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- न्यूयॉर्क। फिडे से खिलाड़ियों को जींस पहनकर खेलने की अनुमति मिलने के बाद दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन विश्व ब्लिट्ज चैम्पियनशिप में लौटे जिन्हें ड्रेस कोड के उल्लंघन के कारण रैपिड वर्ग से बाहर कर दिया गया था । पांच बार के विश्व चैम्पियन कार्लसन पर शनिवार को फिडे के ड्रेस कोड का उल्लंघन करके जींस पहनकर आने के बाद 200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था । टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार जींस पहनना मना है । उन्होंने तुरंत कपड़े बदलकर आने का अनुरोध मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें अयोग्य करार दिया गया । टूर्नामेंट में रैपिड चैम्पियनशिप के नौवें दौर में उन्हें किसी के खिलाफ उतारा नहीं गया । नीति में बदलाव की घोषणा करते हुए अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के अध्यक्ष अर्काडी वोरवोविच ने कहा ,‘‘ मैंने पोशाक की उपयुक्तता के संबंध में निर्णय लेने में फिडे अधिकारियों को अधिक लचीलापन प्रदान करने के लिए इस नजरिये का प्रयोग करने का फैसला किया है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ नियम सरल है कि आधिकारिक ड्रेस कोड का अभी भी पालन करना होगा लेकिन थोड़े से बदलाव (जैकेट के साथ जींस) की अनुमति दी गई है । बयान में कहा गया ,‘‘ फिडे को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि मैग्नस कार्लसन फिडे विश्व ब्लिट्ज चैम्पियनशिप में भाग लेंगे ।'' कार्लसन ने रविवार को टूर्नामेंट के दौरान फिडे उपाध्यक्ष और भारत के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद से मुलाकात की । बयान में कहा गया ,‘‘ फिडे कार्लसन और विश्व शतरंज समुदाय के साथ मिलकर फिडे प्रतिस्पर्धाओं में खिलाड़ियों और प्रशंसकों को सर्वश्रेष्ठ अनुभव देने की दिशा में काम करता रहेगा ।'' कार्लसन ने अपनी भागीदारी की पुष्टि करते हुए कहा ,‘‘ मैं न्यूयॉर्क में कम से कम एक दिन और खेल रहा हूं । अच्छा खेला तो अगले दिन भी । हमने कल इस बारे में बात की और फिडे अध्यक्ष से हमारे अच्छे संबंध हैं ।'' आनंद ने कहा था कि फिडे के पास कार्लसन को अयोग्य करार देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि उन्होंने नियम को मानने से इनकार कर दिया था ।
- मेलबर्न । भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर आसानी से घुटने टेक दिये और चौथे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के हाथों 184 रन की शर्मनाक हार के साथ ही लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की मांग जोर पकड़ने लगी है । जीत के लिये 340 रन के दुरूह लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित नौ और कोहली पांच रन बनाकर आउट हो गए । रोहित को अति रक्षात्मक शैली अपनाने का खामियाजा भुगतना पड़ा तो आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर कोहली ने फिर विकेट गंवाया । भारत ने आखिरी सात विकेट 20 . 4 ओवर में 34 रन के भीतर गंवा दिये और दूसरी पारी में टीम 155 रन पर आउट हो गई ।आस्ट्रेलियाई कप्तान और ‘प्लेयर आफ द मैच' पैट कमिंस ने 18 ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट लिये जबकि स्कॉट बोलैंड ने 16 ओवर में 39 रन देकर तीन विकेट चटकाये । नाथन लियोन को दो और मिचेल स्टार्क को कोहली का कीमती विकेट मिला । इससे पहले यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत के बीच चौथे विकेट के लिये 88 रन की साझेदारी से मैच ड्रॉ की ओर मुड़ता दिख रहा था लेकिन एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर पंत के आउट होने के बाद भारत की उम्मीदों पर पानी फिर गया । आस्ट्रेलिया अब श्रृंखला में 2 . 1 से आगे है । भारत अगर सिडनी टेस्ट नहीं जीतता है तो लगातार तीसरी बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेलने का सपना भी टूट जायेगा । जायसवाल (208 गेंद में 84 रन) को छोड़कर भारत का कोई बल्लेबाज प्रभावित नहीं कर सका । जायसवाल को विवादित ढंग से तीसरे अंपायर ने विकेट के पीछे कैच आउट करार दिया । टेस्ट मैच जीतने या बचाने की कला अब विरले क्रिकेटरों के पास ही रह गई है लेकिन भारत की उम्मीदों का सरमाया दो सबसे अनुभवी खिलाड़ियों पर था जो करीब दो दशक से अपने खेल से एक देशवासियों को खुशियों की सौगातें देते आये हैं । लेकिन दोनों ही चूक गए और अब चयनकर्ताओं को कुछ कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं । पंत ने दूसरे सत्र में जबर्दस्त संयम का प्रदर्शन किया लेकिन ट्रेविस हेड को एक खराब शॉट खेलकर उन्होंने आस्ट्रेलिया की जीत की राह प्रशस्त कर दी । सीमित ओवरों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद आफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद कोहली की कमजोरी बन गई है और इसे आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने बखूबी भुनाया । सुबह भारत ने लंच तक तीन विकेट 33 रन पर गंवा दिये थे । रोहित ने 40 गेंद में नौ रन बनाये और टेस्ट मैचों में दसवीं बार आस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस का शिकार हुए । वहीं कोहली (29 गेंद में पांच रन) एक बार फिर कवर ड्राइव खेलने की ललक पर काबू नहीं रख सके और मिचेल स्टार्क की गेंद पर पहली स्लिप में कैच दे बैठे ।केएल राहुल खाता भी नहीं खोल पाये । सुबह खेल शुरू होने के बाद जसप्रीत बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में 13वीं बार पारी के पांच विकेट लेकर आस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 234 रन पर आउट किया । इसके बाद लग रहा था कि रोहित शीर्षक्रम पर अपना स्वाभाविक आक्रामक खेल दिखायेंगे लेकिन खराब फॉर्म के बीच उन्होंने रक्षात्मक खेल दिखाने की कोशिश की जो नाकाम रही । पारी की शुरूआत करने का उनका फैसला भी गलत साबित हुआ और इससे राहुल का आत्मविश्वास भी डोल गया । भारत को आस्ट्रेलिया की आखिरी जोड़ी बोलैंड और लियोन के बीच हुई साझेदारी भी भारी पड़ी जिससे लक्ष्य और बड़ा हो गया । नौ विकेट लेने वाले बुमराह और इस श्रृंखला की खोज रहे नीतिश रेड्डी के शतक के अलावा इस मैच में भारत के लिये सकारात्मक कुछ नहीं रहा । भारतीय टीम बदलाव के कठिन दौर से गुजर रही है और अब मुख्य कोच गौतम गंभीर को चयन समिति के प्रमुख अजित अगरकर के साथ मिलकर कुछ कठिन फैसले लेने होंगे ।
- बेंगलुरु. भारतीय महिला फुटबॉल टीम के कोच जोकिम एलेक्जेंडरसन ने रविवार को कहा कि मालदीव के खिलाफ यहां 30 दिसंबर और दो जनवरी को होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों के लिए 23 सदस्यीय टीम में सीनियर खिलाड़ियों के अलावा अंडर20 खिलाड़ियों का भी चयन किया गया है। दोनों मैच पादुकोण-द्रविड़ सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में खेले जाएंगे।एलेक्जेंडरसन ने कहा, ‘‘हमारे पास बेंगलुरु शिविर में कुछ सीनियर खिलाड़ी भी शामिल है, इसलिए हम इन दोनों मैच में अंडर20 और सीनियर खिलाड़ियों की मिली जुली टीम उतारेंगे।'' भारतीय टीम इस प्रकार है:गोलकीपर: हेमप्रिया सेराम, मैबम लिनथोइनगांबी देवी, नंदिनी।डिफेंडर: अरुणा बाग, जूही सिंह, जूली किशन, संगीता बासफोर, संजू, शिवानी टोप्पो, सोरोखैबम रंजना चानू, तोइजाम थोइबिसाना चानू, विक्षित बारा। मिडफील्डर: ग्रेस डेंगमेई, काजोल डिसूजा, नेहा, नोंगमेइकापम सिबानी देवी, नीतू लिंडा, रिम्पा हलदर।फॉरवर्ड: लिंगदेइकिम, लिंडा कोम सर्टो, पूजा, प्यारी खाका, सिमरन गुरुंग।
- दुबई. भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को इस सत्र में संयुक्त रूप से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बनने और भारत की टी20 विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ‘आईसीसी पुरुष टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार' के लिए नामांकित किया गया है। अर्शदीप (25 वर्ष) इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए पाकिस्तान के बाबर आजम, ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड और जिम्बाब्वे के सिकंदर रजा के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप ने बारबाडोस में भारत की टी20 विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 18 मैचों में 13.5 के औसत से 36 विकेट लेकर टी20 अंतरराष्ट्रीय में संयुक्त रूप से सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में वर्ष का समापन किया। भुवनेश्वर कुमार के 2022 में 37 विकेट के बाद एक कैलेंडर वर्ष में टी20 अंतरराष्ट्रीय में किसी भारतीय तेज गेंदबाज का यह दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन है। अर्शदीप ने टी20 विश्व कप में 17 विकेट लिए और टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने के मामले में अफगानिस्तान के फजलहक फारूकी के साथ बराबरी पर रहे। उनका सबसे यादगार प्रदर्शन फाइनल में रहा जिसमें उन्होंने एडेन मार्करम और क्विंटन डी कॉक जैसे मुख्य खिलाड़ियों को जल्दी आउट कर दक्षिण अफ्रीका के लिए मुश्किल पैदा की। 19वें ओवर में उन्होंने सिर्फ चार रन दिए जिससे भारत की जीत तय हो गई। आईसीसी पुरस्कार 2024 के विजेताओं की घोषणा जनवरी 2025 के अंत में की जाएगी।
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मेलबर्न. नीतिश रेड्डी अपने आलोचकों को गलत साबित करना चाहते थे जो टेस्ट प्रारूप में उनकी काबिलियत पर संदेह करते थे और एमसीजी के प्रतिष्ठित मैदान पर शतक जड़कर उन्होंने यह संदेश दिया कि वह क्रिकेट के उच्चतम स्तर के खिलाड़ी हैं। कुछ पूर्व खिलाड़ी रेड्डी के टेस्ट खिलाड़ी के रूप में उभरने को लेकर संशय में थे जिसमें पूर्व मुख्य चयनकर्ता भी शामिल था। लेकिन छह पारियों में 293 रन बनाकर और 58 से अधिक के बल्लेबाजी औसत से उन्होंने इन सभी को करारा जवाब दिया है। रेड्डी की 114 रन की पारी की बदौलत भारत पहली पारी में 369 रन बनाने में सफल रहा। इस शतक की बदौलत युवा बल्लेबाज ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। क्या आपको कभी लगा कि आप इस टीम में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होंगे?
रेड्डी ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद अपनी निराशा साझा करते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों को मुझ पर संदेह था जैसे आईपीएल खेलने वाला कोई युवा खिलाड़ी इतनी बड़ी श्रृंखला में प्रदर्शन नहीं कर सकता। मैं जानता हूं कि बहुत से लोग इस तरह की बातें करते थे। '' इस 21 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैं बस उन्हें यह अहसास दिलाना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे बारे में जो कुछ कहा है, वह गलत है और मैं यही कर रहा हूं। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि मैं भारतीय टीम के लिए अपना शत प्रतिशत देने के लिए यहां हूं। '' यह पूछे जाने पर कि वह पिछले एक महीने को कैसे देखते हैं जिसमें उनका जीवन बदल गया, उन्होंने तुरंत जवाब दिया ‘‘मुझे लगता है कि आप लोगों के लिए यह एक या दो महीने ही हैं। लेकिन मेरे लिए यह पिछले दो से तीन साल हैं। मैं अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर कितनी मेहनत कर रहा हूं। '' रेड्डी ने 2024 आईपीएल की शुरुआत से पहले ‘साइड-आर्म थ्रोडाउन' विशेषज्ञों की सेवायें ली थीं और उनके खिलाफ लगभग 18 गज की दूरी से 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंद पर बल्लेबाजी का अभ्यास किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पहले आईपीएल सत्र के बाद मुझे अहसास हुआ कि मुझे अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना पड़ेगा और मैंने एक योजना बनाई। सत्र के इतर जब मुझे समय मिला तो मैंने अपनी बल्लेबाजी पर बहुत काम किया और अब इससे नतीजे मिल रहे हैं। यह एक महीने या दो महीने की बात नहीं है। मैंने पिछले दो-तीन वर्षों से यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। '' उनके परिवार के बलिदानों को सभी पढ़ चुके हैं और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भी खिलाड़ी के पीछे के व्यक्ति और उनके पिता मुत्यालु की भूमिका के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। वह थोड़े भावुक थे। उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मेरे पिता ने केंद्र सरकार में 25 साल तक सेवा की थी और जब मैं कुछ नहीं था और मैं राज्य स्तर पर नहीं खेला था तो सबसे पहले जिस व्यक्ति ने मुझ पर विश्वास किया, वह मेरे पिता थे। '' रेड्डी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मेरे लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वह मुझे मैदान, जिम ले जाते थे। वह हमेशा मेरे साथ रहना चाहते थे। उन्होंने बहुत सारे बलिदान किए। अगर मुझे उनके बारे में बताना पड़े तो समय कम पड़ जाएगा लेकिन मैं उनके जैसे पिता को पाकर बहुत आभारी हूं। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी टीम की मुश्किल परिस्थिति में मदद की ताकि हम मजबूती से वापसी कर सकें। इसलिए यह मेरे और मेरे पिता के लिए भी एक खास शतक था।'' विराट कोहली उनके आदर्श हैं और अपने आदर्श को खड़े होकर तालियां बजाते देखना सपने की तरह था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बचपन से ही विराट कोहली को देखता आ रहा हूं। वह मेरे आदर्श हैं और अब आखिरकार मैं उनके साथ खेला। जब उन्होंने पर्थ में शतक बनाया तो मैं नॉन-स्ट्राइकर छोर पर था। मुझे बहुत खुशी हुई। '' रेड्डी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘अब मैंने शतक बनाया तो उन्होंने मेरी सराहना की। वह मेरे पास आए और कहा कि '‘तुम वाकई अच्छा खेले, तुमने टीम को खेल में वापसी दिलाई'। मैंने हमेशा इस पल का सपना देखा था और आखिरकार जब उन्होंने मुझसे बात की तो वह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था। '' अंतिम दिन लक्ष्य का पीछा करने के बारे में पूछने पर रेड्डी ने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें उनका आखिरी विकेट लेना होगा। हम मजबूती से वापसी करेंगे और पहली पारी की अपनी गलतियों को सुधारेंगे। -
लबर्न. पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को अहम रन जोड़ने का मौका देकर पांच मैचों की श्रृंखला के चौथे टेस्ट मैच को जीतने की अपनी संभावनाओं को कम कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया ने एक समय 156 रन पर आठ विकेट गंवा दिये थे लेकिन टीम ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के चौथे दिन का समापन नौ विकेट पर 228 रन पर किया। टीम की कुल बढ़त 333 रन की हो गयी है। इससे यह मैच दिलचस्प हो गया है। गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे' कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत ने मौका गंवा दिया। चाय के विश्राम तक निश्चित रूप से भारत का पलड़ा भारी था। इसके बाद (पैट) कमिंस, (नाथन) लियोन और (स्कॉट) बोलैंड ने वास्तव में भारतीय गेंदबाजों को निराश किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया ने 333 रन की बढ़त हासिल कर ली है इससे भारत के लिए मैच जीतना काफी मुश्किल हो गया है।'' ऑस्ट्रेलिया के आठवें, 10वें और 11वें क्रम के बल्लेबाजों ने लगभग 35 खेले। इसमें कमिंस (90 गेंदों में 41 रन), लियोन (54 गेंदों में नाबाद 41 रन) और बोलैंड (65 गेंदों में नाबाद 10 रन) ने टीम की दूसरी पारी में अहम योगदान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अगर निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी आउट करते तो हमें 260-270 रन के लक्ष्य का पीछा करना होता और शायद रविवार को एक घंटे की बल्लेबाजी में हमने 30-40 रन बना लिये होते।'' गावस्कर ने कहा, ‘‘हमें अब आखिरी विकेट लेने पर ध्यान देना होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया खुद से इतनी जल्दी पारी नहीं घोषित करेगा।'' यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अब भी इस मैच को जीत सकता है, गावस्कर ने कहा, ‘‘ हमने 2021 में गाबा में आखिरी दिन 329 रन का पीछा किया था। इसके लिए हमें अच्छी शुरुआत की जरूरत होगी। हमें उस तरह की शुरुआत की जरूरत होगी जैसा की वीरेंद्र सहवाग टीम को दिलाते हैं।'' गावस्कर ने ऋषभ पंत के ‘बेवकूफाना शॉट' वाले बयान का बचाव करते हुए कहा कि वह निराश थे क्योंकि ऐसा लग रहा था कि पंत का अहंकार हावी हो गया था। गावस्कर ने ‘एबीसी स्पोर्ट' से कहा, "जब मैं ऋषभ पंत जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को वह शॉट खेलते हुए देखता हूं तो मुझे उस पहले शॉट से कोई परेशानी नहीं हुई, जो उसने खेला और चूक गया। मेरे परेशान होने का कारण यह था कि उस अहंकार या अति आत्मविश्वास हावी हो गया था। '' उन्होंने कहा, ‘‘ इसी तरह के शॉट खेलने की कोशिश में वह इससे पहले वाली गेंद पर चोटिल था। वह दिखाना चाहते थे कि कौन असली ‘बॉस' है। ऑस्ट्रेलिया ने उस शॉट के लिए दो क्षेत्ररक्षक लगा रखे थे और यह बड़ा मैदान है। यहां छक्का लगाना इतना आसान नहीं है।'' गावस्कर ने कहा कि उन्होंने पंत को कुछ शानदार पारियां खेलते हुए देखा है, खासकर ऑस्ट्रेलिया में। उन्होंने कहा कि उस समय वह शॉट खेलना सही नहीं था।
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न्यूयॉर्क. पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा कि फिडे मैग्नस कार्लसन को विश्व रैपिड और ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप से अयोग्य घोषित नहीं करना चाहता था लेकिन नॉर्वे के खिलाड़ी ने नियमों का पालन करने से इनकार करके उनके पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा। गत चैम्पियन कार्लसन पर जींस पहनने के कारण 200 डॉलर का जुर्माना लगाया गया । टूर्नामेंट के नियमों के अनुसार जींस पहनना मना है । उन्होंने आठवें दौर के बाद तुरंत कपड़े बदलकर आने का अनुरोध मानने से इनकार कर दिया तो उन्हें अयोग्य करार दिया गया । टूर्नामेंट में रैपिड चैम्पियनशिप के नौवें दौर में उन्हें किसी के खिलाफ उतारा नहीं गया । शतरंज की वैश्विक शासी संस्था के उपाध्यक्ष आनंद ने ‘चेसबेस इंडिया' से कहा, ‘‘उन्होंने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया, हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा। आज यह निर्णय भावनात्मक लग रहा था। मैग्नस समझौता करने को तैयार नहीं थे।'' आनंद ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम यह कदम नहीं उठाना चाहते थे। हमने (मैग्नस को) कई विकल्प दिए। मध्यस्थ ने कहा कि अगर मैग्नस नौवें दौर से पहले अपनी जींस बदल लेता तो सब ठीक रहेगा। '' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैग्नस ने कहा कि वह सैद्धांतिक रूप से ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। उसने खुद कहा कि यह उसके लिए सैद्धांतिक मामला है। मध्यस्थ ने बस नियमों को लागू किया और हमने उसका समर्थन किया। '' आनंद ने कहा कि हालांकि उन्होंने कार्लसन से बात नहीं की, लेकिन उन्होंने कार्लसन के पिता हेनरिक से और स्पष्टीकरण मांगा। आनंद ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि वे हार नहीं मानने वाले हैं। इसलिए मैं चला गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी नियमों का पालन कर रहा है। इयान नेपोमनियाचची को ड्रेस बदलने के लिए कहा गया था और उन्होंने ऐसा किया। यही कारण है कि वह खेल जारी रख पाये। तथ्य यह है कि मैग्नस ने इसका पालन करने से इनकार कर दिया जिससे हमारे पास बहुत कम विकल्प बचे। '' -
मेलबर्न .टेस्ट क्रिकेट में शुरूआती कदम रखने वाले नीतिश कुमार रेड्डी ने भारत के लिये ‘संकटमोचक' की भूमिका निभाते हुए चौथे टेस्ट के तीसरे दिन नाबाद शतक लगाकर आस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदों को झटका दिया है । रेड्डी के नाबाद 105 रन की मदद से भारत ने बारिश के कारण तीसरे दिन का खेल जल्दी समाप्त किये जाने तक नौ विकेट पर 358 रन बना लिये हैं । आस्ट्रेलिया के पहली पारी के 474 रन से भारत अभी भी 116 रन पीछे है । एमसीजी की सपाट पिच पर गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिलती देख अब टेस्ट बचाना भारत के लिये बहुत मुश्किल नहीं होना चाहिये । इस श्रृंखला में भारत की खोज रहे रेड्डी को इसका पूरा श्रेय जाता है । उन्होंने जुझारूपन की मिसाल पेश करते हुए वॉशिंगटन सुंदर (162 गेंद में 50 रन) के साथ 127 रन की अहम साझेदारी की जो भारत के लिये निर्णायक मोड़ रही । महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने रेड्डी की पारी को सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारियों में से एक बताया । ऋषभ पंत के गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर विकेट गंवाने के समय भारत का स्कोर छह विकेट पर 191 रन था । आंध्र के युवा बल्लेबाज का स्कोर 99 रन था जब जसप्रीत बुमराह आउट हो गए। इस समय रेड्डी और आखिरी बल्लेबाज मोहम्मद सिराज क्रीज पर थे । सिराज के आने पर दर्शकों ने फिर उनकी हूटिंग की लेकिन उन्होंने मेजबान कप्तान पैट कमिंस की तीन गेंद संभलकर खेली । हर गेंद के बाद रेड्डी और दीर्घा में बैठे उनके पिता के चेहरे के भाव बदल रहे थे लेकिन सिराज ने तीन गेंद संभलकर खेली और रेड्डी को वह पल दिया जिसका सपना वह हजारों बार देख चुके थे । स्कॉट बोलैंड को सीधे चौका लगाकर रेड्डी ने अपना शतक पूरा किया और घुटने के बल बैठकर बल्ले पर हेलमेट रखकर भारतीय डगआउट के प्रति आभार व्यक्त किया । भारतीय खिलाड़ियों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया । एक दशक पहले जब रेड्डी के पिता मुथियाला ने अपनी नौकरी छोड़कर साहूकारी का काम शुरू किया और नुकसान उठाया तो परिवार ने उन्हें अपने बेटे के सपनों को पर नहीं देने की सलाह दी लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी । सीमारेखा के पास बैठे रेड्डी के पिता अपने आंसू नहीं रोक सके जब उनके बेटे ने शतक पूरा किया । उन्हें वह दिन याद आ गया होगा जब उनके बेटे को 2017 में बीसीसीआई से सर्वश्रेष्ठ अंडर 16 क्रिकेटर का पुरस्कार मिला था । उस समय रेड्डी ने अपने आदर्श क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का के साथ सेल्फी ली थी । अपनी पारी में रेड्डी ने दस चौके और एक छक्का लगाया ।
सुबह के सत्र में जहां ऋषभ पंत का गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाना भारत को भारी पड़ा वहीं दूसरे सत्र में रेड्डी ने जबर्दस्त संयम का प्रदर्शन किया । भारत ने पहले सत्र में 80 रन बनाये । पंत 37 गेंद में 28 रन बनाकर खराब शॉट खेलकर आउट हुए । एमसीजी पर तीसरा दिन बल्लेबाजी के लिये शानदार था चूंकि घास हट चुकी थी और कूकाबूरा से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी । पंत अगर टिककर खेलते तो बड़ी पारी खेल सकते थे । रविंद्र जडेजा (51 गेंद में 17 रन) और पंत ने दिन की अच्छी शुरूआत की । पंत ने कुछ चौके भी लगाये लेकिन लांग लेग पर गैर जरूरी रिवर्स लैप पुल शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया । स्कॉट बोलैंड की गेंद पर जब उन्होंने पहली बार यह शॉट खेलने का प्रयास किया तो गेंद नाभि के पास लगी और वह दर्द में दिखे । वह उठे और उन्हें समझ में नहीं आया कि पैट कमिंस ने डीप फाइन लेग और डीप थर्डमैन पर फील्डर लगा दिया है ताकि रिवर्स और रिवर्स लैप शॉट रोक सके । पंत ने फिर वही शॉट खेला और अतिरिक्त उछाल के कारण गेंद सीधे थर्डमैन पर फील्डर के हाथ में गई । इसके बाद रेड्डी ने संभलकर खेला और कुछ अच्छे स्ट्रोक्स लगाये । इस बीच जडेजा को नाथन लियोन ने पगबाधा आउट कर दिया । - नयी दिल्ली ।दोहा में एशियाई युवा और जूनियर भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन के बाद भारत के पदक विजेता युवाओं की नजरें नये साल में नयी ऊंचाइयों को छूने पर लगी है । भारत ने 19 से 25 दिसंबर तक हुए टूर्नामेंट में 33 पदक जीते ।अब खिलाड़ियों का लक्ष्य ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2026 के लिये क्वालीफाई करना है । राष्ट्रीय भारोत्तोलन कोच और ओलंपियन मीराबाई चानू के मेंटोर विजय शर्मा ने कहा कि दोहा के प्रदर्शन से भविष्य उज्जवल रहने के संकेत मिले हैं । दोहा में पदक जीतने वाले भारत के 24 खिलाड़ियों में से 22 खेलो इंडिया से निकले थे । पूरे दल ने भारतीय खेल प्राधिकरण के पटियाला, इम्फाल और औरंगाबाद स्थित राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में अभ्यास किया । भावी योजना के बारे में महिला जूनियर प्लस 87 वर्ग में रजत पदक जीतने वाली मेइबाम मार्टिना देवी ने कहा ,‘‘ 2025 में राष्ट्रमंडल खेल 2026 के ट्रायल शुरू होंगे । अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैम्पियनशिप क्वालीफायर टूर्नामेंट है । '' उन्होंने कहा ,‘‘ इसके अलावा मैं उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में भी भाग लूंगी ।''पुरूषों में एनआईएस पटियाला में शिविर में भाग लेने वाले साइराज परदेशी ने कहा ,‘‘ मैने 2018 में 12 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र में ट्रेनिंग शुरू की थी । कोरोना लॉकडाउन तक वहां अभ्यास किया और 2021 में औरंगाबाद आ गया ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ इसी साल मैं एनआईएस पटियाला आया । साइ केंद्रों का मेरे कैरियर में बहुत योगदान रहा है । चाहे अनुशासन की बात हो, खुराक, कोचों या कई अन्य पहलुओं में भी ।'
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अहमदाबाद| वैष्णवी अडकर ने शनिवार को यहां डब्ल्यू15 महिला टेनिस चैंपियनशिप के फाइनल में डेनमार्क की एलेना जमशीदी को सीधे सेटों में 6-2, 6-1 से हराकर अपना पहला आईटीएफ एकल खिताब जीता। पुणे के 20 वर्षीय खिलाड़ी ने एक घंटे से भी कम समय में जीत हासिल की।
यह वैष्णवी के करियर की महत्वपूर्ण जीत है, जिससे वह रुतुजा भोसले की खिताबी जीत के बाद पिछले तीन वर्षों में पेशेवर महिला एकल खिताब जीतने वाली पुणे की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। वैष्णवी ने क्वार्टर फाइनल में माया राजेश्वरन और सेमीफाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त जील देसाई को हराया था। वैष्णवी ने पूजा इंगले के साथ मिलकर महिला युगल का खिताब जीतकर दोहरी सफलता हासिल की।इस भारतीय जोड़ी ने फाइनल में एक कड़े मुकाबले में जापान की जोड़ी अनरी नागाटा और होनोका कोबायाशी को 6-3, 2-6, 12-10 से हराया। -
मेलबर्न. महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया के पदार्पण करने वाले युवा सैम कोंस्टास के साथ विराट कोहली की टक्कर की आलोचना करते हुए कहा कि इसकी ‘कोई जरूरत नहीं' थी और भारतीय स्टार नहीं चाहेगा कि इस तरह की घटना से उनकी विरासत धूमिल हो। कोहली पर यहां चौथे टेस्ट के शुरुआती दिन ऑस्ट्रेलियाई पारी के 10वें ओवर में कोंस्टास से कंधा टकराने के कारण मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और आईसीसी आचार संहिता के लेवल एक का उल्लंघन करने के लिए एक डिमेरिट अंक भी उनके खाते में जोड़ा गया। गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे' से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इसका क्या कारण था। लेकिन वास्तव में इसकी कोई जरूरत नहीं थी, हमें क्रिकेट के किसी भी स्तर पर इसकी जरूरत नहीं है, निश्चित रूप से उच्चतम स्तर पर नहीं। आप शारीरिक रूप से प्रभावित हुए बिना भी बहुत प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल सकते हैं। '' गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम सभी कोहली को खेल में अब तक के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक के रूप में याद रखना चाहते हैं, ना कि किसी ऐसे खिलाड़ी के रूप में जिस पर जुर्माना लगाया गया हो या आईसीसी द्वारा प्रतिबंधित किया गया हो, हम ऐसा सुनना नहीं चाहते हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘आप ऐसी विरासत नहीं छोड़ना चाहते हैं जहां यह एक चर्चा का विषय या एक अड़चन बन जाए। इसलिए उम्मीद है कि वह इससे सीख लेंगे और इसे फिर से नहीं दोहराना चाहेंगे। '' मैदान पर अपने जोशीले व्यक्तित्व के लिए जाने जाने वाले कोहली अतीत में भी कई विवादों में पड़ चुके हैं। उन्हें 2019 में दक्षिण अफ्रीका के ब्यूरन हेंड्रिक्स के साथ कंधा टकराने की घटना के लिए आईसीसी द्वारा दंडित किया गया था। गावस्कर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टकराव की भावना उनमें अंतर्निहित है, हमने हमेशा ऐसा देखा है कि वह हर विकेट, हर कैच, अपने साथियों द्वारा की गई हर अच्छी फील्डिंग का जश्न कैसे मनाते हैं। हम इसे समझते हैं और यह बहुत अच्छी बात है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि शारीरिक संपर्क नहीं होना चाहिए। '' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, मेरा मतलब है कि जब आप भारत के लिए खेल रहे हैं और अगर यह इतना बड़ा प्रोत्साहन नहीं है तो मुझे नहीं पता कि आपको किस प्रोत्साहन की जरूरत है। '' गावस्कर ने कहा, ‘‘भारत के लिए खेलना इतना बड़ा सम्मान है कि हम दुनिया की 69वीं रैंकिंग वाली टीम या दुनिया की नंबर एक टीम के साथ खेल सकते हैं जो काफी प्रेरणादायक होनी चाहिए। ''
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वडोदरा. भारतीय महिला टीम खराब फॉर्म से जूझ रही वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे और आखिरी एक दिवसीय मैच में शुक्रवार को ‘क्लीन स्वीप' के इरादे से उतरेगी । आस्ट्रेलिया दौरे पर तीनों वनडे हारने के बाद भारतीय टीम ने अपनी सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत की राह पर वापसी की है । भारतीय टीम ने श्रृंखला में 300 से अधिक के स्कोर बनाये हैं । पहले मैच में स्मृति मंधाना के साथ पारी का आगाज करने वाली पत्रिका रावल ने दूसरे वनडे में बेहतर प्रदर्शन करके उम्मीद जगाई है । हरलीन देयोल ने दूसरे मैच में तीसरे नंबर पर उतरकर शतक जड़ा और वह इस लय को कायम रखना चाहेंगी । पूरी तरह से फिट होने के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर भी आत्मविश्वास से भरी लग रही हैं लेकिन अभी तक बड़ी पारी नहीं खेल पाई हैं । गेंदबाजी में रेणुका ठाकुर ने तेज गेंदबाजी में अगुवाई की है जबकि युवा टिटास साधू को भी विकेट मिले हैं । लेग स्पिनर प्रिया मिश्रा ने भी प्रभावित किया है । यह मुकाबला चूंकि औपचारिकता का है लिहाजा भारतीय टीम में तनुजा कंवर और तेजल हसब्निस को उतारा जा सकता है । वेस्टइंडीज टीम को जीत के साथ स्वदेश लौटने के लिये अपने प्रदर्शन में काफी सुधार करना होगा । उसके लिये सिर्फ हेली मैथ्यूज ही प्रभावित कर सकी हैं । टीमें :
भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उपकप्तान), प्रतिका रावल, जेमिमा रोड्रिग्स, हरलीन देयोल, रिचा घोष (विकेटकीपर), उमा छेत्री (विकेटकीपर), तेजल हसब्निस, दीप्ति शर्मा, मिन्नू मणि, प्रिया मिश्रा, तनुजा कंवर, टिटास साधु, साइमा ठाकुर, रेणुका सिंह ठाकुर। वेस्टइंडीज: हेली मैथ्यूज (कप्तान), शेमाइन कैंपबेल (उप-कप्तान), आलिया एलेने, शमिलिया कॉनेल, नेरिसा क्राफ्टन, डींड्रा डोटिन, अफी फ्लेचर, शबिका गजनबी, चिनेले हेनरी, ज़ैदा जेम्स, कियाना जोसेफ, मैंडी मंगरू, अश्मिनी मुनिसर, करिश्मा रामहरैक , राशदा विलियम्स। मैच सुबह 9.30 बजे शुरू होगा। -
मेलबर्न. विषम परिस्थितियों में शानदार गेंदबाजी करने वाले जसप्रीत बुमराह ने भारत को मैच में लौटाया जबकि आस्ट्रेलिया ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सैम कोंस्टास के आक्रामक अर्धशतक समेत शीर्ष क्रम के मजबूत प्रदर्शन के दम पर चौथे टेस्ट के पहले दिन बृहस्पतिवार को छह विकेट पर 311 रन बना लिये । कोंस्टास के 65 गेंद में 60 रन ने जहां एमसीजी पर जुटे 80000 से अधिक दर्शकों में जोश भर दिया तो बुमराह के 21 ओवर में 75 रन देकर तीन विकेट लेने के बाद दर्शक दीर्घा से ‘बूम बूम बुमराह' का शोर भी सुनाई दिया । लगातार दो शतक बनाकर इस टेस्ट में उतरे ट्रेविस हेड से बुमराह की गेंद को भांपने में गलती हुई और वह 67वें ओवर में अपना विकेट गंवा बैठे । अगले ओवर में बुमराह ने खराब फॉर्म से जूझ रहे मिचेल मार्श (चार) को आउट किया जबकि लंच के बाद उस्मान ख्वाजा (121 गेंद में 57 रन) को पवेलियन भेजा था । पहले दो सत्र का खेल आस्ट्रेलिया के नाम रहा जिसके लिये ख्वाजा और कोंस्टास के अलावा मार्नस लाबुशन (145 गेंद में 72 रन) और स्टीव स्मिथ (111 गेंद में नाबाद 68 रन) ने अर्धशतक लगाये । आखिरी सत्र बुमराह का रहा जिन्होंने भारत की मैच में वापसी कराई । बुमराह के अब श्रृंखला में 24 विकेट हो गए हैं । दूसरे छोर से उन्हें मोहम्मद सिराज से बिल्कुल मदद नहीं मिली जिन्होंने 15 ओवर में 69 रन दे डाले और कोई विकेट नहीं मिली । आफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर ने 12 ओवर में 37 रन देकर एक विकेट लिये । वहीं आकाश दीप ने 19 ओवर में 59 रन देकर एक विकेट चटकाया । रविंद्र जडेजा भी महंगे साबित हुए जिन्होंने कोंस्टास का विकेट लेने के बावजूद 14 ओवर में 54 रन दिये । सुबह के सत्र में कोंस्टास छाये रहे । टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 19 बरस के इस बल्लेबाज ने सिर्फ 52 गेंद में अर्धशतक जड़ दिया और 65 गेंद में 60 रन बनाकर साबित कर दिया कि उन्हें अंतिम एकादश में रखने का फैसला कितना सही था । इससे पहले आस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया । पहले सत्र में कोंस्टास की भारत के सुपरस्टार क्रिकेटर विराट कोहली से संक्षिप्त झड़प भी हुई । शुरूआत में कोंस्टास को भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को खेलने में दिक्कत आई लेकिन पहले कुछ रन बनाने के बाद वह लय में आ गए । बेखौफ खेल दिखाते हुए उन्होंने बुमराह को रिवर्स स्वीप लगाकर चौका जड़ा और फिर मिड आन पर छक्का लगा दिया । इसके बाद उन्होंने थर्डमैन पर चौका लगाया । बुमराह को टेस्ट क्रिकेट के पहले ही स्पैल में पहली बार दो छक्के पड़े हैं । इससे पहले टेस्ट मैच में उन्हें 2021 में कैमरन ग्रीन ने छक्का लगाया था । कोंस्टास ने अपनी पारी में छह चौके और दो छक्के लगाये । कोंस्टास ने अनुभवी उस्मान ख्वाजा (नाबाद 38) के साथ 89 रन की साझेदारी की । ख्वाजा ने 121 गेंद में 57 रन की संयम से भरी पारी खेली । मोहम्मद सिराज जब गेंदबाजी पर आये तो दर्शकों ने काफी हूटिंग की क्योंकि उन्होंने कोंस्टास पर उसकी अपारंपरिक बल्लेबाजी शैली के लिये छींटाकशी की थी । सिराज ने या तो बहुत फुललैंग्थ गेंद डाली या शॉर्टपिच गेंद फेंकी । पहले स्पैल में भारतीय तेज गेंदबाजों में सिर्फ आकाश दीप लय में दिखे । साझेदारी टूटती नहीं देख भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 16वें ओवर में जडेजा को गेंद सौंपी जिन्होंने कोंस्टास को पगबाधा आउट करके कप्तान के फैसले को सही साबित किया । दर्शकों ने पवेलियन लौटते कोंस्टास का खड़े होकर अभिवादन किया । वहीं ख्वाजा अपनी गलती से विकेट गंवा बैठे और बुमराह की गेंद पर पुल शॉट की टाइमिंग खराब होने से गेंद सीधे केएल राहुल के हाथ में गई । दूसरे सत्र में यही एक विकेट गिरा ।
- नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के लिए वर्ष 2024 उतार चढ़ाव वाला रहा तथा जहां टीम ने आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ट्रॉफी जीतने के लंबे इंतजार को खत्म किया वहीं उसे घरेलू श्रृंखला में हार झेलनी पड़ी। भारतीय क्रिकेट में इस साल बदलाव का दौर भी शुरू हुआ। इसकी शुरुआत कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के अपेक्षित और अप्रत्याशित संन्यास के साथ हुई। भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए बेताब थी क्योंकि पिछले एक दशक में वह अधिकतर नॉकआउट चरण में बाहर होती रही। इनमें पिछले साल वनडे विश्व कप का फाइनल भी शामिल है जहां उसे आस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले गए टी20 विश्व कप में शुरू से लेकर आखिर तक शानदार प्रदर्शन किया और ट्रॉफी जीती। भारत ने चार स्पिनरों को टीम में रखा था जिनमें से रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को ही खेलने का मौका मिला। जडेजा को बल्लेबाजी और गेंदबाजी में अपना जलवा दिखाने का खास मौका नहीं मिला लेकिन कुलदीप और अक्षर भारत के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुए। जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह की तेज गेंदबाजी जोड़ी ने भी क्रमशः 15 और 17 विकेट लेकर अपनी भूमिका बखूबी निभाई। बल्लेबाजी में रोहित ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्होंने अपनी निर्भीक बल्लेबाजी से विरोधी टीमों के आक्रमण को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके सलामी जोड़ीदार कोहली शुरुआती मैचों में खास योगदान नहीं दे पाए लेकिन फाइनल में उन्होंने तब 76 रन की शानदार पारी खेली जबकि टीम खराब शुरुआत के कारण संकट में दिख रही थी। ऑल राउंडर हार्दिक पंड्या, इस टूर्नामेंट के बाद कप्तान नियुक्त किए गए सूर्यकुमार यादव और कार दुर्घटना में चोटिल होने के बाद वापसी करने वाले ऋषभ पंत ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया। रोहित, कोहली और जडेजा ने भारतीय टीम के चैंपियन बनने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। यह मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी शानदार विदाई थी जिनका कार्यकाल टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था। रोहित के संन्यास लेने के बाद पूरी उम्मीद थी की हार्दिक इस छोटे प्रारूप में कप्तानी का दायित्व संभालेंगे लेकिन द्रविड़ की जगह मुख्य कोच का पद संभालने वाले गौतम गंभीर की सोच अलग थी क्योंकि उन्होंने टी20 में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के टी20 श्रृंखला के लिए दक्षिण अफ्रीका दौरे में तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने बल्लेबाजी में जबकि वरुण चक्रवर्ती ने गेंदबाजी में अपना कमाल दिखाया। भारत को हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैच के घरेलू श्रृंखला में 0–3 से अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भारतीय टीम ने अपने आक्रामक तेवर दिखाकर बांग्लादेश को दोनों टेस्ट मैच में पराजित किया था। उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ भी इसी तरह का रवैया अपनाएगी लेकिन परिस्थितियां एकदम से बदल गई और न्यूजीलैंड ने उसे तीनों मैच में करारी हार का स्वाद चखाया। इसके बाद कुछ सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई तथा हाल में रविचंद्रन अश्विन का अचानक संन्यास लेना भी इसी का परिणाम माना जा रहा है। इस साल के आखिर में जय शाह आईसीसी के नए अध्यक्ष बने जिससे विश्व क्रिकेट में भारत के प्रभाव का भी पता चलता है। वह जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर के बाद इस पद पर आसीन होने वाले पांचवें भारतीय हैं। शाह ने पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी पर मंडरा रहे खतरे के बादलों को दूर करके तुरंत ही अपनी जीवंंत उपस्थिति दर्ज कराई। भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा करने की जरूरत नहीं है और वह अपने मैच दुबई में खेलेगा। इसी तरह से भारत में होने वाले टूर्नामेंट के अपने मैच पाकिस्तान किसी तटस्थ स्थल पर खेलेगा।इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित की गई जिसमें ऋषभ पंत (27 करोड़ रुपये) और श्रेयस अय्यर (26.75 करोड़) सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी रहे। अगर भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन की बात करें तो वह टी20 विश्व कप में शुरुआत में ही बाहर हो गई थी लेकिन उसने हाल में वेस्टइंडीज को घरेलू टी20 श्रृंखला में हराकर इसकी कुछ भरपाई की। यह पिछले पांच वर्षों में पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम ने घरेलू श्रृंखला जीती।
- इंदौर।.मशहूर खेल कमेंटेटर सुशील दोशी ने ज्यादातर पूर्व क्रिकेटरों की हिन्दी कमेंट्री के गिरते स्तर पर नाराजगी जताते हुए बुधवार को कहा कि देश में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली जुबान की इस दुर्गति पर रोक लगाई जानी चाहिए। दोशी ने कहा,‘‘पूर्व क्रिकेटर हिन्दी कमेंट्री में आएं, अच्छी बात है। लेकिन आज ऐसे पूर्व क्रिकेटर भी हिन्दी कमेंट्री कर रहे हैं जिन्हें हिन्दी से कोई प्रेम नहीं है। वे हिन्दी के बहाने केवल पैसा कमाने के लिए यह काम कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि ये लोग हिन्दी कमेंट्री के साथ न्याय करें।'' उन्होंने जोर देकर कहा कि जब किसी देश की कोई भाषा खराब होती है, तो राष्ट्रीय चरित्र और संस्कारों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। दोशी ने मिसाल देते हुए कहा कि जब कोई पूर्व क्रिकेटर कमेंट्री के दौरान बोलता है कि ‘‘किरकिट खेली जा रही है'', तो नयी पीढ़ी के लोग भी हिन्दी का यह गलत प्रयोग सीखेंगे क्योंकि वे इस शख्स को अपने नायक के तौर पर देखते हैं। वह ठहाके के साथ एक वाकया याद करते हुए बताते हैं,‘‘एक क्रिकेट मैच के दौरान जब एक खिलाड़ी क्षेत्ररक्षण के दौरान घायल हो गया और कुछ लंगड़ा कर चलने लगा, तो मैंने हिन्दी में कमेंट्री कर रहे एक पूर्व क्रिकेटर को कहते सुना कि उसका चाल-चलन खराब हो गया है।'' दोशी ने कहा कि हिन्दी कमेंट्री की दुर्गति रोकने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीसीई) को भी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘मैं तो बीसीसीसीई से भी यह कहता हूं कि आपने क्रिकेट मैचों के प्रसारण के अधिकार बेचे हैं, लेकिन आपने (कमेंट्री के दौरान) देश की भाषा (हिन्दी) को खराब करने के अधिकार नहीं बेचे हैं।'' उन्होंने हैरत जताई कि ज्यादातर हिन्दीप्रेमी लोग हिन्दी कमेंट्री की दुर्गति रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं। वह रामधारी सिंह "दिनकर" की एक कविता का हवाला देते हुए कहते हैं,‘‘समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध।'' मध्यप्रदेश सरकार की साहित्य अकादमी ने दोशी की स्वरचित आत्मकथा ‘‘आंखों देखा हाल'' के लिए उन्हें हाल ही में अखिल भारतीय विष्णु प्रभाकर पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा,‘‘जब मैंने 1968 में रेडियो पर हिन्दी कमेंट्री की शुरुआत की, तब आम तौर पर अंग्रेजी में ही कमेंट्री होती थी। क्रिकेट को आम बोलचाल की हिन्दी में समझाना मुश्किल काम था। मैंने हिन्दी कमेंट्री के आमफहम मुहावरे गढ़े।'' दोशी के मुताबिक गुजरे 56 सालों में वह कुल 500 से ज्यादा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों और टी-20 मुकाबलों और करीब 90 टेस्ट मैचों की कमेंट्री कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह क्रिकेट के एक दिवसीय और टी-20 प्रारूपों के कुल जमा 13 विश्व कप का आंखों देखा हाल को सुना चुके हैं। खेल कमेंट्री की दुनिया में उल्लेखनीय योगदान के लिए दोशी को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्मश्री" से वर्ष 2016 में नवाजा गया था।
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मेलबर्न. अपने जमाने के दिग्गज क्रिकेटर ग्रेग चैपल का मानना है कि ट्रैविस हेड वर्तमान समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं, जिनका बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के खिलाफ प्रदर्शन उनके निडर दृष्टिकोण और बल्लेबाजी के ऑस्ट्रेलियाई तरीके का जीवंत उदाहरण है। हेड ने भारत के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैचों में दो शतक और एक अर्धशतक की मदद से 409 रन बनाए हैं और वह श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष पर हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान चैपल का मानना है कि टेस्ट बल्लेबाज के रूप में हेड की सफलता के पीछे उनका सहज बने रहना और आक्रामकता है। चैपल ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘वर्तमान श्रृंखला में जसप्रीत बुमराह के खिलाफ हेड का प्रदर्शन उनके निडर दृष्टिकोण का उदाहरण है। अन्य बल्लेबाज जहां बुमराह के अपरंपरागत एक्शन, तेज गति और लगातार सटीक गेंदबाजी के सामने संघर्ष कर रहे हैं वहीं हेड ने उन्हें किसी भी अन्य गेंदबाज की तरह लिया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हेड ने मजबूत इरादों के साथ बुमराह का सामना किया और उनके खिलाफ रन बनाने का प्रयास करके न केवल उनके खतरे को कम किया बल्कि उनकी लय भी बिगाड़ी। शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने और फुल लेंथ गेंदों को ड्राइव करने की उनकी क्षमता उल्लेखनीय है, जिससे उनकी प्रगति का पता चलता है।'' चैपल ने कहा कि हाल के वर्षों में सभी प्रारूपों में हेड का शानदार प्रदर्शन का कारण उनका सहज होकर खेलना है। चैपल ने लिखा, ‘‘एक कच्ची, अप्रत्याशित प्रतिभा से लेकर विश्व क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली पुरुष बल्लेबाजों में से एक तक ट्रैविस हेड अपने चरम पर पहुंच गए हैं। उनका सफर केवल चुनौतियों पर काबू पाने तक सीमित नहीं है बल्कि अपनी शैली में सादगी बनाए रखने से भी जुड़ी है जो उनकी पहचान बन गई है।'' चैपल का मानना है कि हेड दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक हैं जो सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ अपनी रणनीति तय कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रैविस हेड की बल्लेबाजी का सार उनके सुव्यवस्थित दिमाग में निहित है। उन्होंने एक ऐसा रास्ता चुना है जो सावधानी से अधिक इरादे को प्राथमिकता देता है। एक ऐसी मानसिकता जो उन्हें रन बनाने के उद्देश्य से हर गेंद का सामना करने के लिए प्रेरित करती है।'' चैपल ने कहा, ‘‘अपनी वर्तमान फॉर्म में ट्रैविस बल्लेबाजी के ऑस्ट्रेलियाई तरीके का उदाहरण पेश करता है। अभी जिस तरह से उनके प्रदर्शन की चर्चा चल रही है उससे साफ हो जाता है कि ट्रैविस हेड दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है।
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दोहा. भारतीय भारोत्तोलक मार्टिना देवी ने यहां एशियाई जूनियर भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में महिलाओं की जूनियर प्लस 87 किलो श्रेणी में रजत पदक जीता । मणिपुर की 18 वर्ष की मार्टिना ने 225 किलो (96 और 129 किलो) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया । उन्होंने क्लीन एंड जर्क में भी रजत और स्नैच में कांस्य पदक हासिल किया । उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 237 किलो है जो उन्होंने इस साल जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में किया था ।
- नयी दिल्ली. भारतीय स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर अपने बेटे हक्ष पटेल की झलक दिखाई जिसे भारत की राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनाई गई। तीस वर्षीय क्रिकेटर अक्षर ने दिल को छू लेने वाली तस्वीर साझा की जिसमें हक्ष पटेल अपने माता-पिता का हाथ थामे हुए हैं। हक्ष का जन्म 19 दिसंबर को हुआ था।अक्षर ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘वह अब भी लेग से ऑफ साइड को समझ रहा है लेकिन हम उसे आप सभी से मिलवाने का इंतजार नहीं कर सकते। दुनिया हक्ष पटेल का स्वागत करो, भारत का सबसे छोटा, फिर भी सबसे बड़ा प्रशंसक और हमारे दिल का सबसे खास टुकड़ा।'' हक्ष अक्षर और उनकी पत्नी मेहा की पहली संतान हैं जिनकी शादी जनवरी 2023 में हुई थी। भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि अक्षर को आखिरी दो टेस्ट मैच के लिए नहीं चुना गया, क्योंकि उनके परिवार में हाल ही में एक बच्चा शामिल हुआ है। रविचंद्रन अश्विन के अचानक संन्यास लेने के बाद मुंबई के ऑफ स्पिन ऑलराउंडर तनुश कोटियान को बाकी दो टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई है।
- पुणे । राष्ट्रीय अंडर–नौ ओपन एवं बालिका शतरंज चैंपियनशिप 27 दिसंबर से दो जनवरी तक यहां के बालेवाड़ी के श्री शिव छत्रपति खेल परिसर में आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता का आयोजन विश्व शतरंज की सर्वोच्च संस्था फिडे और अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के तत्वावधान में महाराष्ट्र शतरंज संघ करेगा। इस प्रतियोगिता से भारत के युवा खिलाड़ियों को अपना कौशल दिखाने का मौका मिलेगा। इस प्रतियोगिता की कुल इनामी राशि पांच लाख रुपए है। इसमें ओपन और बालिका दोनों वर्ग के लिए समान 2.5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि रखी गई है।
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नयी दिल्ली. महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में गांव की एक बच्ची के शानदार गेंदबाजी एक्शन की तारीफ करके भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान से उनकी तुलना की और जहीर भी उसकी तकनीक के कायल हुए बिना नहीं रहे । तेंदुलकर ने शुक्रवार को एक्स पर राजस्थान की सुशीला मीना का वीडियो साझा किया जो बायें हाथ से शानदार तेज गेंदबाजी कर रही थी और उसके बेहतरीन एक्शन में जहीर के एक्शन की झलक मिल रही थी । तेंदुलकर ने जहीर को वीडियो में टैग किया । उन्होंने लिखा ,‘‘ शानदार । देखने में मजा आया । सुशीला मीना के गेंदबाजी एक्शन में तुम्हारी झलक है जहीर । क्या तुम्हे भी लगता है ।'' जवाब में जहीर ने लिखा ,‘‘ बिल्कुल । मैं भी सहमत हूं । इसका एक्शन इतना प्रभावी और शानदार है । काफी प्रतिभावान लग रही है ।'' राजस्थान के प्रतापगढ जिले के छोटे से गांव रामेर तालाब पिपलिया की रहने वाली 12 वर्ष की सुशीला पांचवीं कक्षा की छात्रा है और क्रिकेट की शौकीन है । उनका गेंदबाजी एक्शन खासकर गेंद फेंकने से पहले कूदना जहीर की गेंदबाजी शैली की याद दिलाता है । तेंदुलकर और जहीर के बीच सोशल मीडिया की इस बातचीत पर अब तक लाखों व्यूज आ चुके हैं और कारपोरेट जगत से सुशीला की ट्रेनिंग के लिये मदद का प्रस्ताव भी आया है ।
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विजय हजारे ट्रॉफी में बंगाल के शुरुआती मुकाबले के लिए शमी को आराम
कोलकाता.भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को शनिवार को हैदराबाद में दिल्ली के खिलाफ बंगाल के विजय हजारे टॉफी के शुरुआती मुकाबले में आराम दिया जायेगा। बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने यह घोषणा की। भारत के लिए अंतिम दफा 2023 वनडे विश्व कप में खेलने वाले शमी ने टखने की सर्जरी के बाद लंबे समय बाद घरेलू क्रिकेट में वापसी की थी। वह तब से बेंगलुरु में बीसीसीआई के उत्कृष्टता केंद्र में चोट से उबर रहे थे।उन्होंने बंगाल के लिए शानदार वापसी कर सात विकेट झटके और टीम को इस रणजी ट्रॉफी सत्र में पहली जीत दिलाने में मदद की। उन्होंने हाल में समाप्त हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नौ विकेट झटके। हालांकि उनके घुटने में सूजन अब भी चिंता का विषय बनी हुई जो घरेलू टी20 प्रतियोगिता के दौरान हुई थी। ब्रिस्बेन में ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के बाद शमी की उपलब्धता के बारे में लगातार पूछे जाने पर रोहित शर्मा नाराज दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) से किसी को उनके बारे में बात करनी चाहिए कि वह कहां रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं। उन लोगों को ही आकर हमें कुछ अपडेट देने की जरूरत है। '' रोहित ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि वह घर पर बहुत क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन उनके घुटने को लेकर भी कुछ चिंतायें हैं। हम तब तक कोई जोखिम नहीं लेंगे जब तक कि हम उनकी फिटनेस के बारे में 200 प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हों। '' विजय हजारे ट्रॉफी में शमी की भागीदारी को चैंपियंस ट्रॉफी सहित आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए उनकी उपलब्धता निर्धारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में रिजर्व गेंदबाजों में से एक तेज गेंदबाज मुकेश कुमार भी सुदीप कुमार घरामी की अगुआई वाली बंगाल टीम का हिस्सा हैं। - नयी दिल्ली। मेजबान भारत 13 जनवरी से शुरू होने वाले पहले खो खो विश्वकप का उद्घाटन मैच अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। आयोजकों ने बुधवार को यह घोषणा की। कम से कम 24 देशों ने 13 से 19 जनवरी तक होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने की पुष्टि कर दी है। मैच इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम और नोएडा इनडोर स्टेडियम में खेले जाएंगे। खो खो विश्वकप के सीईओ विक्रम देव डोगरा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘लीग चरण के मैच 13 जनवरी से शुरू होंगे। उद्घाटन मैच 13 जनवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा। इससे पहले उद्घाटन समारोह होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 14, 15 और 16 जनवरी को भी लीग चरण के मैच खेले जाएंगे। क्वार्टर फाइनल 17 जनवरी, सेमीफाइनल 18 जनवरी और फाइनल 19 जनवरी को होगा।''
- नयी दिल्ली । मेजबान भारत 13 जनवरी से शुरू होने वाले पहले खो खो विश्वकप का उद्घाटन मैच अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। आयोजकों ने बुधवार को यह घोषणा की। कम से कम 24 देशों ने 13 से 19 जनवरी तक होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने की पुष्टि कर दी है। मैच इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम और नोएडा इनडोर स्टेडियम में खेले जाएंगे। खो खो विश्वकप के सीईओ विक्रम देव डोगरा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘लीग चरण के मैच 13 जनवरी से शुरू होंगे। उद्घाटन मैच 13 जनवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा। इससे पहले उद्घाटन समारोह होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 14, 15 और 16 जनवरी को भी लीग चरण के मैच खेले जाएंगे। क्वार्टर फाइनल 17 जनवरी, सेमीफाइनल 18 जनवरी और फाइनल 19 जनवरी को होगा।'' प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में 21 और महिला वर्ग में 20 टीम भाग लेंगी।भारतीय खो खो महासंघ के प्रमुख और आयोजन समिति के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बताया कि बॉलीवुड स्टार सलमान खान इस टूर्नामेंट के ब्रांड एंबेसडर होंगे। उन्होंने कहा,‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि सलमान खान प्रतियोगिता के ब्रांड एंबेसडर होंगे।
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ब्रिस्बेन. श्रृंखला के बीच में संन्यास लेने की घोषणा करने वाले रविचंद्रन अश्विन से पहले पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी भी ऐसा कर चुके हैं। धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में श्रृंखला के बीच में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जबकि कुंबले ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इस तरह से अश्विन और धोनी ने अपना आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में खेला जबकि कुंबले ने उंगली की चोट के कारण 2008 में नयी दिल्ली में खेले गए मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी। धोनी ने दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चार टेस्ट मैच की श्रृंखला के बीच में तब संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी जबकि भारत 0–2 से पीछे चल रहा था। उनका फैसला चौंकाने वाला था क्योंकि इससे पहले उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कोई संकेत नहीं दिया था। अश्विन का फैसला भी चौंकाने वाला रहा, वह भी तब जबकि टीम उन पर काफी निर्भर है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैच की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला अभी 1–1 से बराबरी पर है। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने अश्विन की श्रृंखला के बीच में संन्यास लेने के लिए आलोचना की।
गावस्कर ने श्रृंखला के आधिकारिक प्रसारक से कहा,‘‘ वह कह सकता था कि देखिए श्रृंखला समाप्त होने के बाद मैं भारतीय टीम में चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा। इसका क्या मतलब है। महेंद्र सिंह धोनी ने भी इसी तरह से 2014–15 की श्रृंखला के दौरान तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लिया था। इससे टीम में एक सदस्य कम हो जाता है।'' उन्होंने कहा,‘‘चयन समिति ने किसी उद्देश्य से ही इस दौरे के लिए इतने अधिक खिलाड़ियों का चयन किया है। अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो वह टीम में शामिल रिजर्व खिलाड़ियों में से किसी का चयन कर सकते हैं।'' कुंबले ने 2008 में तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी तो तब भारत चार मैच की श्रृंखला में 1–0 से आगे था। भारत ने आखिर में यह श्रृंखला 2–0 से जीती थी। -
नयी दिल्ली. मेजबान भारत 13 जनवरी से शुरू होने वाले पहले खो खो विश्वकप का उद्घाटन मैच अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। आयोजकों ने बुधवार को यह घोषणा की। कम से कम 24 देशों ने 13 से 19 जनवरी तक होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने की पुष्टि कर दी है। मैच इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम और नोएडा इनडोर स्टेडियम में खेले जाएंगे। खो खो विश्वकप के सीईओ विक्रम देव डोगरा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘लीग चरण के मैच 13 जनवरी से शुरू होंगे। उद्घाटन मैच 13 जनवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा। इससे पहले उद्घाटन समारोह होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद 14, 15 और 16 जनवरी को भी लीग चरण के मैच खेले जाएंगे। क्वार्टर फाइनल 17 जनवरी, सेमीफाइनल 18 जनवरी और फाइनल 19 जनवरी को होगा।