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त्रिशूर. केरल के त्रिशूर जिले में कुन्नमकुलम शहर के थुवनूर में मंगलवार को सौतेले पिता द्वारा कथित तौर पर क्रूरता से पीटे जाने के बाद चार वर्षीय लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया है । उसके चेहरे सहित पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं । पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी । पुलिस ने बताया कि बच्चे को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और बाद में उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उसकी हालत स्थिर है। कुन्नमकुलम पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चे की मां के बयान के आधार पर सौतेले पिता आरोपी प्रसाद को हिरासत में ले लिया गया है । पुलिस ने बताया कि बच्चे का आरोपी सौतेला पिता एक बस कंडक्टर के तौर पर काम करता है । उसने लकड़ी की वस्तु से क्रूरता पूर्वक बच्चे की पिटाई कर दी । उसका आरोप था कि रात में वह ठीक से नहीं सो पाया क्योंकि बच्चा रो रहा था । उन्होंने बताया कि मां ने जब इस बारे में अपने पड़ोसी को बताया, तब यह मामला प्रकाश में आया और पुलिस को इसकी सूचना दी गयी । अधिकारी ने बताया, ‘‘हम तत्काल उसके घर गये और बच्चे को अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम किया । महिला का बयान दर्ज कर लिया गया है और आरोपी सौतेले पिता को हिरासत में ले लिया गया है ।'' उन्होंने बताया कि विस्तृत पूछताछ के बाद उसे जल्दी गिरफ्तार कर लिया जायेगा। -
रांची. झारखंड की राजधानी रांची के रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय मार्ग-33 पर बुंडू थाना क्षेत्र के सूर्य मंदिर के निकट मंगलवार को एक सड़क दुर्घटना में तीन स्कूली छात्राओं की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से घायल एक छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रांची से जमशेदपुर जा रहे ट्रक की चपेट में आने से तीन छात्राओं कीमौत हो गयी जबकि एक अन्य छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गयी। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल एक छात्रा को इलाज के लिए ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से अस्पताल ले जाया गया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मृत छात्राएं बुंडू के भास्कर सरस्वती शिशु मंदिर सूर्य मंदिर परिसर अध्ययनरत थीं। इस हादसे के बाद लोगों में आक्रोश है। लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। बाद में पुलिस ने जाम हटवाया। सड़क दुर्घटना में जिन छात्राओं की मौत हुई है उनकी पहचान बुंडू की रीमा कुमारी (कक्षा 8), जोशना कुमारी (कक्षा 6) एवं ज्योति कुमारी (कक्षा 7) के रूप में की गयी है जबकि सरायकेला की प्रिया कुमारी महतो (कक्षा 7) गंभीर रूप से घायल है।
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नयी दिल्ली. सरकार ने पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी है। उनका कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है। पीएफआरडीए चेयरपर्सन का कार्यकाल पांच वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है।
वित्त मंत्रालय ने आवेदन आमंत्रित करते हुए कहा कि चेयरपर्सन पद के लिए घर और कार की सुविधा के बिना प्रति माह 4.50 लाख रुपये का कुल वेतन दिया जाएगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अलावा सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी), सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी), सीओओ (मुख्य परिचालन अधिकारी) या समकक्ष के स्तर पर काम कर चुके निजी क्षेत्र के कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं। अकादमिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति भी आवेदन कर सकते हैं। वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) की सिफारिश पर केंद्र सरकार चेयरपर्सन की नियुक्ति करेगी। एफएसआरएएससी योग्यता के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति की सिफारिश करने के लिए भी स्वतंत्र है, जिसने पद के लिए आवेदन नहीं किया है। आवेदन करने की आखिरी तारीख पांच सितंबर है। -
भिवानी . हरियाणा के भिवानी में चौ. बंसीलाल पार्क के पास एक महिला ने पड़ोसियों के साथ झगड़ा छुड़ाने आयीं 75 वर्षीय अपनी सास को धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी। जैन चौक चौकी इंचार्ज मनीष कुमार ने बताया पुलिस ने मृतका के पति जगदीश के बयान पर कार्रवाई की है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर उसके स्वजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस ने इस संबंध में आरोपी महिला सोनिया के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस उसे जल्द ही गिरफ्तार करेगी। मृतका के पति ने पुलिस को दिए गए बयान में अपनी पुत्रवधू पर हत्या करने का आरोप लगाया है। जगदीश ने पुलिस को बताया कि उसके दो बेटे एवं दो बेटियां थे तथा बड़े बेटे बलवान की शादी झज्जर जिले के गांव माजरा निवासी आरोपी सोनिया के साथ हुई थी। जगदीश के अनुसार बलवान से आरोपी सोनिया को तीन बच्चे हैं और करीब दो साल पहले बलवान की मौत हो गई थी। उनके मुताबिक आरोपी सोनिया आए दिन उनके साथ झगड़ा करती है। जगदीश ने बताया कि सोमवार देर शाम को पड़ोस में ही रहने वाले एक परिवार के साथ जब आरोपी सोनिया का झगड़ा हो रहा था तब उसकी बेटी ने अपनी दादी को यह बात बताई। उनके मुताबिक जब सावित्री झगड़ा छुड़वा कर वापस अपने घर आ रही थी तो पीछे से उसकी विधवा पुत्रवधु आरोपी सोनिया ने धक्का मारकर जमीन पर गिरा दी। जगदीश के अनुसार सावित्री को परिजन अस्पताल लेकर आए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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कोच्चि. केरल की उद्यमी संगीता अभ्यान ने जूनियर चैंबर इंटरनेशनल हांगकांग (जेसुआइएचके) द्वारा शुरू किया गया ‘विश्व महिला उद्यमी' पुरस्कार जीता है। उन्हें यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप अपने हथकरघा और हस्तशिल्प स्टार्टअप के प्रदर्शन के लिए दिया गया है। आयोजकों के अनुसार, संगीता ‘ईडब्ल्यूईवर्ल्ड डॉट कॉम' की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं। जेसीआईएच ने दुनियाभर की 225 से अधिक महिला उद्यमियों में से उनका चयन किया है। आयोजकों ने कहा, ‘‘हांगकांग में सात अगस्त को ऑनलाइन माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन मंच ईडब्ल्यूई को जेसीआईएचके पुरस्कार मिला। समिति ने पाया कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों का अनुपालन करने में ईडब्ल्यूई बाकी प्रतियोगियों में आगे है और इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को रोकना भी है।'' यह स्टार्टअप दरअसल उन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री कर रहा है, जो ग्रामीण केरल और राज्य से बाहर काम करने वाले पारंपरिक हथकरघा और हस्तशिल्प कामगारों को सशक्त बनाता हैं।
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नयी दिल्ली. संसद की एक समिति ने कहा है कि हिंदू दत्तक और भरण-पोषण कानून (एचएएमए) और किशोर न्याय (जेजे) कानून में सामंजस्य स्थापित करने की जरूरत है तथा गोद लिए जाने के संबंध में एक व्यापक कानून लाए जाने की आवश्यकता है जो अधिक पारदर्शी, जवाबदेह, नौकरशाही के कम हस्तक्षेप वाला और सभी धर्मों के लोगों पर लागू हो। समिति ने कहा कि ऐसा होने पर गोद लिए जाने की प्रक्रिया आसान और कम बोझिल हो सकेगी।
कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी समिति की यह रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई। भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील कुमार मोदी इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति ने ‘‘गोद लेने और बच्चों के संरक्षण से जुड़े कानूनों की समीक्षा'' पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि हिंदू दत्तक और भरण-पोषण कानून और किशोर न्याय कानून में अपनी-अपनी खूबियां और कमियां हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एचएएमए के तहत गोद लेने की प्रक्रिया सरल है और कम समय लेने वाली है जबकि जेजे कानून के तहत यह पारदर्शी, जवाबदेह और प्रमाण योग्य है। उसने कहा कि गोद लेने के बारे में एक व्यापक कानून के लिए दोनों कानूनों में तालमेल जरूरी है, जो गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी, जवाबदेह, प्रमाण योग्य और सभी धर्मों के लिए समान रूप से आसान करे। हालांकि, समिति ने यह भी कहा कि किशोर न्याय कानून के तहत बनाए गए नियम में ऐसी प्रक्रिया है जिसमें काफी समय लगता है। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि उसका मानना है कि दोनों कानूनों में तालमेल जरूरी है तथा गोद लिए जाने के संबंध में एक व्यापक कानून बनाने की जरूरत है जो गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी, जवाबदेह व प्रमाण योग्य बनाए तथा सभी धर्मों के लिए समान रूप से आसान बनाए।
- - नई दिल्ली। .कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाडेरा फिर कोरोना संक्रमित हो गई हैं। यह दूसरा मौका है, जब प्रियंका गांधी कोरोना से पीडि़त हो गई हैं। उन्होंने फिलहाल खुद को आइसोलेट कर लिया है और संपर्क में रहने वालों से जांच की अपील की है।प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर खुद के कोरोना वायरस संक्रमित होने की जानकारी दी है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'एक बार फिर से आज कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं। घर पर ही आइसोलेशन में हूं और पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।' यही नहीं राहुल गांधी की भी तबीयत कुछ खराब है और इसके चलते उन्होंने राजस्थान के अलवर का दौरा रद्द कर दिया है। राहुल गांधी आज अलवर में कांग्रेस के नेतृत्व संकल्प शिविर में हिस्सा लेने वाले थे।कांग्रेस की ओर से सभी राज्यों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ताकि पार्टी में नया नेतृत्व विकसित किया जा सके और पार्टी कार्यकर्ताओं में जान फूंकी जा सके। राजस्थान में अगले साल चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी इस राज्य में खासतौर पर ऐक्टिव है।इससे पहले जून में भी प्रियंका गांधी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थीं। तब भी प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर खुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। प्रियंका गांधी ने बताया था कि उनमें कोरोना के मामूली लक्षण पाए गए हैं। तब भी प्रियंका गांधी ने खुद को घर पर ही आइसोलेट कर लिया था। file photo
- पटना। जनता दल यूनाईटेड नेता नीतीश कुमार ने आज बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार को राजभवन में बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में आठवीं बार जबकि तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ली।नीतीश कुमार ने कल राज्यपाल फागु चौहान से मिलकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। श्री कुमार ने सात दलों के 164 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंपी। इनमें राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा, वामपंथी दलों और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं।श्री कुमार को कल जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से महागठबंधन का नेता चुना गया। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जनता दल यूनाइटेड के अलग होने के बाद यह बैठक हुई।इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने नई सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार को समर्थन की चि_ी सौंपी। एनडीए से अलग होने का फैसला कल सवेरे नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई जनता दल यूनाइटेड विधायक दल की बैठक में लिया गया। जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन दिया है।
- नयी दिल्ली। हरियाणा के गुरुग्राम में पारस अस्पताल में भर्ती और ‘ब्रेन डेड' घोषित की जा चुकी 60 वर्षीय महिला के परिजनों ने उसकी किडनी और कोर्निया दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग मरीजों को दान किये। अस्पताल ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। अस्पताल के बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण संगठन के निर्धारित आवंटन मानदंडों का अनुपालन किये जाने के बाद अंगों को निकालकर उन्हें मरीजों में प्रतिरोपण के लिए दिया गया। बयान में कहा गया है कि मरीज को ‘ब्रेन-डेड' घोषित कर दिये जाने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के परिजनों को अंगदान पर विचार करने की सलाह दी थी, जिस पर वे सहमत हो गये।(प्रतीकात्मक फोटो)
- नयी दिल्ली/हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा वोट बटोरने के लिए किए जाने वाले लोकलुभावन वादों के प्रति आगाह करते हुए मंगलवार को कहा कि ‘‘मुफ्त उपहार की संस्कृति'' के कारण कई राज्यों की वित्तीय स्थिति खराब हुई है। उन्होंने कहा, "सरकार को निश्चित रूप से गरीबों और जरूरतमंदों का समर्थन करना चाहिए, लेकिन साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।" इस बीच, तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस ने कहा कि समाज के गरीब वर्गों का कल्याण मुफ्त उपहार नहीं होता और सरकारों द्वारा किए गए कल्याणकारी उपाय जारी रहने चाहिए। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को "मुफ्त उपहार" कहने वालों पर नए सिरे से निशाना साधा और सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा और रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की वकालत करते हुए कहा कि ये मुफ्त उपहार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार सरकार का कर्तव्य है। इस बीच, उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें कहा गया कि मुफ्त उपहार वितरण से पहले एक आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन आवश्यक है, और बजटीय प्रावधानों की पर्याप्तता के बिना संबंधित कवायद की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जानी चाहिए। नायडू यहां 2018 और 2019 बैच के भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।उपराष्ट्रपति की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों को 'रेवड़ी संस्कृति' के खिलाफ आगाह किए जाने की पृष्ठभूमि में आई। मोदी ने कहा था कि यह देश के विकास के लिए खतरनाक हो सकती है। उच्चतम न्यायालय ने तीन अगस्त को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और रिजर्व बैंक जैसे हितधारकों से चुनाव के दौरान घोषित किए जाने वाले मुफ्त उपहारों के "गंभीर" मुद्दे पर विचार-मंथन करने और इस चलन से निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने को कहा था। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा वोट हासिल करने के लिए लोकलुभावन वादे किए जाने के प्रति आगाह करते हुए कहा कि मुफ्त उपहार की संस्कृति ने कई राज्यों की वित्तीय स्थिति को खराब कर दिया है। उन्होंने कहा, "सरकार को निश्चित रूप से गरीबों और जरूरतमंदों का समर्थन करना चाहिए, लेकिन साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।” हैदराबाद में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं टीआरएस की विधान परिषद सदस्य कविता कल्वाकुंतला ने कहा कि गरीबों की देखभाल करना राज्य या केंद्र की चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी है। यह उल्लेख करते हुए कि अब कल्याणकारी योजनाओं को मुफ्त उपहार करार देने का चलन है, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र, राज्य सरकार पर योजनाओं को रोकने के लिए दबाव डाल रहा है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) इसका विरोध कर रही है। कविता ने यह भी कहा कि तेलंगाना सरकार लगभग 250 कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। टीआरएस नेता ने कहा, "क्योंकि किसी भी गरीब व्यक्ति का कल्याण सरकार की जिम्मेदारी है और कल्याण को मुफ्त उपहार बताकर आज पूरे देश में जो माहौल बनाया जा रहा है, वह सही नहीं है।" उन्होंने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि करोड़ों रुपये के कर्ज को बट्टे खाते में डालना ही वास्तविक मुफ्त उपहार है। कविता ने कहा, "मेरा मानना है कि मुफ्त उपहार वह है जो अब भाजपा सरकार ने किया है। उसने धोखाधड़ी करने वाली एजेंसियों के 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया है। वह मुफ्त उपहार है। कमजोर वर्गों के लिए कल्याण कभी भी मुफ्त उपहार नहीं होता। यह हमारा सामाजिक दायित्व है, सरकार का भी।" उन्होंने कहा कि देश विविधता भरा है और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह गरीब तबके की गरीबी के चक्र को तोड़ने तथा उनकी प्रगति में मदद करे। कविता ने कहा कि राज्य सरकारें गरीबों की मदद करने की दिशा में काम कर रही हैं और केंद्र सरकार को इसमें बाधा नहीं डालनी चाहिए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कल्याणकारी योजनाओं पर अपना विचार तब दोहराया जब उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार द्वारा स्थापित 500 वां राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, "हमें ऐसी प्रणाली विकसित करने का संकल्प लेना है जहां मुफ्त उत्कृष्ट शिक्षा, विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा और 100 प्रतिशत रोजगार नागरिकों के मौलिक अधिकार बन जाएं।" देश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने और युवाओं को रोजगार देने पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा कि जब तक ये बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं होंगी, तब तक देश आगे नहीं बढ़ सकता। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल ने कहा, "लेकिन मुझे यह देखकर दुख होता है कि लोग यह कहकर इस विचारधारा की निंदा करते हैं कि मुफ्त शिक्षा का प्रावधान बंद किया जाना चाहिए। मैं यह कहना चाहता हूं कि मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा या सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल देना मुफ्त उपहार नहीं है। यह एक जिम्मेदार सरकार का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रोजगार को मौलिक अधिकार माना जाना चाहिए, न कि मुफ्त उपहार। शीर्ष अदालत में वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका में तर्कहीन मुफ्त उपहार देने के मामले में राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने कहा कि देश के दो सर्वोच्च आर्थिक निकायों ने उचित वित्तीय और बजटीय प्रबंधन के बिना राज्यों द्वारा मुफ्त उपहार वितरण के दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है।
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नयी दिल्ली. कांग्रेस की युवा इकाई ने देश की आजादी और विकास में पार्टी के योगदान का उल्लेख करते हुए मंगलवार को ‘आजादी की गौरव यात्रा' निकाली। भारतीय युवा कांग्रेस ने अपने 62वें स्थापना दिवस के मौके पर यह यात्रा निकाली। संगठन की ओर से जारी बयान के अनुसार, युवा कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लवारू ने कहा, भारतीय युवा कांग्रेस हमारे लोकतंत्र में युवाओं और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका में विश्वास करती है। युवा कांग्रेस के सदस्यों ने देश के लोगों के लिए लड़ने में कभी पीछे नहीं हटे। हम लोगों की सेवा उत्साह के साथ जारी रखेंगे।'' युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा, ‘‘एक कार्यकर्ता के तौर पर मुझे गर्व महसूस होता है कि जिस सेवा और समर्पण के उद्देश्य के साथ युवा कांग्रेस की स्थापना हुयी थी, आज संगठन का हर एक कार्यकर्ता पूरी निष्ठा के साथ उस संकल्प को पूरा कर रहा है।
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नयी दिल्ली. व्हॉट्सएप एक बार नजर आने वाले ‘व्यू वन्स मेसेज' का स्क्रीनशॉट लेने पर रोक लगाने जा रही है। इसके लिए त्वरित संदेश सेवा कंपनी जल्द एक नया फीचर लेकर आने वाली है। मेटा के स्वामित्व वाली व्हॉट्सएप ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि नया फीचर आने के बाद ‘व्यू वन्स मेसेज' श्रेणी वाले संदेशों का अब कोई स्क्रीनशॉट नहीं ले पाएगा। इस तरह के संदेश पाने वाला व्यक्ति जब उसे एक बार पढ़ लेता है तो वह संदेश अपने-आप अदृश्य हो जाता है। मेटा के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने व्हॉट्सएप पर यह नया फीचर लाने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे उपयोगकर्ता की निजता को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘व्हॉट्सएप निजता से जुड़े कुछ नए फीचर लेकर आ रही है। किसी को नोटिफिकेशन मिले बगैर ग्रुप चैट से बाहर निकलने की सुविधा और उपयोगकर्ता को यह नियंत्रण देना कि वह अपने ऑनलाइन होने के बारे में किसे जानकारी देना चाहता है। इसके अलावा व्यू वंस मेसेज का स्क्रीनशॉट लेने पर रोक लगाने का फीचर भी लाया जा रहा है।'' उन्होंने कहा कि व्हॉट्सएप उपयोगकर्ताओं के संदेशों को सुरक्षित एवं निजी रखने के लिए नए तरीके लाने की दिशा में काम करती रहेगी। इस तरह आमने-सामने होने वाली बातचीत की तरह व्हॉट्सएप चैट को भी सुरक्षित बनाने की कोशिश की जा रही है। व्हॉट्सएप ने ‘व्यू वंस मेसेज' सुविधा हाल ही में शुरू की है जिसके जरिये संदेश को सिर्फ एक बार ही पढ़ा जा सकता है और उसके बाद वह अपने-आप गायब हो जाता है। इस तरह उपयोगकर्ताओं को यह विकल्प मिलता है कि उसके भेजे गए संदेश का कोई डिजिटल रिकॉर्ड नहीं रख सकता है। लेकिन ऐसे संदेशों का भी स्क्रीनशॉट लेने की कुछ शिकायतें मिलने के बाद व्हॉट्सएप ने अब इसमें सुधार करने के लिए नया फीचर लाने की तैयारी की है। मेटा के बयान के मुताबिक, ‘‘अब व्हॉट्सएप अतिरिक्त सुरक्षा के लिए व्यू वंस मेसेज का स्क्रीनशॉट लेने से रोक लगाने की व्यवस्था कर रहा है। इस फीचर का परीक्षण चल रहा है और जल्द ही उपयोगकर्ताओं के लिए इसे जारी कर दिया जाएगा।'' इसके साथ ही व्हॉट्सएप इस महीने यह सुविधा भी लेकर आने वाली है जिसमें उपयोगकर्ताओं को यह तय करने का अधिकार होगा कि कौन उन्हें ऑनलाइन होने पर देख सकता है। इसके अलावा ग्रुप चैट में शामिल अन्य उपयोगकर्ताओं को पता चले बगैर उस ग्रुप से निकलने का फीचर भी लाने की तैयारी है। -
पटना. बिहार में मंगलवार को तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से दो बार मुलाकात की। कुमार ने पहली बार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा और फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद राज्य में एक बार फिर शीर्ष पद के लिए अपना दावा पेश किया। कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी है और वह यह तय करेंगे कि शपथग्रहण कब होगा। राज्य विधानसभा में विधायकों की वर्तमान संख्या 242 है और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है'। कुमार का यह कदम 2017 में जो हुआ था उसका उलटा है जब वह महागठबंधन का साथ छोड़कर राजग में फिर से शामिल हो गए थे। कुमार ने सहयोगी भाजपा का साथ नौ साल में दूसरी बार छोड़ा है। नरेंद्र मोदी को गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने 2013 में राजग का साथ छोड़ दिया था। जद(यू) की बैठक के बाद कुमार अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन गए। कुमार वहां से अपने आवास पर लौट आए, वह रास्ते में पत्रकारों को यह सूचित करने के लिए थोड़ी देर के लिए रुके कि ‘‘पार्टी की बैठक में यह तय किया गया है कि हम राजग छोड़ दें। इसलिए मैंने राजग सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।'' इसके तुरंत बाद, कुमार सड़क के उस पार स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास गए, जहां राजद, कांग्रेस और वाम दलों सहित महागठबंधन के सभी नेता एकत्र हुए थे। कुमार के साथ जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन भी थे। राबड़ी देवी के आवास पर कुमार लगभग आधा घंटा रुके। वह विपक्ष के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ लौटे, जिनके पास कुमार के लिए समर्थन पत्र था। लगभग 15 मिनट बाद, कुमार ने नयी सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के वास्ते राज्यपाल से फिर से मुलाकात की। इस बार यादव और जद (यू) के वरिष्ठ सहयोगियों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी उनके साथ थे। मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के चार विधायकों ने नयी सरकार बनाने के लिए ‘‘बिना शर्त समर्थन'' व्यक्त किया है। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘नीतीश देश के सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक साहसिक कदम उठाया है।'' इससे पहले दिन में, जब जद (यू) की एक बैठक चल रही थी, वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक ट्वीट में कुमार को ‘‘नये रूप में नये गठबंधन'' का नेतृत्व करने के लिए बधाई दी। ऐसा करके उन्होंने एक तरह से जदयू के राजग गठबंधन से अलग होने और सरकार में बने रहने के लिए राजद नीत महागठबंधन में शामिल होने का संकेत दिया था. इस बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बैठक हुई जिसमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। राज्य विधानसभा में इस समय विधायकों की संख्या 242 है जबकि बहुमत के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता है। राजद के पास सबसे अधिक 79 विधायक हैं, उसके बाद भाजपा के पास 77 और जद (यू) के पास 44 विधायक हैं। जद (यू) को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायकों और एक निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं जबकि भाकपा (माले) के 12 और भाकपा तथा माकपा के पास दो-दो विधायक हैं। इसके अलावा एक विधायक असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का है। -
सूरी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-60 पर मंगलवार दोपहर एक ऑटोरिक्शा और राज्य परिवहन की एक बस के बीच टक्कर में आठ महिला मजदूरों सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। घटना रामपुरहाट के पास मल्लारपुर में उस समय हुई, जब यात्रियों से खचाखच भरा ऑटोरिक्शा दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम (एसबीएसटीसी) की बस से टकरा गया। बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नागेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि आठ महिलाएं तिपहिया वाहन में सवार यात्री थीं और नौवां पीड़ित इसका चालक था। उन्होंने कहा कि महिलाएं धान के खेत से घर लौट रही थीं। एसपी ने कहा कि उनके शवों को आरामबाग अस्पताल ले जाया गया है, जहां पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। बस आरामबाग से दुर्गापुर जा रही थी, तभी टक्कर हो गई।
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नई दिल्ली। गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सरकारी खरीद पोर्टल- जीईएम पर सहकारी संघों को लाए जाने का शुभारंभ किया। 589 सहकारी संघ इस पोर्टल के लिए पात्र पाये गये हैं। इस अवसर पर श्री शाह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए जीईएम से बेहतर कोई माध्यम नहीं हो सकता। श्री शाह ने कहा कि 29 करोड़ लोग सहकारिता से जुड़े हुए है। उन्होंने सभी सहकारी समितियों से अपने उत्पादों के साथ जीईएम में शामिल होने की अपील की।इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले छह वर्षों में जीईएम पोर्टल पर दो लाख 80 हजार करोड रूपये का कारोबार किया गया है। उन्होंने कहा कि जीईएम सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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नई दिल्ली। बिहार में जनता दल यूनाईटेड ने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड दिया है। इससे राज्य में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के समर्थन से नई सरकार का गठन का रास्ता साफ हो गया है। नई सरकार के गठन के लिए राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने अपने समर्थन के पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिए हैं।
बिहार में मंगलवार को तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से दो बार मुलाकात की। कुमार ने पहली बार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा और फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन का नेता चुने जाने के बाद राज्य में एक बार फिर शीर्ष पद के लिए अपना दावा पेश किया। कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों की सूची सौंपी है और वह यह तय करेंगे कि शपथग्रहण कब होगा।राज्य विधानसभा में विधायकों की वर्तमान संख्या 242 है और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है। बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जद (यू) नेता कुमार पर 2020 के विधानसभा चुनावों के जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया और दावा किया कि कुमार को इसके लिए ‘‘बिहार की जनता सजा देगी''। कुमार का यह कदम 2017 में जो हुआ था उसका उलटा है जब वह महागठबंधन का साथ छोड़कर राजग में फिर से शामिल हो गए थे। कुमार ने सहयोगी भाजपा का साथ नौ साल में दूसरी बार छोड़ा है। नरेंद्र मोदी को गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने 2013 में राजग का साथ छोड़ दिया था। जद(यू) की बैठक के बाद कुमार अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन गए। उक्त बैठक में सहयोगी भाजपा पर ‘‘पीठ में छुरा घोंपने'' का आरोप लगाया गया। कुमार वहां से अपने आवास पर लौट आए, वह रास्ते में पत्रकारों को यह सूचित करने के लिए थोड़ी देर के लिए रुके कि ‘‘पार्टी की बैठक में यह तय किया गया है कि हम राजग छोड़ दें। इसलिए मैंने राजग सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।'' इसके तुरंत बाद, कुमार सड़क के उस पार स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास गए, जहां राजद, कांग्रेस और वाम दलों सहित महागठबंधन के सभी नेता एकत्र हुए थे। कुमार के साथ जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन भी थे। राबड़ी देवी के आवास पर कुमार लगभग आधा घंटा रुके। वह विपक्ष के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ लौटे, जिनके पास कुमार के लिए समर्थन पत्र था। लगभग 15 मिनट बाद, कुमार ने नयी सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के वास्ते राज्यपाल से फिर से मुलाकात की। इस बार यादव और जद (यू) के वरिष्ठ सहयोगियों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी उनके साथ थे। मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के चार विधायकों ने नयी सरकार बनाने के लिए ‘‘बिना शर्त समर्थन'' व्यक्त किया है।तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘नीतीश देश के सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक साहसिक कदम उठाया है।'' इससे पहले दिन में, जब जद (यू) की एक बैठक चल रही थी, वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक ट्वीट में कुमार को ‘‘नये रूप में नये गठबंधन'' का नेतृत्व करने के लिए बधाई दी। ऐसा करके उन्होंने एक तरह से जदयू के राजग गठबंधन से अलग होने और सरकार में बने रहने के लिए राजद नीत महागठबंधन में शामिल होने का संकेत दिया था। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री कुमार ने विधायकों और सांसदों के साथ हुई बैठक में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें बाध्य किया, क्योंकि उसने पहले चिराग पासवान से विद्रोह कराकर और फिर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को सामने खड़ा करके जदयू को कमजोर करने की कोशिश की। कुमार की स्पष्ट सहमति के बिना सिंह को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। नतीजतन, जब राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तो जद (यू) ने उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में एक और कार्यकाल देने से इनकार कर दिया, इस तरह से कैबिनेट मंत्री के रूप में भी उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद, सिंह के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर फैलायी गईं जद (यू) में विभाजन की अफवाहें सामने आईं। जातीय आधार पर जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण और 'अग्निपथ' रक्षा भर्ती योजना सहित कई मुद्दों पर असहमति के चलते भाजपा और जद (यू) के बीच संबंधों में काफी समय से खटास आ रही थी। इस बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बैठक हुई जिसमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। राज्य विधानसभा में इस समय विधायकों की संख्या 242 है जबकि बहुमत के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता है। राजद के पास सबसे अधिक 79 विधायक हैं, उसके बाद भाजपा के पास 77 और जद (यू) के पास 44 विधायक हैं। जद (यू) को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायकों और एक निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं जबकि भाकपा (माले) के 12 और भाकपा तथा माकपा के पास दो-दो विधायक हैं। इसके अलावा एक विधायक असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का है। - मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 41 दिन बाद एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया। शिवसेना के बागी गुट और भारतीय जनता पार्टी के नौ-नौ सदस्यों को इसमें जगह दी गयी है। मंत्रिमंडल में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया है, जिसकी नेताओं और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है। राज्य में भाजपा की 12 महिला विधायक हैं। शिंदे गुट में दो महिला विधायक हैं तथा उसे एक निर्दलीय महिला विधायक का समर्थन भी हासिल है। महाराष्ट्र में कुल 28 महिला विधायक हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र महिलाओं को आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य है। जब भारत की 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है, तब भी उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। यह भाजपा की मानसिकता को दिखाता है। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल समेत 18 विधायकों ने दक्षिण मुंबई में राज भवन में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या अब 20 हो गयी है, जो अधिकतम 43 सदस्यों की संख्या से आधी से भी कम है। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।भाजपा की ओर से मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों में राधाकृष्ण विखे पाटिल, सुधीर मुन्गंतीवार, चंद्रकांत पाटिल, विजयकुमार गावित, गिरीश महाजन, सुरेश खडे, रवींद्र चह्वाण, अतुल सावे और मंगलप्रभात लोढा हैं। शिंदे गुट से मंत्री पद की शपथ लेने वाले सदस्यों में गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संजय राठौड़, संदीप भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर और शंभुराज देसाई शामिल हैं। शिंदे के एक सहायक ने बताया कि किसी राज्य मंत्री ने आज शपथ नहीं ली। बाद में फिर मंत्रिमंडल विस्तार होगा। भाजपा ने मुंबई से लोढा को शामिल किया है जबकि शिंदे गुट ने वहां से किसी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया। मुंबई महानगरपालिका के चुनाव इस साल होने हैं। नए मंत्रियों में शिंदे समूह के विधायक संजय राठौड़ शामिल हैं जो उद्धव ठाकरे की सरकार में वन मंत्री थे तथा भाजपा द्वारा एक महिला की आत्महत्या के लिए आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाग ने राठौड़ को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला की मौत के लिए जिम्मेदार पूर्व मंत्री संजय राठौड़ को फिर से मंत्री पद दिया गया है। मैं राठौड़ के फिर से मंत्री बनने के बावजूद उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।'
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कुल 2.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है और इनमें अधिकांश बैंकों में जमा राशि है। हालांकि उनके पास कोई भी अचल संपत्ति नहीं है क्योंकि उन्होंने गांधीनगर में अपने हिस्से की एक जमीन दान कर दी थी।प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट पर दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक मोदी का बॉन्ड, शेयर या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं है, लेकिन उनके पास सोने की चार अंगूठी हैं, जिनकी कीमत 1.73 लाख रुपये है। मोदी की चल संपत्ति एक साल पहले के मुकाबले 26.13 लाख रुपये बढ़ी, लेकिन उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है, जिनकी कीमत वर्ष 2021 के 31 मार्च की स्थिति के अनुसार 1.1 करोड़ रुपये थी।पीएमओ की वेबसाइट के मुताबिक 31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार मोदी के पास कुल 2,23,82,504 की कुल संपत्ति है।मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अक्टूबर, 2022 में एक आवासीय जमीन खरीदी थी और इसके वह तीन अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से स्वामी थे तथा इनमें सभी की बराबर की हिस्सेदारी थी।ताजा जानकारी के मुताबिक, ‘‘अचल संपत्ति सर्वे संख्या 401/ए पर तीन अन्य लोगों के साथ संयुक्त हिस्सेदारी थी और इनमें से प्रत्येक का 25 प्रतिशत का हिस्सा था। इस 25 प्रतिशत पर उनका मालिकाना हक नहीं है क्योंकि उसे दान कर दिया गया है।’’प्रधानमंत्री के पास 31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार कुल नकद राशि 35,250 रुपये है और पोस्ट ऑफिस में 9,05,105 रुपये के नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स और 1,89,305 रुपये की जीवन बीमा की पॉलिसी है।प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल के जिन अन्य सहयोगियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा की है, उनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। सिंह के पास 31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार 2.54 करोड़ रुपये की चल और 2.97 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है।मोदी मंत्रिमंडल के सभी 29 सदस्यों में धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आर के सिंह, हरदीप सिंह पुरी, पुरषोत्तम रुपाला और जी रेड्डी ने अपनी और अपने आश्रितों की संपत्ति घोषित की है।पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी पिछले वित्तीय वर्ष की अपनी संपत्ति की घोषणा की है। उन्होंने जुलाई में पद से इस्तीफा दे दिया था।
- कटक (ओडिशा) । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार, राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार के सहयोग से ओडिशा का विकास करना चाहती है। बीजद अध्यक्ष एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ मंच साझा करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ओडिशा के कई लोग देश के कुछ शीर्ष पदों पर आसीन हैं, ऐसे में राज्य ‘अच्छे दिन' महसूस कर रहा है। उड़िया दैनिक ‘प्रजातंत्र' की 75 वीं वर्षगांठ पर यहां एक इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शाह और पटनायक के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। इसमें दोनों दलों के समर्थकों एवं नेताओं के लिए बराबर सीट आवंटित की गयी थीं। जब कार्यक्रम शुरू होने वाला था, तब स्टेडियम में ‘अमित शाह जिंदाबाद' और ‘नवीन पटनायक जिंदाबाद' के नारे संबंधित दलों के समर्थकों ने लगाये। शाह के ओडिशा पहुंचने से पहले दोनों दलों के बीच ‘पोस्टर वार' भी देखने को मिला। दोनों दलों के समर्थकों ने केवल तब नारेबाजी बंद की, जब प्रधान ने दर्शकों से शांत रहने की अपील की।शाह ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम राज्य सरकार के सहयोग से ओडिशा में सर्वांगीण विकास करने के लिए हम अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें टीम इंडिया की भांति विकास के लिए काम करें।'' ओडिशा के लिए पहले ही ‘अच्छे दिन' आ जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रपति से लेकर आरबीआई गवर्नर तक राष्ट्रीय स्तर पर ओडिशा के सबसे अधिक प्रतिनिधि हैं। शाह ने कहा, ‘‘ एक गरीब आदिवासी गांव की एक महिला भारत की महामहिम (राष्ट्रपति) बन गई हैं। इस राज्य से धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री और अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं। टुडु (बिशेश्वर) भी मंत्रिपरिषद में हैं। आजादी के बाद से ओडिशा का राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा प्रतिनिधित्व कभी नहीं रहा। इसलिए यह राज्य के लिए अच्छे दिन हैं।'' ‘‘संभावनाओं के राज्य'' के रूप में उभरने के लिए ओडिशा में विपुल संभावनाएं होने का दावा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘यहां लंबी तटरेखा है, समृद्ध खनिज संसाधन हैं, वन हैं एवं प्रतिभाशाली मानव संसाधन हैं। मुझे ओडिशा का बेहतर भविष्य नजर आता है।'' मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ओडिशा आने पर शाह का स्वागत किया। उनके इस बयान से पूर्व एक भाजपा सांसद ने आरोप लगाया था कि जब शाह अपराह्न करीब डेढ़ बजे यहां हवाई अड्डे पर उतरे, तब हवाई अड्डे पर राज्य का मंत्री, या कोई वरिष्ठ अधिकारी जैसे गृह सचिव या पुलिस महानिदेशक मौजूद नहीं थे। भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी ने ट्वीट किया, ‘‘ कोई इस बेअदबी की व्याख्या कैसे करे? बेरूखापन या सोद्देश्य ऐसा किया गया। '' गृह विभाग के एक विशेष सचिव ने वहां राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व किया।पटनायक ने अपने भाषण में कहा, ‘‘ यह खुशी की बात है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़े हैं। मैं उनका ओडिशा में स्वागत करता हूं।'' उसके बाद पटनायक अपने भाषण में कार्यक्रम के विषय पर मुड़ गये।मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया को बिना डर या पक्षपात के अपना दायित्व निभाना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा देश बुनियादी सिद्धांतों पर खड़ा है। हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों ने हमें इन 75 वैभवशाली वर्षों के दौरान परीक्षाओं एवं विषम परिस्थितियों पर विजय पाकर आगे निकलने में मदद की है। ओडिशा और गुजरात के बीच तुलना करते हुए शाह ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की दोनों राज्यों में व्यापक रूप से पूजा की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘ ओडिशा पूरब में स्थित है, तो गुजरात पश्चिम में। भगवान जगन्नाथ ऐसे देव हैं, जो पूरब और पश्चिम के लोगों को जोड़ते हैं।'' स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को लेकर ‘प्रजातंत्र' के संस्थापक डॉ. हरेकृष्ण महताब की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि लोग उड़िया साहित्य को प्रोत्साहन देने के उनके कार्य के लिये भी उन्हें याद करेंगे। बाद में शाह ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विश्वास व्यक्त किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिलेगा और वह केंद्र में फिर सरकार बनायेगी । वह ‘मोदी एट द रेट: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' नामक पुस्तक के ओडिया संस्करण के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। इससे पहले, दिन में शाह भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर पहुंचे। वह कटक में नेताजी संग्रहालय भी गए, जहां उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी।
- नयी दिल्ली। गोरखपुर निवासी प्रेमलता और दरभंगा निवासी मंजूर आलम पीडीएस प्रणाली के तहत राष्ट्रीय राजधानी में अपना सब्सिडी वाला राशन प्राप्त करने को लेकर उत्साहित हैं। दोनों केंद्र सरकार की ‘एक देश, एक राशन कार्ड' योजना के लाभार्थियों में से हैं। इस योजना के माध्यम से पात्र लोग देश में कहीं से भी खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना अब पूरे देश में लागू कर दी गई है। इसमें असम जून, 2022 में शामिल होने वाला नवीनतम राज्य है। ओएनओआरसी को नो अगस्त, 2019 को चार राज्यों में एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। इसके तीन साल पूरे हो गये हैं। राष्ट्रीय राजधानी के गोल मार्केट के भगत सिंह बाजार में उचित मूल्य की दुकान पर काम करने वाली प्रेमलता ने कहा कि उन्हें अब सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए अपने गांव की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी और न ही वे अपने अधिकार से वंचित होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहे हैं। फिलहाल हम पहाड़गंज इलाके में रह रहे हैं। हमें राशन की दुकान से हर महीने 40 किलोग्राम अनाज मिल रहा है।'' वह घरेलू सहायिका का काम करती है और उनका पति एक दुकान में काम करता है।बिहार के दरभंगा के रहने वाले मंजूर आलम को भी परिवार के नौ सदस्यों के लिए राशन दुकान से खाद्यान्न मिल रहा है। मध्य प्रदेश के भल्लू केवट और शंकर ने कहा कि वे भी यहां राशन की दुकानों के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अपने खाद्यान्न कोटा का लाभ उठा रहे हैं। गोल मार्केट में राशन की दुकान चलाने वाली इंदु गुप्ता ने बताया कि ओएनओआरसी योजना के तहत पिछले महीने 20 से अधिक प्रवासियों ने राशन लिया था। प्रौद्योगिकी आधारित ओएनओआरसी योजना को केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी' के लिए लागू किया गया है। यह प्रणाली सभी एनएफएसए लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को, बायोमीट्रिक / आधार प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने हक के खाद्यान्न का पूरा भाग या कुछ हिस्सा प्राप्त करने की अनुमति देती है। यह व्यवस्था उनके परिवार के सदस्यों को, यदि कोई हो, उसी राशन कार्ड पर शेष खाद्यान्न प्राप्त करने की अनुमति देती है। इस समय योजना के तहत प्रति माह औसतन लगभग तीन करोड़ लेनदेन दर्ज किए जा रहे हैं। अगस्त, 2019 में स्थापना के बाद से, योजना के तहत लगभग 77.88 करोड़ लेनदेन हुए हैं। एनएफएसए के तहत, केंद्र लगभग 80 करोड़ पात्र लाभार्थियों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न 2-3 रुपये प्रति किलो की सस्ती दर पर प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, केंद्र गरीबों को राहत देने के लिए 80 करोड़ लोगों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अतिरिक्त खाद्यान्न ‘मुफ्त' प्रदान कर रहा है।
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अमरावती. आंध्र प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान बनाने और परेशान करने वाली तथा यौन उत्पीड़न संबंधी घटनाओं पर अंकुश रखने के लिए एक अनूठी पहल की है। स्कूली छात्रों, खासकर लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का एक खाका तैयार किया गया है। प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम 2012 को लेकर सतर्क किया जा रहा है। हर स्कूल में शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को पॉक्सो अधिनियम के तहत बाल संरक्षण मानदंडों और बाल यौन शोषण रोकथाम संबंधी उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। स्कूल शिक्षा आयुक्त एस सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘ सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसी घटनाओं के व्यापक स्तर पर होने के बावजूद इनकी शिकायत उतनी नहीं की जाती। हम यह चुप्पी तोड़ना चाहते हैं, ताकि पीड़ित सामने आएं और शिकायत करें। यह उत्पीड़न को रोकने के लिए काफी मददगार साबित होगा।'' सुरेश कुमार ने कहा कि स्कूल सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के लिए नई पहल के तहत तैयार किया गया है। इस समस्या के समाधान के लिए हर स्कूल में प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में ‘स्कूल सुरक्षा समिति', ‘बाल शोषण निगरानी समिति' और ‘स्कूल शिकायत समिति‘ बनाई जा रही है। कुमार ने कहा, ‘‘ हम छात्रों को उनकी समस्याओं, बुरे अनुभवों आदि को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिए हर स्कूल में, विशेष रूप से तैयार किया गया, एक शिकायत बक्सा लगा रहे हैं। शिक्षक या अन्य कर्मचारियों के खिलाफ यदि कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो गहन जांच की जाएगी और पीड़ित शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी।'' उन्होंने बताया कि एक मंडल स्तरीय समिति शिकायतों की जांच करेगी और 15 दिन के भीतर सक्षम प्राधिकारी को आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। इस समिति में स्थानीय तहसीलदार और अन्य अधिकारी शामिल होंगे। कुमार ने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य स्कूलों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और दुराचार से मुक्त एक सुरक्षित स्थान बनाना है।'
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नयी दिल्ली. सेना डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) ने सोमवार को भारतीय ड्रोन महासंघ (डीएफआई) के साथ एक सहमति पत्र पर दस्तखत किए, जिसके तहत भारतीय सैनिकों के लिए उच्च क्षमता वाले ड्रोन विकसित किए जाएंगे। डीएफआई एक उद्योग निकाय है, जिसमें एस्टेरिया एयरोस्पेस, क्विडिच इनोवेशन लैब्स, ऑटोमाइक्रो यूएएस, आरव अनमैन्ड सिस्टम्स और इंड्रोन्स इसके सदस्य हैं। एक बयान के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत डीएफआई और एडीबी ‘इंडियन आर्मीज हिम-ड्रोन-ए-थॉन' नामक एक कार्यक्रम शुरू करेंगे। भारतीय सेना के संचालन को समर्थन देने के लिए ड्रोन-आधारित समाधानों के विकास के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। बयान में आगे कहा गया, ‘‘एडीबी चयनित प्रतिभागियों को परामर्श देगा और क्षेत्र का दौरा कराएगा, ताकि भारतीय उद्योग को जमीनी स्तर पर परिचालन स्थितियों के बारे में पता चल सके।'' सहमति पत्र (एमओयू) के तहत डीएफआई और एडीबी मसौदा योजना, अनुसंधान, परीक्षण, विनिर्माण और संबंधित प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करेंगे, जिनका उपयोग भारतीय सेना कर सकती है। डीएफआई के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि यह सहयोग ड्रोन उपयोग के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देगा।
- नयी दिल्ली। केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा' अभियान के लिए उत्सव का दिन नजदीक आने के साथ ही दिल्ली में तिरंगे की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। हालात यह है कि राष्ट्रीय ध्वज की भारी मांग के अनुरूप आपूर्ति कर पाना कारोबारियों और विनिर्माताओं के लिए कठिन हो गया है। व्यापारियों ने दावा किया है कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभियान की घोषणा किए जाने के बाद से सभी प्रकार के तिरंगे की बिक्री 50 गुना बढ़ गई है। हालांकि, मध्यम आकार के राष्ट्रीय ध्वज की मांग हमेशा बनी रहती है। दिल्ली के सदर बाजार के थोक व्यापारी गुलशन खुराना 50 साल से अधिक समय से राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति करने के व्यवसाय में हैं, लेकिन पहले उन्होंने तिरंगे की इतनी भारी मांग कभी नहीं देखी। अभियान के तहत, केंद्र सरकार का लक्ष्य भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 13 से 15 अगस्त तक घरों के ऊपर कम से कम 20 करोड़ झंडे लगाने का है। खुराना उस समय छुट्टी मनाने अमेरिका गए हुए थे जब उन्हें झंडों के बड़े ऑर्डर के लिए खरीदारों से लगातार फोन आने लगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस व्यवसाय में 50 से अधिक वर्षों से हूं, आप बचपन से कह सकते हैं। लेकिन मैंने कभी भी भारतीय झंडे की इतनी मांग नहीं देखी। मेरा फोन बजना बंद नहीं होता है।'' उन्होंने कहा कि उनको मांग की पूर्ति करने के लिए स्वदेश वापस आना पड़ा। मांग को पूरा करने के लिए खुराना केवल दो आकार- 16 गुणा 24 और 18 गुणा 27 आकार के ‘तिरंगा' का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन हम लगभग 15 लाख झंडे तैयार कर रहे हैं, लेकिन मांग और भी अधिक है। पूरे भारत से ऑर्डर आ रहे हैं, क्योंकि देश में झंडे की कमी है। इसलिए लोग जहां से हासिल कर सकते हैं, वहां से झंडे प्राप्त कर रहे हैं। अभी-अभी गोवा के लिए एक लाख झंडों का ऑर्डर मिला है।'' इस बीच, ध्वज निर्माता-सह-व्यापारी अनिल ने कहा कि उन्होंने अपनी अन्य विनिर्माण इकाइयों के श्रमिकों को ध्वज निर्माण में लगा दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की मांग में अचानक उछाल आने से इसकी बिक्री 50 गुना बढ़ गई है।
- नयी दिल्ली। संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) के पांचवें दिन सोमवार को देशभर के 275 परीक्षा केंद्रों से कोई दिक्कत उत्पन्न होने की सूचना नहीं मिली। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में भूस्खलन के कारण केवल तीन उम्मीदवार ईटानगर के दो परीक्षा केंद्रों तक पहुंच सके। एक केंद्र में 36 उम्मीदवारों को परीक्षा देनी थी, जबकि दूसरे में 154 उम्मीदवार थे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, ‘‘देशभर के 275 केंद्रों पर परीक्षा हुई, जिसमें 64,472 पंजीकृत उम्मीदवार शामिल हुए। परीक्षा सुबह और शाम दोनों सत्रों में सभी केंद्रों पर अच्छी तरह से सम्पन्न हुई।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ईटानगर के दो केंद्रों - राजीव गांधी विश्वविद्यालय और एनआईटी - जहां 36 और 154 उम्मीदवारों को परीक्षा देनी थी, वहां बहुत भारी भूस्खलन के कारण केवल 3 उम्मीदवार केंद्रों तक पहुंच सके। जो उम्मीदवार दोनों केंद्रों तक परीक्षा देने नहीं पहुंच सके, उनके लिए परीक्षा 24-28 अगस्त 2022 की अवधि में आयोजित की जाएगी।'' सीयूईटी-स्नातक का दूसरा चरण बृहस्पतिवार को शुरू हुआ, जिसमें गड़बड़ियों के कारण परीक्षा केंद्रों से वापस भेजे गए छात्रों को परेशानी हुई। बृहस्पतिवार को 17 राज्यों के कई केंद्रों पर पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई, जबकि दूसरी पाली के सभी 489 केंद्रों पर परीक्षा रद्द कर दी गई। शुक्रवार को 50 केंद्रों पर परीक्षा रद्द की गई। एजेंसी ने शनिवार को इसी तरह की स्थिति की आशंका जताते हुए 53 केंद्रों पर दिन के लिए सीयूईटी-यूजी परीक्षा रद्द कर दी और शुक्रवार रात उम्मीदवारों को इसके बारे में संदेश भेजे।
- नयी दिल्ली। डिफेंस एक्सपो का आयोजन इस साल 18 से 22 अक्टूबर तक गुजरात के गांधीनगर में किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को जारी बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस साल का डेफएक्सपो प्रतिष्ठित द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी का 12वां संस्करण होगा। इससे पहले डिफेंस एक्सपो का आयोजन 10 से 14 मार्च के बीच में गांधीनगर में ही किया जाना था। हालांकि, मंत्रालय ने चार मार्च यह कहते हुए कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था कि प्रतिभागियों को लॉजिस्टिक से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। मंत्रालय ने कहा कि पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच गांधीनगर में होगा। इसमें तीन व्यावसायिक दिवस होंगे। वहीं दो दिन यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए खुलेगी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (डीपीएसयू) और उद्योग द्वारा उपकरणों और कौशल श्रृंखला का सीधा प्रदर्शन साबरमती रिवर फ्रंट पर पांचों दिन किया जाएगा।'' बयान में कहा गया कि डेफएक्सपो-2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और निर्यात में पांच अरब डॉलर का आंकड़ा हासिल करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।







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