- Home
- देश
- वैशाली: बिहार के वैशाली जिले में सांप पकड़ने की कोशिश के दौरान सर्प मित्र के नाम से मशहूर जेपी यादव की कोबरा के डसने से मौत हो गई. यह घटना कैमरे में कैद हो गई और अब वायरल हो रही है. राजापाकर थाना क्षेत्र के चकसिकंदर गांव के रहने वाले जेपी यादव, जिन्हें सर्प मित्र के नाम से जाना जाता है. सांपों को बचाने और उन्हें जंगल में छोड़ने के लिए मशहूर, उन्हें रिहायशी इलाके में आए एक बड़े कोबरा को हटाने के लिए बुलाया गया था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब वह सांप को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, तब वहां भीड़ जमा हो गई थी. अपने हाथों और पारंपरिक तरकीबों का इस्तेमाल करते हुए, वह कोबरा को पकड़ने में कामयाब रहे, लेकिन इस दौरान उनकी उंगली पर कोबरा ने काट लिया. काटने के बावजूद, उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा और सांप को एक डिब्बे में बंद करने में सफल रहे. कुछ ही देर बाद, जहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया. वह जमीन पर गिर पड़े और दर्द से कराहते हुए दिखाई दिए, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया. कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गई.बिहार में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है. इसी तरह के एक मामले में समस्तीपुर के एक और प्रसिद्ध सांप बचावकर्ता जय साहनी की पिछले साल कोबरा के काटने से मौत हो गई थी. उन्हें लगभग 2,000 सांपो को बचाने का श्रेय दिया जाता था और उन्हें नंगे हाथों से उन्हें संभालने के लिए जाना जाता था, अक्सर सार्वजनिक रूप से उनके साथ प्रदर्शन करते थे. यादव की तरह, सरीसृपों के साथ उनका घनिष्ठ संबंध घातक साबित हुआ.
-
मथुरा (उप्र)। प्रस्तावित ‘बांके बिहारी कॉरिडोर' के बारे में अपनी कथित टिप्पणी पर स्थानीय निवासियों और पुजारियों द्वारा नाराजगी जताये जाने के एक दिन बाद मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने रविवार को कहा कि उनकी छवि खराब करने के लिए जानबूझकर एक पुराना वीडियो ‘वायरल' किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में हेमा मालिनी को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘हम कॉरिडोर बनाएंगे और जो इसका विरोध कर रहे हैं, हमें उन्हें कहीं और जाने के लिए कहना पड़ सकता है।'' इस कथित बयान पर यहां समुदाय के विभिन्न वर्गों ने नाराजगी जताई है।
हेमा मालिनी ने इस ‘वायरल' वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविवार को कहा, ‘‘यह वीडियो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले का है। लोगों में मतभेद पैदा करने के लिए जानबूझकर गलत सूचना फैलायी जा रही है।'' उन्होंने कहा कि कॉरिडोर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ही बनाया जाएगा और सभी पक्षों के हितों की रक्षा की जाएगी। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘मथुरा मेरी कर्मभूमि है। मैं इस शहर को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही हूं। हमने जो भी परियोजनाएं जमीन पर उतारी हैं वे स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए ही बनायी गयी थीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं भगवान कृष्ण की सेवा में यहां आई हूं और बृजवासी मेरे परिवार का हिस्सा हैं। प्रस्तावित ‘बांके बिहारी कॉरिडोर' का उद्देश्य भीड़ के दबाव को कम करना और भक्तों के लिए सुविधाओं में सुधार करना है।'' हालांकि, गोस्वामी समुदाय और दुकानदारों समेत स्थानीय लोगों को विस्थापन, विरासत के नुकसान और वृंदावन के पारंपरिक चरित्र में बदलाव का डर है। बांके बिहारी मंदिर के पुजारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा, ‘‘भगवान कृष्ण के पास लोगों को सबक देने का अपना तरीका है।'' उन्होंने भगवान कृष्ण द्वारा देवराज इंद्र के अभिमान को कुचलने की कहानी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हेमा जी को हमें बृजभूमि छोड़ने के लिए कहते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।'' एक अन्य पुजारी रसिक बिहारी गोस्वामी ने सांसद हेमा मालिनी की कथित टिप्पणी पर निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, ‘‘वह ‘बांके बिहारी कॉरिडोर' बनाने की योजना से प्रभावित लोगों से बात करने के लिए कभी नहीं आईं, लेकिन इतनी अहंकारपूर्ण तरीके से हमें जाने के लिए कह रही हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह (हेमा मालिनी) कुछ खास अमीर लोगों के लाभ के लिए कॉरिडोर बनाना चाहती हैं।'' स्थानीय व्यवसायी अनिल गौतम ने भी निराशा व्यक्त करते हुए कहा,‘‘हमने उन्हें मथुरा और वृंदावन से तीन बार इस उम्मीद के साथ चुना कि वह शहर के लोगों के लाभ के लिए काम करेंगी मगर वह तो हमें ही यहां से जाने के लिए कह रही हैं। -
नयी दिल्ली/ राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) के नए नियमों के अनुसार सरकारी अस्पतालों में 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले गैर-शिक्षण विशेषज्ञों या परामर्शदाताओं को अब एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जबकि दो वर्ष का अनुभव रखने वाले अनिवार्य ‘सीनियर रेजिडेंसी' के बिना सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य कर सकते हैं। एनएमसी के इस फैसले का उद्देश्य पात्र संकाय सदस्यों की संख्या बढ़ाना है। नए नियमों में यह प्रावधान भी है कि 220 से अधिक बिस्तरों वाले गैर-शिक्षण सरकारी अस्पतालों को अब शिक्षण संस्थान के रूप में नामित किया जा सकेगा। 2022 के पिछले नियमों के तहत गैर-शिक्षण चिकित्सकों को 330 बिस्तरों वाले उन गैर-शिक्षण अस्पतालों में दो साल के बाद सहायक प्रोफेसर बनने की अनुमति दी गई थी, जिन्हें मेडिकल कॉलेजों में परिवर्तित किया जा रहा था। हाल ही में अधिसूचित चिकित्सा संस्थान (संकाय की योग्यता) विनियम, 2025 में कहा गया है, "कम से कम 220 बिस्तरों वाले सरकारी अस्पताल में न्यूनतम दो वर्ष के अनुभव के साथ पीजी मेडिकल डिग्री रखने वाला एक गैर-शिक्षण परामर्शदाता या विशेषज्ञ या चिकित्सा अधिकारी सीनियर रेजिडेंट के रूप में अनुभव की आवश्यकता के बिना सहायक प्रोफेसर बनने के लिए पात्र होगा और उसे नियुक्ति के दो वर्ष में जैव चिकित्सा अनुसंधान में बुनियादी पाठ्यक्रम पूरा करना होगा।" आयोग ने कहा कि एनएमसी के तहत पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (पीजीएमईबी) द्वारा लाए गए इन नियमों का उद्देश्य पात्र संकाय सदस्यों की संख्या बढ़ाना और पूरे भारत में मेडिकल कॉलेजों में स्नातक (एमबीबीएस) और स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) सीटों के विस्तार की सुविधा प्रदान करना है। भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है। केंद्र ने अगले पांच वर्षों में 75,000 नयी मेडिकल सीटें सृजित करने की घोषणा की है। आयोग ने कहा, "हालांकि, एक महत्वपूर्ण बाधा चिकित्सा कार्यक्रमों को शुरू करने या विस्तार करने के लिए आवश्यक योग्य संकाय की उपलब्धता रही है। ये नए नियम सरकारी स्वास्थ्य प्रणालियों के अंदर मौजूदा मानव संसाधन क्षमता बढ़ाने और चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे को अनुकूलित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
-
हरिद्वार। कांवड़ यात्रा मार्ग पर खान-पान की दुकानों पर अपना नाम प्रदर्शित किये जाने का समर्थन करते हुए योग गुरु बाबा स्वामी रामदेव ने रविवार को कहा कि पहचान छिपाकर व्यवसाय करना हर दृष्टि से गलत है। रामदेव ने यहां कहा कि उन्हें अपने हिंदू और सनातनी होने पर गर्व है, ठीक उसी तरह मुसलमानों को भी अपने मुसलमान होने पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने पूछा, आखिर क्या वजह है कि मुसलमान नाम छिपाकर कांवड़ यात्रा में व्यवसाय कर रहे हैं। पहचान छिपाना नैतिक और धार्मिक, हर दृष्टि से गलत है।'' रामदेव ने कहा कि यह तो ग्राहक को तय करना है कि वह किसकी दुकान पर जाएं । उन्होंने कहा, मुझे जैसे हिन्दू और सनातनी होने पर गर्व है उसी तरह से मुसलमानों को भी मुसलमान होने पर गर्व होना चाहिए।
महाराष्ट्र में हिंदीभाषियों के साथ मारपीट किये जाने को योग गुरु ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया । उन्होंने कहा कि देश की राष्ट्रभाषा के साथ मराठी एवं अन्य भाषाओं का भी सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन भाषा, जाति, वर्ग संप्रदाय एवं लिंग के आधार पर हिंदुओं को आपस में नहीं लड़ना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘‘इससे सनातन, राष्ट्रीय अखंडता और एकता को क्षति पहुंचती है। हम सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए। -
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने राज और उद्धव ठाकरे द्वारा शनिवार को आयोजित एक जनसभा में दिये भाषणों को रविवार को औचित्यहीन, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करार दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शेलार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विशुद्ध रूप से राजनीतिक लाभ के लिए गठबंधन बदलने का आरोप लगाया। शेलार ने दावा किया, उन्होंने (उद्धव) पहले राज्य और बीएमसी (नकदी संपन्न बृहन्मुंबई नगरमहापालिका) में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया। जब उन्हें लगा कि वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने (तत्कालीन अविभाजित) राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया। अब, बीएमसी में सत्ता बरकरार रखने के लिए वह मनसे को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।'' शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हिंदी भाषी लोगों पर किए गए हमले निराशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘मराठी हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।'' शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई एवं मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने करीब दो दशकों में पहली बार शनिवार को मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया। दोनों चचेरे भाइयों ने भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ ‘महायुति' के उस फैसले का जश्न मनाने के लिए संयुक्त रैली आयोजित की थी, जिसमें राज्य के विद्यालयों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने संबंधी दो सरकारी आदेशों को वापस ले लिया गया था। रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह और राज ठाकरे एकजुट रहने के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने आगामी महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव मिलकर लड़ने का संकेत दिया। राज ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ लाकर वह काम कर दिया है जो शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और अन्य नहीं कर सके। शेलार ने दावा किया, ‘‘कल का संयुक्त कार्यक्रम और भाषण अधूरे ही देखे जा सकते हैं, जिसमें एक भाषण अस्पष्ट था और दूसरा अप्रासंगिक था। पूरा कार्यक्रम अवास्तविक था।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब उनमें से एक ने मराठी के मुद्दे पर बोलने की कोशिश की तो तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उनके तर्क भ्रामक थे और उनका बिंदुवार खंडन किया जा सकता है।'' शेलार ने दावा किया कि दोनों नेताओं के भाषण सार के बजाय व्यंग्य और राजनीतिक दिखावे से भरे हुए थे।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उद्धव का भाषण औचित्यहीन था, सत्ता खोने के अफसोस और बेचैनी से भरा था। राज का भाषण अधूरा था और वास्तविक मुद्दे से भटका हुआ था। दोनों नेता नगर निकाय चुनावों से पहले डर से प्रेरित लग रहे थे। उनके भाषण अंधेरे में चलने से डरने वाले लोगों के भाषणों जैसे थे।'' राज ठाकरे ने सवाल किया था कि उत्तर भारत के कितने राज्यों ने त्रिभाषा नीति अपनाई है? इसके जवाब में शेलार ने कहा कि देश में लगभग 22 राज्यों ने या तो त्रिभाषा नीति को स्वीकार कर लिया है या इसे लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय राज्य सरकार का है और कुछ राज्यों ने भी इसी के अनुरूप निर्णय लिया है। शेलार ने कहा, ‘‘हम यह कह रहे हैं कि उन्हें (ठाकरे को) इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि उनके अपने बच्चे तीन भाषाएं पढ़ाने वाले विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करें, लेकिन जब दूसरों को यही अवसर मिलता है तो वे इसका विरोध करते हैं।'' भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री फडणवीस पर कथित व्यक्तिगत हमलों की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘हम भी उनकी आलोचना करने के लिए व्यक्तिगत टिप्पणी कर सकते हैं। लेकिन क्या सार्वजनिक बातचीत में उनमें कोई शालीनता है?'' शेलार ने कहा, ‘‘लोग अभद्र या जातिवादी भाषा का इस्तेमाल तभी करते हैं जब उनके पास कोई वाजिब दलील नहीं होती। अगर हम उस भाषा में बात करना शुरू करेंगे तो वे इसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।'' उन्होंने यह भी कहा कि ठाकरे परिवार इस मुद्दे को सुलझाने में फडणवीस की भूमिका को स्वीकार करने में विफल रहा है। शेलार ने कहा, ‘‘यदि उनकी दलीलों में ईमानदारी होती, तो वे मुख्यमंत्री फडणवीस को बधाई देते। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा मराठी लोगों के सम्मान की रक्षा करेगी और साथ ही गैर-मराठी निवासियों की भी रक्षा करेगी। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मराठी हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। -
धर्मशाला। दलाई लामा मंदिर ‘सुगलागखांग' के मुख्य प्रांगण में रविवार सुबह भारी बारिश के बावजूद 14वें दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए। यह आयोजन ऐसे वक्त हुआ है जब पिछले कुछ दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि दलाई लामा संस्था को समाप्त कर दिया जाएगा। उनके जन्मदिन पर विभिन्न तिब्बती बौद्ध संप्रदायों के प्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों, विभिन्न देशों के नर्तकों और गायकों तथा दुनिया भर से बौद्ध धर्मावलंबियों ने भाग लिया। देश-विदश से आए नेताओं ने भी इस आयोजन में भाग लिया और दलाई लामा तथा वैश्विक शांति एवं धार्मिक सद्भाव के प्रति उनकी सतत प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
समारोह में विशाल केक के सामने बैठे दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने कहा कि यह लोगों का प्यार है जो उन्हें सभी प्राणियों की सेवा के मार्ग पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, "इसलिए मैं अपनी ओर से शांतिदेव के बोधिसत्वचर्यावतार- बोधिसत्व जीवन पद्धति पर विचार करता हूं, सभी सत्वों को अपना रिश्तेदार और मित्र मानता हूं, और मैं हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार सभी की सेवा करने के बारे में सोचता हूं। इस जन्मदिन समारोह पर आप सभी बहुत खुशी के साथ यहां आए हैं। इसलिए धन्यवाद।'' तिब्बती नेता ने कहा, "जितने अधिक लोग होंगे, उनके हृदय में उतनी ही अधिक खुशी होगी। मैं इसलिए भी प्रेरित महसूस करता हूं क्योंकि मैं बोधिचित्त का अभ्यास करता हूं। " दलाई लामा ने कहा कि लोग उनके जन्मदिन पर किसी बाध्यता के कारण नहीं आए हैं, बल्कि गहरी श्रद्धा के साथ आए हैं। उन्होंने कहा, "इसलिए जब मैं अपने जीवन पर विचार करता हूं, तो पाता हूं कि मैंने अपना जीवन बिल्कुल भी बर्बाद नहीं किया है। दलाई लामा की उपाधि मिलने के बाद भी मुझमें कोई अभिमान या अहंकार नहीं है। बुद्ध के अनुयायी, भिक्षु के रूप में जनता की सेवा करना और बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार करना ही मेरा मुख्य अभ्यास है।''
समारोह की शुरुआत स्विटजरलैंड में रहने वाले तिब्बती गायक जमयान चोडेन द्वारा दलाई लामा के लिए प्रस्तुत गीत से हुई। इसके बाद मंगोलियाई और अल्बानियाई कलाकारों के एक समूह द्वारा नृत्य प्रदर्शन किया गया। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष सिक्योंग पेनपा सेरिंग ने निर्वासित तिब्बती सरकार के मंत्रिमंडल, काशाग का एक बयान जारी किया और तिब्बतियों और "तिब्बत के मित्रों" द्वारा वैश्विक स्तर पर मनाए जाने वाले 'करुणा वर्ष' की घोषणा की। बयान में कहा गया है कि दलाई लामा की चार प्रमुख प्रतिबद्धताएं - सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना, धार्मिक सद्भाव, तिब्बती संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण तथा प्राचीन भारतीय ज्ञान का पुनरुद्धार - विश्व के मुद्दों के लिए अद्वितीय समाधान प्रस्तुत करती हैं। बयान में कहा गया है, "आज की दुनिया में, जो हिंसक संघर्ष, हथियारों की दौड़, व्यापार युद्ध, सामाजिक विखंडन, नैतिक पतन और जलवायु परिवर्तन सहित परस्पर जुड़े संकटों का सामना कर रही है, ये प्रतिबद्धताएं अद्वितीय और निर्विवाद समाधान प्रस्तुत करती हैं।" केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू और राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मंत्री सोनम लामा और हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर ने प्रस्तुतियों के बाद सभा को संबोधित किया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा ने वीडियो संदेशों के माध्यम से जन्मदिन की शुभकामनाएं भेजीं। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस अवसर पर एक संदेश भेजा। -
तिरुवंनतपुरम। तकनीकी समस्या के कारण लगभग एक महीने से यहां फंसे ब्रिटिश रॉयल नेवी के एफ-35 लड़ाकू विमान को रविवार को मरम्मत के लिए निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित किया गया। हवाई अड्डा के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि विमान की मरम्मत करने के लिए विशेष रूप से आई ब्रिटिश इंजीनियर की टीम खामी का आकलन करेगी। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन से एक इंजीनियरिंग टीम ब्रिटिश रॉयल नेवी एफ-35बी लाइटनिंग लड़ाकू विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए रविवार को यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने हवाई अड्डे पर इंजीनियरिंग टीम के पहुंचने की पुष्टि की।
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘ब्रिटेन की एक इंजीनियरिंग टीम को एफ-35बी विमान का आकलन और मरम्मत करने के लिए तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भेजा गया है।'' प्रवक्ता के मुताबिक ब्रिटेन ने हवाई अड्डे के रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) केंद्र में विमान को ले जाने की पेशकश स्वीकार कर ली है और संबंधित अधिकारियों के साथ व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा कर रहा है। इस बीच, हवाईअड्डा सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान को एमआरओ में ले जाया गया है। ब्रिटिश उच्चायोग के मुताबिक, ‘‘ब्रिटेन भारतीय अधिकारियों और हवाईअड्डा टीम के निरंतर समर्थन और सहयोग के लिए बहुत आभारी है।'' इस विमान की कीमत लगभग 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर है जिसे दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। यह विमान 14 जून को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात स्थिति में उतरा था। -
जबलपुर/ मध्यप्रदेश के जबलपुर में 40 मंदिरों में श्रद्धालुओं से 'सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त' कपड़े पहनने का आग्रह करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। महाकाल संघ इंटरनेशनल बजरंग दल ने ये पोस्टर चिपकाये हैं।
उसके प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि श्रद्धालुओं को ‘जींस', ‘टॉप', ‘मिनी स्कर्ट', ‘नाइट सूट' और ‘शॉर्ट्स' नहीं पहनने चाहिए तथा महिलाओं एवं लड़कियों को अपना सिर भी ढंकना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसे अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए। भारतीय संस्कृति को संरक्षित करना हम पर निर्भर है। मैं महिलाओं से अपील करता हूं कि वे मंदिरों में जाते समय सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त कपड़े पहनें। -
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज रविवार को राजधानी दिल्ली स्थित CSIR-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) में अत्याधुनिक फेनोम इंडिया “राष्ट्रीय बायोबैंक” का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह पहल भविष्य में हर भारतीय के लिए उनकी आनुवंशिक संरचना, जीवनशैली और पर्यावरण के मुताबिक व्यक्तिगत इलाज को संभव बनाएगी। यह बायोबैंक भारत में पहली बार एक ऐसा लॉन्गिट्यूडिनल हेल्थ डाटाबेस विकसित करेगा, जिसमें देशभर के 10,000 लोगों से जीनोमिक, क्लिनिकल और लाइफस्टाइल डाटा इकट्ठा किया जाएगा। यह प्रणाली यूके के बायोबैंक मॉडल से प्रेरित है, परन्तु इसे भारतीय भूगोल, सामाजिक-आर्थिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से अनुकूलित किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, “व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल अब सिर्फ एक सिद्धांत नहीं, बल्कि भारतीय नवाचारों की बदौलत एक सच्चाई बन रही है।” उन्होंने भारतीयों में पाए जाने वाले सेंट्रल ओबेसिटी (कमर के आसपास चर्बी) के मुद्दे को भी उठाया, जो कई बार दुबले दिखने वाले लोगों में भी होता है। उन्होंने कहा, “हमारी स्वास्थ्य समस्याएं जटिल और विविध हैं। ऐसे में यह बायोबैंक इन जटिलताओं को समझने में मदद करेगा।” बायोबैंक के जरिए शोधकर्ता अब डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और दुर्लभ आनुवंशिक बीमारियों जैसी जटिल बीमारियों का जल्द निदान और बेहतर इलाज विकसित कर सकेंगे। साथ ही, यह डेटा भविष्य में AI आधारित डायग्नोस्टिक्स और जीन गाइडेड थैरेपी को भी सशक्त बनाएगा।डॉ. सिंह ने भारत के तेजी से विकसित हो रहे वैज्ञानिक परिदृश्य की सराहना करते हुए कहा कि अब देश क्वांटम टेक्नोलॉजी, CRISPR-जीन संपादन तकनीक और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के खिलाफ लड़ाई में आगे है। उन्होंने यह भी कहा कि बायोबैंक जैसे प्रयासों से अनुसंधान अब केवल लैब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज और बाजार में भी उपयोगी साबित होगा। उन्होंने अनुसंधान संस्थानों, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और उद्योग जगत के बीच गहरी साझेदारी खासकर AMR और नई दवाओं के विकास के क्षेत्र में जरूरी बताया। वहीं CSIR की महानिदेशक और DSIR की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने इस बायोबैंक की शुरुआत को स्वास्थ्य डेटा में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का एक साहसिक कदम बताया।- -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो में आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में ‘शांति और सुरक्षा तथा वैश्विक शासन में सुधार’ विषय पर संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ (विकासशील और दक्षिणी गोलार्ध के देश) की आवाज आज की दुनिया में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है और विश्व की प्रमुख संस्थाओं को विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए इन्हें उचित प्रतिनिधित्व देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने दो-टूक कहा कि ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मापदंडों का शिकार रहा है। जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी की पहुंच जैसे अहम मुद्दों पर इन देशों को अब तक सिर्फ प्रतीकात्मक समर्थन ही मिला है, जबकि वास्तविक जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं।
उन्होंने कहा, “20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं मानवता के दो-तिहाई हिस्से को आज भी पर्याप्त आवाज नहीं देतीं। कई देश जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देते हैं, उन्हें अब भी निर्णय लेने वाली प्रमुख टेबलों पर जगह नहीं मिली है। ग्लोबल साउथ के बिना, ये संस्थाएं उस मोबाइल फोन की तरह हैं जिसमें सिम कार्ड तो है लेकिन नेटवर्क नहीं।” पीएम मोदी ने एआई और तेज तकनीकी विकास के युग में मौजूदा वैश्विक संस्थाओं की निष्क्रियता पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “आज जब टेक्नोलॉजी हर हफ्ते अपडेट हो रहीं हैं, तो ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि वैश्विक संस्थाएं पिछले 80 वर्षों से बिना किसी सुधार के चलें। 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर, 20वीं सदी की टाइपराइटर पर नहीं चल सकता।”प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS में हुए हालिया विस्तार को समय के अनुसार ढलने की सकारात्मक मिसाल बताया और कहा कि अब यही बदलाव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), विश्व व्यापार संगठन (WTO) और बहुपक्षीय विकास बैंकों में भी दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि BRICS यह दिखाता है कि संस्थाएं समय के साथ बदल सकती हैं, और अब समय आ गया है कि अन्य वैश्विक संस्थाएं भी इसी तरह सुधार करें।पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब BRICS ने अपनी सदस्यता का विस्तार कर मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, ईरान, इथियोपिया और इंडोनेशिया जैसे देशों को शामिल किया है, जो ग्लोबल साउथ की आवाज को और मजबूत करने में मदद करेगा। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को 17वें BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो स्थित म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट में आयोजित पारंपरिक फैमिली फोटो सेशन में भाग लिया। इस फोटो सेशन में BRICS और इसके नए सदस्य देशों के नेताओं ने एक साथ खड़े होकर वैश्विक एकता और सहयोग का प्रतीकात्मक संदेश दिया। पीएम मोदी के साथ तस्वीर में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और अन्य सात नए सदस्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जिनमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, UAE, इंडोनेशिया और सऊदी अरब शामिल हैं।
बता दें कि यह BRICS की विस्तारित सदस्यता के साथ आयोजित पहला शिखर सम्मेलन है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा, “ब्रिक्स नेताओं के साथ रियो-डी-जेनेरियो में हमने साझा विकास और सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। BRICS में एक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक भविष्य को आकार देने की अपार क्षमता है।” वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और साझी मूल्यों को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता दोहराई गई।”फोटो सेशन से पहले पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा से संक्षिप्त मुलाकात की और लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से मिलकर अच्छा लगा।” इसके साथ ही, ब्राजील पहुंचने पर उन्होंने राष्ट्रपति लूला से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और गले मिले। उन्होंने लिखा, “इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति लूला के आभारी हैं। BRICS वैश्विक भलाई और आर्थिक सहयोग के लिए एक मजबूत ताकत बना हुआ है।”9 जुलाई तक चलने वाले इस BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूती, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिम्मेदार भरा उपयोग, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, और आर्थिक व वित्तीय विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे।- - मुंबई। मानसून को आमतौर पर यात्रा के लिए सही समय नहीं माना जाता है, लेकिन इस बार ‘जेनरेशन जेड' और ‘मिलेनियल' इस मौसम में बढ़चढ़ कर यात्रा कर रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने तथा इस समय कम खर्च और कम भीड़ के चलते मानसून में पर्यटन बढ़ रहा है। वर्ष 1981 से 1996 के बीच जन्मे लोगों को मिलेनियल और 1997 से 2012 के बीच जन्मे लोगों को जेनरेशन जेड कहा जाता है। थॉमस कुक (इंडिया) के अध्यक्ष और देश प्रमुख (अवकाश, एमआईसीई, वीजा) राजीव काले ने बयान में कहा, ''पारंपरिक रूप से यात्रा के लिए कम पसंद किया जाने वाला मौसम होने के बावजूद मानसून घूमने का आनंद लेने और बैकवॉटर से लेकर वन्यजीव सफारी, बाइकिंग ट्रेल्स, आध्यात्मिक सर्किट और आयुर्वेद उपचार तक के विशेष ऑफर के साथ रियायती दरों पर यात्रा का सही समय है।'' थॉमस कुक (इंडिया) के आंकड़ों के अनुसार, मानसून की छुट्टियों में भारत के युवाओं, कामकाजी पेशेवरों, युगल और सहकर्मियों की गहरी दिलचस्पी देखी जा रही है। एसओटीसी ट्रैवल के अध्यक्ष और देश प्रमुख (अवकाश एवं कॉरपोरेट यात्रा) एस डी नंदकुमार ने कहा कि अब छोटी अवधि की यात्रा अधिक लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि लोग सप्ताहांत में इसकी योजना बना रहे हैं। लोग छोटी और नियमित छुट्टियां चाहते हैं। इक्सिगो ग्रुप के सह-मुख्य कार्यपालक अधिकारी रजनीश कुमार ने भी कहा कि इस साल मानसून के मौसम में मांग में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साल गर्मी में कश्मीर में अशांति के कारण लोग अब धूमने की योजना बना रहे हैं।
- नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूसी और चीनी समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं और द्विपक्षीय सहयोग और हितों के मुद्दों पर चर्चा की। ये बैठकें रियो डी जेनेरियो में ‘ब्रिक्स' देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक के दौरान आयोजित की गईं। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा कि रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव के साथ बैठक के दौरान सीतारमण ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभार जताया। दोनों नेताओं ने भारत-रूस दीर्घकालिक साझेदारी पर चर्चा की।वित्त मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच आपसी विश्वास और समझ का स्तर अनुकरणीय है तथा हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी मजबूत और स्थिर बनी हुई है। दोनों पक्षों ने वित्तीय क्षेत्र में सहयोग के साथ-साथ नव विकास बैंक (एनडीबी) से संबंधित मामलों सहित द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा की। सीतारमण ने चीनी समकक्ष लैन फोआन के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने साझा समृद्ध मानव पूंजी, गहरे संबंधों और बढ़ते आर्थिक प्रभाव के कारण विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। वित्त मंत्रालय ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि दोनों नेताओं ने सितंबर, 2024 में समरकंद में एआईआईबी की वार्षिक बैठकों के दौरान हुई अपनी पिछली बैठक को याद किया। सीतारमण ने रेखांकित किया कि भारत और चीन समावेशी वैश्विक विकास और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट स्थिति में हैं क्योंकि दोनों देश दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं। वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच गहन सहयोग से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की आवाज को बढ़ाने में मदद मिलेगी, तथा वैश्विक आख्यानों को आकार देने में मदद मिलेगी, जो वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेंगे। इंडोनेशिया के उप वित्त मंत्री थॉमस दजिवांदोनो के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि भारत शीघ्र ही इंडोनेशिया आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की मेजबानी करने की आशा करता है। वित्त मंत्रालय ने ‘एक्स' पर कहा कि उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद इंडोनेशिया को उसके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने ब्रिक्स, यूपीआई और रुपे, जी-20, एमडीबी सुधार, द्विपक्षीय व्यापार, पर्यटन, वित्तीय प्रौद्योगिकी और वित्तीय बाजारों पर भी चर्चा की। ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद के साथ द्विपक्षीय बैठक में उन्होंने द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
-
नयी दिल्ली। भारत में छोटे किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने में सक्षम बनाने के लिए लगभग 75 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के अध्यक्ष अल्वारो लारियो ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त पहुंचाना दुनियाभर में और भारत में ग्रामीण समुदायों के लिए एक गंभीर चुनौती है। लारियो ने साक्षात्कार में कहा कि भारत में आईएफएडी के लिए तीन बड़े सवाल हैं, ''हम किसानों के लिए कृषि को अधिक लाभदायक कैसे बना सकते हैं, हम उत्पादकता को कैसे बढ़ा सकते हैं जबकि हम जलवायु झटकों से निपट रहे हैं और हम खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर कैसे बढ़ सकते हैं।'' वैश्विक खाद्य संकट के जवाब में 1977 में स्थापित आईएफएडी एक विशेष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है। यह ग्रामीण समुदायों में भुखमरी और गरीबी से निपटता है। ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर छोटे और सीमांत किसानों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में पूछने पर लारियो ने कहा कि यह एक प्रमुख चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ''छोटे किसानों को कई तरह के जलवायु झटकों से निपटने के लिए कम से कम 75 अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है।'' वित्त वर्ष 2015-16 की 10वीं कृषि जनगणना के अनुसार, दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान भारत के सभी किसानों का 86.2 प्रतिशत हैं, लेकिन उनके पास खेती की केवल 47.3 प्रतिशत भूमि है। उन्होंने कहा, ''भारत के मामले में हम मौसमी जल की कमी, बढ़ते तापमान, अधिक बार सूखे को देख रहे हैं। इसलिए ऐसे कई निवेश हैं जो वास्तव में वैश्विक स्तर पर इन छोटे किसानों की मदद कर सकते हैं।''
- नागपुर,। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान युद्धों का हवाला देते हुए कहा कि महाशक्तियों की तानाशाही और निरंकुशता के कारण समन्वय, आपसी सद्भाव और प्रेम खत्म हो रहा है और दुनिया भर में संघर्ष का माहौल है। भारत को दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देने वाली बुद्ध की भूमि बताते हुए गडकरी ने अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की समीक्षा और विचार-विमर्श के बाद भविष्य की नीति निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यहां ‘बियॉन्ड बॉर्डर्स' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ये संघर्ष ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जहां विश्व युद्ध ‘कभी भी' छिड़ सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध से संबंधित तकनीकी प्रगति भी मानवता की रक्षा करना कठिन बना रही है।उन्होंने कहा कि युद्ध से संबंधित तकनीकी प्रगति मानवता की रक्षा करना भी कठिन बना रही है। गडकरी ने कहा, ‘‘इजराइल और ईरान के साथ-साथ रूस और यूक्रेन में युद्ध के बीच दुनिया भर में संघर्ष का माहौल है। स्थिति ऐसी है कि इन दो युद्धों की पृष्ठभूमि में कभी भी विश्व युद्ध होने की आशंका है।'' गडकरी ने कहा कि उन्नत तकनीक के कारण युद्ध के आयाम बदल गए हैं, मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे टैंक और अन्य प्रकार के विमानों की प्रासंगिकता कम हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘इन सबके बीच मानवता की रक्षा करना मुश्किल हो गया है। अक्सर नागरिक बस्तियों पर मिसाइलें दागी जाती हैं। इससे गंभीर समस्या पैदा हो गई है और इन सभी मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर चर्चा करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कहना सही नहीं होगा, लेकिन (असल में) यह सब धीरे-धीरे विनाश की ओर ले जा रहा है। महाशक्तियों की तानाशाही और निरंकुशता समन्वय, सद्भाव और प्रेम को खत्म कर रही है।''
- आणंद (गुजरात)। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को सहकारिता क्षेत्र के नेताओं से अपील की कि वे सफलता प्राप्त करने के लिए पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सहकारी संगठनों के सदस्यों के हितों को अपनी "कार्य संस्कृति" में सर्वोच्च स्थान दें। सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर शाह ने यहां अमूल डेयरी के परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी और सदस्यों (सहकारी क्षेत्र के किसानों और समितियों) को साथ रखना महत्वपूर्ण है।" शाह ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बिना सहकारी समितियां समृद्ध नहीं हो सकतीं।उन्होंने कहा, "हमारे कार्यक्षेत्र में लोगों के हितों को केंद्र में रखना भी महत्वपूर्ण है।"शाह ने सहकारी समितियों से इन तीन सिद्धांतों को अपनी कार्य संस्कृति में शामिल करते हुए जम्मू-कश्मीर से लेकर 'कामाख्या' (असम में एक मंदिर) और देश के हर गांव में इनका प्रचार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में नमक सहकारी समिति की शुरुआत सहित कार्यक्रम के दौरान शुरू की गई दस पहलों से अमूल की तरह एक मजबूत ब्रांड का निर्माण होगा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में दो लाख प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसी) का पंजीकरण, त्रिभुवन, पहले राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय की नींव रखी गई है और डेयरी क्षेत्र में तीन नयी राष्ट्रीय सहकारी समितियों का निर्माण किया गया है। शाह ने इस क्षेत्र से पांच 'पी' - 'पीपुल्स' (जनता), 'पीएसी', 'प्लेटफॉर्म' (मंच), 'पॉलिसी' (नीति) और 'प्रोस्पेरिटी' (समृद्धि) पर ध्यान देने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि चार साल पहले मोदी ने 'सहकारिता से समृद्धि' के मंत्र के साथ सहकारिता मंत्रालय की नींव रखी थी, जिससे सहकारी व्यवस्था में नयी जान आई। उन्होंने कहा कि दुग्ध सहकारी संस्था अमूल का वार्षिक कारोबार अगले साल 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। शाह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।उन्होंने कहा कि मुखर्जी के बिना कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं बन पाता। उन्होंने कहा, "मुखर्जी ने कश्मीर के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया और 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे' का नारा बुलंद किया।" केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के भारत का हिस्सा बनने का पूरा श्रेय मुखर्जी और स्वामी प्रणवानंद को जाता है। उन्होंने कहा, "मुखर्जी (जो उस समय उद्योग मंत्री थे) ने तुष्टिकरण की नीति के विरोध में जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। जिस पार्टी जनसंघ की शुरुआत उन्होंने 10 सदस्यों के साथ की थी, वह आज 12 करोड़ सदस्यों वाली भाजपा के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।" शाह ने अमूल की कुछ नयी बुनियादी ढांचा विस्तार परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें अत्याधुनिक मोजेरेला चीज विनिर्माण सुविधा, एक पूरी तरह से स्वचालित अल्ट्रा-हाई प्रोसेसिंग (यूएचटी) संयंत्र, खटराज में एक अत्याधुनिक चीज गोदाम और मोगर में अमूल चॉकलेट संयंत्र का विस्तार शामिल है। अमूल या गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड 36 लाख किसान सदस्यों और 18 सदस्य संघों से प्रतिदिन 320 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदता है।
-
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि हजरत इमाम हुसैन (एएस) द्वारा दिया गया बलिदान धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वह लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट में कहा, “हजरत इमाम हुसैन (ए.एस.) का बलिदान धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है। वह लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।”आशूरा-ए-मुहर्रम का पवित्र उत्सव इस्लामी इतिहास में एक मार्मिक दिन है, जो पैगंबर मुहम्मद के सम्मानित पोते हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का सम्मान करता है। यह दिन अत्याचार के सामने साहस, बलिदान और दृढ़ता का पर्याय है। यह दिन अत्याचार के सामने साहस, बलिदान और दृढ़ता का पर्याय है।लाखों लोग कर्बला की लड़ाई में सत्य, धार्मिकता और न्याय के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र होते हैं।आज रविवार को पूरे देश में 10वां मुहर्रम मनाया जा रहा है, जिसे आशूरा कहा जाता है। मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है। दुनिया भर के शिया मुसलमान सार्वजनिक शोक मनाते हैं। मुस्लिम कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम का 10वां दिन इमाम हुसैन की शहादत का दिन है, जिन्हें 680 ई. में इराक के कर्बला क्षेत्र में फ़रात नदी के तट पर राजा यज़ीद की सेना ने शहीद कर दिया था। इमाम हुसैन के घिरे हुए उनके परिवार और साथियों को पीने का पानी भी नहीं दिया गया, जबकि वे फरात नदी के तट पर डेरा डाले हुए थे। यहां तक कि 6 महीने के अली असगर को भी यजीद की सेना ने पीने का पानी नहीं दिया था। इमाम हुसैन ने सच्चाई पर बुराई की सर्वोच्चता को स्वीकार करने के बजाय खुद और अपने परिवार और साथियों की कुर्बानी देने का फैसला किया। शिया मुसलमान जुलूस निकालकर और छाती पीटकर इस घटना को याद करते हैं, लेकिन मुहर्रम का शोक शिया और सुन्नी दोनों मुसलमानों के लिए समान रूप से पवित्र है। -
नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच नाभा जेल ले जाया गया है। रविवार को मजीठिया की रिमांड खत्म हुई, जिसके बाद कोर्ट में पेशी हुई। मोहाली कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग केस में 25 जून को गिरफ्तारी हुई थी। पंजाब की विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। अगले दिन कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर भेजा था, जिसे बाद में 4 दिन के लिए बढ़ाया गया। फिलहाल रिमांड खत्म होने के बाद रविवार को ही छुट्टी के दिन मोहाली कोर्ट में मजीठिया की पेशी हुई।सरकारी वकील फेरी सोफत ने न्यूज एजेंसी को बताया, “कुल 15 दिन की रिमांड थी। 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन विजिलेंस विभाग ने 3 दिन रिजर्व रखे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर बाद में पूछताछ की जा सके।” वकील ने कहा कि विजिलेंस टीमें कई अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। बरामद दस्तावेजों के बाद मजीठिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है।बिक्रम सिंह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली कोर्ट लाया गया। गाड़ियों के काफिले के अलावा सड़क पर जगह-जगह पुलिस की तैनाती रही। इस दौरान मजीठिया समर्थक और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट तक पहुंचने की कोशिश की, जिन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। मजीठिया को 19 जुलाई तक नाभा जेल भेजा गया है।इधर, शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब पुलिस पर पार्टी नेताओं को घर में नजरबंद रखने के आरोप लगाए हैं। अकाली दल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “बिक्रम सिंह मजीठिया की अदालत में पेशी से पहले भगवंत मान सरकार फिर घबरा गई। सुबह-सुबह पुलिस भेजकर अकाली नेताओं को नजरबंद कर दिया, कोर कमेटी के सदस्य जत्थेदार तीरथ सिंह महला को नजरबंद कर दिया।”इसी तरह अकाली दल ने आरोप लगाए कि “पूर्व मंत्री एवं कोर कमेटी सदस्य सिकंदर सिंह मलूका को मजीठिया की कोर्ट में होने वाली सुनवाई में जाने से रोकने के लिए पुलिस ने गांव मलूका में उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया। उनके घर के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।” - नई दिल्ली। विदेश सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जेंटीना की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ ड्रोन प्रौद्योगिकी जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और माइली के बीच बातचीत में “ड्रोन के उपयोग और विभिन्न उद्देश्यों के लिए उनके उपयोग पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।”पी. कुमारन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, “पीएम मोदी और राष्ट्रपति माइली के बीच अवैध, अनियमित और अप्रतिबंधित मछली पकड़ना, विशेष रूप से अर्जेंटीना के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में मछुआरों का अतिक्रमण और आईयूयू मछली पकड़ने से निपटने के लिए इसका उपयोग करने के बारे में चर्चा हुई।” इसके अलावा, मवेशियों के प्रबंधन के लिए ड्रोन का उपयोग करने, सीमा निगरानी के लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने के बारे में भी चर्चा हुई और अर्जेंटीना पक्ष ने इस बारे में भी बात की कि कैसे ड्रोन पारंपरिक रूप से हेलीकॉप्टरों पर निर्भरता के बजाय ड्रोन का उपयोग करके उच्च तनाव वाली बिजली ट्रांसमिशन लाइनों की निगरानी में मदद कर सकते हैं, जो बहुत अधिक महंगा है।सहयोग के एक अन्य नए क्षेत्र के बारे में, कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना को अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। वहीं, दोनों नेताओं ने भारत द्वारा संचालित एक पहल के तहत सहयोग पर चर्चा की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस कहा जाता है। यह छह चिन्हित बड़ी बिल्लियों – शेर, बाघ, जगुआर आदि के संरक्षण में आईबीसीए के सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना का अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने और बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के संदर्भ में अनुभव साझा करने और क्षमता निर्माण पर हमारे साथ काम करने के लिए स्वागत किया।विदेश मंत्रालय के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) को 2023 में पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा नामक सात बड़ी बिल्लियों का संरक्षण करना है, जिसमें संबंधित हितधारकों के बीच सहयोग और तालमेल की सुविधा, दुनिया भर में बड़ी बिल्लियों के संरक्षण को प्राप्त करने के लिए सफल संरक्षण प्रथाओं और विशेषज्ञता का समेकन जैसे उद्देश्य शामिल हैं और यह वैश्विक वन्यजीव संरक्षण के लिए भारत के नेतृत्व और प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।वहीं, 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 5 से 8 जुलाई तक ब्राजील की यात्रा पर रहेंगे। ब्रिक्स नेताओं का शिखर सम्मेलन रियो डी जेनेरियो में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी शनिवार को ब्राजील पहुंच गए हैं।शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जिम्मेदार उपयोग, जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक और वित्तीय मामलों सहित प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
-
जैसलमेर.जैसलमेर जिले में शुक्रवार रात एक कार की टक्कर से दो किसानों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार यह हादसा सांगड़ थाना इलाके में हुआ। पुलिस ने बताया कि पचपदरा निवासी किसान भूराराम (42) व सुरता राम (51) खेती के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मोहनगढ़ जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि भेलानी टोल नाके के पास ट्रैक्टर का एक टायर पंचर हो गया, उसे ठीक करने के दौरान एक कार ने ट्रैक्टर को तेज गति से टक्कर मार दी। पुलिस ने बताया कि किसानों को अस्पताल ले जाया गया जहां जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- भुवनेश्वर। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ओडिशा के छठी शताब्दी में निर्मित स्वप्नेश्वर महादेव मंदिर को संरक्षित स्मारक स्थल घोषित किया है। यह शिव मंदिर खुर्दा जिले के बानपुर प्रखंड के पुंजियामा गांव में स्थित है। एएसआई द्वारा दो जुलाई को जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार यह घोषणा करती है कि निर्दिष्ट प्राचीन स्मारक...राष्ट्रीय महत्व का है।'' ओडिशा के कानून मंत्री और हिंदू धर्मार्थ आयोग का कार्यभार देख रहे पृथ्वीराज हरिचंदन ने ओडिशा के प्राचीन मंदिर के संरक्षण में विशेष योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत और जी किशन रेड्डी के प्रति आभार व्यक्त किया।हरिचंदन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट में कहा कि उनके पिता विश्वभूषण हरिचंदन ने 1977-78 में, जब वे ओडिशा के तत्कालीन संस्कृति मंत्री थे, मंदिर के रखरखाव और संरक्षण की जिम्मेदारी राज्य हिंदू धर्मार्थ आयोग को दे दी थी। हरिचंदन ने कहा कि बाद में मंदिर उपेक्षा की स्थिति में चला गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के केंद्र में कार्यभार संभालने के बाद एएसआई ने मंदिर की जिम्मेदारी संभालने की प्रक्रिया शुरू की। स्वप्नेश्वर मंदिर, ओडिशा की प्राचीन वास्तुकला और आध्यात्मिक विरासत का एक दुर्लभ अवशेष है, ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना छठी शताब्दी में शैलोद्भव राजवंश के दौरान हुई थी।
-
गुरुग्राम (हरियाणा), पांच जुलाई (भाषा) गुरुग्राम पुलिस ने मोबाइल फोन के गुम होने को लेकर हुए विवाद में अपने दोस्त को इमारत की पांचवीं मंजिल से कथित रूप से धक्का देकर मारने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार का यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान कन्हैया उर्फ प्रशांत (20) के रूप में हुई है जो उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का निवासी है। पुलिस का कहना है कि मृत व्यक्ति के चचेरे भाई ने घटना के बारे में शिकायत की थी।
चचेरे भाई ने पुलिस को बताया कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला आकाश पाठक करीब 15 दिन पहले काम के लिए दिल्ली आया था और वह बस कुशला गांव में किराये के एक कमरे में अपने दोस्तों के साथ रह रहा था। पुलिस का कहना है कि शिकायतकर्ता को पाठक की मौत की सूचना मिली तथा वह उसके परिवार के साथ मौके पर पहुंचा। घटना स्थल पर पहुंचने पर शिकायकर्ता को बताया गया कि पाठक की छत से गिरकर मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक हालांकि, बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि पाठक और आरोपी कन्हैया के बीच मोबाइल फोन गुम होने को लेकर बहस हुई थी। इस झगड़े के दौरान आरोपी कन्हैया ने कथित तौर पर आकाश को पांचवीं मंजिल से धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। शिकायत के बाद आईएमटी मानेसर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘आरोपी ने बाद में कबूल किया कि उसने मोबाइल फोन खोने को लेकर हुए विवाद के बाद आकाश को घर की पांचवीं मंजिल से धक्का दिया था। मामले की जांच जारी है।'' -
मंगलुरु. कर्नाटक के मंगलुरु से करीब 30 किमी दूर उल्लाल के निकट मदूर में एक घरेलू विवाद के दौरान कांच की आलमारी पर प्रहार कर दिया, जिससे इस घटना में नस कटने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी । पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने शनिवार को बताया कि घटना बृहस्पतिवार की रात को हुयी, विवाद के दौरान पीड़ित व्यक्ति नशे में था। उन्होंने बताया कि मरने वाले की पहचान नितेश नायक (38) के रूप में की गयी है । सूत्रों ने बताया कि नितेश का अक्सर अपने पिता और भाई के साथ घरेलू विवाद होता रहता था। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की रात कथित तौर पर एक बार फिर उनके बीच विवाद हो गया। उन्होंने बताया कि इसी दौरान नितेश ने कांच की आलमारी पर जोर से हाथ मारा, जिससे कांच का टुकड़ा चुभने से उसकी नस कट गयी और रक्तस्राव के कारण उसकी मौत हो गयी। नितेश की मां की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर उल्लाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच कर रही है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं 1.4 अरब भारतीयों के साथ परम पावन दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के स्थायी प्रतीक रहे हैं। उनका संदेश सभी धर्मों में सम्मान और प्रशंसा की प्रेरणा रहा है। हम उनकी अच्छी सेहत और लंबी उम्र की प्रार्थना करते हैं।”प्रधानमंत्री मोदी इस वक्त ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हैं, जहां वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और राजकीय यात्रा पर हैं। यह शुभकामनाएं उस समय आई हैं जब दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर विवाद चल रहा है। चीन ने भारत से कहा है कि वह इस मामले में ‘सावधानी’ बरते। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत को अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी रखनी चाहिए और चीन के अंदरूनी मामलों, खासकर तिब्बत से जुड़े मुद्दों में दखल नहीं देना चाहिए।हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहने वाले दलाई लामा को बीजिंग एक अलगाववादी मानता है। चीन को दलाई लामा का अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मिलना या किसी सरकारी कार्यक्रम में जाना पसंद नहीं है।साल 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा को उनके 86वें जन्मदिन पर सार्वजनिक रूप से शुभकामनाएं देकर एक बड़ा बदलाव किया। इससे पहले की सरकारें आम तौर पर दलाई लामा से दूरी बनाए रखती थीं ताकि चीन नाराज न हो। लेकिन 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने खुले तौर पर उन्हें शुभकामनाएं देकर इस पुराने रवैये से साफ तौर पर अलग रास्ता अपनाया, जो भारत की रणनीति में एक अहम बदलाव था।14वें दलाई लामा को अमेरिकी विदेश मंत्री ने ‘बेजुबानों की आवाज’ कहते हुए बधाई दी। अपने 90वें जन्मदिन से पहले, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने कहा था, ‘दलाई लामा की प्रथा भविष्य में जारी रहेगी। मेरे मरने के बाद उत्तराधिकारी का चयन तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार होगा।’
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार (स्थानीय समय) को ब्राजील की चार दिवसीय यात्रा पर रियो डी जेनेरियो पहुंचने पर भारतीय समुदाय द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस यात्रा के दौरान, वह 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और राजकीय यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रियो डी जेनेरियो में उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए ब्राजील में भारतीय समुदाय की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि वे किस तरह भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए हैं और भारत के विकास के लिए कितने भावुक हैं। उन्होंने स्वागत की कुछ झलकियां एक्स पर भी साझा कीं।पीएम मोदी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “ब्राजील के भारतीय समुदाय के सदस्यों ने रियो डी जेनेरियो में बहुत ही शानदार स्वागत किया। यह आश्चर्यजनक है कि वे भारतीय संस्कृति से कैसे जुड़े हुए हैं और भारत के विकास के बारे में भी बहुत भावुक हैं! स्वागत की कुछ झलकियाँ यहां दी गई है।” सांस्कृतिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में, ब्राजील के एक संगीत समूह ने भी भक्ति गीत प्रस्तुत किए, जिनमें भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया।












.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)




.jpeg)


.jpeg)


.jpg)
