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- -केंद्र सरकार की योजनाओं की जिले में प्रगति की समीक्षा, पारदर्शिता और समन्वय पर जोरबेमेतरा। केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जिले में क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु आज कलेक्टोरेट के दिशा सभाकक्ष में लोकसभा सांसद श्री विजय बघेल (दुर्ग) की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति (दिशा) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले में संचालित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने बैठक की शुरुआत में जिले में विभिन्न योजनाओं की वर्तमान स्थिति और प्रगति की जानकारी सांसद बघेल को दी।विभागवार योजनाओं की समीक्षा: कृषि, खाद्य, जल मिशन, मनरेगा पर विशेष जोरबैठक की शुरुआत एजेंडा अनुसार विभागवार समीक्षा से हुई। सर्वप्रथम कृषि विभाग से जानकारी ली गई, जिसमें श्री बघेल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभान्वित किसानों की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि योजनाओं की पहुंच अंतिम पात्र हितग्राहियों तक सुनिश्चित करने हेतु नियमित शिविरों का आयोजन कर जन-जागरूकता बढ़ाई जाए। खाद्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की प्रगति और तीन माह के राशन वितरण की स्थिति की समीक्षा की। जल जीवन मिशन के अंतर्गत पीएचई विभाग से जिले में पाइपलाइन विस्तार, जल प्रदाय एवं वर्षा ऋतु को देखते हुए सभी घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग निर्माण के निर्देश दिए।मनरेगा, जल संरक्षण और अमृत सरोवर योजना की समीक्षा करते हुए सांसद ने कहा कि जल संचयन एवं वृक्षारोपण जैसे कार्य सतत रूप से चलते रहने चाहिए। जिला पंचायत सीईओ द्वारा चल रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। पीएम आवास योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि सभी पात्र हितग्राहियों को समय पर आवास स्वीकृत किया जाए। सांसद ने लखपति दीदी योजना, स्वच्छ भारत मिशन, महिला-बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट आपूर्ति की स्थिति की भी समीक्षा की।स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर भी रहा फोकसश्री बघेल ने स्वास्थ्य विभाग से स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण, सम्पूर्ण टीकाकरण, कुपोषण की स्थिति और बच्चों के लिए पोषण संबंधी प्रयासों की जानकारी ली। शिक्षा विभाग से पीएम श्री योजना, शासकीय-अशासकीय स्कूलों में गणवेश एवं पुस्तकों के वितरण, शिक्षक उपलब्धता, पढ़ाई की स्थिति, व जर्जर भवनों की मरम्मत हेतु डीएमएफ व विधायक निधि से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की आवश्यकता जताई। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा करते हुए लंबित पेंशन भुगतान, अपूर्ण कार्यों में आ रही कठिनाइयों, और ठेकेदारों द्वारा कार्यों में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। सांसद श्री बघेल ने अधिकारियों से पारदर्शिता और समयबद्धता से कार्य करते हुए केंद्र की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की अपील की। साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी योजनाओं के कार्यों की मॉनिटरिंग में भागीदारी निभाने को कहा, विशेषकर ग्रामीण एवं अंदरूनी क्षेत्रों में।जनहित योजनाओं की प्रगति पर समेकित जानकारी प्रस्तुतबैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सर्व शिक्षा अभियान, मध्यान्ह भोजन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना सहित अन्य योजनाओं के अंतर्गत जिले में चल रहे कार्यों की जानकारी जिला अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत की गई। सांसद श्री बघेल ने कहा कि ये सभी योजनाएं जनता की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने हेतु केंद्र सरकार की प्राथमिकता हैं, और इनके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
- बिलासपुर, /केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने बुधवार को जिला कार्यालय परिसर में शहर की दो श्रमिक महिलाओं को ई-रिक्शा की चाबी सौंपी। श्रम विभाग की दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के अंतर्गत श्रीमती सुनीता गोंड एवं चित्ररेखा देवांगन को चाबी सौंपकर शुभकामनाएं दी। श्रम विभाग की इस कल्याणकारी योजना के तहत जिले में पिछले लगभग डेढ़ साल में 33 श्रमिक महिलाओं को ई-रिक्शा वाहन प्रदान किया गया है। महिलाएं इससे प्राप्त आमदनी से अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई के साथ ही सुगमता से अपनी आजीविका चला रही हैं। योजना के तहत प्रत्येक महिला को श्रम विभाग के सौजन्य से एक-एक लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि मिली है। सहायक श्रमायुक्त श्रीमती ज्योति शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में कम से कम तीन वर्ष पूर्व पंजीकृत महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाती है। महिला का ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, बैंक खाता, ऋण स्वीकृति प्रमाण पत्र एवं शपथ पत्र के साथ ऑनलाईन आवेदन करना होता है। इस अवसर पर विधायक श्री धर्मजीत सिंह, श्री सुशांत शुक्ला, श्री दिलीप लहरिया, श्री अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
- -"रक्त दानवीर डॉ. नेरल की विदाई पर भावुक हुआ संस्थान"-"जिन्दगी का अंतिम दिन मेरा अंतिम क्रियाशील दिन होगा डॉ. नेरल", रायपुर। पं. ज.ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के वरिष्ठतम चिकित्सा शिक्षक डॉ. अरविन्द नेरल को सेवानिवृत्ति पर भाव-भीनी विदाई दी गयी। महाविद्यालय और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में यह संवेदनशील विदाई समारोह महाविद्यालय परिसर में स्थित अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में आयोजित किया गया। डॉ. अरविन्द नेरल पैथालॉजी विभाग में प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष रहे हैं। उनके सम्मान में आयोजित इस समारोह में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने कहा कि डॉ. नेरल ने अपने लंबे सेवाकाल में न सिर्फ शिक्षा, चिकित्सा एवं रिसर्च के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया, बल्कि महाविद्यालय के सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और सामाजिक कार्यों की भी कमान सम्हाली। हम उनके सेवा-भाव को नमन करते हैं।कार्यक्रम के प्रारंभ में पैथालॉजी विभाग की सह-प्राध्यापक डॉ. वर्षा पाण्डेय ने डॉ. नेरल के जीवन और सेवाओं पर आधारित ऑडियो विजुअल प्रस्तुति दी जिसमें उन्होने डॉ. नेरल के समर्पण, कार्यशैली, सामाजिक कार्यों और मानवीय संवेदनाओं को बहुत सुन्दर तरीके से दर्शाया। साथ ही "कभी अलविदा ना कहना" शीर्षक से वीडियो द्वारा डॉ. नेरल के कार्यों को उजागर किया। तत्पश्चात् डॉ. देवप्रिया लकरा, डॉ. संतोष सोनकर, डॉ. जया लालवानी, डॉ. राबिया परवीन सिद्दीकी, डॉ. ओंकार खण्डवाल, डॉ. आकाश लालवानी और डॉ. विजय कापसे ने डॉ. नेरल के बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार और संवेदनायें व्यक्त की। इसके पूर्व पैथालॉजी विभाग के शिक्षकों, टेक्निशियन और अन्य कर्मचारियों की ओर से भी विदाई समारोह का पृथक से आयोजन किया गया था।अपने विदाई संदेश में डॉ. अरविन्द नेरल ने कहा कि इस महाविद्यालय में 41 वर्ष का लंबा कार्यकाल बहुत संतोषजनक और उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। इस महाविद्यालय में गुजारे लम्हें, वरिष्ठों, सहपाठियों और सभी शिक्षकों, कर्मचारियों से मिला साथ, सहयोग और सहभागिता मेरे जीवन की अमूल्य धरोधर है और चीर-स्मरणीय रहेगी। उन्होंने कहा रक्तदान, एड्स जागरूकता और कोविड-19 एपिडेमिक काल में किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिये छत्तीसगढ शासन द्वारा सम्मानित किया जाना विशेष उपलब्धि रही है। विदाई समारोह में डॉ. नेरल को शॉल-श्रीफल, प्रतीक चिन्ह, उपहार और यादगार फोटो फ्रेम दिये गये।
डॉ. अरविन्द नेरल के चिकित्सा शिक्षकीय सेवाओं की विशेषतायें(1) न्यूनतम 24 वर्ष की उम्र से 65 वर्ष की उम्र तक 41 वर्षों तक लगातार एक ही चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षक के रूप में सेवायें।(2) 31 वर्ष की उम्र से 34 वर्षों तक विभागाध्यक्ष के रूप में सेवायें।(3) फॉरेन्सिक मेडिसीन, माइक्रोबायोलॉजी एवं पैथालॉजी तीन अलग-अलग विभागों का विभागाध्यक्ष के रूप में संचालन और शिक्षण।(4) 05 वर्षों तक दो विभागों का एक साथ संचालन।(5) फॉरेन्सिक मेडिसीन और माइक्रोबायोलॉजी विभागों की लगभग शून्य से स्थापना।(6) तीन-तीन चिकित्सा विषयों में आंतरिक एवं बाह्य विश्वविद्यालयीन परीक्षक के रूप में सेवायें।सेवानिवृत्ति पर मातृशिक्षण संस्थान को उपहार1. अपने मातृ शिक्षण संस्थान जहां से शिक्षा ग्रहण की उस संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करते हुये डॉ. अरविन्द नेरल ने विगत 41 वर्षों से अपने खून-पसीने से (44 लीटर खून 126 बार रक्तदान के माध्यम से) अपनी सेवायें देने के पश्चात् मृत्यु उपरांत अपना शरीर भी संस्थान को दान किये जाने का शपथ-पत्र एनाटामी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जागृति अग्रवाल को वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षकों के साक्ष्य उपस्थिति में प्रदान किया। उनकी मंशा है कि उनका शरीर मृत्यु पश्चात् भी महाविद्यालय परिसर में ही रहे और यथासंभव काम आता रहे।2. ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की फाईबर से एक कलाधार द्वारा बनायी गयी आकर्षक मूर्ति महाविद्यालय के अधिष्ठाता कक्ष के लिये प्रदान की।3. डॉ. अरविन्द नेरल ट्रॉफी के रूप में नौ रनिंग ट्रॉफियाँ महाविद्यालय को प्रदान की गयी। ये ट्रॉफियाँ प्रत्येक वर्ष प्राणीण्य सूची में प्रथम आने वाले मेधावी विद्यार्थियों के खेलकूद, साहित्य एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को दिये जायेंगे। - रायपुर । कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने आज रेडक्रॉस हॉल, कलेक्ट्रेट परिसर में जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सफाई, चौकीदार और ऑपरेटर जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने एक्सपायरी डेट वाली दवाओं का उपयुक्त प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए।बैठक में स्वास्थ्य अधिकारियों एवं डॉक्टरों के रिक्त पदों की स्थिति की जानकारी ली गई और भर्ती की दिशा में जल्द कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया।कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि सभी CHC का विश्लेषण कर यह तय किया जाए कि कहां कौन-से पद उपयोगी नहीं हैं और उन्हें सरेंडर किया जाए। वहीं जिन पदों की जरूरत है, उनकी रिक्ति की जानकारी प्रस्तुत की जाए।बैठक में सभी CHC में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए हैं और उसकी रोज़ाना रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजने को कहा गया है।उन्होंने आयुष्मान कार्ड ब्लॉकिंग की स्थिति की ब्लॉकवार समीक्षा की और संस्थागत प्रसव, सिजेरियन डिलीवरी, परिवार कल्याण कार्यक्रम एवं जीवनदीप समिति की बैठक की प्रगति की जानकारी ली।दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देते हुए निर्देश दिए कि सभी आवश्यक दवाएं हमेशा स्टॉक में रहें। विभिन्न स्वास्थ्य सॉफ्टवेयर के संचालन की स्थिति पर भी चर्चा हुई और तत्काल प्रभाव से सभी सॉफ्टवेयर पूर्ण रूप से चालू करने को कहा गया।जिले में कुल 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो अभनपुर, गोबरा नवापारा, आरंग, मंदिरहसौद, तिल्दा, खरोरा, धरसींवा, बीरगांव, गुड़ियारी, 50 बेडेड आयुर्वेद अस्पताल एवं खोखोपारा में स्थित हैं।कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने मौसमी बीमारियों से बचाव की तैयारी का जायजा लिया जिसमें अधिकारियों ने बताया दस्त एवं पीलिया हेतु बचाव के लिए विकासखंड शहरी क्षेत्र में महामारी रोकथाम एवं बचाव हेतु जिला स्तरीय टीम गठित किया गया है | प्रत्येक ग्रामों में मितानिनों के पास औषधि पर स्टॉक सुनिश्चित करने को कहा गया है | मुख्यमंत्री मितानिन दवा पेटी के अलावा क्लोरीन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, ओआरएस पैकेट, पेरासिटामाॅल, फ्लरोजोलाडीन, दी जाएगी | पीने योग्य जल स्रोतों का नियमित जल शुद्धीकरण किया जाएगा | वर्षा ऋतु में संभावित महामारी एवं मौसमी बीमारियों बचाव एवं रोकथाम हेतु व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा | अधिकारियों ने डेंगू/स्वाइन फ्लू से बचाव के बारे में बताया कि डॉ. बी.आर अंबेडकर अस्पताल एवं जिला चिकित्सालय रायपुर में डेंगू एवं स्वाइन फ्लू के जांच उपचार भर्ती एवं आवश्यक दवाइयां की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है तथा रोकथाम एवं बचाव हेतु व्यापक प्रचार प्रसार कराया गया है | बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी सहित स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे |
- -धान के साथ नगदी फसल बोने के लिए प्रेरित करें और स्टार्टअप की संभावना पर कार्य करें: डॉ गौरव सिंहरायपुर /कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने कृषि और संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि बीज और उर्वरक के भंडारण का आकलन करते रहे और किसानों को आवश्यकतानुसार उठाव कराएं। जिले में बोनी का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे पूर्ण कराएं। जो विकासखंड इसमें पीछे है वह कार्ययोजना बनाकर पूर्ण करें। साथ ही उन्होंने आरईओ और एडीईओ को निर्देशित करते कहा कि किसानों को श्री पद्धति से बोनी के लिए भी प्रेरित किया जाए।कलेक्टर ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी फील्ड में निरंतर दौरा करें किसानों से संपर्क रखें और उन्हे योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। उन्हें धान के साथ अन्य नगदी फसल बोने के लिए प्रेरित करें, ऐसे फसल के लिए भी तैयार करें जो परंपरागत रूप छत्तीसगढ़ में ना बोई जाती हो मगर यहां के जलवायु के अनुकूल हो, फसल परिवर्तन के लाभ बताकर प्रेरित करें। यहीं नहीं ऐसे फसलों के बाजार की संभावनाएं भी बताएं और उपलब्ध कराएं। उन्होने कहा कि कृषि के क्षेत्र में अच्छे स्टार्टअप आ रहे हैं।कृषि के विद्यार्थी जो इस क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक है उनसे चर्चा कर किसानों से संपर्क कराएं जिससे किसानों का अपने उत्पादों का बाजार भी मिलेगा। जिलें के प्रगतिशील किसान का चयन करें उन्हें अन्य किसानों से मिलाए ताकि वे भी अच्छी खेती करने के लिए प्रेरित हो। उद्यानिकी विभाग नवाचार करें, ताकि उनके किसानों के उत्पादों का प्रदेश के बाहर में अच्छी मांग हो। इससेे जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति सृदृढ़ होगी। मत्स्य विभाग बंद खदानों में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन को बढ़ावा दें। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
- -पीएचई द्वारा एफटीके किट से जल परीक्षण की दी जाएगी जानकारी-सभी शासकीय व निजी स्कूल भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने के निर्देशबलौदाबाजार / बरसात के मौसम में जलजनित एवं दूषित खाद्य पदार्थों के कारण फैलने वाली बीमारियों से सतर्क रहने व स्वच्छता के प्रति लोगों क़ो जागरूक करने गांव -गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस सम्बन्ध में कलेक्टर दीपक सोनी ने गुरुवार क़ो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मैदानी अमलों व सरपंच -सचिव की सम्पर्क केंद्र से ऑनलाइन बैठक लेकर जरुरी दिशा निर्देश दिये। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल एवं सीएमएचओ डॉ.राजेश कुमार अवस्थी भी उपस्थित थे।कलेक्टर श्री सोनी ने कहा कि सरपंच -सचिव अपने पंचायतों क़ो मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रखने में लोगों क़ो जागरूक करें। लोगों क़ो आगामी 2 से 3 माह पानी क़ो उबालकर उपयोग करने,पानी रखने वाले बर्तन में कलोरिन की गोली डालने,गरम व ताजा भोजन ग्रहण करने, जल स्रोतों के पास साफ- सफाई रखने के लिए प्रेरित करें। उन्होने कहा कि हर पंचायत में पीएचई द्वारा नामित जल वाहिनी हैं। जल वाहिनी एवं तकनिशियन के नाम व मोबाइल नंबर का दीवाल लेखन कराएं।गांव में किसी क़ो पेट दर्द या उल्टी की शिकायत हो तो तत्काल मितानिन से मिलें और उससे दवाई लें। जरुरी हो तो ईलाज के लिए मितानिन के साथ नजदीकी अस्पताल जाएं। जल वाहिनी व तकनिशियन क़ो तत्काल जल परीक्षण के लिए सूचित करें। जल जीवन मिशन के तहत हर -घर जल के पानी का उपयोग करने पर बोर का पानी, टंकी एवं नल इन तीन स्रोत से पानी क़ा परीक्षण कराएं। पानी में बैक्टिरिया की पुष्टि होने पर तत्काल पानी का उपयोग बंद कर दें और स्रोत क़ो भी बंद कर दें। पानी के उच्च स्तरीय परीक्षण के लिए पीएचई लैब क़ो सैंपल भेजें। पीएचई द्वारा पानी का परीक्षण कर पॉजिटीव पाए जाने पर गांव में उपयोग में लाने वाले पानी का आवश्यक उपचार किया जाएगा जिसमें टंकी की सफाई,जल स्रोतो का क्लोरीनिकरण, पाइप की जांच आदि शामिल है। इसीतरह मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग, घर के आस -पास के गड्ढों में जल भराव न होने दें , कूलर के पानी क़ो खाली करने की समझाईश दें।कलेक्टर ने ग्रामीणों क़ो जल वाहिनी के माध्यम से एफटीके किट जांच परीक्षणअभियान चलाने हेतु पीएचई के अधिकारियों क़ो निर्देश दिये। उन्होने कहा की पीएचई अपने मैदानी अमलों क़ो एक्टिव करे और एसडीओ व सब इंजिनीयर क़ो भी वाटर टेस्टिंग की जानकारी हो। उन्होंने वर्षा जल संचयन पर जोर देते हुए अगले एक माह में जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूल भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा की छत में जिस स्थान पर पानी क़ा जमाव होता हो वहीं से वाटर हार्वेस्टिंग के लिए पाइप लगवाएं।कलेक्टर श्री सोनी ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 ग्रामीण अंतर्गत बेहतर स्वछता रैकिंग के लिए ग्रामीणों क़ो शौचालय का उपयोग, स्वच्छता तथा सामुदायिक शौचालयों का निरंतर उपयोग सुनिश्चित करने कहा। उन्होने बताया कि इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्वेक्षण होगा। जिले में मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत सोखता गड्ढा, वाटर हार्वेस्टिंग, जलशयों का सफाई के कार्य हुए हुए है जिसे आगे भी जारी रखें।बताया गया कि मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत अब तक 8600 सोखता गड्ढा का निर्माण तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियो के द्वारा 8813 आवासो में रैन वाटर हार्वेस्टिंग बनवाया है।
- -तीन शिक्षकों की नियुक्ति से बच्चों के साथ पालकों के चेहरों पर भी खिली मुस्कानबलौदाबाजार / युक्तियुक्तकरण से स्कूलों की तस्वीर बदलने लगी है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ- साथ उनके माता पिता के माथे पर अब चिंता की लकीरें नहीं बल्कि चेहरे पर राहत की मुस्कान खिल रही है।इस क्रांतिकारी बदलाव के लिए बच्चों के साथ- साथ उनके अभिभावकों ने भी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। विकासखंड बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम पुरैना खपरी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत 3 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे विद्यालय के विद्यार्थियों को पढ़ाई में अब बेहतर सुविधा मिल रही है।विद्यालय में वर्तमान में कक्षा 6वीं एवं 7वीं का संचालन हो रहा है जिसमें कुल 66 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें कक्षा 6वीं में 34 तथा कक्षा 7वीं में 32 विद्यार्थी हैं। पूर्व में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी, लेकिन अब नई व्यवस्था से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है। नवपदस्थ शिक्षकों में अनुपा मंडावी (सामाजिक विज्ञान) प्रभारी हेड मास्टर के रूप में शासकीय माध्यमिक शाला रवान से, हेमलता मिश्रा (हिंदी) शासकीय माध्यमिक शाला चंडी से तथा जयश्री कलेत (विज्ञान) शासकीय माध्यमिक शाला माता देवालय, भाटापारा से प्रतिनियुक्त हुई हैं। इन शिक्षकों की उपस्थिति से अब विद्यार्थियों को विषयवार नियमित पढ़ाई मिल पा रही है। विद्यालय का संचालन समय दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित है। शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी निभाना प्रारंभ कर दिया है और बच्चों में भी पढ़ाई के प्रति उत्साह देखा जा रहा है। शिक्षा विभाग में की गई इस पहल से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिल रहा है, जिससे निश्चित ही उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।युक्तियुक्तकरण से मिले तीन शिक्षक बेहतर हुई पढ़ाई- कक्षा 7 वीं में पढ़ने वाली रागिनी निषाद कहती हैं पहले टीचर नहीं थे तो अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती थी लेकिन युक्तियुक्तकरण के बाद अब हमारे स्कूल में तीन विषयों के टीचर मिल गए हैं जिसके कारण बेहतर पढ़ाई हो रही है।परिजन साध राम टांडेकर ने जताया संतोष, कहा – अब बच्चों की पढ़ाई होगी व्यवस्थितविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति से प्रसन्न होकर छात्र के परिजन श्री साध राम टांडेकर ने कहा, "पहले यहां शिक्षक नहीं थे, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अब मिडिल स्कूल के लिए शिक्षक आ गए हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो सकेगी। हम अभिभावक बहुत खुश हैं कि अब हमारे गांव के बच्चों को भी नियमित और विषय अनुसार शिक्षा मिल रही है। यह बहुत ही अच्छी पहल है।"
- बलौदाबाजार / स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर बुधवार क़ो विकासखंड कसडोल तथा पलारी के डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य संचालनालय से आईडीएसपी के उप संचालक डॉ खेमराज सोनवानी तथा सलाहकार श्वेता शर्मा ने भ्रमण कर स्थिति का जायज़ा लिया।राज्य कार्यालय से आये अधिकारियों ने पलारी में भर्ती मरीजों से मिलकऱ उनका कुशल क्षेम पूछा, इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अर्जुनी ब सहित ग्राम बरबसपुर में लगे डायरिया स्वास्थ्य शिविर सहित बल्दा कछार का भी निरीक्षण किया। पलारी में इस समय केवल चार मरीज ही भर्ती हैं शेष ठीक होकर जा चुके हैं। उपचार बाद भर्ती चार मरीज पूरी तरह से सामान्य हैं । कसडोल के ग्राम बरबसपुर में मिले कुल केस में 4 ही वर्तमान में भर्ती हैं जिसमें 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अर्जुनी तथा एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में भर्ती हैं। डायरिया के शेष अन्य केस उपचार लेकर ठीक हो चुके हैं तथा अपने घर जा चुके हैं ।उप संचालक डॉ सोनवानी ने सभी प्रभावित ग्राम में मेडिकल स्टाफ की शिफ्ट अनुसार ड्यूटी को निरंतर करने ,गांव में क्लोरीन टेबलेट वितरित करने को भी कहा। आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने डिस्चार्ज मरीजों को काउंसलर के माध्यम से टेलीफोन के ज़रिए डायरिया के सम्बंध में फीडबैक लेने तथा स्वास्थ्य संबंधी सलाह देने के भी निर्देश दिए । रोकथाम हेतु त्वरित प्रतिक्रिया हेतु निगरानी बढ़ाने को भी कहा गया। ग्राम बरबसपुर में इंडेक्स मरीज (पहला केस) के घर का भ्रमण कर जानकारी भी ली गई । ग्राम में अन्य मौसमी बीमारियों जैसे मलेरिया के लिए भी एहतियातन फीवर सर्वे करने को कहा गया ।भ्रमण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश अवस्थी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर के. के. टेम्भूरने, आईडीएसपी के जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर अभिजीत बैनर्जी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
- -बलौदाबाजार जिले 524 ग्रामों में 15 अगस्त से प्रारम्भ होगा डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण-राजस्व अमले को मिला डिजिटल क्रॉप सर्वे व एग्रीस्टैक एप का व्यवहारिक प्रशिक्षणबलौदाबाजार-भाटापारा, 3 जुलाई 2025/अब भूमि चिन्हांकन और फसल सर्वेक्षण का कार्य डिजिटल तरीके से अधिक आसान और सटीक हो सकेगा। एग्रीस्टैक एप और जियो रेफरेंसिंग तकनीक के माध्यम से खेतों का वास्तविक सर्वेक्षण कर भू-संबंधी विवादों का समाधान तेज़ी से किया जा सकेगा। इसी क्रम में आज जिला पंचायत सभाकक्ष में डिजिटल क्रॉप सर्वे विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जो दो पालियों में संपन्न हुई। कलेक्टर दीपक सोनी ने राजस्व अमले को प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को फील्ड में पूरी गंभीरता और निष्ठा से लागू करनें तथा सीमांकन से जुड़े सभी लंबित प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिये।कार्यशाला में मास्टर ट्रेनरों ने जिले के राजस्व अमले को डिजिटल क्रॉप सर्वे की सम्पूर्ण प्रक्रिया का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। इस तकनीक के माध्यम से हर खसरे और भू-खंड में जाकर फसल की जियो-टैग्ड तस्वीरें ली जाएंगी, जो ऑनलाइन एग्रीस्टैक पोर्टल में दर्ज होंगी। किसानों का पंजीयन सर्वेयर द्वारा किया जाएगा, जिसके उपरांत उन्हें एक फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी।वर्तमान खरीफ सीजन 2025 में जिले के सभी तहसीलों के 524 ग्रामों में 15 अगस्त 2025 से डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक ग्राम से अधिकतम 20 स्थानीय युवाओं का चयन किया जाएगा। यह चयन पटवारी के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। सर्वेयर चयन हेतु ग्राम के निवासी युवा जिनके पास न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण व एंड्रॉइड मोबाइल फोन उपलब्ध हो सर्वेयर के रूप में कार्य हेतु पात्र होंगे।
- बलौदाबाजार / जिला प्रशासन एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग बलौदाबाजार द्वारा जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के योग भवन में गुरुवार क़ो मल्लखंब खेल प्रशिक्षण हेतु ट्रायल आरम्भ किया गया।प्रशिक्षण ट्रायल के प्रथम दिवस में 25 बालक एवं बालिकाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के इच्छुक खिलाड़ी दिनांक 05-जुलाई 2025 तक उक्त ट्रायल में भाग ले सकते है। ज्ञात हो कि मल्लखम्ब भारत की एक प्राचीन खेल विधा है जिसका अभ्यास जिमनास्टिक योग एवं एक्रोबेटिक्स के आयामों के साथ किया जाता है जिसमें जिमनास्ट का एक समूह एक स्थिर ऊर्ध्वाधर पोल के साथ कुश्ती की पकड़ का उपयोग करके हवाई योग और जिमनास्टिक आसन करता है।
- -संतुलित उर्वरक के उपयोग व कृषि ड्रोन के माध्यम से उर्वरक एवं रसायनों के छिड़काव पर जोरबलौदाबाजार, /जिला स्तरीय कृषि स्थायी समिति की प्रथम बैठक जिला पंचायत के सभाकक्ष में कृषि सभापति सुश्री इंदू जांगड़े की अध्यक्षता मेें आयोजित की गई। बैठक में विभाग प्रमुखों द्वारा विभागवार योजनाओं की जानकारी के बारे में जानकारी प्रदान की गई।बैठक में कृषि स्थायी समिति के सदस्य ईशान वैष्णव एवं अंजली विमल साहू भी उपस्थित थे।कृषि सभापति सुश्री इंदु जांगडे़ एवं सदस्यों द्वारा शासन की किसान हितौषी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर संतुलित उर्वरक के उपयोग, कृषि ड्रोन के माध्यम से उर्वरक एवं रसायनों का छिड़काव, और आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग की जानकारी प्रदान करने के साथ ही डी.ए.पी उर्वरक के स्थान पर एन.पी.के. एवं सिंगल सुपर फास्फेट को बढ़ावा देने हेतु जिला स्तर पर समिति प्रबंधकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को पशुओं के गले में रेडियम कॉलर बेल्ट लगाने हेतु निर्देशित किया गया जिससे की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।उप संचालक कृषि द्वारा संचालित प्रमुख योजना जैसे बीज एवं उर्वरक भण्डारण वितरण, प्राकृतिक व जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, नेशनल मिशन ऑन ऑयल सीड्स, एग्रीस्टैक योजना, पीएम. किसान सम्मान निधि योजना, फसल चक्र परिवर्तन, किसान समृद्धि योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई । साथ ही विभाग द्वारा डी.ए.पी उर्वरक के स्थान पर एन.पी.के. एवं सिंगल सुपर फास्फेट को बढ़ावा देने कहा गया। उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन अन्तर्गत घटक पुष्प विस्तार, फल क्षेत्र विस्तार, मशाला क्षेत्र विस्तार संरक्षित खेती, राज्य पोषित योजनान्तर्गत समेकित कृषि विकास योजना, फल उद्यान, नलकूप खनन, हल्दी, अदरक की खेती, नेशनल मिशन ऑन ऑयल पॉम के बारे में जानकारी साझा किया गया एवं अन्य तकनीकी विषयों के बारे में जानकारी दी गई ।इसी तरह पशुपालन विभाग द्वारा कुक्कुट प्रदाय योजना, सांड प्रदाय योजना, सुकर तरई योजना, कृत्रिम गर्भाधान, बकरा पालन योजना, टीकाकरण एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई।बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ. नरेन्द्र सिंह, म सहायक संचालक मत्स्य व्ही.के.वर्मा, सहायक संचालक उद्यान आभा पाठक, नोडल अधिकारी जिला सहकारी बैंक जी. एन. साहू, जिला विपणन अधिकारी गजेन्द्र कुमार राठौर, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी सहायक अभियंता अनिल बिंझवार एवं बीज प्रबंधक सी.आर.पटेल सहित अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहें।
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बलौदाबाजार, / राज्य शासन द्वारा सार्वजानिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राशनकार्डधारी परिवारों क़ो जून से अगस्त 2025 तक तीन माह का एकमुश्त चावल वितरण की तिथि 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी गई है। तीन माह का एक मुश्त चावल लेने में शेष राशनकार्डधारी अब शासकीय उचित मूल्य दुकान से 31 जुलाई 2025 तक प्राप्त कर सकते हैं। खाद्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में हितग्राहियो क़ो तीन माह का एकमुश्त चावल नहीं बंट पाया है।शेष बचे राशनकार्डधारियों क़ो एक मुश्त चावल वितरण की तिथि 31 जुलाई 2025 तक बढ़ाई गई है। जिले के कुल 376111 राशनकार्डधारियों में से अब तक 344160 हितग्राहियो क़ो तीन माह का चावल वितरण किया गया है।
- - मुख्यमंत्री श्री साय की विशेष पहल पर 20.55 करोड़ की स्वीकृतिरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत सरकार एवं राज्य शासन के सहयोग से रायपुर में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में अत्याधुनिक बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर की स्थापना के लिए भारत सरकार, राज्य शासन एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी है।इस बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैव संसाधनों के दोहन के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना है। यहां युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता एवं बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस इंक्युबेशन सेंटर में कुल 23 आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिनमें बीएस-4 स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही दो सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं एनालिटिकल टेस्टिंग लैब की भी स्थापना की जा रही है।इंक्युबेशन सेंटर में 17 सूक्ष्म एवं लघु और 6 वृहद उद्योगों के संचालन की व्यवस्था की जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों के लिए कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जो तीन वर्षों तक सेंटर में कार्यरत रह सकेंगी। कृषि और फार्मा बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित स्टार्टअप को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर बायोटेक इंक्युबेशन सेंटर के निर्माण एवं फर्निशिंग कार्य के लिए 20 करोड़ 55 लाख रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की इस पहल से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। इससे जहां एक ओर शोध और उद्योगों के बीच समन्वय स्थापित होगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार और उद्यमिता के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नई दिशा देगी।
- -छत्तीसगढ़ वन विभाग का संकल्प: परंपरागत ज्ञान और कानूनी अधिकारों के समन्वय से सतत वन प्रबंधनरायपुर / छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों प्रकार के वन संसाधन अधिकारों की मान्यता एवं वितरण में देश के अग्रणी राज्यों में रहते हुए सक्रिय, सकारात्मक और सराहनीय भूमिका निभाई है। अब तक प्रदेश में 4,78,641 व्यक्तिगत अधिकार तथा 4,349 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) पत्र वितरित किए गए हैं, जिससे कुल 20,06,224 हेक्टेयर क्षेत्र पर कानूनी अधिकार प्रदान कर लाखों वनवासी परिवारों को सशक्त बनाया गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की प्रशासनिक प्रतिबद्धता, पारदर्शिता और सतत विकास के प्रति दृढ़ निष्ठा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।वन विभाग द्वारा सीएफआरआर क्रियान्वयन के दौरान मॉड्यूल प्रबंधन योजनाओं और दिशा-निर्देशों के अभाव में फील्ड अधिकारियों को केवल एक परामर्श जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 से वैज्ञानिक रूप से समन्वित हों। इस परामर्श की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि बिना स्पष्ट ढांचे के फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन में असंगति उत्पन्न हो रही थी, जिससे भविष्य में वनों की पारिस्थितिकी के क्षतिग्रस्त होने, स्वीकृत कार्य योजनाओं से टकराव और समुदाय तथा विभागीय विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका थी। कुछ संस्थाओं एवं ग्राम सभाओं द्वारा इसे अधिकार सीमित करने के प्रयास के रूप में देखा गया, जबकि वास्तव में विभाग का उद्देश्य केवल पारदर्शी, टिकाऊ और कानूनी रूप से मजबूत प्रबंधन की पूर्व तैयारी करना था।दिनांक 15.05.2025 को कार्यालय से जारी पत्र केवल एक अंतरिम प्रक्रिया-संबंधी व्यवस्था थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मॉडल योजना जारी होने तक केवल स्वीकृत योजनाएं ही लागू की जाएं। इस पत्र में एक टंकण त्रुटि के कारण वन विभाग को ‘नोडल एजेंसी’ लिखा गया था, जबकि वास्तविक शब्द ‘समन्वयक’ था। इस त्रुटि को 23.06.2025 के परिपत्र से विधिवत सुधार दिया गया। उक्त पत्र तथा स्पष्टीकरण के कारण उत्पन्न भ्रम को दृष्टिगत रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार दोनों पत्रों को दिनांक 03.07.2025 को वापस ले लिया गया है।सीएफआरआर क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने हेतु छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को औपचारिक अनुरोध भेजे गए हैं, जिनमें अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय वर्किंग प्लान कोड, 2023 के अनुरूप मॉडल सामुदायिक प्रबंधन योजनाएं तथा विस्तृत क्रियान्वयन दिशा-निर्देश जल्द से जल्द जारी किए जाएं एवं ग्राम सभा प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के लिए समग्र प्रशिक्षण मॉड्यूल / हैंडबुक प्रकाशित की जाए।छत्तीसगढ़ वन विभाग यह स्पष्ट करता है कि सीएफआरआर का क्रियान्वयन प्रदेश में पूरी पारदर्शिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सहभागिता के साथ किया गया है तथा आगे भी परंपरागत ज्ञान को सम्मान देते हुए सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाता रहेगा। file photo
- -जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से अग्रिम भण्डारण कर किया जा रहा खाद वितरण-16 हजार 500 क्विंटल बीज किसानों को वितरितरायपुर,। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप राज्य के किसानों के हितलाभ के लए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किसानों को निर्धारित समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। रायगढ़ जिला अंतर्गत सहकारिता क्षेत्र में कृषकों को अधिक से अधिक खाद एवं बीज प्रदाय करने के संबंध में लगातार शासन तथा प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जिले के कुल 69 सहकारी समितियों के माध्यम से खरीफ वर्ष 2025 में खाद का अग्रिम भण्डारण करते हुए खाद वितरण का कार्य किया जा रहा है।रायगढ़ जिले में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध 18945 टन खाद का भण्डारण समितियों द्वारा किया जा चुका है तथा 14419 मैट्रिक टन खाद का वितरण लगभग 20 हजार किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में 5000 मैट्रिक टन खाद समितियों में शेष है, साथ ही बीज निगम के माध्यम से प्रमाणित बीज भी समितियों के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कुल लक्ष्य 29417 क्विंटल के विरूद्ध 25000 क्विंटल बीज का भण्डारण कराया जा चुका है तथा 16500 क्विंटल बीज का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। कृषकों के मांग के अनुरूप खाद का भण्डारण कर कृषकों को वितरण किया जा रहा है।उप संचालक कृषि श्री अनिल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार दुकानों एवं व्यापारियों के खाद के स्टॉक की जांच करने तथा कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर खाद विक्रय के संबंध में निरीक्षण किया जा रहा है। जिससे खाद की काला बाजारी न हो तथा कृषकों को सही गुणवत्ता के खाद एवं बीज मिल सके। निरीक्षण के दौरान खाद का नमूना भी लिया जा रहा है, अमानक पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
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राजनांदगांव । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव, बालोद एवं दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी राजनांदगांव में आयोजित किया गया। बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव, बालोद एवं दुर्ग जिले के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा जिले की कृषि पद्धति एवं कृषि विज्ञान केन्द्र की वार्षिक प्रगति 2024-25 एवं कार्य योजना 2025-26 की प्रस्तुतीकरण किया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं से डॉ. नीता खरे द्वारा आवश्यक सुझाव एवं सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों में होने वाले विभिन्न प्रसार गतिविधियों एवं नये-नये तकनीकों का प्रसार-प्रचार अधिक से अधिक करने की आवश्यकता है, जिससे समय पर इसका लाभ कृषकों को मिल सके। साथ ही फसल तैयारी के पूर्व प्रशिक्षण का आयोजन किया जाना चाहिए। बैठक में कृषकों द्वारा पशुओं में उन्नत नस्ल सुधार के विकल्प कृत्रिम गर्भाधान के बारे में परिचर्चा की गई। इसके साथ ही धान के फसलों में कीट पैनिकल माइल की समस्या के बारे में वृहद परिचर्चा की गई। बैठक में सभी केन्दों, विभागों एवं प्रगतिशील कृषकों द्वारा आवश्यक सुझाव एवं सलाह प्रस्तुत किए गए।
बैठक में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं से डॉ. नीता खरे, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दीप्ती झा व डॉ. ज्योति भट्ट, कृषि महाविद्यालय राजनांदगांव के अधिष्ठाता डॉ. विनम्रता जैन, कृषि महाविद्यालय छुईखदान के अधिष्ठाता डॉ. अविनाश गुप्ता, उपसंचालक कृषि राजनांदगांव, दुर्ग एवं बालोद से श्री एसएल देशलहरे व श्री राजेन्द्र प्रसाद, पशुपालन विभाग से डॉ. ममता मेश्राम, कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव, बालोद एवं दुर्ग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुजंन झा, डॉ. केआर साहू एवं डॉ. विजय जैन एवं श्री बिसेसर दास साहू, अटारी बोर्ड सदस्य जबलपुर एवं अन्य जिलों के प्रतिनिधि, विषय वस्तु विशेषज्ञ तथा प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे। -
- युवाओं को अपने भविष्य को संवारने एवं लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल
- भारतीय प्रशासनिक सेवा 2024 में चयनित अभ्यर्थी देंगे युवाओं को सही मार्गदर्शन
- 4 जुलाई को कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए कार्यक्रम का होगा आयोजन
- कलेक्टर ने जिले के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं एवं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की
राजनांदगांव । युवाओं को अपने भविष्य को संवारने एवं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मदद तथा सही मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण पहल की गई है। सही वक्त में युवाओं को बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने में मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करता है, उनके कौशल और क्षमताओं को विकसित करने में मदद करता है तथा उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास प्रदान करता है। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में भारतीय लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अध्ययन स्तर, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं तैयारी के लिए युवाओं को लाभान्वित करने हेतु कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए् कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कठिन नहीं, सही मार्गदर्शन चाहिए-आईएएस टॉपर्स से मिलिए कार्यक्रम का आयोजन 4 जुलाई 2025 को सुबह 11.30 बजे से पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम राजनांदगांव में किया गया है। कार्यक्रम में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2024 में चयनित श्री आकाश गर्ग, श्री आदित्य विक्रम, सुश्री पूर्वा अग्रवाल, श्री अभिषेक अग्रवाल, श्री अंकित धवानी द्वारा जिले के युवाओं को लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिले के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं एवं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की है। - -युक्तियुक्तकरण से हुई शिक्षकों की पदस्थापनामहासमुंद / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण नीति ने उन विद्यालयों में शिक्षा का नया सवेरा हुआ है, जो वर्षों से शिक्षक संसाधनों की कमी से जूझ रहे थे। ऐसे ही दो विद्यालय महासमुंद विकासखण्ड अंतर्गत प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और प्राथमिक शाला नाँदबारू, जो 1994-95 से एकल शिक्षक विद्यालय के रूप में संचालित हो रहे थे।तीन दशकों से इन विद्यालयों में एकमात्र शिक्षक के भरोसे शिक्षा व्यवस्था चल रही थी। सीमित संसाधनों और भारी जिम्मेदारियों के बावजूद शिक्षकगण पूरी निष्ठा से कार्य करते रहे, लेकिन कई शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावी ढंग से संचालित नहीं हो पा रही थीं।सत्र 2024-25 में छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इन विद्यालयों को द्वि-शिक्षकीय स्वरूप मिला। पहली बार यहाँ दूसरे शिक्षक की पदस्थापना की गई। यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि इन विद्यालयों के लिए शैक्षणिक परिवर्तन का सकारात्मक पल था। दूसरे शिक्षक के आने से बच्चों के चेहरे पर नई ऊर्जा और उत्साह देखा गया। पढ़ाई अब और व्यवस्थित हुई, समूह कार्य, खेल, गतिविधि आधारित शिक्षण और व्यक्तिगत ध्यान संभव हो सका। गाँव वासियों ने भी इस बदलाव का दिल से स्वागत किया। पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर पालकगण तक, सभी ने शासन के इस निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया और इसे सच्चे मायनों में शिक्षा का सशक्तिकरण बताया।प्राथमिक शाला मुडियाडीह (पासीद) और नांदबारू आज उन विद्यालयों की श्रेणी में आ चुके हैं, जहाँ गुणवत्ता आधारित शिक्षण की बुनियाद और मजबूत हो रही है। इस बदलाव को एक सफलता के रूप में महसूस किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की नीति और इच्छाशक्ति से शिक्षा के क्षेत्र में एक नया प्रतिमान गढ़ा जा सकता है।
- -किसानों को मिल रही जरूरत के अनुसार खादमहासमुंद / कृषि कार्यों के लिए आवश्यक खाद-बीज की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु महासमुंद जिले की सहकारी समिति झालखम्हारिया में खाद का पर्याप्त भंडारण किया गया है। जिले में कृषकों की मांग को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार की खाद उपलब्ध कराई गई है, जिससे किसानों को सहज रूप से खाद प्राप्त हो रही है। सोसायटी प्रबंधक श्री भोजराम साहू ने बताया कि उपलब्ध खाद में यूरिया 222.57 टन, सुपर फॉस्फेट 30 टन, पोटाश 31.95 टन, डी.ए.पी. 161.60 टन, एन.पी.के. 12.50 टन शामिल है। वर्तमान में 64.10 टन खाद विक्रय हेतु शेष है। किसानों की मांग के अनुरूप खाद का सतत वितरण जारी है।इस सोसायटी में खाद लेने आए लघु कृषक श्री संदीप विश्वकर्मा ने बताया कि शासन द्वारा खाद की समुचित व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें तत्काल खाद प्राप्त हो सका। उन्होंने आज 6 बोरी डी.ए.पी., 10 बोरी नीम लेपित यूरिया, और 2 बोरी पोटाश प्राप्त किया। संदीप विश्वकर्मा ने कहा कि खाद वितरण की इस सरल और पारदर्शी व्यवस्था से किसानों को काफी राहत मिली है। इसके लिए उन्होंने शासन एवं प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। समय पर खाद मिलने से फसल अच्छी होगी। जिससे आमदनी भी बढ़ेगी।कृषि विभाग द्वारा जिले में किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जा रही है। कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार किसानों को खाद-बीज समय पर और आसानी से उपलब्ध कराने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। सहकारी समितियों में पर्याप्त भंडारण और त्वरित वितरण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अधिकृत सहकारी समितियों से ही खाद-बीज प्राप्त करें तथा कालाबाजारी से बचें। जिले में खाद की कमी नहीं है और सभी कृषकों को समय पर खाद उपलब्ध कराई जाएगी। डीएपी के विकल्प के तौर पर भी सुपर फॉस्फेट और यूरिया का उपयोग किया जा सकता है।
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-कैशबुक अपूर्ण पर सीएमओ को नोटिस
- तहसीलदार आरंग को वर्षा पंजी पूर्ण करने के दिए निर्देशरायपुर । संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने आज आरंग के एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, जनपद कार्यालय, महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय, नगर पालिका कार्यालय एवम कृषि विभाग के कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। आयुक्त द्वारा सभी शाखाओं में जाकर कार्यों की जानकारी ली गई। तहसीलदार आरंग, एसडीएम आरंग को 6 माह से अधिक अवधि के प्रकरण को शीघ्रता से निराकरण के निर्देश दिये गए। वर्षा पंजी जल्द पूर्ण करने तहसीलदार आरंग को निर्देश दिए। नामांतरण/ बंटवारा के प्रकरण को हर सप्ताह सुनवाई कर निराकरण करने निर्देशित किया गया। नगर पालिका सीएमओ को कैशबुक अपूर्ण होने के कारण नोटिस दिया गया इसी प्रकार से 1 माह से अधिक अवधि से अनुपस्थित श्री विकास कुमार सिंह, लेखापाल को भी नोटिस दिया गया।संभागायुक्त द्वारा ग्राम रसनी में आंगनबाड़ी केंद्र, निर्माणाधीन भवन, उप स्वास्थ केन्द्र, मिडिल स्कूल, पंचायत भवन, एनआरएलएम सेंटर का भी निरीक्षण किया गया। उप स्वास्थ्य केन्द्र रसनी के प्रभारी सुश्री त्रिवेणी चंद्राकर को संस्थागत प्रसव नहीं कराने के कारण नोटिस दिया गया। - - प्रशासन के भावी कदम को लेकर ग्रामीण सशंकितरायपुर । ग्रामीण एकजुटता दिखा प्रस्तावित शराब दुकान खोलने जगह मुहैया कराने निविदा न डाल फिलहाल तो खौली वासियों ने शराब दुकान खुलने का रास्ता बंद कर दिया है पर वे प्रशासन के भावी कदम को लेकर सशंकित हैं । इसी के परिप्रेक्ष्य में आज गुरूवार को आहूत ग्रामीण सभा की बैठक में प्रशासन का रूख स्पष्ट होने तक धरना को जारी रखने का निर्णय लिया गया पर धरना के स्वरूप पर परिस्थितिनुसार बदलाव करने पर सहमति बनी । धरना गुरुवार को भी यथावत जारी रहा ।ज्ञातव्य हो कि बीते कल बुधवार को खौली में प्रस्तावित शराब दुकान के लिये निविदा डालने किसी के द्वारा फार्म खरीदे जाने की खबर के चलते सशंकित व आक्रोशित ग्रामीणों ने आबकारी कार्यालय के आसपास अपना खबरची लगा रखा था। वे ग्रामीण एकजुटता व फरमान के चलते किसी के भी द्वारा निविदा डालने की हिम्मत न जुटा पाने के प्रति आश्वस्त तो थे फिर भी कहीं न कहीं सशंकित भी थे । जब निविदा डालने का निर्धारित समय समाप्त होने के बाद किसी के भी द्वारा निविदा न डालने का समाचार ग्रामीणों को मिला तब वे राहत की सांस ले पाये और धरना में बैठे ग्रामीणों को भी यह खुशखबरी दी । इधर इसे फौरी अस्थायी राहत मानते हुये प्रशासन द्वारा पलटवार कर पुन: नये सिरे से निविदा आमंत्रित किये जाने के प्रति भी ग्रामीण सशंकित हैं और इसी के परिप्रेक्ष्य में आगामी रणनीति तय करने ग्रामीणों की बैठक आहूत की गयी थी । बैठक में समग्र परिस्थितियों पर विचार करते हए शराब दुकान नहीं खुलने के प्रति आश्वस्त होने तक धरना को जारी रखने व इसके स्वरूप पर दिन - प्रतिदिन विचार कर परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया ।
- रायपुर। मंदिर हसौद थाना में पदस्थ टी आई अविनाश सिंह का स्थानांतरण हो गया है। वे राजेन्द्र नगर थाना में पदस्थ किये हैं । उनके स्थान पर देवेन्द्र नगर थाना में पदस्थ थानेदार दीपक यादव की पोस्टिंग मंदिर हसौद थाना में की गयी है। इसी तरह खरोरा के थानेदार दीपक पासवान का स्थानांतरण तिल्दा - नेवरा किया गया है व खरोरा रक्षित आरक्षी केन्द्र से रमाकांत तिवारी को भेजा गया है।गौरतलब है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह द्वारा प्रशासनिक आधार पर रायपुर जिले के 27 टीआई का तबादला किया गया है।
- -22.50 करोड़ रु. लागत से 132 केवी उपकेंद्र एमडी श्री शुक्ला द्वारा ऊर्जीकृतरायपुर। बहरासी (जनकपुर) जिला मनेन्द्रगढ़ में आज 3 जुलाई 2025 को नवनिर्मित 1×40 एमवीए, 132/33 केवी उपकेंद्र को प्रबंध निदेशक, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी श्री आरके शुक्ला द्वारा ऊर्जीकृत किया गया। इस उपकेंद्र व संबंधित पारेषण लाइन का निर्माण 22.50 करोड़ रुपए की लागत से किया गया। सघन वनक्षेत्र होने के कारण यहां 100 किमी लंबी लाइन बिछाने पर बहुत सारे वृक्षों को काटना पड़ता इससे बचने के लिए बहरासी के पास से निकलने वाली मध्य प्रदेश पारेषण कंपनी की 132 केवी अमरकंटक राजमिलान के माध्यम से 132 केवी सप्लाई प्राप्त की गई है। इस तरह वन बचाते हुए की गई व्यवस्था से नया उपकेंद्र ऊर्जीकृत होने से जनकपुर तहसील के लगभग 142 गाँवों के 15 हज़ार विद्युत उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति मिलेगी।जनकपुर तहसील के विद्युत उपभोक्ताओं को वर्तमान में विद्युत आपूर्ति मनेंद्रगढ़ से 33 केवी लाइन से हो रही थी जो कि 100 किमी लंबी है। सघन वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण लो-वोल्टेज की व फॉल्ट की स्थिति में लंबे विद्युत व्यवधान की समस्या बनी रहती थी। इस उपकेंद्र के ऊर्जीकृत होने से विद्युत प्रदाय की स्थिति में सुधार होगा। इस उपकेंद्र के लिए 132 केवी लाइन राज्य में स्थित 132 केवी मनेंद्रगढ़ उपकेंद्र से लाने में सघन वन क्षेत्र में वृक्ष विदोहन करना पड़ता अतः पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए बहरासी के पास से निकलने वाली मध्य प्रदेश पारेषण कंपनी की 132 केवी अमरकंटक राजमिलान के माध्यम से 132 केवी सप्लाई प्राप्त की गई है। इस कार्य में एमपीपीटीसीएल व एमपी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशकों व अधिकारियों का विशेष सहयोग मिला । इस कार्यक्रम में कार्यपालक निदेशक श्री संजय पटेल, श्री वीके दीक्षित, श्रीमती कल्पना घाटे, मुख्य अभियंता श्री संजय तिवारी, श्री यशवन्त शिलेदार, अति मुख्य अभियंता श्री पी गोसाई, श्री एसके दुबे, अधीक्षण अभियंता श्री राजेश लकड़ा, श्री कंवर और वितरण तथा पारेषण कंपनी कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता उपस्थिति थे।
- -पालक, विद्यार्थी और शिक्षक शिक्षा व्यवस्था में आए सुधार से प्रसन्नरायपुर। प्रदेशभर में शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड स्थित पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला संबलपुर में शिक्षकों की वर्षों पुरानी कमी अब दूर हो गई है।शिक्षकों की पदस्थापना से अब विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था न केवल व्यवस्थित हुई है, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त हो रही है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत यहां दो नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यालय में अब कुल पांच शिक्षक कार्यरत हैं।विद्यालय में शिक्षकों की इस बहुप्रतीक्षित नियुक्ति को लेकर शाला विकास समिति, पालकगण और ग्रामीणों ने प्रसन्नता जाहिर की है। साहित्यकार एवं शिक्षाविद श्री बिरेन्द्र निरोटी तथा शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्री गंगाराम निषाद ने राज्य शासन की इस पहल की सराहना करते हुए बताया कि विद्यालय में 150 से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं, किंतु पूर्व में केवल तीन शिक्षक कार्यरत थे। अब दो अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना से कक्षाएं नियमित और विषयवार संचालित हो रही हैं।विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री हिमांशु मिश्रा ने जानकारी दी कि युक्तियुक्तकरण के तहत विद्यालय में श्रीमती बसंती टिकेश्वर और श्री राबिन नागवंशी की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में विद्यालय में प्रधानपाठक श्रीमती वीणा ठाकुर, श्री अनिल दिल्लीवार और श्रीमती सुनीता सहित कुल पाँच शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं।विद्यालय में शिक्षकों की संख्या बढ़ने से विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर उत्साह बढ़ा है। पालकों ने बताया कि अब बच्चे घर आकर स्कूल की गतिविधियों के बारे में खुशी से चर्चा करते हैं। शासन की इस पहल से न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति (ड्रॉपआउट) पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है। ग्रामीणों ने इस सकारात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और शिक्षा विभाग के प्रति आभार जताया है और विश्वास व्यक्त किया है कि ऐसी योजनाएं शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएंगी।
- रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा गरियाबंद जिले के विकासखण्ड-फिंगेश्वर अंतर्गत राजिम मेले के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु महानदी के आरती स्थल, शाही स्नान और श्रद्धालुओं के स्थान, प्लेटफार्म और सीढ़ी निर्माण कार्य के लिए 20 करोड़ 23 लाख 50 हजार रूपए स्वीकृत किए है। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से मेला स्थल पर निर्माण कार्य कराने के लिए मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार जल संसाधन विभाग रायपुर को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। file photo