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- नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 रोगियों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी देने के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार बहुत हल्के, हल्के और मामूली लक्षण वाले रोगियों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार बिना कोविड परीक्षण के छुट्टी दे दी जाएगी।कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती कराए गए बहुत हल्के, हल्के और पूर्व लक्ष्ण वाले लोगों के तापमान और रक्त में ऑक्सीजन अवशोषण पर नियमित नजर रखी जाएगी। लक्षण उभरने के 10 दिन बाद और तीन दिन से बुखार नहीं रहने पर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। डिस्चार्ज करने से पहले इनके परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। ऐसे रोगियों को अगले सात दिन तक घर में अलग रहने की सलाह दी जाएगी। अगर बुखार, खांसी या सांस लेने में फिर कठिनाई होती है तो उन्हें कोविड देखभाल केंद्र या राज्य हेल्पलाइन नम्बर या 1075 पर संपर्क करना होगा।संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार मध्यम लक्षण वाले रोगियों के तापमान और ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता पर नजर रखी जाएगी। अगर बुखार तीन दिन में ठीक हो जाता है और अगले चार दिन तक रोगी में ऑक्सीजन अवशोषण स्तर 95 प्रतिशत से अधिक बना रहता है तो रोगी को लक्षण उभरने के दस दिन बाद छुट्टी दे दी जाएगी।ऑक्सीजन पर रखे गए जिन रोगियों का बुखार तीन दिन में नहीं उतरता है और कृत्रिम सांस की जरूरत बनी रहती है उन्हें रोग के लक्षण पूरी तरह समाप्त होने और लगातार तीन दिन तक स्वाभाविक ऑक्सीजन अवशोषण क्षमता बने रहने पर डिस्चार्ज किया जाएगा। गंभीर रोगियों को उनके पूरी तरह स्वस्थ होने और आरटी-पीसीआर परीक्षण के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अप्रत्याशित मानवीय और आर्थिक संकट को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है कि कुछ संस्थाओं के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना के लिए नई प्रक्रिया पर अमल को 1 अक्टूबर, 2020 तक स्थगित कर दिया जाएगा।तदनुसार, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (23सी), 12एए, 35 और 80जी के तहत अनुमोदित/पंजीकृत/अधिसूचित की गई संस्थाओं को 1 अक्टूबर, 2020 से लेकर तीन माह के भीतर यानी 31 दिसंबर, 2020 तक संबंधित सूचना दर्ज करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, नई संस्थाओं या निकायों के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना के लिए संशोधित प्रक्रिया भी 1 अक्टूबर, 2020 से लागू होगी।इस संबंध में आवश्यक विधायी संशोधन उचित समय पर प्रस्तावित किए जाएंगे। रिणामस्वरूप किए गए लॉकडाउन के कारण 1 जून, 2020 से नई प्रक्रिया के कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्रालय में विभिन्न ज्ञापन प्राप्त हुए थे। नई प्रक्रिया पर अमल को रोकने के लिए बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त हुए हैं।उल्लेखनीय है कि वित्त अधिनियम, 2020 ने आयकर अधिनियम की धारा 10(23सी), 12एए, 35 और 80जी में निर्दिष्ट कुछ संस्थाओं के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना से संबंधित प्रक्रिया को तर्कसंगत बना दिया है, जो 1 जून, 2020 से प्रभावी होना था। नई प्रक्रिया के अनुसार, इन धाराओं के तहत पहले से ही अनुमोदित/पंजीकृत/अधिसूचित संस्थाओं को तीन माह के भीतर यानी 31 अगस्त, 2020 तक सूचना दर्ज करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, नई संस्थाओं के अनुमोदन/पंजीकरण/अधिसूचना के लिए प्रक्रिया को भी 1 जून, 2020 से तर्कसंगत बनाया गया है।----
- नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु और मंझौले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग के नाम से प्रसिद्ध धारचूला से लिपुलेख (चीन सीमा) तक सड़क सम्पर्क पूर्ण किए जाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पिथौरागढ़ से वाहनों के पहले काफिले को रवाना कर आज इस सड़क का उद्घाटन किया।श्री गडकरी ने कहा कि सीमावर्ती गांवों को आखिरकार पहली बार सड़कों से जोड़ा गया है और कैलाश मानसरोवर के यात्री अब 90 किलोमीटर दुर्गम रास्ते से बच सकते हैं और वाहनों के जरिए चीन सीमा तक जा सकते हैं। धारचूला-लिपुलेख मार्ग, पिथौरागढ़-तवाघाट- घटियाबगड़ मार्ग का विस्तार है। यह घटियाबगड़ से शुरु होकर कैलाश मानसरोवर के प्रवेशद्वार लिपुलेख दर्रे पर समाप्त होता है। यह 80 किलोमीटर लम्बा मार्ग है जिसकी ऊंचाई 6000 फुट से 17,060 फुट तक है। इस परियोजना के समाप्त होने के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के श्रद्धालु अब जोखिम भरी अत्याधिक ऊंचाई से होकर गुजरने वाले दुर्गम रास्ते से बच सकेंगे और यात्रा में लगने वाले समय में भी अनेक दिनों की कमी आएगी।वर्तमान में सिक्किम या नेपाल मार्गों से होने वाली कैलाश मानसरोवर की यात्रा में दो से तीन हफ्ते का समय लगता है। लिपुलेख मार्ग में 90 किलोमीटर का ऊंचाई वाला रास्ता था और बुजुर्ग यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब यह यात्रा वाहनों के माध्यम से पूरी की जा सकती है।इस सड़क का निर्माण कार्य अनेक समस्याओं के कारण बाधित हुआ। निरंतर हिमपात, ऊंचाई पर खड़ी ढाल और अत्यंत कम तापमान ने कार्य को पांच महीने तक सीमित कर दिया। कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अक्टूबर के दौरान की जाती है और इसी समय स्थानीय लोग और उनके लॉजिस्टिक्स साथ ही साथ व्यापारियों की आवाजाही (चीन के साथ व्यापार के लिए) होती है इस तरह निर्माण के दैनिक घंटों में और कमी करनी पड़ी।इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों से कई बार यहां बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसके कारण भारी नुकसान हुआ। शुरुआती 20 किलोमीटर में, पहाड़ों में कठोर पथरीले चट्टान हैं और ये चट्टान सीधे खड़े हैं, जिनके कारण बीआरओ को अनेक जवानों को जान गंवानी पड़ी और काली नदी में गिरने से 25 उपकरण भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।---
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में, भारत में ब्रांड खादी की स्वीकार्यता व्यापक रूप से देखने को मिली है। जबकि खादी का उत्पादन, दीर्घकालिक विकास के लिए सबसे अनुकूल पर्यावरण उत्पाद, पिछले पांच वर्षों में दोगुने से भी ज्यादा हो चुका है, यानी 2015-16 के बाद से; इसी अवधि के दौरान खादी की बिक्री में लगभग तीन गुनी बढ़ोत्तरी देखी गई है।इसी प्रकार, ग्रामोद्योग (वीआई) क्षेत्र के उत्पादन और बिक्री में भी पिछले पांच वर्षों में लगभग 100 प्रतिशत की अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी देखी गई है । पिछले एक वर्ष में खादी के कारोबार के प्रदर्शन का अवलोकन करते हुए, यह 2018-19 में 3215.13 करोड़ रुपये था, जिसमें 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए, यह 2019-20 में 4211.26 करोड़ रुपये हो गया। ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 2019-20 में 84,675.39 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि 2018-19 में 71,077 करोड़ रुपये था।वर्ष 2019-20 में, खादी एवं ग्रामोद्योग का कुल कारोबार 88,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।केवीआईसी के अध्यक्ष, विनय कुमार सक्सेना ने खादी के अभूतपूर्व विकास के लिए प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी के सतत प्रयासों, एमएसएमई मंत्री, नितिन गडकरी के रचनात्मक विपणन विचारों और विभिन्न मंत्रालयों के सक्रिय सहयोग को श्रेय दिया है।खादी परिधानों के अलावा, ग्राम उद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सौंदर्य प्रसाधन, साबुन और शैंपू, आयुर्वेदिक दवाएं, शहद, तेल, चाय, अचार, पापड़, हैंड सैनिटाइजर, मिष्ठान्न, खाद्य पदार्थ और चमड़े की वस्तुओं ने भी बड़ी संख्या में देश-विदेश के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।यह बात विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है कि केवीआईसी ने विभिन्न राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे एयर इंडिया, आईओसी, ओएनजीसी, आरईसी और अन्य, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, भारतीय रेल और स्वास्थ्य मंत्रालय का समर्थन जुटाने में निरंतर रूप से प्रगति की है। इसके अलावा, ग्रामोद्योग क्षेत्र में, केवीआईसी मधुमक्खी पालन, मिट्टी के बर्तन और बेकरी जैसे 150 से ज्यादा क्षेत्रों में इन-हाउस क्षमता के साथ उत्कृष्ट उत्पादों का दावा करता है।---
- नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) लॉकडाउन के कारण स्थगित दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं एक से पंद्रह जुलाई के बीच कराएगा। श्री निशंक ने यह जानकारी आज वीडियो संदेश में दी।मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट कर कहा- लंबे समय से सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं की तिथि का इंतज़ार था, आज इन परीक्षाओं की तिथि 1.07.2020 से 15.07.2020 के बीच में निश्चित कर दी गई है। मैं इस परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।उत्तर-पूर्व दिल्ली में हिंसा के कारण परीक्षाओं में न बैठ सकने वाले विद्यार्थियों की दसवीं कक्षा की परीक्षा भी कराई जाएगी। इस बारे में सीबीएसई जल्द ही विस्तृत कार्यक्रम जारी करेगा।----
- नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार तक रबी मौसम के मौजूदा विपणन सत्र में किसानों से 216 लाख टन गेहूं की खरीद की है। इस विपणन सत्र के दौरान 400 लाख टन गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य तय किया गया है जिसमें आधे से अधिक लक्ष्य को हासिल किया जा चुका है। सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है।खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, देश भर में लॉकडाऊन की वजह से तमाम बाधाओं के बावजूद चालू रबी सत्र के दौरान गेहूं और चावल (दूसरी फसल) खरीद में गति आई है। इसमें कहा गया है कि 400 लाख टन गेहूं खरीदने के लक्ष्य के मुकाबले, केंद्रीय पूल (बफर स्टॉक) के लिए छह मई तक गेहूं की खरीद 216 लाख टन तक पहुंच गई है। पंजाब अभी तक 104.28 लाख टन की खरीद के साथ सबसे आगे है जिसके बाद हरियाणा में 50.56 लाख टन और म.प्र. में 48.64 लाख टन की खरीद हुई है। इसी प्रकार, सरकारी एजेंसियों द्वारा धान खरीद का काम भी सुचारू रूप से चल रहा है जिसकी अब तक 44.9 लाख टन की खरीद हो चुकी है। बेमौसम बारिश के कारण उत्पादक राज्यों में गेहूं का कुछ स्टॉक खराब भी हुआ। लेकिन केंद्र ने पहले ही खरीद शर्तो में ढील दे दी है, जिससे खरीद प्रक्रिया में काफी मदद मिलेगी और किसानों को संकट से निजात मिली है। धान की सबसे अधिक खरीद तेलंगाना में हुई है। लगभग 45 लाख टन की कुल धान खरीद में से, अकेले तेलंगाना का योगदान 30 लाख टन का है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में लगभग 10 लाख टन धान की खरीद हुई है। उधर, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत राज्य सरकारों द्वारा खाद्यान्न का उठाव 70 लाख टन के स्तर को पार कर गया है, जो कि तीन महीनों के लिए कुल आवंटन का लगभग 58 प्रतिशत है। इस योजना के तहत, देश भर में लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न और एक किलो दाल मुफ्त में वितरित की जा रही है। पीएमजीकेवाई योजना के तहत तीन महीने तक मुफ्त अनाज की आपूर्ति की जाएगी।----
- नई दिल्ली। जालंधर के पास एयर फ़ोर्स बेस से उड़ान भरने के बाद एक मिग - 29 विमान आज सुबह 10:45 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह मिग -29 विमान प्रशिक्षण मिशन की उड़ान पर था।विमान में तकनीकी खराबी आ गयी थी और पायलट इसे नियंत्रित करने में असमर्थ था। एक हेलीकाप्टर की मदद से पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। दुर्घटना के कारण की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया है।---
- नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के रथ के निर्माण की अनुमति दे दी है। हालांकि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पुरी में रथयात्रा के आयोजन का निर्णय ओडिशा सरकार द्वारा प्रचलित कोविड 19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा।यह जानकारी पत्र सूचना कार्यालय ओडि़शा ने एक ट्वीट के माध्यम से दी है।गौरतलब है कि 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया से मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का रथ तैयार होना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते इस पर काम शुरू नहीं हो पाया था, लेकिन अब केंद्र से मंजूरी मिल जाने के बाद अब रथ निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। 4 मई को श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने इस पर मामले को लेकर एक बैठक ली थी। बैठक में तय किया गया था कि पुरी जिला कोरोना से लगभग मुक्त है और ग्रीन जोन में है, इसलिए यहां रथ निर्माण शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि रथ निर्माण कोई धार्मिक उत्सव नहीं है, ये एक तरह का निर्माण कार्य ही है। मंदिर समिति ने ये प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था और राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेज दिया था।रथयात्रा को लेकर इस बार काफी समय से संशय की स्थिति है। कोरोना वायरस के चलते मंदिर 20 मार्च से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद है। रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव है। इसमें देश-दुनिया से भक्त शामिल होते हैं।
- नई दिल्ली। .प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज सुबह हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में विशाखापट्टनम गैस रिसाव हादसे की प्रतिक्रिया में उठाए गए कदमों का जायजा लिया गया। उन्होंने प्रभावित लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ आपदा से प्रभावित स्थल को सुरक्षित करने के लिए किए जा रहे उपायों पर चर्चा की।इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और जी. किशन रेड्डी के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।आज सुबह हादसे की सूचना मिलने पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत की तथा हालात से निपटने के लिए केन्द्र की तरफ से हर तरह की सहायता देने का भरोसा दिलाया। वे हालात पर लगातार और बारीकी से नजर रखे हुए हैं। बैठक के तुरंत बाद कैबिनेट सचिव ने जमीनी स्तर पर हालात के प्रबंधन में सहयोग के लिए विशेष कदमों का खाका खींचने के लिए गृह, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, रसायन एवं पेट्रो-रसायन, औषध, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में सचिव; राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) में महानिदेशक (डीजी); स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) और निदेशक एम्स और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी इस बैठक में उपस्थित रहे।यह फैसला लिया गया कि जमीनी स्तर पर संकट के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग करने और रिसाव के अल्पकालिक के साथ ही दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव के समाधान के लिए कदम उठाने को पुणे से एनडीआरएफ की सीबीआरएन (रसायन, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) इकाई के साथ राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), नागपुर का एक विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना किया जाएगा।विशाखापट्टनम जिले के आरआर वेंकटपुरम ग्राम, गोपालपटनम मंडल में आज सुबह 3 बजे एक रसायन संयंत्र में स्टाइरीन गैस के रिसाव की घटना सामने आई थी। इससे नरावा, बीसी कॉलोनी, बापूजी नगर, कम्पालापालेम और कृष्णा नगर सहित आसपास के गांव प्रभावित हुए। जहरीली स्टाइरीन गैस से त्वचा, आंखों में जलन हो सकती है और श्वसन तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तुरंत सहायता के लिए विशाखापट्टनम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ ही सीबीआरएन कर्मचारियों के एक दल को रवाना कर दिया गया था। एनडीआरएफ दल ने घटना स्थल के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से निकाला। पुणे से विशेषज्ञ सीबीआरएन इकाई और नागपुर से एनईईआरआई का विशेषज्ञ दल विशाखापट्टनम को रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा डीजीएचएस जमीनी स्तर पर चिकित्सा विशेषज्ञों को विशेष चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराएगी।---
- नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मूलभूत एवं औद्योगिक श्रम बल में 9,300 पदों से अधिक का ईष्टतम उपयोग करने के लिए सैन्य अभियांत्रिकी सेवा (एमईएस) के इंजीनियर इन चीफ के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।पत्र सूचना कार्यालय (भारत सरकार) के अनुसार यह लेफ्टिनेंट जनरल शेकातकर की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की समिति की अनुशंसाओं की तर्ज पर है जिसने सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने एवं रक्षा व्यय को फिर से संतुलित करने के उपायों की अनुशंसा की थी। समिति द्वारा की गई एक अनुशंसा सिविलियन श्रम बल को इस प्रकार पुनर्संरचित करने की थी जिससे कि एमईएस का कार्य आंशिक रूप से विभागीय रूप से तैनात कर्मचारियों द्वारा किया जाए और अन्य कार्यों को आउटसोर्स करा दिया जाए।एमईएस के इंजीनियर इन चीफ के प्रस्ताव के आधार पर समिति द्वारा की गई अनुशंसाओं के अनुरूप मूलभूत एवं औद्योगिक कर्मचारियों की कुल 13,157 रिक्तियों में से एमईएस में 9,304 पदों की समाप्ति के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है।इस अनुशंसा का उद्वेश्य कम श्रम बल के साथ एमईएस को एक प्रभावी संगठन बनाना था जो दक्ष एवं किफायती तरीके से उभरते परिदृश्य में जटिल मुद्वों से निपटने के लिए सुसज्जित हो।-----
- नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि सरकार जैविक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने और रासायनिक खादों के इस्तेमाल को कम करने के लिए एक लाख से अधिक गांवों में मिशन की तरह से जागरूकता अभियान चलाएगी।यह फैसला, वर्ष 2015 में शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) योजना की प्रगति की समीक्षा के बाद लिया गया है। इस योजना के तहत, दो साल के अंतराल पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाते हैं। यह कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और साथ ही मृदा स्वास्थ्य और उसकी उर्वरता क्षमता में सुधार के लिए पोषक तत्वों की उचित खुराक पर सिफारिशें देते हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मिट्टी के रासायनिक, भौतिक और जैविक स्वास्थ्य की गिरावट को भारत में कृषि उत्पादकता में ठहराव के कारणों में से एक माना जाता है। इसलिए, मंत्रालय के अधिकारियों को वर्तमान वित्तवर्ष में एक लाख से अधिक गांवों में किसानों के लिए मिशन अभियान की तरह जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है। बयान में कहा गया है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड में उपलब्ध सिफारिशों के अनुसार उर्वरकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों के उपयोग के कारण फसलों की उपज में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- नई दिल्ली। रेलवे ने बुधवार को कहा कि उसने एक मई से अबतक 140 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिनसे लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए 1.35 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को मंजिल तक पहुंचाया गया। रेलवे ने कहा कि बुधवार के लिए 42 ट्रेनों की योजना बनायी गयी थी, उसके बाद भी 10 और ट्रेनें चलीं। रेवले के प्रवक्ता ने कहा, '' हम दिन के आखिर तक कुछ और ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं।रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए मंगलवार रात तक 88 ट्रेनें चलाईं। ये प्रवासी कामगार कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों पर फंस गए थे। प्रत्येक विशेष ट्रेन में 24 डिब्बे हैं और हर डिब्बे में 72 सीट हैं। लेकिन एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का पालन हो, इसके लिए रेलवे द्वारा एक डिब्बे में 54 यात्रियों को ही बैठाया जा रहा है।मुम्बई से प्राप्त समाचार के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि रेलवे ने जब से श्रमिक स्पेशल सेवा शुरू की है तब से 25 ट्रेनों ने राज्य से प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित राज्यों में पहुंचाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, (अवर मुख्य सचिव) नितिन ने मंत्रिमंडल को सूचित किया है कि अब तक राज्य से 25 विशेष ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुईं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक अपवाद हैं। इस बीच, कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को अगले पांच दिनों में राज्य से चलने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया। हालांकि उसने कहा कि बेंगलुरु से बिहार के लिए तीन ट्रेन तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार रवाना होंगी। रेलवे ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह खुलासा नहीं किया है कि इन सेवाओं पर कितना पैसा खर्च हुआ है, हालांकि सरकार ने कहा है कि वह 85 और 15 के अनुपात में राज्यों के साथ खर्च वहन किया गया। सेवाओं की शुरूआत से अब तक गुजरात ट्रेनों के प्रस्थान स्थल में सबसे आगे रहा। उसके बाद केरल दूसरे नंबर पर। ट्रेनों के गंतव्यों को लेकर बिहार अैर उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्य रहे। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली में फंसे राज्य के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को ट्रेन से वापस लाने का निर्णय किया है।
- नई दिल्ली। कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल में चिकित्सा आपूर्तियों, स्वास्थ्य उपकरण, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामानों की ढुलाई काफी महत्वपूर्ण होने जा रही है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स कंपनियों और राज्य सरकारों सहित अन्य के द्वारा की जा रही त्वरित व्यापक ढुलाई के लिए रेलवे के पार्सल वैन उपलब्ध करा दिए हैं। रेलवे ने आवश्यक सामानों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय सारणी के आधार पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।रेलवे मंडल नियमित रूप से इन विशेष पार्सल ट्रेनों के लिए रूटों की पहचान और उन्हें अधिसूचित कर रहे हैं। वर्तमान में 82 रूट पर इन ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इसके तहत चिह्नित रूट इस प्रकार हैं -1. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के बड़े शहरों के बीच नियमित संपर्क।2. राज्यों की राजधानियों/प्रमुख शहरों का राज्य के सभी हिस्सों से संपर्क कायम करना।3. देश के पूर्वोत्तर हिस्से से संपर्क सुनिश्चित करना।4. अतिरिक्त उत्पादन वाले क्षेत्रों (गुजरात, आंध्र प्रदेश) से ज्यादा मांग वाले क्षेत्रों को दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति।- उत्पादक क्षेत्रों से देश के दूसरे हिस्सों को अन्य आवश्यक सामानों (कृषि सामग्री, दवाएं, चिकित्सा सामान आदि) की आपूर्ति।रेलवे की पार्सल ट्रेनों के संचालन में बढ़ोतरी को त्वरित, अनुकूलित और सभी के लिए लाभकारी बनाने के प्रयासों के द्वारा देश में माल ढुलाई के काम में वृद्धि के तौर पर देखा जाना चाहिए। रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल में ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को रेलवे के नजदीक लाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था।05 मई 2020 को 66 विशेष पार्सल ट्रेन चलाई गई थीं, जिनमें 65 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनके माध्यम से 1,936 टन सामग्री का लदान किया गया, जिससे रेलवे को 57.14 लाख रुपये की आय हुई।05 मई 2020 तक कुल 2,067 ट्रेनों का परिचालन हुआ, जिनमें से 1,988 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनसे 54,292 टन सामान का लदान हुआ और 19.77 करोड़ रुपये की आय हुई है।----
- नई दिल्ली। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बुधवार को पुलवामा जिले के बेग़पुरा क्षेत्र में पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिद्दीन का ऑपरेशनल चीफ कमांडर रियाज़ नैकू मारा गया।पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने बेग़पुरा में देर रात आतंकियों की खोजबीन का अभियान शुरू किया था। नैकू इसी कस्बे में रहता था। जब संयुक्त टीम एक घर के पास पहुंची तो वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। संयुक्त टीम की जवाबी कार्रवाई में नैकू और उसका साथी आदिल मारा गया। 35 वर्ष का नैकू 2010 में आतंकवादी बना था। वह हिजबुल कमांडर बुरहान मुजफ्फर वानी का करीबी सहयोगी था। वानी 8 जुलाई 2016 को दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग क्षेत्र में मारा गया था। वानी के बाद जुलाई 2016 में नैकू हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बना था। उसके सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम था। इस बीच अवंतीपुरा के सरशाली में भी सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए।नैकू के मारे जाने के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर समूची घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
- नई दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने कई निवारक उपाय किए हैं, जिन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के सहयोग से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। एक प्रमुख निवारक उपाय के रूप में केंद्र सरकार ने पहले आरोग्य सेतु नामक एक एप्लिकेशन को लॉन्च किया है।आरोग्य सेतु मोबाइल एप को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने विकसित किया है। आरोग्य सेतु के संरक्षण में फीचर फोन और लैंडलाइन फोन वाले लोगों को भी शामिल करने के लिए आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) को लागू किया गया है। यह सेवा देश भर में उपलब्ध है। यह एक टोल-फ्री यानी नि:शुल्क सेवा है, जिसके तहत नागरिकों को 1921 नंबर पर एक मिस्ड कॉल करने के लिए कहा जाता है और इसके बाद उन्हें प्राप्त कॉल बैक में उनसे अपने स्वास्थ्य के बारे में आवश्यक जानकारियां देने का अनुरोध किया जाता है।पूछे जाने वाले प्रश्न आरोग्य सेतु एप से जुड़े होते हैं और इसके जो जवाब मिलते हैं उनके आधार पर संबंधित नागरिक को उनके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति के बारे में संकेत देने वाला एक एसएमएस मिलेगा और इसके साथ ही आगे भी उनके स्वास्थ्य के बारे में अलर्ट मिलेंगे। यह सेवा मोबाइल एप्लिकेशन के समान ही 11 क्षेत्रीय भाषाओं में लागू की गई है। संबंधित नागरिकों द्वारा दी जाने वाली जानकारियों को आरोग्य सेतु डेटाबेस का हिस्सा बनाया जाएगा और इन सूचनाओं की प्रोसेसिंग की जाएगी, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर उन्हें अलर्ट भेजा जा सके।
- हैदराबाद। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में लॉकडाउन की मियाद को 29 मई तक बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं। देश भर में फिलहाल 17 मई तक लॉकडाउन का आदेश दिया गया है। तेलंगाना ऐसा पहला राज्य है, जिसने अपने प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई है।----
- नई दिल्ली। केंद्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न नई आर्थिक स्थिति के बाद एक आयात प्रतिस्थापन नीति पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न हितधारकों से नवोन्मेषणों एवं लागत में कमी लाने के माध्यम से गुणवत्ता में सुधार लाने के जरिये ज्ञान को संपदा में रूपांतरित करने की अपील की।उन्होंने एक नागपुर स्थित एमएसएमई आरेंज क्लस्टर का उदाहरण दिया जिसने स्क्रैच से पीपीई का निर्माण किया। इन पीपीई का मूल्य 550 रुपये से 650 रुपये है जबकि इनका बाजार मूल्य लगभग 1200 रुपये है और देश इसके लिए आयात पर काफी हद तक निर्भर है। यह क्लस्टर बड़ी मात्रा में पीपीई की आपूर्ति करने की स्थिति में है।श्री गडकरी स्टार्टअप इको सिस्टम एवं एमएसएमई तथा तकनीकी सेवा प्रदाताओं और मनोरंजन उद्योग के कलाकारों पर कोविड-19 के प्रभाव पर भारतीय महिला उद्यमी संगठन (एएलईएपी) के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकों को संबोधित कर रहे थे। इसमें भाग लेने वाले अन्य लोगों में प्रसिद्ध गायक सोनू निगम, नितिन मुकेश , तलत अजीज शामिल थे।केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि निर्यात बढ़ाने पर विशेष फोकस आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है और बिजली की लागत, संभार तंत्र की लागत और उत्पादन लागत को कम करने के लिए आवश्यक प्रचलनों का अनुपालन किया जाना चाहिए जिससे कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि घरेलू उत्पादन द्वारा विदेशी आयातों को प्रतिस्थापित करने के लिए आयात प्रतिस्थापन पर फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उद्योग को नवोन्मेषण, उद्यमशीलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल तथा अनुभवों पर अधिक फोकस करना चाहिए जिससे कि ज्ञान को संपदा में रूपांतरित किया जा सके।श्री गडकरी ने मनोरंजन उद्योग में असंगठित क्षेत्र के वृहद औपचारिकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई के रूप में पंजीकरण कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि संकट से उबरने के लिए सभी हितधारकों को लोगों की आजीविका सुनिश्चित करते हुए अनिवार्य रूप से समेकित दृष्टिकोण का अनुसरण करना चाहिए। श्री गडकरी ने उद्योग से इस संकट से उबरने के लिए इस अवधि के दौरान एक सकारात्मक मनोवृति रखने का भी आग्रह किया।इस परस्पर बातचीत के दौरान जिन कुछ मुद्दों को रेखांकित किया गया और जो सुझाव दिए गए, उनमें शामिल हैं एसएमई को प्रौद्योगिकियों के अंतरण के लिए कोई लाईसेंसिंग शुल्क नहीं, जनजातीय क्षेत्रों के लिए आजीविका को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का प्रसार, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में फार्मा सेक्टर एसएमई को सहायता और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए 3 महीने के ऋण स्थगन को और बढ़ाना, सुलभ ऋण विस्तार, जीएसटी का स्थगन/कमी आदि।---
- नई दिल्ली। ईपीएफओ के पास अपनी पेंशन योजना के तहत 65 लाख पेंशनधारक हैं। ईपीएफओं के सभी 135 प्रक्षेत्र अधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के कारण पेंशनधारकों को असुविधा से बचाने के लिए अग्रिम रूप से अप्रैल, 2020 के पेंशन भुगतान को प्रोसेस किया।ईपीएफओं के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरे भारत में पेंशन संवितरण बैंकों की सभी नोडल शाखाओं को 764 करोड़ रुपये भेजने के लिए सभी प्रकार की कठिनाइयों का सामना किया। सभी बैंक शाखाओं को समय पर पेंशनधारकों के खातों में पेंशन के क्रेडिट को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं।कोविड-19 संकट के दौरान पेंशनधारकों को राहत प्रदान करने के लिए ईपीएफओ द्वारा आवश्यकता की इस घड़ी में पेंशन के सही समय पर क्रेडिट किए जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।---
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- 26 जुलाई, 2020 को होगी एनईईटी की परीक्षा
- 18, 20, 21, 22 और 23 जुलाई, 2020 को होगी जेईई मुख्य परीक्षा
- यूजीसी नेट- 2020 और जेईई (एडवांस्ड) की तारीखों की जल्द होगी घोषणा
- सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा की तारीखें दो दिन में होंगी घोषित
नई दिल्ली। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक वेबिनार के माध्यम से देश भर के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। एक घंटे के संवाद के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों की स्कूली परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं, शैक्षणिक कैलेंडर, ऑनलाइन शिक्षा, शुल्क, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य, अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों, फेलोशिप आदि से जुड़ी चिंताओं और सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर काफी चिंतित हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उनका मंत्रालय विद्यार्थियों की चिंताओं के शीघ्र और तत्काल समाधान करने के लिए सभी कदम उठा रहा है।
संवाद के दौरान केन्द्रीय एचआरडी मंत्री ने लंबित प्रवेश परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि एनईईटी का आयोजन 26 जुलाई, 2020 को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेईई मुख्य परीक्षा 18, 20, 21, 22 और 23 जुलाई, 2020 को आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि जेईई (एडवांस) परीक्षा अगस्त में हो सकती है। उन्होंने कहा कि यूजीसी नेट 2020 और सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तारीखें भी जल्द ही घोषित की जाएंगी।
श्री पोखरियाल ने विद्यार्थियों से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट के पर जाकर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान से जुड़े पर व्याख्यान देखकर प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहा।
नेटवर्क में दिक्कतों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों से संबंधित एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एमएचआरडी ने टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच परिचालकों, डीडी-डीटीएच, डिश टीवी के डीटीएच प्लेटफॉर्मों और जियो टीवी ऐप पर स्वयं प्रभा चैनलों के प्रसारण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ समझौता किया है। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए एनआईटी, आईआईटी और आईआईटीके शुल्क में बढ़ोतरी से जुड़े एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए आईआईटी, आईआईआईटी और एनआईटी के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के संबंधित राज्यों और घर को पलायन के संबंध में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों के लिए पलायन की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है और एमएचआरडी से राज्यों के मुख्य सचिवों को डीओ पत्र जारी किए जाने के बाद से इस काम में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि 173 विद्यालयों में से 62 से ज्यादा विद्यालयों ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी विद्यालयों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है, जहां पर प्रवासी विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। अपने-अपने घरों को भेजे जा रहे विद्यार्थियों को सैनिटाइजर्स, मास्क, छोटे साबुन और जेएनवी की मेस से बने स्नैक जैसे भोजन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रास्ते में पडऩे वाले सभी जेएनवी द्वारा इन विद्यार्थियों के लिए भोजन, विश्राम, स्नैक और स्वास्थ्य देखभाल आदि सुविधाएं दी जा रही हैं।
- - सभी वैज्ञानिक विभागों से त्वरित और बेहतर परिणामों की प्राप्ति के लिए उन्नत तालमेल विकसित करने का आह्वान कियानई दिल्ली। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों से इस बात का ध्यान रखने की सलाह दी कि विभिन्न दवाओं, टीकों और चिकित्सा उपकरणों किफायती हों।एक सरकारी बयान के अनुसार स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कोविड-19 को खत्म करने की दिशा में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा की गई विभिन्न पहल की समीक्षा की। बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया, विभिन्न दवा, टीके, नैदानिक और चिकित्सीय उपकरणों के वहनीय मूल्यों पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए।बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिक विभागों से आह्वान करते हुए कहा, त्वरित और बेहतर परिणाम की प्राप्ति के लिए उन्नत तालमेल और अच्छी गुणवत्ता वाले समन्वय को विकसित करें। सभी वैज्ञानिकों और संस्थानों को समय के अनुसार आवश्यकताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और त्वरित और परिनियोजन योग्य समाधान ढूंढने में भी योगदान करना चाहिए। मुझे सीएसआईआर के वैज्ञानिकों का उत्साह देखकर खुशी हो रही है और सीएसआईआर ने पिछली समीक्षा के बाद से अच्छी प्रगति की है । उन्होंने कहा कि विभिन्न दवाओं, टीकों और अन्य नैदानिक और चिकित्सीय उपकरणों के वहन योग्य कारक पर भी विचार किया जाना चाहिए।मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में कोविड-19 से मरने वालों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्य में नए संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के सख्ती से लागू करने जोर दिया। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, केंद्र और राज्य दोनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कोविड-19 के कारण हो रही मृत्यु दर को कम करने के लिए सख्त निगरानी, उचित उपाय और शीघ्र उपचार राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।--
- नई दिल्ली। भारत सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से वापिस भारत लाने के लिए सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी है। यात्रा की व्यवस्था हवाई जहाज़ व नौ-सेना के जहाज़ों द्वारा की जाएगी। इस संबंध में मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार की गई है।विदेश मंत्रालय के दूतावास और उच्चायोग ऐसे व्यथित भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं। इस सुविधा के लिए यात्रियों को भुगतान देना होगा। हवाई यात्रा के लिए गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों का इंतज़ाम होगा। यह यात्राएं 7 मई से चरण-बद्ध तरीके से प्रारम्भ होंगी।उड़ान भरने से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। केवल असिम्प्टोमैटिक यात्रियों को ही यात्रा की अनुमति होगी। यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किये गए सभी प्रोटोकॉलों का पालन करना होगा।गंतव्य पर पहुंच कर सभी को आरोग्य सेतु एप पर रजिस्टर करना होगा। सभी की मेडिकल जांच की जाएगी। जांच के पश्चात् सम्बंधित राज्य सरकार द्वारा उन्हें अस्पताल में या संस्थागत क्वारंटाइन में 14 दिन के लिए भुगतान के आधार पर रखा जाएगा। 14 दिन के बाद दोबारा कोविड टेस्ट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। विदेश मंत्रालयऔर नागरिक उड्डयन मंत्रालय शीघ्र ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी वेबसाइट द्वारा साझा करेंगे।राज्य सरकारों को वापसी करने वाले भारतीयों के परीक्षण, क्वारंटाइन और अपने राज्यों में आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी जा रही है।---
- - नई तारीखों के बारे में उचित समय पर यूपीएससी की वेबसाइट पर सूचित किया जाएगानई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ने कोविड-19 के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक विशेष बैठक बुलाई। प्रतिबंधों के विस्तार पर विचार करते हुए आयोग ने फैसला किया कि वर्तमान हालात में परीक्षाएं और साक्षात्कार फिर से शुरू करना संभव नहीं है।इसलिए 31 मई, 2020 को प्रस्तावित सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2020 को स्थगित कर दिया गया है। चूंकि यह परीक्षा भारतीय वन सेवा परीक्षा की स्क्रीनिंग परीक्षा के रूप में भी कार्य करती है, इसलिए भारतीय वन सेवा परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। 20 मई, 2020 को फिर से परिस्थितियों की समीक्षा की जाएगी और इन परीक्षाओं के लिए नई तारीखों के बारे में उचित समय पर यूपीएससी की वेबसाइट पर सूचित किया जाएगा।आयोग पहले ही आगे उल्लिखित को टाल चुका है - (क) सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के लिए शेष अभ्यर्थियों के लिए व्यक्तित्व परीक्षण; (ख) भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2020 के लिए अधिसूचना; (ग) संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा, 2020 के लिए अधिसूचना; (घ) केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल परीक्षा, 2020 के लिए अधिसूचना और (ङ) एनडीए और नौसेना अकादमी परीक्षा, 2020स्थगित परीक्षाओं के लिए जैसे ही और जब भी फैसला किया जाता है, सुनिश्चित किया जाएगा कि अभ्यर्थियों को कम से कम 30 दिन पहले सूचना दे दी जाए।---
- नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देश भर में लगे लॉकडाउन के कारण खरीद व लॉजिस्टिक्स संबंधी दिक्कतों के बाद भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों ने अप्रैल में 52 करोड़ रुपये की बिक्री की है। एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गयी।रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा कि इन केंद्रों ने पिछले साल अप्रैल में 17 करोड़ रुपये और मार्च 2020 में 42 करोड़ रुपये की बिक्री की थी। बयान के अनुसार, इससे लोगों को लगभग 300 करोड़ रुपये की कुल बचत हुई है। जनऔषधि केंद्रों पर दवाएं औसत बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत सस्ती मिलती हैं।बयान में कहा गया है कि मंत्रालय प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के माध्यम से देश के लोगों को सस्ती दवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी देश भर में 726 जिलों में 6,300 से अधिक जनऔषधि केंद्र हैं।--
- नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को राहत देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने कहा कि पांच मई को जेईई और नीट परीक्षाओं की नयी तारीख घोषित की जाएगी।ये परीक्षाएं कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से स्थगित कर दी गई थी। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, नयी तारीखों की घोषणा पांच मई को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक करेंगे। इससे उम्मीदवारों की अनिश्चितता खत्म होगी। उसी दिन मंत्री छात्रों से ऑनलाइन संवाद करेंगे।उल्लेखनीय है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा- मुख्य (जेईई-मेंस) का आयोजन देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होता है जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के जरिये देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश लिया जाता है। देश भर में 15 लाख से अधिक छात्रों ने नीट परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। यह परीक्षा भारत के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश पाने का रास्ता है। वहीं नौ लाख से अधिक छात्रों ने जेईई-मेंस परीक्षा के लिए आवेदन किया है जिसके जरिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी)को छोड़कर देश के अन्य सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश होता है। जेईई-मेंस को जेईई-एडवांस परीक्षा के लिए अर्हता माना जाता है जिसके जरिये आईआईटी की परीक्षा होती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने छात्रों को दोनों परीक्षाओं के लिए पहले चुने गए परीक्षा केंद्रों में बदलाव करने का भी विकल्प दिया है क्योंकि लॉकडाउन के बाद से छात्र विभिन्न स्थानों पर गए हैं।
- नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारत की एकता एवं अखंडता को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के रूप में सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार की शुरुआत की है।इस पुरस्कार के जरिए इस क्षेत्र में विभिन्न व्यक्तियों या संस्थानों या संगठनों द्वारा किए गए उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान को सराहा जाता है। इसके साथ ही यह पुरस्कार मजबूत और संयुक्त भारत के मूल्य पर विशेष बल देता है।इस संबंध में एक अधिसूचना 20 सितंबर, 2019 को जारी की गई थी, जिसके तहत पुरस्कार के लिए नामांकन/सिफारिशों को आमंत्रित किया गया। इस पुरस्कार से संबंधित विवरणwww.nationalunityawards.mha.gov.in पर उपलब्ध है।उपर्युक्त पोर्टल के माध्यम से नामांकन ऑनलाइन आमंत्रित करने की अंतिम तिथि को 30 जून, 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।----