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- जम्मू। जम्मू स्थित आधार शिविर से 3,800 से अधिक तीर्थयात्रियों का 25वां जत्था दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए सोमवार को पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को 125 वाहनों के काफिले में कुल 3,862 तीर्थयात्री यहां भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए। उन्होंने बताया कि पहले 46 वाहनों में 1,835 तीर्थयात्री बालटाल के लिए भगवती नगर शिविर से रवाना हुए और इसके बाद 79 वाहनों में 2,027 यात्री पहलगाम रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 2.25 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बने हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 43 दिन की वार्षिक यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। अभी तक 135,585 तीर्थयात्री भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हो चुके हैं। यात्रा 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर समाप्त होगी। यात्रा के दौरान अभी तक 36 लोगों की विभिन्न वजहों से मौत हो चुकी है। इनके अलावा आठ जुलाई को गुफा मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ में 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी।
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बाराबंकी (उप्र) . बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह दो बसों की टक्कर होने से आठ लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य यात्री घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि बिहार से दिल्ली जा रही दो बसों की हैदरगढ़ क्षेत्र में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर स्थित थाना लोनिकटरा में नरेंद्रपुर मदरहा ग्राम के निकट सोमवार सुबह टक्कर हो जाने से आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), हैदरगढ़ में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि बिहार से दिल्ली जा रही एक डबल डेकर बस ने एक अन्य डबल डेकर बस को पीछे से टक्कर मार दी। पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को सीएचसी हैदरगढ़ से लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। क्षतिग्रस्त बस को क्रेन की मदद से हटाया जा रहा है, ताकि एक्सप्रेस-वे पर यातायात सुचारू रूप से संचालित रहे। अपर पुलिस अधीक्षक मनोज पांडेय ने बताया कि बस बिहार के सीतामढ़ी से दिल्ली जा रही थीं, तभी नरेंद्रपुर मदरहा के निकट यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि एक बस खड़ी थी और दूसरी बस ने उसे पीछे से टक्कर मार दी। उन्होंने कहा कि घटना में मारे गए एवं घायल हुए लोगों की पहचान की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क हादसे में लोगों की मौत होने पर गहरा शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद है। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित करने और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए गए हैं। प्रभु श्री राम दिवंगत आत्माओं को शांति तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। -
बोटाद. गुजरात के बोटाद जिले के रोजिद गांव में संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी, जबकि 10 अन्य बीमार पड़ गए जिन्हें उपचार के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि भावनगर एवं बोटाद में भर्ती कुछ मरीजों की हालत नाजुक है । गुजरात पुलिस के महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा कि पुलिस ने बोटाद जिले से तीन शराब तस्करों को हिरासत में लिया है, जो कथित तौर पर अवैध देशी शराब बेचने में शामिल थे। भाटिया ने कहा, ‘‘अवैध शराब पीने से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 10 अन्य लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। तीन लोगों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।'' इससे पहले इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी। वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा है, ने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गई शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गए। -
इंदौर. मध्यप्रदेश की रणजी टीम के पूर्व कप्तान और हरफनमौला खिलाड़ी अशोक जगदाले का सोमवार को इंदौर में 76 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। जगदाले के छोटे भाई और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने बताया कि उनके बड़े भाई अशोक जगदाले रविवार देर रात नाक से खून बहने के बाद बेसुध हो गए थे और उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि आंतरिक रक्तस्राव से उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई और डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।
अशोक जगदाले ने 76 प्रथम श्रेणी मैचों में चार शतकों के साथ 2,954 रन बनाए थे और 182 विकेट भी झटके थे। क्रिकेट इतिहास के जानकार सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने कहा, "जगदाले मध्यप्रदेश के बेहतरीन हरफनमौला क्रिकेटरों में से एक थे। पहले वह दाएं हाथ से फिरकी गेंद फेंकते थे और बाद में उन्होंने मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में राज्य की टीम को अपनी सेवाएं दीं।" उन्होंने याद किया कि एक बार जब सेंट्रल जोन की टीम दलीप ट्रॉफी जीती, तो इसमें जगदाले और सलीम दुर्रानी के हरफनमौला प्रदर्शन का बड़ा हाथ था। जगदाले के निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई हस्तियों ने शोक जताया है।
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नयी दिल्ली. सोमवार को अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्हें दी गई हार्दिक विदाई से वह अभिभूत हैं और उम्मीद है कि उन्हें लोगों का आशीर्वाद मिलता रहेगा। कार्यकाल पूरा होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में, कोविंद ने कहा कि उनकी उत्तराधिकारी द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें उनके नए आवास तक छोड़ा और यह एक बहुत ही भावुक व्यक्तिगत क्षण था तथा साथ ही भारतीय लोकतंत्र की उच्च परंपराओं का एक उदाहरण भी। कोविंद ने ट्वीट किया, "राष्ट्रपति के रूप में मेरे कार्यकाल के अंत में आज मुझे दी गई हार्दिक विदाई से मैं अभिभूत हूं।" उन्होंने हिंदी में सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘विदाई समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति मेरी अविस्मरणीय स्मृति रहेगी।'' कोविंद ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि मुझे पहले की तरह देश की जनता का आशीर्वाद मिलता रहेगा।'
उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सोमवार को पद छोड़ दिया और झारखंड की पूर्व राज्यपाल मुर्मू ने दिन में नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। कोविंद ने कहा, "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति भवन से 12 जनपथ, नयी दिल्ली में मेरे आवास पर आना मेरे लिए एक बहुत ही भावुक करने वाला व्यक्तिगत क्षण है और साथ ही भारतीय लोकतंत्र की उच्च परंपराओं का एक उदाहरण भी है। -
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में श्रीअमरनाथ जी यात्रा खराब मौसम के कारण बालतल आधार शिविर और पारम्परिक पहलगाम मार्ग से अस्थायी रूप से रोक दी गई है। पावन गुफा तक के यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर लगातार वर्षा हो रही है। मौसम में सुधार होते ही यात्रा फिर शुरू कर दी जाएगी।
इस बीच कल शाम तक दो लाख 63 हजार से अधिक श्रद्धालु श्रीअमरनाथ जी गुफा में पावन शिवलिंगम के दर्शन कर चुके थे। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू का देश की राष्ट्रपति बनना देश के लिए विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और दलितों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। एक टवीट में श्री मोदी ने कहा कि समूचे राष्ट्र ने गर्व के साथ शपथ ग्रहण समारोह को देखा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू ने शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में आशा और करुणा का संदेश दिया है। श्री मोदी ने राष्ट्रपति के रूप में उनके सफल कार्यकाल की कामना की।
- नयी दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नया पता अब जनपथ रोड स्थित वह बंगला होगा, जहां कभी पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान रहते थे। द्रौपदी मुर्मू के भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के बाद कोविंद राष्ट्रपति भवन छोड़कर सोमवार को अपने नए आवास पहुंचे।परंपरा के तौर पर इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू भी मौजूद थीं।पासवान का निधन 2020 में हुआ था। उससे पहले करीब तीन दशक तक वह 12 जनपथ स्थित इस बंगले में रहे। उनके बेटे चिराग पासवान ने नोटिस मिलने के बाद अप्रैल में बंगला खाली कर दिया था।बंगले को, राष्ट्रपति के तौर पर कोविंद का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनके आवास के रूप में तैयार किया गया है।कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, ‘‘ परंपरा के तौर पर माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के साथ पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय रामनाथ कोविंद जी का नई दिल्ली में 12-जनपथ पर उनके नए आवास में स्वागत किया।’’उन्होंने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और वी. के. सिंह भी 12-जनपथ पर कोविंद का स्वागत करते नजर आ रहे हैं।गौरतलब है कि देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक पासवान का अक्टूबर 2020 में 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वह 1989 से, जनता दल से लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी तक अलग-अलग विचारधाराओं वाले दलों के नेतृत्व वाली केंद्र सरकारों में मंत्री रहे।
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जयपुर। जयपुर के दौलतपुरा में तालाब में नहाने का प्लान पांचों दोस्तों ने शनिवार रात को ही बना लिया था। घरवालों को बिना बताए नाबालिग दोस्त अपने-अपने घरों से निकले थे। प्लानिंग के तहत पहले कॉलोनी में माता के मंदिर में दर्शन किए। उसके बाद तालाब पर नहाने पहुंचे थे। मौत के मुंह से बचकर आए तीन दोस्त तालाब के किनारे पर नहाने के कारण बच गए। मरने वाले दोनों दोस्त बीच तालाब में पहुंच गए, लेकिन अचानक मिट्टी धंसने से डूब गए।
पुलिस ने बताया कि ग्रामीण मोटे रस्से की मदद से तालाब में उतरे। तालाब में मिट्टी धंसने से 20 फीट नीचे मिलने दोनों की लाश निकाली। दोनों मृतकों की शव यात्रा व अंतिम संस्कार में कॉलोनी के साथ आखिरी समय नहाने गए दोस्त भी मौजूद थे। हादसे में मनीष गुप्ता (14) पुत्र रघुनाथ और रोहित बुनकर (16) पुत्र बाबूलाल निवासी बालनाथ नगर रोड नंबर-17 विश्वकर्मा की मौत हो गई। मनीष के पिता रघुनाथ गुप्ता परचूनी शॉप करते है। मनीष के घर पर पिछले करीब 4 साल से रोहित परिवार के साथ किराए पर रहता था। रोहित के पिता बाबूलाल एक कंपनी में जॉब करते है। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि पांचों अच्छे दोस्त है। वह पहली बार बिना बताए घर से नहीं गए है। इससे पहले भी वह घूमने जाते रहते थे। सुबह घूमने की प्लानिंग रात को कर लेते थे। जिसके बाद सुबह घरवालों को बिना बताए घर से निकले जाते थे। आंकेड़ा डूंगर स्थित तालाब में नहाने का भी रात को ही प्लान बना लिया था। सुबह करीब 6 बजे घर से निकलने के बाद माता मंदिर के दर्शन कर तालाब पर नहाने पहुंच गए। तालाब में पांच दोस्तों के डूबने की सूचना पर कॉलोनी के लोग पहुंच गए थे। कॉलोनी के रवि चौधरी और संदीप वर्मा ने बताया कि तालाब पर लोगों की भीड़ लगी थी। ईरशाद, निकिल और अनिकेत तालाब में डूबे अपने दोस्तों के बारे में पूछ-पूछकर रो रहे थे। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि पांचों में से तीन किनारे पर नहाने लगे। दो दोस्त धीरे-धीरे तालाब में आगे बढ़ रहे थे। अचानक मिट्टी धंसने से रोहित डूबने लगा, जिसे बचाने के प्रयास में मनीष भी डूब गया। दोनों को डूबते देखकर किनारे पर नहा रहे तीनों दोस्त चिल्लाने लगे। ईरशाद उन्हें बचाने के लिए भागा तो वहां भी मिट्टी धंस गई। समय रहते पास खड़े अनिकेत ने हाथ पकड़ कर खींच लिया। चिल्लाने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग दौड़े। मोटे रस्से की मदद से ग्रामीण तालाब में उतर गए। करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद दोनों दोस्तों के शव मिले। दोनों शव तालाब में करीब 20 फीट नीचे मिट्टी में धंसे मिले। दोनों को बाहर निकालकर छाती दबाकर पानी निकालने का प्रयास भी किया, लेकिन दोनों की मौत हो चुकी थी।
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मुंबई। महाराष्ट्र के धरावी में कबड्डी खिलाड़ी की हत्या का मामला सामने आया है। यहां आरोपियों ने 26 साल के कबड्डी खिलाड़ी विमल को शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात मौत के घाट उतार दिया। जानकारी के मुताबिक विमल की हत्या क्रिकेट स्टंप से की गई है। आरोपी तब तक विमल को क्रिकेट के स्टंप से पीटते रहे, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।
महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है। पुलिस ने पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था और पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया था। इसके बाद तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी की गई है। कबड्डी खिलाड़ी विमल के परिवार वाले और स्थानीय लोग धरावी पुलिस स्टेशन के बाहर धरना प्रदर्शन कर न्याय की मांग कर रहे हैं। - भोपाल। टाइगर स्टेट' का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश में पिछले साढ़े छह महीने में 27 बाघों की मौत हुई है, जो देश में सर्वाधिक है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस साल एक जनवरी से 15 जुलाई तक देश में कुल 74 बाघों की मौत हुई है। इनमें से मध्य प्रदेश में 27 बाघ मरे हैं, जो इस अवधि के दौरान किसी भी राज्य में मारे गए बाघों की संख्या से अधिक है। एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां इस अवधि के दौरान 15 बाघों की मौत हुई, जबकि इसके बाद कर्नाटक में 11, असम में पांच, केरल और राजस्थान में चार-चार, उत्तर प्रदेश में तीन, आंध्र प्रदेश में दो और बिहार, ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ में एक-एक बाघ की मौत हुई है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से कुछ बाघों की मौत अवैध शिकार के कारण एवं करंट लगने से हुई है, जबकि कुछ बाघों की मृत्यु प्राकृतिक कारणों जैसे बीमारी, आपसी लड़ाई, वृद्धावस्था आदि से हुई है।गौरतलब है कि 31 जुलाई 2019 को जारी हुई राष्ट्रीय बाघ आंकलन रिपोर्ट 2018 के अनुसार, 526 बाघों के साथ मध्यप्रदेश ने ‘टाइगर स्टेट' का अपना खोया हुआ प्रतिष्ठित दर्जा कर्नाटक से आठ साल बाद फिर से हासिल किया है। राज्य में छह बाघ अभयारण्य हैं, जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय डुबरी शामिल हैं। बाघों की मौत की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘प्रयत्न' के संस्थापक अजय दुबे ने बताया, ‘‘पन्ना में करीब 10 साल पहले कोई बाघ नहीं था। उसके बाद, एनटीसीए ने राज्यों को सलाह दी कि वे खासकर शिकारियों से बाघों की सुरक्षा के लिए अपने स्वयं के विशेष बाघ सुरक्षा बल (एसटीपीएफ) स्थापित करें। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने एसटीपीएफ का समर्थन करने के लिए बजटीय प्रावधान किए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने अपने निहित स्वार्थों के कारण अब तक इसका गठन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यदि यह बल स्थापित हो जाता, तो यह अवैध शिकार के अलावा, अवैध खनन और वन क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई जैसी अन्य गतिविधियों पर भी रोक लगाता।
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नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने देश के झंडा संहिता में बदलाव करके दिन और रात दोनों समय तिरंगा फहराने की अनुमति देने के लिए रविवार को सरकार की सराहना की। जिंदल ने कहा कि यह "बहुत प्रगतिशील निर्णय" है जो निश्चित रूप से अधिक लोगों को सम्मान और गर्व के साथ ध्वज को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। सरकार ने यह बदलाव ऐसे वक्त पर किया है जब वह ‘आजादी का अमृत महोत्वस' के तहत 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा' कार्यक्रम की शुरुआत करने वाली है। कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं ‘फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष जिंदल ने कहा, ‘‘यह बहुत प्रगतिशील निर्णय है। भारतीय झंडा संहिता में यह संशोधन निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोगों को साल के सभी दिनों में सम्मान और गर्व के साथ तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और 'हर घर तिरंगा अभियान' को भी बढ़ावा देगा। जय हिंद।'' सरकार ने देश की झंडा संहिता में बदलाव किया है, जिसके तहत अब दिन के साथ-साथ रात को भी तिरंगा फहराया जा सकेगा। बदलाव से पहले तक कुछ अपवादों के अलावा तिरंगा को शाम से पहले उतार लिया जाता था। साथ ही अब पॉलिएस्टर कपड़े और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है। सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है। पत्र के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिये संशोधन किया गया है और अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को इस तरह पढ़ा जाएगा : ‘‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।'' इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा।'' इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
उद्योगपति एवं फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने भारतीय झंडा संहिता 2002 में नवीनतम संशोधन का स्वागत किया है। -
नयी दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए हाल में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को राज्य से पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ यहां बैठक की। बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, पर्यवेक्षक सचिन पायलट और प्रताप सिंह बाजवा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख एवं सांसद प्रतिभा सिंह सहित पार्टी के अन्य नेता शरीक हुए। इस दौरान बघेल ने बूथ प्रबंधन प्रशिक्षण देने और चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक के बाद पायलट ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार के प्रति व्यापक स्तर पर रोष है, लोग महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। हम एकजुट होकर यह चुनाव लड़ेंगे और बहुमत हासिल करेंगे।” सूत्रों ने बताया कि प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार सहित पार्टी के कई नेताओं ने प्रचार अभियान को आगे बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया तथा मीडिया से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाकर वापसी करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस को पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वहीं, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी पार्टी (कांग्रेस) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जबकि भाजपा ने इन चारों राज्यों में सत्ता बरकरार रखी। इस बीच, बघेल के करीबी सूत्रों ने मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगी टी एस सिंह देव के बीच कथित तनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान से उनकी (बघेल की) मुलाकात की अटकलों को खारिज कर दिया। - रांची। द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन्हें लेकर झारखंड के आदिवासियों के बीच काफी उम्मीदें और आकांक्षाएं हैं और वे ''सदियों की उपेक्षा'' के बाद अपने सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होने को लेकर आशांवित हैं। वे इस बात के लिए भी आशान्वित हैं कि राज्य की पूर्व राज्यपाल मुर्मू आदिवासियों की इस पुरानी मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाएंगी कि केंद्र उनके धर्म को 'सरना' के तौर पर मान्यता दे और अगली जनगणना में इस श्रेणी के तहत उनकी गणना सुनिश्चित करे।पांच राज्यों (झारखंड, ओडिशा, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल) के 250 जिलों में 'आदिवासी सेंगल अभियान' (आदिवासी सशक्तिकरण अभियान) की अगुवाई कर रहे सालखन मुर्मू ने कहा, ''जैसा कि बंगाली 'सोनार बांग्ला' को अपनी पहचान और केंद्र मानते हैं, आदिवासी झारखंड को अपना केंद्र मानते हैं। वे चाहते हैं कि उनसे जुड़ी संस्कृति और परंपराओं को यहां संरक्षित किया जाए। हमें विश्वास है कि द्रौपदी मुर्मू 'सरना संहिता' की स्थापना की दिशा में कदम उठाएंगी।'' सालखन मुर्मू ने याद किया कि कैसे झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल के रूप में निर्वाचित मुर्मू ने कई मौकों पर कड़ा रुख अपनाया था, जब "आदिवासी मुद्दों से समझौता किया गया था" - पिछली भाजपा सरकार के दौरान एक विधेयक लौटा दिया था जिसका उद्देश्य भूमि कानूनों में संशोधन करना था, साथ ही जब झामुमो के नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन सरकार द्वारा जनजातीय सलाहकार परिषद में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया था। सालखन मुर्मू ने कहा, ''हम आदिवासी प्रकृति पूजक हैं। 'सरना संहिता' को न मानने का मतलब होगा आदिवासियों को दूसरे धर्म अपनाने के लिए मजबूर करना। हम समय मांगेंगे और राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात करेंगे।''झारखंड की केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि आदिवासी उम्मीद कर रहे हैं कि राष्ट्रपति भवन के दरवाजे आदिवासियों के लिए हमेशा खुले रहेंगे। आदिवासी सेंगेल अभियान की राष्ट्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने कहा, ''आदिवासियों और पूरे देश की बेहतरी का समय आ गया है।'' इससे पहले, झारखंड विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके जनगणना में 'सरना' को एक अलग धर्म के रूप में शामिल करने की बात कही थी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले महीने एक ट्वीट में कहा था, "हमने विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म संहिता पारित किया है और इसे केंद्र को भेज दिया है।'
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रायरंगपुर (ओडिशा) ।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सादगी में विश्वास करती हैं और वह हमेशा दूसरों की सहायता करती रहीं हैं। मुर्मू की शिक्षक और उनके मित्रों ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मुर्मू बदले में कुछ मांगे बिना जरूरतमंदों की मदद करती हैं। बचपन से ही उनसे जुड़े लोगों का मानना है कि सादगी उनकी सफलता की कुंजी है। रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद के एक पार्षद से विधायक, मंत्री और राज्यपाल तक का सफर तय करने वालीं द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली ।
उपरबेड़ा गांव में मुर्मू के उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बासुदेव बेहरा ने कहा कि भौतिकवादी आधिपत्य छोड़ना उनका एक अंतर्निहित गुण रहा। बेहरा ने एक घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘द्रौपदी के पिता बिरंच टुडू उपरबेड़ा गांव के प्रधान थे और परिवार गरीबी से जूझ रहा था। वह एक फ्रॉक में स्कूल आती थीं और उनके पास ज्योमेट्री बॉक्स नहीं होता था। स्कूल ने उन्हें ज्योमेट्री बॉक्स प्रदान किया था।'' उन्होंने कहा कि स्कूल में एक छोटा ‘पुस्तक बैंक' था, जहां से ऐसे छात्र किताबें ले सकते थे जो इन्हें खरीदने का खर्च नहीं उठा सकते थे। बेहरा ने कहा, ‘‘द्रौपदी ने पुस्तक बैंक से किताबें ली थीं। हालांकि, जब उन्होंने हमारे उच्च प्राथमिक विद्यालय में सातवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की, तो उन्होंने न केवल वे किताबें लौटा दीं, बल्कि दूसरों की मदद के लिए अपनी किताबें और नोट्स भी प्रदान किये।'' इसके अलावा, स्कूल में ब्लैकबोर्ड की सफाई के लिए ‘डस्टर' भी नहीं थे। मुर्मू के मददगार स्वभाव को याद करते हुए शिक्षक ने कहा, ‘‘द्रौपदी अक्सर सभी कक्षाओं के लिए हाथ से बने डस्टर उपलब्ध कराती थीं। उन्होंने फटे कपड़ों से ये डस्टर बनाये थे।''
मुर्मू की सहपाठी रहीं तन्मयी बिसोई ने भी उनसे जुड़ी यादें साझा कीं। बिसोई ने कहा, ‘‘द्रौपदी बहुत ही विनम्र रहीं हैं । वह कभी किसी से कुछ नहीं मांगेगीं। जब भी हम दोस्त एक जगह इकट्ठे होते थे, तो उनके पास जो कुछ भी खाना होता था, वह बांट देती थीं। वह दूसरों से लेने में नहीं बल्कि देने में विश्वास रखती हैं।'' विधायक राजकिशोर दास ने कहा कि 2009-2015 के बीच अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खोने वालीं मुर्मू ने गरीब बच्चों को शिक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के चलते अपने पति और बेटों की याद में एक स्कूल स्थापित करने के लिए अपने सास-ससुर का घर और संपत्ति दान कर दी। मुर्मू का ससुराल गांव पहाड़पुर में है, जहां स्थापित एसएलएस (श्याम-लक्ष्मण-सिपुन) आवासीय विद्यालय में अब 100 गरीब छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान की जाती है। स्कूल के प्रधानाध्यापक जे. गिरि ने कहा, ‘‘मैडम (मुर्मू) झारखंड की राज्यपाल रहते हुए भी साल में कम से कम दो बार स्कूल का दौरा करती थीं।'' गिरि ने कहा कि मुर्मू ने स्कूल के लिए 3.20 एकड़ जमीन दान में दी है जो कक्षा 6-10 तक की शिक्षा प्रदान करता है। गिरि ने कहा, ‘‘उन्होंने (मुर्मू) उच्च विद्यालय की स्थापना की क्योंकि मुर्मू को अपने गांव के स्कूल से सातवीं कक्षा पास करने के बाद खुद बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा था। वह नहीं चाहतीं कि अन्य बच्चों को भी इसी तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
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जम्मू । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि ‘हम पर बुरी नजर डालने वाला कोई भी हो' भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि कोई युद्ध हुआ तो भारत विजेता बनकर उभरेगा। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के हिस्से को फिर से हासिल करने की वकालत करते हुए सिंह ने कहा कि यह भारत का हिस्सा है और इस देश का हिस्सा बना रहेगा। सिंह ने यहां ‘कारगिल विजय दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास के साथ बताना चाहता हूं कि अगर किसी विदेशी ताकत ने हम पर बुरी नजर डाली और युद्ध हुआ तो हम विजयी होंगे।''उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 के बाद से सभी युद्धों में पाकिस्तान को हराया और कड़वी हार के बाद उसने छद्म युद्धों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा, “ वर्ष 1965 और 1971 के प्रत्यक्ष युद्धों में हार का स्वाद चखने के बाद पाकिस्तान ने छद्म युद्ध का रास्ता अपनाया। दो दशकों से अधिक समय तक इसने ‘ हजारों घावों के साथ भारत को लहूलुहान' करने की कोशिश की, लेकिन हर बार हमारे बहादुर सैनिकों ने दिखाया है कि कोई भी भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को भंग नहीं कर सकता है।'' सिंह ने राष्ट्र को आश्वस्त करते हुए कहा कि सशस्त्र बल भविष्य की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सेना के साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा, ‘‘ कोई हिंदू हो या मुस्लिम, सभी अपनी सेना के साथ खड़े हैं और इसे हम भूल नहीं सकते।''
स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए सिंह ने कहा कि यह उनके मूल्यों के मूल में राष्ट्रीय गौरव की भावना थी, जिसने भारत की एकता और अखंडता की रक्षा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एकमात्र उद्देश्य राष्ट्र के हितों की रक्षा करना है और इसने एक आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए कई कदम उठाए, जो भविष्य के सभी प्रकार के युद्धों से लड़ने के लिए सशस्त्र बलों को रणनीतिक रूप से अहम स्वदेशी हथियार और उपकरण प्रदान करता है। आजादी के बाद की चुनौतियों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) और लद्दाख का पूरा क्षेत्र 1948, 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों के दौरान जंग का मैदान बन गया था। रक्षा मंत्री ने 1948 में ब्रिगेडियर उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा के वीरतापूर्ण कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने वर्ष 1962 में मेजर शैतान सिंह की वीरता, 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत और कारगिल युद्ध में परम वीरता दिखाने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज पांडेय के योगदान का जिक्र किया। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का हिस्सा बताते हुए उन्होंने शारदा पीठ, जिसमें हिंदू देवी सरस्वती के मंदिर के अवशेष हैं और जिन्हें शारदा भी कहा जाता है, का जिक्र किया। सिंह ने कहा कि शिव स्वरूप (अमरनाथ) जम्मू-कश्मीर के इस तरफ रहें और पीओजेके की तरफ शक्ति स्वरूप (शारदा) रहें, यह कैसे हो सकता है।
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शाजापुर (मप्र) । मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक गांव में करीब 50 बच्चों से भरी एक स्कूल बस उफनते नाले को पार करते वक्त अचानक बीच में रूक गई, जिससे करीब सवा घंटे तक उसमें सवार बच्चों की की जान जोखिम में पड़ी रही। इस मामले में रविवार को स्कूल संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद ट्रैक्टर और रस्सियों के सहारे बस को खींचकर नाले से बाहर निकाला, और इसमें सवार सभी बच्चों एवं चालक की जान बचा ली और एक बड़ा हादसा होने से टल गया। यह घटना शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम तिलावद गोविन्द में उस सक्त हुई, जब एक निजी स्कूल की छुट्टी होने के बाद बच्चे स्कूल की बस से अपने घर जा रहे थे। शाजापुर की सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) शैली कनाश ने रविवार को बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने लापरवाही पूर्वक वाहन का संचालन कर बच्चों का जीवन संकट में डालने के लिए रविवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि स्कूल संचालक को लापरवाही पूर्वक वाहन का संचालन कर बच्चों के जीवन को संकट में डालने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वार नोटिस जारी कर पूछा गया है कि क्यों न इस स्कूल की मान्यता निरस्त की जाये। कनाश ने बताया कि इसके अलावा, जिला परिवहन अधिकारी ने इस बस चालक भागीरथ सिंह का ड्राइविंग लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि बस चालक भागीरथ ने बच्चों के मना करने के बाद भी असुरक्षित तरीके से पानी में उतारा, जिससे बस का इंजन बंद हो गया और बस में पानी भरने लगा, जिसके कारण वाहन में सवार स्कूली बच्चों की जान को खतरा उत्पन्न हो गया। उन्होंने बताया कि यह कृत्य अत्यंत ही लापरवाही का द्योतक है तथा इस घटना में बस में सवार बच्चों की जान जा सकती थी।
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प्रतापगढ़ (उप्र) । प्रतापगढ़ जिले के थाना नगर कोतवाली पुलिस ने कथित तौर पर हत्या कर दफन किया गया विवाहिता का शव शहर के निकट सई नदी के किनारे कब्र से खुदवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विवाहिता के पति समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने हत्या करने और शव छिपाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अभय पाण्डेय ने बताया कि शहर के सरोज चौराहा, कांशीराम कालोनी की रहने वाली मुन्नी बेगम ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि उसकी बेटी सायमा (22) गत 12 जुलाई को पति सलमान से रुपये लेने कह कर घर से निकली थी, इसके बाद वह लापता है। पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक 21 जुलाई को सिकंदर नाम के व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी की हत्या कर शव को सई नदी के किनारे दफना दिया गया है। सीओ ने बताया कि मुन्नी बेगम की तहरीर पर पुलिस ने उसके दामाद सलमान, व उसके साथी रुस्तम नसीम व सिकंदर के विरुद्ध हत्या व शव छिपाने का मामला दर्ज किया और शव की तलाश सई नदी के किनारे की। उन्होंने बताया कि शनिवार की रात शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
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शाहजहांपुर (उप्र)। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके दिवंगत राममूर्ति सिंह वर्मा की पुत्रवधू से फोन करके कथित रूप से दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार आरोपी सब्जी बेचने का काम करता है और उस पर कर्ज हो जाने के कारण उसने रंगदारी मांगी और पैसे नहीं देने पर उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनन्द ने रविवार को बताया कि आरोपी दिनेश वर्मा ने थाना सदर बाजार अंतर्गत रहने वाले पूर्व दिवंगत मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा की पुत्रवधू व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना वर्मा से 21 जुलाई को फोन करके 10 पेटी (10 लाख रुपये) की रंगदारी मांगी थी। उन्होंने बताया कि पैसे न देने पर पूरे परिवार को जान से मार देने की धमकी भी दी थी जिसकी प्राथमिकी थाना सदर बाजार में दर्ज कराई गई थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी दिनेश वर्मा को गढ़मुक्तेश्वर से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह रंगदारी के रुपये लेने के लिए शाहजहांपुर आने की तैयारी कर रहा था। आरोपी से पूछताछ के बाद आनन्द ने बताया कि वह शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद थाना क्षेत्र का रहने वाला है तथा दिल्ली में सब्जी बेचता है, इसी दौरान उस पर काफी कर्ज हो गया तो उसने अर्चना वर्मा से रंगदारी मांगी थी। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने एक साथी से मोबाइल मांगा और उसका सिम चुपके से निकालकर अपने फोन में डाल लिया जिसके बाद उसने रुपये मांगने के लिए फोन किया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने कुख्यात अपराधी नीरज बवाना बनकर फोन किया था लेकिन गिरफ्तारी के बाद पता चला कि उसका नाम दिनेश वर्मा है। पुलिस ने आरोपी वर्मा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से मोबाइल फोन बरामद कर विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे रविवार को जेल भेज दिया और मामले की जांच की जा रही है । (प्रतीकात्मक फोटो)
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हरिद्वार | उत्तराखंड के हरिद्वार में रविवार को अलग अलग सड़क हादसों में छह कांवड़ियों की मौत हो गयी जबकि एक अन्य घटना में कांवड़ियों की दो दर्जन बाइक में अचानक आग लग गयी । पुलिस ने इसकी जनकारी दी । पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि हरिद्वार की हर की पौड़ी क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर आनंद वन समाधि के पास स्थित पार्किंग में रविवार को अचानक आग लग जाने से कांवड़ियों की करीब दो दर्जन बाइक धू-धू कर जल गयी। अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग हादसों में छह कांवड़ियों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि बैरागी में एक हादसे में ट्रक से कुचलकर दो कांवडि़यों की मौत हो गयी जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रेम नगर चौक के पास कांवड़ियों की बाइक एक ऑटो से टकरा गयी, जिसमे दो कांवड़ियों की मौके ही पर मौत हो गयी। अधिकारी ने बताया कि बहादराबाद और कलियर में हादसे में एक-एक कांवड़िये की मौत हो गयी । -
नयी दिल्ली | सरकार स्कूलों में छात्रों के दाखिले, सीखने के स्तर, ‘ड्रापआउट', पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति, संसाधनों के इष्टतम उपयोग आदि पर नजर रखने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक तंत्र स्थापित करेगी। गुजरात मॉडल पर आधारित ‘‘विद्या समीक्षा केंद्र'' नामक इस केंद्रीय प्रणाली को देश के विभिन्न राज्यों में लागू किया जायेगा। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘जून में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में इस विषय (विद्या समीक्षा केंद्र) पर विचार किया गया था। ऐसी व्यवस्था तैयार करने को लेकर सहमति बन गई है।'' मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) का मकसद आंकड़ों एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये पठन-पाठन के स्तर में सुधार लाना है। जानकारी के अनुसार इसमें प्रभावी ढंग से आंकड़े एकत्र करने के साथ उनकी निगरानी, मूल्यांकन एवं परस्परता पर ध्यान दिया जायेगा ताकि योजनाओं को लागू करने की दिशा में समय पर कदम उठाये जा सकें। इस तंत्र में शिक्षा पर एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई), छात्र एवं शिक्षक डाटाबेस, राष्ट्रीय उपलब्ध सर्वेक्षण, निपुण भारत, दीक्षा आदि के आंकड़ों का साझा उपयोग छात्रों की बेहतरी के लिये किया जायेगा। अधिकारी ने बताया, ‘‘इस प्रणाली के जरिये आंकड़ों के व्यापक विश्लेषण, कृत्रिम बुद्धिमता और मशीन लर्निंग का उपयोग करके सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली पर नजर रखी जायेगी तथा छात्रों के पठन-पाठन के स्तर में सुधार किया जायेगा।'' उन्होंने बताया, ‘‘राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को प्रदेश स्तर पर एक केंद्रीय प्रणाली (विद्या समीक्षा केंद्र) स्थापित करने का सुझाव दिया गया है। इससे एक मंच पर छात्रों के दाखिले, सीखने के स्तर, ड्रापआउट छात्रों को मुख्यधारा में लाने, पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति, शिक्षक एवं छात्रों को सहयोग, संसाधनों के इष्टतम उपयोग आदि पर नजर रखी जा सकेगी।'' गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल में एक कार्यक्रम में कहा था कि गुजरात का विद्या समीक्षा केंद्र पूरे देश को दिशा दिखाने वाला केंद्र बन गया है और इस केंद्र की वजह से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 26 प्रतिशत बढ़ गई है। उन्होंने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में ये केंद्र पूरे देश में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं और इसका अध्ययन किया जाना चाहिए। वहीं, अधिकारी ने बताया कि राज्यों को इस योजना को लागू करने के लिये स्कूलों की संख्या के आधार पर वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 29 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में कुल 14 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा। योजना के मसौदे के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों को चार मॉडलों में विभाजित किया गया है। प्रथम मॉडल के तहत पांच राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दमन दीव एवं दादरा नगर हवेली, लक्षद्वीप तथा पुडुचेरी को रखा गया है और इन्हें कुल दो करोड़ रुपये का अनुदान प्रस्तावित है। दूसरे मॉडल में आठ राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अरूणाचल प्रदेश, गोवा, लद्दाख, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा को रखा गया है और इन्हें कुल तीन करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा। तीसरे मॉडल में छह राज्य/संघ राज्य क्षेत्र दिल्ली, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, मेघालय, पंजाब, उत्तराखंड को रखा गया है और इन्हें कुल चार करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। चौथे मॉडल में 10 राज्य/संघ राज्य क्षेत्र आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को रखा गया है और इन्हें कुल पांच करोड़ रुपये का अनुदान दिया जायेगा। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान ‘स्टार्स' परियोजना से जुड़े हैं, इसलिये इन्हें वीएसके से नहीं जोड़ा जा रहा है। गुजरात में पहले से ही यह व्यवस्था है, इसलिये उसे वित्तीय सहायता नहीं दी जायेगी। -
जींद | हरियाणा के जींद जिले के रधाना गांव में शनिवार की रात मकान की छत गिरने से मलबे के नीचे दबकर एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। पुलिस ने इसकी जानकारी दी । पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि बरसात के कारण मकान के चारों तरफ बरसाती पानी खड़ा हुआ था और जिस कमरे में बुजुर्ग महिला रहती थी उसकी छत कमजोर हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि मरने वाली महिला की पहचान फूलपति (67) के रूप में की गयी है। उन्होंने बताया कि मकान के बाहर वाले कमरे में वह सोई हुई थी कि रात को अचानक कमरे की छत गिर गई, जिससे वह मलबे में दब गयी। पुलिस ने बताया कि परिजनों को घटना का रविवार सुबह उस समय पता चला जब परिवार के लोग सोकर उठे और बुजुर्ग महिला को चाय देने कमरे में गए। उन्होंने बताया कि महिला को जब तक मलबे से बाहर निकाला गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की और उनसे कल्याणकारी योजनाओं का पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करने तथा राज्य में कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने को कहा। चार घंटे से अधिक समय तक हुई इस बैठक में 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी मौजूद थे। भाजपा ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान मोदी ने गतिशक्ति, हर घर जल, स्वामित्व, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जैसी सरकार की कुछ प्रमुख योजनाओं और पहल के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया। बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने सभी प्रमुख योजनाओं का अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भाजपा शासित राज्यों को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।'' व्यापार में सुगमता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मोदी ने अपनी सरकार द्वारा की गई कई पहल का उल्लेख किया। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनके राज्य खेलों को उचित महत्व दें और बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी और जुड़ाव को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वोत्तम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव तथा पार्टी के सुशासन प्रकोष्ठ के प्रमुख विनय सहस्रबुद्धे भी शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों ने केंद्र प्रायोजित सभी कल्याणकारी योजनाओं और प्रमुख कार्यक्रमों के 100 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने पर विचार-विमर्श किया। इन राज्यों में भाजपा अपने बलबूते या अन्य दलों के साथ गठबंधन में सत्ता में है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी बैठक में शामिल हुए। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी बैठक में मौजूद थे। बैठक में महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस और बिहार से तारकिशोर प्रसाद तथा रेणु देवी सहित कई उपमुख्यमंत्री भी शामिल हुए। -
नयी दिल्ली. निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों के लिए रविवार को यहां राष्ट्रपति भवन में रात्रिभोज की मेजबानी की। कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। मुर्मू अगले राष्ट्रपति के रूप में सोमवार को शपथ लेंगी। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, “राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों के लिए राष्ट्रति भवन में रात्रिभोज की मेजबानी की। -
नयी दिल्ली. द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को शपथ लेने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति होंगी। रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि वर्ष 1977 से लगातार राष्ट्रपतियों ने इस तिथि (25 जुलाई) को शपथग्रहण की है। भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। 1952 में उन्होंने पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता। राजेंद्र प्रसाद ने दूसरा राष्ट्रपति चुनाव भी जीता और मई 1962 तक इस पद पर रहे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 13 मई, 1962 को राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और वह 13 मई, 1967 तक इस पद पर रहे। दो राष्ट्रपति - जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद - अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके क्योंकि उनका निधन हो गया था। भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली। तब से 25 जुलाई को ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद ने इसी तिथि को राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

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