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- न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज अवसरों की भूमि है। मोदी ने न्यूयॉर्क में हजारों भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा, “इस कठिन चुनाव प्रक्रिया, इस लंबी चुनाव व्यवस्था से गुजरने के बाद, भारत में (इस वर्ष) कुछ अभूतपूर्व हुआ। क्या हुआ...“अबकी बार मोदी सरकार।” उन्होंने कहा, “60 साल में पहली बार भारत के लोगों ने ऐसा जनादेश दिया है जिसका बहुत महत्व है। अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान मुझे बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने हैं। हमें तीन गुना ताकत के साथ आगे बढ़ना है।” मोदी ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन सुशासन और समृद्ध भारत के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि नियति उन्हें राजनीति में लेकर आई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने के बारे में नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में लोगों ने शासन के इस मॉडल को देखा है और इसलिए उन्हें तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है। प्रधानमंत्री 13,000 से ज़्यादा भारतीय अमेरिकियों से भरे नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में बोल रहे थे। आयोजकों ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर लोग न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र से थे, लेकिन भारतीय अमेरिकी 40 राज्यों से आए थे। उन्हें लाने के लिए 60 चार्टर बसों का इस्तेमाल किया गया था। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने उन्हें भारत का ‘ब्रैंड एंबेसडर' बताया। उन्होंने संस्कृत के एक श्लोक का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय प्रवासी जहां कहीं भी रहते हैं, वे हर क्षेत्र में सामाजिक और राष्ट्र के विकास में योगदान देते हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विश्व भर में, खासकर भारत और अमेरिका में लोकतंत्र के उत्सव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत में चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जबकि अमेरिका में अभी प्रक्रिया चल रही है। भारत में हाल में संपन्न हुए चुनाव मानव इतिहास में अब तक के सबसे बड़े चुनाव थे। जब हम भारत के लोकतंत्र के पैमाने को देखते हैं, तो हमें और भी अधिक गर्व होता है।” मोदी ने देश और समुदाय को गौरवान्वित करने में भारतीय अमेरिकियों की भूमिका की सराहना की।उन्होंने कहा, “कल ही (अमेरिका के) राष्ट्रपति (जो) बाइडन मुझे डेलावेयर में अपने घर ले गए। उनका स्नेह, उनकी गर्मजोशी, यह एक ऐसा क्षण था जिसने मेरे दिल को छू लिया। यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है। यह सम्मान आपके लिए है, आपकी उपलब्धियों के लिए है, यहां रहने वाले सैकड़ों-हजारों भारतीयों के लिए है।” मोदी ने भारतीय अमेरिकियों को भारत का “ब्रैंड एंबेसडर” बताया।उन्होंने हाल में अमेरिका में संपन्न टी-20 क्रिकेट विश्व कप का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवें से अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है। उन्होंने कहा, “आज भारत के लोग आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, उनमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प है।” मोदी ने कहा कि भारत में विकास अब एक जन आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा, “हर भारतीय को भारत और उसकी उपलब्धियों पर भरोसा है। भारत आज अवसरों की भूमि है। देश अब अवसरों का इंतजार नहीं कर रहा है। यह अब अवसरों का सृजन कर रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि महज एक दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।प्रधानमंत्री ने भारतीय अमेरिकियों से कहा, “यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमने अपनी पुरानी सोच बदली। हमने अपना दृष्टिकोण बदला। हमने गरीबों को सशक्त बनाया।” उन्होंने कहा कि यह नया मध्यम वर्ग ही है जो भारत के विकास को गति दे रहा है। मोदी ने कहा कि दुनिया के लिए एआई का मतलब ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' है, लेकिन उनका मानना है कि एआई का मतलब ‘अमेरिका-इंडिया' भावना भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम, कोई कन्नड़ तो कोई पंजाबी और कोई गुजराती या मराठी बोलता है, भाषा अनेक हैं लेकिन भाव एक है और वो भाव है - भारतीयता। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है। यही मूल्य हमें सहज रूप से विश्व-बंधु बनाते हैं।'' प्रधानमंत्री के आगमन से पहले कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम था। ‘द इकोज ऑफ इंडिया - ए जर्नी थ्रू आर्ट एंड ट्रेडिशन में' 382 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इनमें ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामित चंद्रिका टंडन, स्टार वॉयस ऑफ इंडिया विजेता और सुपरस्टार ऐश्वर्या मजूमदार, इंस्टाग्राम ‘डांसिंग डैड रिकी पॉन्ड' और गायक रेक्स डिसूजा शामिल हैं। कार्यक्रम में 117 कलाकारों ने अनूठी प्रस्तुतियां दीं। आयोजकों ने बताया कि 30 से अधिक शास्त्रीय, लोक, आधुनिक और फ्यूजन प्रस्तुतियां शामिल हैं।
- वाशिंगटन. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत अपना प्रभुत्व नहीं चाहता बल्कि विश्व की समृद्धि में भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक शांति प्रक्रिया को गति देने में भारत की भूमिका अहम होगी। न्यूयॉर्क में हजारों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज भारत की विदेश नीति सभी के साथ समान दूरी की नहीं बल्कि समान निकटता बनाए रखने की है। अपनी टिप्पणी “यह युद्ध का समय नहीं है” का उल्लेख करते हुए मोदी ने प्रवासी समुदाय से कहा कि जंग की गंभीरता को सभी मित्र समझते हैं। कोविड-19 संकट के दौरान 150 से अधिक देशों को भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब भी दुनिया में कोई आपदा आई है, भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में आगे आया है।'' उन्होंने कहा कि जब भी कहीं भूकंप आता है या गृह युद्ध होता है तो भारत सबसे पहले वहां पहुंचता है। मोदी ने कहा, वैश्विक विकास की प्रक्रिया एवं वैश्विक शांति में तेजी लाने के लिए भारत की भूमिका अहम होगी।” भारत का लक्ष्य वैश्विक प्रभाव बढ़ाना नहीं, बल्कि दुनिया की समृद्धि में भूमिका निभाना है।उन्होंने कहा कि चाहे योग, जीवनशैली या पर्यावरण को बढ़ावा देना हो, भारत केवल जीडीपी-केंद्रित नहीं बल्कि आप सभी के लिए मानव-केंद्रित विकास की आकांक्षा रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत “अपना वैश्विक प्रभुत्व नहीं चाहता है।” उन्होंने कहा कि भारत आग की तरह नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम सूरज की तरह हैं जो रोशनी देता है।” वहीं, प्रधानमंत्री ने कार्बन उत्सर्जन को लेकर पश्चिम की आलोचना करते हुए कहा कि विश्व में विनाश के कारण में भारत की कोई भूमिका नहीं है। मोदी ने कहा कि भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी रहती है और इसका कार्बन उत्सर्जन चार प्रतिशत से भी कम है। भारत के हरित ऊर्जा परिवर्तन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में हरित रोजगार सृजित हो रहे हैं। चीन विश्व का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है, उसके बाद अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ का स्थान है।उन्होंने कहा, हमारा कार्बन उत्सर्जन लगभग नगण्य है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अन्य देशों की तरह भारत भी कार्बन ईंधन आधारित विकास का विकल्प चुन सकता था । मोदी ने कहा कि प्रकृति के प्रति प्रेम भारत की परंपरा है और इसीलिए भारत सौर, पवन, जल, हरित हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनमें वह निवेश कर रहा है। भारत द्वारा की गई डिजिटल प्रगति का उल्लेख करते हुए मोदी ने भारतीय अमेरिकियों से कहा कि यहां उनकी जेब में भले ही बटुए हों, लेकिन भारत में लोगों के पास ‘डिजिटल वॉलेट' हैं। प्रधानमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति के बारे में बात की। वह चाहते हैं कि दुनिया भर से छात्र भारत आकर पढ़ाई करें। शैक्षणिक संस्थानों की संख्या कई गुना बढ़ गई है।
- न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि अमेरिका के बोस्टन और लॉस एंजिलिस में भारत दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा, जिससे इन दो बड़े अमेरिकी शहरों में तेजी से बढ़ते भारतीय अमेरिकी समुदाय की पुरानी मांग पूरी हो जाएगी। बोस्टन को अमेरिका की शिक्षा और फार्मा राजधानी माना जाता है, जबकि लॉस एंजिलिस में हॉलीवुड स्थित है और वह अगले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी करेगा और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी शहर के पूर्व मेयर हैं। मोदी ने न्यूयॉर्क के नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में भारतीय अमेरिकियों को संबोधित करते हुए कहा, “मित्रों, पिछले साल मैंने घोषणा की थी कि हमारी सरकार सिएटल में एक नया वाणिज्य दूतावास खोलने की योजना बना रही है। यह अब शुरू हो चुका है। मैंने आपसे दो और वाणिज्य दूतावासों के लिए सुझाव मांगे थे। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आपके सुझावों की समीक्षा के बाद भारत ने बोस्टन और लॉस एंजिलिस में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है।” अमेरिका में अभी भारत के छह वाणिज्य दूतावास हैं जो न्यूयॉर्क, अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन, सैन फ्रांसिस्को और सिएटल में हैं। दूतावास वाशिंगटन डीसी में है। संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। इस घोषणा का भारतीय समुदाय ने स्वागत किया।
- वाशिंगटन।: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि अगर वह 2024 में व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय और आवास) में वापसी करने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें ‘‘नहीं लगता’’ कि वह 2028 में राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा चुनाव लड़ेंगे। जब पत्रकार शेरिल एटकिसन ने ट्रंप से फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं (चुनाव नहीं) लड़ पाऊंगा।’’ट्रंप की यह टिप्पणी इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि उन्होंने ‘व्हाइट हाउस’ के लिए चौथी बार दावेदारी की संभावना को खारिज कर दिया है और वह कभी इस संभावना को स्वीकार नहीं करते हैं कि वह वैध रूप से चुनाव हार सकते हैं।ट्रंप आम तौर पर इसी बात पर जोर देते हैं कि ऐसा (चुनाव में उनकी हार) तभी हो सकता है जब व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी हुई हो। इससे पहले 2020 के चुनाव में भी उन्होंने यही आरोप लगाए थे और 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वह प्रमुखता से इसे उठाते रहे हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन अभी 81 वर्ष के हैं और 2028 में ट्रंप की उम्र बाइडन की वर्तमान उम्र से एक वर्ष अधिक यानी 82 वर्ष होगी। बाइडन ने राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया के तहत जुलाई में ट्रंप के साथ बहस के दौरान अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद चुनावी दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया था।
- कोलंबो । अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को श्रीलंका के नौंवे राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उनसे देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने की उम्मीदें हैं। प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने राष्ट्रपति सचिवालय में दिसानायके (65) को शपथ दिलायी। ‘मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी’ के विस्तृत मोर्चे ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ के (एनपीपी) नेता दिसानायके ने शनिवार को हुए चुनाव में अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी ‘समागी जन बालवेगया’ (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को पराजित किया। यह देश में आर्थिक संकट के कारण 2022 में हुए व्यापक जन आंदोलन के बाद पहला चुनाव है। इस जन आंदोलन में गोटबाया राजपक्षे को अपदस्थ कर दिया गया था।दिसानायके ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए जनादेश का सम्मान करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिए पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का आभार जताया। उनके शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने देश में सत्ता हस्तांतरण के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गुणवर्धने (75) जुलाई 2022 से इस द्वीप देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज थे।गणवर्धने ने दिसानायके को संबोधित कर लिखे पत्र में कहा कि वह नया राष्ट्रपति निर्वाचित होने के कारण पद से इस्तीफा दे रहे हैं और वह नए मंत्रिमंडल के गठन के अनुकूल माहौल बनाएंगे। देश के निर्वाचन आयोग को राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलने के बाद रविवार को इतिहास में पहली बार दूसरे दौर की मतगणना कराने का आदेश देना पड़ा था। दिसानायके ने 57.4 लाख वोट हासिल करते हुए चुनाव जीत लिया जबकि प्रेमदासा को 45.3 लाख वोट मिले। चुनाव के दौरान दिसानायके के भ्रष्टाचार विरोधी संदेश और राजनीतिक संस्कृति बदलने के वादे ने युवा मतदाताओं को आकर्षित किया जो आर्थिक संकट के बाद से राजनीतिक व्यवस्था बदलने की मांग करते रहे हैं।
- न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीका के बोस्टन और लॉस एंजेल्स में दो नये भारतीय वांणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन के लिए तिरूवल्लुवर पीठ खोले जाने की भी घोषणा की। न्यूयॉर्क के नसाऊ कोलेसियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते समय उन्होंने यह घोषणा की। अभी न्यूयॉर्क, अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन, सैन फ्रांसिसको और सिएटल में भारत के छह वाणिज्य दूतावास हैं।
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विलमिंगटन (अमेरिका) .अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले महीने की गई यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा और उनके दिए शांति संदेश की सराहना की। बाइडन और मोदी ने द्विपक्षीय बैठक के दौरान व्यापक विषयों पर वार्ता की और इस दौरान युद्धग्रस्त देश यूक्रेन की स्थिति सहित वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर अमेरिका आए हैं। बाइडन ने शनिवार दोपहर डेलावेयर के विलमिंगटन में अपने निजी आवास में मोदी की मेजबानी की। बैठक के संबंध में जारी संयुक्त तथ्य-पत्र के अनुसार, वार्ता के दौरान बाइडन ने भारत के प्रधानमंत्री से कहा कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव करके भारत को स्थायी सदस्य बनाने की मांग भी शामिल है। मोदी और बाइडन की वार्ता मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित रही, लेकिन दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की। तथ्य-पत्र में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडन ने वैश्विक मंच पर भारत की अग्रणी भूमिका, विशेष रूप से जी-20 और ‘ग्लोबल साउथ' में मोदी के नेतृत्व और स्वतंत्र, मुक्त एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए ‘क्वाड' को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता की ‘‘अत्यधिक सराहना'' की। इसमें कहा गया कि भारत कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के वैश्विक प्रयासों में सहयोग करने से लेकर दुनिया भर में संघर्षों के विनाशकारी परिणामों से निपटने तक बड़ी चुनौतियों का समाधान करने की कोशिशों में सबसे आगे है। तथ्य-पत्र में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए उनकी सराहना की, जो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग सहित यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता और मोदी के शांति संदेश की भी सराहना की...।''
- विलमिंगटन (अमेरिका)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ ‘‘बेहद सार्थक'' बैठक की और इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया। मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। राष्ट्रपति बाइडन ने शनिवार को डेलावेयर के ग्रीनविले स्थित अपने आवास पर उनका स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया। इसके बाद बाइडन मोदी का हाथ थामकर उन्हें आवास के अंदर ले गए जहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। मोदी और बाइडन के बीच एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई, इसके बाद बाइडन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी पहले के मुकाबले अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। जब भी हम मिलते हैं मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशने की हमारी क्षमता से प्रभावित होता हूं। आज भी ऐसा ही हुआ।'' विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यहां क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की और आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ चर्चा आपसी हितों के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित रही। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।'' बैठक के बाद एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया।
- तेहरान। पूर्वी ईरान में एक कोयला खदान में मीथेन गैस लीक होने के कारण हुए विस्फोट में कम से कम 34 मजदूरों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने इसे ईरान के इतिहास की सबसे बड़ी खदान दुर्घटना करार देते हुए रविवार को कहा कि विस्फोट के घंटों बाद भी कई मजदूर लापता हैं।अधिकारियों ने बताया कि राजधानी तेहरान से करीब 540 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित तबास की कोयला खदान में शनिवार देर रात विस्फोट हुआ। उन्होंने बताया कि विस्फोट के दौरान लगभग 70 लोग खदान में काम कर रहे थे।सरकारी टेलीविजन चैनल ने बाद में अपनी खबर में बताया कि 700 मीटर (2,300 फुट) गहरी खदान में 17 मजदूरों के 200 मीटर (650 फुट) की गहराई पर फंसे होने की आशंका है। हालांकि, हादसे से प्रभावित मजदूरों की संख्या के बारे में दिन भर अलग-अलग आंकड़े सामने आते रहे।प्रांत के एक आपातकालीन अधिकारी मोहम्मद अली अखून्दी ने सरकारी समाचार एजेंसी को रविवार दोपहर बताया कि बचाव अभियान जारी है और हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। खदान से निकाले गए मजदूरों ने सरकारी टेलीविजन चैनल से बातचीत में विस्फोट के बाद के भयानक मंजर को बयां किया।कोयले के काले चूरे में लिपटे एक मजदूर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “हम खदान में काम कर रहे थे। अचानक धुआं उठने लगा। इसके बाद मैंने महसूस किया कि मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मैं फौरन अपनी जान बचाने के लिए भागा और तब तक लगातार दौड़ता रहा, जब तक एक सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंच गया। मेरे सहकर्मी वहीं फंसे रह गए।”प्राधिकारियों के मुताबिक, यह विस्फोट मीथेन गैस लीक होने के कारण हुआ। हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे के समय निजी खदान मंदानजू को में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम उपलब्ध थे या नहीं। हादसे पर प्रतिक्रिया के लिए खदान के मलिकाना हक वाली कंपनी से अभी संपर्क नहीं किया जा सका है।ईरान के नये सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कहा कि उन्होंने खदान में फंसे लोगों को बचाने और उनके परिजन की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि विस्फोट की जांच शुरू कर दी गई है।
- विलमिंगटन (अमेरिका) .प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की, जिन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और सर्वाधिक गतिशील बताया। भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए तरीकों की समीक्षा और पहचान करने के वास्ते दोनों नेताओं ने यहां क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “एक महत्वपूर्ण यात्रा की विशेष शुरुआत। राष्ट्रपति जो बाइडन ने ग्रीनविले, डेलावेयर में अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।” डेलावेयर के विलमिंगटन में स्थित बाइडन ने अपने आवास पर मोदी का स्वागत किया और दोनों नेता एक दूसरे से गले मिले। इसके बाद बाइडन मोदी का हाथ पकड़कर उन्हें अपने घर के अंदर लेकर गए। बाइडन ने ‘एक्स' पर कहा, “ भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब भी हम बैठते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से बहुत प्रसन्न होता हूं। आज भी कुछ अलग नहीं था।” इधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “एक अहम यात्रा की गर्मजोशी से और खास शुरुआत। एक विशेष भाव के तहत जो बाइडन ने अपने आवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेजबानी की। द्विपक्षीय बैठक से पहले ग्रीनविले, डेलावेयर में जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।” अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के अनुसार, द्विपक्षीय बैठक में युद्ध और मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है। मोदी ने अमेरिका के लिये रवाना होने से पहले दिल्ली में अपने वक्तव्य में कहा था, “राष्ट्रपति बाइडन के साथ मेरी बैठक हमें अपने लोगों के लाभ और वैश्विक भलाई के लिए भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए, नए तरीकों की समीक्षा करने और उनकी पहचान करने का मौका देगी।” मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद हैं। अमेरिकी दल में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के सहायक टी एच जेक सुलिवन और भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी शामिल हैं। अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। दोनों नेता क्वाड शिखर सम्मेलन के शिरकत करने के लिए यहां आए हैं। राष्ट्रपति बाइडन अपने गृहनगर विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नयी पहल की शुरूआत की जाएगी। इसके अलावा यूक्रेन और गाजा में संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के तरीके तलाशे जाएंगे। चार सदस्यीय क्वाड एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की वकालत करता है। चीन इसे विरोधी समूह के रूप में देखता है। दिल्ली से अमेरिका रवाना होने के समय मोदी ने कहा कि वह क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अपने सहयोगियों राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, “यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है।” इससे पहले, भारतीय प्रवासियों के एक बड़े समूह ने फिलाडेल्फिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया। मोदी ने पारंपरिक परिधान पहने लोगों के समूह का अभिवादन किया, जिनमें से कई लोगों ने भारतीय तिरंगा थाम रखा था। वह सुरक्षा घेरे में चले, उनमें से कुछ को ‘ऑटोग्राफ' दिए और कुछ अन्य से हाथ मिलाया। मोदी ने ‘एक्स' पर एक अन्य पोस्ट में कहा, “फिलाडेल्फिया में जोरदार स्वागत! हमारे प्रवासी समुदाय के आशीर्वाद को हम बहुत संजोकर रखते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय समुदाय ने अमेरिका में अपनी अलग पहचान बनाई है और विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनके साथ बातचीत करना हमेशा खुशी की बात होती है। आइये उन बंधनों का जश्न मनाएं जो हमारे देशों को जोड़ते हैं!” विलमिंगटन से मोदी न्यूयॉर्क जाएंगे जहां वह 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके अगले दिन उनका संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री के अन्य कार्यक्रमों में लॉन्ग आइलैंड में भारतीय प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल होना तथा कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लेना शामिल है।
- मॉस्को । रूस के दो नागरिकों ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सबसे लंबे समय तक लगातार रहने का रिकॉर्ड बनाया।रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘रॉसकॉस्मोस’ ने कहा कि ओलेग कोनोनेंको और निकोलाई चूब ने 370 दिन, 21 घंटे और 22 मिनट का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, जो सितंबर 2023 में रूस के सर्गेई प्रोकोपीव और दमित्री पेटेलिन तथा अमेरिकी फ्रांसिस्को रुबियो द्वारा स्थापित किया गया था। चूब और कोनोनेंको के रिकॉर्ड में सोमवार को पृथ्वी पर लौटने से पहले कई दिन और जुड़ जाएंगे। कोनोनेंको (59) के नाम अंतरिक्ष में बिताए गए समय के अन्य रिकॉर्ड भी हैं। अगले सप्ताह कजाकिस्तान पहुंचने तक वे पांच अभियानों के दौरान 1,110 दिन अंतरिक्ष में बिता चुके होंगे।
- वाशिंगटन। अमेरिका की कंप्यूटर सूचना प्रणाली की छात्रा ध्रुवी पटेल को मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2024 का विजेता घोषित किया गया है, जो भारत के बाहर सबसे लंबे समय तक चलने वाली भारतीय प्रतियोगिता है।ध्रुवी बॉलीवुड अभिनेत्री और यूनिसेफ एम्बेसडर बनने की इच्छा रखती हैं।ध्रुवी ने न्यू जर्सी के एडिसन में अपने ताज के बाद कहा, "मिस इंडिया वर्ल्डवाइड जीतना अविश्वसनीय सम्मान है। यह एक ताज से कहीं अधिक है - यह मेरी विरासत, मेरे मूल्यों और वैश्विक स्तर पर दूसरों को प्रेरित करने के अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।"इसी दौड़ में सूरीनाम की लिसा अब्दोएलहाक को प्रथम उपविजेता घोषित किया गया, जबकि नीदरलैंड की मालविका शर्मा को द्वितीय उपविजेता घोषित किया गया।श्रीमती श्रेणी में त्रिनिदाद और टोबैगो की सुआन मौटेट विजेता रहीं, जबकि स्नेहा नांबियार प्रथम और यूनाइटेड किंगडम की पवनदीप कौर द्वितीय स्थान पर रहीं।किशोर वर्ग में, ग्वाडेलोप की सिएरा सुरेट को मिस टीन इंडिया वर्ल्डवाइड का ताज पहनाया गया।नीदरलैंड की श्रेया सिंह और सूरीनाम की श्रद्धा टेडजो को प्रथम और द्वितीय उपविजेता घोषित किया गया।इस सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन न्यूयॉर्क स्थित इंडिया फेस्टिवल कमेटी द्वारा किया जाता है और इसका नेतृत्व भारतीय-अमेरिकी नीलम और धर्मात्मा सरन करते हैं। इस वर्ष यह ताज अपनी 31वीं वर्षगांठ मना रहा है।
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वाशिंगटन. अमेरिका के दो सांसदों ने पिछले सप्ताह डलास में ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस' के सदस्यों द्वारा एक भारतीय पत्रकार के साथ कथित मारपीट की घटना की निंदा की और कहा कि उसकी रिकॉर्डिंग मिटाना ‘प्रथम संशोधन' का उल्लंघन है। यह देश में प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ा कानून है।
भारत और भारतीय अमेरिकियों पर ‘कांग्रेसनल इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष एवं सांसद रो खन्ना ने कहा, ‘‘ मैं इंडिया टुडे समूह के रिपोर्टर रोहित शर्मा के साथ हूं और ‘प्रथम संशोधन' के प्रति अडिग हूं।'' खन्ना ने कहा, ‘‘वह निष्पक्ष पत्रकार हैं। उनका फोन छीना जाना, उन्हें धक्का देना और उनकी रिकॉर्डिंग मिटाना अनैतिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ विश्वासघात है।'' अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने भी घटना की निंदा की और कहा कि इस प्रकार का हमला ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य'' है। उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षा कर्मचारियों को यह अवश्य पता होना चाहिए कि अमेरिका में काम करने वाले पत्रकारों को ‘प्रथम संशोधन' के तहत संरक्षण प्राप्त है चाहे वह किसी भी देश का हो।'' थानेदार ने कहा कि शर्मा ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के साथ ‘‘ऑन-द-रिकॉर्ड साक्षात्कार'' किया था और साक्षात्कार की विषयवस्तु या अवधि को नियंत्रित करने में सुरक्षा टीम की कोई भूमिका नहीं होती। नेशनल प्रेस क्लब की अध्यक्ष एमिली विल्किंस ने कहा, ‘‘ उनके पास शर्मा का फोन छीनने या सामग्री को हटाने का कोई अधिकार नहीं है।'' -
ह्यूस्टन . भारत के ऊर्जा मंत्री हरदीप पुरी ने विश्व की ऊर्जा जरूरतों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत का योगदान देगा। यहां जॉर्ज आर. ब्राउन कन्वेंशन सेंटर में 52वीं गैसटेक एग्जीबिशन एंड कॉन्फ्रेंस भारत सहित विश्व के पांच प्रमुख ऊर्जा मंत्रियों की रणनीतिक अंतर्दृष्टि के साथ मंगलवार को शुरू हुई। ‘दृष्टिकोण, नवाचार और कार्रवाई के जरिये ऊर्जा में बदलाव' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक ऊर्जा स्थिरता तथा तेजी से कार्बन मुक्त बनने की आवश्यकता पर गौर किया गया। अपने मुख्य भाषण में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि वैश्विक मांग एक प्रतिशत बढ़ रही है, तो हमारी मांग तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। अगले दो दशकों में भारत ऊर्जा मांग में वैश्विक वृद्धि में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।'' मंत्री ने भारत की चुनौती को ‘‘ऊर्जा त्रिविधता'' के रूप में पेश किया और उपलब्धता, सामर्थ्य तथा सफल हरित बदलाव के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पुरी ने कहा, ‘‘ हमें हरित बदलाव को प्रबंधित करने और इसमें सफलता प्राप्त करने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।'' सम्मेलन की पहली मंत्रिस्तरीय समिति में अमेरिका, भारत, मिस्र, नाइजीरिया और तुर्किये के अधिकारी शामिल रहे। इन्होंने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और उद्योग चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। इस बीच, भारत और अमेरिका ने न्यायसंगत तथा व्यवस्थित ऊर्जा बदलाव के लिए ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा संसाधन के लिए सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री प्याट से यहां मुलाकात की। पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘... आज ह्यूस्टन में मेरे मित्र और अमेरिका के ऊर्जा संसाधन के लिए सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री प्याट से मुलाकात की। हमने मौजूदा ऊर्जा सहयोग की समीक्षा की और एक न्यायसंगत तथा व्यवस्थित ऊर्जा बदलाव के लिए ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की।'' प्याट ने भी सोशल मीडिया पर पुरी से मुलाकात और दोनों देशों के बीच बनी सहमति की जानकारी दी।
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केप केनवरल. अरबपति प्रौद्योगिकी उद्यमी जेरेड आइजैकमैन अपने साथियों के साथ पांच दिन की अंतरिक्ष की सैर करके रविवार को धरती पर लौट आए। ‘स्पेसएक्स' का ‘ड्रैगन' नामक एक यान आइजैकमैन, स्पेसएक्स के दो इंजीनियरों और वायुसेना के पूर्व पायलट को लेकर रविवार तड़के फ्लोरिडा के ड्राई टॉर्टुगस द्वीप के निकट मैक्सिको की खाड़ी में उतरा। उन्होंने पृथ्वी से लगभग 460 मील (740 किलोमीटर) ऊपर, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और हबल स्पेस टेलीस्कोप से भी अधिक ऊंचाई पर पहली निजी यात्रा की। मंगलवार को उड़ान भरने के बाद उनका अंतरिक्ष यान 875 मील (1,408 किलोमीटर) की ऊंचाई पर पहुंच गया था। आइजकमैन अंतरिक्ष की सैर करने वाले 264वें व्यक्ति बन गए हैं। 1965 में पूर्व सोवियत संघ ने अंतरिक्ष सैर की शुरुआत की थी। ‘स्पेसएक्स' की साराह गिलिस अंतरिक्ष की सैर करने वाली 265वीं व्यक्ति बनी हैं। अब तक अंतरिक्ष की सैर करने वाले सभी व्यक्ति पेशेवर अंतरिक्ष यात्री थे।
- कोलंबो। श्रीलंका अगले साल फरवरी तक चरणबद्ध तरीके से सभी वाहनों के आयात पर प्रतिबंध हटा लेगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। श्रीलंका ने "अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति बहाल करने" के प्रयासों के तहत यह फैसला लिया है।राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम से जुड़ी व्यापक आर्थिक सुधार रणनीति के तहत एक अक्टूबर से तीन चरणों में प्रतिबंध हटाया जाएगा। राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने कहा कि मोटर वाहन आयात की अनुमति देने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी चार साल के "कड़े आयात प्रतिबंधों" के बाद आई है, जो तीव्र आर्थिक संकट के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए लगाए गए थे। साल 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के साथ, श्रीलंका ने विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए आयात प्रतिबंध लगाए। तब दवा, ईंधन और भोजन जैसे आवश्यक आयातों के लिए घटते विदेशी भंडार का उपयोग करने की जरूरत थी।
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फ्रैंकफर्ट (जर्मनी)। यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए प्रमुख ब्याज दर में गुरुवार को 0.25 प्रतिशत की कटौती की। इससे कंपनियों और मकान खरीदारों के लिए कर्ज की लागत कम होगी। ईसीबी की नीतिगत दर निर्धारित करने वाली समिति की यहां हुई बैठक में ब्याज दर को 3.75 प्रतिशत से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया। यह दूसरा मौका है जब नीतिगत दर में कटौती की गयी है। इससे पहले बैंक ने दहाई अंक में पहुंची मुद्रास्फीति को कम करने के लिए नीतिगत दरों में वृद्धि की थी। मुद्रास्फीति बढ़ने का प्रमुख कारण यूक्रेन पर हमले के बाद लगायी गयी पाबंदियों के जवाब में रूस का प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को रोकना था। उल्लेखनीय है कि यूरो मुद्रा का उपयोग करने वाले 20 देशों में मुद्रास्फीति घटकर 2.2 प्रतिशत रही। अक्टूबर, 2022 में यह 10.6 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। मुख्य रूप से कच्चे तेल के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति में कमी आई है।
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लंदन. प्रसिद्ध भारतीय लेखक अमिताव घोष का नाम मंगलवार को ‘ब्रिटिश एकेडमी बुक प्राइज फॉर ग्लोबल कल्चरल अंडरस्टैंडिंग 2024' के संभावित विजेताओं में चुना गया। यह कथेतर (नॉन फिक्शन) साहित्य के क्षेत्र में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है जिसमें 25,000 पाउंड की इनाम राशि प्रदान की जाती है। घोष की कृति ‘स्मोक एंड एशेज: ओपियम्स हिडेन हिस्ट्रीज' का मुकाबला पांच अन्य अंतरराष्ट्रीय कृतियों के साथ है। यह पुरस्कार विश्व में कहीं भी रहने वाले और किसी भी भाषा में काम करने वाले किसी भी नागरिकता वाले लेखक के लिए खुला है। रचना अंग्रेजी भाषा में लिखी होनी चाहिए। कोलकाता में जन्मे घोष अमेरिका में रहते हैं। पुरस्कार के निर्णायकों ने ‘‘इस अत्यंत पठनीय यात्रा वृतांत, संस्मरण और इतिहास को जीवंत बनाने में उनके कहानी कहने के कौशल'' की प्रशंसा की। ‘ब्रिटिश एकेडमी बुक प्राइज' के एक बयान में कहा गया है कि घोष ने अपने इस उपन्यास में दशकों के अभिलेखीय शोध का उपयोग किया है जिनमें 18वीं शताब्दी से लेकर वर्तमान अफीम संकट और अमेरिका में ऑक्सीकॉन्टिन घोटाले तक वैश्विक अफीम व्यापार के आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव का पता लगाने का प्रयास किया गया है। इस वर्ष के पुरस्कार की दौड़ में शामिल अन्य लेखकों में एड कॉनवे को ‘मटेरियल वर्ल्ड: ए सब्सटेंशियल स्टोरी ऑफ अवर पास्ट एंड फ्यूचर' के लिए; केट कितागावा और टिमोथी रेवेल को ‘द सीक्रेट लाइव्स ऑफ नंबर्स: ए ग्लोबल हिस्ट्री ऑफ मैथमेटिक्स एंड इट्स अनसंग ट्रेलब्लेजर्स' के लिए चुना गया है। पुरस्कार की दौड़ में ‘द टेम एंड द वाइल्ड: पीपुल एंड एनिमल्स आफ्टर 1492' के लिए मार्सी नॉर्टन को; ‘लैंग्वेज सिटी: द फाइट टू प्रिजर्व एन्डेंजर्ड मदर टंग्स' के लिए रॉस पर्लिन को तथा ‘डिवाइडेड: रेसिज्म, मेडिसिन एंड व्हाई वी नीड टू डीकोलोनाइज हेल्थकेयर' के लिए एनाबेल सोवेमिमो को चुना गया है।
- लंदन। वेल्स की राजकुमारी केट ने कहा है कि उन्होंने कीमोथेरेपी पूरी कर ली है। आने वाले महीनों में वह कुछ सार्वजनिक कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी। उम्मीद है कि प्रिंस विलियम की 42 वर्षीय पत्नी (केट) इस वर्ष के अंत तक कुछ छोटे व संक्षिप्त कार्यक्रमों में भाग लेंगी। केट ने मार्च में घोषणा की थी कि वह कैंसर का इलाज करा रही हैं। केट ने जून में किंग चार्ल्स तृतीय के जन्मदिन पर आयोजित समारोह में भाग लिया था।इसके अगले महीने उन्होंने विम्बलडन टेनिस चैंपियनशिप में पुरुष वर्ग की विजेता ट्रॉफी प्रदान की थी।
- काहिरा. संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि सूडान में 16 महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध में 20,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश में विनाशकारी संघर्ष के बीच यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सूडान के लाल सागर के शहर पोर्ट सूडान में एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। पोर्ट सूडान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त, सैन्य समर्थित सरकार की सीट के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि सूडान में जारी युद्ध में मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है।टेड्रोस ने सूडान की अपनी दो दिवसीय यात्रा के समापन के अवसर पर यह बात कही।टेड्रोस ने कहा, ‘‘सूडान संकट के एक भयंकर तूफान से जूझ रहा है।''उन्होंने कहा, ‘‘सूडान में आपातकाल जैसे हालात बेहद चौंकाने वाले हैं, तथा इस संघर्ष को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई भी अपर्याप्त है। '' पिछले वर्ष अप्रैल में सूडान में उस समय अराजकता फैल गई थी, जब सेना और एक शक्तिशाली अर्धसैनिक समूह, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच बढ़ते तनाव ने पूरे देश में एक युद्ध का रूप ले लिया था।
- वाशिंगटन. नवगठित संगठन ‘हिंदूज फॉर अमेरिका फर्स्ट' ने घोषणा की है कि वह राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करेगा और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के खिलाफ अभियान शुरू करेगा। ‘हिंदूज फॉर अमेरिका फर्स्ट' के अध्यक्ष और संस्थापक उत्सव संदूजा ने बृहस्पतिवार को इस निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ‘‘भारत के समर्थक हैं उनके विपरीत हैरिस ने भारत और भारत के लोगों के लिए ‘‘अपमानजनक बयानबाजियां'' की हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन-हैरिस प्रशासन ने सीमा को सुरक्षित नहीं रखा । हैरिस राष्ट्रपति जो बाइडन के बाद दूसरे नंबर की ताकतवर नेता हैं लेकिन उन्होंने अमेरिका में अवैध प्रवासियों को आने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘अवैध तरीके से लोगों के आने पर अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है और इसका असर अल्पसंख्यक समुदायों पर पड़ रहा है, विशेष रूप से कई एशियाई-अमेरिकी कारोबारियों पर।'' उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप भारत के समर्थक हैं। उनके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बेहतरीन संबंध हैं और उन्होंने कई रक्षा परियोजनाओं पर सहयोग किया, जिससे भारत को चीन का सामना करने में मदद मिलेगी।'' संदूजा ने कहा कि इसके उलट ‘‘कमला हैरिस ने भारत सरकार और भारतीय लोगों के बारे में कई ‘अपमानजनक टिप्पणियां' कीं जबकि ट्रंप ने देश के आंतरिक मामलों में कभी हस्तक्षेप नहीं किया।'' उन्होंने कहा कि ‘हिंदूज फॉर अमेरिका फर्स्ट' जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, एरिजोना और नेवादा जैसे राज्यों में हिंदू समुदाय के बीच हैरिस के पक्ष में मतदान नहीं करने का अनुरोध करेंगे।
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पेरिस. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बृहस्पतिवार को यूरोपीय संघ के पूर्व ब्रेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। मैक्रों ने 50 से ज्यादा दिनों से चल रही कार्यवाहक सरकार के बाद नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान किया। मैक्रों और उनके सहयोगियों द्वारा कई हफ्तों तक किए गए गहन प्रयासों के बाद बार्नियर (73) की नियुक्ति की गयी है। वे एक ऐसे उम्मीदवार की तलाश में थे जो मैक्रों के विरोधियों द्वारा नयी सरकार को गिराने की कोशिशों को नाकाम कर सके। मैक्रों के कार्यालय ने बार्नियर की नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें “देश और फ्रांसीसी लोगों की सेवा के लिए एक एकीकृत सरकार बनाने का काम सौंपा गया है।” बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने अपने संवैधानिक कर्तव्य के तहत अप्रत्याशित विचार विमर्श के बाद सुनिश्चित किया है कि प्रधानमंत्री और भावी सरकार जहां तक संभव हो सके, स्थिर रहें। बार्नियर फ्रांस के अल्पाइन क्षेत्र हाउते-सावोई से आते हैं और अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। वह यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने को लेकर चली बातचीत में मुख्य वार्ताकार थे। वह गैब्रियल एटल की जगह लेंगे, जिन्होंने 16 जुलाई को चुनावों में त्रिशंकु संसद आने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।
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ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में बैठकर जिस प्रकार की राजनीतिक टिप्पणियां कर रही हैं वह उचित नहीं है। यूनुस ने यह भी कहा कि जब तक ढाका उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं करता, तब तक उन्हें चुप रहना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच संबंध असहज नहीं हों। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने कहा, ‘‘अगर भारत हसीना को तब तक अपने पास रखना चाहता है जब तक बांग्लादेश (सरकार) उन्हें वापस नहीं बुला ले, तो शर्त यह होगी कि उन्हें (हसीना को) चुप रहना होगा।’’
ढाका में अपने आधिकारिक आवास पर साक्षात्कार में यूनुस ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देता है लेकिन नयी दिल्ली को ‘‘उस विमर्श से आगे बढ़ना चाहिए जो अवामी लीग को छोड़कर शेष अन्य राजनीतिक दलों को इस्लामिक के रूप में चित्रित करता है और यह कि देश शेख हसीना के बिना अफगानिस्तान के समान हो जाएगा।’’देश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत में शरण ली थी। इसके बाद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है। यूनुस ने कहा, ‘‘भारत में कोई भी उनके रुख से सहज नहीं है….। वह भारत में हैं और कुछ बयान देती हैं जो कि समस्या पैदा करते हैं। अगर वह चुप रहतीं, तो हम इसे भूल जाते। लेकिन भारत में बैठकर वह बोल रही हैं और निर्देश दे रही हैं। यह किसी को रास नहीं आ रहा।’’ - जॉर्जिया। अमेरिका के जॉर्जिया में एक हाई स्कूल में 14 वर्षीय एक छात्र ने बुधवार को गोलीबारी कर दी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि घटना के कारण छात्रों को अपनी कक्षा में शरण लेनी पड़ी जिसके बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें फुटबॉल स्टेडियम में भेजा गया। घटना के बाद अपने बच्चों की सलामती जानने के लिए अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए। मृतकों में अपालाची हाई स्कूल के दो छात्र और दो शिक्षक शामिल हैं।आठ विद्यार्थियों और एक शिक्षक समेत नौ अन्य लोग घायलविंडर अटलांटा से करीब एक घंटे की दूरी पर है। घटना में आठ विद्यार्थियों और एक शिक्षक समेत नौ अन्य लोग घायल भी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोफोमोर कायली एबनर ज्यामिती की कक्षा में थीं जब उन्होंने गोली चलने की आवाज सुनी। आवाज सुनकर एबनर और उनकी दोस्त अपनी शिक्षक की डेस्क के नीचे छिप गईं।इसके बाद शिक्षक ने दरवाजे के सामने डेस्क को लगाकर अवरोधक तैयार किया ताकि कोई कक्षा में प्रवेश नहीं कर सके। एबनर ने बताया कि विद्यार्थियों के फुटबॉल स्टेडियम में इकट्ठा होने के बाद उन्होंने देखा कि शिक्षकों ने अपनी कमीज उतारकर घायलों के जख्मों पर पट्टी की।जॉर्जिया जांच ब्यूरो के निदेशक क्रिस होजी ने बताया कि गोली चलने की सूचना मिलने के कुछ ही मिनटों के भीतर स्कूल के दो अधिकारियों ने हमलावर छात्र को रोकने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि संदिग्ध एक स्कूली छात्र है। उसने तुरंत आत्मसमर्पण कर दिया और उसे हिरासत में ले लिया गया है। आरोपी छात्र पर वयस्क के समान हत्या का मामला दर्ज किया गया है।घटना के बाद दोपहर को संवाददाता सम्मेलन में अधिकारियों ने बताया कि वे इस बात का पता लगा रहे हैं कि संदिग्ध को बंदूक कैसे मिली और वह बैरो काउंटी में स्कूल में कैसे घुसा? इस दौरान बैरो काउंटी के शेरिफ जुड स्मिथ घटना की जानकारी देते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा कि इसी जगह वह पले-बढ़े हैं और उनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं।यह बहुत ही अपमानजनक: कमला हैरिसउपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने न्यू हैंपशायर में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान कहा, ‘‘यह बहुत ही अपमानजनक है कि हमारे देश अमेरिका में हर दिन माता-पिता को अपने बच्चों को इस चिंता में स्कूल भेजना पड़ता है कि बच्चा जीवित घर लौट पाएगा या नहीं।’’सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक संदेश में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘‘इन प्यारे बच्चों को एक बीमार और विक्षिप्त राक्षस ने बहुत जल्दी हमसे छीन लिया।’’जॉर्जिया के गवर्नर ब्रायन केम्प ने एक बयान में कहा, ‘‘यह एक ऐसा दिन है जिससे हर माता-पिता डरेंगे और इस दुखद घटना के कारण हर जगह जॉर्जिया के लोग अपने बच्चों को कसकर गले लगाएंगे और उन्हें खुद से दूर नहीं जाने देंगे।’’संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के अटलांटा कार्यालय ने कहा कि उसके अधिकारी स्कूल में मौजूद हैं और ‘‘स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय और सहयोग कर रहे हैं।’’
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बीजिंग. पूर्वी चीन में मंगलवार को एक बस ने छात्रों के एक समूह को टक्कर मार दी, जिसके कारण कम से कम 10 लोग हताहत हो गए। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। ‘शिंहुआ' समाचार एजेंसी ने बताया कि छात्र सुबह करीब सात बजे शांदोंग प्रांत के ताईआन शहर में एक स्कूल के मुख्य द्वार पर खड़े थे। उसने बताया कि हादसे में शामिल बस को छात्रों को लाने-ले जाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। चीन में स्कूल बस में क्षमता से अधिक छात्रों को लाना-ले जाना और खराब तरीके से डिजाइन की गई इमारतों समेत अन्य मुद्दों के कारण स्कूल संबंधी सुरक्षा लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है।




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