- Home
- खेल
- शिलांग,। छह बार की विश्व मुक्केबाज चैंपियन मैरी कॉम के फरीदाबाद स्थित आवास पर चोरों ने उस समय वारदात को अंजाम दिया जब वह (मैरी कॉम) मेघालय के सोहरा में मैराथन कार्यक्रम में भाग लेने गई थीं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मैरी कॉम ने मैराथन आयोजकों को बताया कि जब वह इस आयोजन के लिए पूर्वोत्तर राज्य में थीं, तब उन्हें राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने घर में चोरी की खबर मिली। उन्होंने सोहरा में मैराथन आयोजकों से कहा, "मैं डरी हुई और चिंतित हूं, क्योंकि मुझे आज दिल्ली लौटना था। चोरी इसी सप्ताह की शुरुआत में हुई थी।" उन्होंने बताया कि चोरी की गई वस्तुओं का विवरण अभी पता नहीं चल पाया है और दिल्ली वापसी पर ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट होगी। हालांकि उनके एक करीबी सहयोगी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि चोर उनके घर से एक टेलीविजन सेट और अन्य सामान ले गए हैं। उसने कहा, "उनके पड़ोसियों ने उन्हें (मैरी कॉम) बताया कि यह घटना इस सप्ताह की शुरुआत में हुई थी। उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया है।" मैरी कॉम मणिपुर की रहने वाली हैं और उन्हें भारत के नामचीन एथलीट में शुमार किया जाता है ।
- कोलंबो,। भारतीय फुटबॉल टीम ने शनिवार को यहां पेनल्टी शूटआउट में बांग्लादेश को 4-1 से हराकर सातवां सैफ अंडर-17 चैम्पियनशिप खिताब जीता। भारत ने दल्लामुओन गंगटे (चौथे मिनट) और अजलान शाह केएच (38वें मिनट) के गोल की मदद से पहले हाफ में 2-1 की बढ़त बनाई हुई थी लेकिन बांग्लादेश ने आखिरी मिनट में इहसान हबीब रिदुआन के बराबरी के गोल से वापसी कर स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया जिससे शूटआउट से नतीजा निकला। भारतीय टीम ने जरूरी समय पर संयम बनाए रखा। दल्लामुओन गंगटे, कोरोउ मेइतेई कोंथौजम और इंद्र राणा मगर ने शानदार गोल किए। इसके बाद शुभम पूनिया ने निर्णायक चौथा किक गोल में डाला। वहीं बांग्लादेश की टीम दबाव में बिखर गई। उसके लिए केवल मोहम्मद माणिक ही गोल कर सके।
- नयी दिल्ली,। शैलेश कुमार और वरुण सिंह भाटी ने शनिवार को पुरुषों की ऊंची कूद टी63-टी42 स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीतकर विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेजबान भारत का खाता खोला तो वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की थेकरा अलकाबी ने महिलाओं की 100 मीटर टी71 फ्रेम रनिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पच्चीस वर्षीय शैलेश ने टी42 वर्ग में 1.91 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चैंपियनशिप रिकॉर्ड और एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया।बिहार के जमुई जिले के इस्लाम नगर गांव में एक किसान परिवार में जन्मे शैलेश के दाहिने पैर में बचपन में ही पोलियो हो गया था। शैलेश ने जीत के बाद कहा, ‘‘जब मैं स्कूल में था तो मैं सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करता था। लोग मुझे कहते थे कि मैं खेल क्यों खेल रहा हूं। वे कहते थे कि कोई नौकरी कर लो या कुछ और करो।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘ जब मैंने 2016 के रियो पैरालिंपिक में देखा कि यह खेल मेरी श्रेणी में होता है, तब मैंने पैरा खेलों में शुरुआत करने का फैसला किया।'' पैरा एशियाई खेलों के पूर्व पदक विजेता भाटी ने कांस्य पदक जीता जबकि मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अमेरिका के एज्रा फ्रेच ने रजत पदक हासिल किया। भाटी और फ्रेच दोनों ने 1.85 मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई लेकिन अमेरिकी खिलाड़ी ने ‘काउंट-बैक' में भारतीय खिलाड़ी को हरा दिया। इस स्पर्धा में शामिल तीसरे भारतीय राहुल 1.78 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चौथे स्थान पर रहे। शैलेश, भाटी और राहुल टी42 एथलीट हैं जिनके घुटने के ऊपर एक अंग विच्छेदन हुआ हो या एक समान दिव्यांगता हो। टी63 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके घुटने के पास दिव्यांगता हो। टी63 और टी42 एथलीटों को एक ही स्पर्धा में शामिल किया जा सकता है और शनिवार को भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। महिलाओं के 400 मीटर टी20 फाइनल में भारत की गत चैंपियन दीप्ति जीवनजी ने 55.16 सेकंड के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय के साथ रजत पदक जीता। तुर्किऐ की आयसेल ओन्डर ने 54.51 सेकंड के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीता । उन्होंने 54.96 सेकंड के अपने ही विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया। यह स्पर्धा बौद्धिक अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए होती है।बीस साल की ओन्डर 2024 सत्र में दीप्ति के बाद दूसरे स्थान पर रही थीं।तेलंगाना की 22 वर्षीय दीप्ति इससे पहले शुरुआती दौर की दूसरी हीट में 58.35 सेकेंड का समय लेकर शीर्ष स्थान हासिल किया। दिन के सत्र में अलकाबी महिलाओं की 100 मीटर टी71 फ्रेम रनिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ सबको चौंका दिया। टी71 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके धड़ और पैरों में गतिशीलता काफी हद तक प्रभावित होती है।अलकाबी 19.89 सेकेंड का समय निकालकर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने में सफल रही। इस 23 साल की खिलाड़ी ने लिथुआनिया की बेला मोरकस के इस साल जुलाई में कायम 20.08 सेकेंड के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। मोरकस ने यहां 21.53 सेकेंड के समय के साथ रजत जबकि पोलैंड की मिरियम डोमिनिकोवस्का ने 23.56 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक हासिल किया। अलकाबी का इस स्पर्धा में पिछला व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 23.58 सेकेंड था। उन्होंने इससे पहले 2023 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में एफ32 क्लब थ्रो स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। महिलाओं की लंबी कूद टी37 स्पर्धा में, विश्व रिकॉर्ड धारक चीन की वेन शियाओयान ने 5.32 मीटर की मीट रिकॉर्ड दूरी के साथ अपेक्षा के अनुरूप स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 2019 में कायम अपने पिछले मीट रिकॉर्ड 5.22 मीटर में सुधार किया। उनका मौजूदा विश्व रिकॉर्ड 5.45 मीटर है। उन्होंने इसे 2023 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों के दौरान बनाया था। टी 37 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जो ‘सेरेब्रल पाल्सी' की समस्या से जूझ रहे होते हैं।महिलाओं की गोला फेंक एफ 41 (छोटे कद के खिलाड़ी) में कोलंबिया की अरिजा बुइट्रागो मेयरली ने विश्व रिकॉर्ड धारक और कई पैरालंपिक तथा पैरा विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक विजेता राओआ तलीली को पछाड़ कर स्वर्ण पदक हासिल किया। मेयरली ने 10.21 मीटर की दूरी तय की जबकि उज्बेकिस्तान की कुबारो खाकिमोवा ने 10.17 मीटर के साथ रजत पदक जीता। ट्यूनीशिया की तलीली के नाम 10.55 मीटर का विश्व रिकॉर्ड है। उन्हें 9.96 मीटर के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। नीदरलैंड की नोएल रूर्डा ने महिला भाला फेंक एफ46 स्पर्धा में 43.74 मीटर के प्रयास के साथ अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा का रजत उज्बेकिस्तान की शाहिनाखोन यिगितालिएवा (41.97 मीटर) और कांस्य ब्रिटेन की हॉली अर्नोल्ड (41.94 मीटर) के नाम रहा। भारत की भावनाबेन चौधरी ने 35.34 मीटर के थ्रो के साथ आठवां स्थान हासिल किया।एफ 46 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके एक या दोनों हाथों में गतिविधि प्रभावित होती है।
-
नयी दिल्ली. भारतीय निशानेबाजों ने शनिवार को यहां डॉ. कर्णी सिंह रेंज में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप की 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में दबदबा बनाते हुए शीर्ष दो स्थान हासिल किए। हाल में कजाखस्तान में एशियाई चैंपियनशिप की महिला और पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल जूनियर स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली रश्मिका और कपिल ने यहां चल रही प्रतियोगिता के तीसरे दिन एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। रश्मिका और कपिल ने खिताबी दौर में वंशिका चौधरी और एंटोनी जोनाथन गेविन की एक अन्य भारतीय जोड़ी को 16-10 से हराया। इनेस ओर्टेगा कास्त्रो और लुकास सांचेज की स्पेन की जोड़ी ने पेरिमाह अमीरी मोहम्मद रेजा अहमादी की ईरान की जोड़ी को 16-14 से हराकर कांस्य पदक जीता। रश्मिका और कपिल की जोड़ी ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और क्वालीफिकेशन में 582 अंक के साथ शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। दोनों ने समान 291 अंक जुटाए। वंशिका और गेविन की जोड़ी ने क्रमश: 287 और 291 अंक से कुल 578 अंक के साथ फाइनल में प्रवेश किया। एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में क्वालीफिकेशन दौर के बाद शीर्ष दो जोड़ियां स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला करती हैं जबकि अगली दो जोड़ियां कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करती हैं। फाइनल में भी एकतरफा मुकाबला देखने को मिला। रश्मिका और कपिल ने शुरुआती बढ़त बनाई और फिर विरोधी जोड़ी को वापसी करने का मौका नहीं दिया। शुक्रवार को पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल खिताब जीतने वाले गेविन ने काफी गल्तियां की। उन्होंने 9.9 के बाद 10.5 और 10.6 अंक जुटाए लेकिन इसके बाद लगातार तीन प्रयास में 9.7, 9.8 और 9.5 ही हासिल कर पाए। वंशिका ने भी तीन निशाने नौ अंक से कम पर मारे जिससे स्वर्ण पदक इस जोड़ी के हाथों से फिसल गया।
जूनियर पुरुष स्कीट में भारत पदक से चूक गया जब छह निशानेबाजों के फाइनल में हरमेहर सिंह लाली और अतुल सिंह राजावत 35 और 25 अंक के साथ क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। इटली के मार्को कोको ने 56 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि फिनलैंड के लेसी मतियास कोपिनेन (53) और साइप्रस के आंद्रियास पोंटिकिस (43) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक हासिल किया। भारत अभी तीन स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक सहित कुल नौ पदक जीतकर शीर्ष पर है। व्यक्तिगत तटस्थ खिलाड़ी (एआईएन) दो स्वर्ण पदक के साथ दूसरे जबकि इटली एक स्वर्ण और एक रजत के साथ तीसरे स्थान पर है। -
दुबई. कप्तान के तौर पर एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में अब तक शानदार परिणाम हासिल करने वाले सूर्यकुमार यादव बल्ले से अपनी ख्याति के मुताबिक चमक बिखेरने में नाकाम रहे हैं लेकिन रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले फाइनल में उनके पास शानदार मौका होगा। सूर्यकुमार का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच में नाबाद 47 रन रहा है। उन्होंने यह पारी तब खेली जब टीम जीत के लिए छोटे लक्ष्य का पीछा कर रही थी और आक्रामक सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने 31 रन की ताबड़तोड़ पारी से टीम के अन्य बल्लेबाजों से दबाव पूरी तरह से हटा दिया था। कप्तान बनने के बाद सूर्यकुमार की बल्लेबाजी में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसका एक कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव करना भी है। सूर्यकुमार युवा खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका देने के लिए अपने बल्लेबाजी क्रम को आगे पीछे करते रहे हैं। सूर्यकुमार ने 2024 में 15 पारियों में चार अर्धशतक की मदद से 420 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 271 गेंदें खेली और उनका स्ट्राइक-रेट 155 रहा। इन 15 पारियों में उन्होंने 40 चौके और 22 छक्के लगाए। उनकी डॉट गेंद का प्रतिशत 35 के आसपास का रहा। भारतीय कप्तान ने साल 10 पारियों में 90 गेंदों पर केवल 99 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक-रेट गिरकर 110 हो गया है। इसका मुख्य कारण उनके बल्लेबाजी क्रम में खुद से किए गए बदलाव का भी योगदान है। इसमें से ज्यादातर मैचों में भारतीय टीम इतनी हावी रही है कि पहले गेंदबाजी करने पर उसे जीत के लिए छोटे लक्ष्य मिले। टीम ने जब पहले बल्लेबाजी की तो अभिषेक और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों की बड़ी पारियों के कारण सूर्यकुमार को क्रीज पर समय बिताने का बहुत कम समय मिला। इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि उन्होंने इन 10 पारियों में वह केवल 10 चौके और तीन छक्के ही लगाये हैं। उनकी डॉट बॉल का प्रतिशत लगभग 48 तक बढ़ गया है जिसका मतलब है कि वह लगभग हर दो गेंदों में एक डॉट बॉल खेल रहे हैं। भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि कप्तान सूर्यकुमार बल्लेबाज सूर्यकुमार की परवाह करे। वह जिस तरह तिलक (वर्मा), संजू या अभिषेक की परवाह करते हैं, उसी तरह उन्हें विश्व स्तरीय बल्लेबाज सूर्यकुमार की भी परवाह करनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘सूर्यकुमार को बल्लेबाजी करते समय यह भूल जाना चाहिये कि वह कप्तान हैं और बिंदास क्रिकेट खेलें, जैसा कि वह पिछले कई वर्षों से करते आये हैं।'' प्रतिद्वंद्वी टीमों के गेंदबाज सूर्यकुमार के खिलाफ बेहतर रणनीति के साथ आ रहे हैं। दुबई की पिचों पर पावरप्ले के बाद नये बल्लेबाज के लिए बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जा रहा है। सूर्यकुमार के पास हालांकि इन चुनौतियों से पार पाने का अनुभव और कौशल है। भारतीय टीम उनसे फाइनल में यादगार पारी की उम्मीद करेगी।
-
ग्वांग्जू (दक्षिण कोरिया). भारत की 18 वर्षीय शीतल देवी ने शनिवार को यहां विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में तुर्किये की दुनिया की नंबर एक पैरा तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 से पराजित कर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। स्पर्धा में शीतल एकमात्र बिना बाजू वाली पैरा तीरंदाज हैं। वह निशाना लगाने के लिए अपने पैरों और ठुड्डी का इस्तेमाल करती हैं और यह चैंपियनशिप में उनका तीसरा पदक है। इससे पहले शीतल और सरिता ने कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में रजत पदक। शीतल ने तोमन कुमार के साथ मिलकर कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता। व्यक्तिगत फाइनल तनावपूर्ण था लेकिन शीतल ने संयम से निशाने लगाए। पहला राउंड 29-29 से बराबरी पर था, लेकिन शीतल ने दूसरे राउंड में 10-10 के तीन शॉट लगाकर 30-27 से जीत बढ़त हासिल की। तीसरा राउंड भी 29-29 से बराबरी पर था। चौथे राउंड में शीतल मामूली अंतर से चूक गईं जिसमें उन्होंने 28 अंक बनाए और गिर्डी एक अंक से इसे जीत गईं। हालांकि फिर भी शीतल ने 116-114 के स्कोर पर दो अंक की बढ़त बनाए रखी। इसके बाद उन्होंने अंतिम राउंड में तीन सटीक तीर से 30 अंक बनाकर अपना पहला स्वर्ण पदक पक्का किया।
इससे पहले जम्मू कश्मीर की इस तीरंदाज ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम को 145-140 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। यह खिताबी मुकाबला 2023 पिलसन विश्व चैंपियनशिप का दोहराव था जिसमें गिर्डी ने शीतल को 140-138 से हराया था। कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में शीतल और सरिता को फाइनल में तुर्की से हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय जोड़ी ने शानदार शुरुआत करते हुए पहले राउंड में गिर्डी और बुर्सा फातमा उन की तुर्की की जोड़ी पर 38-37 की बढ़त बनाई। भारतीय जोड़ी ने अपने शुरुआती चार तीर से तीन बार 10 अंक जुटाए जबकि तुर्की की जोड़ी केवल एक बार ही 10 अंक बना सकी। तुर्की की तीरंदाजों ने दूसरे राउंड में तीन बार 10 अंक से 39 अंक जुटाकर वापसी की और स्कोर 76-76 से बराबर कर दिया। तीसरे राउंड में भारतीय जोड़ी दबाव में आ गई। शीतल और सरिता एक बार 10, दो बार नौ और एक बार आठ अंक से कुल 36 अंक ही बना पाईं। तुर्की की जोड़ी ने अधिक निरंतरता दिखाई और उन्होंने एक बार 10 और तीन बार नौ अंक के साथ कुल स्कोर के आधार पर एक अंक की बढ़त हासिल कर ली। गिर्डी और उन ने अगले राउंड में संभावित 40 में से 39 अंक जुटाकर जीत सुनिश्चित की जबकि भारतीय टीम 36 अंक ही बना पाई जिसमें एक तीर सात अंक पर लगा। तुर्की ने 152-148 से जीत हासिल कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
- नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और हर मैच में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने एक और बड़ा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। अभिषेक ने दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में सिर्फ 25 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा। यह उनके अंतर्राष्ट्रीय टी20 करियर का पांचवां मौका था, जब उन्होंने 25 या उससे कम गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। इसी के साथ उन्होंने युवराज सिंह को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने यह उपलब्धि चार बार हासिल की थी।इस सूची में भारत के लिए सबसे आगे सूर्यकुमार यादव हैं, जिन्होंने 25 या उससे कम गेंदों पर 7 अर्धशतक लगाए हैं। दूसरे स्थान पर पूर्व कप्तान रोहित शर्मा हैं, जिन्होंने यह कारनामा 6 बार किया है। अब अभिषेक शर्मा 5 अर्धशतकों के साथ तीसरे स्थान पर आ गए हैं और उनका अगला निशाना रोहित शर्मा का रिकॉर्ड हो सकता है। बांग्लादेश के खिलाफ इस मैच में अभिषेक ने 37 गेंदों पर 75 रन की शानदार पारी खेली। उनकी पारी में 5 छक्के और 6 चौके शामिल थे। हालांकि, वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट होकर पवेलियन लौटे।जुलाई 2024 में टी20 अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले अभिषेक शर्मा ने अब तक 22 मैचों की 21 पारियों में 783 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 4 अर्धशतक और 2 शतक निकल चुके हैं। उनका सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर 135 रन है, जो किसी भी भारतीय बल्लेबाज का टी20 में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। फिलहाल उन्होंने वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में डेब्यू नहीं किया है, लेकिन उनकी धमाकेदार बल्लेबाजी को देखकर माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें वनडे टीम में मौका मिल सकता है।
-
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बुधवार को भारत के स्पीड स्केटिंग दल को सम्मानित किया। यह सम्मान 13 से 21 सितंबर तक चीन के बेइदाईहे में आयोजित 73वीं इनलाइन स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप 2025 में भारत की शानदार उपलब्धियों के लिए दिया गया।
भारतीय टीम ने इस विश्व चैंपियनशिप में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए कुल पांच पदक जीते। इनमें तीन स्वर्ण और दो कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रदर्शन के साथ भारत ने 40 से अधिक देशों के बीच पांचवां स्थान हासिल किया। यह चैंपियनशिप भारत के लिए खास रही क्योंकि सीनियर वर्ग में भारत ने अपना पहला पदक और जूनियर वर्ग में पहला स्वर्ण पदक जीता।डॉ. मंडाविया ने एथलीटों को सम्मानित करते हुए कहा कि विश्व चैंपियनशिप में ये पदक दर्शाता है कि हमारे युवा नई ऊंचाइयां छू रहे हैं, चाहे वह मुख्यधारा के खेल हों या उभरते हुए खेल। उन्होंने एथलीटों, प्रशिक्षकों, सहयोगी कर्मचारियों और भारतीय रोलर स्केटिंग महासंघ को इस उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए बधाई दी।भारत के लिए सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन आनंदकुमार वेलकुमार (22) का रहा। वह सीनियर वर्ग में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 1000 मीटर स्प्रिंट और 42,195 मीटर मैराथन में दो स्वर्ण और 500 मीटर स्प्रिंट में एक कांस्य पदक जीता। जूनियर वर्ग में कृष शर्मा (18) ने 1000 मीटर स्प्रिंट में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता, जबकि अनीश राज (17) ने जूनियर पुरुष 1 लैप स्प्रिंट में कांस्य पदक जीता।भारतीय दल में कुल 20 एथलीट शामिल थे। इसमें 4 वरिष्ठ पुरुष, 4 वरिष्ठ महिला, 5 जूनियर पुरुष और 7 जूनियर महिला शामिल थे। इस चैंपियनशिप में सीनियर और जूनियर श्रेणियों में कुल 42 स्पर्धाएं हुईं, जिसमें 40 से अधिक देशों के एथलीटों ने भाग लिया। -
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 की मेजबानी करने जा रही है। इसकी शुरुआत में अब केवल दो दिन बचे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की। मंडाविया के साथ खेल एवं युवा मामलों की राज्य मंत्री रक्षा खडसे, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) और खेल मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने आयोजन स्थल पर बैठक की और एथलीटों से बातचीत की।
केंद्रीय मंत्री ने स्टेडियम का विस्तृत निरीक्षण किया, जिसमें मान्यता केंद्र, चिकित्सा केंद्र, नया वार्मअप ट्रैक और मुख्य मोंडो ट्रैक शामिल थे। यह मोंडो ट्रैक उन्होंने 29 अगस्त 2025 को उद्घाटित किया था। इसी ट्रैक पर प्रतियोगिता के दौरान 100 से अधिक देशों के पैरा-एथलीट हिस्सा लेंगे। भारत की ओर से कुल 73 पैरा-एथलीट मेडल जीतने के लिए मैदान में उतरेंगे।डॉ. मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी का एक विश्वसनीय स्थल बन गया है। उन्होंने कहा कि “विश्व एक परिवार है” की भावना हमें पूरी दुनिया के एथलीटों को भारतीय धरती पर एक साथ लाने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि 100 से ज्यादा देशों की भागीदारी इस चैंपियनशिप को भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा पैरा-एथलेटिक्स आयोजन बनाती है। यह हमारी क्षमता, संस्कृति और खेलों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सरकार की कोशिश है कि इस आयोजन में हर एथलीट को विश्व स्तरीय सुविधाएं और पूरा सहयोग मिले।- - नयी दिल्ली. महज 22 साल की उम्र में चौथी बार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने को तैयार पैरालंपिक ऊंची कूद चैंपियन प्रवीण कुमार का लक्ष्य शनिवार से यहां शुरू होने वाले इस आयोजन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने का है। प्रवीण ने 2019 में 16 साल की उम्र में पहली बार दुबई में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया था। वह तब टी64 स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे थे और कांस्य पदक से चूक गए थे। टी64 स्पर्धा उन खिलाडियों के लिए होती है जिनके निचले पैर में चलने-फिरने की समस्या होती है या घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते हैं। प्रवीण ने 2023 के पेरिस सत्र में कांस्य पदक जीता था और 2024 में जापान के कोबे में फिर से चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने दिल्ली में होने वाले आयोजन से पहले ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘यह मेरी चौथी विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप होगी और मैंने एक कांस्य पदक जीता है। मेरा लक्ष्य 2.10 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। मुझे लगता है कि मैं इसे हासिल कर घरेलू दर्शकों के सामने स्वर्ण जीत सकता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अगर अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर 2.10 मीटर के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा तो मैं किसी भी पदक से खुश रहूंगा। फिलहाल, मेरा व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 2.08 मीटर है।'' एक पैर में विकार के साथ जन्में प्रवीण गौतम बुद्ध नगर के जेवर तहसील के गोविंदगढ़ गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के सत्र में चोट के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। वह उस आयोजन में 1.94 मीटर के प्रयास के साथ चौथे स्थान पर रहे थे। प्रवीण ने कहा, ‘‘ मैं छलांग लगाने के लिए जिस पैर का इस्तेमाल करता हूं उस में चोट लग गयी थी। इस वजह से मैं ठीक से कूद नहीं पा रहा था। पेरिस पैरालंपिक से पहले यह चोट ठीक हो गई, जहां मैंने स्वर्ण पदक जीता था। अब, ईश्वर की कृपा से मुझे कोई चोट नहीं है। इसलिए मैं अपने प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूँ।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार, मुझे लगता है कि मेरे साथ सब कुछ ठीक चल रहा है। मैं स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगा।'' प्रवीण ने 2021 में तोक्यो पैरालंपिक में रजत और 2023 में एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता था। प्रवीण ने कहा कि स्कूल के स्तर पर सामान्य छात्रों को पछाड़ने से उन्हें खेल को गंभीरता से लेने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं नौवीं कक्षा में था तब मैंने पहली बार ऊंची कूद में भाग लिया। मैंने स्कूल के खेल दिवस में सामान्य खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद मैं इस खेल में आगे बढ़ने लगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बीच में मेरे शिक्षकों ने मुझे रोक दिया। उन्होंने कहा, ‘तुम दिव्यांग हो। तुम्हें खेल से दूर रहना चाहिए।' उन्होंने मुझे कई जगह रोका। लेकिन, मैंने सोचा, ‘मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता?' मैंने फैसला किया कि मैं खेल में अपना करियर बनाऊंगा।'' प्रवीण ने कहा कि वह 2018 में पैरा खेलों से जुड़ने से पहले सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सीबीएसई क्लस्टर प्रतियोगिता में सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा की और पहली बार रजत पदक जीता। मैं इसके बाद सीबीएसई राष्ट्रीय स्कूल खेलों में गया और स्वर्ण पदक जीता। 2018 में मैं पैरा खेलों में शामिल हुआ और पहली बार भारत के लिए खेला।'' प्रवीण ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में पैरा खेलों के बारे में जागरूकता पूरी तरह से बदल गई है। उन्होंने कहा, ‘‘देवेंद्र झाझरिया ने 2004 में अपना पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता था। हमें इसके बारे में पता नहीं था। लेकिन 2016 में जब झाझरिया ने एक और स्वर्ण पदक जीता तो बहुत से लोगों को पैरा खेलों के बारे में पता चला।'' प्रवीण ने कहा, ‘‘हमें 2021 में तोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक मिले, हमने पेरिस में इनकी संख्या बढ़ाकर 29 कर दी। पहले लोग सोचते थे कि वे पैरा खेलों में आगे कैसे बढ़ सकते हैं। लेकिन अब उन्हें किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। वे सीधे आकर कोशिश कर सकते हैं।''
-
कोलकाता. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने छह साल के अंतराल पर बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष के रूप में अपनी वापसी पर सोमवार को यहां ईडन गार्डन्स की क्षमता को बढ़ाकर एक लाख के करीब करने के साथ अगले साल के टी20 विश्व कप के महत्वपूर्ण मैचों की मेजबानी हासिल करने को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया। गांगुली को सोमवार को यहां सीएबी की 94वीं वार्षिक आम बैठक में निर्विरोध चुना गया। वह इससे पहले 2015 से 2019 तक सीएबी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने यह भी वादा किया कि 14 नवंबर को जब भारत विश्व टेस्ट चैंपियन दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी करेगा, तो ईडन गार्डन्स में टेस्ट क्रिकेट की वापसी सुचारू रूप से सुनिश्चित करेंगे। गांगुली 2019 से 2022 तक बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। इस 53 साल के पूर्व बल्लेबाज ने अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली का स्थान लिया, जिन्हें छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद पद छोड़ना पड़ा। गांगुली ने कहा कि उनकी तात्कालिक जिम्मेदारी नवंबर में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले पहले टेस्ट की तैयारी करना होगी। यह 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ ऐतिहासिक दिन रात्रि टेस्ट मैच के बाद ईडन गार्डन्स में पहला टेस्ट होगा। गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष रहते हुए भारत में गुलाबी गेंद से दिन रात्रि टेस्ट की शुरुआत की थी। गांगुली ने उम्मीद जतायी की भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें ईडन गार्डन्स में उपलब्ध सुविधाओं का लुत्फ उठायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छा टेस्ट मैच होगा क्योंकि दक्षिण अफ्रीका विश्व चैंपियन है। इस स्टेडियम में सब कुछ मौजूद है। अच्छी पिचें, अच्छे दर्शक और, बुनियादी ढांचा भी शानदार है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों अच्छी टीमें हैं, मुझे यकीन है कि यह एक अच्छा टेस्ट होगा।'' ईडन गार्डन्स अगले साल के टी20 विश्व कप के कुछ अहम मैचों की मेजबानी करने की उम्मीद है, जिसमें एक संभावित सेमीफाइनल भी शामिल है। गांगुली ने कहा कि उनकी बीसीसीआई के नये टीम सदस्यों के साथ जल्द ही चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बोर्ड से बात करूंगा। वे भी नए सदस्य हैं। मैं उन्हें (नए बीसीसीआई अध्यक्ष) शुभकामनाएं देता हूं। यह क्रिकेट खेलने से अलग होगा। मुझे यकीन है कि वह अच्छा करेंगे। वहां सिर्फ मिथुन (मिन्हास) नहीं हैं, बल्कि रघुराम भट्ट सहित कई नए पदाधिकारी हैं।'' गांगुली रविवार को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की वार्षिक आम बैठक में सीएबी का प्रतिनिधित्व करेंगे। बीसीसीआई रविवार को मुंबई में होने वाली अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास को अपना नया अध्यक्ष चुनने जा रहा है। बोर्ड में आपसी सहमति से सभी पदों के लिए निर्विरोध चुनाव होगा। कर्नाटक और भारत के पूर्व स्पिनर रघुराम भट्ट कोषाध्यक्ष का पद संभालेंगे। गांगुली ने ईडन गार्डन्स की क्षमता बढ़ाने की अपनी योजनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना अगले साल की वैश्विक प्रतियोगिता के बाद ही आकार लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी होगा, वह अगले साल के टी20 विश्व कप के बाद ही होगा। इसमें समय लगेगा। लीज का नवीनीकरण हो चुका है।'' यह विस्तार योजना अगर अगले साल के टी20 विश्व कप के बाद साकार होती है, तो ईडन गार्डन्स देश का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बन जाएगा। वर्तमान में अहमदाबाद के मोटेरा में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम 1.32 लाख सीटों की क्षमता के साथ देश का सबसे बड़ा स्टेडियम है। गांगुली की अगुवाई वाला पूरा पैनल निर्विरोध चुना गया। इसमें बबलू कोलाय (सचिव), मदन मोहन घोष (संयुक्त सचिव), संजय दास (कोषाध्यक्ष) और अनु दत्ता (उपाध्यक्ष) शामिल है।
- जयपुर. मुंबई के अनुभवी खिलाड़ी रविंद्र पाटिल को यहां दिव्यांग क्रिकेट वार्षिक पुरस्कार समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि कर्नाटक के राजेश कन्नूर को प्लेयर ऑफ द ईयर का सम्मान मिला। दिव्यांग क्रिकेटरों की उपलब्धियों को औपचारिक रूप से मान्यता देने के लिए स्थापित इन पुरस्कारों में देश भर के कई खिलाड़ियों को राजस्थान दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन (आरडीसीए) के सहयोग से भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) द्वारा आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया।पुरस्कार पाने वाले अन्य खिलाड़ियों में विदर्भ के गुरुदास राउत को विशेष योगदान पुरस्कार, मुंबई के विक्रांत केनी को प्लेयर्स च्वाइस (लोकप्रिय खिलाड़ी) तथा कर्नाटक के शिवशंकर को आइकॉनिक प्लेयर पुरस्कार मिला। राजस्थान के सुरेंद्र खोरवाल को सर्वश्रेष्ठ शानदार खिलाड़ी, गुजरात के आदिल ननसोला को वर्ष का उभरता सितारा और उत्तर प्रदेश के अनवर अली को सर्वश्रेष्ठ जूनियर खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। हैदराबाद के चंद्रभान गिरि को सर्वश्रेष्ठ कोच चुना गया। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय टीम घोषित किया गया। समारोह के दौरान यह घोषणा की गई कि जयपुर भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली दिव्यांग क्रिकेट श्रृंखला की मेजबानी करेगा।
- शेनझेन (चीन). जैस्मीन पाओलिनी की जेसिका पेगुला पर जीत से गत चैंपियन इटली ने रविवार को यहां अमेरिका पर शानदार जीत के साथ बिली जीन किंग कप अपने नाम किया। इटली ने दोनों एकल मुकाबले सीधे सेटों में जीते जिससे निर्णायक युगल मैच की कोई जरूरत नहीं पड़ी।आठवीं रैंकिंग की पाओलिनी ने सातवीं रैंकिंग की पेगुला को 6-4, 6-2 से हराया जबकि 91वीं रैंकिंग की एलिसाबेटा कोकियारेटो ने एम्मा नवारो के खिलाफ तीन बार उनकी सर्विस तोड़कर 6-4, 6-4 से जीत हासिल की। बीजेके कप को पहले फेड कप के नाम से जाना जाता था। अमेरिका 18 बार विजेता बनकर सबसे सफल टीम है। इटली लगातार तीसरे फाइनल में खेल रहा था और उसने अपना छठा खिताब जीता। अमेरिका 2018 में पिछली दफा फाइनल में पहुंचा था।
-
दुबई. दोनों टीमों में बढ़ते तनाव के बीच भारत जब रविवार को यहां एशिया कप सुपर 4 के मैच में पाकिस्तान का सामना करेगा तो उसका लक्ष्य अपनी स्पिन तिकड़ी के दम पर अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी के के खिलाफ एक और प्रभावशाली जीत दर्ज करना होगा। भारत और पाकिस्तान की टीम जब आमने-सामने होती हैं तो उनके खिलाड़ियों के बीच तनाव बना रहता है लेकिन इस बार यह नए स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनके साथियों ने पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था जिससे नया बवाल पैदा हो गया। ऐसा समझा जाता है कि भारतीय टीम इस रविवार को भी पड़ोसी देश के खिलाफ इसी नीति को जारी रखेगी तथा हाथ मिलाना भी संभवत: आम बात नहीं होगी, क्योंकि पाकिस्तानी खिलाड़ी और उनके समर्थक इस मैच को ‘‘द्वेषपूर्ण मैच‘‘ के रूप में देख रहे हैं। रविवार हमेशा सबसे आरामदायक दिन नहीं होता है और पिछले मैच में भारत को सात विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले सूर्यकुमार भी इस बात की पुष्टि करते हैं। इस टूर्नामेंट में सूर्यकुमार से सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, एक रणनीतिक कप्तान और अपने देश के लिए एक राजदूत होने की उम्मीद की जा रही है। ओमान के खिलाफ कैच लेने के प्रयास में अक्षर पटेल के सिर में लगी चोट से वह और मुख्य कोच गौतम गंभीर थोड़े चिंतित होंगे लेकिन क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप ने यह कहकर आशंकाओं को दूर कर दिया कि यह ऑलराउंडर ठीक है। पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले सूर्यकुमार को टीम के सभी महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को परखने की जरूरत थी। पूरी संभावना है कि में तेज गेंदबाज हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह अंतिम एकादश में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि पाकिस्तान में जन्मे ओमान के 43 वर्षीय बल्लेबाज आमिर कलीम और हम्माद मिर्जा जैसे कम चर्चित खिलाड़ियों ने इस जोड़ी की जमकर धुनाई की। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और स्पिनर वरुण चक्रवर्ती की पाकिस्तान के खिलाफ मैच में वापसी होगी। इन दोनों को ओमान के खिलाफ मैच में विश्राम दिया गया था। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की पिचें धीमी गेंदबाजों के लिए मददगार हैं और एक बार फिर से कुलदीप यादव (टूर्नामेंट में अब तक आठ विकेट), अक्षर और वरुण पर जिम्मेदारी होगी कि वे निर्णायक रूप से भारत के पक्ष में पलड़ा झुकाएं। अगर अक्षर फिट नहीं हो पाते हैं तो उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर या रियान पराग को मिल सकती है। पाकिस्तान की टीम अप्रत्याशित प्रदर्शन करने के लिए मशहूर रही है लेकिन वर्तमान टीम कमजोर नजर आ रही है विशेष कर बल्लेबाजी विभाग में। उसके बल्लेबाज अभी तक स्पिन गेंदबाजों को समझने में नाकाम रहे हैं। बीते वर्षों में जावेद मियांदाद, इंजमाम उल हक, सलीम मलिक और एजाज अहमद जैसे चैंपियन खिलाड़ी पैदा करने वाले पाकिस्तान के लिए यह शर्मनाक बात है कि उसके वर्तमान खिलाड़ियों की तकनीक काफी खराब है। सलामी बल्लेबाज सैम अयूब, जो लगातार दो बार शून्य पर आउट हुए, गेंद से अधिक प्रभाव डालने के कारण उपहास का विषय बन गए हैं क्योंकि उन्होंने टूर्नामेंट में रन बनाने की तुलना में अधिक विकेट लिए हैं। साहिबजादा फरहान, हसन नवाज और शाहीन शाह अफरीदी ही टीम में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज नजर आ रहे हैं। अगर पाकिस्तान को कोई दो खिलाड़ी मुकाबला में रख सकते हैं तो वह फखर जमां और अफरीदी हैं। अफरीदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती अभिषेक शर्मा के आक्रामक तेवरों पर अंकुश लगाना होगा जिसमें वह पिछले मैच में नाकाम रहे थे। भारत के खिलाफ पिछले मैच में पाकिस्तान ने बाएं हाथ के गेंदबाज सूफियान मुकीम के रूप में तीसरा स्पिनर उतारा था, लेकिन रविवार को तेज गेंदबाज हारिस राउफ को मौका मिलने की संभावना अधिक है, क्योंकि उन्होंने यूएई के खिलाफ अपने अंतिम ग्रुप लीग मैच में प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। संजू सैमसन ने ओमान के खिलाफ अर्धशतक बनाया था, लेकिन अगर दाएं हाथ के बल्लेबाज शुभमन गिल जल्दी आउट हो जाते हैं तो पाकिस्तान के खिलाफ उनके तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने की संभावना कम है। कप्तान सूर्यकुमार फिर से अपनी चिरपरिचित स्थान पर लौटेंगे, जिसने उन्हें विश्व का नंबर एक बल्लेबाज बना दिया है। टीम इस प्रकार हैं:
भारत: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल, तिलक वर्मा, संजू सैमसन (विकेटकीपर), शिवम दुबे, हार्दिक पंड्या, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रित बुमरा, रिंकू सिंह, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा। पाकिस्तान: सलमान अली आगा (कप्तान), अबरार अहमद, फहीम अशरफ, फखर जमान, हारिस रऊफ, हसन अली, हसन नवाज, हुसैन तलत, खुशदिल शाह, मोहम्मद हारिस, मोहम्मद नवाज, मोहम्मद वसीम जूनियर, साहिबजादा फरहान, सईम अयूब, सलमान मिर्जा, शाहीन अफरीदी, सुफियान मोकिम। मैच भारतीय समयानुसार रात 8 बजे शुरू होगा।
-
-
जागरेब. युवा पहलवान अंतिम पंघाल ने मजबूत डिफेंस और सधे हुए आक्रमण का मिश्रण करते हुए बृहस्पतिवार को यहां 53 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक के प्ले ऑफ में अंडर-23 विश्व चैंपियन ऐमा जोना डेनिस माल्मग्रेन पर 9-1 से शानदार जीत हासिल करके विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अपना दूसरा पदक जीता। इस जीत के साथ उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय दल क्रोएशियाई राजधानी से खाली हाथ नहीं लौटेगा। प्रतियोगिता के पहले दिन अमन सहरावत के चौंकाने वाले डिस्क्वालीफिकेशन के बाद से ही भारतीय पहलवान असहाय से दिख रहे थे लेकिन अंतिम ने सुनिश्चित किया कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में देश की पदक जीतने की परंपरा जारी रहेगी। इस 21 वर्षीय पहलवान ने 2023 विश्व चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता था लेकिन 2024 ओलंपिक खेलों के बाद से वह दबाव में थी। अंतिम ओलंपिक में पहले दौर में ही हार गई थी और फिर उन्हें निर्वासन के अपमान का भी सामना करना पड़ा। माल्मग्रेन एक बहुत ही आक्रामक पहलवान हैं लेकिन अंतिम ने अपना डिफेंस मजबूत रखा और स्वीडन की पहलवान को कभी भी लय हासिल नहीं करने दी। मात्र 21 वर्ष की उम्र में अंतिम ने सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में दो कांस्य, एशियाई खेलों में एक कांस्य, एशियाई चैम्पियनशिप में एक रजत और एक कांस्य पदक के अलावा ग्रां प्री स्तर की प्रतियोगिताओं में दो स्वर्ण पदक जीते हैं। अपने शानदार करियर में केवल विनेश फोगाट ने ही विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीते हैं जबकि अन्य भारतीय महिला खिलाड़ियों में अलका तोमर, गीता फोगाट, बबीता फोगाट, पूजा ढांडा, सरिता मोर और अंशु मलिक के नाम एक-एक पदक है। मनीषा भानवाला रेपेचेज में बुल्गारिया की बिलयाना डुडोवा से 0 . 9 से हारकर कांस्य से चूक गई ।
भारत के ग्रीको रोमन पहलवानों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब प्रदर्शन जारी रहा और बृहस्पतिवार को चार पहलवानों में से कोई भी एक भी मुकाबला नहीं जीत सका । जीतना तो दूर की बात भारतीय पहलवान अंक जुटाने के लिए भी जूझते दिखे। अनिल मोर 55 किलोवर्ग में 13 सेकंड के भीतर ही हार गए । अजरबैजान के दुनिया के नंबर एक पहलवान एल्दानिज अजीजली के खिलाफ उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा ।वहीं 77 किलोवर्ग में अमन को जापान के नाओ कुसाका ने तकनीकी श्रेष्ठता पर हराया । वहीं 82 किलोवर्ग में राहुल को कजाखस्तान के अलमीर तोलेबायेव ने 7 . 1 से मात दी । वह पूरे छह मिनट तक टिकने वाले अकेले भारतीय पहलवान रहे । सबसे भारी 130 किलो वर्ग में सोनू को क्रोएशिया के मार्को कोससेविच ने 8 . 0 से हराया । -
नयी दिल्ली/ लगभग 100 किलोग्राम वजनी और छह फुट पांच इंच लंबे, मजबूत कद-काठी वाले सचिन यादव ने अपनी पहली ही विश्व चैंपियनशिप में अपने आदर्श नीरज चोपड़ा सहित भाला फेंक के खेल के तीन सुपरस्टार को पछाड़कर वैश्विक पहचान हासिल की। नीरज, पेरिस ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम और डाइमंड लीग ट्रॉफी विजेता जूलियन वेबर से आगे रहकर यादव ने बृहस्पतिवार को तोक्यो में इस प्रतियोगिता के फाइनल में वह कर दिखाया जो असंभव लग रहा था क्योंकि उत्तर प्रदेश के इस 25 वर्षीय खिलाड़ी के लिए चीजें अनजान थी। बागपत के पास खेकड़ा गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले यादव ने 85.16 मीटर के अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर करते हुए पहले प्रयास में 86.27 मीटर की थ्रो के साथ चौथा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता से पूर्व स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे वेबर 86.11 मीटर के प्रयास से पांचवें स्थान पर रहे जबकि गत चैंपियन नीरज ने आठवां स्थान हासिल किया। पाकिस्तान के नदीम 82.75 मीटर के साथ दसवें स्थान पर रहे। यादव अमेरिका के कांस्य विजेता कर्टिस थॉम्पसन (86.67 मीटर) से 0.40 मीटर पीछे थे। लंदन ओलंपिक 2012 के चैंपियन त्रिनिदाद एवं टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 88.16 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 87.38 मीटर के साथ रजत पदक जीता। यादव ने अपने शुरुआती वर्षों में एक योग्य कोच के बिना अभ्यास किया। उन्हें भाला फेंक से उनके पड़ोसी संदीप यादव ने परिचित कराया जिन्होंने इस लंबे कद के युवा को मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेलते देखा था। अपने गांव में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच के दौरान संदीप ने यादव को अच्छी गति से गेंदबाजी करते देखा।
यादव ने पहले कहा था, ‘‘यह पांच या दस ओवरों का एक मजेदार मैच था जो आमतौर पर गांव के मैदानों पर युवा खेलते हैं। संदीप भाई ने मुझे देखा और कहा कि मेरे कंधे की गति अच्छी है और मैं तेज गेंद फेंक रहा हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे भाला फेंकने की सलाह दी। बाद में उन्होंने मुझे नयी दिल्ली में (जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के राष्ट्रीय भाला फेंक अकादमी में) जाने-माने भाला फेंक कोच नवल सिंह से प्रशिक्षण लेने की सलाह दी। इस तरह मैंने शुरुआत की।" यह तब की बात है जब यादव लगभग 19 साल के थे।
शुरुआत में यादव के पास कोई उचित कोच नहीं था और कम सफल भाला फेंक खिलाड़ी संदीप ही उनका मार्गदर्शन कर रहे थे। जिला और राज्य स्तर पर कुछ प्रतियोगिताओं के बाद यादव ने पहली बार 2000 में अंतर-विश्वविद्यालय प्रतियोगिता के दौरान एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया और फाइनल में 66.09 मीटर के थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे। वह 2021 तक 70 मीटर की दूरी नहीं छू पाए लेकिन उसी साल उन्हें कोहनी में चोट लग गई जिसके लिए सर्जरी करानी पड़ी। उनके पिता को उनके इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ा। चोट से उबरने के बाद यादव का प्रदर्शन बेहतर हुआ। मई 2023 में रांची में हुए फेडरेशन कप के दौरान उन्होंने प्रतिष्ठित 80 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया। वह 80.27 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे लेकिन उससे भी बढ़कर, 80 मीटर क्लब में शामिल होने से अधिकारियों और कोचों का ध्यान उनकी ओर गया। संदीप ने ही जाने-माने कोच नवल सिंह को यादव को अपने मार्गदर्शन में लेने के लिए राजी किया था। संदीप ने नवल के अधीन प्रशिक्षण लिया था जिन्होंने ओलंपियन शिवपाल सिंह और पैरालंपिक स्वर्ण विजेता सुमित अंतिल और नवदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दी है। -
तोक्यो. गत चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने बुधवार को पहले ही थ्रो में स्वत: क्वालीफिकेशन का 84 . 50 मीटर का आंकड़ा पार करके विश्व चैम्पियनशिप पुरूष भालाफेंक स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश कर लिया । दो बार के ओलंपिक पदक विजेता 27 वर्ष के नीरज ने क्वालीफिकेशन दौर में ग्रुप ए में पहला ही थ्रो 84 . 85 मीटर का फेंका । चोपड़ा सबसे पहले थ्रो फेंकने के लिये उतरे थे और फाइनल में जगह बनाने के साथ ही रवाना भी हो गए । स्वत: क्वालीफिकेशन का 84 . 50 मीटर का आंकड़ा छूने वाले या सर्वश्रेष्ठ 12 खिलाड़ी बृहस्पतिवार को होने वाले फाइनल में जगह बनायेंगे । जर्मनी के जूलियर वेबर ने भी 87 . 21 मीटर के थ्रो के साथ क्वालीफाई कर लिया । ग्रुप ए में शामिल 19 खिलाड़ियों में केशोर्न वालकॉट, याकूब वालेश और भारत के सचिन यादव भी हैं । ग्रुप बी में पाकिस्तान के ओलंपिक चैम्पियन अरशद नदीम, एंडरसन पीटर्स, जूलियस येगो, रोहित यादव ,यशवीर सिंह भी हैं । बुडापेस्ट में पिछली विश्व चैम्पियनशिप में नीरज ने 88 . 17 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण जीता था जबकि नदीम दूसरे और वालेश तीसरे स्थान पर रहे थे ।
-
दुबई. स्पिनर वरूण चक्रवर्ती पहली बार आईसीसी टी20 अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गए हैं और यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे भारतीय बने । आईसीसी ने एक बयान में कहा ,‘‘ भारतीय स्पिनर वरूण चक्रवर्ती को 2025 में लगातार अच्छे प्रदर्शन का ईनाम मिला है और वह आईसीसी पुरूष टी20 खिलाड़ियों की रैंकिंग में नंबर एक पर काबिज हो गए हैं ।'' चक्रवर्ती से पहले जसप्रीत बुमराह और रवि बिश्नोई आईसीसी टी20 गेंदबाजी रैंकिंग में शिखर पर पहुंच चुके हैं । चक्रवर्ती ने न्यूजीलैंड के जैकब डफी को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया ।
-
मुल्लांपुर. उपकप्तान स्मृति मंधाना ने किसी भारतीय महिला बल्लेबाज का दूसरा सबसे तेज वनडे शतक जड़ा जिससे मेजबान टीम ने बुधवार को यहां दूसरे दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 102 रन से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर कर दी। पहले बल्लेबाजी के लिये भेजे जाने पर भारत के लिये बायें हाथ की बल्लेबाज मंधाना ने 91 गेंद में 117 रन बनाये जिसमे 14 चौके और चार छक्के शामिल थे । उन्होंने अपना शतक सिर्फ 77 गेंद में पूरा किया । जिससे मेजबान टीम ने 292 रन से अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया । इसके बाद कई कैच छूटने के बावजूद मेजबान टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 40.5 ओवर में 190 रन पर आउट करके बड़ी जीत दर्ज की। भारत को पहले मैच में आठ विकेट से पराजय झेलनी पड़ी थी । तीसरा और आखिरी मैच 20 सितंबर को नयी दिल्ली में खेला जायेगा । ऑस्ट्रेलिया की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए लय में नहीं दिखी। भारत की धारदार गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण ने उन्हें पहले 10 ओवर दो विकेट पर 25 ही बनाने दिए। भारत ने शानदार गेंदबाजी की जिसमें क्रांति गौड़ ने 9.5 ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट चटकाए। दीप्ति शर्मा ने 30वें ओवर के बाद दो विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत का रास्ता बंद कर दिया। रेणुका ठाकुर (28 रन देकर एक विकेट) ने दूसरे ओवर में जॉर्जिया वोल (शून्य) को आउट कर मैच की लय तय की और गौड़ ने खतरनाक एलिसा हीली (09) को पांचवें ओवर में अरुंधति रेड्डी के हाथों कैच आउट करा दिया। एलिस पैरी (44) ने बेथ मूनी (18) के साथ तीसरे विकेट के लिए 50 रन और एनाबेल सदरलैंड (45) के साथ चौथे विकेट के लिए 46 रन जोड़कर महत्वपूर्ण साझेदारी बनाने की कोशिश की। लेकिन बढ़ती रन गति ने ऑस्ट्रेलिया को दबाव में रखा। हरलीन देओल ने मूनी (18) को 15वें ओवर में स्नेह राणा की गेंद पर जीवनदान दिया लेकिन इसी गेंदबाज ने 17वें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को रेड्डी के हाथों कैच करा दिया। राधा ने 21वें ओवर में सदरलैंड का कैच टपकाया, लेकिन 25वें ओवर में इस बाएं हाथ की स्पिनर ने अपनी ही गेंद पर पैरी का कैच लपककर बड़ा विकेट हासिल किया। भारत के लिए एक और अहम पल 30वें ओवर में आया जब कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कवर पर एक बेहतरीन कैच लपककर सदरलैंड को 45 रन पर आउट कर दिया जिससे ऑस्ट्रेलिया पांच विकेट पर 134 रन के स्कोर पर मुश्किल में पड़ गया। गौड ने 33वें ओवर में एश्ले गार्डनर (17) का कैच टपका दिया लेकिन अगले ओवर में राधा ने दीप्ति की गेंद पर डीप मिडविकेट पर उनका कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। गार्डनर के आउट होने के बाद 36वें ओवर में तहलिया मैकग्रा (16) भी आउट हो गईं जिनका रेड्डी ने दीप्ति की गेंद पर शानदार कैच लपका। इस तरह ऑस्ट्रेलिया की चुनौती कमजोर पड़ गई। इतिहास में यह पहली बार है कि विश्व में दबदबा रखने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम कोई वनडे मैच 100 या उससे अधिक रनों से हारी है। इससे पहले मंधाना ने 77 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। भारत की किसी महिला बल्लेबाज के सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी उनके ही नाम है । उन्होंने राजकोट में इस साल जनवरी में आयरलैंड के खिलाफ 70 गेंद में शतक पूरा किया था । मंधाना और प्रतिका रावल (25) ने भारत को दमदार शुरूआत देते हुए पहले विकेट के लिये 11 . 3 ओवर में 70 रन जोड़े । रावल अच्छी लय में दिख रही थीं लेकिन एशले गार्डनर की गेंद पर कवर में जॉर्जिया वेयरहेम को कैच दे बैठी । गार्डनर ने 39 रन देकर दो विकेट लिये । हरलीन देयोल (10) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (17) ने अच्छी शुरूआत की लेकिन बड़ा स्कोर नहीं बना सकीं ।
दूसरी ओर मंधाना ने एक छोर संभाले रखा । उन्होंने वेयरहेम को स्लॉग स्वीप खेलकर डीप मिडविकेट में छक्का लगाया और 45 गेंद में अर्धशतक पूरा किया । अगली गेंद पर उन्होंने चौका जड़ा । उन्होंने वेयरहेम को अगले ओवर में दो और चौके और एक छक्का लगाया । वहीं ताहलिया मैकग्रा को मिड आफ पर चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया । मंधाना 33वें ओवर में आउट हुई जब मैकग्रा की गेंद पर मिडविकेट सीमा पर गार्डनर को कैच थमाया । उनके आउट होने के बाद रनगति धीमी हुई लेकिन दीप्ति शर्मा (53 गेंद में 40) और रिचा घोष (33 गेंद में 29) ने अच्छी पारियां खेली । भारतीय टीम एक समय 300 रन के पार जाती दिख रही थी लेकिन मंधाना के आउट होने के बाद इससे चूक गई । आस्ट्रेलिया के लिये डार्सी ब्राउन ने 42 रन देकर तीन विकेट लिये ।
-
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर देश की प्रमुख खेल हस्तियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके खेलों के प्रति प्रोत्साहन और व्यक्तिगत सहयोग को याद किया। खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर संदेश साझा करते हुए पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता और स्नेह का जिक्र किया।
बैडमिंटन स्टार पी.वी. सिंधु ने एक भावुक पोस्ट लिखते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कई बार मुलाकात की है और उन यादों को हमेशा संजोकर रखेंगी। उन्होंने लिखा, “जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने, तब मेरे करियर में जीतों का सिलसिला शुरू हुआ। ऐसा लगता है मानो मेरी यात्रा और उनका नेतृत्व साथ-साथ चल रहे थे।” सिंधु ने अपने ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप की जीतों और पद्म भूषण सम्मान के अवसर पर हुई मुलाकातों को भी याद किया।वहीं टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा, “प्रधानमंत्री से हर मुलाकात प्रेरणादायक रही है। उन्होंने खिलाड़ियों की व्यक्तिगत यात्राओं में गहरी रुचि ली और हर स्तर पर सहयोग दिया है। उनके इस खास दिन पर मैं उन्हें शुभकामनाएं देती हूं।”शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने प्रधानमंत्री की विनम्रता और नवाचार की सराहना करते हुए एक व्यक्तिगत किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने गुजराती थाली पसंद करने की बात कही, तो मोदी जी ने तुरंत उन्हें स्टेट गेस्ट हाउस में ले जाकर थाली खिलाई और कहा, “मैं चाहता हूं कि आपको सबसे बेहतरीन थाली मिले।” आनंद ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया।क्रिकेट जगत से भी कई दिग्गजों ने बधाइयां दीं। सचिन तेंदुलकर ने एक्स पर लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। आने वाला साल स्वास्थ्य, खुशी और ऊर्जा से भरा हो।” टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।” पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने लिखा, “आपको अच्छे स्वास्थ्य और सफलता के साथ आगे भी देश का नेतृत्व करते देखने की कामना करता हूं।” सुरेश रैना ने कहा, “आपके मार्गदर्शन में भारत ने विकास, वैश्विक पहचान और राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।”रेसलर बबीता फोगाट ने प्रधानमंत्री को “दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और विकसित भारत के ध्वजवाहक” बताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा पिता समान स्नेह और मार्गदर्शन दिया है। उन्होंने प्रार्थना की कि प्रधानमंत्री लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के साथ देश की सेवा करते रहें। -
नई दिल्ली। बीसीसीआई ने आज मंगलवार को टीम इंडिया के नए प्रमुख प्रायोजक के रूप में अपोलो टायर्स का ऐलान किया। यह करार मार्च 2028 तक चलेगा। इस दौरान भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीमों की जर्सी पर सभी प्रारूपों में अपोलो टायर्स का लोगो दिखाई देगा। यह समझौता ड्रीम11 की जगह लेगा, जो अब तक टीम इंडिया का प्रमुख प्रायोजक था।
बीसीसीआई ने इसे अपोलो टायर्स का भारतीय क्रिकेट में पहला कदम बताया और कहा कि क्रिकेट देश का सबसे लोकप्रिय खेल है, ऐसे में यह साझेदारी रणनीतिक और ऐतिहासिक है। संस्था ने यह भी बताया कि कड़ी बोली प्रक्रिया के बाद मिली यह साझेदारी प्रायोजन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है, जो भारतीय क्रिकेट की बढ़ती व्यावसायिक अपील को साबित करती है।बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि अपोलो टायर्स का आगमन भारतीय टीमों की मेहनत और लगातार अच्छे प्रदर्शन का प्रमाण है। उन्होंने इस साझेदारी को सिर्फ एक व्यावसायिक समझौता नहीं, बल्कि दो भरोसेमंद और सम्मानित संस्थानों की साझेदारी बताया। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर भारतीय क्रिकेट की अटूट भावना और अपोलो टायर्स की अग्रणी विरासत को जोड़ता है। उन्होंने बताया कि प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया से यह साबित हुआ है कि टीम इंडिया और बीसीसीआई के ब्रांड पर बाजार का गहरा विश्वास है।अपोलो टायर्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नीरज कंवर ने कहा कि टीम इंडिया का प्रमुख प्रायोजक बनना कंपनी के लिए राष्ट्रीय गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी उपभोक्ताओं के विश्वास को और मजबूत करेगी, अपोलो की नेतृत्वकारी भूमिका को प्रदर्शित करेगी और भारतीय खेलों को सर्वोच्च स्तर पर समर्थन देगी। -
-लगातार 3 मैच जीतकर भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची
-भारत ने एशिया कप 2025 में लगातार 3 मैच जीतकर बनाया इतिहास-एशिया कप में महासमुंद की दिव्या भारतीय बास्केटबॉल टीम में शामिलमहासमुंद / अंडर 16 वूमेंस एशिया कप 2025 का आयोजन मलेशिया में 13 से 19 सितम्बर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारतीय अंडर 16 महिला बास्केटबॉल टीम में छत्तीसगढ़ से महासमुंद जिले की दिव्या रंगारी पिता विनोद रंगारी शामिल है। इसके अलावा भारतीय टीम में तमिलनाडु, कर्नाटका, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना के खिलाड़ी शामिल हैं। एशिया कप में इंडिया टीम ने शानदार खेल खेलते हुए पहले मैच में ईरान को 70 - 67 अंकों से हराया, दूसरे मैच में इंडिया ने उज्बेकिस्तान को 81- 69 अंकों से हराया, तीसरे मैच में इंडिया ने समोआ को 71 - 54 के बड़े अंतर से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। एशिया कप में लगातार 3 मैच जीतकर भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है तथा सेमीफाइनल में पहुंच गई है। भारतीय टीम 18 सितंबर को सेमीफाइनल मैच खेलेगी। प्रदेश व जिले में खुशी की लहर है। सेमीफाइनल में प्रवेश करने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश बास्केटबॉल संघ के श्री राजीव जैन अध्यक्ष, चेयरमैन श्री विजय अग्रवाल, श्री नरेश डाकलिया, श्री राजीव चैबे, श्री राजेश गौर, भारतीय टीम के मुख्य प्रशिक्षक अनिथा पॉलदुरई, सहायक प्रशिक्षक श्री रोहित एवं श्री उमा कांत, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चैधरी, विधायक महासमुंद श्री योगेश्वर राजू सिंहा, कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह, सीईओ श्री हेमंत नंदनवार, अपर कलेक्टर सचिन भूतड़ा, रवि साहू, जिला बास्केटबॉल संघ महासमुंद के अध्यक्ष नुरेन चंद्राकर, गौरव चंद्राकर, सचिव शुभम तिवारी, मनीष श्रीवास्तव, खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण मनोज धृतलहरे, संतोष कुमार सोनी, किरण महाडीक, हुलसी चंद्राकर, तारिणी चंद्राकर, अभिषेक अंबिलकर, कुलेश्वर चंद्राकर, पिता विनोद रंगारी, माता सपना रंगारी, सुभाष मंडल, श्रेया घोष, राइमा दास एवं खिलाड़ियों ने शुभकामनाएं दी। - दुबई. भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रविवार को यहां एशिया कप के एकतरफा मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को सात विकेट से हराने के बाद कहा कि यह जीत उनके जन्मदिन पर देशवासियों के लिए ‘रिटर्न गिफ्ट' है। भारतीय स्पिनरों में कुलदीप यादव ने तीन, अक्षर पटेल और वरूण चक्रवर्ती ने दो दो विकेट झटके। पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज इस तिकड़ी के सामने टिक नहीं सका और टीम नौ विकेट पर 127 रन ही बना सकी । जवाब में भारत ने 15 . 5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया । सूर्यकुमार ने छक्का लगाकर जीत दिलाई और सीधे डगआउट में चले गए । अभिषेक शर्मा ने 12 गेंद में 31 रन बनाये और पाकिस्तान के सबसे बड़े गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी की जमकर धुनाई की। अपना 35वां जन्मदिन मना रहे सूर्यकुमार ने 37 गेंद में नाबाद 47 रन बनाये । सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘ यह जीत सुखद अहसास है और यह जीत मेरी तरफ से भारत को बेहतरीन ‘रिटर्न गिफ्ट' है। मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि अंत तक क्रीज पर बना रहूं और आज मैच समाप्त कर खुश हूं। '' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ खेलना भी किसी अन्य प्रतिद्वंद्वी की तरह ही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हर विपक्षी टीम के लिए एक ही तरह की रणनीति के साथ आते हैं। कुछ महीने पहले टीम ने भारत ने कई स्पिनरों के साथ चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और वहीं से इसकी शुरूआत हुई। मैं स्पिनरों का मुरीद हूं। '' अंत में सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘हम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं। हम अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं और हम आज की जीत को सशस्त्र बलों को समर्पित करना चाहते हैं। '' कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को लगातार दूसरे मैच में ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ अलग नहीं किया। बस रणनीति पर अमल करने पर मेरा ध्यान था। मैं बस बल्लेबाज के हिसाब से गेंदबाजी कर रहा था। मुझे अब भी अपनी गेंदबाजी पर काम करना होगा। मैं मैच दर मैच बेहतर होने का प्रयास करता रहूंगा।
-
लिवरपूल. भारतीय मुक्केबाजों जैसमीन लंबोरिया (57 किग्रा) और मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा) ने अपना नाम इतिहास में दर्ज कराते हुए यहां विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कड़े मुकाबलों में अपने-अपने वर्ग में खिताब जीते जबकि भारत ने विदेशी सरजमीं पर महिला वर्ग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार पदक अपने नाम किए। जैसमीन ने पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता पोलैंड की जूलिया जेरेमेटा को हराकर फीदरवेट वर्ग में चैम्पियन बन गई। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली जैसमीन ने 57 किग्रा के फाइनल में शनिवार को देर रात 4 . 1 (30-27, 29-28, 30-27, 28-29, 29-28) से जीत दर्ज की । जैसमीन ने कहा, ‘‘मैं जो महसूस कर रही हूं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मैं पिछली दो विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में हार गई थी लेकिन विश्व कप जीत से मेरा हौसला बढ़ा और मैंने तय किया कि मुझे एकतरफा मैच जीतने हैं। मैंने बस अपनी रणनीति और खेल पर ध्यान केंद्रित किया।'' पदार्पण कर रही मीनाक्षी ने रविवार को जैसमीन की उपलब्धि को दोहराते हुए पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान की नाजिम काइजेबे को 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में 4-1 से हराकर जुलाई में विश्व कप में मिली हार का बदला चुकता किया। नुपूर शेरोन (80 प्लस किलो) और पूजा रानी (80 किलो) को गैर ओलंपिक भारवर्ग में क्रमश: रजत और कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा । भारत ने प्रतियोगिता में चार पदक जीते जो विदेशी सरजमीं पर उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इस जीत के साथ जैसमीन और मीनाक्षी विश्व चैम्पियन बनने वाली भारतीय मुक्केबाजों की सूची में शामिल हो गई हैं। इससे पहले छह बार की चैम्पियन एम सी मेरीकोम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), दो बार की विजेता निकहत जरीन (2022 और 2023), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006), नीतू गंघास (2023), लवलीना बोरगोहेन (2023) और स्वीटी बूरा (2023) यह खिताब जीत चुकी हैं। तीसरी बार विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रही 24 वर्षीय जैसमीन ने मुकाबले में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। शुरू में दोनों मुक्केबाज़ एक-दूसरे को परख रही थीं लेकिन रेफरी के उकसावे पर जेरेमेटा ने पहला वार किया। ओलंपिक फ़ाइनल में लिन यू-टिंग से हारने वाली पोलैंड की यह मुक्केबाज़ तेज़ और सटीक थी और रक्षात्मक रणनीति का इस्तेमाल करते हुए तेज़ी से अंदर-बाहर हो रही थी। उन्होंने पहला राउंड 3-2 से जीत लिया। लेकिन दूसरे राउंड में भारतीय खिलाड़ी ने जोरदार वापसी की। जैसमीन ने मुकाबले पर नियंत्रण बनाया तथा आक्रमण और रक्षण के बीच शानदार समन्वय स्थापित किया जिससे सभी जज उनके पक्ष में हो गए। जब अंतिम फैसला सुनाया गया, तो आमतौर पर शांत रहने वाली जैसमीन ने हल्की सी चीख़ मारी और फिर हाथ उठाकर अपनी निराश प्रतिद्वंद्वी को शालीनता से गले लगा लिया। पदक समारोह में, जब पूरे स्टेडियम में भारतीय राष्ट्रगान गूंज रहा था, तो उनकी आंखें चमक उठीं। उनका यह पदक भारत को ओलंपिक भार वर्ग में मिला एकमात्र पदक है।
फाइनल में मीनाक्षी ने अपनी शारीरिक क्षमता का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने अपनी लंबी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए काइजेबे पर तीखे प्रहार किए और विश्व चैंपियनशिप में कई पदक जीतने वाली इस मुक्केबाज को लगातार दबाव में रखा। चौबीस साल की मीनाक्षी बैकफुट पर सहज दिखीं और उन्होंने सीधे मुक्के जड़े जबकि कजाखस्तान की 31 वर्षीय अनुभवी मुक्केबाज पूरी आक्रामकता के साथ आगे बढ़ रही थीं। पहला राउंड गंवाने के बाद काइजेबे ने दूसरे राउंड में आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने भारतीय मुक्केबाज के शरीर पर वार किए और 3-2 से राउंड जीत लिया। मीनाक्षी ने तुरंत पलटवार किया। मौके की जरूरत को देखते हुए उन्होंने तीसरे राउंड में अधिक आक्रामकता दिखाई और पूरे दबदबे के साथ विरोधी मुक्केबाज पर मुक्के बरसाए और जीत दर्ज की। एक अन्य फाइनल में नुपूर को पोलैंड की तकनीकी रूप से कुशल अगाता काज्मार्स्का से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें रजत पदक मिला। नुपूर अपने लंबे कद के बावजूद मुकाबले में खुद को हावी नहीं कर पाईं। उन्होंने शानदार शुरुआत की और मुक्कों की झड़ी लगा दी, लेकिन काज़्मार्स्का ने लगातार आक्रामकता से जवाब दिया और ऐसे वार किए कि भारतीय खिलाड़ी निढाल हो गई। जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, नुपूर मुक्के मारने में हिचकिचाने लगीं, जबकि पोलैंड की खिलाड़ी लगातार आक्रमण करती रही। निर्णायक क्षण अंतिम राउंड में आया जब अगाता ने एक ज़बरदस्त अपरकट लगाया जो मुकाबला 3-2 से उनके पक्ष में करने और उनके पहले विश्व ख़िताब को सुनिश्चित करने के लिए काफ़ी था। इससे पहले सेमीफाइनल में पूजा को स्थानीय खिलाड़ी एमिली एस्क्विथ के हाथों 1-4 के विभाजित फैसले से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। पूजा ने राउंड के बाद अपने नपे-तुले खेल से बढ़त बना ली। लेकिन एस्क्विथ ने तेज़ी से अपने खेल की रणनीति में बदलाव करते हुए 34 वर्षीय पूजा की लय को बेअसर कर दिया। -
दुबई। कुलदीप यादव के हुनर और अक्षर पटेल के अनुशासित प्रदर्शन का पाकिस्तान के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था और भारत ने एशिया कप के एकतरफा मुकाबले में रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी को अपेक्षा के अनुरूप सात विकेट से हरा दिया । पहलगाम आतंकी हमले के कारण इस मैच के बहिष्कार की मांग के बावजूद मैदान खचाखच भरा था और 85 प्रतिशत भारतीय प्रशंसक थे जिन्होंने सूर्यकुमार यादव की टीम को पहली गेंद से आखिर पर पाकिस्तान को दबाव में रखते देखा । वहीं टॉस के समय और मैच खत्म होने के बाद भी पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया । स्पिनर अक्षर ने चार ओवर में 18 रन देकर दो, कुलदीप ने चार ओवर में 18 रन देकर तीन और वरूण ने चार ओवर में 24 रन देकर एक विकेट लिया । पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज इस तिकड़ी के सामने टिक नहीं सका और टीम नौ विकेट पर 127 रन ही बना सकी । जवाब में भारत ने 15 . 5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया । सूर्यकुमार ने छक्का लगाकर जीत दिलाई और सीधे डगआउट में चले गए । अभिषेक शर्मा ने 12 गेंद में 31 रन बनाये और पाकिस्तान के सबसे बड़े गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी की जमकर धुनाई की । अफरीदी ने दो ओवर में 23 रन दे डाले और उन्हें विकेट भी नहीं मिली । अपना 35वां जन्मदिन मना रहे सूर्यकुमार ने 37 गेंद में नाबाद 47 रन बनाये । अभिषेक ने आक्रामक शुरूआत करके पाकिस्तान की वापसी की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया । शुभमन गिल जल्दी आउट हो गए और अभिषेक भी चौथे ओवर में लौट गए लेकिन सूर्यकुमार और तिलक वर्मा (31 गेंद में 31 रन) ने तीसरे विकेट के लिये 56 रन जोड़े । भारत ने गेंदबाजी के दौरान ही एक बार फिर दिखा दिया कि दोनों टीमों के प्रदर्शन में जमीन आसमान का अंतर है। अक्षर, कुलदीप और वरूण ने मिलकर 40 डॉट गेंदें डाली और जसप्रीत बुमराह ने भी 15 डॉट गेंद फेंकी । इसी से पाकिस्तानी बल्लेबाजों पर बने दबाव का पता चल जाता है । शाहीन शाह अफरीदी ने अगर आखिर में 16 गेंद में नाबाद 33 रन नहीं बनाये होते तो पाकिस्तान 125 रन के पार भी नहीं पहुंचता । सूर्यकुमार यादव टॉस हार गए और पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से हाथ भी नहीं मिलाया । भारत ने पहली वैध गेंद से ही दबाव बना दिया और सईम अयूब खाता खोले बिना हार्दिक पंड्या की गेंद पर प्वाइंट में बुमराह को कैच दे बैठे । बुमराह ने चार ओवर में 28 रन देकर दो विकेट लिये । उन्होंने पिछले मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले मोहम्मद हारिस (तीन) को पवेलियन भेजा । वह पूल शॉट खेलने के प्रयास में फाइन लेग में खड़े पंड्या को कैच देकर लौटे ।
साहिबजादा फरहान ने 44 गेंद में 40 रन बनाये और बुमराह को दो छक्के भी जड़े लेकिन भारत के किसी स्पिनर का सामना नहीं कर पाये । पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेले और उनमें तकनीक का भी अभाव नजर आया । फखर जमां (15 गेंद में 17 रन) ने अक्षर के सामने जोखिम उठाने का साहस किया हालांकि स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ उनका कैरियर रिकॉर्ड बेहतर रहा है । अक्षर के आते ही फखर ने उन्हें खराब शॉट खेला और लांग आन पर तिलक वर्मा को कैच दे दिया ।
पाकिस्तानी कप्तान सलमान तीन रन बनाकर पवेलियन लौट गए जो गेंद की लैंग्थ और अतिरिक्त उछाल को भांप ही नहीं पाये । बायें हाथ के बल्लेबाज मोहम्मद नवाज को कुलदीप की गुगली ने परेशान किया । फरहान को भी कुलदीप ने रवाना किया । इसके साथ ही बहुदेशीय टूर्नामेंटों में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का लचर प्रदर्शन जारी रहा ।















.jpeg)











.jpg)