23 करोड़ रूपए के 8 हजार 098 मानक बोरा, रायगढ़ में 39 हजार 422 संग्राहकों द्वारा 22.09 करोड़ रूपए के 55 हजार 230 मानक बोरा, धरमजयगढ़ में 46 हजार 063 संग्राहकों द्वारा 32.94 करोड़ रूपए के 82 हजार 351 मानक बोरा, कोरबा में 35 हजार 445 संग्राहकों द्वारा 21.03 करोड़ रूपए के 52 हजार 597 मानक बोरा तथा कटघोरा में 66 हजार संग्राहकों द्वारा 29.57 करोड़ रूपए के 73 हजार 929 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।इसी तरह सरगुजा वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल जशपुर में 36 हजार 187 संग्राहकों द्वारा 13.06 करोड़ रूपए के 32 हजार 664 मानक बोरा, मनेन्द्रगढ़ में 30 हजार 504 संग्राहकों द्वारा 17.96 करोड़ रूपए के 44 हजार 912 मानक बोरा, कोरिया में 25 हजार 305 संग्राहकों द्वारा 13.42 करोड़ रूपए के 33 हजार 553 मानक बोरा, सरगुजा में 40 हजार 771 संग्राहकों द्वारा 14.05 करोड़ रूपए के 35 हजार 145 मानक बोरा, बलरामपुर में 98 हजार 560 संग्राहकों द्वारा 56.71 करोड़ रूपए के एक लाख 41 हजार 767 तथा सूरजपुर में 54 हजार 355 संग्राहकों द्वारा 29.68 करोड़ रूपए के 74 हजार 212 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है। -
दुर्ग/ 06 जुलाई 2022 को जिले में सभी शासकीय कार्यालयों एवं प्रत्येक घर में वन होम वन ट्री कैम्पेन के तहत् वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का आयोजन किया जाएगा। पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी वन होम वन ट्री कैम्पेन के तहत् सभी कार्यालयों, उद्यानों, मैदानों, घरों एवं सार्वजनिक परिसरों में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना है। पौधारोपण करने कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले के सभी एनजीओ और नागरिकों को भागीदारी करने की अपील की।
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दुर्ग / त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन संचालन के प्रेक्षण हेतु पूर्व आदेश को संशोधित करते हुए संयुक्त कलेक्टर राजरांदगांव श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर को प्रेक्षक तथा श्री कंदन शर्मा नायब तहसीलदार अहिवारा को लायजनिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। उनका मोबाईल नंबर 8889543501 है। -
दुर्ग/ औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम के निर्देश पर दिनांक 01 जून से 15 जून 65 फर्मों का निरीक्षण किया गया। जिसमें 5 फर्मों से कुल 10 नमूने औषधि व प्रसाधान सामग्री के जांच हेतु संकलित किए गए हैं व जिन फर्मों में अनियमितता पाई गई हैं उन फर्मों को नोटिस जारी किया गया है। संकलित किए गए नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। -
रायपुर /कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में कल 24 जून को सवेरे 10 बजे से सायं 5:30 बजे तक कोविड टीकाकरण हेतु शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अतिरिक्त कलेक्टर श्री एन आर साहू ने बताया कि जिन व्यक्तियों का टीकाकरण नहीं हो पाया है, उन सभी लोग शिविर में आकर टीकाकरण करवा सकते हैं। कोविड टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन ऑनस्पॉट पर ही किया जाएगा।\ -
रायपुर /छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के तहत प्रत्येक तीन मास में ग्रामसभा का कम से कम एक सम्मिलन आयोजित करने का प्रावधान है। राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार 23 जनवरी, 14 अप्रैल, 20 अगस्त एवं 2 अक्टूबर के अतिरिक्त प्रतिवर्ष माह जून एवं नवम्बर में प्रत्येक ग्राम में ग्रामसभा का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाना है। इसी तारत्मय में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रवि मित्तल ने रायपुर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) और सभी जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को 28 जून से ग्रामसभाओं का आयोजन कराने के निर्देश दिए है।
उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं उनके आश्रित ग्रामों में ग्रामसभा का आयोजन करने के लिये एक समय सारिणी तैयार करने एवं स्थानीय आवश्यकतानुसार अधिकारियों तथा कर्मचारियों को विशेष जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए है।
आयोजित होने वाले ग्रामसभाओं में पूर्व बैठक में पारित संकल्पों के क्रियान्वयन संबंधी पालन प्रतिवेदन, पंचायतों के विगत तिमाही के आय-व्यय की समीक्षा एवं अनुमोदन, पिछली छःमाही में विभिन्न योजनाओं से स्वीकृत कार्य के नाम, प्राप्त राशि, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं कार्य की अद्यतन स्थिति का वाचन, आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना की रूपरेखा तैयार किये जाने के संबंध में चर्चा, विगत वर्ष में किए गए मिशन अन्त्योदय सर्वे का अवलोकन कर अनुमोदन, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना से संबंधित ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना में ग्रामीण परिवारों द्वारा रोजगार की मांग तथा उपलब्ध कराये गये रोजगार की स्थिति की समीक्षा और ग्राम गौठानों के प्रबंधन एवं संचालन के संबंध में चर्चा किया जाना है।
इसी तरह सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी से संबंधित कार्यों की प्रगति, सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण एवं हितग्राहियों का सत्यापन, ग्रामीण सचिवालय का संचालन, शासकीय उचित मूल्य की दुकानों, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित अभिलेखों का सामाजिक अंकेक्षण, जरूरतमंद व्यक्तियों के लिये पंचायतों द्वारा वितरित खाद्यान्न एवं उसके लाभान्वितों के नामों का वाचन, जन्म, मृत्यु एवं विवाह पंजीयन से संबंधित प्रकरणों के लंबित, निराकृत एवं वितरित प्रमाण पत्रों की जानकारी, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जागरूकता, पोषण अभियान, जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत ग्राम के प्रत्येक घर, शाला, आंगनबाड़ी केन्द्र, आश्रम शाला, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक केन्द्र आदि में नल जल प्रदाय योजना द्वारा शुद्ध जल प्रदान करने पर चर्चा तथा ग्राम जल स्वच्छता और पानी समिति की बैठकों का आयोजन।
जल प्रदाय योजनाओं हेतु ग्रामों की पेयजल योजनाओं को क्रियान्वयन, घरेलु कनेक्शन प्रदाय का कार्य, भू-जल स्त्रोतों के गुणवत्ता परीक्षण कार्य, मौसमी बीमारियों के निदान एवं निवारण पर चर्चा, खसरा, बी-1 पढ़ना (पटवारी द्वारा), सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग एवं खुले में जलाने को बैन करने संबंधी प्रस्ताव को पारित करना एवं दंड का प्रावधान करना, अनुपयोगी शौचालयों को उपयोगी बनाने की कार्ययोजना का निर्माण, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत द्वारा स्थानीय आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये अन्य विषयवस्तु को ग्राम सभा के एजेण्डे में सम्मिलित किया जा सकता है।
ग्रामसभा का आयोजन कोविड-19 हेतु केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय स्तर पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सुचारू रूप से सम्पन्न कराना सुनिश्चित किया जाए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आयोजित ग्राम सभा एवं पारित संकल्प को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल में अपलोड की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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अधिकारियों ने की छापामार कार्रवाई, अवैध रेत के सात भंडार पकड़ाए, केस दर्ज
सात हाइवा, एक जे सी बी सहित दो ट्रक भी जप्त हुए
रायपुर। अवैध रेत खोदने से लेकर उसका भंडारण और परिवहन रोकने के लिए आज कलेक्टर श्री सौरभ कुमार के निर्देश के बाद प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। जिले की माइनिंग प्रभारी श्रीमती सिम्मी नाहिद ने सब से पहले सभी रेत खदानों से रेत खनन पर रोक लगाई और सात जगहों पर छापामार कार्रवाई कर अवैध रेत का भंडार पकड़ा। रेत भंडारण के निर्धारित नियमों के विरुद्ध अवैध रूप से भारी मात्रा में रेत का स्टॉक करने पर प्रकरण दर्ज किए गए।वहीं अवैध रेत भंडारण स्थलों से एक जे सी बी मशीन सहित दो ट्रक भी जप्त किये गए है।
कलेक्टर ने दिये सभी रेत खदानें बंद करने के निर्देश-
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश अनुसार कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने रायपुर जिले में संचालित सभी रेत खदानों से तत्काल रेत खोदना बंद करने के निर्देश दिए है। एन जी टी ने वर्षा काल की अवधि में नदियों से खनन क्रियायें प्रतिबंधित की हैं। छतीसगढ़ राज्य में यह अवधि 10 जून से 15 अक्तूबर तक निर्धारित है। इसी निर्देश पर कलेक्टर ने सभी एस डी एम और राजश्व अधिकारियों सहित खनिज विभाग के अधिकारियों को ज़िले की नदियों से रेत खनन पर रोक लगाने को कहा है। कलेक्टर के निर्देश पर आज अधिकारियों ने नदियों में संचालित कई रेत खदानों का निरीक्षण कर रेत उत्खनन बंद कराया।
*छापा मार कार्रवाई से रेत माफियाओं में हड़कंप- *
कलेक्टर के निर्देश पर आज अवैध रेत खनन, भंडारण और परिवहन के खिलाफ हुई प्रशासन की कार्रवाई से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। आज प्रशासन ने मंदिर हसौद,नकटा, हरडीडीह, पारागांव में कई जगहों पर औचक पहुँच रेत के भंडारों की जांच की। सात जगहों पर नियमों के विपरीत रेत का भारी मात्रा में भंडारण मिला। इस अवैध रेत भंडारण के प्रकरण दर्ज कर माइनिंग विभाग ने विवेचना में लिए है। इन जगहों से अवैध रेत भंडारण, लोडिंग आदि के काम में लगी एक जे सी बी मशीन और दो ट्रक भी जप्त किये गए है। इन सभी जप्त मशीनों और वाहनों को आरंग थाने के सुपुर्द किया गया है।
देर शाम कलेक्टर के निर्देश पर आरंग एस डी एम अतुल विश्वकर्मा ने भी जांच के दौरान बिना रॉयल्टी पर्ची और दस्तावेजों के रेत का अवैध परिवहन करते सात हाइवा पकड़ जप्त किये है। इन रेत भरे सात हाइवा को भी आरंग थाने में पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
रेत भंडारण और परिवहन कर्ताओं की हुई बैठक-
अवैध रेत भंडारण और परिवहन पर लगाम कसने प्रशासन के अधिकारियों ने आज रेत भण्डारणकर्ताओं और परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टरों की भी बैठक ली। बैठक में सभी को शासन द्वारा निर्धारित नियमों, रॉयल्टी पर्ची और एन जी टी के मानक निर्देशो के अनुसार ही रेत भंडारण और परिवहन के निर्देश दिए गए।साथ ही चेताया भी गया कि नियमों और निर्देशों के विपरीत रेत भंडारण और परिवहन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सभी भण्डारणकर्ताओं को सही कीमत पर आम जनों को रेत उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए। रेत की कालाबाज़ारी, अधिक दामों पर रेत बिक्री की शिकायत पर भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई । कलेक्टर ने जिले के सभी अनुविभागीय राजश्व अधिकारियों को भी अपने अपने कार्यक्षेत्र में अवैध रेत संबंधी गतिविधियों पर नज़र रखने के निर्देश दिए है। श्री सौरभ कुमार ने सभी एस डी एम को लिखित निर्देश जारी कर रेत के अवैध भंडारण, खनन, परिवहन सहित अधिक दामों पर बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। -
चंद्रकात साहू को मिली वाहन शाखा में नई जिम्मेदारी
भिलाई नगर/ निगम के कार्यों में कसावट लाने भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने अभियंताओं के प्रभार क्षेत्र में परिवर्तन के आदेश जारी किये है।
आयुक्त श्री सर्वे द्वारा जारी आदेश के अनुसार सुश्री विनीता वर्मा सहायक अभियंता जो अब तक 15वें वित्त आयोग का कार्य मुख्य कार्यालय सुपेला में देख रही थी उन्हें सहायक अभियंता जोन 01 नेहरू नगर में स्थानांतरित किया गया है। मानचित्रकार बसंत साहू को 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट से जोन 02 वैशालीनगर, उप अभियंता पुरूषोत्तम सिन्हा जोन 02 वैशालीनगर से जोन 01 में वहीं रिसाली निगम से आये उपअभियंता हिमांशु कावड़े को 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट, उप अभियंता विष्णु चन्द्राकर को वाहन शाखा से जोन 04, उप अभियंता चंद्रकात साहू को जोन 04 से वाहन शाखा तथा मनीषा श्रीवास राजस्व उप निरीक्षक को राजस्व विभाग निगम मुख्यालय से जोन 01 नेहरू नगर में स्थानांतरित किया गया है।
इसी प्रकार नवगठित रिसाली निगम से आये जो पूर्व में भिलाई निगम में कार्यरत कर्मचारी जिनका संविलियन नहीं किया गया है, उन अधिकारी कर्मचारियों की सेवाएं भिलाई निगम में वापस किया गया उन सभी का आयुक्त प्रकाश सर्वे ने भिलाई निगम में नवीन पदस्थापना किया है जिसमें रविशंकर महलवार राजस्व निरीक्षक को जोन 05, धनुषराम वर्मा सर्वेयर को राजस्व विभाग, दीपक मेश्राम वाहन चालक को वाहन शाखा, प्यारे लाल बंजारे वार्डप्यून को जोन 02 स्वास्थ्य विभाग, खेतीहारिन बाई मजदूर को उद्यान विभाग जोन 01, बिसनी बाई साहूू मजदूर को जोन 01, कविता यादव हेल्पर को जोन 05, देवनारायण यादव चैकीदार को जोन 05, रामदयाल सफाई कामगार को प्रधानमंत्री आवास शाखा, मुकुंदा राम सफाई कामगार को जोन 05, परसराम सफाई कामगार को जोन 01, बी.पालवू सफाई कामगार को वाहन शाखा, मनटोरा बाई सफाई कामगार को जोन 05, शंभुनाथ सफाई कामगार को वाहन शाखा, शंकर सफाई कामगार को जोन 05, प्रेमिन बाई सफाई कामगार को जोन 05, बी.डेविड सफाई कामगार को उपायुक्त 02 कक्ष, चेतन लाल ताम्रकार सफाई कामगार को राजस्व विभाग, इंदल सफाई कामगार को जोन 05, जी.चिन्नैया सफाई कामगार को जोन 05, के.इमालिया सफाई कामगार को सभापति कक्ष, संजय गायकवाड़ सफाई कामगार को स्वास्थ्य विभाग मुख्य कार्यालय, गोविन्द सेन पम्प सहायक को जोन 02, वेदराम जोशी पम्प सहायक को योजना विभाग, मुनिया बाई भृत्य को उपायुक्त 02 कक्ष, रोहित कुमार वर्मा फिटर को 77 एमएलडी, अनिल कुमार देशमुख हेल्पर को जोन 03, गणेश राम बघेल चैकीदार को जोन 02, किशन बहादूर चैकीदार को प्रथम अपीलीय अधिकारी कक्ष, रामेश्वर लाल निषाद प्रोसेस सर्वर को उपायुक्त 02 कक्ष, एस नारायण सफाई कामगार को जोन 01, पूषणलाल देशमुख पम्प सहायक को जोन 02, प्यारे लाल नायक पम्प सहायक को योजना विभाग में पदस्थ किया गया है। निगम आयुक्त ने अधिकारी कर्मचारियों से कहा है कि आगामी वर्षा काल का ध्यान रखते हुए सौंपे गये जिम्मेदारी के प्रति सजग रहे ताकि क्षेत्र के नागरिको को कोई दिक्कत न हो। -
दुर्ग / लगातार मानिटरिंग और युद्धस्तर पर किये गये कार्य के बाद राजस्व प्रकरणों को निपटाने में दुर्ग जिले में अहम सफलता मिली है। मार्च से लेकर अब तक तीन महीनों में विभिन्न न्यायालयों में राजस्व के 18 हजार लंबित प्रकरण निपटा दिये गये हैं। इनसे पंद्रह करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति भी तीन महीनों में हुई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजस्व प्रकरणों के प्रभावी निपटारे के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया था। कम समय में तेजी से और गुणवत्तापूर्वक मामलों का निपटारा हो सके, इसके लिए विशेष रणनीति बनाई गई। 15 जून तक प्रकरणों को निपटाने के निर्देश दिये गये और उचित रणनीति और कठिन परिश्रम से यह संभव हो सका।
कलेक्टर ने सभी राजस्व न्यायालयों का किया निरीक्षण- कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने हर सप्ताह राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की मानिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये। कलेक्टर हर सप्ताह स्वयं राजस्व न्यायालयों में पहुंचे। उन्होंने हर न्यायालय में प्रकरणों की स्थिति देखी। यह देखा कि कहीं अपंजीकृत प्रकरण तो नहीं रह गये हैं। इसका अच्छा असर हुआ और अठारह हजार प्रकरण इन तीन महीनों में निपटा दिये गये हैं। इनसे पंद्रह करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति भी हुई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई ने बताया कि राजस्व की समीक्षा बैठकों में नियमित रूप से मानिटरिंग हुई। नोडल अधिकारियों की रिपोर्ट की मानिटरिंग हुई। राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये कि अविवादित मामलों में तुरंत निर्णय लिया जाए। इसके बाद विवादित प्रकरणों में टाइमलाइन तय की गई और इसके मुताबिक कार्य हुआ। जिन राजस्व न्यायालयों में अधिक प्रकरण लंबित थे। उनके कारगर निपटारे के लिए विशेष रूप से रणनीति बनाई गई।
हर डेस्क की फाइलें जांची गई- नोडल अधिकारियों की मानिटरिंग का कार्य काफी बारीक था। इसमें गाइडलाइन तैयार की गई थी जिसे सूक्ष्मता से परीक्षण कर तैयार किया गया था। इसके अंतर्गत हर डेस्क के कार्य जांचे गये। राजस्व प्रकरणों में जिस तरह से फाइलों का मूवमेंट होता है उसे टेबल दर टेबल देखा गया। यह देखा गया कि किसी कर्मचारी-अधिकारी के पास फाइल अधिक समय तक रूक तो नहीं रही है। इस प्रकार बारीक मानिटरिंग से लक्ष्य प्राप्त किया जा सका।
लगभग तीन हजार मामले विवादित नामांतरण के तीन महीनों में हल किये गये- संयुक्त कलेक्टर सुश्री प्रियंका वर्मा ने बताया कि इन तीन महीनों में अविवादित नामांतरण के दस हजार मामले निराकृत किये गये। विवादित नामांतरण के दस हजार मामले निराकृत किये गये। इसी तरह विवादित बंटवारे के 538 मामले निराकृत किये गये। डायवर्सन के 1755 मामले इन तीन महीनों में निराकृत किये गये। -
0 कांट्रेक्ट ट्रेसिंग, होम आइसोलेशन आदि कार्यों के टीमें बनाई गई
रायपुर। कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए रायपुर नगर निगम द्वारा इसके नियंत्रण और उपचार हेतु टीम का गठन किया गया है। जिसके नोडल अधिकारी अपर आयुक्त अभिषेक अग्रवाल को बनाया गया है।
महापौर एजाज ढेबर तथा निगमायुक्त मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर 12 सदस्यीय टीम बनाई गई है। अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी, अरविंद शर्मा, उपायुक्त स्वास्थ्य ए के हलदार, नगर निवेशक बी आर अग्रवाल, कार्यपालन अभियंता राजेश शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडे, सहायक अभियंता निशिकांत वर्मा, आभाष मिश्रा राजेश राठौर और स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्रा को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाना, कोविड जांच और रिपोर्टिंग, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की ट्रेकिंग, कोविड केयर सेंटरों में आवश्यक समन्वय आदि कार्यों को सम्पादित करेगें। इनके साथ निगम के सभी दस जोनों और मुख्यालय के कर्मचारी भी दिए गए निर्देशानुसार कार्य करेंगे। -
रायपुर। जामुल थाना अंतर्गत रहने वाली बी काव्या की सड़क हादसे में मौत हो गई। युवती अपने चाचा के साथ बुधवार शाम स्कूटी से भिलाई आ रही थी। वह जैसे ही मंदिर हसौद थाना क्षेत्र के छेरीखेड़ी ओवर ब्रिज के ऊपर पहुंची एक तेज रफ्तार टैंकर ने स्कूटी को टक्कर मार दिया। सिर में गहरी चोट व अधिक खून बह जाने से युवती की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक जामुल निवासी यश साय किरण मंगलवार को अपनी भतीजी बी काव्या को लेकर अपनी दीदी के घर जन्मदिन कार्यक्रम में शामिल होने मंदिर हसौद के समीप गांव गए थे। मंगलवार को दोनों वहीं रुके। इसके बाद बुधवार शाम दोनों स्कूटी से भिलाई लौट रहे थे। शाम करीब 4-5 बजे के बीच एनएच-53 में छेरीखेड़ी ओवर ब्रिज के ऊपर पीछे से आ रहे तेज रफ्तार टैंकर ने उन्हें टक्कर मार दी। इससे दोनों सड़क पर गिर गए। दुर्घटना के दौरान आरोपी टैंकर चालक वहां भागने लगा। इसी हड़बड़ी में वह काव्या के ऊपर से टैंकर गुजारता हुआ ले गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और घायल को इलाज के लिए भेजा। पुलिस ने टैंकर चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। -
भिलाई। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की परेशानी और बढ़ती वेटिंग लिस्ट को कम करने के लिए अतिरिक्त कोच की सुविधा दी है। यह सुविधा उन ट्रेनों में दी जा रही है जिनकी वेटिंग लिस्ट अधिक है। इसके तहत दुर्ग से चल कर भोपाल को जाने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस में 23 जून से एक अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा दी जा रही है।रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली गाड़ी संख्या 12853/12854 दुर्ग-भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त स्लीपर कोच अस्थायी रूप से लगाया जा रहा है। यह सुविधा गाड़ी संख्या 12853 दुर्ग-भोपाल एक्सप्रेस में 23 जून से 26 जून तक और गाड़ी संख्या 12854 भोपाल-दुर्ग एक्सप्रेस में 24 से 27 जून तक उपलब्ध रहेगी।
अमर कंटक एक्सप्रेस के साथ-साथ रेलवे प्रशासन गाड़ी संख्या 22647/22648 कोरबा-कोच्चुवेली-कोरबा एक्सप्रेस में भी एक अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा दे रहा है। यह सुविधा गाड़ी संख्या 22647 कोरबा-कोच्चुवेली एक्सप्रेस में 25 व 29 जून को और गाड़ी संख्या 22648 कोच्चुवेली-कोरबा एक्सप्रेस में 30 जून व 4 जुलाई को उपलब्ध रहेगी। -
रायपुर के कारोबारी के सेल्समैन-ड्राइवर को महासमुंद में बंधक बनाया, फिर बैग लेकर भागे
महासमुंद। महासमुंद में बुधवार को बदमाशों ने एक सेल्समैन और ड्राइवर को बंधक बनाकर 9 लाख रुपए लूट लिए। रायपुर के एक कारोबारी का सेल्समैन वसूली और माल की डिलवरी के बाद कार से लौट रहा था। तभी बोलेरो सवार बदमाशों ने पीछा कर रास्ते में रोक लिया। खुद को पुलिसकर्मी बता गांजा चेकिंग के नाम पर जंगल में ले गए और पेड़ से बांध दिया। फिर रुपयों से भरा बैग लेकर भाग निकले। पुलिस ने रात करीब 9 बजे एफआईआर दर्ज की है। मामला खल्लारी थाना क्षेत्र का है।
खल्लारी थाना प्रभारी अशोक वैष्णव के मुताबिक, रायपुर के घड़ी कारोबारी का सेल्समैन लक्ष्मीनाराण देवांगन महासमुंद माल की डिलवरी और वसूली के लिए गया था। करीब एक सप्ताह से वसूली करने के बाद वह ड्राइवर के साथ बुधवार को खरियार रोड से रायपुर लौट रहा था। सेल्समैन लक्ष्मीनारायण ने पुलिस को बताया कि कार में वसूली के 9 लाख रुपए भी बैग में रखे थे। अभी वे खल्लारी और एमके बाहरा बीच पहुंचे थे कि तभी कोसरंगी के पास पीछे से आए बोलेरो सवारों ने कार के आगे गाड़ी लगा दी और उन्हें रुकने का इशारा किया। इस पर ड्राइवर ने कार रोक दी। बोलेरो से बदमाश बाहर निकले और खुद को पुलिसकर्मी बताया। साथ ही गाड़ी में गांजा होने की बात कहते हुए चेकिंग करने को कहा। इसके बाद सेल्समैन को अपनी गाड़ी में बिठा लिया, जबकि उनका साथी कार लेकर साथ में जंगल की ओर आए। सेल्समैन ने बताया कि वहां उसे और ड्राइवर को बदमाशों ने पेड़ से बांध दिया। इसके बाद रुपयों से भरा बैग लेकर भाग गए। सेल्समैन ने बताया कि बोलेरो में पांच लोग सवार थे। इसमें से चालक को छोड़कर बाकी चार ने मुंह पर रुमाल बांधा था।
खल्लारी थाना प्रभारी अशोक वैष्णव का कहना है कि सेल्समैन के बताए अनुसार मामले की जांच चल रही है। टीम सीसीटीवी फुटेज के सहारे घटना को अंजाम देने वालों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। -
जगदलपुर। दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ी के नीचे खोले गए नए पुलिस कैंप पर माओवादियों ने बुधवार रात हमला किया है। जंगल की तरफ से माओवादियों ने कैंप पर 15 बैरल ग्रेनेड लॉन्चर दागे। साथ ही अंधाधुंध फायरिंग भी की। नक्सलियों के इस हमले से सीएएफ के 2 जवान और 2 महिला मजदूर घायल हो गईं। हालांकि, सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। एक महिला मजदूर को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि दोनों जवान और दूसरी महिला मजदूर का कैंप में ही उपचार किया गया। मामला किरंदुल थाना क्षेत्र का है। इस घटना की पुष्टि एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने की है।
एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के अति संवेदनशील इलाके हिरोली में हाल ही में पुलिस कैंप स्थापित किया गया है। बुधवार की रात माओवादियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के नक्सलियों ने कैंप पर अचानक हमला कर दिया। अचानक हुई इस गोलीबारी के बाद जवानों ने फौरन मोर्चा संभाल लिया। नक्सलियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया। करीब 40 मिनट तक यहां रुक-रुक कर गोलीबारी हुई। नक्सलियों की फायरिंग में सीएएफ के आरक्षक सलीम लकड़ा के पीठ में और आरक्षक किशन सूर्यवंशी के दाहिने कान के पीछे गोली लगी। कैंप का निर्माण काम में लगे मजदूर भी यहीं थे। गोलीबारी में दुले हेमला के पेट और बुदरी ताती के चेहरे को छूकर गोली निकली। हालांकि सभी की स्थित सामान्य है। देर रात 108 की मदद से महिला मजदूर दुले को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल लाया गया। अन्य का कैंप में पदस्थ डॉक्टरों ने इलाज किया। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सभी की स्थिति खतरे से बाहर है। -
मुख्यमंत्री ने शंकरगढ़ के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में की थी घोषणा
रायपुर/ बलरामपुर जिले के ग्राम सरगांवा एवं जगिमा के निवासियों को अब बिजली की आंख मिचौली से जूझना नहीं पड़ेगा, न ही इस क्षेत्र के गांव के बच्चों को पढ़ने के लिए बिजली की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अब ग्राम सरगांवा और जगिमा में नए विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना कर दी गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान 4 मई को बलरामपुर जिले के ग्राम शंकरगढ़ में जन चौपाल लगाई थी, जहां उन्हें ग्रामवासियों ने बिजली की समस्या से उन्हें अवगत कराया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चौपाल में ही पर ग्राम सरगांवा एवं जगिमा में बिजली की समस्या के निराकरण हेतु विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना की घोषणा की थी। इसी घोषणा के परिपालन में उक्त गांवों में विद्युत ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है। यह गांव आदिवासी बाहुल्य है। यहां ट्रांसफार्मर लगने से दोनों गांव के लगभग 500-600 लोगों को लाभ होगा। ग्रामवासियों की वर्षों पुरानी मांग को मिनटों में पूरा करने पर उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है। सरगांवा की सरपंच श्रीमती सरिता पैकरा ने कहा है कि पहले गांव में लो-वोल्टेज की समस्या थी, जिसके कारण हमें काफी परेशानी होती थी। अब एक अन्य ट्रांसफार्मर लगने से गांव में लो-वोल्टेज की समस्या नहीं है, ना ही बार-बार बिजली गुल होती है। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं। जिन्होंने हमारी समस्याओं पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए हमारी मांग की इतना जल्द पूरा किया। -
जगदलपुर/ अपनी अनोखी परम्परा और रिवाज़ों के लिए बस्तर विश्वभर में प्रसिद्ध है। आदिवासी संस्कृति में जहां प्रकृति से जुड़ाव दिखता है वहीं उनकी संस्कृति में सृजनशीलता और सौंदर्यबोध की मौलिकता भी है। गोदना कला भी इन्ही में से एक है। गोदना आर्ट बस्तर की परम्परा और लोकजीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसा मान्यता है कि गोदना मृत्यु के बाद अपने पूर्वजों से संपर्क का माध्यम है। आधुनिकीकरण के तेजी से बदलते समय में बस्तर की पारंपरिक कला को बचाए रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा बस्तर के आसना में बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लेंग्वेज (बादल) की स्थापना भी की गई है, जहां बस्तर की गोदना कला को संरक्षित करने और स्थानीय युवाओं को गोदना के नए उभरते ट्रेंड्स से परिचित, प्रशिक्षित करने के लिए बादल में गोदना कला पर प्रदेश का पहला और अनूठा आयोजन हुआ।
जिला प्रशासन ने 20 मई से 6 जून तक आसना स्थित बादल एकेडमी में गोदना आर्ट वर्कशॉप का आयोजन किया, जहां पेशेवर गोदना विशेषज्ञों द्वारा बस्तर के युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। वर्कशॉप में बस्तर के अलग-अलग ब्लॉक से आकर युवक-युवतियों ने गोदना का प्रशिक्षण लेने के साथ ही गोदना आर्ट की बारीकियों और विश्व में उभरते गोदना के ट्रेंड्स पर जानकारी ली। वर्कशॉप में बस्तर के परंपरागत गोदना आर्ट के सांस्कृतिक स्वरूप को बनाए रखते हुए उसे आधुनिक तरीके से बनाने की कला विशेषज्ञों ने बस्तर के युवाओं को सिखाया। बादल में आयोजित गोदना आर्ट वर्कशॉप में स्थानीय लोगों ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। वर्कशॉप में 400 से भी ज्यादा लोगों ने पारंपरिक गोदना आर्ट बनवाया। इस वर्कशॉप में विशेषज्ञ एवं प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर रजत बंसल ने भी पारंपरिक गोदना करवाया।
गौरतलब है कि बस्तर में गोदना आर्ट के विभिन्न प्रकार हैं, यहां की जनजातियों के बीच गोदना को 'बाना' भी कहा जाता है। बाना अलग-अलग जनजातियों की पहचान को दर्शाता है। महिलाएं इसे सुंदरता बढ़ाने और बुरी शक्तियों से बचने का एक मजबूत माध्यम भी मानती हैं। बस्तर में मुरिया, धुरवा, भतरा, सुंडी, धाकड़ आदि जनजातियों के लोग प्रमुख रूप से गोदना बनवाते हैं। वे अपनी जनजाति के परंपरागत चिन्हों का अपने शरीर पर गोदना बनवाते हैं।
बस्तर के गोदना आर्ट को सहेजने की पहल
बस्तर के स्थानीय निवासी गोदना कलाओं को पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित करते आ रहे हैं, लेकिन आधुनिकता के दौर में इनका दायरा कम हुआ है और नई पीढ़ी के युवाओं की रुचि भी कम हुई है। बस्तर में गोदना की पारंपरिक कला के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में बादल में गोदना आर्ट वर्कशॉप आयोजित किया गया। पुराने समय में पारंपरिक तरीके से बनाए गए गोदना में असहनीय दर्द होता था, जिसे कम करने के लिए ग्रामीण जड़ी-बूटियों एवं घरेलू साधनों का प्रयोग करते थे, लेकिन अब गोदना आसानी से रोटरी टैटू मशीन और कॉइल टैटू मशीन जैसे आधुनिक उपकरणों की सहायता से बनाया जा सकता है, गोदना विशेषज्ञों द्वारा इसी की ट्रेनिंग बस्तर के स्थानीय युवक-युवतियों को गोदना आर्ट वर्कशॉप में दी गई। -
किसानों को प्राथमिकता से उपलब्ध करायें डीजल
ड्राई होने के पूर्व पम्प मालिक जिला प्रशासन को दे सूचना
बिलासपुर/कलेक्टर डा. सारांश मित्तर के निर्देश पर अपर कलेक्टर श्रीमती जयश्री जैन ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में पेट्रोल पम्प संचालक, आॅयल कम्पनी के सेल्स आॅफिसर एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति एवं वितरण के ताजा हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मानूसनी बारिश शुरू होने के साथ जिले में खेती-किसानी के कार्यों में तेजी आ गई है। मशीनीकरण के कारण बड़ी मात्रा में डीजल की खपत खेती-किसानी कार्यों में होती है। लिहाजा किसानों को प्राथमिकता के साथ डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाये। डीजल के अभाव में किसानी कार्य में बाधा नहीं आने चाहिए। पम्पों में ड्राई की स्थिति निर्मित होने पर जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से सूचना दी जाये ताकि व्यवस्था बनाई जा सके। उन्होंने सभी पम्प संचालकों को मोटर स्पिरिट नियंत्रण आदेश 1980 के तहत स्टाॅक पंजी संधारित करने के निर्देश भी दिये हैं। एडीएम ने कहा कि पम्प स्थानों पर ग्राहकों की सुविधा के लिए मुफ्त हवा, पानी एवं शौचालय की व्यवस्था हमेशा चालू रहने चाहिए। बैठक में जिला खाद्य नियंत्रक श्री राजेश शर्मा सहित विभागीय सहायक खाद्य अधिकारी एवं खाद्य निरीक्षक उपस्थित थे। -
बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 21 जून से 5 जुलाई तक चलाया जा रहा है। 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में मृत्यु का एक कारण डायरिया भी है जिसके उपचार से बच्चों की मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु की रोकथाम के उद्देश्य से गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है।
जिला स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन 21 जून को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. प्रमोद महाजन की अध्यक्षता में शहरी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर, तालापारा में हुआ। पखवाड़ा अवधि के दौरान जिले एवं विकासखंड स्तर पर स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में मास्क पहनना, सामाजिक दूरी एवं हाथ धोने के सही तरीको के विषय में बताया जा रहा है। स्वास्थ्य केन्द्रों व समुदाय में ओ.आर.एस. एवं जिंक की गोलियों का वितरण किया रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान माताओं को घर पर ओ.आर.एस. बनाने की विधि वितरण और उपयोग एवं डायरिया प्रकरणों के पहचान एवं खतरों के लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है।
पखवाड़ा कार्यक्रम के उदघाटन के अवसर पर डब्लू.एच.ओ के राज्य सलाहकार श्री उरिया नाग, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री पियुली मजुमदार सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं समस्त मितानिन उपस्थित थे।