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- तोक्यो। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों सुहास यथिराज, तरूण ढिल्लों और कृष्ण नागर ने गुरुवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा के पुरुष एकल में अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ की। सुहास और तरूण ने एसएल4 वर्ग में क्रमश: जर्मनी के येन निकलास पोट और थाईलैंड के सिरीपोंग तेमारोम के खिलाफ आसान जीत दर्ज की जबकि दूसरे वरीय नागर ने एसएच6 वर्ग में मलेशिया के तारेशॉ दिदिन को हराया। युवा पलक कोहली ने ग्रुप ए में महिला एकल के अपने दूसरे मैच में तुर्की की जेहरा बगलार को शिकस्त दी।पुरुष एकल के ग्रुप ए के एकतरफा मुकाबले में 38 साल के सुहास ने सिर्फ 19 मिनट में पोट को 21-9 21-3 से हराया। ग्रुप बी में 27 साल के तरूण को भी अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा और वह तेमारोम को सिर्फ 23 मिनट में 21-7 21-13 से हराने में सफल रहे। नागर ने ग्रुप बी में कड़े मुकाबले में दिदिन को 33 मिनट में 22-20 21-10 से हराया।अगले मुकाबले में सुहास का सामना शुक्रवार को इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो और फिर फ्रांस के शीर्ष वरीय लुकास माजुर से होगा जबकि तरूण को कोरिया के शिन क्युंग ह्वान और इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान से भिड़ना है। बाइस साल के नागर शुक्रवार को ब्राजील के विटोर गोंजालवेज तवारेज से भिड़ेंगे।सुहास के एक टखने में समस्या है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। दूसरी तरफ तरूण को आठ साल की उम्र में फुटबॉल खेलते हुए घुटने में गंभीर चोट लगी थी जिससे उनके घुटने की मूवमेंट प्रभावित हुई। वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी और दो बार के पूर्व विश्व चैंपियन हैं। नागर की लंबाई सामान्य से कम है और वह एसएच6 वर्ग में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं।महिला एकल एसयू5 वर्ग में पलक ने जेहरा को 27 मिनट में 21-12 21-18 से हराया। भारतीय खिलाड़ी को अपने पहले मुकाबले में जापान की अयाको सुजूकी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इससे पहले सुबह के सत्र में 19 साल की पलक और पारूल परमार की जोड़ी को एसएल3-एसयू5 वर्ग के ग्रुप बी के महिला युगल मुकाबले में चेंग हेफांग और मा हुईहुई की चीन की दूसरी वरीय जोड़ी के खिलाफ 7-21 5-21 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जोड़ी का सामना शुक्रवार को लेनेग मोरिन और फॉस्टीन नोएल की फ्रांस की जोड़ी से होगा।एसएल3 वर्ग में चुनौती पेश करने वाली 48 साल की पारूल महिला एकल के ग्रुप डी में चीन की चेंग हेफांग को कोई चुनौती नहीं दे पाई और 18 मिनट में 8-21 2-21 से हार गई। उन्हें आज ही जर्मनी की कैटरिन सीबर्ट का सामना करना है। सुहास ने कहा कि वह शुक्रवार को शीर्ष वरीय और खिताब के प्रबल दावेदार माजुर के खिलाफ मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों इस मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं। पैरालंपिक से पहले टूर्नामेंटों के हमारे बीच कड़ी टक्कर रही थी और मैंने उसके खिलाफ कुछ मुकाबले गंवाए और कुछ में जीत दर्ज की। यह अच्छी चुनौती होगी।'' सुहास ने कहा, ‘‘उसकी लंबाई के कारण कुछ शॉट ऐसे होते हैं जिसके आप आदी नहीं हैं लेकिन मैंने विशेष तौर पर इसकी ट्रेनिंग की है। मुझे यकीन है कि उसने भी मुझे ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग की होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कोच कुर्सी पर बैठ जाते थे। मुझे मूवमेंट करनी होती थी। मेरे कोच पहले एक जगह और फिर दूरी जगह शटल फेंकते थे। वास्तविक मैच अलग होता है लेकिन आप उपलब्ध चीजों के साथ ही सर्वश्रेष्ठ तैयारी कर सकते हो।
- दुबई। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की नवीनतम टेस्ट खिलाड़ी रैंकिंग में अपने कप्तान विराट कोहली को पछाड़कर भारत के शीर्ष रैंकिंग वाले बल्लेबाज बन गए। रोहित ने तीसरे टेस्ट में 19 और 59 रन की पारी खेली जिससे वह एक स्थान के फायदे से करियर के सर्वश्रेष्ठ पांचवें स्थान पर पहुंच गए। उनके कुल 773 रेटिंग अंक हैं जो कोहली से सात अधिक हैं।कोहली भारतीय बल्लेबाजों के बीच पिछली बार नवंबर 2017 में आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर नहीं थे। तब चेतेश्वर पुजारा दूसरे और वह पांचवें स्थान पर थे। पुजारा इंग्लैंड के खिलाफ हैडिंग्ले में तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 91 रन बनाकर तीन स्थान के फायदे से 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं। ऋषभ पंत चार स्थान के नुकसान के बावजूद 12वें स्थान पर चल रहे हैं।भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी गेंदबाजों की सूची में एक स्थान के फायदे से नौवें स्थान पर हैं। स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आस्ट्रेलिया के पैट कमिंस के बाद दूसरे स्थान पर बरकरार हैं। रविंद्र जडेजा और अश्विन ने टेस्ट आलराउंडरों की सूची में भी अपना तीसरा और चौथा स्थान बरकरार रखा है। वेस्टइंडीज के जेसन होल्डर इस सूची में शीर्ष पर हैं। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने भारत के खिलाफ मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन की बदौलत लगभग छह साल बाद एक बार फिर बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गए हैं। तीस साल के रूट ने श्रृंखला की शुरुआत पांचवें स्थान से की थी लेकिन तीन टेस्ट में 507 रन बनाकर वह कोहली, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को पछाड़कर शीर्ष पर पहुंचने में सफल रहे। उन्होंने अब विलियमसन पर 15 अंक की बढ़त बना ली है।लीड्स टेस्ट से पहले रूट दूसरे स्थान पर थे। लीड्स में इंग्लैंड की एकमात्र पारी में उन्होंने 121 रन बनाए। रूट ने पिछली बार दिसंबर 2015 में शीर्ष स्थान हासिल किया था और तब विलियमसन ने उन्हें पछाड़ा था। इसके बाद स्मिथ और कोहली भी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे। इन चारों के अलावा पिछली बार बल्लेबाजी रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स नवंबर 2015 में शीर्ष पर पहुंचे थे।रूट अब अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ 917 रेटिंग अंक से सिर्फ एक अंक पीछे हैं। उन्होंने अगस्त 2015 में नॉटिंघम में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 130 रन बनाकर इस आंकड़े को छुआ था। सप्ताहिक रैंकिंग में इंग्लैंड के बल्लेबाजों में सलामी बल्लेबाज रोरी बन्र्स (पांच स्थान के फायदे से 24वें स्थान पर) और जॉनी बेयारस्टो (दो स्थान के फायदे से 70वें स्थान पर) को भी फायदा हुआ है जबकि डेविड मलान ने 70 रन की पारी खेलकर रैंकिंग में 88वें स्थान पर पुन: प्रवेश किया है। गेंदबाजों में इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने शीर्ष पांच में वापसी की है। मैन आफ द मैच ओली रोबिनसन मैच में सात विकेट चटकाने के बाद नौ स्थान के फायदे से 36वें पायदान पर हैं। क्रेग ओवरटन ने दोनों पारियों में तीन विकेट की बदौलत रैंकिंग में 73वें स्थान पर पुन: प्रवेश किया है। पुरुष टी20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में आयरलैंड के पॉल स्टर्लिंग जिंबाब्वे के खिलाफ 24 और 37 रन की पारियों के साथ एक स्थान के फायदे से 23वें स्थान पर हैं। केविन ओब्रायन डबलिन में दो मैचों में 25 और 60 रन बनाकर 42वें से 39वें स्थान पर पहुंच गए हैं। जिंबाब्वे के तेंडाई चेतारा गेंदबाजों की सूची में पांच स्थान के फायदे से 99वें स्थान पर हैं।
- जोहानिसबर्ग। अपनी स्विंग लेती गेंदों और स्टीक यॉर्कर के लिए पहचाने जाने वाले दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। इसके साथ ही स्टेन के शानदार क्रिकेट करियर का अंत हो गया जिसमें उन्होंने दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को कड़ी चुनौती दी । स्टेन ने ट्विटर पर संन्यास की घोषणा की। इस 38 साल के तेज गेंदबाज ने अपने 17 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान दक्षिण अफ्रीका के लिए 93 टेस्ट, 125 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 47 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले जिसमें उन्होंने क्रमश: 439, 196 और 64 विकेट चटकाए। स्टेन ने लिखा, ‘‘आज मैं औपचारिक रूप से उस खेल से संन्यास लेता हूं जिससे मैं सबसे अधिक प्यार करता हूं। सभी को धन्यवाद, परिवार से लेकर टीम के साथियों, पत्रकारों से लेकर प्रशंसकों तक, यह एक साथ शानदार सफर रहा।'' स्टेन ने संन्यास लेने की घोषणा करने वाले अपने पत्र में अमेरिका के रॉक बैंड ‘काउंटिंग क्रोज' के गाने का जिक्र करते हुए अपनी भावनाओं को उजागर किया। इस तेज गेंदबाज ने लिखा, ‘‘यह ट्रेनिंग, मैच, यात्रा, जीत, हार, उपलब्धियों, थकान, खुशी और भाईचारे के 20 साल रहे। बताने के लिए काफी यादगार पल हैं। कई लोगों को धन्यवाद देना है। इसलिए इसे मैं विशेषज्ञों पर छोड़ देता हूं, मेरा पसंदीदा बैंड, काउंटिंग क्रोज।'' सीमित ओवरों के प्रारूप में करियर को लंबा खींचने के लक्ष्य के साथ 2019 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले स्टेन ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला फरवरी 2020 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच के रूप में खेला था। पिछले कुछ वर्षों में स्टेन लगातार चोटों से परेशान रहे। नवंबर 2016 में दक्षिण अफ्रीका के आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कंधे की चोट से उनका करियर प्रभावित हुआ। इस तेज गेंदबाज को 2019 विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम में शामिल किया गया था लेकिन कंधे की समस्या के कारण उन्हें बिना कोई मैच खेले हटना पड़ा। पिछले साल उन्होंने आईसीसी टी20 विश्व कप में खेलने का लक्ष्य बनाया था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। वह इसके बाद टी20 फ्रेंचाइजी लीग में खेले जिसमें इस साल मार्च में पाकिस्तान सुपर लीग भी शामिल है। वह आईपीएल से भी हट गए थे लेकिन उन्होंने कहा था कि वह संन्यास नहीं ले रहे। उन्होंने हालांकि मंगलवार को ‘ए लांग दिसंबर' की पंक्तियों का जिक्र करते हुए अपने करियर को खत्म किया। नार्दर्न के लिए प्रथम श्रेणी मुकाबले के साथ 2003 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले स्टेन ने इसके अगले साल पोर्ट एलिजाबेथ में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया। स्टेन ने 2005 में सेंचुरियन में एशियाई एकादश के खिलाफ अफ्रीका एकादश की ओर से एक दिवसीय पदार्पण किया। उन्होंने 2013 में पोर्ट एलिजाबेथ में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 39 रन देकर छह विकेट चटकाए। स्टेन ने 2007 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने दूसरे मैच में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए नौ रन देकर चार विकेट चटकाए। उन्होंने 2019 में श्रीलंका के खिलाफ अपना आखिरी एक दिवसीय मुकाबला खेला जबकि पिछले साल फरवरी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच रहा।
- नयी दिल्ली। विनेश फोगाट की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही जिन्होंने कुश्ती विश्व चैम्पियनशिप के लिये ट्रायल बीच में ही छोड़ दिया जबकि उनकी चचेरी बहन संगीता (62 किलो) ने तीन साल बाद शानदार वापसी करते हुए भारतीय टीम में जगह बनाई । इस महीने की शुरूआत में अनुशासनात्मक कारणों से भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबन झेलने वाली विनेश को बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था । ट्रायल में सभी की नजरें उन पर थी लेकिन वह शुरू ही से कमजोर नजर आई । भारत की सबसे कामयाब महिला पहलवान विनेश ने 55 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में अंजू को 10 . 5 से हराया लेकिन वह फॉर्म में नहीं दिखी । इसके बाद पिंकी के खिलाफ वह मैट पर उतरी ही नहीं जिससे दो से 10 अक्टूबर तक होने वाली चैम्पियनशिप में पिंकी को टीम में जगह मिली । विनेश ने कहा ,‘‘ मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हो गया है। चोट नहीं है लेकिन मुझे चक्कर आ रहे थे । मेरा शरीर पहले जैसा नहीं है । मैं डॉक्टर को दिखा रही हूं । शायद कोरोना संक्रमण का शरीर पर असर हुआ है ।' विनेश ने पहले भी कहा था कि तोक्यो ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में उन्हें कुछ सूझ नहीं पड़ रहा था । वह मुस्कुरा रही थी लेकिन अपनी निराशा छिपा नहीं सकी । ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता घुटने के दो आपरेशन के बाद मैट पर उतरी और शानदार जीत दर्ज की । उन्होंने जूनियर विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता संजू देवी को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया और फिर मनीषा को 9 . 5 से मात दी । मुकाबले के दौरान बजरंग कोच कॉर्नर पर खड़े थे । संगीता घुटने के आपरेशन के कारण 2018 विश्व चैम्पियनशिप नहीं खेल सकी थीं । फिर 2019 में उनके बायें घुटने का भी आपरेशन हुआ । संगीता ने कहा ,‘‘ मेरे पिता (महावीर फोगाट) ने मुझे कुश्ती सिखाई और अब बजरंग प्रेरित करने के साथ सलाह देते रहते हैं ।'' इसी 62 किलो वर्ग में रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को मनीषा ने हरा दिया ।जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा । शुभम कौशिक ने सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियन पंकज को 8 . 3 से हराने के बाद रेलवे के अरूण को 57 किलो ट्रायल में 8 . 4 से मात दी । यश तुषिर ने अमित धनकड़ को 74 किलो फाइनल में हराया । वहीं गौरव बालियान ने नरसिंह यादव को मात दी । पृथ्वीराज पाटिल ने 92 किलो और अनिरूद्ध गुलिया ने 125 किलो में क्वालीफाई किया । रविंदर दहिया (61 किलो), रोहित (65 किलो), सुशील (70 किलो), संदीप मान (86 किलो) और सत्यव्रत कादियान (97 किलो) भी जीत गए । महिला वर्ग में अंशु मलिक ने 57 किलोवर्ग में मानसी और ललिता को हराकर टीम में जगह बनाई । सरिता मोर (59 किलो) , दिव्या ककरान (72 किलो), हैनी (50 किलो), पूजा जाट (53 किलो), भटेरी (65 किलो) , रितु मलिक (68 किलो) और किरण (76 किलो) ने भी क्वालीफाई कर लिया । ग्रीको रोमन वर्ग में संदीप (55 किलो), ज्ञानेंदर (60 किलो), गौरव दुहान (67 किलो), साजन (77 किलो), सुनील कुमार (87 किलो), रवि (97 किलो) और नवीन कुमार (130 किलो) ने भारतीय टीम में जगह बनाई । डब्ल्यूएफआई ने चार वर्गों (पुरूषों की फ्रीस्टाइल 92 किलो, ग्रीको रोमन 63 किलो और 82 किलो और महिलाओं के 76 किलोवर्ग) में ट्रायल फिर से कराने का फैसला किया क्योकि इन वर्गों में एक एक पहलवान ही पहुंचे थे ।-
- तोक्यो । गत चैंपियन मरियप्पन थंगावेलु और शरद कुमार ने मंगलवार को यहां पुरुष ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते जिससे तोक्यो पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 10 तक पहुंच गई। मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ सोने का तमगा जीता। शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। स्पर्धा में हिस्सा ले रहे तीसरे भारत और रियो 2016 पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता वरूण सिंह भाटी नौ प्रतिभागियों में सातवें स्थान पर रहे। वह 1.77 मीटर की कूद लगाने में नाकाम रहे। इससे पहले मंगलवार को निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएफ1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। भारत ने अब तक दो स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं।
- नयी दिल्ली। एक दिवसीय क्रिकेट में एक मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड बनाने वाले भारतीय आलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी ने सोमवार को प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। सैंतीस वर्षीय बिन्नी ने अपने करियर की शुरुआत अपने राज्य कर्नाटक की तरफ से की। उन्होंने भारत की तरफ से छह टेस्ट, 14 वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया। उनके पिता रोजर बिन्नी भी भारत की तरफ से खेलते थे। बिन्नी ने बयान में कहा, ‘‘मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मैंने प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। '' उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने से मुझे बहुत खुशी मिली और मुझे इस पर गर्व है।'' बिन्नी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक रन नहीं बनाये लेकिन उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ जून 2014 में ढाका में खेले गये वनडे मैच में केवल चार रन देकर छह विकेट लिये थे। यह भारत की तरफ से वनडे में अब भी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है। उन्होंने अनिल कुंबले का रिकार्ड तोड़ा था जिन्होंने 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 12 रन देकर छह विकेट लिये थे। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने बिन्नी को उनके कैरियर के लिये बधाई और भविष्य के लिये शुभकामना दी । गांगुली ने बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा ,‘‘ मैं स्टुअर्ट बिन्नी को भविष्य के लिये शुभकामना देता हूं । उनका कैरियर लंबा रहा है । प्रथम श्रेणी क्रिकेट अच्छे अंतरराष्ट्रीय ढांचे का आधार होता है और स्टुअर्ट का उसमें बड़ा योगदान रहा है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के लिये उनका योगदान स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा । '' शाह ने कहा ,‘‘स्टुअर्ट बिन्नी भारतीय क्रिकेट के सच्चे सेवक रहे हैं । उन्होंने घरेलू सर्किट पर काफी योगदान दिया ।'' बिन्नी को 95 प्रथम श्रेणी मैचों में खेलने का अनुभव भी है। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें कुछ टेस्ट मैचों में भी आजमाया लेकिन उन्हें विशेष सफलता नहीं मिली। इंग्लैंड के खिलाफ जुलाई 2014 में अपने पदार्पण टेस्ट मैच में उन्होंने 78 रन बनाये। यह छह टेस्ट मैचों में उनका एकमात्र अर्धशतक है। वेस्टइंडीज के खिलाफ 2016 में एक टी20 मैच में एक ओवर में 31 रन लुटाने से उनका अंतरराष्ट्रीय करियर भी समाप्त हो गया। बिन्नी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड, विभिन्न टीमों, साथी खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने एक खिलाड़ी के रूप में आगे बढ़ने में उनकी मदद की।
- जयपुर। फरवरी 2012 में एक सड़क दुर्घटना के बाद अवनि के कमर के नीचे के शरीर को लकवा मार गया था। उसके बाद से तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने तक का उनका सफर अवसाद से निकलकर संघर्ष करने एवं दृढ़ संकल्प से आगे बढऩे की सफल कहानी बन गया है। यह सफलता की ऐसी कहानी है जिसमें उनके पिता के पास अपनी खुशी बयान करने के लिए शब्द तक कम पड़ गए हैं। अवनि ने सोमवार को तोक्यो पैरालंपिक में महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल करके स्वर्ण पदक जीता।जयपुर की यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। अवनि के पिता प्रवीण लेखरा ने बेटी की सफलता पर कहा कि उनके पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। प्रवीण यहां राजकीय सेवा में हैं। अवनि 20 फरवरी 2012 को एक कार दुर्घटना की शिकार हो गई थीं जब वह केवल 11 साल की थीं। इस दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी को गहरी चोट लगी और उनके कमर के नीचे के शरीर को लकवा मार गया। उसके बाद से वह व्हीलचेयर के सहारे हैं। प्रवीण लेखरा ने कहा,'"दुर्घटना से पहले वह बहुत सक्रिय थी और हर गतिविधि में भाग लेती थी लेकिन दुर्घटना ने उसकी जिंदगी बदल दी। वह अपनी हालत पर गुस्से में थी और शायद ही किसी से बात करना चाहती थी। बदलाव के लिए, मैं उसे जयपुर के जगतपुरा में जेडीए शूटिंग रेंज में ले गया, जहां उसमें शूटिंग में रुचि पैदा हुई।'' प्रवीण ने बताया कि उन्होंने अवनि को शूटर अभिनव बिंद्रा की जीवनी भी पढऩे के लिए दी और उसे पढऩे के बाद अवनि के मन में ख्याल आया कि वह शूटिंग भी कर सकती और अप्रैल 2015 से वह लगभग नियमित रूप से शूटिंग रेंज में जाने लगीं। पिता के मुताबिक हालांकि शुरूआत में उसे व्हीलचेयर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा जो कि मानदंडों के मुताबिक नहीं थी। इसके अलावा बंदूक और शूटिंग किट भी उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने कहा, ''हालांकि, कोच ने पूरा सहयोग दिया और उसने अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अकरौली जिले के देवलेन गांव में भी जश्न का माहौल है। यहां के सुंदर सिंह गुर्जर ने पुरुषों के भाला फेंक की एफ46 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। गुर्जर ने जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में अपने कोच महावीर सैनी की देखरेख में अभ्यास किया और उन्होंने आज पैरालंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता। उनके भाई हरिओम गुर्जर ने कहा कि इस उपलब्धि से पूरा गांव खुश है, हालांकि सुंदर सिंह को स्वर्ण पदक जीतने का भरोसा था लेकिन वह चूक गये। उन्होंने कहा, '' अधिकांश ग्रामीण दो स्थानों पर टीवी देखने के लिए एकत्रित हुए। एक तो उनके घर तथा दूसरा गांव का मंदिर जहां सुंदर की सफलता की कामना के लिए विशेष पूजा की जा रही थी। ''उन्होंने कहा कि ग्रामीण ने मिठाई बांटकर सुंदर सिंह की सफलता का जश्न मनाया। उन्होंने कहा, ''सुंदर शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। उनमें से एक का जन्म पिछले साल जन्माष्टमी के दिन हुआ था और इस साल जन्माष्टमी के दिन सुंदर ने देश का नाम रोशन किया है।'' गुर्जर की मां स्थानीय ग्राम पंचायत की सरपंच हैं।अवनि लेखरा और सुंदर सिंह गुर्जर के अलावा पैरालंपिक में रजत पदक जीतने वाले भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझडिय़ा भी राजस्थान के हैं। राजस्थान सरकार ने तोक्यो पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्य के खिलाडिय़ों को नकद राशि का इनाम देने की घोषणा सोमवार को की जिसके तहत अवनि लेखरा को तीन करोड़ रुपए, देवेंद्र झाझडिय़ा को दो करोड़ रुपए तथा सुन्दर सिंह गुर्जर को एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया,' तोक्यो पैरालंपिक में राज्य की अवनि लेखरा को स्वर्ण जीतने पर तीन करोड़ रुपए, देवेंद्र झाझडिय़ा को रजत जीतने पर दो करोड़ रुपए तथा सुन्दर सिंह गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़ रूपये की राशि इनाम स्वरुप प्रदान की जाएगी।' उल्लेखनीय है कि 19 वर्षीय लेखरा ने सोमवार को तोक्यो पैरालंपिक खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर यह मुकाम हासिल किया।
- तोक्यो। भारत की अवनि लेखरा ने सोमवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी। उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है। अवनि से से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष ऊंची कूद, 2016) ने स्वर्ण पदक जीते थे। अवनि ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। '' यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। तोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है। अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपना योगदान दिया। उम्मीद है कि आगे हम और पदक जीतेंगे। ''इस बीच पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में भारत के महावीर स्वरूप उनहालकर चौथे स्थान पर रहे। उनहालकर ने कुल 203.9 अंक बनाये। कोल्हापुर का यह 34 वर्षीय निशानेबाज एक समय आगे चल रहा था लेकिन छठी सीरीज में 9.9 और 9.5 अंक बनाने से वह पदक की दौड़ से बाहर हो गये। भारत के एक अन्य निशानेबाज दीपक क्वालीफाईंग दौर में ही बाहर हो गये। उन्होंने 592.6 अंक के साथ 20वां स्थान हासिल किया था। उनहालकर 615.2 अंक के साथ सातवें स्थान पर रहकर आठ खिलाड़ियों के फाइनल्स में पहुंचे थे। अवनि ने असाका शूटिंग रेंज पर फाइनल में चीन की रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की विश्व में नंबर एक और मौजूदा विश्व चैंपियन इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता। अवनि ने कहा, ‘‘मैं स्वयं से यही कह रही थी कि मुझे एक बार केवल एक शॉट पर ध्यान देना है। अभी बाकी कुछ मायने नहीं रखता। केवल एक शॉट पर ध्यान दो। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही थी। मैं स्कोर या पदक के बारे में नहीं सोच रही थी।'' अवनि ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना पहला पदक जीता। वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रही थी। पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रही विश्व में पांचवीं रैंकिंग की अवनि ने क्वालीफिकेशन और फाइनल्स दोनों में लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाये। वह विश्व रिकार्ड तोड़ने के करीब थी लेकिन आखिर में 9.9 के दो स्कोर से ऐसा नहीं कर पायी।अवनि ने इससे पहले क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था। अवनि को उनके पिता ने खेलों में जाने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने पहले निशानेबाजी और तीरंदाजी दोनों खेलों में हाथ आजमाये। उन्हें निशानेबाजी अच्छी लगी। उन्हें बीजिंग ओलंपिक 2008 के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा की किताब पढ़कर भी प्रेरणा मिली। उन्होंने 2015 में जयपुर के जगतपुरा खेल परिसर में निशानेबाजी शुरू की थी। कानून की छात्रा अवनि ने संयुक्त अरब अमीरात में विश्व कप 2017 में भारत की तरफ से पदार्पण किया था। राजस्थान में सहायक वन संरक्षक के पद पर कार्यरत अवनि को भारत सरकार ने 2017 में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल किया था। इससे उन्होंने 12 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की।मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अविस्मरणीय प्रदर्शन अवनि लेखरा। कड़ी मेहनत की बदौलत स्वर्ण जीतने पर बधाई जिसकी आप हकदार भी थी। कर्मशील स्वभाव और निशानेबाजी के प्रति जज्बे से आपने ऐसा संभव कर दिखाया। भारतीय खेलों के लिए यह एक विशेष क्षण है। आपको भविष्य के लिये शुभकामनाएं।'' प्रधानमंत्री ने उनसे फोन पर भी बात की और उन्हें बधाई दी।अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। रविवार को भाविनाबेन पटेल ने महिला टेबल टेनिस में रजत पदक जीता था। भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में रजत पदक जीतकर इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1, महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन एसएच1 और मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन में भी हिस्सा लेंगी। एसएच1 राइफल वर्ग में वे निशानेबाज शामिल होते हैं जो हाथों से बंदूक थाम सकते हैं लेकिन उनके पांवों में विकार होता है। इनमें से कुछ एथलीट व्हील चेयर पर बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं।
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नयी दिल्ली। भारत ने दुबई में खेली जा रही एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रविवार को लड़कों और लड़कियों के वर्ग में मुक्केबाजों के शानदार प्रदर्शन से छह स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले। राष्ट्रीय चैम्पियन रोहित चमोली (48 किग्रा) और भरत जून (81 किग्रा से अधिक) ने लड़कों के वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर शुरूआत की। इसके बाद लड़कियों के वर्ग में वीशू राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), निकिता चंद (60 किग्रा) और माही राघव (63 किग्रा) ने फाइनल में विपरीत अंदाज में जीत दर्ज की। रोहित ने कड़े फाइनल में मंगोलिया के ओटगोनबयार तुवशिंजया को 3-2 से हराया जबकि जून ने कजाखस्तान के यरदोस शारिपबेक को 5-0 से शिकस्त दी। लड़कियों की स्पर्धा में वीशू ने उज्बेकिस्तान की बाखतियोरोवा रोबियाखोन पर 5-0 की जीत से स्वर्ण पदक हासिल किया। फिर अन्य वजन वर्गों के फाइनल में तनु ने कजाखस्तान की तोमिरिस माइरजाकुल को 3-2 से, निकिता ने कजाखस्तान की आसेम तानाटार को सर्वसम्मत फैसले में और माही ने कजाखस्तान की अलजेरिम काबडोल्डा को 3-2 से मात देकर लड़कियों के वर्ग में भारत को चौथा स्वर्ण दिलाया। चंडीगढ़ के रोहित ने इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखते हुए जूनियर लड़कों के 48 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में सतर्क शुरुआत करने के बाद सटीक आक्रमण से करीबी मुकाबले में अपने मंगोलियाई प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त हासिल की जिससे उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया। जून को दूसरी तरफ अपने प्रतिद्वंद्वी को हराने में कोई दिक्कत नहीं हुई। एक अन्य फाइनल में गौरव सैनी (70 किग्रा) को उज्बेकिस्तान के बोलताइव शवाकातजोन से 0-5 से हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मुस्कान (46 किग्रा), आंचल सैनी (57 किग्रा) और रुद्रिका (70 किग्रा) को लड़कियों के वर्ग में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मुस्कान उज्बेकिस्तान की गानिएवा गुलसेवर से करीबी मुकाबले में हार गयी। आंचल को काजखस्तान की उल्जान सारसेनबेक से 0-5 से जबकि रूद्रिका को उज्बेकिस्तान की ओयशा तोइरोवा से 1-4 से पराजय का सामना करना पड़ा। प्रांजल यादव (75 किग्रा), संजना (81 किग्रा) और कीर्ति (+81 किग्रा) रविवार को शाम के बचे हुए सत्र में लड़कियों के वर्ग में फाइनल में चुनौती पेश करेंगी। भारत जूनियर स्पर्धा में पहले ही छह कांस्य पदक जीत चुका है, जिसमें देविका घोरपड़े (50 किग्रा), आरज़ू (54 किग्रा) और सुप्रिया रावत (66 किग्रा) ने लड़कियों के वर्ग में जबकि आशीष (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा) और अंकुश (66 किग्रा)) ने लड़कों के वर्ग में पदक जीते। पिछली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2019 में भारत 21 पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा था। जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक विजेताओं को 4,000 डॉलर जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 2,000 डॉलर और 1,000 डॉलर दिए जाएंगे।
- तोक्यो। भारत के लिये पैरालंपिक खेलों में रविवार का दिन पदकों की सौगात लेकर आया तथा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने जहां रजत पदक जीते वहीं विनोद कुमार चक्का फेंक में कांस्य पदक हासिल करने में सफल रहे।भाविनाबेन टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह ऐतिहासिक रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं। निषाद कुमार ने पुरूषों की ऊंची कूद टी47 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड के साथ रजत पदक जीता। विनोद कुमार ने भी पुरुषों के चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड बनाया और कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत के इस तरह से वर्तमान खेलों में दो रजत और एक कांस्य पदक सहित कुल तीन पदक हो गये हैं और वह अभी पदक तालिका में 45वें स्थान पर है।तोक्यो पैरालंपिक में भारत का खाता 34 वर्षीय भाविनाबेन ने खोला। वह फाइनल में दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ से 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गई। भाविनाबेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी।पुरुषों की ऊंची कूद की टी47 स्पर्धा में 21 वर्षीय निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की कूद लगाकर एशियाई रिकार्ड बनाया और दूसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के डलास वाइज को भी रजत पदक दिया गया क्योंकि उन्होंने और कुमार दोनों ने समान 2.06 मीटर की कूद लगायी। एक अन्य अमेरिकी रोडरिक टाउनसेंड ने 2.15 मीटर की कूद के विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसी स्पर्धा में एक अन्य भारतीय राम पाल 1.94 मीटर की कूद से पांचवें स्थान पर रहे। भारतीय एथलीटों का पदक बटोरने का अभियान चक्का फेंक में भी जारी रहा जिसकी एफ52 स्पर्धा में 41 वर्षीय विनोद कुमार ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) से पीछे रहे जिन्होंने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किये।तीरंदाजी में हालांकि राकेश कुमार और ज्योति बालियान की जोड़ी के क्वार्टर फाइनल से हार के साथ रिकर्व तीरंदाजी प्रतियोगिता के मिश्रित युगल वर्ग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। छठी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को मुकाबले के पहले चरण के आखिर में छह अंक का निशाना लगाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। भारतीय जोड़ी करीबी मुकाबले में तुर्की की ओजनूर क्योर और बुलेंट कोरकमज से 151-153 से हार गयी। इस भारतीय जोड़ी ने इससे पहले अपने पहले दौर के मुकाबले में थाईलैंड के एनॉन औंगापहीनान और प्रफापोर्न होमजानथुइक को 147-141 से हराया था। कंपाउंड वर्ग के महिला एकल में भी ज्योति की हार के साथ भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। ज्योति को पहले दौर में आयरलैंड के केरी-लुईस लियोनार्ड ने 141-137 से शिकस्त दी।
- मुंबई। सिडनी ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी का मानना है कि मीराबाई चानू का हाल के तोक्यो ओलंपिक में जीता गया रजत पदक भारतीय भारोत्तोलन के लिये प्राण वायु ‘ऑक्सीजन' की तरह है और इससे युवा इस खेल से जुड़ने के लिये प्रेरित होंगे। ओलंपिक 2000 में भारोत्तोलन का कांस्य पदक जीतने वाली मल्लेश्वरी ने इसके साथ ही कहा कि तोक्यो खेलों में भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से देश में खेल संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। मल्लेश्वरी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मीराबाई (चानू) का पदक 20 साल बाद आया है और इसलिए यह हमारे लिये आक्सीजन की तरह काम कर रहा है। मुझे लगता है कि इस पदक से भविष्य में कई बच्चे प्रेरणा लेंगे और हमारे अधिक पदक आएंगे। '' तोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन के बारे में मल्लेश्वरी ने कहा, ‘‘हमने सात पदक जीते। हमने अच्छा प्रदर्शन किया और सबसे खुशी की बात यह रही कि नीरज चोपड़ा ने उस एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता जिसमें हम पदक के बारे में भी नहीं सोच रहे थे। '' उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार, साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण), खेल मंत्रालय से जो सहयोग मिला उसने भी अपनी भूमिका निभायी। सरकार ने ओलंपियन की हर तरह से मदद की। उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं और प्रशिक्षण मुहैया कराया गया और परिणाम हमारे सामने है। '' ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मल्लेश्वरी ने कहा कि सरकार के सहयोग के कारण ही खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर पाये और माता पिता अपने बच्चों को खेल को करियर के रूप में अपनाने की अनुमति दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोग जागरूक हुए हैं। इससे पहले असमंजस की स्थिति रहती थी कि इसे करियर बनाये या नहीं लेकिन आज खिलाड़ी खेलों में शत प्रतिशत करियर बना रहे हैं। '' मल्लेश्वरी ने कहा, ‘‘ओलंपिक पदक जीतने पर आप एक हस्ती बन जाते हो और आप वित्तीय रूप से मजबूत बन जाते हो। अब माता पिता भी समर्थन कर रहे हैं। मुझे भविष्य में भारत में अच्छी खेल संस्कृति के विकास की उम्मीद है और हमारे पास तब अधिक पदक विजेता खिलाड़ी होंगे।
- तोक्यो भाविनाबेन पटेल को तोक्यो खेलों की टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में रविवार को यहां दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह एतिहासिक रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं। चौंतीस साल की भाविनाबेन दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ के खिलाफ 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गई। वह हालांकि भारत को मौजूदा पैरालंपिक खेलों का पहला पदक दिलाने में सफल रहीं। भाविनाबेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी। व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली भाविनाबेन को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भाविनाबेन ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं यह पदक उन लोगों को समर्पित करती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया, पीसीआई (भारतीय पैरालंपिक समिति), साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण), टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना), ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन और मेरे सभी मित्र और परिवार।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह पदक मेरे कोच को भी समर्पित है जिन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया और मुझे कड़ी ट्रेनिंग दी जिससे कि मैं इस जगह पर पहुंच सकी। मेरे फिजियो, डाइटीशियन और खेल मनोवैज्ञानिक को भी विशेष धन्यवाद।'' बीजिंग और लंदन में स्वर्ण पदक सहित पैरालंपिक में पांच पदक जीतने वाली झाउ के खिलाफ भाविनाबेन जूझती नजर आईं और अधिकतर समय वापसी करने की कोशिशों में लगी रहीं। विश्व चैंपियनशिप की छह बार की पदक विजेता झाउ ने दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी भाविनाबेन को कोई मौका नहीं दिया। झाउ ने पहले गेम में 3-3 के स्कोर के बाद 7-5 की बढ़त बनाई। भाविनाबेन ने कुछ अंक और जुटाए लेकिन चीन की खिलाड़ी पहला गेम जीतने में सफल रही। दूसरे गेम में झाउ ने शानदार शुरुआत करते हुए 7-1 की बढ़त बनाई जिसके बाद उन्हें दूसरा गेम जीतकर 2-0 की बढ़त बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई। तीसरे गेम में भाविनाबेन ने झाउ को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की। एक समय स्कोर 5-5 से बराबर था लेकिन इसके बाद चीन की खिलाड़ी ने जोरदार खेल दिखाते हुए गेम, मैच और खिताब जीत लिया। मात्र 12 महीने की उम्र में पोलियो से संक्रमित होने वाली भाविनाबेन ने शनिवार को सेमीफाइनल में चीन की दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी मियाओ झैंग को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराया था। शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में भाविनाबेन ने रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी सर्बिया की बोरिस्लावा पेरिच रेंकोविच को हराकर पदक सुनिश्चित करते हुए इतिहास रचा था। पैरा टेबल टेनिस की क्लास 1 से 5 व्हीलचेयर खिलाड़ियों के लिए होती है। क्लास 4 के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन ठीक-ठाक होता है और उनकी बांह और हाथ पूरी तरह काम करते हैं। भाविनाबेन 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रपुर क्षेत्र में ‘ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन' में इस खेल से जुड़ी। वह वहां दिव्यांग लोगों के लिए आईटीआई की छात्र थी। वहां उन्होंने दृष्टिबाधित बच्चों को टेबल टेनिस खेलते हुए देखा और इस खेल से जुड़ने का फैसला किया। उन्होंने अहमदाबाद के रोटरी क्लब का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतियोगिता में अपना पहला पदक जीता। वह गुजरात के लिए जूनियर क्रिकेट खेलने वाले निकुंज पटेल के साथ विवाह करके अहमदाबाद में रहती हैं। भाविनाबेन पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीतकर 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बनी। अक्तूबर 2013 में भाविनाबेन ने बीजिंग में एशियाई पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में महिला एकल क्लास 4 का रजत पदक जीता।
- क्लीवलैंड। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और अमेरिका की क्रिस्टीना मैकहेल ने ‘टेनिस इन द लैंड' टूर्नामेंट के महिला युगल फाइनल में प्रवेश कर लिया । सानिया और मैकहेल ने एक घंटे 23 मिनट तक चले मैच में नार्वे की उल्रिक्के इकेरी और अमेरिका की कैथरीन हैरीसन को 7 . 6, 6 . 2 से हराया । अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त जापान की शुको ओयामा और इना शिबाहारा से होगा । सानिया और मैकहेल ने पिछले दो मैचों में एक भी सेट गंवाये बिना जीत दर्ज की ।
- मैनचेस्टर। क्रिस्टियानो रोनाल्डो दोबारा उसी मैनचेस्टर युनाइटेड के लिये खेलेंगे जिस टीम ने उन्हें फुटबॉल का वैश्विक सुपरस्टार बनाया था । विश्व फुटबॉल जगत को चौकाने वाले अनुबंध के तहत शुक्रवार को रोनाल्डो की मैनचेस्टर युनाइटेड में वापसी तय हुई ।इससे एक दिन पहले उन्होंने युवेंटस को बता दिया था कि अब वह इस इतालवी क्लब के लिये और नहीं खेलेंगे । युनाइटेड ने ट्वीट किया , वेलकम बैक क्रिस्टियानो । इसके कुछ मिनट के भीतर ही क्लब की आधिकारिक वेबसाइट क्रैश हो गई । रोनाल्डो ने पहली बार 2003 में स्पोर्टिंग लिस्बन से युनाइटेड के लिये करार किया था जब वह 17 साल के थे । अगले छह साल में उन्होंने 292 मैचों में 118 गोल दागे और दुनिया के सबसे खतरनाक स्ट्राइकरों में शुमार किये जाने लगे । उन्होंने पांच में से पहला फीफा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार तभी जीता था । रोनाल्डो 17 . 7 मिलियन डॉलर की फीस और 9 . 4 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि पर आये हैं । इससे ठीक पहले रोनाल्डो के प्रतिद्वंद्वी लियोनेल मेस्सी ने बार्सीलोना के साथ करार खत्म होने पर पेरिस सेंट जर्मेन से जुड़ने का ऐलान किया था । पीएसजी के फॉरवर्ड काइलियान एमबाप्पे अब रीयाल मैड्रिड के लिये खेलेंगे ।
- लीड्स। भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला इंग्लैंड ने पारी और 76 रन से जीत लिया है। हेडिंग्ले (लीड्स) में खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया चौथे दिन दूसरी पारी में 278 रन पर सिमट गई। इसी के साथ सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है। भारत ने लॉड्र्स में खेले गए पिछले टेस्ट में जीत हासिल की थी। अगला मुकाबला 2 सितंबर से केनिंग्टन ओवल में खेला जाएगा।यह भारतीय टीम की इस साल की सबसे बड़ी हार है। 2021 में टीम ने 10 टेस्ट खेले हैं। इसमें से 5 टेस्ट में जीत मिली, जबकि 3 टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। इस मैच से पहले भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में 227 रन से और न्यूजीलैंड के खिलाफ वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।टीम इंडिया ने पहली पारी में 78 रन बनाए थे। वहीं इंग्लैंड ने पहली पारी में 432 रन बनाए। इस लिहाज से इंग्लैंड को 354 रन की बढ़त हासिल थी। टीम इंडिया ने चौथे दिन 2 विकेट पर 215 रन से आगे खेलना शुरू किया और 278 रन तक आते-आते ऑलआउट हो गई। 63 रन बनाने में टीम ने चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, रवींद्र जडेजा और मोहम्मद सिराज का विकेट गंवा दिया। भारत की ओर से पुजारा ने सबसे ज्यादा 91 रन की पारी खेली। इसके अलावा कोहली 55 रन बना सके।टीम इंडिया पहली पारी में 78 रन पर सिमट गई। भारत के सिर्फ 2 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा छू सके। रोहित शर्मा 19 रन के साथ सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले बल्लेबाज रहे। इसके अलावा विराट कोहली 7 रन, चेतेश्वर पुजारा 1 रन, लोकेश राहुल 0, अजिंक्य रहाणे 18 रन और पंत 2 रन ही बना सके। जेम्स एंडरसन और क्रेग ओवरटन ने 3-3 और ओली रॉबिन्सन और सैम करन ने 2-2 विकेट झटके।इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 432 रन पर ऑलआउट हुई। कप्तान जो रूट ने इस सीरीज का तीसरा शतक जमाया। उन्होंने 121 रनों की पारी खेली। इसके अलावा रोरी बन्र्स 61 रन, हसीब हमीद 68 रन, डेविड मलान 70 रन बनाकर आउट हुए। भारत की ओर से शमी ने सबसे ज्यादा 4 विकेट झटके। इसके अलावा मोहम्मद सिराज, बुमराह और रवींद्र जडेजा को 2-2 विकेट मिले।रोहित ने टेस्ट करियर की 14वीं फिफ्टी लगाई। वे 59 रन बनाकर आउट हुए। यह इस सीरीज की उनकी दूसरी फिफ्टी रही। रोहित ने पुजारा के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 82 रन की पार्टनरशिप की। लोकेश राहुल 8 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें क्रेग ओवरटन ने जॉनी बेयरस्टो के हाथों कैच कराया। बेयरस्टो ने स्लिप में एक हाथ से राहुल का शानदार कैच पकड़ा। पुजारा को रॉबिन्सन ने एलबीडब्ल्यू किया। वे 91 रन बना सके। इसके बाद रॉबिन्सन ने विराट को रूट के हाथों कैच कराया। उन्होंने 26वीं फिफ्टी लगाई और 55 रन बनाकर पवेलियन लौटे। रहाणे एंडरसन की बॉल पर विकेटकीपर बटलर को कैच दे बैठे।पंत कुछ खास नहीं कर सके और 1 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें रॉबिन्सन ने ओवरटन के हाथों कैच कराया। शमी को मोइन अली ने क्लीन बोल्ड किया। वे 6 रन बना सके। इशांत को रॉबिन्सन ने बटलर के हाथों कैच कराया। वे 2 रन बना सके। जडेजा ने भारतीय पारी संभालने की कोशिश की, पर सफल नहीं हो सके। वे 30 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें ओवरटन ने बटलर के हाथों कैच कराया। ओवरटन ने सिराज को बेयरस्टो के हाथों कैच करा भारतीय पारी को 278 रन पर समेट दिया।इंग्लैंड की ओर से रॉबिन्सन ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके। क्रेग ओवरटन को 3 और मोइन अली और जेम्स एंडरसन को 1-1 विकेट मिला।भारतीय पारी के 87वें ओवर में मैदान पर ड्रामा देखने को मिला। जेम्स एंडरसन गेंदबाजी कर रहे थे। इस ओवर की आखिरी बॉल विकेटकीपर बटलर के हाथों में गई। एंडरसन और इंग्लैंड टीम की कैच की अपील पर फील्ड अंपायर एलेक्स वार्फ ने आउट दे दिया। इसके बाद कोहली वापस पवेलियन लौटने लगे और इंग्लिश टीम जश्न मनाने लगी। तभी नॉन स्ट्राइकर एंड पर मौजूद रहाणे ने रिव्यू लेने को कहा। कोहली ने 15 सेकेंड के अंदर रिव्यू लिया। डिसीजन रिव्यू सिस्टम में दिखा कि बॉल और बैट के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ था, बल्कि कोहली के बैट और पैड के बीच संपर्क हुआ था। इसके बाद फील्ड अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा और कोहली बच गए। पुजारा ने टेस्ट करियर की 30वीं फिफ्टी लगाई। पुजारा की फिफ्टी 12 पारियों के बाद आई। साथ ही यह पुजारा का इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा सबसे तेज और इंग्लैंड में सबसे तेज अर्धशतक था।
- तोक्यो । भारत की भाविनाबेन पटेल लगातार इतिहास रचते हुए पैरालम्पिक टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई जिन्होंने चीन की मियाओ झांग को क्लास 4 वर्ग के कड़े मुकाबले में 3 . 2 से हराया ।पटेल ने दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी को 7.11, 11.7, 11.4, 9.11, 11.8 से हराकर भारतीय खेमे में भी सभी को चौंका दिया ।अब उनका सामना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ से होगा ।गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया ।बारह महीने की उम्र में पोलियो की शिकार हुई पटेल ने कहा ,‘‘ जब मैं यहां आई तो मैने सिर्फ अपना शत प्रतिशत देने के बारे में सोचा था । अगर ऐसा कर सकी तो पदक अपने आप मिलेगा । मैने यही सोचा था ।’’उन्होंने कहा ,‘‘ अगर मैं इसी आत्मविश्वास से अपने देशवासियों के आशीर्वाद के साथ खेलती रही तो कल स्वर्ण जरूर मिलेगा । मैं फाइनल के लिये तैयार हूं और अपना शत प्रतिशत दूंगी ।’’व्हीलचेयर पर खेलने वाली पटेल ने पहला गेम गंवा दिया लेकिन बाद में दोनों गेम जीतकर शानदार वापसी की । तीसरा गेम जीतने में उन्हें चार मिनट ही लगे । चौथे गेम में चीनी खिलाड़ी ने फिर वापसी की लेकिन निर्णायक पांचवें गेम में पटेल ने रोमांचक जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया ।दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी झांग के खिलाफ पटेल की यह पहली जीत थी । दोनों इससे पहले 11 बार एक दूसरे से खेल चुके हैं ।पटेल को पहले ग्रुप मैच में झोउ ने आसानी से हराया था । उनके खिलाफ फाइनल जीतना आसान नहीं होगा । पटेल ने क्वार्टर फाइनल में 2016 रियो पैरालम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को हराया था ।क्लास 4 वर्ग के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन सही रहता है और हाथ पूरी तरह से काम करते हैं । उनके शरीर में विकार मेरूदंड में चोट के कारण होता है।पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया जहां वह दिव्यांगों के लिये आईटीआई की छात्रा थी । बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया । उन्होंने अहमदाबाद में रोटरी क्लब के लिये पहला पदक जीता ।उनका विवाह निकुंज पटेल से हुआ जो गुजरात के लिये जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं ।पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी भी बनी जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिये रजत पदक जीता था । अक्ट्रबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था ।
- लीड्स। इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाज डेविड मलान ने कहा कि वह 19 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहे आईपीएल के बाकी सत्र में पंजाब किंग्स के लिये खेलने को प्रतिबद्ध है और टी20 विश्व कप तथा एशेल श्रृंखला के बारे में बाद में सोचेंगे ।दुनिया के शीर्ष टी20 बल्लेबाज मलान ने तीन साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करके भारत के खिलाफ पहली पारी में 70 रन बनाये । उन्होंने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद शुक्रवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा , इस समय एकमात्र गारंटी आईपीएल की है । हमें नहीं पता कि विश्व कप में हम खेलेंगे या नहीं या एशेज का हिस्सा होंगे या नहीं । उन्होंने कहा , मैं आईपीएल में खेलने को लेकर प्रतिबद्ध हूं । बाकी सारी संभावनायें भी हैं लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता । मलान ने कप्तान जो रूट (121) के साथ तीसरे विकेट के लिये 139 रन जोड़े । इससे आस्ट्रेलिया के खिलाफ साल के आखिर में एशेज श्रृंखला में उनके खेलने की संभावना बनी है लेकिन मलान ने कहा कि वह कुछ भी हलके में नहीं ले रहे हैं ।
- तोक्यो। भारतीय पावरलिफ्टर सकीना खातून तोक्यो पैरालम्पिक में महिलाओं के 50 किलोवर्ग में पांचवें स्थान पर रही। राष्ट्रमंडल खेल 2014 की कांस्य पदक विजेता सकीना का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 93 किलो रहा । चीन की डेंडान हू ने 120 किलो उठाकर स्वर्ण पदक जीता जबकि मिस्र की रेहाब अहमद ने रजत और ब्रिटेन की ओलिविया ब्रूम ने कांस्य पदक जीता । 32 वर्ष की खातून ने पहले प्रयास में 90 किलो वजन उठाया । दूसरे प्रयास में उन्होंने 93 किलो की कोशिश की लेकिन नाकाम रही । तीसरे प्रयास में उन्होंने 93 किलो वजन उठाया ।खातून राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने वाली भारत की अकेली पैरालम्पियन हैं जिन्होंने ग्लास्गो में 2014 में यह कारनामा किया था । उन्होंने 2018 पैरा एशियाई खेलों में भी रजत पदक जीता था । पावरलिफ्टिंग में वे खिलाड़ी भाग लेते हैं जो पैरों या कूल्हे में विकार के साथ सामान्य (स्टैंडिंग) भारोत्तोलन में भाग नहीं ले सकते ।
- मेलबर्न। न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला क्रिस केर्न्स को बचाने के लिये उनके दिल के आपरेशन के दौरान ‘स्पाइनल स्ट्रोक’ के कारण उनके पैरों में लकवा मार गया है । अपने जमाने के सर्वश्रेष्ठ हरफनमौला खिलाड़ियों में से एक केर्न्स ने न्यूजीलैंड के लिये 62 टेस्ट, 215 वनडे और दो टी20 मैच खेले हैं ।केर्न्स कैनबरा लौट गए हैं लेकिन उनकी हालत गंभीर है । सिडनी में उनके दिल के आपरेशन के दौरान कई पेचीदगियां सामने आई ।केर्न्स के वकील आरोन लॉयड ने शुक्रवार को स्टफ डॉट को डॉट एनजेड में जारी बयान में कहा ,‘‘ केर्न्स की जिंदगी बचाने के लिये दिल का आपरेशन किया गया जिसके दौरान वह स्पाइनल स्ट्रोक का शिकार हुए । इससे उनके पैरों में लकवा मार गया है । ’’उन्होंने कहा ,‘‘ अब वह आस्ट्रेलिया में रीढ की हड्डी के विशेष अस्पताल में इलाज करायेंगे ।
- नयी दिल्ली। तोक्यो ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन के बाद टाटा मोटर्स ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के साथ अपने प्रायोजन को पेरिस ओलंपिक 2024 तक जारी रखने की घोषणा की।देश की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स 2018 में डब्ल्यूएफआई का मुख्य प्रायोजक बना था। इस करार के बाद ही बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) द्वारा क्रिकेट खिलाड़ियों को दिये जाने वाले वार्षिक केंद्रीय अनुबंध की तरह डब्ल्यूएफआई ने देश के शीर्ष पहलवानों को वार्षिक अनुबंध देने की शुरूआत की थी। अब इस करार को 2024 पेरिस ओलंपिक तक आगे बढ़ा दिया गया।हाल ही में संपन्न हुए तोक्यो ओलंपिक में रिकॉर्ड सात भारतीय पहलवानों ने क्वालीफाई किया था जिसमें से रवि दहिया ने रजत जबकि बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता। दीपक पूनिया मामूली अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गये थे।नये करार का नाम ‘मिशन 2024 पेरिस ओलंपिक- द गोल्ड क्वेस्ट’ है , जिसके तहत जूनियर स्तर पर विकास के लिए 60 पहलवानों को छात्रवृत्ति दी जाएगी और कंपनी देश के 30 शीर्ष खिलाड़ियों को गोद लेगी। इसमें उनके अभ्यास का पूरे खर्च का वहन शामिल है। करार से खिलाड़ियों को विदेशी कोच रखने में मदद मिलेगी और वे विदेशों में अभ्यास भी कर सकेंगे।इस दौरान डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इस करार के बाद महासंघ जमीनी स्तर के खिलाडियों को बेहतर सुविधा मुहैया कर सकेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ जब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाते है तो सरकार से उन्हें पूरा समर्थन मिलता है लेकिन जूनियर स्तर पर उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस करार के बाद हम जूनियर स्तर के खिलाड़ियों का बेहतर समर्थन कर पायेंगे।’’उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई अब ऐसे राज्यों पर ध्यान देगा जो इस खेल में अपेक्षाकृत कमजोर है।सिंह ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान अब ऐसे राज्यों पर है जो इस खेल में दूसरे राज्य से कमजोर हैं। हम उन राज्यों में ज्यादा ध्यान देकर वहां के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने की कोशिश करेंगे। ’’इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह और कंपनी के अधिकारियों के अलावा तोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों में से बजरंग पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगाट, सोनम मलिक, अंशु मलिक और सीमा बिस्ला मौजूद थे।इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कुश्ती को 2032 ओलंपिक तक गोद लेने की घोषणा की थी।
- मस्कट। सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की 75 रन की पारी के बाद कप्तान शम्स मुलानी (12 रन पर तीन विकेट) की अगुआई में गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत मुंबई ने गुरुवार को यहां दूसरे टी20 क्रिकेट मैच में ओमान को 18 रन से हराया। ओमान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। मुंबई ने जायसवाल की 59 गेंद में 75 रन की पारी की बदौलत छह विकेट पर 162 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में ओमान की टीम नौ विकेट पर 144 रन ही बना सकी।
- नयी दिल्ली ।भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) पुरुषों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन 15 से 22 सितंबर के बीच कर्नाटक के बेल्लारी में आयोजित करने की योजना बना रहा है। वह इस प्रतियोगिता के दौरान मुक्केबाजों को ‘हेड गार्ड' (सिर पर चोट लगने से बचाने के लिये उपयोग में लाया जाने वाला हेलमेट) पहनने की छूट देने पर भी विचार कर रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन नहीं हो पाया था। यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) द्वारा लागू किये गये नये भार वर्गों में आयोजित की जाएगी। पुरुषों के लिये संशोधित भार वर्ग 48 किग्रा, 51 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा, 60 किग्रा, 63.5 किग्रा, 67 किग्रा, 71 किग्रा, 75 किग्रा, 80 किग्रा, 86 किग्रा, 92 किग्रा और 92 किग्रा से अधिक हैं। पुरुषों की एमेच्योर मुक्केबाजी में 2013 से ‘हेड गार्ड' का उपयोग नहीं किया जा रहा है। एआईबीए की प्रतियोगिताओं या ओलंपिक खेलों में ‘हेड गार्ड' नहीं पहना जाता है लेकिन राष्ट्रीय महासंघ अपनी प्रतियोगिताओं के इसका उपयोग कर सकते हैं। बीएफआई के महासचिव हेमंत कलिता ने कहा, ‘‘तीन सितंबर को कार्यकारी समिति की बैठक होगी जिसमें इस पर चर्चा की जाएगी। यदि आम सहमति बनती है तो हम मुक्केबाजों को चैंपियनशिप के दौरान हेड गार्ड पहनने की अनुमति देंगे।
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नई दिल्ली। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान टेड डेक्सटर का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। इंग्लैंड के लिए 62 टेस्ट मैचों में 4502 रन बनाने वाले डेक्सटर के निधन पर आईसीसी ने शोक व्यक्त किया है। बता दें कि इन 62 मैचों में से 30 में वह इंग्लैंड टीम के कप्तान रहे थे। डेक्सटर इंग्लैंड के बड़े ही आक्रामक बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से पहला टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 1958 में खेला था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद डेक्सटर 1989 से 1993 तक इंग्लैंड टेस्ट टीम के सिलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। इसके बाद वह एमसीसी के अध्यक्ष भी बने।
डेक्स्टर ने 62 टेस्ट मैचों में 47.89 की औसत से 4502 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने नौ शतक और 27 अर्धशतक लगाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 205 रन रहा। इसके अलावा गेंदबाजी में भी उन्होंने 66 विकेट चटकाए। इसके अलावा गेंदबाजी में भी उन्होंने 66 विकेट चटकाए। प्रथम श्रेणी मैच में डेक्सटर का शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्होंने कुल मिलाकर 327 प्रथम श्रेणी मैच खेले और इस दौरान 40.75 की औसत से 21150 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 51 शतक और 108 अर्धशतक लगाए। उन्होंने गेंदबाजी में भी 419 विकेट चटकाए। - दुबई। भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दूसरे मैच में 151 रन की बड़ी जीत के बाद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की नवीनतम तालिका में 14 अंक लेकर शीर्ष पर है। बारिश से प्रभावित पहला टेस्ट मैच ड्रा छूटने पर भारत को चार अंक मिले जबकि लार्ड्स में जीत से उसने 12 अंक हासिल किये। भारत के हालांकि 16 के बजाय 14 अंक हैं क्योंकि धीमी ओवर गति के लिये उसके दो अंक काट दिये गये थे। डब्ल्यूटीसी नियमों के अनुसार निर्धारित समय में एक ओवर कम करने पर टीमों को एक अंक गंवाना पड़ेगा। प्रत्येक मैच में जीत पर 12 अंक, टाई पर छह अंक और ड्रा होने पर चार अंक मिलते हैं। भारत के बाद पाकिस्तान (12 अंक) का नंबर आता है जिसने दूसरे टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज को 109 रन से हराकर श्रृंखला बराबर की। वेस्टइंडीज ने पहला टेस्ट मैच जीता था और उसके भी 12 अंक हैं। वह तालिका में तीसरे स्थान पर है। इंग्लैंड के दो अंक हैं और वह चौथे स्थान पर है। इंग्लैंड को भी नॉटिघम टेस्ट में जीत के लिये चार अंक मिले थे लेकिन उसने भी धीमी ओवर गति के कारण दो अंक गंवा दिये थे। डब्ल्यूटीसी का यह चक्र 2023 तक चलेगा। न्यूजीलैंड ने जून में फाइनल में भारत को हराकर पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती थी।
- विन्सटन सलेम (अमेरिका)। विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी एंडी मर्रे अमेरिका के फ्रांसिस टिफोउ से सीधे सेटों में हारकर एटीपी विन्सटन सलेम टेनिस टूर्नामेंट से बाहर हो गये हैं। लंबे समय तक चोटों से जूझने वाले 34 वर्षीय मर्रे को दूसरे दौर के मैच में टिफोउ से 6-7 (4/7), 3-6 से हार झेलनी पड़ी। उन्होंने वाइल्ड कार्ड से इस टूर्नामेंट में प्रवेश किया था। मर्रे अब यूएस ओपन में भाग लेने के लिये न्यूयॉर्क जाएंगे जहां उन्होंने अपने तीन ग्रैंडस्लैम खिताब में से पहला खिताब 2012 में जीता था।