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- लंदन। राजकुमार चार्ल्स और राजकुमारी डायना के शादी के केक का एक टुकड़ा 1,850 पाउंड में नीलाम हुआ है। काल्पनिक कहानियों में सुनी जाने जैसी शादी के 40 साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद यह एक नीलामी में इतनी बड़ी कीमत में बिका है। केक का यह टुकड़ा शादी के 23 आधिकारिक केकों में से एक केक का है जो ब्रिटिश शाही जोड़े ने अपनी शादी में परोसा था।केक की आइसिंग (सजावट के लिए तैयार मिश्रण) और बादाम की मिठाई से तैयार बेस में शाही 'कोट ऑफ आम्र्स' को सुनहरे, लाल,नीले और चांदी से सजे विस्तृत डिजाइन को विशिष्ट रूप से दर्शाया गया था। यह टुकड़ा क्वीन मदर के स्टाफ की एक सदस्य मोया स्मिथ को दिया गया था जिन्होंने इसे सख्त पकड़ वाली एक फिल्म के साथ संरक्षित कर रखा था और इस पर 29 जुलाई,1981 की तारीख अंकित की थी। बीबीसी ने बुधवार को खबर दी कि स्मिथ ने टुकड़े को एक पुराने केक टिन में रखा था और इसके ढक्कन पर हाथ से बना एक लेबल चिपकाया था, जिस पर लिखा था, "सावधानी से छुएं - राजकुमार चार्ल्स और राजकुमारी डायना की शादी का केक।" उनके परिवार ने यह केक 2008 में एक संग्राहक को बेच दिया था। बोली में दुनियाभर के लोगों ने भाग लिया और केक के टुकड़े को बुधवार को गेरी लेयटन को बेच दिया गया। इस टुकड़े से महज 500 पाउंड मिलने की उम्मीद थी , लेकिन नीलामीकर्ताओं का कहना है कि वह इसे मिली कीमत से "हैरान" हैं।
- एथेंस। यूनान के तटरक्षक बल ने कहा कि मिलोस द्वीप के तट पर डूबी एक नौका में सवार 17 यात्रियों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। तटरक्षक बल के प्रवक्ता निकोलस कोक्कालास ने बताया कि तकरीबन 98 फुट लंबी नौका में 17 यात्री सवार थे। बचाव अभियान में दो हेलीकॉप्टर, तटरक्षक बल की तीन गश्ती नौका, एक निजी नौका और दो नजदीक में स्थित नौकाएं शामिल हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नौका में कौन लोग सवार थे या उनकी नागरिकता क्या है। मिलोस के पश्चिम और उत्तरपश्चिम तट पर नौका डूबने की वजह अभी पता नहीं चल पायी है।
- काबुल। अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के बीच तालिबान ने गुरुवार को काबुल के निकट एक और प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया और इसे मिलाकर यह आतंकवादी संगठन अब तक दस प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है। काबुल के दक्षिण पश्चिम में 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गजनी में उग्रवादियों ने श्वेत झंडे फहराए। दो स्थानीय अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि शहर के बाहर स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान और खुफिया ठिकाने पर छिटपुट लड़ाई अब भी चल रही है।तालिबान की ओर से ऑनलाइन वीडियो और तस्वीरें डाली गईं जिनमें उसके लड़ाके गजनी प्रांत की राजधानी गजनी में नजर आ रहे हैं। कई दिनों से जारी लड़ाई पर अफगान सुरक्षा बल और सरकार कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं हैं। लगातार बढ़त बना रहे तालिबान से काबुल को सीधे कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसकी तेज बढ़त सवाल खड़े करती है कि अफगान सरकार अपने पास बचे इलाकों को आखिर कब तक नियंत्रण में रख पाएगी। संभवत: सरकार राजधानी और कुछ अन्य शहरों को बचाने के लिए अपने कदम वापस लेने पर मजबूर हो जाए क्योंकि लड़ाई के कारण विस्थापित हजारों लोग काबुल भाग आए हैं और खुले स्थानों और उद्यानों में रह रहे हैं। गजनी प्रांत के परिषद सदस्य अमानुल्ला कामरानी ने एपी को बताया कि शहर के बाहर बने दो बेस अब भी सरकारी बलों के कब्जे में हैं।इस बीच अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है। हेलमंड से सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि बुधवार को आत्मघाती कार बम हमले में राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया था। गुरुवार को तालिबान ने मुख्यालय पर कब्जा कर लिया और कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है। नियाजी ने बताया कि प्रांतीय कारागार पर भी आत्मघाती कार बम हमला हुआ हालांकि इस पर अब भी सरकारी बलों का कब्जा है। लेकिन तालिबान बीते एक हफ्ते में अपने सैकड़ों आतंकवादियों को छुड़वा चुका है तथा हथियारों और वाहनों पर कब्जा कर चुका है। नियाजी ने इलाके में हवाई हमलों की निंदा की और आशंका जताई कि इसमें आम नागरिक मारे जा सकते हैं। उन्होंने कहा, तालिबान के लड़ाके स्वयं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों के घरों का इस्तेमाल करते हैं और सरकार नागरिकों की परवाह किए बगैर हवाई हमले कर रही है। माना जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना हवाई हमलों में अफगान बलों की मदद कर रही है। अमेरिकी बम हमलों में कितने लोग मारे गए हैं इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
- बैंकॉक। म्यांमा के सबसे बड़े शहर यंगून में एक अपार्टमेंट की इमारत में सरकारी सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही छापेमारी से बचने के लिए पांच लोग इमारत से कूद गए। सरकार एवं मीडिया की खबरों में बुधवार को बताया गया कि कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। मंगलवार रात को हुई छापेमारी के दौरान, सुरक्षा अधिकारियों ने रेडियो बातचीत में कहा कि पांच लोग - चार पुरुष और एक महिला- पकड़े जाने से पहले इमारत से कूद गए। उन्होंने बताया कि तीन लोगों की मौत हो गई और दो को घातक चोट आई है। हालांकि, बुधवार को सरकार ने एक बयान में कहा कि घटना में आठ लोग शामिल थे। उसने कहा कि दो लोगों की मौत हो गई, तीन अस्पताल में भर्ती हैं और तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी के लिए जिम्मेदार क्षेत्र के पुलिस अधिकारी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। एक पड़ोसी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सुरक्षा बलों से बचने के प्रयास में पांच लोग छत पर चढ़ गए और कहीं और जाने की जगह न मिलने पर वे गली में कूद गए। सरकार ने कहा कि सुरक्षा बलों ने यह जानकारी मिलने पर छापा मारा कि अपार्टमेंट में विस्फोटक हो सकते हैं, और पटाखे, बारुद और "हस्तनिर्मित हथगोले" सहित विभिन्न वस्तुओं को जब्त किया।
- न्यूयॉर्क। भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, अमेरिका में एक प्रमुख भारतीय प्रवासी संगठन 15 अगस्त को यहां टाइम्स स्क्वायर पर अब तक का सबसे बड़ा तिरंगा फहराएगा।फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन - न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और कनेक्टिकट, 15 अगस्त को टाइम्स स्क्वायर पर तिरंगा फहराने के साथ शुरू होने वाले दिन भर के समारोहों की मेजबानी करेंगे। टाइम्स स्क्वायर पर पहला भारत दिवस बिलबोर्ड 24 घंटे के लिए प्रदर्शित किया जाएगा, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग को भारतीय तिरंगे के रंगों में रौशन किया जाएगा और दिन का अंत हडसन नदी पर एक शानदार क्रूज के साथ होगा जिसमें शीर्ष सरकारी अधिकारी, विशिष्ट अतिथि और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य भाग लेंगे।फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) ने पिछले साल देश के स्वतंत्रता दिवस पर टाइम्स स्क्वायर पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। यह पहली बार था जब न्यूयॉर्क शहर के प्रतिष्ठित गंतव्य पर भारतीय तिरंगा फहराया गया था। एफआईए के अध्यक्ष अंकुर वैद्य ने कहा कि संगठन का इरादा टाइम्स स्क्वायर पर हर साल तिरंगा फहराने का है क्योंकि इस आयोजन का अपना महत्व है। वैद्य ने बताया, "हम इस परंपरा को जारी रखना चाहते हैं। इस साल हम, टाइम्स स्क्वायर पर जो तिरंगा फहराएंगे वह यहां फहराए गए अब तक के तिरंगों में सबसे बड़ा होगा।" तिरंगा 6 फुट लंबा और 10 फुट चौड़ा होगा। पोल की ऊंचाई 25 फुट है। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल तिरंगा फहराएंगे। इस आयोजन में भारतीय मूल के अमेरिकी खिलाड़ी एवं शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर 12 वर्षीय अभिमन्यु मिश्रा और 17 वर्षीय समीर बनर्जी को भी सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने पिछले महीने विंबलडन बॉयज का एकल फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया था।कलाकार जोनिता गांधी और मिकी सिंह भी मेहमानों में शुमार होंगे। वैद्य ने कहा कि भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, ऐसे में एफआईए 'अमेरिका में एकीकृत प्रवासी' पर केंद्रित एक अभियान शुरू कर रहा है।
- लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब सूबे में एक वैन के दूसरे वाहन से टकराने से लगी आग में तीन बच्चों सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई जबकि सात अन्य घायल हुए हैं। हादसे के समय वैन में कुल 17 लोग सवार थे। अधिकारियों के मुताबिक, दुर्घटना का शिकार हुई वैन रावलपिंडी से लाहौर आ रही थी और यहां से 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला में यह हादसा हुआ। गुजरांवाला के आयुक्त जुल्फीकार घुम्मन ने बताया कि 17 सवारियों को ले जा रही वैन को पीछे से मिनी टैंकर ने टक्कर मारी जिससे उसमें लगे गैस सिलेंडर का नोजल ढीला हो गया। उन्होंने बताया,‘‘गैस सिलेंडर से गैस रिसाव होने की वजह से धमाका हुआ जिससे उसमें मौजूद लोग जिंदा जल गए। मौके पर ही तीन बच्चों सहित 10 की जान चली गई। बाकी सात यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत नाजुक बताई जाती है।'' आयुक्त ने बताया कि दोनों वाहनों के चालक मौके से फरार हो गए और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया है। उन्होंने बताया कि मृतकों में चार लोग खैबर पख्तूनख्वा के हैं।
- इस्तांबुल। पश्चिमी तुर्की में रविवार को एक यात्री बस के हाईवे पर पलट जाने से 14 लोगों की मौत हो गई। बालिकेसिर प्रांत के गवर्नर कार्यालय ने कहा कि दुर्घटना में घायल हुए 18 लोगों का पांच अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसने कहा कि बस स्थानीय समयानुसार तड़के 04:40 बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार देर रात एक बजकर 40 मिनट) पर पलट गई। आपातकालीन इकाइयां मौके पर पहुंचीं। इसने कहा कि 11 लोगों की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि तीन अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
- लंदन। ब्रिटेन ने रविवार को भारत का नाम “लाल” सूची से हटाकर ‘ऐंबर” सूची में डालने के साथ ही देश के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी। इसका मतलब यह हुआ कि कोविड-19 टीके की सभी खुराकें ले चुके भारतीय यात्रियों के लिए अब ब्रिटेन पहुंचने पर 10 दिन तक होटल में पृथक-वास में रहना अनिवार्य नहीं होगा। स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग (डीएचएससी) ने पुष्टि की कि रविवार सुबह चार बजे तक ऐंबर सूची में रखे गए देश, भारत से आने वाले सभी लोग जिन्हें भारत में टीका लग चुका है, उन्हें अपने घरों पर या भौगोलिक स्थिति दर्शाने वाले अनिवार्य फॉर्म में उल्लेखित निर्दिष्ट स्थान पर एकांतवास में रहना होगा। सरकार अनुमोदित पृथक-वास केंद्र में प्रति व्यक्ति 1,750 पाउंड के अतिरिक्त खर्च पर अनिवार्य रूप से 10 दिन रहने की शर्त अब लागू नहीं होगी लेकिन घर में पृथक-वास में रहने से छूट केवल उन लोगों को होगी जिन्हें ब्रिटेन या यूरोप में टीका लगा है। डीएचएससी में एक सूत्र ने बताया, “हम मानते हैं कि दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के कोविड-19 टीके लगाए जा रहे हैं और यह निर्धारित करने का काम जारी है कि किस गैर-ब्रितानी टीके एवं प्रमाणन समाधान को मान्यता देनी है।” सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका के टीके ‘कोविशील्ड' को ब्रिटेन स्वीकृत टीकों के व्यापक दायरे में शामिल किए जाने को लेकर कुछ अकटलें हैं। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ब्रिटेन की औषधि एवं स्वास्थ्य लाभ उत्पाद नियमन एजेंसी (एमएचआरए) द्वारा अब तक स्वीकृत ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भारत-निर्मित संस्करण को वैक्सजेवरिया ब्रांड का नाम दिया गया है और वर्तमान में छूट नियमों के तहत मान्यता प्राप्त यही एकमात्र टीका है। ब्रिटेन की यातायात रोशनी प्रणाली की ऐंबर सूची में मौजूद देशों के लिए कानूनी नियमों के तहत, यात्रियों के लिए प्रस्थान से तीन दिन पहले कोविड की जांच कराना और ब्रिटेन पहुंचने पर जांच कराने के लिए दो कोविड जांचें पहले से बुक करने के साथ ही आगमन पर यात्री भौगोलिक स्थिति फॉर्म भरना अनिवार्य होगा। इंग्लैंड में आगमन पर, यात्रियों को घरों में या जिस स्थान का उन्होंने फॉर्म में उल्लेख किया है वहां 10 दिन पृथक-वास में रहना होगा और उन्हें दूसरे दिन या उससे पहले कोविड-19 की एक जांच और आठवें दिन या उसके बाद एक जांच करानी होगी। सभी नियमित निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक जारी रहेगी। हालंकि, ब्रिटेन और भारत सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौते के तहत, भारत और ब्रिटेन के बीच सीमित संख्या में उड़ानों का परिचालन होता रहेगा।
- लंदन। खून में वसायुक्त पदार्थों के असामान्य स्तर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा सार्स-सीओवी-2 वायरस से उत्पन्न संक्रमण को 70 प्रतिशत तक कम कर सकती है। हाल में प्रकाशित प्रयोगशाला में किए गए एक नए अध्ययन में यह जानकारी दी गई।ब्रिटेन में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व वाली टीम ने प्रयोगशाला में मानव कोशिका पर किए गए प्रयोग में पाया कि फेनोफाइब्रेट और उसके सक्रिय रूप फेनोफाइब्रिक एसिड कोविड-19 की वजह रहे सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण को उल्लेखनीय रूप से कम कर सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि दवा की सांद्रता का उपयोग करने पर संक्रमण में कमी देखी गई। इसके लिए फेनोफाइब्रेट की मानक क्लिनिकल खुराक का उपयोग किया गया जो सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध है।अध्ययन की सह-लेखक इटली में सैन राफेल साइंटिफिक इंस्टीट्यूट की एलिजा विसेंजी ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़े दर्शाते हैं कि फेनोफाइब्रेट में कोविड-19 के लक्षण कम करने और उसे फैलने से रोकने की क्षमता है।’’ विसेंजी ने कहा, ‘‘विशेषकर निम्न मध्यम आय वाले देशों में अपने व्यापक क्लिनिकल इस्तेमाल और सुरक्षा के लिहाज से अपने बेहतर इतिहास के कारण फेनोफाइब्रेट बेहद सस्ती और दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध होने वाली दवा है, जो सुरक्षित भी है।’’अनुसंधानकर्ताओं ने उल्लेख किया कि दवा अगर क्लिनिकल परीक्षण में खरी उतरती है तो यह उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जिन्हें टीका लेने की सलाह नहीं दी जाती या बच्चों, उच्च-रोग प्रतिरोधक बीमारी से पीड़ित तथा रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने वाली दवा लेने वालों के लिए उपयोगी होगी।फेनोफाइब्रेट को अमेरिका के यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) और ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (एनआईसीई) समेत दुनिया के कई देशों ने इस्तेमाल के लिए मान्यता दी है।
- तलाहस्सी (अमेरिका) । उड़ान रद्द होने पर मिसौरी की एक महिला की किस्मत खुल गई। दरअसल इस दौरान महिला ने कुछ लाटरी टिकट खरीदे जिसमें उसे 10 लाख डॉलर का इनाम मिला। फ्लोरिडा लॉटरी की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि मिसौरी के कनसास सिटी की एंजेला कैरावेला (51) ने ‘द फास्टेस्ट रोड टू यूएसडी 10,00,000' स्क्रैच गेम से पिछले महीने 10 लाख डॉलर का शीर्ष इनाम जीता। उसने अपनी जीती हुई रकम एक बार में लेने का विकल्प चुना जो तकरीबन 7,90,000 डॉलर थी। कैरावेला ने कहा, “अचानक उड़ान रद्द होने के बाद मुझे लगा था कि कुछ अजीब होने वाला है।” उसने कहा, “मैंने समय बिताने के लिए कुछ टिकट खरीदे और 10 लाख डॉलर यूं ही जीत लिए।” कैरावेला ने तांपा के पूर्व में स्थित ब्रैंडन में पब्लिक्स सुपरमार्केट से अपना विजयी टिकट खरीदा था। इस स्टोर को विजयी टिकट बेचने के लिए 2,000 डॉलर बोनस के तौर पर दिए जाएंगे। यूएसडी 30 खेल जिसे कैरावेला ने जीता, वह फरवरी 2020 में शुरू हुआ था और इसमें 10 लाख डॉलर के 155 शीर्ष इनाम हैं और 94.8 करोड़ डॉलर के नकद पुरस्कार हैं।-file photo
- ढाका। बांग्लादेश में भगवान विष्णु की एक अद्भुत प्रतिमा मिली। पुलिस ने एक शिक्षक के पास से भगवान विष्णु की काले पत्थर की एक मूर्ति बरामद की जो एक हजार साल से अधिक प्राचीन मानी जा रही है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया की एक खबर से मिली। समाचारपत्र 'डेली स्टारÓ ने बताया कि पुलिस ने क्यूमिला जिले के बोरो गोआली गांव से मूर्ति बरामद की।काले पत्थर की मूर्ति की ऊंचाई करीब 23 इंच और चौड़ाई 9.5 इंच है। इसका वजन करीब 12 किलोग्राम है। दाउदकंडी पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी नजरूल इस्लाम ने कहा, अबू यूसुफ नाम के एक शिक्षक को डेढ़ महीने पहले मूर्ति मिली थी लेकिन उसने हमें सूचित नहीं किया। गुप्त सूचना पर, हमने सोमवार रात इसे उसके घर से बरामद किया। हालांकि, यूसुफ ने कहा, मैंने लगभग 20-22 दिन पहले एक तालाब से मिट्टी खोदते समय इस मूर्ति को देखा था ... हम पुलिस को सूचित नहीं कर सके क्योंकि हम काम में व्यस्त थे। चट्टोग्राम संभागीय पुरातत्व विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक अताउर रहमान ने कहा, भगवान विष्णु की यह मूर्ति बहुत मूल्यवान है। यह संभवत: एक हजार साल से अधिक पुरानी है। इसे उचित संरक्षण के लिए तुरंत मैनमाती संग्रहालय को सौंप दिया जाना चाहिए।--
- लंदन। ब्रिटेन ने कोविड-19 की यात्रा संबंधी पाबंदियों में बदलाव करते हुए भारत को रेड सूची से निकाल कर एम्बर सूची में डाल दिया है। इसके तहत भारत से आने वाले वे यात्री जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका है, उन्हें अब 10 दिन होटल में पृथक-वास में रहने की जरूरत नहीं होगी।अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए ब्रिटेन के ट्रैफिक लाइट सिस्टम के तहत एम्बर सूची वाले देशों से आने वाले लोगों को घर में 10 दिन पृथक-वास में रहना होता है। परिवहन विभाग की ओर से जारी यह बदलाव रविवार को स्थानीय समयानुसार तड़के चार बजे से अमल में आएगा।ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ने ट्वीट किया, यूएई, कतर, भारत और बहरीन को रेड सूची से निकाल एम्बर सूची में डाल दिया गया है। यह सभी बदलाव आठ अगस्त को सुबह चार बजे से अमल में आएंगे। हालांकि हमें अब भी सतर्क रहने की जरूरत है। दुनिया भर में परिवारों, दोस्तों और व्यवसायों से जुडऩे के इच्छुक लोगों के लिए और अधिक गंतव्य खोलना बहुत अच्छी खबर है, जिसका श्रेय हमारे सफल घरेलू टीकाकरण अभियान को जाता है। देश के कानून के तहत एम्बर सूची में शामिल देशों के यात्रियों को अपनी रवानगी से तीन दिन पहले कोविड-19 संबंधी जांच करानी होगी और इंग्लैंड आने से पहले ही कोविड-19 की दो जांच की बुकिंग करानी होगी और यहां पहुंचने के बाद पैसेंजर लोकेटर फार्म भरना होगा। वहीं, यात्री को 10 दिन के लिए घर में या किसी अन्य स्थान पर पृथक-वास में रहना होगा। ब्रिटेन में 18 वर्ष से कम आयु के लोग या वे लोग जिनका पूर्ण टीकाकरण ब्रिटेन में हुआ है, या जिन्होंने यूरोपीय संघ और अमेरिका में कोविड-19 रोधी टीके की दो खुराक ली हैं, उन्हें 10 दिन तक पृथक-वास में रहने की जरूरत नहीं है।
- ओटावा । भारतीय मूल के उद्यमी अजय दिलवारी को कनाडा के प्रतिष्ठित ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ब्रिटिश कोलंबिया सरकार के एक बयान के अनुसार दिलवारी कनाडा के सबसे बड़े मोटर वाहन समूह दिलवारी समूह के मालिक है। वह ब्रिटिश कोलंबिया पुरस्कार से सम्मानित किये जाने वाले 16 लोगों में से एक है। ब्रिटिश कोलंबियाई सरकार के पत्र के अनुसार दिलावरी एक प्रमुख उद्यमी हैं, जिनकी दूरदृष्टि, दृढ़ता, नेतृत्व और सामाजिक विवेक ने प्रांत में कई लोगों के जीवन में सुधार लाया है। बयान में कहा गया, "ब्रिटिश कोलंबिया में 24 डीलरशिप स्टोर के साथ दिलवारी प्रांत में दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। बिजली से चलने वाले वाहनों में उनका महत्वपूर्ण निवेश जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मदद कर रहा है।
- इतिहास के पन्नों में ऐसे कई नरसंहार की कहानियों के बारे में पढऩे को मिलता है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। कुछ इसी तरह का एक नरसंहार अफ्रीकी देश रवांडा में हुआ था। कहा जाता है कि सौ दिनों तक चले इस भीषण नरसंहार में एक-दो नहीं, बल्कि करीब आठ लाख लोग मारे गए थे। अगर इस घटना को इतिहास का सबसे बड़ा नरसंहार कहें, तो बिल्कुल गलत नहीं होगा। दरअसल, साल 1994 में रवांडा के राष्ट्रपति जुवेनल हाबयारिमाना और बुरुंडी के राष्ट्रपति सिप्रेन की हत्या के कारण इस नरसंहार की शुरुआत हुई थी। प्लेन क्रैश होने के कारण इन दोनों राष्ट्रपति की मौत हो गई थी।हालांकि, अभी तक ये साबित नहीं हो पाया कि हवाई जहाज को क्रैश कराने में किसका हाथ था, लेकिन कुछ लोग इसके लिए रवांडा के हूतू चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि रवांडा पैट्रिएक फ्रंट (आरपीएफ) ने ये काम किया था। क्योंकि दोनों ही राष्ट्रपति हूतू समुदाय से संबंध रखते थे, इसलिए हूतू चरमपंथियों ने इस हत्या के लिए रवांडा पैट्रिएक फ्रंट को जिम्मेदार ठहराया। वहीं आरपीएफ का आरोप था कि जहाज को हूतू चरमपंथियों ने ही उड़ाया था, ताकि उन्हें नरसंहार का एक बहाना मिल सके।असल में यह नरसंहार तुत्सी और हुतू समुदाय के लोगों के बीच हुआ एक जातीय संघर्ष था। इतिहासकारों के मुताबिक, 7 अप्रैल 1994 से लेकर अगले 100 दिनों तक चलने वाले इस संघर्ष में हूतू समुदाय के लोगों ने तुत्सी समुदाय से आने वाले अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों और यहां तक कि अपनी पत्नियों को ही मारना शुरू कर दिया।हूतू समुदाय के लोगों ने तुत्सी समुदाय से संबंध रखने वाली अपनी पत्नियों को सिर्फ इसलिए मार डाला, क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो उन्हें ही मार दिया जाता। इतना ही नहीं, तुत्सी समुदाय के लोगों को मारा तो गया ही, साथ ही इस समुदाय से संबंध रखने वाली महिलाओं को सेक्स स्लेव बनाकर भी रखा गया। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि इस नरसंहार में सिर्फ तुत्सी समुदाय के ही लोगों की हत्या हुई। हूतू समुदाय के भी हजारों लोग इसमें मारे गए। कुछ मानवाधिकार संस्थाओं के मुताबिक, रवांडा की सत्ता हथियाने के बाद रवांडा पैट्रिएक फ्रंट (आरपीएफ) के लड़ाकों ने हूतू समुदाय के हजारों लोगों की हत्या की।बता दें कि इस नरसंहार से बचने के लिए रवांडा के लाखों लोगों ने भागकर दूसरे देशों में शरण ले ली थी। रवांडा नरसंहार के लगभग सात साल बाद यानी 2002 में एक अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत का गठन हुआ था, ताकि हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी सके। हालांकि, वहां हत्यारों को सजा नहीं मिल सकी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तंजानिया में एक इंटरनेशनल क्रिमिलन ट्रिब्यूनल बनाया, जहां कई लोगों को नरसंहार के लिए दोषी ठहराया गया और उन्हें सजा सुनाई गई। इसके अलावा रवांडा में भी सामाजिक अदालतें बनाई गई थीं, ताकि नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जा सके। कहते हैं कि मुकदमा चलाने से पहले ही करीब 10 हजार लोगों की मौत जेलों में ही हो गई थी। जातीय संघर्ष में हुए इस नरसंहार के बाद से ही रवांडा में जनजातीयता के बारे में बोलना गैरकानूनी बना दिया गया है। सरकार की मानें तो ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि लोगों के बीच नफरत न फैले और रवांडा को एक और ऐसी घटनाओं का सामना न करना पड़े।
- लंदन। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनाक ने युवाओं को सलाह दी है कि वे दफ्तर जाएं और वहां से कामकाज करें, क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन के चलते घर से काम करने संबंधी दिशानिर्देशों को सरकार ने पिछले महीने वापस ले लिया। लिंक्डइन न्यूज को दिये साक्षात्कार में भारतीय मूल के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सुनाक ने करियर की शुरुआत में निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स के साथ काम को याद करते हुए कहा कि उन्हें कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों के साथ काम करने का लाभ मिला। सुनाक ने कहा कि सरकार चाहती है कि इस गर्मी में धीरे-धीरे लोग दफ्तरों में काम करने आएं।वित्त मंत्री ने साक्षात्कार में कहा, ''मैं पहले भी युवा कर्मियों से कह चुका हूं कि दफ्तर से काम करने के काफी फायदे हैं। जब मैनें करियर की शुरुआत की तो मुझे भी इसका काफी लाभ मिला।'' उन्होंने कहा, ''पहली नौकरी के दौरान मुझे जो सहकर्मी मिले, मैं अब भी उनसे बात करता हूं। रास्ते अलग होने के बावजूद वे मेरे करियर में सदैव मेरे मददगार रहे हैं।'' वित्त मंत्री ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि आर्थिक गतिविधियां खुलने के साथ-साथ लोगों की भर्ती की प्रक्रिया भी तेज होगी और अधिकतर लोग काम पर वापस लौट आएंगे। लेकिन सभी को यह मौका नहीं मिल पाएगा... मैंने शुरुआत में कहा था कि मैं हर किसी की नौकरी नहीं बचा सकता। मुझे नहीं लगता कि कोई भी वित्त मंत्री ऐसा कर सकता है।
- लंदन। भारतीय मूल के कारोबारी और चर्चित उद्योगपति विंदी बंगा को ब्रिटिश सरकार की निवेश इकाई (यूकेजीआई) का प्रमुख नियुक्ति किया गया है। यह कंपनी वित्तपोषण और संचालन व्यवस्था के मामले में विशेषज्ञ इकाई है और वित्त विभाग के अंतर्गत आने वाला स्वायत्त निकाय है। वित्त विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 66 साल के बंगा सिंतबर से इस महत्वपूर्ण पद को संभालेंगे। फिलहाल वह मेरी क्यूरी में अध्यक्ष और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन में एक वरिष्ठ गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। बंगा, द इकोनॉमिस्ट ग्रुप में भी गैर-कार्यकरी निदेशक और निजी इक्विटी कंपनी क्लेटन, डबिलियर एंड राइस (सीडी एंड आर) के भागीदार हैं। उन्होंने यूनिलीवर में 33 साल काम किया है और महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
- बीजिंग। चीन के तियानजिन शहर के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा 20 वर्षीय भारतीय छात्र अपने कमरे में मृत पाया गया है। उसकी मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। चीन के स्थानीय अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। बिहार के गया जिले का रहने वाला अमन नागसेन तियानजिन फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का छात्र था। वह 29 जुलाई को अपने कमरे में मृत पाया गया था।अमन की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। अमन उन चुनिंदा भारतीय छात्रों में से एक था, जो कोविड-19 महामारी के दौरान चीन में ही रहे जबकि करीब 23 हजार भारतीय छात्र वीजा संबंधी पाबंदियों के कारण दोबारा चीन नहीं लौट सके। अमन की मौत के बारे में भारतीय दूतावास और उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है। उसके शव को स्वदेश लाने की तैयारियां की जा रही है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में भारत और चीन के बीच किसी यात्री उड़ान का संचालन नहीं हो रहा है।
-file photo - लंदन। ब्रिटिश सरकार युवाओं को कोविड-19 टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कथित ‘वॉउचर फॉर वैक्सीन' योजना बना रही है जिसमें शॉपिंग वॉउचर से लेकर पिजा डिस्काउंट और उबर यात्रा पर रियायत देने तक की पेशकश शामिल है। सरकार समर्थित योजना के तहत कई यात्रा और फूड डिलिवरी ऐप उन लोगों को रियायती दर पर यात्रा कराने या भोजन परोसने की पेशकश कर रहे हैं, इनमें टीकाकरण केंद्र तक मुफ्त में पहुंचाने और पहले ही टीका लगवा चुके लोगों को सस्ता खाना देने तक की पेशकश शामिल है। उबर, बोल्ट, डिलिवरु और पिजा पिलग्रिम्स कुछ चुनिंदा ब्रांडों में हैं जो सरकार की योजना का हिस्सा है। डिलीवरू के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह लोगों को टीकाकरण कराने और सुरक्षित घर आने में मदद के लिए अगला कदम है।'' पिजा पिलग्रिम्स के संस्थापक थॉम इलियट ने कहा, ‘‘टीका लगवाना पिजा खाने जितना ही आसान है। उम्मीद करते हैं कि हम हमारी टीम और हमारे ग्राहकों को टीके की पहली और दूसरी खुराक यथासंभव आसानी से और जल्द दिलवाने में मदद कर सकेंगे।'' स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग ने कहा कि कंपनियां प्रोत्साहन योजना के लिए स्वास्थ्य संबंधी डाटा के बारे में नहीं पूछेंगी। ब्रिटेन में जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक देश के 88.5 प्रतिशत वयस्कों को टीके की पहली खुराक और 72.1 प्रतिशत वयस्कों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी है।
- डबलिन। कोरोना वायरस महामारी ने 2020 में जब दस्तक दी थी तब दुनियाभर में शहरी इलाकों में निजी कारों के इस्तेमाल में तेजी से कमी आई थी। सैटेलाइट नेविगेशन कंपनी 'टॉमटॉम' ने बताया कि दुनियाभर में 387 शहरों में भीड़भाड़ कम हुई। इसी तरह सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल में भी कमी आई क्योंकि दुनियाभर में सरकारों ने लॉकडाउन संबंधी पाबंदियां लगा दी थीं। संचार क्षेत्र में दशकों की प्रौद्योगिकी प्रगति के बूते लाखों लोगों ने दफ्तर से दूर रहकर काम शुरू किया और इसी कारण समाज कामकाज को सुचारू रूप से करने में सक्षम हुए। हालांकि संक्रमण कम होता देख जब कुछ देशों ने आवाजाही से पाबंदियां हटाई और महामारी से पहले की तरह हालात सामान्य होते दिखे तो कई शहरों में भीड़भाड़ का स्तर बढ़ गया।ऐसा लगता है कि यदि राष्ट्रीय सरकारें समझदारी भरा हस्तक्षेप नहीं करेंगी तो अधिक कार्बन उत्सर्जन का वह दौर फिर से शुरू हो जाएगा जो टिकाऊ नहीं होगा। शोध में पता चला है कि जहां पर लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, वहां पर गैर-मोटरीकृत उपाय जैसे कि पैदल चलना या साइकिल चलाना, इलेक्ट्रिक बाइक एवं स्कूटर जैसे साधनों पर कहीं अधिक जोर देने की जरूरत है। महामारी से पहले भी वैंकुवर और कोपेनहेगन जैसे शहर और दुनिया में कई सरकारें लोगों को परिवहन के कम कार्बन उत्सर्जन वाले उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही थीं। इन नीतियों का उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करना, वायु गुणवत्ता में सुधार लाना और कार्बन उत्र्जन को कम करना था और अब भी यही उद्देश्य है। ऐसी आशंका है कि महामारी के दीर्घकालिक प्रभावों में सार्वजनिक परिवहन के प्रति रूझान कम होना और निजी कारों का इस्तेमाल बढऩे के रूप में होगा। न्यूयॉर्क परिवहन प्रणाली की ओर से किए गए शोध में पता चला कि महामारी के पहले के दौर के कुल यात्रियों में से अब महज 73 फीसदी ही सार्वजनिक परिवहन की ओर लौटेंगे। इसकी वजह है वायरस की चपेट में आने का डर। डबलिन में काम पर लौटे लोगों के बीच हुए एक शोध में पता चला कि संक्रमण के डर से लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। विभिन्न शोधों में पता चला कि लोग सार्वजनिक परिवहन के स्थान पर कार का इस्तेमाल करने के बजाए आवाजाही के लिए साइकल जैसे माध्यमों का प्रयोग करने के इच्छुक हैं। कई शहरों में साइकिल चलाने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई है और साइकिल साझा करने की योजनाएं भी लोकप्रिय हो रही हैं।परिवहन शोधकर्ताओं ने यह जानने का प्रयास किया कि वैश्विक महामारी ने दुनिया को देखने के हमारे नजरिए को किसी तरह बदल दिया है खासकर हमारा परिवहन नेटवर्क किस तरह बदल सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक शोधों में पता चला कि घर से काम करने से सुबह सुबह दफ्तर भागने का परंपरागत चलन घट सकता है और परिणाम स्वरूप भीड़भाड़ तथा उत्सर्जन में कमी आ सकती है। दुनिया के कई शहरों में निजी कारों का इस्तेमाल बढऩे की संभावना को देखते हुए महामारी के शुरुआती दौर में ही साइकिल चालन के अनुरूप ढांचा तैयार कर लिया। यह यूरोप में बहुत सफल रहा है और यहां के शहरों में साइकिल चलाने वालों की संख्या 11 से 48 फीसदी तक बढ़ी है। इसके साथ ही ई-स्कूटरों का बढ़ता इस्तेमाल आवाजाही के लिए कार के बनिस्पत एक टिकाऊ विकल्प दे रहा है। शोध बताते हैं कि लोग कम कार्बन उत्सर्जन वाले परिवहन साधन पसंद करते हैं और इस चलन को कायम रखने की आवश्यकता है। इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन द्वारा कार्बन उत्र्जन की चिंता को तो दूर करते हैं, लेकिन उनके कारण भीड़भाड़ वाली पुरानी परिस्थिति में लौटने और कारों का इस्तेमाल बढऩे का जोखिम बना हुआ है।
- काबुल। अफगानिस्तान के पूर्वी क्षेत्र में अलग-अलग दुर्घटनाओं में 20 लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए। एक प्रांतीय अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। आधिकारिक प्रवक्ता असदुल्ला दौलतजई ने बताया कि दोनों दुर्घटनाएं अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और पूर्वी नंगरहार प्रांत को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर लगमन प्रांत में हुईं। उन्होंने बताया कि करघई जिले में शनिवार सुबह दो वाहनों की टक्कर में 12 लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात उसी इलाके में राजमार्ग पर एक मिनी बस और कार की टक्कर में आठ अन्य लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। दौलतजई ने कहा कि हताहतों में बच्चे भी शामिल हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने बच्चे हताहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि घायलों को इलाज के लिए लगमन और नंगरहार प्रांत के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
- मेक्सिको सिटी। पश्चिम मेक्सिको के अभियोजकों ने कहा कि उन्हें मादक पदार्थ तस्करों के कथित शिविर में आठ लोगों के गोलियों से छलनी शव मिले हैं। ये शव पश्चिमी राज्य मिचोआकान के कोटिजा शहर के बाहरी इलाके में बृहस्पतिवार को मिले। राज्य अभियोजक कार्यालय की ओर से कहा गया कि इन लोगों ने सैन्यकर्मी जैसी वर्दी पहन रखी थी। अभी तक मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह ऐसे दूरदराज के ग्रामीण शिविरों का इस्तेमाल प्रशिक्षण देने या अपहृत लोगों को रखने के लिए करते हैं।
- एथेंस । दक्षिण-पूर्वी यूरोप में लू ने बृहस्पतिवार को कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिसकी वजह से लोगों को कुछ राहत पाने के लिए तटों के किनारे, सार्वजनिक फव्वारों के पास और वातानुकूलित प्रतिष्ठानों में जाना पड़ा। यूनान और क्षेत्र के अधिकतर हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एथेंस के मौसमविदों ने कहा कि लू अगले सप्ताह तक जारी रह सकती है जो 1980 के दशक के बाद सर्वाधिक भीषण स्थितियों में से एक है। एथेंस में लू और गर्मी के चलते ठंडे आश्रय स्थल बनाए गए हैं, लेकिन कोविड महामारी के चलते वातानुकूलित प्रतिष्ठानों तक लोगों की सीमित पहुंच रही। यूनान की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा के निदेशक थ्योडोरिस कोलिडास ने कहा, ‘‘लू की जारी स्थिति एक खतरनाक मौसम घटनाक्रम है जो अगले सप्ताह के अंत तक रहेगी।'' सर्बिया, बुल्गारिया और अन्य प्रभावित देशों ने लोगों को दोपहर के समय धूप के सीधे संपर्क में न आने का परामर्श जारी किया है।
- लंदन। ब्रिटेन के उत्तर पश्चिम वेल्स का इलाका स्लेट (परतदार पत्थर) की खदानों के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है। बुधवार को यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्रदान कर दिया जिससे यह आगरा में स्थित ताजमहल जैसे धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हो गया है। ब्रिटेन इस कोशिश में था कि इन खूबसूरत खदानों को प्रतिष्ठित सूची में शामिल कराया जाए और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसका समर्थन किया था। विश्व धरोहर समिति ने इसे सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। यह ब्रिटेन का 32वां और वेल्स का चौथा विश्व धरोहर स्थल है। इस सूची में दुनिया भर के 1149 स्थल शामिल हैं जिनमें चीन की दीवार और मिस्र के पिरामिड हैं। जॉनसन ने कोशिश का समर्थन करते हुए कहा, “हमारे देश का यह विशिष्ट कोना पहले से ही मानचित्र पर है, जिसने ब्रिटेन, यूरोप और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में भी अपना स्लेट पत्थर भेजा है।। यूनेस्को की उपाधि इसे और आगे बढ़ाएगी।” विश्व धरोहर स्थल का तमगा ऐतिहासिक महत्व के क्षेत्र या भवन को प्रदान किया जाता है और इससे उस क्षेत्र या भवन को नष्ट किए जाने के खिलाफ कानूनी सुरक्षा मिलती है। ब्रिटेन के धरोहर मामलों के मंत्री कैरोलीन डाइनेज ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया और इसका स्वागत किया। वेल्स के स्लेट का इस्तेमाल रोमन काल के समय से दुनियाभर में इमारतों की छतों को बनाने के लिए किया जाता रहा है।
- इस्लामाबाद। पाकिस्तान के 19 वर्षीय शहरोज काशिफ मंगलवार को दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत के2 के शिखर पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए हैं। लाहौर निवासी काशिफ बोतलबंद ऑक्सीजन की मदद के साथ 8,611 मीटर की ऊंचाई पर चढऩे में सफल रहे।अल्पाइन क्लब ऑफ पाकिस्तान के करार हैदरी ने एक बयान में कहा, '' अच्छी खबर। के2 बेस कैंप ने शहरोज काशिफ के 8611 मीटर के2 की चढ़ाई करने की पुष्टि की है। यह नया विश्व रिकॉर्ड है। 19 साल की उम्र में के2 के शिखर पर पहुंचने वाले काशिफ दुनिया के सबसे उम्र के पर्वतारोही बन गए हैं। बधाई।'' काशिफ से पहले मशहूर पर्वतारोही मोहम्मद अली सदपारा के बेटे साजिद सदपारा 20 साल की उम्र में के2 पर चढऩे वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे।
- कनोश। अमेरिका के उटाह में रेतीले तूफान के कारण 22 वाहनों के एक-दूसरे से टकराने से चार बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। ‘उटाह हाईवे पेट्रोल' ने बताया कि कनोश के निकट ‘इंटरस्टेट -15' पर रविवार दोपहर ये गाड़ियां आपस में टकराईं। वाहनों के टकराने के कारण चार बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। एजेंसी ने बताया कि इसके अलावा कम से कम 10 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। ‘उटाह हाईवे पेट्रोल' ने बताया कि रेतीले तूफान के कारण दृश्यता स्तर कम होने जाने की वजह से वाहन आपस में टकरा गए। एक समाचार विज्ञप्ति में बताया गया कि हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से पांच लोग एक ही वाहन में सवार थे, जबकि दो अन्य लोग एक अन्य वाहन में थे। एक और व्यक्ति एक अन्य वाहन में सवार था। ‘इंटरस्टेट-15' रविवार देर रात आशिंक रूप से बंद रहा। दुर्घटनास्थल के आस-पास यातायात को परिवर्तित किया गया। कनोश सॉल्ट लेक सिटी के दक्षिण में करीब 160 मील दूर स्थित है।