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- -जिला अस्पतालों और सीएचसी में स्थानीय स्तर पर ही कई तरह की जांच की सुविधा-जिला अस्पतालों के हमर लैब में 120 और सीएचसी के लैब में 60 तरह की जांचरायपुर। प्रदेश के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में संचालित हमर लैब से मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही अनेक तरह की जांच की सुविधाएं मिल रही हैं। ‘हमर लैब’ वाले जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधाओं में खासी वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित जिला अस्पतालों के हमर लैब में 120 तरह की और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के हमर लैब में 60 प्रकार की जांच की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य के 16 हमर लैब में 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल 57 लाख 46 हजार पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री जांच की गई हैं।राज्य का पहला हमर लैब फरवरी-2020 में रायपुर जिला चिकित्सालय में शुरू किया गया था। 1 अप्रैल 2022 से अब तक यहां सात लाख 48 हजार 128 जांचें की जा चुकी हैं। सुदूर वनांचल बीजापुर के जिला अस्पताल के हमर लैब में छह लाख 96 हजार 357, जगदलपुर जिला अस्पताल के हमर लैब में छह लाख 55 हजार 812, कांकेर जिला अस्पताल में छह लाख 52 हजार 698, दुर्ग जिला अस्पताल में पांच लाख 48 हजार 951, बालोद जिला अस्पताल में चार लाख 63 हजार 330, सुकमा जिला अस्पताल में तीन लाख 69 हजार 621, बलौदाबाजार जिला अस्पताल में तीन लाख चार हजार 028, राजनांदगांव जिला अस्पताल में दो लाख 38 हजार 195, कोंडागांव जिला अस्पताल में दो लाख 12 हजार 439 और बलरामपुर जिला अस्पताल के हमर लैब में इस दौरान एक लाख 74 हजार 589 जांचें की गई हैं।पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित हमर लैब में अप्रैल-2022 से अब तक दो लाख 23 हजार 356 जांचें की गई हैं। इस दौरान मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हमर लैब में एक लाख 12 हजार 839, पलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 70 हजार 052 और खरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 17 हजार 603 जांचें की गई हैं। अंबिकापुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी इस वर्ष 6 फरवरी से हमर लैब संचालित है। 6 फरवरी 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक वहां दो लाख 55 हजार 738 जांचें की जा चुकी हैं।
- रायपुर / जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के विकासखंड छुईखदान के ग्राम कोड़का (ग्राम पंचायत गोपालपुर) में गौठान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था समृद्ध हो रही है, साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण सक्षम हो रही है।’ग्राम कोड़का से 03 साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से गौठान का निर्माण हुआ है। यहां कार्य करने वाली राधा-कृष्णा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी टांके मे अब तक कुल 791.90 क्विंटल वर्मी खाद और 165 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है। समूह को खाद विक्रय से अब तक उन्हें 7लाख 79 हजार रुपये की आय अर्जित हुई है। महिलाएं यहां केंचुओ का उत्पादन भी कर रही हैं। बीते छह महीनों में 24 किंटल केंचुआ बेचकर महिलाओं ने 4 लाख 62 हजार रूपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है।गौठान में तैयार की गई सामुदायिक बाड़ी में महिलाओं को पिछले 02 माह मे एक लाख रूपये की आय हई है। यहां आलू, प्याज, हल्दी, टमाटर एवं अन्य सब्जियो का उत्पादन लिया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान के मार्गदर्शन में वर्तमान मे गोठान की भूमि में नर्सरी तैयार की जा रही है, इसके लिए 4 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इससे यहां 40 हजार पौधें तैयार किए जाएंगे।राधा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती मीना साहू का कहना है कि अपने घरेलू कार्यों के साथ साथ गोठान में जैविक खाद निर्माण, सामुदायिक बाड़ी में सब्जी उत्पादन, मिनी राईस मिल संचालन के साथ-साथ नर्सरी में पौधे की देख-भाल कार्य भी कर रही है। गौठानों में चलाई जा रही इन आर्थिक गतिविधियों से महिलाओं को नियमित रूप से आमदनी मिल रही है। उन्हांेने इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
- - 51 हजार 362 प्रतिदिन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया- मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक 72 प्रतिशत रहीदुर्ग /महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अवनीश कुमार के निर्देशन में श्रमिकों के हित में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत आज श्रमिकों को रोजगार देने में दुर्ग जिला प्रदेश में पहले नंबर पर है। जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत् स्वीकृत 927 निर्माण कार्य चल रहा है। 51 हजार 362 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अमृत सरोवर, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, नरवा बंधान, स्व.सहायता समूह के वर्क शेड निर्माण सहित विभिन्न कार्यों में मनरेगा के तहत श्रमिक कार्य कर रहे हैं। जिले में श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया।गौरतलब है कि धमधा विकासखंड के 319 कार्यों में 16 हजार 511 श्रमिक, दुर्ग विकासखंड के 248 कार्यों में 14 हजार 79 श्रमिक, पाटन विकासखंड के 360 कार्यों में 20 हजार 772 श्रमिक कुल जिले में 51,362 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।ग्राम पंचायत में मांग के आधार पर कार्य स्वीकृत हैं। श्रमिकों को नवीन मजदूरी दर 221 रूपए की राशि के अनुसार भुगतान किया जा रहा है। मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक 72 प्रतिशत रही है। वहीं प्रदेश में सर्वाधिक श्रमिक जिले में कार्यरत हैं।
- -सब्जी उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण और मुर्गी पालन से संवरी जिंदगी-महासमुंद के ठूठापाली ग्राम की महिला स्व सहायता समूह लिख रही हैं सफलता की कहानीरायपुर।महासमुंद जिले के विकासखण्ड बसना में गठित लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह ग्राम ठूठापाली की सदस्यों ने गोठान से जुड़कर आर्थिक समृद्धि की एक नई इबारत लिखी है ।समूह की 10 महिलाओं द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण ,सब्जी उत्पादन और मुर्गी पालन अपनाकर अपने आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाकर स्वावलंबन की मिसाल कायम की है। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के 10 सदस्यों द्वारा ग्राम गौठान में वर्ष 2019-20 से कुल गोधन क्रय 5392.09 क्विंटल किया गया है। जिसे स्व सहायता समूह को हस्तातंरित होने पश्चात् वर्ष 2019-20 से आज तक सुपर कम्पोस्ट खाद 802.00 क्विंटल एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद 1296.80 क्विंटल, कुल 2098.80 क्विंटल खाद् उत्पादन किया गया है।छत्तीसगढ़ शासन के मानक स्तर 40 प्रतिशत की दर के विरुद्ध लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा लगभग 37.83 प्रतिशत खाद् का उत्पादन किया गया है। जिसके फलस्वरूप स्व सहायता समूह को निर्मित खाद का लाभांश राशि 6 लाख 23 हजार 32 रूपये की प्राप्ति हुई है। इसके साथ-साथ स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा गौठान में सब्जी बाड़ी एवं मुर्गी पालन का कार्य करते हुए परिवार की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूत किया गया है।लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा वर्मी खाद् के अलावा सब्जी बाड़ी एवं मुर्गी पालन से भी अच्छी आमदनी हो रही है। सब्जी बाड़ी से 34 हजार 450 रूपये एवं मुर्गी पालन से 2 लाख 62 हजार 400 रूपये आय प्राप्त हुआ है। इस तरह समूह को कुल आय 9 लाख 19 हजार 882 रूपये अर्जित हुआ है।उक्त गतिविधियों में शामिल होने के कारण सहायता समूह को चक्रिय निधि की राशि 15 हजार रूपये एवं सामुदायिक निवेश कोष की राशि 60 हजार रूपये व बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से 2 लाख 50 हजार रूपये की ऋण राशि प्राप्त हुई जिसे वे आय मूलक गतिविधियों में लगा रहे हैं। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों द्वारा बताया गया कि “बिहान“ एवं गोठान से जुड़ने के पूर्व उनकी स्थिति बंद दरवाजा में रहकर घर संभालने एवं बच्चों के लालन पालन एवं अन्य गृह कार्य में सिमट कर रह जाती थी। किन्तु गोठान में जुड़ने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार आया है। साथ ही साथ आज ग्रामीण स्तर पर शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके प्रति कार्य करने एवं अपनी बातों को ग्रामीण जन समुदाय में स्पष्ट रूप रख पाने में सक्षम हो पाये हैं।
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*मुख्यमंत्री ने हमें रोजगार ही नहीं दिया, हमें उद्यमी भी बना दिया*
*अब शहरों से ही नहीं, रीपा के चलते गांव से भी तैयार हो रहे हैं उद्यमी*
बिलासपुर/पहले हम पूरी कुशलता और दक्षता से घर चलाते थे लेकिन अब उद्योग भी चला रहे है....यह कहना है आत्मविश्वास से लबरेज जय भारत स्व सहायता महिला समूह की सदस्य श्रीमती आरती धीवर का। वे कहती हैं कि महिलाओं की कुशलता और दक्षता को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समझा है और हमें मौका दिया है खुद को साबित करने का। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रीपा योजना शुरू कर हमें आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर दिया है।
अकलतरी, बिल्हा की महिलाएं इन दिनों विश्वास से भरी हुई है। वे रोजगार मांगने नहीं जा रही हैं, वे लोगों को रोजगार दे रही है। रीपा से उनका सपना सच हुआ है। उन्होंने ऐसे क्षेत्र में अपना काम आरंभ किया है, जहां मांग ज्यादा थी लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। यह क्षेत्र था केटल फीड का। अकलतरी की महिलाओं ने इसका उद्यम डाला और आर्डर इतना आ गया कि उनके पास काम ही काम है। ग्रामीणों इलाकों में विकास की बयार बह रही है। महिलाओं और युवाओं के सपने अब हकीकत में तब्दील हो रहे हैं। श्रीमती आरती धीवर के साथ-साथ समूह की अन्य 7 महिलाएं इस गतिविधि से जुड़ी हुई है।
अकलतरी ग्राम में रीपा के तहत पशु आहार निर्माण इकाई की स्थापना की गई है। क्षेत्र के दूध उत्पादक पशु पालकों द्वारा पशु आहार की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संचालित इस गतिविधि से ग्रामीणों महिलाओं को रोजगार मिला है। पशुपालन विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में समूह द्वारा उच्च गुणवत्ता के संतुलित पशु आहार निर्माण का कार्य प्रारंभ कर क्षेत्र के पशुपालकों को बिक्री की जा रही है। अब तक इन महिला समूह द्वारा 172 क्विंटल पशु आहार का निर्माण किया गया है, जिसमें 4 लाख 30 रूपये की बिक्री कर ली है। वर्तमान में 100 क्विंटल पशु आहार का आर्डर भी प्राप्त हुआ है। इस यूनिट में मकई दलिया, गेहूं दलिया, कपास खली, कोड़ा खली, कैलशियम एंड विटामिन पाउडर, सरसों खली तथा गुड़ का सीरा आदि मिलाकर पशु आहार तैयार किया जाता है। इस यूनिट की प्रतिमाह निर्माण क्षमता 4 सौ से 15 सौ क्विंटल है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 12 मई को अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान अकलतरी रीपा में संचालित गतिविधियों की सराहना भी की थी। रीपा ने ग्रामीण महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनने की राह में अग्रसर किया। - -छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल की अभिनव पहल-मिशन लाईफ के अंतर्गत जनभागीदारी के साथ आयोजित किया जाएगा कार्यक्रमरायपुर /छत्तीसगढ़ में 01 जून को एक दिन में पांच लाख लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ लेंगे। प्रदेश में मिशन लाईफ कार्यक्रम के अंतर्गत लाईफ स्टाईल फॉर इन्वायरमेंट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में 01 जून को पर्यावरण संरक्षण के लिये शपथ का कार्यक्रम रखा गया है। लाईफ प्लेज के अंतर्गत पूरे राज्य में एक साथ पांच लाख लोगों द्वारा प्लेज लिये जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कि व्यापक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता लायी जा सके।एक ही दिन में पांच लाख लोग शपथ लेकर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता दर्शायेंगे। शपथ हिन्दी या अंग्रेजी में समूह या व्यक्तिगत रूप से लेकर उसका वीडियो व फोटो वॉट्सएप नम्बर 7415781776, 9109028361, 7415796619 पर 01 जून को प्रातः 8 बजे से शाम 4 बजे तक भेजी जा सकेगी। पूरे प्रदेश में यदि पॉच लाख लोग एक साथ शपथ लेंगे या रायपुर जिले से शपथ की संख्या डेढ़ लाख से पार होगी, तो यह एक विश्व रिकार्ड होगा। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल सभी लोगों से यह आग्रह करता है कि वे 01 जून 2023 को पर्यावरण संरक्षण के लिये शपथ लेकर इस महाअभियान में भागीदार बनें। शपथ इस प्रकार है-मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि पर्यावरण को बचाने के लिये अपने दैनिक जीवन में हर संभव बदलाव लाऊगा। मैं यह भी वचन देता हूं कि अपने परिवार, मित्रों व अन्य लोगों को पर्यावरण के अनुकूल आदतों और व्यवहारों के महत्व के विषय में सतत् रूप से प्रेरित करूंगा।
- -4 महीनों में 2350 लीटर पेंट का हुआ उत्पादन, 4.60 लाख की हुई आमदनी-कोरिया जिले के मझगवां गौठान में संचालित है गोबर पेंट यूनिटरायपुर । कोरिया जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर का ग्राम गौठान मझगवां में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना के तहत विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से एक है गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण कार्य। प्रगति स्व सहायता समूह की महिलाएं यहां पेंट निर्माण कार्य से जुड़ीं हैं। यह प्राकृतिक पेंट महिलाओं के जीवन में खुशहाली के रंग भर रहा है। फरवरी माह से यहां गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की इकाई संचालित है और महज 4 महीनों के अंदर ही इन्होंने 2350 लीटर पेंट का उत्पादन किया है जिसमें से लगभग 2200 लीटर पेंट का विक्रय कर लगभग 4 लाख 60 हजार रुपए की आमदनी भी की है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय कार्यालयों एवं स्कूलों में रंग रोगन के लिए यह उपयोग में लिया जा रहा है।सफल उद्यमी बनकर उभरी महिलाएं, प्रतिदिन लगभग 200 लीटर पेंट का कर रहीं उत्पादन, गौठान तथा सी मार्ट के माध्यम से किया जा रहा विक्रयसमूह की अध्यक्ष श्रीमती सुमन राजवाड़े बताती हैं कि गोबर पेंट इकाई के माध्यम से समूह की महिलाओं को स्व रोजगार का नया आयाम हासिल हुआ है जिससे वे अपने और अपने घरवालों को आर्थिक संबल प्रदान कर रही हैं। पहले महिलाओं के द्वारा गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा था, आज इसके साथ ही साथ रीपा के तहत गोबर से पेंट बनाकर हम जैसी घरेलू महिलाएं सफल उद्यमी बनकर उभरी हैं। वर्तमान में समूह की महिलाएं बाजार की मांग के आधार पर प्रतिदिन लगभग 200 लीटर पेंट तैयार कर रही हैं। निर्मित पेंट को गौठान और सी मार्ट के माध्यम से "प्राकृतिक पेंट" ब्रांड के नाम से बाजार में विक्रय किया जा रहा है। उत्पादन को राष्ट्रीय स्तर का बाजार उपलब्ध कराने के लिए "खादी इंडिया" से जोड़ा गया है ताकि बड़े पैमाने पर उत्पाद को बाजार की उपलब्धता बनी रहे। आने वाले समय में यह कार्य कोरिया जिले के लिए नई पहचान बनेगा।ऐसे बनता है गोबर से प्राकृतिक पेंटसमूह की कुछ महिलाओं को जयपुर राजस्थान में गोबर से पेंट बनाने का प्रशिक्षण दिलाया गया है, यहां उन्हें निर्माण के सम्बन्ध में विधिवत जानकारी दी गई।गोबर से पेंट बनाने की प्रक्रिया में पहले गोबर और पानी के मिश्रण को मशीन में डालकर अच्छी तरह से मिलाया जाता है और फिर बारीक जाली से छानकर अघुलनशील पदार्थ हटा लिया जाता है। फिर कुछ रसायनों का उपयोग करके उसे ब्लीच किया जाता है तथा स्टीम की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। उसके बाद सी एम एस नामक पदार्थ प्राप्त होता है। इसे डिस्टेम्पर और इमल्सन के रूप में उत्पाद बनाए जा रहे हैं। रीपा गौठान मझगवां में लगी हुई पेंट यूनिट से आवश्यकतानुसार मात्रा में पेंट का अलग-अलग उत्पाद लिया जा सकता है। इसकी औसत दैनिक उत्पादक क्षमता लगभग 500 लीटर है।
- -गौठानों के पशुओं की देख-रेख की जिम्मेदारी उठा रही हैं स्वावलंबी महिलाएं-ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशु-धन की सुरक्षा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही हैं पशु उद्यम सखियां-रूपा जैसी ग्रामीण महिलाएं लिख रही हैं आर्थिक सशक्तीकरण की नई कहानीरायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक दूरदर्शी सोच के साथ राज्य में सुराजी गांव योजना की शुरूआत की है। योजना के अंतर्गत गौठान बने और अब ये गौठान महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क अर्थात रीपा का रूप ले चुके हैं। छत्तीसगढ़ में गौठान ,पशुधन की सुरक्षा और उनसे आर्थिक लाभ का सशक्त माध्यम बन चुके हैं। गौठानों से न सिर्फ लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि पशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं में भी कमी आई है।गौठानों और आस पास के क्षेत्र में पशुओं के बीमार होने की स्थिति में इलाज के लिए ग्रामीणों को उन्हें सरकारी पशु अस्पताल या फिर अन्यत्र ले जाने की दुविधा रहती थी। गौठानों में पशुओं के रहने से उन्हें यहीं चिकित्सा सुविधा मिल जाती है और इस कार्य के लिए कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं बल्कि ग्रामीण महिलाएं ही सक्षम हो चुकी हैं।रूपा जैसी ग्रामीण महिलाएं लिख रही हैं आर्थिक सशक्तीकरण की नई कहानीसरगुजा जिले में रूपा नाम की ऐसी ही एक पशु उद्यमी सखी हैं जिन्होंने गौठान से जुड़कर पहले तो अपनी कार्यकुशलता में वृद्धि की और अब पशुओं की छोटी-मोटी बिमारियां, टीकाकरण, कृमि निवारण, कृत्रिम गर्भाधान, खान-पान आदि का कार्य कर आर्थिक रूप से भी सशक्त हो गयी हैं। पिछले दो वर्षों से रूपा ये कार्य कर रही है और अब उनके जैसी सैकड़ों महिलाएं पशु उद्यमी सखी बनकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। इस कार्य के लिए पशु उद्यमी सखियों को सुव्यवस्थित ड्रेस, आधारभूत किट उपकरण एवं जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराया गया है.रूपा, सरगुजा जिले में आरती स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। वो गौठानों में पशु चिकित्सा शिविरों में भी ड्यूटी करती हैं। टीकाकरण, डिवॉर्मिंग, बीमार पशुओं के इलाज इत्यादि कार्य करती हैं। प्रति टीकाकरण रूपा को 7 रुपये मिलते हैं और इस कार्य से प्रतिमाह रूपा को प्रतिमाह 5-6 हज़ार रुपये की आय हो जाती है।सरगुजा जिले में काम कर रही हैं 125 पशु उद्यमी सखियांसरगुजा जिले में कुल 555 पशु सखियां कार्यरत हैं ,इनमें से 125 पशु सखियों को पशु चिकित्सा विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र , अम्बिरकापुर के सहयोग से प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के बेहतर इलाज के लिए महिलाओं को पशु उद्यमी सखी बनाया गया। इन्हें पशु चिकित्सा विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से 10 दिनों का प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद एक महीने का फील्ड एक्सपोजर और आवश्यक प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अंतिम चरण में दो दिवसीय प्रशिक्षण के बाद टेस्ट में प्राप्त ग्रेडिंग के आधार पर इन पशु सखियों को क्षेत्र में संलग्न कर दिया गया जिसके बाद ये पशु सखियां पशु उद्यमी सखी कहलाने लगी हैं।जिले के गौठानों में एक वित्तीय वर्ष में 25 हजार पशुओं का उपचारसरगुजा जिले में स्वीकृत गौठानों की संख्या 326 है जिसमें से 316 का निर्माण पूरा हो चुका है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में गौठानों में 1066 पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 5 हजार 684 कृतिम गर्भाधान, 1 हजार 862 वत्सोत्पादन, 6 हजार 154 बधियाकरण, 23 हजार 277 टीकाकरण , 25 हजार 213 पशुओं का उपचार, 3 हजार पशुओं को कृमिनाशक देने का कार्य किया जा चुका है।
- -जल संसाधन विभाग के पखांजूर के अनुविभागीय अधिकारी को कारण बताओ नोटिसरायपुर /कांकेर जिले के पखांजूर तहसील के परलकोट जलाशय में गिरा मोबाइल ढूंढने के लिए पानी बहाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए संबंधित खाद्य निरीक्षक को कलेक्टर कांकेर द्वारा निलंबित कर दिया गया है। वहीं इस मामले में पखांजूर में पदस्थ जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को कलेक्टर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।जिला उत्तर बस्तर कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा इस घटना की जानकारी मिलने पर पखांजूर में पदस्थ खाद्य निरीक्षक श्री राजेश विश्वास को आज तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कलेक्टर द्वारा जारी निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि खाद्य निरीक्षक पखांजूर श्री राजेश विश्वास द्वारा परलकोट जलाशय, पखांजूर में उनका मोबाईल पानी में गिर जाने के कारण, मोबाईल ढूंढने के लिए 21 मई 2023 से लगातार 04 दिनों तक परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच लगभग 21 लाख लीटर पानी डीजल पंप के द्वारा बहा दिया गया, यह जानकारी मिलने पर इस घटना के संबंध में 26 मई 2023 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पखांजूर से प्रतिवेदन लिया गया, प्रतिवेदन अनुसार श्री राजेश विश्वास खाद्य निरीक्षक, पखांजूर द्वारा परलकोट जलाशय पखांजूर में अपना मोबाईल ढूंढने के लिए बिना अनुमति के जलाशय के वेस्ट वियर का 41104 क्यूबिक मीटर पानी खाली कराया गया है।प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कलेक्टर द्वारा श्री राजेश विश्वास खाद्य निरीक्षक, पखांजूर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि अपना मोबाईल ढूंढने के लिए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सक्षम अधिकारी की अनुमति बिना परलकोट जलाशय से भीषण गर्मी में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा देना, उनके अशोभनीय आचरण का द्योतक है, जो अस्वीकार्य है। उक्त कृत्य छत्तीसगढ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के विपरीत होने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में खाद्य निरीक्षक श्री राजेश विश्वास का मुख्यालय जिला कार्यालय खाद्य शाखा कांकेर रहेगा तथा निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।कलेक्टर कांकेर द्वारा पखांजूर में पदस्थ जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री आर.सी. धीवर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि खाद्य निरीक्षक पखांजूर श्री राजेश विश्वास ने मीडिया में दिए गए अपने वक्तव्य में कहा है कि उन्हें मोबाइल ढूंढने के लिए परलकोट जलाशय से लाखों लीटर पानी खाली करने के लिए आपके द्वारा मौखिक अनुमति दी गई है। उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त किए बिना परलकोट जलाशय से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा देने की मौखिक अनुमति देना कदाचरण की श्रेणी में आता है जो छत्तीसगढ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1965 के प्रावधानों के विपरीत है। उक्त कृत्य के लिए क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। समयावधि में एवं समाधानकारक जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जाएगी।
- बालोद। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी की गोधन न्याय योजना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप लोगों के जनजीवन में बदलाव लाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर माध्यम साबित हो रहा है। बालोद जिले के ग्राम बरही के गौठान में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत नियमित रूप से गोबर खरीदी का कार्य किया जा रहा है। गौठान में ग्वालिन स्वसहायता समूह और माधव कृष्ण स्व-सहायता समूह कार्यरत् हैं, जो गोधन न्याय योजना के तहत् खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य कर रहे हैं। समूह के सदस्यों ने बताया कि वे प्रतिदिन नियमित रूप से गौठान आते हैं तथा गोधन न्याय योजना के तहत् खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य करते हैं। इस कार्य से उन्हें गंाव में ही रोजगार मिला है, यह कार्य उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना है। इसके साथ ही वे समय-समय पर घरेलु तथा खेती-किसानी का कार्य भी करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट का कार्य एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें गोबर खरीदने से लेकर, उन्हें चालने और पैकेजिंग का कार्य अब वे बेहतर तरीके से कर रहे हैं। ग्वालिन स्वसहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि उनके द्वारा अब तक 970 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर लगभग 04 लाख 50 हजार रूपए आय अर्जित की है, इसी प्रकार माधव कृष्ण स्व-सहायता समूह द्वारा अब तक 1070 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर लगभग 05 लाख रूपए आय अर्जित की गई है। इस कार्य से वे काफी खुश हैं, उन्होंने राज्य शासन की इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि वे गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य निरंतर करना चाहते हैं, शासन की यह योजना बहुत ही अच्छी है।रोहित कुमार ने वर्मी खाद से होने वालीआय से लिया 05 हजार का नया सायकलबरही के माधव कृष्ण स्वसहायता समूह के रोहित कुमार ने बताया कि वे गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। इस आय से उसने 05 हजार रूपए की सायकल खरीदी है, जिससे वह प्रतिदिन गौठान आता है। इसके साथ ही गांव में बाजार, तालाब व अन्य काम के लिए भी अपनी सायकल का उपयोग कर रहा है। रोहित कुमार ने बताया कि वह इस कार्य से काफी खुश है, उसने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को इस योजना के संचालन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद कहा है।शारदा निषाद ने अपने आवास के निर्माण मेंलगाई वर्मी खाद निर्माण से हुई आयबरही के ग्वालिन स्वसहायता समूह की शारदा निषाद ने बताया कि वह गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य कर रही है, इससे अच्छी आय प्राप्त हो रही है। उसने बताया कि वर्मी खाद निर्माण से मिलने वाली आय को वह भविष्य के लिए बचत कर रही थी। जिसका उपयोग उसने अपने आवास के निर्माण में किया है। अब उसका घर बनकर तैयार है तथा आने वाले आय से वह अपने सपनों के आवास के आवश्यकतानुसार कार्य कराने की उम्मीद बनाकर रखी हुई है। उसने बताया कि उसकी यह उम्मीद गोधन न्याय योजना के तहत् वर्मी कम्पोस्ट बनाने से पूरी हुई है, इसके लिए उसने राज्य शासन की इस योजना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया है।वर्मी खाद निर्माण से हुई आय को सतरूपा बाई नेलगाया अपनी बहन के घर शादी की खुशियों मेंबरही के ग्वालिन स्वसहायता समूह की सतरूपा बाई ने बताया कि वह गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य शुरूआत से ही कर रही है, इससे प्राप्त हो रही आय को बचत कर रही थी। जिसे उसने अपनी बहन के घर में हो रही शादी की खुशियों में लगाया है। उसनने बताया कि वह घर-परिवार की खुशियों में शामिल होना उस खुशी को और ज्यादा कर देता है। उसने बताया कि वर्मी खाद निर्माण से मिलने वाली आय से वह घर के विभिन्न कार्यों को भी सम्पादित करती है। वह शासन की गोधन न्याय योजना के तहत् वर्मी कम्पोस्ट बनाने से काफी खुश है। इसके लिए उसने राज्य शासन की इस योजना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया है।
- -शासकीय कार्यालयों में छत्तीसगढ़ी बोली को बढ़ावा देने अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण-छत्तीसगढ़ी मानकीकरण होने से छत्तीसगढ़ी भाषा के अध्ययन, अध्यापन और लेखन में आएगी एकरुपताबालोद । छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा के कार्यालयीन प्रयोग करके आम जनता की कार्यालयीन तकलीफों से शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रूबरू कराने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिला मुख्यालयों में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष बालोद में आज अधिकारी-कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। शासकीय कार्यालयों में छत्तीसगढ़ी बोली को बढ़ावा देने हेतु आयोजित इस प्रशिक्षण में जिले के बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। इस अवसर पर कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा, भाषाविद डॉ.चितरंजनकर, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ अनिल भतपहरी मुख्य रूप से उपस्थित थे।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपना विचार व्यक्त करते हुए कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने कहा कि राज्य में कार्यरत सभी अधिकारी-कर्मचारियों को आम जनता से भावनात्मक संबंध स्थापित करने तथा उनकी समस्याओं से रूबरू होने के लिए छत्तीसगढ़ी बोली का समूचित ज्ञान होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भाषा संवदा का सबसे कारगर एवं महत्वपूर्ण माध्यम होने के कारण दिलों को जोड़ने का भी कार्य करती है। श्री शर्मा ने जिले के अधिकारियों को आवेदक के द्वारा छत्तीसगढ़ी में आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर उसे सहर्ष स्वीकार करने को कहा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध भाषाविज्ञानी डॉ.चितरंजनकर छत्तीसगढ़ की सभ्यता, संस्कृति एवं वाचिक विविधता तथा छत्तीसगढ़ी भाषा केे व्याकरण, मानकीकरण, अध्ययन-अध्यापन और लेखन के संबंध में सारगर्भित एवं रोचक विचार रखे। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ अनिल भतपहरी ने स्वागत उद्बोधन देते कार्यक्रम के रूपरेखा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा आयोग के बालोद जिला समन्वयक डॉ.अशोक आकाश ने की। इस अवसर पर वक्ताओं ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रचार-प्रसार और प्रशासनिक कार्यां में छत्तीसगढ़ी लेखन को प्रोत्साहित करने और शासकीय कार्यालयों में छत्तीसगढ़ी बोली को बढ़ावा देने की अपील की। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर श्री योगेन्द्र श्रीवास एवं श्री गायकवाड, डिप्टी कलेक्टर श्री अमित श्रीवास्तव तथा श्री सुरेश कुमार साहू सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
- बिलासपुर /ग्रामोद्योग विभाग एवं जिला हाथकरघा कार्यालय के माध्यम से आयोजित कोसा एवं कॉटन ऑफ छत्तीसगढ़ हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी सह विक्रय का आज महाप्रबंधक विपणन श्री राजीव शुक्ला एवं श्री ए.के. नाथ, सिविल एसईसीएल के महाप्रबंधक की उपस्थिति में शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रतिभागी बुनकर सहकारी समिति के प्रतिनिधि एवं राज्य स्तरीय बुनकर पुरस्कार प्राप्त श्री नत्थू देवंागन रायगढ़, श्री देवानंद देवांगन भिलाईगढ़, श्री कन्हैयालाल देवांगन रायगढ़ विशेष रूप से उपस्थित रहे। अतिथियों ने छत्तीसगढ़ की हाथकरघा एवं हस्तशिल्प कलाकृतियों और प्रत्येक स्टॉल का अवलोकन कर कलाकृतियों की सराहना की।प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय हाथकरघा वस्त्र उत्पादन को एक ही छत के नीचे आम उपभोक्ता तक सीधे पहुचना, बुनकरों के लिए नियमित रोजगार के अवसर में वृद्धि करना है। प्रदर्शनी में कोसा एवं सूती उत्पादक क्षेत्र जैसे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, चन्द्रपुर, छुरी, सिवनी, रामाटोला, लोफन्दी, भिलाईगढ़ के बुनकर समिति एवं प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। उनके द्वारा आकर्षक कोसा एवं कॉटन वस्त्र जैसे उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साडियॉ, कोसा मलमल, कोसा डेªस मटेरियल, कोसा सलवार सूट, कोसा बाफ्ता, सूती साडियॉ, शुटिंग, शर्टिंग, दुपट्टा, बेड-शीट, बेड-कव्हर, पिलो-कव्हर, टॉवेल, नेपकीन, कुर्ता, पैजामा, गमछा आदि का प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां प्रदर्शनी नोडल अधिकारी एवं उपसंचालक हाथरकघा श्री डोमूदास धकाते ने बताया कि यह प्रदर्शनी 25 मई से 1 जून तक प्रतिदिन सवेरे 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुली रहेगी।
- -समाधि स्थल ‘शांति बगिया’ में बड़ी संख्या में श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोग-कलेक्टर एवं एसपी ने भी दी श्रद्धांजलिरायपुर /उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने अपने पिता एवं पूर्व गृहमंत्री शहीद स्वर्गीय श्री नंदकुमार पटेल तथा बड़े भाई शहीद स्वर्गीय श्री दिनेश पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर नंदेली स्थित ‘शांति बगिया’ समाधि स्थल में श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके परिजनों ने भी समाधि स्थल में श्रद्धासुमन अर्पित किये। विधायक रायगढ़ श्री प्रकाश नायक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल, महापौर रायगढ़ नगर निगम श्रीमती जानकी काटजू, कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा, पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार, कुलपति शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय श्री ललित प्रकाश पटेरिया, श्री अनिल शुक्ला, श्री विकास शर्मा, श्री शाखा यादव सहित जनप्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों ने भी समाधि स्थल पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की।शहीदों की स्मृति में कलेक्टोरेट के अधिकारी-कर्मचारियों ने ली शपथझीरम घाटी में नक्सल हिंसा के शिकार हुए जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ पदाधिकारीगण, सुरक्षा बलों के जवान एवं विगत वर्षाे तथा वर्तमान में नक्सल हिंसा में शहीद हुए अन्य सभी भाईयों-बहनों की स्मृति में आज कलेक्टोरेट परिसर रायगढ़ में झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाते हुए 2 मिनट का मौन धारण किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर सुश्री संतन देवी जांगड़े ने सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाई। उपस्थित सभी ने शपथ लेते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़वासी अपने राज्य में अहिंसा एवं सहनशीलता की परम्परा में दृढ़ विश्वास रखते है तथा निष्ठापूर्वक शपथ लेते है कि हम सभी प्रकार के नक्सल और हिंसा का डटकर विरोध करेंगे। हम छत्तीसगढ़ राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित रहेंगे।इन जगहों पर भी मनाया गया झीरम श्रद्धांजलि दिवसजिले के नगर पालिका एवं तहसील कार्यालय खरसिया, स्वास्थ्य विभाग, तहसील रायगढ़, नगर पंचायत कार्यालयों के अलावा सभी शासकीय एवं अर्द्धशासकीय कार्यालयों में भी झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाया गया। इस मौके पर कार्यालय में उपस्थित सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने शहीदों के स्मृति में मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सभी ने नक्सल और हिंसा के विरोध करने हेतु शपथ ली।
- - सैजेस की अधोसंरचना व बच्चों का सार्वांगीण विकास देख हुए प्रभावित-विद्यार्थियों से की चर्चा, लाइब्रेरी में एक छात्रा से जाना उसकी पढ़ी एक कहानी का सारांशदुर्ग /श्री राहुल पचौरी डिप्टी सेक्रेटरी भारत शासन नई दिल्ली के द्वारा आज दुर्ग जिले के आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल का निरीक्षण किया गया। श्री पचौरी द्वारा सर्वप्रथम शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल पाटन का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों से विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उनके द्वारा अटल टिंकरिंग लैब, फिजिक्स लैब, केमिस्ट्री लैब, बायो लैब, पुस्तकालय आदि में जाकर बच्चों से चर्चा की गई ।बच्चों द्वारा पुस्तकालय में पढ़े हुए पुस्तकों की जानकारी लेते हुए उन्होंने बच्चों को स्वयं कहानी की पुस्तके निकालने को कहा गया। भौतिक प्रयोगशाला में बच्चों द्वारा वर्नियर कैलिपर्स के माध्यम से वस्तु की लंबाई की गणना कराई गई ।इसी प्रकार बायोलॉजी लैब में उनके द्वारा मानव शरीर तंत्र के मॉडल पर विभिन्न जानकारियां बच्चों के माध्यम से ली गई। अटल टिंकरिंग में बच्चों द्वारा चश्मा के मॉडल का निर्माण कराया गया। उसके पश्चात स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल जामगांव एम का प्रवास किया गया।वहां उन्होंने सभी शिक्षकों से एफ एल एन, निपुण भारत, दीक्षा एप तथा निष्ठा के संबंध में जानकारी ली। विद्यार्थियों से बात करते हुए उन्होंने पुस्तकालय में एक छात्रा से पढ़ी हुई कहानी का सारांश जाना। यहां उन्होंने इंटरएक्टिव बोर्ड के संबंध में बच्चों को डेमोंसट्रेशन करने कहा। केमिस्ट्री लैब में विभिन्न सलूशन के बारे में जानकारी लैब असिस्टेंट से प्राप्त की। कंप्यूटर कक्ष में बच्चों द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से विभिन्न आकृतियों का निर्माण कराया जिसे बच्चों ने करके दिखाया।इस स्कूल से वे काफी प्रभावित हुए। जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल द्वारा जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवम् हिंदी माध्यम स्कूल परिकल्पना को विस्तार से बताया गया।उनके द्वारा इस योजना से लाभान्वित बच्चों की उपलब्धि का विस्तृत ब्यौरा भी प्रस्तुत किया गया।उन्होंने बताया कि जिले में डिजी दुनिया के अंतर्गत144 विद्यालयों में आईसीटी डिजिटल क्लास तथा स्मार्ट क्लास संचालित है जिनके 1011 शिक्षकों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिले के 4 हायर सेकेंडरी स्कूल में दो वर्षीय रोजगार उन्मुखी व्यवसायिक शिक्षा संचालित है।जिला मिशन समन्वयक सुरेंद्र पांडे द्वारा समग्र शिक्षा में संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी श्री पचौरी जी को दी गई।उन्होंने पीएम श्री में चयनित स्कूल,बालवाड़ी,समग्र शिक्षा द्वारा संचालित संदीपनी तथा संजीवनी छात्रावासो आदि के बारे में अवगत कराया।इस भ्रमण के दौरान पाटन के विकासखंड शिक्षा अधिकारी टी आर जगदल्ले,एपीसी विवेक शर्मा,सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप महिलांगे,बीआरसी खिलावन चोपडिया,संकुल समन्वयक ललित बिजौरा सहित दोनो विद्यालय के प्राचार्य एवम् उनके स्टाफ के सदस्यगण उपस्थित थे।
- -78 लाख 06 हजार रुपये से अधिक की राशि की विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से अब तक 10 लाख 62 हजार 170 रुपये की हुई आमदनी-जिले के सभी 11 स्थानों में ग्रामीणों को मिल रहा है उनके रूचि का स्वरोजगारबालोद। राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर ग्रामीणों को उनके गांव के आसपास ही रोजगार का कारगार माध्यम उपलब्ध कराने हेतु शुरू की गई महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क ग्रामीणों के लिए उनके गांव के आसपास स्वरोजगार प्रदान करने का महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। जिले के सभी विकासखण्डों के कुल 11 स्थानों पर ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना होने से ग्रामीणों को अब रोजगार की तलाश में बड़े शहरों एवं अन्य स्थानों पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। अब उन्हें आसानी से उनके गांव तथा आसपास के गांव में उनके रूचि और कौशल के आधार पर स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा बालोद जिले के सभी 11 गौठानों में 78 लाख 06 हजार 106 रुपये की लागत से संचालित की जा रही आजीविका मूलक गतिविधियों के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों की बिक्री से अब तक कुल 10 लाख 62 हजार 170 रुपये की आमदनी भी हो चूकी है।ज्ञातव्य हो कि बालोद विकासखण्ड के ग्राम बरही में संचालित गोबर पेंट ईकाई से अब तक कुल 07 हजार 940 लीटर गोबर पेंट का उत्पादन किया गया है। इस गोबर पेंट का उत्पादित मूल्य 17 लाख 86 हजार 500 रुपये है। इसमें से अब तक 03 हजार 469 लीटर गोबर पेंट की बिक्री की जा चूकी है, जिसका विक्रय मूल्य 07 लाख 80 हजार 525 रुपये है। इस गोबर पेंट इकाई से अब तक कुल 02 लाख 42 हजार 830 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है। इसी तरह बालोद विकासखण्ड के करकाभाट ग्रामीण औद्योगिक पार्क में कूलर एवं अलमारी निर्माण यूनिट की स्थापना की गई है। जिसमें अब तक 72 नग अलमारी और कूलर 70 नग का निर्माण किया गया है। जिसका उत्पादित मूल्य 05 लाख 02 हजार 900 रुपये है। जिसमें 62 अलमारी एवं 55 कूलर की बिक्री भी की जा चूकी है। जिसका विक्रय मूल्य 04 लाख 39 हजार 900 रुपये हैै। इस तरह कूलर एवं अलमारी की बिक्री से 65,000 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है। इसी तरह गुरूर विकासखण्ड के ग्रामीण औद्योगिक पार्क भोथली में गुड़ प्रोसेसिंग, एलोवीरा प्रोसेसिंग, लेमन ग्रास प्रोसेसिंग, सेवा गतिविधि बैकिंग यूनिट की स्थापना की गई है। जिसमें लेमन ग्रास प्रोसेसिंग यूनिट से 20़6 लीटर उत्पादन किया गया है। जिसमें सभी 206 लीटर उत्पाद की बिक्री भी की जा चूकी है। जिससे 89,000 हजार रुपये का लाभ भी अर्जित हुआ है। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम अवारी में संचालित चिक्की निर्माण यूनिट में 15 टन चिक्की का निर्माण किया गया है। जिनका उत्पादित मूल्य 37 लाख 50 हजार रुपये है। जिसमें से 14 टन चिक्की की बिक्री भी की जा चूकी है। जिसका विक्रय मूल्य 35 लाख रुपये है। जिससे 04 लाख 50 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई है। डौण्डी लोहारा विकासखण्ड के ग्रामीण औद्योगिक पार्क नंगूटोला में मसाला निर्माण यूनिट, लेयर मूर्गी पालन, वांशिग पाउडर निर्माण यूनिट एवं बैकिंग सेवा गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसी तरह गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्रामीण औद्योगिक पार्क गब्दी में कोदो प्रोसेसिंग यूनिट, वर्मी कम्पोस्ट बोरी प्रिटिंग यूनिट, अगरबत्ती निर्माण यूनिट, सेवा गतिविधि बैकिंग निर्माण एवं नाॅन कूकेन बैग निर्माण यूनिट तथा ग्रामीण औद्योगिक पार्क कांदुल में पापड़ निर्माण, मुरमुरा एवं अगरबत्ती निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह से गुरूर विकासखण्ड के छेड़िया औद्योगिक पार्क में मूनगा प्रोसेसिंग यूनिट, बनाना फाइबर एक्सट्रैशन यूनिट की स्थापना की गई है। डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के मार्री बंगला औद्योगिक पार्क में एपरेल, डोरमेंट एवं कपड़ा यूनिट की स्थापना की गई है। डौण्डी विकासखण्ड के अमूरकसा ग्रामीण औद्योगिक पार्क में बेकरी यूनिट तथा गुदुम ग्रामीण औद्योगिक पार्क में हाउस होर्ड क्लीनिंग मटेरियल यूनिट, बास गुड़ी एवं स्क्रबर निर्माण का कार्य किया जा रहा है।बालोद जिले में संचालित सभी 11 महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में 140 महिला एवं 75 पुरूष सहित कुल 215 उद्यमी कार्यरत है। जिनके द्वारा एक माह के अल्प अवधि में ही 78 लाख 06 हजार 106 रुपये की सामग्रिया निर्मित कर 56 लाख 80 हजार 875 रुपये की राशि की सामग्री की बिक्री गई है। जिससे उन्हें शुद्ध 10 लाख 62 हजार 170 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है। जिससे 9,908 रुपये की प्रति व्यक्ति औसत आय प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही 107 हितग्राहियों को लाभांश भी प्रदान कर दिया गया हैै। इस तरह से बालोद जिले में स्थापित की गई ग्रामीण औद्योगिक पार्क मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार प्रदान कर उनकी आय में वृद्धि करने का महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। जो राज्य शासन द्वारा ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाकर गांवों को विकसित करने की परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
- - रूरल इंडस्ट्रियल पार्क द्वारा महिला सशक्तिकरण को मिल रहा बढ़ावा- मछली उत्पादन, पैराकुट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन व बायोफ्लॅाक्स कार्य कर सशक्त हो रही हैं महिलाएंदुर्ग / जिले के गौठानों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित हो रही है इसी कड़ी में ग्राम पंचायत चंदखुरी के 6 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा गौठान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है। शासन की नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत जिले के ग्राम चंदखुरी के गौठान में विभिन्न प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें मछली उत्पादन, पैराकुट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन व बायोफ्लॅाक्स का कार्य जोरो से किया जा रहा है।गौठान में मछली पालन- जय अम्बे स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती दीपिका चंद्राकर के अनुसार अक्टूबर माह से अब तक गौठान में 400 से 500 रंगीन मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है। अब तक 29 हजार की रंगीन मछलियां बेची जा चुकी है। मछली उत्पादन से 9 हजार रूपए का व्यय हुआ है। इसी प्रकार श्री सिन्धुजा स्व सहायता समूह के माध्यम से फिंगर फिश का उत्पादन किया जा रहा है, जिसकों बड़ा होने पर तालाब व ढबरी में छोड़ दिया जाता है, जिसे किसान इसे बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं। अभी तक 7 हजार की फिंगर फिश बेची जा चुकी है।पल्लवी स्व सहायता समूह के माध्यम से 5 बायोफ्लॅाक्स का निर्माण किया गया, जिसमें एक बायोफ्लॅाक्स 2500 किलो मछलियां उत्पादित की जा रही है। यह बायो जनवरी माह में स्थापित किया गया था। भविष्य में 12 हजार 500 किलो मछलियां बेचने की संभावना है।गौठान में वर्मी कम्पोस्ट- गौठान में अब तक स्व सहायता समूह के माध्यम से 1800 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है, जो अब तक लगभग 5 लाख 38 हजार का वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचा गया। साथ ही केचुंआ का उत्पादन कर लगभग 4 लाख का केंचुआ बेचा गया। आसपास के ग्राम पंचायतों में खाद बनाने के लिए केचुंआ विक्रय किया गया। इसके अलावा आंध्रप्रदेश के श्रीमती रजनी राव द्वारा 10 किलो केंचुआ क्रय कर खाद बनाने का कार्य कर रही है। चंदखुरी गौठान से पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मे भी खाद बनाने के लिए केंचुआ बेचा जा रहा है। इसके अलावा 25 हजार का डिकम्पोजर तथा 22 हजार का कीटनाशक बेचा गया। इसके साथ गौमूत्र से वृद्धिवर्धक का उत्पादन किया जा रहा है, जो फसलों के लिए उपयोगी है। गौमूत्र वृद्धिवर्धक 9 हजार रूपए तक का बेचा जा चुका है।गौठान में राईस मिल- गौठान में मिनी राईस मिल लगाया गया है, जिसमें दाल व चावल पिसाई की जाती है।गौठान में गाय पालन- गौठान में पूजा स्व सहायता समूह के माध्ये से गौठान में 5 गाय का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक गाय 10 से 12 लीटर दुध देती है, जिसे बेचकर समूह द्वारा लगभग 60 हजार रूपए महीने का आय अर्जित कर रही हैं। गौठान में बकरी पालन- गौठान में प्रजा स्व सहायता समूह द्वारा बकरी पालन भी किया जा रहा है, जिसमें 10 बकरी पाली जा रही है।गौठान में मुर्गी पालन- जागृति क्रास फांउडेशन स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती टोमिन चंद्राकर के माध्यम से गौठान में मुर्गी पालन किया जा रहा है। समूह द्वारा अब तक 2328 मुर्गीयां बेची गई है, जिसमें 3 लाख 19 हजार का मुनाफा प्राप्त किया।महात्मा गांधी रूरल इंड्रस्ट्रियल पार्क योजना के अंतर्गत रीपा में मिल्क प्रोडक्ट बनाए जाने की संभावना है। रीपा योजना के अंतर्गत 30 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किया जाएगा, जिसमें उनके द्वारा सोयाबीन बड़ी, सोया टॉफी, सोया पनीर, आलू चिप्स व दोना पत्तल तैयार किया जाएगा। डोम के अंदर 30 लोगों को रोजगार देने की संभावना है। इसके अलावा योजना के अंतर्गत दुध से बनी पनीर, मिठाई, खोवा व अन्य सामग्री तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही रीपा में मोबाइल और सायकल रिपेरिंग की दुकान के साथ चाय, नाश्ते की दुकान प्रारंभ की जाएगी।
- - जिला चिकित्सालय को मिली एक और बड़ी उपलब्धि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने किया सफल ऑपरेशनदुर्ग/ जिला चिकित्सालय दुर्ग को मिली एक और बड़ी उपलब्धि। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक से प्राप्त जानकारी के अनुसार आर्या नगर दुर्ग निवासी श्रीमती राधिया बाई साहू उम्र 46 साल पिछले एक महीने से अपने पेट दर्द की समस्या को लेकर जिला चिकित्सालय दुर्ग में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मिता सिन्हा के पास ईलाज करने पहुंची।विशेषज्ञ द्वारा लक्षण के आधार पर जांच करने के बाद उन्हें सोनोग्राफी करने की सलाह दी गई। सोनोग्राफी के बाद जांच में पाया गया कि उनके ओवरी में गांठ बना हुआ है, जिसे श्लेष्म सिस्टेडेनोमा कहा जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ ने मरीज को ऑपरेशन कराने की सलाह दी। महिला का ऑपरेशन कर 3.8 किलो का सिस्ट निकाला गया। जिससे वर्तमान में मरीज की स्थिति समान्य है। इस कार्य में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मिता सिन्हा एवं टीम डॉ. बसंत चौरसिया, असिस्टेंट स्टॉफ द्वारा ओवरी सिस्ट का सफलतापूर्वक सर्जरी किया गया।
- -आंगनबाड़ी के अधोसंरचना व मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पर ध्यान दें अधिकारी- सैम बच्चों के लिए समुदाय आधारित प्रबंधन को लेकर हुई विशेष चर्चादुर्ग / कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी के अधोसंरचना की मरम्मत और मूलभूत आवश्यकता जैसे पानी, बिजली व शौचालय इत्यादि पर संबंधित अधिकारियों को विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के इंजिनियर के साथ समन्वय स्थापित कर आने वाले बरसात के पूर्व मरम्मत कार्य विभाग व डीएमएफ के फंड से पूर्ण कराने के लिए कहा।बैठक में कलेक्टर ने आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने, ई-कवच सैम के अंतर्गत पंजीकरण, पोषण ट्रैकर फिडिंग सहित अन्य कई बिंदुओं पर उपस्थित अधिकारियों से चर्चा की गई। 6 माह से लेकर 5 साल तक के अधिक कुपोषित (सैम) बच्चों का ईलाज करने के लिए उन्होंने ब्लॉक स्तर पर विशेष यूनिट शुरू करने के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों (सैम) के चिन्हांकन के लिए कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर परीक्षण करने के लिए निर्देशित भी किया। उन्होंने अति कुपोषित श्रेणी (सैम) में आने वाले बच्चों के लिए समुदाय प्रबंधन पर आधारित गतिविधियों को युद्धस्तर पर चलाने के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया ताकि कुपोषित बच्चों के ग्राफ को जिले में कम किया जा सके। उन्होंने कहा 5 साल तक के सैम विद कॉम्पलीकेशन वाले बच्चों को एन.आर.सी. में भर्ती कर उचित प्रबंधन के माध्यम से शीघ्र पोषण की श्रेणी में लाना उपस्थित अधिकारियों के प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को ए.एन.एम., मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकताओं को योजनाबद्ध तरीके से क्लस्टर वार ट्रेनिंग देने के लिए कहा। ताकि वह क्षेत्र में बेहतर से बेहतर कार्य कर सके।
- दुर्ग / पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत चलने वाले निर्माण कार्य की वस्तु स्थिति का जायजा लेने के लिए कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा आज संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन कलेक्टोरेट सभाकक्ष में किया गया था, जिसमें निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति को लेकर चर्चा की गई। कलेक्टर ने उपस्थित अभियंताओं को विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा की पूर्ति समय-सीमा में हो इसके लिए निर्देश दिए। उन्होंने समग्र शिक्षा व मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत् चलने वाले कार्य को शीघ्र शत-प्रतिशत पूर्ण करने के लिए कहा। ताकि आने वाले शिक्षा सत्र में विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए एक बेहतर वातावरण मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् होने वाले सड़क निर्माण कार्य की भी समीक्षा हुई।इस अवसर पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के मुख्य कार्यपालन अभियंता व अन्य उप अभियंता उपस्थित थे।
- दुर्ग / चुनाव आयोग ने पंथी नर्तक पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले और पंडवानी गायिका पद्मश्री श्रीमती उषा बारले छत्तीसगढ़ का स्टेट आइकॉन नियुक्त किया है। जिसके पश्चात् आज दोनों कलेक्टोरेट परिसर में कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा से मिलने पहुंचे थे। चुनाव आयोग द्वारा स्टेट आइकॉन नियुक्त किए जाने व कला के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान पर कलेक्टर ने उन्हें बधाई दी और आशा जताई कि उनके स्टेट आइकॉन बनने से छत्तीसगढ़ राज्य के मतदाता अपने मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक होंगे और विवेक पूर्ण इसका इस्तेमाल करेंगे।इस अवसर पर पदमश्री डॉ. राधेश्याम बारले व श्रीमती उषा बारले ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा सौंपे गए दायित्व का पूर्ण निर्वहन उनके द्वारा किया जाएगा।
- -शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय में आयोजित संभाग स्तरीय रीपा कार्यशाला में शामिल हुए मुख्यमंत्रीजगदलपुर / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहाँ शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कुम्हरावंड जगदलपुर में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के बस्तर संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए। रीपा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों एवं उत्पादन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में इस पार्क की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रीपा के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजन किए जा रहे हैं। अब युवाओं को काम की तलाश में बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। योजनांतर्गत 2 करोड़ रूपए प्रति औद्योगिक पार्क के मान से राशि स्वीकृत की गई है। बस्तर संभाग के बस्तर, दन्तेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर सुकमा एवं कोंडागांव जिले के प्रतिभागी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने रीपा से जुड़े महिला स्व-सहायता समूह को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। बस्तर संभाग के सभी 32 विकासखंड के मान से कुल 64 रीपा स्वीकृत किए गए हैं। पूरे प्रदेश में 300 रीपा संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बस्तरिया रीपा के स्मृति चिन्ह का विमोचन किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान सुराजी गांव योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों द्वारा मछली पालन, कुक्कुट पालन, मशरूम उत्पादन किया जा रहा है। पिछले तीन साल के भीतर साढ़े पांच हजार गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। गौठान समिति के दौरान गोबर क्रय किया जा रहा है। गौठान को डे केयर सेंटर विकसित किया गया है। प्रदेश के गौठानों में 28 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किए गए हैं। गोबर बिक्री करने वाले हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि सीधे अंतरित की जा रही है। इसी तरह लघु वनोपज की बिक्री, तेंदूपत्ता, संग्राहकों के खाते में भी आनलाईन पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा 67 प्रकार के वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इसके अलावा कोदो, कुटकी, रागी भी समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रहे हैं। ग्रामीण उत्पाद को बेचने के लिए प्रत्येक जिले में सी-मार्ट की स्थापना की गई है। सी-मार्ट के जरिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। अब गौठान को वाई-फाई से कनेक्ट कर रहे हैं। बस्तर, सरगुजा जैसे वनांचल क्षेत्रों में किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर खरीदी का निर्णय लिया है।ज्ञात हो कि बस्तर जिले में मशरूम स्पॉन ईकाई उत्पादन, काजू प्रसंस्करण, तिखुर प्रसंस्करण, लघु धान्य (कोदो, कुटकी, रागी) प्रसंस्करण, मसाला प्रसंस्करण, सुगंधित चावल मिलिंग, इमली कण्डी उत्पादन, रेशम धागाकरण, ओवन बैग निर्माण, पोहा उत्पादन, खादी कपड़ा एवं रेशम कपड़ा बुनाई एवं प्रशिक्षण, मुर्गी दाना एवं पशु आहार उत्पादन, बेकरी ईकाई एवं प्राकृतिक गोबर पेंट इत्यादि का उत्पादन कार्य हितग्राहियों के द्वारा किया जा रहा है।कार्यशाला में बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ प्रदीप शर्मा, रीपा के नोडल अधिकारी श्री डाॅ गौरव कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।इस अवसर पर बस्तर सांसद श्री दीपक बैज, पूर्व सांसद श्री नन्द कुमार साय, संसदीय सचिव श्री रेखचन्द जैन, विधायक कोंडागाँव मोहन मरकाम, विधायक श्री चन्दन कश्यप, श्री राजमन बेंजाम, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, बविप्रा के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री मिथलेश स्वर्णकार, महापौर श्रीमती शफिरा साहू, सभापति कविता साहू, संभागायुक्त बस्तर श्री श्याम धावड़े आई जी बस्तर रेंज श्री सुन्दरराज पी, रीपा के नोडल अधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर श्री विजय दयाराम के., वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेंद्र मीणा, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
- -जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ-240 जनजातीय वाचक कर रहे सहभागितारायपुर /आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि राज्य में जनजातीय समुदायों की वाचिक परंपरा के संरक्षण के लिए इसको अभिलेखिकरण के साथ ही इस परंपरा से अगली पीढ़ी को अवगत कराना भी जरूरी है। डॉ. टेकाम आज आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में 3 दिवसीय ’जनजातीय वाचिकोत्सव 2023’ के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन 27 मई तक आदिमजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं राज्य शासन के सहयोग से किया जा रहा है। जनजातीय वाचिकोत्सव में 09 विधाओं में 240 जनजातीय वाचक सहभागिता कर रहे हैैं।मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि राज्य में जनजातीय समुदायों की वाचिक परंपरा लिखित में नही है फिर भी यह समुदाय वाचिक परंपरा का अनुसरण करते है। प्रदेश में विभिन्न भाषाओं को बोलने वालेे लोग हैं और क्षेत्र के अनुसार उनकी बोली है। इन समुदायों में उनके आदि पुरूष या पूर्वजों द्वारा बताई गई कथा, कहानी, लोकोक्ति, देवी-देवताओं की स्तुति, विभिन्न अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों आदि के पीछे छुपी हुई उनकी अवधारणा, मान्यताएं, कहानियां, मिथक जो प्रारब्ध में अनेक वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक या अलिखित रूप में है। जनजातीय समुदाय के दिन-प्रतिदिन के जीवन शैली में यह आत्मसात रही है। इस कार्यशाला के माध्यम से आदिवासी संस्कृति और उनकी वाचिक परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन का प्रयास किया जा रहा है। इन सभी का संकलन कर एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए विषयों के साथ-साथ राज्य के अन्य जनजातीय समुदायों के व्यक्तियों से भी जनजातीय वाचिक परंपरा के क्षेत्र में प्रकाशन हेतु आलेख आमंत्रित किए गए हैं। इससे आने वाली पीढ़ी वाचिक परंपरा की अवधारणा से अवगत होगी।मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों की स्थानीय भाषा-बोली, परंपरा को संरक्षित और संवर्धित करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही विशेष जनजातीयों के विकास के लिए प्राधिकरण बनाए गए हैं। राज्य के स्कूलों में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को सोलह प्रकार की स्थानीय बोली में पढ़ाने की व्यवस्था की गई है। आदिवासी प्रकृति की पूजा करते है। सरकार ने इनके पूजा स्थलों को भी संरक्षित और संवर्धित करने का प्रयास किया है। इन समुदायों की आर्थिक उन्नति के लिए योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी हो रही है। आदिवासी नृत्य महोत्सव में अन्य राज्यों के साथ विदेशों के जनजातीय कलाकारों के दल भी राज्योत्सव में प्रस्तुति दे रहे है।संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव ने कहा कि जल, जंगल, जमीन से जुड़ी जनजातियों के लोक साहित्य और ज्ञान की मौखिक परंपरा ही वाचिक परंपरा है, जो जनजातीय सामाजिक परंपरा के रूप में दिखाई देती है। आदिवासी समाज के पुरखों ने जंगल को बचाकर रखा जिससे हम जीवनदायिनी ऑक्सीजन ले रहे है। आदिवासी समाज हमेशा सबके मदद के लिए तैयार रहता है।कोण्डागांव निवासी डॉ. जयमती कश्यप ने कहा कि वाचिक परंपरा सभी समाज में है। छट्टी की परंपरा बच्चों को संस्कार देने के लिए और माटी पूजा समस्त जीवों को ध्यान में रखने वाला है। इसको आने वाली पीढ़ी को बताने और सिखाने की जरूरत है। नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली के श्री पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ भाषा और बोली के मामले में काफी समृध्द है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तथ्य है कि जितनी अधिक बोली-भाषा होंगी उतनी ही जैव विविधता होगी। हमें इन दोनों को ही बचाना है। जनजातीय समुदाय की भाषा-बोली की रक्षा के साथ ही अन्य समाज के लोगों को भी इसके प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए। रांची-झारखण्ड से आए जनजातीय साहित्यकार श्री अश्विनी कुमार पंकज ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद वाचिक परंपरा पर बात करने जा रहे हैं। वाचिक ज्ञान आदिवासी तौर तरीका है जिसमें हम एक दूसरे को बताते और सिखाते है। वाचिक परंपरा का ज्ञान हमें बुजुर्गों से उनके अनुभव के आधार पर सीखना चाहिए । वाचिकता कहे हुए शब्दों पर भरोसा करना और उस पर कायम रहना है। आदिवासी इसीलिए कम बोलते है और जो बोलते है उस पर कायम रहते है। वाचिकता जीवन जीने का तरीका और लोगों से बर्ताव का तौर तरीका है।कार्यशाला को संचालक सह आयुक्त आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान श्रीमति शम्मी आबिदी, अनुसूचित जनजातीय आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री राजकुमारी दीवान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्री डी.डी. सिंह, सदस्य अनुसूचित जनजातीय आयोग श्री नितिन पोटाई, अध्यक्ष कमार विकास अभिकरण श्री सुखचंद कमार, अध्यक्ष बैगा विकास अभिकरण श्री पुसुराम मेरावी, अध्यक्ष भुजिया विकास अभिकरण श्री हुम्मन सिंह सहित बड़ी संख्या में सहभागिता करने वाले जनजातीय वाचक और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
- -जिले के अधिकारी- कर्मचारियों ने झीरम घटना के शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित कीबालोद // झीरम श्रद्धांजलि दिवस के अवसर पर आज कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में अधिकारी कर्मचारियों को अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में दृढ़ विश्वास करते हुए सभी प्रकार के नक्सलवाद और हिंसा का डटकर विरोध करते हुआ राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने का संकल्प लेने की शपथ दिलाई। झीरम श्रद्धांजलि दिवस के अवसर पर आज बालोद जिले के अधिकारी कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में झीरम घटना में शहीद हुए शहीदों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने सभी प्रकार के हिंसा और नक्सलवाद का डटकर विरोध करने का संकल्प भी लिया। संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में आज एडीएम श्रीमती इंदिरा तोमर संयुक्त कलेक्टर श्री गायकवाड एवम योगेंद्र श्रीवास सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
- भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर नीरज पाल ने आज डी मार्ट के समीप एवं कोसनागर गौठान का अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। उन्होंने गौठान में मौजूद सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा स्व सहायता समूह की महिलाओं एवं उपस्थित अधिकारियों के साथ आजीविका मूलक गतिविधियों को लेकर चर्चा की। गौठान के देखरेख करने वाले कर्मचारी तथा उपस्थित स्व सहायता समूह की महिलाओं व अधिकारियों ने महापौर को जानकारी देते हुए बताया कि गौठान में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है। पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा और पानी उपलब्ध है। पशुओं की देखभाल अच्छे से की जा रही है। पशु चिकित्सालय के चिकित्सक पशुओं का निरंतर परीक्षण और उपचार कर रहे हैं। गौ सेवकों के माध्यम से हरा चारा प्रतिदिन उपलब्ध हो रहा है। पशुपालकों से गोबर खरीद कर उच्च गुणवत्ता का वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। पशुओं के लिए शेड की व्यवस्था मौजूद है। मवेशियों की उचित देखभाल के लिए गौठान में कर्मचारी उपलब्ध है। महापौर नीरज पाल ने निरीक्षण के दौरान कहा कि गौठान में हर प्रकार की सुविधाएं मौजूद है इसके बावजूद किसी भी प्रकार का भ्रम न फैलाएं। निरीक्षण के दौरान जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, जोन आयुक्त राजेंद्र नायक, नोडल अधिकारी प्रीति सिंह, कार्यपालन अभियंता विनीता वर्मा, सहायक अभियंता आर एस राजपूत, उप अभियंता अर्पित बंजारे एवं पुरुषोत्तम सिन्हा आदि मौजूद रहे।
- - चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण के प्लानिंग के दिए निर्देश, महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त रोहित व्यास ने ली समीक्षा बैठकभिलाई नगर/ भिलाई निगम महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त रोहित व्यास ने आज निगम के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। समीक्षा बैठक में चौक-चौराहों के सौंदर्यीकरण को लेकर प्लानिंग के निर्देश दिए गए हैं। सड़कों के डामरीकरण एवं मरम्मत तथा संधारण के कार्यों को 15 जून के पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए गए, इसके साथ ही सड़कों की स्थिति को बारिश से पूर्व दुरुस्त करने कहा गया है। महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जैसे तारामंडल, रीपा की तर्ज पर अर्बन कॉटेज, गारमेंट फैक्ट्री, स्विमिंग पुल, ऑडिटोरियम, अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क, सुपेला अस्पताल का विकास कार्य तथा ट्रेफिक पार्क के प्रगति को लेकर भी विस्तार से समीक्षा हुई। महापौर एवं आयुक्त ने नेहरू नगर चौक, सम्राट अशोक चौक, पावर हाउस चौक, मरोदा टैंक, पावर हाउस बस स्टैंड, छावनी चौक, साक्षरता चौक, सूर्या मॉल चौक, जूनवानी चौक आदि के सौंदर्यीकरण को लेकर प्लानिंग के निर्देश दिए है। सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय में सुविधाओ को लेकर जानकारी ली गई। शौचालय में हमेशा केयरटेकर की मौजूदगी रखने के निर्देश दिए गए है, बावजूद इसके केयर टेकर द्वारा लापरवाही की गई तो भुगतान से कटौती की जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के मापदंडों के अनुरूप की तैयारियों की समीक्षा बैठक में वृहद रूप से की गई। निगम क्षेत्र में वार्ड वार जलभराव वाले स्थलों की जानकारी लेकर इनके समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, मितान योजना, गोधन न्याय योजना, नियमितीकरण योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, धन्वंतरी योजना, बेरोजगारी भत्ता एवं आयुष्मान कार्ड जैसे प्रमुख योजनाओं की समीक्षा बैठक में की गई। इसके अलावा बाजार क्षेत्रों में आदर्श मार्केट की जानकारी ली गई और बारिश से पूर्व सभी बड़े छोटे नालों को सफाई करने के निर्देश दिए गए। समीक्षा बैठक में अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता बीएल जोशी, जोन आयुक्त राजेंद्र नायक, येशा लहरे, पूजा पिल्ले एवं खिरोद्र भोई, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, भवन अनुज्ञा अधिकारी हिमांशु देशमुख, नोडल अधिकारी प्रीति सिंह, लेखा अधिकारी जितेंद्र ठाकुर आदि मौजूद रहे।