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- नई दिल्ली। 2019-20 में देश में कुल खाद्यान्न की पैदावार 29 करोड़ छप्पन लाख सत्तर हजार टन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष से एक करोड़ चार लाख साठ हजार टन अधिक है। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 की प्रमुख फसलों की पैदावार का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह जानकारी दी।वर्ष 2019-20 के दौरान चावल की पैदावार लगभग ग्यारह करोड़ अस्सी लाख टन होने का अनुमान है। यह पिछले पांच साल की औसत पैदावार से अस्सी लाख टन अधिक है। इसके अलावा इस अवधि में गेहूं की पैदावार रिकार्ड दस करोड़ सत्तर लाख टन से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले साल से 35 लाख अस्सी हजार टन अधिक है। वर्ष 2019-20 में दालों की कुल पैदावार दो करोड़ तीस लाख टन से ज्यादा होने की संभावना है। यह पिछले पांच वर्ष की औसत पैदावार से इक्कीस लाख नब्बे हजार टन अधिक है।मंत्रालय ने कहा है कि जून से सितम्बर 2019 की अवधि में मॉनसून में कुल वर्षा दीर्घकाल के औसत से दस प्रतिशत से ज्यादा रही है। वर्ष 2019-20 के दौरान ज्यादातर फसलों की पैदावार अनुमानित पैदावार से अधिक रही है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू करेगी इसके लिए 20 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 11 हजार करोड़ रूपये समुद्री और अंतरदेशीय गतिविधियों के लिए और नौ हजार करोड रूपये फिशिंग हारबर, कोल्ड चेन और विपणन जैसे बुनियादी ढांचे के लिए दिया जाएगा। इससे 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।20 लाख करोड रूपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त के बारे में नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने यह घोषणा की।श्रीमती सीतारामन ने बताया कि मवेशियों के टीकाकरण के लिए 13 हजार 343 करोड़ रूपये का कोष बनाया गया है। डेयरी प्रसंस्करण के लिए 15 हजार करोड़ रूपये के पशुपालन बुनियादी ढांचा कोष की घोषणा की गई है। हर्बल खेती को बढावा देने के लिए चार हजार करोड़ रूपये के कोष की घोषणा की गई है। अगले दो वर्ष में इसके तहत दस लाख हेक्टेयर भूमि पर हर्बल खेती की जाएगी।मधुमक्खी पालन के लिए पांच सौ करोड रूपये का आवंटन किया गया है। इससे दो लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा। सरकार ने सभी फलों और सब्जियों को आपरेशन ग्रीन के अंतर्गत लाने की घोषणा की है। पहले इसमें, टमाटर, प्याज और आलू शामिल थे। इसके लिए पांच सौ करोड रूपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमन ने आज आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खेती और किसानों से जुड़े क्षेत्रों पर वित्तीय पैकेज का एलान किया। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को बधाई देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री, अमित शाह, ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, मोदी सरकार का विश्वास है कि किसानों के कल्याण में भारत का कल्याण निहित है। आज किसानों को दी गई यह अभूतपूर्व सहायता मोदी जी की किसानों को सशक्त बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदर्शिता को दर्शाता है।लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सहायता के लिए उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों के विषय में गृहमंत्री ने कहा, मोदी सरकार ने लॉकडाउन में किसानों को राहत देते हुए, 74,300 करोड़ रुपये की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा; पीएम किसान के अंतर्गत 18,700 करोड़ रुपये उनके खाते में पहुंचाए; फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6,400 करोड़ रुपये दिए। श्री शाह के अनुसार विषम परिस्थितियों में भी किसानों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की यह संवेदनशीलता सम्पूर्ण विश्व के लिए अनुकरणीय है।पशुपालन क्षेत्र से सम्बन्धित पैकेज पर गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश में दूध की खपत 20-25 प्रतिशत तक कम हो गई, लेकिन मोदी सरकार ने 111 करोड़ लीटर अधिक दूध खरीद कर किसानों को 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया। आज पशुपालन क्षेत्र के 2 करोड़ किसान को दी गयी 5,000 करोड़ रुपये की सहायता के लिए श्री शाह ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की घोषणा पर गृहमंत्री ने कहा, मुझे पूर्ण विश्वास है की आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनने का निर्णय भारत के कृषि क्षेत्र और किसानों के कल्याण को एक नई दिशा देगा ।श्री शाह ने कहा माइक्रो फूड एंटरप्राइज़ेज़ के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रदान करने के निर्णय के साथ क्लस्टर बेस्ड अप्रोच अपना कर विभिन्न क्षेत्रों में आम, केसर, मिर्च व बांस जैसे छोटे-छोटे उद्यमों से जुड़े लोगों को एक अभूतपूर्व बल प्रदान करेगा। इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी बल्कि उन्हें बेहतर बाज़ार भी उपलब्ध होगा ।मत्स्य पालन क्षेत्र से सम्बंधित पैकेज पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए गृहमंत्री ने कहा, मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र को 20 हजार करोड़ रुपये प्रदान करने के निर्णय से इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, आधुनिकीकरण, उत्पादकता व गुणवत्ता को नई शक्ति मिलेगी और नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे।श्री शाह ने कहा कि पशुपालन क्षेत्र के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का एनिमल हस्बंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलप्मेंट फंड, औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपये और मधुमक्खी पालन को 500 करोड़ रुपये देने के निर्णयों से इन क्षेत्रों का अभूतपूर्व विकास होगा व इससे इन क्षेत्रों में आय और रोजग़ार भी बढ़ेंगे।कृषि विपणन सुधार के ऐतिहासिक निर्णय पर गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार एक केन्द्रीय कानून लाएगी जिससे किसानों को बेहतर कीमत पर अपनी उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प मिलेंगे। इसके बाद वे बैरियर-मुक्त अंतर-राज्य व्यापार कर पाएंगे और ई-ट्रेडिंग से उनकी उपज देश के कोने-कोने तक पहुँच पाएगी।
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पूर्णबंदी के दौरान सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रतिबंधों को देखते हुए यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को विशेष बसें अनुबंधित करने की अनुमति दे दी है।गृह मंत्रालय ने कहा है कि मानक संचालन प्रक्रिया के अंतर्गत ई-टिकट की पुष्टि के आधार पर रेलवे स्टेशन से निवास तक यात्रियों को लाने की अनुमति दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे रेलवे स्टेशनों से विशेष बसें चलाने की अनुमति दी गई है जहां सार्वजनिक या निजी परिवहन उपलब्ध नहीं है।---
- नई दिल्ली। इस वर्ष केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत 1 जून की सामान्य तारीख की तुलना में थोड़ी देर से होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मानसून दक्षिणी राज्य में पांच जून तक आएगा।भारत मौसम विज्ञान विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने केरल के ऊपर 2020 के दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आरंभ का पूर्वानुमान प्रस्तुत किया है।वैसे तो केरल में मानसून आने के साथ देश में चार महीने के बरसात के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। पिछले साल मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि केरल में मानसून 6 जून तक आएगा। मानसून 2 दिनों बाद 8 जून को केरल पहुंच गया था। वहीं, 2018 में तो मौसम विभाग ने जिस तारीख 29 मई को मानसून के केरल पहुंचने का अनुमान लगाया था, उसी दिन पहुंचा। इसलिए इस बार भी मानसून के 5 जून के आसपास पहुंचने की पूरी संभावना है।पिछले 15 वर्षों (2005-2019) के दौरान केरल के ऊपर मॉनसून के आरंभ होने की तिथि का आईएमडी का पूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित होता रहा है। पिछले पांच वर्षों (2015-2019) के लिए पूर्वानुमान सत्यापन नीचे की सारिणी में दिया गया है-वर्ष 2015- पूर्वानुमान 30 मई -आरंभ तिथि 5 जूनवर्ष 2016 -पूर्वानुमान 7 जून -आरंभ तिथि- 8 जूनवर्ष 2017 -पूर्वानुमान 30 मई -आरंभ तिथि- 30 मईवर्ष 2018 -पूर्वानुमान 29 मई -आरंभ तिथि- 29 मईवर्ष 2019 -पूर्वानुमान 6 जून- आरंभ तिथि- 8 जूनभारतीय मॉनसून क्षेत्र में, आरंभिक मॉनसून वर्षा दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर होती है तथा इसके बाद मॉनसून की हवायें पूरे बंगाल की खाड़ी में उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ती हैं। मॉनसून आरंभ/प्रगति की नई सामान्य तिथियों के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर के ऊपर बढ़ता हैं। वर्तमान में, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में एक सुचिन्हित निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र में एक दबाव के रूप में संकेंद्रित होने का अनुमान है और फिर तीव्र होकर 16 मई की शाम तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों मेंएक चक्रवाती तूफान में सघन हो जाने की संभावना है। इस घटना से जुडऩे के कारण, अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अंडमान सागर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह एवं दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों की ओर बढऩे का अनुमान है।
- नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों को स्टेशनों से ट्रेन यात्रियों को उनके गंतव्यों तक ले जाने के लिए उन स्थानों पर विशेष बसों का इंतजाम करने की अनुमति दी जहां सरकारी या निजी वाहन नहीं हैं ।सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि विभिन्न जोनों में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन पर लगी पाबंदियों को ध्यान में रखकर कुछ राज्य सरकारों ने ट्रेनों से पहुंच रहे यात्रियों को स्टेशनों से घर पहुंचाने के लिए विशेष बसों की अनुमति देने का अनुरोध किया था। श्री भल्ला ने कहा, जहां निजी एवं सरकारी परिवहन उपलब्ध नहीं है, वहां की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को एक दूसरे के बीच दूरी कायम करते हुए यात्रियों को स्टेशन से ले जाने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था करने की अनुमति दी गयी है। गृह सचिव ने बताया कि गृह मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया के तहत यात्रियों को रेलवे स्टेशन से घर तक आने जाने की कंफर्म्ड टिकट के आधार पर इजाजत दी गयी थी। केंद्र सरकार ने मंगलवार से दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्सों के 15 स्थानों के बीच ट्रेन सेवाएं बहाल की थी। वैसे भारतीय रेलवे प्रवासी श्रमिकों को पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश पहुंचाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से सैंकड़ों ट्रेनें चला रही हैं।----
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि मछुआरों और पशुपालन के काम से जुड़े किसानों सहित 2.5 करोड़ किसानों को सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण मिल सकेगा।कोविड-19 संकट की मार झेल रहे लघु और सीमांत किसानों के लिए राहत उपायों की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने गुरुवार को कहा कि नाबार्ड द्वारा अतिरिक्त 30 हजार करोड़ रुपये की आपातकालीन कार्यशील पूंजी का वित्तपोषण किया जायेगा, जिससे लगभग तीन करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इस वर्ष के दौरान सामान्य पुनर्वित्तपोषण के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रदान की जाने वाली 90 हजार करोड़ रुपये की राशि से आगे बढ़कर 30 हजार करोड़ रुपये की यह धनराशि दी जायेगी।वित्त मंत्री ने कहा, नाबार्ड, सहकारी ग्रामीण बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की, फसल ऋण आवश्यकताओं के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त पुनर्वित्तपोरण समर्थन प्रदान करेगा। यह मई - जून में रबी फसल की कटाई बाद तथा मौजूदा खरीफ फसलों की जरुरतों को पूरा करने में मदद करेगा। किसानों को दो लाख करोड़ रुपये रियायती ऋण देने के संबंध में, मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पीएम-किसन लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। सीतारमण ने कहा, इस तरह के किसान, रियायती ब्याज दर पर संस्थागत ऋण प्राप्त कर सकेंगे। मछुआरों और पशुपालन किसानों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के कोविड-19 आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तहत प्रोत्साहन उपायों के दूसरे दौर की घोषणा करते हुए, सीतारमण ने कहा कि आने वाले दिनों में किसानों के लिए और भी कदमों की घोषणा की जाएगी। सीतारमन ने कहा, प्रत्येक पैकेज के वक्त हम प्रवासी श्रमिकों, गरीबों, जरूरतमंदों और संबंधित लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखकर उसे प्राथमिकता देंगे और यह जारी रहेगा। अगर मैंने आज कुछ चीजों के बारे में नहीं बोला है तो ऐसा नहीं है कि सरकार भूल गयी है। ऐसा बिल्कुल नहीं है।उन्होंने 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा किए गए उपायों का स्मरण कराते हुए कहा कि 4.22 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण लेने वाले तीन करोड़ किसानों ने तीन महीने तक कर्ज किस्त का भुगतान करने पर लगी रोक का लाभ उठाया है। इसके साथ ही, एक मार्च से फसली ऋणों पर ब्याज सहायता और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, 25 हजार करोड़ रुपये की ऋण सीमा के साथ 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक मार्च, 2020 से 30 अप्रैल, 2020 के बीच कृषि क्षेत्र में 86 हजार 600 करोड़ रुपये के 63 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं। नाबार्ड ने मार्च 2020 में सहकारी बैंकों और आरआरबी को 29 हजार 500 करोड़ रुपये का पुनर्वित्तपोषण प्रदान किया है। ग्रामीण अवसंरचना के लिए मार्च के दौरान ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के तहत 4,200 करोड़ रुपये का समर्थन प्रदान किया गया है। इसके अलावा, मार्च 2020 से राज्य सरकार की संस्थाओं को कृषि उपज की खरीद के लिए 6,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी सीमा को मंजूरी दी गई है।--
- नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में आज फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नैशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार आज एक कम तीव्रता का भूकंप दिल्ली के पीतमपुरा में आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.2 थी। यह भूकंप 11 बजकर 28 मिनट पर आया था।तीव्रता कम होने की वजह से बहुत से लोगों को भूकंप के झटकों का अहसास भी नहीं हुआ। दिल्ली में अप्रैल-मई में अब तक पांच भूकंप आ चुके हैं।गौरतलब है कि इस महीने की 10 तारीख नई दिल्ली के वजीरपुर में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसी साल 12 और 13 अप्रैल को भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।दरअसल भूकंप के मामले में दिल्ली बेहद संवेदनशील है। भूवैज्ञानिकों ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में रखा है। यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। दिल्ली में भूकंप की आशंका वाले इलाकों में यमुना तट के करीबी इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर और गुडग़ांव, रेवाड़ी तथा नोएडा के आस-पास का क्षेत्र शामिल है।----
- नई दिल्ली। उत्तरी सिक्किम के पर्वतीय लुग्नक ला क्षेत्र में बृहस्पतिवार को हिमस्खलन की चपेट में आने से एक सैनिक की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया।अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये दोनों सैनिक उस 18 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे जो हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सूत्रों ने बताया कि घटना में गंभीर रूप से घायल हुए एक सैनिक की बाद में मौत हो गई। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व में कहा था, टीम बर्फ हटाने वाली पार्टी का हिस्सा थी और यह उत्तरी सिक्किम में अचानक से हिमस्खलन की चपेट में आ गई।--
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से संबंधित संबोधन को 19.3 करोड़ लोगों ने देखा। कोविड-19 महामारी के बाद से प्रधानमंत्री ने पांच बार टीवी पर देश को संबोधित किया है। इस सप्ताह के उनके संबोधन को दर्शकों ने सबसे अधिक समय तक देखा।प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बार्क के अनुसार कुल मिलाकर आठ मई को समाप्त हुये सप्ताह के दौरान टीवी दर्शकों की संख्या में गिरावट जारी रही। कोरोना वायरस की वजह से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से शुरू हुआ। इसे अब 17 मई तक बढ़ाया जा चुका है। बंद की वजह से लोग अपने घरों में बंद हैं जिसके चलते टीवी देखने वाले दर्शको की संख्या में लॉकडाउन के दौरान भारी इजाफा हुआ है। विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए तो समाचार और फिल्म देखने वाले दर्शकों की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन पौराणिक कथाओं पर आधारित रामायण के प्रसारण से मनोरंजन चैनलों की दर्शक संख्या में काफी बढ़ोतरी की है, जो अभी तक नए कार्यक्रम नहीं आने की वजह से संघर्ष कर रहे थे।श्री मोदी के 33 मिनट का संबोधन आत्म-निर्भर भारत पर केंद्रित था। इसे 19.3 करोड़ लोगों ने देखा। हालांकि, उनके इससे पिछले संबोधन को 20.3 करोड़ लोगों ने देखा था। हालांकि, दर्शक मिनट के हिसाब से बात की जाए, तो इसे 4.3 अरब प्रदर्शन मिनट तक देखा गया। यह प्रधानमंत्री के पांचों संबोधनों में सबसे अधिक है। बार्क ने कहा कि उनके इस संबोधन का प्रसारण 197 चैनलों ने किया। इससे पिछले संबोधन का प्रसारण 199 चैनलों द्वारा किया गया था।
- - विशेष ट्रेनों में यात्रा के लिए गंतव्य स्थलों का पता बताना अनिवार्य- 30 जून तक नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग रद्द , टिकट के पूरे पैसे वापस करेगा रेलवेनई दिल्ली। रेलवे ने अपने सभी यात्रियों के लिए गंतव्य स्थलों का पता बताना अनिवार्य कर दिया है ताकि जरूरत पडऩे पर उनके संपर्कों की जानकारी ली जा सके। इसके साथ ही रेलवे ने संकेत दिया कि 30 जून तक सिर्फ विशेष ट्रेनें ही चलेंगी, लेकिन रद्द की गयी नियमित ट्रेनों के टिकट की पूरी राशि वापस की जाएगी। रेलवे ने कहा कि 12 मई से शुरू की गयी राजधानी जैसी विशेष ट्रेनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को अब अपना पता देना होगा जहां वे जा रहे हैं। आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर इसके लिए 13 मई से ही शुरूआत कर दी गयी है।रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह यात्रियों के संपर्कों का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी यात्री के बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी मिलती है तो इसकी जरूरत हो सकती है। रेलवे के प्रवक्ता आरडी बाजपेई ने कहा, 13 मई से आईआरसीटीसी टिकट बुक करा रहे सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों का पता ले रहा है। यदि बाद में आवश्यकता पड़ी, तो यात्रियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में इससे मदद मिलेगी।30 जून तक नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग रद्द , टिकट के पूरे पैसे वापस करेगा रेलवेइस बीच रेलवे ने एक अलग आदेश में 30 जून तक की यात्रा के लिए नियमित ट्रेनों में की गई सभी पुरानी बुकिंग को रद्द करने और टिकट के पूरे पैसे वापस किए जाने की घोषणा की। रेलवे ने कहा कि उस तारीख तक की सभी बुकिंग स्वत: रद्द हो जाएंगी और उस तारीख तक नियमित यात्री सेवाओं के शुरू होने की संभावना नहीं है। हालांकि रेलवे ने कहा कि एक मई से आरंभ की गई श्रमिक विशेष ट्रेन सेवाएं और 12 मई से शुरू की गई विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा। इससे पहले के आदेश में आगामी सलाह तक नियमित यात्री सेवाओं के रद्द करने की घोषणा की गयी थी। लेकिन रेलवे की गुरुवार की घोषणा ने संकेत दे दिया कि कम से कम जून के अंत तक नियमित सेवाएं शुरू होने की उम्मीद नहीं है।आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि रद्द किए जाने वाले टिकट लॉकडाउन के पहले और लॉकडाउन के दौरान 14 अप्रैल तक बुक कराए गए थे, जब रेलवे ने बुकिंग की अनुमति दी थी। इंटरनेट के माध्यम से बुक किए गए सभी टिकटों का पैसा अपने-आप वापस आ जाएगा और जिन लोगों ने 21 मार्च के बाद यात्रा के लिए टिकट खिड़की से टिकट खरीदे थे, वे यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर टिकट जमा कराके पैसा वापस ले सकते हैं। आदेश में कहा गया है, यात्री टिकट का पैसा वापस लेने के लिए तीन दिन के बजाए यात्रा की तारीख से छह महीने के भीतर स्टेशन पर टीडीआर (टिकट जमा रसीद) दाखिल कर सकते हैं और मुख्य दावा अधिकारी (सीसीओ) के कार्यालय में (10 दिन के बजाए) अगले 60 दिन में विस्तृत टीडीआर दाखिल कर सकते हैं।--
- नई दिल्ली। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने घोषणा की है कि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के जो छात्र इस साल परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाए, उन्हें कोविड-19 संकट के मद्देनजर स्कूल में होने वाली परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा।सीबीएसई के नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, स्कूल नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षाएं ले सकते हैं। कोविड-19 की अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए यह एक बार का मौका केवल इस वर्ष दिया जा रहा है।सभी सीबीएससी स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि 9वीं एवं 11वीं में जो बच्चे अनुत्तीर्ण हो गए हैं, ऐसे सभी बच्चों को ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव तरीके से टेस्ट लेने का एक अवसर प्रदान करें। सीबीएसई द्वारा जारी किए गए नोटिस को खुद मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने अपने ट्विटर हैंडर पर शेयर किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, सभी सीबीएसई स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि 9वीं एवं 11वीं में जो बच्चे अनुत्तीर्ण हो गए हैं, ऐसे सभी बच्चों को ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव तरीके से टेस्ट लेने का एक अवसर प्रदान करें।नोटिस में कहा गया है, इन अभूतपूर्व हालातों में छात्रों और अभिभावकों के निवेदन के मद्देनजर सीबीएसई ने फैसला किया है कि 9वीं और 11वीं कक्षाओं में फेल होने वाले छात्रों को एक बार फिर स्कूल आधारित टेस्ट में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यह सुविधा उन सभी छात्रों के लिए होंगी जिनकी परीक्षाएं हो चुकी हैं और रिजल्ट जारी हो गए हैं या उनकी परीक्षाएं पूरी नहीं हुईं है। यह सुविधा विषयों और प्रयासों के इतर दी जाएगी।परीक्षा किस तरह आयोजित की जाएगी इस बारे में बताते हुए नोटिस में कहा गया है, स्कूल ऐसे छात्रों के लिए ऑनलाइन/ऑफलाइन परीक्षा का आयोजन कर सकते हैं और इसके आधार पर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर सकते हैं। यह टेस्ट उन सभी विषयों के लिए आयोजित किया जाएगा जिसमें स्टूडेंट फेल हुए हैं। टेस्ट आयोजित करने से पहले स्कूल स्टूडेंट को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देंगे।---
- नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने, पाकिस्तान सीमा के निकटर्ती कुछ इलाकों में फसलों पर टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए ब्रिटेन से नयी मशीनों का आर्डर किया है।उन्होंने एक बयान में कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद राजस्थान, गुजरात और पंजाब सरकार के अधिकारी टिड्डियों के हमले को काबू करने में लगे हैं। इसके लिए ट्रैक्टर पर लगायी गयी दावा छिड़काव की मशीनें तथा दमकलें लगायी गयी हैं। इसके लिए अतिरिक्त उपकरणों की भी खरीद की जा रही है। खेतों में टिड्डियों के हमले को रोकने की रणनीति दुरुस्त करने के लिए कीटनाशक विनिर्माताओं के साथ हुए वीडियो कांफ्रेंस के बाद श्री तोमर ने कहा, केन्द्र और राज्य सरकारें टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और इसके प्रसार को रोकने में सफल भी हुए हैं। ब्रिटेन से नयी मशीनों के लिए आर्डर जारी किये जा रहे हैं और ये जल्द पहुंच जायेंगी।इस वीडियों कांफ्रेंस के दौरान कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे। कृषि मंत्री ने कहा कि सामान्यत: जून-जुलाई के दौरान प्रजनन के लिए पाकिस्तान के रास्ते टिड्डियों का दल भारत के रेगिस्तानी इलाकों में घुसता है लेकिन इस बार टिड्डियों के झुंड अप्रैल में ही राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में घुस आये थे। एक बयान में मंत्रालय ने कहा, अभी तक (यानी 11 मई 2020 तक) राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर और नागौर जिलों तथा पंजाब के फाजिल्का जिले में 14,299 हेक्टेयर क्षेत्र में हापर्स और पिंक स्वार्म को नियंत्रित किया गया है। राजस्थान के बाड़मेर, फलौदी (जोधपुर), नागौर, श्रीगंगानगर और अजमेर जिलों में टिड्डों (अपरिपक्व पिंक लोकस्ट्स) के दल सक्रिय हैं और उनके नियंत्रण काम शुरु हुआ है। उन्होंने कहा कि नुकसान उठाने वाले किसानों को केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से मुआवजा दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय ने भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की है।--
- नई दिल्ली। रेलवे ने एक मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के चलते फंसे आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया गया।यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी। इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें (301) उत्तर प्रदेश और उसके बाद बिहार (169) पहुंचीं। अन्य राज्यों में मध्य प्रदेश में 53, झारखंड में 40 ट्रेनें, ओडिशा में 38, राजस्थान में आठ, पश्चिम बंगाल में सात, छत्तीसगढ़ में छह और उत्तराखंड में चार ट्रेनें पहुंचीं। आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र में तीन-तीन ट्रेनें पहुंचीं, जबकि एक-एक ट्रेन हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा पहुंचीं।रेलवे ने कहा है कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की उचित स्क्रीनिंग की जाती है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है। सोमवार से, प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1,700 यात्रियों को ले जाना शुरू कर दिया गया था, उससे पहले ऐसी ट्रेनों में 1,200 लोगों को ले जाया जा रहा था। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को उनके घर ले जाया जा सके। शुरूआत में इन ट्रेनों का बीच में कोई ठहराव नहीं था लेकिन रेलवे ने सोमवार को घोषणा की कि गंतव्य राज्य के रास्ते में इन ट्रेनों को तीन स्थानों तक रुकने की इजाजत होगी। अधिकारियों ने कहा कि ये निर्णय कई राज्य सरकारों द्वारा इस बारे में अनुरोध करने के बाद किया गया। रेलवे ने इन विशेष सेवाओं पर हुए खर्च की घोषणा अभी नहीं की है लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि प्रति सेवा करीब 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है। केंद्र ने पहले कहा था कि ट्रेन सेवा की लागत केंद्र और राज्यों के बीच 85:15 अनुपात में साझा किया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद से सबसे अधिक ट्रेनें गुजरात से शुरू हुईं, इसके बाद केरल का नम्बर है। बिहार और उत्तर प्रदेश इन ट्रेनों के शीर्ष गंतव्य राज्य हैं। इससे पहले रेलवे इन सेवाओं के लिए शुल्क वसूलने को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आया था। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रेलवे फंसे हुए मजदूरों को तेजी से पहुंचाने के लिए अब प्रतिदिन 100 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाएगा।
- नई दिल्ली। . खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थानीय उत्पादों के लिए मुखर बनने और इसे वैश्विक बनाने के लिए किए गए आह्वान के प्रति कमर कस लिया है। स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई अपील के एक दिन बाद, केवीआईसी ने प्रमुख कार्यक्रम पीएमईजीपी के अंतर्गत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए दिशा-निर्देशों को जारी किया है।केवीआईसी के अध्यक्ष, विनय कुमार सक्सेना ने बुधवार को संबंधित एजेंसियों को पीएमईजीपी के अंतर्गत आने वाले आवेदनों की जांच करने और 26 दिनों के अंदर धन का वितरण करने के लिए उन्हें बैंकों को भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने इसकी समय-सीमा को घटाकर 15 दिन करने का भी निर्देश दिया है। एजेंसियों के लिए, प्रस्ताव तैयार करने में आवेदकों का मार्गदर्शन करना और ऋण की स्वीकृति होने तक उनकी सहायता करना अनिवार्य होगा। सभी एजेंसियां ऋण की जल्द से जल्द मंजूरी प्राप्ति के लिए बैंकों के साथ आगे की कार्यवाही करेंगी।संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, मुंबई में केवीआईसी का मॉनिटरिंग सेल दैनिक आधार पर आवेदन के प्रक्रिया की निगरानी करेगा जबकि वह प्रत्येक पखवाड़े में क्रियान्वयन एजेंसियों को फीडबैक प्रदान करेगा। इसके बाद, प्रगति रिपोर्ट को केवीआईसी के सीईओ और चेयरमैन के सामने अवलोकन के लिए रखा जाएगा।श्री सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्थानीय उत्पादनों को प्रोत्साहित करने की अपील के मद्देनजर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, आत्म-निर्भरता ही मंत्र है। पीएमईजीपी के अंतर्गत प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने से स्थानीय विनिर्माण के विकास में और तेजी आएगी। इसके माध्यम से कम से कम समय-सीमा के अंदर, अधिक से अधिक रोजगार का सृजन सुनिश्चित किया जा सकेगा। श्री सक्सेना ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग का स्थानीय रूप से वैश्विक रूप में परिवर्तन, अन्य स्थानीय उद्योगों और उद्यमों के लिए एक गहन अध्यन का विषय होगा। उन्होंने कहा कि, केवीआईसी एक नोडल एजेंसी के रूप में, पीएमईजीपी के अंतर्गत आने वाली आगामी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक जिले में एन95 मास्क, वेंटिलेटर या उनका सामान, चिकित्सा कर्मचारियों के लिए पीपीई किट, सैनिटाइजर/ लिक्विड हैंड वॉश, थर्मल स्कैनर और अगरबत्ती और साबुन के निर्माण से संबंधित कम से एक इकाई स्थापित की जाएगी। यह देश में मौजूदा कोविड-19 के संकट के कारण बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए है।संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, जांच के दौरान कार्यान्वयन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक ने 100 अंकों की तालिका में कम से कम 60 अंक प्राप्त किया है। इसी प्रकार, कच्चे माल की उपलब्धता, जनशक्ति, परिवहन और बिजली तक पहुंच जैसी तकनीकी व्यवहार्यता की भी जांच की जानी चाहिए, जिससे कि बैंक के स्तर पर अस्वीकृति को कम किया जा सके।इसी प्रकार, कार्यान्वयन एजेंसियों को बाजार का अध्ययन, प्रस्तावित उत्पाद की मांग का आंकलन, आसपास के इलाकों में इसी प्रकार के उत्पादों से संबंधित परियोजनाएं और बाजार की रणनीति की भी जांच करनी होगी। एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि यह प्रस्ताव चयनित बैंक के अधिकार क्षेत्र में आता है, जिससे कि क्षेत्राधिकार को आधार बनाकर इसकी अस्वीकृति नहीं की जा सके।----
- रेरा के तहत पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण 6 महीने के लिए बढ़ाया जाएनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और उनके रियल स्टेट नियामक प्राधिकरणों को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि रेरा (आर ई आर ए) के तहत पंजीकृत सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण स्वत: 6 महीने के लिए बढ़ा दिया जाए और कोविड-19 महामारी की वजह से यदि जरूरी हुआ तो इसे पुन: अगले 3 महीने तक के लिए बढ़ा दिया जाए।आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और उनके संबंधित रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरणों को एडवाइजरी जारी करते हुए मौजूदा कोविड-19 महामारी को प्राकृतिक आपदा मानकर फोर्स मैजियुर के रूप में विचार करने को कहा है जो रियल एस्टेट परियोजनाओं के नियमित विकास को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसमें रेरा के तहत पंजीकृत सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण अगले छह महीने बढ़ाने और कोविड-19 महामारी की वजह से बनने वाली नई परिस्थिति के अनुसार पंजीकरण को और 3 महीने आगे बढ़ाने को कहा गया है।इस उपाय से घर खरीदारों को उनके फ्लैट / घरों की डिलीवरी पाने के अधिकारों का बचाव होगा। हालांकि इसमें कुछ महीनों की देरी होगी लेकिन, इससे परियोजनाओं का निर्माण कार्य सुनिश्चित हो सकेगा।पहले भी विभिन्न कारणों से कई परियोजनाओं का निर्माण कार्य अवरुद्ध हो गया था जिससे लाखों खरीदार अपने बुक किए हुए घरों के लिए बड़ी मुश्किल स्थिति में पड़ गए। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोविड-19 रियल एस्टेट सेक्टर के कामकाज को पूरी तरह बर्बाद ना कर दे, कुछ सुधारात्मक उपाय करना अति आवश्यक हो गया है। इसलिए मौजूदा स्थिति में प्रमुख उद्देश्य परियोजनाओं को पूरा करने के लिए डेवलपर्स को जरूरी नियामक राहत देते हुए घर खरीदारों की चिंता दूर करना है ताकि सभी हितधारकों का भला हो सके।आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने घर खरीदारों, डेवलपर्स, वित्तीय संस्थानों इत्यादि समेत सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया और इस अचानक आई महामारी से उत्पन्न हालात में सर्वोत्कृष्ट समाधान ढूंढने के लिए सभी संबंधित मुद्दों पर बातचीत की।रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) के तहत अति आवश्यक सुधारात्मक उपायों के अभाव में कई रियल एस्टेट परियोजनाओं के अवरुद्ध हो जाने से मुकदमेबाजी इत्यादि के बढऩे की भी आशंका है। इससे अंतत: नतीजा यह होगा कि उन घर खरीदारों को फ्लैट की डिलीवरी नहीं हो पाएगी जिन्होंने अपने सपनों के घर के लिए जीवन भर की कमाई का निवेश कर दिया है।
- नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज फिर शाम चार प्रेस वार्ता करेंगी। खबरों के अनुसार वे 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के दूसरे चरण के बारे में जानकारी देंगी। बुधवार को उसकी पहली किस्त का ब्योरा वित्त मंत्री ने दिया था।आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। बुधवार को उसकी पहली किस्त का ब्योरा केन्द्रीय वित्त मंत्री ने देते हुए छोटे उद्योगों में काम करने वालों के लिए कई घोषणााएं की थी।पहले चरण में नौकरी पेशा से लेकर छोटे उद्योगों तक राहत देने की कोशिश की गई। आज सबकी नजरें 130 करोड़ भारतीयों के भविष्य को संवारने वाले पैकेज के दूसरे चरण की जानकारी पर टिकी हैं। चर्चा है कि एमएसमई सेक्टर के बाद वित्त मंत्री आज कृषि सेक्टर और उससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती हैं।
- नई दिल्ली। मेल, एक्सप्रेस और कुर्सी यान सेवा जल्द फिर से शुरू करने की संभावना का संकेत देते हुए रेलवे बोर्ड ने बुधवार को न केवल अपनी वर्तमान विशेष ट्रेनों, बल्कि आगामी सभी ट्रेनों में यात्रा के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची का प्रावधान शुरू करने संबंधी आदेश जारी किया।वर्तमान विशेष ट्रेनों में केवल पक्के टिकट बुक किये जा रहे हैं, वहीं 22 मई से शुरू हो रही यात्राओं के वास्ते 15 मई से टिकटों की बुकिंग में प्रतीक्षा सूची में टिकट बुक कराने का प्रावधान होगा। हालांकि रेलवे ने इन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची की सीमा एसी थ्री टायर के लिए 100, एसी टू टायर के लिए 50, स्लीपर क्लास के लिए 200, चेयर कार के लिए 100 और फस्र्ट एसी तथा एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 20-20 तय की है। रेलवे के विभिन्न जोन को भेजे गये बोर्ड के इस आदेश से संकेत मिलता है कि रेलवे वर्तमान वातानुकूलित ट्रेनों की बजाय मिली-जुली सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। इसका यह भी मतलब है कि बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों के लिए भी सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। इन ट्रेनों में तत्काल या प्रीमियम तत्काल कोटा और वरिष्ठ नागरिक कोटा उपलब्ध नहीं होगा। आरएसी टिकट भी नहीं होंगे। अधिकारियों ने बताया कि प्रतीक्षा सूची वाले टिकट धारक को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्हें उनके टिकट की पूरी कीमत वापस की जाएगी। अब तक रेलवे की ओर से और सेवाएं शुरू करने का कोई आदेश नहीं है।
- नई दिल्ली। नकदी की भारी तंगी से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को सहारा देते हुये सरकार ने बुधवार को कहा कि उनके बकाया के भुगतान के लिये 90 हजारहजार करोड़ रुपये तक की नकदी दो किस्तों में उपलब्ध कराई जायेगी।केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था का चक्र घुमाने के लिये बिजली वितरण कंपनियों का संकट दूर किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को उनकी होने वाली लेनदारी के एवज में दो समान किस्तों में नकदी उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पावर फाइनेंस कारपोर्रेशन (पीएफसी) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के जरिये यह राशि उपलब्ध कराई जायेगी। इससे वितरण कंपनियां, बिजली उत्पादन और पारेषण कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान कर सकेंगी। विद्युत उत्पादन और पारेषण कंपनियां वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को कुछ छूट भी देंगी जिसका लाभ उन्हें ग्राहकों को भी देना होगा। बिजली वितरण कंपनियों का कई राज्यों पर काफी बकाया है। बिजली आपूर्ति का उन्हें समय पर पूरा भुगतान नहीं मिल पाता है। कोविड- 19 के दौरान लॉकडाउन से स्थिति और बिगड़ी है। ऐसे में उनपर बिजली उत्पादन कंपनियों की ओर से भुगतान का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी समस्या के निदान के लिये आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जारी पैकेज में उन्हें 90 हजार करोड़ रुपये तक की नकदी उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। यह नकदी दो किस्तों में दी जायेगी।पैकेज में यह भी कहा गया है कि केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम और विद्युत उत्पादन कंपनियां बिजली वितरण कंपनियों को कुछ छूट भी देंगी लेकिन यह छूट इस शर्त पर दी जायेगी कि इसका लाभ कंपनियां अपने अंतिम ग्राहकों को उनके फिक्स्ड शुल्क में राहत के तौर पर उपवलब्ध करायेंगी।----
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए बुधवार को घोषित आर्थिक पैकेज से नकदी का प्रवाह बढ़ेगा, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूत किया जा सकेगा।उन्होंने ट्वीट किया कि इस पैकेज से कारोबार करने वालों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। मोदी ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सहित कंपनियों को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये की ऋण सहायता देने की घोषणा की है। 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे 45 लाख छोटी इकाइयों को लाभ होगा। मोदी ने कहा वित्त मंत्री सीतारमण ने बुधवार को जो घोषणा की है उससे कंपनियों विशेषरूप से एमएसएमई क्षेत्र के समक्ष आ रही दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा करेगी।
- - लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान के अंतर्गत लगभग 9.25 करोड़ किसान परिवारों को साढ़े 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जारी की गईनई दिल्ली। भारत सरकार का कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में लॉकडाउन अवधि के दौरान क्षेत्र यानी फील्ड स्तर पर किसानों की सहूलियत और कृषि गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपाय कर रहा है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नियमित रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।1.लॉकडाउन की अवधि के दौरान नेफेड द्वारा फसलों की खरीद की स्थिति-आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे 9 राज्यों से 3.17 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चने की खरीद की गई है।राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे 5 राज्यों से 3.67 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है।तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात और ओडिशा जैसे 8 राज्यों से 1.86 लाख मीट्रिक टन तूर की खरीद की गई है।रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2020-21 में कुल 277.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं की एफसीआई में आवक हुई, जिसमें से 268.90 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई है।रबी सीजन 2020-21 में ग्यारह (11) राज्यों में रबी दलहन और तिलहन के लिए कुल 3208 निर्दिष्ट खरीद केंद्र उपलब्ध हैं।पीएम-किसान-लॉकडाउन की अवधि के दौरान 24 मार्च 2020 से आज तक, लगभग 9.25 करोड़ किसान परिवार लाभांवित हुए हैं और 18,517 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
- - सीएफसीएल ने उर्वरक की शुद्धता की जांच का बताया आसान तरीकारायपुर। किसान अब सहजता से रसायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता का परीक्षण खुद कर सकते हैं। भारत सरकार के सेन्ट्रल फॅर्टिलाईजर क्वालिटी कन्ट्रोल एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट फरीदाबाद द्वारा रसायनिक उर्वरकों में मिलावट की जांच के लिए बहुत ही आसान तरीका बताया गया है। जिसके जरिए कृषक रसायिनक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच त्वरित रूप से कर सकते हैं।रसायनिक उर्वरक यूरिया में साधारण नमक, प्यरेट ऑफ पोटाश, एसएसपी, रॉक फास्फेट, चिकनी मिट्टी आदि की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसी तरह डीएपी में क्ले मिट्टी जिप्सम की गोलियां, एसएसपी, एमओपी उर्वरकों में बालू एवं साधारण नमक, उर्वरक एनपीके में एसएसपी, रॉक फॉस्फेट, एनपीके मिश्रण, जिंक सल्फेट में मैगनिश्यिम सल्फेट तथा कॉपर सल्फेट एवं फेरस सल्फेट उर्वरक में बालू व साधारण नमक की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसकी जांच किसान सीएफसीएल द्वारा विकसित विधि से स्वयं कर सकते है।उप संचालक कृषि रायपुर ने बताया कि शुद्ध यूरिया चमकदार, लगभग समान आकार के दाने वाला, पानी में पूर्णत: घुलनशील होता है। शुद्ध यूरिया को पानी घोलकर छूने पर ठंडेपन का एहसास होता है। गर्म तवे पर रखने पर शुद्ध यूरिया पूरी तरह पिघल जाता है और ऑच तेज करने पर कोई अवशेष नहीं बचता। इसकी शुद्धता के परीक्षण का सबसे आसान तरीका यह है कि थोड़ा सा पानी हथेली पर ले, दो मिनट बाद जब हथेली और पानी का तापमान एक समान हो जाए तो उसमें 10-15 दाने यूरिया के डाले। शुद्ध यूरिया पानी में पूरी तरह घुलकर हथेली को ठण्डक प्रदान करेगा। यदि ठण्डक महसूस न हो तो यूरिया मिलावटी है। यूरिया के परीक्षण का दूसरा तरीका यह है कि एक चम्मच यूरिया घोल में आधा मिलीलीटर बेरियम क्लोराईड मिलाने पर शुद्ध यूरिया का घोल स्वच्छ होगा। यदि सफेद अवक्षेप मिलता है तो यूरिया मिलावटी है।इसी तरह शुद्ध डी.ए.पी. के दानों का आकार एकदम गोल नहीं होता, डी.ए.पी. के दानों को गर्म करने या जलाने पर दाने खुलकर साबुनदाने की भांति लगभग दोगुने आकार के हो जाए तो वह शुद्ध होगा। डी.ए.पी. के दानों को लेकर फर्श पर रखें फिर जूते से ताकत से रगड़े शुद्ध डी.ए.पी. के दाने आसानी से नहीं फूटेंगे। यदि दाने आसानी से टूट जाए तो डी.ए.पी. में मिलावट है। डी.ए.पी. में नाइट्रोजन की जांच के लिए एक ग्राम पीसे हुए डी.ए.पी. चूर्ण में चूना मिलाकर सूंघने पर अमोनिया की गंध आए तो उसमें नाइट्रोजन विद्यमान है। यदि अमोनिया की गंध महसूस न हो तो डी.ए.पी. मिलावटी है। इसी तरह सिंगल सुपर फास्फेट के शुद्धता की जांच के लिए उसके एक दाने को हथेली पर रगडऩे से टूट जाए तो वह शुद्ध है। शुद्ध जिंक सल्फेट पानी में घुलनशील होता है, लेकिन इसका घोल यूरिया, पोटाश के घोल की तरह ठण्डा नहीं होता तो वह शुद्ध है। डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है।--
- -केरल में एक जून को मानसून के पहुंचने की संभावनानई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि मानसून के, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण के कारण सामान्य तिथि से करीब छह दिन पहले 16 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचने की संभावना है। मानसून आमतौर पर 20 मई के आस-पास अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पहुंचता है। पिछले महीने इसके वहां पहुंचने की संभावना संबंधी तिथि संशोधित करके 22 मई बताई गई थी। इसके बाद मानसून को केरल पहुंचने में 10 से 11 दिन लगते हैं और फिर भारत में बारिश की शुरुआत होती है।आईएमडी केरल में मानसून के पहुंचने की संभावित तिथि की जानकारी इस सप्ताह के आखिर में जारी कर सकता है। साथ ही आईएमडी ने कहा कि चक्रवात बनने की दिशा में पहले कदम के तहत निम्न दबाव वाला क्षेत्र दक्षिणपूर्वी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती दक्षिण अंडमान सागर में बुधवार की सुबह बन गया। दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों में 15 मई को दबाव के और गहरा होने की संभावना है और यह बाद में 16 मई को बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान बनकर आएगा। आईएमडी ने कहा, चक्रवात के साथ स्थितियां दक्षिण पश्चिम मानसून को बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के आस-पास 16 मई तक ले जाने के अनुकूल बनेंगी।चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि वह चक्रवाती प्रणाली पर लगातार नजर रख रहा है और संबंधित राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को नियमित जानकारी दे रहा है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात मानसून को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। मानसून के इस साल सामान्य रहने की संभावना है।केरल में एक जून को मानसून के पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद देश में चार महीने चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत होगी। आईएमडी के 1960 से 2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के कई हिस्सों में मानसून आने और वहां से इसके जाने की तारीखों में संशोधन किया गया है। पहले की तारीखें 1901 से 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं। हालांकि पहले पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया था कि केरल में मानसून के पहुंचने की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मानसून के आने की तारीख तीन से सात दिन तक आगे खिसक गयी है। दिल्ली में मॉनसून 23 जून के बजाए 27 जून और मुंबई एवं कोलकाता में 10 जून के बजाय 11 जून तक दस्तक देगा। चेन्नई में यह एक जून के बजाए चार जून को पहुंचेगा। हालांकि पश्चिमोत्तर भारत में मानसून 15 जुलाई के बजाए आठ जुलाई को पहुंचेगा। दक्षिण भारत से मानसून की वापसी की नई तारीख 15 अक्टूबर है।
- नई दिल्ली। लॉकडाउन में स्थगित रेलसेवा चरणबद्ध रूप से फिर शुरू करने की घोषणा के बाद आज दूसरे दिन नौ विशेष रेलगाडिय़ां चलाई जा रही हैं। इनमें से 8 रेलगाड़ी नई दिल्ली से विभिन्न स्थानों के लिए और नौवीं भुवनेश्वर से नई दिल्ली के लिए चल रही है।ये रेलगाडियां नई दिल्ली से हावड़ा, पटना, जम्मू तवी, तिरूवनंतपुरम, चैन्नई, रांची, मुंबई और अहमदाबाद तथा भुवनेश्वर से नई दिल्ली के लिए हैं। कल आठ रेलगाडिय़ों का परिचालन किया गया था। इनमें से तीन नई दिल्ली से अन्य स्थानों के लिए और पांच अन्य शहरों से नई दिल्ली के लिए थीं।
- नई दिल्ली। केंद्र ने नौकरशाही में बड़ा फेरबदल करते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनोज आहूजा को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का नया अध्यक्ष और अनुराग जैन को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया।कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार, इसके अलावा गुजरात संवर्ग के आईएएस अधिकारी (1989 बैच) कातिकिथला श्रीनिवास को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अवर सचिव एवं अवस्थापना अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह फिलहाल उसी विभाग में कार्यरत हैं। तेलंगाना संवर्ग की 1987 बैच की आईएएस अधिकारी वसुधा मिश्रा संघ लोक सेवा आयोग की सचिव होंगी। वह फिलहाल कृषि, सहकारिता एवं कृषि कल्याण विभाग में विशेष सचिव हैं। उन्नीस अधिकारियों को सचिवों, अवर सचिवों और संयुक्त सचिवों के पदों पर नियुक्त पर किया गया है।सीबीएसई के अध्यक्ष बनने जा रहे आहूजा फिलहाल मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में विशेष निदेशक हैं। वह 1990 बैच के ओडिशा संवर्ग के आईएएस अधिकारी हैं और सीबीएसई में अनीता करवाल की जगह लेंगे। करवाल को पहले स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में सचिव नियुक्त किया गया था। डीडीए के नये उपाध्यक्ष बनने जा रहे जैन फिलहाल अपने संवर्ग मध्यप्रदेश में कार्यरत हैं। आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय में अवर सचिव शिवदास मीणा को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। वरिष्ठ नौकरशाहों-- वी विद्यार्थी और राजेंद्र कुमार को क्रमश: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान का महानिदेशक और कर्मचारी राज्य बीमा निगम का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। विद्यार्थी फिलहाल अपने संवर्ग कर्नाटक में कार्यरत हैं और कुमार तमिलनाडु में तैनात हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में विशेष सचिव संजीव कुमार को गृह मंत्रालय में सीमा प्रबंधन विभाग का सचिव बनाया गया है।---